व्यापार

मुंबई,भारत की कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी का मुनाफा 48% बढ़ गया है। कंपनी ने शुक्रवार 26 अप्रैल को वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी ने बताया कि उसे इस तिमाही में ₹3877 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने ₹2,632 करोड़ का मुनाफा हुआ था। वहीं पूरे वित्त वर्ष के लिए टैक्स के बाद का मुनाफा 64% बढ़कर 13,209 करोड़ रुपए हो गया है। एक साल पहले यानी, वित्त वर्ष 2023 में ये 8,049 करोड़ रुपए था। मारुति ने अपने शेयरधारकों को 125 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड (लाभांश) देने का ऐलान किया है। कंपनियां अपने शेयरधारकों को मुनाफे का कुछ हिस्सा देती हैं, उसे डिविडेंड कहते हैं। एक साल में करीब 50% चढ़ा मारुति का शेयर मारुति के नतीजे बाजार बंद होने के बाद घोषित किए गए हैं। कंपनी का शेयर आज 162.50 रुपए या 1.26% गिरकर 12,760 रुपए पर बंद हुआ। बीते 6 महीने में शेयर ने 20% से ज्यादा रिटर्न दिया है। वहीं एक साल में शेयर करीब 50% चढ़ा है। कंपनी का मुनाफा बढ़ने की 4 वजहें है.. कंपनी ने इस वित्त वर्ष में ज्यादा गाड़ियां बेची। कमोडिटी कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ी, ये फेवरेबल रही। कंपनी लागत कम करने में कामयाब रही। मारुति की नॉन ऑपरेटिंग इनकम में इजाफा। अब तक की हाईएस्ट एनुअल सेल्स, एक्सपोर्ट, नेट सेल्स कंपनी ने अपनी अब तक की हाईएस्ट एनुअल सेल्स, एक्सपोर्ट, नेट सेल्स और नेट प्रॉफिट हासिल किया है। मारुति सुजुकी ने पूरे साल में कुल 21,35,323 गाड़ियां बेची। ये एक साल पहले की तुलना में ये 8.6% की ग्रोथ है। घरेलू बाजार में सेल्स 1,852,256 यूनिट रही, वहीं मारुति ने 283,067 गाड़ियां एक्सपोर्ट की। ये एक साल पहले की तुलना में 8.6% की ग्रोथ है। वहीं चौथी तिमाही में मारुति ने 505,291 गाड़ियां बेची। ये पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 12.2% ज्यादा है। कंपनी ने 78,740 गाड़ियां एक्सपोर्ट भी की। ये सालाना आधार पर 21.7% की बढ़ोतरी है। Q4FY23 में कंपनी ने 64,719 गाड़ियां एक्सपोर्ट की थी। वित्त वर्ष 2025 में एक्सपोर्ट 3 लाख यूनिट पार होने की उम्मीद मारुति को भरोसा है कि वित्त वर्ष 2025 में उसका एक्सपोर्ट 3 लाख यूनिट को पार कर जाएगा। मारुति ने 2030 तक एक्सपोर्ट को 8 लाख यूनिट करने का टारगेट रखा है। मारुति लगातार तीसरे साल भारत की सबसे ज्यादा ज्यादा कार एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी रही है।
मुंबई, 05 जून 2020, ग्‍लोबल कारणों से बीते कारोबारी दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार की बढ़त पर ब्रेक लग गया था. हालांकि, अब एक बार फिर बाजार में रौनक लौट आई है. सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई. कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स 306.54 अंक या 0.90 फीसदी की बढ़त के साथ 34,287.24 अंक पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो ये 113.05 अंकों (1.13%) की बढ़त के साथ 10,142.15 अंक पर रहा. इस बीच, रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.58 के स्‍तर पर बंद हुआ. यह गुरुवार को 75.57 पर बंद हुआ था. कारोबार के अंत में बीएसई इंडेक्‍स ग्‍लोबल कारणों से बीते कारोबारी दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार की बढ़त पर ब्रेक लग गया था. हालांकि, अब एक बार फिर बाजार में रौनक लौट आई है. सप्‍ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई. कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स 306.54 अंक या 0.90 फीसदी की बढ़त के साथ 34,287.24 अंक पर बंद हुआ. अगर निफ्टी की बात करें तो ये 113.05 अंकों (1.13%) की बढ़त के साथ 10,142.15 अंक पर रहा. इस बीच, रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.58 के स्‍तर पर बंद हुआ. यह गुरुवार को 75.57 पर बंद हुआ था. कारोबार के अंत में बीएसई इंडेक्‍स 1_060520045315.jpg SBI में क्‍यों आई तेजी? देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का एकल आधार पर शुद्ध लाभ 2019-20 की मार्च तिमाही में चार गुना उछलकर 3,580.81 करोड़ रुपये रहा. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शुक्रवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में उसे 838.4 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था. बैंक की कुल आय 31 मार्च 2020 को समाप्त तिमाही में 76,027.51 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में 75,670.5 करोड़ रुपये थी. बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसपंत्ति) पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में सुधरकर कुल कर्ज का 6.15 प्रतिशत रहा जो 2018-19 की इसी तिमाही में 7.53 प्रतिशत था. एयरटेल का क्‍या हाल इस बीच, एयरटेल के शेयर मामूली बढ़त के साथ कारोबार करते देखे गए. दरअसल, ऐसी खबरें चल रही हैं कि ई-कॉमर्स क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी अमेजन दूरसंचार क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी भारती एयरटेल में कम से कम दो अरब डॉलर की एक हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. हालांकि, अभी तक कंपनियों की ओर से इस पर कुछ स्‍पष्‍ट नहीं कहा गया है. गुरुवार को बाजार की बढ़त पर ब्रेक घरेलू शेयर बाजार में लगातार छह दिनों की तेजी पर गुरुवार को ब्रेक लग गया, लेकिन निफ्टी 10,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को बनाए रखने में कामयाब रहा. इस दिन सेंसेक्स 128.84 अंक यानी 0.38 फीसदी फिसलकर 33,980.70 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 32.45 अंकों यानी 0.32 फीसदी की कमजोरी के साथ 10,029.10 पर ठहरा. सेंसेक्‍स दिनभर के कारोबार के दौरान 34310.14 तक उछला जबकि सेंसेक्स का निचला स्तर 33,711.24 रहा. निफ्टी की बात करें तो ये कारोबार के दौरान 10123.85 तक चढ़ा जबकि इसका निचला स्तर 9944.25 रहा. बीएसई इंडेक्‍स का क्‍या रहा हाल सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 15 शेयरों में तेजी जबकि 15 में गिरावट दर्ज की गई. सबसे ज्यादा तेजी वाले पांच शेयरों में टेक महिंद्रा (5.34 फीसदी), सनफार्मा (3.98 फीसदी), भारती एयरटेल (3.89 फीसदी), पावरग्रिड (2.89 फीसदी) और एचसीएलटेक (2.79फीसदी) शामिल रहे. सेंसेक्स के सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में एशियन पेंट (4.85 फीसदी), बजाज फाइनेंस (4.13 फीसदी), एचडीएफसी (3.95 फीसदी), कोटक बैंक (3.88 फीसदी) और इंडसइंड बैंक (3.81 फीसदी) शामिल रहे.
मुंबई, तीन जून, रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे बढ़कर 75.04 के स्तर पर आ गया। घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक शुरुआत, एशियाई मुद्राओं की तेजी और डॉलर में कमजोरी के रुख से स्थानीय मुद्रा को मजबूती मिली। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू इक्विटी बाजार में भारी खरीद, लगातार विदेशी फंड की आवक और जोखिम कम होने की संभावना से रुपये में मजबूती आई। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 75.04 के स्तर पर खुला, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 32 पैसे की मजबूती दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 75.36 पर बंद हुआ था।
01 जून 2020,देश में कोरोना के बढ़ते केस के बीच सरकार ने ज्यादातर आर्थिक गति​विधियों को खोलने की इजाजत दे दी है. शेयर बाजार को सरकार का यह निर्णय पसंद आया है. इस ऐलान के बाद सोमवार को जब शेयर मार्केट खुला तो बीएसई सेंसेक्स में 1218 अंकों तक का उछाल देखा गया. सुबह सेंसेक्स 482 अंकों की तेजी के साथ 32,906 पर खुला. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 146 अंक की तेजी के साथ 9,727 पर खुला. शुक्रवार को सेंसेक्स 32,424.10 पर बंद हुआ था. दोपहर 12.17 बजे तक सेंसेक्स 1218 अंकों की उछाल के साथ 33,642 पर पहुंच गया. कारोबार के दौरान निफ्टी भी 351 अंकों की तेजी के साथ 9,931.60 पर पहुंच गया था. दोपहर 12.36 बजे तक सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सिर्फ 3 शेयर लाल निशान में दिख रहे थे, बाकी सभी हरे निशान में थे. लाल निशान में दिखने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट और सन फार्मा शामिल थे. पिछले हफ्ते रहा उतार-चढ़ाव शुरुआती कारोबार में 757 शेयरों में तेजी और 97 शेयरों में गिरावट देखी गई. इससे पहले पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहा.शुक्रवार को कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स 223.51 अंक या 0.69 फीसदी की तेजी के साथ 32,424.10 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी की बात करें तो 90.20 अंक मजबूत होकर 9,580.30 अंक पर रहा.दो दिन यानी बुधवार और मंगलवार के कारोबार में सेंसेक्‍स 1600 अंक मजबूत हुआ है. मंगलवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव रहा जबकि सोमवार को ईद की वजह से कारोबार नहीं हुआ. शेयर बाजार बीते सप्ताह जोरदार लिवाली से गुलजार रहा, लेकिन इस सप्ताह बाजार की चाल मानसून के रूख, देशव्यापी लॉकडाउन में ढील, अमेरिका और चीन के बीच तनाव से वैश्विक बाजार में होने वाले उथल-पुथल, प्रमुख आर्थिक आंकड़े समेत कुछ अन्य कारकों से तय होगी. हालांकि, कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामले से पैदा होने वाली चिंता का असर बाजार पर बना रहेगा. लॉकडाउन बढ़ा लेकिन काफी ढील के साथ केंद्र सरकार ने लॉकडाउन की समय.सीमा सोमवार से पांचवीं बार बढ़ाने का फैसला लिया है, लेकिन इसमें पहले की अपेक्षा ढील दी गई है, इसलिए इसे अनलॉक-1 भी कहा जा रहा है. गृह मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार, पूरे देश में कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन 30 जून तक जारी रहेगी, जबकि राज्य के भीतर और एक राज्य से दूसरे राज्य में लोगों और वस्तुओं का आवागमन पर कोई रोक नहीं होगी. सरकार ने तीन चरणों में लॉकडाउन में ढील देने का फैसला लिया है जिनमें अगले चरण में होटल, शॉपिंग मॉल आदि को भी आठ जून से खोलने की अनुमति होगी.
मुंबई, 13 मई 2020, देश की इकोनॉमी से कोरोना वायरस के संकट को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है. इस पैकेज का भारतीय शेयर बाजार ने खुलकर स्‍वागत किया है. शुरुआती मिनटों में सेंसेक्‍स 1100 अंक की तेजी के साथ 32,400 अंक के पार कारोबार कर रहा था. इसी तरह, निफ्टी में करीब 300 अंक की तेजी रही और यह 9,500 अंक के नजदीक पहुंच गया. हालांकि कुछ ही मिनटों में सेंसेक्‍स और निफ्टी की बढ़त में गिरावट भी आई. शुरुआती कारोबार में बैंकिंग और ऑटो सेक्‍टर के शेयर में बढ़त दर्ज की गई. बाजार के जानकारों का कहना है कि निवेशकों का उत्‍साह अभी अस्‍थायी है. संभवत: मुनाफावसूली के लिए निवेश किए जा रहे हैं. ये हो सकता है कि वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पैकेज को लेकर तस्‍वीर साफ किए जाने के बाद ही बाजार कोई स्‍थायी प्रतिक्रिया दे. पैकेज का बड़ा हिस्‍सा उद्योग जगत के लिए विशेष आर्थिक पैकेज का बड़ा हिस्‍सा उद्योग जगत के लिए है. हालांकि, पैकेज के बारे में विस्‍तृत जानकारी वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण देंगी. इस बीच, उद्योग जगत ने सरकार के फैसले का स्‍वागत किया है. उद्योग मंडलों का कहना है कि इससे कोविड-19 महामारी और उसकी रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार में मदद मिलेगी. बता दें कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्दी ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगी. इस हफ्ते बाजार का हाल सप्‍ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्‍स में 190.10 अंक या 0.60 फीसदी की गिरावट रही और यह 31,371.12 अंक पर रहा. कारोबार के दौरान सेंसेक्‍स 600 अंक से अधिक लुढ़का. निफ्टी की बात करें तो 42.65 अंक या 0.46 फीसदी लुढ़क कर 9,196.55 अंक पर बंद हुआ वहीं सोमवार की बात करें तो भारतीय शेयर बाजार में उतार चढ़ाव रहा. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी ने लंबी छलांग लगाई लेकिन बाद में मुनाफावसूली बढ़ गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्स 81.48 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,561.22 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह, निफ्टी 12.30 अंक यानी 0.13 प्रतिशत टूटकर 9,239.20 अंक पर रहा.
मुंबई, 08 मई 2020, भारतीय शेयर बाजार के लिए ये सप्ताह उतार-चढ़ाव का रहा है. इस हफ्ते बाजार में जितनी ज्यादा तेजी आई है, उससे कहीं अधिक गिरावट देखने को मिली है. सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स की शुरुआत 500 अंक जबकि निफ्टी 150 अंक तक की मजूबती के साथ हुई. इस दौरान सेंसेक्स 32 हजार अंक के पार पहुंच गया जबकि निफ्टी 9300 अंक के पार कारोबार करता दिखा. बता दें कि गुरुवार को सेंसेक्स 31,362.87 अंक के दिन के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 242.37 अंक या 0.76 प्रतिशत के नुकसान से 31,443.38 अंक पर बंद हुआ. इसी तरह निफ्टी 71.85 अंक या 0.78 प्रतिशत टूटकर 9,199.05 अंक पर रहा. शुरुआती कारोबार में बैंकिंग सेक्टर के शेयरों में तेजी देखने को मिली. इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक के शेयर टॉप गेनर्स में शामिल रहे. इसके अलावा एचयूएल, सनफार्मा, एयरटेल और रिलायंस भी हरे निशान पर कारोबार करते देखे गए. वहीं पावरग्रिड, एचसीएल, एनटीपीसी के शेयर लाल निशान पर कारोबार करते देखे गए. शुरुआती 3 दिन बाजार की चाल बुधवार को छोड़ मंगलवार और सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट रही. बुधवार को सेंसेक्स 232.24 अंक यानी 0.74 प्रतिशत ऊंचा रहकर 31,685.75 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी सूचकांक 65.30 अंक यानी 0.71 प्रतिशत बढ़कर 9,270.90 अंक पर रहा. वहीं सप्ताह के शुरुआती दो दिन की बात करें तो गिरावट दर्ज की गई. मंगलवार को सेंसेक्स 262 अंक यानी 0.83 प्रतिशत घटकर 31,453.51 अंक पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 87.90 अंक यानी 0.95 प्रतिशत गिरकर 9,205.60 अंक पर रहा. इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स 2,002 अंक यानी 5.94 प्रतिशत गिरकर 31,715.35 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी सूचकांक भी 566.40 अंक यानी 5.74 प्रतिशत गिरकर 9,293.50 अंक पर बंद हुआ.
मुंबई लगातार कई सत्रों के भूचाल के बाद मंगलवार को शेयर बाजार तगड़े उछाल के साथ बंद हुआ। लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के संकेत और वैश्विक बाजारों में तेजी का घरेलू बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा, जिससे बीएसई का सेंसेक्स 2476.26 अंक (8.97%) उछलकर 30,067.21 पर, तो निफ्टी 702.10 अंकों (8.69%) की तेजी के साथ 8,785.90 पर बंद हुआ। कमोडिटी वायदा में भी बड़ी तेजी के रुझानों से सुधार के संकेत मिल रहे हैं। मंगलवार को शेयर बाजार में आई इस बड़ी तेजी से निवेशकों की संपत्ति में 6.63 लाख करोड़ रुपये का इजाफा दर्ज किया गया है। बीएसई तथा एनएसई पर सभी कंपनियों के शेयर हरे निशान पर बंद हुए। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने 30,157.65 का ऊपरी स्तर तथा 28,602.31 का निचला स्तर छुआ। वहीं निफ्टी ने 8,819.40 का उच्च स्तर और 8,360.95 का निम्न स्तर छुआ। 10 सालों में सेंसेक्स की यह सबसे बड़ी एकदिनी तेजी है। बड़ा सवाल यह है कि बढ़ती महामारी के बावजूद शेयर बाजार में इतनी बड़ी तेजी कैसे दर्ज की गई। इस सवाल के जवाब के लिए हम निम्नलिखित बिंदुओं पर नजर डालते हैं। लॉकडाउन में छूट सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाने की खबरों से निवेशकों में भारी उत्साह देखा गया, क्योंकि इससे एक बार फिर तमाम बिजनस शुरू हो जाएगा। सरकारी के वरिष्ठ अधिकारी एक प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं, जिसमें कोरोना के कम जोखिम वाले राज्यों और जिलों से लॉकडाउन को आंशिक रूप से हटाने और जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अधिक है, वहां सख्ती बरकरार रखने की बात कही गई है। कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह प्रभावित दो देशों स्पेन तथा इटली में वायरस से मरने वालों की संख्या में तेजी से कमी आने की वजह से वहां के अधिकारी लॉकडाउन में छूट देने पर विचार कर रहे हैं। 1.3 अरब डॉलर का विदेशी निवेश भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा 1.3 अरब डॉलर (लगभग 10 हजार करोड़ रुपये) के निवेश की खबरों का भी घरेलू निवेशकों पर सकारात्मक असर पड़ा। दरअसल, विभिन्न क्षेत्रों में एफपीआई निवेश की सीमा को बढ़ा दिया गया है, जिसकी वजह से पैसिव फ्लो विदेशी निवेश में बढ़ोतरी होनी तय है। यह राहत ऐसे वक्त में सामने आ रही है, जब 1 मार्च तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से 1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। भारत ने दवा निर्यात से बैन हटाया अमेरिका द्वारा बदला लेने के संकेत देने के बाद भारत ने मंगलवार को कोरोना के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल में आने वाली 24 दवाओं के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा लिया। दवाओं के निर्यात पर यह पाबंदी पिछले महीने लगाई गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पैरासिटामोल तथा इसके फॉर्म्यूलेशंस पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा। सरकार के इस फैसले के बाद फार्मा कंपनियों के शेयरों में बड़ी तेजी दर्ज की गई। केडिल हेल्थकेयर, ऑरबिंदो फार्मा, सिप्ला और डॉ. रेड्डीज लबोरेट्रीज में 10-14% की तेजी की बदौलत निफ्टी फार्मा में 9.53% की तेजी देखी गई। वैश्विक बाजारों में तेजी का माहौल अमेरिकी शेयर बाजार तथा एशियाई शेयर बाजारों में तेजी से घरेलू शेयर बाजार को बल मिला और लगातार तीन सत्रों की गिरावट झेल रहे भारतीय बाजार में जमकर लिवाली हुई। जापान के निक्केई में 2 फीसदी की तेजी देखी गई। इन शेयरों में तेजी बीएसई पर इंडसइंड बैंक के शेयर में सर्वाधिक 22.60 फीसदी, एक्सिस बैंक में 19.41 फीसदी, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 14.44 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 13.82 फीसदी तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर में 13.51 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। वहीं, एनएसई पर इंडसइंड बैंक के शेयर में 25 फीसदी, एक्सिस बैंक में 20.14 फीसदी, ग्रासिम में 15 फीसदी, डॉ. रेड्डी में 14.40 फीसदी तथा हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर में 13.69 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई।
मुंबई, 09 जनवरी 2020,अमेरिका और ईरान के बीच तनाव खत्‍म होने के आसार हैं. इस बीच, कच्‍चे तेल के भाव में भी 4 फीसदी की नरमी आ गई है. इन पॉजीटिव खबरों का असर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार पर दिखा और सेंसेक्‍स 500 अंक की बढ़त के साथ कारोबर करने लगा. इसी तरह निफ्टी में भी 140 अंकों की तेजी रही और यह 12 हजार 200 अंक के स्‍तर तक पहुंच गया. - कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्‍स 450 अंक से अधिक बढ़त के साथ 41 हजार 200 के पार पहुंच गया. इसी तरह निफ्टी में 115 अंक से अधिक की तेजी रही और यह 12,150 अंक के स्‍तर पर कारोबार करता दिखा. बता दें कि बुधवार को सेंसेक्स 51.73 (0.13%) अंकों की गिरावट के साथ 40,817.74 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 27.60 अंक (0.23%) लुढ़ककर 12,025.35 अंक पर रहा. अमेरिका-ईरान में तनाव कम होने के आसार दरअसल, बीते बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान पर जवाबी कार्रवाई या हमले जैसी कोई बात नहीं कही. उन्‍होंने कहा कि हम बल प्रयोग करना नहीं चाहते. उन्होंने नरमी दिखाते हुए कहा कि ईरान एक बेहतर देश हो सकता है, उसे आतंक का समर्थन करना बंद करना होगा. ट्रंप ने ईरान के साथ बातचीत और समझौते का रास्ता खुला रखने का संकेत देते हुए कहा कि ऐसा समझौता करने की कोशिश की जाएगी, जिससे दुनिया शांति की ओर बढ़ सके. ट्रंप के बयान का कच्‍चे तेल को फायदा ट्रंप के बयान के बाद कच्‍चे तेल के भाव में 4 फीसदी से अधिक की नरमी देखने को मिली है और यह 66 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता दिखा. इससे पहले बुधवार को ईरान द्वारा जवाबी कार्रवाई के बाद कच्‍चे तेल के भाव 71 डॉलर प्रति बैरल के भाव तक पहुंच गया था.
मुंबई कारोबारी सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला बरकरार है और यह नए रेकॉर्ड के साथ खुला। 13.89 अंकों की मामूली तेजी के साथ खुला सेंसेक्स सुबह 10 बजकर 6 मिनट पर 76.55 अंक ऊपर 41,750.47 पर देखा गया। शुरुआती कारोबार में इंडेक्स 41,809.96 का हाई देख चुका है। वहीं, NSE का निफ्टी 0.18% की तेजी के साथ 12,281.60 पर कारोबार करता देखा गया। अब तक के कारोबार में इंडेक्स 12,293.90 का हाई छू चुका है। बीएसई (BSE) का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 13.89 अंक (0.03%) उछलकर रेकॉर्ड 41,687.81 पर खुला। वहीं, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) 6.75 अंकों (0.06%) की तेजी के साथ रेकॉर्ड 12,266.45 पर खुला। शुरुआती कारोबार में बीएसई पर 17 शेयर हरे निशान पर तो 13 शेयर लाल निशान पर कारोबार करते दिखे। वहीं, एनएसई पर 30 शेयरों में लिवाली तथा 18 शेयरों में बिकवाली देखी गई, जबकि दो शेयरों में कारोबार नहीं हो रहा था। सुबह 9.24 बजे सेंसेक्स 118.27 अंक (0.28%) उछलकर 41,792.19 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 8.75 अंकों (0.07%) की तेजी के साथ 12,268.45 पर कारोबार करता दिखाई दिया। इन शेयरों में तेजी सुबह 9:30 बजे सेंसेक्स के जिन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई उनमें SBI और हीरो मोटोकॉर्प रहे। एसबीआई के शेयर में सर्वाधिक 1.83 फीसदी, हीरो मोटोकॉर्प में 1.42 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 1.06 फीसदी, टाटा मोटर्स में 0.70 फीसदी तथा एलऐंडटी के शेयर में 0.48 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई। वहीं, एनएसई पर यस बैंक के शेयर में 6.52 फीसदी, आयशर मोटर्स में 3.05 फीसदी, टीसीएस में 2.95 फीसदी, भारती एयरटेल में 2.74 फीसदी तथा टाटा मोटर्स में 2.46 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। गुरुवार को कैसा रहा था बाजार एफपीआई का पूंजी प्रवाह जारी रहने के साथ साथ ईंधन, सूचना प्रौद्योगिकी और वाहन कंपनियों के शेयरों में चमक से शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन प्रमुख सूचकांकों ने ऊंचाई के नए रेकॉर्ड बनाए। सेंसेक्स 115.35 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 41,673.92 अंक के अब तक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी भी 38.05 अंक यानी 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ रेकार्ड 12,259.70 अंक पर बंद हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग और टाटा समूह को NCLAT से मिलते झटके से घरेलू बाजार उबरता दिख रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी जल्द ही 12,300 के स्थर को छू सकता है। बाजार पर इन कारकों का असर सिंगापुर में सुस्त शुरुआत सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर 2.50 अंक (0.02%) की गिरावट के साथ 12,270.50 कारोबार कर रहा है, जिससे घरेलू शेयर बाजार में कारोबार की शुरुआत कुछ खास न होने की उम्मीद की जा रही थी। तेजी के साथ बंद हुआ अमेरिकी शेयर बाजार अहम आर्थिक आंकड़ों तथा कॉर्पोरेट कंपनियों के वित्तीय नतीजों को दरकिनार करते हुए निवेशकों द्वारा लिवाली से अमेरिकी शेयर बाजार गुरुवार को तेजी के साथ बंद हुए थे। तीन महीने के उच्च स्तर पर कच्चा तेल चीन तथा अमेरिका के बीच कारोबार को लेकर तनाव में कमी आने, मांग बढ़ने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सुधार आने के आकलन से शुक्रवार को तेल की कीमत तीन महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। प्रिंस पाइप के आईपीओ के लिए 74% बोलियां गुरुवार को प्रिंस पाइप्स के आईपीओ के लिए 74% बोलियां मिलीं। 1,97,74,012 शेयरों के लिए अब तक 1,45,57,116 बोलियां मिल चुकी हैं। एफआईआई ने 739 करोड़ का किया निवेश विदेश पोर्टफोलियों निवेशकों ने गुरुवार को 739 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की। वहीं, घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों ने 494 करोड़ रुपये के शेयरों की लिवाली की।
नई दिल्ली मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने आज यह घोषणा की कि कंपनी ने भारतीय बाजार में 2 करोड़ से ज्यादा कार सेल कर ली हैं। कंपनी ने 37 साल से कुछ कम वक्त यह आंकड़ा छुआ। भारत में कंपनी ने अपनी पहली कार दिसंबर 1983 में लॉन्च की थी। कंपनी ने पहली एक करोड़ कार बेचने के लिए लगभग तीन दशकों का वक्त लगा। बाकी एक करोड़ कार कंपनी ने महज 8 साल में बेंच दी। 2 करोड़ कार बेचने वाली पहली कंपनी कंपनी ने भारत में सबसे पहले आइकॉनिक मारुति 800 लॉन्च की थी जिसकी सेल भारत में 14 दिसंबर 1983 को शुरू हुई थी। इसके बाद से कंपनी ने पलटकर नहीं देखा। भारत में 2 करोड़ कार बेचने वाली यह पहली कंपनी बन गई है। BS6 अपग्रेड में भी सबसे आगे देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी अपने 8 टॉप सेलिंग मॉडल्स को BS6 इंजन के साथ ले आई है। इन मॉडल्स में ऑल्टो, स्विफ्ट और डिजायर शामिल हैं। वहीं, टू-वीलर बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटोकॉर्प भी अपने मोटरसाइकल और स्कूटर पोर्टफोलियो का करीब 30 फीसदी BS6 इमिशन नॉर्म्स के हिसाब से ले आई है। BS6 इमिशन नॉर्म्स अगले साल अप्रैल से लागू हो रहे हैं। मारुति सुजुकी ने स्विफ्ट, बलेनो, डिजायर और ब्रेजा जैसी कारों का BS6 डीजल वेरियंट नहीं लाने का फैसला किया है। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी ने अभी तक S-Cross और सियाज जैसी बड़ी गाड़ियों के डीजल वेरियंट्स के अपग्रेडेशन पर फैसला नहीं लिया है। हीरो मोटोकॉर्प के लिए BS6 नॉर्म्स के मुताबिक वीइल लाना एक बड़ी प्रक्रिया है, क्योंकि कंपनी के पास करीब 200 वेरियंट्स हैं। सूत्रों का कहना है कि स्पेंलडर, पैशन, HF डीलक्स मोटरसाइकल्स के कई वेरियंट्स और प्लेजर, Maestro Edge स्कूटर्स BS6 नॉर्म्स के हिसाब से आने की प्रक्रिया में हैं।
मुंबई शेयर बाजार में रेकॉर्ड बनने का सिलसिला गुरुवार को भी बरकरार रहा। बैंकिंग तथा आईटी कंपनियों के शेयरों में जबर्दस्त लिवाली से बीएसई के 30 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 109.56 अंक (0.27%) उछलकर रेकॉर्ड 41,130.17 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई (NSE) का निफ्टी 53.60 अंकों (0.44%) की तेजी के साथ रेकॉर्ड 12,154.30 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में सेंसेक्स ने रेकॉर्ड 41,163.79 का ऊपरी स्तर तथा 40,996.08 का निचला स्तर छुआ। वहीं, निफ्टी ने भी रेकॉर्ड 12,158.80 का उच्च स्तर तथा 12,099.95 का निम्न स्तर छुआ। बीएसई पर 17 कंपनियों के शेयर हरे निशान पर तो 13 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए, जबकि एनएसई पर 33 कंपनियों के शेयरों में लिवाली, 16 कंपनियों के शेयरों में बिकवाली तथा एक कंपनी के शेयर में कारोबार नहीं हुआ। एक नजर बाजार पर मजबूत वैश्विक संकेतों का फायदा घरेलू शेयर बाजार में हर शेयर को नहीं मिल सका। बीएसई पर गेनर्स तथा लूजर्स की संख्या लगभग बराबर देखने को मिली। बीएसई मिडकैप तथा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक बेंचमार्क के प्रदर्शन को पार कर गया, क्योंकि दोनों में क्रमशः 0.97 फीसदी तथा 0.45 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई। बीएसई ऑटो इंडेक्स को छोड़कर बाकी तमाम सेक्टोरल इंडिसेज चढ़कर बंद हुआ। बीएसई टेलिकॉम इंडेक्स और बीएसई मेटल इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी देखी गई। इनमें क्रमशः 3.49 फीसदी तथा 2.15 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई। RIL बनी 10 लाख करोड़ की पूंजी वाली पहली देसी कंपनी एनर्जी से लेकर टेलिकॉम का कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) 10 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई। इसका शेयर 0.65 फीसदी चढ़कर 1,579.95 रुपये पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार में इसने 1,584 रुपये के उच्च स्तर को छुआ। अगस्त 2018 में बनी थी 8 लाख करोड़ की कंपनी अगस्त 2018 में आरआईएल देश की पहली कंपनी बनी थी जब इसकी मार्केट वैल्यू 8 लाख करोड़ रुपये को पार की थी। 12 साल पहले 2007 में आरआईएल देश की पहली कंपनी बनी थी, जिसने 100 अरब डॉलर (7 लाख करोड़ रुपये) के आंकड़े को पार किया था। विश्लेषकों का नजरिया जियोजित फाइनैंशल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, 'एफऐंडओ एक्सपायरी के कारण पैदा होने वाली अस्थिरता तथा शुक्रवार को दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों की घोषणा के बावजूद शेयर बाजार में निवेशकों के बीच सकारात्मक रुझान देखा गया, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि हर तरह की अस्थिरता में ग्लोबल लिक्विडिटी में बढ़ोतरी से मदद मिलेगी। कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता तथा यील्ड में गिरावट से संकेत मिलता है कि आरबीआई उदार रवैया अपनाना जारी रखेगा, जबतक कि अर्थव्यवस्था सुधार पथ पर अग्रसर नहीं हो जाती।' एफपीआई का निवेश जारी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भरोसा भारतीय बाजार पर बरकरार है। तभी उन्होंने गुरुवार को भी बाजार में भारी-भरकम निवेश किया। स्टॉक में तेजी की और संभावना बाजार के जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसका स्टॉक और तेजी से बढ़ेगा। हाल ही में टेलिकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद जियो को भी राहत मिली है। इसकी वजह से भी कंपनी को फायदा पहुंचा है।
मुंबई, 27 नवंबर 2019,सप्‍ताह के तीसरे कारोबारी दिन सेंसेक्‍स और निफ्टी ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली. कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स करीब 200 अंक की तेजी के साथ 41 हजार के पार बंद हुआ. इसी तरह न‍िफ्टी 63 (0.52%) अंक की बढ़त के साथ 12,100 अंक पर रहा. यह पहली बार है जब सेंसेक्‍स 41 हजार अंक के पार बंद हुआ. बता दें कि मंगलवार को कारोबार के दौरान सेंसेक्‍स 41 हजार 120 अंक पर रहा. सेंसेक्‍स का यह ऑल टाइम हाई है. वहीं निफ्टी ने भी अपने उच्‍चतम स्‍तर को छु लिया था. यस बैंक में सबसे अधिक बढ़त बुधवार के कारोबार में सबसे अधिक बढ़त यस बैंक के शेयर में रही. यस बैंक के शेयर करीब 8 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए. दरअसल, यस बैंक की बोर्ड मीटिंग शुक्रवार को होने वाली है. इस मीटिंग में फंड जुटाने को लेकर अहम फैसले हो सकते हैं. वहीं मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो यस बैंक रिलायंस कैपिटल के 17 लाख से अधिक शेयरों को 2.8 करोड़ रुपये में बेचने की तैयारी में है. इस खबर का असर यस बैंक के शेयर पर देखने को मिला. 9.95 लाख करोड़ आरआईएल का मार्केट कैप रिलायंस इंडस्‍ट्रीज यानी आरआईएल का मार्केट कैप 9.95 लाख करोड़ के करीब है. बहुत जल्‍द कंपनी का मार्केट कैप 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगा. यह पहली बार है जब आरआईएल के मार्केट कैप में इतनी बड़ी तेजी दर्ज की गई है. बता दें कि मंगलवार को आरआईएल के शेयर में अब तक की सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई. मंगलवार को कारोबार के दौरान आरआईएल का शेयर भाव 1576 रुपये पर पहुंच गया था.
मुंबई शेयर बाजार में लिवाली का जोर बरकरार है। दोपहर बाद के कारोबार में सेंसेक्स ने ऑल-टाइम हाई स्तर को छुआ। 100 अंकों से कम क बढ़त के साथ सेंसेक्स अब 450 से ज्यादा अंक जोड़ चुका है और निफ्टी भी 12,000 से काफी ऊपर ट्रेड कर रहा है। दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर सेंसेक्स 464.13 अंक ऊपर 40,823.54 ऊपर ट्रेड करता देखा गया। वहीं निफ्टी 138.95 अंकों की बढ़त के साथ 12,053.35 पर दिखाई दिया। सेंसेक्स पर भारती एयरटेल, टाटा स्टील, वेदांता, इंडसइंड, एचडीएफसी और हीरो मोटोकॉर्प चढ़ने वाले शेयरों में सबसे आगे दिखाई दे रहे हैं, जबकि निफ्टी पर इन्फ्राटेल, भारती एयरटेॉल,टाटा स्टील, हिंडाल्को और जेएसडब्ल्यू स्टील में तेजी है। गिरने वाले शेयरों में यस बैंक, ज़ी, ओएनजीसी, एनटीपीसी और गेल आगे हैं। बाजार खुलने का स्तर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 80.25 पॉइंट्स जोड़कर 40,439.66 पर खुला और नैश्ननल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 0.07% ऊपर(8.05 अंक) 11,922.45 पर खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार लिवाली लगातार बढ़ती दिखाई दे रही है। शुरुआती आधे घंटों में ही सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक ऊपर कारोबार करता दिखाई दिया। सुबह 9 बजकर 42 मिनट पर सेंसेक्स 40,548 के आसपास देखा गया। वहीं, निफ्टी भी 54.65 अंक ऊपर 11,969.05 अंकों पर ट्रेड करता देखा गया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स के जिन शेयरों में तेजी देखने को मिली उनमें टाटा स्टील, भारती एयरटेल, सन फार्मा, वेदांता लिमिटेड, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा और रिलायंस सबसे आगे हैं। वहीं एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, टीसीएस, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट दिखाई दी।
नई दिल्ली, 23 सितंबर 2019,कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का असर सोमवार को भी शेयर बाजार में देखा गया. सेंसेक्स करीब 1300 अंकों की बढ़त के 39,312.94 पर खुला. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी 276.60 अंक बढ़कर 11550.80 तक पहुंच गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों और घरेलू निवेशकों ने जमकर खरीदारी की. हालांकि बाद में उछाल में थोड़ी कमी आई. सुबह 9.55 बजे सेंसेक्स करीब 700 अंकों की बढ़त के साथ 38,703 अंकों पर कारोबार कर रहा था. इसी तरफ निफ्टी 216 अंकों की बढ़त के साथ 11,491.10 पर पहुंच गया. शुक्रवार को सेंसेक्‍स 1921 अंक उछलकर 38,014 के स्तर पर बंद हुआ था. गौरतलब है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का ऐलान किया घरेलू बाजार शुक्रवार को गुलजार हो गया. बाजार में एक दशक बाद की सबसे बड़ी एक दिनी तेजी देखी गई. घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने शुक्रवार को दिनभर के कारोबारी सत्र के दौरान 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया. जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार पर अभी इस ऐलान का असर अगले कुछ हफ्तों तक रहेगा. इस हफ्ते गुरुवार यानी 26 सितंबर को डेरिवेटिव एक्सपायरी है, इसलिए बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. इसके अलावा अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर से जुड़ी खबरों पर भी सबकी नजर रहेगी. सुस्‍त पड़ी अर्थव्‍यवस्‍था को बूस्‍ट देने के लिए शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर मुखातिब हुईं. इस बार वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट सेक्‍टर के लिए कई बड़े ऐलान किए. इसका शेयर बाजार ने जबरदस्‍त तरीके से स्‍वागत किया. सरकार के बूस्टर डोज की वजह से कारोबार के दौरान शेयर बाजार में इतिहास की सबसे बड़ी तेजी आई. कारोबार के दौरान एक वक्‍त सेंसेक्‍स में 2250 अंक से अधिक की बढ़त देखी गई. कारोबार के अंत में सेंसेक्‍स 1921 अंक उछलकर 38,014 के स्तर पर बंद हुआ है. वहीं, निफ्टी भी 569 अंक की तेजी के साथ 11,274 पर रहा. इतिहास की सबसे बड़ी बढ़त निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बाद शेयर बाजार ने जो रफ्तार पकड़ी, उसने एक नया रिकॉर्ड बना दिया. दरअसल, शुक्रवार को कारोबार के दौरान एक वक्‍त सेंसेक्‍स 2250 अंक से अधिक बढ़त के साथ कारोबार करता दिखा तो वहीं निफ्टी ने भी 650 अंकों से अधिक की बढ़त दर्ज कर ली. इससे पहले 18 मई, 2009 को सेंसेक्‍स में 2,110 अंक की तेजी आई थी. तब तत्कालीन यूपीए सरकार के एक बार फिर से सत्ता में वापस लौटने का जश्न मार्केट ने मनाया था.
मुंबई/जयपुर/अहमदाबाद मजबूत विदेशी संकेतों और घरेलू वायदे में आई तेजी से सोमवार को देश के सर्राफा बाजार में सोना रेकॉर्ड उंचाई को छूते हुए 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर बिकने लगा और चांदी का भाव 46,000 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर चला गया। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई, गुलाबी शहर जयपुर और पीले सोने के सबसे बड़े बाजार अहमदाबाद में 24 कैरट सोने का भाव 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (तीन फीसदी जीएसटी के साथ) से ऊपर हो गया। सोने के हाजिर भाव में 1,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक की तेजी दर्ज की गई और चांदी में भी 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा की तेजी आई। मुंबई में 24 कैरट शुद्धता के सोने का भाव सोमवार को 40,040 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जोकि पिछले कारोबारी सत्र में 38,770 रुपये प्रति 10 ग्राम था।वहीं, 22 कैरट शुद्धता का सोना देश की आर्थिक राजधानी में पिछले सत्र के 38,720 रुपये से बढ़कर 39,890 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मुंबई में चांदी का भाव 45,015 रुपये से बढ़कर 46,380 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। जयपुर में 24 कैरट और 22 कैरट सोने का भाव क्रमश: 40,020 रुपये और 39,900 रुपये प्रति 10 ग्राम, जबकि चांदी 46,400 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। यह भी पढ़ें: सालभर में 30% महंगा हुआ सोना, क्या जारी रहेगी कीमतों में तेजी? वायदा बाजार में भी रेकॉर्ड ऊंचाई अहमदाबाद में 24 कैरट और 22 कैरट सोने का भाव क्रमश: 40,000 रुपये और 39,870 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि चांदी 46,400 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। उपर्युक्त भाव में जीएसटी शामिल है। उधर, वायदा बाजार एमसीएक्स पर सोने का भाव सोमवार को फिर नई उंचाई 39,340 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चला गया, हालांकि बाद में भाव फिसला और दोपहर बाद के कारोबार के दौरान अक्टूबर अनुबंध में 95 रुपये की तेजी के साथ 38,860 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार चल रहा था। चांदी के सितंबर वायदे में भी 252 रुपये की तेजी के साथ 44,854 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार चल रहा था। बनी हुई है मांग में नरमी इंडिया बुलियन ऐंड जूलर्स एसोसिएशन यानी आईबीजेए के नैशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता ने बताया कि ऊंचे भाव पर महंगी धातुओं की मांग में नरमी बनी हुई है। सोने और चांदी के अगले पड़ाव के अनुमान को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि 'फिलहाल सोने और चांदी का बाजार न तो किसी फंडामेंटल से या एनालिसिस या चार्ट से चल रहा, बल्कि ट्रंप के ट्वीट से चल रहा है। इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कब भाव बढ़ेगा या कब घटेगा। मगर हालिया तेजी से घरेलू मांग में 50 फीसदी की कमी आई है।' ट्रेड वॉर है वजह केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव गहराने से विदेशी बाजार में सोने और चांदी में आई तेजी से घरेलू बाजार में भी महंगी धातुओं की कीमतों में उछाल आया है। मगर, सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से आए बयान के बाद कुछ नरमी आई। ट्रंप ने कहा कि चीन ने अमेरिकी अधिकारियों से संपर्क किया है कि वे वापस बातचीत करना चाहते हैं और उन्होंने इसका स्वागत किया।
मुंबई जम्मू-कश्मीर में बढ़ी हलचल के बीच सप्ताह के पहले कारोबारी दिन ही शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ खुला। 30 शेयरों बीएससई का सेंसेक्स 276 अंक टूटकर 36,842 पर खुला वहीं 50 शेयरों वाला निफ्टी भी 101 नीचे आकर 10,895 पर खुला। जम्मू-कश्मीर में चल रही हलचल पर कैबिनेट की बैठक को लेकर शेयर बाजार का मिजाज भी नेगेटिव दिखाई दे रहा है। शुरुआती कारोबार में ही बिकवाली ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया। उधर, चीनी करेंसी युआन भी 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया और अन्य एशियाई बाजारों में भी बिकवाली का जोर देखने को मिला। इन कारणों के अलावा बीते सप्ताह की गिरावट का असर अब भी देखने को मिल रहा है। पिछले सप्ताह शेयर बाजार का मार्केट कैप भी छह महीने में पहली बार 2 लाख करोड़ डॉलर के नीचे पहुंच गया। फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती, ऑटोमोबाइल सेक्टर की खराब हालत और ट्रेड वॉर के चलते भी मार्केट संकट से गुजर रहा है। सुबह 9:40 तक सेंसेक्स 557 अंक तक ढहकर 36,561.21 पर आ गया। इस समय केवल तीन शेयर ही हरे निशान में दिख रहे थे। वहीं निफ्टी भी 170 अंक तक गिर गया। निफ्टी के भी तीन ही शेयर फायदे में दिखाई दिए। बीएसई में केवल HDFC ही हरे निशान पर दिखा। सेंसेक्स का टीसीएस (1.63 फीसदी), INFY (1.02%), एचडीएफसी (0.09 फीसदी) के फायदे में थे। एशियन पेंट्स शुरुआती कारोबार के दौरान हरे निशान के साथ खुला लेकिन बाद में नीचे चला गया। थोड़ी देर में भारती एयरटेल में भी मामूली वृद्धि देखी गई। निफ्टी के 50 शेयरों में भी टेक कंपनियों के शेयर ही फायदे में दिखे। यहां टीसीएस (0.88 फीसदी), इन्फी (0.49 फीसदी) और एचसीएल टेक (0.46 फीसदी) के फायदे में रहे। बता दें कि देश के शेयर बाजार का मार्केट कैप छह महीने में पहली बार 2 लाख करोड़ डॉलर के नीचे आ गया है। जुलाई में बाजार में शुरू हुई बिकवाली से पिछले महीने निवेशकों की संपत्ति में 8.8 पर्सेंट की कमी हुई। देश में लिस्टेड सभी स्टॉक्स की कुल वैल्यू पिछले शुक्रवार को घटकर 1.97 लाख करोड़ डॉलर रह गई थी। इसके साथ अब भारतीय शेयर बाजार की वैल्यू यूरोप की सबसे बड़ी इकनॉमी जर्मनी से कम हो गई है। बजट में अमीरों पर सरचार्ज बढ़ाए जाने और इकनॉमिक ग्रोथ घटने की वजह से विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकाल रहे हैं।
नई दिल्ली, 11 जून 2019,आईटी शेयरों में मजबूती और सकारात्मक वैश्विक संकेतों की वजह से मंगलवार को शेयर बाजार में कारोबार मजबूती के साथ शुरू हुआ. शुरुआती सत्र में करीब 100 फीसदी के उछाल हासिल करने के बाद 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सुबह साढ़े नौ बजे 63.84 अंक ऊपर 39,848.36 पर कारोबार कर रहा था. इसी तरह निफ्टी भी करीब 11 अंक उछलकर 11,933 के स्तर पर पहुंच गया. शुरुआती कारोबार में एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, टीसीएस, टाटा स्टील और इन्फोसिस जैसे शेयरों में 2 फीसदी की मजबूती देखी गई. दूसरी तरफ, सन फार्मा, एमऐंडएम, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में 2.5 फीसदी तक की गिरावट देखी गई. निवेशकों में मूड सकारात्मक ही है, इसलिए घरेलू सूचकांकों के मजबूत बने रहने की संभावना है. ग्लोबल ट्रेड वॉर में कुछ राहत दिख रही है, क्योंकि अमेरिका ने मेक्सिको पर टैरिफ लगाने की धमकी वापस ले ली है. चीन, जापान और कोरिया जैसे एशियाई बाजारों में भी मंगलवार को मजबूती देखी गई. रुपये में मजबूती और विदेशी फंड प्रवाह बने रहने से भी बाजार में सकारात्मक माहौल बना है. डॉलर के मुकाबले रुपया 16 पैसे मजबूत होकर 69.49 के स्तर पर पहुंच गया. सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 216.20 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी. इसी तरह घरेल संस्थागत निवेशकों ने भी 170 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. सोमवार को भी रही थी मजबूती दिन भर के उतार-चढ़ाव के बाद सप्‍ताह के पहले कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार बढ़त के साथ बंद हुए. कारोबार के अंत में आईटी और एफएमसीजी सेक्टर में शानदार तेजी दर्ज की गई. इस वजह से सेंसेक्स 169 अंक मजबूत होकर 39 हजार 785 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 52 अंकों की तेजी के साथ 11 हजार 923 अंक के स्‍तर पर रहा. इससे पहले शेयर बाजार की शुरुआत सुबह तेजी के साथ हुई. इस कारोबारी सप्ताह के दौरान बाजार की नजर देश में मॉनसून की प्रगति पर होगी. वहीं, औद्योगिक उत्पादन और महंगाई के आंकड़े, अमेरिका-चीन ट्रेड वार और कच्चे तेल की कीमत खास तौर से इस सप्ताह बाजार को प्रभावित कर सकते हैं. देश-विदेश में इस सप्ताह जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को दिशा मिलेगी. डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव पर भी बाजार की नजर रहेगी.
नई दिल्ली, 11 जून 2019, ढाई महीने से भी कम समय में अगर किसी एक कंपनी के शेयरों में निवेश कर कोई परिवार 915 करोड़ रुपये की कमाई कर ले तो उसे शायद आप शेयर बाजार का जादूगर ही मानेंगे, जी हां राकेशन झुनझुनवाला को यूं ही नहीं भारत का वॉरेन बफे कहा जाता है. राकेशन झुनझुनवाला ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर टाइटन कंपनी के शेयरों में मार्च से अब तक 914.91 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. फिलहाल झुनझुनवाला कपल ने इस ज्वेलरी-घड़ी निर्माता कंपनी में 8,040 करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है. मार्च तिमाही के अंत तक कपल का इस कंपनी में निवेश 7,125 करोड़ रुपये का था. राकेश झुनझुनवाला ने मार्च तिमाही के अंत तक टाइटन में 5.07 करोड़ शेयर यानी 5.72 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रखी थी और अब तक उन्होंने 743.86 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया है. टाइटन के एक शेयर की कीमत 29 मार्च, 2019 को 1,141.05 रुपये थी. मंगलवार को यह शेयर अपनी सर्वकालिक ऊंचाई को छूता हुआ 1,287.55 रुपये तक पहुंच गया. उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने इस दौरान टाइटन में 1.16 करोड़ शेयर यानी 1.32 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रखी थी और उन्होंने इस निवेश से 171.05 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राकेश झुनझुनवाला ने साल 2002-2003 में सिर्फ 3 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से टाइटन के 6 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. इसके बाद से वह अक्सर इस शेयर की खरीद-बिक्री करते रहे. दिसंबर 2018 तक उनकी हिस्सेदारी घटकर 5.13 करोड़ शेयर यानी 5.78 फीसदी और मार्च, 2019 तक 5.72 फीसदी रह गई. हालांकि, इस दौरान उनकी पत्नी रेखा ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. रेखा की हिस्सेदारी दिसंबर, 2018 के अंत में 1.15 करोड़ शेयर यानी 1.30 फीसदी की थी, लेकिन मार्च तिमाही तक यह 1.32 फीसदी हो गई. टाइटन के शेयरों में लगातार आ रही मजबूती से इस कपल को मोटा मुनाफा कमाने का मौका मिला है. इस साल 29 मार्च को टाइटन के शेयर 1141.05 रुपये कीमत पर थे, लेकिन इसके बाद इसमें 12.83 फीसदी तक बढ़त हुई और मंगलवार को भाव सर्वकालिक ऊंचाई 1287.55 रुपये पर पहुंच गया. गौरतलब है कि 31 मार्च को खत्म तिमाही में टाइटन के शुद्ध मुनाफे में 14.4 फीसदी की बढ़त हुई थी. कंपनी को 348.3 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. टाइटन कंपनी प्लेन एवं स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी के कई ब्रांड जैसे तनिष्क, गोल्डप्लस, जोया और मिया नाम से संचालित करती है. इनके अलावा कंपनी फास्ट्रैक ब्रांड नाम से एक्सेसरीज, बैग और सनग्लासेज बेचती है. टाइटन टाइमप्रोडक्ट्स, फवरे ल्यूबा एजी और टाइटन इंजीनियरिंग ऐंड ऑटोमेशन लिमिटेड कंपनी की सहायक कंपनियां हैं.
मुंबई लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद रविवार को जारी एग्जिट पोल में मोदी सरकार की दोबारा सत्ता में वापसी के संकेत का शेयर बाजार ने सोमवार को जमकर जश्न मनाया। चुनावी अनिश्चितता को लेकर पिछले कई दिनों से निवेशक बाजार में निवेश करने से ऐहतियात बरत रहे थे। एग्जिट पोल ने एक तरह से उन्हें इससे उबरने का एक बेहतरीन मौका दे दिया, जिसका उन्होंने भरपूर फायदा उठाया। सवाल यह उठता है कि क्या बाजार में यह तेजी बरकरार रह पाएगी। दरअसल, बाजार में आई तेजी की यह आंधी कई सारे मुद्दों पर निर्भर करती है, जिसपर हम चर्चा करने जा रहे हैं। सोमवार को बीएसई के संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में 1,422 अंकों का बड़ा उछाल दर्ज किया गया, जो अंकों के हिसाब से एक दशक में सबसे बड़ी और अब तक की दूसरी सबसे बड़ी बढ़त है। सेंसेक्स 39,353 के स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स में 3.7 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई , जो एनडीए की तरफ से नरेंद्र मोदी को सितंबर 2013 में प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित किए जाने के बाद सबसे बड़ा परसेंटेज गेन है। सोमवार को निफ्टी भी 421 अंकों की बढ़त के साथ रेकॉर्ड 11,828 के स्तर पर बंद हुआ। बाजार में इस भारी बढ़त से निवेशकों की संपत्ति में 5.4 लाख करोड़ की बढ़ोतरी के साथ कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 151.4 लाख करोड़ पर पहुंच गया है। सेंसेक्स के 31 शेयरों में से 28 शेयर तेजी के साथ बंद हुए, जबकि केवल इन्फोसिस और बजाज ऑटो के शेयर में गिरावट देखी गई। एचडीफसी, रिलायंस का सर्वाधिक योगदान बीएसई के डेटा के मुताबिक, सूचकांक की बढ़ोतरी में एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक ने सबसे ज्यादा योगदान दिया। सूचकांकों में शुरुआती तेजी के बाद कुछ डीलरों ने बताया कि ट्रेडरों की शॉर्ट कवरिंग ने सूचकांक को मजबूती प्रदान की। अडाणी इंटरप्राइजेज के शेयर 27 फीसदी से अधिक और रिलायंस पावर के शेयर 18 फीसदी से अधिक और रिलायंस इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर 6.6 फीसदी उछलकर बंद हुए। अब घरेलू अर्थव्यवस्था पर निर्भर बाजार कुछ प्रमुख ब्रोकरों का कहना है कि अगले दो दिनों के सत्र में निवेशक स्थिर रह सकते हैं। गुरुवार को मतगणना होनी है, जिस दिन बाजार में बड़ी अस्थिरता आ सकती है। आगामी 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा के बाद शेयर बाजार की चाल वैश्विक एवं घरेलू कारकों जैसे अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर, घरेलू अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती, मॉनसून और सरकार के गठन पर निर्भर कर सकता है। ट्रेड वॉर का खतरा बरकरार एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के एमडी एवं सीईओ धीरज रेली ने कहा कि शेयर बाजार ने एग्जिट पोल के नतीजों का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने कहा, 'अगले कुछ दिनों में बाजार की चाल कॉरपोरेट के वित्तीय नतीजों और वैश्विक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा। इस बीच ट्रेड वॉर को लेकर खतरा बरकरार है।' अनिश्चितता से उबरने का मिला मौका ऐसा लगता है कि एग्जिट पोल ने बाजार के निवेशकों को चुनाव से संबंधित अनिश्चितता से उबरने का मौका दिया है। कोटक सिक्यॉरिटीज के एमडी एवं सीईओ कमलेश राव के मुताबिक, निफ्टी में और बढ़त के लिए बीजेपी को पूर्ण बहुमत में आने की दरकार है। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक अनिश्चितता के खतरे के साथ ही हमें लगता है कि बाजार की चाल एक बार फिर ट्रेड वॉर और अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती पर गौर करेगा।' पूर्ण बहुमत मिला तो और बढ़ेगा बाजार ड्यूश इक्विटीज इंडिया के हेड प्रतीक गुप्ता ने कहा, 'बाजार में गठबंधन की सरकार को लेकर आशंका थी। अगर 23 मई के बाद एक स्थिर सरकार सत्ता में आती है तो यह बाजार के लिए बेहद बढ़िया होगा।'
नई दिल्ली, 20 मई 2019,सभी एग्जिट पोल में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की जीत का अनुमान जारी किया गया है. इसका सोमवार से ही शेयर बाजार पर सकारात्मक असर देखा जा रहा है. जानकारों का मानना है कि बीजेपी यदि 300 सीटें जीतने में कामयाब हुई तो सेंसेक्स 40,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर जाएगा. गौरतलब है कि आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 339 से 365 सीटें मिलने का अनुमान जारी किया गया है. इसके पहले अप्रैल महीने में सेंसेक्स और निफ्टी का रिकॉर्ड स्तर क्रमश: 39,487 और 11,856 था. आजतक-एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी को 77 से 108 सीटें मिलने का अनुमान जारी किया गया है. कैपिटल एम के हेड ऑफ रिसर्च रोमेश तिवारी ने एक टीवी चैनल से कहा, 'बीजेपी यदि 300 सीटें जीतने में कामयबा रहती है, तो मौजूदा दौर जारी रहेगा और कारोबारी समुदाय को निश्चित रूप से इस बारे में निश्चितता हासिल होगी कि सरकार की नीतियां आगे भी जारी रहेंगी. इसका सकारात्मक असर होगा और बाजार में तेजी से सेंसेक्स नतीजों के बाद या एग्जिट पोल के बाद ही 40,000 के स्तर को पार कर सकता है. ' कुछ जानकारों का मानना है कि बाजार 23 मई को अंतिम नतीजे आने तक बाजार में कुछ सतर्कता रहेगी. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, 'इस हफ्ते ऐसी घटना होने वाली है जो बाजार में लॉन्ग टर्म के लिए दिशा तय कर सकती है और धन बनाने का रास्ता सेट होगा. चुनाव नतीजे जैसी घटनाएं आमतौर पर वर्षों तक चलने वाले ट्रेंड पैदा करती हैं.' दिसंबर तक 42,000 जाएगा सेंसेक्स ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली का कहना है कि यदि केंद्र में स्थ‍िर सरकार बनती है तो दिसंबर, 2019 तक सेंसेक्स 42,000 का आंकड़ा पार कर सकता है. इसी तरह डॉलर के मुकाबले रुपये में भी 20 से 25 फीसदी की बढ़त हो सकती है. गौरतलब है कि कई टीवी चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी-एनडीए को केंद्र में बहुमत मिलने का अनुमान जारी किया गया है. इसके बाद सोमवार को कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स में 750 और निफ्टी में 200 अंकों की बढ़त देखी गई. एग्जिट पोल के पहले ही पिछले दो कारोबारी सत्र में बीएसई सेंसेक्स में 815 अंकों की बढ़त हुई है, जबकि निफ्टी में 250 अंकों की तेजी देखी गई. केंद्र में मोदी सरकार आने की उम्मीद में इस साल फरवरी से लेकर पिछले हफ्ते तक ही सेंसेक्स और निफ्टी में 10 फीसदी की बढ़त हो चुकी थी. ऐतिहासिक ट्रेंड से भी यह पता चलता है कि बाजार के लिए अनुकूल माने जाने वाले मोदी के लिए विदेशी संस्थागत निवेशक भी उत्साहित रहते हैं. मोदी के पीएम बनने से दो महीने पहले मार्च 2014 में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 31,663 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. उनके पीएम बनने के बाद मई, 2014 में यह निवेश बढ़कर 33,778 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
नई दिल्ली एग्जिट पोल के नतीजे केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार के पक्ष में आने के बाद सोमवार को शेयर बाजार के खुलते ही निवेशकों की पूंजी 3.18 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। कारोबार शुरू होने के महज 60 सेकेंड के भीतर ही बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3.18 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 1,49,76,896 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1,46,58,710 करोड़ रुपये के आसपास था। इसके साथ ही, तीन सत्रों में सोमवार तक घरेलू कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 5.39 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। सोमवार को रुपया भी अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दो सप्ताह के उच्च स्तर 69.39 पर पहुंच गया। टाइम्स नाउ-वीएमआर ने बीजेपी गठबंधन को 306 सीटें मिलने की उम्मीद जताई है, जबकि बहुमत के लिए 272 सीटों की ही जरूरत है। रिपब्लिक-सी वोटर ने बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंध को 287 सीटें, जबकि न्यूज नेशन ने एनडीए को 223-290 सीटें मिलने की संभावना जताई है। बाजार की उम्मीद से बेहतर नतीजे मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज के सीएमडी मोतीलाल ओसवाल ने कहा, 'एग्जिट पोल के नतीजे उम्मीद से कहीं बेहतर हैं। अगले कुछ दिनों में बाजार में 2-3 फीसदी की तेजी दर्ज की जाएगी। मैं इन स्तरों को लेकर बेहद आशान्वित हूं। निवेशकों को शेयर में निवेश बढ़ाना चाहिए' सुबह 9.20 बजे सेंसेक्स 962 अंक या 2.53 फीसदी चढ़कर 38,892.89 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 287 अंक या 2.51 फीसदी की तेजी के साथ 11,648.70 पर कारोबार कर रहा था। बीजेपी को अकेले बहुमत तो और बढ़ेगा बाजार एचडीएफसी सिक्यॉरिटीज के रिटेल रिसर्च के हेड दीपक जसानी ने कहा, 'अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए को काफी बढ़त के साथ जीत की संभावना जताई गई है। अगर बीजेपी अपने दम पर बहुमत पा जाती है तो बाजार में और तेजी आएगी।' 23 मई तक भारी निवेश की उम्मीद विश्लेषकों का कहना है कि 23 मई तक निफ्टी 11,700 के स्तर को छू सकता है। लेकिन निफ्टी इस स्तर को बरकरार रख पाएगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिलता है या नहीं। कोटक सिक्यॉरिटीज में फंडामेंटल रिसर्च के हेड रूसमिक ओझा ने कहा कि संस्थागत निवेशक काफी मात्रा में पूंजी के साथ बाजार में निवेश के अच्छे मौके का इंतजार कर रहे हैं। एचएनआई और अल्ट्रा-एचएनआई 23 मई तक शेयर बाजार में भारी निवेश कर सकते हैं।
नई दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सातों चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चुनाव बाद जारी होने वाले ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एक बार फिर से मोदी सरकार बनने की बात कही जा रही है। हालांकि वास्तविक तस्वीर तो 23 मई को ही साफ हो पाएगी, फिर भी विपक्षी दलों में हलचल काफी बढ़ गई है और वे 23 मई की रणनीति पर काम में जुट गए हैं। इस बीच एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद शेयर मार्केट में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में भी मजबूती। रुपया 61 पैसे मजबूत होकर 69.61 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद आज निफ्टी में भी 285 अंकों की उछाल देखने को मिली है। एग्जिट पोल नतीजों के बाद शेयर बाजार में बहार देखने को मिल रही है। सेंसेक्स ने आज अपने शुरुआती कारोबार में ही 900 से ज्यादा अंक की उछाल दर्ज की है। आपको बता दें कि ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एकबार फिर मोदी सरकार का अनुमान बताया जा रहा है। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है जो इस बात की तस्दीक करता है कि जनता के बीच मोदी मैजिक इस बार भी चला है क्योंकि NDA पूरी तरह से प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी।
नई दिल्ली लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सातों चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं। चुनाव बाद जारी होने वाले ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एक बार फिर से मोदी सरकार बनने की बात कही जा रही है। हालांकि वास्तविक तस्वीर तो 23 मई को ही साफ हो पाएगी, फिर भी विपक्षी दलों में हलचल काफी बढ़ गई है और वे 23 मई की रणनीति पर काम में जुट गए हैं। इस बीच एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद शेयर मार्केट में भारी उछाल देखने को मिल रहा है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में भी मजबूती। रुपया 61 पैसे मजबूत होकर 69.61 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, एग्जिट पोल्स के नतीजों के बाद आज निफ्टी में भी 285 अंकों की उछाल देखने को मिली है। एग्जिट पोल नतीजों के बाद शेयर बाजार में बहार देखने को मिल रही है। सेंसेक्स ने आज अपने शुरुआती कारोबार में ही 900 से ज्यादा अंक की उछाल दर्ज की है। आपको बता दें कि ज्यादातर एग्जिट पोल्स में एकबार फिर मोदी सरकार का अनुमान बताया जा रहा है। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया जा रहा है जो इस बात की तस्दीक करता है कि जनता के बीच मोदी मैजिक इस बार भी चला है क्योंकि NDA पूरी तरह से प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रही थी।
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2019, मुश्किलों में चल रहे अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए समूह के लिए एक राहत भरी खबर आई है. समूह की कंपनी रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (RNAM) को जबरदस्त मुनाफा हुआ है. मार्च की तिमाही में इसके मुनाफे में 34 फीसदी की बढ़त हुई है. 31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही में RNAM का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 34.16 फीसदी बढ़कर 151.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी एक सूचना में कंपनी ने बताया कि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 112.61 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था. हालांकि, रिलायंस म्यूचुअल फंड की एसेट मैनेजमेंट कंपनी आरएनएएम ने कहा कि मार्च तिमाही में कंपनी की कुल आय एक साल पहले की इसी तिमाही के 440.19 करोड़ रुपये से घटकर 397.49 करोड़ रुपये रह गई. पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष के 455.74 करोड़ रुपये से बढ़कर इस बार 486.09 करोड़ रुपये हो गया. इसमें कहा गया है कि 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार आरएनएएम के प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्तियां 4,22,149 करोड़ रुपये थी, जो साल-दर-साल सात फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है. आरएनएएम की देशभर में 300 विभिन्न स्थानों पर भौगोलिक उपस्थिति है. कंपनी के बोर्ड ने वर्ष 2018-19 के लिए प्रति इक्विटी शेयर पर तीन रुपये का अंतरिम लाभांश घोषित किया है और रिकॉर्ड तिथि 10 मई, 2019 तय की है. रिलायंस एडीए ग्रुप देश टेलीकॉम, पावर, वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में सक्रिय है. समूह की कंपनियां इस प्रकार हैं-रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर, रिलायंस मुंबई मेट्रो, रिलायंस रोड्स, रिलायंस डिफेंस और रिलायंस एंटरटेनमेंट. रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (RNAM) असल में रिलायंस म्यूचुअल फंड (RMF) की एसेट मैनेजर है. यह रिलायंस कैपिटल और जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के बीच का साझा उद्यम है. रिलायंस कैपिटल देश की प्रमुख गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है, जबकि निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी जापान की प्रमुख निजी बीमा कंपनी है. पिछले वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के ऊपर कुल कर्ज बोझ 1,03,158 करोड़ रुपये का था और इस पर ब्याज देनदारी भी करीब 10 हजार करोड़ रुपये के पास थी. हालांकि, समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है. इस वित्त वर्ष के कर्ज का अभी समूह का आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है, लेकिन कुछ अनुमानों के मुताबिक सितंबर, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) का कर्ज बढ़कर करीब 1.72 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है. योजना के मुताबिक एसेट बिक्री से समूह का कुल कर्ज घटकर 48,645 करोड़ रुपये रह जाएगा.
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2019,नॉन–परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए को नियंत्रित करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल, एसबीआई की ओर से नई कानूनी फर्मों को नियुक्त करने की योजना बनाई गई है. इसके तहत एसबीआई, दिवाला और दिवालियापन (आईबीसी) के 100 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों को संभालने के लिए अपनी टीम को मजबूत बनाएगा. एसबीआई की ओर से कहा गया कि बैंक 100 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों को संभालने के लिए अपनी टीम में वकीलों/कानूनी फर्मो को जोड़ने की तैयारी कर रहा है. यह संभव है कि इसके लिए बड़े पैमाने पर भर्ती की जाएं. हालांकि आईबीसी के तहत मामला सुलझाने में वक्त लगता है, लेकिन बैंकों के पास अन्य विकल्पों की तुलना में यह बेहतर विकल्प है. बता दें कि एसबीआई फिलहाल आवेदनों की जांच कर रहा है. बैंक की देश भर में 20 मैनेजमेंट ब्रांच हैं. बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में दिए गए आदेश में कहा था कि 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के एनपीए के मामलों में बैंकों (एसबीआई समेत) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) जाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का निर्देश लेने की जरूरत नहीं है. इसके बाद से सभी बैंक लंबे समय से लंबित पड़े सभी मामलों को समय से हल करने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि रेटिंग एजेंसी फिच ने बीते महीने कहा था भारत के बैंकिंग सेक्‍टर के गैर-निष्पादित कर्ज (एनपीएल) में पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने में कमी आई है. फिच के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में दिसंबर तक के नौ महीने के एनपीएल का अनुपात 10.8 फीसदी है जबकि पिछले वित्त वर्ष के आखिर में यह अनुपात 11.15 फीसदी था. फिच की रेटिंग के अनुसार, 21 सरकारी बैंकों में से 14 में प्रोविजनिंग का दबाव कम हुआ है. मध्यम या छोटे आकार के सरकारी बैंक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
मुंबई, 25 अप्रैल 2019, सप्‍ताह के चौथे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर बढ़त के साथ खुले. सेंसेक्स की शुरुआत 48 अंकों की मजबूती के साथ 39 हजार 102 पर जबकि निफ्टी 10 अंकों की बढ़त के साथ 11 हजार 35 के स्‍तर पर हुई. इससे पहले बुधवार को सेंसेक्‍स 490 अंकों की बढ़त के साथ 39, 055 के स्‍तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी ने 150 अंकों की रिकॉर्ड बढ़त के साथ 11,725 के स्‍तर को पार कर गया. बुधवार को सेंसेक्स की कुल बढ़त में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक का योगदान करीब आधा रहा. शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स की कंपनियों में यस बैंक में 3.20 फीसदी तक का लाभ रहा. वहीं एलएंडटी, पावर ग्रिड, सनफार्मा, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी बढ़त में कारोबार करते देखे गए. वहीं दूसरी ओर मारुति, इन्‍फोसिस, बजाज ऑटो, ओएनजीसी और वेदांता के शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. 70 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर रुपया अगर रुपये की बात करें तो गुरुवार के कारोबार में 13 पैसे कमजोर होकर 70 रुपये प्रति डॉलर के भाव पर खुला. इससे पहले बुधवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 24 पैसे टूटकर प्रति डालर 69.86 पर बंद हुआ.रुपया दिन में एक समय चार माह के निम्न स्तर 69.97 प्रति डॉलर तक नीचे चला गया था. लेकिन स्थानी बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों की बने रहने तथा शेयर बाजार में भारी तेजी लौटने से रुपये पर दबाव कम हुआ. बता दें कि मंगलवार को रुपये की विनिमय दर पांच पैसे के सुधार के साथ 69.62 रुपये प्रति डालर पर बंद हुई थी. डॉलर में रही मजबूती अगर अमेरिकी डॉलर की बात करें तो अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले बुधवार को मजबूती दर्ज की गई. न्यूयॉर्क ट्रेडिंग में यूरो बीते कारोबार में 1.1214 डॉलर के मुकाबले घटकर 1.1142 डॉलर रहा. ब्रिटिश पाउंड बीते कारोबार में 1.2937 डॉलर के मुकाबले घटकर 1.2905 डॉलर रहा. इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई डॉलर 0.7092 डॉलर के मुकाबले घटकर 0.7005 डॉलर रहा.समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जर्मनी के इंस्टीट्यूट फॉर इकॉनोमिक रिसर्च (आईएफओ) द्वारा अप्रैल के बिजनेस क्लाइमेट के नकारात्मक आंकड़े जारी किए जाने के बाद यूरो में तेज गिरावट दर्ज की गई.
नई दिल्ली लगातार दो माह तक वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारी 21 जून से माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल नहीं निकाल सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। वहीं जीएसटी कम्पोजिशन योजना के तहत कंपनियां यदि लगातार दो बार (छह महीने) रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो वे भी ई वे बिल नहीं निकाल पाएंगे। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस बारे में 21 जून, 2019 की तिथि अधिसूचित की है। इसमें कहा गया है कि यदि जीएसटी नियमों के तहत इस अवधि में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया तो माल भेजने वाला, माल पाने वाला, ई-कॉमर्स परिचालक और कूरियर एजेंसी पर इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-बिल निकालने पर रोक होगी। नियमों के अनुसार, कम्पोजिशन योजना वाले करदाता यदि दो लगातार कर अवधियों के दौरान रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे या नियमित करदाता यदि लगातार दो माह तक रिटर्न जमा नहीं कराएंगे तो उनके ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी। वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत कंपनियों को अगले महीने की 20 तारीख तक पिछले महीने का रिटर्न दाखिल करना होता है। वहीं कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले कारोबारियों को तिमाही के अंत के बाद अगले महीने की 18 तारीख तक रिटर्न दाखिल करना होता है। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने ऐसी आईटी प्रणाली स्थापित की है, जिसमें निर्धारित अवधि में रिटर्न नहीं दाखिल करने वाली कंपनियों के ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से जीएसटी चोरी रोकने में मदद मिलेगी। बीते वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में जीएसटी चोरी या उल्लंघन के 15,278 करोड़ रुपये के 3,626 मामले सामने आए हैं।

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