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लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को पीएम मोदी को चुनौती दी थी कि पीएम मोदी उनके सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को स्वीकार करें। इस पर अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी क्या इंडी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने की राहुल गांधी की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी दशकों तक कांग्रेस पार्टी का गढ़ रहा है, जहां संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और शीर्ष नेता राहुल गांधी जैसे दिग्गज पार्टी के नेताओं ने सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव 2019 तक जबतक इस सीट पर स्मृत ईरानी ने जीत दर्ज नहीं की तब तक इसे गांधी परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता था। 'क्या राहुल गांधी हैं प्रधानमंत्री पद के दावेदार?' आगे स्मृति ईरानी ने कहा कि पहली बात यह है कि जिस व्यक्ति के पास भाजपा के साधारण कार्यकर्ता के खिलाप चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है, उसे किसी तरह के घमंड करने से बचना चाहिए। दूसरी बात ये कि जो पीएम मोदी के बराबर में बैठकर बहस करना चाहता हैं, मैं पूछना चाहती हूं कि क्या वह इंडी गठबंधन के पीएम पद के उम्मीदवार हैं क्या? बता दें कि इससे पहले शनिवार को केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार राहुल गांधी ने पीएम मोदी के साथ सार्वजनिक बहस के निमंत्रण को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया। भाई-बहन एक तरफ और सुधांशु त्रिवेदी एक तरफ स्मृति ईरानी ने आगे प्रियंका गांधी के डिबेट वाले बयान पर चुनौती देते हुए कहा कि मेरी आज इन सबको चुनौती है। आप अपना चैनल पिक करिए, एंकर चुनिए, मुद्दा चुनिए, स्थान चुनिए और तारीख चुनिए, दोनों भाई बहन एक तरफ और भाजपा के एक प्रवक्ता एक तरफ। फिर दूध का दूध और पानी का पानी वहीं हो जाएगा। स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुद्दों से भाग रही है। अगर मुद्दों पर बात करने का दम है तो इनके लिए सुधांशु त्रिवेदी जी ही काफी हैं। एक तरफ दोनों भाई-बहन और एक तरफ त्रिवेदी जी। फिर सब पता चल जाएगा। बता दें कि यूपी की रायबरेली और अमेठी सीट पर प्रियंका गांधी ने जब से चुनाव प्रचार की कमान संभाली है, तब से ही यहां की सियासत गर्माई हुई है।
कौशांबी: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने रविवार को कौशांबी में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्‍मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे। यहां अमित शाह कौशांबी लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार व सांसद विनोद सोनकर के समर्थन में आयोजित एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता मणिशंकर अय्यर और फारूक अब्‍दुल्‍ला जैसे नेता कहते हैं कि पाकिस्तान का सम्मान करो क्योंकि उसके पास परमाणु बम है। राहुल गांधी पर साधा निशाना उन्होंने कहा कि ‘‘आज मैं कौशांबी की जनता को पूछने आया हूं कि ये जो पाकिस्तान अधिकृत कश्‍मीर है, वो भारत का है या नहीं है।'' भीड़ से सकारात्मक जवाब मिलने के साथ ही गृह मंत्री ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि ''राहुल बाबा आपको एटम बम से डरना है तो डरिए, हम नहीं डरते, पाक अधिकृत कश्‍मीर भारत का है और हम वो लेकर रहेंगे।'' अमित शाह ने कहा कि ''कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब का अपमान किया। भारत रत्न नहीं दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया। बाबा साहेब से जुड़े पांच स्थानों को जोड़कर तीर्थ स्थान बनाया।'' रैली में उमड़ी भीड़ उन्होंने पार्टी के उम्मीवार को लेकर कहा कि ‘‘ मुझे लगा कि सोनकर तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए यहां आकर इन्‍हें तीसरी बार जिताने की अपील करनी चाहिए। यहां अपार सैलाब देखकर लग गया कि कौशांबी वालों ने रिजल्‍ट पहले ही तय कर दिया। ’’ भाजपा नेता शाह ने कौशांबी के मतदाताओं से पार्टी को तीसरी बार जिताने का आह्वान करते हुए कहा कि ''पहली हैट्रिक मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है और दूसरी हैट्रिक उप्र में सपा, बसपा और कांग्रेस का सूपड़ा साफ करना है।’’ 20 मई को होगा मतदान बता दें कि भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके विनोद सोनकर 2014 में पहली बार कौशांबी से सांसद निर्वाचित हुए और दूसरी बार भी उन्‍होंने अपनी जीत बरकरार रखी। सोनकर को भाजपा ने यहां से तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है। कौशांबी में पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होगा।
मुंबई: शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय निरूपम ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति में घोटाले के आरोपी हैं। अंतरिम जमानत पर बाहर आए हैं। 2 जून को फिर से वापस जेल जाना होगा। जिसने शराब के नाम पर लोगों का पैसा चुराया, वो विपक्ष के नेताओं को पीएम मोदी द्वारा जेल में डालने का डर दिखा रहा है। उनके बयान को ज़्यादा तवज्जो देने की जरूरत नहीं है। अगर भ्रष्टाचार किया होगा तो जेल जाना होगा: संजय निरूपम संजय ने कहा कि विपक्ष के नेताओं ने अगर भ्रष्टाचार किया होगा तो उन्हें जेल जाना होगा, यह तय है। मैं भी कुछ दिन पहले विपक्ष में था लेकिन मेरे यहां तो ED और CBI की रेड नहीं पड़ी। जब मैंने कोई घोटाला किया नहीं तो रेड क्यों पड़ेगी। ऐसा विपक्ष के नेताओं को सोचना चाहिए। हेमंत सोरेन और केजरीवाल की तरह घोटाला करोगे तो जेल जाना होगा। संजय ने कहा कि केजरीवाल, पीएम मोदी को तानाशाह कह रहे हैं, जबकि खुद अपनी पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं को बड़ी चालाकी से AAP से बाहर निकाल दिया। प्रशांत भूषण, आशुतोष और अपने करीबी दोस्त कुमार विश्वास तक को नहीं छोड़ा और पार्टी से निकाल दिया। जिन्होंने खुद अपनी पार्टी को निजी कंपनी बना दिया, वो पीएम मोदी और बीजेपी नेताओं पर भविष्यवाणी कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं पर मोदी को लेकर दिए बयान पर उनके नेता जवाब देंगे। लेकिन केजरीवाल खुद घोटाले के आरोपी हैं और दूसरों पर भविष्यवाणी कर रहे हैं, यह हास्यास्पद है। केजरीवाल को जमानत नहीं देना चाहिए था: संजय संजय ने कहा कि मेरे हिसाब से तो केजरीवाल को बेल देने की जरूरत ही नहीं थी। कल को जेल में बंद दूसरे सजायाफ्ता आरोपी चुनाव लड़ने और उसके लिए प्रचार करने को अपना फंडामेंटल राइट बताकर जमानत मांगेंगे तो फिर क्या होगा। यह चलन ही गलत है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी है, तो उस पर मैं ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा। संजय ने कहा कि अगर विपक्ष यह सोचता है कि केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने से विपक्ष को ताकत मिलेगी। तो क्या ममता बनर्जी, राहुल गांधी, शरद पवार, यह सब छोटे नेता थे और अब केजरीवाल इनसे भी बड़े नेता बन गए। इससे ही विपक्ष की ताकत और स्थिति समझ लीजिए। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि 10 साल देश का शासन चलाने के बाद भी प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं। लोकप्रियता की कहीं कोई कमी नहीं है। ऐसे में तीसरी बार भी मोदी पीएम बनने जा रहे हैं। विपक्ष सिर्फ झूठ और डर का माहौल बना रहा है। केजरीवाल के पीएम मोदी पर दिए बयान पर आई प्रियंका की प्रतिक्रिया शिवसेना यूबीटी सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि केजरीवाल जो कह रहे हैं, वह बिल्कुल सही है। चुनाव के ठीक पहले राज्य के एक सिटिंग सीएम को जेल में डाल देते हैं। विपक्ष के नेताओं पर ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर जेल में डाला गया। चुनाव के बाद वही होगा। मोदी ने कर दिखाया है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर और दूसरे नेताओं को देखिए, उनके साथ क्या हुआ? प्रियंका ने कहा कि पीएम मोदी सही मायने में वन नेशन, वन लीडर करना चाहते हैं। यह देश को रूस के पुतिन मॉडल पर ले जाना चाहते हैं। जहां विपक्ष नाम की कोई चीज न हो। यही तानाशाही है। विपक्ष को जेल में डालकर, डराकर साइड कर दो और दुनिया को दिखाओ कि कितने ज़्यादा वोट से जीते। लेकिन देश की जनता अब सब कुछ समझ रही है। सीएम योगी को लेकर भी दिया बयान प्रियंका ने कहा कि जहां तक बात योगी आदित्यनाथ की है, तो उत्तर प्रदेश में लोग खुद नारा लगा रहे हैं कि योगी को बचाना है, तो मोदी को हराना है। यह यूपी के बीजेपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी जानते हैं कि मोदी सत्ता में आए तो अगला नंबर योगी का होगा। पीएम मोदी को महाराष्ट्र में अपनी हार नजर आ रही है, इसलिए वो बार-बार राज्य में दौरा कर रहे हैं। मुंबई में सभा और रोडशो करने वाले हैं। हम तो चाहते हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा आएं। एमवीए की जीत मजबूत होगी क्योंकि महाराष्ट्र की जनता यह कभी नहीं भूलेगी कि पीएम मोदी ने राज्य में अपनी सत्ता पाने के लिए राज्य की दो सबसे पुरानी पार्टी तोड़ दीं। प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी शरद पवार पर इस तरह के बयान देकर जनता में भ्रम का माहौल बनाना चाहते हैं, ताकि जनता को लगे कि दोनों नेताओं के बीच सब कुछ ठीक है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं होने वाला। पवार साहब ने पहले ही साफ कर दिया है। राज ठाकरे के फतवे पर भी बोलीं प्रियंका प्रियंका ने कहा कि राज ठाकरे अब क्या हिंदुओं के "मौलाना-मौलवी" बन गए हैं। क्यों हर हिन्दू उनकी बात सुनकर मोदी और महायुति को वोट दे देगा। जनता कोई चीज इतनी जल्दी नहीं भूलती है। देश की जनता ने इन्हीं राज ठाकरे के 2014 और 19 के बयान को याद रखा है, जब उन्होंने खुद पीएम मोदी का विरोध किया था। राज ठाकरे खुद भ्रम में हैं और इसलिए उनके पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी भ्रम में हैं। कभी जिसका विरोध करते हैं तो अगले चुनाव में उसका समर्थन करते हैं। महाराष्ट्र की जनता इतनी जल्दी कोई चीज नहीं भूलती है। राज ठाकरे के ऐसे बयान से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में गुरुद्वारे के अंदर हत्या की सूचना से हड़कंप मच गया। नगर कोतवाली क्षेत्र की रेलवे रोड अतरपुरा चौराहे पर स्थित गुरुद्वारे में निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान हुए विवाद में यह घटना हुई। परिजनों ने हत्या का आरोप एक अधिवक्ता पर लगाया है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी। पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई है। दरअसल, नगर कोतवाली की रेलवे रोड पर स्थित इस गुरुद्वारे में शाम के समय आरोपी पहुंचा था। गुरुद्वारे के अंदर चल रहे निर्माण कार्य को लेकर दखलअंदाजी करते हुए आरोपी वहां मौजूद लोगों से उलझ गया। इस दौरान आरोपी ने गाली-गलौज और मारपीट की। मृतक के बड़े भाई सरदार जसवीर सिंह ने बताया कि घटना अतरपुरा चौराहे के गुरुद्वारे में हुई, जहां रिपेयरिंग का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी रोज गुरुद्वारे में चल रहे कार्य में दखलअंदाजी करते हुए गाली-गलौज करता है। सिर में चोट लगी और मृत्यु हो गई उन्होंने आगे बताया कि 11 मई की शाम जब दिन के निर्माण कार्य का समापन हुआ, तो उस समय आरोपी गुरुद्वारे में पहुंचकर जसपाल सिंह और अन्य लोगों से विवाद करते हुए मारपीट करने लगा। इस दौरान आरोपी ने 66 वर्षीय जसपाल सिंह को इतनी जोर से मारा कि वो जमीन पर गिर गए। उनके सिर में चोट लगी और उनकी मृत्यु हो गई, जिन्हें आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मेडिकल जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों की ओर से हत्या का आरोप सरब पाल सिंह नाम के अधिवक्ता पर लगाया गया है। आरोपी काम में दखल देने लगा घटना के चश्मदीद मृतक के चचेरे भाई कमलजीत सिंह मिंटू ने बताया कि गुरुद्वारे में काम चल रहा था। आरोपी ने चल रहे काम में दखलअंदाजी करते हुए कहा कि यह काम ऐसे नहीं होगा, चाहे झगड़ा हो जाए और यह बोलते हुए आरोपी ने कमलजीत का गिरेबान पकड़ लिया। इतना ही नहीं, गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी। वहां मौजूद उनके भाई जब उन्हें बचाने और बीच-बचाव करने के लिए आए तो आरोपी सरब पाल सिंह एडवोकेट ने उनको मारते हुए धक्का दिया, जिससे वो नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। पुलिस कब्जे में अधिवक्ता की बाइक पुलिस ने मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस ने मौके से गुरुद्वारे के बाहर खड़ी आरोपी अधिवक्ता की बाइक को अपने कब्जे में ले लिया है। क्षेत्राधिकार हापुड़ ने बताया कि नगर कोतवाली क्षेत्र के अतरपुरा गुरुद्वारे से यह सूचना 11 मई शाम करीब 8:00 बजे प्राप्त हुई कि गुरुद्वारे में निर्माण कार्य को लेकर विवाद हुआ है, जिसमें धक्का-मुक्की आदि भी हुई। इसमें एक व्यक्ति जसपाल सिंह का स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मृत्यु के कारणों को स्पष्ट करने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है और आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है
दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत गई है। जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल मोदी सरकार पर हमलावर हैं। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक नया पोस्टर जारी कर निशाना साधा है। बीजेपी के दिल्ली प्रदेश इकाई ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर केजरीवाल को "भ्रष्टाचार का बेताज बादशाह" बताया है। पोस्टर के जरिए केजरीवाल पर हमला बीजेपी के दिल्ली प्रदेश इकाई अरविदं केजरीवाल का पोस्टर जारी कर लिखा है, "भ्रष्टाचारी चाहे जेल के अंदर हो या बेल पर बाहर, भ्रष्टाचारी, भ्रष्टाचारी ही होता है!" दरअसल, बीजेपी यह मान कर चल रही है कि अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल अपने स्टाइल में चुनाव प्रचार अभियान को नई दिशा देने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए पार्टी एक बार फिर से केजरीवाल और 'आप' को भ्रष्टाचार के ही मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही बीजेपी आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी को 'खालिस्तानी फंडिंग' मिलने के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है। बीजेपी, अरविंद केजरीवाल और 'आप' के खिलाफ भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाकर दिल्ली के साथ-साथ पंजाब की जनता को भी एक संदेश देना चाहती है। सरकार नहीं बना पाएगी बीजेपी: केजरीवाल बता दें कि तिहाड़ जेल से 50 दिनों बाद अंतरिम जमानत पर रिहा हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दावा किया कि बीजेपी केंद्र में 4 जून को सरकार नहीं बना पाएगी। उन्होंने कहा कि यदि ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन सत्ता में आता है, तो देश की दिशा और नियति दोनों बदल जाएगी। केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से बाहर आने के एक दिन बाद शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ दक्षिणी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में अपना पहला रोड शो किया। लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए केजरीवाल का यह पहला रोड शो था। रोड शो में आप के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस दौरान खुली छत वाले एक वाहन पर सवार केजरीवाल और मान ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। सीएम ने महिलाओं को भी दिया आश्वासन केजरीवाल ने रोड शो समाप्त होने के बाद कहा, "मैं जेल से रिहा होने के बाद सीधे आपके पास आया हूं। मुझे दिल्ली वालों की बहुत याद आती थी। मैं उन करोड़ों लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने प्रार्थना की और मेरे लिए आशीर्वाद भेजा।" केजरीवाल ने शनिवार देर शाम पूर्वी दिल्ली से 'आप' के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के समर्थन में अपने दूसरे रोड शो में आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान को बदलना और आरक्षण खत्म करना चाहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने महिलाओं को भी आश्वासन दिया कि वह इस साल दिल्ली के बजट में घोषित उनके लिए 1,000 रुपये मासिक मानदेय योजना की शुरुआत करेंगे।
आम आदमी पार्टी के इलेक्शन कैंपेन की अब तक थीम थी- जेल का जवाब वोट से। शुक्रवार दोपहर अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद पार्टी ने अपनी सभी संकल्प रैलियां रद्द कर दीं। नए सिरे से कैंपेन की तैयारी हो रही है। 11 मई की सुबह केजरीवाल हनुमान मंदिर गए। 1 बजे उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और फिर दक्षिणी दिल्ली में रोड शो के लिए निकल गए। अगले 20 दिन वो दिल्ली, गुजरात, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों में ताबड़तोड़ रैलियां करेंगे। जहां आम आदमी पार्टी और INDIA गठबंधन की सीटों पर चुनाव बाकी हैं। केजरीवाल के जेल से बाहर आने को INDIA गठबंधन के लिए मॉरल बूस्टर बताया जा रहा है। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राजनीतिक विश्लेषक और फेलो राहुल वर्मा के मुताबिक 3 राज्यों के जिन 18 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मैदान में हैं, उन पर छठे और सातवें चरण में चुनाव होने हैं। इन राज्यों में अब तक आम आदमी पार्टी केजरीवाल की गिरफ्तारी को एक मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जा रही थी। इससे लोगों में केजरीवाल को लेकर एक तरह की सहानुभूति भी देखी जा रही थी। अब उनकी रिहाई को आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी सत्य की जीत बता रही हैं। ऐसे में बचे 21 दिनों में संभव है कि केजरीवाल इन 18 सीटों पर कैंपेन कर चुनावी रुख को मोड़ सकते हैं। यह देखना बाकी है कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल अपने चुनावी कैंपेन के लिए क्या तरीके अपनाते हैं। वह लोगों को रिझाने के लिए अपने भाषणों में किस तरह के मुहावरे का इस्तेमाल करते हैं। राहुल कहते हैं कि देशभर के तमाम नेताओं में से एग्रेसिव चुनाव प्रचार करने के मामले में केजरीवाल बेस्ट हैं। जेल जाने की वजह से उनके पास लोगों के बीच सहानुभूति पाने का भी खास मौका है। अगर वह इस मौके को भुना लें तो निश्चित रूप से बाकी बची 18 सीटों पर वह बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल बन सकते हैं। उन्होंने अपने पहले ही भाषण में मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ वोट मांगा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी को तबाह करने के लिए एक राजनीतिक साजिश की गई। परसेप्शन की लड़ाई में कौन जीतेगा- केजरीवाल या बीजेपी? इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज ने अपने एक सर्वे में पाया कि 45% दिल्ली के वोटर को ये लगता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम चुनाव पर असर पड़ेगा। जबकि 35% वोटर ने कहा कि इसका कोई असर वोटिंग पर नहीं होगा। हालांकि केजरीवाल के जेल से बाहर आने के बाद कितना असर होगा, इसको लेकर इस तरह किसी सर्वे का डेटा नहीं है। इसी सर्वे में हिस्सा लेने वाले 52% लोगों ने ये भी कहा था कि केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी को सिंपैथी वोट मिल सकता है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमिताभ तिवारी के मुताबिक केजरीवाल के बाहर आने से ज्यादा असर केवल दिल्ली और पंजाब में ही देखने को मिलेगा। इन्हीं दो राज्यों में आम आदमी पार्टी का बेस है। अगर केजरीवाल दिल्ली में सहानुभूति बटोरते हैं तो कुछ सीटों का फायदा जरूर मिल सकता है। अमिताभ तिवारी बताते हैं कि केजरीवाल के लिए खुद बहुत बड़ी विडम्बना की स्थिति बनने वाली है। दिल्ली की 7 सीटों पर AAP और कांग्रेस अलायंस में हैं। यानी केजरीवाल अलायंस के लिए वोट मांगेंगे और बीजेपी को टारगेट करेंगे, लेकिन पंजाब में AAP अलायंस में नहीं है। पंजाब में अकाली दल मुकाबले में ही नहीं है और बीजेपी का हिंदू सीटों से बाहर कोई असर नहीं है। ऐसे में पंजाब में AAP और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है। दिल्ली में तो केजरीवाल कांग्रेस के साथ वोट मांग रहे हैं। वहीं पंजाब में कांग्रेस को ही अटैक करना होगा क्योंकि उनके पास सबसे ज्यादा 8 सीटें हैं। ऐसे में INDIA गठबंधन के बीच का कॉन्ट्राडिक्शन की स्थिति दिखने लग जाएगी। ऐसे में केजरीवाल के लिए यह बड़ी दुविधा है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट अभय कुमार दुबे के मुताबिक, केजरीवाल के बाहर आने से अब बीजेपी की कैंपेन स्ट्रैटजी को भी झटका लग सकता है। ED और CBI की एफआईआर होने के बाद बीजेपी विपक्ष के नेताओं को अपराधी बताती थी। जनता के बीच बीजेपी करीब एक साल से यह नैरेटिव बना रही थी कि विपक्ष के नेता भ्रष्ट हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों और केजरीवाल की अंतरिम जमानत के बाद वो नैरेटिव हल्का पड़ सकता है। क्या केजरीवाल की रिहाई से INDIA गठबंधन को नई संजीवनी मिलेगी? केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर जितनी खुशी आम आदमी पार्टी के नेताओं में थी, उतनी ही खुशी दिल्ली के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी देखी गई है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। खेड़ा के अलावा INDIA गठबंधन के अन्य नेताओं ने भी स्वागत किया। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने 5 प्रदेशों की 46 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। चंडीगढ़ में कांग्रेस उम्मीदवार मनीष तिवारी खुद को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बता रहे हैं। वहीं, दिल्ली की तीन सीटों चांदनी चौक, नॉर्थ ईस्ट दिल्ली और नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता एक साथ मिलकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। अमिताभ तिवारी के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में केजरीवाल के प्रचार-प्रसार का INDIA गठबंधन को फायदा मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी के मुताबिक, 'निश्चित तौर पर अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से INDIA गठबंधन को फायदा होगा। खासकर दिल्ली में INDIA अलायंस को लेकर काफी हाई स्टेक्स हैं। माना जा रहा है कि उनके पास कम से कम 3 सीटें जीतने के मौके भी हैं। हालांकि इसमें एक चीज देखनी होगी कि अभी केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली के लोगों में उनके प्रति जो सहानुभूति पैदा हुई थी, जेल से निकलने के बाद क्या वो सामान्य हो जाएगी।' दिल्ली में स्प्लिट वोटिंग पैटर्न से भी AAP को मिल सकता है फायदा दिल्ली के वोटरों में स्पिल्ट विहेवियर में देखा गया है। मतलब ये कि अगर उन्होंने विधानसभा में केजरीवाल को वोट किया तो संभव है कि लोकसभा में भी वो बीजेपी को वोट कर दें। पिछले 10 साल में होने वाले दो लोकसभा चुनावों में लोगों ने दिल्ली के सभी 7 सीटों पर बीजेपी को जिता दिया। वहीं, 2015 और 2020 में हुए दो विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 60 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली। दिल्ली में केजरीवाल के साथ जा सकते हैं स्विंग वोटर्स पॉलिटिकल एक्सपर्ट अमिताभ तिवारी के मुताबिक, केजरीवाल के बाहर आने से दिल्ली का चुनावी गेम बदल सकता है। दरअसल, दिल्ली में 36% स्विंग वोटर्स हैं, जो विधानसभा में AAP जबकि लोकसभा में बीजेपी या कांग्रेस को वोट देते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में AAP को 18% वोट मिला, यहीं विधानसभा चुनाव में बढ़कर 54% हो जाता है। यानी 36% की बढ़ोतरी हुई। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस और बीजेपी का 18-18% वोट कम हो जाता है। इसका सीधा मतलब है कि दिल्ली में 36% स्विंग (न्यूट्रल) वोटर्स हैं जो किसी भी पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं। इसी 36% स्विंग वोटर पर नजर रहेगी। इसमें भी अलायंस में होने से 18% तो आसानी से AAP की तरफ आ जाएंगे, लेकिन बचे हुए बीजेपी वाले 18% स्विंग वोटर्स अगर इस बार लोकसभा में AAP को वोट देते हैं तो बीजेपी का गेम ओवर हो जाएगा। अमिताभ के मुताबिक देखने वाली बात ये होगी कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल इन स्विंग वोटर को अपनी तरफ झुका सकते हैं या नहींं। अगर ये वोटर इनके साथ आने में कामयाब रहे तो केजरीवाल दिल्ली में बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
दिल्ली में कथित तौर पर हुए शराब घोटाला मामले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के आधार पर चुनाव प्रचार में हिस्सा लेने के लिए 10 मई को अंतरिम जमानत दे दी। जमानत के बाद दो जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल शनिवार को हनुमान मंदिर दर्शन करने पहुंचे और फिर उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस की। अरविंद केजरीवाल ने खुलासा किया कि गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? उन्होंने कहा कि केजरीवाल को कभी किसी पद का लालच नहीं था, ना मैं यहां सीएम बनने आया था और ना ही पीएम। मैं तो इनकम टैक्स में कमिश्नर की नौकरी करता था। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब जनता ने मुझको पहली बार दिल्ली का सीएम बनाया, तो मैंने 49 दिनों के अंदर सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मैं अपने उसूलों पर चलता हूं।.मेरे लिए सीएम पद महत्वपूर्ण नहीं है, मैंने जेल जाने के बाद भी सीएम पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया क्योंकि पिछले 75 साल से भारत में दिल्ली के अंदर सबसे ऐतिहासिक बहुमत आम आदमी पार्टी ने जीता है और इतने भारी बहुमत से किसी भी राज्य की सरकार बनी। इस वजह से नहीं दिया इस्तीफा सीएम ने कहा कि बीजेपी पता है कि वो हमें दिल्ली में हरा नहीं सकते, इसलिए उन्होंने झूठा षडयंत्र रचा कि केजरीवाल को इस्तीफा देना पड़ेगा और सरकार गिर जाएगी, पार्टी टूट जाएगी। उनकी मंशा तो पूरी नहीं हुई। केजरीवाल ने कहा कि “...75 वर्षों में किसी अन्य पार्टी को इस हद तक परेशान नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वह भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं लेकिन सभी चोर उनकी पार्टी में हैं...मैंने सीएम पद नहीं छोड़ा क्योंकि फर्जी मामले के आधार पर मुझे इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने की साजिश रची गई थी...''तुम अगर जनतंत्र को जेल में कैद करोगे, तो सरकार जेल से चलाकर दिखाएंगे, तुम्हारे ट्रैप में फंसने वाले नहीं हैं और मैंने जेल से सरकार चलाई। हेमंत सोरेन को भी इस्तीफा नहीं देना चाहिए था अरविंद केजरीवाल ने जेल में सजा काट रहे झारखंड के पूर्व हेमंत सोरेन के बारे में भी बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि हेमंत को भी सीएम पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था, उन्हें भी जेल से सरकार चलानी चाहिए थी। भाजपा पर करारा प्रहार करते हुए केजरीवाल ने कहा कि ऐसे तो ये जिस राज्य में चुनाव हारेंगे, वहां के सीएम को उठाकर जेल में डाल देंगे और उस राज्य की सरकार गिरा देंगे। आज मैं अगर दिल्ली की जेल से इस्तीफा नहीं दे रहा, तो इस तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं। मुझे किसी पद का लालच नहीं है, ऐसी सीएम की 100 कुर्सी देश के नाम कुर्बान कर सकते हैं। केजरीवाल ने भाजपा पर बोला तीखा हमला करीब 50 दिन तिहाड़ जेल में बिताने के बाद जमानत पर बाहर निकले अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पहली रैली की और भाजपा पर निशाना साधा और चेतावनी दी कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव जीती तो प्रमुख विपक्षी नेता जेल में होंगे। केजरीवाल ने कहा “जेल से रिहाई के बाद पिछले 20 घंटों में, मैंने चुनाव विशेषज्ञों और लोगों से बात की और पता चला कि भाजपा सरकार नहीं बनाने जा रही है। AAP केंद्र में सरकार का हिस्सा होगी। “ये लोग इंडिया ब्लॉक से उनके चेहरे के बारे में पूछते हैं। मैं बीजेपी से पूछता हूं कि उनका पीएम कौन होगा। मोदी जी अगले साल 17 सितंबर को 75 साल के हो रहे हैं. उन्होंने नियम बनाया था कि 75 साल की उम्र वालों को रिटायर कर दिया जाएगा। उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन को रिटायर कर दिया।
नई दिल्लीः बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के आरोपों का जवाब दिया है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली के सीएम अभी तुरंत जेल से बाहर आए हैं। हनुमान मंदिर जाकर भी राम का नाम नहीं निकला। वह अनर्गल बातें कर रहे हैं। यह दारू (शराब) का प्रभाव है। केजरीवाल ने अपना उत्तराधिकारी नहीं बताया जबकि वो जेल में रहे। केजरीवाल से पूछा ये सवाल सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम के लिए अनेकों प्रकार के अपशब्द का प्रयोग किया गया। केजरीवाल से पूछना चाहता हं कि कहां गए उनके साथ जो सारे नेता जुड़े थे। कुमार विश्वास, शाजिया इल्मी, आशुतोष, योगेंद्र यादव और न जाने कौन कौन...। स्टार प्रचारकों की सूची में पहला नाम केजरीवाल की पत्नी का आता है। केजरीवाल पर लगाया ये आरोप बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लाइव लोकेशन दें, केस के मेरिट पर टिप्पणी कर उन्होंने न्यायालय के फैसले को गलत किया। सुप्रीम कोर्ट ने केस पर बोलने से मना किया है। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी इनकी तारीफ कर रहे है, स्वागत दिल्ली से लेकर इस्लामाबाद तक हो रहा है। कांग्रेस पार्टी को सेकेंडरी कर दिया है। बोल रहे हैं पीएम उनकी चर्चा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मखौल उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी 90 वर्ष की उम्र तक सांसद रहे। वो बताए अन्ना हजारे के साथ क्या किया। अन्ना हजारे ने तो चिट्ठी भी लिखी शराब घोटाले के बाद। केजरीवाल को याद दिलाई पुरानी बातें बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि केजरीवाल ने 20 साल आगे की बात की और 10 साल में उनकी स्थिति क्या हो गई। 10 साल पहले अरविंद केजरीवाल कहा था कि मैं राजनीति में नहीं आऊंगा, न कांग्रेस से समर्थन लूंगा। 10 साल में कितना बदल गए आप? 20 साल बाद आपका अस्तित्व भी रहेगा या नहीं? भारत आज जिस मुकाम पर खड़ा है, वह किसी नई राजनीति के प्रयोग का समय नहीं है, बल्कि आजमाए हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मजबूत राष्ट्रवादी सरकार लाने का समय है। तेजस्वी यादव के बयान पर किया पलटवार तेजस्वी यादव के बयान पर सुधाशु त्रिवेदी ने कहा कि पीएम मोदी को हटाने का सपना देखते देखते खुद बिहार की सरकार से हट गए। उनके परिवार से 2 और लोग आ गए हैं। परिवार में देखे कही वहां से न हट जाए। खड़गे के बयान पर कहा कि वो कोई नई बात नही कर रहे हैं। वो हताश हैं और निराश हैं। इस वजह से ऐसे बयान दे रहे है उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूुनावाला ने कहा, ‘अब कांग्रेस भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रही है। कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है और अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया।’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाया है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ा रहा है। पूनावाला ने अय्यर पर किया करारा हमला पूनावाला ने मणिशंकर अय्यर के बयान को लेकर गांधी परिवार और कांग्रेस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस परिवार के करीबी मणिशंकर अय्यर जो कि पीएम मोदी को हटाने के लिए एक बार पाकिस्तान से मदद मांगने भी गए थे, अब वह पाकिस्तान की ताकत और उसके परमाणु बम को दिखा रहे हैं। मणिशंकर अय्यर, भारत में आतंकवादी भेजने वाले पाकिस्तान को इज्जत देने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी कांग्रेस के नेता हमारी सेना के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। मणिशंकर अय्यर हमारी सेना के बंदूक लेकर घूमने, मोदी सरकार द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को सबक सिखाने जैसे कदमों की बजाय यह चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा के लिए कदम न उठाए।’ मनमोहन सरकार के फैसले पर उठाए सवाल बीजेपी प्रवक्ता ने कि कांग्रेस सरकार के समय मुंबई में 26/11 के भयानक आतंकी हमले के बाद भी मनमोहन सिंह की सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के बजाय उसे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे दिया था। उन्होंने कहा, ‘उनकी सरकार के समय लगातार आतंकी घटनाएं होती थीं और भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मदद की गुहार लगाया करता था। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है, उसके बाद अब हालत यह हो गई है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।’ पूनावाला ने कांग्रेस नेताओं के बयान पर उठाए सवाल देश में चल रहे लोकसभा चुनाव की तरफ इशारा करते हुए शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ कांग्रेस के संबंधों की एक लंबी श्रृंखला है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘पुलवामा और पुंछ आतंकी हमले को लेकर अनेकों कांग्रेस नेताओं ने बयान दिया और अब मणिशंकर अय्यर ने आतंकवादियों के साथ खड़े होकर जिस तरह से पाकिस्तान का साथ दिया है, उससे कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों एवं पाकिस्तान के साथ दिख रहा है। अब इसका एक और प्रमाण सामने आ गया है।’
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। कोर्ट ने सीएम केजरीवाल को एक जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा। तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर पाएंगे। सीएम केजरीवाल सिर्फ 21 दिन तक ही चुनाव प्रचार सकते हैं क्योकि दो जून को उन्हें सरेंडर करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। उन्हें मार्च में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। ⁠अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 5 जून तक अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, जिसे अदालत ने इनकार कर दिया। एसजी तुषार मेहता ने अंतरिम जमानत देते समय अदालत से सख्त शर्तें लगाने का आग्रह किया। एसजी ने कहा, कड़ी शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए। उन्हें मामले के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। केजरीवाल ने पत्नी से की मुलाकात आज अरविंद केजरीवाल से उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और केजरीवाल के करीबी बिभव ने मुलाकात की। दोपहर दो बजे मुलाकात का समय पहले से फिक्स था। जिस वक्त केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिली उस वक्त वो पत्नी सुनीता केजरीवाल और बिभव से मुलाकात में व्यस्त थे। 21 मार्च को ईडी ने किया था अरेस्ट बता दें कि केजरीवाल को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। अंतरिम जमानत का ईडी ने हलफनामा दाखिल कर कड़ा विरोध किया था। केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया।
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने आज अंतरिम जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने जमानत देते समय कुछ शर्तें भी लगाई हैं। केजरीवाल को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत लेने होगा। वह मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जाएंगे और न ही वो दिल्ली सचिवालय जा सकेंगे। कोर्ट के आदेश के अनुसार, सीएम केजरीवाल उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति के बगैर किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। वह कथित शराब नीति घोटाले में अपनी भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। साथ ही वह किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल क्या-क्या नहीं कर सकेंगे अरविंद केजरीवाल किसी भी गवाह से बातचीत नहीं करेंगे या मामले से जुड़ी आधिकारिक फाइल नहीं देख सकते हैं। केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए 50 हजार रुपये की जमानत राशि जमा करनी होगी और इतनी ही राशि का मुचलका भरना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह आबकारी नीति घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में टिप्पणी नहीं करेंगे। अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। बिना उपराज्यपाल की अनुमति के किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे किसी गवाह से संपर्क नहीं करेंगे। केजरीवाल को चुनाव रिजल्ट से पहले करना होगा सरेंडर बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा। पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण के तहत मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी। कोर्ट ने की ये टिप्पणी पीठ ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया। पीठ ने ईडी से कहा, ‘‘वह डेढ़ साल तक बाहर रहे। उन्हें पहले या बाद में गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मेहता और राजू ने न्यायालय से जमानत शर्तें लागू करने का अनुरोध किया जिनमें यह भी शामिल हो कि केजरीवाल आबकारी नीति मामले के संबंध में कुछ नहीं कहेंगे। पीठ ने कहा कि जमानत की शर्तें वैसी ही होंगी जैसी ‘आप’ नेता संजय सिंह के मामले में लागू की गई थीं। संजय सिंह को इसी मामले के सिलसिले में पिछले महीने जमानत दी गई थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पोलियो के कारण अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. केएस राजन्ना को गुरुवार को पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया। सम्मान मिलने के बाद राजन्ना ने कहा कि दिव्यांगों को भी मौका दिया जाना चाहिए और उन्हें कमजोर नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा, ''पदमश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नही दिव्यांग कहता है। इससे अब सम्मान महसूस होता है।'' राजन्ना सम्मान लेने के लिए जाते समय पीएम मोदी और शाह का अभिवादन करने भी गए। पीएम मोदी का हाथ थामे राजन्ना कुछ कहते भी दिखे। चंद सेकेंड की यह मुलाकात देखने वाले लोगों को भावुक कर रही है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जब राजन्ना राष्ट्रपति के आसन की तरफ बढ़े तब वहां भी उन्होंने शीश नवाकर मंच को प्रणाम किया। मंच पर राजन्ना ने अपनी ललाट झुकाई और मंच को प्रणाम किया। जब राजन्ना को सम्मानित किया गया तो समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति और अतिथि लगातार तालियां बजाते रहे। 'खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है' केएस राजन्ना का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है। इंडिया टीवी से बातचीत में उन्होंने दिव्यांगों को मौका देने की वकालत की। उन्होंने बताया, ''पद्मश्री अवार्ड के समय प्रधानमंत्री मोदी रजन्ना जी कह कर बुलाए। बहुत खुशी होती है कि अब कोई विकलांग नहीं, दिव्यांग कहता है जिससे सम्मान महसूस होता है।'' राजन्ना ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से भी दिव्यांग को अवसर देने की बात कही है। कौन हैं पद्मश्री पाने वाले राजन्ना? बता दें कि राजन्ना ने अपनी पूरी जिंदगी दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए समर्पित कर दी और उनके इसी सेवाभाव के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया है। उनके सेवाभाव को देखते हुए ही 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त नियुक्त किया था। बचपन में ही अपने दोनों हाथ और पैर खो चुके कर्नाटक के दिव्यांग व्यक्ति के एस राजन्ना को जब पद्मश्री से सम्मानित किया गया तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। केएस राजन्ना ने बचपन में पोलियो के कारण अपने हाथ और पैर खो दिए। उन्होंने घुटनों के बल चलना सीख लिया। उन्होंने अपनी शारीरिक सीमाओं को प्रेरणा बनाया और खुद को किसी से कम नहीं मानते हुए दिव्यांगजनों के लिए काम करने का फैसला किया। समाज सेवा से जुड़ने के बाद उन्होंने लगातार काम किया और 2013 में कर्नाटक सरकार ने उन्हें दिव्यांगों के लिए राज्य आयुक्त बना दिया। कर्नाटक के बेंगलुरु के रहने वाले राजन्ना को तीन साल के लिए यह पद दिया गया था, लेकिन कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्हें हटा दिया गया। कुछ समय बाद उन्हें फिर से पद दे दिया गया।
लोकसभा चुनाव 2024 में चौथे चरण के मतदान से पहले चुनाव आयोग ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर जवाब दिया। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए मतदान के आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर सवाल खड़ा किया था। इसके जवाब में चुनाव आयोग ने कहा कि खरगे के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। निर्वाचन आयोग ने कुप्रबंधन, मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जारी करने में देरी संबंधी खरगे के आरोपों को खारिज किया और आरोपों को निराधार और बिना तथ्य वाला बताया। मतदान प्रतिशत आंकड़े को लेकर अपने सहयोगी दलों को लिखे गये खरगे के पत्र पर निर्वाचन आयोग ने कहा कि कांग्रेस के अतीत, वर्तमान के गैर-जिम्मेदाराना बयान परेशान करने वाले हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का मतदान प्रतिशत आंकड़े पर विपक्षी नेताओं को लिखा गया पत्र पूर्वाग्रहपूर्ण विमर्श को आगे बढ़ाने का प्रयास है। खरगे ने क्या लिखा था? मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल सभी नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि मतदान खत्म होने के बाद आंकड़े जारी करने में चुनाव आयोग इतना ज्यादा समय क्यों लगाता है। उन्होंने सभी नेताओं से कहा कि ऐसी विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने लिखा कि विपक्षी नेताओं का एकमात्र लक्ष्य जीवंत लोकतंत्र की संस्कृति और संविधान की रक्षा करना है। उन्होंने लिखा कि हमें भारत के निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए और जवाबदेह बनाना चाहिए। खरगे ने लिखा था कि लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए निर्वाचन आयोग की स्वतंत्र कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने यह सवाल पूछा था कि क्या नतीजों में देरी मतदान के अंतिम नतीजों को प्रभावित करने का प्रयास तो नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पहले दो चरणों के मतदान के बाद रुझान सामने आने के बाद बीजेपी नेता और पीएम मोदी घबराए हुए हैं और सत्ता हासिल करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं।
रायगिरि,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार 9 मई को तेलंगाना के रायगिरि में चुनावी सभा की। इस दौरान उन्होंने कहा, "2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी का चुनाव है। यह चुनाव वोट फॉर जिहाद और वोट फॉर विकास के बीच है। यह चुनाव राहुल गांधी की चाइनीज गारंटी के खिलाफ मोदी जी की भारतीय गारंटी का है।" शाह ने कहा, "कांग्रेस अपने वादे पूरे नहीं करती, लेकिन PM मोदी अपने शब्दों पर कायम हैं। कांग्रेस ने 70 साल तक राम मंदिर का निर्माण रोक के रखा। PM मोदी ने सिर्फ 5 साल में केस जीत लिया। उन्होंने भूमि पूजन और प्राण प्रतिष्ठा समारोह किया। प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 370 को हटा दिया ताकि कश्मीर में अनंत काल तक तिरंगा लहराता रहे।'' गृह मंत्री ने आगे कहा, "BRS तेलंगाना में विकास करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन उसने केवल भ्रष्टाचार किया। यहां के लोगों ने रेवंत रेड्डी को 5 साल दिए। हालांकि, उन्होंने तेलंगाना को कांग्रेस के लिए ATM में बदलने के अलावा कुछ नहीं किया। आप हमें तेलंगाना में 10 से ज्यादा सीटों का आशीर्वाद दें। हम इसे भारत का नंबर बन राज्य बना देंगे।"
नई दिल्ली,प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत का विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने अदालत में एफिडेविट फाइल किया। एजेंसी ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और इससे पहले किसी नेता को प्रचार के लिए न्यायिक हिरासत से जमानत नहीं मिली है। प्रचार करना मौलिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट ED के डिप्टी डायरेक्टर भानु प्रिया ने दाखिल किया। कल यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुनाएगा। दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल अभी ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। जमानत के लिए केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट गए हैं। पिछली सुनवाई यानी 2 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ED से कहा था कि चुनाव 5 साल में आते हैं, ये असाधारण परिस्थिति है। कोर्ट ने कहा था कि अगर हम केजरीवाल को जमानत देते हैं तो हमारी शर्त रहेगी कि वे सरकार के काम में दखलंदाजी नहीं करेंगे। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 20 मई तक बढ़ाई केजरीवाल की न्यायिक हिरासत दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 7 मई को केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी। इससे पहले कोर्ट ने 23 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई थी। 21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई, जहां से उन्हें 28 मार्च तक ED की रिमांड पर भेजा गया। 1 अप्रैल से वे तिहाड़ जेल में हैं। 7 मई को जमानत पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के 4 कमेंट 1. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा- केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। 2. यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति है। लोकसभा चुनाव जारी हैं। वो दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं। 3. अगर चुनाव नहीं चल रहे होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। 4. चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार होते हैं। जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शर्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अगर जमानत दी जाती है तो केजरीवाल सरकारी काम में दखल नहीं देंगे। वो अपने आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। ऐसा हुआ तो हितों का टकराव पैदा होगा और हम यह नहीं चाहते।
पटना/बेगूसराय: केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे गिरिराज सिंह ने नया पासा फेंका है। वैसे, उनका ये फेवरेट टॉपिक भी रहा है। गिरिराज सिंह ने भारत में घटती हिंदुओं की आबादी को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस की तुष्टिकरण का नतीजा है। गिरिराज सिंह ने कहा, '1947 में हिंदुओं की आबादी 88 फीसदी और मुस्लिमों की 8 फीसदी थी। आज हिंदुओं की आबादी जहां 70 फीसदी के आसपास पहुंच चुकी है। वहीं, मुस्लिमों की आबादी 7 फीसदी से बढ़कर 12 फीसद के आसपास पहुंच चुकी है, लेकिन मैं कहता हूं कि ये 12 नहीं, बल्कि 20 प्रतिशत के आसपास पहुंच चुकी है। ये हम सभी के लिए चिंता का विषय है। अगर समय रहते इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया, तो आगामी दिनों में हम सभी को इसके दुष्परिणाम से गुजरना होगा।' हिंदुओं की घटती आबादी पर बरसे गिरिराज गिरिराज सिंह यहीं नहीं रूके, बीजेपी नेता ने कहा, 'इन कांग्रेसियों ने देश को 'धर्मशाला' बनाकर रख दिया है, जहां कोई भी आकर रह रहा है। इस प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए। 1971 में बांग्लादेशी घुसपैठ आए, उस समय एक तरह से चारागाह बना लिया। कांग्रेसियों ने बिहार को रोहिंग्या मुस्लिमों का सबसे सुरक्षित ठिकाना बनाकर रख दिया। कांग्रेस ने इन सभी लोगों को अपने वोट बैंक के लिए पनाह दिया।'
दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दिल्ली पुलिस ने गोल्डी बरार व लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर एक्शन लेते हुए उनके कई शूटरों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की स्पेशल सेल ने गैंगस्टर्स के खिलाफ एक विशेष ऑपरेशन के तहत इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने बताया कि उन्होंने गोल्डी बरार और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के 9 शार्प शूटर्स को गिरफ्तार किया है। शूटर्स के पास मिले कई हथियार आगे की जानकारी देते हुए स्पेशल सेल ने कहा कि इस ऑपरेशन को दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार में अंजाम दिया गया है। शूटरों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने शूटर के पास से 7 पिस्टल, 31 जिंदा कारतूस और 11 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। कहां से कौन गिरफ्तार किया गया? दिल्ली- पुलिस की स्पेशल टीम ने 27 अप्रैल को यूपी के कानपुर देहात के ग्राम पतरा का रहने वाले आरोपी धर्मेंद्र उर्फ कार्तिक को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार हुआ। इसके पास से .32 बोर की एक सिंगल शॉट पिस्तौल और 3 जिंदा कारतूस मिले। वहीं, अमृतसर के वीपीओ रसूलपुर कलां के निवासी आरोपी जसप्रीत सिंह उर्फ राहुल को 27 अप्रैल 2024 को ही दिल्ली के पास शास्त्री पार्क से गिरफ्तार किया। इसके पास से .32 बोर की 1 पिस्तौल व 4 जिंदा कारतूस बरामद हुए। पंजाब- पंजाब के रहने वाले आरोपी गुरपाल सिंह को 30 अप्रैल को डेरा बस्सी, मोहाली से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .32 बोर की पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस बरामद हुए। वहीं, 30 अप्रैल को भी पंजाब निवासी मंजीत सिंह गुरी को डेरा बस्सी से गिरफ्तार किया गया। हरियाणा- सोनीपत के गांव खीरी दहिया से अलीगढ़ (यूपी) के गांव शिवाला खुर्द निवासी आरोपी मंजीत को 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। राजस्थान- राजस्थान के रहने वाले आरोपी अभय सोनी उर्फ कार्तिक उर्फ कबीर को दिनांक 27 अप्रैल 2024 को जयपुर के अक्षरधाम सर्कल से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किया गया। यूपी के रहने वाले सचिन कुमार उर्फ राहुल को लखनऊ के शक्ति पुरम से 27 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल और 6 जिंदा कारतूस मिले थे। यहीं से एक नाबालिग अपराधी को भी पकड़ा पकड़ा गया और उसके पास से .32 बोर की एक पिस्तौल और 5 जिंदा कारतूस मिले थे। मध्य प्रदेश- बड़वानी जिले के ग्राम खुर्रमपुरा निवासी संतोष उर्फ सुल्तान बाबा को 27 अप्रैल को रतलाम रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। इसके पास से तलाशी के दौरान .32 बोर की एक पिस्तौल और 4 जिंदा कारतूस मिले। बिहार- वैशाली जिले के ग्राम मुसापुर निवासी संतोष कुमार को 2 मई 2024 को उसके गांव से गिरफ्तार किया गया। शातिराना तरीके से एक-दूसरे के संपर्क में थे शूटर्स पुलिस के मुताबिक, सभी शूटर फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए एक-दूसरे के साथ संपर्क में थे। पुलिस ने दावा किया कि इन शूटरों की गिरफ्तारी से दिल्ली और कुछ दूसरे राज्यों में होने वाली कॉन्ट्रैक्ट किलिंग को पुलिस ने समय रहते रोक दिया है।
सेंट्रल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (CBI) ने करप्शन मामले में देश के नामी-गिरामी आरएमएल हॉस्पिटल के दो डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया है। इन डाक्टर्स में से एक प्रोफेसर और एक असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। जानकारी के मुताबिक, इन पर गरीब मरीजों से इलाज के नाम पर पैसे लेने और मेडिकल इक्यूपमेंट्स सप्लाई करवाने के नाम पर डीलर्स से मोटा पैसा लेने के आरोप हैं। मामले में सीबीआई ने डॉक्टर्स, मेडिकल इक्यूपमेंट्स से जुड़े डीलर्स के यहां 15 ठिकानों पर रेड्स की है। 2.5 लाख की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार सीबीआई की टीम ने RML हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. पर्वतगौड़ा को 2.5 लाख रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, जिसने यूपीआई से पेमेंट रिसीव की थी। इनके अलावा, रजनीश कुमार जो कि अस्पताल की कैथ लैब में सीनियर टेक्निकल इंचार्ज हैं, इसे गिरफ्तार किया है। कई लोगों को किया गिरफ्तार इनके अलावा, एफआईआर में डॉ. अजय राज कार्डियोलॉजी विभाग में प्रोफेसर है, साथ ही नर्स शालू शर्मा, भुवल जैसवाल और संजय कुमार गुप्ता, जो अस्पताल में क्लर्क है और 5 प्राइवेट लोग जो चार अलग-अलग इक्यूप्मेंट सप्लाई करने वाली कंपनी में काम करते है। इन सभी को सीबीआई ने करप्शन के मामले में गिरफ्तार किया है। इन सभी को प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी 120बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। अलग-अलग तरीके से करते थे करप्शन बता दें कि सीबीआई को जानकारी मिली थी कि राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल के कई डॉक्टर्स और कर्मचारी करप्शन में शामिल है, ये अलग-अलग मॉड्यूल के जरिए करप्शन करते है। जैसे- मेडिकल इक्यूप्मेंट्स की सप्लाई या डॉक्टर्स से उन्हें प्रमोट कराना और इसकी एवज में प्राइवेट कंपनियों से मोटी रकम लेना। और गरीब मरीजों से इलाज कराने के नाम पर क्लर्क के जरिए पैसे वसूलना शामिल है। कुल 16 लोगों के खिलाफ एफआईआर सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, डॉ. पर्वतगौड़ा और डॉ. अजय राज, मेडिकल कपनियों के प्रतिनिधि नरेश नागपाल, अबरार अहमद, आकर्षण गुलाटी, मोनिका सिन्हा, भरत सिंह दलाल से उनके इक्यूप्मेंट्स प्रमोट और सप्लाई करने के नाम पर रिश्वत लेते थे। साथ ही आरएमएल के क्लर्क भुवल जैसवाल और नर्स शालू शर्मा मरीजों के तीमारदारों से इलाज के नाम पर पैसा ऐंठते थे। 9 गिरफ्तारी के अलावा कुल 16 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की है। गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करके इनकी कस्टडी ली जाएगी।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को फैसला सुना सकता है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जोरदार बहस हुई जिसमें कोर्ट ने ईडी से कई सवाल पूछे और सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अरविंद केजरीवाल की अंतरिम ज़मानत मामले में आज हुई सुनवाई के बाद बेंच से उठते समय जस्टिस संजीव खन्ना ने ED के वकील से कहा कि वह शुक्रवार को मामले पर आदेश दे सकते हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने कही थी कल ये बात केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केजरीवाल इस दौरान किसी फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे। इसके लिए शर्त रखते हुए सिंघवी ने कहा कि इस दौरान सीएम के हस्ताक्षर न होने पर दिल्ली के उपराज्यपाल फाइलों को वापस न भेजें। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अगर वो जमानत के दौरान अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं तो इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं और हितों के टकराव वाली स्थिति पैदा हो सकती है। ED के वकील ने किया जमानत का विरोध मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल पर किसी भी तरह की नर्मी बरतने का विरोध किया और कहा कि अगर ऐसा होता है तो ये राजनेताओं के लिए एक अलग कानून का पालन किए जाने जैसा हो जाएगा। तुषार मेहता ने किसान और दुकान मालिक का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई किसान फसल के समय जमानत मांगेगा तो क्या उसे भी जमानत दी जाएगी?
लोकसभा चुनाव को लेकर ताबड़तोड़ प्रचार का दौर जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तेलंगाना राज्य में रैली कर रहे हैं। करीमनगर के बाद वारंगल में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सैम पित्रोदा के नस्लीय बयान को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी जमकर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि शहजादे के एक अंकल अमेरिका में रहते हैं। उन्होंने कहा कि काली चमड़ी वाले अफ्रीकी हैं, तो क्या कांग्रेस चमड़ी का रंग देखकर बात करती है? उन्होंने कहा कि चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम कृष्ण के पुजारी हैं। पीएम ने कहा कि मुझे गाली दें सहन कर लूंगा, लेकिन देश के लोगों का अपमान सहन नहीं कर सकता। पीएम ने कहा कि क्या चमड़ी के रंग के आधार पर योग्यता तय होती है। क्या हमारी राष्ट्रपति अफ्रीकी हैं। शहजादे को इसका जवाब देना होगा। 'शहजादा' के दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी... वारंगल में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''मैं आज एक गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं...मुझे आज बहुत गुस्सा आ रहा है, अगर कोई मुझे गाली देता है, तो मैं सह सकता हूं, लेकिन 'शहजादा' के इस दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी, जिसने मुझे गुस्से से भर दिया है। क्या देश के लोगों की योग्यता स्कीन के रंग से तय होगी? 'शहजादा' को यह अधिकार किसने दिया? संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग त्वचा के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।'' "द्रौपदी मुर्मू को हराने की कोशिश, आज पता चला कारण" उन्होंने कहा, ''मैं बहुत सोच रहा था कि द्रौपदी मुर्मू जिनका बहुत सम्मान है और वह आदिवासी परिवार की बेटी हैं, तो फिर कांग्रेस उन्हें हराने के लिए इतनी कोशिश क्यों कर रही है, लेकिन आज मुझे कारण पता चल गया। मुझे पता चला कि अमेरिका में एक अंकल हैं जो 'शहजादा' के दार्शनिक मार्गदर्शक हैं और क्रिकेट में तीसरे अंपायर की तरह, जिससे 'शहजादा' सलाह लेते हैं। इस दार्शनिक अंकल ने कहा कि जिनकी चमड़ी काली होती है वो अफ्रीका के होते हैं। इसका मतलब है कि आप देश के कई लोगों को उनकी चमड़ी के रंग के आधार पर गाली दे रहे हैं।" सैम पित्रोदा का विवादित बयान बता दें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले लोगों की विवादित रूप से तुलना की है। सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक और विवादित बयान जारी किया है जिससे कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। भारत की विविधता पर चर्चा करते हुए उन्होंने दक्षिण भारतीय लोगों की तुलना अफ्रीकी और पूर्वोत्तर भारतीय लोगों की तुलना चीनी लोगों से कर दी है। पित्रोदा ने ये भी कहा है कि पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। पित्रोदा के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से कांग्रेस पर हमलावर हो गई है। सैम पित्रोदा ने कहा है कि भारत एक विविधता वाला देश है। भारत में दक्षिण के लोग अफ्रिकियों जैसे दिखाई पड़ते हैं। पश्चिमी भारत के लोग अरब जैसे दिखाई देते हैं। उत्तर में लोग गोरे जैसे दिखते हैं और पूर्व में लोग चीनी जैसे दिखते हैं। पित्रोदा ने आगे कहा कि हम भारत जैसे विविधातापूर्ण देश में 70-75 साल से मिलकर एक साथ रहते हैं। हिमंता-कंगना भड़के सैम पित्रोदा के इस बयान के बाद भाजपा ने उनपर जोरदार हमला किया है। असम के सीएम हिमंता विश्व शर्मा ने सैम पित्रोदा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि मैं नॉर्थ-ईस्ट से हूं और मैं भारतीय लगता हूं। हम भारतीय अलग-अलग दिखते हैं लेकिन एक हैं। हिमंता ने सैम को सलाह देते हुए कहा कि देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो। वहीं, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी पित्रोदा के बयान को नस्लभेदी करार दिया है। इसके अलावा कंगना रनौत ने भी भड़कते हुए कहा कि पित्रोदा का बयान नस्लवादी और विभाजनकारी है। ये भारत के लोगों को चीनी और अफ्रीकी कह रहे हैं। पित्रोदा के बयान पर कांग्रेस को शर्म करनी चाहिए। कांग्रेस ने पल्ला झाड़ा सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए विवादित बयान से कांग्रेस ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि सैम पित्रोदा द्वारा भारत की अनेकता को जो उपमाएं दी गई हैं वो बिल्कुल गलत, दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा की कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूर्ण रूप से अलग करती है और इसका खंडन करती है। रामनवमी पर भी विवादित बयान सैम पित्रोदा यहीं पर नहीं रुके और उन्होंने राम मंदिर और रामनवमी को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने ये कहा है कि राम मंदिर और रामनवमी से भारत की मूल भावना को खतरा है। पित्रोदा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर जाने से भारत के सेक्युलरिज्म को खतरा है।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा की ओर से भारत में विरासत कर (Inheritance Tax) लगाने की दी गई राय पर पर अर्थशास्त्री गौतम सेन भड़क गए हैं। उन्होंने सैम पित्रौदा के इस बयान को अव्यवहारिक करार दिया है। गौतम सेन ने बताया है कि सबसे पहली बात तो यह है कि अमेरिका में कोई विरासत कर नहीं है। उनके पास विरासत कर नहीं है, इसे एस्टेट ड्यूटी और गिफ्ट टैक्स कहा जाता है। सेन ने इस बात का भी खुलासा किया है कि अमेरिका में 2022 तक 0.14% मृतकों को इसका भुगतान करना पड़ता है। 2.5 मिलियन मृतकों में से केवल 0.14% यानी पूरे अमेरिका में 4000 लोग एस्टेट ड्यूटी के अधीन हैं। अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए अव्यावहारिक अर्थशास्त्री गौतम सेन ने कहा कि अमेरिका में अधिकांश संपत्तियों को छूट दी गई है क्योंकि छूट की सीमा बहुत अधिक (13.6 मिलियन डॉलर) है। वास्तव में अमीरों का पैसा ट्रस्टों में है। इसलिए अमेरिका का उदाहरण भारत के लिए बिल्कुल भी अच्छा सादृश्य नहीं है। सभी घरों और व्यवसायों का सर्वेक्षण करने का प्रस्ताव कई कारणों से अव्यावहारिक है। भारत में 2.4 फीसदी या उससे भी कम लोग इनकम टैक्स भरते हैं। उस समूह में लगता है कि 1.2 मिलियन से अधिक लोगों के पास व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है जो मुख्य रूप से उनके अपने निवास में हैं। उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए, आपको उनके व्यवसाय बंद करने होंगे। चीन-पाकिस्तानी आक्रमण का खतरा गौतम सेन ने कहा है कि अगर ऊपर बताए गए कदमों को उठाया जाता है तो आर्थिक अराजकता होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो है वह पहले की तुलना में बहुत बड़ा सुधार है। हमारे पास यह अविश्वसनीय संयोजन है जो लगभग कभी भी हासिल नहीं किया गया है, निवेश के माध्यम से धन सृजन, पुनर्वितरण के साथ बुनियादी ढांचे का संयोजन। भले ही आपको इस गैर-समझदारीपूर्ण विचार से कुछ हासिल करना हो, लेकिन आप अपने बच्चों और पोते-पोतियों से इसे छीन लेंगे। ऐसा करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत का मित्र नहीं है। गौतम सेन ने कहा कि भारत की राजनीतिक और आर्थिक अराजकता तुरंत चीन-पाकिस्तानी आक्रमण को आमंत्रित करेगी क्योंकि वे भारत के साथ हिसाब बराबर करने और भारतीय क्षेत्र को जब्त करने के अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसलिए, जो भी ऐसा करना चाहता है वह भारत का मित्र नहीं है। क्या कहा था सैम पित्रौदा ने? कांग्रेस के थिंक टैंक और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रौदा ने विरासत की संपत्ति में टैक्स लगाने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका में इस तरह का कानून है। सैम ने कहा था कि अमेरिका में कोई भी शख्स 45 प्रतिशत संपत्ति अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है। 55 प्रतिशत हिस्सा सरकार ले लेती है। पित्रौदा ने कहा कि आपने अपनी पीढ़ी के लिए संपत्ति बनाई है। आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है। उन्होंने कहा कि भारत में इस तरह का कानून नहीं है लेकिन ऐसा नियम यहां भी बनना चाहिए।
रायबरेली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने रायबरेली में अपने भाई राहुल गांधी के लिए वोट मांगे हैं। उन्होंने कहा, 'सेवा की राजनीति आप समझते हैं। हमेशा देश के प्रति निष्ठा और जागरुकता दिखाई है। यहां राहुल गांधी को जिताएंगे तो आपको ऐसे ही सांसद मिलेंगे। आपको 2-2 लोग मिल जाएंगे। आम तौर पर एक सांसद होता है लेकिन आपको 2-2 सांसद मिलेंगे।' प्रियंका ने कहा, 'मैं भी यहां होऊंगी और वो (राहुल) भी होंगे। वो सांसद होंगे आपके और मैं उनके साथ-साथ काम करुंगी। पूरे दिल से सारी समस्याओं को हल करेंगे, जैसे हमारे पूर्वजों ने किया।' सियासी गलियारों में प्रियंका के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है क्योंकि वह जनता के सामने खुद को भी सांसद की तरह की रिप्रिजेंट कर रही हैं, जबकि रायबरेली से चुनाव उनके भाई राहुल गांधी लड़ रहे हैं। राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी बीजेपी की पूरी मशीनरी: प्रियंका कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि बीजेपी की पूरी मशीनरी ही राहुल गांधी के खिलाफ झूठ फैलाने में लगी हुई है। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी धर्म, जाति और मंदिर-मस्जिद के बारे में बात करती है लेकिन लोगों से जुड़े वास्तविक मुद्दों के बारे में बात नहीं करती। गांधी परिवार का गढ़ समझी जाने वाली रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अपने भाई राहुल गांधी के लिए प्रचार कर रहीं प्रियंका ने कहा कि रायबरेली के लोग नेताओं को अच्छी तरह समझते हैं। रायबरेली के थुलवासा में एक नुक्कड़ सभा में उन्होंने कहा, 'जब उन्हें इंदिराजी (इंदिरा गांधी) की कोई नीति पसंद नहीं आई तो उन्होंने उन्हें भी हरा दिया। इंदिरा गुस्सा नहीं हुईं बल्कि आत्ममंथन किया। आपने उन्हें दोबारा चुना। यह रायबरेली के लोगों की खासियत है कि वे नेताओं को समझते हैं।' प्रियंका ने कहा, 'आपको मालूम होगा कि राहुल गांधी ने कितना संघर्ष किया है। वह हमारे देश में एक ऐसे इंसान हैं जिनके बारे में बीजेपी की पूरी मशीनरी ने हर तरीके से गलत बातें और झूठ फैलाया। कैसे-कैसे आक्रमण किये। उनको संसद से निकाल दिया गया, उनको घर से निकाल दिया गया लेकिन राहुल पीछे नहीं हटे। यह उनका चरित्र है कि जब वह अन्याय होते हुए देखते हैं तो वह न्याय की लड़ाई लड़ते हैं और उससे कदम पीछे नहीं खींचते।' उन्होंने कहा, 'इसीलिए राहुल कन्याकुमारी से कश्मीर तक चार हजार किलोमीटर पैदल चले और फिर उसके बाद मणिपुर से लेकर मुंबई तक उन्होंने यात्रा की। यह आपकी समस्याओं को समझने वाली यात्राएं थीं। यह देश को बताने वाली यात्राएं थीं कि देश में राजनीति की जो दिशा है वह गलत हो रही है तथा हमें उसे ठीक करना है।'
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान हो रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर वोटिंग हो रही है। वोटिंग सुबह 7:00 बजे से जारी है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राम जी के दर्शन वो रोज करते हैं। उन्होंने अयोध्या में दर्शन के लिए जाने के बारे कहा कि राम मंदिर का नक्शा और वास्तु ठीक नहीं है। मंदिर ऐसे नहीं बनता। वो मंदिर बेकार है। बयान पर सीएम योगी का पलटवार उन्होंने कहा कि पुराने मंदिर देख लीजिए, कैसे बने हैं, दक्षिण से लेकर उत्तर तक। नक्शा ठीक से नहीं बना है। मंदिर को वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया। वहीं, रामगोपाल यादव के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलटवार किया है। सीएम ने कहा, "समाजवादी पार्टी आस्था का सम्मान नहीं करती। ये राम के अस्तित्व को नकारने वाले लोग हैं।" "सपा की सोच बहुत घटिया है" बीजेपी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि राम मंदिर को लेकर सपा की सोच बहुत घटिया है। इन लोगों ने पहले रामभक्तों पर गोलियां चलाई थीं। इन लोगों ने हर प्रयास किया कि मंदिर न बन सके। आज जब मंदिर बन गया है, हर दिन लाखों भक्त दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो सपा नेता ऐसे बयान देकर अपनी विकृत मानसिकता को दर्शा रहे हैं। वास्तु मंदिर का नहीं, सपा के नेताओं का खराब हो चुका है। "रामगोपाल यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण" हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उनके बयान की निंदा करते हैं। सपा शुरू से राम द्रोही रही है। पहले रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं। इनके लिए हर सनातन संस्कृति बेकार है, जहां से हिंदू जुड़ा है। वो एक मजहब की बात करते हैं, तो सनातन का विरोध करेंगे। (IANS)
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान मंगलवार, सात मई को संपन्न हो गया। मतदान के दौरान छिटपुट घटनाओं के साथ ही महाराष्ट्र के सोलापूर के सांगोला तालुका में एक बड़ी घटना सामने आई है। एक मतदाता ने मतदान के दौरान ईवीएम मशीन को जलाने की कोशिश की। उसने पेट्रोल डालकर ईवीएम को जलाने की कोशिश की जिससे ईवीएम थोड़ी सी काली पड़ गयी है। हालांकि कहा जा रहा है कि ईवीएम और बाकी की मशीन ठीक ठाक हैं। मतदान पर इसका कोई असर नहीं हुआ है। ना तो ईवीएम को रिप्लेस किया गया और ना ही मशीन पर मतदान की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई। इस दौरान मतदान की प्रक्रिया भी जारी रही और जो मशीन में मतदान दर्ज हुआ है उस पर भी कोई असर नहीं हुआ है। सोलापुर के जिला अधिकारी आशीर्वाद कुमार के मुताबिक मशीन सही सलामत है और उस मशीन से जो भी मतदान किया गया है वह रिकॉर्ड हो गया है और इसे लेकर किसी प्रकार की कोई समस्या नही हुई है। उस युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और आगे की कारवाई की जा रही है। शख्स ने एक नहीं तीन ईवीएम को लगाई आग घटना मंगलवार के दोपहर की है, जब महाराष्ट्र के माधा लोकसभा क्षेत्र के बगलवाड़ी गांव में एक मतदान केंद्र पर एक ही व्यक्ति ने पेट्रोल छिड़ककर कम से कम तीन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को आग लगा दी। अधिकारियों के अनुसार, दोपहर करीब 1 बजे, वह व्यक्ति पेट्रोल की एक बोतल लेकर मतदान केंद्र में घुस गया, उसे वहां कम से कम तीन ईवीएम पर डाला और आग लगा दी, जिससे अन्य मतदाता और वहां ड्यूटी पर मौजूद चुनाव अधिकारी हैरान रह गए। बाहर निकलने से पहले वह कथित तौर पर 'जय मराठा', 'एक मराठा, लाख मराठा' आदि नारे लगा रहे थे, लेकिन मतदान केंद्र के बाहर तैनात पुलिस सुरक्षा ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को फिर से जमकर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी का मामला है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की वजह से नियुक्ति को लेकर लोगों का भरोसा उठ जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें 24,000 शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने भर्ती प्रक्रिया को सुनियोजित धोखाधड़ी करार दिया है और कहा है कि 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखना अधिकारियों का कर्तव्य है। कोर्ट ने आगे कहा कि सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं। अगर लोगों का विश्वास खत्म हो गया तो कुछ नहीं बचेगा। यह सुनियोजित धोखाधड़ी है। सीजेआई ने कहा-लोगों का भरोसा उठ जाएगा सीजेआई ने राज्य सरकार के वकीलों से पूछा, आज सार्वजनिक नौकरियां बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक गतिशीलता के लिए देखा जाता है। अगर उनकी नियुक्तियों को भी बदनाम किया गया तो सिस्टम में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास उठ जाएगा, आप इसे कैसे बर्दाश्त करेंगे?" सीजेआई ने कहा कि मामला कितना भी संवेदनशील या राजनीतिक रूप से जटिल क्यों न हो, हम वकील ही हैं। हाई कोर्ट के जजों पर आरोप लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। थोड़ी देर मे सुप्रीम कोर्ट एक अंतरिम आदेश जारी करेगा।
झारखंड कैश कांड में आरोपी संजीव लाल और जहांगीर आलम के खिलाफ रिमांड कॉपी में ED ने बड़ा दावा किया है। ED ने आज आरोपियों को कोर्ट में रिमांड के लिए पेश किया जहां, एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि केस की जांच के दौरान पता चला कि वीरेंद्र कुमार राम जोकि ग्रामीण विकास विभाग में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे और वे सरकारी टेंडर के नाम पर 1.5 परसेंट कमीशन लेते थे। इसके बाद ये रिश्वत का पैसा विभाग के तमाम अधिकारियों और राजनेताओं के बीच बराबर बांटा जाता था। संजीव लाल इकट्ठा करता था कमीशन ईडी ने आगे बताया कि टेंडर से आया ये कमीशन संजीव लाल इकट्ठा करता था और वीरेंद्र कुमार राम ने पूछताछ के दौरान ये कबूल भी किया था कि संजीव लाल को उनके द्वारा जारी टेंडर की एवज में सितंबर 2022 तक करोड़ों रुपये की मोटी रकम मिली है। इसके अलावा जांच के एक और असिस्टेंट इंजीनियर का नाम भी सामने आया है। इसी आधार पर 6 मई को ED की टीम ने रांची में कई ठिकानों पर रेड की। मिले थे 35 करोड़ से ज्यादा रुपये ईडी ने कहा कि रेड के दौरान संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के घर से 32.20 करोड़, एक अन्य करीबी के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये और संजीव लाल के ठिकाने से 10.5 लाख रुपये बरामद हुए। जांच में सामने आया कि संजीव लाल प्रभावशाली व्यक्तियों के आधार पर सरकारी टेंडर से आने वाले कमीशन की वसूली करता था। बरामद रकम अपराध से कमाई की गई आय है। स्टेटमेंट रिकॉर्ड करते वक़्त आरोपियों ने सहयोग नहीं किया, इसीलिए गिरफ्तारी जरूरी थी। ईडी ने बताया कि अभी बरामदगी का संबंध किस-किस से है ये पता करना है, साथ ही कुछ और चल-अचंल संपत्ति के बारे में भी जांच करनी है और कुछ अन्य लोकसेवको के नाम सामने आए थे, जिसकी जांच की जानी है। कमीशन का पैसा पहुंचता है सरकारी अधिकारियों तक भी ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और संजीव लाल के घरेलू नौकर जहांगीर आलम की रिमांड मांगते हुए ED ने कोर्ट को बताया कि संजीव लाल ने कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों की ओर से कमीशन वसूली का काम करता है और टेंडरों की आड़ में इंजीनियरों से कमीशन वसूली में अहम भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं ED ने कोर्ट को यह भी बताया कि कमीशन का पैसा सरकारी अधिकारियों तक भी पहुंचाया जाता है। इसके अलावा ED ने बताया कि जांच के दौरान कई नौकरशाहों और राजनेताओं के नाम सामने आए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। ED ने ये भी बताया कि ग्रामीण विकास विभाग के ऊपर से नीचे तक के कई अधिकारी इस गठजोड़ में शामिल हैं और टेंडर के जरिए रिश्वत लेने का खेल चल रहा था। इस मामले हमें कुछ ब्यूरोक्रेट और सफेदपोश के बारे में पता चला है, जिसकी जांच करनी है। वीरेंद्र राम ने कबूली थी यह बात ED के मुताबिक टेंडर से मिलने वाला पैसा संजीव लाल ही इकट्ठा करता था, वहीं, जांच के दौरान गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने भी यह बताया कि सितंबर 2022 में उसने टेंडर से मिलने वाला करोड़ों रुपए का कमीशन संजीव लाल तक पहुंचाया था। आरोपी जहांगीर आलम के घर से जो पैसे मिले है वो संजीव लाल के कहने पर रखे थे, जिसे उसने कुछ प्रभावशाली लोगों की ओर से इकट्ठा किया था। जांच के दौरान ये बात सामने आई है कि दूसरे असिस्टेंट इंजीनियर भी टेंडर से मिलने वाले कलेक्शन और उसके डिस्ट्रीब्यूशन में शामिल थे। ईडी ने कोर्ट को यह बताया कि 6 मई 2024 को रांची में हुए सर्च ऑपरेशन में कई संदिग्ध डॉक्यूमेंट और साथ ही 32 करोड़ 20 लाख रुपए जहांगीर आलम के घर से बरामद हुआ है। साथ ही उनके दूसरे साथियों के घर से भी करीब 2 करोड़ 93 लख रुपए बरामद हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अंतरिम जमानत याचिका पर जोरदार बहस हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाता है, तो उन्हें आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इसका "व्यापक प्रभाव हो सकता है"। हालांकि, केजरीवाल को तत्काल कोई राहत नहीं मिली क्योंकि शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने ये कहा कि हम इस पर पहले मन बनाएंगे, फिर बताएंगे। कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई करते हुए टिप्पणी की, "हम आपको परसों की तारीख देंगे। यदि यह संभव नहीं है, तो हम इसे अगले सप्ताह किसी समय रखेंगे। अगला सप्ताह बहुत कठिन होने वाला है।" केजरीवाल को नहीं मिली राहत बता दें कि दिल्ली में कथित तौर पर हुए शराब नीति घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है।एक तरफ जहां मंगलवार को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी राहत नहीं मिली तो वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने भी शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। कोर्ट में हुई जोरदार बहस सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, दो न्यायाधीशों की पीठ ने जेल में बंद सीएम केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या केजरीवाल जमानत मिलने के बाद अपने ऑफिस में उपस्थित होंगे, फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे और अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर "दूसरों को निर्देश देंगे"। इस सवाल के जवाब में, सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल "शराब घोटाला मामले से वास्ता नहीं रखेंगे। वह अन्य कार्य करेंगे क्योंकि वह एक मौजूदा मुख्यमंत्री हैं।" पीठ ने तब कहा कि अगर वह आप प्रमुख को रिहा करने का फैसला करती है, तो "हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम नहीं चाहते कि मुख्यमंत्री आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें क्योंकि इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है"। कोर्ट ने आगे कहा कि "हम सरकार के काम में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं चाहते हैं। यह आपकी इच्छा है कि आप मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं। आज, यह वैधता का नहीं बल्कि औचित्य का सवाल है। हम सिर्फ चुनाव के कारण अंतरिम जमानत पर विचार कर रहे हैं, अन्यथा हम इस पर बिल्कुल भी विचार नहीं करते।" शीर्ष अदालत ने ईडी से यह भी कहा कि वह जमानत संबंधी दलीलें सुनेगी क्योंकि केजरीवाल "दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने की जरूरत है।" पीठ ने कहा "यह एक असाधारण स्थिति है। ऐसा नहीं है कि वह आदतन अपराधी हैं। चुनाव पांच साल में एक बार होता है। यह फसल की कटाई जैसा नहीं है कि जो हर चार से छह महीने में होगी। हमें प्राथमिकता से इस पर विचार करने की जरूरत है कि क्या उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए या नहीं। “ इसपर ईडी ने कहा कि "(पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री) जॉर्ज फर्नांडिस ने जेल से चुनाव लड़ा था और इतने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी कि यह भारतीय चुनावों में सबसे बड़ा अंतर था।" ईडी ने अदालत के सुझाव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि इससे "गलत मिसाल" कायम होगी। कोर्ट से ईडी ने कहा कि "एक राजनेता के पास सामान्य नागरिकों की तुलना में कोई विशेष अधिकार नहीं है। क्या अभियोजन का सामना कर रहे सभी सांसदों और विधायकों को जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए?" केजरीवाल के वकील सिंघवी से प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देने को कहा गया है। ये मुद्दे हैं, "क्या एक राजनेता को आम आदमी की तुलना में विशेष व्यवहार मिल सकता है। 5,000 लोग अभियोजन का सामना कर रहे हैं। क्या होगा यदि वे सभी कहते हैं कि वे प्रचार करना चाहते हैं? छह महीने में नौ समन? समय चुनने के लिए ईडी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता; क्या ऐसा हो सकता है?" अंतरिम जमानत दी जाए क्योंकि वे अभी तक साक्ष्य में नहीं गए हैं?" सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से आप प्रमुख से पूछताछ और जांच में देरी के बारे में भी सवाल पूछा। एसवी राजू ने कहा, "जब हमने जांच शुरू की, तो हमारी जांच सीधे तौर पर उनके (केजरीवाल) खिलाफ नहीं थी। जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई। इसीलिए, शुरुआत में उनसे संबंधित एक भी सवाल नहीं पूछा गया। जांच उन पर केंद्रित नहीं थी।" इस पर पीठ ने जवाब दिया, "यह एक असामान्य मामला है... आपने इतना समय क्यों लिया, और सवाल क्यों नहीं पूछे गए? हम मानते हैं कि उनके बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया। एकमात्र मुद्दा यह था कि आप देरी क्यों कर रहे थे?" अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर उन्होंने शुरुआत में ही केजरीवाल के बारे में पूछना शुरू कर दिया होता, तो इसे दुर्भावनापूर्ण कहा जाता। "इसे समझने में समय लगता है। हम इसे रातोरात नहीं रख सकते। चीजों की पुष्टि करनी होगी।" मंगलवार की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 मई को संकेत दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुई कि वह मौजूदा लोकसभा चुनावों के कारण केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का फैसला कर सकता है। अरविंद केजरीवाल, जो वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं, ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका 9 अप्रैल को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
शहडोल: जिले में एक बार फिर एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां कोतवाली शहडोल क्षेत्र के ग्राम कल्याणपुर में बीती रात 15 साल की एक किशोरी के साथ 5 अज्ञात लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार किशोरी अपने किसी मित्र के साथ बीती शाम कल्याणपुर के पास जंगल में गई थी। इसी दौरान कुछ और लोग भी वहां पर पहुंच गए। सभी लोगों ने मिलकर किशोरी के साथ गैंगरेप किया। बता दें कि शहडोल में अभी बीते दिनों ही ASI की हत्या हो गई थी। यह मामला अभी ठंडा भी नहीं हो पाया था कि अब गैंगरेप की इस बड़ी घटना से इलाके के लोगों में खौफ है। आरोपियों की पहचान में जुटी पुलिस घटना की पुष्टि होने के बाद पुलिस के द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। वहीं पुलिस अब बदमाशों की पहचान में जुटी हुई है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पूरी घटना को लेकर शहडोल के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक ने कहा कि जल्द ही मामले का पूरा खुलासा कर दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही वह सलाखों के पीछे होंगे। एसपी कुमार प्रतीक ने कहा कि किसी भी स्थिति में जिले में बदमाशों को बढ़ने नहीं दिया जाएगा, शांति व्यवस्था का कायम रहेगी। संभागीय मुख्यालय का मामला बता दें कि ये घटना कहीं और की नहीं बल्कि संभागीय मुख्यालय है, जहां पर शहडोल पुलिस जोन के ADGP के अलावा DIG शहडोल और पुलिस अधीक्षक के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जैसे तमाम पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी रहते हैं। पुलिस लाइन में सैकड़ों वर्दीधारी भी मौजूद हैं। इसके बावजूद मुख्यालय से ही सटे जंगल में बदमाश इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं। इससे कहीं न कहीं यह माना जा सकता है कि बदमाशों के मन से पुलिस का भय खत्म हो चुका है।
नई दिल्ली : कथित शराब घोटाला मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अब एनआईए भी जांच कर सकती है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रतिबंधित खालिस्तानी आतंकी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (SFJ) से फंडिंग के कथित मामले में सीएम के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने SFJ से फंडिंग ली थी। दूसरी तरफ AAP ने केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश को बीजेपी की बौखलाहट करार दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि एलजी बीजेपी के एजेंट हैं और हार के डर से बीजेपी बौखला गई है। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एनआईए जांच की सिफारिश उस शिकायत के बाद की है जिसमें कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने सिख फॉर जस्टिस से 1.6 करोड़ डॉलर लिया था। शिकायत के मुताबिक, खालिस्तान समर्थक समूह ने ये फंडिंग इसलिए की ताकि आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद मिल सके और खालिस्तान-समर्थक भावनाओं में उभार आए। भुल्लर 1993 के दिल्ली बम ब्लास्ट केस का दोषी है। एलजी के आदेश के मुताबिक, इस मामले में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव आशू मोंगिया की तरफ से शिकायत मिली थी। केंद्रीय गृह सचिव को लिखे अपने खत में एलजी सक्सेना ने प्रतिबंधित 'सिख फॉर जस्टिस' के सरगना और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के एक कथित वीडियो का भी जिक्र किया है। कथित वीडियो में पन्नू ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 1.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की थी। मोंगिया ने 1 अप्रैल को एलजी के पास शिकायत भेजी थी।
नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी और राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि वह कांग्रेस में 32 साल से अधिक समय तक रहे हैं। जब राम मंदिर का फैसला आया और राम मंदिर बनना शुरू हुआ तो राहुल गांधी ने अपने करीबियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान राहुल ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम एक सुपरपावर कमीशन बनाकर राम मंदिर के फैसले को पलट देंगे। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने क्या कहा? आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था, 'कांग्रेस में मेरा समय 32 साल से भी ज्यादा बीता है। जब राम मंदिर का फैसला आया, राम मंदिर बनना शुरू हुआ, उसके बाद राहुल गांधी ने अपने नजदीकी लोगों की बैठक में, अमेरिका में रहने वाले एक शुभचिंतक की सलाह पर ये बात कही थी कि अगर हमारी सरकार बनती है तो हम सुपरपावर कमीशन बनाकर राम मंदिर के फैसले को पलट देंगे।' उन्होंने ये भी कहा था कि जिस तरह से तीन तलाक के मुद्दे पर शाहबानो केस में राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदल दिया था, वैसे ही राम मंदिर का फैसला भी बदल देंगे। प्रमोद कृष्णम के इन आरोपों के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। राहुल पर कसा था तंज हालही में कांग्रेस ने जब रायबरेली से राहुल गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया था तो प्रमोद ने कांग्रेस पर हमला बोला था। प्रमोद ने कहा था कि राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिए था। अमेठी से भागने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पूरे देश में ये संदेश जाएगा कि जो आदमी रोज पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देता था, रोज अपने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और देश की जनता से कहता था कि डरो मत, वो खुद डर गया। मुझे लगता है कि ये कांग्रेस का दुर्भाग्य है।
नई दिल्ली: आजादी के बाद से भारतीय राजनीति के परिदृश्य में राजनीतिक नेताओं के लिए एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ना एक आम बात रही है। यह अक्सर संसद या विधानसभा में पद सुरक्षित करने और राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की महत्वाकांक्षा से प्रेरित होता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 33, उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देती है, जो देश में लोकतंत्र की बदलती गतिशीलता को दर्शाती है। हालांकि, इस प्रथा ने इसकी निष्पक्षता को लेकर बहस छेड़ दी है। आलोचकों का तर्क है कि ऐसी प्रणाली में जहां प्रत्येक व्यक्ति केवल एक वोट का हकदार है, ऐसे में उम्मीदवारों को एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने की अनुमति देना समानता और प्रतिनिधित्व पर सवाल उठाता है। क्या दो सीटों पर चुनाव लड़ना उचित? अपने राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए नेता अक्सर एक साथ दो सीटों पर चुनाव लड़ते हैं। यदि वे दोनों सीटें जीतते हैं, तो वे आम तौर पर अपनी सुविधा के अनुसार एक सीट से इस्तीफा दे देते हैं, जो एक कानूनी आवश्यकता है। हालांकि, इस प्रथा की कीमत करदाताओं को चुकानी पड़ती है और खाली सीट के घटकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसे चुनावी प्रणाली में हेरफेर के रूप में माना जाता है, जहां निर्वाचित प्रतिनिधि मतदाताओं के हितों पर अपने राजनीतिक एजेंडे को प्राथमिकता देते हैं। चुनाव आयोग ने रखा दंड का प्रस्ताव इन मुद्दों को पहचानते हुए, चुनाव आयोग ने दो सीटों से चुनाव लड़ने और जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए दंड का प्रस्ताव दिया है। सुझाया गया जुर्माना विधानसभा सीटों के लिए 5 लाख रुपये और लोकसभा सीटों के लिए 10 लाख रुपये है। इस प्रस्ताव के पीछे तर्क यह है कि उम्मीदवारों को कई सीटों से चुनाव लड़ने के फैसले के कारण उपचुनाव कराने से होने वाले वित्तीय बोझ के लिए जवाबदेह बनाना है। चुनाव आयोग का लक्ष्य इस प्रथा को हतोत्साहित करना और यह सुनिश्चित करना है कि निर्वाचित प्रतिनिधि अपने राजनीतिक लाभ के बजाय अपने मतदाताओं के हितों को प्राथमिकता दें। दो सीटों पर चुनाव लड़ने की है अनुमति 1996 से पहले, एक उम्मीदवार अधिकतम कितनी सीटों पर चुनाव लड़ सकता है, इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं थी। हालांकि, नियम में यह निर्धारित किया गया था कि एक जन प्रतिनिधि एक समय में केवल एक ही सीट का प्रतिनिधित्व कर सकता है। 1996 में, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन करके एक बदलाव किया गया, जिससे उम्मीदवारों को अधिकतम दो सीटों पर चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई। इस संशोधन ने भारतीय लोकतंत्र की उभरती गतिशीलता को समायोजित करने के उद्देश्य से चुनावी नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित किया। चुनाव आयोग का प्रस्ताव 2004 में, चुनाव आयोग ने एक सीट से एक व्यक्ति के चुनाव लड़ने का नियम लागू करने का प्रयास किया। इसके अतिरिक्त, आयोग ने प्रस्ताव दिया कि यदि एक से अधिक सीटों से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की वर्तमान व्यवस्था को बनाए रखना है, तो उन उम्मीदवारों को उनके इस्तीफे के परिणामस्वरूप होने वाले किसी भी उप-चुनाव का खर्च भी वहन करना चाहिए। इस प्रस्ताव के कारण सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसने अंततः इसे खारिज कर दिया। पहले भी होती रही हैं सुधार की सिफारिशें गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न समितियों द्वारा चुनाव सुधारों के लिए सिफारिशें की जाती रही हैं। 1990 में दिनेश गोस्वामी समिति की रिपोर्ट और 1999 में प्रस्तुत चुनाव सुधारों पर लॉ कमीशन की 170वीं रिपोर्ट, दोनों ने एक निर्वाचन क्षेत्र से केवल एक व्यक्ति को चुनाव लड़ने की अनुमति देने की वकालत की।
युनिवर्सिटी के वीसी की चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े करने वाले राहुल गांधी के बयान का कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने विरोध किया है। राहुल गांधी ने कहा था कि कुलपति के चयन में योग्यता को ताक पर रखा जा रहा है। कुछ संगठनों से संबंधित लोगों को ही इन पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। इसके बाद कुलपतियों की तरफ से लिखे गए पत्र में इसका विरोध किया गया है। इसके साथ ही बताया गया है कि उनका चयन किस आधार पर होता और इन कुलपतियों ने देश के विश्वविद्यालयों के विकास में कैसे योगदान दिया है। 10 बड़े विश्वविद्यालयों के कुलपति ने इस पत्र को लिखने और राहुल गांधी को भेजने पर विचार किया और अंत तक इसे अंजाम तक पहुंचाया। वहीं, 181 विश्वविद्यालयों के कुलपति ने इसमें हस्ताक्षर कर अपनी सहमति जाहिर की है। पत्र में क्या ? राहुल गांधी को लिखे पत्र में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति की तरफ से लिखा गया है कि कुलपति की चयन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होती है और इस दौरान सभी मूल्यों का ध्यान रखा जाता है। शैक्षणिक योग्यता और विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की सोच के आधार पर कुलपति चुने जाते हैं। सभी विश्वविद्यालयों का प्रदर्शन इस बात की गवाही देता है कि कुलपतियों का चयन निष्पक्ष और उचित तरीके से होता है। सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों की तरफ से अपील की गई है कि लोग किसी भी तरह की अफवाह का शिकार न बने और देश की उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने में उनका सहयोग करें। भारतीय विश्वविद्यालयों के आंकड़े हैं गवाह पत्र में लिखा गया है कि दुनिया भर के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भारतीय संस्थानों की रैंकिंग लगातार बेहतर हो रही है। यह सही कुलपति के चयन और चयनित कुलपतियों की मेहनत का नतीजा है। पत्र के अंत में कहा गया है कि राहुल गांधी ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए गलत जानकारी फैलाई है और कुलपतियों की छवि धूमिल करने का काम किया है। उनके खिलाफ नियम के अनुसार उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
,रांची,झारखंड की राजधानी रांची में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमों ने 9 जगह छापा मारा। ED को अब तक 28 करोड़ से ज्यादा कैश मिला है। ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी (PS) संजीव लाल के नौकर जहांगीर, PS के करीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह, रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर विकास कुमार और कुलदीप मिंज के घर रेड डाली गई। इसके अलावा 3 और ठिकानों पर छापा मारा गया। PS संजीव के नौकर जहांगीर के घर 25 करोड़ और करीबी मुन्ना के यहां 3 करोड़ से ज्यादा का कैश मिला है। ED की टीम ने नोट गिनने की मशीनें और कैश वैन बुलाई है। अबतक नोट गिनने की चार मशीनें घर के अंदर गई है। सूत्र बताते हैं कि पैसे इतने है कि गिनते गिनते मशीन गर्म हो रही है। दोपहर बाद एक और गाड़ी मशीन लेकर पहुंची है। पीएम बोले- झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे ओडिशा के नबरंगपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- "आज पड़ोसी राज्य झारखंड में नोटों के पहाड़ मिल रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि चोरी किया माल पकड़ रहा है मोदी वहां। अब आप मुझे बताइए, अगर मैं उनकी चोरी बंद कर दूं, उनकी कमाई बंद कर दूं, उनकी लूट बंद कर दूं, तो क्या वे मोदी को गाली देंगे या नहीं? लेकिन मुझे ये काम करना चाहिए या नहीं? मुझे आपके हक का पैसा बचाना चाहिए कि नहीं?" मंत्री आलमगीर बोले- PS पहले भी 2 मंत्रियों के साथ रह चुका मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि संजीव लाल एक सरकारी मुलाजिम है और पहले भी दो मंत्रियों के PS रह चुके हैं। अनुभव के आधार पर ही उन्हें नियुक्त किया गया था। ED अपनी कार्रवाई कर रही है, उसके बाद देखेंगे क्या होता है। भाजपा सांसद ने कहा- कांग्रेस प्रत्याशी की पार्टी की यही कहानी BJP प्रत्याशी निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर ED की कार्रवाई और कैश का वीडियो शेयर किया। उन्होंने लिखा, "30 करोड़ से ज्यादा कैश, काउंटिंग जारी है। भ्रष्टाचार शिरोमणि हेमंत सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के PS के खिलाफ कार्रवाई। ये है प्रदीप यादव की पार्टी की कहानी।" बता दें कि झारखंड की गोड्डा लोकसभा सीट से इंडी गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने प्रदीप यादव को उम्मीदवार बनाया है। फरवरी 2023 के छापे से जुड़ी आज की कार्रवाई, 100 करोड़ की संपत्ति मिली थी 22 फरवरी 2023 को ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के 24 ठिकानों पर ED ने छापा मारा था। वीरेंद्र राम की कंपनियों के अलावा 100 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता चला था। डेढ़ करोड़ रुपए के जेवरात और करीब 30 लाख रुपए कैश मिले थे। ED ने वीरेंद्र राम के खिलाफ दर्ज घूसखोरी के केस में छापा मारा था। ग्रामीण विकास विभाग के इसी केस के सिलसिले में सोमवार को भी ED की टीम ने 9 ठिकानों पर छापा मारा है। वीरेंद्र राम का नाम JE ने लिया था, उसके घर भी 2.67 करोड़ कैश मिले थे 15 नवंबर 2019 में जमशेदपुर में JE सुरेश प्रसाद के घर ED ने रेड की थी, जिसमें 2.67 करोड़ कैश मिले थे। तब JE ने बताया था कि ये पैसा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का है। इसके बाद ED ने जांच शुरू की। 22 फरवरी 2023 को ED ने वीरेंद्र राम व उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में वीरेंद्र राम के ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज के अलावा करीब डेढ़ सौ करोड़ की चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी। वीरेंद्र राम के सहयोगी चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के ठिकाने से नोटबंदी के पूर्व के 9.46 लाख रुपये के पुराने नोट और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इसके बाद 23 फरवरी को उसे गिरफ्तार किया गया था। झारखंड के राज्यसभा सांसद के ठिकानों से मिले थे 300 करोड़ 6 दिसंबर 2023 को आयकर विभाग ने कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी। झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में की गई छापेमारी में 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश बरामद किया गया। आयकर विभाग के महानिदेशक संजय बहादुर के मुताबिक ये सिंगल ऑपरेशन में बरामद हुई अब तक की सबसे बड़ी रकम है। झारखंड की सीनियर IAS पूजा के CA के घर से मिले थे 19.31 करोड़ कैश अवैध खनन मामले में ED ने 2 साल पहले देशभर में छापेमारी की थी। यह कार्रवाई झारखंड की सीनियर IAS अधिकारी पूजा सिंघल और उनसे जुड़े सत्ता के करीबी व्यक्तियों के 25 ठिकानों पर की गई थी। अफसर के करीबी CA के घर से 19.31 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। इस छापेमारी के बाद ED ने पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया था। वो अभी जेल में हैं।
मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से BJP उम्मीदवार उज्ज्वल निकम ने महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के दावे पर पलटवार करते हुए जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता कोई भी मुद्दा उठा रहे हैं। BJP ने जब से मेरी उम्मीदवारी घोषित की है तब से कांग्रेस ने मुझ पर हमला करना शुरू कर दिया है। बता दें कि, विजय वडेट्टीवार ने आज एक विवादित बयान देते हुए ये कहा था कि आतंकवादी अजमल कसाब ने पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या नहीं की थी बल्कि आरएसएस से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने उन्हें गोली मारी थी। उज्जवल निकम गद्दार है। जिसने इस तथ्य को छुपाया। मालूम हो कि उज्जवल निकम 26/11 मामले में सरकार के वकील थे और लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर मध्य से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। बयान की आलोचना हुई तो गलती सुधारी हालांकि जैसे ही विजय वडेट्टीवार की टिप्पणियों की आलोचना हुई। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हेमंत करकरे की मौत के बारे में उन्होंने जो कुछ भी कहा वह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एसएम मुश्रीफ की 'हू किल्ड करकरे' नाम की किताब में लिखा था। गौरतलब है कि, हेमंत करकरे मुंबई एटीएस के प्रमुख थे और 2008 के मुंबई हमलों के दौरान मारे गए थे। 2009 में उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र दिया गया था। "कांग्रेस के आरोपों से पाकिस्तान को बल मिलता है" कांग्रेस नेता के इस विवादित बोल को लेकर BJP उम्मीदवार उज्ज्वल निकम ने कहा कि कसाब की ही गोली से मुंबई पुलिस के तीन जांबाज अधिकारी शाहिद हुए थे। जिनमें एक हेमंत करकरे भी शामिल थे। यह बयान खुद कसाब ने कोर्ट में दिया है। क्या कांग्रेस कसाब के बयान को झूठ साबित करना चाहती है? कसाब और अबु इस्माइल ने कई निर्दोष लोगों पर गोलीयां चलाई थी हमारे शहीद हेमन्त करकरे, सालस्कर और कामटे जैसे अधिकारियों को कसाब और अबु इस्माइल ने ही मारा था। ये कसाब ने खुद कोर्ट में कबूल किया है। उसी आधार पर कसाब को सजा हुई थी। अब आप कह रहे हो सब झूठा है? क्या कसाब का बयान झूठा था? अगर आप ऐसा मानते हो तो भगवान आपको क्षमा करे। कांग्रेस 26/11 हमले में तुकाराम ओंबले समेत तमाम जो जवान अधिकारी शाहिद हुए, उनके शहादत का अपमान कर रही है। कसाब का इतना बड़ा ट्रायल चला। कसाब ने बयान दिया, अपना जुर्म कबूला है और आप कह रहे हो कि हेमंत करकरे आतंकियों के गोली से नहीं शाहिद हुए? "पाकिस्तान की मदद करना कांग्रेस का एजेंडा" उज्जवल निकम ने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए आगे कहा कि विपक्ष के तंबू में घबराहट पैदा हो गई है इसलिए मेरे खिलाफ उल्टा-सीधा आरोप लगा रहे हैं। विपक्ष कांग्रेस के इन आरोपों से पाकिस्तान के दावों को बल मिलता है। पाकिस्तान को मदद करना कांग्रेस का अजेंडा रहा है। पाकिस्तान के कई आर्मी ऑफ़िसर्स और अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। पाकिस्तान के नेता बयान दे रहे कि कांग्रेस चुनकर आनी चाहिए। अब साबित हो गया है कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए पाकिस्तान से उनको नैरेटिव भेजे जाते हैं। कांग्रेस देश के लोगों के दिलों में शंका उपस्थित करवाती है। सुप्रीम कोर्ट तक कसाब का केस चला और साबित हुआ फिर भी कांग्रेस को लगता है कि कसाब निर्दोष था।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दो चरणों के लिए मतदान समाप्त हो चुका है। तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान किया जाएगा। 5 जून को चुनाव प्रचार तीसरे चरण के लिए थम जाएगा। वहीं 4 जून को चुनाव के परिणाम आने वाले हैं। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इन परिवारवादी दलों से आप क्या उम्मीद करते हैं। ये केवल अपने परिवार तक सीमित हैं। चाहे कांग्रेस हो, नेशनल कॉन्फ्रेंस हो या समाजवादी पार्टी इनका कोई राष्ट्रीय एजेंडा नहीं है। एक तरफ ये गठबंधन राष्ट्र नायकों का अपमान करते हैं तो दूसरी तरफ माफिया और आतंकी तत्वों को प्रोत्साहित करते हैं विपक्षी दलों पर भड़के सीएम योगी आदित्यनाथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले एक कुख्यात माफिया की मौत हुई तो उसके मरने पर संवेदना व्यक्त करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जाते हैं लेकिन जब राम जन्मभूमि का आंदोलन चल रहा था तब राम भक्तों के साथ इनका व्यवहार कैसा था? कल राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप की मूर्ति के साथ जिस तरह अपमानजनक और अवमाननापूर्ण व्यवहार समाजवादी पार्टी के नेताओं का था वह निंदनीय है। महाराष्ट्र में राहुल गांधी ने भी यही किया था, वहां उन्हें उनका एक समर्थक छत्रपति शिवाजी की मूर्ति दे रहा था लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया। ये राष्ट्रनायक का सम्मान नहीं आतंकियों, पाकिस्तान का महिमामंडन करेंगे।" महाराणा प्रताप की मूर्ति पर चढ़े सपा समर्थक दरअसल शनिवार को मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रोड शो किया। इस दौरान वहां मौजूद समाजवादी पार्टी के समर्थकों ने अभद्र नारेबाजी की और महाराणा प्रताप की मूर्ति पर चढ़ गए। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में समर्थकों को अभद्र नारे लगाते और महाराणा प्रताप की मूर्ति पर चढ़ते देखा जा सकता है। इस बाबत पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। वहीं राहुल गांधी बीते दिनों महाराष्ट्र में एक चुनावी रैली करने पहुंचे थे। यहां उन्हें जब छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा दी गई। इसी बाबत सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा है।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान होने से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया को-ऑर्डिनेटर राधिका खेड़ा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस से अपने इस्तीफे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने कहा है कि, ''राम लला की जन्मस्थली श्री अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था।'' मेरे वहां जाने पर मुझे इतना विरोध झेलना पड़ेगा, मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दुर्व्यवहार किया गया, मुझे वहां धकेल दिया गया और कमरे में बंद कर दिया गया, मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-चिल्लाती रही , लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला... आज मैंने अपने पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे न्याय जरूर देंगे...'' राधिका खेड़ा ने कहा- राधिका खेड़ा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा दिया, जिसमें उन्होंने लिखा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूँ व अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं। हां, मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं। अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी। मैंने अपने 22 साल से ज्यादा समय जिस पार्टी को दिया, एनएसयूआई से लेकर एआईसीसी के मीडिया प्रभाग में पूरी ईमानदारी से अपना काम किया। आज वहीं मुझे विरोध का सामना करना पड़ा। वो भी सिर्फ इसलिए कि मैं रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई। मैंने हमेशा से दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब खुद के न्याय की बात सामने आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया। एक महिला होने के नाते मैं खुद को असहाय पाया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस से निष्काषित नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा है कि वह स्मृति ईरानी से डर गए। इससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है। आगे उन्होंने कहा कि जो राहुल गांधी कहा करते थे कि डरो मत, आज वही राहुल गांधी डर गए। उन्होंने कहा कि "कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह लगता था कि राहुल गांधी डरते नहीं हैं, लेकिन अब इससे यह एक मैसेज गया है कि राहुल गांधी हारने से डर गए और अमेठी छोड़कर चले गए।" कार्यकर्ताओं के बीच गया गलत संदेश आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि "पब्लिक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह परस्पेशन था कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यह पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार अमेठी, रायबरेली हारा, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। संजय गांधी भी चुनाव हारे, लेकिन सीट नहीं छोड़ी, इंदिरा गांधी भी चुनाव हारीं, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। यह पहली बार हुआ है कि राहुल गांधी ने सीट छोड़ी है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है।" राहुल का फैसला आत्मघाती आचार्य प्रमोद ने राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर कहा कि “जब पब्लिक का परस्पेशन बदलता है, तो सब कुछ बदल जाता है। मुझे लगता है कि राहुल का यह फैसला आत्मघाती सिद्ध होगा, क्योंकि जब राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एड्रेस करते थे, तो कहते थे डरो मत, पब्लिक मीटिंग को एड्रेस करते थे, तो कहते थे कि डरो मत, मीडिया से कहा करते थे कि डरो मत, तो जो व्यक्ति दूसरों से यह कहता था कि डरो मत, वो आज खुद डर गया। अब यह बड़ा सवाल बन चुका है कि राहुल गांधी इतने बड़े नेता हैं, लेकिन स्मृति ईरानी से कैसे डर गए।" अमेठी से नहीं लड़ना तो वाराणसी से लड़ते उन्होंने आगे कहा कि "अब अगर उन्हें अमेठी से नहीं लड़ना था, तो देश की सबसे बड़ी सीट वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के सामने लड़ना चाहिए था।" उन्होंने कहा कि "रायबरेली से चुनाव लड़ने के पीछे कोई रणनीति नहीं है। इसके पीछे एक साजिश है, प्रियंका गांधी को संसद में जाने से रोकने की। पार्टी के भीतर एक बहुत बड़ी साजिश प्रियंका गांधी के खिलाफ हो रही है। उसका शिकार हुई हैं वो।
सूरतः देश के बड़े हिंदूवादी नेताओं की हत्या की साजिश रचने के आरोप में सूरत क्राइम ब्रांच की पुलिस ने एक मौलाना को गिरफ्तार किया है। सूरत के पुलिस कमिशनर अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि मौलाना के मोबाइल फोन से पुलिस को कई अहम जानकारी मिली। जांच में पता चला कि आरोपी मौलाना देश के शीर्ष हिंदू नेताओं पर हमले और हत्या की योजना बना रहा था। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आरोपी दुश्मन देश से भी संपर्क में था और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहा था। छोटे बच्चों को धार्मिक शिक्षा देता था आरोपी पुलिस कमिशनर अनुपम सिंह गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए मौलाना सोहेल अबू बकर के बारे में बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि मौलवी को सूरत के चौक बाजार इलाके से गिरफ्तार किया गया। आरोपी सूरत के कामरेज इलाके के कठोर गांव का रहने वाला है। आरोपी धागे की फैक्टरी में मैनेजर के तौर पर काम करता है और गांव में छोटे बच्चों को धार्मिक शिक्षा देता है। जब उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और उसके मोबाइल फोन की जांच की गई तो कुछ ऐसी चैटिंग और कॉल डिटेल मिली जो हैरान कर देने वाली थी। ये हिंदूवादी नेता आरोपी के निशाने पर थे आरोपी के मोबाइल फोन में सूरत के राष्ट्रीय सनातन धर्म के अध्यक्ष और हिंदू वादी नेता उपदेश राणा को मारने की प्लानिंग की चैट थी। इसके अलावा हैदराबाद के बीजेपी विधायक राजा सिंह और नुपुर शर्मा को धमकी देने और उनको टारगेट करने की प्लानिंग आरोपी के मोबाइल फोन से मिली है। आरोपी के फोन से पाकिस्तान और नेपाल में कई बार कॉल किया गया है। पाकिस्तान से हथियार मंगवाने की बात का भी चैट में खुलासा हुआ है। उपदेश राणा ने दर्ज कराई थी एफआईआर बता दें कि सूरत के हिंदूवादी नेता उपदेश राणा ने पिछले महीने धमकी मिलने की एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। मौलाना की कॉल डिटेल में भी धमकी देने की चैट मिली है। अभी सूरत क्राइम ब्रांच की टीम जांच करेगी। आरोपी पकड़े जाने से बचने के लिए अपने टारगेट को अलग नाम से बुलाते थे। जैसे उपदेश राणा का नाम ढक्कन रखा था। पाकिस्तान के हैंडलर के संपर्क में था आरोपी आरोपी के ग्रुप में सोशल मीडिया के माध्यम से दूसरे देशों के लोग भी जुड़े हुए हैं। जिसमें पाकिस्तान, नेपाल, इंडोनेशिया , वियतनाम ,कजाकिस्तान भी शामिल है। आरोपी को पाकिस्तान के हैंडलर ने भी उनको भरोसा दिया था कि हम जल्द से जल्द आप तक हथियार पहुंचा देंगे।
राहुल गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन का पर्चा दाखिल किया जिसके बाद विपक्ष हमलावर है। विपक्ष का कहना है कि वो अमेठी से डरकर भाग गए और रायबरेली को चुनाव लड़ने के लिए चुना है। ये बात तो है विपक्ष की लेकिन कभी प्रियंका गांधी के करीबी रहे आचार्च प्रमोद कृष्णम ने भी राहुल के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले पर एक धमाकेदार बात कही है। उन्होंने कहा कि अमेठी में हार के डर से राहुल गांधी ने रायबरेली से लड़ने का फैसला किया लेकिन हकीकत ये है कि रायबरेली में भी राहुल गांधी हारेंगे। प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि राहुल जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उसे देखते हुए हिंदुस्तान में तो उनकी सियासत कमज़ोर हो गई है। ऐसे में राहुल के लिए बेहतर ये होगा कि वो पाकिस्तान से चुनाव लड़ें क्योंकि उनकी पॉलिटिक्स के फैन हिंदुस्तान से ज्यादा पाकिस्तान में हैं। दो खेमों में बंट जाएगी कांग्रेस प्रमोद कृष्णम का दावा है कि जिस तरह प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जिस तरह प्रियंका को अमेठी, रायबरेली या सुल्तानपुर से टिकट नहीं दिया गया, उससे कांग्रेस के भीतर एक धड़े में बहुत नाराज़गी है। प्रमोद कृष्णम का दावा है कि राहुल गांधी के कहने पर प्रियंका गांधी के कांग्रेस की सियासत में आगे बढ़ने से रोका जा रहा है। ऐसे में अगर कांग्रेस के लिए चुनाव नतीजे बुरे आते हैं तो 4 जून के बाद पार्टी के भीतर दो गुट बन जाएंगे। राहुल और प्रियंका गांधी खेमे के नेता अलग-अलग हो जाएंगे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के दिल में धधक रही ज्वालामुखी प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी की ये पलायनवादी नीति है कि उन्होंने अमेठी को छोड़ा है। देश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। प्रियंका गांधी का चुनाव न लड़ना कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के दिल में ज्वालामुखी धधक रहा है...4 जून के बाद फटेगा। देश की आजादी के बाद कांग्रेस का एक और विभाजन सुनिश्चित है। कांग्रेस दो धाराओं में बंट जाएगी एक धारा राहुल गांधी का होगा एक धारा प्रियंका गांधी का।
जेडीएस नेता एचडी रेवन्ना को पुलिस ने किडनैपिंग के केस में लगे आरोपों के बाद हिरासत में लिया है। जबकि, सेक्स स्कैंडल केस में उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर फरार है। विशेष जांच टीम प्रज्वल रेवन्ना की तलाश के लिए बेंगलुरू में एचडी देवगौड़ा के घर पहुंची थी। इसके बाद एचडी रेवन्ना को हिरासत में लिया गया है। उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हैं। होलेनारसिपुर सीट से सांसद एचडी रेवन्ना 1994 में इसी सीट से पहली बार विधायक बने थे। 1999 में उन्हें हार झेलनी पड़ी, लेकिन 2004 में वह दोबारा विधायक बने। 2018 में भी वह बड़े अंतर से जीते और विधायक बने। 2023 में भी उन्हें जीत मिली, लेकिन उनकी पार्टी सत्ता में नहीं आ सकी। वहीं, प्रज्वल 2019 में पहली बार सांसद बने थे। वह दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका कोर्ट ने दोनों आरोपी नेताओं की जमानत याचिका खारिज कर दी है और दोनों के खिलाफ दूसरी बार लुक आउट नोटिस जारी किया गया। इसके बाद एचडी रेवन्ना को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बेटे प्रज्वल की तलाश जारी है। प्रज्वल ने अग्रिम जमानत और एचडी रेवन्ना ने अंतरिम जमानत की याचिका लगाई थी। देस के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे एचडी रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्वल रेवन्ना पर उनके यहां काम करने वाली महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। प्रज्वल के कई आपत्तिजनक वीडियो भी वायरल हुए थे। वीडियो वायरल होने के बाद प्रज्वल देश से बाहर भाग चुके हैं। उनके जर्मनी में होने की बातें कही जा रही हैं। जेडीएस उम्मीदवार हैं प्रज्वल प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से निवर्तमान सांसद हैं और 2024 लोकसभा चुनावों में जेडीएस के मौजूदा उम्मीदवार भी हैं। उनकी लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है। इसके बाद उनके आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुए और वह इसके बाद से जनता के सामने नहीं आए हैं। इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है।
जम्मू कश्मीर के पुंछ में भारतीय वायुसेना की गाड़ी पर हमला हुए है। इस हमले में सेना के पांच जवान घायल हुए हैं। आतंकियों के हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच कुल 30 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई। घटना पुंछ जिले की मेंढर सब डिविजन के दनना शस्तार इलाके की है। सूत्रों के मुताबिक सेना के वाहन पर फायरिंग हुई है, जिस के बाद पूरे इलाके को घेर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घायल जवानों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जिस वाहन पर फायरिंग हुई है, उसमें गोलियों के एक दर्जन से ज्यादा निशान हैं। सुरक्षा बलों से सत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवादियों ने भारतीय वायु सेना के वाहनों के काफिले पर हमला किया। स्थानीय राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने क्षेत्र में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। वाहनों को शाहसितार के पास सामान्य क्षेत्र में हवाई अड्डे के अंदर सुरक्षित कर दिया गया है। सैनिकों को चोटें आई हैं।' पुंछ में दिखे थे संदिग्ध पुंछ में पिछले एक सप्ताह से भारतीय सेना तलाशी अभियान चला रही है। यहां दो संदिग्धों का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। इसके बाद से सेना ने तलाशी अभियान तेज कर दिया। इससे पहले ऊधपुर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक ग्राम रक्षक गार्ड घायल हुआ था। उपचार के दौरान गार्ड की मौत हो गई थी। इसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेश तेज कर दिया था। पुंछ में सुबह से ही तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। वहां स्थानीय लोगों ने संदिग्ध लोगों को देखने की बात कही थी। पिछले साल पुंछ में लगातार भारतीय सेना के जवानों पर कई आतंकी हमले हुए थे। इस साल यह पहली ऐसी घटना है। पुंछ में कब है मतदान ? लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर की पांच लोकसभा सीटों पर पांच चरण में मतदान होना है। पुंछ जिला राजौरी-अनंतनाग लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। यहां पहले सात मई को मतदान होना था, लेकिन बाद में मतदान की तारीख आगे बढ़ाकर इसे 25 मई कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर की ऊधमपुर लोकसभा सीट में 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। यहां करीब 70 फीसदी वोटिंग हुई थी। 26 अप्रैल को जम्मू लोकसभा सीट पर 72 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया। अब अनंतनाग-राजौरी के अलावा श्रीनगर और बारामूला में भी मतदान होना बाकी है। श्रीनगर में 13 मई और बारामूला में 20 मई और अनंतनाग राजौरी में 25 मई को मतदान होना है।
लोकसभा चुनाव 2024 में गांधी परिवार ने यूपी की सियासी जमीन खाली नहीं की है। राहुल गांधी ने रायबरेली से नामांकन कर उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार का अस्तित्व बचाए रखने का फैसला किया है। वह पहले ही वायनाड से उम्मीदवार हैं, जहां मतदान हो चुका है। अब उन्होंने रायबरेली से भी पर्चा भरा है और यहां से नामांकन के बाद पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने अपने नामांकन का वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में शाहरुख खान की फिल्म स्वदेश का गाना 'बढ़े चलो' सुनाई दे रहा है। 49 सेकेंड के वीडियो में राहुल को नामांकन के लिए जाते हुए। नामांकन का फॉर्म निर्वाचन अधिकारी को देते हुए, लोगों के बीच और पूजा करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में राहुल के साथ सोनिया और प्रियंका को भी दिखाया गया है। इसके जरिए रायबरेली को गांधी परिवार की कर्मभूमि के रूप में दिखाने की कोशिश की गई है। राहुल की पहली प्रतिक्रिया उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से नामांकन करने के बाद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा "रायबरेली से नामांकन मेरे लिए भावुक पल था! मेरी मां ने मुझे बड़े भरोसे के साथ परिवार की कर्मभूमि सौंपी है और उसकी सेवा का मौका दिया है। अमेठी और रायबरेली मेरे लिए अलग-अलग नहीं हैं, दोनों ही मेरा परिवार हैं और मुझे खुशी है कि 40 वर्षों से क्षेत्र की सेवा कर रहे किशोरी लाल जी अमेठी से पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे। अन्याय के खिलाफ चल रही न्याय की जंग में, मैं मेरे अपनों की मोहब्बत और उनका आशीर्वाद मांगता हूं। मुझे विश्वास है कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में आप सभी मेरे साथ खड़े हैं।" कांग्रेस का गढ़ है रायबरेली उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। यहां लंबे समय से कांग्रेस पार्टीा का कब्जा रहा है। 2019 में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक सीट जीत पाई थी। रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद बनीं थीं। अब उम्र के चलते सोनिया ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। ऐसे में उनकी जगह राहुल गांधी इस सीट से लड़ेंगे।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के गठबंधन की गांठ दिल्ली में काफी कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है। अरविंदर सिंह लवली के बाद अब 30 सालों से कांग्रेस पार्टी में रहे वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश बिधूड़ी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच हुए गठबंधन से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता बिल्कुल खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये 'आप' पार्टी ही है जिसने लगातार कांग्रेस को भ्रष्टाचारी, चोर बताकर और गालियां देकर, बुरा भला कहकर सत्ता में आई। नसीब सिंह और नीरज बसोया ने भी छोड़ी पार्टी दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के बाद गुरुवार को वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश बिधूड़ी ने पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्‍स' पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है। इससे पहले बुधवार को पूर्व विधायक नसीब स‍िंह और नीरज बसोया ने इस्तीफा दिया था। इस दौरान नसीब सिंह ने भी कांग्रेस-आप गठबंधन पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। कांग्रेस सरकार में 15 साल से मंत्री रहे राजकुमार चौहान भी इस्तीफा दे चुके हैं। लवली की फोटो के साथ शेयर की थी पोस्ट दरअसल, ओपी बिधूड़ी ने 28 अप्रैल को एक्स पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लवली के फोटो के साथ एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उन्होंने लिखा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के जो कारण बताए हैं, वो सभी सत्य हैं और मैं भी उन सभी कारणों से सहमत हूं। ओम प्रकाश बिधूड़ी साल 2013 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं। वह प्रदेश कांग्रेस में महासचिव के पद पर भी रह चुके हैं। उधर, लवली के इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र यादव को अंतरिम अध्‍यक्ष नियुक्‍त किया गया है, जो कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भी हैं। AAP से गठबंधन के खिलाफ थे बिधूड़ी ओम प्रकाश बिधूड़ी ने कहा है कि मेरे इस्तीफा देने की वजह बहुत सारी हैं, लेकिन मुख्य वजह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी का गठबंधन है। उन्होंने कहा है कि हजारों कार्यकर्ता हैं जो इस गठबंधन से खुश नहीं हैं। मैंने उनकी भावना व्यक्त की है। बिधूड़ी ने कहा कि इसकी वजह सिर्फ यह है कि यह आम आदमी पार्टी कांग्रेस को भ्रष्टाचारी कह कर और उनके नेताओं को चोर बताकर और हमको ही गालियां देकर यह सत्ता में आई। उन्होंने कहा जब अरविंदर सिंह लवली अध्यक्ष थे तो इस बारे में मैंने उनसे बात की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मेरा इस्तीफा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं। (IANS इनपुट्स के साथ)
भोपालः मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 'अब इमरती जी का रस खत्म हो गया है जो....। मैं उनके लिए अब कुछ बात नहीं करूंगा '। जीतू पटवारी के इस बयान को लेकर बीजेपी लगातार कांग्रेस को घेर रही है। बीजेपी का कहना है कि जहां भी पटवारी जाएंगे वहां पर बीजेपी कार्यकर्ता उनको काले झंडे दिखाएंगे। इमरती देवी ने दर्ज कराई एफआईआर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान को लेकर अब इमरती देवी ने डबरा थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवायी है। इमरती देवी ने आज ही मीडिया से कहा था कि वो जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ डबरा थाने में एफआईआर करवाने जा रही हैं। जीतू पटवारी के घर के बाहर प्रदर्शन जीतू पटवारी के बयान के बाद इंदौर में जीतू पटवारी के घर के बाहर किया बीजेपी महिला मोर्चा ने चूड़ियां लेकर प्रदर्शन किया। राऊ से बीजेपी विधायक मधु वर्मा ने कहा कि जीतू पटवारी हमेशा से महिलाओं का अपमान करते आए हैं। विधानसभा चुनाव में भी जीतू पटवारी ने महिलाओं को लेकर कहा था कि महिलाएं पैसे लेकर पोलके में रख लेती हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साधा निशाना जीतू पटवारी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह केवल इनके बोल नहीं, बल्कि पूरी कांग्रेस पार्टी की मानसिकता है। दलितों व ख़ासकर महिलाओं का अपमान इस पार्टी की रीत बन गई है। बाबा साहेब अंबेडकर ने देश की महिलाओं व दलितों को अपने सम्मान के लिए लड़ने की प्रेरणा दी है। हमारे मध्य प्रदेश के दलित भाई-बहन, इमरती देवी के ऊपर इनकी ओछी टिप्पणी का जवाब 7 तारीख को अपने वोट से देंगे। बीजेपी ने जीतू पटवारी को घेरा मध्य प्रदेश में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। पटवारी के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ता एवं महिला मोर्चा विरोध प्रदर्शन करेंगे। जीतू पटवारी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। वे जिस जिले में जाएंगे वहां उन्हें काले झंडे दिखाये जाएंगे। मध्य प्रदेश बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीषअग्रवाल ने कहा कि जीतू पटवारी की घृणित मानसिकता है। वे महिलाओं में रस ढूँढ़ते हैं। जीतू पटवारी की इस घृणित और निंदनीय मानसिकता पर “लड़की हूँ लड़ सकती हूँ” का नारा देने वाली प्रियंका गांधी क्या राय रखती हैं?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज शुक्रवार को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अमेठी के बजाय रायबरेली को चुनने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया और कहा कि हर कोई जानता है कि "हम उस व्यक्ति को क्या कहते हैं जो बीच में लड़ाई से भाग जाता है"। बता दें कि राजनाथ सिंह हरियाणा के रोहतक में बीजेपी उम्मीदवार अरविंद शर्मा के लिए एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने राहुल पर हमला बोला है। 'मैदान छोड़कर वायनाड भाग गए' उन्होंने कहा, "राहुल गांधी पहले मैदान छोड़कर वायनाड भाग गए हैं। जब उनकी पार्टी उन्हें दोबारा अमेठी से चुनाव लड़ाना चाहती थी, तो उन्होंने रायबरेली को चुना। हम सभी जानते हैं कि उस व्यक्ति को क्या कहा जाए, जिसने लड़ाई बीच में ही छोड़ दी।" इस जनसभा में रक्षा मंत्री ने किसानों के लिए किए गए कामों को लेकर मोदी सरकार की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि भारत में यूरिया की कीमत पाकिस्तान, बांग्लादेश और यहां तक कि अमेरिका जैसे पड़ोसी देशों की तुलना में काफी सस्ती है। पाकिस्तानी पूर्व मंत्री के पोस्ट को लेकर साधा निशाना राजनाथ ने पाकिस्तान के पूर्व मंत्री की हालिया 'राहुल ऑन फायर' पोस्ट को लेकर भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने अपनी संसद में पुलवामा हमले में पाकिस्तान के शामिल होने का दावा किया था और उसी फवाद ने अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को समर्थन दिया है और राहुल को आग कहा है।" 'लोकतंत्र को कोई ख़तरा नहीं हुआ?' उन्होंने कहा, "यह केंद्र में मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के कारण हुआ है।" सूरत और इंदौर में राजनीतिक दांवपेंच के बीच 'लोकतंत्र खतरे में है' के विपक्ष के आरोपों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार पहले 20 बार निर्विरोध चुने गए हैं। उन्होंने दावा किया, "सूरत लोकसभा से बीजेपी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। ये बीजेपी के प्रति लोगों का स्नेह है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी लोकतंत्र के लिए खतरा है। कांग्रेस प्रत्याशी 20 बार निर्विरोध चुने गए हैं तो लोकतंत्र को कोई ख़तरा नहीं हुआ?” अमेठी से किशोरी लाल तो रायबरेली से राहुल जानकारी दे दें कि राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे, यह सीट हाल ही में उनकी मां और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राज्यसभा में जाने के बाद खाली हुई थी। रायबरेली में राहुल का मुकाबला कांग्रेस के दलबदलू और 3 बार के एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह से है। केरल के वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल भी अब यहां से संसद का रास्ता तय करना चाहते हैं। वहीं, अमेठी में कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को मैदान में उतारा है, किशोरी लाल के बारे में कहा जाता है कि वह लंबे समय से गांधी परिवार के वफादार रहे हैं। किशोरी लाल शर्मा ने आज अमेठी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। दोनों सीटों पर मतदान 7 चरण के लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में 7 मई को होगा। इसके अलावा, गुजरात की 25 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 7 मई को एक ही फेज में होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
अमित शाह के डीप फेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। अरुण रेड्डी को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है और कल उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस के मुताबिक अरुण रेड्डी स्पिरिट ऑफ कांग्रेस (spirit of congress) के नाम से सोशल मीडिया पर अकाउंट चला रहा था और अमित शाह के एडिडेट वीडियो को पोस्ट किया था। जानकारी के मुताबिक अरुण रेड्डी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का सोशल मीडिया नेशनल कॉर्डिनेटर है। रेड्डी पर अपने मोबाइल से सबूत मिटाने का भी आरोप है ऐसे में उसके मोबाइल फोन को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है। अरुण रेड्डी की गिरफ्तार दिल्ली से ही हुई है और कल शनिवार को ही उसे कोर्ट में जज के सामने पेश किया जाएगा। दिल्ली पुलिस कोर्ट में ही अमित शाह की एडिटेड वीडियो मामले में अरुण रेड्डी के रोल को लेकर खुलासा करेगी, साथ ही उसकी कस्टडी की भी मांग करेगी। तेलंगाना के आईपी एड्रेस से पोस्ट किया था वीडियो बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के बीच दुष्प्रचार करने के मकसद से गृह मंत्री अमित शाह का एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। पुलिस की ओर से इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। पुलिस द्वारा IFSO जांच में इस बात का बड़ा खुलासा किया गया था कि अमित शाह का एडिटेड वीडियो सबसे पहले तेलंगाना के आईपी एड्रेस से पोस्ट किया गया था। क्या है पूरा मामला? दरअसल, गृह मंत्री अमित शाह का आरक्षण को लेकर एक फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस मामले में बीते रविवार को बड़ा एक्शन लिया गया था। फर्जी वीडियो फैलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर की गई थी। इस फर्जी वीडियो को लेकर ये भ्रम फैलाया जा रहा था कि अमित शाह ने एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण हटाने की बात कही। जबकि वास्तविकता में उन्होंने ऐसा नहीं कहा था। गृह मंत्री ने क्या कहा? पूरे मामले पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष की हताशा और निराशा इस स्तर पर पहुंच गई है कि उन्होंने मेरा और कुछ भाजपा नेताओं का फेक वीडियो बनाकर सार्वजनिक किया है। उनके मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष आदि ने भी इस फेक वीडियो फॉरवर्ड करने का काम किया है। शाह ने कहा कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है तब से वह राजनीति के स्तर को नए निचले स्तर पर ले जाने का काम कर रहे हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि केस लंबा चलेगा ऐसे में अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार कर सकते हैं। बता दें अब इस मामले में कोर्ट 7 मई को सुबह 10.30 मिनट पर सुनवाई करेगा। दरअसल कोर्ट ने इस मामले में बीते सोमवार और मंगलवार को सुनवाई की थी। जिसमें कोर्ट ने ईडी से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सवाल पूछे थे आज ईडी उन्हीं सवालों का जवाब सुप्रीम कोर्ट को देना था। सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील ने कहा कि 16 मार्च तक मैं आरोपी नहीं था फिर अचानक क्या हुआ?
गोंडा: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। बीजेपी ने रायबरेली और कैसरगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज विधानसभा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया है। बृजभूषण की जगह बीजेपी ने करण भूषण सिंह को टिकट दिया है करण भूषण बृजभूषण के छोटे बेटे हैं। इसके साथ ही भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ से भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। भारतीय जनता पार्टी ने कभी गांधी परिवार के खासम खास रहे मौजूदा समय में योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार बना दिया है। दरअसल रायबरेली और कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में होनी है। पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई को होनी है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसको लेकर रायबरेली और कैसरगंज लोकसभा सीट के लिए लगातार मंथन चल रहा था। वहीं लगातार यह चर्चा चल रही थी कि इस बार भारतीय जनता पार्टी कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट सकती है। जिस तरीके से महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी लगातार चल रही थी। वहीं बृहस्पतिवार को सुबह से यह चर्चा चल रही थी कि बीजेपी ने बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दे दिया है।
लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव के दो चरण बीत चुके हैं। अब तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होने वाला है। इसी चरण में उत्तर प्रदेश की चर्चित सीट मैनपुरी में भी मतदान किए जाएंगे। मैनपुरी की सीट से भाजपा ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है। बता दें कि जयवीर सिंह का सामना उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा प्रत्याशी जयवीर सिंह के समर्थन में आज मैनपुरी में रोड शो किया। बुलडोजर पर सवार होकर कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत मैनपुरी में आज सीएम योगी आदित्यनाथ ने रोड शो किया जो लगभग 3 किलोमीटर का था। रोड शो जहां पर खत्म हुआ वहां पहले से ही कई बुलडोजर को लाकर खड़ा कर दिया गया है। सभी बुलडोजर को फूलों से सजाया हुआ था। सभी बुलडोजर पर भाजपा का झंडा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सीएम योगी का भी कटआउट लगाया गया था। रोड शो करते हुए जब सीएम योगी वहां पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने उनपर फूल बरसाते हुए उनका स्वागत भी किया। नीचे दिए गए वीडियो को देखकर आपको अंदाजा लग जाएगा कि रोड शो के पहले से ही कार्यकर्ता कितने उत्सुक थे और उन्होंने कितनी तैयारी की हुई थी। विपक्ष पर साधा निशाना मैनपुरी में रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होने कहा, 'सपा और कांग्रेस का ये गठबंधन भारत को एक बार फिर से गुलामी की ओर धकेलने की साजिश का हिस्सा है। इनके द्वारा कैसे भी हो देश के अंदर SC,ST और OBC के आरक्षण के अधिकार पर सेंध लगाकर अल्पसंख्यकों को बांटने की साजिश हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि, INDI गठबंधन को वोट देने का मतलब भारत की आस्था के साथ खिलवाड़ है और कोई भी सच्चा भारतीय जो अपनी आस्था को सम्मान करते हैं वे कांग्रेस गठबंधन की इस साजिश को कतई सफल नहीं होने देगा।'
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर राजनीति का स्तर गिराने का गंभीर आरोप लगया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पूरा जतन कर रहे हैं कि राजनीति को और गर्त में धकेल दिया जाए। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने एक फर्जी वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि पूरी कांग्रेस पार्टी चुनावों में होने वाली अपनी दुर्दशा की आशंका से हताश हो गई है। उन्होंने असम के गुवाहाटी में कहा, उनकी (कांग्रेस की) हताशा इस स्तर तक पहुंच गई है कि उन्होंने मेरे और कई अन्य भाजपा नेताओं के फर्जी वीडियो फैलाए हैं। मुख्यमंत्रियों, प्रदेश अध्यक्ष और अन्य लोगों ने भी इस फर्जी वीडियो को फॉरवर्ड किया है... आज कांग्रेस पार्टी के एक प्रमुख नेता को आपराधिक मामले का सामना करना पड़ रहा है।' शाह ने राहुल गांधी को खास निशाना बनाते हुए कहा, 'जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है, तब से वो राजनीति के स्तर को नए निम्न स्तर पर ले जाने का काम कर रहे हैं।'
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के शुरुआती 2 चरणों के चुनाव में ही बीजेपी 100 का आंकड़ा पार कर चुकी है। उन्होंने पूरा भरोसा जताया कि इस बार '400 पार' का लक्ष्य पार कर लिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ये झूठ फैला रही है कि बीजेपी संविधान और आरक्षण को खत्म कर देगी। शाह ने कहा कि दो चरणों के चुनाव के बाद बीजेपी और उसके सहयोगी 100 सीटों के आंकड़े को पार चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जनता के आशीर्वाद और समर्थन की बदौलत बीजेपी 400+ लोकसभा सीटों के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमित शाह ने गुवाहाटी में कहा, 'दो चरणों के बाद, हमारे आतंरिक आंकलन के मुताबिक हम कह सकते हैं कि बीजेपी और उसके सहयोगी 100 का आंकड़ा पार कर चुके हैं। हमें पूरा भरोसा है कि हम '400 पार' के संकल्प की तरफ बढ़ रहे हैं। शुरुआती रुझानों के मुताबिक बीजेपी दक्षिण भारत में अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है।' उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और उसके सहयोगी दल असम की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल करेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति मामले में कथित तौर पर हुए घोटाला मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज की सुनवाई पूरी हो गई। अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी। आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से कई सवाल पूछे, जिसमें आम चुनावों से पहले गिरफ्तारी के वक्त पर पूछा सवाल? कोर्ट ने पूछा कि बताएं, आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों ? कोर्ट ने कई तीखे सवाल पूछे... कोर्ट ने पूछा कि क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना आप यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं - इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है और यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल है। - जहां तक मनीष सिसौदिया मामले की बात है.. पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं.. तो हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है? - . उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर, काफी ऊंची है और इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती। - क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं और जिम्मेदारी उन पर आ गई है - तो हम इसकी व्याख्या कैसे करें - क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं - यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिए मानक समान हों। - कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों ? - जीवन और आज़ादी महत्वपूर्ण है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। अदालत 21 मार्च को ईडी द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका में केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनीं और ईडी से सवाल पूछे।
वाराणसी: कांग्रेस के सीनियर नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम के खिलाफ हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। दरअसल उनका एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा था। इस वीडियो में वह लोगों से 'वोट जिहाद' करने की अपील करती दिखाई दे रही हैं। मारिया के बचाव में यूपी कांग्रेस के प्रमुख अजय राय का बयान सामने आया है। मारिया ने क्या कहा था? यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने सलमान खुर्शीद की भतीजी और सपा नेता मारिया आलम खान के द्वारा एक सभा में वोट जेहाद की अपील करने के सवाल के जवाब में बयान दिया। अजय ने मारिया का बचाव करते हुए कहा कि वह लोगों से ज्यादा से ज्यादा वोट डालने की अपील कर रही थीं, क्योंकि इस गर्मी के वक्त में लोग परेशान हैं और वोट कम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सोच के तहत उन्होंने बोला था कि लोग ज्यादा से ज्यादा इंडिया गठबंधन को वोट दें। वैक्सीन को लेकर मोदी सरकार को घेरा अजय राय ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। अजय राय ने यह मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता से माफी मांग कर अपने पद से इस्तीफा दें। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाकर कई महिलाओं के सुहाग उजाड़े और मंगलसूत्र तोड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी के मालिक देश छोड़कर भाग चुके हैं। देवगौड़ा के पोते के वायरल वीडियो पर भी दिया बयान अजय राय ने देवगौड़ा के पोते का वल्गर वीडियो वायरल होने के मामले में कहा कि भारतीय जनता पार्टी में ऐसे कई हैं, जो गली-गली घूम रहे हैं। उन्होंने रायबरेली से प्रियंका के चुनाव को लेकर भी बात की। उन्होंने रायबरेली से प्रियंका गांधी के द्वारा चुनाव न लड़ने और अमेठी पर बने सस्पेंस पर कहा कि जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने चार उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस ने हरियाणा के गुड़गांव सीट से राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है। हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा सीट से आनंद शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा गया है तो वहीं हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से सतपाल रायजादा को उम्मीदवार बनाया गया है और महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ सीट से भूषण पाटिल कैंडिडेट घोषित किए गए हैं।
नई दिल्ली,दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में मामले की सुनवाई हुई। केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और ED की तरफ से ASG एसवी राजम ने दलीलें रखीं। बेंच ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा- दरअसल आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ हैं। आपने जमानत के लिए आवेदन क्यों नहीं किया? इस पर सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। इस पर ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया। आपको नोटिस भेजे गए थे। आपने नजरअंदाज कर दिए। कोर्ट में सुनवाई 2 बजकर 55 मिनट पर शुरू हुई। इसके बाद सिंघवी ने करीब 1 घंटे तक लगातार अपनी बातें रखीं। कोर्ट ने इस पर पूछा कि आपको अपनी बात पूरी करने के लिए और कितना समय चाहिए। हम इस पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेंगे। हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी को सही बताया था 9 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही बताया था। साथ ही कहा था कि ED के पास गिरफ्तारी के पर्याप्त सबूत हैं। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। 15 अप्रैल को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 29 अप्रैल यानी आज की तारीख दी थी। कोर्ट रूम LIVE सिंघवी: ईडी यह नहीं कह सकती है कि उसके पास आधार है, क्योंकि केजरीवाल को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत नहीं दी गई। जस्टिस खन्ना: क्या आप खुद विरोधाभासी नहीं हो रहे हैं? आपने कहा कि सेक्शन 50 के तहत बयान रिकॉर्ड नहीं किए गए। फिर बाद में आप बयान देने के लिए नहीं गए। सिंघवी: इन्होंने सेक्शन 50 के तहत जो रिकॉर्ड किया, उसमें कोई सबूत नहीं है। मैं यही कह रहा हूं। जस्टिस खन्ना: हम समझ गए। और कितना वक्त लगेगा? सिंघवी: कम से कम एक घंटा। जस्टिस खन्ना: हम कल सुनवाई करेंगे। सिंघवी: मैं तारीखें बता सकता हूं। 9वें बयान को नजरंदाज कर दिया, 10वें को देखा। ऐसा नहीं होना चाहिए। बुच्ची बाबू, मुंगटा, राघव इनके पांचों बयान देख लीजिए। क्या तारीख है, दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 तक। इन्होंने मार्च 2024 में गिरफ्तारी क्यों की। वो कोई आतंकवादी नहीं हैं। आपने एक दोषी मुख्यमंत्री को इतने वक्त तक खुला क्यों घूमने दिया? जस्टिस खन्ना: आपको नोटिस भेजे गए थे। आपने नजरंदाज कर दिया। सिंघवी: केजरीवार को सीबीआई ने बुलाया, वो गए। ईडी के नोटिस का डिटेल में जवाब दिया गया। उन्होंने कहा कि वो नहीं आ सकते हैं। आप आज ये नहीं कह सकते हैं कि आप आए नहीं इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया। ये मेरा अधिकार है कि मैं ना जाऊं। अगर कोई आरोपी कहता है कि मैं बयान नहीं दूंगा तो क्या आप कह सकते हैं कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है इसलिए उसे गिरफ्तार करते हैं? इन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। सेक्शन 50 के तहत वहां बयान नहीं लिए गए। डेढ़ साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई। मेरी बेल को नकार दिए जाने से मुझे घर आकर गिरफ्तार करने का आधार नहीं बन जाता है। सिंघवी: अगर आप गवाह बनते हैं तो निश्चित तौर पर कुछ मिलीभगत है। जस्टिस खन्ना: यथार्थ की बात करते हैं, आपको चार्जशीट नहीं किया गया। सिंघवी: कई बयानों में केजरीवाल नाम नहीं लिया गया। कोई नए दस्तावेज नहीं थे। इन्हें सिसोदिया केस में दिखाया गया था। केजरीवाल को अब अरेस्ट किया गया, अब क्या नया था? सेक्शन 50 के तहत ये बयान दर्ज किए गए। इनमें मेरा नाम नहीं था सिर्फ एक को छोड़कर। बीएसआर रेड्डी जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, उसने 17 बयान दिए थे। उसने अप्रैल में मेरा नाम लिया था। शरथ रेड्डी ने अपने 9 बयानों में मेरा नाम नहीं लिया था। मेरा नाम विश्वास ना करने वाले दस्तावेज में डाल दिया गया। इन्होंने अपने हिसाब से चयन किया। ये चूहे-बिल्ली के खेल जैसा है। शरथ रेड्डी ने मेरा नाम 10 अप्रैल तक नहीं लिया था। लेकिन क्या ईडी ने उसके 10वें बयान पर भरोसा करने की वजह बताई? ईडी: यह सही नहीं है। जस्टिस खन्ना: हम समझ रहे हैं कि आप PMLA के सेक्शन 19 पर फोकस कर रहे हैं। कड़ी परीक्षा है। देखते हैं कि विजय मदनलाल चौधरी का फैसला क्या कहता है। सिंघवी: लेकिन ध्यान रखिए कि केजरीवाल आरोपी नहीं हैं। 24 मार्च तक उन्होंने यही कहा था कि मैं ना तो आरोपी हूं और ना ही संदिग्ध। कुछ बयानों की अफवाह थी, जैसे राघव, शरथ रेड्डी। इलेक्टोरल बॉन्ड का नाम सामने आया, पिता ने भाजपा जॉइन कर ली।
कोलकाता,सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर रोक लगा दी। कोर्ट ने पूछा है कि क्या 25 हजार नियुक्तियों में से सही तरीके से किए गए टीचर्स के अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 6 मई को करेगा। याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जाए, जिसमें सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देखिए इसे किस तरह से किया गया है। ओएमआर शीट को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। जो लोग पैनल में नहीं थे, उन्हें रिक्रूट किया गया। यह फ्रॉड है। वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सभी नियुक्तियों को खारिज कर दिया गया है, जबकि सीबीआई को अब तक जांच में सिर्फ 8000 नियुक्तियों में खामियां मिली हैं। स्कूल सर्विस कमीशन ने भी कहा कि जो नियुक्तियां सही तरह से हो सकती थीं, उन्हें अलग किया जा सकता था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को 2016 में की गई 25 हजार 753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।​ हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए हैं। इसके लिए कोर्ट ने 6 हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट रूम LIVE... CJI चंद्रचूड़: ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई हैं, क्या ऐसे में सही तरह से किए गए अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है। मुकुल रोहतगी: दूसरे डॉक्यूमेंट मौजूद हैं। CJI चंद्रचूड़: यह सारी चीजें आपको बतानी होंगी कि क्या अब जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनके आधार पर सही और गलत नियुक्तियों को अलग-अलग किया जा सकता है। यह पता लगाया जा सकता है कि इस घोटाले का फायदा किसे पहुंचा। CJI चंद्रचूड़: 25 हजार बहुत बड़ी संख्या है। 25 हजार नौकरियां ले ली गईं, ये बड़ी बात है, जब तक कि हम यह ना जान लें कि सबकुछ धोखाधड़ी से भरा हुआ था। हम इस पर 6 मई को सुनवाई करेंगे। क्या हैं बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला? पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सेलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ भर्ती किया था। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी। इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अर्पिता पेशे से मॉडल थीं। अर्पिता के घर से 49 करोड़ कैश और करोड़ों की ज्वेलरी मिली थी ED ने 22 जुलाई, 2022 को पार्थ चटर्जी के ठिकानों समेत 14 जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान घोटाले में बंगाल की एक मॉडल अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी जानकारी भी सामने आई। छापेमारी के दौरान अर्पिता मुखर्जी की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। इसके बाद ED ने अर्पिता के घर पर छापा मारा। अर्पिता के फ्लैट से करीब 21 करोड़ रुपए कैश, 60 लाख की विदेशी करेंसी, 20 फोन और अन्य दस्तावेज मिले। 24 जुलाई को ED ने अर्पिता और पार्थ को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एक और छापेमारी में अर्पिता के घर से 27.9 करोड़ रुपए कैश मिला। इसमें 2000 रुपए और 500 रुपए के नोटों के बंडल थे। इसके अलावा 4.31 करोड़ रुपए का गोल्ड मिला। इसमें 1-1 किलो की 3 सोने की ईंटें, आधा-आधा किलो के 6 सोने के कंगन और अन्य ज्वेलरी शामिल हैं।
भाजपा ने मशहूर वकील उज्ज्वल निकम को मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से उम्मीदवार बनाया है। निकम 26/11 मुंबई हमले के पाकिस्तान के आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिला चुके हैं। निकम 1992 के मुंबई ब्लास्ट मामले में भी सरकारी वकील थे। भाजपा ने 2019 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से भाजपा नेता दिवंगत प्रमोद महाजन की बेटी पूनम को टिकट दिया था। पूनम अभी सांसद हैं। पूनम महाजन ने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया था पूनम महाजन 2006 में पिता प्रमोद महाजन की हत्या के बाद भाजपा में शामिल हुई थीं। 2009 में पहली बार घाटकोपर वेस्ट से सांसद चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। 2014 में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से उन्होंने कांग्रेस की प्रिया दत्त को हराया। पूनम ने 2012 में ब्राइटन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मैनेजमेंट से बीटेक की डिग्री ली।
नई दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को लेकर आए दिन कोई न कोई खबर सामने आती है। आप की तरफ से कभी कहा जाता है कि केजरीवाल के टिफिन की जासूसी होती है तो कभी कहा जाता है कि उन्हें इंसुलिन नहीं लेने दी गई। ऐसे में तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनिवाल ने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बात की है। इस दौरान उन्होंने केजरीवाल को लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए हैं। केजरीवाल को जेल में विशेष ट्रीटमेंट नहीं: डीजी तिहाड़ जेल के डीजी संजय बेनिवाल ने इंडिया टीवी को बताया कि केजरीवाल को जेल में विशेष ट्रीटमेंट नहीं मिल रहा है। कोर्ट के ऑर्डर से जेल में सीसीटीवी लगा है। सीसीटीवी की फीड कंट्रोल रुम में देख सकते हैं। अरविंद केजरीवाल के शेल में दो कैमरे हैं। सीसीटीवी फुटेज किसी से शेयर नहीं की जाती है। कैदी आता है तो डॉक्टर्स जांच करते हैं। सीसीटीवी से केजरीवाल की निगरानी के आरोप झूठे: डीजी डीजी ने कहा कि तिहाड़ में CCTV से केजरीवाल की निगरानी के आरोप झूठे हैं। तिहाड़ का फुटेज एलजी या सरकार तक जाने का सवाल ही नहीं है। केजरीवाल के फूड-हेल्थ पर कोर्ट के हर फैसले का पालन हो रहा है। इंसुलिन देने का फैसला पूरी तरह से मेडिकल टीम पर निर्भर था। केजरीवाल ने जेल से अपने मंत्रियों को कोई ऑर्डर लेटर नहीं दिया।
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देकर अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रहित से ऊपर निजी हित रखा हैं। अदालत ने दिल्ली में AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे केवल सत्ता में दिलचस्पी है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में के छात्रों के लिए किताब और ड्रेस की अनुपलब्धता पर दिल्ली सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को छात्रों के पास किताबें नहीं होने की कोई चिंता नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, "आपके मुवक्किल को सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी है। मुझे नहीं पता कि आप कितनी सत्ता चाहते हैं।" एमसीडी कमिश्नर ने दी ये दलील इससे पहले एमसीडी कमिश्नर ने बताया था कि नोटबुक, स्टेशनरी आइटम, यूनिफॉर्म और स्कूल बैग का वितरण न होने का एक बड़ा कारण स्थायी समितियों का गठन न होना है। उन्होंने कहा कि केवल स्थायी समिति के पास ही पांच करोड़ से अधिक के ठेके देने की शक्ति और अधिकार क्षेत्र है। तब हाईकोर्ट ने कहा कि किसी तरह की कोई रिक्तता नहीं होना चाहिए। अगर किसी वजह से स्थायी समिति का गठन नहीं हो सका है तो वित्तीय जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) द्वारा एक उपयुक्त अथॉरिटी को तुरंत सौंपी जानी चाहिए। घड़ियाली आंसू बहा रहे मंत्री दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें मंत्री सौरभ भारद्वाज से निर्देश मिले हैं कि इस तरह के प्रतिनिधिमंडल के लिए मुख्यमंत्री की सहमति की आवश्यकता होगी, जो हिरासत में है। इस पर कोर्ट ने कहा, 'यह आपकी पसंद है कि आपने कहा कि मुख्यमंत्री के हिरासत में होने के बावजूद सरकार चलती रहेगी। आप हमें उस रास्ते पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं जिस पर हम नहीं जाना चाहते थे। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने छात्रों की दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान का आयोजन किया गया है। इस चरण में देश के 13 राज्यों की 88 सीटों पर मतदान का आयोजन किया गया। इस बीच राजनीतिक दलों के नेताओं का एक दूसरे के खिलाफ बयान देना जारी है। अब एक इंटरव्यू में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बौद्ध धर्म के प्रति पीएम मोदी के विश्वास पर सवाल उठाया है। हालांकि, खरगे के इस बयान पर भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष ने ही कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए कांग्रेस पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या बोले थे मल्लिकार्जुन खरगे? एक इंटरव्यू में मल्लिकार्जुन खरगे ने बौद्ध धर्म के लिए पीएम मोदी के विश्वास पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है। पीएम मोदी बुद्ध को अपने करीब नहीं आने देते। खरगे ने कहा था कि उत्तराखंड में कानून है कि अगर कोई बौद्ध धर्म अपनाना चाहता है तो उसे जिला मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा। खरगे ने कहा कि बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में हुआ लेकिन पीएम मोदी इसमें विश्वास नहीं करते। खरगे का बयान निंदनीय- संघप्रिया राहुल भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष संघप्रिया राहुल ने पीएम मोदी पर मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा की गई टिप्पणी की निंदा की है। संघप्रिया राहुल ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी निंदनीय है। पीएम मोदी ने साल 2014 में पहली बार तालकटोरा स्टेडियम में भगवान बुद्ध का जन्मदिन मनाया था। राहुल ने कहा कि आजादी के बाद ये पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध का जन्मदिन मनाया था। तब आपने बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया? भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष संघप्रिया राहुल ने बताया कि जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम थे उस वक्त भी उनके पास विधानसभा और सीएम आवास पर बुद्ध की प्रतिमा थी। संघप्रिया राहुल ने कहा कि मैं मल्लिकार्जुन खरगे से पूछना चाहता हूं कि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब आपने बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया, आपने बुद्ध का उत्सव क्यों नहीं मनाया?
कोलकाता,केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने शुक्रवार 26 अप्रैल को संदेशखाली में कई जगहों पर सर्चिंग की। इस दौरान जांच एजेंसी विदेशी पिस्टल समेत कई हथियार, बम और गोला-बारूद बरामद किया। इसके बाद NSG कमांडो भी संदेशखाली पर पहुंचे। NSG टीम भी तलाशी अभियान चला रही है। अधिकारियों ने बताया कि यह सर्चिंग 5 जनवरी को शाहजहां शेख के घर दबिश देने गई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमले से जुड़ी है। ED की टीम 5 जनवरी को राशन घोटाला मामले में शाहजहां के ठिकानों पर रेड करने गई थी। उस दिन करीब एक हजार लोगों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें ED के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। एजेंसी के एक डिप्टी डायरेक्टर ने बशीरहाट एसपी से इसकी शिकायत की थी। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने CBI को FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। इसी मामले की जांच में CBI को संदेशखाली में हथियारों का बड़ा जखीरा छिपा होने का इनपुट मिला था। CBI से जांच कराने के निर्देश के खिलाफ बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर 29 अप्रैल को सुनवाई होगी। संदेशखाली केस में CBI की पहली FIR कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार 25 अप्रैल को CBI ने संदेशखली में जमीन हड़पने और महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण केस में पहली FIR दर्ज की। मामले में पांच आरोपियों के नाम शामिल हैं। हालांकि ये आरोपी कौन हैं, यह सामने नहीं आया। हालांकि, कहा जा रहा है कि ये रसूखदार लोग हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को संदेशखाली मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। अपने आदेश में कहा कि CBI कोर्ट की निगरानी में जांच करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। संदेशखाली की महिलाओं ने 8 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था। मामले में 3 आरोपी शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार न्यायिक हिरासत में हैं। कौन है मुख्य आरोपी शाहजहां शेख आरोपी शाहजहां शेख संदेशखाली में कहां से आया, ये कोई नहीं जानता। 2000-2001 में वो मछली केंद्र में मजदूर था। वह सब्जी भी बेचता था। फिर ईंट-भट‌्ठे पर काम करने लगा। यहीं उसने मजदूरों की यूनियन बनाई। फिर सीपीएम से जुड़ा। सिंगूर और नंदीग्राम आंदोलन में वामदलों की जमीन खिसकी तो 2012 में शाहजहां तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना जिले के ताकतवर नेता ज्योतिप्रिय मलिक के सहारे पार्टी से जुड़ गया। संदेशखाली के लोगों के मुताबिक, शाहजहां के पास सैकड़ों मछली पालन केंद्र, ईंट भट्‌ठे, सैकड़ों एकड़ जमीन हैं। वह 2 से 4 हजार करोड़ की संपत्ति का मालिक है। शाहजहां के समर्थकों ने ED की टीम पर हमला किया था कोरोना के दौरान कथित तौर पर हुए हजारों करोड़ रुपए के राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को बंगाल में 15 ठिकानों पर छापा मारा था। टीम नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में शाहजहां शेख और शंकर अध्य के घर भी रेड डालने गई थी। इस दौरान उन पर TMC समर्थकों ने जानलेवा हमला किया था। आरोप लगाने वाली पीड़ित महिलाओं का कहना है कि शाहजहां शेख जिसे चाहे उसे अपनी हवस का शिकार बनाता था। ED की रेड के बाद वह फरार हो गया था। करीब 55 दिन बाद उसे 29 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।
नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से चुनाव कराने और इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (EVM) और VVPAT स्लिप की 100% क्रॉस-चेकिंग कराने से जुड़ी याचिकाएं खारिज कर दीं। लेकिन एक बड़ा फैसला भी दिया। कोर्ट ने EVM के इस्तेमाल के 42 साल के इतिहास में पहली बार जांच का रास्ता खोल दिया। सुनवाई शुक्रवार को हुई और बेंच जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की थी। दोनों ने एकमत से फैसला सुनाया। (देश में 1982 में पहली बार केरल में EVM से आम चुनाव हुए थे। सुप्रीम कोर्ट में चुनौती के बाद इन्हें रद्द कर दिया गया था।) इस केस में 3 पक्ष शामिल थे…एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी याचिकाकर्ता, चुनाव आयोग, सरकार। केस चुनाव और मतदान से जुड़ा है तो राजनीतिक पार्टियां और आम जनता भी जुड़ी हुई है। केस और फैसले के असर को इन सभी पक्षों के नजरिए से समझते हैं... 1. आम आदमी यानी मतदाता सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से आम आदमी की वोट देने की प्रोसेस में कोई बदलाव नहीं होगा। वोटर पोलिंग बूथ जाएगा। अंगुली पर स्याही लगेगी। चुनाव अधिकारी कंट्रोल यूनिट का बटन दबाएगा। वोटर बैलट यूनिट में कैंडिडेट के नाम के सामने का बटन दबाएगा और फिर कुछ सेकेंड तक वीवीपैट की लाइट में अपनी पर्ची देख सकेगा। 2. राजनीतिक पार्टियां और कैंडिडेट्स फैसले के बाद राजनीतिक पार्टियां और कैंडिडेट्स के लिए एक रास्ता खुला है। वे EVM की जांच करवा सकेंगे। इसे नीचे दिए पॉइंट्स से समझिए। दूसरे या तीसरे नंबर पर आने वाले किसी कैंडिडेट को शक है तो वह रिजल्ट घोषित होने के 7 दिन के भीतर शिकायत कर सकता है। शिकायत के बाद EVM बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर्स इसकी जांच करेंगे। किसी भी लोकसभा क्षेत्र में शामिल विधानसभा क्षेत्रवार की टोटल EVM's में से 5% मशीनों की जांच हो सकेगी। इन 5% EVM's को शिकायत करने वाला प्रत्याशी या उसका प्रतिनिधि चुनेगा। इस जांच का खर्च कैंडिडेट को ही उठाना होगा। चुनाव आयोग ने बताया- जांच की समय सीमा और खर्च को लेकर जल्द ही जानकारी शेयर की जाएगी। जांच के बाद अगर ये साबित होता है कि EVM से छेड़छाड़ की गई है तो शिकायत करने वाले कैंडिडेट को जांच का पूरा खर्च लौटा दिया जाएगा। 3. याचिकाकर्ता उनकी सभी याचिकाएं खारिज हो गईं, लेकिन EVM की जांच के आदेश से थोड़ी राहत मिली। ADR के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश दिए, जिसमें कैंडिडेट्स के लिए शिकायत और फिर जांच की बात भी है। इसके बाद सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं। 4. चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 3 निर्देश दिए हैं। 1. सिंबल लोडिंग प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इस यूनिट को सील कर दिया जाए। सील की गई यूनिट को 45 दिन के लिए स्ट्रॉन्ग रूम में स्टोर किया जाए। 2. इलेक्ट्रॉनिक मशीन से पेपर स्लिप की गिनती के सुझाव का परीक्षण कीजिए। 3. यह भी देखिए कि क्या चुनाव निशान के अलावा हर पार्टी के लिए बारकोड भी हो सकता है। 5. सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले में सरकार के लिए कोई निर्देश नहीं है।
नई दिल्ली,18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए सेकेंड फेज में शुक्रवार 26 अप्रैल को 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 88 सीटों पर वोटिंग हुई। त्रिपुरा में सबसे ज्यादा करीब 77.93% वोटिंग हुई। महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश मे सबसे कम 53% के आसपास मतदान हुआ। 2019 के आम चुनावों में इन सीटों पर 70.05% मतदान हुआ था। वोटिंग के दौरान मणिपुर के उखरुल से एक वीडियो सामने आया था, जिसमें कुछ संदिग्ध एक बूथ के अंदर घुस आए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र को हाईजैक किया गया। इससे पहले, छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बूथ पर ड्यूटी के दौरान एक पुलिसकर्मी ने खुद को गोली मार ली। वह मध्य प्रदेश का रहने वाला है। तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बंगाल की दो लोकसभा सीटों बालूरघाट और रायगंज में सेंट्रल फोर्सेस महिलाओं को वोटिंग से रोकी। बालूरघाट में बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और तृणमूल वर्कर्स के बीच झड़प भी हुई। सेकेंड फेज में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, 5 केंद्रीय मंत्री, 2 पूर्व CM और 3 फिल्मी सितारे मैदान में हैं। इसके अलावा राहुल गांधी, शशि थरूर और हेमा मालिनी की सीट पर भी वोटिंग हुई। आउटर मणिपुर के कुछ हिस्सों में दोबारा वोटिंग हुई। चुनाव आयोग ने इस सीट पर दो फेज में चुनाव की घोषणा की थी। 2019 में सेकेंड फेज की सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा को 50 और NDA के सहयोगी दलों ने 8 सीटें जीती थीं। कांग्रेस के खाते में 21 सीटें गईं थीं। अन्य को 9 सीटें मिली थीं। चुनाव आयोग के मुताबिक, दूसरे फेज में 1,202 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 1,098 पुरुष और 102 महिला उम्मीदवार हैं। दो प्रत्याशी थर्ड जेंडर से है। इससे पहले 19 अप्रैल को पहले फेज की 102 सीटों पर वोटिंग हुई थी। आज के बाद 5 फेज की वोटिंग 1 जून को खत्म होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे।
नई दिल्ली,लोकसभा चुनाव के बीच 'विरासत टैक्स' पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने आ गई। इस बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का भी इस पर एक बयान बुधवार को सामने आया। उन्होंने कहा कि भारत में विरासत टैक्स लगाने पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है। उसके मरने के बाद 45% संपत्ति उसके बच्चों को मिलती है, जबकि 55% पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है। यह बड़ा ही दिलचस्प कानून है। इसके बाद पीएम मोदी, अमित शाह समेत भाजपा के कई नेताओं ने अपनी-अपनी रैलियों में कांग्रेस पर हमला बोला। उधर कांग्रेस ने सैम के बयान से किनारा कर लिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह उनके निजी विचार हैं। इसका पार्टी से कोई मतलब नहीं है। राहुल गांधी ने आज सुबह नई दिल्ली में एक पार्टी इवेंट में कहा कि मैंने ये नहीं कहा कि हम इस पर कोई एक्शन लेंगे। मैं सिर्फ ये कहा रहा हूं कि हमें ये देखना चाहिए कि कितना अन्याय हुआ है। 'विरासत टैक्स' पर राजनीति: शाह बोले- कांग्रेस की मंशा सामने आई, पीएम ने कहा- कांग्रेस का पंजा आपसे सब छीन लेगा अमित शाह: सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस की असली मंशा सामने आ गई है। सबसे पहले, कांग्रेस के मेनिफेस्टो में सर्वे का जिक्र, मनमोहन सिंह का पुराना बयान जिसमें उन्होंने बताया था कि इस देश की संपदा पर माइनॉरिटी का पहला हक है और अब सैम पित्रोदा का बयान जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिका की तरह संपत्ति का बंटवारा होना चाहिए। जब पीएम ने इस मुद्दे को उठाया था, तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी बैकफुट पर आ गई थी, कि ऐसी मंशा नहीं थी। लेकिन, सैम पित्रोदा के बयान ने सब साफ कर दिया है। वे लोगों की निजी संपत्ति का सर्वे करना चाहते हैं, उसे सरकारी संपत्ति बनाकर उसे UPA की पिछली सरकार की तरह बांटना चाहते हैं। कांग्रेस को या तो इस मेनिफेस्टो को वापस ले लेना चाहिए या ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि वे यही चाहते हैं। मैं चाहता हूं कि लोग सैम पित्रोदा के स्टेटमेंट को गंभीरता से लें। मल्लिकार्जुन खड़गे: देश में एक संविधान है। हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है। पत्रकारों से कहा कि आप उनके (पीएम मोदी के) आइडिया पर हमारा नाम क्यों लगा रहे हैं। सिर्फ वोट की खातिर पीएम मोदी ये सारे खेल खेल रहे हैं। राहुल गांधी: राहुल गांधी ने नई दिल्ली में एक पार्टी इवेंट में कहा, 'मैं कह रहा हूं हिंदुस्तान में आज 90% लोगों के साथ न्याय हो रहा है। आजतक मैंने यह भी नहीं कहा कि, हम कोई एक्शन लेंगे। मैंने बस ये कहा कि, पता लगाते हैं कि कितना न्याय हो रहा है। इस पर तो कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए।' पीएम मोदी: पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में कहा कि कांग्रेस कहती है कि वो माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी। आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। वो भी कांग्रेस का पंजा आपसे छीन लेगा। कांग्रेस का ये मंत्र आपकी संपत्ति छीन लेगा, आपको लूट लेगा। कांग्रेस का मंत्र है, जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी। जब तक आप जीवित रहेंगे, कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी। जिन लोगों ने पूरी कांग्रेस पार्टी पैतृक संपत्ति मानकर अपने बच्चों को दे दी, वो नहीं चाहते कि सामान्य भारतीय अपने बच्चों को दें। BJP बोली- कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है सैम पित्रोदा के बयान के बाद भाजपा ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है। BJP आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा है कि कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है। अब सैम पित्रोदा संपत्ति वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की वकालत करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा अगर कांग्रेस जीतती है तो हम जो भी टैक्स देते हैं, वह भी बढ़ जाएगा।
दिल्ली शराब नीति में कथित तौर पर हुए घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में बंद मनीष सिसोदिया को सीएम अरविंद केजरीवाल और के कविता की तरह ही राहत नहीं मिली है। मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को भी कोर्ट ने 7 मई तक बढ़ा दिया है। कल यानी मंगलवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत भी कोर्ट ने सात मई तक बढ़ा दिया है। बता दें कि बुधवार को CBI मामले में चार्ज फ्रेम करने पर अभी शुरू नहीं करने की मांग वाली याचिका पर राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने CBI से जवाब मांगा और उसके बाद राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी है। राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में मामले में अगली सुवनाई 7 मई को होगी। कोर्ट में हुआ अजब-गजब दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में आज अजब सा माहौल था जब जज नाराज हो गए और वकीलों को माफी मांगी। दिल्ली शराब नीति से जुडे़ सीबीआई मामले में चार्ज फ्रेम करने पर अभी शुरू नहीं करने की मांग वाली याचिका पर राउज ऐवन्यू कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सीबीआई मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ाई दी है. राउज ऐवन्यू कोर्ट में मामले में अगली सुवनाई 7 मई को होगी। आरोपियों के वकील ने जज ने कहा कि हमको कोर्ट रूम से वॉक आउट नहीं किया था, हम उसके लिए माफी भी मांगते है। इसपर जज ने नाराजगी जताते हुए कहा कि हमने पहली बार इस तरह का बर्ताव देखा है, जैसे आपकी दलील पूरी हुई आप सभी कोर्ट के बाहर चले गए, यह किस तरह का बर्ताव है कि आप सभी कोर्ट के बाहर बिना कोर्ट से इजाजत लिए और कोर्ट को बिना बातए चले गए थे। कोर्ट में इस अजब-गजब दृश्य को देखकर मनीष सिसोदिया भी हैरान रह गए।
जोधपुर: मंडी से बीजेपी उम्मीदवार कंगना रनौत ने राजस्थान के जोधपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'लोगों की ऊर्जा और उत्साह देखा जा सकता है। हम बीजेपी के प्रति लोगों का प्यार देख सकते हैं। बता दें कि कंगना खुलकर जनता के बीच जा रही हैं और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश कर रही हैं। मंडी में कही थी ये बात कंगना रनौत ने चुनाव प्रचार करने के दौरान मंडी में भी रोड शो किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि ये मत सोचिए कि मैं हीरोइन हूं या कोई स्टार हूं। कंगना को अपनी बेटी, बहन और परिवार मानिए। बता दें कि मंडी लोकसभा सीट से भाजपा द्वारा टिकट दिए जाने के बाद कंगना रनौत ने पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा का आभार व्यक्त करते हुए कहा था कि मुझे मेरी मिट्टी ने बुलाया है और मुझे मेरी मिट्टी की सेवा करने का मौका मिल रहा है, इसके लिए आभार। बता दें कि हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट पर बेहद रोचक मुकाबला होने के आसार हैं। इस सीट पर किंग बनाम क्वीन का मुकाबला होने जा रहा है। बीजेपी ने जहां बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना को चुनाव मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। कंगना ने बॉलीवुड की मूवी क्वीन में अभिनय से काफी लोकप्रियता बटोरी थी, वहीं विक्रमादित्य सिंह राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। इसलिए यहां के मुकाबले को 'किंग बनाम क्वीन' कहा जा रहा है।
लखनऊ: 700 करोड़ की ड्रग तस्करी में शामली का तहसीम उर्फ मोटा गिरफ्तार हुआ है। एनआईए ने तहसीम उर्फ मोटा को गिरफ्तार किया। दो साल पहले अटारी बॉर्डर पर अफगानिस्तान से आए 700 करोड़ रुपए की ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तारी हुई है। एनआईए के मुताबिक तहसीम का संबंध इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल से है। तहसीम के बैंक खाते में नशीले पदार्थों की बिक्री से मिली रकम आने की भी पुष्टि हुई है। इस मामले में अब तक सात आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अप्रैल 2022 में कस्टम विभाग ने अटारी बॉर्डर पर 102 किलो हीरोइन बरामद की थी।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर से नियमित मुलाकात और इन्सुलिन मुहैया कराने की याचिका दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मांग को ठुकरा दिया है। वहीं, कोर्ट ने सोमवार को तिहाड़ जेल प्रशासन को कई बड़े आदेश जारी किए हैं। आइए 10 प्वाइंट्स में जानते हैं कि राऊज एवेन्यू कोर्ट आज कौन-कौन से बड़े निर्देश जारी किए हैं। अभी केजरीवाल को अपने डॉक्टर से परामर्श की इजाजत नहीं मिलेगी। तिहाड़ जेल ऑथोरिटी की जिम्मेदारी होगी कि अरविंद केजरीवाल को जेल के अंदर जरूरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उनकी सेहत का पूरा ख्याल रखा जाए। अरविंद केजरीवाल को सेहत के बारे में अगर किसी विशेष परामर्श की जरूरत होगी, तो इसके लिए तिहाड़ जेल ऑथोरिटी एम्स के मेडिकल बोर्ड से सलाह लेगी। AIIMS के डायरेक्टर इसके लिए बोर्ड का गठन करेगे। इस बोर्ड में सीनियर Endrocrionlogist/Diabetologist शामिल रहेंगे। अरविंद केजरीवाल की सेहत और चिकित्सा जरूरतों के मद्देनजर अगर जरूरी होगा तो ये मेडिकल बोर्ड डाइट और एक्सरसाइज प्लान भी देगा। जब-जब जरूरत होगी, तब मेडिकल बोर्ड अरविंद केजरीवाल से व्यक्तिगत रूप से जेल में मिलकर उनकी जाँच कर सकता है। अभी केजरीवाल को घर से बना खाना मिलता रहेगा। लेकिन ये खाना उनके प्राइवेट डॉक्टर के डाइट चार्ट और 1 अप्रैल को दिए आदेश के मुताबिक होगा। बाद में उनका खाना मेडिकल बोर्ड की तरफ से सुझाये गए डाइट प्लान के अनुसार होना चाहिए। जेल ऑथोरिटी सुनिश्चित करेगी कि केजरीवाल को मिलने वाला खाना डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक ही हो। अगर केजरीवाल इसका पालन नहीं करते तो जेल ऑथोरिटी इसे तुरंत कोर्ट के संज्ञान में लाएगी। एम्स का मेडिकल बोर्ड जल्द से जल्द कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। रिपोर्ट में बोर्ड इस पर भी अपनी राय देगा कि क्या केजरीवाल को अभी इंसुलिन की जरूरत है या नहीं। अगर केजरीवाल को सेहत को लेकर भविष्य मे किसी स्पेशलिस्ट की जरूरत पड़ती है तो जेल ऑथोरिटी मेडिकल बोर्ड से सलाह लेकर इस पर फैसला करेगी। तिहाड़ जेल ऑथोरिटी अरविंद केजरीवाल की रिपोर्ट हर पन्द्रह दिन में नियमित अंतराल पर कोर्ट को भेजेगी। ये भी पढ़ें
नई दिल्ली,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार 18 अप्रैल को बड़ा आरोप लगाया। ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि वह तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। ईडी ने कहा कि केजरीवाल को टाइप-2 डायबिटीज है, लेकिन वह जेल में आलू पूड़ी, आम और मीठा खा रहे हैं। केजरीवाल शराब घोटाला मामले में तिहाड़ जेल में 18 दिन से बंद हैं। कोर्ट ने उन्हें घर का खाना खाने की अनुमति दी है। अब समझें ये बात कैसे सामने आई दरअसल, केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने ट्रायल कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर केजरीवाल के डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल कंसल्टेशन लेने की मांग की थी। उन्होंने तर्क दिया था कि केजरीवाल टाइप-2 डायबिटीज के मरीज हैं और उनका ब्लड शुगर लेवल ऊपर-नीचे (Fluctuate) होता रहता है। इसके जवाब में ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि केजरीवाल तिहाड़ जेल में जानबूझकर मीठा खा रहे हैं, ताकि इससे उनका शुगर लेवल बढ़ जाए और उन्हें मेडिकल के आधार पर जमानत मिल जाए। केजरीवाल के घर से ऐसा ही खाना आ रहा है, जिसमें शुगर और कॉर्ब्स की मात्रा ज्यादा रहती है। कोर्ट रूम लाइव ED के वकील जोहेब हुसैन ने स्पेशल जज कावेरी बावेजा के सामने कहा कि केजरीवाल के खानपान से जुड़ी ये जानकारी तब पता चली, जब एजेंसी ने तिहाड़ जेल को लिखकर केजरीवाल के खाने और दवाओं के बारे में जानकारी मांगी। हुसैन ने कहा, 'हमने डाइट चार्ट अदालत के सामने रख दिया गया है। इस चार्ट में आम और मिठाई थीं। केजरीवाल ने खासकर मिठाइयों का सेवन किया था, जिन्हें खाने की किसी भी डायबिटिक को अनुमति नहीं होती। केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कहा कि ईडी के दावों पर हमें आपत्ति है। जांच एजेंसी सिर्फ मीडिया के लिए ये आरोप लगा रही है। ED के जवाब के बाद केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कहा कि हम अपनी मौजूदा एप्लीकेशन वापस ले रहे हैं। इसे नए सिरे से दायर करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों की ओर तैयारियों के साथ ही एक दूसरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। अब भारतीय जनता पार्टी ने विपक्षी गठबंधन के नेताओं पर चुनाव के दौरान डराने-धमकाने की राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने आज निर्वाचन आयोग से विपक्षी नेताओं के हालिया बयानों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। आइए जानते हैं ये पूरा मामला। पीएम मोदी को 400 फुट नीचे दफनाने की धमकी दी भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता नजरुल इस्लाम ने बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 400 फुट नीचे दफनाने की खुलेआम धमकी दी थी। उन्होंने देश की जनता द्वारा चुने गए पीएम को मारने और दफनाने की धमकी देकर देश की जनशक्ति का अपमान किया है। पूनावाला ने कहा कि नजरुल इस्लाम का बयान INDI अलायंस की सोच को दिखाता है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस बयान का स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की है। विपक्ष की सोची-समझी साजिश भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने दावा किया कि दुर्व्यवहार, अपमान और डराने-धमकाने की राजनीति कोई संयोग नहीं बल्कि विपक्ष की सोची-समझी साजिश है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले भी कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने यह कहकर मोदी को मारने की बात कही थी कि वह आएंगे (चुनाव जीतेंगे) और मोदी मर जाएंगे। डीके शिवकुमार पर भी आरोप शहजाद पूनावाला ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर भी आरोप लगाया कि उन्होंने एक आवासीय सोसायटी के निवासियों को धमकी दी थी कि अगर वे उनके भाई डी के सुरेश के लिए वोट नहीं डालेंगे तो उन्हें पानी की सप्लाई नहीं की जाएगी। पूनावाला ने कहा कि इससे पहले कर्नाटक के मंत्री डी सुधाकर ने भी धमकी दी है कि अगर लोग कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं डालते हैं तो 25 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान नहीं मिलेगा।
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 19 अप्रैल को देशभर के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पहले चरण की वोटिंग होगी। इस बीच राजनीतिक दलों के नेता भी एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। अब भाजपा के दिग्गज नेता और देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। राजनाथ सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि 2019 में अमेठी लोकसभा सीट से हार के बाद राहुल गांधी में वहां से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है। वह अपनी हार के बाद उत्तर प्रदेश से केरल पलायन कर गए हैं। राहुलयान न लॉन्च हो पाया और... राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें कांग्रेस का राहुलयान बताया। राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रम और परियोजनाएं लॉन्च की जा रही हैं लेकिन कांग्रेस के युवा नेता पिछले 20 वर्ष में लॉन्च नहीं हो पाए। राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का राहुलयान न तो लॉन्च हो पाया और न ही कहीं लैंड कर पाया। वायनाड के लोग राहुल को सांसद नहीं बनाएंगे- राजनाथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के पथानामथिट्टा लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार अनिल एंटनी के समर्थन में एक सभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि मैंने सुना है कि वायनाड के लोगों ने उन्हें (राहुल गांधी) को अपना सांसद नहीं बनाने का फैसला किया है। बता दें कि राहुल गांधी ने 2019 में यूपी के अमेठी और केरल के वायनाड यानी की दो सीटों से चुनाव लड़ा था। वह वायनाड से चुनाव जीते थे लेकिन उन्हें अमेठी में हार मिली थी। एके एंटनी की तारीफ कांग्रेस पर हमला करने के बावजूद राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अनिल एंटनी के पिता एके एंटनी की सराहना की है। उन्होंने एके एंटनी के बारे में कहा कि वह एक अनुशासित और सिद्धांतवादी व्यक्ति हैं जिनकी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह उनकी मजबूरियां समझते हैं लेकिन वह एंटनी के इस बयान पर हैरान रह गए कि अनिल एंटनी चुनाव हार जाएं।
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया। आपको बता दें कि वर्तमान में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच रैंडम रूप से चयनित ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन किया जाता है।इस मामले पर दायर की गई याचिका में गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने दलीलें पेश की हैं। मतदाताओं की संख्या बढ़ी है- सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील बांग्लादेश की चुनावी व्यवस्था की ओर इशारा किया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा सिस्टम अच्छे से काम कर रहा है, आप जानते हैं और हम भी जानते हैं कि मतपत्रों के साथ क्या हुआ। हमारे मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है और यह लोगों के विश्वास को दर्शाता है। जस्टिस दत्ता ने कहा कि ऐसा मत सोचिए कि केवल विदेशी देश ही अच्छा कर रहे हैं, भारत भी अच्छा कर रहा है। हर चीज़ के बारे में संदेह करने की ज़रूरत नहीं- सुप्रीम कोर्ट बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें हर चीज़ के बारे में संदेह करने की ज़रूरत नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। आपको बता दें कि वीवीपैट, एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उसका वोट सही ढंग से पड़ सका है या नहीं। कोर्ट ने ईवीएम की आलोचना पर जताई नाखुशी इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम की आलोचना और मतपत्रों को वापस लाने की मांग पर नाखुशी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया एक बहुत बड़ा काम है और इस तंत्र को कमजोर करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस बात का भी जिक्र किया कि मतपत्र के दौर में चुनाव परिणामों में हेरफेर करने के लिए कैसे मतदान केंद्रों को कब्जा लिया जाता था।
कांकेर,लोकसभा चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया। सभी के शव बरामद हो गए हैं। इनमें नक्सली लीडर शंकर राव भी शामिल है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इसे बस्तर पुलिस का नक्सलवाद पर सर्जिक स्ट्राइक बताया है। मुठभेड़ में BSF इंस्पेक्टर रमेश चौधरी सहित 3 जवान घायल हुए हैं। इनमें 2 DRG के जवान हैं। मौके से 5 AK-47 बरामद की गई। घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रायपुर लाया गया। DRG का घायल जवान सूर्यवंशी श्रीमाली धमतरी जिले के नगरी का रहने वाला है। कांकेर सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होगा 4 दिन बाद 19 अप्रैल को बस्तर लोकसभा में वोटिंग होनी है। कांकेर लोकसभा में दूसरे चरण में मतदान होना है। इसके लिए नामांकन फॉर्म भी भरे जा चुके हैं। कांकेर में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। मुठभेड़ में मारे गए शंकर राव और ललिता माड़वी डीवीसी रैंक के नक्सली लीडर थे। दोनों पर 25-25 लाख का इनाम घोषित था। पुलिस ने मौके से 4 ऑटोमेटिक हथियार भी जब्त किए हैं। साढ़े पांच घंटे चली मुठभेड़ सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ साढ़े 5 घंटे चली। DIG इंटेलिजेंस आलोक कुमार सिंह ने बताया, पिछले कुछ दिनों से कांकेर इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट के इनपुट्स मिल रहे थे। इसके बाद पुलिस और BSF ने ऑपरेशन की तैयारी की। इसी के तहत आज का ऑपरेशन प्लान किया गया। नक्सलियों को दोपहर करीब एक बजे घेर लिया गया। 2 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और शाम को 7.30 बजे तक यह चली। इस दौरान, सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के शव भी बरामद भी किए। गांव-गांव में लग रहे नक्सलियों के पोस्टर कबीरधाम जिले में नक्सलियों की सूचना देकर उन्हें पकड़वाने वाले को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है। एसपी अभिषेक पल्लव ने इनाम के साथ ही पुलिस विभाग में सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है। सूचना देने के लिए एक हेल्प लाइन नंबर 78988 15399 भी जारी किया गया है। इसके लिए जवान गांव-गांव में नक्सलियों की तस्वीर वाली पोस्टर दीवारों पर लगा रहे हैं।
लखनऊ: देश में लोकसभा की चुनावी बिसात बिछ चुकी है। वहीं सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में भी सियासी गर्मियां तेज हैं। कहते हैं कि सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर निकलता है। ऐसे में एक बार फिर यूपी फतेह करने के लिए सभी पार्टियां जी-जान लगा रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की सियासी शतरंज में शह-मात के खेल के बीच सूबे की 80 सीटों को लेकर ताजा ओपिनियन पोल के आंकड़ें सामने आए हैं। abp c voter के ओपिनियन पोल में एनडीए को बढ़त का दावा किया गया है। एबीपी-सी वोटर के ओपिनियन पोल में यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर सर्वे किया गया है। सर्वे के मुताबिक लोकसभा सीटों की बात करें तो एनडीए के खाते में 73, इंडिया गठबंधन को 7 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं मायावती की बसपा इस बार शून्य पर सिमटती दिख रही है। किसको कितने फीसदी वोट प्रतिशत? सर्वे के मुताबिक एनडीए को 51 फीसदी, इंडिया गठबंधन को 38 फीसदी, बीएसपी को 4 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। इस ओपिनियन पोल में भाजपा गठबंधन वाली NDA को लेकर बड़ा दावा किया गया है।
नई दिल्ली: इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के अनुसार, यदि अभी चुनाव होते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन कुल 543 लोकसभा सीटों में से 393 सीटें जीत सकता है, जिसमें अकेले भाजपा को 343 सीटें जीतने का अनुमान है। विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाली I.N.D.I.A. गठबंधन (तृणमूल कांग्रेस को छोड़कर) 99 सीटें जीत सकता है, जबकि तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी, बीजू जनता दल और निर्दलीय सहित अन्य दलों को बाकी 51 सीटें मिल सकती हैं। ओपिनियन पोल का विवरण आज इंडिया टीवी न्यूज चैनल पर प्रसारित किया गया। 1 से 13 अप्रैल के बीच सभी 543 लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में कुल 1,22,175 लोगों की राय ली गई। इनमें 62,350 पुरुष और 59,825 महिलाएं थीं। पार्टीवार सीटों का अनुमान बीजेपी को 343, कांग्रेस को 40, आम आदमी पार्टी को 8, तृणमूल कांग्रेस को 19, समाजवादी पार्टी को 4, जेडीयू को 12, डीएमके को 17, टीडीपी को 12 और अन्य को 88 सीटें मिल सकती हैं। ओपिनियन पोल के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी गुजरात की सभी 26 सीटों, राजस्थान की सभी 25 सीटों, छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों, दिल्ली की सभी सात सीटों, उत्तराखंड की सभी पांच सीटों और हिमाचल प्रदेश की सभी चार सीटों पर जीतने जा रही है। वहीं, बीजेपी मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटों और हरियाणा की 10 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। भाजपा की सबसे शानदार जीत उत्तर प्रदेश में होने जा रही है, जहां कुल 80 में से वह 72 सीटें जीत सकती है, उसके गठबंधन सहयोगी आरएलडी और अपना दल दो-दो सीटें जीत सकते हैं, बाकी चार सीटें समाजवादी पार्टी को मिल सकती हैं। यूपी में कांग्रेस और बीएसपी दोनों को एक भी सीट मिलने की संभावना नज़र नहीं आ रही है। अन्य राज्य जहां भाजपा उल्लेखनीय जीत हासिल करने जा रही है वे हैं: बिहार (40 में से 17), झारखंड (14 में से 12), कर्नाटक (28 में से 21), महाराष्ट्र (48 में से 29), ओडिशा (21 में से 10), असम (14 में से 11) और पश्चिम बंगाल (42 में से 23)। क्षेत्रीय दलों में, तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 19 सीटें जीत सकती है, डीएमके तमिलनाडु में 17 सीटें जीत सकती है, वाईएसआर कांग्रेस 10 सीटें जीत सकती है, टीडीपी 12 सीटें जीत सकती है और बीजू जनता दल ओडिशा में 21 में से 11 सीटें जीत सकती है। इंडिया टीवी-सीएनएक्स पोल अनुमानों का राज्यवार ब्यौरा इस प्रकार है: राज्य कुल सीटें पार्टीवार सीटें आंध्र प्रदेश 25 वाईएसआरसीपी 10, टीडीपी 12, बीजेपी 3 अरुणाचल प्रदेश 2 भाजपा 2 असम 14 भाजपा 11, एआईयूडीएफ 1, कांग्रेस 1, अन्य 1 बिहार 40 भाजपा 17, जेडी-यू 12, राजद 4, LJP(R) 3, HAM 1, कांग्रेस 2, CPI-ML 1 छत्तीसगढ़ 11 भाजपा 11 गोवा 2 भाजपा 2 गुजरात 26 भाजपा 26 हरियाणा 10 भाजपा 8, कांग्रेस 2 हिमाचल प्रदेश 4 भाजपा 4 झारखंड 14 भाजपा 12, आजसू 1, जेएमएम 1 कर्नाटक 28 भाजपा 21, JD-S 2, कांग्रेस 5 केरल 20 यूडीएफ 11, एलडीएफ 6, एनडीए 3 (ब्रेकअप - कांग्रेस 8, सीपीआई-एम 5, भाजपा 3, केसी-एम 1, आईयूएमएल 2, आरएसपी 1) मध्य प्रदेश 29 भाजपा 28, कांग्रेस 1 महाराष्ट्र 48 भाजपा 29, शिव सेना-यूबीटी 6, एनसीपी (अजित) 2, शिव सेना-शिंदे 7, एनसीपी-शरद 2, कांग्रेस 1, अन्य 1 मणिपुर 2 भाजपा 1, कांग्रेस 1 मेघालय 2 एनपीपी 1, कांग्रेस 1 मिजोरम 1 जेडपीएम 1 नागालैंड 1 एनडीपीपी 1 ओडिशा 21 बीजेडी 11, भाजपा 10 पंजाब 13 AAP 8, कांग्रेस 1, भाजपा 3, शिअद 1 राजस्थान 25 भाजपा 25 सिक्किम 1 SKM 1 तमिलनाडु 39 DMK 17, AIADMK 4, भाजपा 4, कांग्रेस 8, अन्य 6 तेलंगाना 17 कांग्रेस 8, भाजपा 6, BRS 2, AIMIM 1 त्रिपुरा 2 भाजपा 2 उत्तर प्रदेश 80 भाजपा 72, एनडीए सहयोगी आरएलडी 2, अपना दल 2, एसपी 4, कांग्रेस 0, बीएसपी 0 उत्तराखंड 5 भाजपा 5 पश्चिम बंगाल 42 तृणमूल कांग्रेस 19, भाजपा 23, कांग्रेस 0, लेफ्ट फ्रंट 0 अंडमान निकोबार 1 भाजपा 1 चंडीगढ़ 1 भाजपा 1 दादरा नगर हवेली 1 भाजपा- 1 दमन-दीव 1 भाजपा- 1 जम्मू और कश्मीर 5 भाजपा 2, नेशनल कॉन्फेंस 3, कांग्रेस 0, पीडीपी 0 लद्दाख 1 भाजपा 1 लक्षद्वीप 1 कांग्रेस 1 दिल्ली 7 भाजपा 7 पुड्डुचेरी 1 भाजपा 1
नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद ने इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि राजकुमार आनंद के यहां ED ने कुछ दिन पहले ही छापा मारा था। राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री थे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सरकार से यह पहला इस्तीफा है। राजकुमार आनंद ने इस्तीफा देने के बाद बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि जो पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से अस्तित्व में आई थी वह आज खुद इसमें डूब चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें लग रहा था कि पार्टी के नेताओं को फंसाया जा रहा है, लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद लगा कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। 'इस सरकार में काम करना असहज हो गया है' राजकुमार आनंद ने इस्तीफे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं राजनीति में जब आया था तो अरविंद केजरीवाल जी ने कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा। लेकिन आज बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि राजनीति तो नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गए। आम आदमी पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन आज यह पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। मेरे लिए मंत्री पद पर रहकर इस सरकार में काम करना असहज हो गया है। मैं अब इस पार्टी, इस सरकार और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मैं इन भ्रष्ट आचरणों में अपना नाम नहीं जुड़वाना चाहता।' 'आदमी घुटते-घुटते एक दिन खड़ा हो जाता है' राजकुमार आनंद ने AAP के संकट के समय अचानक इस्तीफा देने के सवाल पर कहा, 'ऐसे समय और वैसे समय की बात नहीं होती है। आदमी घुट रहा होता है और घुटते-घुटते एक दिन खड़ा हो जाता है। कल से पहले ऐसा लग रहा था कि हमें फंसाया जा रहा है, लेकिन कल जो हाई कोर्ट का फैसला आया है, उससे ऐसा लगा कि हमारे यहां कहीं न कहीं गड़बड़ है।' बाद में यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी दूसरी पार्टी में जाएंगे, तो राजकुमार आनंद ने कहा कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपना इस्तीफा सीएम ऑफिस जा चुके हैं। हालांकि चूंकि मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद जेल में हैं, ऐसे में वह कैसे राजकुमार का इस्तीफा स्वीकार करके उपराज्यपाल के पास भेजते हैं, यह देखने वाली बात होगी।
चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने लोकसभा चुनाव के लिए चंडीगढ़ (Chandigarh Lok Sabha Seat) में बड़ा फेरबदल किया है। बीजेपी ने बुधवार को चंडीगढ़ से मौजूदा सांसद किरण खेर (Kirron Kher) का टिकट काट दिया और उनकी जगह संजय टंडन (Sanjay Tandon) को उम्मीदवार घोषित किया। हिमाचल प्रदेश में पार्टी के सह-प्रभारी टंडन ने चंडीगढ़ से उन्हें टिकट देने के लिए पार्टी नेतृत्व को धन्यवाद दिया। बीजेपी की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष रहे संजय टंडन करीब एक दशक तक बीजेपी की चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष रहे संजय टंडन (59) ने पार्टी की ओर से उन्हें यहां से टिकट दिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह मेरे लिए बहुत खुशी का क्षण है। पार्टी ने मुझे चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के रूप में नामित करके एक अवसर दिया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित अपनी पार्टी के नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं।
नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट से अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। केजरीवाल को अब जेल में ही रहना होगा। कोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को वैध बताया है और कहा कि ईडी ने केजरीवाल के खिलाफ पर्याप्त सबूत रखे हैं। ASG राजू ने कहा कि कोर्ट ने न्याय किया है। HC के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे केजरीवाल केजरीवाल हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, कल ही केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी कल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकती है। हाई कोर्ट ने क्या कहा? दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल को हिरासत से राहत देने से साफ इनकार करते हुए कई सख्त टिप्पणियां की हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को झटका देते हुए और भी कई सख्त टिप्पणियां की हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि ये याचिका जमानत के लिए नहीं बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने कहा की उसकी गिरफ्तारी गलत है। ED के मुताबिक केजरीवाल पार्टी के संयोजक है। ED का आरोप है कि पैसे का इस्तेमाल गोवा में प्रचार में किया गया। ED ने कहा है की याचिकर्ता इस पूरे मामले में शामिल है। इस मामले में राघव, शरत रेड्डी समेत कई के बयान दर्ज किए गए है। हाई कोर्ट ने कहा किअप्रूवर का बयान ED नही बल्कि कोर्ट लिखता है। अगर आप उसपर सवाल उठाते है तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने केजरीवाल को हिरासत से राहत देने से साफ इनकार करते हुए कई सख्त टिप्पणियां की हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को झटका देते हुए और भी कई सख्त टिप्पणियां की हैं। तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं... दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि ये याचिका जमानत के लिए नही बल्कि हिरासत को चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने कहा की उसकी गिरफ्तारी गलत है। ED के मुताबिक केजरीवाल पार्टी के संयोजक है। ED का आरोप है कि पैसे का इस्तेमाल गोवा में प्रचार में किया गया। ED ने कहा है की याचिकाकर्ता इस पूरे मामले में शामिल है। इस मामले में राघव, शरत रेड्डी समेत कई के बयान दर्ज किए गए है। हाई कोर्ट ने कहा कि अप्रूवर का बयान ED नही बल्कि कोर्ट लिखता है। अगर आप उसपर सवाल उठाते हैं तो आप जज पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि आम आदमी पार्टी लगातार ही कहती रही है कि उसके नेता बेगुनाह हैं और उन्हें सियासी साजिश के तहत फंसाया गया है। गवाहों की सत्यता को परखने का काम कोर्ट का दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा सरकारी गवाहों की सत्यता को परखने का काम कोर्ट का है। ये कानून 100 साल से ज्यादा पुराना है। कभी भी अप्रूबर बनाए जाने के कानून पर सवाल नहीं उठे। हाई कोर्ट ने कहा कि ये पहला मामला नहीं की जहां अप्रूवर के बयान दर्ज किए गए हो। इससे पहले कई मामले में दर्ज किए गए है। हाई कोर्ट ने कहा की रेड्डी के बयान को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। मीडिया में आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों में अप्रूवर्स पर ही सवाल उठाए जाते रहे हैं और उनपर सियासी दबाव की बातें कही जाती रही हैं। अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी अप्रूवर्स पर अक्सर सवाल उठाए हैं। सीएम को भी विशेष छूट नहीं मिल सकती दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जांच किसी व्यक्ति के सुविधा के अनुसार नही चल सकती है। एजेंसी जांच के दौरान किसी के घर जा सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट के काम में दखल नहीं दे सकते हैं। गवाहों के कंडक्ट और उनकी विश्वसनीयता देखने का काम ट्रायल कोर्ट का है। मुख्यमंत्री समेत किसी को भी कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। हाई कोर्ट ने साफ कहा कि जांच और पूछताछ के मामले में कोई व्यक्ति भले ही सीएम क्यों न हो उसे विशेष छूट नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की उस दलील को नकार दिया कि उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। जानबूझकर गिरफ्तारी की बात गलत दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अदालत कानून के हिसाब से काम करती है बिना राजनीति से प्रभावित हुए। कोर्ट किसी बाहरी कारणों से प्रभावित नहीं होती है, या दबाव में काम नहीं करती है। कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी मनी लांड्रिंग मामले हुई है और अदालत को कानून के अनुसार उनकी गिरफ्तारी और रिमांड की जांच करनी होगी, चुनाव के समय की परवाह किए बिना। हाई कोर्ट के कहा कोर्ट का केवल एक काम है कानून को लागू करना। अदालत ने कहा कि ये कहना गलत होगा कि चुनाव के वक्त ईडी ने जानबूझकर गिरफ्तारी की है।
पटना: चुनाव लोकसभा का है। आमतौर पर लोकसभा चुनाव के मुद्दे राष्ट्रीय स्तर के होते हैं। देश को कैसे आगे बढ़ाना है, इसका खाका चुनाव में भाग लेने वाली पार्टियां अपनी सभाओं में जनता को बताती हैं। इसके लिए पार्टियों के घोषणा पत्र को महत्वूपूर्ण माना जाता है। हालांकि यह भी सच है कि घोषणा पत्र जारी करने वाली पार्टी के नेता ही उस कागजी पुलिंदे को पूरा नहीं करते हैं। खैर, बिहार में लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए एनडीए के तमाम नेता दो ही मुद्दों पर सिमटे हुए हैं- रोजगार और लालू-राबड़ी के जमाने का 'जंगल राज'। एनडीए के नेता जंगल राज की पुनरावृत्ति से बचने की मतदाताओं को सलाह दे रहे तो इंडी अलायंस (बिहार में महागठबंधन) के नेता इसे सर्वव्यापी बताने में अपनी ऊर्जा जाया कर रहे हैं। वे 17 महीने की महागठबंधन की सरकार में नौकरियों की बौछार पर लोगों को लुभा रहे हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाने वाला लोकसभा का चुनाव प्रचार बिहार में स्थानीय मुद्दों पर सिमट गया है। दरअसल क्षेत्रीय दलों के सामने राज्यों में अपने अस्तित्व बचाने की चुनौती है। इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर उनका चिंतन संभव ही नहीं। नीतीश और तेजस्वी में नौकरी को लेकर होड़ बिहार में अघोषित तौर पर नीतीश कुमार एनडीए को लीड कर रहे हैं। उनकी पार्टी विधानसभा में कम सीटों के कारण कमजोर तो पड़ गई है, लेकिन यह भी सच है कि नीतीश कुमार का नरेंद्र मोदी की तरह ही अपना वोट बैंक है। नीतीश ने आधी आबादी के लिए जितना काम किया है, दूसरे राज्यों में शायद ही उतना काम हुआ हो। वैसे बाद में कई राज्यों ने नीतीश कुमार की नकल जरूर की। पिछले डेढ़-दो साल में नीतीश कुमार के सीएम रहते बिहार में बड़े पैमाने पर सरकारी शिक्षकों की नियुक्तियां हुईं। यह क्रम अब भी जारी है। फर्क यही है कि नीतीश आदतन ढोल पीटने के बजाय चुपचाप अपना काम करते हैं। महिलाओं, बच्चों और दलितों के उत्थान के लिए नीतीश के कामों को गिनाया जाए तो फेहरिस्त लंबी हो जाएगी।
कांग्रेस से निष्कासित किए गए सजय निरुपम ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर खिचड़ी घोटाला मामले में बड़ा खुलासा किया है। संजय निरुपम ने कहा कि संजय राउत के भाई संदीप राउत के अकाउंट में अगस्त 2020 में 5 लाख रिश्वत आया था और.संजय राउत के दोस्त सुजीत पाटणकर के बैंक अकाउंट में कई बार पैसा आया था। 33 रुपये में 300 ग्राम खिचड़ी देने का कॉन्ट्रैक्ट सह्याद्री रिफ्रेशमेंट को मिला था। आगे इस कंपनी ने एक दूसरी कंपनी को 16 रुपये में 100 ग्राम खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। राउत और अमोल कीर्तिकर ने गरीबो का 200 ग्राम खिचड़ी कोविड के दौरान चुराया। पात्रा चॉल घोटाले में राउत ने अपनी पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदी.और खिचड़ी मामले में बेटी को शामिल किया। एक कंपनी ने सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के नाम पर कॉन्ट्रैक्ट लिया गया था, इसे 37 लाख का कॉन्ट्रैक्ट मिला था और.एक करोड़ का रिश्वत राउत परिवार ने लिया था।.वैश्या बैंक के ज़रिए विदिता संजय राउत ने चेक के ज़रिए रिश्वत लिया था। संजय निरुपम ने बताया-कैसे हुआ खिचड़ी घोटाला उत्तर पश्चिम से खिचड़ी चोर अमोल कीर्तिकर को ईडी ने बुलाया है, उसे तो गिरफ्तार करना चाहिए।.खिचड़ी चोर यह अकेला अमोल कीर्तिकर नही है..जब मैंने इस मामले की जांच की तो पता चला और भी लोग शामिल है। मुझे पता चला कि शिवसेना यूबीटी के संजय राउत खिचड़ी घोटाले के सूत्रधार हैं। कोविड काल मे 6 करोड़ 37 लाख का खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट बीएमसी ने सह्याद्री रिफ्रेशमेंट कंपनी को दिया था, जिसका खुलासा हो गया है। तत्कालीन सीएम रोज ऑनलाइन आकर दिखाते थे कि गरीब मज़दूरों के लिए दुख जता रहे हैं और इन लोगों ने मिलकर उन गरीबो की खिचड़ी चोरी की। अबमेरी ईडी से मांग है कि संजय राउत खिचड़ी चोरी के मामले के किंगपिन हैं तो.उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाए और राउत के खिकफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस खिचड़ी चोरी मामले का दायरा ED बढ़ाए।
लखनऊ: जहर भरे बोलों, भड़काऊ भाषणों से चुनावी माहौल को गरमाने और आदर्श आचार संहिता को ताक पर रखकर अपनी राजनीति चमकाने वाले माननीयों और नेताओं को अब सजा का डर सताने लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद बीते दो वर्षों में नेताओं के सजा के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसका असर इस बार के लोकसभा चुनाव में भी दिख रहा है। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के छिटपुट मामले तो दर्ज हो रहे हैं, लेकिन नेता कोई बड़ी खता करने से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अभी की गई कोई खता भविष्य में कुर्सी जाने का सबब न बन जाए। माननीयों के मामलों का तेजी से निस्तारण करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सबसे तगड़ा असर यूपी में ही देखने को मिला है। वर्ष 2022 से मुकदमों के निपटारे ने जो तेजी पकड़ी है, उसमें कई माननीयों के फिर माननीय बनने का सपना ही टूट गया। इसमें सबसे पहला नाम माफिया मुख्तार अंसारी का रहा। मुख्तार को एक के बाद एक सजाएं हुईं और वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गया। इसी तरह आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम को भी अपनी लोकसभा व विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी। मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी को भी सजा हो गई थी और उनकी सदस्यता चली गई थी। बाद में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई। ऐसा नहीं कि इस दायरे में सिर्फ विरोधी ही आए। बीजेपी विधायक खब्बू तिवारी, विक्रम सैनी, राम दुलार गोंड, कुलदीप सिंह सेंगर और अशोक सिंह चंदेल को भी अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी।
उत्तर प्रदेश एटीएस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। दरअसल नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे तीन आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आतंकियों में 2 पाकिस्तानी और 1 कश्मीर आतंकी है, जिनका संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन और आईएसआई से है। दरअसल यूपी एटीएस को पिछले कुछ दिनों से यह सूचना मिल रही थी कि पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सहायता से नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले हैं। एटीएस को यह सूचना भी मिली थई कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं और आईएसआई के सहयोग से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। यूपी एटीएस ने तीन आतंकियों को किया गिरफ्तार इस बाबत एटीएस द्वारा जारी प्रेस रिलीज में एटीएस ने बताया कि इस सूचना के प्राप्त होने के बाद एटीएस की गोरखपुर इकाऊई द्वारा सर्विलांस की गई और यह जानकारी सामने आई की दो पाकिस्तानी व्यक्ति भारत नेपाल सीमा के तटवर्ती गांव शेख फरेन्दा होते हुए गुप्त रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं। 3 अप्रैल को एटीएस की गोरखपुर इकाई द्वारा नेपाल भारत यानी सोनौली बॉर्ड से तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्तों के नाम मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर और नासिर अली है। मोहम्मद अल्ताफ भट पाकिस्तान के रावलपिंडी, सैय्यद गजनफर पाकिस्तान के इस्लामाबाद का रहने वाला है। वहीं नासिर अली जम्मू कश्मीर के श्रीनगर का रहने वाला है। अभियुक्तों की तस्वीर जारी तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने जब तलाशी ली तो उनके पास से 2 मोबाइल फोन, 2 मेमोरी कार्ड, 3 पासपोर्ट, 7 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 3 आधार कार्ड, 2 फ्लाईट की टिकट, पाकिस्तानी ड्राइविंग लाइसेंस, पाकिस्तानी राष्ट्रीय पहचान पत्र, नेपाल, बांग्लादेश, भारत और अमेरिकी की विदेशी मुद्रा जब्त की गई है। बता दें कि यूपी एटीएस की तरफ से गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर और नासिर अली की तस्वीर को भी शेयर किया गया है।
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर मथुरा लोकसभा सीट से हेमा मालिनी को भाजपा ने तीसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है। इस दौरान गुरुवार को हेमा मालिनी ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपना नामांकन भरा और जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान हेमा मालिनी ने इंडिया टीवी से खास बातचीत की। हेमा मालिनी से इस दौरान जब ये पूछाी गया कि उनकी तीसरी बार नामांकन को लेकर मथुरावासियों का क्या कहना है? इसपर उन्होंने कहा कि मथुरावासियों को धन्यवाद करूंगी, मैं गोपी भाव के साथ रही हूं, कृष्ण भक्त हूं, 10 साल से काम किया। कई सालों तक यहां काम नहीं हुआ था। मैंने यहां थोड़ा-थोड़ा काम किया। पर अभी बहुत काम करना है। मिनिस्ट्री में जाकर बातें करती हूं, करोड़ों का प्रोजेक्ट लेकर आई हूं। हेमा मालिनी ने अपने इंटरव्यू में क्या कहा? सवाल- जयंत चौधरी और जाट वोटर्स पर क्या कहना है? अब वो साथ है? जवाब- इसपर कहना है ये बहुत अच्छी बात है, मैंने 2009 में उनके लिए केम्पेन किया था फिर वो चले गए हम जीत गए। अब वापिस आए है, हम खुश है आरएलडी हमारे साथ है। आरएलडी को मोदी जी ने सम्मान दिया। जयंत जी के दादा चौधरी चरण सिंह ने किसानों के लिए काम किए। उन्हें मोदी जी ने सम्मान दिया, अच्छी बात है मिलकर काम करेंगे सवाल- यमुना को लेकर आपने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि 80 फीसदी नाले का गंदा पानी यमुना में दिल्ली से मथुरा आ रहा है। ऐसे में कैसे यमुना को साफ करेंगे? जवाब- बून्द हूं मैं, सागर में कोशिश कर रही हूं, ये काम हो जाए। जनता और बड़े लोग मेरे साथ जुड़ जाए तभी ये काम होगा। दिल्ली से गन्दा नाले का पानी भेजते हैं। हम मिलकर दिल्ली सरकार पर दबाव डालेंगे। सवाल- कांग्रेस के बड़े नेता, जो आपको लेकर महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान दे रहे हैं, अभी योगी ने भी आपका सपोर्ट किया और कांग्रेस पर सवाल उठाया ? जवाब- अभी तक सुना नही मैंने। फिर जब इंडिया टीवी की तरफ से उन्हें बयान बताया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात करनी नहीं चाहिए। उनके घर में मां, बाप, बहन और बेटियां होंगी। ऐसे में इस तरह के बयान इस लोगों को नहीं देने चाहिए। सवाल- कांग्रेस में पहले विजेंदर सिंह की चर्चा थी पर बीजेपी में आने के बाद प्रत्याशी मुकेश धनखर को बनाया। जवाब- ये उनका इंटरनल मामला है मुझे कुछ नही कहना है।
नई दिल्‍ली: आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्‍हें जमानत दे दी है। दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में वह 6 महीने से जेल में थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने संजय सिंह को 4 अक्‍टूबर को अरेस्‍ट किया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि संजय सिंह राजनीतिक गतिविधयों में हिस्‍सा ले सकेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले संजय सिंह को बेल मिलना AAP के लिए भी बड़ी मनोवैज्ञानिक जीत है। संजय सिंह आप के कद्दावर नेताओं में हैं। संजय सिंह को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी माना जाता है। वह यूपी के सुल्‍तानपुर से ताल्‍लुक रखते हैं। उनका जन्म 23 मार्च 1972 को इसी जिले में हुआ था। संजय सिंह की नेटवर्थ कितनी? साल 2018 में वह पहली बार AAP से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। अपने चुनावी हलफनामे में उन्‍होंने अपनी संपत्ति का जिक्र किया था। उस समय संजय सिंह के पास 59,499 रुपये की चल संपत्ति थी। उन्‍होंने अपने पास तब तीन बैंक अकाउंट होने की बात कही थी। इनमें सिर्फ 16,100 रुपये जमा थे। इसके अलावा उनके हलफनामे में बताया गया था कि उनके पास 4,27,000 रुपये का सोना है। संजय सिंह ने अपनी कुल संपत्ति 6,60,513 रुपये बताई थी। इसमें एक रुपये की भी अचल संपत्ति न होने की बात कही थी। हलफनामे के मुताबिक, संजय सिंह पर मानहानि समेत 4 केस और 13 एफआईआर दर्ज थे।
नई दिल्ली,भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को आज देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू भी मौजूद थे। न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि आडवाणी के खराब स्वास्थ्य के कारण ये फैसला लिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने 3 फरवरी को उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की थी। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा और RSS से जुड़े तीसरे नेता हैं।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की 8वीं सूची जारी कर दी। पार्टी ने ओडिशा, पंजाब और पश्चिम बंगाल से कुल 11 उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है। पार्टी द्वारा जारी लिस्ट के मुताबिक, दिनेश सिंह 'बब्बू' को गुरदासपुर से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, पार्टी ने तरनजीत सिंह संधू को अमृतसर से टिकट दिया है। पार्टी ने पश्चिम बंगाल के बीरभूम से देबाशीष धर को अपना उम्मीदवार बनाया है। उम्मीदवार का नाम कहां से मिला टिकट दिनेश सिंह "बब्बू" गुरदासपुर तरणजीत सिंह संधू अमृतसर सुशील कुमार रिंकू जालंधर रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना हंस राज हंस फरीदकोट परनीत कौर पटियाला डॉ. रबिन्द्र नारायण बेहरा जाजपुर सुकांत कुमार पाणिग्रही कंधमाल भर्तृहरि महताब कटक डॉ. प्रणत टुडू झारग्राम देवाशीष धर, आईपीएस बीरभूम भाजपा ने शनिवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी आठवीं सूची जारी कर दी है। इसमें 11 और लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। जिसमें भर्तृहरि महताब, रवनीत ¨सह बिट्टू, सुशील कुमार ¨रकू और परनीत कौर जैसे कई नेता शामिल हैं जो हाल ही में विभिन्न दलों से भाजपा में शामिल हुए थे। इन सभी नेताओं को उन सीटों से मैदान में उतारा गया है, जिनका वे निवर्तमान लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जबकि अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू अमृतसर से चुनावी मैदान में उतरेंगे। 2019 में भाजपा के टिकट पर उत्तर पश्चिम दिल्ली से चुनाव जीतने वाले हंसराज हंस फरीदकोट (सुरक्षित) सीट से चुनाव लड़ेंगे। हाल ही में भाजपा में शामिल रवनीत सिंह बिट्टू लुधियाना से, परनीत कौर पटियाला से और सुशील कुमार रिंकू जालंधर (सुरक्षित) से चुनाव लड़ेंगे। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते बिट्टू और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर दोनों भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस में थे, जबकि रिंकू आम आदमी पार्टी में थे। भाजपा ने शनिवार को बंगाल के झारग्राम (सुरक्षित) से डा प्रणत टुडू और वीरभूम से देबाशीष धर आइपीएस, ओडिशा के जाजपुर (सुरक्षित) से डा. रबींद्र नारायण बेहरा, कंधमाल से सुकांत कुमार पाणिग्रही और कटक से भर्तृहरि महताब के नाम घोषित किये। भाजपा अब तक 411 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।
नई दिल्ली, 06 जुलाई 2020,भारत और चीन के बीच लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तीन महीने से चल रहा तनाव कम करने की कोशिशें रंग ला रही हैं. रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री से बात की थी. डोभाल के एक बार बात करने पर ही चीन की सेना सोमवार को गलवान में एक से दो किलोमीटर पीछे हट गई. अजीत डोभाल के एक बार बात करने पर ही तनाव कम होने को लेकर भी अब विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं. शिवसेना की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा कि यदि केवल एक बात से डिसएंगेजमेंट सुनिश्चित हुआ, तो काश उन्होंने पहले ही बात कर ली होती. गलवान घाटी के संघर्ष से बच गए होते. शिवसेना नेता ने सवाल किया कि वे पिछले तीन महीने से कहां थे? इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सरकार के साथ ही एनएसए डोभाल पर भी सीधा हमला बोला. खेड़ा ने कहा है कि एनएसए ने चीनी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से एलएसी पर चल रहा गतिरोध खत्म करने के लिए बात की. कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि इस सरकार में यह प्रवृत्ति रही है. संबंधित विभाग के मंत्री कभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर नहीं बोलते, कोई और करता है. उन्होंने एनएसए डोभाल पर भी सीधा हमला बोला. पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि अजीत डोभाल के संगठन विवेकानंद फाउंडेशन के चीन के साथ संबंध हैं.
नई दिल्ली दिल्ली AIIMS के ट्रॉमा सेंटर की चौथी मंजिल से कूदकर एक कोरोना मरीज ने खुदकुशी कर ली। गांभीर हालत में उसे आईसीयू में रखा गया था लेकिन ज्यादा चोट की वजह से जान नहीं बचाई जा सकी। वह पेशे से पत्रकार था और एक हिंदी अखबार में काम करता था। दिल्ली पुलिस ने यह जानकारी दी। हालांकि यह कदम उठाने की स्पष्ट वजह का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक घटना दोपहर करीब दो बजे की है। मरीज एम्स के ट्रामा सेंटर में 24 जून से भर्ती था और उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। वह दिल्ली के भजनपुरा का रहनेवाला था। हाल ही में उसकी ब्रेन ट्यूमर की भी सर्जरी हुई थी। कई ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जिनमें लोगों ने कोरोना के डर से खुदकुशी कर ली। उत्तर प्रदेश में सात ऐसे मामले आए हैं। मार्च के महीने में उत्तर प्रदेश में चार लोगों ने खुदकुशी कर ली थी। हैदराबाद के एक 108 ऐंबुलेंस ड्राइवर ने कोरोना के डर से झील में कूदकर जान दे दी थी। इसी तरह अंबाला जिला अस्पताल में भी एक मरीज ने चादर का फंदा बनाकर खुदकुशी कर ली थी। डॉक्टर अकसर यह बताते हैं कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बल्कि सावधानी रखने की जरूरत है। ध्यान यह रखना है कि अगर किसी को कोरोना हो भी जाता है तो दूसरों तक न फैले और इसके लिए खुद को आइसोलेट रखना जरूरी है। कोरोना काल में डिप्रेशन की वजह से भी खुदकुशी की घटनाएं सामने आ रही हैं।
लखनऊ, 05 जुलाई 2020,कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया है कि विकास दुबे के घर में बंकर था, जिसमें वह हथियार छुपाकर रखता था. आईजी ने कहा कि जिस तरह कहा जाता है कि लोग सामान दीवारों में चुनवा कर रखते हैं, कुछ उसी प्रकार विकास दुबे ने दीवारों में असलहा-बारूद दबाकर रखा था. आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि विकास दुबे के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है जिसकी विस्तृत जानकारी जल्द दी जाएगी. उन्होंने कहा कि मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने 200-300 फायर किए जिसके खोखे भी बरामद किए गए हैं. पुलिस के पांच हथियार विकास दुबे और उसके गुर्गे लूट ले गए थे, जिसमें एक AK 47, एक Insaas राइफल और 3 पिस्टल शामिल हैं. इन 5 हथियारों में से एक पिस्टल पुलिस ने बरामद की है. एसपी आरए ब्रजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि अपराधी नक्सलियों की तरह पुलिस पर हमला करना चाहते थे. विकास के घरवालों के नाम एक दर्जन लाइसेंसी असलहे हैं. पुलिस को उसके घर की दीवारों की खुदाई में 6 तमंचे, 25 कारतूस, बम बनाने के विस्फोटक, कीलें आदि बरामद हुई हैं. पुलिस का कहना है कि विकास दुबे पुलिस पर नक्सलियों की तरह हमला करना चाहता था. पुलिस का ये भी कहना है कि विकास के घर में एक दर्जन लाइसेंसी हथियार थे. अब इन सबको निरस्त कराने की कार्यवाही चल रही है. बता दें, आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद इस घटना के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश जारी है. वहीं, दूसरी तरफ कानपुर प्रशासन ने विकास दुबे के बिठुर स्थित आवास को गिरा दिया है. घर गिराने के लिए विकास दुबे की उसी जेसीबी का इस्तेमाल किया गया, जिसके जरिए पुलिस टीम को घेरा गया था. इसके अलावा प्रशासन, विकास दुबे की सारी प्रॉपर्टी अटैच करने की तैयारी कर रहा है. प्रशासन उसकी सभी संपत्तियों की जांच करेगा. साथ ही सभी बैंक अकाउंट्स भी सीज किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि कानपुर के बाद विकास दुबे का अब लखनऊ स्थित घर भी गिरेगा. लखनऊ में कृष्णानगर के इंद्रलोक में विकास दुबे का घर है. एलडीए की टीम ने उसके घर का मुआयना किया है. मकान को गिराने की प्रक्रिया पर काम जारी है. मालिकाना हक, नक्शा, दस्तावेज की जांच की गई है. लखनऊ विकास प्राधिकरण की शुरुआती जांच में विकास के मकान को लेकर काफी कुछ गड़बड़ मिला है.
कच्छ, 05 जुलाई 2020,कोरोना संकट के बीच देश में भूकंप के लगातार झटके लग रहे हैं. रविवार सुबह लद्दाख में भूकंप आया फिर शाम को 15 मिनट के अंतराल पर गुजरात और मिजोरम में भूकंप के झटके लगे. गुजरात के कच्छ क्षेत्र में रविवार शाम को भूकंप के झटके लगे. कच्छ में शाम 5.11 बजे भूकंप आया. फिर इसके 15 मिनट बाद मिजोरम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. गुजरात के कच्छ क्षेत्र में शाम को आए भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई. भूकंप का केंद्र भचाऊ के पास रहा. कच्छ में भूकंप आने के करीब 15 मिनट बाद मिजोरम के चंपाई जिले में भी भूकंप आया जहां उसकी तीव्रता रही 4.6. सुबह करगिल में हिली धरती इससे पहले आज तड़के लद्दाख के करगिल में भी 3.37 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र करगिल से 433 किलोमीटर नॉर्थ-नॉर्थवेस्ट था. अच्छी बात यह रही कि इस भूकंप से किसी के हताहत होने या संपत्तियों को नुकसान पहुंचने की खबर नहीं मिली. यही नहीं 3 जुलाई की शाम दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. शाम 7 बजे के करीब आए इस भूकंप की तीव्रता 4.5 दर्ज की गई. भूकंप के झटके काफी देर तक महसूस किए गए. यही नहीं इससे पहले गुरुवार को भी करगिल में भूकंप के झटके महूसस किए गए थे. तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, गुरुवार दोपहर 1.11 बजे करगिल में भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसका केंद्र करगिल से 119 किलोमीटर नॉर्थवेस्ट में रहा. लद्दाख क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए जाने के थोड़ी देर बाद जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. दोपहर 2.02 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई. इससे पहले 1 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में एक ही दिन में 2 बार भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. भूकंप का केंद्र किश्तवाड़ रहा. भूकंप की तीव्रता का क्या मतलब, कितना होगा असर? - 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है. - 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन महसूस होता है. - 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है. - 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं. - 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.
फोटो नई दिल्ली एक गैरकानूनी संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' से जुड़ी 40 वेबसाइट्स को सरकार ने बैन करने का फैसला किया है। आरोप है कि वेबसाइट्स के जरिए यह संगठन गैरकानूनी काम करने के लिए लोगों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फोटेक मिनिस्ट्री ने यह कदम उठाया है। एक दिन पहले ही इस खालिस्तान समर्थक संगठन के स्वयंभू मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने देशद्रोह और अलगाववाद के आरोप में केस दर्ज किया है। बता दें कि पन्नू अमेरिका में रहता है और वहीं से टेलीकॉलिंग और वेबसाइट के जरिए अपना पुलिस ने बताया कि पन्नू देश की अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा है। वह 4 जुलाई को एक अवैध जनमत संग्रह करवाने वाला था और वेबसाइट के जरिए भी इसका प्रचार कर रहा था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस संगठन पर कार्रवाई पर असंतुष्टि जाहिर की थी। पंजाब सरकार ने बताया था कि इस संगठन से जुड़े 116वॉट्सऐप ग्रुप बैन किए जा चुके हैं और 16 एफआईआर दर्ज हुई हैं।
देहरादून उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मसूरी में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। देहरादन-मसूरी रोड (Dehradun-Mussoorie Road) पर हादसे में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी के समधी-समधन की मौत हो गई। बताया गया कि मरने वाले जनता दल यूनाइटेड के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी त्‍यागी के बहन और बहनोई भी थे। हादसे के बाद देहरादून से लेकर दिल्ली तक शोक है। जानकारी के मुताबिक, राजीव प्रताप रूडी के समधी नीरज त्‍यागी और उनकी पत्‍नी शगुन त्‍यागी मसूरी गए थे। वहां से लौटते समय कार फिसल कर खाई में जा गिरी। इस हादसे में दोनों पति-पत्नी की मौत हो गई जबकि उनकी बेटी और कार चालक घायल हो गए। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के सूत्रों ने बताया कि हादसा मसूरी से करीब चार किलोमीटर दूर किमादी गांव के पास हुआ, जहां बारिश के कारण सड़क पर फिसलन होने से कार फिसलकर गहरी खाई में जा गिरी। नोएडा में रहता था परिवार उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान नोएडा निवासी कारोबारी नीरज त्यागी (55) और उनकी पत्नी पत्नी शगुन (52) के रूप में हुई। हादसे में उनकी बेटी आरुषि (27) और चालक अशोक कुमार (35) घायल हो गए और इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि नोएडा के सेक्टर 40 में रहने वाले नीरज त्यागी बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी और जदयू नेता केसी त्यागी के रिश्तेदार थे।
कानपुर कानपुर में पुलिस टीम पर हुए हमले के आरोपी विकास दुबे के एक गुर्गे को रविवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए दयाशंकर अग्निहोत्री नाम के इस शख्स ने विकास दुबे के घर से हुए हमले को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। गिरफ्तार दयाशंकर अग्निहोत्री ने पुलिस से शुरुआती पूछताछ में बताया है कि विकास को फोन आने के बाद बाहर से 25-30 लोगों को बुलाया गया था। पुलिस की शुरुआती पूछताछ में दयाशंकर ने बताया है कि विकास दुबे को किसी का फोन आने के बाद वह सक्रिय हो गया था। उसने फोन कर 25-30 लोगों को अपने घर बुलाया था। इसके अलावा रास्ते पर जेसीबी खड़ी कर पुलिस टीम का रास्ता रोकने का प्लान बनाया गया था। विकास ने खुद की थी फायरिंग विकास दुबे और इसके ये सभी साथी घात लगाकर गांव में बैठे थे और पुलिस टीम के यहां पहुंचने के बाद विकास ने खुद भी उनपर फायरिंग की थी। पुलिस टीम दयाशंकर की इस जानकारी के बाद उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिन्हें कि उस रात विकरू गांव से फोन किया गया था। इसके अलावा तमाम ऐसे अभियुक्तों पर भी नजर रखी जा रही है, जिन्हें विकास दुबे के ठिकानों की जानकारी हो। विकास और गैंग कैसे भागे, इसकी पड़ताल? बताया जा रहा है कि एसटीएफ की तमाम टीमों ने सेंट्रल यूपी और वेस्ट यूपी के जिलों में डेरा डालकर विकास की तलाश शुरू की है। इस मामले में पुलिस के साथ-साथ खुफिया तंत्र को भी सक्रिय किया गया है। घटना के बाद विकास और उसके साथ कैसे भागे, इसे लेकर भी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार दयाशंकर से कड़ी पूछताछ कर रहे हैं।
कानपुर कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के जिम्मेदार हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अपने किलेनुमा घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। कैमरों को मोबाइल ऐप से कनेक्ट कर वह हर एक गतिविधि पर नजर रखता था। गुरुवार देररात विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। शहीद पुलिसकर्मियों के साथ किए अमानवीय व्यवहार की पूरी दास्तां सीसीटीवी कैमरों में भी कैद होने की उम्मीद है। लेकिन विकास दुबे इतना शातिर है कि वारदात को अंजाम देने के बाद सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा डीवीआर लेकर फरार हो गया। यदि ये डीवीआर पुलिस के हाथ लग जाती तो घटना से जुड़े कई बड़े तथ्य सामने आ जाते। लिखें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के किलेनुमा घर को पुलिस ने खंडहर में तब्दील कर दिया है। लेकिन घर खंडहर होने से पहले विकास ने घर की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा था। दो बीघे जमीन पर बने अलीशान घर को चारों तरफ से सीसीटीवी कैमरों से लैस किया था। पूरे मकान के चारों तरफ लगभग 12 फिट ऊंची चारदीवारी थी। घर के मेनगेट पर दो सीसीटीवी कैमरे लगे थे, इसी तरह से घर के चारों तरफ भी कैमरे लगाए गए थे। सीसीटीवी कैमरों में कैद है पूरा मंजर गुरुवार देर विकास दुबे के घर पर बदमाशों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ की पूरी कहानी सीसीटीवी कैमरों में कै है। एक बात यह भी सामने आई है कि मुठभेड़ के दौरान बदमाशों ने कैमरों पर गोली मार उसे तोड़ने का प्रयास किया लेकिन उनका निशाना नहीं लगा। बदमाशों ने पुलिसकर्मियों के साथ कैसा बर्ताव किया है, इसका पूर मंजर सीसीटीवी में कैद हो गया। पुलिस को नहीं मिला डीवीआर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे बहुत ही शातिर अपराधी है, यदि उसके अपराधिक इतिहास पर नजर डाली जाए तो उसने हर अपराध के बाद सबसे पहला काम सुबूत मिटाने का किया है। विकास डीवीआर अपने साथ लेकर फरार हुआ है। पुलिस विकास की तलाश के साथ ही उस डीवीआर को भी तलाश रही है, जिसमें उस रात की पूरी कहानी कैद है।
मुलाकात नई दिल्‍ली चीन के साथ सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अहम बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है। रक्षा मंत्री दिल्‍ली में एक कोविड सेंटर का जायजा लेने गए थे। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। पत्रकारों को कोरोना और बॉर्डर से जुड़े सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा, "सभी जगह तैयारी है हमारी। चाहे अस्पताल हो या बॉर्डर, तैयारी में हम कभी पीछे नहीं रहते।" भारत ने बॉर्डर से सटे इलाकों में चीन के बराबर सैनिक तैनात किए हैं। एयरफोर्स भी पूरी तरह से आर्मी के साथ मिलकर चीन की चुनौती का सामना कर रही है। दूसरी तरफ, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्रपति भवन जाकर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू का भी ट्वीट पीएम और राष्‍ट्रपति के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान, दोनों के बीच राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय महत्‍व के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं, उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी रविवार सुबह ट्वीट किया। उन्‍होंने लिखा, "भारत इतिहास के बेहद नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। हम एक साथ कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन हमें जो चुनौतियां दी जा रही हैं, उसका सामना करने का हमारा निश्‍चय दृढ़ रहना चाहिए।" समझौते को मानने के मूड में नहीं चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने बॉर्डर से डिसएंगेजमेट की बात कही है मगर डी-एस्‍केलेशन में लंबा वक्‍त लग सकता है। क्‍योंकि PLA दोनों सरकारों के बीच हो रही बातचीत मानने के मूड में नहीं दिखती। वे मीटिंग्‍स में तो शांति की बात करते हैं मगर गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्‍स और पैंगोंग त्‍सो से पीछे नहीं हट रहे। एक्‍सपर्ट्स मान रहे हैं कि दोनों सेनाओं के LAC से पीछे हटने में लंबा वक्‍त लगेगा। PLA के सैनिक जहां-जहां मौजूद हैं, वे वहां पर निशान लगा रहे हैं। गलवान और पैंगोंग त्‍सो में चीनी सैनिक भारी संख्‍या में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के साथ मौजूद हैं। सेना और एयरफोर्स पूरी तरह तैयार PLA के नेचर से अच्‍छी तरह वाकिफ भारत ने अपनी सावधानी बढ़ा दी है। आर्मी और एयरफोर्स, दोनों ही PLA की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। 15 जून को गलवान में हुई झड़प के बाद सैनिकों का जोश बढ़ा हुआ है। एक मिलिट्री कमांडर ने हिंदुस्‍तान टाइम्‍स से बातचीत में कहा, "हम कोई लड़ाई शुरू नहीं करना चाहते मगर दूसरी तरफ से आक्रामकता दिखाई गई तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।" बॉर्डर पर थोड़ी शांति लेकिन तनातनी बरकरार भारत-चीन के बीच जिन 4 क्षेत्रों में तनातनी है, वहां मौजूद सैन्य दस्तों में मामूली सी कमी आई है। हालांकि दोनों सेनाएं अभी भी मोर्चे पर लामबंद हैं। इसी सप्ताह भारत और चीन ने मिलिट्री कमांडर स्तर पर इस मसले को लेकर एक लंबी बातचीत की थी। लेकिन दोनों देशों की सेनाएं यहां से पीछे हटें, इसके लिए अभी शायद अभी ऐसी और मीटिंग करनी होंगी।
नयी दिल्ली, चार जुलाई कांग्रेस ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध की पृष्ठभूमि में शनिवर को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में देश को वास्तविकता बतानी चाहिए और चीनी सैनिकों के कब्जे से भारतीय सरजमीं को मुक्त कराने के लिए ‘राजधर्म’ का पालन करना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपलि सिब्बल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को लद्दाख में जिस स्थान पर गए थे वह कोई अग्रिम मोर्चा नहीं है, बल्कि एलएसी से 230 किलोमीटर दूर है। उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बनने से पहले अक्सर कहते थे कि हम चीन को लाल आंख दिखाएं। लेकिन अब चीन का नाम नहीं ले रहे।’’ कांग्रेस नेता ने लद्दाख के गतिरोध वाले क्षेत्र की उपग्रह से ली गई एक हालिया तस्वीर जारी की, जो एक ब्रिटिश अखबार ने प्रकाशित की है। सिब्बल ने इस तस्वीर का हवाला देते हुए दावा किया कि चीन की सेना ने भारतीय क्षेत्र में कई निर्माण कार्य कर लिए हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री देश को बताएं कि क्या चीनी सैनिकों ने पेंगोंग सो इलाके में फिंगर चार तक कब्जा कर रखा है या नहीं? क्या यह वास्तविकता नहीं है? क्या वह इलाका हमारी मातृभूमि नहीं है?’’ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘क्या चीन ने उस स्थान पर कब्जा नहीं किया है जहां हमारे 20 जवान शहीद हुए थे? क्या चीन ने डेपसांग इलाके में वाई जंक्शन पर कब्जा नहीं कर रखा है?’’ उन्होंने दावा किया कि 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी गलवान घाटी गईं थीं। लेकिन मोदी जब लद्दाख गए तो सीमा से 230 किलोमीटर दूर गए। हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए उन्हें सीमा के नजदीक जाना चाहिए। सिब्बल ने पूछा, ‘‘क्या यह सही नहीं कि लद्दाख में स्थानीय काउंसलर्स, जिनमें भाजपा के काउंसलर भी शामिल हैं, उन्होंने चीन द्वारा हमारी जमीन पर कब्जा करने के बारे में फरवरी, 2020 में प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन भेजा था? प्रधानमंत्री ने उस पर क्या कार्रवाई की? अगर प्रधानमंत्री ने समय रहते कदम उठाया होता, तो क्या हम चीनियों के अतिक्रमण को पहले ही नहीं रोक देते?’’ उन्होंने कहा, ‘‘समय की मांग है कि भारत चीन की ‘आंखों में आंखें’ डालकर स्पष्ट रूप से बता दे कि चीनियों को भारतीय सरजमीं पर अपने अवैध व दुस्साहसपूर्ण कब्जे को छोड़ना होगा। प्रधानमंत्री जी, यही एकमात्र ‘राज धर्म’ है, जिसका पालन आपको हर कीमत पर करना चाहिए।’’ गौरतलब है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पिछले कई हफ्तों से गतिरोध चल रहा है। गत 15-16 जून की रात दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इस झड़प में चीनी पक्ष को भी नुकसान होने की खबरें हैं।
नई दिल्ली, 03 जुलाई 2020,रेलवे की ओर से कर्मचारियों के लिए शुक्रवार को राहत की खबर आई है. रेलवे ने कहा है कि न तो किसी की नौकरी जा रही है और न ही भर्तियां कम की जा रही हैं. हालांकि, आने वाले समय में कर्मचारियों की जॉब प्रोफाइल बदली जा सकती हैं. रेलवे के डीजी (एचआर) आनंद एस खाती ने कहा कि रेलवे में न तो किसी की नौकरी जा रही है और न ही भर्तियां कम की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि ट्रेन संचालन और रखरखाव के लिए आवश्यक किसी भी सुरक्षा श्रेणी की नौकरियों को सरेंडर नहीं किया जाएगा. आनंद एस खाती ने कहा कि गैर-सुरक्षा के खाली पदों को सरेंडर करने से रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर की नई परियोजनाओं के लिए और ज्यादा सेफ्टी वाली वैकेंसी निकालने में मदद मिलेगी. रेलवे में इस्तेमाल हो रही आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए नए सेक्टर्स बन रहे हैं. ऐसे में संसाधनों का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है. इसीलिए विभिन्न श्रेणियों के पदों के लिए चल रहे भर्ती अभियान हमेशा की तरह जारी रहेंगे. रेलवे में नौकरियों की कटौती नहीं होगी. उन्होंने कहा कि तकनीकी हस्तक्षेप के कारण कुछ जॉब प्रोफाइल बदल सकते हैं, जिसमें कर्मचारी फिर से कुशल होंगे, लेकिन कोई कटौती नहीं होगी. रेलवे में वर्तमान में 12,18,335 कर्मचारी हैं और अपनी आय का 65 प्रतिशत हिस्सा वो वेतन और पेंशन के भुगतान पर खर्च करती है. 2018 के बाद से रेलवे ने सुरक्षा श्रेणी में 72,274 और गैर सुरक्षा श्रेणी में 68,366 रिक्तियां अधिसूचित की है.
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2020,बीते दिनों गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने आर्थिक मोर्चे पर चीन को घेरना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं. अब भारत की ओर से चीन को एक और झटका दिया गया है. दरअसल, तकनीकी खामियों की वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कानपुर-आगरा मेट्रो के लिए चीनी कंपनी के टेंडर आवेदन को खारिज कर दिया. किसको मिला टेंडर? दरअसल, यूपीएमआरसी ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं हेतु मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की आपूर्ति, परीक्षण और चालू करने के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का टेंडर बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को दिया है. इसके लिए चीन की कंपनी सीआरआरसी नैनजिंग पुजहेन लिमिटेड ने भी टेंडर दिया था लेकिन तकनीकी खामियां पाए जाने के कारण चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया. बता दें कि बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लि. एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है. क्या है कानपुर और आगरा प्रोजेक्ट? कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी. एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी यानी प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे. क्या कहा यूपीएमआरसी ने? यूपीएमआरसी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक लखनऊ की ही तर्ज़ पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए सिंगल टेंडर प्रक्रिया अपनाई. देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था, जो बेहद सफ़ल रहा. बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन के बाद कानपुर में एक बार फिर से पूरे ज़ोर के साथ सिविल निर्माण कार्य शुरू करने के बाद, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम के टेंडर प्रक्रिया का पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है. इससे न सिर्फ़ अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी बल्कि कानपुर और आगरा की जनता का मेट्रो सेवाओं का सपना भी अब जल्द ही पूरा होगा.

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