यूपी में पिछली बार की तरह ही रहा वोटिंग प्रतिशत का ट्रेंड, पश्चिमी यूपी आगे, पूर्वांचल पीछे

लखनऊ लोकसभा चुनाव के लिए सभी चरणों का मतदान समाप्त हो चुका है और सीटों के लिहाज से सबसे अहम स्थान रखने वाले उत्तर प्रदेश में वोटिंग का ट्रेंड इस बार भी 2014 के पिछले लोकसभा चुनावों के जैसा ही रहा। यहां पश्चिमी यूपी में इस बार भी मतदान प्रतिशत पूर्वांचल से अधिक रहा। यूपी की राजनीति के दो प्रमुख गढ़ माने जाने वाले पश्चिमी यूपी और पूर्वी यूपी में वोटर्स ने बूथों तक पहुंचने के लिए 2014 की तरह ही ट्रेंड दिखाया। प्रदेश में हर गुजरते चरण के बाद मतदान प्रतिशत कम होता गया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पहले 3 चरण के मतदान में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। चौथे चरण से वोटिंग ग्राफ घटता चला गया और सातवें चरण में कुछ ऊपर चढ़ा। पहले चरण में 64 प्रतिशत मतदान हर चरण के अनुसार बात करें तो पहले चरण में 64 प्रतिशत मतदान, दूसरे चरण में 62 प्रतिशत, तीसरे में 61 प्रतिशत, चौथे में 59 प्रतिशत, पांचवें चरण में 58 प्रतिशत और छठें चरण में 54 फीसदी मतदान देखने को मिला। सातवें और अंतिम चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर मतदान हुआ, जिसमें वाराणसी और गोरखपुर जैसी वीआईपी सीटें शामिल हैं। अंतिम चरण में मतदान 57 फीसदी हुआ। 2014 में हुए आम चुनावों के आंकड़ों पर नजर डालने पर भी यही ट्रेंड नजर आता है। पिछले चुनाव में पहले चरण में 66 प्रतिशत मतदान, दूसरे चरण में 62 प्रतिशत, तीसरे में 61 प्रतिशत, चौथे में 58 प्रतिशत, पांचवें चरण में 57 प्रतिशत, छठे चरण में 54.5 प्रतिशत, सातवें चरण में 54.9 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके अलावा 2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में भी वोटिंग का यही ट्रेंड देखने को मिला था। राज्य के चुनावों में भी पश्चिम से पूरब की तरफ बढ़ने पर मतदान प्रतिशत में कमी देखने को मिली थी।

Top News