हनुमानगढ़


हनुमानगढ़। भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर सर्व ब्राह्मण महासभा हनुमानगढ़ के तत्वावधान में जंक्शन दुर्गा मन्दिर धर्मशाला में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि समाज के प्रतिभावान आईएएस राहुल शर्मा संगरिया व हेमन्त पारीक बिराण भादरा थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद शर्मा ने की। कार्यक्रम में समाज की विभिन्न क्षेत्रों की कुल 125 प्रतिभाओं का सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान परशुराम की फोटो के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कियागया। तत्पश्चात अतिथिगण का माल्यार्पण , पगड़ी और पटका पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सर्व ब्राह्मण महासभा हनुमानगढ़ के जिलाध्यक्ष दुर्गा प्रसाद शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम अपनी शक्ति, वीरता, साहस, वीरता और भक्ति के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने उनके जीवन से प्रेरणा लेने के महत्व पर जोर दिया और युवाओं से पर्यावरण संरक्षण और आसपास के वातावरण को हरा-भरा रखने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि युवा भारत का भविष्य हैं और देश का विकास उनके कंधों पर निर्भर है। उन्होंने हमारी संस्कृति को बढ़ावा देने में अमूल्य योगदान के लिए ट्रस्ट की सराहना की। वक्ताओं ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं और शास्त्रों में वर्णित आठ अमर पात्रों में से एक हैं। हथियार और ज्ञान दोनों में भगवान परशुराम की दक्षता पर जोर देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन समाज को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। उन्होंने माता-पिता से अपने बच्चों में अच्छे संस्कार डालने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे नशे की लत से दूर रहें। वक्ताओं नै अपने विचारों से युवाओं को प्रेरित किया नवचयनित आई ए एस श्री हेमन्त पारीक बिराण व राहुल शर्मा संगरिया सहित सैकणडरी, सीनियर सेकेंडरी, स्नातक, स्नातकोत्तर परीक्षाओं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विधार्थियों व अन्य प्रतिभाओं को साफा पहनाकर ,माला व पटका पहनाकर एवम् स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सर्व श्री हरदेव जोशी, डॉ संतोष राजपुरोहित, डॉ एम पी शर्मा पूर्व पार्षद महेश शर्मा, डाक्टर मनोज शर्मा, कुंजबिहारी महर्षि, आशीष पारीक , रामानंद बोहरा, समाज केवरिष्ठ श्री नत्थू राम तिवाड़ी नगराना, गायत्री शर्मा, पूर्व डी टी ओ श्री शंकरलाल शर्मा, महेन्द्र रघुवीर शर्मा, कविता तिवारी, अशोक व्यास,सूर्य प्रकाश जोशी, विनोद गांधी भादरा पं दीपक शर्मा भादरा, सचिन कौशिक, चन्द्र शेखरदाधीच, चन्द्र भान तिवारी, भरतलाल शर्मा सरपंच बिराण, श्री नरेश शर्मा संगरिया, नरेश शर्मा ग्राम विकास अधिकारी, ओमप्रकाश पारीक बिराण, प्रमोद शर्मा, गिरीराज शर्मा नीपेन शर्मा,, भारत भूषण कौशिक, हरीमोहन महर्षि, भारत शर्मा सरस डेयरी, मूलचंद शर्मा, दीपिका पारीक, देवकीनंदन चोटियां,लीलाधर पारीक,संजयपारीक, एडवोकेट मनोज शर्मा हिमांशु महर्षि, गोपाल शर्मा शेरु, बजरंग गौड़,हरीश शर्मा, दिनेश भारद्वाज, इन्दु तिवारी, प्रवीण तिवारी पवन ओझा, महेन्द्र कुमार शर्मा गंगा प्रशिक्षण संस्थान भीमसेन पारीक ,पंकज पारीक, वरिष्ठ रामप्रताप जोशी, शिवनारायण जोशी, रामकुमार शर्मा दाधीच, एडवोकेट राम अवतार शर्मा, सुबोध कुमार शर्मा, नरेश कुमार शर्मा डी एस ओ कार्यालय, किशनलाल इंदौरिया रामगढ़, पालाराम बडबिराना आदि को सम्मानित किया गया । मंच संचालन महेश शर्मा ने किया।
अरोड़वंश सभा आधुनिक हाल की नींव शुक्रवार को विधिवत पूजा अर्चना के साथ रखी गई
परशुराम जन्मोत्सव पर विशेष पूजा का आयोजन
आबू पर्वत/जयपुर/बांसवाड़ा में 64वां केन्द्रीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर होंगे
प्रमुख शासन सचिव ने मंडियों का किया निरीक्षण, व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के दिए निर्देश

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बॉलीवुड के बीते जमाने के स्टार जीतेंद्र आज 82 साल के हो गए। तकरीबन चार दशक लंबे करियर में जीतेंद्र ने 'तोहफा', 'हिम्मतवाला', 'कारवां', 'परिचय', 'मवाली' समेत कई हिट फिल्मों में काम किया है। अपने अनोखे डांसिंग स्टाइल की वजह से लोग उन्हें जंपिंग जैक बुलाते थे। जीतेंद्र ने करीब 121 हिट फिल्में दीं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कभी बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड नहीं मिला। कभी 8 साल में 60 फिल्मों में काम करने वाले जीतेंद्र तकरीबन 23 साल पहले एक्टिंग छोड़ चुके हैं। 2001 में उन्हें फिल्म ‘कुछ तो है’ में देखा गया था। इसके बाद वो कुछ टीवी सीरियलों और वेब सीरीज में चंद मिनट के लिए ही नजर आए हैं। एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने तो ये तक कहा था कि उन्हें याद ही नहीं है कि वे कभी एक्टर थे। वैसे, एक्टिंग के अलावा जीतेंद्र ने प्रोडक्शन हाउस से भी मोटी कमाई की, लेकिन फिल्में प्रोड्यूस करते हुए जीतेंद्र दो बार दिवालिया भी हो गए थे। जीतेंद्र ने तब भी हार नहीं मानी और आज उनकी संपत्ति 1512 करोड़ रुपए है। जन्मदिन के मौके पर जानते हैं जीतेंद्र की लाइफ के कुछ दिलचस्प किस्से… राजेश खन्ना थे जीतेंद्र के क्लासमेट जीतेंद्र का जन्म 7 अप्रैल 1942 को अमृतसर (पंजाब) में हुआ था। उनका असली नाम रवि कपूर है। जीतेंद्र के पिता अमरनाथ फिल्म इंडस्ट्री में नकली ज्वेलरी सप्लाई करने का काम करते थे, इसलिए पूरी फैमिली अमृतसर से मुंबई आकर बस गई थी। जीतेंद्र की शुरुआती पढ़ाई सेंट सेबेस्टियन गोअन हाई स्कूल, मुंबई में हुई थी। इसी स्कूल में उनके साथ राजेश खन्ना भी पढ़ते थे और दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। जीतेंद्र ने आगे की पढ़ाई मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज से पूरी की। ज्वेलरी सप्लाई करते-करते बने बॉडी डबल जीतेंद्र जब बड़े हुए तो अपने पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने लगे। इसी सिलसिले में एक दिन वे फिल्ममेकर वी शांताराम से मिले। फिर अक्सर ज्वेलरी सप्लाई के सिलसिले में जीतेंद्र का शांताराम की फिल्म कंपनी में आना-जाना लगा रहता था। इसी दौरान उनके मन में हीरो बनने की इच्छा जाग गई। उन्होंने वी शांताराम से किसी फिल्म की शूटिंग देखने की इच्छा जताई। शांताराम ने कहा-सिर्फ शूटिंग देखने से काम नहीं चलेगा। काम करोगे? जीतेंद्र ने तुरंत हामी भर दी। फिल्म 'नवरंग' की शूटिंग के दौरान जीतेंद्र को छोटे-मोटे काम मिल जाया करते थे। लेकिन एक दिन ऐसा आया जब जीतेंद्र की किस्मत चमक गई। ये किस्सा उन्होंने खुद 'द कपिल शर्मा शो' के दौरान सुनाया था। जब कपिल शर्मा ने उनसे पूछा था कि क्या आप स्ट्रगल के दिनों में हीरोइन के बॉडी डबल बने थे? इस पर जीतेंद्र ने कहा था, हां, मैं फिल्म 'सेहरा' की शूटिंग के दौरान जूनियर आर्टिस्ट था। मुझे शांताराम जी की चमचागिरी करनी पड़ती थी, मैं उस वक्त कुछ भी करने को तैयार था। तो एक दिन बीकानेर में शूटिंग के वक्त हीरोइन संध्या जी की कोई बॉडी डबल नहीं मिल रही थी। शांताराम जी ने मुझे संध्या जी का बॉडी डबल बना दिया और इस तरह मेरी फिल्मों में एंट्री हुई। पहली फिल्म की फीस थी 100 रु. शुरुआत में जीतेंद्र को काम तो मिला लेकिन छह महीने तक कोई फीस नहीं मिली। उनसे वी. शांताराम ने वादा किया था कि जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर उन्हें हर महीने 105 रु. दिए जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर जब वी.शांताराम ने जीतेंद्र को 1964 में फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' से ब्रेक दिया और तब अपनी पहली फिल्म की फीस के तौर पर जीतेंद्र को 100 रु. मिले। 'गीत गाया पत्थरों ने' से जीतेंद्र को ब्रेक तो मिला, लेकिन फिल्म फ्लॉप रही। ऐसे में जीतेंद्र को फिर छोटे-मोटे रोल करके गुजारा करना पड़ा। हालांकि, उनके मन में अब भी सोलो लीडिंग स्टार बनने की तमन्ना थी। 1967 में रिलीज हुई ‘फर्ज’ जीतेंद्र के करियर की पहली हिट फिल्म साबित हुई, लेकिन बतौर लीड स्टार फिल्म इंडस्ट्री में जमना उनके लिए आसान नहीं था। सोलो लीड हीरो बनाने से पहले डायरेक्टर ने रखी जीतेंद्र के सामने शर्त एक बार फिल्ममेकर सुबोध मुखर्जी ने जीतेंद्र से कहा कि वो उन्हें लेकर एक सोलो हीरो फिल्म बनाना चाहते हैं। जीतेंद्र खुश हो गए, लेकिन तभी सुबोध ने एक शर्त रखी। उन्होंने कहा- मैं फिल्म तभी बनाऊंगा, जब हेमा मालिनी इस फिल्म में काम करेंगी। दरअसल, उस दौर में हेमा मालिनी का स्टारडम किसी मेल सुपरस्टार से कम नहीं था। हेमा जिस फिल्म में होती थीं, उसके सफल होने की गारंटी 100% रहती थी। जीतेंद्र भी ये बात भांप गए कि अगर हेमा उनकी हीरोइन बन जाएं तो उनकी भी नैया पार लग जाएगी और वो भी बतौर हीरो स्थापित हो जाएंगे। मगर ये इतना आसान नहीं था। उस समय हेमा के करियर के फैसले उनकी मां जया चक्रवर्ती लेती थीं। जब जीतेंद्र ने उन्हें फिल्म के बारे में बताया तो उन्होंने मना कर दिया। जीतेंद्र उनके पीछे पड़ गए और कहा-आपकी बेटी अगर मेरे साथ फिल्म कर लेगी तो मेरा करियर बन जाएगा। आखिरकार जया मान गईं। जीतेंद्र ने ये बात सुबोध मुखर्जी को बताई और उन्होंने झट से हेमा को फिल्म में साइन कर लिया। हेमा को साइन करके डायरेक्टर ने जीतेंद्र को किया फिल्म से बाहर आगे मामले में ट्विस्ट तब आया जब सुबोध मुखर्जी ने फिल्म में जीतेंद्र के बजाए शशि कपूर को हीरो के तौर पर साइन कर लिया। ये बात जानकर जीतेंद्र के पैरों तले जमीन खिसक गई, जब उन्होंने सुबोध से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'फिल्म के प्रोड्यूसर और फाइनेंसर ने कहा है कि जब हीरोइन हेमा मालिनी है तो हीरो भी बड़ा कास्ट करो, जीतेंद्र को लेने की क्या जरूरत। इसलिए मैंने शशि कपूर के साथ फिल्म अनाउंस कर दी।' जीतेंद्र ने जब सुबोध से कहा कि हेमा मेरी वजह से फिल्म में आई हैं तो उन्होंने दो टूक कह दिया कि हम यहां बिजनेस करने बैठे हैं। जीतेंद्र इस बात से मायूस हो गए लेकिन इसी दौरान एल.वी प्रसाद ने उन्हें फिल्म 'जीने की राह' का ऑफर दिया। ये फिल्म सुपरहिट हो गई और जीतेंद्र चमक गए जबकि हेमा और शशि कपूर स्टारर फिल्म 'अभिनेत्री' बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई। हेमा की मां जीतेंद्र से करवाना चाहती थीं बेटी की शादी जब जीतेंद्र बड़े स्टार बन गए तो हेमा की मां जया चक्रवर्ती को वे अपनी बेटी के लिए परफेक्ट लगे। जया, हेमा की उनसे शादी करवाना चाहती थीं। दरअसल, तब हेमा का अफेयर धर्मेंद्र से चल रहा था और संजीव कुमार भी हेमा से शादी का प्रस्ताव उनके घरवालों के सामने रख चुके थे। हेमा की मां को न संजीव कुमार पसंद थे और न ही धर्मेंद्र। वे नहीं चाहती थीं कि हेमा की इन दोनों में से किसी स्टार से शादी हो जबकि जीतेंद्र उन्हें बेटी के लिए पसंद थे। जया चक्रवर्ती ने बेटी हेमा की शादी जीतेंद्र से फिक्स कर दी थी और चेन्नई में दोनों सात फेरे भी लेने वाले थे। तभी धर्मेंद्र शादी के मंडप में जीतेंद्र की गर्लफ्रेंड शोभा को लेकर पहुंच गए और हेमा से उनकी शादी तुड़वा दी थी। इसके कुछ साल बाद जीतेंद्र ने 1974 में गर्लफ्रेंड शोभा से लव मैरिज कर ली थी। श्रीदेवी के साथ हर फिल्म में काम करना चाहते थे जीतेंद्र 1983 में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ पहली बार काम किया था। दोनों की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। यही वजह है कि एक दौर ऐसा आया जब जीतेंद्र हर फिल्म में केवल श्रीदेवी के साथ ही काम करना चाहते थे। शक्ति कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'जीतेंद्र को 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी का काम इतना पसंद आया था कि उन्होंने डायरेक्टर राघवेंद्र से कहा कि वे अपनी सभी फिल्मों में उनके अपोजिट केवल श्रीदेवी को बतौर हीरोइन साइन करें।' यही वजह थी कि 'हिम्मतवाला' के बाद राघवेंद्र राव ने जब 'जानी दोस्त' (1983), 'जस्टिस चौधरी' (1983), 'तोहफा' (1984), 'सुहागन' (1986), 'धर्माधिकारी' (1986) और 'दिल लगाके देखो' (1988) फिल्में बनाईं तो उन्होंने इनमें श्रीदेवी को ही लिया। जीतेंद्र को रेखा ने दी थी श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह एक इंटरव्यू में जीतेंद्र ने फिल्म 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी के साथ काम करने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था, 'श्रीदेवी के साथ काम करने की सलाह मुझे रेखा ने दी थी। एक दिन मैं और रेखा, श्रीदेवी की कोई तेलुगु फिल्म देख रहे थे। रेखा ने मुझसे कहा, 'तुम्हें श्रीदेवी के साथ जरूर काम करना चाहिए। उस वक्त रेखा के पास 'हिम्मतवाला' के लिए डेट्स नहीं थी। वे फिल्म में काम करने से मना कर चुकी थीं। ऐसे में मैंने राघवेंद्र राव को श्रीदेवी को कास्ट करने का सुझाव दिया और वे मान गए। इस तरह 'हिम्मतवाला' में श्रीदेवी की एंट्री हुई। श्रीदेवी का डांस में कोई मुकाबला नहीं था। जब 'हिम्मतवाला' की शूटिंग के दौरान डांस मास्टर हमें स्टेप्स सिखाते थे तो श्रीदेवी केवल दो रिहर्सल में ही स्टेप्स सीख जाती थीं और मैं कई बार प्रैक्टिस करता था लेकिन वे भी मेरे साथ तब तक रिहर्सल करती थीं, जब तक मैं अपना डांस स्टेप परफेक्ट तरीके से न कर लूं।' 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया 1975 के आसपास जब जीतेंद्र को बतौर हीरो फिल्में मिलना बंद हो गईं तो उनकी फाइनेंशियल कंडीशन काफी खराब हो गई थी। इसके बाद जीतेंद्र दूसरी बार तब दिवालिया हुए जब उन्होंने फिल्म प्रोड्यूस करने के बारे में सोचा। 1982 में उन्होंने फिल्म 'दीदार-ए-यार' बनाई जो कि फ्लॉप साबित हुई। इससे जीतेंद्र को काफी नुकसान हुआ। खराब आर्थिक स्थिति से उबरने के लिए जीतेंद्र ने 8 साल में 60 फिल्मों में काम किया। जीतेंद्र के इतनी फिल्में करने पर लोग उन्हें इनसिक्योर एक्टर तक कहने लगे थे, लेकिन जीतेंद्र को इसमें कुछ गलत नहीं लगता। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, 'मैंने 8 साल में लगातार 60 फिल्में इसलिए कीं, क्योंकि ये सच है कि 1980 के दौर में मैं काफी इनसिक्योर था। मैं गोरेगांव की चॉल से उठा व्यक्ति हूं। मैंने वो समय देखा है, जब मेरे घर में पंखा लगा था तो पूरी चॉल के लोग उसे देखने के लिए आए थे। मैंने बुरा दौर करीब से देखा है, इसलिए मैं पागलों की तरह काम करता था।' मैं जॉबलैस हूं' जीतेंद्र 23 साल से फिल्मों से दूर हैं, लेकिन इसके बावजूद वे 1512 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने प्रोडक्शन हाउस बालाजी टेलीफिल्म्स, ऑल्ट बालाजी और बालाजी मोशन पिक्चर के जरिए उनकी सालाना कमाई 300 करोड़ रु. तक है। जीतेंद्र ने कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में कहा था, '20 से ज्यादा साल हो गए, मैं जॉबलैस एक्टर हूं। मैंने अपना एक रुपया नहीं कमाया है। शोभा (पत्नी) और एकता (बेटी) सब काम संभालती हैं। मेरा योगदान केवल इतना है कि मैंने उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट किया है जो कि उन्होंने कमाया है और वो सारे इन्वेस्टमेंट मेरे लिए फायदेमंद साबित हुए हैं।' शराब-सिगरेट को 22 साल से हाथ नहीं लगाया जीतेंद्र ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे पहले खूब सिगरेट और शराब पीते थे, लेकिन 22 साल पहले ये सब छोड़ चुके हैं। जीतेंद्र ने कहा था-जवानी के दिनों में मैंने अपनी हेल्थ के साथ जितने खिलवाड़ करने थे, सब कर चुका। लेकिन जब मैं 60 साल का हुआ तो मैंने ये सब छोड़ दिया। लोग मुझे इस उम्र में भी फिट होने पर कॉम्प्लीमेंट देते हैं तो मैं उन्हें भी ये सब छोड़ने की सलाह देता हूं। आज के दौर में मुझे सलमान खान और ऋतिक रोशन की फिटनेस बहुत अच्छी लगती है।
9 फिल्‍में और दांव पर 600 करोड़, अक्षय-अजय देवगन के लिए ईद पर सलमान का रिकॉर्ड तोड़ पाना लगभग नामुमकिन!
‘बिग बॉस देख रहे हैं’: गृह मंत्रालय के चप्पे-चप्पे पर अब तीसरी आंख से नजर
66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का ऐलान, अंधाधुन बेस्ट हिंदी फिल्म, आयुष्मान और विकी कौशल बेस्ट ऐक्टर
विवादित वीडियो मामला: मुश्किल में एजाज खान, कोर्ट ने 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा

राजस्थान


जयपुर: मुख्यमंत्री का फर्जी पीए बनकर राजस्थान राज्य कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन और सचिव को धमकाने वालों के खिलाफ जयपुर के सांगानेर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। बोर्ड के एडवाइजर विजिलेंस एंड सिक्योरिटी अधिकारी भीमसेन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। 19 और 20 अप्रैल को बोर्ड के अध्यक्ष मेजर आलोक राज और सचिव संजय माथुर के पास अलग अलग व्यक्तियों ने कॉल किया। खुद को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का निजी सचिव बताकर भर्तियों के संबंध में आदेश देने लगे। पुलिस अब मोबाइल नंबर के आधार पर धमकी देने वालों की तलाश कर रही है। खुद को भरतपुर कार्यालय में तैनात होना बताया सचिव और चेयरमैन को धमकी देने वालों ने खुद को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का निजी सचिव बताया। सचिन के पूछने पर उन्होंने अपना नाम शशिकांत शर्मा और सुरेश राजावत बताया। यह भी कहा कि वे सीएम भजनलाल के गृह जिले भरतपुर के ऑफिस का कामकाज देखते हैं। फर्जी पीए बनने वाले युवक परिवहन विभाग की मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में बेवजह दखल दे रहे थे। वे सचिव और चेयरमैन को आदेश देने लगे। सचिव ने लिखित में आदेश देने की बात कही तो वे धमकियां देने लगे कि उनसे लिखित आदेश मांगने पर अब उनके और उनके परिवार के लिए अच्छा नहीं होगा। स्टे ऑर्डर में संशोधन के लिए लगा प्रार्थना पत्र वापस नहीं लेने के लिए कहा भीमसेन का कहना है कि बोर्ड के तहत होने वाली परिवहन विभाग के मोटर वाहन उप निरीक्षक भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट का स्टे लगा हुआ है। इस स्टे में संशोधन के लिए बोर्ड की ओर से करीब छह महीने पहले कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र लगाया गया था। अब भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए बोर्ड ने निर्णय लिया कि हाईकोर्ट में लगाया गया प्रार्थना पत्र वापस लिया जाए। इसी मामले को लेकर दो बार अलग अलग लोगों का कॉल आया था। उन्होंने कहा कि वे सीएम भजनलाल के निजी सचिव बोल रहे हैं। उन्होंने हाईकोर्ट में लगा प्रार्थना पत्र वापस नहीं लेने की बात कही। साथ में यह भी कहा कि इस मामले में सीएम से बात हो गई है।
राजस्थान के स्कूलों में बैन हुए मोबाइल फोन, टीचर अगर गलती से भी ले गए तो करना पड़ेगा यह काम
एडीजी प्रियदर्शी को एसीबी से हटाया, मेहरड़ा को डीजी लगाया:एकल पट्टा, ऑर्गन ट्रांसप्लांट और दूदू कलेक्टर ट्रेप में हुई थी बड़ी चूक
कांग्रेस कह रही- कांग्रेस को वोट मत देना... बांसवाड़ा सीट पर चल रहा अजब-गजब खेल
18-19 साल के 45 फीसदी युवा वोट देने नहीं पहुंचे:राजस्थान में फर्स्ट टाइम वोटर्स का मतदान पांच महीने में 22% गिरा; करौली-धौलपुर में 50% से कम वोटिंग

बहुत कुछ


लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को पीएम मोदी को चुनौती दी थी कि पीएम मोदी उनके सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को स्वीकार करें। इस पर अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी क्या इंडी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने की राहुल गांधी की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी दशकों तक कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है, जहां संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और शीर्ष नेता राहुल गांधी जैसे दिग्गज पार्टी के नेताओं ने सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 तक जबतक इस सीट पर स्मृत ईरानी ने जीत दर्ज नहीं की तब तक इसे गांधी परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता था। 'क्या राहुल गांधी हैं प्रधानमंत्री पद के दावेदार?' आगे स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बात यह है कि जिस व्यक्ति के पास भाजपा के साधारण कार्यकर्ता के खिलाप चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है, उसे किसी तरह के घमंड करने से बचना चाहिए। दूसरी बात ये कि जो पीएम मोदी के बराबर में बैठकर बहस करना चाहता हैं, मैं पूछना चाहती हूं कि क्या वह इंडी गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार हैं क्या? बता दें कि इससे पहले शनिवार को केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने पीएम मोदी के साथ सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया। भाई-बहन एक तरफ और सुधांशु त्रिवेदी एक तरफ स्मृति ईरानी ने आगे प्रियंका गांधी के डिबेट वाले बयान पर चुनौती देते हुए कहा कि मेरी आज इन सबको चुनौती है। आप अपना चैनल पिक करिए, एंकर चुनिए, मुद्दा चुनिए, स्थान चुनिए और तारीख चुनिए, दोनों भाई बहन एक तरफ और भाजपा के एक प्रवक्ता एक तरफ। फिर दूध का दूध और पानी का पानी वहीं हो जाएगा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुद्दों से भाग रही है। अगर मुद्दों पर बात करने का दम है तो इनके लिए सुधांशु त्रिवेदी जी ही काफी हैं। एक तरफ दोनों भाई-बहन और एक तरफ त्रिवेदी जी। फिर सब पता चल जाएगा। बता दें कि यूपी की रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रियंका गांधी ने जब से चुनाव प्रचार की कमान संभाली है, तब से ही यहां की सियासत गर्माई हुई है।
अमित शाह ने कांग्रेस पर कसा तंज, बोले- 'PoK भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे'
महाराष्ट्र: संजय निरूपम बोले- केजरीवाल ने शराब के नाम पर पैसा चुराया, प्रियंका चतुर्वेदी ने किया बचाव
गुरुद्वारे के अंदर हत्या से मचा हड़कंप, निर्माण कार्य को लेकर हुई गाली-गलौज और मारपीट
"...जेल के अंदर हो या बेल पर बाहर", CM केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी का पोस्टर वार

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लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर चौथे चरण का मतदान 13 मई को होने वाला है। इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी रविवार 12 मई को पश्चिम बंगाल के दौरे पर फिर से पहुंच रहे हैं। दरअसल पीएम मोदी नॉर्थ 24 परगना जिले के बैरकपुर, हावड़ा के पंचला और हुगली जिले के चिनसुराहा और पुरसुरा में चुनावी रैलियां करने वाले हैं। बता दें कि चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए पीएम मोदी शनिवार की रात कोलकाता पहुंचे थे। बता दें कि बैरकपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस व टीएमसी पर खूब निशाना साधा। उन्होंने इस दौरान लोगों से भाजपा के पक्ष में वोट देने के अपील की। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि बंगाल में इस बार एक अलग ही माहौल है। कुछ अलग ही होने जा रहे हैं। 2019 की सफलता से कहीं ज्यादा बड़ी सफलता इस बार भाजपा को मिलने जा रही है। पूरा देश जो कह रहा है, बंगाल को जोरों से कह रहा है। पूरा बंगाल कह रहा है, आबार एकबार। पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 50-60 साल तक कांग्रेस परिवार ने ही सरकारें चलाई हैं। कांग्रेस शासन में पूर्वी भारत को गरीबी और पलायन मिला। पश्चिम बंगाल हो, बिहार हो, झारखंड हो, ओडिशा, आंध्र प्रदेश हो, जितने बड़े और सामर्थ्यवान राज्य हैं। ये राज्य ऐसे हैं जहां अपार खनिज संपदा है। कोयले के भंडार इन राज्यों में भरे पड़े हैं। किसी राज्य के पास समुद्र की ताकत है। ब्लू इकोनॉमी और पोर्ट की ताकत है। किसी के पास अथाह उपजाऊ भूमि है। किसी के पास पर्यटन के लिए पूरे देश में सबसे ज्यादा क्षमता है। बावजूद इसके कांग्रेस और इंडी गठबंधन के दलों ने पूर्वी भारत को पिछड़ा ही छोड़ दिया। बंगाल में काम का नाम लेना गुनाह पीएम मोदी ने कहा कि आज बंगाल में स्थिति ये है कि बंगाल में आज्ञा का पालन करना भी गुनाह हो गया है। बंगाल में टीएमसी सरकार काम का नाम नहीं लेने देती। बंगाल में टीएमसी की सरकार राम नवमी नहीं मनाने देती। कांग्रेस और लेफ्ट के लोगों ने भी राम मंदिर के विरूद्ध मोर्चा खोल रखा है। पीएम मोदी ने कहा कि क्या टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट के हाथ में महान देश सौंपा जा सकता है क्या। ये देश उन्हें दे सकते हैं क्या? उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी अलायंस के लोग कहते हैं कि मोदी के खिलाफ वोट जिहाद करो। टीएमसी के नेता ने कहा कि हिंदुओं को भागीरथी में बहा देंगे। सोचिए इतनी हिम्मत, इतना साहस ये हो किसके सहारे रहा है। टीएमसी सरकार ने हिंदुओं को बनाया दोयम दर्जे का नागरिक उन्होंने कहा कि इन लोगों ने बंगाल में हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाकर रख दिया है। तुष्टिकरण की जिद्द में इंडी गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाला आरक्षण भी छीनना चाहता है। ये लोग कह रहे हैं कि आरक्षण अब मुसलमानों को दिया जाए। वो भी आधा-अधूरा या थोड़ा सा नहीं, बल्कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को दिया जाए। पीएम मोदी बोले कि क्या ये देश दलितों के साथ अन्यया स्वीकार करेगा, क्या आदिवासियों, पिछड़ों के साथ अन्याय स्वीकार करेगा। बंगाल के हमारे भाई बहन आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सीएए नागरिकता देने का कानून है नागरिकता लेने का कानून नहीं। पीएम मोदी ने बंगाल में दी पांच गारंटी पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए 5 गारंटी दी। पीएम मोदी ने कहा कि पहली गारंटी है कि जबतक देश में मोदी है, तब तक धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं मिलेगा। दूसरी गारंटी है कि जबतक मोदी है तब तक एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण कोई छीन नहीं पाएगा। तीसरी गारंटी है कि जबतक मोदी है तक तक राम नवमी के त्योहार को कोई रोक नहीं पाएगा। चौथी गारंटी है कि जबतक मोदी है राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कोई भी पलट नहीं पाएगा। पांचवी गारंटी है कि जब तक मोदी है तब तक सीएए कानून को भी कोई पलट नहीं पाएगा।
मोदी जीते तो अमित शाह को पीएम बनाएंगे? बीजेपी के 'चाणक्य' ने साफ की स्थिति, जानें क्या-क्या बोले
11 राज्यों की 93 सीटों पर वोटिंग खत्म:64% मतदान, असम में सबसे ज्यादा 75%, सबसे कम महाराष्ट्र में 53%; बिहार-छत्तीसगढ़ में 3 की मौत
सपा और कांग्रेस अपने बच्चों के भविष्य के लिए चुनाव लड़ रही है', इटावा की रैली में बोले पीएम मोदी
अयोध्या में रामलला की आरती के बाद पीएम मोदी का रोड शो, उमड़ा जनसैलाब

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केजरीवाल ने पत्नी से की मुलाकात आज अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और केजरीवाल के करीबी बिभव ने मुलाकात की। दोपहर दो बजे मुलाकात का समय पहले से फिक्स था। जिस वक्त केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली उस वक्त वो पत्नी सुनीता केजरीवाल और बिभव से मुलाकात में व्यस्त थे। 21 मार्च को ईडी ने किया था अरेस्ट बता दें कि केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। अंतरिम जमानत का ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कड़ा विरोध किया था। केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया।

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