बीसीसीआई एजीएम: संशोधनों के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख, गांगुली और शाह को हो सकता है फायदा

मुंबई भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा संविधान में सर्वसम्मति से संशोधन का प्रस्ताव करते हुए बोर्ड की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में रविवार को लोढ़ा समिति के मूल सुधारों में ढिलाई देने पर बात की गई। इन संशोधनों को पारित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की स्वीकृति की जरूरत होगी जिस पर 3 दिसंबर को सुनवाई की संभावना है। गांगुली और शाह को 2 कार्यकाल प्रस्तावित संशोधन कूलिंग-ऑफ पीरियड में बदलाव से संबंधित है जिससे मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के लिए लगातार दो कार्यकाल मिल सकते हैं। संशोधनों में यह भी प्रस्ताव है कि 70 साल का नियम केवल पदाधिकारियों और शीर्ष परिषद के सदस्यों पर ही लागू होना चाहिए। होंगे बड़े बदलाव बीसीसीआई ने भी मौजूदा संविधान में एक और नियम को बदलते हुए चयनकर्ताओं के कार्यकाल को पांच से घटाकर चार साल का कर दिया है। इस बदलाव से एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है। इसके अलावा, फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केपीएल के आयोजन को रोके रखा है। आईसीसी-सीईसी के लिए शाह बीसीसीआई के सचिव जय शाह आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति (सीईसी) में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करेंगे। बोर्ड के सीईसी प्रतिनिधि, सीईओ राहुल जोहरी थे, जब प्रशासकों की समिति (CoA) बोर्ड के मामलों को देख रही थी। जय शाह को हाल में बोर्ड सचिव नियुक्त किया गया है, जब गांगुली ने पिछले महीने कार्यभार संभाला था। शाह को बोलने से ज्यादा सुनना पसंद गुजरात क्रिकेट संघ (GCA) में अपना पद छोड़ने के बाद बीसीसीआई सचिव पद संभालने वाले शाह ने अभी तक बोर्ड के मामलों पर ज्यादा बात नहीं की है। जिन लोगों ने उन्हें काम करते देखा है, वे कहते हैं, जय बोलने से ज्यादा सुनना पसंद करते हैं। नए सचिव ने पहले ही आईसीसी के मामलों को दिलचस्पी के साथ समझना शुरू कर दिया है। अनुभव पर ध्यान सुप्रीम कोर्ट जाने के अलावा, बीसीसीआई ने प्रस्ताव दिया है कि कूलिंग-ऑफ की अवधि केवल तभी समाप्त हो जानी चाहिए जब मौजूदा पदाधिकारी दो कार्यकाल (छह वर्ष) समाप्त कर चुका हो। इसके अलावा 70 साल उम्र वाला नियम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आईसीसी में प्रतिनिधित्व पर लागू नहीं हो। इसके लिए तर्क दिया गया है कि किसी व्यक्ति के अनुभव को ध्यान में रखा जाए। चयनकर्ताओं का कार्यकाल 1 साल कम एक अन्य प्रमुख फैसले में एजीएम ने राष्ट्रीय चयन समितियों के कार्यकाल को पांच साल से घटाकर चार का कर दिया। बीसीसीआई के नए संविधान, जिसमें कई मोर्चों पर सदस्य लड़ रहे हैं, में राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के लिए कार्यकाल चार साल से बढ़ाकर पांच का कर दिया था। प्रसाद के नेतृत्व वाली सिलेक्शन कमिटी अब नहीं इससे एमएसके प्रसाद के नेतृत्व वाली चयन समिति का कार्यकाल खत्म हो गया है जिसमें गगन खोड़ा, सरनदीप सिंह, जतिन परांजपे और देवांग गांधी शामिल हैं। एजीएम के बाद बोलते हुए, बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने भी कहा कि उस सिलेक्शन कमिटी का कार्यकाल समाप्त हो गया है। हालांकि, सिंह, परांजपे और गांधी के पास एक साल का कार्यकाल बचा है, लेकिन देखना होगा कि क्या बीसीसीआई इस पर विचार करेगा। केपीएल पर फिलहाल रोक कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में जिस तरह से फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उस से बीसीसीआई भी ‘सचेत’ है। गांगुली ने कहा कि इसी के चलते अभी केपीएल को रोक दिया है। उन्होंने कहा, 'हमें भ्रष्टाचार-रोधी सिस्टम को ठीक करना होगा। राज्यों ने इसे हमारे संज्ञान में लाया है। यह कोई नहीं चाहता। हम एक सिस्टम बनाएंगे।'

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