बहुत कुछ

महज कुछ घंटों का और इंतजार। कल यानी 4 जून की सुबह 8 बजे से EVM का पिटारा खुल जाएगा। उसमें दर्ज जनता के वोटों की गिनती से तय होगा कि देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनेगी या नहीं? इससे पहले शनिवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- 'उम्मीदवारों के एजेंट्स को ARO के टेबल पर पहली बार अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर यह सच है तो कथित EVM धांधली से भी बड़ा है।' इसका खंडन करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, 'RO और ARO की टेबल पर उम्मीदवारों के काउंटिंग एजेंटों को जाने की अनुमति है।' आपके मन में भी सवाल होगा कि कैसे होती है वोटों की गिनती, काउंटिंग हॉल में कौन-कौन मौजूद होता है, एक साथ कितने EVM खुलते हैं, कोई गड़बड़ी होने पर कहां शिकायत करें; सवाल 1: वोटों की गिनती कहां होती है और कौन करवाता है? जवाब: लोकसभा क्षेत्र में चुनाव कराने और वोटों की गिनती की जिम्मेदार एक रिटर्निंग ऑफिसर यानी RO की होती है। राज्य सरकार की सलाह पर इलेक्शन कमीशन हर लोकसभा क्षेत्र में एक रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करता है। यह एक सरकारी अधिकारी होता है। आमतौर पर लोकसभा चुनाव में जिलाधिकारी को ही RO बनाया जाता है। हर लोकसभा क्षेत्र के RO ही मतगणना के लिए सही जगह चुनते हैं। मतगणना की तारीख इलेक्शन कमीशन तय करता है। सवाल 2: मतगणना कब शुरू होती है और कितना समय लगता है? जवाब: इलेक्शन कमीशन के मुताबिक वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होती है। किसी विशेष परिस्थिति में रिटर्निग ऑफिसर के निर्देश पर समय में बदलाव भी किया जा सकता है। सबसे पहले बैलेट पेपर और ETPBS यानी इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम के जरिए दिए गए वोटों की गिनती होती है। इस माध्यम से आमतौर पर सरकारी कर्मचारी वोट करते हैं। सर्विस वोटर में सैनिक, चुनाव ड्यूटी में तैनात कर्मचारी, देश के बाहर कार्यरत सरकारी अधिकारी और प्रिवेंटिव डिटेंशन में रहने वाले लोग होते हैं। इस प्रक्रिया में करीब आधे घंटे का समय लगता है। साढ़े आठ बजे के बाद सभी टेबलों पर एक साथ EVM के वोटों की काउंटिंग शुरू होती है। मतगणना केंद्र पर मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर यानी RO प्रत्येक राउंड की गिनती के बाद रिजल्ट बताते हैं और इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी अपडेट किया जाता है। मतों की गिनती का पहला रुझान सुबह 9 बजे से आना शुरू हो जाता है। चुनाव आयोग के मुताबिक, EVM के वोटों के अंतिम 2 राउंड की गिनती तभी की जा सकती है, जब निर्वाचन क्षेत्र के सभी डाक मतपत्र पहले ही गिने जा चुके हों। साफ है कि EVM पर वोटों की गिनती में लगने वाला समय वास्तव में इस बात पर भी निर्भर करता है कि मैनुअली डाक मतपत्रों की गिनती में कितना समय लगता है। सवाल 3: क्या मतगणना का कोई सरकारी प्रोटोकॉल भी होता है? जवाब: रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट-1951 के सेक्शन 128 और 129 के मुताबिक, मतगणना से जुड़ी जानकारी को गुप्त रखना बहुत जरूरी है। मतगणना से पहले कौन से अधिकारी किस निर्वाचन क्षेत्र की और कितने नंबर के टेबल पर गिनती करेंगे, ये सारी जानकारी पहले नहीं बताई जाती है। सुबह 5 से 6 बजे के बीच सभी अधिकारियों को मतगणना सेंटर पहुंचना होता है। इसके बाद जिले के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और मतगणना केंद्र के रिटर्निंग ऑफिसर रैंडम तरीके से सुपरवाइजर और कर्मचारी को हॉल नंबर और टेबल नंबर अलॉट करते हैं। किसी एक मतगणना हॉल में काउंटिंग के लिए 14 टेबल और 1 टेबल रिटर्निंग अधिकारी के लिए लगी होता है। किसी हॉल में 15 से ज्यादा टेबल लगाने के नियम नहीं है। हालांकि, विशेष परिस्थिति में मुख्य निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर टेबल की संख्या बढ़ाई जा सकती है। जैसे- मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के बाद इंदौर-2 में काउंटिंग के लिए 21 टेबल लगाई गईं थीं। लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही 4 राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुआ है। इन राज्यों में वोटों की गिनती के लिए काउंटिंग रूम बाकी राज्यों से अलग हो सकता है। चुनावी राजनीति पर रिसर्च करने वाली संस्था 'PRS INDIA' के मुताबिक किसी निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ होने पर एक काउंटिंग हॉल में 7 टेबल विधानसभा चुनाव की काउंटिंग और 7 टेबल लोकसभा चुनाव की काउंटिंग के लिए लगाए जाते हैं, जो आप नीचे की स्लाइड में देख सकते हैं। सवाल 4: हर उम्मीदवार के कितने एजेंट हॉल में मौजूद रह सकते हैं? जवाब: मतगणना के दौरान सभी टेबलों पर हर उम्मीदवार की ओर से एक एजेंट होता है। वहीं एक एजेंट रिटर्निंग ऑफिसर के पास बैठता है। इस तरह एक हॉल में किसी भी उम्मीदवार की ओर से 15 से ज्यादा एजेंटों को मौजूद रहने की अनुमति नहीं दी जाती है। विशेष परिस्थिति में टेबल की संख्या बढ़ाए जाने पर एजेंटों की संख्या बढ़ सकती है। सवाल 5: क्या एक लोकसभा क्षेत्र के लिए एक ही काउंटिंग सेंटर होता है? जवाब: हां, एक विधानसभा क्षेत्र के लिए एक ही काउंटिंग सेंटर होता है। संसदीय क्षेत्र के लिए मतगणना एक से ज्यादा जगहों पर भी की जा सकती है। एक लोकसभा में कई विधानसभा क्षेत्र होते हैं। ऐसे में काउंटिंग हॉल में भीड़भाड़ कम हो, इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर के अलावा एक अन्य सहायक रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति होती है। चुनाव आयोग से परमिशन लेकर सहायक रिटर्निंग ऑफिसर विधानसभा स्तर पर भी एक काउंटिंग हॉल बनाकर वोटों की गिनती करवा सकते हैं। आखिर में पूरे संसदीय क्षेत्र के सभी काउंटिंग सेंटर के वोटों को जोड़ दिया जाता है। सवाल 6: मतगणना के दौरान उम्मीदवारों के एजेंटों की नियुक्ति कौन करता है? जवाब: उम्मीदवार खुद अपने एजेंट चुनता है और स्थानीय निर्वाचन अधिकारी से अप्रूव करवाता है। निर्वाचन संचालन अधिनियम 1961 के प्रारूप- 18 में इस तरह के नियुक्ति की बात कही गई है। मतगणना एजेंटों की लिस्ट नाम और फोटो सहित काउंटिंग की तारीख से तीन दिन पहले जारी की जाती है। सवाल 7: मतगणना के दौरान हॉल के अंदर गड़बड़ी न हो, इसके लिए क्या नियम होते हैं? जवाब: किसी गड़बड़ी को रोकने के लिए कुछ सावधानियां बरती जाती हैं। जैसे… काउंटिंग के समय रिटर्निंग अधिकारी चाहें तो किसी भी एजेंट की तलाशी ले सकते हैं। हर उम्मीदवार के एजेंट को एक तरह के बैज दिए जाते हैं, ताकि उन्हें देखकर समझ आ जाए कि वो किस उम्मीदवार के एजेंट हैं। एक बार हॉल में आने वाले एजेंट को गिनती खत्म होने तक बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। रिटर्निंग अधिकारी हॉल से किसी भी व्यक्ति को निर्देश नहीं मानने पर बाहर कर सकते हैं। हॉल के पास ही पीने का पानी, टॉयलेट, भोजन आदि की व्यवस्था रहती है। मतगणना में तैनात कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी को भी हॉल में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं होती है। हॉल में मौजूद पर्यवेक्षक अधिकारी हर राउंड की गिनती के बाद रैंडम किसी दो टेबल को सेलेक्ट करके दोनों टेबल के वोटों का मिलान करता है। जब रिजल्ट का सही से मिलान हो जाता है तभी इसे डन कर वेबसाइट पर इसे अपडेट किया जाता है। सवाल 8: मतगणना क्षेत्र के आसपास कुछ गड़बड़ दिखे तो क्या करें? जवाब: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी के मुताबिक, अगर मतगणना क्षेत्र के आसपास यानी 50 मीटर के अंदर ये 4 परिस्थितियां दिखें तो रिटर्निंग ऑफिसर से शिकायत कर सकते हैं… अगर कोई व्यक्ति मतगणना क्षेत्र में घुसने की कोशिश करे या फिर घुस जाए। मतगणना क्षेत्र के आसपास अगर किसी व्यक्ति की एक्टिविटी पर आपको शक हो। अगर किसी व्यक्ति के पास आपने कोई हथियार देखा है। रिजल्ट से खुश नहीं हैं और आपको लग रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM में कोई गड़बड़ थी। सवाल 9: अगर रिटर्निंग ऑफिसर शिकायत पर एक्शन नहीं लेता है तो क्या करें? जवाब: मतगणना के दिन किसी भी तरह की गड़बड़ी की शिकायत वहां मौजूद रिटर्निंग ऑफिसर से करें। वह शिकायत पर एक्शन नहीं लेते हैं तो जिला निर्वाचन अधिकारी के पास फोन के जरिए, लिखित, फैक्स या फिर ईमेल से शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग से सीधे तौर पर शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के लिए दिल्ली स्थित इलेक्शन कमीशन के ऑफिस में एक कंट्रोल रूम भी बना है। सवाल 10: क्या इन बातों की शिकायत कुछ दिन बाद भी की जा सकती है? जवाब: नहीं, इसकी शिकायत फौरन करनी चाहिए। आपको जैसे ही गड़बड़ी की आशंका हो ऑन द स्पॉट बताएं। देर करने का कोई मतलब नहीं। चुनाव आयोग ने इसके लिए 24 घंटे के अंदर का वक्त तय किया है। यानी 4 जून को लोकसभा चुनाव की काउंटिंग है। उस दिन सुबह 8 बजे से दूसरे दिन यानी 5 जून की सुबह 8 बजे तक ही शिकायत कर सकते हैं। एक बार रिजल्ट आ गया और नतीजों से आप खुश नहीं हैं तो उस रिजल्ट को सिर्फ कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। सवाल 11: मान लीजिए मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूं। काउंटिंग वाले दिन किसी काम से दिल्ली में था। मुझे अपने राज्य की मतगणना में कुछ गड़बड़ होने की बात पता चली, तब भी क्या मैं शिकायत कर सकता हूं? जवाब: हां, ऐसा आप कर सकते हैं। जिस व्यक्ति ने आपको इसकी सूचना फोन पर दी है, उसे सबसे पहले शिकायत ऑन द स्पॉट करनी चाहिए। वैसे तो आप देश-दुनिया के किसी भी हिस्से से इसकी शिकायत कर सकते हैं। बस इसके लिए आपकी सिटिजनशिप भारत की होनी चाहिए। सवाल 12: मतगणना केंद्र पर काउंटिंग में गड़बड़ी के दोषी पाए गए तो क्या होगा? जवाब: रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट-1951 के सेक्शन 136 के तहत मतगणना केंद्र पर गड़बड़ी करने वाले कर्मचारी और नागरिक दोनों के लिए सजा का प्रावधान है। दोषी पाए जाने वाले को 6 महीने से 2 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। सवाल 13: वोटिंग मशीन के बदलने या उससे छेड़छाड़ की शिकायत मिलने पर क्या होता है? जवाब: किसी केंद्र पर वोटिंग मशीन बदलने या उसमें छेड़छाड़ की शिकायत मिलती है तो रिटर्निंग ऑफिसर तुरंत इसकी जांच करता है। अगर यह साबित हो जाता है कि वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ की गई है तो उसे अलग रखा जाता है। उसमें रिकॉर्ड मतों की गिनती नहीं की जाती है। इसकी सूचना राज्य और केंद्र के चुनाव आयोग कार्यालय को दी जाती है। पूरी तरह से मतगणना को रोकना जरूरी नहीं है। सिर्फ जिस मशीन को लेकर शिकायत मिली है, उसे ही अलग रखा जाता है। सवाल 14: मतगणना के बाद EVM का क्या होता है? जवाब: नतीजों की घोषणा होने और विजेता उम्‍मीदवार को रिटर्निंग ऑफिसर के जरिए जीत का सर्टिफिकेट देने के बाद EVM को फिर से स्ट्रांग रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। काउंटिंग के 45 दिनों बाद तक EVM को उसी स्टोर रूम में रखी रहती है, जिसके बाद उसे वहां से बड़े स्टोर रूम में शिफ्ट कर दिया जाता है। चुनाव आयोग के अनुसार, इन EVM में अगले 6 महीने तक डेटा को संभाल के रखा जाता है और इन्हें किसी अन्य चुनाव के लिए उपयोग में भी नहीं लाया जाता है। इसके बाद इनके डेटा को सुरक्षित तरीके से डंप करके EVM को आगे के चुनावों के लिए इस्तेमाल करने लायक बना दिया जाता है।
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है। मारे गए आतंकियों के पास से काफी मात्रा में गोला बरामद किया गया। मारे गए आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन बताया जा रहा है कि दोनों लश्कर के आतंकी है। इनमें एक की पहचान रियाज डार के रूप में हुई है। कहां हुआ एनकाउंटर? जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों को सूचना मिली कि पुलवामा जिले के निहामा इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं। सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने उस इलाके को घेर लिया। इसके बाद आतंकियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया। लेकिन आतंकियों ने टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोनों तरफ से मुठभेड़ हुई। इसमें सुरक्षाबलों ने मकान के अंदर छिपे हुए दोनों आतकियों को मार गिराया। मकान को भी आग लग गई। दोनों आतंकी लश्कर से जुड़े दोनों के शवों को सुरक्षाबलों ने कब्जे में ले लिया। लेकिन उनकी सही तरीके से पहचान नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि दोनों लश्कर से जुड़े हुए हैं। उनके पास से जो सामान बरामद हुआ है। उससे साफ हुआ है कि दोनों लश्कर आतंकी संगठन के हैं। वोटों की गिनती से पहले बड़ी सफलता लोकसभा चुनावों की गिनती मंगलवार को है। ऐसे में प्रदेश के हर जिले में सुरक्षा को कड़ा किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इन दोनों आतंकियों का इरादा कोई हमला करने का था। लेकिन इससे पहले ही दोनों को मार गिराया गया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश के अनुरोध को चुनाव आयोग ने सिरे से ठुकरा दिया है और कहा है कि आज शाम ही वो आरोपों के सबूत पेश करें। बता दें कि जयराम रमेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया था कि अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त होने के बाद देश भर के 150 जिलाधिकारियों को फोन किया था। अपने इस आरोप के सबूत के लिए जयराम रमेश ने एक सप्ताह का समय मांगा था। अब चुनाव आयोग ने कहा है कि आपको एक सप्ताह का समय नहीं दिया जाएगा, आप आज शाम ही सबूत पेश करें। चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को सोमवार शाम सात बजे तक इन आरोपों के लिए जवाब देने को कहा है। कांग्रेस नेता ने कहा था कि, "अब तक उन्होंने 150 लोगों से बात की है और यह स्पष्ट रूप से धमकी है, जो दिखाती है कि बीजेपी कितनी हताश है। अधिकारियों को किसी भी दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान का पालन करना चाहिए।" इससे पहले दिन में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जयराम रमेश के आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा कि अफवाहें फैलाना और हर किसी पर शक करना सही नहीं है। चुनाव आयुक्त ने इन आरोपों पर सख्ती दिखाते हुए कहा, "क्या कोई उन सभी (जिला मजिस्ट्रेट/रिटर्निंग ऑफिसर) को प्रभावित कर सकता है? हमें बताएं कि यह किसने किया। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया... यह सही नहीं है कि आप अफवाह फैलाएं और हर किसी पर शक करें।" बता दें कि रविवार को चुनाव आयोग ने जयराम रमेश से अमित शाह के खिलाफ जो उन्होने आरोप लगाए हैं, उसे लेकर पूरी जानकारी मांगी थी। ईसीआई ने कहा था, "वोटों की गिनती की प्रक्रिया हर आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) का एक कर्तव्य है। एक वरिष्ठ, जिम्मेदार और अनुभवी नेता की ओर से इस तरह से सार्वजनिक बयान देकर शक पैदा करने की स्थिति नहीं पैदा करनी चाहिए। जनहित को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस पर ध्यान रखना चाहिए।"
लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा से एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को यहां एक बैठक की। केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की यह बैठक एग्जिट पोल में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बड़ी जीत की भविष्यवाणी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंन्स’ (‘इंडिया’) की कई दौर की बैठकों की पृष्ठभूमि में हुई है। समझा जाता है कि इसके मद्देनजर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया और भावी रणनीति को लेकर चर्चा की। चुनावी रिजल्ट से पहले भाजपा नेताओं की दिल्ली में बैठक विपक्षी गठबंधन ने एग्जिट पोल के अनुमानों को सिरे से खारिज कर दिया है और दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता से बाहर होने वाली है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी वाली इस बैठक को लेकर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन समझा जाता है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विपक्ष से मुकाबले की रणनीति पर भी मंथन किया। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को निर्वाचन आयोग का रुख किया था और कांग्रेस एवं उसके सहयोगियों पर भारत की चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। विपक्षी गठबंधन ने कहा- पहले हो डाक मतपत्रों की गिनती उसने आयोग से चार जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान ‘हिंसा और अशांति’ के किसी भी प्रयास को रोकने का भी अनुरोध किया था। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि ईवीएम के परिणाम घोषित होने से पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाए और उनके परिणाम घोषित किए जाएं। विपक्षी गठबंधन ने जोर देकर कहा कि निर्वाचन आयोग को मतगणना प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका कार्यान्वयन हो।
लोकसभा चुनाव 2024 का आयोजन संपन्न होने के बाद सोमवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयुक्तों ने देश के वोटर्स को मतदान के लिए धन्यवाद दिया है। चुनाव आयुक्तों ने कुर्सी से उठकर देश की जनता को स्टैंडिग ओवेशन दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल, डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान और सुरक्षा कर्मी शामिल रहे थे। कितने करोड़ वोट डाले गए? मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ वैश्विक रिकॉर्ड बनाया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, "हमने 642 मिलियन मतदाताओं का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। यह सभी G7 देशों के मतदाताओं का 1.5 गुना और EU के 27 देशों के मतदाताओं का 2.5 गुना है। कश्मीर में चुनाव कब? मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में मतदान प्रतिशत पिछले चार दशकों में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में चुनाव पर हमसे पूछा जाता था कि वादी में चुनाव कब कराएंगे.. हम कहते है अब कराएंगे। इस चुनाव में हिंसा नहीं देखी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि यह उन आम चुनावों में से एक है जिसमें हमने हिंसा नहीं देखी। उन्होंने कहा कि चुनाव कर्मियों के सावधानीपूर्वक कार्य के कारण हम कम पुनर्मतदान सुनिश्चित करते हैं। हमने 2024 के लोकसभा चुनाव में 39 पुनर्मतदान देखे, जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे और 39 में से 25 पुनर्मतदान केवल 2 राज्यों में हुए थे। 10,000 करोड़ रुपये की ज़ब्ती सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग ने इस चुनाव के दौरान लगभग 10,000 करोड़ रुपये की ज़ब्ती का रिकॉर्ड बनाया। यह 2019 में जब्त किए गए मूल्य का लगभग 3 गुना है। स्थानीय टीमों को अपना काम करने का अधिकार दिया गया। दो निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा ‘लापता जेंटलमेन’ नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि ‘‘हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे। मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित करने के लिए अपनाई जाने वाली मतगणना प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "संपूर्ण मतगणना प्रक्रिया पूरी तरह से मजबूत है। यह घड़ी की सटीकता के समान काम करती है।" सबके हेलिकाप्टर चेक हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने ये भी कहा कि मीडिया ने खबर चलाई कि किसी का हेलिकाप्टर चेक कर लिया। मैं बताना चाहता हूं कि सबके हेलिकाप्टर चेक हुए। कोई मंत्री, सीएम कोई नहीं बचा। क्योंकि हमने ये सुनिश्चित किया कि कही कोई भी गड़बड़ी न हो।
कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। यहां एक मौलवी ने एक नाबालिग लड़की को अपने हवस का शिकार बना लिया। मौलवी ने भूत-प्रेत भगाने के नाम पर नाबालिग लड़की की अस्मत से खिलवाड़ किया। पहले उसने लड़की के भाई से संबंध बनावाया फिर खुद ही नाबालिग का यौन शोषण करने लगा। अब पुलिस ने आरोपी मौलवी व नाबालिग के भाई को अरेस्ट किया है। मौलवी पढ़ाता था कुरान चित्रदुर्ग पुलिस ने धर्म की आड़ में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप के आरोप में एक मौलवी को अरेस्ट कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, मौलवी मूलतः उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और पिछले कुछ सालों से चित्रदुर्ग की इस मस्जिद में मौलवी है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़िता पिछले 3 सालों से आरोपी के पास कुरान पढ़ने आती थी। वह बीते कुछ समय से बीमार रहने लगी, जिस पर आरोपी मौलवी ने लड़की के घरवालों को भरोसा दिलाया कि लड़की पर भूत प्रेत का साया है और झाड़ फूंक से उसे भगाया जा सकता है जिसके बाद पीड़िता ठीक हो जाएगी। भाई को किया मजबूर पुलिस के मुताबिक, कुछ महीने पहले मौलवी पीड़िता और उसके भाई को मस्जिद के एक कमरे में लेकर गया, वहां पीड़िता और उसके भाई को यह कहकर भरोसे में लिया पीड़िता के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाने से उसके ऊपर लगा साया उसे छोड़ देगा। जब भाई हिचकिचाया तो मौलवी ने उसे धर्म के नाम पर मजबूर किया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि इस काम के लिए मौलवी ने पहले उसके भाई को चुना और उसने इसका वीडियो भी बना लिया। ऐसे सच्चाई आई सामने पुलिस शिकायत के मुताबिक, इसके बाद वो सप्ताह में एक बार पीड़िता को बुलाता और भूत प्रेत के साये से निजात दिलाने के नाम पर उसका रेप करता रहा। जब लड़की ने अपनी माँ से लगातार बीमार रहने लगी और पेट में दर्द रहने की शिकायत करने लगी तो मां को शक हुआ। इसके बाद मां ने जब बेटी से पूछा तो सारी कहानी सामने आ गई। मां की शिकायत पर पुलिस ने 31 मई को FIR दर्ज कर आरोपी मौलवी और लड़की के भाई को अरेस्ट कर लिया।
नई दिल्ली: नतीजों से पहले ही दिल्ली में सियासी हलचल तेज हो गई है। बीजेपी के बड़े नेताओं की बैठक हो रही है। वहीं यह खबर सामने आ रही है कि एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित बीजेपी नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के अलावा एक बड़े राजनीतिक कार्यक्रम की योजना बना रही है। यह कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में इस वीकेंड आयोजित हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक यह 'राजनीतिक कार्यक्रम' आधिकारिक शपथ ग्रहण के दिन ही भारत मंडपम या कर्तव्य पथ पर आयोजित होने की संभावना है। इसे 'भारत की सांस्कृतिक विरासत' के प्रदर्शन के रूप में आयोजित करने की तैयारी है जिसमें संभवतः साउंड और लाइट शो भी शामिल होगा। इसमें विदेशी सरकारों के प्रतिनिधियों सहित 8 से 10 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की योजना को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन यह 9 जून को हो सकता है। 2019 में, सरकार ने परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद 30 मई को शपथ ली। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'राजनीतिक कार्यक्रम' पर चर्चा की गई है साथ ही 'बड़ी सभा' की मेजबानी की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई, खास तौर पर मौजूदा मौसम की स्थिति को देखते हुए। पार्टी नेता ने कहा, 'माना जाता है कि इस कार्यक्रम पर वरिष्ठ नेतृत्व ने चर्चा की है और रामलीला मैदान, लाल किला से लेकर भारत मंडपम और यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर तक कई जगहों को विकल्प के तौर पर चुना गया है।
सरकार की ओर से वाई-फाई राउटर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। आपके घर में TP-Link का वायरलेस राउटर लगा है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि यह आपके लिए खतरा बन सकता है। केंद्र सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) की ओर से इस मामले में एक अलर्ट जारी किया गया है। मिली ये खामी रिपोर्ट की मानें,तो TP-Link राउटर में सिक्योरिटी इश्यू की पहचान की गई है, जो यूजर्स की सुरक्षा के लिहाज से अच्छा नहीं है। फर्मवेयर वर्जन 1_1.1.6 पर चल रहे टीपी-लिंक राउटर में इस तरह की खामी मिली है। इससे सिक्योरिटी रिस्क को बायपास किया जा सकता है और हैकर्स आपकी डिवाइस को निशाना बना सकते हैं। साधारण शब्दो में समझें, तो हैकर्स आपकी डिवाइस में मनमाना कोड डाल सकते हैं। इसके बाद आपकी डिवाइस को कंट्रोल में ले सकते हैं, जो यूजर की प्राइवेसी के लिए खतरा पैदा करेगा। बचने के लिए क्या करें TP-Link यूजर को बचने के लिए लेटेस्ट वर्जन अपडेट करना होगा। मतलब आपको राउटर को फर्मवेयर वर्जन v1_1.1.7 में अपडेट करना होगा। कैसे करें अपडेट टीपी-लिंक की ऑफिशियल वेबसाइट से अपडेट इंस्टॉल करें। इस वेबसाइट पर जाकर आप चेक कर सकते हैं कि आपका राउटर किस वर्जन पर चल रहा है। अपडेट के दौरान राउटर को ऑन रखना चाहिए। आपको राउटर को वायलेस की जगह वायर्ड कनेक्शन से अपडेट करना बेहतर होगा। अपडेट के दौरान कंप्यूटर का इस्तेमाल न करें।
पटना के मसौधी के टेनरी गांव में रामकृपाल यादव की गाड़ी के सामने एक युवक ने फायरिंग की। हालांकि, गोली रामकृपाल को नहीं लगी और वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रामकृपाल यादव भारतीय जनता पार्टी के बने नेता और सांसद हैं। पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में पाटलिपुत्र से उम्मीदवार बनाया है। सातवें चरण के मतदान के बाद उनके ऊपर फायरिंग की गई है। सातवें चरण में बिहार की आठ सीटों पर मतदान हुआ। 40 लोकसभा सीट वाले बिहार में सभी सात चरणों में वोटिंग हुई है। यहां बीजेपी और जदयू एनडीए गठबंध का हिस्सा हैं। वहीं, राजद और कांग्रेस विपक्षी दलों के इंडिया गठबंध में शामिल हैं। राज्य में इन्हीं दोनों गठबंधन के बीच लड़ाई है। पाटलिपुत्र में लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण में एक जून को मतदान हुआ। मतदान के बाद ही बीजेपी उम्मीदवार पर हमला किया गया, लेकिन वह सुरक्षित रहे। रामकृपाल यादव मीसा भारती के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। अब दोनों उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है और चार जून को नतीजे सामने आएंगे। तिनेरी बूथ से लौटते समय हुई घटना सातवें चरण का मतदान खत्म होने के बाद देर शाम रामकृपाल यादव पटना के तिनेरी बूथ से लौट रहे थे। उनके साथ तिनेरी के कुछ युवक भी साथ में थे। जब वह मठिया गांव के पास पहुंचे तब मठिया के लोगों ने उनपर हमला कर दिया। हमले में तिनेरी के एक युवक का सर फूटा है। वहीं गोलीबारी की भी घटना हुई है। यह घटना शाम में छह बजे के आसपास की बताई जा रही है। पुलिस ने दर्ज किया मामला पटना एसएसपी ने बताया कि आवेदन में उल्लेख है कि उनके काफिले पर हमला किया गया और गोली चलायी गई है, दिये गये आवेदन पर FIR किया गया गया है। बाकी सारे बिंदु अनुसंधान के क्रम में स्पष्ट किए जाएंगे। FIR में 9 प्राथमिकी अभियुक्तों का उल्लेख है।
अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। विधानसभा चुनाव में अरुणाचल की 60 सीटों पर मतगणना जारी है। 60 सीटों में से 44 सीटें भाजपा जीत चुकी है जबकि 2 सीटों पर वह आगे चल रही है। कुल मिलाकर इस वक्त भाजपा की झोली में 46 सीटें आते दिख रही है। अब तो यह बिल्कुल साफ है कि भाजपा इस बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी। वहीं, नेशनल पिपुल्स पार्टी (NPEP) की बात करें तो यह पार्टी 4 सीटों पर अपना कब्जा जमा चुकी है जबकि 2 सीटों पर यह लीड कर रही है। पिपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) ने राज्य की 2 सीटें अपने नाम कर ली है। जबकि नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) 1 सीट जीत चुकी है और 2 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस इस राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल पाई है। अभी तक सिर्फ 1 सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है। वहीं अब तक तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने अपनी जीत हासिल की है। अरुणाचल में ये 10 विधायक निर्विरोध चुने गए मुक्तो विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं खड़ा था, इसलिए यह सीट भाजपा की झोली में पहले से ही थी। ऐसे ही भाजपा के कुल 10 विधायक ऐसे हैं जो निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं, भाजपा से पहली बार चुने गए और सेवानिवृत्त इंजीनियर तेची रोटू सागली विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे, उनके आगे भी किसी भी उम्मीदवार ने अपना पर्चा नहीं भरा था। इसके अलावा उप मुख्यमंत्री चौना मीन चौखम सीट से निर्विरोध चुने गए हैं। वहीं, 7 अन्य बीजेपी के निर्विरोध चुने गए विधायकों में दासंगलू पुल (हयुलियांग सीट से - ST), डोंगरू सियोंग्जू (बोमडिला सीट से), हेगे अप्पा (ज़ीरो-हापोली सीट से), जिक्के ताको (ताली सीट से), न्यातो डुकम (तालिहा सीट से), मुत्चू मीठी (रोइंग सीट) और तेची कासो (ईटानगर सीट) हैं। 2019 की रिजल्ट इससे पहले साल 2019 में BJP ने अरुणाचल प्रदेश में 41 विधानसभा सीटें जीतकर राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। उस वक्त जनता दल (यूनाइटेड) ने सात विधानसभा सीट, एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने पांच, कांग्रेस ने चार और पीपीए (पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल) ने एक सीट जीती थी। इनके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे है। 2 जून को खत्म हो रहा कार्यकाल बता दें कि 2 जून को 60 सदस्यों वाली विधानसभा और वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू का कार्यकाल खत्म हो रहा है। BJP ने अरुणाचल की जनता से किए थे ये वादे अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का घोषणापत्र BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जारी किया था। पार्टी ने घोषणापत्र में 25,000 युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था। साथ ही किसानों को हर महीने 9,000 रुपये देने की बात कही थी। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के लोगों से राज्य में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं लाने का वादा किया गया था।
सिक्किम विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ हो चुके हैं। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी SKM एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है। प्रदेश की 32 सीटों में से SKM ने 23 सीटों पर अपनी जीत पक्की कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, जबकि 8 सीटों पर रुझानों में आगे चल रही है। वहीं, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी SDF के खाते में एक सीट आई है। सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) को लगातार दूसरी बार बड़ी जीत मिली है। बीजेपी, कांग्रेस और सिटीजन एक्शन पार्टी-सिक्किम (सीएपी-एस) के खाते में एक भी सीट नहीं आई है। सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई है। विधानसभा के साथ-साथ सिक्किम की एक लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। 2019 में राज्य के छठे सीएम बने तमांग प्रेम सिंह तमांग वर्तमान में सिक्किम के मुख्यमंत्री हैं। वह 2019 में राज्य के छठे मुख्यमंत्री चुने गए थे। प्रेम सिंह तमांग पश्चिम सिक्किम से आते हैं और 1990 के दशक की शुरुआत से राजनीति में सक्रिय हैं। 1993 में प्रेम सिंह तमांग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में शामिल हुए और 1994 में चाकुंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्हें राज्य सरकार में मंत्री भी बनाया गया और 2009 तक वह कैबिनेट मंत्री बने रहे। पिछले चुनाव में 17 सीटों पर मिली जीत प्रेम सिंह तमांग करीब 16 सालों तक सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में रहे। इसके बाद उन्होंने बगावत कर दी। 2013 में प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) का गठन किया और 2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। 2019 में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को राज्य की 32 में से 17 सीटों पर बड़ी जीत मिली। इसके बाद प्रेम सिंह तमांग राज्य के सीएम बने। अब उनकी पार्टी को दूसरी प्रचंड जीत मिली है।
रामपुर : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन्हें डूंगरपुर बस्ती में मारपीट, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही उनपर 14 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। 2019 में दर्ज हुआ था मुकदमा रामपुर की विशेष एमपी—एमएलए अदालत ने सपा नेता आजम खां को इस मामले में कल दोषी करार दिया था। गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के कई मुकदमे वर्ष 2019 में दर्ज हुए थे। इस मामले में ठेकेदार बरकत अली और आजम खां को आरोपी बनाया गया था। कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए थे। धारा 392, 504, 506, 452, 120B के तहत केस दर्ज हुआ था। जबरन मकानों को तोड़ने का आरोप दरअसल, समाजवादी पार्टी के शासन काल में डूंगरपुर में आसरा आवास का निर्माण कराया गया था। इस जगह पर पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे। आरोपों के मुताबिक इस जमीन को सरकारी बताकर मकानों को तोड़ दिया था। पीड़ितों ने लूटपाट का आरोप भी लगाया था। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद वर्ष 2019 में इस मामले में रामपुर के गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। क्या था मामला डूंगरपुर बस्ती के निवासी अबरार नामक व्यक्ति ने गंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आजम खान, सेवानिवृत्त पुलिस क्षेत्राधिकारी आले हसन और ठेकेदार बरकत अली पर घर में घुसकर लूटपाट और मारपीट करने का आरोप लगाया गया था। यह भी इल्जाम था कि जबरन घर खाली करवाकर उसे ध्वस्त करा दिया गया था। आजम खान विभिन्न मामलों में इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं और वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिये उनकी पेशी हुई थी। इस बीच आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया। उन्हें पिछले हफ्ते हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में जमानत इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 24 मई को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी थी। परिवार के तीन सदस्यों को रामपुर की एक अदालत ने जालसाजी के जुर्म में दोषी ठहराया था। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद आजम खान और अब्दुल्ला आजम को सलाखों के पीछे ही रहना होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई अन्य मामले चल रहे हैं। स्थानीय अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद फातिमा पिछले वर्ष 28 अक्टूबर से जेल में थीं।
जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में गुरुवार को श्रद्धालुओं को लेकर जा रही एक बस के सड़क से फिसलकर खाई में गिर जाने से 20 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कई यात्री घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिले के कालीधर क्षेत्र में यह बस सड़क से फिसलकर करीब 150 फुट गहरी खाई में जा गिरी। उन्होंने बताया कि बस श्रद्धालुओं को शिवखोड़ी ले जा रही थी। अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है एवं घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। चालक ने बस पर से खोया नियंत्रण बताया जा रहा है चालक द्वारा बस पर से नियंत्रण खो जाने के बाद यह दर्दनाक हादसा हुआ है। जम्मू के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कई यात्रियों की हालत नाजुक है। जम्मू से शिवखोड़ी को जा रही थी बस मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश नंबर की यह बस जम्मू से शिवखोड़ी को जा रही थी। इस दौरान अखनूर के टूंगी मोड़ में गहरी खाई में जा गिरी। बस में लगभग 60 से अधिक यात्री सवार थे। मौके पर एसडीएम अखनूर लेख राज, एसडीपीओ अखनूर मोहन शर्मा, थानाप्रभारी अखनूर तारिक अहमद मोके पर बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
झारखंड की राजधानी रांची स्थित PMLA की स्पेशल कोर्ट ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है। अब हेमंत सोरेन 13 जून तक रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रहेंगे। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उनकी पेशी हुई और इसके बाद न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी गई। जमीन घोटाले के इसी मामले में जेल में बंद राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप और फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मास्टरमाइंड मो. सद्दाम की भी अदालत में ऑनलाइन पेशी हुई और उनकी हिरासत भी 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई। रांची के बड़गाईं अंचल में साढ़े आठ एकड़ जमीन की अवैध तरीके से खरीदारी करने के मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को आठ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में बंद हैं। इस मामले में अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। रेगुलर बेल पिटीशन पर सुनवाई? इस बीच, हेमंत सोरेन ने झारखंड हाई कोर्ट में रेगुलर बेल पिटीशन फाइल कर रखी है, जिस पर 10 जून को सुनवाई होनी है। बीते मंगलवार को जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की वेकेशन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी, लेकिन उन्हें तत्काल राहत नहीं मिल पाई। ईडी ने इस मामले में जवाब दाखिल करने और पक्ष रखने के लिए समय की मांग की। कोर्ट ने एजेंसी को 10 जून के पहले शपथ पत्र के जरिए जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके पहले इस मामले में रांची की स्पेशल PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने 13 मई को हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में भी दायर की थी याचिका सोरेन ने ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी। 21-22 मई को सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने याचिका पर सुनवाई की थी। सुनवाई को दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई थी कि सोरेन की ओर से फाइल की गई पिटीशन में इस फैक्ट को छिपाया गया है कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की स्पेशल कोर्ट संज्ञान ले चुकी है। इसके बाद सोरेन की ओर से याचिका वापस ले ली गई थी।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आतिशी को समन भेजा है। आतिशी को 29 जून को कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया गया है। बता दें कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के एसीएमएम ने दिल्ली भाजपा के मीडिया विभाग के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर के एक मुकदमे को स्वीकर कर लिया है। प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली की मंत्री आतिशी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली की मंत्री आतिशी को 29 जून को अदालत में पेश होने के लिए बुलाया है। बीजेपी ने दायर की थी शिकायत दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री आतिशी के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक शिकायत दायर कर भाजपा और पार्टी के सदस्यों की मानहानि का आरोप लगाया गया था। भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी। क्या हैं आरोप प्रवीण शंकर कपूर की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया कि आम आदमी पार्टी के दोनों नेताओं (अरविंद केजरीवाल और आतिशी) ने भाजपा पर आप विधायकों को खरीदने और राज्य सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए 'झूठे और मनगढ़ंत बयान' दिए जिसका मकसद भाजपा और उसके कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा को आम जनता में कम करना था। प्रवीण शंकर कपूर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि “इस प्रकार के दुर्भावनापूर्ण/निंदनीय बयानों के जरिए आम आदमी पार्टी, भाजपा और उसके सदस्यों को बदनाम करते हैं। इतना ही नहीं प्रेस वार्ता के मंच का उपयोग करते हुए झूठे बयान देकर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश करते हैं।” आप के आरोप फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल खुद अंतरिम जमानत पर बाहर आए हुए हैं। वहीं लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें सरेंडर करना है। ऐसे में आदमी पार्टी की नेता आतिशी को भी समन किया गया है। वहीं आप की ओर से भाजपा पर लगातार पार्टी को तोड़ने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। अलग-अलग चुनावी जनसभाओं में अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि पीएम मोदी आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं को जेल में भेजकर पार्टी को खत्म करना चाहते हैं।
दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष दिल्ली शराब नीति में कथित रूप से हुए घोटाले में हुए भ्रष्टाचार मामले में दायर 7वें पूरक आरोप पत्र को प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। इस मामले की सुनवाई स्पेशल सीबीआई जज कावेरी बावेजा कर रही हैं। ईडी ने अब तक मामले में कुल 8 आरोपपत्र/अभियोजन शिकायतें दायर की हैं, जिसमें 1 आरोप पत्र +7 अनुपूरक आरोप पत्र शामिल हैं। ईडी ने आरोप पत्र दाखिल करते हुए कहा कि इस मामले के मुख्य सरगना और साजिशकर्ता मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरगना और मुख्य साजिशकर्ता हैं। आम आदमी पार्टी को भी ईडी ने आरोपी बनाया है और कोर्ट में कहा है कि आप के संयोजक के रूप में केजरीवाल की व्यक्तिगत और प्रतिनिधि की भूमिका थी। ईडी ने कोर्ट में कहा कि इस घोटाले की साजिश रचने के समय जो भी पार्टी का प्रभारी था और पार्टी के लिए उत्तरदायी था, उसे ही घोटाले का मुख्य आरोपी माना जाएगा। ईडी ने कहा कि आम आदमी पार्टी, आप एक राजनीतिक दल है और आरपी अधिनियम के तहत एक राजनीतिक दल व्यक्तियों का एक संघ होता है और पीएमएलए के तहत व्यक्तियों का एक संघ कंपनी अधिनियम की धारा 70 के स्पष्टीकरण एक के अंतर्गत आता है। ईडी का दावा, बढ़ सकती हैं केजरीवाल की मुश्किलें अपने आरोप-पत्र पर ईडी ने अतिरिक्त बातें ये कहीं जो काफी अहम मानी जा रही हैं। ईडी ने कहा कि चनप्रीत सिंह ने अपराध की 45 करोड़ की आय को संभाला और सिंह ने उस होटल के लिए रिश्वत के पैसे (पीओसी) से भुगतान किया, जहां केजरीवाल ठहरे थे। हवाला संचालकों को विनोद चौहान का सीधा संदेश ये मिलता है कि केजरीवाल और चौहान के बीच गहरा संबंध था। विनोद चौहान और अभिषेक बोइनपल्ली के बीच के चैट मौजूद हैं। ईडी ने ये भी दावा किया कि चैट में जजों से मिलने का भी जिक्र है। ईडी का कहना है कि विनोद चौहान गैर-कानूनी तरीके से कमाए गए रुपए को हैंडल कर रहे थे।
चंडीगढ़: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने वर्क फ्रॉम होम (घर से काम करने) के बारे में तो सुना है लेकिन वर्क फ्रॉम जेल (जेल से काम करने) के बारे में वह पहली बार सुन रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार गेजा राम वाल्मीकि के समर्थन में खन्ना में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘यहां ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) सत्तारूढ़ है। आपको इस बारे में ज्यादा बताने की जरूरत नहीं है कि वह किस तरह का काम कर रही है। सिंह ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में भी आप सरकार है, लेकिन आप नेता को शराब घोटाले को लेकर जेल में डाल दिया गया था। पद से इस्तीफा देने का नैतिक साहस होना चाहिए रक्षा मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि अगर किसी भी नेता पर कोई आरोप लगता है तो उसमें तब तक के लिए अपने पद से इस्तीफा देने का नैतिक साहस होना चाहिए जब तक वह आरोपों से मुक्त न हो जाए। उन्होंने कहा कि यही नैतिकता है। सिंह ने कहा कि आप नेता केजरीवाल को शराब घोटाले में जेल हुई थी। उसके बाद भी वह कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। वह कहते हैं कि वह जेल से काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है और उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करने एवं वापस जेल जाने का निर्देश दिया है। लोकसभा चुनाव के तहत सात चरणों में मतदान जारी हैं और एक जून को आखिरी चरण का मतदान होगा। केजरीवाल पर बोला हमला सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं कार्यालय से काम करने के बारे में जानता हूं, मैंने वर्क फ्रॉम होम के बारे में सुना है, लेकिन वर्क फ्रॉम जेल के बारे में मैं पहली बार सुन रहा हूं। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी का गठन करने को लेकर भी केजरीवाल पर निशाना साधा। सिंह ने कहा कि जब केजरीवाल अन्ना हजारे के साथ मिलकर आंदोलन कर रहे थे, तो हजारे ने उनसे कहा था कि यह आंदोलन कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ है और इसकी सफलता का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए और किसी राजनीतिक दल का गठन नहीं किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री आवास को ‘शीश महल’ में बदला उन्होंने कहा कि लेकिन केजरीवाल ने अपने गुरु की ही बात नहीं मानी और उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) बना ली। सिंह ने दावा किया कि केजरीवाल ने कहा था कि अगर वह मुख्यमंत्री बने तो सरकारी आवास में कभी नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री आवास को ‘शीश महल’ में बदल दिया और उस पर जनता के करोड़ों रुपये खर्च किए। अनुभवी बीजेपी नेता ने केजरीवाल के आवास पर ‘आप’ की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर उनके सहयोगी बिभव कुमार द्वारा कथित रूप से हमला किए जाने का भी जिक्र किया। कुमार को इस घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को आम आदमी पार्टी पर बड़ा संगीन आरोप लगाया है। स्वाति ने दावा किया है कि कथित तौर पर उनके 'चरित्र हनन' अभियान के बाद उन्हें बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने यूट्यूबर ध्रुव राठी पर उनके खिलाफ 'एकतरफा' वीडियो पोस्ट करके अपने खिलाफ नफरत अभियान को और बढ़ाने का आरोप लगाया है।अपने एक्स हैंडल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिले अपमानजनक संदेशों और बलात्कार की धमकियों के कई स्क्रीनशॉट साझा करते हुए मालीवाल ने कहा कि उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा कथित तौर पर उनका चरित्र हनन कर उन्हें शर्मिंदा किया गया है। “मालीवाल ने एक्स पोस्ट में कहा, "मेरी अपनी ही पार्टी यानी AAP के नेताओं द्वारा मेरे खिलाफ चरित्र हनन, मुझे शर्मसार करने और भावनाएं भड़काने का अभियान चलाने के बाद, मुझे बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह तब और बढ़ गया जब YouTuber @Dhruv_Rathee ने मेरे खिलाफ एक तरफा वीडियो पोस्ट किया है। स्वाति मालीवाल ने आगे दावा किया कि पार्टी नेतृत्व उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि स्वाति मालीवाल से दुर्व्यवहार के आरोप में सीएम अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को 4 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मालीवाल ने 2.5 मिनट के वीडियो का उल्लेख करते हुए लिखा 1. घटना घटित होने की बात स्वीकारने के बाद आम आदमी पार्टी ने अपने रुख से यू-टर्न ले लिया। 2. ⁠एमएलसी रिपोर्ट जो हमले के कारण चोटों का खुलासा करती है। 3. ⁠वीडियो का चुनिंदा हिस्सा जारी किया गया और फिर आरोपी का फोन फॉर्मेट कर दिया गया? 4. ⁠आरोपी को मौका-ए-वारदात (सीएम हाउस) से गिरफ्तार किया गया. उसे फिर से उस स्थान में प्रवेश करने की अनुमति क्यों दी गई? सबूतों से छेड़छाड़ के लिए? 5. एक महिला जो हमेशा सही मुद्दों के लिए खड़ी रहती है, यहां तक ​​कि बिना सुरक्षा के अकेले मणिपुर भी गई, उसे भाजपा ने कैसे खरीद लिया?'' मालीवाल ने अंत में कहा कि वह इन बलात्कार और मौत की धमकियों की शिकायत दिल्ली पुलिस से कर रही हैं और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद स्वाति मालीवाल ने कहा, “जिस तरह से पूरी पार्टी मशीनरी और उसके समर्थकों ने मुझे बदनाम करने और शर्मिंदा करने का प्रयास किया है, वह महिलाओं के मुद्दों पर उनके रुख के बारे में बहुत कुछ बताता है। मैं इन बलात्कार और मौत की धमकियों की रिपोर्ट दिल्लीपुलिस को कर रही हूं। मुझे उम्मीद है कि वे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। ”
नई दिल्ली: नक्सलवाद को लेकर देश के गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि देश में नक्सलवाद की समस्या अगले दो-तीन साल में खत्म हो जाएगी। उन्होंने दावा किया कि छत्तीसगढ़ के एक छोटे से क्षेत्र को छोड़कर समूचा देश इस खतरे से मुक्त हो चुका है। नक्सल गलियारे में माओवादियों की कोई मौजूदगी नहीं: शाह शाह ने कहा कि पशुपतिनाथ से तिरुपति तक तथाकथित नक्सल गलियारे में माओवादियों की कोई मौजूदगी नहीं है। उन्होंने कहा, 'देश से नक्सलवाद खत्म हो रहा है। कभी पशुपतिनाथ से तिरुपति तक के नक्सल कॉरिडोर के बारे में कुछ लोग कहा करते थे। अब झारखंड नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त हो गया है। बिहार पूरा मुक्त हो गया। ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश भी पूरे मुक्त हो गए हैं। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश भी पूरे मुक्त हो गए हैं।' शाह ने कहा, 'छत्तीसगढ़ में यह पूरा मुक्त नहीं हो पाया है और वहां के कुछ हिस्सों में अब भी नक्सली सक्रिय हैं क्योंकि पिछले पांच साल से राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने कहा कि पांच महीने पहले जब से राज्य में भाजपा सरकार ने सत्ता संभाली है, तब से छत्तीसगढ़ को नक्सलियों से मुक्त कराने का काम शुरू हो गया है।' 125 नक्सली मारे गए, 352 से अधिक को गिरफ्तार किया गया उन्होंने कहा, 'जब से हमारी सरकार (छत्तीसगढ़ में) बनी है, तब से करीब 125 नक्सली मारे गए, 352 से अधिक को गिरफ्तार किया गया और करीब 175 ने आत्मसमर्पण किया। अगर आप आज (25 मई) के आंकड़े को भी गिन लें तो करीब पौने दो सौ ने आत्मसर्मपण किया है। यहां मैं सिर्फ पिछले पांच महीनों के आंकड़ों की बात कर रहा हूं।' उन्होंने कहा, 'अगले 2 साल के अंदर या 3 साल के अंदर देश नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा।'
नई दिल्ली,लोकसभा चुनाव के छठे फेज में शनिवार को 7 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर वोटिंग शाम 6 बजे खत्म हो गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, शनिवार को 58 सीटों पर शाम 6 बजे तक 58.82% वोटिंग हुई है। सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल में 78.19% और सबसे कम जम्मू-कश्मीर में 51.41% मतदान हुआ। पांच फेज में 429 सीटों पर मतदान हो चुका है। 1 जून को आखिरी 56 सीटों पर वोटिंग होगी। पश्चिम बंगाल के झारग्राम से भाजपा उम्मीदवार प्रणंत टुडू पर हमला हुआ। पत्थर लगने से दो CISF के जवान घायल हो गए। मतदाताओं को धमकाए जाने की शिकायत मिलने के बाद टुडू गरबेटा में एक बूथ का दौरा कर रहे थे। प्रणंत टुडू की कार में भी तोड़फोड़ की गई है। भाजपा ने TMC पर हमले का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने इस पर कहा- वोटिंग शुरू होने से पहले कैंडिडेट के एजेंट साइन करते हैं। इन सेंटर्स पर TMC के एजेंट मौजूद नहीं थे, इसलिए सिर्फ BJP एजेंट्स के साइन हैं। पश्चिम बंगाल के तमलुक में वोटिंग से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में एक TMC समर्थक घायल हो गया। यहां से कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज भाजपा के प्रत्याशी हैं। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी से PDP की प्रत्याशी महबूबा मुफ्ती धरने पर बैठ गईं। उन्होंने EVM के साथ छेड़छाड़ और मोबाइल फोन का आउटगोइंग कॉल बंद करने का आरोप लगाया है। 2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा 40, बसपा 4, ‌बीजेडी 4, सपा 1, जदयू 3, टीएमसी 3, एलजेपी और आजसू ने 1-1 सीट जीती थीं। कांग्रेस और AAP को एक भी सीट नहीं मिली थी। बंगाल में भाजपा प्रत्याशी पर भीड़ ने पथराव किया न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के झारग्राम से भाजपा उम्मीदवार प्रणंत टुडू ने कहा कि TMC के गुंडों ने अचानक उनकी कार पर ईंटें फेंकना शुरू कर दिया। सड़क ब्लॉक कर दी। जब उनके सुरक्षाकर्मियों ने रोकने की कोशिश की, तो वे घायल हो गए। उनके साथ आए CISF के दो जवानों को सिर में चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कश्मीरी हिंदू बोले- 32 साल बाद कश्मीर में अपना वोट डाला लोकसभा चुनाव के छठे फेज में जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर 53 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 35 साल में सबसे अधिक है। साल 1996 में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत था। कुल मिलाकर जम्मू और कश्मीर की सभी पांच संसदीय सीटों पर मतदान 58 प्रतिशत था, जो 2014 में दर्ज 49.58 प्रतिशत और 1996 में 47.99 प्रतिशत को पार कर गया। अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर वोट डालने के बाद एक कश्मीरी हिंदू वीर सराफ ने कहा कि मैंने 32 साल बाद कश्मीर में अपना वोट डाला है। मैं अल्पसंख्यक समुदाय से आता हूं और आमतौर पर मैं यहां ज्यादा नहीं आता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 सालों में कश्मीर के हालात पहले से और भी बेहतर हुए हैं।
में जारी चारधाम यात्रा के बीच आज सिखों के पवित्र और लोकप्रिय तीर्थस्थलों में से एक हेमकुंड साहिब के कपाट दर्शन के लिए खुल गए। हेमकुण्ड साहिब दुनिया का सबसे ऊंचा और विश्व प्रसिद्ध गुरूद्वारा है।आज सुबह से ही हजारों की संख्या में देश विदेश से श्रृद्धालु हेमकुण्ड साहिब पहुंचने लगे थे। इस शुभ अवसर पर करीब 2000 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इस यात्रा की शुरुआत ऋषिकेश गुरूद्वारा परिसर से पहले जत्थे के प्रस्थान करने के साथ ही हो गया था। 22 मई को उत्तराखण्ड राज्यपाल ने धार्मिक अनुयायियों के साथ मिलकर जत्थे को रवाना किया था। यह जत्था 23 मई को गुरूद्वारा गोबिंद घाट में ठहरकर 24 मई को पैदल चलते हुए गोबिंद धाम (घांघरिया) पहुंचा था। रात्रि विश्राम करके आज जत्थे ने हेमकुण्ड साहिब के लिए प्रस्थान किया। जो बोले सो निहाल से गूंजा परिसर कपाट खुलने के खास अवसर पर पंज प्यारों की अगुवाई में जत्थे ने ‘‘जो बोले सो निहाल’’ के जयकारों व बैंड बाजों की धुनों के साथ कीर्तन करते हुए यात्रा के अंतिम पड़ाव श्री हेमकुण्ड साहिब पहुंचकर अपनी हाजिरी भरी। गुरूद्वारा प्रबंधक सरदार गुरनाम सिंह व मुख्य ग्रंथी भाई मिलाप सिंह द्वारा संगतों के साथ मिलकर प्रातः 9ः30 बजे पवित्र गुरू ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों को सुखासन स्थल से दरबार साहिब में लाया गया तथा पावन प्रकाश करते हुए अरदास की और गुरू महाराज का पहला हुकमनामा जारी किया गया। फूलों से की गई भव्य सजावट मुख्य ग्रंथी द्वारा प्रातः 10.15 बजे सुखमनी साहिब जी का पाठ किया गया। इसके बाद प्रातः 11.30 बजे से रागी जत्थों द्वारा गुरबाणी कीर्तन का गुणगान किया गया। साथ ही निशान साहिब जी के चोले की सेवा भी चलती रही। पूरे गुरूद्वारा परिसर और दरबार हॉल की फूलों से भव्य सजावट की गई । सेना के अधिकारी भी रहे मौजूद भारतीय सेना के 418 इंडीपेंडेंट कोर के कर्नल विरेन्द्र ओला एवं ब्रिगेडियर एम. एस. ढिल्लों भी इस अवसर पर मौजूद रहे। यात्रा के लिए उनकी टीम का शेष योगदान रहा। प्रशासन के साथ गुरूघर सेवादारों ने भी काफी सहयोग किया। कपाट खुलने के पावन अवसर पर गुरूद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष सरदार नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा व गुरूद्वारा गोबिन्द घाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह भी मौजूद रहे। नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने अपने संबोधन में कहा कि हेमकुण्ड साहिब में बर्फ अधिक है इसलिए बुजुर्ग, छोटे बच्चे व बीमार व्यक्ति कुछ समय के लिए यात्रा पर आने से परहेज करें। सरकार द्वारा भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि यू-ट्यूबर व ब्लॉगर धार्मिक स्थलों पर वीडियोग्राफी या रील्स न बनाएं जिससे कि श्रृद्धालुओं को परेशानी हो। गुरूद्वारा ट्रस्ट ने की अपील गुरूद्वारा ट्रस्ट ने अपील की है कि श्रृद्धालु निःसंकोच यात्रा पर आएं और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा जो श्रृद्धालु यात्रा पर आने में असमर्थ हैं वे हेमकुण्ड साहिब जी से सीधा प्रसारण पी.टी.सी. सिमरन पर प्रतिदिन प्रातः10 बजे से दोपहर 1 बजे तक देख सकते हैं। साथ ही ट्रस्ट ने आशा जताई कि सभी श्रृद्धालु पवित्र भावना व आपसी सौहार्द के साथ प्रशासन एवं गुरूघर सेवादारों को सहयोग करते हुए यात्रा को निर्विघ्न और सफल बनाएगें।
राजकोटः गुजरात के राजकोट के कालावाड रोड पर टीआरपी गेमिंग जोन में भीषण आग लगने से 20 लोग जिंदा जलकर मर गए। मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। अब तक कुल 20 शव बरामद किए गए हैं। आग में झुलसे शवों को पहचानना मुश्किल हो गया है। आग में मरने वालों की संख्या का पता लगाने के लिए रेस्क्यू टीम्स अब भी सर्च कर रही हैं। मृतकों में ज्यादातर छात्र बताए जा रहे हैं। आग की ऊंची-ऊंची लपटें कई किमी दूर तक देखी गई। आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर हैं। बचाव कार्य अभी भी जारी राजकोट के पुलिस कमिश्वर राजू भार्गव ने बताया कि दोपहर में टीआरपी गेमिंग जोन में आग लग गई। बचाव कार्य जारी है। आग नियंत्रण में है। हम यथासंभव अधिक से अधिक शव निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अब तक लगभग 20 शव बरामद किए गए हैं। गेमिंग जोन का मालिक युवराज सिंह सोलंकी नामक व्यक्ति के पास है। हर के सभी गेमिंग जोन को बंद करने का आदेश फिलहाल शहर के सभी गेम जोन को बंद करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्रभाई पटेल ने राजकोट के जिम्मेदार अधिकारियों से फोन पर चर्चा कर जानकारी ली है। जांच के लिए विशेष समिति गठित की गई है। गेम जोन मैनेजर हादसे के बाद से फरार हो गए हैं। गेम जोन मालिक युवराज जड़ेजा को राजकोट पुलिस ने हिरासत में लिया है। जांच में सामने आई बड़ी लापरवाही जांच में पता चला है की इस गेम ज़ोन के एक भाग में रिनोवेशन का काम चल रहा था जिस दौरान दो दिन पहले यहां शार्ट सर्किट होने से गेम जोन को बंद किया गया था और एक दिन के बाद आज फिर अचानक शुरू कर दिया गया था। आग बुझाने में आ रही परेशानी इससे पहले मुख्य अग्निशमन अधिकारी आई.वी. खेर ने बताया कि हम आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। संरचना के ढहने और हवा ज्यादा होने के कारण आग बुझाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आग बुझाने की कोशिशें लगातार जारी हैं। सीएम भूपेन्द्र पटेल ने राहत-बचाव कार्य का आदेश दिया गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने ट्वीट कर बताया कि राजकोट में गेमिंग जोन में लगी आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य के निर्देश दिए गए हैं। घायलों के तत्काल इलाज की व्यवस्था को प्राथमिकता देने का भी निर्देश दिया गया है। कई लोगों के फंसे होने की आशंका पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा कि गुजरात के राजकोट शहर में शनिवार शाम एक गेमिंग जोन में भीषण आग लग गई और लोगों के हताहत होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक गैर सरकारी संगठन (NGO) की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें निर्वाचन आयोग को केंद्रवार मतदान प्रतिशत आंकड़े यानी कि फॉर्म 17C अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह फिलहाल ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव के 5 चरण संपन्न हो चुके हैं और 2 चरण बाकी हैं। कोर्ट ने कहा, ये मुख्य याचिका में राहत देने जैसा होगा सुप्रीम कोर्ट ने NGO ‘असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की ओर से दाखिल अंतरिम अर्जी (AI) स्थगित कर दी और इसे चुनाव बाद नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा। पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि अर्जी में किया गया अनुरोध इसी मुद्दे पर 2019 से लंबित मुख्य याचिका के समान हैं। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग के लिए वेबसाइट पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े अपलोड करने के काम में लोगों को लगाना मुश्किल होगा। पीठ ने कहा,‘अंतरिम याचिका में कोई भी राहत देना मुख्य याचिका में राहत देने के समान होगा,जो लंबित है।’ सुप्रीम कोर्ट ने NGO की याचिका पर मांगा था जवाब सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को NGO की याचिका पर निर्वाचन आयोग से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा था जिसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण का मतदान संपन्न होने के 48 घंटे के अंदर मतदान केंद्रवार मत प्रतिशत के आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। ADR ने अपनी 2019 की जनहित याचिका में एक अंतरिम आवेदन दायर किया जिसमें उसने निर्वाचन आयोग को यह निर्देश देने की अपील की कि सभी मतदान केंद्रों के ‘फॉर्म 17 सी भाग-प्रथम (रिकॉर्ड किए गए मत) की स्कैन की गई पढ़ने योग्य प्रतियां’ मतदान के तुरंत बाद अपलोड की जाएं। (भाषा)
नई दिल्ली: देश में लोकतंत्र का महापर्व कहे जाने वाले लोकसभा चुनाव के तहत मतदान के 5 चरण संपन्न हो चुके हैं जबकि 2 फेज की वोटिंग अभी बाकी है। इस बीच विपक्ष की ओर से चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने India TV के सुपरहिट कार्यक्रम 'सलाम इंडिया' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस के समय में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर बात की थी। पीएम मोदी ने साल के सबसे बड़े इंटरव्यू के दौरान सवालों के जवाब देते हुए पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के बाद देश में चुनाव रोके जाने पर सवाल खड़े किए थे। प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। यूजर ने शेयर किए पुरानी पेपर कटिंग सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर अखिलेश मिश्रा नाम के एक शख्स ने तीन ट्वीट किए हैं। इसके साथ ही अखिलेश मिश्रा ने पुराने न्यूज पेपर के कटआउट भी शेयर किए हैं। अखिलेश मिश्रा ने एक्स पर लिखा है कि 'चुनाव आयोग के नियम यह कहते हैं कि यदि चुनाव के दौरान किसी उम्मीदवार की मृत्यु हो जाती है, तो उस विशेष सीट पर चुनाव रद्द कर दिया जाता है और बाद की तारीख में चुनाव कराया जाता है। सिर्फ एक सीट के लिए पूरा चुनाव स्थगित करने का कोई नियम नहीं है। फिर भी, मई 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई तो ठीक यही किया गया था। पूरा चुनाव तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया था।' सात मुख्यमंत्रियों ने किया विरोध अखिलेश मिश्रा ने आगे लिखा है कि 'कम से कम सात मुख्यमंत्रियों ने चुनाव स्थगित करने का कड़ा विरोध किया। कई लोगों ने इसे लोकतंत्र और संविधान की हत्या बताया। फिर भी, तत्कालीन सीईसी टी.एन. शेषन जो कि कांग्रेस के राजवंशीय वफादार थे, उन्होंने पूरी तरह से मनमाने ढंग से कार्रवाई करते हुए चुनाव स्थगित कर दिए। इन तीन हफ्तों का इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी ने सहानुभूति वोट पाने के लिए किया। राजीव गांधी की हत्या से पहले, कांग्रेस पूरी तरह से खत्म होने की ओर बढ़ रही थी। लेकिन तीन सप्ताह के स्थगन का उपयोग कांग्रेस पार्टी द्वारा जुलूस निकालने के लिए किया गया। विज्ञापनों में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का उपयोग करते हुए अंतिम संस्कार यात्राएं निकाली गई। सहानुभूति वोट पाने के लिए अनिवार्य रूप से हर चाल चली गई। इन सबकी वजह से चुनाव के परिणाम पूरी तरह से बदल गए।' कांग्रेस को चुनाव में मिला फायदा उन्होंने लिखा कि 'बाद में शेषन को कांग्रेस ने इनाम भी दिया और उन्हें लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ कांग्रेस का उम्मीदवार भी बनाया गया। कई अन्य सीईसी भी इसी तरह कांग्रेस पार्टी द्वारा 'भ्रष्ट' थे। राजीव गांधी की हत्या से पहले संसद त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रही थी। कांग्रेस पार्टी हार की ओर बढ़ रही थी और विपक्ष, विशेषकर भाजपा सत्ता के मजबूत दावेदार के रूप में उभर रही थी। राजीव गांधी की हत्या के बाद, कांग्रेस पार्टी को प्रचार करने और सहानुभूति वोट मांगने के लिए, पूरी तरह से असंवैधानिक रूप से, तीन सप्ताह का समय दिया गया था। इस सारे फैक्टर ने काम किया और चुनाव पूरी तरह पलट गया।'
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के शुरुआती पांच चरणों में बीजेपी को 310 सीटें मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि इस बार कांग्रेस 40 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी और समाजवादी पार्टी (SP) को चार सीटें भी नसीब नहीं होंगी। शाह ने डुमरियागंज से मौजूदा सांसद और बीजेपी उम्मीदवार जगदम्बिका पाल के समर्थन में आयोजित एक चुनावी सभा में दावा करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के शुरुआती पांच चरणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 310 सीटें जीत चुके हैं। इंडी गठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया है। "...तो आपका पीएम कौन होगा?" उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस इस बार 40 सीटें भी पार नहीं कर पाएगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को चार सीटें भी नसीब नहीं होंगी। शाह ने विपक्ष के इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) गठबंधन पर तंज करते हुए कहा, ''विपक्ष घमंडिया गठबंधन बनाकर आगे बढ़ा है। मैं आज यहां से राहुल बाबा से पूछना चाहता हूं कि वैसे तो दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है, क्योंकि मोदी जी ही प्रधानमंत्री बनने वाले हैं, मगर देश की जनता जानना चाहती है कि अगर आपको बहुमत मिलता है, तो आपका प्रधानमंत्री कौन होगा?'' "क्या देश ऐसे चल सकता है?" अमित शाह ने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या देश ऐसे चल सकता है? उन्होंने कहा, "राहुल बाबा यह परचून की दुकान नहीं है। 130 करोड़ का महान देश है।'' गृह मंत्री ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा, ''इन लोगों की मानसिकता तो देखिए कि पाकिस्तान के पास एटम बम है, तो पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भी उसे दे देंगे। एटम बमों से देश के मसले हल नहीं होते हैं, नेता के एटम बम जैसे इरादों से होते हैं, जो मोदी जी के हैं।'' शाह बोले- यह मोदी का राज है शाह ने आरोप लगाया ''राहुल बाबा ने यह कहते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 नहीं हटाने की बात कही थी कि इससे पाकिस्तान में खून की नदियां बह जाएंगी। राहुल बाबा, वह आपकी दादी के जमाने में होता होगा। यह मोदी का राज है। खून की नदियां छोड़ो, कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है किसी की।'' गृह मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश से आतंकवाद और नक्सलवाद को खत्म कर दिया है। उन्होंने I.N.D.I.A गठबंधन पर अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण पर डाका डालने की तैयारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कल ही बंगाल के हाई कोर्ट ने 2010 से लेकर 2024 तक अन्य पिछड़े वर्ग में मुस्लिम जातियों को शामिल करने पर रोक लगा दी। शाह ने कहा, ''राहुल बाबा और अखिलेश बाबू, आप वोट बैंक की पॉलिटिक्स में अंधे हो गए हो। मेरी बात ध्यान से सुनो। मैं आज डंके की चोट पर कहता हूं कि हम धर्म के आधार पर मुस्लिम आरक्षण समाप्त कर देंगे और उसे एससी, एसटी और ओबीसी को देंगे।''
दिल्ली के दो बड़े कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। फोन कॉल के जरिए लेडी श्रीराम कॉलेज और श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में बम होने की जानकारी दी गई। इस फोन के बाद हड़कंप मच गया। दिल्ली पुलिस के अधिकारी और दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे। हालांकि, अब तक किसी भी कॉलेज में कोई विस्फोटक या अन्य खतरनाक सामग्री मिलने की आशंका नहीं है। यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली में किसी सार्वजानिक स्थान पर बम होने की बात कही गई है। इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। धमकी देने वालों ने इस बार अपना पैतरा थोड़ा बदला है। अब ईमेल के जरिए बम होने की बात कही जाती थी। अब फोन कॉल के जरिए ऐसा किया। हालांकि, पहले की तरह यह भी खोखली धमकी निकली और अब तक पुलिस को कुछ नहीं मिला है। पहले भी आ चुके ईमेल धमकी देने वालों ने पहले ईमेल के जरिए ऐसा किया है। पिछले एक महीने में स्कूल, अस्पताल और एयरपोर्ट में बम होने की धमकी मिल चुकी है। 12 मई के दिन दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। इससे पहले संजय गांधी अस्पताल और बुराड़ी के अस्पताल में भी धमकी भार मेल आया था। अस्पताल से पहले कई स्कूलों को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। हर मामले में पुलिस ने पूरी सपरक्षा बरतते हुए संबंधित स्थानों की जांच की,लेकिन कहीं कुछ नहीं मिला। पुलिस लंबे समय से धमकी देने वालों का पता लगाने में जुटी हुई है। दिल्ली में 25 मई को मतदान दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान होना है। इससे ठीक दो दिन पहले धमकी भरे फोन कॉल ने सभी की चिंता बढ़ाई है। हालांकि, मतदाने के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा की पूरी तैयारी की गई है और उम्मीद है कि देश में छठे चरण का मतदान भी शांतिपूर्वक तरीके से होगा।
नारायणपुर: छत्तीसगढ़ में नारायणपुर-बीजापुर बॉर्डर के पास एक जंगल में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में सात नक्सली मारे गये। नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) प्रभात कुमार ने कहा कि मुठभेड़ सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। उन्होंने बताया कि खुद को घिरा देख नक्सली रुक-रुक कर गोलीबारी करने लगे। जवाबी कार्रवाई में सात नक्सली मारे गए। संयुक्त अभियान में मारे गए नक्सली प्रभात कुमार ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। ऑपरेशन में दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बस्तर जिलों के जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और स्पेशल टास्क फोर्स, राज्य पुलिस शामिल थे। मुठभेड़ स्थल से अब तक सात नक्सलियों के शव और हथियार बरामद किए गए हैं। अब मारे जा चुके हैं 107 नक्सली उन्होंने बताया कि ऑपरेशन अभी भी जारी है। नक्सलियों के जंगल में होने का इनपुट पुलिस को मिला था। इसी आधार पर छापेमारी की गई थी। इस घटना के साथ ही इस साल राज्य में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में अब तक 112 नक्सली मारे जा चुके हैं। एक महीने के अंदर मारे गए कई नक्सली बता दें कि 30 अप्रैल को नारायणपुर और कांकेर जिले की सीमा पर एक जंगल में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में तीन महिलाओं सहित दस नक्सली मारे गए थे। पुलिस के मुताबिक, 16 अप्रैल को सुरक्षा बलों ने कांकेर जिले में मुठभेड़ के दौरान 29 नक्सलियों को मार गिराया था। 10 मई को बीजापुर जिले के पिडिया गांव के पास सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गये थे।
नई दिल्ली,आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुई मारपीट के बाद पहली बार इंटरव्यू दिया है। उन्होंने गुरुवार को न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए कहा कि वे 13 मई को सुबह 9 बजे के करीब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने सीएम आवास गई थीं। वहां पर स्टाफ ने ड्राइंग रूम में बैठाया और कहा कि केजरीवाल घर पर हैं और मिलने आ रहे हैं। उसी समय बिभव कुमार वहां पर आते हैं और मुझसे मारपीट करने लग जाते हैं। बिभव ने मुझे सात-आठ थप्पड़ मारे। जब मैंने उन्हें धक्का देने की कोशिश की तो उन्होंने मेरा पैर पकड़ लिया। मुझे नीचे घसीट दिया। मालीवाल ने आगे कहा कि मेरा सिर सेंट्रल टेबल से टकरा गया। मैं नीचे गिरी। फिर उन्होंने मुझे लातों से मारना शुरू किया। मैं बहुत जोर चिल्लाई, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। मालीवाल ने आरोप लगाया है कि 13 मई को केजरीवाल के PA बिभव कुमार ने उनके साथ मारपीट की है। पुलिस ने मामले में 16 मई को FIR दर्ज कर बिभव कुमार को अरेस्ट कर लिया है। फिलहाल वो पांच दिन की पुलिस कस्टडी में हैं। मालीवाल से ANI के सवाल-जवाब ... सवाल: ऐसा तो हो ही नहीं सकता है कि CM के घर में किसी की पिटाई हो रही हो और घर से बाहर कोई न निकले? जवाब: यही बड़ी अजीब बात है। मैं जोर-जोर से चीख रही थी। सच ये है कि कोई मदद के लिए नहीं आया। सवाल: क्या बिभव ने किसी के निर्देश पर आपको मारा है ? जवाब: बिभव ने खुद मारा या फिर किसी के निर्देश पर मारपीट की है। ये अब जांच का हिस्सा है। मैं दिल्ली पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रही हूं। मैं किसी को क्लीनचिट नहीं दे रही, क्योंकि फैक्ट ये है कि मैं ड्राइंग रूम में थी। चीख रही थी। केजरीवाल जी घर पर थे, लेकिन फिर भी कोई मदद के लिए नहीं आया। मैंने ये नहीं सोचा कि मेरा क्या होगा? मेरे करियर का क्या होगा? मेरे साथ ये लोग क्या करेंगे? बस मैंने ये सोचा कि जो चीज सारी महिलाओं को बोली है कि सच के साथ खड़े हो। अगर आपके साथ गलत हुआ है तो जरूर लड़ो। तो फिर मैं खुद कैसे नहीं लड़ सकती। सवाल: बिभव कुमार का पार्टी में क्या रोल है? जवाब: अरविंद केजरीवाल का सबसे बड़ा राजदार, सबसे करीबी आदमी इस वक्त बिभव कुमार है। वह कोई आम PA नहीं है। आप उसका घर देखिए, वो इतना बड़ा और लग्जीरियस है। उसे ऐसा घर दिया गया है जो दिल्ली के किसी मंत्री को भी नहीं दिया गया। बिभव कुमार से पार्टी में सभी लोग डरते हैं। वह बहुत रसूखदार इंसान है। पार्टी में ऐसा माना जाता है कि अगर बिभव नाराज हो गया तो आप खत्म हो गए। उन पर पहले भी असॉल्ट के केस लगे हैं। सवाल: आपके दो वीडियो सामने आए हैं, एक जिसमें आप चलकर जा रहे हैं। AAP का कहना है कि आप आराम से चलकर जा रही हैं, अगर आपको पीटा गया था तो आप इतने आराम से कैसे चलकर जा रही थी? इसे लेकर आप क्या कहेंगीं कि क्या कोई विक्टिम ऐसे चल सकती है? जवाब: जब मैं अपशब्द बोल रही थी, तो बिभव ने वीडियो बनाया था। वो पूरा वीडियो उसने मीडिया को क्यों नहीं दिया। जहां तक बात है कि मेरे आराम से चलकर जाने की, मैंने अपने 9 साल के करियर में कितनी लड़कियों की मदद की है। मैं निर्भया की मम्मी से मिली थी, तो उन्होंने कहा था कि अच्छा हुआ मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। इस देश में न्याय पाने की जिल्लत उसे नहीं सहनी पड़ी। लोग निर्भया पर ही सवाल उठा रहे थे। जैसे मुझ पर सवाल उठाए गए कि कितने आराम से चल रही है, आराम से बैठी है। तो जब किसी के साथ मारपीट होती है, वो गुस्से में होता है, उसमें एड्रेनलीन रश होता है। गरम-गरम चोट में इंसान दौड़ भी जाता है, लेकिन जब आप महसूस करते हैं कि आपके साथ ऐसा हुआ है, तब आपको दर्द होता है। सवाल: पार्टी से आपको क्या सपोर्ट मिला है? जवाब: मैं 20 साल से इन लोगों से जुड़ी हुई हूं। लेकिन अब मेरे साथ कोई नहीं है। पार्टी में लोगों को डराया-धमाया जा रहा है कि मेरे खिलाफ बोलें। मेरे दोस्तों को कॉल करके कहा जा रहा है कि इसका कोई वीडियो दो, डांस करता हुआ कोई वीडियो दो। मैं अमेरिका में जहां AAP के काम से गई थी, तो जिन वॉलेंटियर्स के साथ रुकी थी उन्हें फोन करके कहा जा रहा है कि कोई वीडियो दो। पूरी ट्रोल आर्मी, पूरी मशीनरी को मेरे पीछे लगा रखा है। सवाल: बिभव को इतना सपोर्ट क्यों किया जा रहा है। जैसे AAP पर आरोप लगते हैं कि उन्हें फॉरेन फंडिंग मिलती है, तो क्या बिभव के पास इससे जुड़ी जानकारी है? जवाब: बिभव इस वक्त केजरीवाल के सबसे करीबी हैं, राजदार हैं। अब केजरीवाल के कौन से राज उनके पास हैं या नहीं, ये तो इन्वेस्टिगेशन का मामला है। सवाल: दिल्ली सीएम ने कहा है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जवाब: इन लोगों ने तो कोर्ट के बाहर ट्रायल करके मुझे गुनाहगार ठहरा दिया। पार्टी मुझे ही दोषी बता रही है, तो वे कैसे कह सकते हैं कि निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मैंने सिर्फ एक कॉल किया और एक शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मैं बहुत दिनों तक चुप रही क्योंकि मुझे निष्पक्ष जांच चाहिए थी। हर रोज कोई डॉक्टर्ड वीडियो, या फर्जी CCTV फुटेज दिखाया जाता है। कभी ये लोग कहते हैं कि मैं भाजपा एजेंट हूं, मेरा कैरेक्टर एसैसिनेशन किया गया, मुझे डराया-धमकाया जा रहा है। तो निष्पक्ष जांच कैसे होगी? सवाल: पार्टी के राज तो आप भी जानती होंगी, जैसे आप कहती हैं कि बिभव जानते हैं। तो केजरीवाल बिभव को बचा रहे हैं, क्या वे आपको अपने साथ नहीं रखना चाहेंगे? जवाब: मैं पार्टी के ऐसे राज नहीं जानती हूं, क्योंकि मैं ऐसे किसी काम में कभी शामिल नहीं रही। ये तो इन्वेस्टिगेशन का मामला है। पार्टी ने क्या धांधलियां की है, या क्या गड़बड़ियां हुई हैं, मैं उनका कभी हिस्सा नहीं रही इसलिए मैं इसे लेकर कुछ नहीं कह पाऊंगी। सवाल: लेकिन आपको क्या लगता है कि आपको क्यों मारा गया। आपके पास ऐसी क्या जानकारी है, या ऐसा क्या है जिसकी वजह से आपके साथ ऐसी घटना हो? जवाब: मैंने दिल्ली पुलिस को पूरी बात बता दी है। जो मेरे साथ हुआ, वो शिकायत लिखवा दी है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में इन्वेस्टिगेशन करने दीजिए कि मेरे साथ ऐसा क्यों किया गया।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो तरह के सैनिक बनाए हैं। जिसपर आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता चुनाव आयोग के ऑफिस पहुंचे और राहुल गांधी और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए कार्रवाई की मांग की।
नई दिल्ली: डोकलाम झड़प के बाद से ही भारत और चीन के रिश्तों में काफी तनातनी है। दोनों देशों के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं। उधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी चीन-भारत टेंशन के मसले पर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन मामले में राहुल गांधी की प्रतिक्रियाओं पर तीखा पलटवार किया है। उन्होंने चीनी दूतों के साथ बैठकें करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी पर तंज कसा है।टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, 'कांग्रेस नेता को पड़ोसी देश के बारे में अतिरिक्त समझ रखनी चाहिए।' जयशंकर ने कहा, 'राहुल चीन को इतना महत्व इसलिए देते हैं कि क्योंकि वह चीनी दूतों के साथ गुप्त बैठकें करते हैं। इन बैठकों से उन्हें कुछ अतिरिक्त समझ होनी चाहिए।' वैसे तो शुरुआत में कांग्रेस ने इस मुलाकात की पुष्टि नहीं की थी, लेकिन चीनी दूतावास ने राहुल की उनके दूत के साथ एक तस्वीर जारी कर दी थी। इससे पहले राहुल ने कहा था कि जयशंकर को चीन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों की कोई समझ नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा और इंडिया (I.N.D.I.A) की हाल की रैलियां में फैली अव्यवस्था का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि सपा और कांग्रेस के लोग सत्ता से कोसों दूर होने के बावजूद अपने नेताओं का सम्मान नहीं कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जौनपुर में पार्टी उम्मीदवार कृपा शंकर सिंह के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अबकी बार 400 पार का बीजेपी का नारा सुनते ही समाजवादी पार्टी की हालत खराब हो जाती है। यह क्षेत्रीय पार्टी 60-62 सीटों पर ही चुनाव लड़ रही है। उन्होंने फूलपुर और आजमगढ़ में सपा और 'I.N.D.I.A' गठबंधन की चुनावी रैलियों में कार्यकर्ताओं द्वारा बैरिकेडिंग तोड़कर मंच तक पहुंच जाने की घटनाओं की तरफ इशारा करते हुए कहा, "समाजवादी पार्टी में अभी रोज भगदड़, मारपीट, अराजकता व नूराकुश्ती दिख रही है। जब सपा और कांग्रेस के लोग सत्ता से कोसों दूर हैं, तब भी अपने नेता का सम्मान नहीं कर पा रहे हैं। जब यह सत्ता में रहे होंगे तो कैसे उत्तर प्रदेश की जनता का खून चूसकर शोषण किया होगा, यह किसी से छिपा नहीं है।" "जाति के नाम पर भी लड़ाएंगे" मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "एक तरफ रामभक्त हैं, जो राम के लिए सर्वस्व न्यौछावर करते हुए भारत को ताकतवर बनाना चाहते हैं, दूसरी तरफ रामद्रोही राम के साथ भारत का भी विरोध कर रहे हैं। यह कहते हैं कि पाकिस्तान को धमकी मत दीजिए, उसके पास एटम बम है। दाने-दाने के लिए मोहताज पाकिस्तान की धमकी भारत जैसे उस बड़े देश को देते हैं, जो सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था है। सपा-कांग्रेस नेताओं को ऐसा कहते तनिक भी संकोच नहीं होता है। रामद्रोही जातिवादी-परिवारवादी राजनीति करते हैं। यह आपको जाति के नाम पर भी लड़ाएंगे।" आदित्यनाथ ने कहा, "कांग्रेस ने ढूंढ-ढूंढकर दागी, भ्रष्ट व परिवारवादी दलों के साथ गठबंधन कर देश में अव्यवस्था और अराजकता का ठेका ले लिया है। मोदी जी के नेतृत्व में बदलते भारत में विकास व गरीब कल्याण के अनेक कार्य हो रहे हैं। मोदी जी के नेतृत्व में भारत 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रहा है, तो 23 करोड़ पाकिस्तान वाले भूख से मर रहे हैं। पाकिस्तान का राग अलापने वालों का बोरिया बिस्तर 4 जून को बांध दीजिए और कहिए कि भारत पर बोझ न बनो, पाकिस्तान जाकर भीख मांगो।" इंडी गठबंधन के घोषणा पत्र पर हमला आदित्यनाथ ने कहा, "इंडी गठबंधन का घोषणा पत्र कहता है कि कांग्रेस सरकार आने पर पिछड़ी, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति का आरक्षण मुसलमानों को दे देंगे। यह लोग सत्ता में आने पर संपत्ति का सर्वे करवाएंगे और पूर्वजों से विरासत के रूप में आपको मिली संपत्ति पर टैक्स लगाकर आधी संपत्ति ले लेंगे, फिर पाकिस्तान-बांग्लादेशी से आए घुसपैठिये मुसलमानों को दे देंगे। इन्हें लूट मचाने और सेंधमारी की छूट नहीं देना है। यह विरासत टैक्स औरंगजेब का जजिया कर है। स्वतंत्र भारत में कोई भी जजिया कर नहीं देगा। उन्होंने कहा, "शाहजहां ने अपनी जीवनी में लिखा है कि औरंगजेब जैसा कमबख्त पुत्र किसी का न हो। औरंगजेब का जजिया कर हिंदुओं पर लागू होता था। सपा-कांग्रेस के गठबंधन में घुसी औरंगजेब की आत्मा को बेनकाब करना है।" जौनपुर में लोकसभा चुनाव के छठे चरण के तहत आगामी 25 मई को मतदान होगा।
दक्षिणी दिल्ली में राजनीतिक दल यूं तो राम मंदिर, भ्रष्टाचार और महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर मतदाताओं को साधने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन क्षेत्र की जनता पानी की भारी किल्लत, जल निकासी की खराब व्यवस्था, आये दिन सड़कों पर जाम और पार्किंग स्थलों की कमी जैसी समस्याओं पर जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से आजीज आ चुकी है। मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का मानना है कि चुनाव लड़ रहे राजनीतिक दलों और उसके उम्मीदवारों को क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने और स्थानीय समस्याओं को दूर करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। क्षेत्र के संगम विहार में रहने वाले 26 वर्षीय रजनीश कुमार तपती धूप में अपने घर के बाहर पानी के टैंकर का इंतजार कर रहे होते हैं, ताकि वह आवश्यक जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा कर सके। पिछले 12 सालों से यह इंतजार उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। एफ ब्लॉक के निवासी कुमार बताते हैं, "मेरे पिता ने यह घर 25 साल पहले खरीदा था। जब मैं बच्चा था तो यहां पानी की कोई कमी नहीं थी, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ पानी का संकट हमारे जीवन का हिस्सा बन गया।" उन्होंने कहा, "हमारे इलाके में पानी की उचित आपूर्ति न होने से पिछले 10 सालों से हम पानी के लिए टैंकरों पर निर्भर हैं।" दक्षिण दिल्ली सहित राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होगा। जल संचय करने की कोई योजना नहीं नेहरू प्लेस में एक कंप्यूटर की दुकान पर काम करने वाले कुमार ने कहा कि इलाके में भूजल स्तर नीचे जाने के बावजूद सरकार के पास जल संचय करने की कोई योजना नहीं है। पुलिस की माने तो संगम विहार, मेहरौली, छत्तरपुर, बिजवासन और आया नगर में आए दिन पानी को लेकर लड़ाइयां होती हैं। साल 2008 में हुए परिसीमन से पहले दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट में कई संपन्न क्षेत्र शामिल थे, लेकिन अब इसमें मुख्य रूप से शहरी गांव, अनधिकृत और पुनर्वास कॉलोनियां और मलिन बस्तियां हैं। इन इलाकों में कई बुनियादी ढांचागत चुनौतियां हैं। हरियाणा की सीमा से लगे महरौली, छत्तरपुर, बिजवासन और नेब सराय में कई एकड़ भूमि में फार्महाउस भी फैले हुए हैं और ये क्षेत्र हरे भरे जंगलों से घिरा हुआ है जबकि बदरपुर, संगम विहार, तुगलकाबाद, गोविंदपुरी में ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ी वाले और अनधिकृत कॉलोनियों और गांवों में रहने वाले लोग रहते हैं। अनधिकृत निर्माण और संकीर्ण गलियां दक्षिणी दिल्ली में 10 विधानसभा सीट छतरपुर, पालम, बिजवासन, कालकाजी, महरौली, देवली, अंबेडकर नगर, संगम विहार, तुगलकाबाद और बदरपुर हैं। महरौली-बड़ापुर रोड पर मोबाइल की दुकान के मालिक जैतपुर निवासी संदीप वर्मा ने कहा कि हर मानसून में नालियां जाम हो जाती हैं और सड़क पर गंदा पानी भर जाता है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मेरे एक वोट से यहां कोई बदलाव आएगा या नहीं, लेकिन मैं मतदान तो जरूर करूंगा।'' उन्होंने कहा कि यहां ट्रैफिक जाम भी एक बड़ी समस्या है जिसका जल्द से जल्द समाधान किए जाने की जरूरत है। उन्होंने अफसोस जताया कि यहां प्रचार के लिए आने वाले उम्मीदवार राम मंदिर से लेकर महंगाई और बेरोजगारी की बात तो करते हैं, लेकिन कोई भी उम्मीदवार इन मुद्दों पर बात नहीं करता। क्षेत्र के गोविंदपुरी, कालकाजी, आंबेडकर नगर और बदरपुर के कुछ इलाकों में अनधिकृत निर्माण और संकीर्ण गलियों के कारण वाहन पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं है। यह भी लोगों की परेशानियों का बड़ा सबब बना हुआ है। "अस्पताल, स्कूल और खेल स्टेडियम का निर्माण" पिछले लोकसभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था, लेकिन इस बार यहां भाजपा के रामवीर सिंह बिधूड़ी (71) और AAP के सहीराम पहलवान (64) के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस और आप, दोनों ही 'I.N.D.I.A' गठबंधन के घटक दल हैं। दिल्ली में दोनों दलों के बीच सीटों का तालमेल हुआ है। तुगलकाबाद से विधायक पहलवान पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पहली तीन प्राथमिकताएं दक्षिण दिल्ली में अस्पताल, स्कूल और खेल स्टेडियम का निर्माण करना होगा। उन्होंने कहा, "केंद्र या डीडीए के माध्यम से जमीन की व्यवस्था करने के बाद मैं दक्षिण दिल्ली में एक बड़ा अस्पताल बनाऊंगा। अगर डीडीए ऐसा नहीं करता है, तो दिल्ली सरकार के फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया गया है, लेकिन और अधिक करने की आवश्यकता है। डीडीए से जमीन मिलने के बाद हम स्कूलों का निर्माण करेंगे।" उन्होंने कहा कि युवा, विशेषकर एथलीट राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की तैयारी के लिए दक्षिण दिल्ली में एक स्टेडियम चाहते हैं और वह इस मांग को पूरा करेंगे। "दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर बन गई है" रामवीर बिधूड़ी बदरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, जो दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट का एक महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र है। भाजपा ने उन्हें इस सीट से दो बार के सांसद रमेश बिधूड़ी के स्थान पर उम्मीदवार बनाया है। रामवीर बिधूड़ी ने कहा कि दक्षिण दिल्ली के लोग पानी की आपूर्ति की कमी और खराब परिवहन व्यवस्था से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि यमुना नदी अब भी जहरीली है और मौजूदा आप सरकार के तहत दिल्ली सबसे प्रदूषित शहर बन गई है। उन्होंने कहा कि चुने जाने पर वह वृद्धावस्था पेंशन योजना फिर से शुरू करेंगे और दिल्ली में 'प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना' लागू करेंगे। रामवीर बिधूड़ी और पहलवान दोनों गुर्जर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। रमेश बिधूड़ी से पहले सुषमा स्वराज, मदन लाल खुराना और विजय कुमार मल्होत्रा जैसे लोकप्रिय नेता दक्षिण दिल्ली सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। साल 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि, वह मल्होत्रा से 30,000 मतों से हार गए थे। इस निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान में कुल 22,21,445 मतदाता हैं। इनमें से 31 प्रतिशत ओबीसी समुदाय, 16 प्रतिशत दलित, 9 प्रतिशत गुर्जर, 7 प्रतिशत मुस्लिम और 5 प्रतिशत पंजाबी हैं।
नई दिल्ली: स्वाति मालीवाल से पिटाई का मामला गरमाया हुआ है। इस बीच स्वाति ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करके आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। स्वाति ने लिखा कि आरोपी बहुत शक्तिशाली है। बड़े से बड़ा नेता उससे डरता है। क्या है पूरा मामला? स्वाति ने कहा, 'कल पार्टी के एक बड़े नेता का फोन आया। उसने बताया कैसे सब पर बहुत ज़्यादा दबाव है, स्वाति के खिलाफ गंदी बातें बोलनी हैं, उसकी पर्सनल फोटोज लीक करके उसे तोड़ना है। ये बोला जा रहा है कि जो उसको सपोर्ट करेगा उसको पार्टी से निकाल देंगे।' स्वाति ने कहा, 'किसी को PC करने की और किसी को ट्वीट्स करने की ड्यूटी मिली है। किसी की ड्यूटी है अमेरिका में बैठे वॉलंटियर्स को फोन करके मेरे खिलाफ कुछ निकलवाना। आरोपी के कुछ करीबी बीट रिपोर्टर्स की ड्यूटी है कुछ फर्जी स्टिंग ऑपरेशन बनाकर लाओ।' स्वाति ने कहा, 'तुम हजारों की फौज खड़ी कर दो, अकेले सामना करूंगी क्योंकि सच मेरे साथ है। मुझे इनसे कोई नाराजगी नहीं है, आरोपी बहुत शक्तिशाली आदमी है। बड़े से बड़ा नेता भी उससे डरता है। किसी की हिम्मत नहीं उसके खिलाफ स्टैंड ले पाए।' स्वाति ने कहा, 'मैं किसी से उम्मीद भी नहीं करती। दुख इस बात का लगा कि दिल्ली की महिला मंत्री कैसे हंसते मुस्कुराते पार्टी की एक पुरानी महिला साथी का चरित्र हरण कर रही है। मैंने अपने स्वाभिमान की लड़ाई शुरू की है, इंसाफ मिलने तक लड़ाई लड़ती रहूंगी। इस लड़ाई में मैं पूरी तरह अकेली हूं, पर हार नहीं मानूंगी!'
बिहार की सारण लोकसभा सीट पर चुनाव के बाद काफी हिंसा देखने को मिली है। 20 मई को पांचवें फेज में सारण सीट पर वोटिंग हुई जहां राजद की ओर से लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और भाजपा की ओर से राजीव प्रताप रूडी मैदान में हैं। हालांकि, वोटिंग के अगले दिन ही क्षेत्र में तनाव फैल गया जब दो पक्षों के बीच हुए विवाद के कारण 1 राजद समर्थक की गोली लगने से मौत हो गई। वहीं, 2 लोग घायल भी हैं। आइए जानते हैं क्या इस घटना की इनसाइड स्टोरी और ये कि अब तक पुलिस ने इस मामले में क्या-क्या कार्रवाई की है। रोहिणी पर क्या है आरोप? दरअसल, वोटिंग के दिन रोहिणी सारण के भिखारी चौक पोलिंग बूथ पर दो बार पहुंची थीं। चश्मदीदों के मुताबिक दूसरी बार रोहिणी को देखकर बीजेपी समर्थक भड़क गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान रोहिणी पर बीजेपी समर्थकों को डराने धमकाने के आरोप लगे। उनपर वोटिंग प्रभावित करने का आरोप भी लगा। बूथ पर रोहिणी आचार्य के विरोध से नाराजगी फैल गई और वोटिंग के दौरान नारेबाजी और पथराव भी हुआ। राजपूत वर्सेज यादव में तब्दील हुआ हंगामा? सारण हिंसा को लेकर चश्मदीदों ने बड़ा खुलासा किया है। चश्मदीदों ने बताया है कि ये हिंसा राजपूत Vs यादव गुट के बीच भड़की है। वोटिंग के अगले दिन भिखारी चौक पर RJD-BJP समर्थकों के बीच हंगामा हुआ। इसमें BJP समर्थकों पर गोली चलाने का आरोप लगा। लोगों ने बताया कि एक दूसरे को ललकारते हुए अचानक अटैक किया गया है। रोहिणी पर हंगामे के बाद दो गुट भिड़ गए जिसके बाद पूरा हंगामा राजपूत वर्सेज यादव में तब्दील हो गया था। FIR में ज्यादातर एक ही पक्ष के नाम सारण की घटना के बाद पुलिस एक्शन मोड में है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 नामजद, 50 अज्ञात लोगों को खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें से 2 को गिरफ्तार कर लिया गया है। FIR में दर्ज सभी नामजद आरोपी राजपूत ही हैं। अज्ञात लोगों में भी ज्यादातर एक ही गुट के लोगों के नाम शामिल हैं। चश्मदीदों के मुताबिक आगे की कार्रवाई जारी है। सेल्फ डिफेंस या जानबूझकर चली गोली? सारण के एसपी के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के मुताबिक आगे की कार्रवाई जारी है। थाना प्रभारी लाइन हाजिर हुए हैं और जो भी इन्वेस्टिगेशन में क्लीयर होगा उसके मुताबिक एक्शन लिया जाएगा। भाजपा प्रत्याशी राजीव प्रताप रूडी के आत्मरक्षा में गोली चलने के बयान पर SP ने कहा है कि ये तो न्यायालय तय करेगा। क्षेत्र में भारी पुलिसबल तैनात किया गया है। वहीं, 2 दिन तक इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। डिप्टी सीएम ने भी रोहिणी पर उठाए सवाल छपरा में हुए विवाद पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी रोहिणी आचार्य पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने जांच के लिए कहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। इतने पुलिस वाले उनके साथ क्यों घुम रहे हैं। ये जांच का विषय है। पाटलीपुत्र में भी लालू यादव या राबड़ी के अंगरक्षक मीसा भारती के साथ घूम रहे हैं। जांच करने के बाद तुरंत कार्रवाई की जाएगी। एक ही बूथ पर अगर कोई रोहिणी आचार्य उम्मीदवार दो बार जाकर परेशान करे तो ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
कोलकाता : ओबीसी आरक्षण खत्म करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर ममता बिफर पड़ीं। उन्होंने दमदम लोकसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि उन्हें यह फैसला कतई मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से संवैधानिक विघटन होगा। उन्होंने बीजेपी निशाना साधते हुए कहा कि ये शरारती लोग अपना काम एजेंसियों के माध्यम कराते हैं। ममता ने कहा कि आज भी मैंने एक जज को एक आदेश पारित करते हुए सुना, जो मशहूर रहे हैं। प्रधानमंत्री भी इस बारे में कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक आदिवासियों का आरक्षण कैसे छीन लेंगे। ऐसा कभी कैसे हो सकता है? इससे संवैधानिक विघटन होगा। आदिवासी आरक्षण को अल्पसंख्यक कभी छू नहीं सकते। लेकिन ये शरारती लोग (भाजपा) अपना काम एजेंसियों के माध्यम से कराते हैं। हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे ममता ने आगे कहा, 'उन्होंने आज एक आदेश पारित कराया है लेकिन मैं इसे स्वीकार नहीं करती हूं। जब बीजेपी की वजह से 26 हजार लोगों की नौकरियां गईं तो मैंने कहा था कि मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी। वैसे ही मैं आज कह रही हूं, मैं आज के आदेश नहीं मानती हूं। हम बीजेपी का आदेश नहीं मानेंगे। ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा। उनके दुस्साहस की कल्पना कीजिए। यह देश में कलंकित अध्याय है। ममता ने कहा कि यह मेरे द्वारा या मेरी सरकार में लागू नहीं किया गया था। उपेन बिस्वास ने लागू किया था। ओबीसी आरक्षण लागू करने से पहले सर्वे कराया गया था। इस संबंध मेंपहले भी मामले दर्ज हुए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। सिर्फ वोट की राजनीति के लिए कर रहे ऐसा ममता ने कहा कि वे भाजपा शासित राज्यों में नीतियों के बारे में बात क्यों नहीं करते? यह (ओबीसी आरक्षण) कैबिनेट, विधानसभा में पारित किया गया था और इस पर अदालत का फैसला भी है। चुनाव से पहले वे इन चीजों से खेल कर रहे हैं । उन्होंने पहले तो संदेशखाली का साजिश की जिसका पर्दाफाश हो चुका है। उनकी दूसरी साजिश साम्प्रदायिक दंगे की थी। उनकी तीसरी साजिश है कि क्या पीएम क्या पीएम कभी कह सकते हैं कि अल्पसंख्यक आदिवासी, ओबीसी का आरक्षण हड़प लेंगे? ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि यह संवैधानिक गारंटी है। ममता ने कहा कि वे सिर्फ वोट की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं ताकि वे 5 साल तक अपना भ्रष्टाचार जारी रख सकें। 2010 के बाद बनी ओबीसी लिस्ट रद्द दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने ओबीसी सर्टिफिकेट पर एक बड़ा फैसला लेते हुए बंगाल में 2010 के बाद बनी ओबीसी लिस्ट को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि अब कोई भी नए सर्टिफिकेट जारी नहीं किये जाएंगे। हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिाच है कि इस लिस्ट के आधार पर जिन लोगों को नौकरी मिल चुकी है, उनकी नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी उनकी नौकरी बरकरार रहेगी। जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथर की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मंगलवार 21 मई को हाईकोर्ट और राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत नहीं मिली। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत को खारिज कर दिया। वे राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। निचली अदालत ने 30 अप्रैल को उन्हें जमानत नहीं दी थी। उधर, सुबह राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी। आज उनकी न्यायिक हिरासत खत्म हो रही थी, इसलिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से कोर्ट में पेश किया गया। हाईकोर्ट ने कहा, 'सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति, लोगों के बयान बदल सकते हैं दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, 'सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं। कई लोगों ने उनके खिलाफ स्टेटमेंट दिया है। इसलिए इस संभावना को नहीं नकारा जा सकता है कि वे जमानत पर बाहर आकर इन लोगों को बयान बदलने के लिए कह सकते हैं।' अदालत ने हफ्ते में एक दिन बीमार पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी। सिसोदिया करीब 15 महीने से तिहाड़ में बंद हैं। उन्हें CBI ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वहीं, ED ने 9 मार्च 2023 को CBI की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। कोर्ट की टिप्पणियां... हाईकोर्ट ने कहा, 'यह केस सत्ता के दुरुपयोग का है। इनका मकसद था, ऐसी पॉलिसी बनाना जो कुछ लोगों के लिए फायदेमंद रहे और जिससे इन्हें कुछ मुनाफा मिलता रहे। याचिकाकर्ता के ऐसी पॉलिसी डिजाइन करने की इच्छा करते ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया था।' कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जो सबूत सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि सिसोदिया ने अपने मुताबिक नतीजे दिखाने के लिए पब्लिक फीडबैक में छेड़छाड़ की। सिसोदिया ने अपनी ही बनाई एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को भी दरकिनार कर दिया। सिसोदिया ने कहा कि फैसला लेने की प्रक्रिया के साथ समझौता किया गया। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया ने CBI केस में जमानत का ट्रिपल टेस्ट पास नहीं किया था क्योंकि उन्होंने वे दो फोन पेश नहीं किए थे, जो वे इस्तेमाल करते थे। उन्होंने इन फोन के डैमेज होने का दावा किया था। कोर्ट ने कहा था कि इस संभावना को नहीं नकारा जा सकता है कि सिसोदिया सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। PMLA केस में ED-CBI सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस बना पाए। पहले भी कई बार खारिज हुई सिसोदिया की जमानत याचिका CBI ने सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ED ने न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया तब से तिहाड़ जेल में हैं। उन्होंने ED मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, जिसे 28 अप्रैल, 2023 को खारिज कर दिया गया था। CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 31 मार्च, 2023 को खारिज हुई थी। इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने ED मामले में उनकी जमानत याचिका को 3 जुलाई, 2023 और CBI मामले में उनकी जमानत याचिका 30 मई, 2023 को खारिज की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर, 2023 सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। शराब नीति घोटाला केस- केजरीवाल और के. कविता भी हिरासत में दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में अब तक 16 हाई प्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी केस में सिसोदिया के अलावा दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और BRS नेता के. कविता भी न्यायिक हिरासत में हैं। AAP नेता संजय सिंह भी इसी मामले में जेल में थे। हालांकि, फिलहाल वे बेल पर बाहर हैं।
राज्यसभा की सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस इस घटना के आरोपी विभव कुमार को हिरासत में लेकर जांच को आगे बढ़ा रही है। दूसरी ओर भाजपा भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने केजरीवाल पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा है कि सीएम घटना वाले दिन का मिनट टू मिनट शेड्यूल जारी करें। दिल्ली के वालों के मन में कई सवाल- सुधांशु त्रिवेदी भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सीएम आवास के अंदर हुए घटनाक्रम के 8 दिन बाद भी दिल्ली के वालों के मन में कई सवाल हैं। सुधांशु ने कहा कि अरविंद केजरीवाल वही नेता हैं जो कहते थे कि मैं तो तीन कमरे के घर में रहूंगा और मेरा घर 24 घंटे खुला रहेगा। और आज अपने शीशमहल में ऐसे बंद होकर बैठे हैं कि अपनी सांसद से कहते हैं कि अपॉइंटमेंट नहीं था तो नहीं मिलूंगा। और अगर अपॉइंटमेंट न होने के बाद मिलने के लिए कहेगी तो उसके साथ दुर्व्यवहार करेंगे। मिनट टू मिनट शेड्यूल जारी करें- सुधांशु त्रिवेदी सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल जी आपकी पार्टी के पास 10-11 सांसद हैं। 2-3 सांसद हैं जो आपसे मिलना चाहते हैं। सुधांशु ने कहा कि अगर अपॉइंटमेंट नहीं था तो सीएम उस दिन का मिनट टू मिनट शेड्यूल जारी करें। अपॉइंटमेंट नहीं था तो स्वाति मालीवाल अंदर कैसे पहुंचीं? केजरीवाल के पास Z सिक्योरिटी है। बिना अपॉइंटमेंट के आए व्यक्ति पर उन्होंने क्या कार्रवाई की। क्या विभव कुमार का अपॉइंटमेंट था? सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल किया कि केजरीवाल के पीए विभव कुमार आवास के अंदर थे जो आज किसी पद पर नहीं हैं, क्या उनका अपॉइंटमेंट था? मगर वो बात भी सामने नहीं आई। वो अचानक घटना के बाद गायब हो गए और लखनऊ में दिखे, फिर वहां से भी गायब हो गए और सीएम आवास पर मिले।
नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राहत नहीं मिली है। राउज ऐवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 31 मई तक बढ़ा दी है। मनीष सिसोदिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से कोर्ट में पेश हुए थे। राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। कोर्ट ने आरोपियों से लिखित में बताने के लिए कहा कि गैर जरूरी दस्तावेजों की जांच के लिए कितना समय लगेगा। पिछले साल 26 फरवरी को सिसोदिया हुए थे गिरफ्तार दिल्‍ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष स‍िसोदिया तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। बता दें कि पिछले साल 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद से अबतक उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने इससे पहले मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत कई बार बढ़ाई थी। दिल्ली में 25 मई को है वोटिंग लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए मनीष सिसोदिया ने जमानत मांगी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के पांच चरणों का मतदान खत्म हो चुका है और दिल्ली में 25 मई को सभी सात सीटों पर वोटिंग होगी। ऐसे में चुनाव प्रचार को लेकर सिसोदिया ने कोर्ट में अपनी अर्जी डाली है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर सांसद स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच लगातार जारी है। अब जानकारी सामने आई है कि दिल्ली पुलिस अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को मुंबई लेकर जाएगी। आपको बता दें कि स्वाति ने मारपीट का आरोप विभव कुमार पर ही लगाया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपी विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद कोर्ट ने विभव को 5 दिन की हिरासत में भेज दिया था। मुंबई में फोन फॉर्मेट किया था दिल्ली पुलिस विभव को आज मुंबई लेकर जा सकती है। विभव ने मुंबई में फोन को फॉर्मेट किया था। विभव मुंबई में किन-किन लोगों के सम्पर्क में था पुलिस मुंबई जाकर यह भी पता लगाएगी। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस विभव को मंगलवार को ही दोपहर ढाई बजे की फ्लाइट से मुम्बई लेकर जा रही है। इसके बाद मुंबई में जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। SIT का गठन किया गया राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में SIT का गठन किया गया है। एसआईटी के गठन के बाद टीम ने सीएम स्टाफ के बयान भी दर्ज किए। इसके अलावा सीएम के सिक्योरिटी के बयानों को भी दर्ज किया गया है। एसआईटी ने मोबाइल वीडियो में दिख रहे सुरक्षाकर्मियों से भी पूछताछ की है। आरोपी विभव कुमार के घर भी पहुंची और यहां से टीम ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए हैं। सीसीटीवी को FSL जांच के लिए भेजा गया इसके अवाला सीएम हाउस से जब्त की गई सीसीटीवी की DVR को FSL जांच के लिए भेजा गया है। बता दें कि इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की टीम ने सीएम आवास से सीसीटीवी की डीवीआर और अन्य सामान जब्त किए थे। सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम आवास के सीसीटीवी फुटेज में छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया है।
17 मई को ED ने दिल्ली शराब नीति केस में 8वीं चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी दोनों को आरोपी बनाया गया है। देश के राजनीतिक इतिहास में ED ने पहली बार किसी पार्टी को आरोपी बनाकर मुकदमा शुरू किया है। अब ये सवाल उठ रहा है कि क्या किसी पॉलिटिकल पार्टी के खिलाफ मुकदमा चल सकता है? ED ने AAP को आरोपी बनाने के पीछे क्या तर्क दिए हैं, दोषी साबित होने पर क्या AAP की मान्यता रद्द हो जाएगी? सवाल 1: ED ने AAP को आरोपी बनाने के पीछे क्या तर्क दिए हैं? जवाब : 14 मई को दिल्ली हाईकोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस दौरान ED के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल वी राजू ने जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा से कहा था कि अब मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपी बनाया जाएगा। 3 दिन बाद 17 मई को ED ने जब दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में शराब नीति केस में 8वीं चार्जशीट दायर की, तो इस बात पर मुहर भी लग गई। AAP को आरोपी बनाकर मुकदमा चलाने के पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि शराब नीति में जो बदलाव किए गए थे, उसके लिए साउथ ग्रुप ने AAP को कुल 100 करोड़ की रिश्वत दी। इनमें से 45 करोड़ रुपए का इस्तेमाल AAP की ओर से 2022 गोवा चुनाव के दौरान हुआ था। चार्जशीट में अरविंद केजरीवाल के अलावा AAP पर भी मनी लॉन्ड्रिंग या PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी ने केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में मुख्य साजिशकर्ता माना है। आरोप है कि केजरीवाल और उनकी AAP सरकार ने नवंबर 2021 में शराब नीति में बदलाव करके होलसेलर्स के लिए 12% और रिटेलर्स के लिए 185% प्रॉफिट सुनिश्चित किया। सवाल 2: सुप्रीम कोर्ट ने AAP पार्टी को आरोपी बनाने पर क्या कहा है? जवाब: सुप्रीम कोर्ट में ED की ओर से जब ASG एसवी राजू ने कहा कि जांच एजेंसी ने चार्जशीट में AAP को आरोपी बनाया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि क्या इस आरोप को साबित करने के लिए आपके पास ठोस सबूत हैं? इससे पहले अक्टूबर 2022 में भी दिल्ली शराब नीति को लेकर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा था कि क्या पूरी आम आदमी पार्टी इस मामले में दोषी है, अगर ऐसा है तो आपने अब तक AAP को आरोपी क्यों नहीं बनाया है। इस पर ED की ओर से कहा गया था कि आगे जल्द ही हम AAP को आरोपी बनाने की सोच रहे हैं। उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि सब कुछ सबूतों पर आधारित होना चाहिए वर्ना जिरह के दौरान यह केस दो मिनट में ही रफा-दफा हो जाएगा। सवाल 3: क्या एक राजनीतिक दल AAP को शराब घोटाले में कानूनी तौर पर आरोपी बनाया जा सकता है? जवाब: हां, AAP को आरोपी बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक PMLA कानून की धारा-70 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के लिए कंपनियों की भी आपराधिक जवाबदेही तय की गई है। राजनीतिक पार्टियां, कंपनी कानून-2013 के तहत कंपनियों के दायरे में नहीं आती हैं, लेकिन PMLA कानून की धारा-70 के एक्सप्लेनेशन 1 (1) के मुताबिक कंपनी के दायरे में व्यक्ति या फिर व्यक्तियों के समूह भी आ सकते हैं। पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट की धारा-29A कहती है कि राजनीतिक पार्टियां व्यक्तियों का समूह हैं। इन दलों का चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन होता है। उन्हें कानूनी तौर पर व्यक्तियों के समूह का दर्जा मिल जाता है। इसके जरिए राजनीतिक पार्टियां इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के साथ टैक्स में अनेक छूट हासिल करती हैं। यही वजह है कि आम आदमी पार्टी या अन्य पार्टी को PMLA कानून के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी बनाया जा सकता है। सवाल 4: दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने से मौजूदा केस में क्या फर्क पड़ेगा? जवाब: ED का कहना है कि शराब घोटाले के पैसों का आम आदमी पार्टी ने दूसरे राज्यों में चुनावों के लिए इस्तेमाल किया है। सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान अगर ED ने आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया तो कानूनी प्रावधानों के अनुसार इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इस बात को कुछ कानूनी उदाहरणों से समझते हैं… PMLA कानून की धारा-2 (1) (U) में आपराधिक धन के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सभी तरीके से लाभ लेने वाले लोग अपराध के दायरे में आ सकते हैं। विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत सरकार मामले में 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसका जिक्र किया है। PMLA एक्ट की धारा-3 के मुताबिक आपराधिक धन और संपत्ति को छिपाकर रखने या इस्तेमाल से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ PMLA के तहत आपराधिक मामला बनता है। शराब घोटाले में AAP पार्टी को आरोपी बनाने से पार्टी अध्यक्ष के अलावा दूसरे पदाधिकारी और कोषाध्यक्ष भी ED की जांच के दायरे में आ सकते हैं। सवाल 5: अगर आम आदमी पार्टी दोषी साबित हुई तो क्या मान्यता रद्द हो सकती है? जवाब: सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ मामले दर्ज करने और मुकदमा चलाने की मान्यता भारत के कानून और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से मिली हुई है। आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने के बाद ED को पूरे मामले में नए तरीके से छानबीन करनी होगी। राजनीतिक दल को आरोपी बनाने को अदालत में पार्टी की तरफ से चुनौती भी दी जाएगी। इस मामले से जुड़े जटिल कानूनी पहलुओं को देखते हुए उन पर आखिरी फैसला आने में लंबा समय लग सकता है। आम आदमी पार्टी के दोषी साबित होने पर चुनाव आयोग से पार्टी की मान्यता और चुनाव चिह्न सस्पेंड करने की मांग की जा सकती है। चुनाव चिह्न आदेश- 1968 के मुताबिक आचार संहिता के उल्लंघन या चुनाव आयोग के आदेश का पालन नहीं करने पर ही पार्टी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। इसके आधार पर पार्टी की मान्यता रद्द करने की मांग भी हो सकती है। सवाल 6: क्या अरविंद केजरीवाल के अलावा पार्टी के दूसरे पदाधिकारी भी जेल जा सकते हैं? जवाब: PMLA कानून की धारा-70 के एक्सेप्शन-1 (1) के तहत कंपनी के दायरे में पार्टी को शामिल करने के बावजूद उसके पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल होगा। इस कानून की धारा-70 में कंपनियों की जवाबदेही के लिए डायरेक्टर शब्द की कानूनी व्याख्या की गई है। जबकि पार्टियों के पदाधिकारियों का निर्धारण पार्टी के संविधान और चुनाव आयोग के रजिस्ट्रेशन के अनुसार होता है। आम आदमी पार्टी के संविधान के मुताबिक निर्णय लेने और पैसे के लेन-देन के लिए जवाबदेह लोगों को ED आरोपी बना सकती है। हालांकि पैसे के अवैध लेन-देन और हवाला को साबित करने के लिए ठोस सबूत नहीं हुए तो पार्टी और सरकार दोनों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले खारिज हो सकते हैं। सवाल 7: AAP को दोषी बनाने से इस मामले में अब आगे क्या होगा? जवाब: आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने से फोकस मनीष सिसोदिया, केजरीवाल या दूसरे आरोपियों से AAP पर शिफ्ट होगा। अभी तक यह धारणा है कि दिल्ली सरकार ने यह शराब घोटाला किया है, लेकिन पार्टी को आरोपी बनाने से पूरा परिदृश्य बदल जाएगा। अब इस मामले में आगे केजरीवाल और अन्य लोगों के खिलाफ पार्टी के पदाधिकारी होने के नाते मामला चलेगा।
देश भर में लोकसभा चुनाव हो रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से परेशान करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को एक धमकी भरा कॉल मिला है। प्राथमिक रूप से मिली जानकारी के मुताबिक, अज्ञात शख्स ने मुंबई पुलिस को कॉल कर बताया कि दादर इलाके में स्थित मैकडॉनाल्ड में धमाका होगा। बस में मैकडॉनल्ड उड़ाने की चर्चा फोन करने वाले शख्स ने पुलिस को बताया कि वो बेस्ट की बस नंबर- 351 में यात्रा कर रहा था उसी दौरान उसने दो लोगों को मैकडॉनल्ड उड़ाने की बात करते सुना। इस बात की जानकारी कॉलर ने शनिवार की रात पुलिस कंट्रोल को कॉल कर दी। इस कॉल के बाद मुंबई पुलिस जांच और छानबीन में जुट गई, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। फ्लाइट में टिश्यू पर लिखा मिला- बम इन दिनों बम धमाके की धमकी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बीते दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया की फ्लाइट के शौचालय में एक टिशू पेपर पर 'बम' लिखा हुआ मिला, जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी जांच की और आखिर में बम होने की सूचना को अफवाह बताया। इससे पहले ईमेल के जरिए इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयपोर्ट के साथ-साथ दिल्ली के कई अस्पतालों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी, जिसे पुलिस ने जांच के बाद महज अफवाह बताया। स्कूल और एयरपोर्ट में धमाके की धमकी वहीं, 1 मई को दिल्ली-एनसीआर के 150 से ज्यादा स्कूलों को फर्जी धमकी भरे ईमेल मिले थे, यह भी बाद भी अफवाह निकली। इससे पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट पर विमान को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। ये धमकी भी ईमेल के जरिए दी गई थी। ईमेल में भोपाल एयरपोर्ट के साथ देश के अन्य हवाई अड्डों पर भी विमानों को बम से उड़ाने का जिक्र था। अथॉरिटी की शिकायत पर गांधीनगर पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की थी। अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 507 और वायुयान
प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में इंडी गठबंधन की जनसभा में भगदड़ मच गई है। इस भगदड़ में कई लोगों के घायल होने की खबर मिली है। अखिलेश यादव के पहुंचते ही कार्यकर्ता बेकाबू हो गए और बेरीकेटिंग तोड़कर मंच पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। राहुल और अखिलेश नहीं दे पाए भाषण भगदड़ की वजह से मीडियाकर्मियों के कैमरे और स्टैंड टूट गए। अव्यवस्था के चलते अफरातफरी का माहौल मच गया। फूलपुर के पंडिला में इस जनसभा का आयोजन किया गया था। राहुल गांधी और अखिलेश यादव बिना भाषण दिए ही चले गए। प्रयागराज में अमित शाह ने साधा विपक्ष पर निशाना हालही में गृह मंत्री अमित शाह ने प्रयागराज में इंडी गठबंधन पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा, 'पूरा इंडी गठबंधन अपने बेटे-बेटियों के लिए राजनीति करता है।' उन्होंने कहा कि लालू, सोनिया, उद्धव, स्टालिन अपने-अपने बेटों को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। इलाहाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'जो लोग अपने बेटे-बेटियों के लिए राजनीति करते हैं क्या वे आपका भला कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन कहता है कि उनकी सरकार आएगी तो वे अनुच्छेद 370 फिर से लागू करेंगे, तीन तलाक वापस लाएंगे, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) हटाएंगे और परमाणु हथियार नष्ट करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये ‘इंडी’ गठबंधन देश को आगे नहीं बढ़ा सकता। गृह मंत्री ने कहा, 'ये कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकारों ने 70 साल तक राम मंदिर को अटकाए रखा। सपा सरकार ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं और हमारे रामभक्तों को मारने का काम किया। आपने मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया। मोदी जी ने केस जीता, भूमि पूजन किया और 24 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा समारोह के साथ ‘जय श्री राम’ कह दिया।' उन्होंने कहा कि जब ट्रस्ट (न्यास) ने इनको (विपक्षी दलों को) प्राणप्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण भेजा तो वो लोग नहीं पहुंचे। उन्होंने कहा कि सोनिया भी नहीं पहुंचीं, राहुल बाबा, अखिलेश और डिंपल भाभी भी नहीं पहुंचीं, ये इसलिए नहीं पहुंचे क्योंकि अपने वोटबैंक से डरते हैं, उनके वोटबैंक आप नहीं, बल्कि वे घुसपैठिए हैं। शाह ने कहा कि मोदी जी ने अपने धर्म के सभी सांस्कृतिक केंद्रों को ऊर्जावान बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर रामभक्तों पर गोली चलाने वाले हैं तो दूसरी ओर राम मंदिर बनवाने वाले मोदी जी हैं, जनता को दोनों के बीच चुनाव करना है।
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के पूर्व पीएस बिभव कुमार पर बदसलूकी और मारपीट करने का आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने बिभव को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने शनिवार को अधीर रंजन चौधरी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि 'स्वाति मालीवाल मारपीट प्रकरण' में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी से दूरी बना ली है। दरअसल अधीर रंजन चौधरी ने अपने बयान में स्वाति मालीवाल से मारपीट करनेवाले आरोपी बिभव कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। अधीप रंजन चौधरी का बयान अधीर रंजन चौधरी के इसी बयान का जिक्र करते हुए भजपा प्रवक्ता शहजाद पूनवाला ने आम आदमी पार्टी पर हमला किया है। उन्होंने कहा, “शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रैली में भी सीएम अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस ने ‘आप’ से दूरी बना ली है।“ प्रियंका गांधी द्वारा स्वाति मालीवाल मामले को पार्टी का आंतरिक मुद्दा बताए जाने पर भी शहजाद ने कहा कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं ,जैसे नारे लगाए वाली नेता से यह उम्मीद नहीं थी। संजय सिंह द्वारा पहले स्वाति मालीवाल का पक्ष लेने और इसके बाद लखनऊ में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम केजरीवाल द्वारा इससे जुड़े सवालों से बचने पर भी शहजाद ने तीखी प्रतिक्रया व्यक्त की है। आम आदमी पार्टी का यू टर्न उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी का इस मामले में यू-टर्न लेना निंदनीय है।“ उन्होंने आगे कहा, “पहले संजय सिंह स्वाति मालीवाल का पक्ष लेकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हैं। इसके बाद उनकी पार्टी सवालों से बचने की कोशिश करती है। अब आदमी पार्टी अपने ऊपर लग रहे आरोपों से बचने के लिए स्वाति को ही गद्दार बता रही है।“ बता दें कि बीते दिनों दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सीएम केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार पर उनके साथ मुख्यमंत्री आवास में मारपीट का आरोप लगाया था। उन्होंने इस संबंध में दो दफा दिल्ली पुलिस को फोन भी किया था। मालीवाल का आरोप है कि सीएम केजरीवाल के कहने पर विभव ने उन्हें पीटा। बीते दिनों उन्होंने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत दर्ज कराने के बाद कोर्ट में अपना बयान भी दर्ज करा दिया है।'
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट और अभद्रता करने के आरोप में सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद विभव कुमार ने तीस हजारी कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। इस याचिका पर आज ही सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं, दिल्ली के डीसीपी नार्थ आफिस मे दिल्ली पुलिस की हाई लेवल मीटिंग चल रही है, जिसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर के OSD मनीषी चंद्रा समेत अन्य अधिकारी मौजूद हैं। थोड़ी देर में अरविंद केजरीवाल पीसी करने वाले हैं। कोर्ट में क्या-क्या हुआ, जानें डिटेल्स दिल्ली पुलिस आज ही विभव कुमार को कोर्ट में पेश करेगी और रिमांड की मांग करेगी। विभव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है। विभव कुमार की तरफ से वकील वरिष्ठ वकील एन हरिहरन ने दलील रखना शुरू किया। वकील हरिहरन विभव कुमार की ओर से पेश हो रहे हैं। वकील ने कहा - शनिवार को हमें आपको परेशान करना पड़ा क्योंकि ऐसी स्थिति बनी। विभव पुलिस स्टेशन में मौजूद हैं। 12 बजे से वो वहां हैं और गिरफ्तारी की आशंका है। IPC 308, बाकी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। कोई ऐसी धारा नहीं जिसमे सात साल से ज़्यादा की सज़ा हो। वकील - कोई नोटिस इस केस में आरोपी को नहीं दिया गया। वकील हरिहरन ने कहा जो आरोप लगा है उनपर कोई विश्वास नहीं कर सकता है। अभी विभव की स्थिति क्या है उसके बारे में हमको नहीं पता है, हमको आशंका है कि उनको गिरफ्तार किया जा सकता है। वकील- स्वाति मालीवाल जो आरोप लगा रही है, वो समझ से परे है। विभव ऐसे मारपीट क्यों करना शुरू कर देगा, ये समझ से परे है! वकील- CM के निवास स्थान पर कोई ऐसी हरकत क्यों करेगा जैसा आरोप मालीवाल ने लगाया है। वकील हरिहरन ने कहा कि सैकड़ों लोग वहां मौजूद थे अगर स्वाति के साथ कोई मारपीट होती तो वह चिल्लाती, अगर वह चिल्लाती तो वहां मौजूद लोग सुनते। वकील हरिहरन ने कहा कि जहां पर घटना हुई है वहां पर CCTV मौजूद था। CM से मुलाक़ात के लिए ज़रूरी है कि पहले अपॉइंटमेंट लिया जाए लेकिन स्वाति सीधे CM आवास में पहुंच गई जो की सीधा CM की सुरक्षा में सेंध है। अदालत में 13 मई की सीसीटीवी दिखाई गई जिसमे स्वाती मालवाल को सीएम के घर से बाहर सिक्युरिटी पर्सनल लेकर जा रहे हैं। जज को स्वाति मालीवाल के CM आवास से बाहर निकलने का CCTV वीडियो दिखाया गया। सीसीटीवी देखकर जज ने कहा कि स्वाति मालीवाल कुर्ती पहने हुए है उसमें कोई बटन नहीं है, तो बटन तोड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता। सरकारी वकील ने कोर्ट मे ंकहा- एक तरफा पिक्चर दिखाई जा रही है, शिकायतकर्ता के 164 के बयान हुए है। बिना जांच अधिकारी का जवाब आये बिना कोर्ट को कोई राहत देने का फैसला नही करना चाहिए। मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं-विभव बता दें कि कस्टडी में लिए जाने से पहले विभव कुमार ने दिल्ली पुलिस को एक ईमेल भेजा था. जिसमें उन्होंने पुलिस से कहा है कि "वह जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। विभव ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए मेरे खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर की जानकारी मिली है और मैं पूछताछ के लिए जांच में सहयोग करूंगा। उन्होंने ये भी कहा कि मैंने भी 13 मई को हुई इस घटना को लेकर शिकायत की है, जिस पर दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।" गिरफ्तार करनेके बाद दिल्ली पुलिस विभव को लेकर सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन पहुंची है। पुलिस ने स्वाति मालीवाल केस में 10 टीमों का गठन किया था, जिसमें से 4 टीमें विभव की लोकेशन का पता लगा रही थीं क्योंकि कहा गया था कि विभव शहर में मौजूद नहीं हैं।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम हाउस में मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 3 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ये तीनों राज्य वो है, जहां बीजेपी की सरकार है। मध्य प्रदेश के सीएम ने क्या कहा? स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, 'जो बोलना है, अरविंद केजरीवाल को बोलना है। जो हुआ है, उनकी पार्टी में हुआ है, उनके घर में घटना घटी। वे(स्वाति मालीवाल) उन्हीं की पार्टी की राज्यसभा सांसद हैं। जनता सब देख रही है, जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।' असम के सीएम ने क्या कहा? असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, 'केजरीवाल के आवास पर जो कुछ भी होता है, वे कहते हैं कि यह भाजपा की साजिश है लेकिन स्वाति मालीवाल भाजपा की नहीं, आम आदमी पार्टी की सांसद हैं।' उत्तराखंड के सीएम ने क्या कहा? उत्तराखंड के सीएम पु्ष्कर सिंह धामी ने कहा, 'जिस मुख्यमंत्री आवास में विकास की योजनाएं बननी चाहिए थीं, दिल्ली को आगे बढ़ाने की योजनाएं बननी चाहिए, वहां इस प्रकार की घटनाएं हो रही हैं वो भी उन्हीं की पार्टी की सांसद के साथ। जब महिला सांसद के साथ इस प्रकार की घटना हो रही है तो और महिलाओं के बारे में उनकी क्या सोच होगी। ये पूरी तरह से दिखता है कि पार्टी(AAP) महिला विरोधी पार्टी है, महिलाओं का उत्पीड़न करने वाली पार्टी है।' केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी का भी बयान सामने आया केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'मैं अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि सांसद आपने बनाया, तो वो हमारी बात क्यों मानेगा? क्या आपने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है? 4-5 महीने पहले आपने किसी को सांसद बनाया और बाद में वे(अरविंद केजरीवाल) कहते हैं कि वो हमारी(भाजपा) बात मान रहे हैं। भाजपा और भाजपा के नेताओं पर आरोप लगाने से पहले अरविंद केजरीवाल, आप अपना सिस्टम सुधारें।' दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने क्या कहा? AAP सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के पूर्व निजी सचिव विभव कुमार की गिरफ्तारी पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'आश्चर्यजनक ये है कि उनकी गिरफ्तारी मुख्यमंत्री आवास के अंदर हुई है। सीधा-सीधा संदेश है दिल्ली की जनता को कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निवास अब गुंडों की शरणस्थली बन चुका है।'
शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है। 200 पन्नों की इस सप्लीमेंट्री चार्जशीट में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया गया है। अब तक इस मामले में ED 8 चार्जशीट दाखिल कर चुकी है जिसमें 7 सप्लीमेंट्री और 1 मेन चार्जशीट है। ED ने चार्जशीट में क्या-क्या कहा? मनीष सिसोदिया और के कविता के साथ अरविंद केजरीवाल भी हैं 'मास्टरमाइंड' ED ने अपने चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को आरोपी के रूप में नामित किया है। पहली बार किसी राजनीतिक दल को मनी लॉन्ड्रिंग जांच में आरोपी के रूप में नामित किया गया है। ED ने कहा है कि पीएमएलए की धारा 70 के तहत आप कंपनी के रूप में मुकदमा चलाने के लिए उत्तरदायी है। ईडी का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चलता है कि अपराध की आय का इस्तेमाल AAP ने अपने गोवा चुनाव अभियान में किया। AAP ने गोवा चुनाव प्रचार में 45 करोड़ रुपये खर्च किए। केजरीवाल को 2 जून को करना है सरेंडर ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को केजरीवाल को 21 दिनों की अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें 2 जून को सरेंडर करना है। अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए केजरीवाल की ओर से यह याचिका दाखिल की गई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने अगर केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध पाया तो फिर उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा। वहीं अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। हवाला ट्रांसफर के सबूत जस्टिस खन्ना ने कहा कि ईडी का कहना है कि उनके पास आंध्र प्रदेश से लेकर गोवा चुनावों में हवाला ट्रांसफर के सबूत हैं। इस पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार में ये कोई सबूत नहीं है। वहीं एएसजी राजू ने सिंघवी के जवाब पर आपत्ति जताई।
नई दिल्ली,सीएम आवास पर बदसलूकी के मामले में AAP सांसद स्वाति मालीवाल ने 3 दिन बाद आखिरकार लिखित शिकायत दर्ज करवाई। गुरुवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम स्वाति के घर पहुंची और उनका बयान दर्ज किया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ स्वाति के घर पहुंचे थे। टीम करीब 4 घंटे रही। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव (PA) बिभव कुमार पर सीएम आवास में स्वाति के साथ बदसलूकी और मारपीट करने का आरोप है। इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिभव कुमार को नोटिस भेजकर शुक्रवार को तलब किया है। पहले स्वाति के साथ बदसलूकी के केस को समझिए 13 मई की सुबह 9:34 बजे दिल्ली के सीएम आवास से पुलिस के पास एक फोन आया। कॉलर ने सिर्फ एक लाइन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने बताया, 'हमें सुबह 9:34 बजे एक PCR कॉल मिली। कॉल करने वाले ने कहा कि उसके साथ CM आवास के अंदर मारपीट की गई है। उसके बाद लोकल पुलिस और SHO ने कॉल का जवाब दिया। कुछ समय बाद, सांसद स्वाति मालीवाल पुलिस स्टेशन सिविल लाइंस आईं। हालांकि, इस मामले में उनकी ओर से उस समय कोई शिकायत नहीं दी गई।' 14 मई को संजय सिंह ने कबूल किया कि मुख्यमंत्री आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता हुई। उन्होंने मीडिया से कहा, '13 मई को बहुत ही निंदनीय घटना घटित हुई। सुबह अरविंद केजरीवाल से मिलने स्वाति मालीवाल उनके आवास पर पहुंची थीं। ड्रॉइंग रूम में केजरीवाल का इंतजार कर रही थीं। इस बीच मुख्यमंत्री के पीए बिभव कुमार वहां पहुंचे और उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की।' लखनऊ में आज केजरीवाल के साथ दिखे बिभव इंडिया ब्लॉक की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए केजरीवाल और संजय सिंह गुरुवार सुबह दिल्ली से लखनऊ पहुंचे। बिभव को लखनऊ एयरपोर्ट पर केजरीवाल के साथ देखा गया। मीडिया ने स्वाति मालीवाल केस को लेकर केजरीवाल से सवाल किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान दोनों को एक साथ गाड़ी में बैठा देखा गया। भाजपा ने कहा- केजरीवाल को पछतावा तक नहीं, AAP बोली- राजनीतिक खेल न खेलें भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि स्वाति मालीवाल केस में अरविंद केजरीवाल को पछतावा तक नहीं है। इस केस का आरोपी उनके साथ घूम रहा है। उन्होंने साफ कर दिया है कि महिला सम्मान को लेकर उनके पास कोई जगह नहीं है। उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। संजय ने लखनऊ में कहा, 'आम आदमी पार्टी हमारा परिवार है। पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। स्वाति मालीवाल मामले पर राजनीतिक खेल न खेलें। इस मामले में पार्टी के अंदर चर्चा हुई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी में कहा, 'इसमें दो बातें हैं। पहला, अगर महिलाओं के साथ कुछ गलत होता है तो हम उनके साथ खड़े हैं। मैं हमेशा महिलाओं के साथ ही खड़ी रहती हूं चाहें वे किसी भी पार्टी की हों। दूसरा AAP आपस में चर्चा करेगी... वो आपस में निर्णय लेंगे। ये उन पर है। केजरीवाल इस मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।' मायावती ने कहा, महिलाओं के उत्पीड़न मामले में चाहे वह कोई पार्टी हो या इन्डि हो या अन्य गठबन्धन हो, इन्हें दोहरा मापदण्ड नहीं अपनाना चाहिए। बीएसपी के शीर्ष नेतृत्व से जरूर सबक लेना चाहिए। AAP की महिला राज्यसभा सांसद के साथ सीएम आवास में अभद्रता के गंभीर मामले पर देश की नजर है। दोषी के विरुद्ध अब तक कार्रवाई नहीं होना अनुचित। ऐसे में राज्यसभा के सभापति और महिला आयोग को भी इस घटना का संज्ञान लेने की जरूरत है। दिल्ली भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष ऋचा पांडे मिश्रा ने स्वाति मालीवाल को लेटर लिखा। इसमें लिखा- हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस घटना की पूरी जानकारी पुलिस को दें ताकि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। ऐसी घटनाएं रिपीट न हो, इसके लिए कानूनी प्रोसेस जरूरी है। बुधवार को पूर्व पति का दावा- स्वाति मालीवाल की जान खतरे में 15 मई को मालीवाल के पूर्व पति नवीन जयहिंद ने दावा किया कि स्वाति की जान खतरे में है। स्वाति के साथ जो भी हुआ उसकी प्लानिंग की गई थी। नवीन ने कहा, ' स्वाति सामने आएं और अपना पक्ष रखें।' इसके अलावा उन्होंने AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को लेकर कहा, 'मैं संजय सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस सुन रहा था और मैं उन्हें यह बताना चाहता हूं कि उन्हें कैमरे के सामने एक्टिंग बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि उन्हें पूरा मामला पता था।'
नई दिल्ली : पिछले लोकसभा चुनाव को जीतने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने सबसे पहले जो दो बड़े फैसले किए वे थे आर्टिकल 370 को बेअसर करना और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनाना। दिसंबर 2019 में ही संसद के दोनों सदनों से नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) पास हुआ। राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में उसके खिलाफ हिंसक और उग्र प्रदर्शन हुए। शायद उन हिंसक विरोध प्रदर्शनों का असर था या मोदी सरकार की कोई खास रणनीति, संसद से कानून बनने के 4 साल तक इसे लेकर चुप्पी बनी रही। कब से लागू होगा? क्या नियम होंगे? कहीं हमेशा के लिए तो ठंडे बस्ते में नहीं चला गया? इन तमाम सवालों का जवाब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तब मिला जब 11 मार्च 2014 को आखिरकार मोदी सरकार ने देशभर में सीएए को लागू कर दिया। इसकी टाइमिंग से साफ है कि बीजेपी की हसरत इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने की थी। अब जब लोकसभा चुनाव के कुल 7 में से 4 चरणों की वोटिंग हो चुकी है, तब एक दिन अचानक सीएए के तहत नागरिकता के सर्टिफिकेट भी बंटने लगे। 15 मई को केंद्रीय गृह सचिव ने 14 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता का सर्टिफिकेट दिया। देशभर में कुल 300 आवेदकों को नागरिकता के सर्टिफिकेट दिए गए। चुनाव के बीच इस कवायद का क्या बीजेपी को लाभ मिलेगा? आइए समझते हैं। चुनावी मुद्दा सीएए इस बार बड़ा चुनावी मुद्दा है। इस मुद्दे की सबसे ज्यादा तपिश पश्चिम बंगाल में महसूस हो रही है। वहां की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी अपनी चुनावी रैलियों में लगातार सीएए के खिलाफ आक्रामक बयानबाजियां कर रही हैं। वह तो कई बार ये भी कह चुकी हैं कि पश्चिम बंगाल में वह सीएए को हरगिज लागू नहीं होने देंगी। अब सीएए के तहत नागरिकता देने की शुरुआत के साथ ये मुद्दा और गरमाएगा। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दो टूक कह रहे कि कोई कुछ भी कर ले, सीएए को नहीं हटा पाएगा।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर हुई बदसलूकी के मामले में दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज कर लिया है। इसके साथ अबतक राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना यह मामला कानूनी कार्रवाईयों की ओर बढ़ता नजर रहा है। स्वाति मालीवाल करीब 4 घंटे से ज्यादा समय तक दिल्ली पुलिस की टीम आज स्वाति मालीवाल के घर पर मौजूद रही। इस दौरान बदसलूकी मामले में उनके बयान लिए गए। जानकारी के मुताबिक स्पेशल सेल के एडीशनल सीपी प्रमोद कुशवाह और एडीशनल DCP नार्थ अंजीता के सामने स्वाति ने बयान दर्ज कराया। बयानों के आधार पर होगा कानूनी एक्शन सूत्रों के मुताबिक स्वाति मालीवाल ने पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी है। सीएम आवास में स्वाति के साथ जो भी हुआ था सब बताया है, स्टेटमेंट दिया है। स्वाति मालीवाल ने अपने बयानों में सोमवार 13 मई का पूरा घटनाक्रम बताया। किन हालातों में उन्होंने पीसीआर कॉल की उसके बारे में भी पुलिस को बताया। पुलिस ने स्वाति के बयानों के आधार पर कानूनी कार्यवाही शुरू की। जल्द एफआईआर दर्ज करेगी दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए विभव के खिलाफ शिकायत दी है और पूरा घटनाक्रम बताया है कि सीएम आवास में उनके साथ विभव ने किस तरह बदसलूकी की। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में जल्द एफआईआर दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने शिकायत में विभव कुमार का नाम दर्ज किया है। लीगल टीम से बात करके दिल्ली पुलिस जल्द एफआईआर दर्ज करेगी। नार्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस दर्ज करेगी एफआईआर दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक स्वाति मालीवाल केस की एफआईआर लोकल पुलिस यानी नार्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस ही करेगी। स्पेशल सेल के अधिकारी प्रमोद सिंह कुशवाहा स्वाति मालीवाल के घर जरूर गए थे क्योकि वे काफी अनुभवी अधिकारी हैं, लेकिन एफआईआर लोकल पुलिस करेगी।
‘स्वाति मालीवाल मारपीट प्रकरण’ को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव एक नए विवाद में फंस गए हैं। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वाति मालीवाल से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुप रहे। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन अखिलेश यादव बीच में कूद पड़े और बेतुका जवाब दे दिया। अखिलेश ने कहा, “अरे उससे ज्यादा जरूरी और चीजें भी हैं। भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं। भाजपाई झूठे मुकदमे लगाने वाला गैंग है।” रेप पर मुलायम ने कहा था- लड़के हैं गलती हो जाती है बता दें कि अखिलेश यादव के दिवंगत पिता और यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने एक ऐसा ही विवादित बयान दिया था। साल 2014 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की एक रैली में मुलायम सिंह ने कहा था कि रेप के लिए फांसी देना गलत है। उन्होंने बलात्कारियों का बचाव करने के लिए यहां तक कह दिया था कि लड़कों से गलतियां हो जाती हैं। बीजेपी बोली- मुलायम सिंह के बेटे से उम्मीद ही क्या की जा सकती है ऐसे संवेदनशील मामले में ऐसी टिप्पणी कर अखिलेश यादव बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “’लड़कों से गलती हो जाती है’ जैसे बयान देने वाले दिवंगत मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेटे से आखिर उम्मीद ही क्या की जा सकती है?'' उन्होंने आगे कहा, “इससे पता चलता है कि ये लोग महिला सुरक्षा को लेकर कितने संवेदनशील हैं? इंडी गठबंधन से महिला सुरक्षा की अपेक्षा करना गलत है।“ उन्होंने कहा, “सीएम केजरीवाल विभव कुमार के साथ नजर आए, जबकि संजय सिंह स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट की घटना स्वीकार चुके हैं। इन लोगों को महिला आत्मसम्मान की नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ की चिंता है।“ आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “यह पार्टी अपराधियों को शरण देती है और इनसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करना बेमानी है। स्वाति को सामने आकर बयान देना चाहिए। संभवत: उनके ऊपर राजनीतिक दबाव हो सकता है, जिसकी वजह से वो सामने आने से बच रही हैं।'' मायावती के बयान पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “मैं उनके बयान का समर्थन करता हूं कि राज्यसभा सभापति को मामले का संज्ञान लेकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।'' सवालों से किनारा करते दिखे केजरीवाल सीएम अरविंद केजरीवाल और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें सीएम केजरीवाल स्वाति मालीवाल मारपीट प्रकरण से जुड़े सवालों से किनारा करते दिखे। लेकिन अखिलेश यादव ने कह दिया कि देश में इससे भी बड़े अहम मुद्दे हैं। उनके इतना कहने पर ही माइक संजय सिंह की ओर खिसका दिया गया, लेकिन अखिलेश अब अपने इस बयान की वजह से बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। गौरतलब है कि बीते दिनों स्वाति मालीवाल ने सीएम केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था। उन्होंने इस संबंध में दिल्ली पुलिस को दो दफा फोन भी किया था।
पुलिस ने छापा मारकर लड़कियों को बचाया पुलिस अधिकारी ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए सरकारी अधिकारियों में एक पुलिस उपाधीक्षक और स्वास्थ्य सेवाओं का उपनिदेशक शामिल है। ईटानगर के पुलिस अधीक्षक (SP) रोहित राजबीर सिंह ने कहा कि राजधानी में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली दो बहनें पड़ोसी राज्य असम के धेमाजी से नाबालिग लड़कियों को तस्करी कर राज्य में ला रही थीं। उन्होंने कहा कि यहां पास में चिंपू में नाबालिग लड़कियों से जुड़ा एक वेश्यावृत्ति गिरोह सक्रिय होने की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम ने 4 मई को 2 बहनों के घर पर छापा मारा और 2 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया। मामले में 5 सरकारी अधिकारी भी हुए गिरफ्तार एसपी ने कहा कि नाबालिग लड़कियों ने खुलासा किया कि उन्हें दो बहनें धेमाजी से ईटानगर लेकर आई थीं। इसके बाद धेमाजी से तस्करी करके लाई गई 2 और नाबालिग लड़कियों के बारे में पता चला जो एक महिला के चंगुल में थीं और बाद में उन्हें मुक्त करा लिया गया। पुलिस टीम को यह भी पता चला कि आरोपी एक और नाबालिग लड़की को तस्करी कर लाए हैं जिसके बाद एक होटल में छापेमारी की गई और लड़की को मुक्त करा लिया गया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वेश्यावृत्ति रैकेट में शामिल कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 5 सरकारी अधिकारियों सहित 11 ग्राहकों को भी गिरफ्त में लिया गया है।
बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल और अखिलेश के साथ हुए प्रेस कान्फ्रेंस पर पलटवार किया है। साथ ही उनके साथ पीए विभव कुमार के होने पर सवाल भी खड़े किए हैं। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि भारतीय जनता पार्टी जो हमेशा से महिला सशक्तिकरण की बात ही नहीं करती है उसको चरित्रार्थ भी करती है। महिलाओं से जुड़े कुछ मुद्दे हम हमेशा से उठाते रहे हैं और कुछ प्रमुख मुद्दे पर जो सामने आए उसे देखते हुए एक बात जरूर कहना चाहूंगा बीजेपी इस चुनाव में अकेले 370 सीट और एनडीए 400 प्लस सीट जीत रही है। हम 4 तारीख को जीत रहे हैं। 'मालीवाल के साथ घिनौना अपराध' बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि दिल्ली के सीएम आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ घिनौना अपराध हुआ है। घटना को तीन दिन हो गए सभी को उम्मीद थी कि केजरीवाल नारी शक्ति के साथ समझौता नहीं करेंगे। लेकिन आज जो सामने आया वो चौंकाने वाला था। आज देखकर लगा कि अरविंद को कोई पछतावा तक नहीं है। केजरीवाल के साथ बिभव कुमार सबके सामने घूम रहे है, वो भी केजरीवाल के संरक्षण में। 'केजरीवाल के घर को गुंडागर्दी का घर कहें' सीएम आवास को लेकर कहा कि शीशमहल नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के घर को गुंडागर्दी का घर कहें। यह जो सीएम आवास पर पाप हो रहा है, उस पर केजरीवाल का कुछ कहना चाहिए करना चाहिए, लेकिन आरोपी उनका जुड़वा भाई बनकर उनके साथ घूम रहा है, लेकिन इस पर वो एक शब्द भी नहीं कह रहे। संजय सिंह ने पीसी कर कहा था कि बिभव के खिलाफ कार्रवाई होगी। केजरीवाल भ्रष्टाचार की बोतल में महिला सम्मान का दम घोट कर शराब परोस रहे है। सवाल यह कि स्वाति मालीवाल पर दबाव बनाकर कहीं छुपाया गया है। स्वाति मालीवाल एक महिला है और महिला सम्मान के लिए उनके साथ दलगत राजनीति से ऊपर भाजपा उनके साथ खड़ी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम एक शब्द नही बोल रहे हैं। उठाए कई सवाल दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर स्वाति मालीवाल के साथ अपराधिक घटना घटी, लेकिन वारदात के 72 घंटे बाद भी आम आदमी पार्टी में खामोशी है। आज पिटाईकांड के बाद बवाल मचा है। बीजेपी केजरीवाल से जवाब मांग रही है केजरीवाल लखनऊ में हैं। केजरीवाल ने थोड़ी देर पहले अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस की। केजरीवाल के लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचने से लेकर अखिलेश यादव से मिलने पहुंचने तक विभव कुमार उनके साथ था, जिस वक्त केजरीवाल प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। विभव कुमार उनकी कार में बैठा था। ये वही विभव कुमार है जिसपर ही स्वाति मालीवाल की पिटाई का आरोप है। आप सांसद संजय सिंह भी कह चुके हैं कि विभव कुमार ने मालीवाल से बदसलूकी की। सवाल है कि आप की राज्यसभा सांसद से बदसलूकी करने वाला केजरीवाल के साथ साए की तरह क्यों चल रहा है? क्या स्वाति मालीवाल पिटाई कांड में कोई विभव कुमार को बचा रहा है? केजरीवाल से किया गया ये सवाल लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब केजरीवाल से सवाल किया गया कि अरविंद जी आप स्वाति मालीवाल के मामले में अभी तक कुछ क्यों नहीं बोले है। इस पर अखिलेश यादव ने जवाब देते हुए कहा कि अरे उससे जरूरी और चीजें भी हैं। फिर केजरीवाल से सवाल किया गया कि स्वाति मालीवाल के मामले में क्या कुछ कहेंगे? जिस पर वो चुप रहे। फिर अगला सवाल किया गया कि अरविंद जी आज आपके साथ में भी आए हैं वो। इस पर भी केजरीवाल ने चुप्पी बनाए रखी।
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मुख्यमंत्री आवास पर हुई कथित मारपीट का मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। आज एनसीडब्ल्यू ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विभव कुमार को कल यानी 17 मई को राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने पेश होने के लिए बुलाया है। मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए महिला पैनल ने कुमार को 17 मई को सुबह 11 बजे उसके सामने पेश होने के लिए कहा। बता दें कि बिभव कुमार पर दिल्ली में सीएम आवास पर आप सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट का आरोप लगा है। इससे पहले बीजेपी ने केजरीवाल के साथ विभव कुमार के होने पर कई सवाल खड़े किए। एनसीडब्ल्यू ने कुमार को लिखे पत्र में कहा गया, "राष्ट्रीय महिला आयोग ने मीडिया पोस्ट का स्वत: संज्ञान लिया है, जिसका शीर्षक था "डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव पर अपने साथ मारपीट करने का आरोप लगाया।" जिसमें बताया गया कि राज्यसभा सांसद और डीसीडब्ल्यू की पूर्व प्रमुख स्वाती मालीवाल ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव ने सीएम आवास पर उनके साथ बेरहमी से मारपीट की। "अब इसलिए, ध्यान रखें कि उपरोक्त के मद्देनजर आयोग ने 17 तारीख 2024 को सुबह 11 बजे मामले में सुनवाई निर्धारित की है, जिसमें आपको व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होना होगा।" विभव लखनऊ में केजरीवाल के साथ दिखे इससे पहले 14 मई को आम आदमी पार्टी (आप) ने सीएम आवास पर विभव कुमार द्वारा मालीवाल पर हमले की बात स्वीकार की थी। बता दें कि आज लखनऊ में अरविंद केजरीवाल के साथ भी विभव कुमार दिखे। अरविंद केजरीवाल ने यहां अखिलेश यादव के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान विभव गाड़ी में ही बैठे रहे और पूरे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वो गाड़ी से बाहर नहीं निकले। जिस पर बीजेपी ने सवाल किए। बुधवार की रात को भी विभव कुमार को आप के राष्ट्रीय संयोजक और संजय सिंह के साथ लखनऊ हवाई अड्डे पर देखा गया, जिसके कुछ दिनों बाद पार्टी ने उनके खिलाफ "सख्त कार्रवाई" का वादा किया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद के केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से अभद्रता का मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। जानकारी के मुताबिक, अब इस मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की टीम भी स्वाति मालीवाल के घर पर पहुंची है। दिल्ली पुलिस की टीम स्वाति मालिवाल का बयान दर्ज कर रही है। स्वाति मालीवाल के सरकारी आवास पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एडिशनल सीपी प्रमोद कुशवाहा और उनके साथ उत्तरी जिले के एडिशनल डीसीपी अजंथिया चिपला पहुंचे है। स्वाति मालीवाल शिकायत दर्ज कराती हैं तो दिल्ली पुलिस सीएम हाउस के CCTV भी खंगालने सीएम हाउस जा सकती है। वह पूरा सीक्वेंस भी पता लगाएगी कहा घटना हुई कौन कौन उस वक्त मौजूद था। स्वाति ने थाने जाकर मौखिक जानकारी दी थी दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एडिश्नल कमिश्नर, एक महिला एडिशनल डीसीपी के साथ स्वाति मालीवाल से मिलने पहुंचे है। 13 तारीख को स्वाति मालीवाल ने सुबह 9 बजकर 34 मिनट पर PCR कॉल की थी जिसके बाद स्वाति मालीवाल ने थाने जाकर मौखिक जानकारी दी थी और लिखित शिकायत बाद में देने को कहा था। अब पुलिस स्वाति मालीवाल से ये जानने आई है कि उनके साथ अगर कोई मारपीट हुई है तो उन्होंने कोई शिकायत क्यों नहीं दी। उनके ऊपर किसी तरह का कोई दबाव तो नहीं है। उनको किसी तरह की धमकी तो नहीं मिली है। अगर स्वाति मालीवाल आज पुलिस के सामने कोई बयान दे देती है तो उसको ही FIR में तब्दील कर दिया जाएगा। जिसके बाद पुलिस घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज को लेने के लिए CM हाउस को लिखेगी। केजरीवाल के पीए पर आरोप स्वाति मालीवाल से बदसलूकी का आरोप अरविंद केजरीवाल के पीए पर ही लगा हुआ है। गुरुवार को अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लखनऊ पहुंचे हुए थे। इस दौरान अरविंद केजरीवाल के साथ उनके पीए विभव भी समाजवादी पार्टी के कार्यालय पहुंचे। हालांकि, पूरे वक्त वह गाड़ी में ही बैठे रहे लेकिन बाहर नहीं निकले। केजरीवाल ने साधी चुप्पी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंचे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल से जब स्वाति मालीवाल से जुड़े विवाद के मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली। इसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि स्वाति मालीवाल से भी बड़े मुद्दे हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि इस मामले में उन्हें जो भी जवाब देना था वह पहले ही दे चुके हैं। इस मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए। समझें पूरा मामला आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम केजरीवाल के आवास पर बदसलूकी का मामला सामने आया था। मालीवाल ने सोमवार सुबह सीएम आवास पर केजरीवाल के पीए विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था। उसी दिन से इस मामले पर लगातार हंगामा जारी है। NCW ने भी केजरीवाल के पीए विभव को नोटिस जारी कर बुलाया है।
नई दिल्ली,नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत पहली बार 14 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है। गृह मंत्रालय ने बुधवार (15 मई) को ये जानकारी दी। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि 14 लोगों को CAA के सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को CAA देशभर में लागू किया था। CAA के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। दरअसल, 10 दिसंबर 2019 को सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (CAB) लोकसभा से और अगले दिन राज्यसभा से पारित हुआ था। 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मंजूरी मिलने के बाद CAA कानून बन गया था। नागरिकता संशोधन कानून की 3 बड़ी बातें... 1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। 2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। 3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में एक निजी इंटर कॉलेज के टीचर द्वारा अपने ही स्कूल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ कथित तौर पर रेप करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, दसवीं कक्षा की छात्रा को मंगलवार को गंभीर अवस्था में पुरोला में उप जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए देहरादून भेज दिया गया। आरोपी की तलाश के लिए पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पुरोला के एक निजी इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले अध्यापक ने छात्रा को सोमवार शाम अपने कमरे में बुलाया और कथित तौर पर उसके साथ रेप किया। छात्रा की तबीयत बिगड़ गयी इस घटना के अगले दिन मंगलवार को छात्रा की तबीयत बिगड़ गयी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना सामने आने के बाद छात्रा के चाचा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में आरोप लगाया कि पुरोला में अपनी दादी के साथ रहकर पढ़ाई करने वाली छात्रा को आरोपी शिक्षक ने अपने कमरे में बुलाकर उसके साथ कथित तौर पर रेप किया। पुरोला के पुलिस थाना प्रभारी मोहन कठेत ने बताया कि तहरीर के आधार पर मोरी क्षेत्र के रहने वाले आरोपी राकेश कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।
नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों की न्यायिक हिरासत अगली तारीख तक के लिए बढ़ा दी गई है। बता दें कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के मामले में आरोप पर बहस को 30 मई के लिए स्थगित कर दिया है। मनीष सिसोदिया और हिरासत में बंद अन्य आरोपियों की जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। ईडी ने मंगलवार को कही थी चौंकाने वाली बात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि वह दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाएगा। धनशोधन मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने यह बात कही थी। ईडी के वकील ने न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के सामने कहा, 'मामले में दायर की जाने वाली अगली अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) में आप को एक सह-आरोपी बनाया जाएगा।' हाई कोर्ट, ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज क्रमशः धनशोधन और भ्रष्टाचार मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर दलीलें सुन रहा था। अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। आप के राष्ट्रीय प्रमुख अरविंद केजरीवाल की एक याचिका हाई कोर्ट में लंबित है, जिसमें कहा गया है कि कोई राजनीतिक दल धनशोधन रोधी कानून के तहत नहीं आता। हालही में, हाई कोर्ट ने मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए माना है कि इस मामले में धनशोधन रोधी अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 70 लागू होती है, जो कंपनियों से संबंधित है। ईडी ने आप की तुलना एक कंपनी और केजरीवाल की तुलना उसके निदेशक से की थी। ईडी के वकील ने कहा कि मामले में आरोप तय करने की प्रक्रिया में देरी करने के लिए आरोपी व्यक्तियों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। ईडी द्वारा दी गई दलीलों को स्वीकार करते हुए सीबीआई ने भी भ्रष्टाचार मामले में आप नेता की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि देरी के लिए पूरी तरह से आरोपी व्यक्ति जिम्मेदार हैं। वहीं सिसोदिया के वकील ने अपने मुवक्किल के लिए जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि ईडी और सीबीआई धनशोधन और भ्रष्टाचार मामले में लोगों को अभी भी गिरफ्तार कर रहे हैं और मुकदमे की सुनवाई जल्द पूरा होने का कोई सवाल ही नहीं है। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने जमानत याचिका खारिज करते हुए यह नहीं बताया कि आप नेता ने देरी में कैसे योगदान दिया है।
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम आवास में बदसलूकी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर बीजेपी प्रदर्शन पर उतर आई है। सीएम केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली बीजेपी प्रदेश कमेटी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। चंदगी राम अखाड़ा के पास सीएम आवास जाने वाली रोड पर महिला कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रही हैं। ये प्रदर्शन बीजेपी महिला मोर्चा के द्वारा किया जा रहा है। स्वाति के पूर्व पति ने AAP पर उठाए सवाल स्वाति मालीवाल के पूर्व पति और AAP के पूर्व नेता नवीन जयहिंद ने कहा, 'संजय सिंह खुद किस तरह से राज्यसभा गए हैं, ये बात वो भी जानते हैं और मैं भी। वे केवल अरविंद केजरीवाल के 'तोते' हैं जो उनके इशारे पर काम करते हैं। संजय सिंह को पहले ही इस घटना के बारे में पता था कि ऐसा होगा। वे एक्टिंग कर रहे हैं। ये भाजपा-कांग्रेस या AAP का मामला नहीं है। आप (संजय सिंह) तो स्वाति मालीवाल को छोटी बहन कहते थे। जब ये घटना हुई तो वहां पर मौजूद सभी लोगों पर FIR होनी चाहिए।' दिल्ली पुलिस ने की स्वाति से संपर्क की कोशिश दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने स्वाति मालीवाल से संपर्क करने की कोशिश की है। स्वाति मालीवाल ना तो अपने आवास पर मौजूद थीं और ना ही चितरंजन पार्क इलाके में अपनी रिश्तेदार के घर पर मौजूद थीं। बता दें कि स्वाति मालीवाल ने सोमवार सुबह सीएम आवास पर बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि मोदी 2029 तक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। केजरीवाल से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने यह दावा किया। अमित शाह ने कहा-अरविंद केजरीवाल के लिए मेरे पास एक और बुरी खबर ये है कि 2029 के बाद भी पीएम मोदी हमारा नेतृत्व करेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत दिए जाने के सवाल पर अमित शाह ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह कोई रूटीन जजमेंट नहीं है। इस देश में बहुत से लोग मानते हैं कि स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया है।' गृह मंत्री अमित शाह से जब अरविंद केजरीवाल की रिहाई और INDIA गठबंधन के लिए प्रचार के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा, 'अभी वे(अरविंद केजरीवाल) दूसरे मामले(स्वाति मालीवाल पर हमला) में फंसे हैं, उन्हें इससे मुक्त होने दीजिए फिर देखते हैं क्या होता है।' PoK भारत का हिस्सा पाक के कब्जे वाले कश्मीर से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा कि वह भारत का हिस्सा है। इसे कोई झुठला नहीं सकता। फारूख अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता आज कह रहे हैं कि पाकिस्तान के पास परमाणु बम है। PoK की मांग न करिए। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 130 करोड़ की आबादी वाला देश क्या किसी से डरकर अपने अधिकार जाने देगा। राहुल गांधी को बताना चाहिए कि पाकिस्तान के सम्मान की बात करके उनकी पार्टी के लोग क्या कहना चाहते हैं? वायनाड में हार का खतरा दिखा तो रायबरेली आ गए राहुल कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'कोई भी कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है लेकिन राहुल गांधी को चुनाव से पहले कहना चाहिए था कि वे 2 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मुझे लगता है कि लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से इसे छिपाना सही नहीं है। उन्हें वायनाड के लोगों को इसके बारे में बताना चाहिए था। जब आप वोटिंग के बाद सर्वे में खतरा देखते हैं तो फिर रायबरेली आते हैं, मुझे लगता है यह सही नहीं है।' चीनी गारंटी कांग्रेस पार्टी की चुनावी गारंटी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'मैंने उनके टिकाऊपन के आधार पर इसे 'चीनी गारंटी' कहा... उन गारंटियों का कोई मतलब नहीं है। वे चुनाव के दौरान ऐसा कहते हैं और फिर इसके बारे में भूल जाते हैं।' वोट बैंक के डर से प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से जुड़े सवाल पर कहा कि इस चुनाव में राम मंदिर एक मुद्दा बन गया है। उन्होंने कहा कि जब प्राण प्रतिष्ठा समारोह हो रहा था और सभी राजनीतिक दलों को निमंत्रण भेजा गया था,पूरे INDI गठबंधन ने प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार किया और यह मेरा स्पष्ट आरोप है कि उन्होंने अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक के डर से वहां जाना उचित नहीं समझा।
नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। दूसरी ओर ईडी इस मामले में शांत बैठने के मूड में नहीं है। केंद्रीय जांच एजेंसी मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह अपनी अगली चार्जशीट में आम आदमी पार्टी को सह-आरोपी बनाने वाली है। ईडी के वकील ने कोर्ट को जब यह जानकारी दी, उस वक्त इसी केस में फंसे मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई चल रही थी। सिसोदिया मामले में देरी कर रहे हैं ईडी ने आज सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी शराब नीति मामले में मुकदमे में देरी करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। पिछले महीने, यह खबर आई थी कि जांच एजेंसी 15 मई से पहले आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल के साथ, शायद एक अतिरिक्त चार्जशीट जैसी एक नई चार्जशीट फाइल कर सकती है। इस मामले में तेलंगाना की MLC कविता भी सह आरोपी हैं।
नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल के साथ बदसलूकी की घटना को आम आदमी पार्टी ने संज्ञान में लिया है और कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना का जिक्र करते हुए इसकी निंदा की और कहा कि अरविंद केजरीवाल के संज्ञान में यह बात है और वे इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे। केजरीवाल करेंगे सख्त कार्रवाई संजय सिंह ने कहा- 'कल एक बेहद निंदनीय घटना घटी। कल सुबह अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालिवाल मुलाकात करने पहुंची थीं। वह ड्राइंग रूम में इंतज़ार कर रही थी तभी अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार वहां आए और उन्होंने स्वाति मालिवाल के साथ बेहद बदतमीज़ी की और अभद्रता की। इस पूरे मामले की जानकारी स्वाति मालिवाल ने पुलिस को दी है। अरविंद केजरीवाल ने पूरी घटना को संज्ञान में लिया है और सख्त कार्रवाई करने को कहा है। वह पार्टी की पुरानी और वरिष्ठ नेता में से एक हैं।हम सब उनके साथ हैं।' केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं-सिरसा वहीं इस मामले पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का बयान भी सामने आया है। सिरसा ने कहा कि संजय सिंह जी ने स्वीकार किया कि अरविंद केजरीवाल के आवास पर स्वाति मालीवाल जी के साथ मारपीट की गई। 30 घंटे बाद भी वैभव कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल के विश्वासपात्र हैं और शराब घोटाले की सारी जानकारी उनके पास है। यही कारण है कि केजरीवाल में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है। केजरीवाल भी दोषी-कपिल मिश्रा उधर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे ये बात ही फ्रॉड है। उन्होंने कहा-संजय सिंह ने मान लिया कि राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल को सीएम हाउस में पीटा गया, केजरीवाल ने 31 घंटे तक इस मामले को दबाया। AAP का ये कहना कि केजरीवाल एक्शन लेंगे, ये बात ही फ्रॉड है। केजरीवाल कौन होते हैं एक्शन लेने वाले? एक्शन पुलिस लेगी। कपिल मिश्रा ने कहा कि केजरीवाल स्वाति को पिटवाने और अपराध को दबाने के दोषी हैं। 31 घंटे तक पुलिस को नहीं बताने के दोषी हैं।
जम्मू : जम्मू के खौड़ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर एक गांव से सुरक्षा बलों ने एक घुसपैठिए को पकड़ा है। पूछताछ में पता चला कि वह पाकिस्तान का नागरिक है। उसने अपना नाम जाकिर खान बताया। वह कराची का रहनेवाला है और उसकी उम्र 35 वर्ष है। शुरुआती जानकारी में यह बात सामने आई है कि वह मानसिक तौर पर अस्थिर लग रहा है। लेकिन वह सीमा पार कर हिंदुस्तान में कैसे पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। वहीं इस गिरफ्तारी को लेकर खौड़ थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इलाके में सतर्कता भी बढ़ा दी है। मिलन डी खुई गांव से हुई गिरफ्तारी अधिकारियों ने मंगलवार को य बताया कि एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को सोमवार को जम्मू के बाहरी इलाके खौड़ के पल्लनवाला इलाके में नियंत्रण रेखा के पास मिलन डी खुई गांव से गिरफ्तार किया गया, जिसने अपनी पहचान कराची निवासी जहीर खान के रूप में बताई है। अधिकारियों ने कहा कि एक पुलिस दल ने उसे संदिग्ध तरीके से घूमते हुए देखा और उसे स्थानीय पुलिस चौकी ले जाया गया जहां उसने अपनी पहचान बताई और दावा किया कि वह अनजाने में सीमा में घुस आया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार व्यक्ति के खिलाफ कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है। संयुक्त तलाशी अभियान शुरू अधिकारियों ने बताया कि कठुआ जिले में ग्रामीणों द्वारा पांच संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना देने के बाद मंगलवार सुबह पुलिस, सेना और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने राजबाग इलाके के जुथाना गांव में एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया है। जम्मू क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), आनंद जैन, जम्मू सीमा में बीएसएफ के महानिरीक्षक डीके बूरा के साथ आतंकवाद विरोधी अभियान की निगरानी के लिए कठुआ पहुंचे। पांच संदिग्ध आतंकवादियों की तलाश ग्रामीणों के मुताबिक कम से कम पांच संदिग्ध आतंकवादियों का एक समूह एक घर में घुस गया और खाना मांगा जिसके बाद संदेह होने पर उनकी गतिविधियों के बारे में सुरक्षा बलों को सूचना दी गई। हालांकि उन्हें संदेह हो गया कि उनकी गतिविधियों की सूचना सुरक्षा बलों को दे दी गई है, इसलिए वे घटनास्थल से फरार हो गए।
हैदराबाद: देश के 10 राज्यों की 96 लोकसभा सीटों पर आज चौथे चरण के तहत मतदान हो रहा है। इसी क्रम में आज तेलंगाना में भी मतदान जारी है। इस बीच हैदराबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी माधवी लता को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, माधवी लता का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पोलिंग बूथों पर जाकर मुस्लिम महिला मतदाताओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करती हुई दिख रही हैं। माधवी लता ने मुस्लिम मतदाताओं की वोटर आईडी भी चेक और और उनके बारे में जानकारी भी ली। पहले भी बोगस वोटों के आरोप लगा चुकी हैं माधवी लता बता दें कि इससे पहले माधवी लता ओवैसी पर बोगस वोटों से जीतने के आरोप भी लगा चुकी हैं। माधवी लता इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी को पर आरोप लगाते हुए कह चुकी हैं कि 'उनके पास 6,20,000 बोगस वोट हैं। एक एपिक नंबर टाइप करोगे तो उस EPIC नंबर के दौरान इलेक्शन साइट पर आप दो-दो जगह वोटर ID पाओगे। चारमीनार में ऐसे 1,60,000 वोट हैं उनके पास।' माधवी लता के खिलाफ केस दर्ज माधवी लता ओवैसी की लगातार जीत का आधार इन बोगस वोटों को ही बताती रही हैं। ऐसे में अब माधवी लता को जब भारतीय जनता पार्टी ने हैदराबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बना दिया है तो वोटिंग के दिन खुद माधवी लता पोलिंग बूथों पर पहुंच गईं। माधवी लता को पोलिंग बूथों पर मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी आईडी चेक करते हुए देखा गया। वहीं माधवी लता के खिलाफ इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कर लिया गया है। माधवी लता के खिलाफ मलकपेट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171सी, 186, 505(1)(सी) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया गया है। माधवी लता ने पुलिसकर्मियों पर लगाए आरोप वहीं माधवी लता का कहना है कि "यहां 90% बूथों पर गड़बड़ी हुई है। पुलिस महिला कांस्टेबलों को मतदाता पहचान पत्र के साथ चेहरे की जांच करने का निर्देश नहीं देना चाहती है। जब मैंने पुलिस अधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ये उनकी जिम्मेदारी नहीं है।"
अमरावती: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण के तहत देश के 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान जारी है। इसी बीच मतदान के दौरान आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ YSRCP के विधायक का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह एक पोलिंग बूथ पर एक मतदाता को थप्पड़ मारते दिख रहे हैं। इसके बाद उनके कार्यकर्ताओं ने भी मतदाता से मारपीट की। बताया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे YSRCP के नेता वीएस शिवकुमार हैं, जो कि सत्तारूढ़ दल के विधायक हैं। वहीं अब विधायक के द्वारा थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दोनों में हुई बहस वायरल हो रहे वीडियो में आंध्र प्रदेश के विधायक की पहले तो एक मतदाता से किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई। बहस करते करते विधायक वीएस शिवकुमार लाइन में खड़े मतदाता के पास पहुंच जाते हैं। इसके बाद देखते ही देखते उन्होंने वोटर को थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि इसी बीच वोटर ने भी उन्हें एक थप्पड़ मार दिया। इसके बाद मौके पर मौजूद विधायक के समर्थक वहां पहुंच गए और उन्होंने वोटर को पीटना शुरू कर दिया। वहीं भाजपा ने इसका वीडियो शेयर करते हुए विधायक के इस कृत्य को अहंकार और गुंडागर्दी बताया है।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों के बीच सभी दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी बीच कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले भाजपा को खुली बहस के लिए चुनौती दी थी। राहुल गांधी की इस चुनौती को अब बीजेपी ने स्वीकार कर लिया है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने एक पत्र लिकर राहुल गांधी की चुनौती को स्वीकर करने की जानकारी दी है। इसके साथ ही तेजस्वी सूर्या ने खुली बहस के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश को नामित किया है। बता दें कि अभिनव प्रकाश पासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उम्मीद है अमेठी की तरह भागेंगे नहीं वहीं भाजपा सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बहस करने के लिए अभिनव प्रकाश को नामित करने पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजयुमो के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अभिनव प्रकाश ने कहा है कि "मैं तेजस्वी सूर्या को राहुल के साथ बहस करने के लिए नियुक्त करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं इस बहस का इंतजार कर रहा हूं। मैं उत्तर प्रदेश से हूं। राहुल गांधी और उनके परिवार ने इतने लंबे समय तक राज्य का प्रतिनिधित्व किया है। मुझे उम्मीद है कि वह बहस से उस तरह नहीं भागेंगे जैसे वह अमेठी से भागे थे।" राहुल गांधी ने लेटर लिखकर दिया था चैलेंज बता दें कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राहुल गांधी ने खुली बहस का चैलेंज दिया था। उन्होंने एक पत्र भी लिखा था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर, हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने खुली बहस का सुझाव दिया था। तीनों ने पत्र लिखकर पीएम मोदी और राहुल गांधी को 2024 के चुनावों के प्रमुख मुद्दों पर सार्वजनिक बहस के लिए अनुरोध किया था।
लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को पीएम मोदी को चुनौती दी थी कि पीएम मोदी उनके सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को स्वीकार करें। इस पर अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी क्या इंडी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने की राहुल गांधी की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी दशकों तक कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है, जहां संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और शीर्ष नेता राहुल गांधी जैसे दिग्गज पार्टी के नेताओं ने सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 तक जबतक इस सीट पर स्मृत ईरानी ने जीत दर्ज नहीं की तब तक इसे गांधी परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता था। 'क्या राहुल गांधी हैं प्रधानमंत्री पद के दावेदार?' आगे स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बात यह है कि जिस व्यक्ति के पास भाजपा के साधारण कार्यकर्ता के खिलाप चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है, उसे किसी तरह के घमंड करने से बचना चाहिए। दूसरी बात ये कि जो पीएम मोदी के बराबर में बैठकर बहस करना चाहता हैं, मैं पूछना चाहती हूं कि क्या वह इंडी गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार हैं क्या? बता दें कि इससे पहले शनिवार को केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने पीएम मोदी के साथ सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया। भाई-बहन एक तरफ और सुधांशु त्रिवेदी एक तरफ स्मृति ईरानी ने आगे प्रियंका गांधी के डिबेट वाले बयान पर चुनौती देते हुए कहा कि मेरी आज इन सबको चुनौती है। आप अपना चैनल पिक करिए, एंकर चुनिए, मुद्दा चुनिए, स्थान चुनिए और तारीख चुनिए, दोनों भाई बहन एक तरफ और भाजपा के एक प्रवक्ता एक तरफ। फिर दूध का दूध और पानी का पानी वहीं हो जाएगा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुद्दों से भाग रही है। अगर मुद्दों पर बात करने का दम है तो इनके लिए सुधांशु त्रिवेदी जी ही काफी हैं। एक तरफ दोनों भाई-बहन और एक तरफ त्रिवेदी जी। फिर सब पता चल जाएगा। बता दें कि यूपी की रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रियंका गांधी ने जब से चुनाव प्रचार की कमान संभाली है, तब से ही यहां की सियासत गर्माई हुई है।
कौशांबी: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने रविवार को कौशांबी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्‍मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे। यहां अमित शाह कौशांबी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार व सांसद विनोद सोनकर के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर और फारूक अब्‍दुल्‍ला जैसे नेता कहते हैं कि पाकिस्तान का सम्मान करो क्योंकि उसके पास परमाणु बम है। राहुल गांधी पर साधा निशाना उन्होंने कहा कि ‘‘आज मैं कौशांबी की जनता को पूछने आया हूं कि ये जो पाकिस्तान अधिकृत कश्‍मीर है, वो भारत का है या नहीं है।'' भीड़ से सकारात्मक जवाब मिलने के साथ ही गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ''राहुल बाबा आपको एटम बम से डरना है तो डरिए, हम नहीं डरते, पाक अधिकृत कश्‍मीर भारत का है और हम वो लेकर रहेंगे।'' अमित शाह ने कहा कि ''कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब का अपमान किया। भारत रत्न नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया। बाबा साहेब से जुड़े पांच स्थानों को जोड़कर तीर्थ स्थान बनाया।'' रैली में उमड़ी भीड़ उन्होंने पार्टी के उम्मीवार को लेकर कहा कि ‘‘ मुझे लगा कि सोनकर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए यहां आकर इन्‍हें तीसरी बार जिताने की अपील करनी चाहिए। यहां अपार सैलाब देखकर लग गया कि कौशांबी वालों ने रिजल्‍ट पहले ही तय कर दिया। ’’ भाजपा नेता शाह ने कौशांबी के मतदाताओं से पार्टी को तीसरी बार जिताने का आह्वान करते हुए कहा कि ''पहली हैट्रिक मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है और दूसरी हैट्रिक उप्र में सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ करना है।’’ 20 मई को होगा मतदान बता दें कि भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके विनोद सोनकर 2014 में पहली बार कौशांबी से सांसद निर्वाचित हुए और दूसरी बार भी उन्‍होंने अपनी जीत बरकरार रखी। सोनकर को भाजपा ने यहां से तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है। कौशांबी में पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होगा।
मुंबई: शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय निरूपम ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति में घोटाले के आरोपी हैं। अंतरिम जमानत पर बाहर आए हैं। 2 जून को फिर से वापस जेल जाना होगा। जिसने शराब के नाम पर लोगों का पैसा चुराया, वो विपक्ष के नेताओं को पीएम मोदी द्वारा जेल में डालने का डर दिखा रहा है। उनके बयान को ज़्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। अगर भ्रष्टाचार किया होगा तो जेल जाना होगा: संजय निरूपम संजय ने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने अगर भ्रष्टाचार किया होगा तो उन्हें जेल जाना होगा, यह तय है। मैं भी कुछ दिन पहले विपक्ष में था लेकिन मेरे यहां तो ED और CBI की रेड नहीं पड़ी। जब मैंने कोई घोटाला किया नहीं तो रेड क्यों पड़ेगी। ऐसा विपक्ष के नेताओं को सोचना चाहिए। हेमंत सोरेन और केजरीवाल की तरह घोटाला करोगे तो जेल जाना होगा। संजय ने कहा कि केजरीवाल, पीएम मोदी को तानाशाह कह रहे हैं, जबकि खुद अपनी पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं को बड़ी चालाकी से AAP से बाहर निकाल दिया। प्रशांत भूषण, आशुतोष और अपने करीबी दोस्त कुमार विश्वास तक को नहीं छोड़ा और पार्टी से निकाल दिया। जिन्होंने खुद अपनी पार्टी को निजी कंपनी बना दिया, वो पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं पर भविष्यवाणी कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं पर मोदी को लेकर दिए बयान पर उनके नेता जवाब देंगे। लेकिन केजरीवाल खुद घोटाले के आरोपी हैं और दूसरों पर भविष्यवाणी कर रहे हैं, यह हास्यास्पद है। केजरीवाल को जमानत नहीं देना चाहिए था: संजय संजय ने कहा कि मेरे हिसाब से तो केजरीवाल को बेल देने की जरूरत ही नहीं थी। कल को जेल में बंद दूसरे सजायाफ्ता आरोपी चुनाव लड़ने और उसके लिए प्रचार करने को अपना फंडामेंटल राइट बताकर जमानत मांगेंगे तो फिर क्या होगा। यह चलन ही गलत है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी है, तो उस पर मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा। संजय ने कहा कि अगर विपक्ष यह सोचता है कि केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने से विपक्ष को ताकत मिलेगी। तो क्या ममता बनर्जी, राहुल गांधी, शरद पवार, यह सब छोटे नेता थे और अब केजरीवाल इनसे भी बड़े नेता बन गए। इससे ही विपक्ष की ताकत और स्थिति समझ लीजिए। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 10 साल देश का शासन चलाने के बाद भी प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। लोकप्रियता की कहीं कोई कमी नहीं है। ऐसे में तीसरी बार भी मोदी पीएम बनने जा रहे हैं। विपक्ष सिर्फ झूठ और डर का माहौल बना रहा है। केजरीवाल के पीएम मोदी पर दिए बयान पर आई प्रियंका की प्रतिक्रिया शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि केजरीवाल जो कह रहे हैं, वह बिल्कुल सही है। चुनाव के ठीक पहले राज्य के एक सिटिंग सीएम को जेल में डाल देते हैं। विपक्ष के नेताओं पर ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर जेल में डाला गया। चुनाव के बाद वही होगा। मोदी ने कर दिखाया है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर और दूसरे नेताओं को देखिए, उनके साथ क्या हुआ? प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी सही मायने में वन नेशन, वन लीडर करना चाहते हैं। यह देश को रूस के पुतिन मॉडल पर ले जाना चाहते हैं। जहां विपक्ष नाम की कोई चीज न हो। यही तानाशाही है। विपक्ष को जेल में डालकर, डराकर साइड कर दो और दुनिया को दिखाओ कि कितने ज़्यादा वोट से जीते। लेकिन देश की जनता अब सब कुछ समझ रही है। सीएम योगी को लेकर भी दिया बयान प्रियंका ने कहा कि जहां तक बात योगी आदित्यनाथ की है, तो उत्तर प्रदेश में लोग खुद नारा लगा रहे हैं कि योगी को बचाना है, तो मोदी को हराना है। यह यूपी के बीजेपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी जानते हैं कि मोदी सत्ता में आए तो अगला नंबर योगी का होगा। पीएम मोदी को महाराष्ट्र में अपनी हार नजर आ रही है, इसलिए वो बार-बार राज्य में दौरा कर रहे हैं। मुंबई में सभा और रोडशो करने वाले हैं। हम तो चाहते हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा आएं। एमवीए की जीत मजबूत होगी क्योंकि महाराष्ट्र की जनता यह कभी नहीं भूलेगी कि पीएम मोदी ने राज्य में अपनी सत्ता पाने के लिए राज्य की दो सबसे पुरानी पार्टी तोड़ दीं। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी शरद पवार पर इस तरह के बयान देकर जनता में भ्रम का माहौल बनाना चाहते हैं, ताकि जनता को लगे कि दोनों नेताओं के बीच सब कुछ ठीक है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला। पवार साहब ने पहले ही साफ कर दिया है। राज ठाकरे के फतवे पर भी बोलीं प्रियंका प्रियंका ने कहा कि राज ठाकरे अब क्या हिंदुओं के "मौलाना-मौलवी" बन गए हैं। क्यों हर हिन्दू उनकी बात सुनकर मोदी और महायुति को वोट दे देगा। जनता कोई चीज इतनी जल्दी नहीं भूलती है। देश की जनता ने इन्हीं राज ठाकरे के 2014 और 19 के बयान को याद रखा है, जब उन्होंने खुद पीएम मोदी का विरोध किया था। राज ठाकरे खुद भ्रम में हैं और इसलिए उनके पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी भ्रम में हैं। कभी जिसका विरोध करते हैं तो अगले चुनाव में उसका समर्थन करते हैं। महाराष्ट्र की जनता इतनी जल्दी कोई चीज नहीं भूलती है। राज ठाकरे के ऐसे बयान से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में गुरुद्वारे के अंदर हत्या की सूचना से हड़कंप मच गया। नगर कोतवाली क्षेत्र की रेलवे रोड अतरपुरा चौराहे पर स्थित गुरुद्वारे में निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान हुए विवाद में यह घटना हुई। परिजनों ने हत्या का आरोप एक अधिवक्ता पर लगाया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। दरअसल, नगर कोतवाली की रेलवे रोड पर स्थित इस गुरुद्वारे में शाम के समय आरोपी पहुंचा था। गुरुद्वारे के अंदर चल रहे निर्माण कार्य को लेकर दखलअंदाजी करते हुए आरोपी वहां मौजूद लोगों से उलझ गया। इस दौरान आरोपी ने गाली-गलौज और मारपीट की। मृतक के बड़े भाई सरदार जसवीर सिंह ने बताया कि घटना अतरपुरा चौराहे के गुरुद्वारे में हुई, जहां रिपेयरिंग का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी रोज गुरुद्वारे में चल रहे कार्य में दखलअंदाजी करते हुए गाली-गलौज करता है। सिर में चोट लगी और मृत्यु हो गई उन्होंने आगे बताया कि 11 मई की शाम जब दिन के निर्माण कार्य का समापन हुआ, तो उस समय आरोपी गुरुद्वारे में पहुंचकर जसपाल सिंह और अन्य लोगों से विवाद करते हुए मारपीट करने लगा। इस दौरान आरोपी ने 66 वर्षीय जसपाल सिंह को इतनी जोर से मारा कि वो जमीन पर गिर गए। उनके सिर में चोट लगी और उनकी मृत्यु हो गई, जिन्हें आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मेडिकल जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों की ओर से हत्या का आरोप सरब पाल सिंह नाम के अधिवक्ता पर लगाया गया है। आरोपी काम में दखल देने लगा घटना के चश्मदीद मृतक के चचेरे भाई कमलजीत सिंह मिंटू ने बताया कि गुरुद्वारे में काम चल रहा था। आरोपी ने चल रहे काम में दखलअंदाजी करते हुए कहा कि यह काम ऐसे नहीं होगा, चाहे झगड़ा हो जाए और यह बोलते हुए आरोपी ने कमलजीत का गिरेबान पकड़ लिया। इतना ही नहीं, गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। वहां मौजूद उनके भाई जब उन्हें बचाने और बीच-बचाव करने के लिए आए तो आरोपी सरब पाल सिंह एडवोकेट ने उनको मारते हुए धक्का दिया, जिससे वो नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। पुलिस कब्जे में अधिवक्ता की बाइक पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने मौके से गुरुद्वारे के बाहर खड़ी आरोपी अधिवक्ता की बाइक को अपने कब्जे में ले लिया है। क्षेत्राधिकार हापुड़ ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के अतरपुरा गुरुद्वारे से यह सूचना 11 मई शाम करीब 8:00 बजे प्राप्त हुई कि गुरुद्वारे में निर्माण कार्य को लेकर विवाद हुआ है, जिसमें धक्का-मुक्की आदि भी हुई। इसमें एक व्यक्ति जसपाल सिंह का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृत्यु के कारणों को स्पष्ट करने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है और आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है
दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत गई है। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक नया पोस्टर जारी कर निशाना साधा है। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश इकाई ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर केजरीवाल को "भ्रष्टाचार का बेताज बादशाह" बताया है। पोस्टर के जरिए केजरीवाल पर हमला बीजेपी के दिल्ली प्रदेश इकाई अरविदं केजरीवाल का पोस्टर जारी कर लिखा है, "भ्रष्टाचारी चाहे जेल के अंदर हो या बेल पर बाहर, भ्रष्टाचारी, भ्रष्टाचारी ही होता है!" दरअसल, बीजेपी यह मान कर चल रही है कि अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल अपने स्टाइल में चुनाव प्रचार अभियान को नई दिशा देने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए पार्टी एक बार फिर से केजरीवाल और 'आप' को भ्रष्टाचार के ही मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही बीजेपी आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी को 'खालिस्तानी फंडिंग' मिलने के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। बीजेपी, अरविंद केजरीवाल और 'आप' के खिलाफ भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाकर दिल्ली के साथ-साथ पंजाब की जनता को भी एक संदेश देना चाहती है। सरकार नहीं बना पाएगी बीजेपी: केजरीवाल बता दें कि तिहाड़ जेल से 50 दिनों बाद अंतरिम जमानत पर रिहा हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दावा किया कि बीजेपी केंद्र में 4 जून को सरकार नहीं बना पाएगी। उन्होंने कहा कि यदि ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन सत्ता में आता है, तो देश की दिशा और नियति दोनों बदल जाएगी। केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आने के एक दिन बाद शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ दक्षिणी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में अपना पहला रोड शो किया। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल का यह पहला रोड शो था। रोड शो में आप के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान खुली छत वाले एक वाहन पर सवार केजरीवाल और मान ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। सीएम ने महिलाओं को भी दिया आश्वासन केजरीवाल ने रोड शो समाप्त होने के बाद कहा, "मैं जेल से रिहा होने के बाद सीधे आपके पास आया हूं। मुझे दिल्ली वालों की बहुत याद आती थी। मैं उन करोड़ों लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने प्रार्थना की और मेरे लिए आशीर्वाद भेजा।" केजरीवाल ने शनिवार देर शाम पूर्वी दिल्ली से 'आप' के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के समर्थन में अपने दूसरे रोड शो में आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान को बदलना और आरक्षण खत्म करना चाहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने महिलाओं को भी आश्वासन दिया कि वह इस साल दिल्ली के बजट में घोषित उनके लिए 1,000 रुपये मासिक मानदेय योजना की शुरुआत करेंगे।
आम आदमी पार्टी के इलेक्शन कैंपेन की अब तक थीम थी- जेल का जवाब वोट से। शुक्रवार दोपहर अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी ने अपनी सभी संकल्प रैलियां रद्द कर दीं। नए सिरे से कैंपेन की तैयारी हो रही है। 11 मई की सुबह केजरीवाल हनुमान मंदिर गए। 1 बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फिर दक्षिणी दिल्ली में रोड शो के लिए निकल गए। अगले 20 दिन वो दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे। जहां आम आदमी पार्टी और INDIA गठबंधन की सीटों पर चुनाव बाकी हैं। केजरीवाल के जेल से बाहर आने को INDIA गठबंधन के लिए मॉरल बूस्टर बताया जा रहा है। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राजनीतिक विश्लेषक और फेलो राहुल वर्मा के मुताबिक 3 राज्यों के जिन 18 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं, उन पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होने हैं। इन राज्यों में अब तक आम आदमी पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी को एक मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जा रही थी। इससे लोगों में केजरीवाल को लेकर एक तरह की सहानुभूति भी देखी जा रही थी। अब उनकी रिहाई को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सत्य की जीत बता रही हैं। ऐसे में बचे 21 दिनों में संभव है कि केजरीवाल इन 18 सीटों पर कैंपेन कर चुनावी रुख को मोड़ सकते हैं। यह देखना बाकी है कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल अपने चुनावी कैंपेन के लिए क्या तरीके अपनाते हैं। वह लोगों को रिझाने के लिए अपने भाषणों में किस तरह के मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं। राहुल कहते हैं कि देशभर के तमाम नेताओं में से एग्रेसिव चुनाव प्रचार करने के मामले में केजरीवाल बेस्ट हैं। जेल जाने की वजह से उनके पास लोगों के बीच सहानुभूति पाने का भी खास मौका है। अगर वह इस मौके को भुना लें तो निश्चित रूप से बाकी बची 18 सीटों पर वह बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल बन सकते हैं। उन्होंने अपने पहले ही भाषण में मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ वोट मांगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को तबाह करने के लिए एक राजनीतिक साजिश की गई। परसेप्शन की लड़ाई में कौन जीतेगा- केजरीवाल या बीजेपी? इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज ने अपने एक सर्वे में पाया कि 45% दिल्ली के वोटर को ये लगता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम चुनाव पर असर पड़ेगा। जबकि 35% वोटर ने कहा कि इसका कोई असर वोटिंग पर नहीं होगा। हालांकि केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद कितना असर होगा, इसको लेकर इस तरह किसी सर्वे का डेटा नहीं है। इसी सर्वे में हिस्सा लेने वाले 52% लोगों ने ये भी कहा था कि केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी को सिंपैथी वोट मिल सकता है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमिताभ तिवारी के मुताबिक केजरीवाल के बाहर आने से ज्यादा असर केवल दिल्ली और पंजाब में ही देखने को मिलेगा। इन्हीं दो राज्यों में आम आदमी पार्टी का बेस है। अगर केजरीवाल दिल्ली में सहानुभूति बटोरते हैं तो कुछ सीटों का फायदा जरूर मिल सकता है। अमिताभ तिवारी बताते हैं कि केजरीवाल के लिए खुद बहुत बड़ी विडम्बना की स्थिति बनने वाली है। दिल्ली की 7 सीटों पर AAP और कांग्रेस अलायंस में हैं। यानी केजरीवाल अलायंस के लिए वोट मांगेंगे और बीजेपी को टारगेट करेंगे, लेकिन पंजाब में AAP अलायंस में नहीं है। पंजाब में अकाली दल मुकाबले में ही नहीं है और बीजेपी का हिंदू सीटों से बाहर कोई असर नहीं है। ऐसे में पंजाब में AAP और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है। दिल्ली में तो केजरीवाल कांग्रेस के साथ वोट मांग रहे हैं। वहीं पंजाब में कांग्रेस को ही अटैक करना होगा क्योंकि उनके पास सबसे ज्यादा 8 सीटें हैं। ऐसे में INDIA गठबंधन के बीच का कॉन्ट्राडिक्शन की स्थिति दिखने लग जाएगी। ऐसे में केजरीवाल के लिए यह बड़ी दुविधा है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट अभय कुमार दुबे के मुताबिक, केजरीवाल के बाहर आने से अब बीजेपी की कैंपेन स्ट्रैटजी को भी झटका लग सकता है। ED और CBI की एफआईआर होने के बाद बीजेपी विपक्ष के नेताओं को अपराधी बताती थी। जनता के बीच बीजेपी करीब एक साल से यह नैरेटिव बना रही थी कि विपक्ष के नेता भ्रष्ट हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और केजरीवाल की अंतरिम जमानत के बाद वो नैरेटिव हल्का पड़ सकता है। क्या केजरीवाल की रिहाई से INDIA गठबंधन को नई संजीवनी मिलेगी? केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर जितनी खुशी आम आदमी पार्टी के नेताओं में थी, उतनी ही खुशी दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी देखी गई है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। खेड़ा के अलावा INDIA गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी स्वागत किया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 5 प्रदेशों की 46 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी खुद को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बता रहे हैं। वहीं, दिल्ली की तीन सीटों चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता एक साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अमिताभ तिवारी के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में केजरीवाल के प्रचार-प्रसार का INDIA गठबंधन को फायदा मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी के मुताबिक, 'निश्चित तौर पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से INDIA गठबंधन को फायदा होगा। खासकर दिल्ली में INDIA अलायंस को लेकर काफी हाई स्टेक्स हैं। माना जा रहा है कि उनके पास कम से कम 3 सीटें जीतने के मौके भी हैं। हालांकि इसमें एक चीज देखनी होगी कि अभी केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली के लोगों में उनके प्रति जो सहानुभूति पैदा हुई थी, जेल से निकलने के बाद क्या वो सामान्य हो जाएगी।' दिल्ली में स्प्लिट वोटिंग पैटर्न से भी AAP को मिल सकता है फायदा दिल्ली के वोटरों में स्पिल्ट विहेवियर में देखा गया है। मतलब ये कि अगर उन्होंने विधानसभा में केजरीवाल को वोट किया तो संभव है कि लोकसभा में भी वो बीजेपी को वोट कर दें। पिछले 10 साल में होने वाले दो लोकसभा चुनावों में लोगों ने दिल्ली के सभी 7 सीटों पर बीजेपी को जिता दिया। वहीं, 2015 और 2020 में हुए दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 60 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली। दिल्ली में केजरीवाल के साथ जा सकते हैं स्विंग वोटर्स पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमिताभ तिवारी के मुताबिक, केजरीवाल के बाहर आने से दिल्ली का चुनावी गेम बदल सकता है। दरअसल, दिल्ली में 36% स्विंग वोटर्स हैं, जो विधानसभा में AAP जबकि लोकसभा में बीजेपी या कांग्रेस को वोट देते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में AAP को 18% वोट मिला, यहीं विधानसभा चुनाव में बढ़कर 54% हो जाता है। यानी 36% की बढ़ोतरी हुई। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेपी का 18-18% वोट कम हो जाता है। इसका सीधा मतलब है कि दिल्ली में 36% स्विंग (न्यूट्रल) वोटर्स हैं जो किसी भी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं। इसी 36% स्विंग वोटर पर नजर रहेगी। इसमें भी अलायंस में होने से 18% तो आसानी से AAP की तरफ आ जाएंगे, लेकिन बचे हुए बीजेपी वाले 18% स्विंग वोटर्स अगर इस बार लोकसभा में AAP को वोट देते हैं तो बीजेपी का गेम ओवर हो जाएगा। अमिताभ के मुताबिक देखने वाली बात ये होगी कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल इन स्विंग वोटर को अपनी तरफ झुका सकते हैं या नहींं। अगर ये वोटर इनके साथ आने में कामयाब रहे तो केजरीवाल दिल्ली में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
दिल्ली में कथित तौर पर हुए शराब घोटाला मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के आधार पर चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी। जमानत के बाद दो जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल शनिवार को हनुमान मंदिर दर्शन करने पहुंचे और फिर उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस की। अरविंद केजरीवाल ने खुलासा किया कि गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि केजरीवाल को कभी किसी पद का लालच नहीं था, ना मैं यहां सीएम बनने आया था और ना ही पीएम। मैं तो इनकम टैक्स में कमिश्नर की नौकरी करता था। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब जनता ने मुझको पहली बार दिल्ली का सीएम बनाया, तो मैंने 49 दिनों के अंदर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मैं अपने उसूलों पर चलता हूं।.मेरे लिए सीएम पद महत्वपूर्ण नहीं है, मैंने जेल जाने के बाद भी सीएम पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया क्योंकि पिछले 75 साल से भारत में दिल्ली के अंदर सबसे ऐतिहासिक बहुमत आम आदमी पार्टी ने जीता है और इतने भारी बहुमत से किसी भी राज्य की सरकार बनी। इस वजह से नहीं दिया इस्तीफा सीएम ने कहा कि बीजेपी पता है कि वो हमें दिल्ली में हरा नहीं सकते, इसलिए उन्होंने झूठा षडयंत्र रचा कि केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ेगा और सरकार गिर जाएगी, पार्टी टूट जाएगी। उनकी मंशा तो पूरी नहीं हुई। केजरीवाल ने कहा कि “...75 वर्षों में किसी अन्य पार्टी को इस हद तक परेशान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं लेकिन सभी चोर उनकी पार्टी में हैं...मैंने सीएम पद नहीं छोड़ा क्योंकि फर्जी मामले के आधार पर मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की साजिश रची गई थी...''तुम अगर जनतंत्र को जेल में कैद करोगे, तो सरकार जेल से चलाकर दिखाएंगे, तुम्हारे ट्रैप में फंसने वाले नहीं हैं और मैंने जेल से सरकार चलाई। हेमंत सोरेन को भी इस्तीफा नहीं देना चाहिए था अरविंद केजरीवाल ने जेल में सजा काट रहे झारखंड के पूर्व हेमंत सोरेन के बारे में भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि हेमंत को भी सीएम पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था, उन्हें भी जेल से सरकार चलानी चाहिए थी। भाजपा पर करारा प्रहार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसे तो ये जिस राज्य में चुनाव हारेंगे, वहां के सीएम को उठाकर जेल में डाल देंगे और उस राज्य की सरकार गिरा देंगे। आज मैं अगर दिल्ली की जेल से इस्तीफा नहीं दे रहा, तो इस तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं। मुझे किसी पद का लालच नहीं है, ऐसी सीएम की 100 कुर्सी देश के नाम कुर्बान कर सकते हैं। केजरीवाल ने भाजपा पर बोला तीखा हमला करीब 50 दिन तिहाड़ जेल में बिताने के बाद जमानत पर बाहर निकले अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पहली रैली की और भाजपा पर निशाना साधा और चेतावनी दी कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव जीती तो प्रमुख विपक्षी नेता जेल में होंगे। केजरीवाल ने कहा “जेल से रिहाई के बाद पिछले 20 घंटों में, मैंने चुनाव विशेषज्ञों और लोगों से बात की और पता चला कि भाजपा सरकार नहीं बनाने जा रही है। AAP केंद्र में सरकार का हिस्सा होगी। “ये लोग इंडिया ब्लॉक से उनके चेहरे के बारे में पूछते हैं। मैं बीजेपी से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा। मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं. उन्होंने नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र वालों को रिटायर कर दिया जाएगा। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन को रिटायर कर दिया।
नई दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आरोपों का जवाब दिया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के सीएम अभी तुरंत जेल से बाहर आए हैं। हनुमान मंदिर जाकर भी राम का नाम नहीं निकला। वह अनर्गल बातें कर रहे हैं। यह दारू (शराब) का प्रभाव है। केजरीवाल ने अपना उत्तराधिकारी नहीं बताया जबकि वो जेल में रहे। केजरीवाल से पूछा ये सवाल सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम के लिए अनेकों प्रकार के अपशब्द का प्रयोग किया गया। केजरीवाल से पूछना चाहता हं कि कहां गए उनके साथ जो सारे नेता जुड़े थे। कुमार विश्वास, शाजिया इल्मी, आशुतोष, योगेंद्र यादव और न जाने कौन कौन...। स्टार प्रचारकों की सूची में पहला नाम केजरीवाल की पत्नी का आता है। केजरीवाल पर लगाया ये आरोप बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लाइव लोकेशन दें, केस के मेरिट पर टिप्पणी कर उन्होंने न्यायालय के फैसले को गलत किया। सुप्रीम कोर्ट ने केस पर बोलने से मना किया है। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी इनकी तारीफ कर रहे है, स्वागत दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक हो रहा है। कांग्रेस पार्टी को सेकेंडरी कर दिया है। बोल रहे हैं पीएम उनकी चर्चा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मखौल उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी 90 वर्ष की उम्र तक सांसद रहे। वो बताए अन्ना हजारे के साथ क्या किया। अन्ना हजारे ने तो चिट्ठी भी लिखी शराब घोटाले के बाद। केजरीवाल को याद दिलाई पुरानी बातें बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल ने 20 साल आगे की बात की और 10 साल में उनकी स्थिति क्या हो गई। 10 साल पहले अरविंद केजरीवाल कहा था कि मैं राजनीति में नहीं आऊंगा, न कांग्रेस से समर्थन लूंगा। 10 साल में कितना बदल गए आप? 20 साल बाद आपका अस्तित्व भी रहेगा या नहीं? भारत आज जिस मुकाम पर खड़ा है, वह किसी नई राजनीति के प्रयोग का समय नहीं है, बल्कि आजमाए हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मजबूत राष्ट्रवादी सरकार लाने का समय है। तेजस्वी यादव के बयान पर किया पलटवार तेजस्वी यादव के बयान पर सुधाशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम मोदी को हटाने का सपना देखते देखते खुद बिहार की सरकार से हट गए। उनके परिवार से 2 और लोग आ गए हैं। परिवार में देखे कही वहां से न हट जाए। खड़गे के बयान पर कहा कि वो कोई नई बात नही कर रहे हैं। वो हताश हैं और निराश हैं। इस वजह से ऐसे बयान दे रहे है उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूुनावाला ने कहा, ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है। पूनावाला ने अय्यर पर किया करारा हमला पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे, अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’ मनमोहन सरकार के फैसले पर उठाए सवाल बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’ पूनावाला ने कांग्रेस नेताओं के बयान पर उठाए सवाल देश में चल रहे लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ कांग्रेस के संबंधों की एक लंबी श्रृंखला है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘पुलवामा और पुंछ आतंकी हमले को लेकर अनेकों कांग्रेस नेताओं ने बयान दिया और अब मणिशंकर अय्यर ने आतंकवादियों के साथ खड़े होकर जिस तरह से पाकिस्तान का साथ दिया है, उससे कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है। अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया है।’
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर पाएंगे। सीएम केजरीवाल सिर्फ 21 दिन तक ही चुनाव प्रचार सकते हैं क्योकि दो जून को उन्हें सरेंडर करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। उन्हें मार्च में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। ⁠अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 5 जून तक अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, जिसे अदालत ने इनकार कर दिया। एसजी तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत देते समय अदालत से सख्त शर्तें लगाने का आग्रह किया। एसजी ने कहा, कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। उन्हें मामले के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। केजरीवाल ने पत्नी से की मुलाकात आज अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और केजरीवाल के करीबी बिभव ने मुलाकात की। दोपहर दो बजे मुलाकात का समय पहले से फिक्स था। जिस वक्त केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली उस वक्त वो पत्नी सुनीता केजरीवाल और बिभव से मुलाकात में व्यस्त थे। 21 मार्च को ईडी ने किया था अरेस्ट बता दें कि केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। अंतरिम जमानत का ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कड़ा विरोध किया था। केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया।
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आज अंतरिम जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत देते समय कुछ शर्तें भी लगाई हैं। केजरीवाल को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत लेने होगा। वह मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जाएंगे और न ही वो दिल्ली सचिवालय जा सकेंगे। कोर्ट के आदेश के अनुसार, सीएम केजरीवाल उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति के बगैर किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। वह कथित शराब नीति घोटाले में अपनी भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही वह किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल क्या-क्या नहीं कर सकेंगे अरविंद केजरीवाल किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी आधिकारिक फाइल नहीं देख सकते हैं। केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए 50 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी और इतनी ही राशि का मुचलका भरना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। बिना उपराज्यपाल की अनुमति के किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे। केजरीवाल को चुनाव रिजल्ट से पहले करना होगा सरेंडर बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा। पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण के तहत मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी। कोर्ट ने की ये टिप्पणी पीठ ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। पीठ ने ईडी से कहा, ‘‘वह डेढ़ साल तक बाहर रहे। उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मेहता और राजू ने न्यायालय से जमानत शर्तें लागू करने का अनुरोध किया जिनमें यह भी शामिल हो कि केजरीवाल आबकारी नीति मामले के संबंध में कुछ नहीं कहेंगे। पीठ ने कहा कि जमानत की शर्तें वैसी ही होंगी जैसी ‘आप’ नेता संजय सिंह के मामले में लागू की गई थीं। संजय सिंह को इसी मामले के सिलसिले में पिछले महीने जमानत दी गई थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. केएस राजन्ना को गुरुवार को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया। सम्मान मिलने के बाद राजन्ना ने कहा कि दिव्यांगों को भी मौका दिया जाना चाहिए और उन्हें कमजोर नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा, ''पदमश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नही दिव्यांग कहता है। इससे अब सम्मान महसूस होता है।'' राजन्ना सम्मान लेने के लिए जाते समय पीएम मोदी और शाह का अभिवादन करने भी गए। पीएम मोदी का हाथ थामे राजन्ना कुछ कहते भी दिखे। चंद सेकेंड की यह मुलाकात देखने वाले लोगों को भावुक कर रही है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जब राजन्ना राष्ट्रपति के आसन की तरफ बढ़े तब वहां भी उन्होंने शीश नवाकर मंच को प्रणाम किया। मंच पर राजन्ना ने अपनी ललाट झुकाई और मंच को प्रणाम किया। जब राजन्ना को सम्मानित किया गया तो समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति और अतिथि लगातार तालियां बजाते रहे। 'खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है' केएस राजन्ना का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने दिव्यांगों को मौका देने की वकालत की। उन्होंने बताया, ''पद्मश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है जिससे सम्मान महसूस होता है।'' राजन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भी दिव्यांग को अवसर देने की बात कही है। कौन हैं पद्मश्री पाने वाले राजन्ना? बता दें कि राजन्ना ने अपनी पूरी जिंदगी दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए समर्पित कर दी और उनके इसी सेवाभाव के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया है। उनके सेवाभाव को देखते हुए ही 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त नियुक्त किया था। बचपन में ही अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके कर्नाटक के दिव्यांग व्यक्ति के एस राजन्ना को जब पद्मश्री से सम्मानित किया गया तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। केएस राजन्ना ने बचपन में पोलियो के कारण अपने हाथ और पैर खो दिए। उन्होंने घुटनों के बल चलना सीख लिया। उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को प्रेरणा बनाया और खुद को किसी से कम नहीं मानते हुए दिव्यांगजनों के लिए काम करने का फैसला किया। समाज सेवा से जुड़ने के बाद उन्होंने लगातार काम किया और 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त बना दिया। कर्नाटक के बेंगलुरु के रहने वाले राजन्ना को तीन साल के लिए यह पद दिया गया था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें हटा दिया गया। कुछ समय बाद उन्हें फिर से पद दे दिया गया।
लोकसभा चुनाव 2024 में चौथे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर जवाब दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल खड़ा किया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि खरगे के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। निर्वाचन आयोग ने कुप्रबंधन, मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जारी करने में देरी संबंधी खरगे के आरोपों को खारिज किया और आरोपों को निराधार और बिना तथ्य वाला बताया। मतदान प्रतिशत आंकड़े को लेकर अपने सहयोगी दलों को लिखे गये खरगे के पत्र पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि कांग्रेस के अतीत, वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयान परेशान करने वाले हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का मतदान प्रतिशत आंकड़े पर विपक्षी नेताओं को लिखा गया पत्र पूर्वाग्रहपूर्ण विमर्श को आगे बढ़ाने का प्रयास है। खरगे ने क्या लिखा था? मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल सभी नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि मतदान खत्म होने के बाद आंकड़े जारी करने में चुनाव आयोग इतना ज्यादा समय क्यों लगाता है। उन्होंने सभी नेताओं से कहा कि ऐसी विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने लिखा कि विपक्षी नेताओं का एकमात्र लक्ष्य जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है। उन्होंने लिखा कि हमें भारत के निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए और जवाबदेह बनाना चाहिए। खरगे ने लिखा था कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल पूछा था कि क्या नतीजों में देरी मतदान के अंतिम नतीजों को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पहले दो चरणों के मतदान के बाद रुझान सामने आने के बाद बीजेपी नेता और पीएम मोदी घबराए हुए हैं और सत्ता हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
रायगिरि,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार 9 मई को तेलंगाना के रायगिरि में चुनावी सभा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी का चुनाव है। यह चुनाव वोट फॉर जिहाद और वोट फॉर विकास के बीच है। यह चुनाव राहुल गांधी की चाइनीज गारंटी के खिलाफ मोदी जी की भारतीय गारंटी का है।" शाह ने कहा, "कांग्रेस अपने वादे पूरे नहीं करती, लेकिन PM मोदी अपने शब्दों पर कायम हैं। कांग्रेस ने 70 साल तक राम मंदिर का निर्माण रोक के रखा। PM मोदी ने सिर्फ 5 साल में केस जीत लिया। उन्होंने भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह किया। प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 370 को हटा दिया ताकि कश्मीर में अनंत काल तक तिरंगा लहराता रहे।'' गृह मंत्री ने आगे कहा, "BRS तेलंगाना में विकास करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन उसने केवल भ्रष्टाचार किया। यहां के लोगों ने रेवंत रेड्डी को 5 साल दिए। हालांकि, उन्होंने तेलंगाना को कांग्रेस के लिए ATM में बदलने के अलावा कुछ नहीं किया। आप हमें तेलंगाना में 10 से ज्यादा सीटों का आशीर्वाद दें। हम इसे भारत का नंबर बन राज्य बना देंगे।"
नई दिल्ली,प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने अदालत में एफिडेविट फाइल किया। एजेंसी ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और इससे पहले किसी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमानत नहीं मिली है। प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट ED के डिप्टी डायरेक्टर भानु प्रिया ने दाखिल किया। कल यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुनाएगा। दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। जमानत के लिए केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट गए हैं। पिछली सुनवाई यानी 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा था कि चुनाव 5 साल में आते हैं, ये असाधारण परिस्थिति है। कोर्ट ने कहा था कि अगर हम केजरीवाल को जमानत देते हैं तो हमारी शर्त रहेगी कि वे सरकार के काम में दखलंदाजी नहीं करेंगे। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मई तक बढ़ाई केजरीवाल की न्यायिक हिरासत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 मई को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी। इससे पहले कोर्ट ने 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई थी। 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 28 मार्च तक ED की रिमांड पर भेजा गया। 1 अप्रैल से वे तिहाड़ जेल में हैं। 7 मई को जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के 4 कमेंट 1. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा- केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। 2. यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति है। लोकसभा चुनाव जारी हैं। वो दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। 3. अगर चुनाव नहीं चल रहे होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। 4. चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार होते हैं। जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शर्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अगर जमानत दी जाती है तो केजरीवाल सरकारी काम में दखल नहीं देंगे। वो अपने आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। ऐसा हुआ तो हितों का टकराव पैदा होगा और हम यह नहीं चाहते।
पटना/बेगूसराय: केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे गिरिराज सिंह ने नया पासा फेंका है। वैसे, उनका ये फेवरेट टॉपिक भी रहा है। गिरिराज सिंह ने भारत में घटती हिंदुओं की आबादी को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस की तुष्टिकरण का नतीजा है। गिरिराज सिंह ने कहा, '1947 में हिंदुओं की आबादी 88 फीसदी और मुस्लिमों की 8 फीसदी थी। आज हिंदुओं की आबादी जहां 70 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी 7 फीसदी से बढ़कर 12 फीसद के आसपास पहुंच चुकी है, लेकिन मैं कहता हूं कि ये 12 नहीं, बल्कि 20 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है। ये हम सभी के लिए चिंता का विषय है। अगर समय रहते इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो आगामी दिनों में हम सभी को इसके दुष्परिणाम से गुजरना होगा।' हिंदुओं की घटती आबादी पर बरसे गिरिराज गिरिराज सिंह यहीं नहीं रूके, बीजेपी नेता ने कहा, 'इन कांग्रेसियों ने देश को 'धर्मशाला' बनाकर रख दिया है, जहां कोई भी आकर रह रहा है। इस प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए। 1971 में बांग्लादेशी घुसपैठ आए, उस समय एक तरह से चारागाह बना लिया। कांग्रेसियों ने बिहार को रोहिंग्या मुस्लिमों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बनाकर रख दिया। कांग्रेस ने इन सभी लोगों को अपने वोट बैंक के लिए पनाह दिया।'
दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दिल्ली पुलिस ने गोल्डी बरार व लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर एक्शन लेते हुए उनके कई शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की स्पेशल सेल ने गैंगस्टर्स के खिलाफ एक विशेष ऑपरेशन के तहत इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने बताया कि उन्होंने गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 9 शार्प शूटर्स को गिरफ्तार किया है। शूटर्स के पास मिले कई हथियार आगे की जानकारी देते हुए स्पेशल सेल ने कहा कि इस ऑपरेशन को दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में अंजाम दिया गया है। शूटरों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने शूटर के पास से 7 पिस्टल, 31 जिंदा कारतूस और 11 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। कहां से कौन गिरफ्तार किया गया? दिल्ली- पुलिस की स्पेशल टीम ने 27 अप्रैल को यूपी के कानपुर देहात के ग्राम पतरा का रहने वाले आरोपी धर्मेंद्र उर्फ कार्तिक को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार हुआ। इसके पास से .32 बोर की एक सिंगल शॉट पिस्तौल और 3 जिंदा कारतूस मिले। वहीं, अमृतसर के वीपीओ रसूलपुर कलां के निवासी आरोपी जसप्रीत सिंह उर्फ राहुल को 27 अप्रैल 2024 को ही दिल्ली के पास शास्त्री पार्क से गिरफ्तार किया। इसके पास से .32 बोर की 1 पिस्तौल व 4 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पंजाब- पंजाब के रहने वाले आरोपी गुरपाल सिंह को 30 अप्रैल को डेरा बस्सी, मोहाली से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .32 बोर की पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस बरामद हुए। वहीं, 30 अप्रैल को भी पंजाब निवासी मंजीत सिंह गुरी को डेरा बस्सी से गिरफ्तार किया गया। हरियाणा- सोनीपत के गांव खीरी दहिया से अलीगढ़ (यूपी) के गांव शिवाला खुर्द निवासी आरोपी मंजीत को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। राजस्थान- राजस्थान के रहने वाले आरोपी अभय सोनी उर्फ कार्तिक उर्फ कबीर को दिनांक 27 अप्रैल 2024 को जयपुर के अक्षरधाम सर्कल से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किया गया। यूपी के रहने वाले सचिन कुमार उर्फ राहुल को लखनऊ के शक्ति पुरम से 27 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस मिले थे। यहीं से एक नाबालिग अपराधी को भी पकड़ा पकड़ा गया और उसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल और 5 जिंदा कारतूस मिले थे। मध्य प्रदेश- बड़वानी जिले के ग्राम खुर्रमपुरा निवासी संतोष उर्फ सुल्तान बाबा को 27 अप्रैल को रतलाम रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। इसके पास से तलाशी के दौरान .32 बोर की एक पिस्तौल और 4 जिंदा कारतूस मिले। बिहार- वैशाली जिले के ग्राम मुसापुर निवासी संतोष कुमार को 2 मई 2024 को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया। शातिराना तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में थे शूटर्स पुलिस के मुताबिक, सभी शूटर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे के साथ संपर्क में थे। पुलिस ने दावा किया कि इन शूटरों की गिरफ्तारी से दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों में होने वाली कॉन्ट्रैक्ट किलिंग को पुलिस ने समय रहते रोक दिया है।
सेंट्रल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (CBI) ने करप्शन मामले में देश के नामी-गिरामी आरएमएल हॉस्पिटल के दो डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। इन डाक्टर्स में से एक प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जानकारी के मुताबिक, इन पर गरीब मरीजों से इलाज के नाम पर पैसे लेने और मेडिकल इक्यूपमेंट्स सप्लाई करवाने के नाम पर डीलर्स से मोटा पैसा लेने के आरोप हैं। मामले में सीबीआई ने डॉक्टर्स, मेडिकल इक्यूपमेंट्स से जुड़े डीलर्स के यहां 15 ठिकानों पर रेड्स की है। 2.5 लाख की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार सीबीआई की टीम ने RML हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा को 2.5 लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जिसने यूपीआई से पेमेंट रिसीव की थी। इनके अलावा, रजनीश कुमार जो कि अस्पताल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इंचार्ज हैं, इसे गिरफ्तार किया है। कई लोगों को किया गिरफ्तार इनके अलावा, एफआईआर में डॉ. अजय राज कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर है, साथ ही नर्स शालू शर्मा, भुवल जैसवाल और संजय कुमार गुप्ता, जो अस्पताल में क्लर्क है और 5 प्राइवेट लोग जो चार अलग-अलग इक्यूप्मेंट सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते है। इन सभी को सीबीआई ने करप्शन के मामले में गिरफ्तार किया है। इन सभी को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। अलग-अलग तरीके से करते थे करप्शन बता दें कि सीबीआई को जानकारी मिली थी कि राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के कई डॉक्टर्स और कर्मचारी करप्शन में शामिल है, ये अलग-अलग मॉड्यूल के जरिए करप्शन करते है। जैसे- मेडिकल इक्यूप्मेंट्स की सप्लाई या डॉक्टर्स से उन्हें प्रमोट कराना और इसकी एवज में प्राइवेट कंपनियों से मोटी रकम लेना। और गरीब मरीजों से इलाज कराने के नाम पर क्लर्क के जरिए पैसे वसूलना शामिल है। कुल 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, डॉ. पर्वतगौड़ा और डॉ. अजय राज, मेडिकल कपनियों के प्रतिनिधि नरेश नागपाल, अबरार अहमद, आकर्षण गुलाटी, मोनिका सिन्हा, भरत सिंह दलाल से उनके इक्यूप्मेंट्स प्रमोट और सप्लाई करने के नाम पर रिश्वत लेते थे। साथ ही आरएमएल के क्लर्क भुवल जैसवाल और नर्स शालू शर्मा मरीजों के तीमारदारों से इलाज के नाम पर पैसा ऐंठते थे। 9 गिरफ्तारी के अलावा कुल 16 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करके इनकी कस्टडी ली जाएगी।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जोरदार बहस हुई जिसमें कोर्ट ने ईडी से कई सवाल पूछे और सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अरविंद केजरीवाल की अंतरिम ज़मानत मामले में आज हुई सुनवाई के बाद बेंच से उठते समय जस्टिस संजीव खन्ना ने ED के वकील से कहा कि वह शुक्रवार को मामले पर आदेश दे सकते हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कही थी कल ये बात केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल इस दौरान किसी फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे। इसके लिए शर्त रखते हुए सिंघवी ने कहा कि इस दौरान सीएम के हस्ताक्षर न होने पर दिल्ली के उपराज्यपाल फाइलों को वापस न भेजें। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अगर वो जमानत के दौरान अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं तो इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं और हितों के टकराव वाली स्थिति पैदा हो सकती है। ED के वकील ने किया जमानत का विरोध मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल पर किसी भी तरह की नर्मी बरतने का विरोध किया और कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये राजनेताओं के लिए एक अलग कानून का पालन किए जाने जैसा हो जाएगा। तुषार मेहता ने किसान और दुकान मालिक का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई किसान फसल के समय जमानत मांगेगा तो क्या उसे भी जमानत दी जाएगी?
लोकसभा चुनाव को लेकर ताबड़तोड़ प्रचार का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तेलंगाना राज्य में रैली कर रहे हैं। करीमनगर के बाद वारंगल में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि शहजादे के एक अंकल अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने कहा कि काली चमड़ी वाले अफ्रीकी हैं, तो क्या कांग्रेस चमड़ी का रंग देखकर बात करती है? उन्होंने कहा कि चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम कृष्ण के पुजारी हैं। पीएम ने कहा कि मुझे गाली दें सहन कर लूंगा, लेकिन देश के लोगों का अपमान सहन नहीं कर सकता। पीएम ने कहा कि क्या चमड़ी के रंग के आधार पर योग्यता तय होती है। क्या हमारी राष्ट्रपति अफ्रीकी हैं। शहजादे को इसका जवाब देना होगा। 'शहजादा' के दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी... वारंगल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''मैं आज एक गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं...मुझे आज बहुत गुस्सा आ रहा है, अगर कोई मुझे गाली देता है, तो मैं सह सकता हूं, लेकिन 'शहजादा' के इस दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी, जिसने मुझे गुस्से से भर दिया है। क्या देश के लोगों की योग्यता स्कीन के रंग से तय होगी? 'शहजादा' को यह अधिकार किसने दिया? संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग त्वचा के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।'' "द्रौपदी मुर्मू को हराने की कोशिश, आज पता चला कारण" उन्होंने कहा, ''मैं बहुत सोच रहा था कि द्रौपदी मुर्मू जिनका बहुत सम्मान है और वह आदिवासी परिवार की बेटी हैं, तो फिर कांग्रेस उन्हें हराने के लिए इतनी कोशिश क्यों कर रही है, लेकिन आज मुझे कारण पता चल गया। मुझे पता चला कि अमेरिका में एक अंकल हैं जो 'शहजादा' के दार्शनिक मार्गदर्शक हैं और क्रिकेट में तीसरे अंपायर की तरह, जिससे 'शहजादा' सलाह लेते हैं। इस दार्शनिक अंकल ने कहा कि जिनकी चमड़ी काली होती है वो अफ्रीका के होते हैं। इसका मतलब है कि आप देश के कई लोगों को उनकी चमड़ी के रंग के आधार पर गाली दे रहे हैं।" सैम पित्रोदा का विवादित बयान बता दें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की विवादित रूप से तुलना की है। सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक और विवादित बयान जारी किया है जिससे कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। भारत की विविधता पर चर्चा करते हुए उन्होंने दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी और पूर्वोत्तर भारतीय लोगों की तुलना चीनी लोगों से कर दी है। पित्रोदा ने ये भी कहा है कि पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। पित्रोदा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत एक विविधता वाला देश है। भारत में दक्षिण के लोग अफ्रिकियों जैसे दिखाई पड़ते हैं। पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। उत्तर में लोग गोरे जैसे दिखते हैं और पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं। पित्रोदा ने आगे कहा कि हम भारत जैसे विविधातापूर्ण देश में 70-75 साल से मिलकर एक साथ रहते हैं। हिमंता-कंगना भड़के सैम पित्रोदा के इस बयान के बाद भाजपा ने उनपर जोरदार हमला किया है। असम के सीएम हिमंता विश्व शर्मा ने सैम पित्रोदा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं नॉर्थ-ईस्ट से हूं और मैं भारतीय लगता हूं। हम भारतीय अलग-अलग दिखते हैं लेकिन एक हैं। हिमंता ने सैम को सलाह देते हुए कहा कि देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी पित्रोदा के बयान को नस्लभेदी करार दिया है। इसके अलावा कंगना रनौत ने भी भड़कते हुए कहा कि पित्रोदा का बयान नस्लवादी और विभाजनकारी है। ये भारत के लोगों को चीनी और अफ्रीकी कह रहे हैं। पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस को शर्म करनी चाहिए। कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए विवादित बयान से कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की अनेकता को जो उपमाएं दी गई हैं वो बिल्कुल गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा की कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूर्ण रूप से अलग करती है और इसका खंडन करती है। रामनवमी पर भी विवादित बयान सैम पित्रोदा यहीं पर नहीं रुके और उन्होंने राम मंदिर और रामनवमी को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने ये कहा है कि राम मंदिर और रामनवमी से भारत की मूल भावना को खतरा है। पित्रोदा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर जाने से भारत के सेक्युलरिज्म को खतरा है।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की ओर से भारत में विरासत कर (Inheritance Tax) लगाने की दी गई राय पर पर अर्थशास्त्री गौतम सेन भड़क गए हैं। उन्होंने सैम पित्रौदा के इस बयान को अव्यवहारिक करार दिया है। गौतम सेन ने बताया है कि सबसे पहली बात तो यह है कि अमेरिका में कोई विरासत कर नहीं है। उनके पास विरासत कर नहीं है, इसे एस्टेट ड्यूटी और गिफ्ट टैक्स कहा जाता है। सेन ने इस बात का भी खुलासा किया है कि अमेरिका में 2022 तक 0.14% मृतकों को इसका भुगतान करना पड़ता है। 2.5 मिलियन मृतकों में से केवल 0.14% यानी पूरे अमेरिका में 4000 लोग एस्टेट ड्यूटी के अधीन हैं। अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए अव्यावहारिक अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा कि अमेरिका में अधिकांश संपत्तियों को छूट दी गई है क्योंकि छूट की सीमा बहुत अधिक (13.6 मिलियन डॉलर) है। वास्तव में अमीरों का पैसा ट्रस्टों में है। इसलिए अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छा सादृश्य नहीं है। सभी घरों और व्यवसायों का सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव कई कारणों से अव्यावहारिक है। भारत में 2.4 फीसदी या उससे भी कम लोग इनकम टैक्स भरते हैं। उस समूह में लगता है कि 1.2 मिलियन से अधिक लोगों के पास व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है जो मुख्य रूप से उनके अपने निवास में हैं। उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए, आपको उनके व्यवसाय बंद करने होंगे। चीन-पाकिस्तानी आक्रमण का खतरा गौतम सेन ने कहा है कि अगर ऊपर बताए गए कदमों को उठाया जाता है तो आर्थिक अराजकता होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो है वह पहले की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है। हमारे पास यह अविश्वसनीय संयोजन है जो लगभग कभी भी हासिल नहीं किया गया है, निवेश के माध्यम से धन सृजन, पुनर्वितरण के साथ बुनियादी ढांचे का संयोजन। भले ही आपको इस गैर-समझदारीपूर्ण विचार से कुछ हासिल करना हो, लेकिन आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों से इसे छीन लेंगे। ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत का मित्र नहीं है। गौतम सेन ने कहा कि भारत की राजनीतिक और आर्थिक अराजकता तुरंत चीन-पाकिस्तानी आक्रमण को आमंत्रित करेगी क्योंकि वे भारत के साथ हिसाब बराबर करने और भारतीय क्षेत्र को जब्त करने के अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए, जो भी ऐसा करना चाहता है वह भारत का मित्र नहीं है। क्या कहा था सैम पित्रौदा ने? कांग्रेस के थिंक टैंक और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इस तरह का कानून है। सैम ने कहा था कि अमेरिका में कोई भी शख्स 45 प्रतिशत संपत्ति अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है। पित्रौदा ने कहा कि आपने अपनी पीढ़ी के लिए संपत्ति बनाई है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। उन्होंने कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन ऐसा नियम यहां भी बनना चाहिए।
रायबरेली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने रायबरेली में अपने भाई राहुल गांधी के लिए वोट मांगे हैं। उन्होंने कहा, 'सेवा की राजनीति आप समझते हैं। हमेशा देश के प्रति निष्ठा और जागरुकता दिखाई है। यहां राहुल गांधी को जिताएंगे तो आपको ऐसे ही सांसद मिलेंगे। आपको 2-2 लोग मिल जाएंगे। आम तौर पर एक सांसद होता है लेकिन आपको 2-2 सांसद मिलेंगे।' प्रियंका ने कहा, 'मैं भी यहां होऊंगी और वो (राहुल) भी होंगे। वो सांसद होंगे आपके और मैं उनके साथ-साथ काम करुंगी। पूरे दिल से सारी समस्याओं को हल करेंगे, जैसे हमारे पूर्वजों ने किया।' सियासी गलियारों में प्रियंका के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि वह जनता के सामने खुद को भी सांसद की तरह की रिप्रिजेंट कर रही हैं, जबकि रायबरेली से चुनाव उनके भाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं। राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी बीजेपी की पूरी मशीनरी: प्रियंका कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीजेपी की पूरी मशीनरी ही राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी हुई है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी धर्म, जाति और मंदिर-मस्जिद के बारे में बात करती है लेकिन लोगों से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में बात नहीं करती। गांधी परिवार का गढ़ समझी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अपने भाई राहुल गांधी के लिए प्रचार कर रहीं प्रियंका ने कहा कि रायबरेली के लोग नेताओं को अच्छी तरह समझते हैं। रायबरेली के थुलवासा में एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा, 'जब उन्हें इंदिराजी (इंदिरा गांधी) की कोई नीति पसंद नहीं आई तो उन्होंने उन्हें भी हरा दिया। इंदिरा गुस्सा नहीं हुईं बल्कि आत्ममंथन किया। आपने उन्हें दोबारा चुना। यह रायबरेली के लोगों की खासियत है कि वे नेताओं को समझते हैं।' प्रियंका ने कहा, 'आपको मालूम होगा कि राहुल गांधी ने कितना संघर्ष किया है। वह हमारे देश में एक ऐसे इंसान हैं जिनके बारे में बीजेपी की पूरी मशीनरी ने हर तरीके से गलत बातें और झूठ फैलाया। कैसे-कैसे आक्रमण किये। उनको संसद से निकाल दिया गया, उनको घर से निकाल दिया गया लेकिन राहुल पीछे नहीं हटे। यह उनका चरित्र है कि जब वह अन्याय होते हुए देखते हैं तो वह न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और उससे कदम पीछे नहीं खींचते।' उन्होंने कहा, 'इसीलिए राहुल कन्याकुमारी से कश्मीर तक चार हजार किलोमीटर पैदल चले और फिर उसके बाद मणिपुर से लेकर मुंबई तक उन्होंने यात्रा की। यह आपकी समस्याओं को समझने वाली यात्राएं थीं। यह देश को बताने वाली यात्राएं थीं कि देश में राजनीति की जो दिशा है वह गलत हो रही है तथा हमें उसे ठीक करना है।'
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान हो रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर वोटिंग हो रही है। वोटिंग सुबह 7:00 बजे से जारी है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राम जी के दर्शन वो रोज करते हैं। उन्होंने अयोध्या में दर्शन के लिए जाने के बारे कहा कि राम मंदिर का नक्शा और वास्तु ठीक नहीं है। मंदिर ऐसे नहीं बनता। वो मंदिर बेकार है। बयान पर सीएम योगी का पलटवार उन्होंने कहा कि पुराने मंदिर देख लीजिए, कैसे बने हैं, दक्षिण से लेकर उत्तर तक। नक्शा ठीक से नहीं बना है। मंदिर को वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया। वहीं, रामगोपाल यादव के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है। सीएम ने कहा, "समाजवादी पार्टी आस्था का सम्मान नहीं करती। ये राम के अस्तित्व को नकारने वाले लोग हैं।" "सपा की सोच बहुत घटिया है" बीजेपी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि राम मंदिर को लेकर सपा की सोच बहुत घटिया है। इन लोगों ने पहले रामभक्तों पर गोलियां चलाई थीं। इन लोगों ने हर प्रयास किया कि मंदिर न बन सके। आज जब मंदिर बन गया है, हर दिन लाखों भक्त दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो सपा नेता ऐसे बयान देकर अपनी विकृत मानसिकता को दर्शा रहे हैं। वास्तु मंदिर का नहीं, सपा के नेताओं का खराब हो चुका है। "रामगोपाल यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण" हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। सपा शुरू से राम द्रोही रही है। पहले रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं। इनके लिए हर सनातन संस्कृति बेकार है, जहां से हिंदू जुड़ा है। वो एक मजहब की बात करते हैं, तो सनातन का विरोध करेंगे। (IANS)
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान मंगलवार, सात मई को संपन्न हो गया। मतदान के दौरान छिटपुट घटनाओं के साथ ही महाराष्ट्र के सोलापूर के सांगोला तालुका में एक बड़ी घटना सामने आई है। एक मतदाता ने मतदान के दौरान ईवीएम मशीन को जलाने की कोशिश की। उसने पेट्रोल डालकर ईवीएम को जलाने की कोशिश की जिससे ईवीएम थोड़ी सी काली पड़ गयी है। हालांकि कहा जा रहा है कि ईवीएम और बाकी की मशीन ठीक ठाक हैं। मतदान पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। ना तो ईवीएम को रिप्लेस किया गया और ना ही मशीन पर मतदान की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई। इस दौरान मतदान की प्रक्रिया भी जारी रही और जो मशीन में मतदान दर्ज हुआ है उस पर भी कोई असर नहीं हुआ है। सोलापुर के जिला अधिकारी आशीर्वाद कुमार के मुताबिक मशीन सही सलामत है और उस मशीन से जो भी मतदान किया गया है वह रिकॉर्ड हो गया है और इसे लेकर किसी प्रकार की कोई समस्या नही हुई है। उस युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और आगे की कारवाई की जा रही है। शख्स ने एक नहीं तीन ईवीएम को लगाई आग घटना मंगलवार के दोपहर की है, जब महाराष्ट्र के माधा लोकसभा क्षेत्र के बगलवाड़ी गांव में एक मतदान केंद्र पर एक ही व्यक्ति ने पेट्रोल छिड़ककर कम से कम तीन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को आग लगा दी। अधिकारियों के अनुसार, दोपहर करीब 1 बजे, वह व्यक्ति पेट्रोल की एक बोतल लेकर मतदान केंद्र में घुस गया, उसे वहां कम से कम तीन ईवीएम पर डाला और आग लगा दी, जिससे अन्य मतदाता और वहां ड्यूटी पर मौजूद चुनाव अधिकारी हैरान रह गए। बाहर निकलने से पहले वह कथित तौर पर 'जय मराठा', 'एक मराठा, लाख मराठा' आदि नारे लगा रहे थे, लेकिन मतदान केंद्र के बाहर तैनात पुलिस सुरक्षा ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फिर से जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की वजह से नियुक्ति को लेकर लोगों का भरोसा उठ जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें 24,000 शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया है और कहा है कि 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अधिकारियों का कर्तव्य है। कोर्ट ने आगे कहा कि सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं। अगर लोगों का विश्वास खत्म हो गया तो कुछ नहीं बचेगा। यह सुनियोजित धोखाधड़ी है। सीजेआई ने कहा-लोगों का भरोसा उठ जाएगा सीजेआई ने राज्य सरकार के वकीलों से पूछा, आज सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक गतिशीलता के लिए देखा जाता है। अगर उनकी नियुक्तियों को भी बदनाम किया गया तो सिस्टम में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास उठ जाएगा, आप इसे कैसे बर्दाश्त करेंगे?" सीजेआई ने कहा कि मामला कितना भी संवेदनशील या राजनीतिक रूप से जटिल क्यों न हो, हम वकील ही हैं। हाई कोर्ट के जजों पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। थोड़ी देर मे सुप्रीम कोर्ट एक अंतरिम आदेश जारी करेगा।
झारखंड कैश कांड में आरोपी संजीव लाल और जहांगीर आलम के खिलाफ रिमांड कॉपी में ED ने बड़ा दावा किया है। ED ने आज आरोपियों को कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया जहां, एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि केस की जांच के दौरान पता चला कि वीरेंद्र कुमार राम जोकि ग्रामीण विकास विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे और वे सरकारी टेंडर के नाम पर 1.5 परसेंट कमीशन लेते थे। इसके बाद ये रिश्वत का पैसा विभाग के तमाम अधिकारियों और राजनेताओं के बीच बराबर बांटा जाता था। संजीव लाल इकट्ठा करता था कमीशन ईडी ने आगे बताया कि टेंडर से आया ये कमीशन संजीव लाल इकट्ठा करता था और वीरेंद्र कुमार राम ने पूछताछ के दौरान ये कबूल भी किया था कि संजीव लाल को उनके द्वारा जारी टेंडर की एवज में सितंबर 2022 तक करोड़ों रुपये की मोटी रकम मिली है। इसके अलावा जांच के एक और असिस्टेंट इंजीनियर का नाम भी सामने आया है। इसी आधार पर 6 मई को ED की टीम ने रांची में कई ठिकानों पर रेड की। मिले थे 35 करोड़ से ज्यादा रुपये ईडी ने कहा कि रेड के दौरान संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से 32.20 करोड़, एक अन्य करीबी के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये और संजीव लाल के ठिकाने से 10.5 लाख रुपये बरामद हुए। जांच में सामने आया कि संजीव लाल प्रभावशाली व्यक्तियों के आधार पर सरकारी टेंडर से आने वाले कमीशन की वसूली करता था। बरामद रकम अपराध से कमाई की गई आय है। स्टेटमेंट रिकॉर्ड करते वक़्त आरोपियों ने सहयोग नहीं किया, इसीलिए गिरफ्तारी जरूरी थी। ईडी ने बताया कि अभी बरामदगी का संबंध किस-किस से है ये पता करना है, साथ ही कुछ और चल-अचंल संपत्ति के बारे में भी जांच करनी है और कुछ अन्य लोकसेवको के नाम सामने आए थे, जिसकी जांच की जानी है। कमीशन का पैसा पहुंचता है सरकारी अधिकारियों तक भी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम की रिमांड मांगते हुए ED ने कोर्ट को बताया कि संजीव लाल ने कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से कमीशन वसूली का काम करता है और टेंडरों की आड़ में इंजीनियरों से कमीशन वसूली में अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं ED ने कोर्ट को यह भी बताया कि कमीशन का पैसा सरकारी अधिकारियों तक भी पहुंचाया जाता है। इसके अलावा ED ने बताया कि जांच के दौरान कई नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ED ने ये भी बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक के कई अधिकारी इस गठजोड़ में शामिल हैं और टेंडर के जरिए रिश्वत लेने का खेल चल रहा था। इस मामले हमें कुछ ब्यूरोक्रेट और सफेदपोश के बारे में पता चला है, जिसकी जांच करनी है। वीरेंद्र राम ने कबूली थी यह बात ED के मुताबिक टेंडर से मिलने वाला पैसा संजीव लाल ही इकट्ठा करता था, वहीं, जांच के दौरान गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने भी यह बताया कि सितंबर 2022 में उसने टेंडर से मिलने वाला करोड़ों रुपए का कमीशन संजीव लाल तक पहुंचाया था। आरोपी जहांगीर आलम के घर से जो पैसे मिले है वो संजीव लाल के कहने पर रखे थे, जिसे उसने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से इकट्ठा किया था। जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि दूसरे असिस्टेंट इंजीनियर भी टेंडर से मिलने वाले कलेक्शन और उसके डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल थे। ईडी ने कोर्ट को यह बताया कि 6 मई 2024 को रांची में हुए सर्च ऑपरेशन में कई संदिग्ध डॉक्यूमेंट और साथ ही 32 करोड़ 20 लाख रुपए जहांगीर आलम के घर से बरामद हुआ है। साथ ही उनके दूसरे साथियों के घर से भी करीब 2 करोड़ 93 लख रुपए बरामद हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अंतरिम जमानत याचिका पर जोरदार बहस हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसका "व्यापक प्रभाव हो सकता है"। हालांकि, केजरीवाल को तत्काल कोई राहत नहीं मिली क्योंकि शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने ये कहा कि हम इस पर पहले मन बनाएंगे, फिर बताएंगे। कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, "हम आपको परसों की तारीख देंगे। यदि यह संभव नहीं है, तो हम इसे अगले सप्ताह किसी समय रखेंगे। अगला सप्ताह बहुत कठिन होने वाला है।" केजरीवाल को नहीं मिली राहत बता दें कि दिल्ली में कथित तौर पर हुए शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है।एक तरफ जहां मंगलवार को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी राहत नहीं मिली तो वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। कोर्ट में हुई जोरदार बहस सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, दो न्यायाधीशों की पीठ ने जेल में बंद सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या केजरीवाल जमानत मिलने के बाद अपने ऑफिस में उपस्थित होंगे, फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे और अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर "दूसरों को निर्देश देंगे"। इस सवाल के जवाब में, सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल "शराब घोटाला मामले से वास्ता नहीं रखेंगे। वह अन्य कार्य करेंगे क्योंकि वह एक मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।" पीठ ने तब कहा कि अगर वह आप प्रमुख को रिहा करने का फैसला करती है, तो "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम नहीं चाहते कि मुख्यमंत्री आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें क्योंकि इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है"। कोर्ट ने आगे कहा कि "हम सरकार के काम में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। यह आपकी इच्छा है कि आप मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं। आज, यह वैधता का नहीं बल्कि औचित्य का सवाल है। हम सिर्फ चुनाव के कारण अंतरिम जमानत पर विचार कर रहे हैं, अन्यथा हम इस पर बिल्कुल भी विचार नहीं करते।" शीर्ष अदालत ने ईडी से यह भी कहा कि वह जमानत संबंधी दलीलें सुनेगी क्योंकि केजरीवाल "दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की जरूरत है।" पीठ ने कहा "यह एक असाधारण स्थिति है। ऐसा नहीं है कि वह आदतन अपराधी हैं। चुनाव पांच साल में एक बार होता है। यह फसल की कटाई जैसा नहीं है कि जो हर चार से छह महीने में होगी। हमें प्राथमिकता से इस पर विचार करने की जरूरत है कि क्या उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए या नहीं। “ इसपर ईडी ने कहा कि "(पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री) जॉर्ज फर्नांडिस ने जेल से चुनाव लड़ा था और इतने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी कि यह भारतीय चुनावों में सबसे बड़ा अंतर था।" ईडी ने अदालत के सुझाव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इससे "गलत मिसाल" कायम होगी। कोर्ट से ईडी ने कहा कि "एक राजनेता के पास सामान्य नागरिकों की तुलना में कोई विशेष अधिकार नहीं है। क्या अभियोजन का सामना कर रहे सभी सांसदों और विधायकों को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए?" केजरीवाल के वकील सिंघवी से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने को कहा गया है। ये मुद्दे हैं, "क्या एक राजनेता को आम आदमी की तुलना में विशेष व्यवहार मिल सकता है। 5,000 लोग अभियोजन का सामना कर रहे हैं। क्या होगा यदि वे सभी कहते हैं कि वे प्रचार करना चाहते हैं? छह महीने में नौ समन? समय चुनने के लिए ईडी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता; क्या ऐसा हो सकता है?" अंतरिम जमानत दी जाए क्योंकि वे अभी तक साक्ष्य में नहीं गए हैं?" सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से आप प्रमुख से पूछताछ और जांच में देरी के बारे में भी सवाल पूछा। एसवी राजू ने कहा, "जब हमने जांच शुरू की, तो हमारी जांच सीधे तौर पर उनके (केजरीवाल) खिलाफ नहीं थी। जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई। इसीलिए, शुरुआत में उनसे संबंधित एक भी सवाल नहीं पूछा गया। जांच उन पर केंद्रित नहीं थी।" इस पर पीठ ने जवाब दिया, "यह एक असामान्य मामला है... आपने इतना समय क्यों लिया, और सवाल क्यों नहीं पूछे गए? हम मानते हैं कि उनके बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। एकमात्र मुद्दा यह था कि आप देरी क्यों कर रहे थे?" अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर उन्होंने शुरुआत में ही केजरीवाल के बारे में पूछना शुरू कर दिया होता, तो इसे दुर्भावनापूर्ण कहा जाता। "इसे समझने में समय लगता है। हम इसे रातोरात नहीं रख सकते। चीजों की पुष्टि करनी होगी।" मंगलवार की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 मई को संकेत दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुई कि वह मौजूदा लोकसभा चुनावों के कारण केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का फैसला कर सकता है। अरविंद केजरीवाल, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं, ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका 9 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
शहडोल: जिले में एक बार फिर एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां कोतवाली शहडोल क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुर में बीती रात 15 साल की एक किशोरी के साथ 5 अज्ञात लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार किशोरी अपने किसी मित्र के साथ बीती शाम कल्याणपुर के पास जंगल में गई थी। इसी दौरान कुछ और लोग भी वहां पर पहुंच गए। सभी लोगों ने मिलकर किशोरी के साथ गैंगरेप किया। बता दें कि शहडोल में अभी बीते दिनों ही ASI की हत्या हो गई थी। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि अब गैंगरेप की इस बड़ी घटना से इलाके के लोगों में खौफ है। आरोपियों की पहचान में जुटी पुलिस घटना की पुष्टि होने के बाद पुलिस के द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। वहीं पुलिस अब बदमाशों की पहचान में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पूरी घटना को लेकर शहडोल के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने कहा कि जल्द ही मामले का पूरा खुलासा कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही वह सलाखों के पीछे होंगे। एसपी कुमार प्रतीक ने कहा कि किसी भी स्थिति में जिले में बदमाशों को बढ़ने नहीं दिया जाएगा, शांति व्यवस्था का कायम रहेगी। संभागीय मुख्यालय का मामला बता दें कि ये घटना कहीं और की नहीं बल्कि संभागीय मुख्यालय है, जहां पर शहडोल पुलिस जोन के ADGP के अलावा DIG शहडोल और पुलिस अधीक्षक के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जैसे तमाम पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी रहते हैं। पुलिस लाइन में सैकड़ों वर्दीधारी भी मौजूद हैं। इसके बावजूद मुख्यालय से ही सटे जंगल में बदमाश इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं। इससे कहीं न कहीं यह माना जा सकता है कि बदमाशों के मन से पुलिस का भय खत्म हो चुका है।
नई दिल्ली : कथित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अब एनआईए भी जांच कर सकती है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) से फंडिंग के कथित मामले में सीएम के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने SFJ से फंडिंग ली थी। दूसरी तरफ AAP ने केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश को बीजेपी की बौखलाहट करार दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि एलजी बीजेपी के एजेंट हैं और हार के डर से बीजेपी बौखला गई है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एनआईए जांच की सिफारिश उस शिकायत के बाद की है जिसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने सिख फॉर जस्टिस से 1.6 करोड़ डॉलर लिया था। शिकायत के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक समूह ने ये फंडिंग इसलिए की ताकि आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद मिल सके और खालिस्तान-समर्थक भावनाओं में उभार आए। भुल्लर 1993 के दिल्ली बम ब्लास्ट केस का दोषी है। एलजी के आदेश के मुताबिक, इस मामले में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया की तरफ से शिकायत मिली थी। केंद्रीय गृह सचिव को लिखे अपने खत में एलजी सक्सेना ने प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस' के सरगना और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक कथित वीडियो का भी जिक्र किया है। कथित वीडियो में पन्नू ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की थी। मोंगिया ने 1 अप्रैल को एलजी के पास शिकायत भेजी थी।
नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी और राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वह कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय तक रहे हैं। जब राम मंदिर का फैसला आया और राम मंदिर बनना शुरू हुआ तो राहुल गांधी ने अपने करीबियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान राहुल ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम एक सुपरपावर कमीशन बनाकर राम मंदिर के फैसले को पलट देंगे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने क्या कहा? आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था, 'कांग्रेस में मेरा समय 32 साल से भी ज्यादा बीता है। जब राम मंदिर का फैसला आया, राम मंदिर बनना शुरू हुआ, उसके बाद राहुल गांधी ने अपने नजदीकी लोगों की बैठक में, अमेरिका में रहने वाले एक शुभचिंतक की सलाह पर ये बात कही थी कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम सुपरपावर कमीशन बनाकर राम मंदिर के फैसले को पलट देंगे।' उन्होंने ये भी कहा था कि जिस तरह से तीन तलाक के मुद्दे पर शाहबानो केस में राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था, वैसे ही राम मंदिर का फैसला भी बदल देंगे। प्रमोद कृष्णम के इन आरोपों के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। राहुल पर कसा था तंज हालही में कांग्रेस ने जब रायबरेली से राहुल गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया था तो प्रमोद ने कांग्रेस पर हमला बोला था। प्रमोद ने कहा था कि राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिए था। अमेठी से भागने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पूरे देश में ये संदेश जाएगा कि जो आदमी रोज पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देता था, रोज अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और देश की जनता से कहता था कि डरो मत, वो खुद डर गया। मुझे लगता है कि ये कांग्रेस का दुर्भाग्य है।
नई दिल्ली: आजादी के बाद से भारतीय राजनीति के परिदृश्य में राजनीतिक नेताओं के लिए एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ना एक आम बात रही है। यह अक्सर संसद या विधानसभा में पद सुरक्षित करने और राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की महत्वाकांक्षा से प्रेरित होता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33, उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देती है, जो देश में लोकतंत्र की बदलती गतिशीलता को दर्शाती है। हालांकि, इस प्रथा ने इसकी निष्पक्षता को लेकर बहस छेड़ दी है। आलोचकों का तर्क है कि ऐसी प्रणाली में जहां प्रत्येक व्यक्ति केवल एक वोट का हकदार है, ऐसे में उम्मीदवारों को एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देना समानता और प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाता है। क्या दो सीटों पर चुनाव लड़ना उचित? अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए नेता अक्सर एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ते हैं। यदि वे दोनों सीटें जीतते हैं, तो वे आम तौर पर अपनी सुविधा के अनुसार एक सीट से इस्तीफा दे देते हैं, जो एक कानूनी आवश्यकता है। हालांकि, इस प्रथा की कीमत करदाताओं को चुकानी पड़ती है और खाली सीट के घटकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसे चुनावी प्रणाली में हेरफेर के रूप में माना जाता है, जहां निर्वाचित प्रतिनिधि मतदाताओं के हितों पर अपने राजनीतिक एजेंडे को प्राथमिकता देते हैं। चुनाव आयोग ने रखा दंड का प्रस्ताव इन मुद्दों को पहचानते हुए, चुनाव आयोग ने दो सीटों से चुनाव लड़ने और जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए दंड का प्रस्ताव दिया है। सुझाया गया जुर्माना विधानसभा सीटों के लिए 5 लाख रुपये और लोकसभा सीटों के लिए 10 लाख रुपये है। इस प्रस्ताव के पीछे तर्क यह है कि उम्मीदवारों को कई सीटों से चुनाव लड़ने के फैसले के कारण उपचुनाव कराने से होने वाले वित्तीय बोझ के लिए जवाबदेह बनाना है। चुनाव आयोग का लक्ष्य इस प्रथा को हतोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि निर्वाचित प्रतिनिधि अपने राजनीतिक लाभ के बजाय अपने मतदाताओं के हितों को प्राथमिकता दें। दो सीटों पर चुनाव लड़ने की है अनुमति 1996 से पहले, एक उम्मीदवार अधिकतम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं थी। हालांकि, नियम में यह निर्धारित किया गया था कि एक जन प्रतिनिधि एक समय में केवल एक ही सीट का प्रतिनिधित्व कर सकता है। 1996 में, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करके एक बदलाव किया गया, जिससे उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों पर चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई। इस संशोधन ने भारतीय लोकतंत्र की उभरती गतिशीलता को समायोजित करने के उद्देश्य से चुनावी नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया। चुनाव आयोग का प्रस्ताव 2004 में, चुनाव आयोग ने एक सीट से एक व्यक्ति के चुनाव लड़ने का नियम लागू करने का प्रयास किया। इसके अतिरिक्त, आयोग ने प्रस्ताव दिया कि यदि एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की वर्तमान व्यवस्था को बनाए रखना है, तो उन उम्मीदवारों को उनके इस्तीफे के परिणामस्वरूप होने वाले किसी भी उप-चुनाव का खर्च भी वहन करना चाहिए। इस प्रस्ताव के कारण सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसने अंततः इसे खारिज कर दिया। पहले भी होती रही हैं सुधार की सिफारिशें गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न समितियों द्वारा चुनाव सुधारों के लिए सिफारिशें की जाती रही हैं। 1990 में दिनेश गोस्वामी समिति की रिपोर्ट और 1999 में प्रस्तुत चुनाव सुधारों पर लॉ कमीशन की 170वीं रिपोर्ट, दोनों ने एक निर्वाचन क्षेत्र से केवल एक व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति देने की वकालत की।
युनिवर्सिटी के वीसी की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने वाले राहुल गांधी के बयान का कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने विरोध किया है। राहुल गांधी ने कहा था कि कुलपति के चयन में योग्यता को ताक पर रखा जा रहा है। कुछ संगठनों से संबंधित लोगों को ही इन पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। इसके बाद कुलपतियों की तरफ से लिखे गए पत्र में इसका विरोध किया गया है। इसके साथ ही बताया गया है कि उनका चयन किस आधार पर होता और इन कुलपतियों ने देश के विश्वविद्यालयों के विकास में कैसे योगदान दिया है। 10 बड़े विश्वविद्यालयों के कुलपति ने इस पत्र को लिखने और राहुल गांधी को भेजने पर विचार किया और अंत तक इसे अंजाम तक पहुंचाया। वहीं, 181 विश्वविद्यालयों के कुलपति ने इसमें हस्ताक्षर कर अपनी सहमति जाहिर की है। पत्र में क्या ? राहुल गांधी को लिखे पत्र में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति की तरफ से लिखा गया है कि कुलपति की चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होती है और इस दौरान सभी मूल्यों का ध्यान रखा जाता है। शैक्षणिक योग्यता और विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की सोच के आधार पर कुलपति चुने जाते हैं। सभी विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन इस बात की गवाही देता है कि कुलपतियों का चयन निष्पक्ष और उचित तरीके से होता है। सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की तरफ से अपील की गई है कि लोग किसी भी तरह की अफवाह का शिकार न बने और देश की उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने में उनका सहयोग करें। भारतीय विश्वविद्यालयों के आंकड़े हैं गवाह पत्र में लिखा गया है कि दुनिया भर के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की रैंकिंग लगातार बेहतर हो रही है। यह सही कुलपति के चयन और चयनित कुलपतियों की मेहनत का नतीजा है। पत्र के अंत में कहा गया है कि राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए गलत जानकारी फैलाई है और कुलपतियों की छवि धूमिल करने का काम किया है। उनके खिलाफ नियम के अनुसार उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
,रांची,झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने 9 जगह छापा मारा। ED को अब तक 28 करोड़ से ज्यादा कैश मिला है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी (PS) संजीव लाल के नौकर जहांगीर, PS के करीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर विकास कुमार और कुलदीप मिंज के घर रेड डाली गई। इसके अलावा 3 और ठिकानों पर छापा मारा गया। PS संजीव के नौकर जहांगीर के घर 25 करोड़ और करीबी मुन्ना के यहां 3 करोड़ से ज्यादा का कैश मिला है। ED की टीम ने नोट गिनने की मशीनें और कैश वैन बुलाई है। अबतक नोट गिनने की चार मशीनें घर के अंदर गई है। सूत्र बताते हैं कि पैसे इतने है कि गिनते गिनते मशीन गर्म हो रही है। दोपहर बाद एक और गाड़ी मशीन लेकर पहुंची है। पीएम बोले- झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे ओडिशा के नबरंगपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "आज पड़ोसी राज्य झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि चोरी किया माल पकड़ रहा है मोदी वहां। अब आप मुझे बताइए, अगर मैं उनकी चोरी बंद कर दूं, उनकी कमाई बंद कर दूं, उनकी लूट बंद कर दूं, तो क्या वे मोदी को गाली देंगे या नहीं? लेकिन मुझे ये काम करना चाहिए या नहीं? मुझे आपके हक का पैसा बचाना चाहिए कि नहीं?" मंत्री आलमगीर बोले- PS पहले भी 2 मंत्रियों के साथ रह चुका मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संजीव लाल एक सरकारी मुलाजिम है और पहले भी दो मंत्रियों के PS रह चुके हैं। अनुभव के आधार पर ही उन्हें नियुक्त किया गया था। ED अपनी कार्रवाई कर रही है, उसके बाद देखेंगे क्या होता है। भाजपा सांसद ने कहा- कांग्रेस प्रत्याशी की पार्टी की यही कहानी BJP प्रत्याशी निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर ED की कार्रवाई और कैश का वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, "30 करोड़ से ज्यादा कैश, काउंटिंग जारी है। भ्रष्टाचार शिरोमणि हेमंत सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के PS के खिलाफ कार्रवाई। ये है प्रदीप यादव की पार्टी की कहानी।" बता दें कि झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से इंडी गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया है। फरवरी 2023 के छापे से जुड़ी आज की कार्रवाई, 100 करोड़ की संपत्ति मिली थी 22 फरवरी 2023 को ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर ED ने छापा मारा था। वीरेंद्र राम की कंपनियों के अलावा 100 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता चला था। डेढ़ करोड़ रुपए के जेवरात और करीब 30 लाख रुपए कैश मिले थे। ED ने वीरेंद्र राम के खिलाफ दर्ज घूसखोरी के केस में छापा मारा था। ग्रामीण विकास विभाग के इसी केस के सिलसिले में सोमवार को भी ED की टीम ने 9 ठिकानों पर छापा मारा है। वीरेंद्र राम का नाम JE ने लिया था, उसके घर भी 2.67 करोड़ कैश मिले थे 15 नवंबर 2019 में जमशेदपुर में JE सुरेश प्रसाद के घर ED ने रेड की थी, जिसमें 2.67 करोड़ कैश मिले थे। तब JE ने बताया था कि ये पैसा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का है। इसके बाद ED ने जांच शुरू की। 22 फरवरी 2023 को ED ने वीरेंद्र राम व उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में वीरेंद्र राम के ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज के अलावा करीब डेढ़ सौ करोड़ की चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी। वीरेंद्र राम के सहयोगी चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के ठिकाने से नोटबंदी के पूर्व के 9.46 लाख रुपये के पुराने नोट और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इसके बाद 23 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था। झारखंड के राज्यसभा सांसद के ठिकानों से मिले थे 300 करोड़ 6 दिसंबर 2023 को आयकर विभाग ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में की गई छापेमारी में 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश बरामद किया गया। आयकर विभाग के महानिदेशक संजय बहादुर के मुताबिक ये सिंगल ऑपरेशन में बरामद हुई अब तक की सबसे बड़ी रकम है। झारखंड की सीनियर IAS पूजा के CA के घर से मिले थे 19.31 करोड़ कैश अवैध खनन मामले में ED ने 2 साल पहले देशभर में छापेमारी की थी। यह कार्रवाई झारखंड की सीनियर IAS अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े सत्ता के करीबी व्यक्तियों के 25 ठिकानों पर की गई थी। अफसर के करीबी CA के घर से 19.31 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। इस छापेमारी के बाद ED ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। वो अभी जेल में हैं।
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से BJP उम्मीदवार उज्ज्वल निकम ने महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के दावे पर पलटवार करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कोई भी मुद्दा उठा रहे हैं। BJP ने जब से मेरी उम्मीदवारी घोषित की है तब से कांग्रेस ने मुझ पर हमला करना शुरू कर दिया है। बता दें कि, विजय वडेट्टीवार ने आज एक विवादित बयान देते हुए ये कहा था कि आतंकवादी अजमल कसाब ने पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या नहीं की थी बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने उन्हें गोली मारी थी। उज्जवल निकम गद्दार है। जिसने इस तथ्य को छुपाया। मालूम हो कि उज्जवल निकम 26/11 मामले में सरकार के वकील थे और लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। बयान की आलोचना हुई तो गलती सुधारी हालांकि जैसे ही विजय वडेट्टीवार की टिप्पणियों की आलोचना हुई। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हेमंत करकरे की मौत के बारे में उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसएम मुश्रीफ की 'हू किल्ड करकरे' नाम की किताब में लिखा था। गौरतलब है कि, हेमंत करकरे मुंबई एटीएस के प्रमुख थे और 2008 के मुंबई हमलों के दौरान मारे गए थे। 2009 में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र दिया गया था। "कांग्रेस के आरोपों से पाकिस्तान को बल मिलता है" कांग्रेस नेता के इस विवादित बोल को लेकर BJP उम्मीदवार उज्ज्वल निकम ने कहा कि कसाब की ही गोली से मुंबई पुलिस के तीन जांबाज अधिकारी शाहिद हुए थे। जिनमें एक हेमंत करकरे भी शामिल थे। यह बयान खुद कसाब ने कोर्ट में दिया है। क्या कांग्रेस कसाब के बयान को झूठ साबित करना चाहती है? कसाब और अबु इस्माइल ने कई निर्दोष लोगों पर गोलीयां चलाई थी हमारे शहीद हेमन्त करकरे, सालस्कर और कामटे जैसे अधिकारियों को कसाब और अबु इस्माइल ने ही मारा था। ये कसाब ने खुद कोर्ट में कबूल किया है। उसी आधार पर कसाब को सजा हुई थी। अब आप कह रहे हो सब झूठा है? क्या कसाब का बयान झूठा था? अगर आप ऐसा मानते हो तो भगवान आपको क्षमा करे। कांग्रेस 26/11 हमले में तुकाराम ओंबले समेत तमाम जो जवान अधिकारी शाहिद हुए, उनके शहादत का अपमान कर रही है। कसाब का इतना बड़ा ट्रायल चला। कसाब ने बयान दिया, अपना जुर्म कबूला है और आप कह रहे हो कि हेमंत करकरे आतंकियों के गोली से नहीं शाहिद हुए? "पाकिस्तान की मदद करना कांग्रेस का एजेंडा" उज्जवल निकम ने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए आगे कहा कि विपक्ष के तंबू में घबराहट पैदा हो गई है इसलिए मेरे खिलाफ उल्टा-सीधा आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष कांग्रेस के इन आरोपों से पाकिस्तान के दावों को बल मिलता है। पाकिस्तान को मदद करना कांग्रेस का अजेंडा रहा है। पाकिस्तान के कई आर्मी ऑफ़िसर्स और अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। पाकिस्तान के नेता बयान दे रहे कि कांग्रेस चुनकर आनी चाहिए। अब साबित हो गया है कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए पाकिस्तान से उनको नैरेटिव भेजे जाते हैं। कांग्रेस देश के लोगों के दिलों में शंका उपस्थित करवाती है। सुप्रीम कोर्ट तक कसाब का केस चला और साबित हुआ फिर भी कांग्रेस को लगता है कि कसाब निर्दोष था।

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