taaja khabar..के. कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में कराया बदलाव', ईडी का बड़ा दावा..फिर से मोदी' के नारों से गूंजा कोयंबटूर, फूलों की बारिश के बीच प्रधानमंत्री ने किया रोड शो..लोकसभा चुनाव में संतों को प्रतिनिधित्व की मांग

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नई दिल्ली: लोकसभा में आज पीएम मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनवाते हुए कहा कि देश में एक ऐसे मंदिर का निर्माण हुआ जो भारत सालों- साल तक देश की महान परंपरा को ऊर्जा देता रहेगा। हमारी सरकार की तीसरा कार्यकाल ज्यादा दूर नहीं है। बस 100-125 दिन बाद फिर से एक बार पूरा देश यही कहेगा कि अबकी बार मोदी सरकार। पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं कभी भी आंकड़ों के चक्कर में नहीं पड़ता हूं लेकिन मैं जो देश का मूड देख रहा है उसे देखकर लगता है कि एनडीए को 400 पार कराके रहेगा और बीजेपी को 370 सीट दिलाएगा। कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया इससे पहले पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा था कि देश के नागरिकों के लिए वो कैसा सोचते थे अगर मैंने नाम बोला तो उनको चुभन होगी,लेकिन 15 लाल किले से पीएम नेहरू ने जो कहा था। वो सुनना एक बार सुनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आम तौर पर नहीं है। हम उतना काम नहीं करते हैं जितना कि जापान वाले, अमेरिका वाले, यूएस वाले करते हैं। कांग्रेस अपना दायित्व निभाने में रही विफल पीएम मोदी ने कांग्रेस की सोच को लेकर भी लोकसभा में कहा कि आखिर कब तक समाज को बाटंते रहोगे। इन लोगों पीएम मोदी ने कहा कि 'कब तक टुकड़ों में सोचते रहोगे, कब तक समाज को बांटते रहोगे, बहुत तोड़ा देश को... अच्छा होता कि जाते-जाते तो कम से कम इस चर्चा के दरम्यान कुछ सकारात्मक बातें होती, कुछ सकारात्मक सुझाव आते। लेकिन हर बार की तरह आपने देश को काफी निराश किया।'पीएम मोदी ने कहा, आज विपक्ष की जो हालत है, इसकी सबसे बड़ी दोषी कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला था, लेकिन 10 वर्षों में ये उस दायित्व को निभाने में भी विफल हो गए।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की नीतियों की आलोचना कई बार कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए भी कांग्रेस पार्टी पर तो खूब हमला बोला ही, नेहरू-इंदिरा के भाषणों का जिक्र कर उनकी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके नेता भारतीयों के प्रति बड़ी हीन भावना रखते हैं। पीएम ने कहा नेहरू जी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से भारतीयों को नीचा दिखाया जबकि विदेशियों की बड़ाई की। पीएम ने कहा, 'कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया। वे अपने आप को शासक मानते रहे। जनता जनार्दन को छोटा आंकते रहे। देश के नागरिकों को कैसे सोचते हैं, मैं नाम बोलूंगा तो उनको चुभन होगी। 15 अगस्त को लालकिले से नेहरू ने कहा था- हिंदुस्तान से काफी मेहनत करने की आदत आमतौर पर नहीं है। हम इतना काम नहीं करते, जितना यूरोप, जापान या चीन और अमेरिका वाले करते हैं। यह न समझिए कि वे कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गईं। वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं।' नेहरू भारत के लोगों को दिखा रहे थे नीचा पीएम मोदी ने नेहरू के इस बयान की अपनी तरह से व्याख्या भी की। उन्होंने कहा, 'वे (नेहरू) भारत के लोगों को नीचा दिखाकर उनको (विदेशियों को) सर्टिफिकेट दे रहे थे। नेहरू जी की भारतीयों के लिए सोच थी कि वे आलसी और कम अक्ल के लोग होते हैं। इंदिरा जी की सोच भी इससे ज्यादा अलग नहीं थी।' उन्होंने नेहरू की पुत्री और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भाषण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'इंदिरा जी ने जो लालकिले से 15 अगस्त को कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत यह है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं। और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय की भावना को अपना लिया है।'
उदयपुर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होने के बाद आज पहली सभा को संबोधित किया। मोदी ने कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था सहित महिला अपराधों पर जमकर घेरा। झीलों की नगरी उदयपुर शहर में उन्होंने अपने चित परिचित अंदाज में कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत उदयपुर भूमि और मेवाड़ भूमि के बड़े मंदिरों को प्रणाम कर की। इसके बाद उन्होंने महाराणा प्रताप, गोविंद गुरू रानी पद्मिनी, रानी कर्णावति, मीरा और पन्ना धाय को याद करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा कि यह धरती वीरों की धरती है। इसकी पहचान पन्ना धाय और मीरा से है। पन्ना धाय वो हैं, जिन्होंने अपने कर्तव्य के पालन के लिए अपनी संतान का बलिदान देने के लिए एक क्षण भी नहीं लगाया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि महिला अपराधों की बात करो तो कांग्रेस के मंत्री राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताते हैं। कांग्रेस वालों डूब मरो। इस कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार की हद पार कर दी है। हम वादा करते हैं कि जनता को लूटने वाली बड़ी मछली ही नहीं, मगरमच्छों को भी नहीं छोड़ेंगे। कृषि मंडी में हुई सभा में मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में राजस्थान के लोगों के साथ मानवता को शर्मसार करने वाली वारदातें हो रही हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल के साथ आतंकी घटना राजस्थान सरकार पर बहुत बड़ा दाग है। यह घटना इसलिए हुई क्योंकि यहां आतंकियों के साथ सहानुभूति रखने वाली कांग्रेस की सरकार है। पीएम मोदी ने कहा कि मेवाड़ की माटी देश के मस्तक पर तिलक की तरह है। लेकिन जब जब इस धरती को कांग्रेस की नजर लगी है। तब तब इसके स्वामिमान को चोट पहुंची है। पीएम मोदी ने इसके बाद कन्हैयालाल हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही है। पीएम ने कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल जी के साथ आतंकी घटना कांग्रेस के लिए बड़ा दाग है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी बर्बरता पूर्ण घटना उदयपुर में इसलिए हुई क्योंकि यहां आंतकवादियों के साथ सहानभूति रखने वाली कांग्रेस सरकार है। मोदी के भाषण की बड़ी बातें... 1. कांग्रेस के नेता डूब मरो कांग्रेस की सरकार महिला अपराधों पर नकेल कसने में नकारा साबित हुई है और कांग्रेस के मंत्री इसे राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताते हैं। डूब मरो कांग्रेस वालों। कांग्रेस ने राजस्थान की महिलाओं ही नहीं, पुरुषों का भी अपमान किया है, क्योंकि यहां के पुरुष बहन-बेटियों के लिए जान देने वाले हैं। 2. बहन-बेटियां खेत-खलिहान जाने से डरने लगी हैं कानून व्यवस्था की यह स्थिति हो गई है कि बहन-बेटियां खेत-खलिहान जाने से डरने लगी हैं। कोई छात्रा घर से निकलने के बाद सुरक्षित महसूस नहीं करती। बहन-बेटियों पर अत्याचार तब ही रुकेगा, जब यहां से कांग्रेस की विदाई होगी। यह मोदी की गारंटी है कि भाजपा राज में हर बहन-बेटी को सुरक्षित वातावरण और सम्मान मिलेगा। 3. पांच साल कुर्सी में उलझी रही कांग्रेस की सरकार पांच साल इसी में उलझी रही कि अब कुर्सी पर कौन बैठेगा? कुर्सी कौन खींच लेगा? अब कुर्सी बचाने के लिए क्या करना पड़ेगा? कुर्सी की इस लड़ाई में कांग्रेस ने जनता के मुद्दों की परवाह नहीं की। 4. कांग्रेस झूठे वादे लेकर आई कांग्रेस ने राजस्थान के गरीबों, दलितों और वंचितों के लिए कुछ नहीं किया। अब चुनाव आए हैं तो झूठे वादे लेकर आ गई है। जहां कांग्रेस सरकार है, वहां इन झूठे वादों का हाल देख रहे हैं। कांग्रेस की हर योजना में एक धोखा जरूर होता है। उन्होंने मिडिल क्लास को राहत देने का वादा किया था, लेकिन पेट्रोल-डीजल पर रिकॉर्ड टैक्स वसूल कर रही है। 5. फ्री बिजली की बजाय 10 गुना पैसा वसूल रहे हैं कांग्रेस ने फ्री बिजली का वादा किया था, लेकिन इसके बजाय बकाया बिल के नाम पर 10 गुना पैसा वसूल रहे हैं। ये सिर्फ कांग्रेस के नेताओं की तिजोरी भरने के लिए काम कर रहे हैं। यह कांग्रेस के नेता खुद बोल रहे हैं कि यहां ऐसी लूट मची है कि ऐसा कहीं और नहीं है। राजस्थान में सचिवालय से सोना बरामद हो रहा है, अब यह आलू से बना सोना है या जेब काटकर बना सोना है? यहां के सीएम के नजदीकी अफसर एक साल में दो-दो दर्जन फ्लैट खरीद ले रहे हैं। 6. जिन्होंने राजस्थान को लूटा, उन्हें लौटाना पड़ेगा भाजपा सरकार आई तो हर भ्रष्टाचारी पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी। जिन्होंने राजस्थान को लूटा है, उन्हें लौटाना ही पड़ेगा। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहा हूं तो जो जमानत पर घूम रहे हैं, उनका बुखार नहीं उतरता है। वे सुबह-शाम मोदी-मोदी करते रहते हैं। 7. जनता को लूटने वाले बड़े मगरमच्छों को नहीं छोड़ेंगे लोग कहते हैं कि राजस्थान में छोटी मछली ही पकड़ी जाती है, बड़ी मछली नहीं। हम छोटी-बड़ी मछली के साथ जनता को लूटने वाले मगरमच्छों को भी नहीं छोड़ेंगे। सरकार बनने के बाद कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बेनकाब करने वाली हर लाल डायरी बाहर आकर रहेगी। 8. पेपर लीक माफिया को बढ़ावा दिया अपनी तिजोरी भरने के लिए कांग्रेस ने पेपर लीक माफियाओं को बढ़ावा दिया। उन्हें युवाओं की चिंता नहीं है, उन्हें सिर्फ एक युवराज की चिंता है। भाजपा राजस्थान में पारदर्शी तरीके से परीक्षा लेने और अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। 9. रामनवमी पर प्रतिबंध लगाया और आतंकी संगठन की रैली निकलने दी आतंकियों की हमदर्द कांग्रेस राजस्थान को तबाह करके मानेगी। इन्होंने राम नवमी और कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया और आतंकी संगठन पीएफआई की रैली निकलने दी। राजस्थान के कितने ही क्षेत्रों में अब गरीबों के पलायन की खबरें आने लगी हैं, कांग्रेस सरकार रही तो यह और बढ़ेगा।
तेल अवीव,इजराइल और हमास जंग में मंगलवार देर रात सबसे बड़े हमले की खबर आई। गाजा सिटी के अहली अरब सिटी हॉस्पिटल पर रॉकेट हमले में 500 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है। हमास ने दावा किया कि हमला इजराइल ने किया। वहीं, इजराइल ने कहा है कि हॉस्पिटल पर हुए हमले में उसका हाथ नहीं है। इस बीच इजराइली सेना ने एक फोन कॉल रिकॉर्डिंग रिलीज की है। इसमें दो हमास ऑपरेटिव अस्पताल पर हुए हमले को लेकर बात कर रहे हैं। इसमें वो कह रहे हैं कि इस्लामिक जिहाद ने करीब 10 रॉकेट अस्पताल के पास बने कब्रिस्तान से दागे। इनमें से एक मिसफायर हो गया। ऑडियो क्लिप में एक हमास ऑपरेटिव दूसरे से कहता है- ये हमारी तरफ से दागे गए रॉकेट से हुआ है? जवाब में दूसरा ऑपरेटिव कहता है- लगता तो ऐसा ही है, क्योंकि रॉकेट के जो टुकड़े मिले हैं वो इजराइली मिलिट्री के नहीं है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले को लेकर दुख जताया है। इजराइल ने अस्पताल पर हमले का वीडियो जारी किया इधर, इजराइल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि फिलिस्तीनी लड़ाके ही हॉस्पिटल के पास हमला कर रहे थे, उन्हीं में से एक रॉकेट दिशा भटककर अस्पताल पर गिर गया। हमास के दावे पर इजराइली PM नेतन्याहू ने X पर लिखा- पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि गाजा में इजराइली सेना ने नहीं, बल्कि हमास के खूंखार आतंकियों ने हमला किया है। जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, वे अपने बच्चों के भी हत्यारे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन इजराइल पहुंचे इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन आज इजराइल पहुंच गए हैं। गाजा अस्पताल पर हमले के बाद बाइडेन की अरब नेताओं के साथ होने वाली मीटिंग रद्द हो गई है। दरअसल, बाइडेन इजराइल के बाद जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन जाकर वहां के नेताओं से मुलाकात करने वाले थे। अब उनका इन सभी देशों का दौरा रद्द हो गया है। बाइडेन के प्लेन एयरफोर्स-1 से अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा- जॉर्डन में होने वाली बैठक को रद्द करने का फैसला बाइडेन और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला ने मिलकर लिया है। हालांकि, बाइडेन इजराइल से लौटते समय फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ चर्चा करेंगे।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। आयोग के इस ऐलान के बाद पांचों राज्यों में आदर्श आचार सहिंता भी लागू हो गई है। इसका मतलब यह हुआ है कि अब यहां सरकारें किसी भी नए काम को शुरू नहीं कर पाएंगी। इसके साथ ही सरकार और प्रशासन चुनाव आयोग के हाथ में चला जाएगा। जिलों के डीएम चुनाव अधिकारी बन जाएंगे और इन राज्यों में प्रशासनिक फेरबदल या जिम्मेदारियों में बदलाव भी अब चुनाव आयोग ही करेगा। चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि उनकी और उनकी टीम पिछले 6 महीने से काम कर रही है और हमने सभी पांचो राज्यों कई दौरे के बाद पूरा कार्यक्रम बनाया है। पांचो राज्यों में इन तारीखों को होगा मतदान मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि तेलंगाना, राजस्थान मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में चुनाव होंगे। वहीं नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। मिजोरम में जहां 7 नवंबर को चुनाव होगा तो वहीं तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग होगी और राजस्थान में 23 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं छत्तीसगढ़ में वोटिंग 7 और 17 नवंबर को होगी। इन पांचो राज्यों में मतदान तो अलग-अलग तारीखों को होगा, लेकिन चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को एक साथ ही आएंगे। पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता करेंगे ।वोट चुनाव आयोग ने बताया कि इन पांचो चुनावी राज्यों में मतदान के लिए 1.77 लाख वोटिंग बूथ बनाए गए हैं। इन सभी बूथों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ने इन चुनावों की तैयारी का विस्तार से ब्यौरा दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें 8.2 करोड़ से ज्यादा पुरुष मतदाता होंगे और 7.5 महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही यहां इस बार 60 लाख से ज्यादा नए मतदाता वोट करेंगे। जिसमे से 23.6 लाख से ज्यादा नई महिला मतदाता हैं। पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता चुनाव आयोग ने बताया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 16.14 करोड़ है। इनमें से मिजोरम में 8.52 लाख वोटर्स, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ वोटर्स, मध्य प्रदेश में 5.06 करोड़ वोटर्स, राजस्थान में 5.26 करोड़ वोटर्स और तेलंगाना में 3.17 करोड़ वोटर्स हैं। बता दें कि कुल 16.14 करोड़ वोटर्स में 8.2 करोड़ पुरुष व 7.8 करोड़ महिला वोटर्स हैं। कुल 60.2 लाख नए मतदाता जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां के नए मतदाताओं की संख्या भी चुनाव आयोग ने बता दी है। आयोग के मुताबिक, कुल 60.2 लाख मतदाता पहली बार वोट देंगे। इनमें से मिजोरम में 50,611, छत्तीसगढ़ में 7.23 लाख, मध्य प्रदेश में 22.36 लाख, राजस्थान में 22.04 लाख और तेलंगाना में 8.11 लाख पहली बार वोट देने वाले मतदाता हैं। पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र चुनाव आयोग ने बताया कि पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र होंगे। जहां 621 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा 8,192 पीएस पर महिलाएं कमान संभालेंगी। वहीं मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए आरक्षित वन क्षेत्रों/अभयारण्यों में मतदान केंद्र स्थापित किये जायेंगे। इसके साथ ही मिजोरम में मतदान दल 22 गैर मोटर योग्य पीएस और 19 नदी मतदान केंद्रों से नाव द्वारा पैदल यात्रा करेंगे। अपराधिक उम्मीदवार को टिकट देने का कारण पार्टी को होगा बताना नागरिक ECI के #cVigil ऐप के माध्यम से किसी भी प्रकार की चुनावी कदाचार की रिपोर्ट ECI को कर सकते हैं। हर शिकायत पर 100मिनट में जवाब दिया जाएगा। वहीं अब अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को तीन बार विज्ञापन देकर अपने अपराधिक रिकॉर्ड के बारे में बताना होगा। इसके साथ ही ऐसे उम्मीदवारों को चुनने के लिए पार्टी को भी कारण बताना होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की जागरूकता और सहयोग महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली। तीन महीने बाद होने जा रहे छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की रणनीति साफ होने लगी है। इनमें भाजपा राज्य के सामूहिक नेतृत्व और मोदी के चहरे से सहारे मैदान में उतरेगी। अंदरूनी गुटबाजी को रोकने के लिए भाजपा की रणनीति तीनों ही राज्यों में पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी को रोकने के लिए यह रणनीति मुफीद साबित हो सकती है। तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करना और राजस्थान में चुनाव प्रबंधन समिति और संकल्प पत्र समिति में वसुंधरा राजे को जगह नहीं दिया जाना इसी रणनीति का हिस्सा है। वसुंधरा राजे को चुनाव प्रचार समिति में मिल सकती है जगह भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, वसुंधरा राजे निश्चित रूप से राजस्थान के बड़ी नेता हैं और पार्टी चुनाव प्रचार में उनका भरपूर इस्तेमाल भी करेगी। हो सकता है कि उन्हें चुनाव प्रचार समिति में जगह भी दे दी जाए, लेकिन राज्य के अन्य नेताओं को भी बड़ी जिम्मेदारी देना जरूरी है। ताकि सभी नेता एकजुट होकर सामूहिक रूप से पार्टी की जीत में योगदान कर सकें। एमपी में चुनाव प्रचार समिति की कमान तोमर को मिली मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहन जैसी लोकप्रिय सरकारी योजनाओं के साथ जनता के बीच लगातार जा रहे हैं, लेकिन चुनाव प्रचार समिति की कमान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को सौंपी गई है। इस साल के अंत तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव ध्यान देने की बात है कि नवंबर-दिसंबर में मिजोरम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने हैं। पिछले साल इन पांचों राज्यों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। मिजोरम में भाजपा के लिए कोई उम्मीद नहीं है और तेलंगाना में वोट प्रतिशत में इजाफा जरूर हो सकता है, लेकिन वह सीटों में कितनी बदलेंगी यह साफ नहीं है। तेलंगाना में भाजपा को मिली थी सिर्फ एक सीट पिछली बार तेलंगाना की 117 विधानसभा सीटों में से भाजपा सिर्फ एक सीट ही जीतने में सफल रही थी। ऐसे में भाजपा के लिए छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान काफी अहम हो जाता है। पिछली बार भाजपा भले ही छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में चुनाव हारने के बावजूद भाजपा लोकसभा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के छह महीने पहले इन राज्यों में हार से विपक्ष को भाजपा के खिलाफ नैरेटिव बनाने का मौका मिल सकता है। भाजपा ने बड़े नेताओं को क्यों दी जिम्मेदारी? यही कारण है कि भाजपा विधानसभा चुनाव में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। तीनों राज्यों में पार्टी की अंदरूनी कलह रोकने के लिए पार्टी के बडे़ नेताओं ने खुद चुनाव का जिम्मा संभाल लिया है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी अमित शाह के पास है, तो राजस्थान की जिम्मेदारी जेपी नड्डा के पास। इन राज्यों में नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गयी है और उनसे लगातार फीडबैक भी लिया जा रहा है।
नई दिल्‍ली: स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम चुनाव 2024 का एजेंडा सेट कर दिया। लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने जनता से मदद भी मांगी और आशीर्वाद भी। मोदी ने कहा क‍ि अगले 5 साल 'अभूतपूर्व विकास' के हैं। उन्होंने ऐलान किया, 'अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा।' मोदी ने किसी का नाम नहीं लिया मगर विपक्ष पर हमले खूब किए। भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण को 'तीन बुराइयों' के रूप में गिनाते हुए पीएम ने कहा ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि वे इनसे लड़ाई लड़ते रहेंगे। मोदी ने लाल किले के प्राचीर से कई बातें कहीं जो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चुभ जाएंगी। ऐसी 5 बड़ी बातें जानिए। मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए इशारों में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा, '25 साल से देश में चर्चा चल रही थी कि नया संसद भवन बनेगा। यह मोदी है जिसने समय के पहले संसद बनाकर रख दिया।' कई विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्‍कार किया था। मोदी ने लालकिले की प्राचीर से कहा, ' नया भारत है, आत्मविश्वास से भरा हुआ भारत है, ये संकल्पों को चरितार्थ करने के लिए जी-जान से जुटा हुआ भारत है। इसलिए ये भारत, न रुकता है, न थकता है, न हांफता है और न ही ये भारत हारता है। आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है। जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं। इन दिनों मैं जो शिलान्यास कर रहा हूं, उनका उद्घाटन भी मेरे नसीब में है।' मोदी ने आगे कहा, 'मैं आप में से आता हूं, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। अगर मुझे सपना भी आता है तो आपके लिए आता है, अगर मैं पसीना भी बहाता हूं तो आपके लिए बहाता हूं। इसलिए ​नहीं कि आपने मुझे ये दायित्व दिया, ये मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि आप मेरे ​परिवारजन हैं और मैं आपके किसी दुख को नहीं देख सकता हूं।' एक ही परिवार कैसे चला चला सकता है राजनीतिक दल? पीएम मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि आज परिवारवाद और तुष्टीकरण ने हमारे देश को बर्बाद कर दिया है। उन्‍होंने किसी का नाम लिए बिना उन दलों पर निशाना साधा जिनका नियंत्रण एक परिवार के पास है। पीएम ने कहा, 'किसी राजनीतिक दल का प्रभारी केवल एक ही परिवार कैसे हो सकता है? उनके लिए उनका जीवन मंत्र है- परिवार की पार्टी, परिवार द्वारा और परिवार के लिए।' अगले साल इसी लाल किले से फिर... ​मैं लालकिले से आपकी मदद मांगने आया हूं, मैं आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। आजादी के अमृतकाल में 2047 में, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए। 2019 में परफॉर्मेंस के आधार पर आप सबने हमें फिर से आशीर्वाद दिया।परिवर्तन का वादा मुझे ले आया और आने वाले 5 साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने के सबसे बड़े स्वर्णिम पल आने वाले 5 साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास से आपके सामने प्रस्तुत करूंगा। ये मोदी का कमिटमेंट है... लालकिले से बोले PM लालकिले के प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा, 'अगर सपनों को सिद्ध करना है और संकल्प को पार करना है तो हमें तीन बुराइयों से लड़ना होगा। पहली लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, दूसरी लड़ाई परिवारवाद के खिलाफ है, और तीसरी लड़ाई तुष्टिकरण के खिलाफ है। भ्रष्टाचार ने हमारे देश को दीमक की तरह नोंच लिया है... लेकिन ये मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा। दूसरा, परिवारवाद ने हमारे देश को नोंच लिया है। इस परिवारवाद जिस तरह से देश को जकड़ के रखा है, इसने लोगों का हक छीना है। तीसरी बुराई तुष्टिकरण की है। इस तुष्टिकरण ने देश की मूलभूत चिंतन को, हमारे राष्ट्रीय चरित्र को दाग लगा दिए हैं। तहस-नहस कर दिया है। इसलिए हमें इन बुराइयों...भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के साथ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।' लालकिले के मंच से PM मोदी ने क्‍या-क्‍या गिनाया 2014 में हम वैश्विक अर्थव्यस्था में 10वें नंबर पर थे और आज 140 करोड़ देशवासियों का पुरूषार्थ रंग लाया है और हम विश्व की 5वीं अर्थव्यस्था बन चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है, लीकेज को हमने बंद किया, मजबूत अर्थव्यस्था बनाई, हमने गरीब कल्याण के लिए ज्यादा से ज्यादा धन खर्च करने का प्रयास किया। हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं। हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले, उनका अच्छे से इलाज हो। हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाये हैं। जन औषधि केन्द्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है। इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केन्द्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केन्द्र बनाने का लक्ष्य रखा है। देश जब आर्थिक रूप से समृद्ध होता है तो सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है। देश का सामर्थ्य बढ़ता है, देशवासियों का सामर्थ्य बढ़ता है। देश में रेल आधुनिक हो रही है तो वंदे भारत ट्रेन भी आज देश के अंदर काम कर रही है। गांव-गांव पक्की सड़कें बन रही हैं तो इलेक्ट्रिक बसें, मेट्रो की रचना भी आज देश में हो रही है। आज गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंच रहा है। भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता भी मिली है लेकिन हम इतने से संतोष नहीं मान सकते। मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में मुझे और भी कदम उठाने हैं और मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।​
नई दिल्ली: लाल किले से आज अपने भाषण के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 का एजेंडा सेट कर दिया। उनके हर एक शब्द विपक्षी खेमे में खलबली बढ़ाने वाले थे। पीएम ने कहा, 'अगले 15 अगस्त को फिर आऊंगा।' अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया ही, आगे के लिए यह भी कह दिया 'ये मोदी की गारंटी है।' उन्होंने एक हजार साल पहले की एक घटना का जिक्र कर बड़ी बात कही। उन्होंने देश को समझाने की कोशिश की कि इस कालखंड में सरकार जो भी फैसले ले रही है उसका असर आने वाले हजार साल तक रहेगा। 2024 के आम चुनाव से पहले लाल किले से पीएम मोदी की यह आखिरी स्पीच थी। ऐसे में उन्होंने जो कहा, उसके मायने बड़े हैं। पीएम के संबोधन की एक बड़ी बात उनका देशवासियों के लिए 'परिवारजन' कहना था। इस आत्मीय भाव के जरिए उन्होंने कहा कि हजार-1200 साल पहले देश पर एक आक्रमण हुआ था। एक छोटे से राज्य के राजा की हार हुई थी लेकिन तब लोगों को अंदाजा भी नहीं था कि यही एक घटना भारत को हजार साल की गुलामी में फंसा देगी। पीएम का इशारा महमूद गजनवी के भारत पर आक्रमण की तरफ था। उसने 1001 ईसवी में पहला हमला किया था। उसका अंतिम बड़ा आक्रमण 1025 में सोमनाथ मंदिर पर हुआ था। पीएम ने एक और बात कही, जो विपक्ष के नेताओं को चुभेगी। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि ये मोदी का कमिटमेंट है कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण के खिलाफ लड़ता रहूंगा। किसान, मिडिल क्लास, पसमांदा एक भाषण से सबको साधा पीएम के भाषण को विश्लेषक चुनावी कह सकते हैं क्योंकि उन्होंने 2014 के बाद देश में आए बदलाव की चर्चा की। उन्होंने समझाया कि अगले चुनाव में उन्हें मौका देना क्यों जरूरी है। उन्होंने युवाओं पर विशेष फोकस किया। महिला, किसानों, मजदूरों, पसमांदा मुसलमानों को साधने की कोशिश की। पीएम ने मिडिल क्लास को संबोधित करते हुए कहा कि जो परिवार घर का सपना देख रहे हैं, हम आने वाले कुछ साल में उनके लिए योजना लेकर आ रहे हैं। जो शहरों में रहते हैं, किराये के मकान, झोपड़ी में रहते हैं, चाल में रहते हैं... उन्हें लोन में ब्याज पर राहत देने का फैसला किया गया है। पीएम ने देश की आजादी के आंदोलन और 75 साल का जिक्र किया। उन्होंने देशवासियों से 2024 का जनादेश मांगते हुए कहा कि यह बात मानकर चलें, हम जो भी करेंगे। हम जो भी कदम उठाएंगे। हम जो भी फैसला लेंगे, वह आने वाले 1000 साल तक अपनी दिशा निर्धारित करने वाला है। पिछले 10 साल के विकास कार्यों के जरिए मोदी ने देश में आए बदलाव को सामने रखा। अपनी नीतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे शब्द लिखकर रख लीजिए इस कालखंड में जो त्याग और तपस्या हम करेंगे। सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय एक के बाद एक फैसले लेंगे उससे 1000 साल का देश का स्वर्णिम काल लिखा जाएगा।' उनका साफ तौर पर कहना था कि इस अमृतकाल में लिए गए फैसले 1000 साल तक प्रभाव पैदा करेंगी। इसके लिए उन्होंने एक और कार्यकाल मांगा। भारत का भाग्य लिखा जाएगा... उन्होंने लोगों में जोश पैदा करते हुए कहा कि आज हमारे पास जन सांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता है, ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। पीएम ने कहा कि यह कालखंड भारत का भाग्य लिखने वाला है। मैं आज नौजवानों से कहना चाहूंगा कि जो सौभाग्य हमारे युवाओं को मिला, वह शायद ही किसी को नसीब हुआ हो। युवा शक्ति में मेरा भरोसा है। हमारी नीतियां और रीतियां भी उस युवा सामर्थ्य को और बदल देने वाली हैं। 10 साल का हिसाब मोदी ने कहा कि मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे के सामने लाल किले के प्राचीर से देशवासियों को दे रहा हूं। 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ भारत सरकार की तरफ से जाते थे, पिछले 9 साल में यह 100 लाख करोड़ पहुंच गया। पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार से 70 हजार करोड़ जाता था, आज 3 लाख करोड़ से ज्यादा है। पहले गरीबों के घर के लिए 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था आज 4 लाख करोड़ रुपये खर्च होता है। सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के साथ मोदी ने कहा कि जब हम 2014 में आए थे तब वैश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे। आज 140 करोड़ लोगों का पुरुषार्थ रंग लाया है, हम पांचवें नंबर पर पहुंच चुके हैं। यह ऐसे ही नहीं हुआ है। पहले भ्रष्टाचार का राक्षस देश को दबोचे हुआ था, लाखों करोड़ के घोटाले अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर रहे थे। इसके जरिए उन्होंने कांग्रेस की पिछली सरकार पर हमला बोला। पीएम मोदी ने एक लाइन में 2024 के चुनाव का बड़ा मैसेज दे दिया, जो भाजपा के एजेंडे में आगे जोर-शोर से उठाया जा सकता है। पीएम ने साफ कहा, 'आने वाले 5 साल में मोदी की गारंटी है, देश पहले तीन वैश्विक इकॉनोमी में जगह लेगा। ये पक्का जगह ले लेगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 30 जुलाई को मन की बात की । मन की बात का यह 103वां एपिसोड है। प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों से बात करते हैं। एक स्टडी के मुताबिक करीब 23 करोड़ लोग मन की बात कार्यक्रम को रेगुलर बेसिस पर सुनते हैं। वहीं कम से कम 100 करोड़ लोगों ने इस कार्यक्रम को एक बार जरूर सुना है। बता दें कि इससे पहले मन की बात कार्यक्रम का 102वां एपिसोड 18 जून को टेलीकास्ट किया गया था। इस एपिसोड में योग दिवस पर चर्चा की गई थी। भारतीय संस्कृति का हो रहा प्रचार-प्रसार पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सावन के महीने में सभी ज्योतिर्लिंगों पर भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। हर साल काशी में 10 करोड़ से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। यह हमारे सास्कृति के परिचय का भाग है। पीएम मोदी ने दो विदेशी दोस्तों जो कैलिफोर्नियां के रहने वाले हैं, का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद के बारे में इन दोनों विदेशी दोस्तों ने सुना था, उन्होंने सुना था कि स्वामी विवेकानंद बाबा अमरनाथ के दर्शन करने गए थे। ऐसे में अब वो भी अमरनाथ के दर्शन के लिए भारत आ गए हैं। एक फ्रेंच मूल की महिला से मेरी मुलाकात फ्रांस में हुई थी। ये योगा टीचर हैं। इनकी आयु 100 वर्ष से अधिक है। वह पिछले 40 साल से योग प्रैक्टिस कर रही हैं। अपने 100 साल के आयु का श्रेय वो योग को ही देती हैं। दुनिया में वो भारत के योग विज्ञान का प्रमुख चेहरा बन गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने पेंटिंग का किया जिक्र पीएम मोदी ने पेंटिंग का जिक्र करते हुए कहा कि आर्टिस्ट प्रभास भाई ने एक पेंटिंग बनाई है। इस पेंटिंग में दर्शाया गया है कि छत्रपित शिवाजी महाराज जब अपनी कुलदेवी के लिए दर्शन करने जा रहे थे तो क्या माहौल था। हमें अपने धरोहरों को संजोना होगा, अगली पीढ़ी को इसे आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि राघवन जी ने तय किया कि वो अपनी पेंटिंग के जरिए जीव जंतुओं और पेड़ों के चित्र को बनाकर जानकारी को संजोने का काम करेंगे। वे दर्जनों ऐसे पशु-पक्षियों की पेंटिंग बना चुके हैं जो विलुप्त होने के कगार पर हैं। वे इनकी जानकारियों को पेंटिंग के जरिए संरक्षित करते हैं। अमेरिका ने वापस की कलाकृतियां अमेरिका द्वारा वापस की गई मूर्तियों को लेकर उन्होंने कहा कि ये मूर्तियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी कलाकृतिया हैं। उन्होंने बताया कि चोल युग की कई मूर्तियां इसमें शामिल हैं। भगवान गणेश की 1000 वर्ष पुरानी प्रतिमा, उमा महेश्वर की मूर्ति जो 1100 वर्ष पुरानी है, पत्थरों से बनी दो जैन तीर्थंकरों की मूर्तियां, भगवान सूर्य देव की प्रतिमा को भी अमेरिका ने भारत को लौटाया है। इसमें एक कलाकृति 16वीं-17वीं शताब्दी की है जो समुंद्र मंथन को दर्शाती है। अमेरिकी सरकार का अभार जिन्होंने हमारी बहुमूल्य संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को लौटाया है। उत्तराखंड से पीएम मोदी को चिट्ठी देवभूमि के माताओं-बहनों के पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि हमारी सांस्कृतिक की धरोहर रही भोजपत्र उनके जीवन जीने का साधन बनेगी। चमोली जिले की एक गांव की महिलाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। पीएम मोदी ने कहा कि भोजपत्र पर ही महाभारत लिखा गया था। ये महिलाएं भोजपत्र पर सुंदर-सुंदर कलाकृतियां बना रही हैं। मैंने देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी कि ज्यादा से ज्यादा लोकल सामान खरीदें। आज भोजपत्र से बने उत्पादों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत उत्तराखंड के महिलाओं के जीवन में नए-नए रंग भर रही है। राज्य सरकार इसके लिए महिलाओं को ट्रेनिंग भी दे रही है। साथ ही भोजपत्र को संरक्षित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। जिन राज्यों के गावों को देश का आखिरी छोर माना गया था। अब उन गांवों को प्रथम गांव मानकर विकास किया जा रहा है। नशा मुक्त भारत अभियान जम्मू कश्मीर में म्यूजिकल नाइट, चंडीगढ़ के लोकल क्लब, हाई एल्टिट्यूड पर बाइक राइडिंग। ये सुनकर लगता है मनोरंजन और रोमांच की बात हो रही है। ये आयोजन एक कॉमन कारण से भी जुड़ा हुआ है। ये कॉमन कारण है ड्रग्स के खिलाफ जागरुकता अभियान की। जम्मू कश्मीर में युवाओं को बचाने के लिए म्यूजिकल नाइट और बाइक राइडिंग की जा रही है। चंडीगढ़ के क्लब में ड्रग्स के खिलाफ अभियान चल रहा है। पंजाब में इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ये प्रयास भारत में नशे के खिलाफ अभियान में अहम योगदान देते हैं। नशा मुक्त भारत अभियान से 10 करोड़ से अधिक लोगों को जोड़ा गया है। पीएम ने कहा कि हमने करीब डेढ़ लाख किलो ड्रग्स को नष्ट करने का काम किया है। इसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये थी। मध्य प्रदेश का मिनी ब्राजील प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश के शहडोल के विचारपुर गांव को मिनी ब्राजील कहते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आज ये गांव फुटबाल के उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। कुछ सप्ताह पहले जब मैं वहां गया तो, वहां बहुत सारे फुटबॉल खिलाड़ियों से मेरी मुलाकात हुई। कई दशक पहले ये गांव अवैध शराब और नशे के लिए चर्चित था। पूर्व नेशनल प्लेयर और कोच रईस अहमद ने इन युवाओं की प्रतिभा को पहचाना और पूरी लगन से उन्होंने युवाओं को फुटबाल सीखाना शुरू कर दिया। यहां फुटबॉल इतनी पॉपुलर हो गई कि यहां के युवा इसमें भाग लेने लगे। यहां फुटबॉल क्रांति के नाम से एक कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसमें युवाओं को फुटबॉल सीखाया जाता है। इस कार्यक्रम से राज्य और नेशनल लेवल के प्लेयर निकले हैं। बड़ी संख्या में यहां से ऐसे खिलाड़ी निकल रहे हैं जो नेशनल लेवल पर खेल रहे हैं। एक आदिवासी स्थान जो अवैध शराब और नशे के लिए जाना जाता था, आज वो फुटबॉल नर्सरी बन गया है. इसलिए कहते हैं जहां चाह, वहां राह। पीएम नरेंद्र मोदी ने मांगी सेल्फी पीएम मोदी ने कहा कि शहीद वीर वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए मेरी माटी, मेरा देश अभियान शुरू किया जाएगा। हमारे अमर बलिदानियों की याद में कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। इस अभियान के तहत गांव-गांव, कोने-कोने से 7500 कलश में माटी लेकर कलश यात्रा निकाली जाएगी। मिट्टी के अलावा पेड़ भी लाए जाएंगे। इसी के साथ दिल्ली में अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा। yuva.gov.in पर सभी लोग हाथ में देश की पवित्र मिट्टी को लेकर शपथ लेते हुए सेल्फी को अपलोड करें। हर घर तिरंगा अभियान इस बार फिर चलाया जाएगा। इससे हमें आजादी के मूल्य का एहसास होगा। हर देशवासी को इस प्रयास से जरूर जुड़ना चाहिए। कुछ ही दिनों में 15 अगस्त को हम आजादी के महान त्योहार का हिस्सा बनेंगे।
कोलकाता: मणिपुर की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है। अब बीजेपी की ओर से दावा किया गया है कि बंगाल में भी दो महिलाओं के साथ ऐसा सलूक किया गया। बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पश्चिम बंगाल की घटना को बताते हुए रो पड़ीं। लॉकेट चटर्जी ने कहा कि जैसी स्थिति मणिपुर की है वैसी ही स्थिति आज बंगाल की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बंगाल में मणिपुर जैसी हुई दो घटनाओं का वीडियो उपलब्ध नहीं है। अलीपुरद्वार (उत्तरी बंगाल) और वीरभूम (दक्षिणी बंगाल) की घटनाओं का उल्लेख करते हुए लॉकेट चटर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रो पड़ीं। उन्होंने भारी मन से उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल भी भारत का हिस्सा है, जैसे मणिपुर है। उन्होंने कहा, 'हमारी बेटियां कहां जाएंगी। हम कुछ नहीं कर सकते हैं।' लॉकेट चटर्जी ने कहा कि बंगाल में महिलाओं की यह स्थिति तब है जब राज्य की मुख्यमंत्री स्वयं महिला हैं। 'फर्क सिर्फ इतना कि वीडियो नहीं है' सुकांत मजूमदार ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए दावा किया कि उनके राज्य में भी दो महिलाओं के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार किया गया है। मजूमदार ने कहा कि दोनों घटनाओं में फर्क सिर्फ इतना है कि पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी हुई दो घटनाओं का वीडियो उपलब्ध नहीं है। मजूमदार ने कहा, 'मणिपुर में जो घटना हुई वो बहुत दुखद है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं, ऐसी घटना कहीं भी नहीं होनी चाहिए। लेकिन बंगाल के दक्षिण पांचला में बीजेपी की महिला सदस्य को पंचायत चुनाव लड़ने के कारण निर्वस्त्र करके घुमाया गया। क्या ये मणिपुर से कम दुःखद घटना है?' उन्होंने कहा, 'फर्क बस ये है कि इसका कोई वीडियो नहीं है क्योंकि ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री) की पुलिस और गुंडे किसी को भी वीडियो नहीं बनाने देते।' 'गधे पर निर्वस्त्र करके घुमाया' बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि एक ही दिन अलीपुर द्वार (उत्तरी बंगाल) और वीरभूम (दक्षिणी बंगाल) में दो महिलाओं को नंगा करके गांव में घुमाया गया। उन्होंने आरोप लगाया, 'एक महिला को तो गधे पर निर्वस्त्र करके गांव में घुमाया गया।' मजूमदार ने आगे कहा, 'कारण जो भी हो, इसमें राजनीतिक कारण नहीं है, अलग कारण है। अलग बात है। लेकिन महिलाओं के सम्मान के साथ जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में खिलवाड़ हो रहा है वह चिंताजनक है।' उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कुछ दिन पहले हुए पंचायत चुनाव में जो हिंसा हुई उससे सभी अवगत हैं। उन्होंने कहा कि ये हिंसा पश्चिम बंगाल की राजनीति के साथ बहुत वर्षों से जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि वामपंथी दलों के शासनकाल में भी वहां हिंसा होती थी और 2011 में ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों को अपनी सरकार आने के बाद आश्वासन दिया था कि ये हिंसा बंद होगी। उन्होंने दावा किया कि पंचायत चुनावों में हिंसा में 57 लोगों की जान चली गई। लॉकेट चटर्जी का प्रियंका और सोनिया पर निशाना लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचार की घटनाओं में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा और उनसे चुप्पी तोड़ने की गुजारिश की। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस भी अभी ममता बनर्जी के साथ जुड़ गई है। इसीलिए सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी दोनों चुप हैं। बाकी प्रदेशों में जाकर ये लोग रोते हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में ये चुप हैं।'
नई दिल्ली: बंगाल चुनाव के समय आपने 'खेला होबे' खूब सुना था। कुछ वैसा ही खेला 2024 के लिए भी शुरू हो चुका है। भाजपा की तरफ से अध्यक्ष जेपी नड्डा कल एनडीए की बैठक करने वाले हैं लेकिन विपक्षी एकजुटता बनती देख खुद गृह मंत्री अमित शाह फ्रंटफुट पर खेलने उतरे हैं। अब 2024 के चुनावी मैदान में दोनों टीमों की तस्वीरें अगले 48 घंटों में साफ होने वाली हैं। बेंगलुरु के आसमान में विपक्षी नेताओं के हवाई जहाज उतरने लगे हैं तो सत्तापक्ष कल राजधानी में महाजुटान करने वाला है। दोनों ही शहरों से एकजुटता की जो तस्वीरें आएंगी, वो अपने आप में सारी कहानी कह रही होंगी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेंगे। 'भारत जोड़ो यात्रा' के साथ ही कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। राहुल ट्रैक्टर चला रहे हैं, धान की रोपाई कर रहे, बाइक मैकेनिक और ट्रक ड्राइवरों से भी मिल रहे हैं। सोनिया गांधी गांव की महिलाओं के साथ थिरक रही हैं। लेकिन भाजपा की रणनीति अलग तरह की किलेबंदी को दिखा रही है। जी हां, भाजपा के 'चाणक्य' अमित शाह ने 2014 वाली स्ट्रैटिजी पर काम करना शुरू कर दिया है। माइक्रो मैनेजमेंट के तहत जातिगत समीकरणों को साधते हुए 2024 की तैयारी की जा रही है। बीते 24 घंटे के घटनाक्रम को ही देख लीजिए। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर कुछ महीने पहले तक भाजपा के खिलाफ तीखे बाण छोड़ते थे लेकिन अब वह एनडीए की छतरी में आ गए हैं। कल खुद गृह मंत्री अमित शाह ने उनके साथ की तस्वीर ट्वीट करते हुए राजभर का एनडीए में स्वागत किया। भाजपा का मिशन कुनबा शाह ने लिखा कि राजभर के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी। दरअसल, भाजपा 2019 के चुनाव में या उसके बाद बिछड़े सभी दलों को वापस बुला रही है। इसके जरिए वह विपक्षी एकजुटता के प्रहार को फेल करना चाहती है। चंद्रबाबू की टीडीपी हो, पंजाब में अकाली दल या फिर यूपी के कई जाति आधारित छोटे दल, भाजपा का मिशन स्पष्ट है वह 2014 की तरह का गठबंधन फिर से खड़ा करना चाहती है। फिलहाल वह किसी भी गलतफहमी या अति आत्मविश्वास से बच रही है। सरकार के कार्यों को जनता तक पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ ही उसका 'मिशन कुनबा' भी जारी है। यूपी की बात करें तो फोकस कमजोर सीटों और इलाके पर है। बीजेपी पूर्वांचल को पूरी तरह से साधना चाहती है। ऐसे में उसे राजभर की जरूरत थी। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ओम प्रकाश राजभर को दिल्ली बुलाया है। राजभर मंगलवार को एनडीए की बैठक में भी दिखेंगे। बताया जा रहा है कि राजभर को एनडीए में लाने के लिए सबसे पहले प्रधानमं‌त्री मोदी ने ही सहमति जताई थी। मोदी खुद पूर्वांचल की वाराणसी सीट से सांसद हैं। सपा से अलग होने के बाद से ही राजभर को शाह लाने के पक्ष में थे। शाह यूपी के प्रभारी रह चुके हैं और राजभर को 2017 में साथ लाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। ऐसे में रणनीति के तहत काम किया गया। राजभर को पहले वाई श्रेणी की सुरक्षा दिलवाई गई और उनके क्षेत्र के कामों को तरजीह दी गई। अब राजभर से मिलकर पीएम पूर्वांचल का टास्क सौंपेंगे। आगे पूर्वांचल में सुभासपा की बड़ी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृहमंत्री अमित शाह पहुंच सकते हैं। छोटे दलों पर इतना जोर क्यों? यूपी चुनाव से ठीक पहले तमाम आरोप लगाकर दारा सिंह चौहान सपा में चले गए थे। इस्तीफा देकर आज उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है। यूपी में भाजपा 80 में से ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है। 2014 में NDA को 73 सीटें मिली थीं। भाजपा को पता है कि छोटे दल जो जाति या एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं उनका अपना वोट बैंक है और 2024 जीतना है तो उन्हें अपने साथ करना जरूरी है। राजभर दावा करते हैं कि पूर्वांचल की 15 सीटों पर वह खेल कर सकते हैं। कुछ ऐसा ही चिराग पासवान की एलजेपी, वीआईपी, हम जैसी पार्टियों का रोल होने वाला है। HAM और मुकेश सहनी की वीआईपी भी एनडीए में आ गई है। यूपी में भाजपा कुर्मी वोटों को सहयोगी अपना दल, निषाद वोटों को निषाद पार्टी के जरिए अपने साथ जोड़ सकी है। देश में ओबीसी समुदाय के सबसे ज्यादा वोटर हैं। यही वजह है कि भाजपा के 2024 के मिशन में वही केंद्र में हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी में सेंध लगाने के घटनाक्रम को भी भाजपा के एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। जिस तरह से पवार की पार्टी पूरी तरह से दो फाड़ हुई है, उससे एनडीए को मजबूती और विपक्षी एकजुटता को गहरा धक्का लगा है। दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसे तमाम क्षेत्रीय दलों को साथ लाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वह फिलहाल छोटे नहीं बल्कि क्षेत्रीय दलों पर फोकस कर रही है। उन दलों पर जो राज्य में सरकार चला रहे हों या विपक्ष में बड़ी भूमिका में रहे हों। बिहार में जेडीयू, बंगाल में ममता, दिल्ली में केजरीवाल समेत 26 पार्टियों के नेता बेंगलुरु में दिख सकते हैं। आज कांग्रेस की तरफ से डिनर रखा गया है। कल सुबह 11 बजे से बैठक शुरू होगी। कहा जा रहा है कि पटना में जिस बैठक की शुरुआत हुई थी, उसे आगे बढ़ाया जाएगा। पटना की तुलना में बेंगलुरु में भले ही पार्टियों की संख्या बढ़ी हो पर भाजपा की तरह माइक्रो मैनेजमेंट कांग्रेस में नहीं दिख रहा है। वह क्षेत्रीय क्षत्रपों के वोटबैंक पर भरोसा कर रही है। 18 जुलाई को दिल्ली में एनडीए तो बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक होगी। कांग्रेस ने तंज कसा है कि अचानक अब एनडीए में जान फूंकने की कोशिश हो रही है। यह पटना में विपक्षी बैठक का नतीजा है कि भाजपा को अब सहयोगी दलों की याद आ रही है। पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को देख कांग्रेस फिलहाल मानकर चल रही है कि विपक्ष एकजुट होकर ही 2024 में भाजपा को चुनौती दे सकता है। इधर राहुल गांधी की इमेज भी सुधरी है। 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही कांग्रेस ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया। 'एक हाथ से लो, दूसरे हाथ से दो' की तर्ज पर आम आदमी पार्टी ने भी विपक्ष की बेंगलुरु बैठक में शामिल होने का ऐलान कर दिया है। साफ है कि जैसे-जैसे 2024 का चुनाव नजदीक आएगा, 'घर वापसी' और नए सियासी समीकरण बनते बिगड़ते दिखाई देंगे। हालांकि विपक्षी एकजुटता का असली टेस्ट तब होगा जब केजरीवाल, ममता, नीतीश और दूसरे क्षेत्रीय क्षत्रप राहुल गांधी को पीएम कैंडिडेट के तौर पर स्वीकार करें।
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करना और देश में समान नागरिक संहिता लागू करना भाजपा के कोर एजेंडे में रहा है। भाजपा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से जुड़े अपने तीन कोर एजेंडे में से दो एजेंडे को पूरा कर चुकी है। अब सिर्फ तीसरा और अंतिम मुद्दा शेष रह गया है - देशभर में समान नागरिक संहिता कानून लागू करना। भाजपा सरकार, अपने तीसरे वायदे को पूरा करने की दिशा में भी आगे बढ़ चुकी है। हालांकि, समान नागरिक संहिता कानून के पड़ने वाले व्यापक प्रभाव के मद्देनजर सरकार और भाजपा इसे लेकर बहुत ज्यादा जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। क्योंकि इस कानून के लागू होने का असर देश के मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ ईसाई और सिख सहित अन्य समुदायों पर भी पड़ेगा। सभी धर्मों के मानने वालों पर पड़ेगा प्रभाव हिंदू धर्म में भी अलग-अलग रीति रिवाज और परंपराओं को मानने वाले अनुसूचित जनजाति यानी आदिवासियों के साथ-साथ दलितों पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। कई दशकों तक लगातार प्रयास करने के बाद आज भाजपा नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में सरकार चला रही है। अगर देशभर में यूसीसी लागू होता है तो इसका बड़ा प्रभाव पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले लोगों पर भी पड़ना तय है ही। यही वजह है कि सरकार और भाजपा, दोनों की कोशिश फिलहाल इस मुद्दे पर देश में ज्यादा से ज्यादा चर्चा कराने की है ताकि सभी वर्गों के लोगों के विचार सामने आ सके। विवाद के बीच संदेश देने की कोशिश यूसीसी को लेकर जारी विवाद के बीच यह भी स्पष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है कि समान नागरिक संहिता का मकसद सभी पर, सभी मायनों में एक जैसा कानून या नियम थोपना भर नहीं है बल्कि देश के विभिन्न धर्मों और वर्गो की आस्था और पहचान से जुड़े विषयों का भी पूरा सम्मान किया जाएगा। हाल ही में यूसीसी मसले पर कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय मामलों की संसद की स्थायी समिति की बैठक बुलाने वाले समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने भी प्रस्तावित समान नागरिक संहिता से आदिवासियों और उत्तर पूर्वी राज्यों को बाहर रखने की वकालत की। सभी पक्षों को साधने की कोशिश कर रही सरकार सरकार के फैसले से भी यह साफ-साफ नजर आ रहा है कि वह यूसीसी पर सभी पक्षों को साध कर ही आगे बढ़ना चाहती है। हाल ही में मोदी सरकार ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर सभी महत्वपूर्ण पक्षों से और सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करने के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की अध्यक्षता में अनौपचारिक तौर पर मंत्रियों के जिस जीओएम का गठन किया है, उसमें शामिल मंत्रियों को अलग-अलग तबके से बात करने की जिम्मेदारी भी दी है। इस अनौपचारिक जीओएम में शामिल केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू आदिवासी से जुड़े मसलों पर, स्मृति ईरानी महिला अधिकारों से जुड़े मसलों पर जी किशन रेड्डी पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मसलों पर और अर्जुन राम मेघवाल कानूनी पहलुओं से जुड़े मसलों पर विचार विमर्श करेंगे। बीजेपी यूसीसी को लेकर काफी अलर्ट है दरअसल, भाजपा समान नागरिक संहिता को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों और देश में बनाए जा रहे माहौल को लेकर बहुत सतर्क है और फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। विधि आयोग द्वारा लोगों से यूसीसी को लेकर सुझाव और राय मांगने से देशभर में इस पर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है। वहीं भाजपा और भाजपा की विचारधारा से जुड़े आरएसएस और आरएसएस से जुड़े -- मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन भी इसे लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार चर्चा और संवाद कर रहे हैं ताकि मुस्लिमों सहित समाज के हर तबके,समुदाय और हर वर्ग की राय खुलकर सार्वजनिक तौर पर देश की जनता के सामने आ जाए और उस आधार पर सरकार अपनी भविष्य की रणनीति तय कर सके। यह माना जा रहा है कि भाजपा देशभर में यूसीसी लागू करने की प्रयोगशाला उत्तराखंड को बना सकती है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य में यूसीसी लागू करने के ड्राफ्ट के लिए पहले ही समिति का गठन कर चुके हैं। हाल ही में अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष से अलग-अलग मुलाकात कर समान नागरिक संहिता कानून के ड्राफ्ट को लेकर अहम चर्चा भी की थी।
पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। रविवार को राजधानी में सियासी हलचल देखने को मिली। भाजपा के साथ गठबंधन करने की अटकलों के बीच चिराग पासवान ने रविवार को अपने पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों ने चिराग पासवान को गठबंधन में शामिल होने का फैसला लेने के लिए अधिकृत कर दिया है। बैठक को लेकर चिराग पासवान मीडिया के सामने भी आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैठक में गहन मंथन हुआ और विस्तार से बातचीत हुई है।
प्रयागराज: 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस लगातार फरार चल रही माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश कर रही है। साथ ही शाइस्ता के करीबियों पर भी पुलिस और एसटीएफ की नजर है। अब पुलिस के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस को महिला डॉन मुंडी पासी की तस्वीर मिल गई है। अब तक पुलिस के पास मुंडी पासी की कोई तस्वीर उपलब्ध नहीं थी। उमेश पाल हत्याकांड में मुंडी पासी का नाम भी सामने आ रहा है। यह महिला शाइस्ता के साथ लगातार देखी जा रही थी। यह धूमनगंज थाने की महिला हिस्ट्रीशीटर है। इस पर कई मुकदमे भी दर्ज हैं। 15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या अतीक-अशरफ को उमेश पाल हत्याकांड मामले में पुलिस ने रिमांड पर लिया था। हत्या वाले दिन दोनों पुलिस के साथ निशानदेही के लिए गए थे। वापसी में उनका मेडिकल काल्विन अस्पताल में हुआ था। वहां से निकलने के बाद मीडिया कर्मियों के वेश में आए अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने मौका पाते ही अतीक-अशरफ को गोलियों से भून दिया था। 24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह रहे उमेश पाल और उसके दो सरकारी गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से इस हत्याकांड की जांच शुरू की, तो उसमें माफिया अतीक अमहद का बेटा उमेश पाल पर गोलियां बरसाते हुए नजर आया। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल असद समेत 4 आरोपितों को मुठभेड़ में मार गिराया, बाकी अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
नई दिल्ली,कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Election 2023) के लिए भाजपा ने आज अपना घोषणापत्र (विजन डॉक्युमेंट) जारी कर दिया है। अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने सबसे बड़ा वादा राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लाने का किया है। जेपी नड्डा ने जारी किया विजन डॉक्युमेंट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र 'विजन डॉक्युमेंट' आज बेंगलुरु में जारी किया है। नड्डा ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि ये वातानुकूलित कमरे में बैठकर नहीं बनाया गया है, बल्कि राज्यों के कोने-कोने का दौरा कर कार्यकर्ताओं ने मेहनत कर लाखों लोगों से सुझाव प्राप्त कर इसे बनाया है। BJP के घोषणापत्र की मुख्य बातें कर्नाटक में यूनिफार्म सिविल कोड लाएगी भाजपा BPL परिवार को 3 मुफ्त सिलेंडर और प्रतिदिन आधा लीटर दूध का वादा अटल आहार केंद्र स्थापित कर किफायती भोजन देने की घोषणा 'पोषण' योजना होगी शुरू जेपी नड्डा ने कहा कि हम किफायती और साफ भोजन उपलब्ध कराने के लिए पूरे राज्य में अटल आहार केंद्र स्थापित करेंगे। हम एक योजना 'पोषण' शुरू करेंगे, जिसके माध्यम से राज्य के बीपीएल परिवारों को दूध, श्री अन्ना और चावल मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा। इन 6 विषयों पर केंद्रित है घोषणापत्र खाद्य सुरक्षा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित आय सहायता सभी के लिए सामाजिक न्याय सभी के लिए विकास, समृद्धि कृषि कोष के गठन का वादा भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हम 30,000 करोड़ रुपये के एक कृषि कोष का गठन करेंगे। सभी ग्राम पंचायतों में माइक्रो कोल्ड-स्टोरेज सुविधाएं और कृषि-प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना इसके तहत की जाएगी। नड्डा ने आगे कहा कि हम एपीएमसी का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण करेंगे, कृषि-मशीनीकरण में तेजी लाएंगे। सिद्धारमैया पर कटाक्ष नड्डा ने इसी के साथ सिद्धारमैया पर भी निशाना साधा उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बिल्कुल रिवर्स गियर वाली सरकार थी और उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों को लूटने का काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में आपराधिक और असामाजिक तत्व फलते-फूलते थे।
चंडीगढ़: पहले जनवरी, फिर अप्रैल। जंतर-मंतर पर महिला पहलवान एक बार फिर जुटी हुई हैं। आरोपों के घेरे में हैं- भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह। आरोप महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का। साक्षी मलिक और विनेश फोगाट लगातार बृजभूषण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। वहीं बीजेपी सांसद बृजभूषण भी डटे हुए हैं। कह रहे हैं कि सारे पहलवान एक अखाड़े के हैं। बृजभूषण यह भी आरोप लगा रहे हैं कि यह सारा किया-धरा दीपेंद्र हुड्डा, एक उद्योगपति और एक बाबा का है। आखिर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष से जुड़े इस विवाद की पूरी कहानी क्या है, आइए आपको आसान तरीके से समझाते हैं।
नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अगस्त को हरियाणा और पंजाब का दौरा करेंगे और दोनों ही राज्यों में अस्पतालों का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री हरियाणा के फरीदाबाद में 2,600 बिस्तरों वाले अमृता अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। इस अस्पताल का प्रबंधन माता अमृतानन्दमयी मठ द्वारा किया जायेगा। अस्पताल की निर्माण लागत अनुमानतः 6,000 करोड़ रुपये है। पीएमओ ने कहा कि इस अस्पताल से फरीदाबाद तथा पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोहाली जायेंगे और वहां ‘होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र’ का लोकार्पण करेंगे। इस अस्पताल को 660 करोड़ रुपये की लागत से टाटा मेमोरियल सेंटर ने निर्मित किया है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के तहत सहायता-प्राप्त संस्थान है। अस्पताल कैंसर के सभी प्रकारों के उपचार के लिये हर आधुनिक सुविधाओं से लैस है। यहां सर्जरी, रेडियोथेरेपी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी– कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें 300 बिस्तरों की क्षमता है। पीएमओ ने कहा, ‘‘यह अस्पताल पूरे क्षेत्र में कैंसर सुविधा और उपचार के लिये ‘केंद्र’ के रूप में और संगरूर में 100 बिस्तरों वाला अस्पताल इसकी ‘शाखा’ के रूप में कार्य करेगा।’’
देश की स्वतंत्रता के 76वें वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश को विकसित बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया। इस क्रम में उन्होंने देशवासियों से मानसिक दासता से मुक्ति पाने की बात भी कही। ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि इस मानसिक गुलामी से मुक्ति का मार्ग क्या है? दरअसल किसी भी समस्या के सही कारणों की पहचान करने के बाद ही उसके समाधान का मार्ग प्रशस्त होता है। अत: सर्वप्रथम हमें यह समझना होगा कि आजादी के साढ़े सात दशक बीतने के बाद भी देश में मानसिक दासता की समस्या क्यों बनी हुई है? एक कारण तो निस्संदेह यही है कि मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक देश को एक दीर्घ कालखंड गुलामी में गुजारना पड़ा। इस गुलामी ने देशवासियों के आत्मगौरव को कुचलने का काम किया। लेकिन आजादी के बाद इसमें जैसा बदलाव आना चाहिए था, वह नहीं आया। आजाद भारत की सरकारों ने शासन का जो स्वरूप रखा और जिन नीतियों को आगे बढ़ाया उनमें विकास की दृष्टि भले रही हो, भारत के सांस्कृतिक गौरव को पुनर्जीवित करने का कोई प्रयास नहीं था। भारतीयता पर आधारित नीतियों की रचना करने के बजाय समाजवादी आर्थिक माडल अपना लिया गया। हिंदी राजभाषा तो बनी, लेकिन साथ में अंग्रेजी भी दमखम के साथ बनी रही। वस्तुत: शासन के स्तर पर आम जनमानस को ऐसा कुछ नहीं दिखा जो उसके दबे-कुचले आत्मविश्वास को बल दे सके और उसके आत्मगौरव को जगा सके। देश को यदि मानसिक दासता की व्याधि से मुक्ति पानी है, तो सबसे पहले अपने ‘स्व’ को जगाना होगा। स्वभाषा और स्वदेशी का विकास इसकी पहली कड़ी है। सनातन संस्कृति अपने मूल रूप में वैज्ञानिक चेतना से परिपूर्ण रही है, लेकिन हम विज्ञान के मामले में इसलिए पीछे रह गए, क्योंकि यह शिक्षा हमें स्वभाषा में उपलब्ध ही नहीं हुई। अत: प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक भारतीय भाषाओं में उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है। अभियांत्रिकी, विज्ञान, चिकित्सा आदि सभी क्षेत्रों में भारतीय भाषाओं में अध्ययन की व्यवस्था की जानी चाहिए। सुखद है कि एआइसीटीई द्वारा हाल में 12 भारतीय भाषाओं में अभियांत्रिकी की पढ़ाई के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं। इसके अलावा सरकारी कामकाज से लेकर न्यायतंत्र तक भारतीय भाषाओं के प्रयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है। हिंदी सहित सभी भारतीय भाषाओं का विकास न केवल सांस्कृतिक तौर पर देश को सुदृढ़ करेगा, अपितु देशवासियों में व्याप्त अंग्रेजी के मोह को समाप्त करने में भी सहायक सिद्ध होगा। अंग्रेजी के मोह से एक बार देशवासी मुक्त हो गए तो फिर मानसिक दासता के अन्य आयामों से मुक्ति पाने में भी उन्हें समय नहीं लगेगा। स्वभाषा और स्वदेशी के अलावा देश के इतिहास-बोध को ठीक करना होगा। भारत के वैभवशाली अतीत को दर्शाने वाले हमारे प्राचीन ग्रंथों को मिथकीकरण के छल से बाहर निकालकर इनमें मौजूद राजनीति, समाज, अर्थव्यवस्था, विज्ञान आदि विविध विषयों से संबंधित सामग्री को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाकर छात्रों तक पहुंचाने का प्रयास होना चाहिए। इन ग्रंथों में मौजूद उच्च जीवन-मूल्यों का संदेश भी देश के लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था होनी चाहिए। यहां अतीत गौरवबोध से दूर रहने वाली वामपंथी सोच को भी नकारने की आवश्यकता है, क्योंकि अतीत पर गौरव वही करते हैं, जिनका अतीत उस योग्य होता है।
मास्को,रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने सोमवार को कहा कि उसके अधिकारियों ने एक आत्मघाती हमलावर को हिरासत में लिया है, जो इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह का सदस्य है, जो भारत के नेतृत्व अभिजात वर्ग में से एक के खिलाफ आतंकवादी हमले की साजिश रच रहा था। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने यह जानकारी दी। आतंकी हमले की बनाई थी योजना प्राधिकरण ने एक बयान में कहा, 'रूस के FSB ने रूस में प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के एक सदस्य की पहचान की और उसे हिरासत में लिया। यह मध्य एशियाई क्षेत्र के एक देश का मूल निवासी है। इसने भारत के सत्तारूढ़ हलकों के प्रतिनिधियों में से एक के खिलाफ खुद को उड़ाकर एक आतंकवादी कार्य करने की योजना बनाई थी।' तुर्किए में की गई भर्ती बयान में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए आतंकी को आईएस नेताओं में से एक ने तुर्किए में आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया था। इस्लामिक स्टेट और इसकी सभी अभिव्यक्तियों को आतंकवादी संगठन के रूप में अधिसूचित किया गया है और केंद्र सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की पहली अनुसूची में शामिल किया गया है। साइबर स्पेस पर रखी जा रही कड़ी नजर गृह मंत्रालय के मुताबिक, आईएस अपनी विचारधारा को प्रचारित करने के लिए विभिन्न इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है। इस संबंध में संबंधित एजेंसियों द्वारा साइबर स्पेस पर कड़ी नजर रखी जा रही है और कानून के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
नई दिल्ली: लोकसभा की 512 सीटों का ओपिनियन पोल आ चुका है। अगर आज चुनाव हो जाता है तो बीजेपी 326 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। अगर एनडीए की सीटें जोड़ दी जाएं तो ये आंकड़ा 350 के आस पास पहुंच जाएगा। 2014 में बीजेपी की 292 सीटें आईं थीं, 2019 में 303 सीटें और अगर आज चुनाव हो जाएं तो बीजेपी सभी का रेकॉर्ड तोड़ सकती है। दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी खास करिश्मा नहीं कर पा रही है। वहीं उत्तर के राज्यों में बीजेपी का जादू बरकरार है। कई राज्यों में बीजेपी 2019 से भी अच्छा प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही है। साउथ के राज्यों में तेलंगाना और कर्नाटक में बीजेपी बढ़त हासिल किए हुए है। बाकी पूरे भारत के हर राज्य में बीजेपी को फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। यूपीए की 97 सीटों में राहुल गांधी को 39 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं। इंडिया टीवी मैटराइज ने ओपिनियन पोल किया है। इस पोल में तमाम सवाल किए गए हैं। गुजरात में बीजेपी-बीजेपी गुजरात में अगर आज चुनाव हो जाएं तो बीजेपी 26 की 26 लोकसभा सीटें जीत जाएगी। सर्वे में साफ हुआ है कि गुजरात में पीएम मोदी के नाम पर 61 फीसदी वोट वहां पर मिलते हुए नजर आ रहे हैं। जबकि कांग्रेस को 35 फीसदी के आस-पास वोट मिलने जा रहे हैं। हार्दिक पटेल के बीजेपी में आने से बीजेपी को कोई फायदा नहीं हो रहा है। गुजरात के लोग पीएम मोदी के नाम पर वोट कर रहे हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी-एकनाथ शिंदे को पसंद कर रहे लोग महाराष्ट्र में अगर आज चुनाव हो जाएं तो यहां भी पीएम मोदी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो बीजेपी को 28 फीसदी वोट मिले थे। अगर आज चुनाव होते हैं यहां पर बीजेपी को 36 फीसदी वोट मिलेगा। यानी की बीजेपी का वोट बैंक यहां पर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं अगर एकनाथ शिंदे गुट की बात करें तो 2019 में उनके साथ सात फीसदी वोट थे मगर अब एकनाथ शिंदे गुट को 17 फीसदी वोट मिलेंगे। महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं। अगर आज चुनाव होंगे तो यहां पर 26 सीटें बीजेपी को मिल सकती हैं। तीन सीटें उद्धव ठाकरे गुट को मिलती हुई दिख रही है। एकनाथ शिंदे को 11 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। एनसीपी को 2019 में 16 फीसदी वोट मिले थे, अब उनको एक फीसदी वोट का लाभ मिल रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है उद्धव ठाकरे को। उनका वोट बैंक तीन फीसदी तक सिमट गया है। गोवा की दोनों सीटें बीजेपी गोवा में लोकसभा की 2 सीटें हैं। ओपिनियन पोल में ये साफ हो रहा है कि यहां की दोनों सीटें बीजेपी जीत रही है। यहां पर वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 2019 में 52 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं अगर आज चुनाव हो जाएं तो बीजेपी को 53 फीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। यहां पर कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हो रहा है। राजस्थान में बीजेपी करेगी क्लीन स्वीप राजस्थान में बीजेपी को 25 की 25 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को यहां पर एक भी सीट नहीं मिल रही है। हालांकि 2019 में बीजेपी को 25 की 25 सीटें जीती थीं। इस बार भी बीजेपी वही दोहरा रही है। राजस्थान के 56 फीसदी लोगों ने कहा है कि अगर केंद्र और राज्य में एक सरकार होती है तो फायदा होता है। डबल इंजन सरकार को लोगों ने पसंद किया है। बीजेपी को यहां पर 59 फीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि बीेजपी को एक फीसदी वोट का नुकसान हो रहा है। मध्य प्रदेश में बीजेपी को 28 सीटें मध्य प्रदेश में अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 29 सीटों में से 28 सीटें बीजेपी जीत सकती है। कांग्रेस को एक सीट में जीत मिलती हुई नजर आ रही है। 2019 में बीजेपी को 28 सीटें मिलीं थीं। 2019 में कांग्रेस को एक सीट ही मिली थी। मध्य प्रदेश में बीजेपी के काम से 43 फीसदी लोग संतुष्ट है। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहर के अलावा गांव में लोगों का अपार प्यार मिल रहा है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की बौखलाहट ये बताती है कि अब उनको खुद का अस्तित्व बचाने की चुनौती है। पश्चिम बंगाल में ममता दीदी को फायदा पश्चिम बंगाल में 42 सीटें में से 14 सीटें मिल सकती है। टीएमसी को 26 सीटें मिल रही है। 2019 में दीदी को 22 सीटें मिलीं थीं। आज अगर चुनाव होते हैं तो चार सीटों का फायदा हो रहा है। 2019 में बीजेपी को 18 सीटें मिलीं थीं. वहीं कांग्रेस को 2019 में दो सीटें मिलीं थीं और अगर आज चुनाव होते हैं तो बंगाल में दो सीटें कांग्रेस को फिर से मिल सकती हैं। बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 42 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। मगर यहां पर ममता दीदी का जादू अभी भी बरकरार हैं। यूपी में 76 सीटें यूपी में भाजपा को 76 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं। यहां पर लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। यहां पर बीजेपी को 76 सीटें मिलती नजर आ रही है। वहीं अखिलेश यादव को दो सीटें और कांग्रेस के खाते में 2 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। बसपा का इन चुनावों में खाता तक नहीं खुल रहा है। 2019 में बीजेपी को 56 सीटें मिली थीं। वहीं 2014 बीजेपी के 71 सीटें मिलीं थीं। दो सीटें बीजेपी के खातें में बाद में जुड़ीं थीं। इस बार यूपी में बीजेपी को बंपर वोट मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं। बिहार में बीजेपी को बढ़त बिहार में बीजेपी को 2019 से ज्यादा वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं। यहां पर बीजेपी को 21 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। वहीं जेडीयू को 14 और राजद को 4 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। यानी की यहां पर बीजेपी को बढ़त हासिल होती दिखाई दे रही है। यहां पर कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट जाती हुई नजर आ रही है। यानी कांग्रेस हर राज्य से सिमटती हुई नजर आ रही है। पंजाब में आप तो हरियाणा में बीजेपी पंजाब में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं। यहां पर आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती हुई नजर आ रही है। अगर आज चुनाव हो जाएं तो यहां पर केजरीवाल की पार्टी 5 सीटें जीत सकती है। बीजेपी यहां पर तीन सीटें जीतती हुई नजर आ रही है। अकाली दल सुखबीर सिंह बादल एक सीट जीत रही है और कांग्रेस के खाते में तीन सीटें जाती हुई नजर आ रही है। हरियाणा में सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस की बीच है। यहां पर 10 लोकसभा सीटें हैं और बीजेपी इसमें से 9 सीटें जीतने की कगार पर है। यानी कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट जाती हुई नजर आ रही है। जम्मू कश्मीर लद्दाख में 6 सीटें हैं। यहां पर बीजेपी की तीन सीटें और नेशनल कॉन्फ्रेंस को तीन सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। तेलंगाना में बीजेपी को बढ़त दक्षिण भारत के राज्यों में भाजपा की पैनी नजर बनी हुई है। अभी हार ही में तेलंगाना में बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी की थी। बैठक में पीएम मोदी शामिल हुए थे। तेलंगाना की बात करें तो यहां पर केसीआर को नुकसान हो रहा है। केसीआर को 2019 में 42 फीसदी वोट मिला था, अगर अभी चुनाव हो जाएं तो 34 फीसदी वोट ही उनको मिल रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी को 2019 में सिर्फ 20 फीसदी वोट मिले थे मगर अब 39 फीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस को यहां भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को 2019 में 30 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं अब 14 फीसदी मिल रहे हैं। यानी की 16 फीसदी वोट कम हुआ है। तेलंगाना में कुल 17 सीटें हैं। जिसमें से केसीआर को 8 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को यहां पर 6 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को दो सीटें मिल रही हैं। ओवैसी की पार्टी को यहां पर एक सीट जोकि खुद ओवैसी की है। वो मिलती हुई नजर आ रही है। दक्षिण भारत में बीजेपी की नजर दक्षिण भारत के राज्यों में भाजपा की पैनी नजर बनी हुई है। अभी हार ही में तेलंगाना में बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी की थी। बैठक में पीएम मोदी शामिल हुए थे। तेलंगाना की बात करें तो यहां पर केसीआर को नुकसान हो रहा है। केसीआर को 2019 में 42 फीसदी वोट मिला था, अगर अभी चुनाव हो जाएं तो 34 फीसदी वोट ही उनको मिल रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी को 2019 में सिर्फ 20 फीसदी वोट मिले थे मगर अब 39 फीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस को यहां भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को 2019 में 30 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं अब 14 फीसदी मिल रहे हैं। यानी की 16 फीसदी वोट कम हुआ है। तेलंगाना में कुल 17 सीटें हैं। जिसमें से केसीआर को 8 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को यहां पर 6 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को दो सीटें मिल रही हैं। ओवैसी की पार्टी को यहां पर एक सीट जोकि खुद ओवैसी की है। वो मिलती हुई नजर आ रही है। आंध्र प्रदेश में नहीं खुल रहा खाता आंध्र प्रदेश में बीजेपी का खाता खुलता नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पर लोकसभा की 25 सीटें हैं। बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिल रही है। यहां पर जगन मोहन रेड्डी को 19 सीटें मिलती हुईं नजर आ रही है। टीडीपी यानी चंद्र बाबू नायडू के खाते में 6 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। कर्नाटक में कुल 28 सीटें हैं। यहां पर बीजेपी कुल 23 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है। यहां पर कांग्रेस को चार सीटें मिलती हुईं नजर आ रही है। एसडी कुमारस्वामी की बात करें तो उन्हें सिर्फ एक सीट ही मिल रही है। तमिलनाडु में भी बीजेपी साफ तमिलनाडु में कुल 39 लोकसभा सीटें हैं। यहां पर यूपीए के खाते में 38 सीटें जाती हुईं नजर आ रही हैं। यहां पर एनडीए के खाते में सिर्फ एक सीट जाती हुई दिख रही है। तमिलनाडु में डीएमके की 25 सीटें, कांग्रेस की 7, सीपीआई की 2, सीपीएम की 2, वीसीके की एक, समेत कई पार्टियों का गठबंधन है। ये पार्टियां यूपीए में आती हैं। इसीलिए यहां पर आपको 38 सीटें जाती हुई दिख रही हैं। केरल में कुल 20 लोकसभा सीटे हैं। यहां पर भी बीजेपी का खाता नहीं खुल रहा है। केरल की 20 सीटें कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिख रही हैं।
नई दिल्‍ली: भारत की सीमा में लगातार फाइटर जेट भेज रहे चीनी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने अपनी तैयारी को और पुख्‍ता करना तेज कर दिया है। भारत अगले दो से तीन महीने में अपने दूसरे S-400 मिसाइल एयर डिफेंस सिस्‍टम को चीन की सीमा पर सक्रिय कर देगा। एस-400 की तैनाती से भारतीय वायुसेना चीन के फाइटर जेट, रणनीतिक बॉम्‍बर, म‍िसाइलों और ड्रोन विमानों की न केवल बहुत दूर से पहचान कर सकेगी बल्कि उन्‍हें पलक झपकते ही तबाह कर सकेगी। सूत्रों ने बताया कि दूसरे एस 400 स्‍क्‍वाड्रन की जहाजों और विमानों के जरिए डिल‍िवरी रूस से चल रही है। 24 फरवरी को यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार एस-400 सिस्‍टम की दूसरी खेप आ रही है। रूस भारत को एस-400 सिस्‍टम की आपूर्ति ऐसे समय पर कर रहा है जब चीनी की वायुसेना ने भारतीय सीमा पर अपनी गतिविध‍ियों को काफी बढ़ा दिया है। चीन के लड़ाकू विमान अक्‍सर अब एलएसी के पास 10 किलोमीटर के नो फ्लाई जोन के इलाके में आ रहे हैं। यह दोनों पक्षों के बीच विश्‍वास बहाली के उपायों का सीधा उल्‍लंघन है। पहले एस-400 सिस्‍टम को पश्चिमोत्‍तर सीमा पर तैनात किया गया इससे पहले रूस ने एस-400 की पहली खेप भेजी थी जिसे हजारों कंटेनर की मदद से दिसंबर महीने में भारत पहुंचाया गया था। इस एस-400 सिस्‍टम को पश्चिमोत्‍तर सीमा पर तैनात किया गया है ताकि चीन और पाकिस्‍तान दोनों से होने वाले हवाई खतरों से निपटा जा सके। यही नहीं भारतीय वायुसेना को इस साल अप्रैल और मई महीने में सिमुलेटर और कई अन्‍य उपकरण मिले थे ताकि एस-400 की ट्रेनिंग दी जा सके। रक्षा सूत्रों ने बताया कि एस-400 की दूसरी खेप को चीन के मोर्चे पर खासतौर से हवाई सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात किया जाएगा। एक सूत्र ने कहा, 'चीन की ओर से 3488 किमी लंबी सीमा पर फाइटर जेट की तैनाती और उनकी उड़ान खासतौर से लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में काफी बढ़ गई है। हर दिन दो से तीन बार चीनी फाइटर जेट हर दिन भारतीय सीमा की ओर आ रहे हैं। यहां तक कि एक चीनी फाइटर जेट तो 28 जून को पूर्वी लद्दाख के एक विवादित इलाके में भारतीय सैनिकों की चौकियों के ऊपर से भी गुजरा था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने भी अपने फाइटर जेट को उड़ाए थे। भारत ने इस पूरे मामले को चीन के साथ उठाया था। लद्दाख में पिछले 2 साल से सैन्‍य टकराव चल रहा है और दोनों ही देशों के 50-50 हजार सैनिक सीमा पर तैनात हैं। चीन ने भारत के खिलाफ 2 एस-400 सिस्‍टम को तैनात किया चीन ने पिछले दो साल में पूरे व्‍यवस्थित तरीके से भारत से लगे अपने सभी एयरबेस को अत्‍याधुनिक बनाया है। इसमें होटान, काशगर, गारगुंसा और शिगात्‍से शामिल हैं। इसमें उनके रनवे को बढ़ाया गया है, वहां मजबूत शेल्‍टर बनाए गए हैं ताकि उसमें विमानों को छिपाया जा सके, ईंधन के लिए स्‍टोरेज, अतिरिक्‍त फाइटर जेट, बॉम्‍बर और निगरानी विमान तैनात किए गए हैं। यही नहीं चीन ने भारत के खिलाफ रूस से खरीदे गए 2 एस-400 सिस्‍टम को भी तैनात किया है। यही नहीं भारत के हमले का जवाब देने के लिए चीन ने कई एंटी एयरक्राफ्ट सिस्‍टम लगाए हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है. संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित समारोह में चीफ जस्टिस NV Ramana ने उन्हें शपथ दिलाई. उन्होंने शपथ लेते हुए कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे. द्रौपदी मुर्मू ने कही ये बातीं द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं. आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है. द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा.ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है. उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है. मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है. अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है. इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा- सबका प्रयास और सबका कर्तव्य. उन्होंने कहा कि कल यानि 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है.ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है. मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं. द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन के बारे में बताया द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी. मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था. लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी. मैं जनजातीय समाज से हूं, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है. यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है.
नयी दिल्ली,राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है बल्कि भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और उनका इस शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है। भारत के प्रधान न्यायाधीय एन वी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा।” उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें यह नया दायित्व मिला है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है।’’ मुर्मू ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।’’ राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी और वह जिस पृष्ठभूमि से आती हैं, वहां उनके लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। मैं जनजातीय समाज से हूं, और वार्ड पार्षद से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।’’ उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। मुर्मू ने कहा, ‘‘मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनके इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है और यह देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि उनके इस शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन में, पुरानी लीक से हटकर नए रास्तों पर चलने वाले भारत के आज के युवाओं का साहस भी शामिल है तथा वह ऐसे प्रगतिशील भारत का नेतृत्व करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद से लेकर राम नाथ कोविन्द तक, अनेक विभूतियों ने इस पद को सुशोभित किया है और इस पद के साथ साथ देश ने इस महान परंपरा के प्रतिनिधित्व का दायित्व भी उन्हें सौंपा है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं आज समस्त देशवासियों को, विशेषकर भारत के युवाओं को तथा भारत की महिलाओं को ये विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर कार्य करते हुए मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि होंगे।’’ मुर्मू ने कहा कि संविधान के आलोक में वह पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगी और उनके लिए भारत के लोकतांत्रिक-सांस्कृतिक आदर्श और सभी देशवासी हमेशा ऊर्जा के स्रोत रहेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि जगन्नाथ क्षेत्र के एक प्रख्यात कवि भीम भोई की कविता की एक पंक्ति है: “मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ”। अर्थात, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है। उन्होंने कहा, ‘‘ जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सब के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा व लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।’’ संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति और नव निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि शामिल हुए ।
इस्‍लामाबाद: इन दिनों चीन से लेकर पाकिस्‍तान में हड़कंप मचा हुआ है। भारत समर्थक हैकर्स ने पाकिस्‍तान एयरफोर्स (PAF) और चीन के सुरक्षा संस्‍थान में हैकिंग कर दोनों देशों को बड़ी चोट पहुंचाई है। बताया जा रहा है कि ये घटना इस साल मई में हुई लेकिन इसी माह पाकिस्‍तान में करीबी मिलिट्री ऑफिशियल्‍स के बीच इसके लीक होने से हड़कंप मच गया है। पाकिस्‍तान और चीन दोनों ही इस समय साथ मिलकर साइबर सिक्‍योरिटी की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों का दावा है कि भारत के हैकर्स दोस्‍तों ने उनके साइबर स्‍पेस की जासूसी की है। पाकिस्‍तान नेवी पर भी हमला चीन और पाकिस्‍तान के अधिकारियों ने बताया है कि हैकर्स ने करीब 15000 ऐसी फाइल्‍स को हैक कर लिया है जिसमें टॉप पाक डिफेंस ऑफिसर्स की तरफ से जानका‍रियां दी गई थीं। इसके बाद पाकिस्‍तान के विशेषज्ञ इस बात का पता लगा सके कि उनकी जानकारियों को चोरी कर लिया गया है। कुछ अपुष्ट दावों के मुताबिक हैकर्स कुछ ऐसे संकेत छोड़कर गए थे जिसमें ये पता लग रहा था कि उनके सिस्‍टम में सेंध लगा दी गई है। इसी तरह की एक घटना मार्च माह में भी हुई थी जिसमें पाकिस्‍तान नेवी की जानकारियों को चुराया गया था। चीन और पाकिस्‍तान के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता में इस बात की जानकारी मिलती है। चीन के सरकारी मीडिया में एक रिपोर्ट इस महीने आई थी। इसमें कहा गया था कि हैकर्स भारत में ही हैं और वो एक-एक करके कई हमले कर रहे हैं। उनके ऐसे ही हमलों में पिछले साल चीन के मिलिट्री संस्‍थानों को निशाना बनाया गया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हैकर्स न सिर्फ डाटा चोरी कर रहे हैं बल्कि वो एनर्जी से जुड़ा पूरा इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर ही डैमेज कर रहे हैं। भारत पर बड़ा हमला! अगर चीन और पाकिस्‍तान के अधिकारियों का दावा सही साबित होता है तो ये इस साल की पहली ऐसी घटना होगी जिसमें जानकारियों को चोरी किया गया है। चीन और पाकिस्‍तान, भारत की सेनाओं के खिलाफ कई तरह के ऐसे ही साइबर अटैक्‍स को अंजाम देते आ रहे हैं। अक्‍टूबर 2020 में भारत ऐसे ही एक साइबर अटैक का शिकार हुआ था जिसके बाद मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली संकट पैदा हो गया था। हालांकि चीन ने इसे मानने से इनकार कर दिया था।
नयी दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को लोगों से उस ‘‘अनोखे’’ प्रयास में हिस्सा लेने की अपील की जिसमें हर ऑनलाइन श्रद्धांजलि से यहां सेंट्रल पार्क में ‘‘डिजिटल ज्योत’’ की ज्वाला और तेज होगी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ दिल्ली के सेंट्रल पार्क में स्काई बीम लाईट लगाई गई है। हर श्रद्धांजलि से इस डिजिटल ज्योति की ज्वाला तीव्र होगी । इस अनोखे प्रयास में भाग लीजिए और आजादी के अमृत महोत्सव को मजबूती प्रदान कीजिए।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘डिजिटल ज्योत’’ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के प्रति एक विशेष श्रद्धांजलि है जिसमें प्रौद्योगिकी के मार्फत लोग स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति अपना आभार संदेश साझा कर सकते हैं। उन्होंने इस पहल का डिजिटलट्रिब्यूट डॉट इन नामक लिंक भी साझा किया।
नई दिल्ली:द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। गुरुवार को आए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में उन्होंने तीसरे राउंड में ही विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को मात दे दी। ऐसे नतीजे आएंगे इसकी पहले से ही उम्मीद थी लेकिन इस चुनाव में कई विपक्षी सांसद भी क्रॉस वोटिंग (Cross Voting In President Election) करेंगे इसकी उम्मीद कम थी। विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबर तो वोटिंग वाले दिन ही सामने आ गई थी जब कांग्रेस समेत कई दूसरे विपक्षी दलों के विधायकों ने खुलेआम इसकी घोषणा कर दी कि उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को वोट किया है। हालांकि उस वक्त कितने विधायक होंगे इसका पता नहीं था। गुरुवार आए नतीजों के बाद जो खबर सामने आई उसमें 17 विपक्षी सांसदों और 104 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। यह क्रॉस वोटिंग विपक्ष की एकता पर चोट (Big Setback To Opposition Unity) है साथ ही उपराष्ट्रपति चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलेगा। विधायक ही नहीं सांसदों के क्रॉस वोटिंग के क्या मायने हैं राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने कुल 6,76,803 मतों के साथ जीत दर्ज की। वहीं विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को कुल 3,80,177 वोट मिले। चौथे चरण की मतगणना के बाद निर्वाचन अधिकारी पी. सी. मोदी ने मुर्मू के 64.03 फीसदी मतों के साथ चुनाव जीतने की आधिकारिक घोषणा की। यशवंत सिन्हा को कुल वैध मतों के 36 फीसदी वोट मिले। मुर्मू को 540 सांसदों सहित कुल 2824 मतदाताओं के वोट मिले जबकि यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों सहित 1,877 मतदाताओं के वोट मिले। नतीजों के बाद यह खबर सामने आई कि विपक्षी दलों के 17 सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में क्रॉस वोटिंग की है। सांसदों के अलावा 104 विपक्षी दलों के विधायकों की ओर से भी क्रॉस वोटिंग की गई है। आंध्र प्रदेश के सभी विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उन्हें चार को छोड़कर सभी विधायकों के मत मिले। साउथ से भी जमकर द्रौपदी मुर्मू को समर्थन मिला वहीं तीन राज्यों में यशवंत सिन्हा को शून्य वोट मिले। आम आदमी पार्टी के भी 4 विधायकों के वोट इनवैलिड हुए हैं। 17 सांसदों के क्रॉस वोटिंग का मतलब है कि उन्होंने अपने पार्टी के नेता और दल के खिलाफ जाकर वोटिंग की है। ऐसे में एक बार फिर विपक्षी दलों की एकता और उनके दावों को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। बीजेपी के सूत्रों ने दावा किया कि 125 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। मतगणना में भी सामने आया है कि मुर्मू को 17 सांसदों की क्रॉस वोटिंग का लाभ मिला। असम, झारखंड और मध्य प्रदेश के विपक्षी दलों के विधायकों की अच्छी खासी संख्या ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया। माना जा रहा है कि असम के 22 और मध्य प्रदेश के 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। बिहार और छत्तीसगढ़ के छह-छह, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की होगी। राष्ट्रपति पद के चुनाव में पड़े कुल 53 अवैध मतों में से 28 प्रतिशत वोट सांसदों के थे जबकि 'इलेक्टोरल कॉलेज' में सांसदों की ओर से डाले गए मतों का योगदान महज 16 प्रतिशत होता है। इस चुनाव में बिहार और छत्तीसगढ़ समेत 13 राज्यों के विधानसभा सदस्यों की ओर से डाला गया एक भी मत अवैध नहीं था। इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 4,809 मत थे, जिनमें से 776 (16 प्रतिशत) सांसदों के थे। विपक्ष की ताकत लगातार हो रही कमजोर राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की रणनीति शुरू से ही कमजोर नजर आई। पहले उम्मीदवार चयन को लेकर और उसके बाद कई विपक्षी दल इस धर्म संकट में फंस गए कि वो अब क्या करें। रही सही कसर चुनाव से कुछ दिन पहले शिवसेना के ऐलान से पूरी हो गई जब उद्धव ठाकरे की ओर से कहा गया कि उनका दल द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगा। हालांकि शिंदे गुट पहले ही इसकी घोषणा कर चुका था। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी द्रौपदी मुर्मू का विरोध नहीं कर पाए। इन सबके बीच सबसे बड़ा बयान बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से आया जिन्होंने इस पूरे मुहिम की अगुवाई की थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान पहले किया होता उस पर सर्वसम्मति बन सकती थी। शुरुआत में जिस तरीके से वो राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अगुवाई करती नजर आईं वो बाद में धीरे-धीरे पीछे हटती गईं। कभी शरद पवार तो कभी कोई और विपक्ष की ओर से दम लगाता नजर आया लेकिन वो आखिरकार खानापूर्ति ही साबित हुई। विपक्षी एकजुटता की बात सभी विरोधी राजनीतिक दल करते हैं लेकिन वो दिनोंदिन मजबूत होने की बजाय कमजोर होता चला जा रहा है। उपराष्ट्रपति के चुनाव पर भी पड़ेगा असर इस चुनाव नतीजे का असर उपराष्ट्रपति के चुनाव पर जरूर पड़ेगा। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति चुनाव नतीजे के दिन से ही शुरू हो गई। ममता बनर्जी की पार्टी की ओर से ऐलान किया गया कि वह इस चुनाव से दूर रहेगी। 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव है और विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया गया है। उनके सामने एनडीए की ओर से जगदीप धनखड़ हैं। एनसीपी चीफ शरद पवार ने इसी रविवार को मार्गरेट अल्वा के नाम का ऐलान किया था। उनके नाम का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि 17 विपक्षी दलों की मंजूरी उनके नाम को लेकर है। शरद पवार ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल CM ममता बनर्जी से बात करने की कोशिश की लेकिन वे व्यस्त थीं। वहीं राष्ट्रपति चुनाव नतीजे वाले दिन ही ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया है। टीएमसी की बैठक के बाद पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ऐलान किया कि तृणमूल कांग्रेस उपराष्ट्रपति चुनाव से दूर रहेगी। उपराष्ट्रपति चुनाव में विधायकों को वोट नहीं देना है और पहले ही एनडीए की जीत लगभग तय है और उससे पहले विपक्षी दलों में फूट के बाद मार्गरेट अल्वा लड़ाई में और भी कमजोर नजर आ रही हैं। हो सकता है कि आने वाले दिन में विपक्षी दलों में से कोई और भी पीछे न हो जाए। 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद बीजेपी की ओर से कई चौंकाने वाले फैसले हुए हैं। उनके फैसलों की काट विपक्ष भी नहीं खोज पाया है। द्रौपदी मुर्मू के नाम के ऐलान के साथ ही यह बात तय हो गई थी कि एनडीए उम्मीदवार का विरोध आसान नहीं होगा। और जैसे-जैसे चुनाव करीब आता चला गया यह बात सच भी साबित हुई। द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ ही पीएम मोदी के फैसले पर एक बार फिर मुहर लगी है। द्रौपदी मुर्मू की जीत इसलिए भी बड़ी है क्योंकि सत्ता पक्ष के साथ ही विपक्षी दलों की ओर से भी वोट मिले हैं। ऐसे में अभी से ही 2024 की लड़ाई को लेकर यह सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या विपक्ष उस चुनाव में एकजुट रह पाएगा। वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी की स्वीकार्यता विपक्षी दलों में भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में विपक्ष कितना एकजुट रह पाएगा यह बहुत बड़ा सवाल है।
कोलंबो: श्रीलंका इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हालात बेकाबू हैं और राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग चुके हैं। प्रधानमंत्री आवास के करीब प्रदर्शनकारी इकट्ठा हैं और उन्‍हें काबू करने में सुरक्षाबलों के पसीने छूट रहे हैं। इन सबके बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्‍ट्रपति बना दिया गया है। अब ऐसा माना जा रहा है कि अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। ताजा घटनाक्रम में देश के पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाया गया है। गाले में प्रदशर्नवाली जगह पर दो संगठनों के बीच हुई हिंसा में 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज जारी है। राजपक्षे ने दी जानकारी राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संसद के स्‍पीकर को इस बात की जानकारी दे दी है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को देश का कार्यवाहक राष्‍ट्रपति नियुक्ति किया जा चुका है। स्‍पीकर महिंदा एबेवारदाना ने खास बयान जारी किय। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रपति ने रानिल विक्रमसिंघे को उनकी जगह कार्यवाहक राष्‍ट्रपति नियुक्‍त कर दिया है जो इस समय देश से बाहर हैं। स्‍पीकर ने जानकारी दी कि विक्रमसिंघे को आर्टिकल 34 (01) के तहत कार्यवाहक राष्‍ट्रपति बनाया गया है। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोलंबो में कई जगहों पर सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि देश के वर्तमान आर्थिक हालातों को देखते हुए राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों को ही अपना पद तुरंत छोड़ देना चाहिए। राजपक्षे ने कहा था कि वो 13 जुलाई को अपने पद से इस्‍तीफा दे देंगे लेकिन इससे पहले वो देश छोड़कर चले गए। राष्‍ट्रपति अपने परिवार के साथ मालदीव में हैं और इस बारे में उन्‍होंने किसी को नहीं बताया था। कब तक रहेंगे पद पर विक्रमसिंघे तब तक पद पर रहेंगे जब तक कि किसी नेता का चुनाव नहीं हो जाता है। श्रीलंका में राष्ट्रपति का पद पहले भी खाली हुआ था, जब 1 मई 1993 को राष्ट्रपति आर प्रेमदासा की हत्या हुई थी। इससे पहले खबरें आई थीं कि नए राष्ट्रपति का चुनाव करने के लिए संसद 20 जुलाई को गुप्त मतदान करेगी। सूत्रों के मुताबिक, विक्रमसिंघे वर्तमान राष्ट्रपति पद के बाकी कार्यकाल को पूरा के लिए इस पद के लिए चुनाव लड़ेंगे। 9 जुलाई को विक्रमसिंघे ने खुद ये बात ट्वीट कर कही थी कि वो पीएम के पद से इस्‍तीफा देंगे ताकि ऑल पार्टी सरकार के लिए रास्‍ता खुल सके। जब पहली बार बने पीएम श्रीलंका की एक प्रभावी सिंहली परिवार में जन्‍में विक्रमसिंघे पेशे से एक वकील हैं। सिर्फ 28 साल की उम्र में उन्‍हें उप-विदेश मंत्री का पद दिया गया था। उनकी काम करने की क्षमता ने बहुत कम समय में कई नेताओं को प्रभावित किया था। 5 अक्‍टूबर 1977 को विक्रमसिंघे को फुल कैबिनेट पद मिल गया और वो युवा मामलों के मंत्री बने। साल 1980 की शुरुआत तक उनके पास ये पद रहा। विक्रमसिंघे राजनीति में आगे बढ़ते जा रहे थे। साल 1993 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति रानासिंघे प्रेमदासा को एक आत्‍मघाती हमले में लिट्टे आतंकियों ने मार दिया था। उनकी मौत के बाद प्रधानमंत्री डीबी विजीतुंगा को कार्यवाहक राष्‍ट्रपति बनाया गया। 7 मई 1993 को विक्रमसिंघे को पहली बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्‍त किया गया था। कोलंबो में जनता बेकाबू बुधवार से ही जनता बेकाबू है और सड़कों पर उतरी हुई है। कोलंबो में बुधवार रात को 'गोटागोगामा' विरोध प्रदर्शन वाली जगह पर 4 प्रदर्शनकारियों के घायल होने की खबरें हैं। घायल व्‍यक्तियों को कोलंबो के नेशनल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इन्‍हें सिर पर चोट लगी है और इनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। अस्‍पताल के सूत्रों की मानें तो दो संगठनों के बीच प्रदर्शन वाली जगह पर झगड़ा हुआ था और इसके बाद हाथापाई हो गई। जो लोग घायल हुए हैं उनकी उम्र 15,17, 18 और 20 बताई जा रही है। ये सभी कोलंबो और वेलामपिटिया के रहने वाले हैं।
कोलंबो: भारत के करीब का टापू देश श्रीलंका इन दिनों अपनी खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है। श्रीलंका के बर्बाद होने में उसके नेताओं के साथ-साथ चीन का भी हाथ है। श्रीलंका के हालात उन देशों के लिए भी वार्निंग हैं जो चीन की दोस्ती को शहद से भी मीठी समझ लेते हैं। उन्हें ये समझना चाहिए कि उनकी ये मिठास उन्हें शुगर का मरीज बना सकती है। लेकिन श्रीलंका चीन के कारण कैसे बर्बाद हो गया? दरअसल श्रीलंका के बर्बाद होने के कई कारणों में चीन सबसे बड़ा कारण रहा है। एनालिस्ट ब्रह्म चेलानी के मुताबिक लगभग दो दशक तक राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका पर राज किया। उन्होंने इसे एक देश की तरह नहीं बल्कि फेमली बिजनस की तरह चलाया। श्रीलंका में होने वाली भव्य निर्माण परियोजनाओं और खर्च करने के खराब तरीकों के साथ-साथ उन्होंने श्रीलंका को कर्ज के बोझ तले दबा दिया। इस कारण श्रीलंका आजादी के बाद से अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट पर पहुंच गया। 2005 में जब महिंदा राजपक्षे राष्ट्रपति बने तो बड़ी ही मजबूती के साथ 10 साल तक राज किया। लेकिन 2015 में वह चुनाव हार गए और राजपक्षे परिवार सत्ता से बेदखल हो गया। भाई गोटबया राजपक्षे बने राष्ट्रपति 2015 की हार के बाद महिंदा के भाई गोटबया राजपक्षे राष्ट्रपति की उम्मीदवारी में आए। इसके लिए उन्होंने अपनी अमेरिकी नागरिकता तक छोड़ दी। वह एक बेहतर उम्मीदवार साबित हुए, क्योंकि 2009 में तमिल टाइगर विद्रोहियों को पूरी तरह खत्म करने के दौरान वह डिफेंस सेक्रेटरी थे। विद्रोहियों के खत्म होते ही राजपक्षे भाई देश के सिंहली समुदाय की नजर में एक हीरो बन गए। 2019 में गोटबया सत्ता में आ गए। उन्होंने अपने भाई और बेटों को मंत्री बनाया। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर श्रीलंका को लगातार नरसंहार के मामले में घेरा जाने लगा। राजपक्षे परिवार के लोगों पर UN में युद्ध अपराध का मामला चलाने की बात आई, लेकिन चीन ने उन्हें बचा लिया। चीन ने श्रीलंका को कैसे किया बर्बाद चीन के अहसान का बदला चुकाने के लिए राजपक्षे परिवार पूरी तरह उसके आगे नतमस्तक हो गया। चीन को यहां बड़े-बड़े निर्णाण के ठेके मिले। इसके साथ ही चीन ने बड़ी ब्याज दरों पर श्रीलंका को कर्ज दिया। इसके अलावा राजपक्षे परिवार के गृह जिले हंबनटोटा में बड़े पैमाने पर बेफिजूल के निर्माण किए गए। जैसे दुनिया का सबसे खाली एयरपोर्ट, एक ऐसा क्रिकेट स्टेडियम जिसमें बैठने की क्षमता जिले की राजधानी की आबादी से भी ज्यादा है। इसके अलावा 1.4 बिलियन डॉलर की लागत से बना हंबनटोटा बंदरगाह जिसे चीन ने 2017 में 99 साल के लिए लीज पर ले लिया। इन सब के अलावा चीन के भारी भरकम कर्ज, जिसकी एक शर्त ये भी होती है कि उसकी डिटेल्स पब्लिक को नहीं बताई जा सकती। चीन का श्रीलंका में क्या फायदा चीन की कार्यप्रणाली देश के ताकतवर लोगों के साथ डील करना और उनकी बदौलत देश की कमजोरियों का फायदा उठाने की है। चीन श्रीलंका में घुस रहा है, इसे लेकर 2014 में ही चेतावनी दी गई थी, जब दो चीनी पनडुब्बियां बिना बताए अलग-अलग समय पर कोलंबो पहुंच गई थीं। यहां वह नए बने बंदरगाह पर रुकीं जिसे ज्यादातर चीनी कंपनियां कंट्रोल करती हैं। इसके अलावा श्रीलंका में घुसने से चीन दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर बढ़त हासिल कर सकेगा। बर्बादी के ये भी रहे हैं कारण श्रीलंका की बर्बादी का कारण चीन तो रहा है। लेकिन राजपक्षे परिवार की नीतियां भी इस टापू देश को डुबाने में पीछे नहीं रही हैं। 2019 में टैक्स में बड़ी कटौती की गई, जिससे देश का एक तिहाई कर सरकार के खजाने से गायब हो गया। इसके बाद महामारी के कारण श्रीलंका का टूरिज्म और कपड़ा उद्योग प्रभावित हुआ। जब इन समस्याओं से श्रीलंका जूझ रहा था, इसी बीच रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हो गया। ये वो कारण था जो श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के ताबूत की आखिरी कील साबित हुआ। तेल और अनाज की कीमतें तेजी से बढ़ीं, जिसके कारण श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो गया। अब जनता के सब्र का बांध टूट गया है। वह राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री भवन में कब्जा जमा चुकी है।
कोलंबो: श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शन के बीच देश के सरकारी टीवी चैनल पर भी प्रदर्शनकारियों का कब्‍जा हो गया है। राष्‍ट्रीय चैनल, श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन (SLRC) ऑफ एयर हो चुका है और ब्रॉडकास्‍ट रोक दिया गया है। बुधवार को प्रदर्शनकारी सरकारी टीवी के ऑफिस में भी दाखिल हो गए। उनकी मांग थी कि चैनल पर कुछ और नहीं दिखाया जाएगा। वो चाहते हैं कि चैनल पर बस विरोध प्रदर्शन की ही खबरें और तस्‍वीरें दिखाई जाएं। जो फुटेज आ रही है उसमें नजर आ रहा है कि कैसे एक प्रदर्शनकारी ऑन एयर प्रोग्राम के बीच में अपनी बात रखता है। इसके बाद ट्रांसमिशन को बंद कर दिया गया और ये अभी तक बंद है। क्‍या कह रहे प्रदर्शनकारी एक प्रदर्शनकारी ने लाइव ब्रॉडकास्‍ट के दौरान कहा, 'जब तक ये लड़ाई खत्‍म नहीं होती तब तक श्रीलंका रूपावाहिनी कॉरपोरेशन जन अराग्‍लय की ही खबरें दिखाएगा।' श्रीलंका में ताजा स्थिति ये है कि कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संविधान के अनुच्छेद 37.1 के तहत प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने की तरफ से ये जानकारी दी गई है। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने एक विशेष बयान में कहा कि राष्ट्रपति ने उन्हें सूचित किया है कि प्रधानमंत्री को कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया जाय, क्योंकि वह देश से दूर हैं। राष्ट्रपति राजपक्षे श्रीलंका से भागकर बुधवार सुबह मालदीव पहुंचे हैं और अंतिम गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि फिलहाल वह कहां हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि गोटाबाया राजपक्षे के साथ मालदीव की संसद के स्‍पीकर और पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद नशीद ने बातचीत की थी। 73 साल के गोटाबाया पर जनता ने देश की आर्थिक स्थिति को चौपट करने का आरोप लगाया है। मालदीव की सरकार का कहना है कि राजपक्षे अभी तक देश के राष्‍ट्रपति हैं और ऐसे में अगर वो देश आना चाहते थे तो उन्‍हें मना नहीं किया जा सकता था। मालदीव में भी प्रदर्शन श्रीलंका में प्रदर्शनकारी राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश छोड़ने से और नाराज हो गए हैं। प्रदर्शनकारी उन्‍हें वापस श्रीलंका भेजने की मांग कर रहे हैं। इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के घर के पास विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शन करने वालों में मालदीव के नागरिकों के अलावा प्रवासी प्रवासी श्रीलंकाई भी हैं। ये लोग अधिकारियों से श्रीलंका के अपदस्थ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को उनके देश से बाहर भेजने का आग्रह कर रहे हैं। मालदीव के टीवी चैनल के प्रमुख ने डेली मिरर को इसकी जानकारी दी है। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति राजपक्षे बुधवार की सुबह अपनी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों के साथ श्रीलंका में उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच अपने देश से भागकर मालदीव पहुंच गए। डेली मिरर से सूत्रों ने पुष्टि की है कि श्रीलंकाई राष्ट्रपति बुधवार तड़के 3.07 बजे मालदीव के वेलेना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे जहां भारी सुरक्षा व्यवस्था थी। सूत्रों ने कहा कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह से राजपक्षे को मालदीव में उतरने का अनुरोध किया था और मंजूरी मिल गई थी।
नई दिल्ली: स्मार्टफोन बनाने वाली चीन के कंपनियों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन कंपनियों पर भारत में अपनी कमाई छिपाने, घाटा दिखाकर अपनी चुपचाप पैसा चीन भेजने और कर चोरी के आरोप लगे हैं। चीन की एक और कंपनी ओप्पो इंडिया (Oppo India) के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) ने कंपनी पर 4,389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी की चोरी का आरोप लगाया है। कंपनी ने गलत तरीके से छूट का फायदा उठाया। एजेंसी ने इस बारे में चीनी कंपनी को आठ जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। Oppo India मोबाइल हैंडसेट्स और उससे जुड़ी एक्सेसरीज की मैन्युफैक्चिरंग, असेंबलिंग, होलसेल ट्रेडिंग और डिस्ट्रिब्यूशन के बिजनस में है। कंपनी के पास Oppo, OnePlus और Realme समेत कई मोबाइल ब्रैंड हैं। Oppo India चीन की कंपनी Guangdong Oppo Mobile Telecommu nications Corporation Ltd की भारत में सहयोगी कंपनी है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जांच के दौरान कंपनी के ठिकानों और मैनेजमेंट के कई अधिकारियों के घर पर छापेमारी की गई। इस दौरान कई ऐसे सबूत मिले जिनसे पता चला कि कंपनी ने मोबाइल फोन बनाने के लिए बाहर से मंगाए गए सामान के बारे में गलत जानकारी दी। इस तरह कंपनी ने गलत तरीके से 2981 करोड़ रुपये का फायदा उठाया। क्या हैं आरोप वित्त मंत्रालय ने बताया कि कंपनी ने गलत तरीके से विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों को रॉयल्टी और लाइसेंस फीस का भुगतान किया। इसे इंपोर्ट किए जाने वाले सामान की ट्रांजैक्शन वैल्यू में शामिल नहीं किया गया था। यह सीधे-सीधे कस्टम्स एक्ट, 1962 की धारा 14 का उल्लंघन है। इस तरह कंपनी ने 1408 करोड़ रुपये की ड्यूटी नहीं चुकाई। कंपनी ने कस्टम ड्यूटी के रूप में स्वैच्छिक रूप से 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जांच पूरी होने के बाद कंपनी को 4,389 करोड़ रुपये की कस्टम ड्यूटी के भुगतान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में कहा गया है कि कंपनी, उसके कर्मचारियों और ओप्पो चाइना (Oppo China) के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। ओप्पो के अलावा चीन की दूसरी स्मार्टफोन मेकर कंपनियों श्याओमी (Xiaomi), वीवो (Vivo) और हुवावे (Huawei) के खिलाफ भी विभिन्न एजेंसियां जांच कर रही है। चीनी कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने अपनी इनकम के बारे में जानकारी छिपाई, टैक्स से बचने के लिए प्रॉफिट की जानकारी नहीं दी और भारतीय बाजार में घरेलू इंडस्ट्री (Domestic Company) को तबाह करने के लिए अपने दबदबे का इस्तेमाल किया। साथ ही उन पर कंपोनेंट्स लेने और प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रिब्यूशन में पारदर्शिता नहीं बरतने का भी आरोप है। सरकार सभी संभावित मुद्दों की जांच कर रही है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी की भी इस पर करीबी नजर है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जब नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण करने पहुंचे तो उन्होंने निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से बातचीत करने के लिए भी वक्त निकाला। कांसे के बने 9,500 किग्रा वजनी और 6.5 मीटर ऊंचे प्रतीक का अनावरण करने के बाद वह संसद भवन के निर्माण में लगे मजदूरों से मिले। श्रमिक हाथ जोड़कर खड़े थे, पीएम से मुलाकात के लिए बीच में एक रस्सी की 'लक्ष्मण रेखा' खींची गई थी। दूसरी तरफ श्रमिकों को खड़ा होना था, इस तरफ पीएम मोदी बातचीत करते। हालांकि जैसे ही पीएम पहुंचे तो उन्होंने सबसे पहले उस 'दीवार' को हटा दिया और श्रमिकों के करीब जाकर बातचीत करने लगे। पीएम ने खुद 2.07 मिनट का वीडियो शेयर करते हुए संसद बनाने वाले लोगों को श्रमजीवी कहकर संबोधित किया है। वीडियो में दिखाई देता है कि पीएम श्रमिकों से पूछते हैं, 'अच्छा आप लोगों को क्या लगता है इमारत बना रहे हैं या इतिहास बना रहे हैं?' एकसुर में वे बोलते हैं- इतिहास। पीएम कहते हैं- सबको मालूम है। सभी हां में सिर हिलाते हैं। पीएम अपने अंदाज में बात करते हुए पूछते हैं कि काम करने में क्या फर्क है, मकान बनाते हैं और संसद भवन बना रहे है? श्रमजीवियों ने कहा- हमें गर्व महसूस होता है। पीएम आगे बोले कि घरवाले पूछते होंगे कि कैसा बन रहा है। लोग कहते होंगे कि फोटो ले आओ क्या बना रहा हो? सभी ठहाका लगाकर हंस पड़ते हैं। मोदी ने आगे सवाल किया कि आपको राशन मिल जाता है क्या? सभी हां में जवाब देता है। पीएम एक श्रमिक के आगे से दूसरे के पास जाते हैं और खुलकर संवाद करते हैं। वह आगे पूछते हैं कि और क्या आपको लगता है कि यहां आए तो मन को ये बहुत अच्छा लगा। एक श्रमिक ने कहा, 'सर, बहुत अच्छा लग रहा है। सबरी मां की कुटिया में गए थे राम भगवान, वैसे ही हमारी कुटिया में आप आए हैं बहुत अच्छा लग रहा है।' पीएम ने आगे मजे लिए कि वाह, वाह ये तुम्हारा कुटिया है। सभी जोर से हंस पड़े। मोदी ने आगे कहा कि देश के हर गरीब को लगना चाहिए यह उसकी कुटिया है। बहुत बढ़िया बात बताई आपने। एक कोने से एक श्रमिक कहता है कि सर आपने आकर हमारा उत्साह और बढ़ा दिया तो पीएम मुड़कर उससे कहते हैं, 'नहीं, नहीं। उत्साह तो आप लोगों ने हमारा बढ़ा दिया। आप लोगों ने समय पर काम किया है।' दूसरे श्रमिक ने कहा कि सर, हमें इस प्रोजेक्ट पर काम करने पर गर्व है। आगे पीएम ने कोरोना पर बातचीत की कि किसी को कोई दिक्कत तो नहीं आई। सब नियमों का पालन किया गया। दोनों वैक्सीन डोज लग गई। इतने में एक श्रमिक ने कहा कि मेरा बूस्टर डोज भी हो गया तो पीएम ने मुस्कुराते हुए कहा, बड़े चालू हो आप। सभी हंस पड़े। आखिर में पीएम ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा, 'आप एक प्रकार से ईंट, बालू, पत्थर का काम नहीं कर रहे हैं, आप देश के गौरव को बहुत बड़ी सौगात देने वाले हो। आपको गर्व होना चाहिए।' पीएम ने आगे कहा कि आपकी मेहनत रंग लाएगी।
नयी दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक का सोमवार को अनावरण किया। अधिकारियों ने बताया कि कांस्य का बना यह प्रतीक 9,500 किलोग्राम वजनी है और इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है। उन्होंने बताया कि इसे नए संसद भवन के शीर्ष पर बनाया गया है और प्रतीक को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6,500 किलोग्राम की, स्टील की एक संरचना का निर्माण किया गया है। मोदी ने इस दौरान संसद भवन के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि नए संसद भवन की छत पर राष्ट्रीय प्रतीक लगाने का काम आठ अलग-अलग चरणों से पूरा किया गया। इसमें मिट्टी से मॉडल बनाने से लेकर कंप्यूटर ग्राफिक तैयार करना और कांस्य निर्मित आकृति को पॉलिश करना शामिल है।
मेलबर्न: ऑस्‍ट्रेलिया और चीन में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी सेना ऐक्‍शन में आ गई है। अमेरिका ने अपने सबसे खतरनाक परमाणु बॉम्‍बर B 2 स्पिरिट को ऑस्‍ट्रेलियाई वायुसेना के अंबरले एयरबेस पर तैनात किया है। अमेरिकी वायुसेना ने एक बयान जारी करके कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्‍वतंत्र और मुक्‍त बनाने के लिए इन बॉम्‍बर्स के जरिए सहयोगी देशों के साथ अभ्‍यास और ट्रेनिंग को अंजाम दिया जाएगा। इन बॉम्‍बर्स को 10 जुलाई को तैनात किया गया है। ये विमान अमेरिका के मिसौरी एयरबेस से आए हैं। इस बॉम्‍बर को रेडॉर भी पकड़ नहीं पाता है। अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि बी2 बॉम्‍बर प्रशांत एयरफोर्स के बॉम्‍बर टास्‍क फोर्स की मदद करेंगे। अमेर‍िकी कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल एंड्रीव कोउसगार्ड ने कहा, 'ऑस्‍ट्रेलिया में बी 2 बॉम्‍बर की तैनाती से हमारी तैयारी बढ़ेगी और लंबी दूरी तक भीषण हमला करने की ताकत वायुसेना को देता है। हम ऑस्‍ट्रेलियाई साथियों, हिंद प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ ट्रेनिंग, आदान प्रदान को लेकर आशान्वित हैं।' अमेरिका का रणनीतिक कमांड नियमित तौर पर बॉम्‍बर्स के टास्‍क फोर्स ऑपरेशन को विश्‍वभर में आयोजित करता है। अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर ऑकस सैन्‍य समझौता अमेरिकी वायुसेना ने कहा कि यह हमारे सामूहिक रक्षा के सिद्धांत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे पहले अगस्‍त 2020 में बी-2 विमान को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात किया गया था। अमेरिकी वायुसेना ने यह तैनाती ऐसे समय पर की है जब चीन और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है। चीन से न‍िपटने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया ने अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर ऑकस सैन्‍य समझौता किया है। अमेरिका ऑस्‍ट्रेलिया के लिए अब परमाणु ऊर्जा से चलने वाली सबमरीन बना रहा है। बता दें कि अमेरिका के B-2 स्पिरिट दुनिया के सबसे घातक बॉम्‍बर माना जाता है। यह बमवर्षक विमान अपने साथ 16 B61-7 परमाणु बम ले जा सकता है। अमेरिकी वायुसेना के बेड़े में बेहद घातक और सटीक मार करने वाले B61-12 परमाणु बम शामिल किए गए हैं। यही नहीं यह बमवर्षक विमान दुश्‍मन के हवाई डिफेंस को चकमा देकर आसानी से उसके इलाके में घुस जाता है। इस बॉम्‍बर पर एक हजार किलो के परंपरागत बम भी लादे जा सकते हैं। यह बॉम्‍बर दुश्‍मन की जमीन पर हमला करने के लिए सबसे कारगर माना जाता है। रिफ्यूल कर देने पर 19 हजार किलोमीटर तक हमला साल 1997 में एक B-2 स्पिरिट परमाणु बॉम्‍बर की कीमत करीब 2.1 अरब डॉलर थी। अमेरिका के पास कुल 20 B-2 स्पिरिट स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर हैं। यह बॉम्‍बर 50 हजार फुट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए 11 हजार किलोमीटर तक मार कर सकने में सक्षम है। एक बार रिफ्यूल कर देने पर यह 19 हजार किलोमीटर तक हमला कर सकता है। मतलब दुनिया में कहीं भी हमला किया जा सकता है। इस विमान ने कोसोवा, इराक, अफगानिस्‍तान और लीबिया में अपनी क्षमता साबित की है।
कोलंबो/नई दिल्‍ली: श्रीलंका में राजपक्षे परिवार के खिलाफ जनता की 'क्रांति' के बाद अब अंतरिम सरकार बनने जा रही है। पड़ोसी श्रीलंका को इस संकट से उबारने के लिए भारत करीब 4 अरब डॉलर की मदद दे चुका है। मोदी सरकार अब एक बड़ा प्‍लान बना रही है ताकि श्रीलंका को इस महासंकट से निकाला जा सके। इसके तहत ऊर्जा, इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर, संचार के क्षेत्र में भारत श्रीलंका को भरपूर मदद देगा और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा। आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका की खुलकर मदद करके भारत की कोशिश चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करना है। द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने श्रीलंका को संकट से उबारने के लिए राष्‍ट्रपति भवन पर कब्‍जे से बहुत पहले से ही बड़ी योजना बनाना शुरू कर दिया था। इसके तहत श्रीलंका के अहम आधारभूत ढांचे को मजबूती देना है। साथ ही इस अवसर का इस्‍तेमाल दोनों देशों के बीच रिश्‍ते को मजबूत करना है। श्रीलंका में जनता के प्रदर्शन के बाद राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल व‍िक्रमसिंघे दोनों ही इस्‍तीफा देंगे। श्रीलंका के हालात पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को कहा कि भारत श्रीलंका के लिए सहयोगी रहा है और मदद करने का प्रयास कर रहा है। भारतीय रुपये का श्रीलंका में ट्राजेक्‍शन के लिए इस्‍तेमाल! रिपोर्ट में कहा गया है कि 1 जुलाई को भारत के डेप्‍युटी राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिस्री की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में श्रीलंका के साथ भारत के आर्थिक संपर्क को बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में भारत के प्राथमिकता वाले प्रॉजेक्‍ट को पूरा करना, व्‍यापार और संपर्क को बढ़ाना शामिल है। इसके अलावा भारतीय रुपये को श्रीलंका में ट्राजेक्‍शन के लिए इस्‍तेमाल करने प्रस्‍ताव पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने कहा क‍ि भारत कई सेक्‍टर के लिहाज से काम कर रहा है जो ज्‍यादा लंबी अवधि के लिए है और व्‍यापार तथा निवेश के रिश्‍ते को मजबूत करने के लिए है। इसमें श्रीलंका के पूर्वोत्‍तर इलाके में स्थित त्रिंकोमाली बंदरगाह का विकास, बिजली परियोजनाएं, भारत और श्रीलंका के बीच विमानों की उड़ान बढ़ाना, फेरी सर्विस को बहाल करना शामिल है। श्रीलंका इन दिनों सबसे भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। श्रीलंका विदेश मुद्रा भंडार खत्‍म हो गया है जिससे वह तेल और अन्‍य जरूरी सामानों का आयात नहीं कर पा रहा है। इससे देश में इनकी भारी कमी हो गई है। भारत ने पहले ही श्रीलंका को 3 अरब डॉलर का लोन दिया है। इसके अलावा दवाएं, खाद्यान और पेट्रोलियम प्रॉडक्‍ट की सप्‍लाइ कर चुका है। चीन ने श्रीलंका के आधारभूत ढांचे में जमकर पैसा लगाया भारत ने पड़ोसी श्रीलंका को ऐसे समय पर मदद का हाथ बंटाया है जब चीन का इस द्वीपीय देश में प्रभाव काफी बढ़ गया है। चीन श्रीलंका को लोन देने वाले देशों में तीसरे नंबर पर है। चीन ने श्रीलंका के आधारभूत ढांचे में जमकर पैसा लगाया है। इसमें रणनीतिक रूप से अहम हंबनटोटा बंदरगाह शामिल है। यही नहीं श्रीलंका ने चीन के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के तहत अपने आधारभूत ढांचे को विकसित करने के लिए बड़े पैमान पर लोन लिया है। श्रीलंका में चीन के बढ़ते प्रभाव से भारत की चिंताएं बढ़ गई हैं।
नई दिल्‍ली: काली मां पर विवादित (Kali Maa Controversy) बयानों को लेकर सियासत गरम है। इसके केंद्र में खासतौर से बंगाल (West Bengal Politics) है। राज्‍य में देवी का खास महत्‍व है। सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने हाल में देवी को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्‍होंने मां काली को मांसाहारी और शराब पीने वाली देवी बताया था। इसके बाद बंगाल सहित पूरे देश में एक सुर में उनका विरोध हुआ। पहली बार टीएमसी भी बैकफुट पर दिखी। उसने मोइत्रा के बयान से किनारा कर लिया। इस विवाद के बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मां काली का जिक्र किया है। उन्‍होंने कहा है कि भारत पर मां काली का आशीर्वाद है। ऐसे मौके पर पीएम मोदी का मां काली का जिक्र लाना बंगाल की सियासत से सीधे जोड़कर देखा जा रहा है। बंगाल में बीजेपी लगातार अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। वह राज्‍य में ममता बनर्जी (Mamata Banejee) के नेतृत्‍व वाली टीएमसी सरकार को उखाड़ फेंकने का इरादा रखती है। मां काली पर जारी विवाद के बीच पीएम का रविवार को बड़ा बयान आया। उन्‍होंने कहा कि बंगाल की काली पूजा में मां की चेतना दिखती है। यही चेतना बंगाल पर भी दिखाई देती है। स्‍वामी रामकृष्‍ण परमहंस का जिक्र करते हुए पीएम बोले, वह एक ऐसे संत थे जिन्होंने मां काली का स्पष्ट साक्षात्कार किया था। उन्‍होंने मां काली के चरणों में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया था। वह कहते थे- यह सम्पूर्ण जगत, यह चर-अचर, सब कुछ मां की चेतना से व्याप्त है। यही चेतना बंगाल की काली पूजा में दिखती है। यही चेतना पूरे भारत में दिखती है। पीएम ने कहा कि स्‍वामी विवेकानंद को भी मां काली की जो अनुभूति हुई, उनके जो आध्‍यात्मिक दर्शन हुए, उसने विवेकानंद में असाधारण ऊर्जा का संचार किया। उनकी बातों में भी मां काली की चर्चा होती रहती थी। पीएम बोले कि उन्‍हें याद है कि जब भी वेल्‍लूरमठ जाना हो, गंगा के तट पर बैठे हो और दूर मां काली का मंदिर दिखाई देता हो तो स्‍वाभाविक है कि एक लगाव बन जाता था। मां काली का असीम आशीर्वाद हमेशा भारत के साथ है। पीएम के बयान का सियासी कनेक्‍शन समझिए बीजेपी बंगाल में जमीन बनाने की कोशिश कर रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसने राज्‍य में पूरा जोर लगा दिया था। यह और बात है कि ममता बनर्जी की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस उस पर भारी पड़ी थी। बंगाल में बीजेपी को सत्‍ता भले नहीं मिली हो लेकिन वह हारी भी नहीं थी। इसे ऐसे समझ सकते हैं। 2016 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं। वहीं, पिछले साल हुए चुनाव में इन सीटों की संख्‍या बढ़कर 77 पर पहुंच गई। बीजेपी की चुनौती ने कांग्रेस और वामपंथी दलों को बंगाल की धरती से उखाड़ फेंका। दिलचस्‍प यह है कि 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम दलों को 77 सीटें ही मिली थीं। इसने राज्‍य में सारे समीकरण उलट-पुलट कर रख दिए हैं। आज की तारीख में बीजेपी बंगाल में एक बड़ी ताकत बन चुकी है। राज्‍य में अगर कोई एक पार्टी ममता के सामने खड़ी है तो वह बीजेपी ही है। बीजेपी नहीं चूकती मौका बीजेपी मौकों को भुनाने में माहिर है। वह इन्‍हें हाथ से नहीं जाने देती। महाराष्‍ट्र, असम, मध्‍यप्रदेश, कर्नाटक और गोवा में वह अपनी इस महारत को साबित कर चुकी है। 2014 में केंद्र की सत्‍ता में भी वह कांग्रेस के खिलाफ विरोध की लहर को भुनाकर ही आई थी। बीजेपी जानती है कि बंगाल में मां काली के साथ लोगों की आस्‍था कैसे जुड़ी है। महुआ मोइत्रा का बयान आते ही तमाम स्‍थानीय बीजेपी नेता सक्र‍िय हो गए थे। अक्‍सर ऐसे बयान लोगों को मोबलाइज करने में मदद करते हैं। बीजेपी को भी इसका एहसास है। महुआ मोइत्रा ने फिल्‍ममेकर लीना मणिमेकई के बचाव में बयान दिया था। मणिमेकलई ने एक विवादित पोस्‍टर जारी किया था। इसमें देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। मोइत्रा के बयान के बाद टीएमसी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था। बीजेपी नहीं चाहती कि उसे बैठे-बैठाए जो मुद्दा हाथों में लग गया है, वह उसे यूं ही जाने दे। वह पूरे दमखम के साथ इसे उठाने में लगी है। उसने महुआ मोइत्रा को गिरफ्तार करने की मांग करने के साथ उनके निलंबन की मांग की है।
छत्तीसगढ़ में शासकीय भूमि आवंटन को लेकर एक बार फिर मामला गर्माता दिखाई दे रहा है। बीते दिनों दावते इस्लामी नामक संस्था ने रायपुर के बोरियाखुर्द में शासकीय भवन निर्माण के लिए 10 हेक्टेयर शासकीय जमीन आवंटन के लिए कलेक्टर को आवेदन किया गया था। जिसके बाद आवेदन पर अतिरिक्त तहसीलदार के द्वारा ईश्तहार प्रकाशन का ज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ था जिसको लेकर भाजपा ने प्रेस वार्ता कर इस्लामी संस्था को जमीन देने के मामले में दावा आपत्ति की मांग की है। भाजपा ने पाकिस्तानी संस्था को जमीन आवंटित करने का लगाया आरोप बोरियाखुर्द में 25 एकड़ जमीन को इस्लामी संस्था को जमीन देने के मामले में विज्ञापन जारी किया था। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी संस्था को जिसका रजिस्ट्रेशन पाकिस्तान में है। ऐसी संस्था को 25 एकड़ जमीन देने के मामले में आपत्ति जताई है। अग्रवाल ने इस संस्था को लेकर बताया कि 1981 में पाकिस्तान के कराची में बने दावत इस्लामी जिस संस्था के संस्थापक मौलाना इजियाद कादरी हैं। ऐसी संस्था को छत्तीसगढ़ की सरकार के द्वारा भूमि आवंटित करने का काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं बृजमोहन अग्रवाल ने दावते इस्लामी संस्था को आतंकवादियों को फंडिंग करने वाली एक संस्था बताया है। दावते इस्लामी पाकिस्तान की नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की संस्था: कांग्रेस हालांकि बृजमोहन अग्रवाल के इन आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला द्वारा भाजपा नेता के इस आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जिस संस्था दावते इस्लामी ने आवेदन किया था। उस संस्था का रजिस्ट्रेशन छत्तीसगढ़ में है, जिसके संचालक रायपुर दक्षिण के निवासी हैं। वहीं जिस संस्था के बात बृजमोहन अग्रवाल कर रहे हैं, वह दावते इस्लामी संस्था कराची की है, छत्तीसगढ़ में काम करने वाली दावते इस्लामी संस्था छत्तीसगढ़ में पिछले 25 सालों से काम कर रही है। वही बोरियाखुर्द में 25 एकड़ की शासकीय जमीन रिक्त है ही नहीं तो जमीन आवंटित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आतंकवादियों से मिले हैं प्रधानमंत्री मोदी और नितिन गडकरी: कांग्रेस वही दावते इस्लामी संस्था पर आतंकवादी संगठन को फंडिंग करने के आरोपों को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा एक पत्र जारी किया गया था। उस पत्र में दावते इस्लामी संस्था को कोविड के दौरान उत्तम कार्य करने के लिए सराहा गया था। उन्होंने कहा कि अगर दावते इस्लामी संस्था आतंकवाद को फंडिंग करती है तो मोदी सरकार और नितिन गडकरी आतंकवादियों के साथ मिले हुए हैं। तहसीलदार ने दावते इस्लामी संस्था का नामांकन किया रद्द दावते इस्लामी नामक संस्था के द्वारा रायपुर के बुरिया खर्च में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 10000 हेक्टेयर जमीन के लिए आवंटित किया गया था। जिसको लेकर हुए आरोपों के बाद इश्तिहार प्रकाशन के बाद आवेदक सैयद इस्लामी ने आवेदन वापस ले लिया। आवेदन वापस लेने की वजह उसमें 10 हेक्टेयर जमीन लिख गया था, जबकि संस्था को केवल 10000 वर्ग फुट जमीन की आवश्यकता थी, इसके साथ ही इसमें खसरा नंबर भी गलत लिखा गया था जिसके बाद तहसीलदार ने आवेदन को निरस्त कर दिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में जिलाधीश को केवल साडे 7 हजार वर्ग फीट जमीन आवंटित करने का ही अधिकार है इसके ऊपर जमीन आवंटित करने के लिए राज्य सरकार इस पर निर्णय लेती है।
कोलंबो: श्रीलंका में ताजा राजनीतिक हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि एक सर्वदलीय सरकार बनाने के लिए वे पार्टी नेताओं की सबसे अच्छी सिफारिश को स्वीकार करते हैं। रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने नागरिकों की सुरक्षा और सरकार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया है। दावा किया जा रहा है कि जल्द ही श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे भी इस्तीफा दे सकते हैं। फिलहाल वे राष्ट्रपति भवन पर हुए प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद फरार हैं। विक्रमसिंघे को भी सुरक्षा कारणों से अज्ञात स्थान पर लेकर जाया गया है। उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक भी की पार्टी की बैठक में चार प्रमुख फैसले लिए गए इस बैठक में सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धना ने भी हिस्सा लिया। समागी जन बालवेगया पार्टी के सांसद डॉ. हर्षा डी सिल्वा ने पार्टी नेताओं की बैठक के दौरान लिए गए चार प्रमुख फैसलों का खुलासा किया। 1- राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे तुरंत इस्तीफा देंगे। 2- स्पीकर अधिकतम 30 दिनों के लिए राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे। 3- संसद शेष कार्यकाल के लिए नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। 4- अंतरिम सर्वदलीय सरकार की शीघ्र नियुक्ति होगी और चुनाव भी जल्द करवाए जाएंगे। नई सरकार के गठन और चुनाव पर बनी सहमति इस बीच, न्याय मंत्री विजेदासा राजपक्षे ने कहा कि पार्टी के अधिकांश नेताओं में इस बात पर सहमति बन गई है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। मंत्री ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने भी सहमति व्यक्त की थी कि स्पीकर को एक सप्ताह के लिए राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने आगे फैसला किया है कि संसद को बुलाकर सर्वदलीय सरकार बनानी चाहिए जिसके बाद उन्हें एक अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त करना चाहिए। न्याय मंत्री ने कहा कि, हालांकि, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे प्रस्तावों से असहमत हैं। गंभीर मानवीय संकट में घिरा है श्रीलंका संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, श्रीलंका गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है। लोग एक दिन के भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि जरूरी सर्जरी और कैंसर के इलाज को रोक दिया जा रहा है। स्कूल बंद हो गए हैं और किल्लत के कारण पेट्रोल की बिक्री बंद हो गई है। नवनियुक्त प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने हाल ही में संसद को बताया था कि हमारी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। यह 1948 के बाद श्रीलंका में आया सबसे बड़ा आर्थिक संकट है। देश का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है। इस घटनाक्रम ने श्रीलंका में अभूतपूर्व राजनीतिक संकट को जन्म दिया, जिसके निशाने पर राजपक्षे परिवार है। जनता के दबाव के कारण पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे अपने दूसरे रिश्तेदारों के साथ पहले ही पद से इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन राष्ट्रपति गोटबाया ने अभी तक अपना पद नहीं छोड़ा है।
कोलंबो : गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। खबर आ रही है कि प्रदर्शनकारियों ने देश के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया है। कहा जा रहा है कि राजपक्षे घर छोड़कर भाग गए हैं। कुछ समय पहले जब भारी बवाल के बीच श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दिया था तो उन्हें आगजनी और हिंसक प्रदर्शनकारियों से बचने के लिए परिवार सहित घर छोड़कर भागना पड़ा था। स्थानीय मीडिया और रक्षा सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी AFP ने इसकी जानकारी दी है। श्रीलंका के अखबार डेली मिरर की खबर के अनुसार प्रदर्शनकरी राष्ट्रपति भवन के भीतर घुस चुके हैं और उस पर कब्जा कर लिया है। स्थानीय टीवी चैनल न्यूजफर्स्ट की वीडियो फुटेज में श्रीलंकाई झंडा और हेलमेट पकड़े प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन के भीतर घुसते देखा जा सकता है। ट्विटर पर शेयर किए गए एक वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन के भीतर नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के पूर्व पीएम शिंदो आबे की मौत पर गहरा दुख जताया है। अपने जिगरी दोस्त के बिछड़ने से देश गम में डूब गयाहै। भारत ने एक दिन का राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। आबे के जिगरी दोस्त पीएम मोदी ने ट्वीट में कहा कि मैं अपने सबसे प्यारे दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुखद निधन पर स्तब्ध और दुखी हूं। वह एक महान वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक उल्लेखनीय प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। पीएम ने कहा कि जब मैं उनसे आखिरी बार मिला था तब नहीं जानता था कि मेरी यह उनसे आखिरी मुलाकात होगी। सीएम से लेकर पीएम बनने तक जारी रही दोस्ती पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट में अपनी पीड़ा जताते हुए लिखा कि शिंजो अबे के साथ मेरा जुड़ाव कई साल पुराना था। मैं गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें जानता था और मेरे पीएम बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी। मुझे क्या पता था उनसे आखिरी मुलाकात होगी पीएम ने लिखा कि अपनी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वह हमेशा की तरह मजाकिया और समझदार थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। पीएम ने कहा कि आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। उन्होंने कहा कि आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं। 9 जुलाई को राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा पीएम मोदी ने शिंजो आबे की मौत पर देश में राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री शिंजो आबे के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में, 9 जुलाई 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। चुनावी कार्यक्रम के दौरान मारी गोली जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का, एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान शुक्रवार को गोली मारे जाने के बाद निधन हो गया । सरकारी प्रसारणकर्ता एनएचके ने यह जानकारी दी। आबे (67) को पश्चिमी जापान के नारा में शुक्रवार को भाषण शुरू करने के कुछ मिनटों बाद ही गोली मार दी गयी थी। उन्हें विमान से एक अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी सांस नहीं चल रही थी और उनकी हृदय गति रुक गयी थी। अस्पताल में बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जापान में घटना से लोग स्तब्ध आबे 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा देने से पहले, देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। पुलिस ने घटनास्थल पर ही संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया। दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में इस घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है।
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) वाराणसी पहुंच चुके हैं। यहां वह सबसे पहले एलटी कॉलेज पहुंचे और यहां अक्षय पात्र मेगा किचन का शुभारंभ किया। इस किचन में प्राइमरी स्‍कूलों में पढ़ने वाले बच्‍चों के लिए मिड-डे मील तैयार किया जाएगा। इस मौके पर सीएम योगी आदित्‍यनाथ और राज्‍यपाल आनंदीबेन भी मौजूद रहे। हेलिकॉप्‍टर से पहुंचे पीएम मोदी वाराणसी पहुंच चुका है। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे। अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाट्न करेंगे। नई शिक्षा नीति पर शिक्षकों और छात्राओं से चर्चा करेंगे। कुछ देर बाद वह एलटी कॉलेज में बच्‍चों से संवाद करेंगे और अक्षय पात्र मेगा किचन का उद्घाटन करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी दौरे को लेकर ट्वीट भी किया। उन्होंने 2 बजे अक्षय पात्र मिड डे मील किचन का उद्घाटन करने की जानकारी देते हुए बताया कि एक लाख लोगों के लिए भोजन तैयार करने की क्षमता वाले किचन से कई छात्रों को फायदा मिलेगा। इसके बाद शाम 4 बजे काशी में 1800 करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे। ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के बाद PM मोदी अब वाराणसी को पावन पथ के तौर पर दूसरा तोहफा देने जा रहे हैं। काशी में हर साल होने वाली विभिन्न धार्मिक यात्राएं 102 मंदिरों से होकर गुजरती हैं। पावन पथ धार्मिक पर्यटन सर्किट इन्हीं मंदिरों को कवर करते हुए गुजरेगा। इनमें अष्टविनायक, विनाकया, द्वादश ज्योर्तिलिंग यात्रा, अष्ट भैरव, नवगौरी यात्रा शामिल हैं।
नई दिल्ली: चीन है कि मानता नहीं... इसलिए अब उसे मनाने की कोशिश भी नहीं हो रही है। जब कोई दोस्ती का हाथ बार-बार झटक दे तब दुश्मनी का मुक्का लहराना बनता है। चीन, पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपना ही खड़ा किया बखेड़ा दो साल बाद भी समेटने को तैयार नहीं दिख रहा है, तब भारत उसे उसकी भाषा में ही जवाब देने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दलाई लामा को जन्म दिन की बधाई देना इसी जवाब का हिस्सा माना जा रहा है। इस बीच खबरें यह भी आ रही हैं कि अगले साल जी-20 की मीटिंग के एक हिस्सा का आयोजन लद्दाख में भी हो सकता है। दलाई लामा को बधाई के जरिए चीन को चुनौती बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने दलाई लामा को फोन किया और उनके जन्मदिन की बधाई दी। इसे प्रधानमंत्री की तरफ से सामान्य शिष्टाचार का प्रदर्शन नहीं माना जाना चाहिए। पीएम ने पिछले वर्ष से ही दलाई लामा को बधाई देना शुरू किया है। एक तो तिब्बती आध्यात्मिक गुरु को फोन करने और ऊपर से इसकी सार्वजनिक घोषणा करने के पीछे मकसद चीन की दुखती रग को छेड़ना ही है। चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है। इस कारण एलएसी पर तनाव के बाद से भारत सरकार दलाई लामा से सार्वजनिक संपर्क साधने से बचती रही है। लेकिन जब चीन ने 'पारस्परिक संवेदनाओं, एक-दूसरे के हितों और चिंताओं' की परवाह नहीं की तो भारत उसे उसकी भाषा में जवाब देना लाजिमी समझ रहा है। चीन ने नहीं रखा भारत का ख्याल, अब मिल रहा जवाब भारत ने चीन से कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय इलाके से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) ले जाना, पड़ोसी धर्म के खिलाफ है। भारत की आपत्तियों के बावजूद चीन की कानों पर जूं नहीं रेंगी। अब भारत ने भी ठान लिया है कि चीन की संवेदनाओं की भी परवाह नहीं की जाएगी। चीन चाहता है कि भारत अपनी संवेदनाओं को किनारे रखकर उससे दोस्ती गांठता रहे। यही वजह है कि एलएसी पर बिना ठोस कदम उठाए चीन ने इस वर्ष अपने विदेश मंत्री वांग यी को दिल्ली दौरे पर भेज दिया। उसे लगा कि इससे भारत पसीज जाएगा, लेकिन उसकी गलतफहमी दूर करने के लिए भारत ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि सीमा पर टकराव जारी रखकर द्विपक्षीय संबंधों की बहाली नहीं हो सकती है। लद्दाख में हो सकती है जी-20 की बैठक इतना ही नहीं, भारत जी-20 की बैठकों के लिए न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि लद्दाख को भी संभावित वेन्यू के तौर पर देख रहा है। इसे भारत की तरफ से चीन को सख्त और दो टूक संदेश के तौर पर देखा जा सकता है। चीन ने जम्मू-कश्मीर में जी-20 मीटिंग कराए जाने को लेकर ऐतराज किया है। खास बात यह है कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तौर पर बंटवारे के बाद यहां पहली बार कोई अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन होगा। द इकनॉमिक टाइम्स (ET) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत 2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले समूह की कई बैठकों की मेजबानी करेगा। इसके लिए कई वेन्यू पर विचार किया जा रहा है, जिनमें जम्मू-कश्मीर भी शामिल है। ईटी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जी-20 बैठकों के लिए कई वेन्यू पर चर्चा चल रही है और किसी भी जगह को अभी खारिज नहीं किया गया है। जी-20 मीटिंग से चीन को लगी मिर्ची लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले करीब दो सालों से तनाव का माहौल है। कुछ जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन गतिरोध अभी बरकरार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने लद्दाख में जी-20 समिट का आयोजन करने के सवाल पर कहा था, 'हमने प्रासंगिक सूचना का संज्ञान लिया है। कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है। संयुक्त राष्ट्र के संबंधित प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए।' पाकिस्तान ने भी जम्मू-कश्मीर में जी-20 बैठक कराए जाने का विरोध किया है।
नयी दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में हुए बस हादसे को हृदयविदारक बताया और इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजन को दो-दो लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुल्लू जिले में एक निजी बस के खड्ड में गिर जाने से कुछ स्कूली बच्चों समेत 16 लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मोदी के हवाले से ट्वीट किया, ‘‘हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में हुआ बस हादसा हृदयविदारक है। मैं दुख की इस घड़ी में शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन दुर्घटना पीड़ितों को हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है।’’ प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि प्रधानमंत्री ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दिए जाने की मंजूरी दी है। उसने बताया कि घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे। कुल्लू के उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि सैंज जा रही बस जंगला गांव के पास सुबह करीब साढ़े आठ बजे खड्ड में गिर गई। उन्होंने बताया कि जिले के अधिकारी तथा बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं और घायलों को नजदीक स्थित एक अस्पताल ले जाया जा रहा है। घटना संबंधी विस्तृत जानकारी का इंतजार है।
हैदराबाद,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मूलमंत्र को रेखांकित करते हुए पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में रविवार को सुझाव दिया कि कार्यकर्ताओं को अल्पसंख्यकों में जो वंचित और कमजोर तबका है, उनके बीच भी जाकर पहुंच बनानी चाहिए। सूत्रों ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने यह सुझाव पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा बैठक में दी गई एक प्रस्तुति के दौरान दिया। भाजपा ने हाल ही में रामपुर और आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र में हुए उपचुनावों जीत दर्ज की है। इन दोनों लोकसभा क्षेत्रों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है और इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाता हैं। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने कहा कि भारतीय राजनीति में हिन्दुओं के सामाजिक समीकरणों को लेकर कई प्रयोग किए गए है और पसमांदा मुसलमानों जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों के बीच पहुंच बनाने के भी प्रयास किए जाने चाहिए। पसमांदा मुसलमानों के नेता अक्सर दावा करते हैं कि अल्पसंख्यक आबादी में 80-85 प्रतिशत पसमांदा मुसलमान हैं लेकिन अल्पसंख्यक नेताओं ने अल्पसंख्यकों के नाम पर जो विमर्श चलाया, वह वास्तव में उच्चवर्गी मुसलमानों का विमर्श है। पसमांदा से आशय पिछड़े या दबे-कुचले अल्पसंख्यकों से है। इस समाज के नेता कांग्रेस, समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते रहे हैं कि इन दलों ने उन्हें खूब ठगने का काम किया है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी के कार्यकर्ता सिर्फ हिन्दू समाज के पिछड़े और कमजोर तबके में ही पहुंच ना बनाएं, बल्कि अल्पसंख्यकों के बीच भी जाएं और उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें मिले, यह सुनिश्चित करना चाहिए। पिछले साल भाजपा पदाधिाकरियों की एक बैठक में मोदी ने ऐसा ही एक सुझाव दिया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी को केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वहां उसका जनाधार मजबूत हो सके। पार्टी के नेताओं का कहना है कि भाजपा अल्पसंख्यकों के बीच अपना जनाधार बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इससे पहले मोदी ने राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वह देश में लंबे समय तक शासन करने वाले दलों द्वारा की गई गलतियों से सीख लें, जो आज अपना अस्तित्व बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का लक्ष्य भारत को तुष्टिकरण से तृप्तिकरण की ओर ले जाना है। कार्यसमिति की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कार्यकर्ताओं से भारत को ‘‘श्रेष्ठ’’ बनाने की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया और कहा कि वह अपने व्यवहार में संयम बरतने, संतुलन साधने और समन्वय के साथ काम करने के गुण विकसित करें। उन्होंने कहा, ‘‘ये जब हम करेंगे तभी हमारे जो लक्ष्य हैं- एक भारत, श्रेष्ठ भारत और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास- पूरे हो पाएंगे।’’ ज्ञात हो कि भाजपा कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों पर तुष्टिकरण की राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रही है। मोदी ने कार्यकर्ताओं से ‘‘स्नेह यात्रा’’ निकालने और समाज के सभी वर्गों तक पहुंचने को भी कहा। दो दिनों तक यहां के हैदराबाद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में हुई भाजपा की राष्ट्रीय समिति के दौरान संगठनात्मक गतिविधियों की समीक्षा की गई तथा केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और उसके सुशासन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की जमकर सराहना की गई।
हैदराबाद : बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (BJP Executive Meet) के दूसरे और अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बीजेपी नेताओं से कहा कि अब संघर्ष यात्रा की बजाय स्नेह यात्रा निकालें। उन्होंने परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति पर भी निशाना साधा। पीएम ने हैदराबाद को भाग्यनगर कहा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी पहले हैदराबाद को भाग्यनगर कह चुका है। सबसे पहले हैदराबाद म्युनिसिपल इलेक्शन में चुनाव प्रचार के दौरान यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और फिर गृहमंत्री अमित शाह ने हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर करने का जिक्र किया था। स्नेह यात्रा करें और स्नेह मिलन करें- मोदी प्रधानमंत्री ने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा कि हम रैलियां निकालते हैं, संघर्ष यात्रा निकालते हैं लेकिन अब हम सत्ता में हैं। लोगों को हमसे स्नेह की उम्मीद है तो हम स्नेह यात्रा करें, स्नेह मिलन करें। मोदी ने कहा कि हम हमेशा विपक्ष में रहे थे तो संघर्ष करना हमारी प्रवृति में रहा और हम संघर्ष यात्रा निकालते रहे। लोगों ने हम पर विश्वास किया था जो हमने पूरा किया इसलिए लोगों को हमसे ज्यादा अपेक्षाएं हैं। पीएम मोदी ने किन 7 चीजों का किया जिक्र पीएम ने कहा कि 2014 से पहले करोड़ों के भ्रष्टाचार होते थे लेकिन हमने लोगों के लिए काम किया है इसलिए लोगों को हमसे उम्मीद है। हमें और ज्यादा मंथन करके आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को बताना चाहिए कि हमने भ्रष्टाचार खत्म किया है। ये हमेशा ध्यान में रहना चाहिए कि हमें लोगों के बीच क्या लेकर जाना है। जिन लोगों को मंदिर से लेना देना नहीं था वे पूछते थे कि मंदिर नहीं बना रहे और हम उनकी बातों में लग जाया करते थे। हम उनकी बात ही ना करें बल्कि लोगों को बताएं कि हमने किस तरह विकास किया है। पीएम ने कहा कि हमें सात चीजें ध्यान रखनी हैं - सेवा, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मक, संवेदना और संवाद। सभी कार्यकर्ताओं के साथ यह रखना है और आगे बढ़ना है। हैदराबाद को कहा भाग्यनगर पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं को बताया कि हमारी लोगों के प्रति क्या जिम्मेदारी है। उन्होंने हैदराबाद को भाग्यनगर कहा और कहा कि सरदार पटेल ने एक भारत की आधारशिला रखी अब बीजेपी की जिम्मेदारी श्रेष्ठ भारत बनाने की है। मोदी ने कहा कि राजनीति दल जिन्होंने भारत में कई साल शासन किया आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। उनका पतन हमारे लिए मजाक या खुशी की बात नहीं होना चाहिए। उनसे हमें सबक मिला है कि हमें वैसी गलती नहीं करनी चाहिए जो उन्होंने की। हमारी अप्रोच पी2 जी2 यानी प्रो पीपल प्रो गुड गवर्नेंस की होनी चाहिए। हमारे विचार तुष्टीकरण की बजाय तृप्तिकरण के लिए होने चाहिए। देश परिवारवाद की राजनीति से त्रस्त आ गया है उन्होंने कहा कि देश परिवारवाद की राजनीति और ऐसी राजनीतिक पार्टियों से त्रस्त आ गया है। परिवारवादी पार्टियों के लिए लंबे वक्त तक अपने अस्तित्व को बचाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि जेंडर जस्टिस हमारे फोकस में हमेशा रहना चाहिए। पहली बार एक योग्य महिला राष्ट्रपति बनने वाली है। बाजपेयी जी के कार्यकाल में एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने अब आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनने वाली है।
हैदराबाद: बीजेपी की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग (BJP National Executive Meet) में तय किया गया कि बीजेपी (BJP) हर घर तिरंगा अभियान चलाएगी और इसके जरिए 20 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) ने कहा कि देश के लोग हर जाति, हर धर्म से ऊपर उठकर देश के नाम पर एकजुट होंगे। राजनीतिक प्रस्ताव के साथ तेलंगाना पर भी आएगा बयान वसुंधरा ने कहा कि कुछ देर बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी मीटिंग शुरू होगी। जिसमें राजनीतिक प्रस्ताव के साथ ही एक प्रस्ताव अर्थव्यवस्था और गरीब कल्याण पर भी आएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश में जो कुछ भी हो रहा है उसका जिक्र राजनीतिक प्रस्ताव में होगा। उन्होंने कहा कि यह भी तय हुआ है कि जिस राज्य में बैठक हो रही है वहां की स्थिति पर भी स्टेटमेंट निकाला जाएगा इसलिए तेलंगाना की स्थिति पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी से एक स्टेटमेंट निकाला जाएगा। हर बूथ में 200 का लक्ष्य हैदराबाद में बीजेपी की राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग में बीजेपी ने अपने लिए कई लक्ष्य भी निर्धारित किए। बीजेपी ने तय किया कि हर बूथ पर कम से कम 200 एक्टिव कार्यकर्ता बनाए जाएंगे। बूथ स्तर पर वट्सऐप ग्रुप तैयार किए जाएंगे ताकि सबसे सीधा संवाद हो सके। वसुंधरा राजे ने बताया कि मीटिंग में पन्ना प्रमुख तैयार करने पर चर्चा हुई। इस पर जोर दिया गया कि पार्टी के सारे कार्यक्रमों के बीच पन्ना प्रमुख बनाना ना भूले क्योंकि इसकी बहुत अहमियत है और इसे मजबूत बनाने की जरूरत है। बूथ को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री हर हफ्ते समीक्षा बैठक करेंगे। मीटिंग में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी नेता प्रवास के कार्यक्रमों पर खासा ध्यान दें और हर बूथ तक पहुंचने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं से बात करना बेहद जरूरी है और पार्टी को मजबूत करने के लिए बूथ को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बूथ अध्यक्ष और बूथ कार्यकर्ता हमारे लिए सबसे अहम हैं। लाभार्थियों पर फोकस मीटिंग में तय किया गया कि सरकार की स्कीम के 30 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचा जाए। मीटिंग पर इसमें विस्तार से चर्चा हु़ई कि कैसे हर लाभार्थी तक व्यक्ति तौर पर पहुंचा जाए और उन तक सरकार की बात को पहुंचाया जाए। पार्टी अब लाभार्थियों को अलग अलग स्कीम के हिसाब से जिलावार फोकस करेगी और उन तक पहुंचेगी।
नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को अत्याधुनिक मानव रहित विमान के विकास में एक बड़ी कामयाबी मिली है। डीआरडीओ ने ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) की पहली उड़ान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह परीक्षण शुक्रवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में किया गया। डीआरडीओ की इस बड़ी कामयाबी से चीन और पाकिस्तान की टेंशन बढ़ने वाली है।
नई दिल्ली: भारत ने गुजरात दंगों में तथ्यों से छेड़छाड़ करने और कानून का सहारा लेकर गलत एजेंडा चलाने की आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर टिप्पणी के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की फटकार लगाई है। विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणी को 'पूरी तरह अवांछित' करार देते हुए उसे खारिज कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह देश की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपने बयान में कहा कि एजेंसियों ने स्थापित न्यायिक नियमों के तहत कानून के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की है। विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र की संस्था को लताड़ा तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ कार्रवाई को लेकर संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार के लिए उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) की टिप्पणी पर बागची ने कहा कि ओएचसीएचआर की सीतलवाड़ मामले पर टिप्पणी पूरी तरह से अवांछित है और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी कानूनी-कार्रवाई को उत्पीड़न बताना, गुमराह करने वाला और अस्वीकार्य है। UNHRO ने मंगलवार को किया था ट्वीट ओएचसीएचआर ने तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तार किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'भारत : हम तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो पूर्व पुलिस अधिकारियों की हिरासत और गिरफ्तारी को लेकर काफी चिंतित हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं । उनकी सक्रियता एवं 2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए उनका उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए।' भारतीय व्यवस्था में दखल देने की हिम्मत नहीं करे कोई इस बारे में मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बागची ने कहा कि हमने तीस्ता सीतलवाड़ एवं दो अन्य लोगों के खिलाफ कानूनी-कार्रवाई को लेकर ओएचसीएचआर की टिप्पणी को देखा है। उन्होंने कहा, 'ओएचसीएचआर की टिप्पणियां पूरी तरह से अवांछित हैं और भारत की स्वतंत्र न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप करती है।' सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता और कई पूर्व पुलिस अफसरों की मंशा पर संदेह जताया गौरतलब है कि अहमदाबाद की एक अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में झूठे साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष लोगों को फंसाने के एक मामले में रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार को 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। वहीं, बनासकांठा जिले की पालनपुर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आरोपी संजीव भट्ट को स्थानांतरण वारंट के जरिये अहमदाबाद लाया जाएगा।
नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और उनके पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) में बेहतर प्रधानमंत्री कौन है? इस सवाल का जवाब कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता और विदेश मंत्री रह चुके नटवर सिंह (Natwar Singh) ने दिया है। उन्‍होंने दो-टूक बोला है कि दोनों में कोई तुलना ही नहीं है। उनके मुताबिक, मनमोहन सिंह सिर्फ नाम के प्रधानमंत्री थे। असल में सरकार तो कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) चलाती थीं। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्‍हें राजनीति में परिवारवाद को खत्‍म करने का श्रेय दिया है। साथ ही यह भविष्‍यवाणी भी कर दी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके सिर पर ही प्रधानमंत्री का ताज सजेगा। हालांकि, यह जीत पिछली बार की तुलना में थोड़े कम अंतर से होगी। उन्‍होंने गांधी परिवार पर तीखा हमला किया है। नटवर सिंह पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विदेश मंत्री थे। सोमवार कोटाइम्‍स नाउ नवभारत के साथ बातचीत में नटवर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। जब उनसे पूछा गया कि नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह में अच्‍छा प्रधानमंत्री कौन है तो नटवर सिंह तपाक से बोले कि कोई मुकाबला ही नहीं है। सोनिया गांधी के हाथों में थी असली कमान नटवर सिंह ने कहा कि मनमोहन सिंह के जमाने में असली प्रधानमंत्री सोनिया गांधी थीं। मोदी खुद प्रधानमंत्री हैं। वह दबंग और हिम्‍मत वाले हैं। जिस तरह उन्‍होंने अब तक सरकार चलाई है, उसमें कोई उन पर परिवारवाद और भ्रष्‍टाचार का आरोप नहीं लगा सकता है। 2024 में वो फिर चुनकर आएंगे। जितनी सीटें अभी उनकी हैं, शायद उतनी नहीं आएं। लेकिन, अभी उनकी टक्‍कर में कोई नहीं है। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने परिवारवाद बंद कर दिया। वह किसी रिश्‍तेदार को नहीं लाए। गवर्नर के स्‍तर पर हो या कैबिनेट मंत्री के लेवल पर, यह बात हर जगह देखी जा सकती है। इसे बहुत बड़ा परिवर्तन कहा जा सकता है। पहले तो हाल यही था कि अपने परिवार के लोगों को लगा दो हर जगह। अब वो बिल्‍कुल बंद हो गया है। लोकतंत्र के लिए यह वाकई बहुत अच्‍छा है। सरकार की विदेश नीति की तारीफ आने वाले एक दशक में वह भारत को कहां पर खड़ा देखते हैं, इसके जवाब में नटवर सिंह बोले कि भविष्‍य बहुत सुनहरा है। अभी भी आप देख सकते हैं कि अमेरिका नंबर वन है। दूसरे पर चीन है। इसके बाद भारत आ जाता है। रूस की हालत खराब होने के बाद दुनिया की तस्‍वीर बदल गई है। उन्‍होंने कहा कि भारत की यूक्रेन पर जो विदेश नीति रही है, वो बिल्‍कुल ठीक है। गांधी परिवार पर बोला सीधा हमला नटवर सिंह ने गांधी परिवार पर सीधा हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि गांधी परिवार को कांग्रेस की जरूरत है, कांग्रेस को इनकी जरूरत नहीं है। जब तक ये रहेंगे कांग्रेस में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्‍होंने इशारों-इशारों में कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को भी जायज ठहराया। नटवर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी अगर ईडी के सामने पेश हुए हैं तो कुछ बात तो जरूर होगी। यह बात नटवर सिंह ने ऐसे समय में कही है जब मंगलवार को ईडी ने राहुल गांधी को पूछताछ के लिए एक बार फिर बुलाया है। नेशनल हेराल्‍ड मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में ईडी राहुल से कई बार पूछताछ कर चुका है। राहुल के समर्थन में कांग्रेस ने हाल में प्रदर्शन किए थे।
काबुल: अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में कर्ते परवान सिख गुरुद्वारे पर आईएस आतंकियों के हमले के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट खुरासान का पाकिस्‍तान के साथ करीबी संबंध है और यह हमला तालिबान और भारत दोनों को ही संदेश देने के लिए किया गया हो सकता है। भारत और तालिबान के बीच अफगानिस्‍तान में नई दिल्‍ली के फिर से फिर वापसी को लेकर काफी बातचीत चल रही है जो पाकिस्‍तान को पसंद नहीं है। ऐसे में यह आतंकी हमला कई तरह के सवाल उठा रहा है। आईएसकेपी के आतंकियों ने दावा किया है कि उन्‍होंने नूपुर शर्मा के पैगंबर को लेकर दिए गए बयान का बदला लेने के लिये सिखों पर हमला किया है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच गुरुद्वारा कर्ते परवान पर हमले से अब एक बार फिर से बहस शुरू हो गई है कि क्‍या भारत का काबुल में अपना दूतावास फिर से खोलना चाहिए या नहीं। वह भी तब जब काबुल की सुरक्षा तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्‍कानी के पास है जो पाकिस्‍तान का पाला हुआ अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी है। आईएसकेपी के आतंकियों को पाकिस्‍तान पाल रहा रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि आईएसकेपी के आतंकियों को पाकिस्‍तान तालिबान पर चेक एंड बैलेंस बनाये रखने के लिए पाल रहा है। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी जेपी सिंह के नेतृत्‍व में एक भारतीय दल तालिबान के कब्‍जे के बाद पहली बार काबुल के दौरे पर गया था। इस दल ने तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्‍ताकी और गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्‍कानी से मुलाकात की थी। सूत्रों का कहना है कि काबुल में भारत के दूतावास को फिर से खोलने की योजना को काफी गति मिल गई थी और अधिकारियों का एक दल भी भेजा जाना था ताकि वीजा और मानवीय सहायता के कार्यों को अंजाम दिया जा सके। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने 111 अफगान हिंदू और सिख लोगों को आपातकालीन वीजा जारी कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने टीम भेजने की खबर पर टिप्‍पणी नहीं किया है लेकिन सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा है कि अफगानिस्‍तान जाने वाले दल को सुरक्षा अनुमति मिलने का इंतजार है। अभी फिलहाल स्‍थानीय लोगों की मदद से दूतावास के कार्यों को चलाया जा रहा है। वहीं विभिन्‍न शहरों में स्थित महावाणिज्‍य दूतावास पूरी तरह से बंद हैं। स‍िख गुरुद्वारे पर हमला भारत के लिए सीधी चेतावनी' हक्‍कानी नेटवर्क के भारतीय दूतावास पर हमले के बाद पैदा हुई दुश्‍मनी के बाद भी तालिबान ने कई बार भारत से अपील की है कि वह अपने दूतावास को फिर से खोले। तालिबान ने भारतीय दूतावास को सुरक्षा की पूरी गारंटी दी है। फिलहाल अफगानिस्‍तान में 13 देशों रूस, चीन, ईरान, पाकिस्‍तान, तुर्की आदि के दूतावास अफगानिस्‍तान में सक्रिय हैं। अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत अफगानिस्‍तान का ऐतिहासिक दोस्‍त है और दूतावास के वापसी का यहां की जनता निश्चित रूप से स्‍वागत करेगी। वहीं भारत के अफगानिस्‍तान में पूर्व राजदूत अमर सिन्‍हा कहते हैं कि गुरुद्वारे पर यह हमला इस बात की स्‍पष्‍ट चेतावनी है कि भारत हितों और अल्‍पसंख्‍यकों को निशाना बनाया जाएगा। तालिबान चाहता है कि भारत दवाओं और मानवीय सहायता को फिर से पहले की तरह से शुरू करे लेकिन विशेषज्ञ इसको लेकर चेता रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि भारतीय दल के दौरे और तालिबान की दोस्‍ती की पहल से पाकिस्‍तानी सेना के कान खड़े हो गए हैं। पाकिस्‍तान को यह भी नागवार गुजरा है कि तालिबान के रक्षामंत्री और मुल्‍ला उमर के बेटे मुल्‍ला याकूब ने भारत में अफगान सैनिकों के प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने का प्रस्‍ताव दिया है।
नई दिल्ली: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले (Kabul Gurudwara Terrorist Attack) के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार ने 100 से ज्यादा सिख और हिंदू नागरिकों को प्राथमिकता के आधार पर ई-वीजा प्रदान किया है। आपको बता दें कि 18 जून यानि शनिवार को गुरुद्वारे कारते परवान में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले की जिम्मेदारी ISIS खुरसान ने ली थी। सिखों और हिंदुओं को वीजा देने संबंधी फैसले पर सरकारी सूत्रों ने बताया कि काबुल हमले के बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने अफगानिस्तान में 100 से अधिक सिखों और हिंदुओं को प्राथमिकता के आधार पर ई-वीजा प्रदान किया है। ज्ञात हो कि साल 2021 अगस्त में भी भारत सरकार ने काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद ई-वीजा जारी किए थे। आतंकी हमले में 2 की हुई थी मौत काबुल में 18 जून को गुरुद्वारे कारते परवान में हुए आतंकी हमले में एक सिख सहित 2 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में एक मुस्लिम सुरक्षा गार्ड भी शामिल था। इस हमले को लेकर भारत ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए एक ट्वीट किया था। पीएम ने कहा कि काबुल में गुरुद्वारे कराते परवान में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले की निंदा करता हूं। इसके साथ सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की सलामती के लिए प्रार्थना करता हूं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी की थी निंदा काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले परल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कड़ी निंदा की थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कारते परवान गुरुद्वारे में हुए आंतकी हमले पर हम करीबी से नजर बनाए हुए हैं। हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण चिंता समुदाय के कल्याण के लिए है। ISIS खुरसान ने ली जिम्मेदारी आतंकी संगठन ISIS खुरसान ने बयान जारी करते हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आपको बता दें कि यह हमला शनिवार सबह 7:15 बजे के बीच हुआ था। इस हमले में सुरक्षा में तैनात 3 तालिबान सैनिक भी घायल हुए हैं। जिस वक्त यह हमला हुआ उस दौरान 25-30 अफगान हिंदुओं और सिख मौजूद थे।
नयी दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्र द्वारा किए जा रहे आधुनिक विकास कार्य दिल्ली का चेहरा बदल रहे हैं और राष्ट्रीय राजधानी का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। मोदी ने प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग और पांच अंडरपास का यहां उद्घाटन करने के बाद ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-एनसीआर और दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर मेट्रो मार्गों को दोगुना से अधिक किए जाने समेत कई अन्य पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने क्षेत्र की समस्याओं को हल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। Amazon पर हेडफोन्‍स में 50% तक की बंपर छूट प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली को केंद्र सरकार से बुनियादी ढांचा संबंधी एक खूबसूरत तोहफा मिला है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 55 लाख लीटर ईंधन बचाने और प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार बढ़ते शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखती है और लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए काम कर रही है। दिल्ली की पहली 1.6 किलोमीटर लंबी सुरंग के उद्घाटन के बाद पूर्वी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से इंडिया गेट तथा मध्य दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों को आईटीओ, मथुरा रोड और भैरों मार्ग पर यातायात जाम की समस्या से छुटकारा मिलेगा और इस तरह उनके समय, ईंधन और धन की बचत होगी। मोदी ने कहा, ‘‘समय धन है।’’ उन्होंने कहा कि यदि सरकार लोगों के लिए 100 रुपये की घोषणा करती है, तो ये सुर्खी बनती है, लेकिन जब 200 रुपये की बचत होती है, तो इस बारे में ज्यादा बात नहीं होती। मोदी ने सुरंग और अंडरपास की शोभा बढ़ाने वाली कलाकृति की भी सराहना की और सुझाव दिया कि इस सुरंग को रविवार को कुछ घंटे यातायात के लिए बंद किया जाना चाहिए ताकि लोग पैदल चलकर इस कला का आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि वह सांसदों से भी ऐसा करने को कहेंगे। पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना को 920 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इसका उद्देश्य प्रगति मैदान में विकसित किए जा रहे नए विश्वस्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर तक सुगम पहुंच प्रदान करना है, ताकि प्रगति मैदान में होने वाले कार्यक्रमों में आगंतुकों और प्रदर्शकों की भागीदारी आसान बनाई जा सके।
काबुल: अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में सिखों के गुरुद्वारा कर्ते परवान पर भीषण आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में कम से कम 2 लोग मारे गए हैं। इस हमले की जिम्‍मेदारी आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट के आईएसकेपी धड़े ने ली है। आईएसकेपी ने कहा है कि सिखों पर यह हमला पैगंबर पर बीजेपी नेता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के दिए अपमानजनक बयान के जवाब में किया गया है। बताया जा रहा है कि हैंड ग्रेनेड और राइफलों से लैस आतंकी गुरुद्वारे के अंदर घुस गए और एक के बाद एक कम से कम 13 विस्‍फोट किए। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हमले की कड़ी निंदा की है और कहा कि हम पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच अफगानिस्‍तान के पूर्व उप राष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने इस हमले के लिए लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद जैसे पाकिस्‍तान समर्थित आतंकियों पर शक जताया है। बताया जा रहा है कि सबसे पहले आतंकियों ने गुरुद्वारे के गेट पर विस्‍फोट किया। इस दौरान गुरुद्वारे के अंदर 25 से 30 हिंदू और सिख शरण लिए हुए थे। इसके बाद आतंकी गुरुद्वारे के अंदर घुस गए और पूरे परिसर के अंदर जोरदार हमले शुरू कर दिए। इसी हमले में दो लोगों की मौत हो गई। आईएसकेपी ने हमले के बाद जश्‍न मनाने वाले संदेश जारी किए इसमें एक सिख नागरिक सविंदर सिंह की मौत हो गई। आईएसकेपी ने हमले के बाद जश्‍न मनाने वाले संदेश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि सिख गुरुद्वारे पर हमला उसके सदस्‍यों ने पैगंबर पर नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के अपमानजनक बयान के जवाब में किया है। इस हमले में तालिबान के 3 सैनिक भी घायल हुए हैं। अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने बताया कि हमलावरों ने दो तरफ से गुरुद्वारे के दो दरवाजों पर हमला किया। इससे पूरे गुरुद्वारे के अंदर आग लग गई। हमलावर हर तरफ हैंड ग्रेनेड फेंक रहे थे। एक प्रत्‍यक्षदर्शी ने बताया कि 20 मिनट के अंदर कम से कम 13 विस्‍फोट हुए। इसके बाद जमकर गोलीबारी हुई। हमलावरों ने गुरुद्वारे के बाहर खड़ी एक कार को भी विस्‍फोटकों से उड़ा दिया। अफगानिस्‍तान में हाल के दिनों में सिखों के धर्मस्‍थलों पर यह पांचवां बड़ा हमला है। इनमें से ज्‍यादातर हमलों की जिम्‍मेदारी आईएसआईएस ने ली है। इससे पहले मार्च 2020 में गुरुद्वारा हर राई साहिब में हुए हमले में 25 लोग मारे गए थे। वहीं साल 2018 में जलालाबाद में सिखों पर हुए हमले में 19 लोग मारे गए थे। तालिबान राज में अफगानिस्‍तान में बचे हैं मात्र 140 सिख भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'हम काबुल शहर में एक पवित्र गुरुद्वारे पर हुए हमले की घटना से बहुत चिंतित हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आगे की घटना के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।' अतीत में भी इस्लामिक स्टेट इन खोरासन (आईएसकेपी ) देशभर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ले चुका है। बताया जा रहा है कि स्थानीय समयानुसार सुबह करीब छह बजे कार्ते परवान इलाके में पहले विस्फोट की आवाज सुनी गई। प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, विस्फोट के कारण आसमान में धुएं का गुबार फैल गया। हमले के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख बचे हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।
इस्लामाबाद,पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के मामले में भारत में सुनियोजित षड्यंत्र के तहत विवाद की आग भड़काई गई। इसमें पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों के हजारों नान वेरिफाइड इंटरनेट मीडिया अकाउंट जुटे थे। फर्जी खबरों पर नजर रखने और फैक्ट चेक करने वाले डिजिटल फारेंसिक्स रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर (डीएफआरएसी) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। यह रिपोर्ट दिखाती है कि किस तरह से भ्रामक सूचनाओं के माध्यम से मुस्लिमों को भड़काया गया। डीएफआरएसी के मुताबिक, विभिन्न देशों से 60 हजार से ज्यादा नान वेरिफाइड अकाउंट इस मामले में आग भड़काने के लिए अलग-अलग हैशटैग का प्रयोग कर रहे थे। इनमें से 7,100 से ज्यादा अकाउंट को पाकिस्तान से संचालित किया जा रहा था। इन अकाउंट के माध्यम से कई आधारहीन बातें पोस्ट की गईं और लोगों को भड़काया गया। उल्लेखनीय है कि एक टीवी डिबेट में भाजपा नेता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद साहब पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। एक अन्य भाजपा नेता नवीन जिंदल ने भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी की थी। करीब दो हफ्ते से इस मामले को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई इस्लामी देशों ने भी इस टिप्पणी पर अपनी आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि विवाद बढ़ने के बाद भाजपा ने नूपुर शर्मा को निलंबित और नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया है। नान वेरिफाइड अकाउंट के जरिये इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी मोइन अली का फर्जी स्क्रीनशाट चलाया गया, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने आइपीएल के बहिष्कार की अपील की है। लोगों को भड़काने के लिए फर्जी तस्वीरें भी शेयर की गईं। पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने यह झूठ फैलाया कि भाजपा से निष्कासित नेता नवीन जिंदल उद्योगपति जिंदल के भाई हैं। इस दौरान स्टाप इंसल्टिंग प्रोफेट मोहम्मद, बायकाट इंडियन प्रोडक्ट जैसे हैशटैग प्रयोग किए गए। पाकिस्तानी मीडिया हाउस भी फैला रहे झूठ भारत की छवि खराब करने और हिंसा भड़काने के इस खेल में इंटरनेट मीडिया ही नहीं, पाकिस्तान व कुछ अन्य देशों के मीडिया हाउस भी जुटे हैं। पाकिस्तान के एरी न्यूज ने झूठी खबर चलाई थी कि ओमान के ग्रैंड मुफ्ती ने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का एलान किया है। साथ ही उन्होंने इस टिप्पणी के खिलाफ सभी मुस्लिमों से एकजुट होने की अपील की है। टीवी चैनल का यह दावा पूरी तरह झूठ साबित हुआ। घृणा फैलाने वालों को मिला मौका पाकिस्तानी मीडिया और इंटरनेट मीडिया के इस दुष्प्रचार का फायदा उठाकर खालिद बेदौं, मोइनुद्दीन इब्न नसरुल्ला और अली सोहराब जैसे घृणा फैलाने वालों को भी मौका मिल गया। इनमें से कुछ ने तो इस मामले में जम्मू-कश्मीर को भी शामिल करने की कोशिश की।
कुवैत सिटी: नूपुर शर्मा पर खाड़ी देशों में भारी विरोध के बाद भारत की निंदा करने वाले कुवैत ने अब पैगंबर विवाद में अपने देश में प्रदर्शन कर रहे प्रवासी प्रदर्शनकारियों को अरेस्‍ट करके निकालने का फैसला किया है। कुवैत ने कहा है कि पैगंबर को लेकर नूपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सभी प्रदर्शनकारियों को निकालने जा रहा है। कुवैत का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन करके देश के कानूनों और नियमों का उल्‍लंघन किया है। एक तरफ कुवैत जहां प्रदर्शन करने पर सख्‍त ऐक्‍शन ले रहा है, वहीं भारत में यूपी से लेकर बंगाल हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत में उपद्रवियों के खिलाफ सरकारी ऐक्‍शन का विरोध किया जा रहा है। अरब टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक कुवैत के कानून के मुताबिक कुवैत में बड़ी संख्‍या में भारतीय और पाकिस्‍तानी काम करते हैं और प्रवासियों का कुवैत में प्रदर्शन करना पूरी तरह से बैन है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुवैत के अधिकारी प्रदर्शन करने वाले प्रवासियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया में हैं और उन्‍हें इसके बाद डिपोर्टेशन सेंटर में भेजा जाएगा जहां से उन्‍हें उनके देश भेज दिया जाएगा। यही नहीं ये लोग अब दोबारा कभी कुवैत आ भी नहीं पाएंगे। प्रवास‍ियों की गिरफ्तारी शुरू, वापस भेज नजीर पेश करेगा कुवैत कुवैत के अधिकारियों का कहना है कि सभी प्रवासियों को कुवैत के कानून का सम्‍मान करना ही होगा और उन्‍हें किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से दूर रहना होगा। इस बीच रिपोर्ट में किन-किन देशों के नागरिक थे, इसका खुलासा नहीं हुआ है। इन लोगों ने फहहील इलाके में प्रदर्शन किया था और नूपुर शर्मा के खिलाफ नारेबाजी की थी। इस घटना के कथित वीडियो में नजर आ रहा है कि 40 से ज्‍यादा लोग नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध में नारे लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन प्रदर्शनकारियों में भारतीयों के अलावा पाकिस्‍तानी और बांग्‍लादेशी भी शामिल थे। कुवैत के प्रशासन ने कहा कि वे इस कार्रवाई के जरिए एक उदाहरण पेश करना चाहते हैं ताकि भविष्‍य में कोई भी प्रवासी कामगार इस तरह की गतिविधि में शाम‍िल न होने पाए। बताया जा रहा है कि कुवैत की सरकार अपने नागरिकों के खिलाफ भी ऐक्‍शन ले सकती है जो इस प्रदर्शन में शामिल हुए थे। बता दें कि कुवैत खाड़ी देशों में भारत के सबसे पुराने भागीदारों में से एक है। कुवैत के शाही परिवार का भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध रहा है। कोरोना लहर के दौरान कुवैत ने भारत को बड़े पैमाने पर मेडिकल ऑक्‍सीजन की सप्‍लाइ की थी। कुवैत ने नूपुर के बयान पर भारत से दर्ज कराया था व‍िरोध इससे पहले नूपुर शर्मा के बयान पर खाड़ी देशों में जोरदार विरोध हुआ था। इसके बाद कुवैत ने भारतीय राजदूत को तलब किया था और इस नूपुर शर्मा की टिप्‍पणी का विरोध किया था। भारत सरकार ने नूपुर के बयानों को खारिज कर दिया था और बताया कि जिन लोगों ने ये टिप्‍पणी की थी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है। भारत ने यह भी कहा कि कुछ लोग भारत-कुवैत संबंधों में दरार डालना चाहते हैं, इसी वजह से लोगों को भड़का रहे हैं। भारतीय राजदूत ने कहा कि बीजेपी के निलंबित प्रवक्‍ताओं का बयान भारत सरकार की राय नहीं है।
एम्सटर्डम: खाड़ी समेत मुस्लिम बहुल देशों में बीजेपी की निलंबित प्रवक्‍ता नुपूर शर्मा की पैगंबर को लेकर हो रही निंदा के बीच नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने खुलकर उनका समर्थन किया है। गिर्ट विल्‍डर्स ने कहा कि यह बहुत हास्‍यास्‍पद है कि अरब और इस्‍लामिक देश भारतीय नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर के बारे में सच बताने पर भड़के हुए हैं। उन्‍होंने सवाल किया कि भारत क्‍यों माफी मांगे ? उन्‍होंने भारतीयों को सलाह दी कि वे नुपूर शर्मा का बचाव करें। नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने ट्वीट करके कहा, 'तुष्‍टीकरण कभी काम नहीं करता है। यह चीजों और ज्‍यादा खराब कर देता है। इसलिए भारत के मेरे मित्रों आप मुस्लिम देशों की धमकी में नहीं आएं। आजादी के लिए खड़े हों और अपनी नेता नुपूर शर्मा के बचाव में गर्व महसूस करें और दृढ़ रहें जिन्‍होंने पैगंबर के बारे में सच बोला था।' इस ट्वीट के बाद गिर्ट विल्‍डर्स को मौत की धमकियां दी जाने लगीं। इस पर उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान से लेकर तुर्की तक से मुझे धमकियां दी जा रही हैं लेकिन इस धमकी से कुछ भी हासिल नहीं होगा। मैं सच बोलने से नहीं रुकूंगा। मुस्लिम देशों ने पैगंबर पर की गई टिप्‍पणी की आलोचना की इससे पहले कतर, कुवैत, पाकिस्‍तान इंडोनेशिया समेत 10 से ज्‍यादा मुस्लिम देशों ने पैगंबर पर की गई टिप्‍पणी की आलोचना की थी। सऊदी अरब ने भी नुपूर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी की निंदा की है। सऊदी अरब की संवाद समिति एसपीए के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने नुपूर शर्मा की टिप्पणी की आलोचना और सार्वजनिक निंदा करते हुए कहा,'विदेश मंत्रालय भाजपा की पूर्व प्रवक्ता की पैगंबर मोहम्मद का निरादर करने वाली टिप्पणी की आलोचना और सार्वजनिक निंदा करता है। सऊदी अरब साथ ही इस्लाम धर्म के प्रतीकों और तमाम धार्मिक हस्तियों के प्रति पूर्वग्रह को अस्वीकार करने की बात दोहराता है।' अल अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी विदेश मंत्रालय ने नुपूर शर्मा को भाजपा से निलंबित करने के फैसले का स्वागत किया है। सऊदी अरब ने सभी धर्मों और मतों का सम्मान किये जाने का आह्वान किया है। कतर और कुवैत ने भी भारत के राजदूतों को बुलाया है। कतर ने भारत सरकार से मांग की है कि नुपूर शर्मा की टिप्पणी के लिए वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। इस बीच निलंबित किए जाने के बाद नुपूर शर्मा ने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा कि वह बिना किसी शर्त अपना बयान वापस लेती हैं। उन्होंने कहा है कि उनका इरादा किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाना नहीं था।
एम्सटर्डम: पैगंबर मोहम्मद को लेकर पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को मुस्लिम देशों से आलोचना मिली है। दुनिया भर का विरोध झेल रहीं नूपुर शर्मा को नीदरलैंड से समर्थन मिला है। डच सांसद गिर्ट विल्‍डर्स (Geert Wilders) ने नूपुर शर्मा का समर्थन किया है। दक्षिणपंथी सांसद गिर्ट विल्‍डर्स ने ट्वीट कर कहा कि यह बहुत हास्‍यास्‍पद है कि अरब और इस्‍लामिक देश भारतीय नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर के बारे में सच बताने पर भड़के हुए हैं। गिर्ट विल्डर्स का जन्म 6 सितंबर 1963 को हुआ था। वह नीदरलैंड के एक दक्षिणपंथी नेता है। वह नीदरलैंड के तीसरे सबसे बड़े राजनीतिक दल पार्टी फॉर फ्रीडम के संस्थापक हैं। 1998 से वह सांसद बन रहे हैं। इस्लाम की अलोचना करने के लिए वह जाने जाते हैं। इस कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी मिलती रहती हैं। उन्होंने अपने देश में 'बैन इस्लाम' अभियान भी चलाया था, जिसके तहत उन्होंने मस्जिदों को बंद करने की मांग की थी। नीदरलैंड के डोनाल्ड ट्रंप गिर्ट विल्डर्स जितनी आक्रामक भाषा बोलते हैं उतने ही आक्रामक उनके ट्वीट्स होते हैं। इसी कारण उन्हें ट्विटर ने अस्थाई रूप से प्रतिबंधित कर दिया था। जान की धमकी मिलने पर वाइल्डर्स ने कहा कि जो पाकिस्तानी उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं वह एक नकली नहीं से प्रेरित हैं। कई बार उनके आलोचक नीदरलैंड का डोनाल्ड ट्रंप भी कहते हैं। ऐसा इसलिए क्यों उनके बाल भी ट्रंप की ही तरह ब्लॉन्ड हैं और वह अप्रवासियों खासकर मुस्लिमों के प्रति आक्रामक रुख दिखाते हैं। इस्लाम के खिलाफ देते रहे हैं बयान पिछले साल ईद के दौरान एक वीडियो ट्वीट कर गिर्ट विल्डर्स ने कहा था कि रमजान हमारी संस्कृति नहीं है, हमारा इतिहास नहीं है, हमारा भविष्य नहीं है। नीदरलैंड का इस्लामीकरण बंद करो। इस्लाम नीदरलैंड से नहीं जुड़ा है। गिर्ट विल्डर्स कुरान के खिलाफ भी अपनी आक्रामक भाषा बोलते रहे हैं। 2017 में उन्होंने पवित्र इस्लामिक किताब कुरान पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने कुरान की तुलना जर्मन तानाशाह हिटलर की मीन काम्फ से भी की थी। गिर्ट विल्डर्स ने 2017 में अपनी चुनावी रैली को रद्द कर दिया था। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी सुरक्षा में लगे एक खुफिया विभाग के अधिकारी ने उनके सिक्योरिटी कवर की जानकारी एक आपराधिक संगठन को दी थी। 2012 में गिर्ट विल्डर्स ने 'मार्क्ड फॉर डेथ: इस्लाम्स वॉर अगेंस्ट द वेस्ट एंड मी' नाम की किताब लिखी। इसमें इस्लाम की आलोचना करने वालों के खिलाफ मुकदमा, धमकी और हिंसा का विवरण था। 'मुस्लिमों से नहीं, उनकी किताब से नफरत करता हूं' 2008 में गार्जियन अखबार से उन्होंने कहा था, 'मैं मुस्लिमों से नफरत नहीं करता। मैं उनकी किताब और उनकी विचारधारा से नफरत करता हूं। यूरोप में ही 6000 मस्जिदें हैं, जो पूजा करने की जगह के साथ कट्टरता का प्रतीक हैं। सऊदी अरब, ईरान के चरमपंथी समूह इसका वित्तपोषण करते हैं। इस प्रकार के प्रतीकों को रोकना होगा।'
नई दिल्ली,पैगंबर पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ओपरेशन (OIC) के बयान की भारत ने कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मामले में ओआईसी के सचिवालय के बयानों पर दो टूक कहा कि उसका एजेंडा विभाजनकारी है। भारत ने पाकिस्तान के बयान को बेतुका बताते हुए उसे अपने घर में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की नसीहत दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'भारत सरकार OIC सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाले कमेंट्स को खारिज करती है।' उन्होंने यह भी कहा कि भारत सभी धर्मों का सम्मान करता है। दरअसल भाजपा के दो नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए विवादित बयान पर OIC ने आपत्ति जताई थी और देश की निंदा की थी। बता दें कि मीडिया चैनल पर पैगंबर मोहम्मद के लिए विवादित बयान देने वाले पार्टी के दो नेताओं के खिलाफ भाजपा ने सख्त कार्रवाई पहले ही कर दिया। पाकिस्तान में भारतीय चार्ज द अफेयर्स तलब पाकिस्तान ने सोमवार को बताया कि इसने भारतीय चार्ज द अफेयर्स (Indian charge D Affairs) को समन किया है ताकि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयान देने वाले दो भाजपा नेताओं के प्रति अपना विरोध दर्ज कराए। भारतीय राजनयिक को कहा गया कि ये टिप्पणियां पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और इससे केवल पाकिस्तान की जनता को गहरा आघात नहीं लगा बल्कि दुनिया भर के मुस्लिमों कोचोट पहुंची है। यह बयान विदेश कार्यालय (FO) की ओर से दी गई है। भाजपा कर चुकी है कार्रवाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ये आपत्तिजनक ट्वीट और बयान भारत सरकार की मंशा या धारणा को प्रकट नहीं करता। उन्होंने बताया कि बयान देने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। भाजपा ने पहले ही प्रवक्ता नुपुर शर्मा को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही पार्टी की दिल्ली ईकाई के मीडिया हेड नवीन जिंदल को भी निकाल दिया गया है जिनके बयान के बाद खाड़ी देशों में गुस्सा और नाराजगी है। सऊदी अरब के जेद्दा स्थित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि यह भारत में इस्लाम के प्रति घृणा और तेज करने और मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार के संदर्भ में आया है।
नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वित्त और कार्पोरेट कार्य मंत्रालयों के 'प्रतिष्ठित सप्ताह समारोह' का उद्घाटन किया। साथ ही पीएम मोदी ने डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके अलावा पीएम ने 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये के सिक्कों की विशेष श्रृंखला भी जारी की। पीएम मोदी ने कहा आजादी के लंबे संघर्ष में जिसने भी हिस्सा लिया, उसने इस आंदोलन में एक अलग आयाम को जोड़ा और उसकी ऊर्जा बढ़ाई। किसी ने सत्याग्रह का रास्ता अपनाया, किसी ने अस्त्र–शस्त्र का रास्ता चुना, किसी ने आस्था और आध्यात्म, तो किसी ने बौद्धिकता आजादी की अलख को जलाने में मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए आज जब हम आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहे हैं, तो प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है कि वो अपने-अपने स्तर पर, अपना कोई विशिष्ठ योगदान राष्ट्र के विकास में जरूर जोड़े। सरकार के आठ साल के कार्यकाल के दौरान जनभागीदारी बढ़ी- पीएम मोदी पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा भारत ने भी बीते आठ वर्षों में अलग-अलग आयामों पर काम किया है। इस दौरान देश में जो जनभागीदारी बढ़ी, उन्होंने देश के विकास को गति दी है, देश के गरीब से गरीब नागरिक को सशक्त किया है। साथ ही पीएम ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने गरीब को सम्मान से जीने का अवसर दिया। पक्के घर, बिजली, गैस, पानी, मुफ्त इलाज जैसी सुविधाओं ने गरीब की गरिमा बढ़ाई है। कोरोना काल में मुफ्त राशन की योजना ने 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को भूख की आशंका से मुक्ति दिलाई है। सरकार केंद्रित गवर्नेंस का देश ने बहुत बड़ा खामियाजा उठाया- पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा पहले के समय सरकार केंद्रित गवर्नेंस का देश ने बहुत बड़ा खामियाजा उठाया है। लेकिन आज 21वीं सदी का भारत पीपल सेंट्रिक गवर्नेंस अप्रोच के साथ आगे बढ़ा है। ये जनता ही है जिसने हमें अपनी सेवा के लिए यहां भेजा है इसलिए ये हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम जनता तक स्वयं पहुंचे। पीएम मोदी ने सरकार की योजनाओं का किया बखान पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों पर बात की। उन्होंने कहा बीते आठ वर्षों में देश ने जो सुधार किए हैं, उनमें बड़ी प्राथमिकता इस बात को भी दी गई है कि हमारे देश के युवाओं को अपना सामर्थ्य दिखाने का पूरा मौका मिले। उन्होंने कहा हमारे युवा अपनी मनचाही कंपनी आसानी से खोल पाएं, वो अपने उद्यम आसानी से बना पाएं, उन्हें आसानी से चला पाएं, इसलिए 30 हजार से ज्यादा अनुपालन को कम करके, डेढ़ हजार से ज्यादा कानूनों को समाप्त करके, कंपनीज एक्ट के अनेक प्रावधानों को decriminalize करके, हमने ये सुनिश्चित किया है कि भारत की कंपनियां न सिर्फ आगे बढ़ें बल्कि नई ऊंचाई प्राप्त करें। राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए प्रेरित करेंगे नए सिक्के- पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आज यहां रुपये की गौरवशाली यात्रा को भी दिखाया गया। इस सफर से परिचित कराने वाली डिजिटल प्रदर्शनी भी शुरू हुई और आजादी के अमृत महोत्सव के लिए समर्पित नए सिक्के भी जारी हुए। ये नए सिक्के देश के लोगों को निरंतर अमृतकाल के लक्ष्य याद दिलाएंगे और उन्हें राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए प्रेरित करेंगे। हर महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार जाना आम बात- पीएम मोदी पीएम मोदी ने 'आइकानिक वीक समारोह' के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान कहा केंद्र और राज्य के अनेक टैक्सों के जाल की जगह अब GST ने ले ली है। इस का नतीजा भी देश देख रहा है। अब हर महीने GST कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपए के पार जाना सामान्य बात हो गई है। दुनिया के एक बड़े हिस्से को भारत से समस्याओं के समाधान की अपेक्षा है। ये इसलिए संभव हो पा रहा है क्योंकि बीते 8 सालों में हमने सामान्य भारतीय के विवेक पर भरोसा किया। जन समर्थ पोर्टल लान्च के अवसर पर बोले पीएम मोदी पीएम मोदी ने जन समर्थ पोर्टल लान्च के अवसर पर कहा अलग-अलग मंत्रालयों के अलग-अलग वेबसाइटों के चक्कर उसे लगाने से बेहतर कि वो भारत सरकार के एक पोर्टल तक पहुंचे और उसकी समस्या का समाधान हो। आज 'Jan Samarth Portal' लांच किया गया है वो इसी लक्ष्य के साथ बढ़ाया गया है। उन्होंने आगे कहा ये जनता ही है जिसने अपनी सेवा के लिए हमें यहां भेजा है। इसलिए हमारी ये सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हम खुद जनता तक पहुंचे। हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचना, उसे पूरा लाभ पहुंचाना ये दायित्व हम पर है।
नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को जन समर्थ पोर्टल लॉन्च करने वाले हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि जन समर्थ पोर्टल से सभी प्रकार की क्रेडिट आधारित सरकारी योजनाएं लिंक्ड रहेंगी। यह लाभार्थियों और क्रेडिटदाताओं को सीधे जोड़ने वाला भारत का पहला प्लेटफॉर्म होगा। यह पोर्टल विभिन्न सेक्टरों के समावेशी विकास और प्रगति को बढ़ावा देगा। पीएम जारी करेंगे कई खास सिक्के आपको बता दें कि पोर्टल लॉन्च के अलावा प्रधानमंत्री एक डिजिटल प्रदर्शनी का भी शुभारंभ करेंगे, जिसमें दोनों मंत्रालयों के पिछले आठ साल की यात्रा के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा पीएम एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, 10 रुपये और 20 रुपये की खास सिक्के भी जारी करेंगे। इन सिक्कों पर आजादी का अमृत महोत्सव का लोगो होगा। धीरे-धीरे होगा पोर्टल का विस्तार दरअसल, आम आदमी के जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक कॉमन पोर्टल 'जन समर्थ' शुरू करने की योजना बनाई है। सूत्रों ने बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार 'न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन' के दृष्टिकोण से नया पोर्टल शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें 15 क्रेडिट-लिंक्ड सरकारी योजनाओं को शामिल करने की योजना बन रही है। केंद्र की कुछ योजनाओं में कई एजेंसियों की भागीदारी होती है, इसलिए धीरे-धीरे इसका विस्तार किया जाएगा। प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी ये सुविधाएं उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना (CLCSS) जैसी योजनाओं का संचालन विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किया जा रहा है। प्रस्तावित पोर्टल इन योजनाओं को एक मंच पर लाने का प्लान कर रही है, जिससे लाभार्थी बिना किसी परेशानी के उन तक पहुंच बनाई जा सकें। अभी तक इसका पायलट परीक्षण किया जा रहा था, जिसे अब पीएम 6 जून को लॉन्च करने वाले हैं। सूत्रों की माने तो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत अन्य लोनदाता भी इस पोर्टल पर मिस सकते हैं। पोर्टल में ओपन आर्किटेक्चर होगा, जिससे राज्य सरकारें और अन्य संस्थान भी भविष्य में इस प्लेटफॉर्म पर अपनी योजनाओं को शामिल कर सकेंगे।
नई दिल्ली, विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 'मिट्टी बचाओ आंदोलन' पर एक कार्यक्रम में घोषणा करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोषणा की कि भारत ने समय सीमा से पांच महीने पहले पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। कार्यक्रम में घोषणा करते हुए मोदी ने पर्यावरण की रक्षा के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कई उपायों का हवाला देते हुए कहा कि देश में एक होने के बावजूद इसके प्रयास बहुआयामी रहे हैं। इतना हुआ इजाफा पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण 2014 में दो प्रतिशत से बढ़कर अब 10 प्रतिशत हो गया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 27 लाख टन की कमी आई है और विदेशी मुद्रा भंडार के 41,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को 40,000 करोड़ रुपये की आय भी हुई है। भारत ने अपनी स्थापित बिजली उत्पादन का 40 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से समय सीमा से नौ साल पहले हासिल करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। PMO ऑफिस का ट्वीट आज भारत ने पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आपको ये जानकर भी गर्व की अनुभूति होगी, कि भारत इस लक्ष्य पर तय समय से 5 महीने पहले पहुंच गया है: PM Modi केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने पुणे में इथेनॉल पंप स्थापित करने का किया था अनुरोध सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी शुरू से पेट्रोल-डीजल से चलने वाले इंजन से हटकर 100 प्रतिशत बायो-एथेनाल से चलने वाले इंजनों पर जोर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को पुणे में वसंतदादा चीनी संस्थान द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चीनी सम्मेलन 2022 को संबोधित करते हुए, एक बार फिर इसपर अपनी बात रखी थी। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'इथेनॉल और मेथनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक भविष्य है। मुझे याद है, 3 साल पहले जब मैं ई-वाहनों की बात करता था तो लोग मुझसे सवाल करते थे। लेकिन अब देखिए, ई-वाहनों की काफी डिमांड है। लोग इसके इंतजार में हैं। इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार और बसों के बाद जल्द ही हमारे पास इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर और ट्रक होंगे। मैं इन्हें जल्द ही लॉन्च करने जा रहा हूं।'
राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने ज्ञानवापी मुद्दे का जिक्र कर बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है क‍ि रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए। विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है। लेकिन, हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों? भागवत यह भी बोले कि देश में इस्‍लाम बाहर से आया। इसे लाने वाले हमलावर थे। उन हमलों में देवस्‍थानों को तोड़ा गया। आरएसएस चीफ के अनुसार, भारत को विश्‍वविजेता नहीं बनना है। उसका मकसद सभी को जोड़ना होना चाहिए। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है। गुरुवार को मोहन भागवत नागपुर में एक कार्यक्रम के समापन समारोह में पहुंचे थे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र में संगठन के एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने कहा, 'ज्ञानवापी का मुद्दा चल रहा है। इतिहास है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न ही आज के मुसलमानों ने, ये उस समय घटा। हमलावरों के जरिये इस्लाम बाहर से आया था। उन हमलों में भारत की आजादी चाहने वालों का मनोबल गिराने के लिए देवस्थानों को तोड़ा गया।' भागवत ने दोबारा मुस्लिमों के पूर्वजों को हिंदू करार दिया। उन्‍होंने कहा कि जहां हिंदुओं की भक्ति है, वहां मुद्दे उठाए गए। हिंदू मुसलमानों के खिलाफ नहीं सोचते। मुसलमानों के पूर्वज भी हिंदू थे। यह उन्हें हमेशा के लिए स्वतंत्रता से दूर और मनोबल दबाने के लिए किया गया था। इसलिए हिंदुओं को लगता है कि धार्मिक स्थल को पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। राम जन्मभूमि के बाद अब कोई आंदोलन नहीं करना भागवत ने यह भी साफ कर दिया है क‍ि आगे आरएसएस क‍िसी आंदोलन का ह‍िस्‍सा नहीं बनेगा। उन्‍होंने कहा, 'हमने 9 नवंबर को कह दिया कि एक राम जन्मभूमि का आंदोलन था जिसमें हम अपनी प्रकृति के विरुद्ध कुछ ऐतिहासिक कारणों से इसमें सम्मिलित हुए। वह कार्य पूरा हुआ, अब हमें कोई आंदोलन नहीं करना है।' हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों? भागवत बोले क‍ि मन में कोई मुद्दे हों तो उठ जाते हैं। यह किसी के खिलाफ नहीं है। इसे ऐसा नहीं माना जाना चाहिए। मुसलमानों को ऐसा नहीं मानना चाहिए और हिंदुओं को भी ऐसा नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसा है तो आपसी सहमति से रास्ता खोजें। लेकिन, हर बार रास्ता नहीं निकल सकता, जिसके कारण लोग अदालत जाते हैं। अगर ऐसा किया जाता है तो अदालत जो भी फैसला करे उसे स्वीकार करना चाहिए। हमें अपनी न्यायिक प्रणाली को पवित्र और सर्वोच्च मानते हुए फैसलों का पालन करना चाहिए। हमें इसके फैसलों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए आरएसएस चीफ ने कहा क‍ि कुछ जगहों के प्रति हमारी अलग भक्ति थी और हमने उसके बारे में बात की। लेकिन हमें रोजाना एक नया मुद्दा नहीं लाना चाहिए। हमें विवाद को क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के प्रति हमारी भक्ति है और उसी के अनुसार कुछ करना ठीक है, लेकिन हर मस्जिद में शिवलिंग की तलाश क्यों? वह भी एक पूजा है, ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने इसे अपनाई है वह मुसलमान बाहर से नहीं आए हैं। आरएसएस किसी तरह की पूजा पद्धति के खिलाफ नहीं मोहन भागवत ने साफ किया कि आरएसएस किसी भी तरह की पूजा पद्धति के खिलाफ नहीं है। संगठन सभी को पवित्र मानता है। वह बोले कि उन्‍होंने (मुस्लिम) भले उस तरह की पूजा पद्धति को अपना लिया है। लेकिन, वे हमारे ऋषियों, मुनियों और क्षत्रियों की संतानें हैं। हमारे पूर्वज भी वही हैं। मोहन भागवत ने कहा, 'क्या हम 'विश्वविजेता' बनना चाहते हैं? नहीं हमारी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। हमें किसी को जीतना नहीं है। हमें सबको जोड़ना है। संघ भी सबको जोड़ने का काम करता है जीतने के लिए नहीं। भारत किसी को जीतने के लिए नहीं बल्कि सभी को जोड़ने के लिए अस्तित्व में है।' ज्ञानवापी को लेकर हिंदू महिलाओं ने केस दाखिल किया है। इस मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने केस की मेनटेनिबिलिटी को चुनौती दी है। वाराणसी जिला कोर्ट ने सोमवार को मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई 4 जुलाई तक टाल दी थी। 735 स्वयंसेवकों ने लिया प्रशिक्षण संघ के एक पदाधिकारी ने बुधवार को बताया था कि देशभर से किसानों, शिक्षकों, इंजीनियरों, डॉक्टरों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों सहित 735 स्वयंसेवकों का चयन प्रशिक्षण कार्यक्रम के लि‍ए हुआ था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नाम था ‘संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष’। यह कार्यक्रम नागपुर के रेशमबाग इलाके में डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में नौ मई को शुरू हुआ था। यह प्रशिक्षण शिविर उन स्वयंसेवकों के लिए था जिनका संघ में तीसरा वर्ष है। श्री राम चंद्र मिशन (हैदराबाद) के अध्यक्ष कमलेश पटेल समारोह में मुख्य अतिथि थे।
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकी चुन-चुनकर कश्मीरी पंडित, गैर-कश्मीरी हिंदुओं और वतनपरस्त मुस्लिमों की हत्याएं कर रहे हैं। 3 दिनों में 3 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। घाटी में इस साल अबतक 18 टारगेट किलिंग हो चुकी है। दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में लगातार दूसरे दिन तेज हलचल है। 24 घंटे के भीतर गृह मंत्री अमित शाह दूसरी बार एनएसए अजित डोभाल संग बैठक कर रहे हैं। शाह ने कल डोभाल और रॉ चीफ के साथ बैठक की। आज जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए डोभाल, आर्मी चीफ मनोज पांडे के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बैठक में टारगेट किलिंग से निपटने की रणनीति के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर मंथन हो रहा है। टारगेट किलिंग के खिलाफ तो प्लान तैयार भी कर लिया गया है। कश्मीर घाटी मेंएक के बाद एक टारगेट किलिंग की घटनाओं से 90 के दशक के भयावह दौर की यादें ताजा हो चुकी हैं। घाटी से एक बार फिर बचे-खुचे कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाये के लिए एंटी-टेरर ऑपरेशन तेज किया है। इसके अलावा 2019 में आर्टिकल 370 के तहत राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने और पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय स्तर पर उठती आवाज से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में वे टारगेट किलिंग कर रहे। 3 दिनों में ही एक कश्मीरी और 2 गैरकश्मीरी हिंदुओं की हत्या कर दी है। मंगलवार को आतंकियों ने कुलगाम में रजनी बाला नाम की एक सरकारी टीचर की स्कूल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। गुरुवार को कुलगाम के ही अर्रेह गांव में आतंकियों ने इलाकाई देहाती बैंक के बैंक मैनेजर विजय कुमार (27) की गोली मारकर हत्या कर दी। वह राजस्थान के रहने वाले थे। कुमार की हत्या के कुछ घंटे बाद ही बडगाम में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी मजदूरों पर हमला किया। हमले में दिलखुश कुमार की मौत हो गई। वह बिहार के वैशाली के जंदाहा के रहने वाले थे। पिछले महीने ही आतंकियों ने तहसील परिसर में घुसकर क्लर्क राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी। टारगेट किलिंग के खिलाफ प्लान तैयार विजय कुमार की हत्या के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल और रॉ चीफ सामंत गोयल के साथ बैठक की। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए शाह की एलजी मनोज सिन्हा के साथ शुक्रवार को बैठक प्रस्तावित थी लेकिन उससे एक दिन पहले ही उन्होंने एनएसए के साथ मीटिंग कर एंटी-टेरर स्ट्रैटिजी पर चर्चा की। टारगेट किलिंग में ज्यादातर वे आतंकी शामिल हैं, जिनका पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है और न ही उन सबने किसी टेरर कैंप में ट्रेनिंग ली है। ये 'हाइब्रिड' आतंकी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं। इससे निपटने के लिए ये रणनीति बनी है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे 'अदृश्य' हाइब्रिड आतंकियों पर फोकस करेगी। दूसरी तरफ सुरक्षा बल उन आतंकियों पर फोकस करेंगे जिनकी पहचान हो चुकी है, जो पाकिस्तानी हैं या फिर वे स्थानीय युवा जो सोशल मीडिया पर ऐलान करके आतंकवाद में कदम रख रहे हैं। आतंक या ये नया पैटर्न बना सुरक्षाबलों के लिए चुनौती जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने भी रणनीति बदली है। आतंकवादी अब छोटे-मोटे अपराध या फिर बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड वाले स्थानीय युवाओं को लालच देकर भर्ती कर रहे हैं। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों नेटाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि रेगुलर आतंकी स्थानीय युवाओं को पैसे या ड्रग का लालच दे रहे हैं। उन्हें पिस्टल की सप्लाई की जा रही है और ये युवा 'पार्ट टाइम आतंकी' या 'हाइब्रिड आतंकी' के तौर पर काम कर रहे हैं। इन हाइब्रिड आतंकियों के लिए सिविलियन आसान शिकार हैं। वे हमला करके फरार हो जाते हैं और हमले के बाद अगर सुरक्षाबलों के रेडार पर नहीं आए तो फिर से सामान्य जीवन जीना शुरू कर देते हैं। गुरुवार को बैंक मैनेजर की हत्या में भी ऐसा ही हाइब्रिड आतंकी शामिल था। सीसीटीवी फुटेज में दिखता है कि मास्क पहना आतंकी बैंक मैनेजर की केबिन के गेट पर थोड़ी देर के लिए दिख रहा है। फिर वह कदम पीछे करता है लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह फिर बैंक मैनेजर की केबिन के गेट पर आता है। आतंकी अपने बैग से पिस्टल निकालता है और काम में मशगूल बैंक मैनेजर पर दनादन दो गोलियां दागकर फरार हो जाता है। 'अदृश्य' हाइब्रिड आतंकियों की पहचान के लिए थाने स्तर पर बनेंगे स्पेशल यूनिट एक सीनियर अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'ऐसे हिट ऐंड रन आतंकियों को खोजना बहुत मुश्किल है जो सामान्य जीवन जी रहे हैं, जो आपके पड़ोस के किसी युवा की तरह ही सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। सूत्रों ने टीओआई को बताया कि बदली हुई सुरक्षा रणनीति पर अभी चर्चा चल रही है। शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह की एलजी मनोज सिन्हा और एनएसए डोभाल के साथ बैठक में आतंक के खिलाफ इसी नई रणनीति पर चर्चा होगी। इन 'अदृश्य' हाइब्रिड आतंकियों से निपटने के लिए थाना स्तर पर पुलिस की स्पेशल यूनिट बनाई जाएंगी जो इन लोकल ट्रबलमेकर्स की पहचान करेगी और जरूरत होने पर उन्हें पूछताछ के लिए उठाएगी। एक बड़े रक्षा अधिकारी ने टीओआई को बताया कि सुरक्षा बल जिस तेजी से एंटी-टेरर ऑपरेशन चला रहे हैं, कई आतंकियों का सफाया कर चुके हैं, उसे देखते हुए आतंकवादियों के लिए बड़ा और संगठित हमला करना मुश्किल हो गया है। ऐसे में सिविलियन उनके लिए आसान शिकार हो गए हैं। अधिकारी ने बताया, 'लोकल यूथ आतंकवादी संगठन में शामिल होने के कुछ दिनों के भीतर मार गिराए जा रहे हैं। अभी जम्मू-कश्मीर में 150-170 आतंकवादी सक्रिय हैं। इसीलिए आतंकी अब सिविलयन पर हमले के लिए हाइब्रिड आतंकियों का सहारा ले रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में यूपी इन्वेस्टर्स समिट की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी @ 3.0 का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां 80 हजार करोड़ रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं का भूमिपूजन करेंगे। आयोजन में शामिल होने के लिए देश-दुनिया के वह दिग्गज उद्यमी राजधानी पहुंच चुके हैं, जो प्रदेश में निवेश कर रहे हैं। खास बात यह भी है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ को सुशासन का मूलमंत्र मानने वाली भाजपा सरकार के औद्योगिक विकास के इस बड़े कदम में भी प्रदेश के सभी 75 जिले सहभागी नजर आएंगे।
नई दिल्ली,केंद्र सरकार की ओर से देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही नई शिक्षा नीति को भी लागू किया गया है, जिसमें आधुनिक शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में अब देशभर में पीएम श्री स्कूल खोले जाने हैं। पीएम श्री स्कूल के जरिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाए जाने की योजना है। दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि सरकार पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की प्रक्रिया में है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, पीएम श्री स्कूल छात्रों के उज्जवल भविष्य को लेकर खोले जाएंगे, जो आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की प्रयोगशाला होंगे। ऐसे में सवाल है कि इन स्कूलों में क्या खास होगा और विद्यार्थियों को कौन सी सुविधाएं दी जाएगी। इसके अलावा जानते हैं कि सरकार के इस प्रोजेक्ट में क्या खास होगा और इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार की ओर से क्या दावे किए जा रहे हैं। राज्यों से मांगे गए हैं सुझाव बता दें कि अभी इन स्कूलों को लेकर कई जानकारी आना बाकी है और अभी सरकार की ओर से ये पहल है, जिसे लेकर पूरी भूमिका जल्द ही बनाई जाएगी। पीएम श्री स्कूलों को शिक्षा के लिए किस तरह से खास बनाया जा सकता है, इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शैक्षणिक तंत्र की ओर से सुझाव देने के लिए कहा गया है। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट या प्लान में बदलाव किए जाएंगे और उसी तरह से स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। इन स्कूलों में क्या होगा खास? अब बात करते हैं कि इन स्कूलों में क्या खास होने वाला है। केंद्रीय मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इन स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। इन स्कूलों की खास बात ये होगी कि इसमें सभी भाषाओं पर जोर दिया जाएगा, क्योंकि सरकार के अनुसार, कोई भी भाषा हिन्दी या अंग्रेजी से कमतर नहीं है। इन स्कूलों को मॉडल स्कूल की ओर तैयार किया जाएगा और स्कूलों का नाम पीएम श्री स्कूल होगा। इन स्कूलों में सिर्फ किताबी शिक्षा ही नहीं दी जाएगी, बल्कि इसके साथ ही स्किल एजुकेशन पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि हाल ही में जारी हुई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 सिस्टम पर जोर दिया गया और इन स्कूलों में इसके आधार पर पढ़ाई करवाई जाएगी। इसके अलावा इन स्कूलों पर डिजिटल शिक्षा पर भी काफी जोर दिया जाएगा. वहीं, शिक्षा को ग्लोबल बनाने के लिए हमारे ई-कंटेंट विकसित करने की कोशिश की जाएगी। जानें- क्या है 5+3+3+4 वाला फारमेट बता दें कि नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया था। अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है। इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद में 3 साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार साल (कक्षा 9 से 12) होंगे।
शिमला,इस साल के अंत में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं। मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को शिमला पहुंचे। पीएम मोदी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से रैली करके चुनावी बिगुल बजा दिया है। शिमला के रिज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम 'गरीब कल्याण सम्मेलन' में पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम माेदी ने जयराम सरकार की जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र होने के कारण राज्य सरकार ने तेजी से वैक्सीनेशन किया। वैक्सीनेशन को लेकर जयराम सरकार अग्रिम पंक्ति में रही है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ नल से जल का लक्ष्‍य लगभग हासिल कर लिया है। जयराम के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश बहुत अच्छा काम कर रहा है। हर घर जल योजना में हिमाचल 90 प्रतिशत घरों को कवर कर चुका है। किन्नौर, लाहुल-स्पीति, चंबा व हमीरपुर जैसे जिलों में तो सौ प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार को सरकार के एक अनिवार्य हिस्से के रूप में देखा जाता था। अब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस (शून्य-सहिष्णुता ) की नीति है। प्रधानमंत्री बनने की आठवीं वर्षगांठ के मौके पर रिज मैदान में आयोजित रैली में मोदी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की सूची से नौ करोड़ फर्जी नामों को हटाया है। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हो या छात्रवृत्ति या कोई अन्य योजना, हमने सीधे लाभ के हस्तांतरण के माध्यम से भ्रष्टाचार के दायरे को मिटा दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खातों में 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक स्थानांतरित किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब हमारी सीमाएं 2014 से पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए अपनी सरकार के उपायों के बारे में मोदी ने कहा कि भारत में अब तक लगभग 200 करोड़ कोविड वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। भारत ने विभिन्न देशों को कोविड वैक्सीन का निर्यात किया और हिमाचल प्रदेश की बद्दी औद्योगिक इकाई ने उन जैब्स के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत मजबूरी में नहीं बल्कि दूसरों की मदद करने के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, जैसा कि कई देशों को कोविड के टीके उपलब्ध कराकर किया गया था। चार राज्यों के चुनाव परिणाम की तरह हिमाचल में भी बदलेंगे रिवाज: जयराम ठाकुर मंच से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पांच राज्यों का चुनाव हुआ चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी, वह फिर सत्ता में आए। हिमाचल में भी रिवाज बदलेंगे और हिमाचल में सिर्फ भाजपा सरकार बनेगी। हिमाचल प्रदेश में भी इस बार रिवाज बदलेंगे, फिर से सरकार बनाएंगे। इतना कहते ही प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जमकर ताली बजाई।
शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को शिमला पहुंचे। यहां उन्होंने रिज मैदान में पहुंचकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। PM ने कहा कि आज मेरे जीवन में एक विशेष दिवस भी है और उस विशेष दिवस पर इस देवभूमि को प्रणाम करने का मौका मिले इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता। उन्होंने कहा कि भारत ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ा रहा है। इससे दूर-दराज के क्षेत्रों में ड्रोन सेवाओं से बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। आठ सालों में आजादी के 100वें वर्ष के लिए मजबूत आधार तैयार हुआ है। PM ने कहा कि इस बजट में केंद्र ने पर्वतमाला योजना की घोषणा की है। इससे हिमाचल को भी लाभ मिलेगा। आयुष्मान भारत के तहत जिला और ब्लॉक पर क्रिटिकल हेल्थ केयर सुविधाएं तैयार कर रहे हैं। हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की दिशा में काम चल रहा है। इससे गरीब मां-बाप का बेटा भी डॉक्टर बन सकेगा। हमने मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन को मातृभाषा में करने का प्रस्ताव दिया है। उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने आपको खपाना है उन्होंने कहा कि हिमाचल की वास्तुकला पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां की स्थानीय उत्पादों की चमक तो काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर तक पहुंच गई है। कुल्लू में बनी पोल्हे काशी में पुजारियों की मददगार बन रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने आपको खपाना है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में दशकों तक वोट बैंक की राजनीति हुई। इससे देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। हम वोट बैंक नहीं देश को बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम साथ सबका विश्वास, सबका प्रयास की भावना से आगे बढ़ रहे हैं। सरकार की योजनाओं का लाभ सबको मिले। इसी सोच से हम काम कर रहे हैं। 70 फीसदी महिलाएं आज दूसरों को रोजगार दे रहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर के नेतृत्व में हिमाचल बेहतर काम कर रहा है। हर घर जल योजना के तहत 90% घरों में नल लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से पहले जब वह हिमाचल आते थे, तो कहते थे कि भारत आंख झुकाकर नहीं आंख उठाकर बात करेगा। आज भारत मजबूरी में नहीं बल्कि मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है। कोरोना काल में कई देशों को दवाइयां देने में हिमाचल के फार्मा उद्योग की बढ़ी भूमिका रही है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी मान रही है कि भारत में गरीबी कम हो रही है। उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना में 70% महिलाएं है, जो आज उद्यमी बनकर लोगों को रोजगार दे रही हैं। हिमाचल प्रदेश के तो हर घर से सैनिक है। हिमाचल वीरों की भूमि है, जो अपनी गोद से वीरों को जन्म देती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग कभी नहीं भूल सकते कि पहले की सरकारों ने उनके साथ किस तरह का बर्ताव किया। वन रैंक वन पेंशन के नाम पर धोखा दिया। हिमाचल को कोविड टीकाकरण पर दी बधाई प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बधाई दी और कहा कि हिंदुस्तान में जयराम सरकार ने सबसे पहले कोविड टीकाकरण का काम सबसे पहले पूरा किया। उन्होंने कहा कि 35 करोड़ मुद्रा लोन देकर करोड़ों युवाओं को स्वरोजगार के अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पहले दिन से गरीब को सशक्त करने में जुटी है। हमने गरीब की एक-एक चिंता को दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि आज 50 करोड़ गरीबों के पास पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा है। 25 करोड़ गरीबों के पास दो-दो लाख का दुर्घटना बीमा है। 45 करोड़ गरीबों के पास जन धन खाता है। आज हमारी सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित उन्होंने कहा कि पहले खुले में शौच होता था, आज घर पर सम्मान से शौचालय की सुविधा है। आज हर गरीब को आयुष्मान का सहारा है। पहले ट्रिपल तलाक का डर था। अब यह चिंता नहीं है। आज हमारी सीमाएं पहले से ज्यादा सुरक्षित हैं। पहले देश का नॉर्थ-ईस्ट भेदभाव से दुखी था। आज वहां विकास हो रहा है। सेवा सुशासन और गरीबों के कल्याण को बनी योजनाओं ने सरकार के मायने ही बदल दिए हैं। अब सरकार माई बाप नहीं जनता की सेवक है। अब सरकार जीवन में दखल देने के लिए नहीं, बल्कि जीवन को आसान बनाने के लिए है। PM ने कहा कि अब लोग डबल इंजन की सरकार चुन रहे हैं। किसानों के बैंक खातों में सीधे 21 हजार करोड़ ट्रांसफर किए उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने तकनीक की मदद से भ्रष्टाचार का स्कोप कम कर दिया। पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को परमानेंट मान लिया था। इसे खत्म करने का एक उदाहरण डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम है, जिसके जरिए किसानों के बैंक खातों में सीधे 21 हजार करोड़ ट्रांसफर किए गए है। बीते आठ सालों में ऐसे ही DBT के जरिए 22 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा देशवासियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए है। अब ऐसा नहीं कि पहले की तरह 100 पैसे में 85 पैसे लापता हो गए। केंद्र ने जितने पैसे भेजें, वो पूरे के पूरे सही बैंक खातों में गए। DBT से सवा दो लाख करोड़ की लूट रुकी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने वाले 9 करोड़ से ज्यादा फर्जी नाम सूची से हटाए हैं। पहले योजनाओं के नाम पर लूटने का देश में खुला खेल चल रहा था। पहले बात होती थी लूट-खसूट की, अब लाभ की प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अगर 2014 से पहले के दिनों को याद करें तब जाकर ही आज के दिनों का मूल्य नजर आएगा। 2014 से पहले अखबार-टीवी की सुर्खियां बनी रहती थीं, लूट-खसूट, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, अफसरशाही, लटकी-फटकी योजनाओं की बात होती थी। आज चर्चा होती है, सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ की। हर योजना को आखिरी घर तक पहुंचने का प्रयास हो रहा है। अब दुनिया में भारत की ताकत की चर्चा होती है। विश्व बैंक भी भारत की चर्चा करता है 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था। इससे लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। उन्होंने कहा कि मेरा 130 करोड़ देशवासियों का परिवार है। आप ही मेरी जिंदगी में सब कुछ हैं। आज मेरी सरकार आठ साल पूरे कर रही है, आज देवभूमि से संकल्प दोहराउंगा। उन्होंने कहा कि हर भारतवासी का सम्मान और सुरक्षा उनका संकल्प है। इसी भाव को लेकर आज अपने आपको संकल्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि PM किसान सम्मान निधि का पैसा 10 करोड़ किसानों के खाते में ट्रांसफर किया है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने कोरोना काल में अपने माता-पिता दोनों खो दिए है, बीते कल ऐसे बच्चों को उन्होंने कुछ पैसे भी भेज दिए। ऐसे कार्यक्रम से मन को सुकून मिलता है। ऐसा ही कार्यक्रम हिमाचल में करने का मन किया। आठ साल बाद देश का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम शिमला की धरती पर हो रहा है, जो मेरी कर्म भूमि रही है। PM-किसान योजना से 10 करोड़ किसानों का फायदा प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने परिवार के सदस्य के तौर पर कभी भी अपने आपको को प्रधानमंत्री पद पर नहीं देखा। जब फाइल पर साइन करता हूं, तब प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी के तौर पर काम करता हूं। जब फाइल चली जाती है तो प्रधानमंत्री नहीं रहता और परिवार का आम सदस्य हो जाता हूं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर किसान सम्मान योजना के तहत 21 हजार करोड़ रुपए किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए। इससे 10 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत 11 किश्तों में 2 लाख करोड़ से अधिक की राशि किसानों के खाते में पहुंच गई है। केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से की बात उन्होंने मंच से ही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से वर्चुअल बात की। PM ने कार्यक्रम में ही मौजूद हिमाचल के सिरमौर जिले की समा देवी से भी बात की। समा देवी ने कहा कि पहले मुझे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिला। इससे कच्चे मकान को पक्का बनाया। सरकार से डेढ़ लाख रुपए की राशि मिली। समा देवी ने कहा कि वह खेतीबाड़ी भी करती है। उन्होंने कहा कि PM किसान सम्मान निधि के तौर पर भी हर साल 6000 रुपए मिलते हैं। PM ने केंद्र सरकार की योजना के लाभार्थी अरविंद से बात की। अरविंद ने कहा कि उन्होंने मुद्रा लोन के तहत ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने अरविंद से कहा कि आप अब रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बन गए हैं। यह बहुत अच्छी बात है। PM ने त्रिपुरा के पंकज साहनी से बात की। पंकज ने बताया कि नल, नल में पानी और बिजली का लाभ उन्हें मिला है। PM ने कर्नाटक की संतोषी से बात की। प्रधानमंत्री ने संतोषी से पूछा कि आपको सरकार किस योजना से संतोष हुआ। संतोषी के जवाब पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि वह कर्नाटक में होते और भाजपा के कार्यकर्ता होते तो वह आपसे चुनाव लड़वा देते। सबसे पहले उन्होंने केंद्र शासित राज्य लद्दाख के टशी तुदुंप के साथ बात की। इसके बाद बिहार के बांका जिला की ललिता देवी से उनकी स्थिति जानी। इस दौरान PM ने कहा कि गांव में जिन लोगों का अभी घर नहीं बना है, उन्हें भी जल्द मकान मिलेगा। इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंच पर शॉल और हिमाचली टोपी पहना कर उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री के भाषण के बाद मंच से केंद्र की योजनाओं के संबंध में एक वीडियो दिखाया गया। इसमें बताया गया कि कांग्रेस राज में 70 साल में देश ने क्या किया और मोदी सरकार ने आठ साल में लोगों के जीवन में कितना बदलाव लाया। इस मौके पर रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि लोग कहते है कि पांच साल बाद सरकार चेंज हो जाती है, लेकिन PM के नेतृत्व में चार राज्य में BJP ने इस रिवायत को बदला है। प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से हम हिमाचल में भी सरकार बदलने की परंपरा बदलेंगे और फिर से सरकार बनाएंगे। भाषण खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री ने CM जयराम की पीठ थपथपाई। प्रधानमंत्री ने नाम से कार्यकर्ता को किया याद जयराम ठाकुर ने कहा कि हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री का हिमाचल से नजदीकी संबंध रहा है। आज जैसे ही प्रधानमंत्री अनाडेल मैदान पहुंचे तो उनसे शहरी विकास मंत्री ने जाखू मंदिर जाने की बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि जाखू जाने का मन तो ठीक है, पर यह बताएं कि क्या दीपक आज भी जाखू पैदल जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाजपा के एक आम कार्यकर्ता को नाम से स्मरण बताता है कि वह धरातल से कितने जुड़े हैं। मंच पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद हैं। इससे पहले CTO से प्रधानमंत्री बंद गाड़ी में रोड शो पर निकले। मॉल रोड पर गाड़ी से उतरकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। किनारे खड़े लोग पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री का यहां पहुंचने पर हिमाचल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। इससे पहले उनका हेलीकॉप्टर अनाडेल मैदान में लैंड हुआ। वहां से PM मोदी सड़क मार्ग से विधानसभा चौक तक पहुंचे। गौरतलब है कि राजधानी के मॉल रोड पर PM पहले एक रोड शो करेंगे और बाद में रिज मैदान पर विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री को सुनने के लिए रिज पर सुबह 7:00 बजे से ही लोग शिमला पहुंचने शुरू हो गए।
नई दिल्ली PM मोदी कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों को PM केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत आज स्कॉलरशिप ट्रांसफर कर रहे हैं। PM ने ऐलान किया कि ऐसे बच्चों को उनकी हायर एजुकेशन के लिए लोन चाहिए होगा तो PM केयर्स उसमें उनकी मदद करेगा। उनके लिए अंत्योदय योजनाओं के जरिए हर महीने चार हजार रुपए महीने की व्यवस्था भी की गई है। बच्चे पढ़ाई करेंगे तो आगे और भी पैसों की जरूरत होगी। उन्हें 18 साल से 23 साल तक स्टाइपेंड मिलेगा। 23 साल के होंगे तो 10 लाख रुपए और मिलेंगे। कोई बीमारी कभी आ गई तो इलाज के लिए पैसे चाहिए होंगे। उनके गार्जियन को उसके लिए भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपको आयुष्मान कार्ड दिया जा रहा है। इससे 5 लाख तक के इलाज का इलाज मुफ्त मिलेगा। PM ने आगे कहा कि एक छोटा सा प्रयास है। जिनके माता-पिता नहीं रहे। PM केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिबिंब है कि हर एक देशवासी आपके साथ है। मुझे संतोष है कि बच्चों की अबाधित पढ़ाई के लिए उनके घर के पास ही सरकारी या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया जा चुका है। बच्चों के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की गई PM मोदी ने कहा कि सरकार ने एक कोशिश करने का प्रयास किया है। इसके लिए एक विशेष संवाद सेवा शुरू की है। हेल्पलाइन पर बच्चे मनोवैज्ञानिक विषयों पर सलाह ले सकते हैं। उनसे चर्चा कर सकते हैं। कोरोना महामारी की मार पूरी दुनिया ने सही है। आपने जिस साहस और हौसले से इस संकट का सामना किया है। उस हौसले के लिए मैं आपको सलाम करता हूं। पूरा देश आपके साथ है। मैं एक बात और कहूंगा कि कोई भी प्रयास और सहयोग आपके माता-पिता के स्नेह की भरपाई नहीं कर सकता, लेकिन उनके न होने पर मां भारती आपके साथ है। क्या है PM केयर फॉर चिल्ड्रन योजना इस स्कीम का मकसद बच्चों को भोजन और घर उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ऐसे बच्चों को शिक्षा और स्कॉलरशिप के जरिए सशक्त बनाने के साथ 23 साल की उम्र में 10 लाख रुपए की वित्तीय सहायता देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। यह स्कीम हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखती है। इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।
जम्मू,प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि पार्टी ने संकल्प लिया है कि जम्मू कश्मीर में अगली सरकार भाजपा ही बनाएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी और मुख्यमंत्री भाजपा का ही बनेगा। हम विधानसभा चुनाव के लिए तैयार हैं। प्रदेश भाजपा की दो दिवसीय कार्यकारिणी के पहले दिन शनिवार को प्रदेश पदाधिकारी बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद, ब्लाक विकास परिषद, स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा मजबूत बन कर उभरी है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रमुख राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता पार्टी में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बूथ स्तर पर अपनी मजबूती बढ़ाएंगी और मोदी सरकार की जनकल्याण नीतियों को घर घर तक पहुंचाएंगी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीस जून को पूरे होने जा रहे आठ साल की उपलब्धियों को लोगों तक ले जाएंगी। कार्यकारिणी की बैठक में वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों का जायजा लिया गया और आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की। दूसरे दिन रविवार को कार्यकारिणी की बैठक कटड़ा में होगी। कार्यकारिणी में कहा गया कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हमारी तैयारी तेज होनी चाहिए। इसके लिए सबसे पहले हमें अपने बूथ को मजबूत करना होगा। मोदी सरकार की आयुष्मान योजना, उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने वालों से संपर्क साध कर उनके अनुभव साझे किए जाएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आठ साल तीस जून को पूरे हो रहे हैं। इससे पहले हर सक्रिय कार्यकर्ता को एक जून से पंद्रह जून तक 75 घंटे पार्टी को देने होंगे। इश्तिहार, संवाद के जरिये कार्यकर्ता प्रधानमंत्री की आठ साल की उपलब्धियों को लोगों के घरों तक पहुंचाएंगे। बैठक में कश्मीर में चुनिंदा हत्याओं पर चिंता जताई गई। सदस्यों ने कहा कि उपराज्यपाल से आह्वान किया जाए कि र्चुंनदा हत्याओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। वहीं, सांसद जुगल किशोर ने कहा कि भाजपा राष्ट्र व समाज के लिए बहुत कुछ कर रही है। इससे पहले बैठक की शुरुआत दीप जला कर की गई। डा. प्रदीप महोत्रा ने वंदे मातरम गाया। बैठक का पहला दिन राष्ट्रीय गान के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर, संगठन महामंत्री अशोक कौल, उप प्रधान वीरेंद्रजीत सिंह व प्रदेश के पदाधिकारी मौजूद रहे।
नई दिल्‍ली,चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने अपनी कूटनीतिक चाल को तेज कर दिया है। अमेरिका के साइलेंट डिप्लोमैसी से ड्रैगन पूरी तरह से चित हो गया है। इस क्रम में चीन को घेरने के लिए अमेरिका ने फ‍िजी और नेपाल पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। फ‍िजी को अपने साथ शामिल करके अमेरिक ने हिंद प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक तस्‍वीर को पलट दिया है। उधर, नेपाल पर डोरे डाल रहे चीन को बड़ा झटका लगा है। विशेषज्ञ 20 वर्ष बाद किसी नेपाली प्रधानमंत्री की वाशिंगटन यात्रा को इसी कड़ी के रूप में देख रहे हैं। ऐसे में यह प्रश्‍न उठता है कि इन दोनों छोटे मुल्‍कों का अमेरिका के लिए क्‍या मायने है। आखिर अमेरिका और चीन की नजर नेपाल और फ‍िजी पर क्‍यों टिकी है। इससे भारत का क्‍या लाभ होने वाला है। अमेरिका के लिए हिंद प्रशांत क्षेत्र में क्‍यों जरूरी है फ‍िजी 1- विदेश मामलों के जानकार प्रो अभिषेक सिंह का कहना है कि नेपाल और फ‍िजी में अमेरिका ने अपनी कूटनीतिक पहल को तेज किया है। नेपाल में चीन के बढ़ते दबदबे को खत्म करने के लिए अमेरिका कई दिनों से साइलेंट डिप्लोमैसी की रणनीति के तहत काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि अब इसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं। नेपाल और अमेरिका शीर्ष स्‍तर पर वार्ता करने जा रहे हैं। नेपाल के सेना प्रमुख प्रभुराम शर्मा जून में अमेरिका की यात्रा पर होंगे। है। इसके कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी वाशिंगटन के दौरे पर जाएंगे। यह 20 साल में नेपाल के किसी प्रधानमंत्री का पहला अमेरिका दौरा होगा। उनकी इस यात्रा को इसी कड़ी के रूप में जोड़कर देखा जा रहा है। अमेरिकी फ्रेमवर्क में फ‍िजी के शामिल होने को भी इस क्रम में देखा जा सकता है। इसके कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा भी वाशिंगटन के दौरे पर जाएंगे। यह 20 साल में नेपाल के किसी प्रधानमंत्री का पहला अमेरिका दौरा होगा। 2- प्रो सिंह का कहना है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी वर्चस्‍व के लिए फ‍िजी का अमेरिका के साथ आना काफी अहम है। फ‍िजी के बहाने अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करेगा। इसके जरिए वह आर्थिक और सामरिक चुनौतियों को आसानी से निपटा सकता है। अमेरिका जानता है कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में उसे चीन और रूस से जबरदस्‍त टक्‍कर मिलने वाली है। इसी के मद्देनजर वह अपनी रणनीति बनाने में जुटा है। क्‍वाड और आकस को वह उसी कड़ी से जोड़कर देखते हैं। उन्‍होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करने के लिए अमेरिका अब एक साइलेंट डिप्‍लोमैसी पर काम कर रहा है। दूसरे, अमेरिका इस पूरे मामले को एक वैचारिक जंग का जामा पहनाने में जुटा है। वह एक विचार वाले राष्‍ट्रों को एक मंच पर लाकर चीन को अलग-थलग करना चाहता है। चीन का इस पर मनोवैज्ञानिक असर होगा। अमेरिका के लिए क्‍यों उपयोगी है नेपाल 1- प्रो सिंह ने कहा कि 2018 में अमेरिका ने कहा था कि नेपाल हिंद और प्रशांत क्षेत्र में हमारी रणनीति का हिस्सा है। इससे अमेरिका के लिए नेपाल के महत्‍व को समझा जा सकता है। इस लिहाज से नेपाल भी अमेरिका के लिए काफी मायने रखता है। चीन और नेपाल की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी से बेहतर संबंध रहे हैं। यही कारण है कि नेपाल में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सरकार आते ही वह अमेरिका से दूरी बना लेता है। फ‍िलहाल नेपाल में सत्‍ता परिवर्तन के साथ अमेरिका और नेपाल में नजदीकी बढ़ी है। 2- नेपाल के सेना प्रमुख 27 जून को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं। यह उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच सैन्‍य सहयोग के नए आयाम खुलेंगे। नेपाल सेना प्रमुख पेंटागन का भी दौरा करेंगे। इसके बाद साउथ एशिया के मामले देखने वाले अमेरिका के तमाम आला अफसरों से मुलाकात करेंगे। अमेरिका नेपाल को पहाड़ी इलाकों के लिए जरूरी मिलिट्री हार्डवेयर देने जा रहा है। यह नेपाल जैसे पहाड़ी क्षेत्र वाले देश के लिए बहुत मददगार साबित होंगे। गत दिनों अमेरिकी अंडर सेक्रेटरी उजरा जेया समेत तीन आला अफसरों ने गुपचुप नेपाल यात्रा की थी। 2017 में अमेरिका ने नेपाल को 500 मिलियन डालर की मदद दी थी। भारत के हित अमेरिकी दखल नेपाल भारत का पड़ोसी मुल्‍क है। हाल के दिनों में नेपाल और चीन की निकटता ने भारत को चिंता में डाल दिया था। चीन की शह पर नेपाल ने भारत के साथ पुराने सीमा विवाद को उकसाया था। हालांकि, नेपाल में सत्‍ता परिवर्तन के साथ दोनों देशों के बीच सामान्‍य संबंध स्‍थापति हुए। अमेरिका का नेपाल में दखल से यहां चीन का प्रभुत्‍व घटेगा यह भारत के हित में होगा। उधर, हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दिलचस्‍पी से भारत चिंतित है। अमेरिका के दखल के चलते यहां एक नया शक्ति संतुलन स्‍थापित होगा।
काठमांडू,नेपाल में तारा एयर (Nepal Tara Air) के एक विमान का संपर्क टूट गया है। विमान ने रविवार सुबह उड़ान भरी थी। एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, तारा एयर के डबल इंजन विमान ने आज सुबह पोखरा से जोमसोम के लिए उड़ान भरी थी। आखिरी बार विमान से सुबह 9 बजकर 55 मिनट पर संपर्क हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि विमान केवल 15 मिनट की उड़ान के लिए गया था और इसमें 22 यात्री सवार हैं। वहीं विमान के क्रैश होने की आशंका जताई जा रही है। मुंबई से गया है पूरा परिवार नेपाल के स्थानीय मीडिया के अनुसार लापता विमान में 4 भारतीय सवार थे जो एक ही परिवार से मुंबई से आए थे। एयरलाइन ने यात्रियों की सूची जारी की है, जिन्होंने चार भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी के रूप में की है। एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला ने कहा कि तीन सदस्यीय नेपाली चालक दल के अलावा चार भारतीय नागरिक, दो जर्मन और 13 नेपाली यात्री इसमें सवार हैं। बता दें कि जोमसोम विदेशी पर्वतारोहियों के लिए एक लोकप्रिय मार्ग है जो पर्वतीय इलाकों पर ट्रेकिंग करते हैं। यहां भारतीय और नेपाली तीर्थयात्री काफी संख्या में श्रद्धेय मुक्तिनाथ मंदिर जाते हैं। सेना का हेलीकाप्टर सर्च आपरेशन में लगा नेपाली सेना के प्रवक्ता नारायण सिलवाल ने बताया कि नेपाली सेना का एक एमआई-17 हेलीकाप्टर हाल ही में लेटे, मस्टैंग के लिए रवाना हुआ है। वहीं नेपाल के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता फदींद्र मणि पोखरेल के अनुसार मंत्रालय ने लापता विमान की तलाश के लिए मस्टैंग और पोखरा से दो निजी हेलीकाप्टर भी विमान के सर्च में तैनात किए हैं। भारतीय दूतावास ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया काठमांडू में भारतीय दूतावास ने इस संबंध में एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +977-9851107021 भी जारी कर दिया है। वहीं दूतावास ने ट्वीट कर बताया कि वह यात्रियों के परिवार के संपर्क में है। माउंट धौलागिरी पहुंचने के बाद से संपर्क टूटा वहां के मुख्य जिला अधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने एएनआइ को बताया कि विमान को मस्टैंग जिले में जोमसोम के आसमान के ऊपर देखा गया था और फिर उसे माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद से यह संपर्क में नहीं आया है। 2016 में विमान हुआ था क्रैश बता दें कि साल 2016 में भी तारा का एक विमान लापता होने के बाद क्रैश हो गया था। जानकारी के अनुसार उत्तरी नेपाल के पहाड़ी इलाके में लापता हुए 23 यात्रियों को लेकर तारा हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में सभी यात्री मारे गए थे। गौरतलब है कि उड़ान का कुल समय 19 मिनट था, लेकिन उड़ान भरने के आठ मिनट बाद विमान ने संपर्क खो दिया था।
अहमदाबाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में देश के पहले नैनो लिक्विड यूरिया प्लांट का उद्घाटन किया। पीएम ने कहा कि 8 साल पहले यूरिया के लिए किसान लाठियां खाते थे, लेकिन हमने 5 बंद पड़े खाद कारखाने खुलवाए। पीएम ने कहा- आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश के पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति करता हूं। अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वो एक बोतल में समाहित है। नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी। बड़ी फैक्ट्रियां तकनीक के अभाव में बंद हो गईं मोदी ने आगे बताया कि 7-8 साल पहले तक हमारे यहां ज्यादातर यूरिया खेत में जाने के बजाए कालाबाजारी का शिकार हो जाता था और किसान अपनी जरूरत के लिए लाठियां खाने को मजबूर होता था। हमारे यहां बड़ी फैक्ट्रियां भी नई तकनीक के अभाव में बंद हो गई। हमारी सरकार ने 5 बंद कारखाने खुलवा दिए 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया। इससे देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलना सुनिश्चित हुआ। साथ ही हमने यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में 5 बंद पड़े खाद कारखानों को फिर चालू करने का काम शुरु किया। किसानों को 3500 की बोरी 300 में दे रही सरकार पीएम ने बताया कि भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है इसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपए का पड़ता है। लेकिन देश में, किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपए का दिया जाता है। यानी यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3,200 रुपए का भार वहन करती है। देश के किसान के हित में जो भी जरूरी हो, वो हम करते हैं, करेंगे और देश के किसानों की ताकत बढ़ाते रहेंगे। प्लांट की क्षमता 1.5 लाख बॉटल प्रतिदिन कलोल में नैनो यूरिया (लिक्विड) प्लांट 175 करोड़ रुपए में बना है। प्लांट की क्षमता आधा लीटर की 1.5 लाख बॉटल प्रतिदिन की है। ऐसे 8 और प्लांट देशभर में लगाए जाएंगे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नैनो यूरिया प्लांट आज से चालू हो गया है। मोदी सरकार में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। गुजरात में सहयोग मॉडल सफल रहा है। सहकारी क्षेत्र में शामिल होने के बाद से एक अलग विभाग की मांग की जा रही थी। इसी के चलते सत्ता में मोदी सरकार के आने के बाद अलग मंत्रालय का गठन किया गया है। इससे पहले उन्होंने सुबह 10 बजे राजकोट के एटकोट में नवनिर्मित मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। इसके बाद करीब 3 बजे गांधीनगर पहुंचे। यहां वे महात्मा मंदिर में 'सहकार से समृद्धि' पर विभिन्न सहकारी समितियों के एक सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा - 'देश भर के लाखों स्थानों के किसान आज महात्मा मंदिर में शामिल हुए हैं। मैं आप सभी का धन्यवाद करता हूं। आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए गांवों को आत्मनिर्भर बनाए जाने की जरूरत है। इसलिए आज हम आदर्श सहकारी ग्राम की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। गुजरात के 6 गांवों की पहचान की गई है जहां पूरी तरह से सहकारी व्यवस्था लागू की जाएगी। दुग्ध उत्पादकों में गुजरात की बड़ी हिस्सेदारी नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है, जिसमें गुजरात की बड़ी हिस्सेदारी है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भागीदारी भी निभा रहा है। ये कारोबार ज्यादातर हमारी माताएं-बहनें संभालती हैं। भारत के छोटे किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के लिए बहुत बड़ा संबल है। बीते दशकों में गुजरात में अधिक समृद्धि देखने को मिली है तो इसका बड़ा कारण डेयरी से जुड़े सहकारिता विभाग रहे हैं। पहले की सरकारों ने किसानों की समस्याओं पर सीमित प्रयास किए उन्होंने आगे कहा कि किसानों के सामने जो समस्याएं हैं। ऐसा नहीं है कि ये समस्याएं पहले नहीं थी, लेकिन पहले की सरकारों ने इन समस्याओं पर सीमित प्रयास किए। गुजरात में छोटा किसान भी प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ने लगा है। इस पहल के लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता में कई मुश्किलों का हल है, ये सफलता के साथ अनुभव किया है। सहकारिता की बात आती है तो वैंकुट भाई मेहता की याद आती है। भारत सरकार उनके नाम पर बड़ा इंस्टीट्यूट चलाती है। राजकोट में मोदी ने कहा- मुझमें गुजरात के संस्कार PM मोदी सुबह करीब 10 बजे राजकोट जिले के आटकोट शहर पहुंचे। यहां उन्होंने 50 करोड़ की लागत से बने मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा- पिछले आठ साल से हमारी केंद्र में सरकार है। हम पिछले आठ साल से भारत को गांधी का देश बनाने की कोशिश में लगे हैं। यहां के बाद वह पाटीदार समाज के कार्यक्रम में पहुंचे, यहां उन्होंने कहा- मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे देश को नीचा देखना पड़े। मुझमें आपके (गुजरात के) ही संस्कार हैं। यहां उनका 'मोदीजी भले पधार्या...' गीत के साथ स्वागत किया गया। इस दौरान PM ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्रसेवा के 8 साल पूरे कर रही है। आपको याद होगा कि अब से 8 साल पहले ही आपने मुझे गुजरात से विदा दी थी। मुझे गुजरात से गए हुए 8 साल हो गए, लेकिन आपका प्रेम मेरे लिए बढ़ता ही रहा। आज जब गुजरात की धरती पर आया हूं तो मैं सिर झुकाकर गुजरात के सभी नागरिकों का आदर करना चाहता हूं, क्योंकि आपने ही मुझे संस्कार-शिक्षा दी और मुझे सिखाया कि समाज के लिए कैसा जीना चाहिए? इसी का परिणाम है कि इन 8 सालों में मैंने भी समाज सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। सरदार पटेल की धरती से मुझे मिले संस्कार ही हैं कि इन 8 सालों में मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं होने दिया कि आपको या देश के किसी नागरिक को अपना सिर झुकाना पड़े। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास भाजपा सरकार ने गरीबों के कल्याण को प्राथमिकता दी। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हमने देश के विकास को गति दी। बापू एक ऐसा भारत चाहते थे जो हर गरीब, वंचित, पीड़ित हमारे आदिवासी भाई-बहन, हमारी माता-बहनों को सशक्त करे। जहां शिक्षा और स्वास्थ्य जीवन पद्धति का अंग बने। हमारी सरकार सुविधाओं को शत-प्रतिशत नागरिकों तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। जब हर नागरिक तक सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य होता है तो भेदभाव भी खत्म होता है, भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं होती। 3 करोड़ से ज्यादा गरीबों के घर दिए उन्होंने आगे कहा- हमारी सरकार ने 6 करोड़ परिवारों को नल से जल दिया है। गरीबों की गरिमा सुनिश्चित की गई है। 3 करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर दिए गए हैं। किसानों के खाते में सीधे पैसा जमा किए गए हैं। जब कोरोना के दौरान इलाज की जरूरत बढ़ी तो हमने टेस्टिंग तेज कर दी। जब वैक्सीन की जरूरत आई तो हमने फ्री उपलब्ध कराया। विपक्ष पर इस अंदाज में बोला हमला राजकेट में AIIMS, जामनगर में आयुर्वेद और यहां मिनी AIIMS। पीएम मे मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि एक समय दिल्ली में ऐसी सरकार थी, जिसे हर प्रोजेक्ट में मोदी ही नजर आता था। इसी के चलते हमारे हर बड़े प्रोजेक्ट की फाइल पर ताला लगा दिया जाता था। अब मातृभाषा में पढ़कर भी बन सकते हैं डॉक्टर-इंजीनियर अस्पताल के दानदाताओं को बधाई, उनकी माताओं का अभिनंदन कि उन्होंने ऐसे पुत्रों को जन्म दिया। इतनी भीषण गर्मी में भी बहनों ने सिर पर कलश रखकर मेरा स्वागत किया। इसके लिए मैं आप सभी बहनों का दिल से आभार मानता हूं। पीएम ने आगे कहा कि आपने आज पढ़ाई के नियम भी बदल दिए हैं, क्योंकि अब मातृभाषा में पढ़कर भी डॉक्टर या इंजीनियर बना जा सकता है। मेडिकल में 1100 सीटें हुआ करती थीं, अब 8000 हैं। पहले केवल अंग्रेजी माध्यम में डॉक्टर बन सकते थे, लेकिन अब अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर बन सकते हैं। इसी के चलते सरदार पटेल का नाम आज पूरी दुनिया में गूंज रहा है। शाह ने द्वारकाधीश के दर्शन किए, NACP भी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह भी गुजरात दौरे पर हैं। शाह ने आज द्वारका पहुंचकर हिंदुओं के चार धाम में से एक भगवान द्वारकाधीश के दर्शन किए। यहां दर्शन-पूजन के बाद वह ओखा स्थित तटीय पुलिसिंग की राष्ट्रीय अकादमी (NACP) पहुंचे और जवानों से बात की। IPL के फाइनल में शिरकत पर आधिकारिक पुष्टि नहीं पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार PM मोदी रविवार को अहमदाबाद के 'नरेंद्र मोदी स्टेडियम' में होने वाले IPL का फाइनल मैच देखने आ सकते हैं। हालांकि, इस बारे में PMO से आधिकारिक रूप से कोई बयान जारी नहीं हुआ है। राज्य सरकार की तरफ से कार्यक्रम की जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक अमित शाह अहमदाबाद के नारनपुरा इलाके में एक खेल परिसर के उद्घाटन में भी पहुंचेंगे और शाम को मोटेरा स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम में IPL का फाइनल मैच देखेंगे। विधानसभा चुनाव की तैयारियां गुजरात में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों को देखते हुए सभी सियासी दल अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा इस राज्य में दो दशक से भी ज्यादा समय से सत्ता में है। खुद मोदी 4 बार यहां के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब गुजरात की 14वीं विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होना है, यानी अभी इसमें कुछ ही महीने का वक्त बचा है। इसी के मद्देनजर भाजपा यहां एक के बाद एक योजना-परियोजनाओं को पूरा कर रही है। इस साल के शुरुआती 5 महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई दफा गुजरात आ चुके हैं। पिछली बार मोदी ने बनास में सबसे बड़ी डेयरी लॉन्च की थी, जहां हजारों श्रमिक काम करते हैं। इस बार मोदी यूरिया संयंत्र का उद्घाटन करेंगे।
नई दिल्ली कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। अब ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के इंडिपेंडेंट परमानेंट ह्यूमन राइट कमीशन (OIC-IPHRC) ने इस फैसले की निंदा करते हुए टिप्पणी की, जिसे भारत ने अस्वीकार्य बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दुनिया आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) इसे (आतंक को) किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराए। भारत ने OIC के बयान को बताया आतंक समर्थित बागची ने कहा- यासिन मलिक के मामले में फैसले को लेकर भारत की निंदा करने वाली OIC-IPHRC की टिप्पणियों को भारत स्वीकार नहीं करेगा। इन टिप्पणियों के माध्यम से OIC-IPHRC ने ऐसा बयान देकर मलिक की आतंकी गतिविधियों का समर्थन किया है। अदालत में मलिक के खिलाफ लगे आरोप साबित हुए हैं और उसके बाद ही उसे सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा- दुनिया आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस चाहती है। OIC ने क्या कहा था? OIC ने मलिक की सजा की आलोचना करते हुए कहा था- मलिक को अमानवीय परिस्थितियों में कैद किया गया है, जो कश्मीर में रह रहे मुसलमानों के उत्पीड़न को दर्शाता है। OIC ने मलिक की सजा को भारतीय न्याय प्रणाली का मजाक बनाने जैसा बताया। यासीन मलिक को सजा देना गलत है। 25 मई को यासीन को हुई थी उम्रकैद यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे। उसे 25 मई को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। NIA के वकील उमेश शर्मा ने बताया था- यासीन को दो मामलों में उम्रकैद और 10 मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा इस अलगाववादी नेता को 10 लाख रुपए जुर्माना भरना होगा। यासीन पर लगे बड़े आरोप 19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका है। मलिक पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना उनमें से एक थे। यह सभी एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था। मलिक ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था। इसके साथ ही पाकिस्‍तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के आरोप भी हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे हैं। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नई दिल्‍ली,मोदी सरकार को सत्‍ता पर काबिज हुए 8 साल हो गए हैं। नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। मोदी सरकार को इन 8 सालों में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा। लेकिन कुल मिलाकर देखें, तो मोदी सरकार के ये आठ साल आम जनता को समर्पित रहे। इस दौरान केंद्र सरकार कई ऐसी जन कल्‍याणकारी योजनाएं लेकर आई, जिनसे आम लोगों को बेहद लाभ पहुंचा। जन धन योजना, आयुष्‍मान योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना और उज्‍ज्‍वला योजना से करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन देखने को मिला। आइए आपको बताते हैं बीते 8 सालों में लाई गई मोदी सरकार की आठ योजनाओं के बारे में जिनका लाभ करोड़ों लोगों को मिल रहा है। 1- प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि पीएम नरेंद्र मोदी की महत्‍वाकांक्षी योजना 'प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि' का लाभ लाखों किसानों को मिल रहा है। इस योजना का लाभ उन किसानों को मिलता है, जिनके पास 2 हेक्‍टेयर से कम जमीन है। योजना के तहत ऐसे किसानों के परिवारों को हर वर्ष 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। ये रुपये चार-चार महीने के अंतराल पर 2-2 हजार रुपये की किस्‍त के रूप में किसानों के खाते में भेजे जा रहे हैं। इस योजना का लाभ लाखों गरीब किसानों को हो रहा है। 2- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अगर आप अपना कोई व्‍यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। योजना में तीन कैटेगरी- शिशु, किशोर और तरुण हैं। शिशु कैटेगरी के तहत 50 रुपये तक का लोन दिया जाता है। किशोर कैटेगरी के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख तक का लोन दिया जाता है। वहीं, तरुण कैटेगरी के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है। अगर आपको अपना बिजनेस बढ़ाना है, तो उसके लिए भी इस योजना के तहत लोन उपलब्‍ध कराया जाता है। इस योजना को शुरू हुए 7 साल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की वेबसाइट पर मिली जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में मुद्रा योजना के तहत 3,10,563.84 करोड़ रुपये के 4,89,25,131 लोन पास हुए हैं। इनमें से लोगों को 3,02,948.49 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। 3- आयुष्‍मान भारत योजना आयुष्‍मान भारत योजना गरीबों के लिए जीवनदान साबित हो रही है। इसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये प्रतिवर्ष फ्री बीमा की सुविधा दी जा रही है। इसे सरकारी हेल्‍थ इंश्‍योरेंस स्‍कीम माना जा सकता है। इस योजना को 2018 में लॉन्‍च किया गया था। इस योजना के कारण करोड़ों लोगों को अच्‍छी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मिल रही हैं। 4- प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार का लक्ष्‍य सभी को घर उपलब्‍ध कराना है। इसी के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना को लॉन्‍च किया गया। इस योजना के तहत होम लोन में सब्सिडी दी जा रही है। इस सब्सिडी के तहत होम लोन लेने वाले को लगभग 2 लाख 60 हजार रुपये का लाभ मिलता है। इस स्‍कीम से लोगों को अपना घर खरीदने में तो मदद मिल ही रही है, वहीं देश की अर्थव्‍यवस्‍था को भी गति मिल रही है। 5- उज्‍ज्‍वला योजना पीएम मोदी की इस महत्‍वाकांक्षी योजना ने गरीब महिलाओं के मुश्किल भरे जीवन की राह कुछ आसान की है। इस योजना के तहत गरीब महिलाओं को बड़ी संख्‍या में एलपीजी गैस सिलेंडर बांटे गए। इसके साथ ही दीपावली और होली के अवसर पर गैस सिलेंडर को फ्री में रीफिल करके दिया जाता है। इस योजना की वजह से लाखों महिलाएं बिना किसी परेशानी के घर में खाना बना रही हैं। 6- बीमा योजना मोदी सरकार की ओर से दो बीमा योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ लाखों लोग उठा रहे हैं। इनमें एक है, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और दूसरी जीवन ज्‍योति बीमा योजना। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत मात्र 12 रुपये प्रतिवर्ष के प्रीमियम का भुगतान कर 2 लाख रुपये तक का सुरक्षा कवर पा सकते हैं। वहीं, जीवन ज्‍योति बीमा योजना के तहत सालाना 300 रुपये प्रतिवर्ष का भुगतान कर 2 लाख रुपये का कवर मिलता है। इस योजना का लाभ 18 वर्ष से 50 वर्ष की आयुवर्ग के लोग उठा सकते हैं। 7- प्रधानमंत्री जन धन योजना मोदी सरकार की इस योजना की कई अंतरराष्‍ट्रीय संस्‍थाओं ने भी तारीफ की है। इस योजना के जरिए लाखों गरीब लोगों का बैंक अकाउंट जीरो बैलेंस पर खुलवाया गया है। इस योजना का लाभ परिवार के दो सदस्‍य उठा सकते हैं। जन धन योजना के तहत खोले गए खाते पर बैंक किसी भी प्रकार का सर्विस चार्ज नहीं लगाता है। इन खातों को खुलवाने का एक लाभ ये भी हुआ है कि अब सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ सीधे जन धन खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। 8- प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना कोरोना महामारी के दौरान लगे लाकडाउन में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना ने लाखों लोगों का पेट भरा। इस योजना के तहत 5 किलो राशन प्रति व्‍यक्ति हर महीने मुफ्त दिया जा रहा है। योजना का सीधा लाभ 80 करोड़ से अधिक लोगों को पहुंच रहा है। केंद्र सरकार ने कोरोना काल में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत शुरू किया गया था। अगर ये योजना शुरू न होती, तो शायद कोरोना महामारी के दौरान जब काम धंधे बंद हो गए थे, तब लोगों को भूखे मरने की स्थिति आ जाती। इसलिए मोदी सरकार की इस योजना को काफी सराहा गया।
हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यहां बेगमपेट हवाईअड्डे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित क‍िया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूपी के सीएम से कहा जाता था कि इस जगह मत जाइए, उस जगह मत जाइए, वहां जाने अपशगुन है लेकिन योगी जी ने कहा कि वह योगी होते हुए भी विज्ञान में विश्वास करते हैं। वह ऐसी जगहों पर गए और फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। इसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं। हमें तेलंगाना को अंधविश्वास से बचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी चाहें जो कहें लेकिन जनता के दिलों से उनका नाम नहीं हटा सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिवार की ओर से चलाए जा रहे दल हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचते हैं और ये देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्‍होंने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का सीधे तौर पर जिक्र करते हुए कहा क‍ि परिवारवादी दल न केवल राजनीतिक समस्या हैं बल्कि वे लोकतंत्र और युवाओं के सबसे बड़े दुश्मन हैं। आईएसबी के 20वें वर्षगांठ समारोह में ह‍िस्‍सा लेने पहुंचे थे मोदी मोदी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के लोग यह देख रहे हैं कि कैसे परिवार की ओर से चलाए जा रहे दल अपने भले में लगे हुए हैं और ये दल कभी गरीब लोगों की समस्याओं की परवाह नहीं करते। प्रधानमंत्री आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के 20वें वर्षगांठ समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री मोदी के हैदराबाद पहुंचने से पहले ही बेंगलुरु गए उधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैदराबाद पहुंचने से कुछ घंटे पहले सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। यह चार महीनों में दूसरी बार है जब राव ने मोदी की हैदराबाद की यात्रा के दौरान उनसे मिलने से परहेज़ किया है। इससे पहले फरवरी में प्रधानमंत्री ‘समानता की प्रतिमा’ का अनावरण करने के लिए यहां आए थे जो संत रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा है। सरकारी सूत्रों ने तब बताया था कि राव प्रधानमंत्री की अगवानी इसलिए नहीं कर सके थे, क्योंकि वह ‘बीमार’ थे।
हैदराबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यहां बेगमपेट हवाईअड्डे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित क‍िया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूपी के सीएम से कहा जाता था कि इस जगह मत जाइए, उस जगह मत जाइए, वहां जाने अपशगुन है लेकिन योगी जी ने कहा कि वह योगी होते हुए भी विज्ञान में विश्वास करते हैं। वह ऐसी जगहों पर गए और फिर से मुख्यमंत्री बने हैं। इसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं। हमें तेलंगाना को अंधविश्वास से बचाना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी चाहें जो कहें लेकिन जनता के दिलों से उनका नाम नहीं हटा सकते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिवार की ओर से चलाए जा रहे दल हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचते हैं और ये देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं। उन्‍होंने कहा कि तेलंगाना में बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का सीधे तौर पर जिक्र करते हुए कहा क‍ि परिवारवादी दल न केवल राजनीतिक समस्या हैं बल्कि वे लोकतंत्र और युवाओं के सबसे बड़े दुश्मन हैं। आईएसबी के 20वें वर्षगांठ समारोह में ह‍िस्‍सा लेने पहुंचे थे मोदी मोदी ने आरोप लगाया कि तेलंगाना के लोग यह देख रहे हैं कि कैसे परिवार की ओर से चलाए जा रहे दल अपने भले में लगे हुए हैं और ये दल कभी गरीब लोगों की समस्याओं की परवाह नहीं करते। प्रधानमंत्री आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के 20वें वर्षगांठ समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री मोदी के हैदराबाद पहुंचने से पहले ही बेंगलुरु गए उधर, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैदराबाद पहुंचने से कुछ घंटे पहले सुबह बेंगलुरु के लिए रवाना हो गए। यह चार महीनों में दूसरी बार है जब राव ने मोदी की हैदराबाद की यात्रा के दौरान उनसे मिलने से परहेज़ किया है। इससे पहले फरवरी में प्रधानमंत्री ‘समानता की प्रतिमा’ का अनावरण करने के लिए यहां आए थे जो संत रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा है। सरकारी सूत्रों ने तब बताया था कि राव प्रधानमंत्री की अगवानी इसलिए नहीं कर सके थे, क्योंकि वह ‘बीमार’ थे।
हैदराबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनस (Indian School of Business)पहुंचे यहां उन्होंने कहा कि इस संस्थान को साल 2001 में अटल जी ने इसे देश को समर्पित किया था। तब से लेकर आज तक लगभग 50 हजार एक्जिक्यूटिव यहां से ट्रेन होकर निकले हैं। ISB एशिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में से एक है। इस दौरान पीएम ने छात्रों से कहा कि हमारे युवा यह साबित कर रहे हैं कि वे दुनिया को लीड कर सकते हैं। उन्होंने यह पूछा कि आपको मेरे ऊपर भरोसा हैं न? मोदी ने कहा, 'युवा यह साबित कर रहे हैं कि वे दुनिया को लीड कर सकते हैं, मैं सही कह रहा हूं न? आपको भरोसा है कि नहीं आप पर? मुझे आप पर भरोसा है। आपको खुद पर भरोसा है न?' आज दुनिया भारत को, भारत के युवाओं को और भारत के प्रोडक्ट को सम्मान और नए भरोसे के साथ देख रही है। पीएम ने कहा कि ISB से निकले प्रोफेशनल्स देश के बिजनेस को गति दे रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। यहां के छात्रों ने सैकड़ों स्टार्टअप्स बनाए हैं। अनेकों यूनिकॉर्न्स के निर्माण में उनकी भूमिका रही है। ये ISB के लिए उपलब्धि तो है ही पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। 'भारत ग्रोथ का बड़ा केंद्र' मोदी ने कहा कि ग्लोबल रीटेल इंडक्स में भी भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा Startup Ecosystem भारत में ही है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट भारत में है। आज भारत G20 देशों के समूह में फास्टेस्ट ग्रोइंग इकॉनमी है। स्मार्टफोन डाटा कंज्यूमर के मामले में भारत पहले नंबर है। इंटरनेट यूजर्स की संख्या देखें तो भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। भारत आज ग्रोथ के एक बड़े केंद्र के रूप में उभर रहा है। 'देश के लक्ष्यों के साथ जोड़िए व्यक्तिगत लक्ष्य' पिछले साल भारत में अब तक का सबसे ज्यादा, रेकॉर्ड FDI आया। आज दुनिया ये महसूस कर रही है कि भारत का मतलब बिजनस है। हम अक्सर Indian solutions को Globally Implement होते हुए देखते हैं। इसलिए मैं आज इस महत्वपूर्ण दिन पर आपसे कहूंगा कि आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को, देश के लक्ष्यों के साथ जोड़िए। '2014 के बाद से लगातार हो रहे रीफॉर्म' 2014 के बाद से हमारा देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार रीफॉर्म्स भी हो रहे हैं। हमारे देश में रिफॉर्म की ज़रूरत तो हमेशा से महसूस की जाती रही थी लेकिन राजनीति इच्छाशक्ति की हमेशा कमी रहती थी। पिछले तीन दशकों में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने लंबे समय तक राजनीतिक विलपावर की कमी देखी। कोविड वैक्सीन के लिए तो हमारे यहां चिंता जताई जा रही थी कि विदेशी वैक्सीन मिल पाएगी भी या नहीं।नलेकिन हमने अपनी वैक्सीन्स तैयार कीं। इतनी वैक्सीन्स बनाईं कि भारत में भी 190 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। भारत ने दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी वैक्सीन्स भेजी हैं। 'खेल में भी देखने को मिल रहा अभूतपूर्व प्रदर्शन' पीएम ने कहा कि क्या कारण है कि 2014 के बाद हमें खेल के हर मैदान में अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है? इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे एथलीट्स का आत्मविश्वास। भारत को फ्यूचर रेडी बनाने के लिए हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि भारत आत्मनिर्भर बने। इसमें आप सभी बिजनेस प्रोफेशनल्स की बड़ी भूमिका है।और ये आपके लिए एक तरह से देश की सेवा का उत्तम उदाहरण होगा।
नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ब्रिटेन की लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन (Jeremy Corbyn MP UK) के साथ मुलाकात को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है। यूके यात्रा के दौरान इस मुलाकात की तस्वीर जैसे ही सामने आई बीजेपी ने निशाना साधना शुरू कर दिया। वहीं इसके जवाब में कांग्रेस की ओर से पीएम मोदी (PM Modi) की पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ और चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात को लेकर पलटवार किया गया। जेरेमी कोरबिन को भारत और हिंदू विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue)पर भी कोरबिन अपनी अलग राय पेश करते आए हैं। बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कोरबिन से राहुल गांधी की मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक ऐसे ब्रिटिश नेता से मुलाकात की है जो भारत से कश्मीर के अलगाव की पैरवी करता है और हिंदू विरोधी है। अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ब्रिटिश सांसद जेरेमी कोरबिन के साथ राहुल गांधी। कोरबिन भारत के प्रति असीमित द्वेष रखने के लिए जाने जाते हैं, वह कश्मीर के अलगाव की पैरवी करते हैं और स्पष्ट रूप से हिंदू विरोधी हैं। राहुल गांधी को आखिरकार उनका वो विदेशी साथी मिल गया है जो उनकी तरह खुलकर भारत को बदनाम करता है। वहीं इस पूरे मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ पहले की मुलाकातों का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से मुलाकात नहीं करनी है तो सरकार को इस बारे में स्पष्ट कर देना चाहिए। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि अलग विचार रखने वाले विदेशी नेताओं से भारत के नेता पहले भी मिलते रहे हैं और आगे भी मिलते रहेंगे। राहुल गांधी जी का उस व्यक्ति के साथ तस्वीर लेना अपराध या आतंकवाद का कृत्य नहीं है जिसकी राय हमसे अलग है। यदि मुलाकात करने का यह आधार है तो फिर सवाल पूछा जाना चाहिए कि प्रधानमंत्री ने दावोस में नीरव मोदी के साथ तस्वीर क्यों खिंचवाई। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ से मुलाकात क्यों की। क्या सरकार यह वादा करेगी कि ऐसे किसी व्यक्ति के साथ मुलाकात नहीं होगी जिसके हमसे अलग विचार हों। वहीं कर्नाटक बीजेपी की ओर से भी इस तस्वीर को शेयर कर निशाना साधा गया है। बीजेपी की ओर से कहा गया है कि भारत का पुरजोर विरोध करने वाले, कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने वाले, हिंदू विरोधी के साथ कांग्रेस के मालिक और वायनाड के सांसद क्या कर रहे हैं। क्या वह एक और Toolkit से भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और बीजेपी के दूसरे नेताओं ने भी यह फोटो शेयर कर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। कोरबिन और राहुल गांधी के साथ तस्वीर में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा भी नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन दौरे पर हैं जहां वह सोमवार को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक संवाद सत्र में भी शामिल हुए थे।
नई दिल्‍ली, जापान में क्‍वाड बैठक में हिस्‍सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेशी धरती पर सुर्खियों में हैं। पूरे जापान में नमो-नमो का डंका बज रहा है। पीएम मोदी के भाषण को जापानी मीडिया में काफी तरजीह दिया है। इसे सभी प्रमुख अखबारों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया है। उधर, यूक्रेन जंग में भारतीय तटस्‍थता नीति के खिलाफ अमेरिका के भी सुर बदले हुए हैं। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि भारत क्‍वाड का एक प्रमुख खिलाड़ी है। उन्‍होंने कहा कि हिंद प्रशांत क्षेत्र के रणनीतिक सहयोग भारत की अहम भूमिका होगी। क्‍वाड में भारत के बढ़ते कद से चीन को जरूर मिर्ची लगी होगी। क्‍या यह भारत की कूटनीतिक जीत है। यूक्रेन मामले को लेकर भारत से नाराज चल रहा अमेरिका क्‍या भारत के साथ उसी तरह से दोस्‍ती का निर्वाह करेगा। 1- प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि रूस यूक्रेन जंग के बाद जिस तरह से क्‍वाड के दो प्रमुख देशों अमेरिका और आस्‍ट्रेलिया भारत की तटस्‍थता नीति के खिलाफ खड़े थे, उसे देखते हुए निश्चित रूप से यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक जीत है। उन्‍होंने कहा कि क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन में अमेरिका के सुर पूरी तरह से बदले हुए है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति बाइडन का यह संकेत कि क्‍वाड में भारत का एक अहम किरदार है। यह भारत अमेरिका रिश्‍तों के लिए शुभ संदेश है। 2- उन्‍होंने कहा कि हाल में इस तरह की खबरें आ रही थीं कि यूक्रेन संघर्ष के चलते अमेरिका और भारत के रिश्‍तों में दरार आ रही है। यह भी चर्चा थी कि क्‍वाड में भारत का कद कम होगा और दक्षिण कोरिया को इसमें स्‍थान मिलेगा। क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन के बाद इस चर्चा पर विराम लग गया है। अमेरिका ने यह बता दिया है कि भारत किसी भी हाल में उसका रणनीतिक साझेदार रहेगा। उन्‍होंने कहा कि बाइडन ने क्‍वाड बैठक के पूर्व भारत को लेकर जो संदेश दिया है, उससे भारत ओर अमेरिका के संबंधों को एक नई गति मिल सकती है। 3- प्रो पंत ने कहा कि क्‍वाड में भारत को जो महत्‍व मिल रहा है, उससे चीन को मिर्ची लगना लाजमी है। चीन कभी नहीं चाहेगा कि क्‍वाड में भारत एक प्रमुख किरदार के रूप में उभरे। उधर, बाइडन ने क्‍वाड में भारत को प्रमुख खिलाड़ी कहकर चीन में खलबली मचा दी है। बता दें कि भारत चीन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी तनाव चल रहा है। मोदी की पांचवीं जापान यात्रा वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी की ये 5वीं जापान यात्रा है। इसके अलावा वह गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए भी दो बार जापान जा चुके हैं। वह पहली बार वर्ष 2007 में जापान की यात्रा पर गए थे, जब शिंजो आबे जापान के प्रधानमंत्री थे। दूसरी बार वर्ष 2012 में वह जापान के दौरे पर गए थे। इस दौरे के बाद जापान की बड़ी बड़ी कम्पनियां प्रधानमंत्री के विजन से प्रभावित होकर गुजरात में निवेश करने के लिए आई थीं। प्रधानमंत्री मोदी अब यही काम देश के लिए भी कर रहे हैं। पीएम मोदी ने जापान में 30 से ज्यादा कम्पनियों के CEOs से मुलाकात कर उन्हें भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है। इसके अलावा मोदी ने टोक्‍यो में भारतीय मूल के लोगों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें मक्खन पर लकीर करने में मजा नहीं आता, वो पत्थर पर लकीर करना जानते हैं। जापान के अखबारों में छाया पीएम मोदी का यह लेख 1- इस लेख में पीएम मोदी ने भारत और जापान के सदियों पुराने सांस्कृतिक संबंधों का जिक्र किया है। इसमें लिखा है कि कैसे बौद्ध धर्म भारत और जापान को जोड़ता है और इसमें महात्मा गांधी के तीन बन्दरों का भी उल्‍लेख है। गांधी के ये तीन बंदर यह संदेश देते हैं कि ना बुरा देखो, ना बुरा सुनो और ना बुरा बोलो। गांधीजी के ये तीनों बन्दर जापान के एक मन्दिर से प्रेरणा लेकर बनाए गए हैं और ये मन्दिर 17वीं सदी में बना था। 2- मोदी के इस लेख में इंडो पैसिफिक रीजन Indo Pacific Region में शांति और सुरक्षा के लिए जापान और भारत की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया गया है। इसके अलावा इसमें क्‍वाड का भी उल्‍लेख किया गया है। इसका उद्देश्‍य इंडो पैसिफिक रीजन में चीन के बढ़ते प्रभुत्‍व को सीमति करना है। उन्‍होंने अपने इस लेख में चीन का जिक्र किया है। गौरतलब है कि क्‍वाड में भारत और जापान के अलावा अमेरिका और आस्ट्रेलिया भी हैं। 3- इस लेख की खास बात यह है कि पीएम मोदी ने जापान और भारत की दोस्ती को तीन शब्दों में परिभाषित किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत और जापान के रिश्‍ते विशेष, सामरिक और वैश्विक हैं। उन्‍होंने भारत और जापान के साथ संबंधों का तीन आयामों में जिक्र किया है। यह इन तीन शब्द Special, Strategic और Global है। अपने लेख में मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए जापान और भारत के मजबूत रिश्ते जरूरी हैं।
नई दिल्ली: चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव के एक साल बाद भी जनमानस के बीच नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री (PM Modi) पद के लिए पसंदीदा चेहरा बने हुए हैं। दूसरी ओर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Kejriwal) पीएम मोदी से काफी पीछे हैं। यह चार राज्यों - असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल - और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में आईएएनएस की ओर से सीवोटर (IANS C Voter Survey) द्वारा किए गए एक विशेष सर्वेक्षण के दौरान सामने आया है,जहां 2021 में विधानसभा चुनाव हुए थे। मोदी अभी भी पीएम के रूप में पहली पसंद मोदी उन सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री पद के लिए पहली पसंद हैं, जहां पिछले साल चुनाव हुए थे। हालांकि, तमिलनाडु और केरल में राहुल गांधी पीएम के पसंदीदा चेहरे के रूप में मोदी से भी पीछे नहीं हैं। इन पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 120 लोकसभा सीटें हैं और असम, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल में भाजपा की ताकत बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस तमिलनाडु में गठबंधन सहयोगी है और केरल में विपक्ष में है। यह पूछे जाने पर कि आपको क्या लगता है कि प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार कौन है, असम में 43 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने मोदी का समर्थन किया। उनके बाद केजरीवाल (11.62 प्रतिशत) और राहुल गांधी (10.7 प्रतिशत) का समर्थन किया। केरल में जहां से राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव जीता वहां 28 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि मोदी उनकी पसंदीदा पसंद हैं। इसके बाद राहुल गांधी (20.38 प्रतिशत) और केजरीवाल (8.28 प्रतिशत) हैं। तीसरे स्थान पर रहीं ममता बनर्जी इसी तरह, तमिलनाडु में जहां कांग्रेस सत्तारूढ़ द्रमुक की गठबंधन सहयोगी है वहां 29.56 उत्तरदाताओं ने मोदी को पीएम पद के लिए अपनी पसंदीदा पसंद के रूप में समर्थन दिया। उसके बाद राहुल गांधी (24.65 प्रतिशत) का रहा, जबकि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) 5.23 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। पश्चिम बंगाल में, मोदी ने 42.37 प्रतिशत उत्तरदाताओं के साथ उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन दिया, इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (26.08 प्रतिशत) और राहुल गांधी (14.4 प्रतिशत) है। पुडुचेरी में उत्तरदाताओं में से 49.69 ने मोदी के पक्ष में रहे, जबकि 11.8 प्रतिशत ने कहा कि वे अन्य कांग्रेस नेताओं को पसंद करते हैं। राहुल गांधी की स्वीकृति रेटिंग 3.22 प्रतिशत रही। इन पांच राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को मिलाकर, मोदी को 49.91 प्रतिशत की स्वीकृति रेटिंग मिली, उसके बाद राहुल गांधी (10.1 प्रतिशत), केजरीवाल (7.62 प्रतिशत), अन्य कांग्रेस नेता (5.46 प्रतिशत) और बनर्जी (3.23 प्रतिशत) हैं।
नई दिल्ली,राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय बैठक चल रही है। बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी नेताओं को वर्चुअली संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दुनिया की उम्मीद भरी नजरें भारत पर टिकी हैं और भारत की जनता का भरोसा भाजपा पर। प्रधानमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अगले 25 सालों के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी। साथ ही जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए लगातार काम करने पर जोर दिया जो पार्टी को उम्मीद व भरोसे की नजर से देख रहे हैं। 'भारत को ऊंचाई पर ले जाने को हैं अधीर, नहीं कर सकते आराम' प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'दुनिया आज भारत को बहुत उम्मीदों से देख रही है। ठीक वैसे ही भारत में भाजपा के प्रति, जनता का एक विशेष स्नेह है। देश की जनता भाजपा को बहुत विश्वास से, बहुत उम्मीद से देख रही है। हमें आराम ही तो नहीं करना है। आज भी हम अधीर हैं, बेचैन हैं, आतुर हैं क्योंकि हमारा मूल लक्ष्य, भारत को उस उंचाई पर पहुंचाना है जिसका सपना देश की आजादी के लिए मर-मिटने वालों ने देखा था।' प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ' देश की जनता की ये आशा-आकांक्षा हमारा दायित्व बहुत बढ़ा देती है।' कांग्रेस पर प्रधानमंत्री का हमला कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था जब लोगों का सरकार पर से विश्वास उठ गया था और न ही सरकार उस वक्त जवाबदेह थी। उन्होंने कहा ,'आजादी के बाद से ही वंशवाद और परिवार वाद ने देश का कितना भयंकर नुकसान किया है। परिवारवादी पार्टियों ने देश में भ्रष्टाचार को, धांधली को, भाई-भतीजा वाद को, इसी को आधार बनाकर देश का बहुत मूल्यवान समय बर्बाद किया है।' प्रधानमंत्री ने कहा, '2014 में लोगों ने नया इतिहास लिखने का फैसला लिया।' प्रधानमंत्री ने कहा, ' भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के आठ साल गरीबों के वेलफेयर, संतुलित विकास, सामाजिक न्याय व सुरक्षा के लिए रहा।' पार्टी के विकास में योगदान देने वालों को प्रधानमंत्री ने किया नमन प्रधानमंत्री ने कहा, 'जनसंघ से लेकर हमारी जो यात्रा शुरू हुई और भाजपा के रूप में फली-फूली, पार्टी के इस स्वरूप को, उसके विस्तार को देखते हैं, तो गर्व तो होता ही है, लेकिन इसके निर्माण में खुद को खपाने वाली पार्टी की सभी विभूतियों को मैं आज नमन करता हूं।' उन्होंने आगे कहा, 'हमें अगर सत्ताभोग ही करना होता तो भारत जैसे विशाल देश में कोई भी सोच सकता है कि इतना सारा मिल गया अब तो बैठो...लेकिन हमें ये रास्ता मंजूर नहीं है।' भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक गुरुवार को राष्ट्रीय महासचिवों की बैठक के साथ शुरू हुई। बैठक से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कुशाभाऊ ठाकरे और सुंदर सिंह भंडारी के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों में आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक 19 से 21 मई तक जयपुर में चल रही है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में उपाध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री और सभी मोर्चों के अध्यक्ष शामिल हैं। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री भी बैठक में मौजूद हैं। बैठक की अध्यक्षता नड्डा कर रहे हैं। बता दें कि इस साल के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे वहीं अगले साल छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में चुनाव होना है।
नई दिल्‍ली: टेरर फंडिंग केस में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने दोषी करार दिया है। यासीन पहले ही आरोपों को स्‍वीकार कर चुका था। दो दशक से भी ज्‍यादा समय तक घाटी में आतंकवाद फैलाने वाले यासीन मलिक को दोषी ठहराए जाने से पाकिस्‍तान को मिर्ची लगी है। यासीन पर एनआईए कोर्ट गुरुवार को अपना फैसला सुनाता, इससे पहले ही पाकिस्तान ने पैंतरे दिखाने शुरू कर दिए थे। बुधवार रात पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास प्रभारी को तलब कर लिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारी को आपत्तियों से जुड़ा एक दस्तावेज (डिमार्शे) सौंपा, जिसमें यासीन मलिक के खिलाफ 'मनगढ़ंत आरोप' लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई थी। मलिक ने गुनाह कबूले पर पाकिस्‍तान ने अलापा अलग ही राग पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि कश्मीरी हुर्रियत नेता मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है। भारत सरकार ने कश्मीरी नेतृत्व की आवाज को दबाने के लिए मलिक को फर्जी मामलों में फंसाया है। पाकिस्तान ने भारत सरकार से मलिक को सभी निराधार आरोपों से बरी करने और जेल से तत्काल रिहा करने का मांग की ताकि वह अपने परिवार से मिल सकें और अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सामान्य जीवन जी सकें। पाकिस्‍तान ने यह सब तब कहा है कि जब यासीन मलिक ऑन द रिकॉर्ड सभी गुनाह कबूल चुका है। आजीवन कारावास की सजा संभव, 25 को बहस यासीन पर सख्त गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोप भी शामिल हैं। यासीन पर जो धाराएं हैं, उनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है। अदालत में अब 25 मई को सजा पर बहस होगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों से कहा गया है कि वे यासीन की आर्थिक स्थिति का पता लगाएं ताकि उस पर जुर्माना लगाया जा सके। पिछली सुनवाई में यासीन ने अपने वकील को वापस ले लिया था। उसने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। वहीं सुनवाई से पहले ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए इलाके की घेराबंदी कर दी और मीडियाकर्मियों को सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर इंतजार करने को कहा। यासीन मलिक ने क्‍या-क्‍या कबूला? यासीन मलिक पर आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, अन्य गैरकानूनी गतिविधियों और कश्मीर में शांति भंग करने का आरोप है। मलिक ने इस मामले में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। सुनवाई की आखिरी तारीख पर उसने अदालत के सामने बताया कि वह धारा 16 (आतंकवादी अधिनियम), 17 (आतंकवादी अधिनियम के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), यूएपीए की धारा 20 (एक आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने के नाते) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) सहित अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का मुकाबला नहीं करेगा। इनपर भी तय हुए आरोप यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर, व्यवसायी जहूर अहमद शाह वटाली समेत कई अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेता हैं, जिन पर आपराधिक साजिश, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों के तहत भी आरोप तय किए गए हैं। यह मामला विभिन्न आतंकी संगठनों- लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल-मुजाहिदीन, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित है। यह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को बिगाड़ने के लिए आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देते हैं।
नई दिल्ली: ब्रिक्स समूह की डिजिटल बैठक थी। मेजबान चीन था। एक दिन खबर आई थी कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास चीन दूसरा पुल बना रहा है। इस माहौल में जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने संप्रभुता और अखंडता की बात करते हुए चीन को खूब सुनाया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर यूक्रेन संघर्ष का जिक्र किया लेकिन इशारों में चीन को आईना भी दिखाया। उन्होंने कहा, ‘ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान किया है। हमें उन प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए।’ विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब एक तरफ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबा खिंच रहा है उधर, यूक्रेन के खिलाफ रूस का आक्रमण जारी है। जयशंकर ने कहा, ‘ब्रिक्स को आतंकवाद, विशेषकर सीमापार आतंकवाद को लेकर बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने वाला रुख दिखाना चाहिए।’ खास बात यह है कि इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। उन्होंने ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि इतिहास और वास्तविकता दोनों हमें बताते हैं कि दूसरों की कीमत पर अपनी सुरक्षा की तलाश करना केवल नए तनाव और जोखिम पैदा करेगा। अगले महीने होने वाले ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में विदेश मंत्रियों की बैठक वीडियो लिंक के माध्यम से आयोजित की गई थी। जयशंकर ने क्या कहा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव के कारण ऊर्जा, खाद्य एवं अन्य उत्पादों की लागत में तीव्र वृद्धि हुई और विकासशील देशों को ध्यान में रखते हुए इसे कम किया जाना चाहिए। चीन, रूस एवं दो अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा कि ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता की बात की। BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) पांच बड़े विकासशील देशों का समूह है, जो 41 प्रतिशत वैश्विक आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स को एक 'सकारात्मक, प्रेरक और रचनात्मक पावर' करार दिया। उन्होंने कहा कि इस समूह को ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को स्थिर बनाने में मदद करनी चाहिए जब दुनिया अशांति से जूझ रही है। उन्होंने सभी देशों में साझा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये अपनी वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) को भी आगे बढ़ाया। शी ने कहा कि आज प्रमुख बदलावों और महामारी के प्रभाव को जोड़ा जा रहा है, और अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अस्थिरता, अनिश्चितता और असुरक्षा के कारक बढ़ रहे हैं। शी ने कहा, 'इसके बावजूद, शांति और विकास महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है...।' पैंगोंग में चीन का नया पुल, भारत की दो टूक विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह क्षेत्र दशकों से उस देश (चीन) के कब्जे में है और भारत ऐसे घटनाक्रम पर नज़र रखता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विदेश मंत्री जयशंकर की मार्च में की गई टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि अप्रैल 2020 से चीन की तैनाती के बाद से पैदा ‘तनाव और संघर्ष’ सामान्य संबंधों के माध्यम से दूर नहीं हो सकता है। बागची ने कहा कि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्षेत्र में दूसरे पुल का निर्माण किया जा रहा है या फिर पहले पुल में ही विस्तार किया जा रहा है। जनवरी में जब चीन द्वारा पैंगोंग सो क्षेत्र में पहले पुल के निर्माण की खबर आई थी तो विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह क्षेत्र पिछले 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, नया पुल दूसरे पुल के सामने बनाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मार्च में उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान इस सैन्य गतिरोध पर भारत के रुख से अवगत कराया था। बागची ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है और आगे भी यह जारी रहेगा।
नई दिल्ली, पीएम नरेन्द्र मोदी नेपालदौरे पर हैं। मोदी सोमवार सुबह वायुसेना के हेलिकाप्टर से लुंबिनी पहुंचे। लुंबिनी पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने उनका जोरदार स्वागत किया। मोदी लुंबिनी में सबसे पहले महामाया देवी मंदिर गए। माया देवी मंदिर में उन्होंने पूजा की। इस दौरान पीएम देउबा भी उनके साथ थे। दौरे पर हैं। मोदी सोमवार सुबह वायुसेना के हेलिकाप्टर से लुंबिनी पहुंचे। लुंबिनी पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने उनका जोरदार स्वागत किया। मोदी लुंबिनी में सबसे पहले महामाया देवी मंदिर गए। माया देवी मंदिर में उन्होंने पूजा की। इस दौरान पीएम देउबा भी उनके साथ थे। भारत और नेपाल में हमारी साझी विरासत के प्रतीक मौजूद संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सारनाथ, बोधगया और कुशीनगर से लेकर नेपाल में लुम्बिनी तक ये पवित्र स्थान हमारी सांझी विरासत और सांझी मूल्यों का प्रतीक है। हमें इस विरासत को साथ मिलकर विकसित करना है और आगे समृद्ध भी करना है। लुंबिनी में पीएम मोदी ने किया कार्यक्रम को संबोधित पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि नेपाल में लुम्बिनी म्यूज़ियम का निर्माण भी दोनों देशों के साझा सहयोग का उदाहरण है। आज हमने लुम्बिनी Buddhist University में डा. अम्बेडकर Chair for Buddhist Studies स्थापित करने का भी निर्णय लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वो सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। पीएम देउबा प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति पर जताई प्रसन्नता नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने लुंबिनी में बुद्ध जयंती कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी की इस पवित्र भूमि पर पीएम मोदी का स्वागत करते हुए आज बेहद खुशी हो रही है। इस पवित्र भूमि में इस विशेष समारोह में पीएम मोदी की उपस्थिति बेहद खास है। कुल छह समझौता पर हुए हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान आज कुल छह समझौता पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया। वहीं नेपील समकक्ष के साथ हुई द्विपक्षीय वार्ता में जल विद्युत, विकास और कनेक्टिविटी को लेकर चर्चा हुई।
लुंबिनी: दुनिया को शांति का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की जन्‍मस्‍थली लुंबिनी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेपाल में भारत के खिलाफ नई-नई चालें चल रहे चीनी ड्रैगन को करारा जवाब देने जा रहे हैं। बुद्ध की जन्‍मस्‍थली को 'लाल' रंग में रंगने की साजिश रचने वाले चीन को भारत अपने सॉफ्ट पावर से करारी चोट देने जा रहा है। भारत लुंबिनी में 1 अरब रुपये की सहायता से बौद्ध सांस्‍कृतिक केंद्र बनाने जा रहा है। यह वही जगह है जहां पर चीन की कम्‍युनिस्‍ट सरकार अपने 'डेब्‍ट ट्रैप' के जरिए 3 अरब डॉलर की सहायता से एक विश्‍व शांति केंद्र बनाना चाहती है। यही नहीं चीन की मंशा भारतीय सीमा से मात्र कुछ ही किमी की दूरी पर स्थित लुंबिनी तक अपनी रेलवे लाइन पहुंचाने की भी है। भारत और नेपाल के बीच लंबे समय से सांस्‍कृतिक रिश्‍ते बहुत मजबूत रहे हैं लेकिन नेपाल में केपी ओली की वामपंथी सरकार आने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्‍ते रसातल में पहुंच गए थे। चीन की राजदूत के इशारे पर केपी ओली ने भारत के खिलाफ कई जहरीले बयान दिए। हालांकि अब नेपाल में भारत समर्थक सरकार आ गई है और नेपाली कांग्रेस के नेता शेर बहादुर देउबा पिछले दिनों भारत के दौरे पर आए थे। नेपाल में बदले राजनीतिक माहौल के बाद पीएम मोदी एक बार फिर से दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक रिश्‍ते को मजबूत कर रहे हैं। भारत नेपाल में बौद्ध विरासत को और ज्‍यादा मजबूत करने के लिए 1 अरब रुपये से बौद्ध सांस्‍कृतिक केंद्र बना रहा है। पीएम मोदी ने नेपाल यात्रा में चीन को दिया साफ संदेश यही नहीं पीएम मोदी ने चीन के लुंबिनी के पास भैरवा में बनाए गए एयरपोर्ट पर नहीं उतरकर भी साफ कर दिया है कि वह भारतीय सीमा पर चीन के बढ़ते कदम को पसंद नहीं करते हैं। पीएम मोदी ने माया देवी मंदिर में पूजा भी की। नेपाल एक हिंदू राष्‍ट्र रह चुका है और अभी भी पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए लाखों लोग हर साल नेपाल जाते हैं। यही नहीं पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं जहां उन्‍होंने बाबा विश्‍वनाथ के मंदिर को नया रूप दिलाया है। इस तरह से भारत नेपाल के साथ अपने सांस्‍कृतिक संबंधों और अरबों डॉलर के निवेश के जरिए चीन के बढ़ते प्रभाव को करारा जवाब देने में जुट गया है। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा है लेकिन साल 2019 में दोबारा सत्तासीन होने के बाद वह पहली बार नेपाल पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नयी दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की पहल पर बनाये जा रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का भूमि पूजन करके उसकी आधारशिला रखेंगे। यह केंद्र बौद्ध विरासत और संस्कृति के लिये समर्पित होगा। नेपाल यात्रा से ठीक पहले पीएम मोदी ने कहा, 'मैं बुद्ध जयंती के शुभ अवसर पर मायादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिये उत्सुक हूं। मैं लाखों भारतीयों की तरह भगवान बुद्ध की पवित्र जन्मस्थली पर श्रद्धा अर्पित करने का अवसर पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।' नेपाल के साथ दोस्‍ती पर जोर दे रही है मोदी सरकार भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं पिछले महीने प्रधानमंत्री देउबा की भारत यात्रा के दौरान हुई हमारी उपयोगी चर्चा के बाद उनसे फिर से मिलने के लिये उत्सुक हूं। हम जलविद्युत, विकास और कनेक्टिविटी सहित कई क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिये अपनी साझा समझ का निर्माण करना जारी रखेंगे।' उन्होंने कहा, 'नेपाल के साथ हमारे संबंध अद्वितीय हैं। भारत और नेपाल के बीच सभ्यता से जुड़े और लोगों के आपसी संपर्क हमारे घनिष्ठ संबंधों को स्थायित्व प्रदान करते हैं।'' पीएम मोदी ने कहा, 'मेरी यात्रा का उद्देश्य समय के साथ मजबूत हुये इन संबंधों का उत्सव मनाना तथा इन्हें और प्रगाढ़ करना है। इन संबंधों को सदियों से प्रोत्साहन मिला है और जिन्हें हमारे आपसी मेल-जोल के लंबे इतिहास में दर्ज किया गया है।' भारत न केवल चीन के बढ़ते प्रभाव को करारा जवाब दे रहा है, बल्कि नेपाल के साथ चल रहे विभिन्‍न विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने पर जोर दे रहा है। दोनों ही देशों ने हाल ही में लिपुलेख समेत सीमा विवाद को सुलझाने की जरूरत पर जोर दिया था। भारत अब नेपाल को बौद्ध टूरिस्‍ट सर्किट से जोड़ने पर बल दे रहा है। यह नेपाल के लुंबिनी से शुरू होकर कुशीनगर में खत्‍म होगा। इसके लिए कुशीनगर में एक अंतरराष्‍ट्रीय अड्डा बनाया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री लुंबिनी को कुशीनगर, बोधगया, राजगीर, नालंदा और सारनाथ से जोड़ने पर बातचीत करेंगे। इसके अलावा रामायण सर्किट भी बनाया जा रहा है जिसके जरिए नेपाल और भारत के भगवान राम से जुड़े शहरों को आपस में जोड़ा जा सके। माना जा रहा है कि पश्चिमी सेती नदी पर भी चर्चा होगी। नेपाल ने चीन के विदेश मंत्री को दिया करारा झटका पीएम मोदी की यह नेपाल यात्रा ऐसे समय पर हुई जब पिछले दिनों ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी नेपाल के दौरे पर आए थे। नेपाल ने चीन के कर्जजाल को नकारते हुए वांग यी से साफ कह दिया है कि वह बीजिंग से लोन नहीं लेगा, हां अगर ग्रांट दी जाती है तो उसे वह स्‍वीकार करेगा। चीन की कोशिश है कि वह अपने बेल्‍ट एंड रोड परियोजना को नेपाल में बढ़ाए और उसे कर्ज दे लेकिन अभी तक शी जिनपिंग का यह ड्रीम प्रॉजेक्‍ट नेपाल में परवान नहीं चढ़ सका है। नेपाल को डर सता रहा है कि चीन से कर्ज लेकर उसका भी हाल श्रीलंका की तरह से हो सकता है जो अभी भयंकर आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में दो सिख भाइयों की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पाकिस्तान के पेशावर की है। दोनों भाई अपने मसाले की दुकान पर बैठे थे। तभी मोटरसाइकिल से अज्ञात हमलावर आए और उन्हें गोली मार कर चले गए। दोनों भाइयों की पहचान कर ली गई है। इनका नाम सुलजीत सिंह (42) और रंजीत सिंह (38) है। ये दोनों यहां मसाले का कारोबार करते हैं। घटना पर खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने संज्ञान लिया है। महमूद खान ने इस मामले में पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है। IG को उन्होंने सख्त एक्शन लेने को कहा है। आरोपी हमलावरों की तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी आरोपी कानून के शिकंजे से भाग नहीं सकेगा। उन्होंने कहा कि यह घटना शहर में शांतिपूर्ण माहौल और धार्मिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है। सरकार इस तरह के किसी भी कृत्य को इजाजात नहीं देगी। उन्होंने मृतकों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की आठ महीने में दूसरी घटना पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार कोई नई बात नहीं है। पिछले 8 महीने में इस तरह की ये दूसरी घटना है। इससे पहले 2021 के सितंबर महीने में सिख समुदाय से आने वाले हकीम सरदार सतनाम सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उनकी हत्या भी तब की गई जब वह अपनी दवा की दुकान पर बैठे थे। बदमाशों ने उनकी हत्या एक ऐसी जगह की थी जो पुलिस स्टेशन के करीब ही है। बिलावल भुट्टो ने जताया शोक इस घटना पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के पेशावर में लगभग 15 हजार सिख समुदाय के लोग रहते हैं। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग अपने व्यवसाय से जुड़े हैं।
शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के नए राष्ट्रपति होंगे। खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 61 वर्षीय नेता देश के तीसरे राष्ट्रपति नियुक्त किए गए हैं। उन्हें रणनीतिक योजना, प्रशिक्षण और डिफेंस कैपेबिलिटी को बढ़ावा देने के मामले में UAE सशस्त्र बलों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। वे शेख खलीफा के भाई हैं। राष्ट्रपति शेख खलीफा के निधन के बाद ये फैसला लिया गया है। रिपोर्ट्स में कहा गया- UAE की फेडरल सुप्रीम काउंसिल ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान को UAE का राष्ट्रपति चुना है। दुबई के शासक शेख मोहम्मद की अध्यक्षता में अबू धाबी के अल-मुशरिफ पैलेस में एक बैठक हुई, जिसमें नया राष्ट्रपति चुना गया। दुबई के शासक और UAE के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने उन्हें बधाई दी है। कौन हैं शेख मोहम्मद बिन जायद अल नह्यान ? UAE के सैन्य बलों के डेप्युटी सुप्रीम कमांडर हैं। उन्होंने ब्रिटेन की रॉयल मिलिट्री अकादमी सैंडहर्स्ट से ग्रेजुएशन किया है। नवंबर 2003 में उनके पिता जायेद बिन सुल्तान ने उन्हें अबू धाबी का उप युवराज नियुक्त किया। पिता की मौत के बाद 2004 में वे अबू धाबी के युवराज बन गए। शेख मोहम्मद अबु धाबी के 17वें अमीर यानी शासक होंगे। UAE के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जाएद अल नह्यान का शुक्रवार (13 मई) को निधन हो गया। शेख खलीफा के निधन की खबर आने के बाद, देश में 40 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। तीन दिन तक सभी सरकारी दफ्तर और मिनिस्ट्री बंद रहेंगी। इनमें प्राईवेट सेक्टर भी शामिल है।bhaskar
नयी दिल्ली,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के हर क्षेत्र और हर वर्ग के लोकप्रिय नेता हैं और उन्होंने सरकार के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठन को भी मजबूती प्रदान की। उन्होंने कहा कि देश की जनता को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और वे दिल से उन्हें प्यार भी करते हैं। शाह ने यह बात ‘‘मोदी@20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी’’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर अपने संबोधन में कही। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, कई केंद्रीय मंत्री, सांसद व वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश के हर गली व नुक्कड़ तक पहुंच गई और उसने उन सभी मिथकों को तोड़ दिया कि वह सिर्फ हिंदी भाषी लोगों की पार्टी है, उसका प्रभाव सिर्फ शहरी क्षेत्रों में है और वह किसानों की पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसे फैसले नहीं लेती है बल्कि मोदी सरकार ऐसे फैसले लेती है, जो लोगों के लिए अच्छे हों। उन्होंने कहा, ‘‘इतना बड़ा जनादेश मिलना (वर्ष 2014 में) और वह भी बगैर किसी आश्चर्य के, बगैर किसी पारिवारिक पृष्ठभूमि के, बिना किसी राजनीतिक पालन पोषण के...फिर प्रधानमंत्री के रुप में उन्हें एक और जनादेश मिलना (2019) मायने रखता है। यह दर्शाता है कि देश की जनता ने मोदी को अपने नेता के रूप में स्वीकार किया और वह दिल से उन्हें प्यार भी करती है। उन्होंने लोगों का भरोसा जीता है।’’ शाह ने कहा कि मोदी एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने एकसमान प्रतिबद्धता से संगठन के साथ ही साथ सरकार में भी काम किया है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनी और एक ऐसी पार्टी बनीं जो सर्वाधिक राज्यों में काम करती है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने कई मिथकों को भी तोड़ा है जैसे भाजपा हिंदी भाषी क्षेत्रों की पार्टी है। आज हम गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर और असम से लेकर मणिपुर तक शासन में हैं। इन सभी राज्यों में सरकारें बनाकर उन्होंने कई मिथकों को तोड़ा है।’’ केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मोदी की सोच में देश सबसे ऊपर है और वह वोट बैंक की राजनीति नहीं करते, बल्कि रचनात्मक तरीके से उच्च लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ते हुए सबसे बेहतर परिणाम लाने के लिए काम करते हैं। शाह ने मोदी को देश का ‘‘निर्विवाद’’ नेता करार दिया और कहा कि उनकी प्रामाणिकता व पारदर्शिता पर उनके राजनीतिक विरोधी भी आरोप नहीं लगा सकते। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी हर सोच में व्यापक दृष्टिकोण होता है। वह हमेशा रचनात्मक तरीके से और उच्च लक्ष्यों के लिए सोचते हैं। वह देश के लिए सबसे ज्यादा सोचते हैं। वह सबसे ज्यादा और बेहतर परिणाम लाने की सोचते हैं। इसलिए देश को उनपर भरोसा है।’’ शाह ने कहा कि मोदी में राष्ट्रभक्ति कूट-कूट कर भरी है और उनकी प्रामाणिकता व पारदर्शिता पर विरोधी भी आरोप नहीं लगा सकते। उन्होंने मोदी को एक बेहतरीन श्रोता बताया और कहा कि अक्सर व्यक्ति अपने स्वयं की, आसपास व परिवार की सोचता है और उसके बाद समाज की सोचता है लेकिन प्रधानमंत्री ने समाज को ही परिवार माना। शाह ने कहा कि मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वैश्विक पहचान दी और इसके लिए उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है और खुद को समर्पित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘शब्द या पुस्तक उनका (मोदी) वर्णन नहीं कर सकते हैं।’’ यह पुस्तक पीएम मोदी के पिछले 20 वर्षों के राजनीतिक जीवन को दर्शाती है, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से लेकर भारत के प्रधानमंत्री बनने तक का ब्यौरा शामिल हैं और इसे उद्योग और राजनीति के प्रख्यात बुद्धिजीवियों और व्यक्तित्वों द्वारा संकलित किया गया है। पुस्तक ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा संपादित और संकलित है। यह प्रख्यात बुद्धिजीवियों और विशेषज्ञों द्वारा लिखित अध्यायों का संकलन है। पुस्तक में योगदान देने वालों में सुधा मूर्ति, सद्गुरु, नंदन नीलेकणी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिवंगत महान गायिका लता मंगेशकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, उद्योगपति उदय कोटक, अभिनेता अनुपम खेर, बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा शामिल हैं।
कोलंबो: श्रीलंका में आसमान छूती महंगाई और जनता के हिंसक विरोध प्रदर्शन से हालात बेकाबू हो गए हैं। विवादों में चल रहे प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के मंगलवार को इस्‍तीफा देने के बाद भी प्रदर्शनकारियों का गुस्‍सा शांत नहीं हुआ और उन्‍होंने राजपक्षे के पैतृक घर में आग लगा दी। यही नहीं भारी हिंसा में 5 लोगों की मौत हो गई है जिसमें एक राजपक्षे की पार्टी के सांसद भी हैं। श्रीलंका के बेहद खराब हालात को देखते हुए अब गृहयुद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है। प्रदर्शनकारी राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्‍तीफे की मांग कर रहे हैं। श्रीलंका सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कर्फ्यू को अब बुधवार तक के लिए बढ़ा दिया है। श्रीलंका में 150 से ज्‍यादा लोग भारी हिंसा में बुरी तरह से घायल हुए हैं। यही नहीं श्रीलंका के आधिकारिक प्रधानमंत्री कार्यालय के अंदर से प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गई। महिंदा राजपक्षे के खिलाफ भड़के हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उन्‍होंने वहां खड़े ट्रक में आग लगा दी। प्रदर्शनकारी कर्फ्यू लगे होने के बाद भी देशभर में राजपक्षे के समर्थकों के घरों और संपत्तियों पर हमले कर रहे हैं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सौंपा इस्तीफा इससे पहले कोलंबो में हिंसक झड़पों और अशांति के बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति और अपने छोटे भाई गोटाबाया राजपक्षे को सौंपा। राजपक्षे समर्थकों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा सौंपा है। हिंसा में अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। हिंसा तब शुरू हुई जब सरकार समर्थक प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिन्होंने लगभग एक महीने से सरकार से इस्तीफा देने की मांग करते हुए राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री के आवास के प्रवेश द्वार पर कब्जा कर रखा था। राजपक्षे के समर्थकों ने सुबह महिंदा राजपक्षे से मुलाकात की और उनसे पद न छोड़ने का आग्रह किया। बाद में उन्होंने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया जो पहले पीएम के घर के सामने थे। उन्होंने पास में ही बनी झोपड़ियों (हट्स) को भी जला दिया। बाद में, उन्होंने राष्ट्रपति भवन के पास मुख्य सरकार विरोधी प्रदर्शन स्थल तक मार्च किया और वहां भी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। घटनास्थल का दौरा करने वाले मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा पर भी राजपक्षे समर्थकों ने हमला किया था। हालांकि जब हमलावर बसों में सवार होकर वापस जा रहे थे, तो विभिन्न स्थानों पर लोगों ने उन पर हमला कर दिया। चूंकि हिंसा जारी थी, इसलिए पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया। महीनों से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग इसके तुरंत बाद, श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली जे. चुंग ने एक ट्वीट में कोलंबो में हुई हिंसा की निंदा की। राजदूत ने कहा, हम आज शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हैं और सरकार से हिंसा भड़काने वाले किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने सहित पूरी जांच करने का आह्वान करते हैं। हमारी सहानुभूति घायल लोगों के साथ है और हम पूरे द्वीप में शांति और संयम का आग्रह करते हैं। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे ने भी बाद में ट्वीट कर हिंसा की निंदा की। हमले की निंदा करते हुए सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर मंगलवार को काम से दूरी बनाए रखेंगे। देश में भोजन, दवा, ईंधन और रसोई गैस सहित कई आवश्यक चीजों की भारी कमी के साथ, लोग महीनों से सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को निजी और सरकारी दोनों ट्रेड यूनियनों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री राजपक्षे दोनों के इस्तीफे की मांग करते हुए एक बड़ी हड़ताल शुरू की थी। ट्रेड यूनियनों ने बुधवार से पहले सरकार को इस्तीफा देने का अल्टीमेटम दिया था। इस बीच मुख्य विपक्ष ने राष्ट्रपति और पीएम को हटाने के लिए दो अविश्वास प्रस्ताव दायर किए हैं। मृत पाए गए राजपक्षे की सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बीच, सोमवार को सत्तारूढ़ पार्टी का एक सांसद गोली लगने के कारण मृत पाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सांसद के वाहन को प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया था, जिसके बाद वह घटनास्थल से भाग खड़े हुए। ऐसे भी आरोप लगाए गए हैं कि सांसद अमरकीर्ति अतुकोरला ने उनकी गाड़ी का रास्ता रोक रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं। हालांकि बाद में वो खुद पास ही में एक इमारत में मृत पाए गए। अपुष्ट रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सांसद अमरकीर्ति कोलंबो से लगभग 40 किलोमीटर दूर निताम्बुवा शहर में एक इमारत में मृत पाए गए। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उन्होंने खुद ही अपनी जान ले ली। एक सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद पिस्तौल लिए अपने अंगरक्षक के साथ फुटपाथ पर दौड़ रहे थे। सांसद द्वारा कथित रूप से गोली मारने के कारण घायल दो प्रदर्शनकारियों में से एक की हालत गंभीर है। सोमवार दोपहर को देश भर में हिंसा भड़क उठी, क्योंकि इस्तीफा देने वाले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे का समर्थन करने वाले असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिन्होंने दो स्थानों पर कब्जा कर रखा था। वे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के कार्यालय के प्रवेश द्वार और कोलंबो में महिंदा के आवास पर प्रदर्शन कर रहे थे।
कोलंबो: श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और उनका पूरा परिवार भारी सैन्‍य सुरक्षा के बीच नौसेना के त्रिंकोमाली नौसैनिक बेस में छिप गया है। इससे पहले सोमवार को हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को घेर लिया था और उसके अंदर कई पेट्रोल बम फेंके थे। यही नहीं प्रदर्शनकारियों ने घर के बाहर खड़ी गाड़‍ियों को जला दिया था। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए सुरक्षाकर्मियों को पीएम आवास के अंदर से गोलियां तक चलानी पड़ीं। मंगलवार की सुबह श्रीलंका की सेना भारी हथियारों के साथ लैस होकर किसी तरह से महिंदा राजपक्षे को उनके घर से निकाला। सूत्रों नेबताया कि श्रीलंका में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच महिंदा राजपक्षे को हेलिकॉप्‍टर की मदद से देश के पूर्वोत्‍तर इलाके में बने नौसैनिक अड्डे त्रिंकोमाली ले जाया गया है। उधर, अब प्रदर्शनकारी नौसैनिक बेस भी पहुंच गए हैं जो राजधानी कोलंबो से 270 क‍िमी की दूरी पर है। श्रीलंका की राजपक्षे सरकार ने हजारों की तादाद में सैनिकों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया है और कर्फ्यू लागू किया है। महिंदा राजपक्षे के इस्‍तीफा देने के बाद भड़की हिंसा में अब तक करीब 200 लोग घायल हुए हैं और 5 लोगों की मौत हो गई है। इसमें सत्‍तारूढ़ पार्टी के एक सांसद भी शामिल हैं। राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्‍तीफे की मांग तेज महिंदा राजपक्षे के इस्‍तीफे के बाद भी लोगों का गुस्‍सा शांत नहीं हुआ है और राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्‍तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी है। महिंदा राजपक्षे को सेना ने अलसुबह हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारियों के बीच से उनके आधिकारिक आवास से किसी तरह से निकाला। इस दौरान पुलिस हवा में गोलियां चलाती रही और आंसू गैस के गोले छोड़ती रही। एएफपी ने एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी के हवाले से कहा, 'कम से कम 10 पेट्रोल बम पीएम आवास के अंदर फेंके गए।' साल 1948 में श्रीलंका के आजाद होने के बाद देश अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहा है। इसके लिए राजपक्षे परिवार को जिम्‍मेदार ठहराया जा रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस चाहते हैं कि श्रीलंका के लोग अपने देश में संकट का समाधान बातचीत के जरिए ढूंढे। उनके उप प्रवक्ता फरहान हक ने यह जानकारी दी। हक ने कहा, ‘हम सभी श्रीलंकाई हितधारकों को बातचीत के माध्यम से और देश और लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।’ गोटबाया राजपक्षे ने द्वीपीय राष्ट्र में कर्फ्यू की घोषणा की महिंदा राजपक्षे ने अपने भाई, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना इस्तीफा दे दिया। राजपक्षे परिवार के समर्थकों और उसके विरोधियों के बीच संघर्ष और पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शनों को रोकने के प्रयासों से देश में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। गोटबाया राजपक्षे ने द्वीपीय राष्ट्र में कर्फ्यू की घोषणा की है। हक ने कहा, ‘हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हालिया हिंसा के बारे में भी चिंतित हैं, और हम शांत और संयम के साथ-साथ लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हैं, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विधानसभा का अधिकार शामिल है।’
करनाल: दिल्ली से महज ढाई घंटे की दूरी पर बड़ी आतंकी साजिश बेनकाब हुई है। हरियाणा के करनाल (Karnal Terrorist News) जिले से चार संदिग्ध आतंकवादियों (Babbar Khalsa Terrorists) को गिरफ्तार किया गया है। इसके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार बरामद विस्फोटकों में तीन आईईडी भी शामिल हैं। चंडीगढ़, करनाल आईबी की टीम पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस की कई टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं। इसके अलावा बम निरोधक दस्ता भी मौके पर मौजूद है। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो आतंकियों ने दिल्ली को दहलाने की साजिश रची थी। गनीमत ये रही कि चाक-चौबंद सुरक्षा एजेंसियों की वजह से इन्हें दिल्ली पहुंचने से पहले ही पकड़ लिया गया। बसताड़ा टोल प्लाजा से गिरफ्तार चारों संदिग्ध आतंकी करनाल और दिल्ली के बीच 118 किलोमीटर का फासला है। माना जा रहा है कि अगर आतंकी दिल्ली पहुंचने में कामयाब हो जाते तो बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते थे। चारों संदिग्ध आतंकवादियों को गुरुवार सुबह 4 बजे करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आतंकियों के बारे में खुफिया इनपुट मिला था। ये सभी इनोवा गाड़ी में जा रहे थे। शुरुआती जांच में पता चला है कि ये सभी पंजाब से दिल्ली की तरफ जा रहे थे। इनोवा से तीन आईईडी, पिस्तौल और 31 कारतूस जब्त आतंकी एक इनोवा में सवार होकर करनाल के रास्ते दिल्ली पहुंचने की फिराक में थे। लेकिन हाल ही में पंजाब के पटियाला में हुई हिंसा और तमाम खुफिया इनपुट की वजह से सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट थीं। आतंकियों की इनोवा से हथियारों का जखीरा जब्त हुआ है। गाड़ी से एक पिस्तौल, तीन आईईडी और 31 कारतूस बरामद हुए हैं। बब्बर खालसा से आतंकियों का संबंध! आईबी की रिपोर्ट पर नाका लगाया गया और इनकी गिरफ्तारी हुई है। घटना के तुरंत बाद ही आसपास के जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। करनाल में नाके लगा दिए गए हैं। आने-जाने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए आतंकियों का संबंध बब्बर खालसा से है। ड्रोन से आतंकियों को हथियारों की सप्लाई! अब तक की जांच में इस पूरी साजिश में पाकिस्तान लिंक की बात भी सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए बब्बर खालसा के संदिग्ध आतंकियों को पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाई की गई थी। उनके कब्जे से गोला-बारूद के कंटेनर भी पकड़े गए हैं। पाकिस्तान में मौजूद खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा से आतंकियों के संबंध बताए जा रहे हैं। बम डिस्पोजल स्क्वॉड की टीम मौके से मिले विस्फोटकों को निष्क्रिय करने में जुटी है। महाराष्ट्र के नांदेड़ जाने की फिराक में थे आतंकी? पुलिस का कहना है कि पकड़े गए चारों संदिग्ध बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस के मुताबिक तीन संदिग्ध आतंकी पंजाब के फिरोजपुर जिले के रहने वाले हैं और चौथा संदिग्ध लुधियाना का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के रास्ते ये संदिग्ध आतंकी महाराष्ट्र के नांदेड़ जा रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस आतंकी नेटवर्क के तार पाकिस्तान से जुड़े हो सकते हैं।
करनाल: करनाल में पकड़े गये आतंकवादी भारत को दहलाने की फिराक में थे। वे किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते थे। हमेशा की तरह इस बार भी आतंकियों को पाकिस्‍तान से हैंडल किया जा रहा था। अभी तक हुई जांच में जो बातें सामने आई हैं, उसके अनुसार ड्रोन की मदद से हथि‍यार भेजे गये थे और इसके तार पाकिस्‍तान में छिपे बब्बर खालसा (खालिस्तान समर्थक संगठन) से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि पाक में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिदा से पकड़े गए आतंकियों का कनेक्शन है। ड्रोन से भेजे गये हथ‍ियार, ऐप पर भेजी लोकेशन करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने बताया क‍ि पकड़े गये युवकों का नाम गुरप्रीत, अमनदीप, परमिंदर, भूपिंदर है। इनकी उम्र लगभग 20 से 25 साल के बीच है। इसमें से तीन पंजाब के फिरोजपुर और एक लुधियाना का रहने वाला है। पुलिस ने आगे बताया क‍ि ये चारों आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा (Harvinder Singh alias Rinda) से जुड़े थे। उसी ने ड्रोन के जरिये पाकिस्तान से फिरोजपुर में ये हथियार भेजे थे। सूत्रों के मुताबिक रिंदा ने ड्रोन से हथियारों की सप्लाई के बाद उनकी लोकेशन एक ऐप के जरिए पकड़े गए आतंकियों तक भेजी थी। इनोवा से तीन आईईडी, पिस्तौल और 31 कारतूस जब्त आतंकी एक इनोवा में सवार होकर करनाल के रास्ते दिल्ली पहुंचने की फिराक में थे। लेकिन हाल ही में पंजाब के पटियाला में हुई हिंसा और तमाम खुफिया इनपुट की वजह से सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट थीं। आतंकियों की इनोवा से हथियारों का जखीरा जब्त हुआ है। गाड़ी से एक पिस्तौल, तीन आईईडी और 31 कारतूस बरामद हुए हैं। यूएपीए और विस्फोटक कानून की धाराओं में केस दर्ज इस बीच हरियाणा पुलिस ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक यूएपीए ऐक्ट की धारा 13, 18 और 20 के अलावा विस्फोटक कानून-1908 की धारा-4, 5 और आर्म्स ऐक्ट की धारा-25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का इस मामले पर बयान आया है। सीएम खट्टर ने कहा, 'पंजाब से हमें खबर मिली थी जिसके आधार पर हमने गाड़ी पकड़ी है, जिसमें असलहा मिला है और कुछ लोग भी पकड़े हैं। जांच के बाद ही उनका मकसद पता चलेगा। अभी ये जानकारी है कि ये हरियाणा की घटना नहीं थी, वे हरियाणा पार कर रहे थे।' कौन है मास्‍टरमाइंड हरविंदर सिंह रिंदा? 8 नवंबर 2021 को नवांशहर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की इमारत पर आतंकी हमले को अंजाम देने के पीछे हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा का ही हाथ बताया जाता है। इस घटना के बाद से वह गायब है। रिंदा पंजाब के तरनतारन जिले का रहने वाला है। बचपन में ही वह अपने पर‍िवार के साथ महाराष्ट्र के नांदेड़ में बस गया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार रिंदा ने 18 साल की उम्र में पारिवारिक विवाद के चलते तरनतारन में अपने एक रिश्तेदार की हत्या कर दी थी। नांदेड़ साहिब में उसने स्थानीय व्यापारियों से जबरन वसूली शुरू कर दी और दो लोगों की हत्या कर दी। पुलिस को उसे कई मामलों में तलाश है। महाराष्ट्र के नांदेड़ जाने की फिराक में थे आतंकी? पुलिस का कहना है कि पकड़े गए चारों संदिग्ध बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पुलिस के मुताबिक तीन संदिग्ध आतंकी पंजाब के फिरोजपुर जिले के रहने वाले हैं और चौथा संदिग्ध लुधियाना का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के रास्ते ये संदिग्ध आतंकी महाराष्ट्र के नांदेड़ जा रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इस आतंकी नेटवर्क के तार पाकिस्तान से जुड़े हो सकते हैं।
जर्मनी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बर्लिन के पॉट्सडैमर प्लाज थिएटर में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों के बीच ड्रम भी बजाया। यह कार्यक्रम भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित किया गया था। पीएम ने करीब एक घंटे की अपनी स्पीच में अपनी सरकार के कामकाज गिनाए। पीएम ने कांग्रेस पर इशारों-इशारों में खूब चुटकी ली। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में बड़ी संख्या में लोगों के खाते में सीधे लाभ पहुंचा है। बिना किसी बिचौलिए के। कोई कट मनी नहीं। अब किसी प्रधानमंत्री को नहीं कहना पड़ेगा कि एक रुपया भेजता हूं तो 15 पैसे पहुंचता है। पीएम ने नाम लिए बगैर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वो कौन सा पंजा था जो 85 पैसे घिस लेता था। बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने एक बार भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी बात कही थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार लोगों के विकास के लिए 1 रुपए भेजती है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण आम लोगों तक 15 पैसे ही पहुंच पाता है। 85 पैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है जो बिचौलिए खा जाते हैं। आज वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड नहीं, काम बोलता है पीएम मोदी ने कहा कि देश आज हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। उन्होंने कहा कि पहले जहां जाइए, वर्क इन प्रोग्रेस का बोर्ड लगा होता था। अब देश भी वही है, फाइल भी वही है, सरकारी मशीनरी भी वही है लेकिन देश बदल गया है। अब भारत छोटा नहीं सोचता। भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी सबसे तेज है। अब 5जी आने वाली है। उन्होंने कहा कि भारत आज छोटा नहीं सोचता। रियल टाइम पेमेंट में सबसे अधिक भागीदारी भारत की है। भारत आकांक्षी और युवा, तेज विकास चाहता है पीएम ने देश के विकास के रोडमैप को भी शेयर किया। उन्होंने कहा- आज का आकांक्षी भारत, आज का युवा भारत, देश का तेज विकास चाहता है। वो जानता है कि इसके लिए राजनीतिक स्थिरता और प्रबल इच्छाशक्ति कितनी आवश्यक है। इसलिए भारत के लोगों ने तीन दशकों से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता के वातावरण को एक बटन दबाकर खत्म कर दिया। भारत संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है मोदी ने कहा- आज का भारत मन बना चुका है, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। और आप भी जानते हैं कि जब किसी देश का मन बन जाता है तो वो देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है। देश ने बहुमत वाली सरकार चुनी पीएम ने कहा- सकारात्मक बदलाव और तेज विकास की आकांक्षा ही थी कि जिसके चलते 2014 में भारत की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी। ये भारत की महान जनता की दूरदृष्टि है कि साल 2019 में उसने, देश की सरकार को पहले से भी ज्यादा मजबूत बना दिया। यह 21वीं सदी का भारत है मोदी ने कहा- 21वीं सदी का ये समय, भारत के लिए, हम भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज का भारत मन बना चुका है, संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। और आप भी जानते हैं कि जब किसी देश का मन बन जाता है तो वो देश नए रास्तों पर भी चलता है और मनचाही मंजिलों को प्राप्त करके भी दिखाता है। देश के करोड़ों लोग ड्राइविंग फोर्स पीएम ने कहा- देश आगे बढ़ता है जब देश के लोग उसके विकास का नेतृत्व करें, देश आगे बढ़ता है, जब देश के लोग उसकी दिशा तय करें। अब आज के भारत में सरकार नहीं बल्कि देश के करोड़ों लोग ही ड्राइविंग फोर्स है। सरकार के काम गिनाए पीएम ने अपनी सरकार की कार्य प्रणाली का खूब बखान किया। उन्होंने कहा- आज भारत… ईज ऑफ लिविंग- क्वालिटी ऑफ लाइफ, ईज ऑफ इम्प्लॉयमेट-क्वालिटी ऑफ एजुकेशन, ईज ऑफ मॉबिलिटी- क्वालिटी ऑफ ट्रैवल, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस-क्वालिटी ऑफ सर्विस और क्वालिटी ऑफ प्रोडक्ट। हर क्षेत्र में तेजी से काम कर रहा है, नए आयाम स्थापित कर रहा है। पीएम गतिशक्ति योजना का भी जिक्र Silos को तोड़ने के लिए अब हमने पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान बनाया है। हम हर departmental silos को तोड़कर, infrastructure से जुड़े हर project में सभी stakeholders को एक ही platform पर लेकर आए हैं। अब सरकारें, सभी विभाग, अपने-अपने हिस्से का काम एडवांस में प्लान कर रहे हैं। आज भारत में गवर्नेंस में टेक्नॉलॉजी का जिस तरह इनक्लूजन किया जा रहा है, वो नए भारत की नई पॉलिटिकल विल भी दिखाता है और डेमोक्रेसी की डीलिवरी क्षमता का भी प्रमाण है। नया भारत अब सिर्फ सिक्योर फ्यूचर की नहीं सोचता, बल्कि रिस्क लेता है, इनोवेट करता है, इन्क्युबेट करता है। मुझे याद है, 2014 के आसपास, हमारे देश में 200-400 ही स्टार्ट अप्स हुआ करते थे। आज 68 हजार से भी ज्यादा स्टार्टअप्स हैं, दर्जनों यूनिकॉर्न्स हैं। गुजरात का CM रहते किस्सा सुनाया मुझे याद है मैं गुजरात में सीएम की नौकरी करता था तो बाबुओं से पूछता कि बच्चे क्या करते हैं तो कहते थे आईएएस की तैयारी कर रहे हैं। आज भारत सरकार के बाबुओं के पूछता हूं कि बच्चा क्या करता है तो कहते हैं कि स्टार्ट अप में लग गया है। आज नए ड्रोन बनाना हो नया काम करना हो तो भारत में नर्चर वातावरण है। यह बहुत बढ़ा परिवर्तन है। लोकल को ग्लोबल बनाने में आप मेरा साथ दें दायरा देखिए, मैं जिस ताकत से स्टार्ट अप की बात करता हूं उसी ताकत से खादी की भी बात करता हूं। भारत के लोकल को ग्लोबल बनाने में आप मेरा साथ दीजिए। आप यहां लोगों को अपने देश की खूबसूरती औरत भारत के लोकल की ताकत बता सकते हैं। जिसके पास ये ताकत है वह हिंदुस्तान के लोकल को जर्मनी की धरती पर ग्लोबल बना सकता है। मैं आप पर भरोसा करता हूं आप ये जरूर करोगे। योग हमारी ताकत हमारे योग, हमारी ट्रेडिशनल मेडिसिन हमारी ताकत हैं। भारत के ऋषि मुनियों के योग की इतनी ताकत है कि आप नाक पकड़ना सिखाकर भी डॉलर कमा सकते हैं। 21 जून को इंटरनेशनल योग डे है अभी से टोलियां बनाकर हर किसी को योग सिखा दो। एलईडी के उपयोग से बचाई बिजली भारत का हर घर अब एलईडी का उपयोग कर रहा है। 37 करोड़ बल्ब ऊर्जा योजना मेंे बांटे है। इससे 48 अरब किलो वाट अवर बिजली बची है। चार करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है। ऐसे ही प्रयासों से भारत ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र में नया आयाम जोड़ रहा है। जर्मनी भी इसमें साथ आाया है। गांव का तालाब बनाने में सहयोग दें देश में 500 दिनों में 50 हजार तालाब बनेंगे या पुराने तालाबों को ठीक किया जाएगा। आप इस अभियान से जुड़ सकते हैं। आप जिस गांव से आए हैं वहां अमृत सरोवर बनाने में सहयोग करें। आपको भी आनंद मिलेगा। हम तो वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं। आपके सारे सपने पूरे हों ये मेरी आपके लिए शुभकामनाएं हैं।
नयी दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की और इस समुदाय को दुनिया के देशों के साथ भारत के संबंधों की एक प्रमुख कड़ी करार देते हुए कहा कि ‘‘नया भारत’’ पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है तथा देश की इस बढ़ती हुई साख से सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर इस सिख प्रतिनिधिमंडल की अगवानी करने के बाद उन्हें संबोधित करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में और आजादी के बाद भी सिख समाज का देश के लिए जो योगदान है, उसके लिए पूरा भारत कृतज्ञता का अनुभव करता है। इस प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले सिख समुदाय के लोग शामिल थे। इनमें बड़ी संख्या में प्रवासी थे। कनाडा, ईरान और फ्रांस सहित विभिन्न देशों की यात्राओं के दौरान प्रवासी सिखों से हुई अपनी मुलाकातों को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब भी वह विदेश दौरों पर जाते हैं, तो उन्हें सिखों की संगत का सौभाग्य मिलता है। मरून रंग की सिख पगड़ी पहने प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सिख समुदाय ने भारत और दूसरे देशों के रिश्तों की कड़ी बनने का काम किया है।’’ उन्होंने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह का योगदान हो, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई हो या जलियांवाला बाग हो, इनके बिना न भारत का इतिहास पूरा होता है और न हिंदुस्तान पूरा होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिना किसी संसाधन के भारत के लोग गए और अपने श्रम से सफलता के मुकाम हासिल किए और यही भावना आज ‘‘नए भारत’’ की भावना बन गई है मोदी ने कहा कि वह प्रवासी भारतीयों को हमेशा से भारत का ‘‘राष्ट्रदूत’’ मानते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी भारत से बाहर मां भारती की बुलंद आवाज हैं... बुलंद पहचान हैं। भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है... आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है।’’ सिख परंपरा को ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की जीवंत परंपरा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुओं ने आत्मसम्मान और मानव जीवन के गौरव का जो पाठ पढ़ाया, उसका प्रभाव हर सिख के जीवन में दिखता है। उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के अमृत काल में आज यही देश का भी संकल्प है। हमें आत्मनिर्भर बनना है, गरीब से गरीब व्यक्ति का जीवन बेहतर करना है।’’ प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई का उल्लेख करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत में कई प्रकार के सवाल उठाए जा रहे थे, लेकिन आज भारत टीकों का ‘‘सबसे बड़ा सुरक्षा कवच’’ तैयार करने वाला देश बनकर उभरा है। उन्होंने कहा, ‘‘नया भारत नए आयामों को छू रहा है, पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है। कोरोना महामारी का यह कालखंड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।’’ मोदी ने कहा कि कोरोना के इसी कालखंड में भारत दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इको-सिस्टम में से एक बनकर उभरा और उसके ‘यूनिकॉर्न’ की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत का ये बढ़ता हुआ कद... ये बढ़ती हुई साख... इससे सबसे ज्यादा किसी का सिर ऊंचा होता है तो वह हमारा डायस्पोरा है।’’ लंगर को कर मुक्त करने, हरमिंदर साहिब को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की अनुमति और करतारपुर साहिब कॉरीडोर के निर्माण जैसे केंद्र सरकार के कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि गुरुद्वारों के आसपास स्वच्छता बढ़ाने से लेकर उन्हें बेहतर अवसंरचना से जोड़ने तक उनकी सरकार आज हरसंभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम को ‘‘सद्भावना’’ का नाम दिया गया था। पिछले कुछ समय से मोदी सिख समुदाय से लगातार मिलते रहे हैं और उनसे संवाद करते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सिखों के नौंवे गुरु तेग बहादुर की जयंती पर लाल किले पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और सिख समुदाय को संबोधित भी किया था। प्रतिनिधमंडल के कई सदस्यों ने सिख समुदाय के लिए किए गए कार्यों को लेकर मोदी की सराहना की। पंजाब साहित्य अकादमी की अध्यक्ष सरबजीत कौर सोहल ने कहा कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर और गुरु तेग बहादुर की जयंती मनाना महत्वपूर्ण है और सिख समुदाय प्रधानमंत्री को बहुत पसंद करता है। सोनी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन पी सिंह ने मोदी के संबोधन को प्रेरक बताया और कहा कि वह राष्ट्र निर्माण में लगे हुए हैं। कनाडा की पहली भारतीय सांसद रूबी कुमार धल्ला ने कहा कि मोदी ने सिख गुरुओं के आदर्शों को अपने जीवन में उतारा है। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान वहां मौजूद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कई दफा ‘‘जो बोले सो निहाल’’ ‘‘सतश्री अकाल’’ का जयकारा लगाया। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन की शुरुआत इसी जयकारे से की और समापन ‘‘वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह’’ से किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अदालतों में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर जोर देते हुए शनिवार को कहा कि इससे न्याय प्रणाली में आम नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और वे इससे अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे। मोदी ने यहां मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन (CM And High Court Chief Justice Joint Conference) को संबोधित करते हुए कहा, ''हमें अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इससे न केवल आम नागरिकों का न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा बल्कि वे इससे अधिक जुड़ाव भी महसूस करेंगे। '1800 कानूनों में 1450 को किया समाप्त' प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से न्याय प्रदान करने को आसान बनाने के लिए पुराने कानूनों को निरस्त करने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ''2015 में, हमने लगभग 1,800 कानूनों की पहचान की, जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से, केंद्र के ऐसे 1,450 कानूनों को समाप्त कर दिया गया। लेकिन, राज्यों ने केवल 75 ऐसे कानूनों को समाप्त किया है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भारत स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ (75th Year Of Independence) मना रहा है, तो एक ऐसी न्यायिक प्रणाली के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, जहां न्याय आसानी से उपलब्ध, त्वरित और सभी के लिए हो। उन्होंने कहा, ''हमारे देश में, जहां न्यायपालिका की भूमिका संविधान के संरक्षक की है, वहीं विधायिका नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। मेरा मानना है कि इन दोनों का संगम एक प्रभावी व समयबद्ध न्यायिक प्रणाली के लिए रोडमैप तैयार करेगा।'' निरंतर स्पष्ट हुईं ज्यूडिशरी और एग्जीक्यूटिव की भूमिका भारत सरकार न्याय व्यवस्था में तकनीकी की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। उदाहरण के तौर पर, ई-कोर्ट परियोजना को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज छोटे कस्बों और यहां तक कि गांवों में भी डिजिटल ट्रांसजेक्शन आम बात होने लगी है। मोदी ने आगे कहा कि आज का सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। आज़ादी के इन 75 सालों ने ज्यूडिशरी और एग्जीक्यूटिव (Judiciary And Executive) दोनों के ही भूमिका और जिम्मेदारियों को निरंतर स्पष्ट किया है। जहां जब भी जरूरी हुआ,देश को दिशा देने के लिए ये संबंध लगातार विकसित हुआ है। '2047 में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहते हैं?' 2047 में जब देश अपनी आज़ादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे? हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएँ कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा
नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले दो साल से चल रहे तनाव के बीच इंडियन आर्मी ने माउंटेड गन सिस्टम की जरूरत बताई है। आर्मी को नॉर्दर्न बॉर्डर यानी चीन सीमा के लिए माउंटेड गन सिस्टम चाहिए। अभी आर्मी के पास जो गन सिस्टम हैं वे टोड हैं यानी उन्हें गाड़ी के पीछे हुक में फंसाकर खींचकर इधर उधर ले जाया जाता है। माउंटेड गन सिस्टम को गाड़ी के ऊपर रखकर ले जाया जा सकेगा। इसके लिए आर्मी ने आरएफआई यानी रिक्वेस्ट फॉर इंटरेस्ट जारी किया है। जो भी कंपनियां इंडियन आर्मी की जरूरत पूरी कर सकती है वह इस आरएफआई के आधार पर अप्लाई कर सकती हैं। किसी भी हथियार या वेपन सिस्टम को खरीदने के लिए आरएफआई पहला चरण है। इंडियन आर्मी का जोर स्वदेशी वेंडर से ही खरीद पर रहेगा। आर्मी के एक अधिकारी के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में तीखे मोड़ों पर टोड गन सिस्टम को ले जाने में दिक्कत होती है लेकिन उन जगहों पर माउंटेड गन सिस्टम को आसानी से ले जाया जा सकता है। इसलिए आर्मी अब माउंटेड गन सिस्टम पर जोर दे रही है। पिछले साल आर्मी ने 155 एमएम कैलिबर की माउंडेट गन सिस्टम का आरएफआई भी जारी किया था। अब आर्मी ने कहा है कि उन्हें 105 एमएम/ 37 कैलिबर के माउंटेड गन सिस्टम की भी जरूरत है। इस सिस्टम से वे सभी किस्म के एम्युनिशन फायर हो सकें, जो इंडियन आर्मी अभी इस्तेमाल कर रही है। यह सिस्टम नॉर्दर्न बॉर्डर के पहाड़ों और हाई एल्टीट्यूट एरिया में इस्तेमाल करने के लिए सक्षम होना चाहिए। फायर कंट्रोल सिस्टम ऐसा होना चाहिए जो दिन-रात काम कर सके। गन सिस्टम में बिल्ट इन टेस्ट फैसिलिटी (BITE) होनी चाहिए जिससे कुछ भी गड़बड़ी हो उसे पकड़ा जा सके और रिपेयर किया जा सके। सिस्टम में कम से कम 50 पर्सेंट कंटेंट स्वदेशी होना चाहिए। इंडियन आर्मी के पास अभी भी 105 एमएम की गन हैं, हालांकि ये टोड हैं। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना ने एम-777 होवित्जर गन (तोप) भी तैनात की हैं लेकिन ईस्टर्न लद्दाख में अब भी सबसे ज्यादा स्वदेशी 105 एमएम कैलिबर की गन तैनात हैं, माउंटेन एरिया के लिए ये काफी अहम हैं क्योंकि ये हल्की हैं। इंडियन आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि 105 एमएम गन अभी भी बेहद अच्छा कर रही हैं और पहाड़ों के लिए बहुत जरूरी हैं।
चंडीगढ़: पंजाब के पटियाला में शुक्रवार दोपहर जुलूस निकालने को लेकर खालिस्तान समर्थकों और हिंदूवादी संगठन शिवसेना (बाल ठाकरे) के बीच हिंसक झड़प हो गई। बवाल इतना बढ़ा कि दोनों ओर से पत्थर और तलवारें चलने लगीं। इसमें एक एसएचओर समेत तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने बेहद संयम के साथ स्थिति को संभाला। हिंसा पर काबू पाने के लिए एसएसपी ने मौके पर पहुंचकर हवाई फायर किए। इस हिंसा में खालिस्तानी ऐंगल भी सामने आ रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बवाल के दौरान खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए जा रहे थे। आखिर झगड़े की जड़ क्या थी दरअसल खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पुन्नू की ओर से शुक्रवार को खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का ऐलान किया गया था। पुन्नू ने हरियाणा के डीसी दफ्तरों पर पर झंडे फहराने का ऐलान किया था। शिवसेना (बाल ठाकरे) नाम के संगठन ने इसके खिलाफ पटियाला में खालिस्तानी मुर्दाबाद मार्च निकालने का ऐलान किया था। शुक्रवार दोपहर शिवसेना (बालठाकरे) नाम के इस संगठन ने मार्च निकाला, तो दूसरी तरफ खालिस्तान समर्थकों ने इसका विरोध किया। इससे तनाव बढ़ गया और फिर पत्थरबाजी और बवाल शुरू हो गया। पथराव और तलवार से एक दूसरे पर हमला इसके बाद सड़क पर ही दोनों संगठनों के बीच संग्राम छिड़ गया। पत्थर और तलवारें चलने लगीं। पुलिस ने तुरंत मौके पर आकर स्थिति को संभाला। पुलिस ने इस दौरान बेहद सूझबूझ का इस्तेमाल किया और बहुत बलप्रयोग नहीं किया। इस दौरान छत से पत्थरबाजी होती रही। वहीं खालिस्तान समर्थक संगठन के कार्यकर्ता तलवारें निकालकर लहराने लगे। इस झड़प में एक एसएचओ घायल हो गए। डीसी ऑफिस में खालिस्तानी झंडा फहराने की दी थी धमकी गुरुग्राम पुलिस ने 16 अप्रैल को खालिस्तान विचारक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ राजद्रोह का एक मामला दर्ज किया था। पन्नू ने यह घोषणा की थी कि गुरुग्राम से लेकर हरियाणा के अंबाला तक सभी एसपी और डीसी कार्यालयों में खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। पुलिस ने बताया कि पन्नू ने यूट्यूब चैनल पर यह घोषणा की थी। प्रतिबंधित संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गुरुग्राम के साइबर क्राइम थाना में केस दर्ज हुआ था। पन्नू पर देशद्रोह, दो समुदायों को भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज है। गुरपतवंत ने पंजाब को भारत से अलग करने और 29 अप्रैल को गुरुग्राम से लेकर अंबाला तक सभी डीसी व एसपी आफिस पर खालिस्तान का झंडा फहराने के ऐलान का वीडियो बनाया था।
वाशिंगटन: चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) पर भारत को जरूरी उपकरणों और अन्य साम्रगी की मदद करना अमेरिका जारी रखेगा। अमेरिकी सेना के एक शीर्ष एडमिरल ने सीनेट के सदस्यों से यह कहा। उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच एक 'मजबूत रक्षा साझेदारी' है, जो जारी रहेगी। अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य स्थिति पर संसद (कांग्रेस) के उच्च सदन सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष दिए गए अपने एक बयान में कहा कि दोनों देशों (भारत और अमेरिका) के बीच रक्षा साझेदारी एवं सैन्य संबंध बेहद मजबूत हैं, इसलिए अमेरिका भारत की मदद करना जारी रखेगा। इससे पहले जॉन एक्विलिनो ने अमेरिकी संसद में भारत-चीन के बीच संबंधों पर चिंता जाहिर की थी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा के दौरान उन्होंने सांसदों से कहा था कि अक्टूबर, 2021 में चीनी सांसदों ने सीमावर्ती जमीन के संबंध में एक कानून पारित किया था। यह उनकी संप्रभुता और सीमा सुरक्षा में पीएलए की भूमिका बढ़ाने के संबंध में था। यह कानून जनवरी, 2022 से प्रभावी हुआ है। इसमें वह क्षेत्र संबंधी विवाद को दूर करने के लिए सेना का अधिकाधिक उपयोग करेगा। हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने कहा कि भारत-चीन सीमा (एलएसी) पर अमेरिका की पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि चीन से लगे एलएसी पर भारत बड़े मुश्किल हालात का सामना कर रहा है।
वाशिंगटन : अमेरिका में एक भारतीय-अमेरिकी संगठन ने भारत में हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनावों में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत का जश्न मनाते हुए कहा कि यह देश और उन राज्यों में पार्टी द्वारा किए गए अच्छे काम का परिणाम है। 'अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी' के अध्यक्ष जगदीश सेवानी ने कहा, 'यह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए ऐतिहासिक जीत है, जहां 37 साल बाद मतदाताओं ने उसी पार्टी को फिर से चुना है। सेवानी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके शासन में लोगों के विश्वास को दर्शाता है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरीब समर्थक, किसान समर्थक और विकास समर्थक नीतियों का समर्थन है।' बीजेपी की इस जीत के जश्न में सेवानी ने वीकेंड पर न्यूयॉर्क में एक समारोह का आयोजन किया। वाशिंगटन, ह्यूस्टन, लॉस एंजिलिस और अटलांटा सहित देश के अन्य शहरों में भी इसी तरह के कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है। 2024 में पीएम मोदी की जीत की कामना उन्होंने कहा, 'हमने सेमीफाइनल में भारी जीत हासिल की है क्योंकि लोगों को मोदी और योगी पर भरोसा है। मुझे विश्वास है कि भारत में मतदाता 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत बड़े अंतर से फिर से चुनेंगे।' अन्य वक्ताओं ने कहा कि मतदाताओं ने वंशवाद की राजनीति, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की नीति को खारिज कर दिया है और विकास तथा सुशासन के लिए मतदान किया है। चार राज्यों में बीजेपी और एक में 'आप' की सरकार भारत के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में जीत दर्ज की है। वहीं, पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की जीत हुई है। उत्तर प्रदेश में बीजेपी गठबंधन को 273 और सपा गठबंधन को 125 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इस चुनाव में कांग्रेस और बसपा बड़ी मुश्किल से अपना खाता खोल पाईं और क्रमशः दो और एक सीट पर जीत हासिल की।
नई दिल्ली: काउंटिंग शुरू होने के दो घंटे बाद ही नतीजों का ट्रेंड सेट हो गया और दिन चढ़ने के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की पूरी पिक्चर साफ हो गई थी। चार राज्यों में बंपर जीत के साथ भाजपा (BJP Victory) ने फिर से 'कमल' खिलाया और पंजाब में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party P unjab) ने एकतरफा रेकॉर्ड जीत हासिल की। भाजपा और जनता का फैसला दोनों स्पष्ट थे। कहीं से कोई शंका या आशंका की गुंजाइश नहीं। शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाने पार्टी मुख्यालय पहुंचे। फूलों की बारिश हुई, केंद्र के मंत्री लाइन में खड़े होकर तालियां बजा रहे थे। संबोधन शुरू हुआ तो मोदी ने मतदाताओं का आभार जताते हुए उनके लिए तालियां बजवाईं और अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्ष को घेरा। तड़के से चल रही सियासी गहमागहमी शांत हो रही थी। कांग्रेस, सपा और दूसरे विपक्षी दलों के खेमे में सन्नाटा पसरा हुआ था। काफी तैयारी के साथ जनमत के स्वीकार करने वाले ट्वीट आए और कार्यकर्ताओं का हौसला बनाए रखने की बातें की गईं। रात होते-होते चुनावी राजनीति भी जैसे थकान में डूब गई। लेकिन कोई था जिसके लिए अगली सुबह का प्लान तैयार रखा था। जी हां, हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की। रात के जश्न के बाद आज मोदी की आ रहीं तस्वीरें अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जैसे विपक्षी नेताओं के लिए काफी कुछ संदेश दे रही हैं। इतनी एनर्जी कहां से लाएंगे? आज सुबह जब लोग मोबाइल पर अपने चुनाव क्षेत्र के उम्मीदवार की जीत का अंतर पता कर रहे थे। मोदी गुजरात के लिए उड़ चुके थे। टीवी पर लाइव प्रसारण शुरू हो गया और मोदी भगवा रंग की खास टोपी में सफेद आधी बाजू का कुर्ता पहने सड़क किनारे खड़े लोगों का अभिवादन करते दिखाई दिए। फूलों की मालाओं से सजी खुली जीप में सवार मोदी ने रोड शो के दौरान सड़क किनारे जमा सैकड़ों समर्थकों और प्रशंसकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। भगवा गुब्बारे लहराए गए, मोदी-मोदी की गूंज सुनाई दे रही थी। भारत माता की जय... जय श्री राम के नारे लग रहे थे। चार राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत का यह जनता के जश्न का तरीका था। सड़क के किनारे भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा हुआ था। एक हाथ से मोदी हाथ हिलाते, फिर दूसरे हाथ से विक्ट्री साइन दिखाते। ऐसे समय में जब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे विपक्षी नेता चुनाव परिणामों पर हक्के-बक्के हो रहे हैं, पीएम मोदी नए मिशन पर आगे बढ़ चुके हैं। क्या विपक्ष में कोई नेता इतनी एनर्जी वाला दिखाई देता है? जी हां, 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड जीत के बाद कुछ ऐसी ही सियासत देश में देखी जा रही है। भाजपा एक चुनाव परिणाम आने के फौरन बाद अगले चुनाव की तैयारियों में जुट जाती है। महाविजय के बाद आज प्रधानमंत्री मोदी अहमदाबाद एयरपोर्ट से गांधीनगर तक रोड शो कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि इस दौरान 4 लाख लोग उनके स्वागत में खड़े रहे। मिशन गुजरात पर अब भाजपा वह बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। पंचायत सम्मेलन में शामिल होने के साथ ही वह कई कार्यक्रमों में शिरकत करने वाले हैं। गुजरात में भी भाजपा की सरकार है और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में साफ समझा जा सकता है कि भाजपा ने गुजरात चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे। इस बात को विपक्ष को भी समझना होगा। कांग्रेस ने शर्मनाक हार के बाद CWC की बैठक बुलाई, मायावती ने हिम्मत न हारने की बात की पर भाजपा की रणनीति का तोड़ निकाले बिना चुनौती कैसे दे पाएंगे? 2024 पर मोदी का बड़ा इशारा एक दिन पहले चार राज्यों में जीत पर बोलते हुए मोदी ने कई बड़ी बातें कहीं। उन्होंने 2024 के चुनावों को लेकर एक बड़ी ही दिलचस्प बात कही। उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद कुछ राजनीतिक पंडितों ने दावा किया था कि 2017 के नतीजों ने ही 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे तय किए थे। उन्होंने कहा कि इस बार भी उन्हें यह कहने का साहस दिखाना चाहिए कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए हैं। साफ है भाजपा के इस करिश्माई नेता के पास 2024 का विजन क्लियर है। उनकी योजनाएं और नीतियां उसी को ध्यान में रखकर तैयार हो रही हैं। केंद्रीय राजनीति में पीएम मोदी के आने से पहले तक चुनाव व्यापक रूप से जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर जीते जाते थे। पीएम ने अब अपने 8 साल के कार्यकाल में विपक्षी दलों के आगे एक ऐसी बड़ी और मजबूत लकीर खींच दी है, जिसे छोटी साबित कर पाना अखिलेश-राहुल-ममता बनर्जी-उद्धव ठाकरे-शरद पवार जैसे नेताओं के लिए बड़ी चुनौती है। कभी दक्षिण से, कभी पूर्व से और पिछले दिनों ममता-अखिलेश को देख यूपी में विपक्षी एकजुटता की कोशिश होती दिखी लेकिन इसे मूर्त रूप देने से पहले ही समीकरण भरभरा गए। ऐसे में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए विपक्ष को क्या-क्या चीजों की जरूरत होगी, उसे मोदी की कार्यशैली और ऊर्जा से ही समझा जा सकता है। वह एक टारगेट सेट करते हैं और उस पर आगे बढ़ते हैं और अगली ही सुबह आगे का टारगेट तैयार रहता है। क्या विपक्ष में ऐसी कार्यशैली दिखाई देती है? आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि चुनाव की घोषणा होने से पहले विपक्षी नेता ट्विटर पर और रैलियों में सक्रियता दिखाते हैं। जबकि विपक्ष में रहते हुए भी वे जनता के करीब पहुंच सकते हैं और अपने लिए जमीन तैयार कर सकते हैं लेकिन उसके लिए सीजनल पॉलिटिक्स खत्म करनी होगी। ऐसे में जब मोदी जनता से मुखातिब होते हैं तो वे जनता के सामने विपक्ष की खामियों को चुन-चुनकर उजागर करते हैं। वैसे भी, अब ध्रुवीकरण जैसी चीजें किसी काम की नहीं रहीं। मोदी ने कल ही कहा कि हर योजना, हर कार्य को क्षेत्रवाद, प्रदेशवाद और सम्प्रदायवाद का रंग देने का प्रयास भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री ने परिवारवाद की राजनीति को अपनी सबसे बड़ी चिंता बताया। साफ है कि वह आगे भी इस तरह की चीजों को स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे समय में जब यूपी की प्रचंड जीत को देखकर योगी आदित्यनाथ को 2024 या 2029 में पीएम मोदी के बाद अगले प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट करने की चर्चा जनता में होने लगी है। कांग्रेस, सपा, बसपा, लोकदल, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी पार्टियों में नेताओं की दूसरी कतार गायब दिखती है। ये पार्टियां या तो एक नाम के सहारे चल रही हैं या एक परिवार के सहारे... अगर इन्हें भाजपा को चुनौती देनी है तो आमूलचूल बदलाव करने होंगे वरना यूपी चुनाव में कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को मिला वोट शेयर (2.33%) विपक्ष के लिए एक डरावनी तस्वीर पेश कर ही रहा है।
देवर‍िया,प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा क‍ि यूपी की लड़ाई पर‍िवारवाद‍ियों व राष्‍ट्रभक्‍तों के बीच है। देवर‍िया में चुनावी जनसभा को संबोध‍ित करते हुए पीएम मोदी ने कहा क‍ि यूपी में इस बार घोर पर‍िवारवादयिों व घनघोर राष्‍ट्रभक्‍तों के बीच लड़ाई हो रही है। इस चुनाव में पर‍िरवावाद‍ियों के ख‍िलाफ दल‍ित, शोष‍ित, पीड‍ि़त सब एक हैं। सभी ने उन्‍हें पटकनी देने की ठान ली है। इन पर‍िवारवादि‍यों ने गरीबों पर ज‍ितना अत्‍याचार क‍िया उसे जनता कभी नहीं भूलेगी। उन्‍होंने कहा क‍ि पाचवें चरण में भी एनडीए को जमकर वोट म‍िल रहा है। इस बार हर तरफ एक ही गूंज है- आएगी तो भाजपा ही, आएंगे तो योगी ही। कहा क‍ि घोर पर‍िवारवाद‍ियों ने स‍िर्फ अपनी जरूरतों पर ही ध्‍यान द‍िया। भोजपुरी से की भाषण की शुरुआत पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी से की। उन्‍होंने कहा, रउवा सबके राम-राम। देउरहवा बाबा के धरती, देवर‍िया के प्रणाम करत बानीं। तरकुलही देवी का अपार आर्शीवाद है। यह धरती महायोगी महायोगी देवरहा बाबा की तपोस्‍थली व बाबा राघवदास की कर्मस्‍थली रही है। यहां पंड‍ित राम प्रसाद बिस्‍म‍िल की समाध‍ि है। देवर‍िया के लोग पहले गोरखपुर इलाज को जाते थे। पहले की सरकारों ने आपकी जरूरतों पर ध्‍यान नहीं द‍िया। द‍िमागी बुखार से मासूम बच्‍चों की मौत होती थी। लेक‍िन स्‍थ‍िति‍ को सुधारने को इन्‍होंने कुछ नहीं क‍िया। योगी के प्रयास से द‍िमागी बुखार काबू में आया और बच्‍चों की जान बच रही है। उन्‍होंने आपकी जरूरतों पर ध्‍यान नहीं द‍िया उन्‍होंने कहा क‍ि देवर‍िया का मेड‍िकल कालेज पहले भी बन सकता था लेक‍िन आप लोग कभी इन घोर पर‍िवारवाद‍ियों की प्रमुखता में थे ही नहीं। हमने गरीब से गरीब को पांच लाख तक की मुफ्त इलाज की सुव‍िधा दी है। हमने पूरे प्रदेश में 18 नए मेड‍िकल कालेज बनाए, बीस पर काम चल रहा है। गारेखपुर एम्‍स से आपको राहत म‍िली है। आप अपनी ही भाषा पढ़ाई कर पाएंगे। गरीबों को वैक्‍सीनेशन के ख‍िलाफ भड़काते रहे पीएम ने कहा क‍ि जब देश महामारी के संकट से गुजर रहा था। जनता भय में थी, उस समय दिलासा और सहानभूति की जरूरत थी। उस घड़ी में विपक्ष का भी दायित्व था कि वह साथ देता, दिलासा देता लेक‍िन वह गरीबों को डराता रहा। उनकी चिंता बढ़ाता रहा। गरीब को वैक्सीन के खिलाफ़ भड़काता रहा। लेकिन केंद्र और प्रदेश की सरकार को चिंता थी। अनुसूचित, पिछड़ा, सामान्य सभी वर्ग के 15 करोड़ परिवारों को राशन देना शुरू किया।

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