राजस्थान

कोटा,कोटा में बीजेपी कार्यकर्ता के मकान के बाहर एक धमकी भरा कागज चिपका मिला। कागज पर लिखा है- ' अल्लाह का पैगाम, गुस्ताख रसूल की एक ही सजा,सर तन से जुदा, सर तन से जुदा'। इसके बाद से बीजेपी कार्यकर्ता का पूरा परिवार दहशत में है। कार्यकर्ता ने उद्योगनगर थाने में मामला दर्ज करवाया है। SHO जितेंद सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। शहर के उद्योग नगर इलाके में भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाउपाध्यक्ष मनोज सुमन का घर है। उनके घर के बाहर कोई धमकी भरा कागज चिपका कर चला गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह 7 बजे के करीब कागज लगा मिला। एक कागज नीचे पड़ा हुआ था। दोनों कागजों में 'सर तन से जुदा, सर तन से जुदा' की धमकी लिखी थी। कागज में लिखा था- 'सुन अब तुझे तेरा राम बचाता है, या तेरा हिंदू धर्म। अब तेरी आवाज भी बंद हो जाएगी। अब हम तुझे नहीं छोड़ने वाले हैं। अल्लाह के बंदे हैं, अब तेरा सर तन से जुदा होकर रहेगा। मनोज.. अब तेरा समय आ गया है और अब तुझे और तेरे परिवार को हमसे कौन बचाता है। आखिरी में नीचे लिखा है, अल्लाह हाफिज। जनवरी में हुआ था विवाद मनोज ने बताया कि वो मंडी में लहसुन का काम करते है। जनवरी महीने में अयोध्या में श्रीराम प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर कॉलोनी में भगवा झंडे लगाए थे। मंदिर के पास बकरा बांधने को लेकर भी विवाद हुआ था। जनवरी महीने में तीन दिन 19, 21 व 24 विवाद हुआ था। मुझे जान से मारने और बम से उड़ाने की धमकी दी थी, जिसकी शिकायत थाने में दी थी। घटना के बाद आज अज्ञात व्यक्ति मेरे मकान के बाहर धमकी भरा कागज लगाकर गया है। पूरा परिवार दहशत में है। इसकी शिकायत थाने में दी है। उद्योगनगर थाना SHO जितेंद सिंह ने बताया कि मनोज की शिकायत पर मामला दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है। कार्रवाई की मांग भाजपा शहर जिला अध्यक्ष राकेश जैन भी कार्यकर्ताओं के साथ उद्योग नगर थाने पहुंचे। धमकी भरा कागज लगाने में वाले की पहचान कर गिरफ्तारी की मांग की। राकेश जैन ने कहा कि पीड़ित को पुलिस सुरक्षा दी जाए। अगर पीड़ित के साथ कुछ हादसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन व चुनाव आयोग की होगी।
जयपुर: भारतीय पुलिस सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी भगवान लाल सोनी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली है। मंगलवार 9 अप्रैल को नव संवत्सर के अवसर पर जयपुर स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में जॉइनिंग कमेटी के प्रदेश संयोजक अरुण चतुर्वेदी ने भाजपा की सदस्यता दिलाई। 31 दिसंबर 2022 को वे पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे। तब से वे सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए थे। पिछले दिनों उन्होंने राजनैतिक पार्टी जॉइन करके सेवा का मन बनाया। वर्तमान परिदृश्य में सबसे बेहतर कार्य करने वाली पार्टी उन्हें बीजेपी लगी और फिर उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्होंने भाजपा ज्वाइन करते ही पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाया कि उन्होंने संदिग्ध छवि के लोगों को भर्तियों का जिम्मा दिया था। गहलोत सरकार के कार्यकाल में बिचौलिए भी हावी हो गए थे। वहीं दूसरी तरफ युवाओं के भविष्य के साथ कुठराघात किया गया था। पुलिस महकमे के सबसे फेवरेट अफसरों में गिने जाते हैं सोनी 1988 बैच के आईपीएस अफसर रहे बीएल सोनी ने 35 साल तक पुलिस में सेवाएं दी। वे पुलिस महकमे के सबसे सुलझे हुए अफसरों में गिने जाते हैं। बीएल सोनी कभी किसी विवाद में नहीं रहे। उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती है। चाहे कोई पुलिसकर्मी हो या कोई परिवादी सबसे वे बड़ी आत्मीयता से मिलते और उनकी बात सुनते थे। उनका व्यवहार हमेशा एक सेवक जैसा रहा है। यही वजह है कि वे सबसे फेवरेट अफसरों में गिने जाते हैं। जयपुर के पहले पुलिस कमिश्नर भी रहे बीएल सोनी 1 जनवरी 2011 में राजस्थान के दो शहरों जयपुर और जोधपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। उन दिनों बीएल सोनी जयपुर रेंज के आईजी थे। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनी को ही पहले पुलिस कमिश्नर की कमान सौंपी। कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद विभाग के कार्यों में कई तरह के बदलाव हुए। जिला प्रशासन की कई शक्तियां पुलिस कमिश्नर के पास आ गई थी। पहले पुलिस कमिश्नर के रूप में बीएल सोनी ने अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था बनाए रखने में बेहतरीन कार्य करके जयपुर कमिश्नरेट की विशेष पहचान बनाई।
दौसा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राजस्थान की तीन लोकसभा क्षेत्रों में चुनावी दौरे पर रहे। दोपहर 12 बजे भरतपुर के हलैना में, दोपहर 2 बजे दौसा जिले के लालसोट में और बाद में शाम को 4 बजे सीकर जिले के रींगस के पास लखानी स्थित माणा बाबा धाम में आयोजित सभाओं को संबोधित किया। दौसा के लालसोट में आयोजित सभा में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहला ऐसा चुनाव है जिसका परिणाम पहले से तय है। देश के लोगों को पता है कि किसकी सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि चाहे देश के किसी भी कोने में चले जाओ, लोग आश्वस्त हैं कि फिर एक बार, मोदी सरकार। यह चर्चा अचानक शुरू नहीं हुई। यह भारतीय समाज की वह अभिव्यक्ति है जो मोदी जी ने पिछले 10 साल में देश को जो दिया है। उसके प्रति कृत्ज्ञयता है। देश ने जो सपना देखा, वह साकार हुआ है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 साल पहले देश के लिए एक कल्पना थी कि दुनिया में कभी भारत का सम्मान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह सपना साकार हो गया। आज पूरी दुनिया में भारत का सम्मान हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज कोई भी भारतीय विदेश जाता है तो उसका सम्मान होगा। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत दुनिया की पांचवीं बड़ी ताकत बन चुका है। अब पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में देश अर्थव्यव्था के रूप में और मजबूत होगा और दुनिया की तीसरी बड़ी ताकत बनेगा। कांग्रेस समस्या है, मोदी समाधान हैं यूपी के सीएम ने कहा कि कांग्रेस ही देश की समस्या है। देश में अगर कांग्रेस की सरकार होती तो अयोध्या में कभी राम मंदिर नहीं बन पाता। कांग्रेस के शासन में सरकारें कोई भी फैसला लेने से डरती थी जबकि पिछले 100 साल में केंद्र की मोदी सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। कश्मीर से धारा 370 हटा दी जो पिछले 70 साल से नासूर बनी हुई थी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 की वजह से ही आतंकवाद पनप रहा था। आए दिन आंतकी हमले होते थे और कश्मीर में कई लोग आकंतियों को पनाह देते थे। जबकि धारा 370 खत्म किए जाने के बाद सब बंद हो गया। अब कश्मीर भी भारत के अन्य राज्यों की तरह एक सामान्य राज्य है।
नई दिल्ली,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में सुनवाई चल रही है। केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी मौजूद हैं। ED की तरफ से ASG एसवी राजू ने पैरवी की। सिंघवी ने कहा- लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव शामिल हैं, जो लोकतंत्र का हिस्सा है। इससे हमारा मूलभूत ढांचा बनता है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह निश्चित हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में नहीं शामिल हो पाएंगे। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि पहला समन अक्टूबर 2023 को भेजा गया और गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई। इससे दुर्भावना की बू आती है और इससे हमारा मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। मैं यहां राजनीतिक की नहीं, बल्कि कानून की बात कर रहा हूं। गिरफ्तारी की टाइमिंग इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है। इस पर ED के वकील ASG राजू ने कहा- मान लीजिए कोई इलेक्शन से 2 दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाएगी। आप मर्डर करेंगे और कहेंगे कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे मूलभूत ढांचे को नुकसान होगा। ASG राजू ने कहा- अपराधी और आरोपी यह नहीं कह सकते कि हम गुनाह करेंगे और हमें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, क्योंकि चुनाव हैं। ये हास्यास्पद है। इससे तो अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जाएगा। हम अंधेरे में तीर नहीं चला रहे। हमारे पास वॉट्सऐप चैट, हवाला ऑपरेटर्स के बयान और इनकम टैक्स का डेटा भी है। 5 घंटे चली बहस के बाद जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
जयपुर,राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गजों समेत कुल 113 नेताओं ने आज भाजपा जॉइन कर ली। इनमें पूर्व सांसद, विधायक और भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले नेता भी शामिल हैं। प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में राजस्थान की सह-प्रभारी विजया रहाटकर की मौजूदगी में हनुमानगढ़ से कांग्रेस के पूर्व सांसद शंकर पन्नू, पिलानी से पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया, जेजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व एमएलए नंदकिशोर महरिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए शंकर पन्नू ने मीडिया से बातचीत में अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- जिंदगी भर कांग्रेस का निष्ठावान कार्यकर्ता रहा। कांग्रेस ने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को चुन-चुनकर मारा है। कांग्रेस में चाटुकार, बेईमान और बदमाश प्रवृत्ति के लोग आ गए हैं। कांग्रेस अब पार्टी नहीं, गिरोह बन गया। 1977 में जब गहलोत हारे, तब भी मैं उनके साथ था। गहलोत पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं। गहलोत फौजमार कप्तान हैं। उनमें कोई ईमानदारी नहीं बची है। कांग्रेस में 'समेट लो, खुरच लो, खा लो' की परंपरा चल पड़ी है। कुलदीप इंदौरा के परिवार का पार्टी के सारे पदों पर कब्जा हो गया। मेरी जॉइनिंग से बीजेपी मजबूत हुई है। मैं बीजेपी में आने के बाद आजाद महसूस कर रहा हूं। ऐरे-गैरे, नत्थू-खैरे कांग्रेस राज में रेवड़ियां खा रहे थे। 55 साल कांग्रेस में रहा। बहुत दुखी था। अब खुश हूं। पन्नू बोले- कांग्रेस को कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं शंकर पन्नू ने कहा- कांग्रेस में पार्टी नाम की कोई चीज नहीं है। वहां एक गिरोह है, जो अपने हिसाब से काम करता है। उनको कार्यकर्ताओं की कोई जरूरत नहीं है। दिल्ली पूरे तरीके से बेकार हो चुकी है, बर्बाद हो चुकी है। आने वाला समय ऐसा होगा कि हम पूछेंगे कोई कांग्रेसी है क्या? पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया ने कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को अपमानित किया जा रहा था। आने वाले दिनों में बड़ी तादाद में पिलानी में कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। कई नेताओं की भाजपा में घर वापसी शेखावाटी के कई नेताओं की भी घर वापसी हुई। इनमें भाजपा से बागी होकर झुंझुनूं विधानसभा सीट से चुनाव लड़े राजेंद्र भांभू, पिलानी से निर्दलीय प्रत्याशी रहे कैलाश मेघवाल और मधुसूदन भिंडा शामिल हैं। पूर्व विधायक शिमला बावरी ने भी आज घर वापसी की। राजस्थान भाजपा की सह-प्रभारी विजया रहाटकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है। पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। यही कारण है कि आज कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल के नेता भाजपा में आने को बेताब हैं। ये सब लोग किसी पार्टी के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र के लिए काम करना चाहते हैं। मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार देश का सर्वांगीण विकास कर रही है। अरुण चतुर्वेदी बोले- कांग्रेस डूबती नाव पार्टी मुख्यालय पर जॉइनिंग कमेटी के संयोजक अरुण चतुर्वेदी ने कहा- कांग्रेस दिशाहीन हो चुकी है। कांग्रेस की नाव अब डूबने को है, इसलिए डूबती नाव में कोई नहीं बैठना चाहता। बड़ी संख्या में पूर्व में कांग्रेस के कई नेताओं ने भाजपा और प्रधानमंत्री की नीति व रीति पर विश्वास जताकर पार्टी की सदस्यता ली है। अब तक 8 हजार से ज्यादा कांग्रेस और अन्य दलों के कार्यकर्ताओं के साथ ही सामाजिक व प्रशासनिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने विश्वास जताते हुए भाजपा जॉइन की है। कांग्रेस को खत्म करने के सवाल पर अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा की इस तरह की सोच नहीं हो सकती, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस नेतृत्व विहीन हो चुकी है। ऐसे में कांग्रेस को शायद ही खत्म करने की जरूरत पड़े। वह अपने आप ही खत्म हो जाएगी। प्रमुख नेता, जिन्होंने जॉइन की भाजपा नाम पूर्व दायित्व शंकर पन्नू पूर्व सांसद, गंगानगर जे.पी. चंदेलिया पूर्व विधायक, पिलानी शिमला देवी बावरी पूर्व विधायक, भाजपा (निष्कासित) नंदकिशोर महरिया पूर्व विधायक, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जन नायक जनता पार्टी (जेजेपी) विजय शर्मा राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश अध्यक्ष, हिंदू समाज पार्टी गुलाब सिंवर पूर्व जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र इंदौरिया पूर्व महामंत्री प्रदेश यूथ कांग्रेस निखिल इंदौरिया पार्षद, नगर पालिका रतनगढ़, प्रदेश महामंत्री युवा ब्राह्मण महासभा राजेंद्र भांभू पूर्व विधानसभा प्रत्याशी, झुंझुनूं कैलाश मेघवाल निर्दलीय प्रत्याशी, पिलानी मधुसूदन भिंडा पूर्व प्रत्याशी, फतेहपुर पृथ्वीपाल सिंह पूर्व जिलाध्यक्ष गंगानगर, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बी.एल. भाटी निर्दलीय प्रत्याशी, जायल इंद्र सिंह बाघावास निर्दलीय प्रत्याशी, ब्यावर सुभाष शर्मा पूर्व जिलाध्यक्ष, झुंझुनूं प्रकाश गुप्ता पूर्व पार्षद नगर निगम जयपुर जगेश्वर शर्मा प्रदेश महामंत्री अखिल राज. राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ चारू गुप्ता प्रदेश महामंत्री अंतरराष्ट्रीय वैश्य फेडरेशन महेंद्र सिंह रावत एडवोकेट निर्दलीय प्रत्याशी, ब्यावर मनोज सिंह गोतोड पूर्व पार्षद प्रत्याशी, सांगानेर गीता सिंह जिला महासचिव, कांग्रेस कमेटी, जयपुर शकील अहमद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस पैनलिस्ट, प्रदेश महामंत्री अल्पसंख्यक विभाग धर्मेंद्र शर्मा सलूम्बर नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष के पति कुलदीप सिंह चुंडावत पूर्व जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा (मावली, जिला उदयपुर) नीरज सिंह राणावत निर्दलीय प्रत्याशी, कुंभलगढ़ मक्खन लाल स्वामी पूर्व मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा किशनपोल (निलंबित) राजनारायण शर्मा सेवानिवृत्त वरिष्ठ आर.ए.एस. इंजी. बनवारी मेघवाल जिला उपाध्यक्ष कांग्रेस श्रीगंगानगर, पूर्व चेयरमैन नगर पालिका सूरतगढ़ सौरभ पन्नू यूथ कांग्रेस और प्रोफेशनल कांग्रेस नरेश अग्रवाल पूर्व जिला अध्यक्ष यूथ कांग्रेस, पूर्व महामंत्री, जिला कांग्रेस कमेटी भूप सिंह मेघवाल पूर्व प्रधान पंचायत समिति टीब्बी, हनुमानगढ़ कंचन नायक पार्षद, नगरपालिका रायसिंहनगर, गंगानगर जिलाध्यक्ष महिला कांग्रेस, अनूपगढ़ आलोक पारीक सचिव, कांग्रेस कमेटी रोहिताश घांघल नगरपालिका सदस्य, थानागाजी (निष्कासित) छोटू राम बावरी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक, घड़साना मोहन लाल शर्मा पूर्व जिला उपाध्यक्ष, श्रीगंगानगर सुनील क्रांति सरपंच लोंगवाला विधायक प्रत्याशी आरएलपी, पीलीबंगा सुभाष बोगिया केंचिया प्रदेश सचिव, आम आदमी पार्टी निर्दलीय प्रत्याशी, पीलीबंगा रजनीश कस्वां पूर्व जिला सचिव, भाजयुमो
नई दिल्ली, 04 जुलाई 2020, 103 भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) अधिकारियों के तबादले के एक दिन बाद अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने 66 भारतीय पुलिस सेवा(आईपीएस) अधिकारियों का तबादला किया है. गुरुवार को ही राज्य सरकार ने 103 आईएएस अधिकारियों का तबादला किया गया था. राजस्थान में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एमएल लाथेर को क्राइम ब्रांच का डायरेक्टर जनरल बनाया गया है. इससे पहले उनकी नियुक्ति कानून व्यस्था के डीजी के तौर पर थी. बीएल सोनी को डीजी जेल बना दिया गया है, इससे पहले वही क्राइम ब्रांच के डीजी थे. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक एडीजीपी रैंक के अधिकारियों में अनिल पालीवाल को पुलिस विभाग, अशोक कुमार राठौर कोएटीएस और एसओजी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रशाखा माथुर को राजस्थान स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन में भेजा गया है, बीजू जॉर्ज को विजिलेंस डिपार्टमेंट और गोविंद गुप्ता को रिक्रूटमेंट और प्रमोशन बोर्ड में भेज दिया गया है. हेमंत प्रियदर्शी को राजस्थान पुलिस विभाग के रिकॉन्स्टिट्यूशन एंड रूल्स विंग की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक 35 एसपी रैंक के अधिकारियों के तबादले किए गए हैं.
जोधपुर। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव के बीच अब भारत-पाक सीमा पर भी चीन की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है। राजस्थान से सटी सीमा के सामने करीब दो दशक से सक्रिय चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में अब युद्धाभ्यास की तैयारी में जुटा है। दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार पीएलए एयरफोर्स अब पाक से सटी राजस्थान सीमा के पास तेजी से सक्रिय हो गई है। अखबार ने खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि इन दिनों इस इलाके में चीन की सक्रियता बढ़ी है। चीन अब पीएलए एयरबेस पर युद्धाभ्यास में जोर-शोर से जुटा हुआ है। पिछले दिनों ही स्कार्डू में फाइटर प्लेनों में ईंधन भरने वाले चीनी वायुसेना के आईएल एयरक्राफ्ट और कुछ लड़ाकू विमान देखे गए थे। इसके बाद से भारत चीन की पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। बता दें कि स्कार्डू पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में है. पूर्वी लद्दाख में चीनी वायुसेना की गतिविधियां बढ़ी हैं. इससे पीएलए एयरफोर्स (चीन की वायुसेना) के पीओके स्थित एयरबेसों का इस्तेमाल करने की आशंका बढ़ी है. इधर, भारत-पाक सीमा पर चीन की गतिविधियों के साथ ही पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर बंकर बनाए जाने की सूचना है। ये बंकर पाकिस्तानी सेना के लिए बनाए गए हैं। इकोनॉमिक कॉरिडारे के नाम पर इंटेलीजेंस एक्सचेंज की आशंका चीन-पाकिस्तान इकाेनाॅमिक काॅरिडाेर (सीपीईसी या सीपेक) के चलते राजस्थान की चार जिलों से लगती सीमा के पास भी चीनी कंपनियों की दखलअंदाजी बढ़ी हैं। जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और गंगानगर की सीमाओं के आगे यहां 30 हजार से ज्यादा चीनी इंजीनियर्स और एस्पर्ट पहले से सक्रिय हैं। बाड़मेर के सामने जवाहर शाह, शामगढ़ से लगती सीमा पर सुई गैस फील्ड में भी कई चीनी कंपनियां काम कर रही हैं। रिटायर्ड मेजर जनरल शेरसिंह के अनुसार राजस्थान से सटी सीमा के सामने चीन इकाेनाॅमिक इन्वेस्टमेंट की आड़ में गत दो दशक से सक्रिय है। चीन ने यहां पाक सेना की मदद है और इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया। इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों देशों के बीच इटेलीजेंस एक्सचेंज भी हुआ हो। चीन ने तैयार किए 500 ये ज्यादा बंकर पाकिस्तानी सीमा पर चीन अब तक चौकियां, वॉच टावर और 500 से भी ज्यादा बंकर तैयार कर चुका है। यही नहीं इन चौकियों में चीन ने साेलर पैनल, सीसीटीवी, ड्राेन आदि लगाए हैं। चीन इससे पहले पाकिस्तान के कराची, क्वेटा, जकोकाबाद, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर एयरफोर्स बेस का मॉडर्नाइजेशन कर चुका है।
29 जून 2020ट्रक की टक्कर के बाद दो बाइक सवार सड़क पर पड़े तड़प रहे थे. वहीं, मौके पर मौजूद लोग एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे. तभी वहां से केंद्रीय मंत्री का काफिला गुजरा तो उन्होंने अपने काफिले में साथ चल रही एक गाड़ी से दोनों घायलों को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया. जोधपुर के सांसद और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सोमवार को जोधपुर संसदीय क्षेत्र के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे. इसी दौरान सुबह 7 बजे केरू फांटा पर पहुंचे तो राजमार्ग पर एक्सीडेंट में दो घायलों को देखा. पिकअप गाड़ी की टक्कर से घायल हुए बाइक सवार दो युवकों को तत्काल एस्कॉर्ट में शामिल पुलिस की गाड़ी से हॉस्पिटल भिजवाया. इसके बाद ही वे आगे रवाना हुए. साथ अस्पताल प्रशासन को भी तत्काल उपचार के निर्देश दिए. शेखावत सोमवार सुबह बालेसर के लिए रवाना हो कर बकेरू फांटा तक पहुंचे तो यहां पर देखा कि मार्ग पर लोगों की काफी भीड़ थी. एक पिकअप गाड़ी की टक्कर से मोटरसाइकिल चालक दो युवक सड़क पर पड़े थे. इस पर मंत्री शेखावत ने एस्कॉर्ट में शामिल अपनी और पुलिस की गाड़ियां रुकवा दीं. भीड़ को दूर कर दोनों घायलों को देखा जिनके मुंह से खून निकल रहा था. करीब पचास फीट की दूरी पर पिकअप गाड़ी पड़ी थी. यहां पर लोग एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे लेकिन मंत्री ने पुलिस के अधिकारियों को तत्काल एस्कॉर्ट से घायलों को मथुरा दास माथुर अस्पताल भेजने के निर्देश दिए. इसके बाद दोनों युवकों को एस्कॉर्ट से अस्पताल भिजवाया गया ताकि दोनों युवकों की जान बच सके. इसके साथ अस्पताल प्रशासन को भी सूचित किया. इसके बाद शेखावत का काफिला आगे रवाना हुआ.
जयपुर, 24 जून 2020,राजस्थान सरकार ने बाबा रामदेव के कोरोना की दवा कोरोनिल खोजने के दावे को फ्रॉड करार दिया है. राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि महामारी के समय बाबा रामदेव ने इस तरह से कोरोना की दवा बेचने की कोशिश की है, जो अच्छी बात नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आयुष मंत्रालय के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार बाबा रामदेव को आईसीएमआर और राजस्थान सरकार से किसी भी कोरोना की आयुर्वेद दवा की ट्रायल के लिए परमिशन लेनी चाहिए थी, मगर बिना परमिशन के और बिना किसी मापदंड के ट्रायल का दावा किया गया है, जो कि गलत है. रघु शर्मा ने कहा कि हम कानूनी कार्रवाई करेंगे और हमारे एक डॉक्टर ने मुकदमा दर्ज कराया है उस मुकदमे के तहत भी करवाई करवाएंगे. उधर नेम्स विश्वविद्यालय में गुना कैंट को लेकर जाने वाले जयपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि मैं वहां पर इंचार्ज था और वहां पर किसी तरह की कोई दवा की ट्रायल के लिए हमसे इजाजत नहीं ली गई. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि हमने कोई ट्रायल होते हुए भी नहीं देखा है. वहां पर जितने मरीज हमने भर्ती कराए थे, वह बिना लक्षण वाले थे. किसी में बुखार, खांसी या गले की खराश नहीं था. ऐसे सभी मरीज 7 से 10 दिन में ठीक हुए हैं और दूसरी जगह पर ऐसे बिना लक्षण वाले मरीजों को रखा था, वहां भी इतने ही दिन में ठीक हुए हैं.
जयपुर, 23 जून 2020, राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता पर काबिज होन के डेढ़ साल के बाद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच वर्चस्व की जंग जारी है. राज्यसभा की 3 में से 2 सीटें जीतने के बाद अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है. सचिन पायलट प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर कायम रहना चाहते हैं तो गहलोत अपने किसी करीबी को बैठना चाहते हैं जबकि पायलट इसे हर हाल में बरकरार रखना चाहते हैं. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक जारी है. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सचिन पायलट राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के प्रमुख बने रहेंगे या अशोक गहलोत फिर से जीत हासिल करेंगे. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी की एकजुटता बनाए रखने के लिए नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर आलाकमान से चर्चा तक कर चुके हैं. इसके पीछे मंशा यह बताई जा रही है कि सरकार के साथ संगठन को भी गहलोत अपने मन मुताबिक चला पाएंगे. बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद से वंचित रहना पड़ा था, लेकिन वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे हैं. अब एक बार फिर राजस्थान में गहलोत और पायलट दोनों ही गुट कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि उनका पक्ष इस जारी राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में जीत हासिल करे. राजस्थान की सत्ता में बीजेपी थी तो गहलोत प्रदेश की सियासत से दूर गुजरात के पार्टी प्रभारी थे. हालांकि, चुनाव के बाद सत्ता की कमान गहलोत को मिली और अब संगठन की कमान भी अपने किसी करीबी को दिलाने की जुगत में है. वहीं, सचिन पायलट भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी बचाए रखने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं. कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने ट्विटर हैंडल की प्रोफाइल फोटो बदलकर सियासी अटकलों को और हवा दे दी थी. पायलट को लाल रंग की राजस्थानी पगड़ी या साफा पहने गाड़ी की स्टैरिंग पकड़े देखा जा सकता है. माना जा रहा है कि इसके जरिए पायलट राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है. राज्यसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमे में अंदरखाने जबरदस्त खींचतान चल रही है. ऐसे में माना जा रहा है कि नियुक्तियों से लेकर मंत्रिमंडल में फेरबदल तक, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पावर का असर दिखेगा. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस संबंध में चर्चा होने की संभावना है. गहलोत सरकार में अभी उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अतिरिक्त 23 मंत्री हैं. 200 सदस्यीय विधानसभा में 15 फीसदी मंत्री बनाए जाने के नियम के तहत 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस लिहाज से 7 मंत्री बनाने को लेकर गहलोत कसरत में जुटे हैं.
जयपुर, 22 जून 2020,लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद देश में चीन के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है. जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं और चीन का बहिष्कार करने की मांग की जा रही है. इस बीच जयपुर में व्यापारियों ने फैसला किया है कि अब हर दुकान में चाइनीज सामान के बहिष्कार करने का बैनर पोस्टर लगाया जाएगा. जयपुर व्यापार मंडल ने आज जयपुर में राजा पार्क में 15 हजार पोस्टर दुकानों में लगाकर इसकी शुरुआत की. जयपुर व्यापार मंडल ने यह भी फैसला किया है कि अब किसी भी चाइनीज मोबाइल कंपनियों या चाइनीज प्रोडक्ट का डिस्प्ले दुकानों में नहीं होगा. जो लोग चाइनीज मोबाइल खरीदने आएंगे, उन्हें सैमसंग और नोकिया का मोबाइल दिखाया जाएगा. इसके अलावा जयपुर व्यापार मंडल जयपुर में चलने वाले वाहनों के ऊपर भी बहिष्कार चाइना का स्टिकर लगाएंगे. जयपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष ललित सिंह ने बताया कि देश भर के व्यापार मंडलों से फोन आ रहे हैं और जल्दी ही देश भर के व्यापार मंडल के लोग एक साथ चाइनीज प्रोडक्ट के बहिष्कार का फैसला देने वाले हैं. ललित सिंह ने बताया कि हमारे साथ जुड़ने के लिए दुकानदार भी तैयार हैं और हम ग्राहकों को भी जागरूक करेंगे. राजा बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष रवि नैयर ने कहा कि हम लोग व्यापारी देश के लिए नुकसान सहने के लिए तैयार हैं. इस बार चीन के प्रति लोगों में गुस्सा ज्यादा है और उसे सबक सिखाने की कोशिश की जा रही है. गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून की रात चीन के साथ हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे और 70 से अधिक घायल हो गए थे. चीन के सिपाहियों ने धोखा देकर भारतीय सेना पर हमला किया था. चीन की इस धोखेबाजी से पूरे देश में रोष का माहौल है और जगह-जगह प्रदर्शन हो रही है.
अलवर। भारत- चीन में हुए विवाद (India China Dispute) के बाद देश में सियासी पारा भी उफान का है। लेकिन इसका खामियाजा अलवर के एक सैनिक परिवार को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (rahul gandhi)और गृहमंत्री अमित शाह (amit shah) इस शहीद परिवार के नाम पर लगातार एक -दूसरे को घेरने में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि चीन बॉर्डर पर भारतीय सैनिकों पर हुए हमले कर बाद घायल अलवर के नोगांवा की ढ़ाणी के रहने वाले सैनिक सुरेंद्र के पिता बलवंत ने हाल ही कुछ बयान दिया था, जिसके बाद से दो नेताओं में ट्वीटर पर इसे ढ़ाल बनाकर वॉर करते नजर आ रहे हैं। 15 घंटे बाद आया था होश दरअसल चीन बॉर्डर पर तैनात सुरेंद्र की हमले के बाद घायल होने की खबर आई थी, जिसके बाद से परिजन चिंतित थे। वहीं सेना के अधिकारियों ने घायल सुरेंद्र सिंह को लद्दाख के अस्पताल में भर्ती करवाया था, जिन्हें 15 घण्टे बाद होश आया था। इसके बाद परिजनों की सुरेंद्र से बातचीत हुई और उन्होंने बॉर्डर की स्थिति और सुरेंद्र सिंह ने घटना के वाकिये को मीडिया से शेयर किया था। राहुल ने पूछा सवाल इस संबंध में राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्ट्स को आधार बनाते हुए सरकार से सवाल पूछते हुए बॉर्डर की स्थिति पर सैनिक के परिवार के द्वारा किये जा रहे दावों पर सरकार से जवाब मांगा था। उन्होंने इस दौरान कहा था कि घायल सैनिक के परिवार के द्वारा जो बात बताई है उनमें क्या सच्चाई है । लिहाजा इस तरह सरकार को घेरने के बाद भाजपा बैकफुट पर आई गई थी। अमित शाह ने संभाला मोर्चा कांग्रेस की ओर से घेरे जाने के बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने खुद मोर्चा संभालते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मीडिया एजेंसी द्वारा जारी किए एक वीडियो शामिल था, जिसमें सैनिक सुरेंद्र का पिता बलवंत सिंह कह रहा है कि चीन बॉर्डर पर तनाव की स्थिति है और 20 जवान शहीद हो गए है। राहुल गांधी को इस स्थिति में राजनीति नहीं करनी चाहिए । मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने में जुटी पार्टियां मीडिया रिपोर्ट्स की मानें,तो ट्विटर वॉर के बाद से सैनिक का परिवार चिंता में घिरा हुआ है। वहीं राजनीतिक पार्टियां बलवंत को शतंरज के खेल में मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने में जुटे हुए है। इसी से परेशान पीड़ित परिवार अब घर पड़ोसियों के भरोसे छोड़कर भूमिगत हो गए है। घर पर परिवार के कोई सदस्य मौजूद नही प्रशासन ने दी है नसीहत मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आने के बाद बाद सैनिक परिवार को एसडीएम रामगढ़ रेणु मीणा और आर्मी के अधिकारियों ने चीन मामले में बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी है। लेकिन राजनीतिक पार्टियों के नेताओ के द्वारा उनपर बयानों को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। इस बारे के बलवंत सिंह से संपर्क करने की कोशिश की गई , वे घर पर नहीं मिले और किसी का फ़ोन भी नहीं उठा रहे है। राजस्थान में भी चढ़ा सियासी पारा इस मामले में अब भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा ने बयान देकर कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी और पुलिस प्रशासन द्वारा सैनिक के पिता बलवंत सिंह पर राहुल गांधी पर दिए बयान को बदलने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया है। वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता जुबेर खान ने कहा है कि भाजपा खुद मामले में बेवजह के आरोप लगा रही है।
जयपुर, 11 जून 2020, राजस्थान में कोरोना काल में सियासी उठापटक भी शुरू हो गई है. तीन सीटों पर राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लग रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि उनके और निर्दलीय विधायकों को पैसे का लालच दिया जा रहा है, इसलिए सभी विधायकों को जयपुर के शिवविलास होटल में रखा गया है. जयपुर में स्थित शिव विलास होटल में सादी वर्दी में 50 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात हैं. इन सभी जवानों से आजतक ने बातचीत की. पुलिसकर्मियों ने कहा कि उच्च अधिकारियों ने हमें कहा है कि सादी वर्दी में यहां पर तैनात रहो और आने-जाने वाले पर ध्यान रखो और साथ ही विधायकों पर नजर रखो. क्या है पूरा मामला गौरतलब है कि आगामी 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी चौकस नजर आ रही है. पार्टी ने अपने विधायकों को टूटने से बचने के लिए अपने और निर्दलीय विधायकों को शिव विलास होटल में भेज दिया है. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार सुबह पार्टी के सभी विधायकों के साथ अपने आवास पर एक बैठक की. वहीं, शाम को कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पुलिस महानिदेशक, एसीबी से एक आधिकारिक शिकायत की और उन बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जो धनबल के जरिए निर्दलीय विधायकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. महेश जोशी ने डीजी, एसीबी को संबोधित अपने पत्र में कहा, 'हमें अपने विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक की तर्ज पर बीजेपी, कांग्रेस के विधायकों के साथ ही हमारी सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को लालच देकर राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.' कौन-कौन है मैदान में राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान होगा, जहां कांग्रेस ने दो उम्मीदवार खड़े किए हैं -केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी, जबकि बीजेपी ने भी दो उम्मीदवार- राजेंद्र गहलोत और ओमकार सिंह लखावत को मैदान में उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है. कांग्रेस के पास अपने 107 विधायक हैं और उसे आरएलडी के एक विधायक, और निर्दलीय 13 विधायकों, बीटीपी और माकपा के विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे आरएलपी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
जयपुर राजस्थान सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए बुधवार से राज्य की सीमाएं सील कर दी हैं। गृह विभाग की ओर से अगले 7 दिनों के लिए राजस्थान के बॉर्डर सील करने के आदेश जारी करते हुए बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों का प्रवेश रोक दिया है। इसके बाद सिरोही में गुजरात से आने वाले वाहनों की बॉर्डर पर कतारें लगने की तस्वीरें भी सामने आई है और लोग बिना पूर्व सूचना के बॉर्डर सील करने पर नाराजगी जता रहे हैं। राजस्थान सरकार की ओर से बॉर्डर सील करने की 7 दिन की अवधि में केवल उन्हीं को राज्य में प्रवेश दिया जाएगा जिन्हें पास जारी किए गए हैं। इस दौरान मेडिकल इमरजेंसी के चलते जिला कलेक्टर तत्काल पास जारी कर सकता है। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण की संख्या 11,368 पहुंच चुकी है और बुधवार सुबह ही123 नए कोरोना पॉजिटिवसामने आए हैं। राजस्थान में आने और बाहर जाने के लिए लेना होगा 'पास' राज्य सरकार के नए आदेशानुसार बुधवार से सीमाएं फिर से सील कर दीं गई है और अब राजस्थान में आने और बाहर जाने के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति यानी निर्धारित पास लेना होगा। पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था एम एल लाठर ने इस बारे में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने अंतरराज्यीय आवागमन को नियंत्रित करने का फैसला किया है। बाहरी राज्य से भी लेनी होगी अनुमति नई व्यवस्था के तहत बाहरी राज्य से आने वाले व्यक्ति को तभी प्रवेश दिया जाएगा जब वह अपने राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल कर लेगा। इसी तरह राज्य से बाहर जाने के लिए भी सक्षम अधिकारी से पास या अनुमति पत्र लेना होगा। नए आदेशों में सक्षम अधिकारी को भी सलाह दी गई है कि मेडिकल इमरजेंसी या इलाज के लिए जाने या परिवार में किसी की मृत्यु होने जैसी विशेष परिस्थितियों में ही पास जारी करें। अब तक 3209 प्रवासी कोरोना संक्रमित मिले लॉकडाउन में प्रवासियों को घर लौटने की छूट देने के बाद अब तक आए लोगों में से 3209 को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। पाली में सर्वाधिक 409 प्रवासी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जबकि नागौर में 348 और सीकर में 250 प्रवासी अब तक संक्रमित मिल चुके हैं।
जयपुर। प्रदेश में जहां कोरोना का कहर जहां थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं इसके साथ ही राजधानी जयपुर से इसी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी मिली है कि जयपुर के सुभाष चौक से मंगलवार की सुबह एक ही मकान से 26 लोगो के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। दो दिन पहले ही मिला था पहला कोरोना पॉजिटिव प्रदेश की राजधानी जयपुर में यह पहला मामला है कि जब एक मकान में इतने कोरोना पॉजिटिव लोगों की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि सुभाष चौक स्थित इस मकान में दो दिन पहले ही इस व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी जयपुर में दो हजार के पार हुए कोरोना संक्रमित प्रदेश में जहां कोरोना नए स्थानों पर अपना प्रभाव दिखाने लगा है, वहीं दूसरी ओर राजधानी जयपुर में भी लगातार कोरोना वायरस से संक्रमित पेशेंट्स की संख्या बढ़ रही है। जयपुर में ताजा आंकड़ों के अनुसार अभी तक कोरोना के 2321 पेशेंट्स हो चुके हैं। वहीं लगातार पॉजिटिव केसेज बढ़ने का सिलसिला जारी है।
जयपुर, 06 जून 2020,कोरोना को ठीक करने को लेकर दुनिया भर में रिसर्च चल रहे हैं. कई देशों की कंपनियां दवा के बेहद करीब पहुंचने के दावे कर रही हैं. इन सबके बीच अब भारत में भी आयुर्वेद की दवाओं का कोरोना के पॉजिटिव मरीजों पर क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो गया है. राजस्थान के जयपुर में कोरोना के मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं का परीक्षण किया जा रहा है. जयपुर के रामगंज में 12000 लोगों पर आयुर्वेद की एक इम्यूनिटी की दवा की टेस्टिंग भी शुरू की गई है. केंद्रीय आयुष मंत्रालय यह ट्रायल क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन टीम के साथ मिलकर करा रहा है. बताया जा रहा है कि आयुष मंत्रालय के अधीन काम करने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने कोरोना को लेकर चार दवाएं बनाई हैं, जिनमें से एक का नाम है आयुष 64. इसे लेकर आयुष मंत्रालय उत्साहित है. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर ने कोरोना के मरीजों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है. यह क्लिनिकल ट्रायल कोविड-19 के प्रथम स्टेज के मरीजों पर जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है. आयुर्वेद संस्थान के निदेशक संजीव शर्मा का कहना है कि यह दवा सामान्य तौर पर पहले मलेरिया के लिए दी जाती थी, लेकिन इसमें कुछ बदलाव के साथ कोरोना के मरीजों को दी जा रही है. राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर ने कोरोना के मरीजों पर इसका क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है. यह क्लिनिकल ट्रायल कोविड-19 के प्रथम स्टेज के मरीजों पर जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है. आयुर्वेद संस्थान के निदेशक संजीव शर्मा का कहना है कि यह दवा सामान्य तौर पर पहले मलेरिया के लिए दी जाती थी, लेकिन इसमें कुछ बदलाव के साथ कोरोना के मरीजों को दी जा रही है. कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें... उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन करने के लिए क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन का सहयोग लिया जा रहा है. आयुर्वेद संस्थान के निदेशक ने कहा कि तीन से चार महीने में इसके रिजल्ट सामने आ जाएंगे. शुरुआती नतीजे अच्छे दिख रहे हैं. इसके अलावा 12000 लोगों को लेकर आयुर्वेदिक दवा संशमनी बूटी के इम्यूनिटी बूस्टर का ट्रायल भी शुरू किया गया है. रामगंज जैसे कंटेनमेंट एरिया के लोगों को इस दवा की दो-दो गोलियां सुबह-शाम खिलाई जा रही हैं. 45 दिन बाद परिणाम का अध्ययन किया जाएगा. दरअसल, केंद्र सरकार की मंशा प्रदेश सरकार के साथ मिलकर सरकारी अस्पतालों में क्लीनिकल ट्रायल करने की थी, लेकिन गहलोत सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी है. ऐसे में दवा का ट्रायल फौजियों पर किया जा रहा है. इस संबंध में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमने इसकी इजाजत के लिए फाइल राज्यपाल को भेजी है. सूत्रों के अनुसार राजस्थान सरकार की ओर से यह सवाल उठाया जा रहा है कि भारत सरकार इसका क्लिनिकल ट्रायल आखिर दिल्ली में क्यों नहीं कर रही है? अब तक के नतीजे सकारात्मक बता दें कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की तरफ से कोरोना को लेकर अलग-अलग स्तर पर रिसर्च किए जा रहे हैं. इनमें इम्यूनिटी बूस्टर किट भी है और च्यवनप्राश भी. जयपुर के हाई रिस्क जोन में रहने वाले करीब 5000 लोगों पर इसका ट्रायल पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से चल रहा है और अब तक के नतीजे अच्छे रहने का दावा किया जा रहा है.
जयपुर, 01 जून 2020,राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई वरिष्ठ नेता होम आइसोलेशन में चले गए हैं. ऐसी घटना इसलिए सामने आई क्योंकि बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के निजी सहयोगी (पीए) कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. बाकी लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले, इसे देखते हुए प्रदेश के सभी आला नेता क्वारनटीन में चले गए हैं. हालांकि सभी नेता अपने-अपने घर में ही क्वारनटीन हुए हैं. दरअसल, पूर्व अध्यक्ष भंवर लाल शर्मा का दो दिन पहले निधन हो गया था. भंवर लाल शर्मा के निधन और उनके अंतिम संस्कार के वक्त उनके पीए भी मौजूद थे, जिनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है. भंवर लाल शर्मा के निधन के बाद उनके पीए की मुलाकात बीजेपी के कई आला नेताओं से हुई है. इनमें मौजूदा पार्टी अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, सांगानेर के विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, बीजेपी नेता मोहन लाल गुप्ता, कालीचरण सर्राफ व अन्य कई नेता शामिल हैं. ये सभी नेता भंवर लाल शर्मा के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे. लिहाजा, ये सभी लोग होम आइसोलेशन में चले गए हैं. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, भंवर लाल शर्मा के अंतिम संस्कार में तकरीबन एक हजार लोग शामिल हुए थे. इतनी भीड़ से साफ है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन नहीं किया गया. जैसे ही पीए के कोरोना संक्रमित होने की खबर आई, अंतिम संस्कार में शामिल नेता होम आइसोलेशन में चले गए. इनमें प्रदेश बीजेपी के सभी बड़े नेता शामिल हैं.
नई दिल्ली, 30 मई 2020,राजस्थान बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. ताकि इस महामारी के दौर में छात्रों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ''कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा जो COVID-19 के कारण स्थगित हुई थी, अब आयोजित की जाएगी. राज्य शिक्षा विभाग परीक्षा आयोजित करने के लिए उचित व्यवस्था करेगा.'' उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के कारण स्थगित की गई 10वीं और 12वीं कक्षाओं की विभिन्न विषयों की बोर्ड परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया गया है, इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को समुचित व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं. सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों और अध्यापकों द्वारा मास्क तथा सैनिटाइजर के उपयोग की अनिवार्यता सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही, विद्यार्थियों के परीक्षा केन्द्र पर आवागमन और परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेसिंग के नियम की सख्ती से पालन किया जाएगा. अशोक गहलोत ने कहा है, आवश्यकता के अनुसार परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया गया है और जिन स्कूल भवनों में क्वारनटीन सुविधाएं संचालित की जा रही हैं, उन भवनों को परीक्षा से पहले तय प्रोटोकॉल के अनुसार सैनिटाइज और वहां स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों की सम्पूर्ण व्यवस्था की जाएगी. बता दें, राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण 19 मार्च को बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी थी. राज्य के शिक्षा मंत्री मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, परीक्षा के शुरू होने से 10 दिन पहले तारीखें जारी कर दी जाएंगी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बची हुई परीक्षा जून के पहले हफ्ते में आयोजित की जा सकती है. राजस्थान बोर्ड की कक्षा 10 की परीक्षा के केवल तीन पेपर बचे हैं, वहीं कक्षा 12वीं की अंग्रेजी, हिंदी, गणित, भूगोल समेत कई विषयों की परीक्षा होनी बाकी है. राजस्थान बोर्ड की जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है, शिक्षक घर से ही पेपर्स की चेकिंग कर रहे हैं. प्रक्रिया पूरी होने के चार से 6 सप्ताह के भीतर परिणाम घोषित किए जाएंगे. बोर्ड परीक्षा की प्रक्रिया को पूरा करने में एक महीने का समय लगेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा, यदि बोर्ड परीक्षा जून-अंत या जुलाई में समाप्त होती है, तो परिणाम अगस्त में आने की उम्मीद की जा सकती है.
26 मई 2020 कोरोना महामारी में मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है. वे पैदल चल रहे हैं. उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं. बहुत से मजदूर रेल की पटरियों के किनारे चल रहे हैं, ना जाने ऐसी कितनी तस्वीरों ने हमें विचलित किया है. एक तस्वीर प्रवासी मजदूरों की मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बने कोटा नाका से आई है, जहां पर प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार को शौचालय में ठहराया गया है. कोटा नाका के नाम से पहचाने जाने वाली ये जगह मध्य प्रदेश के शिवपुरी और राजस्थान के बांरा जिले की सीमा को जोड़ती है. प्रवासी मजदूरों को यहां पर बने शौचालय में ठहराया गया है. यहीं पर ये लोग खाना बनाने और खाने-पीने के लिए मजबूर हैं. सरकार की तरफ से खाना मिल रहा है, लेकिन खराब खाने की शिकायत बार-बार की जा रही है. मजदूर महिलाओं का कहना है कि हम लोगों को शौचालय में ठहराया गया है. हम जयपुर से यहां आए हैं. बेलदारी का काम करते थे. यहां खाना तो मिला है, लेकिन रोटियां कच्ची मिल रही हैं. ऐसे में तबीयत खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है. यहां आस-पास कोई डॉक्टर तक नहीं है. अब गांव में ही खेती करके गुजारा करेंगे. कोरोना खत्म होने के बाद भी वापस नहीं आएंगे. राज्य से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों को पहले मध्य प्रदेश की सीमा तक वाहनों से छोड़ा गया. राजस्थान के जयपुर के नाके पर करीब ढाई सौ मजदूरों को छोड़ा गया है. यहां से इन मजदूरों को बसों में बैठाकर अपने घर छोड़ने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की है इस पूरे मामले पर जिले के अपर कलेक्टर का कहना है कि हमने प्रवासी मजदूरों के ठहरने और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की है और जहां तक शौचालय में रुकने की बात है, हम इसकी जांच करेंगे और जिसकी भी लापरवाही होगी उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
चूरू, 20 मई 2020, देश में चल रही कोरोना महामारी में भारी नुकसान झेल रहे जिले के किसानों में अब असंख्य टिड्डियों के दलों ने चिंता और बढ़ा दी है. सरदारशहर और चूरू तहसील के कई गांवों में टिड्‌डी दल के हमले के बाद किसान सहम गए हैं. चूरू के गांव रोलासर, तोलासर, भाटवाला, दल्लूसर, सावर, खेजड़ा, पिचकराई, धनी पोटलिया, कुसंदेशर, बिजरासर, आदि में टिड्डियों ने किसानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए फसलों को चौपट कर दिया है. हालांकि, टिड्डियों के हमले के समय किसानों ने अपने खेतों में नरमा, कपास और मूंगफली की फसलों की सुरक्षा करने के उपाय भी किए लेकिन फिर भी किसानों की फसलों के लिए काल बनकर आई टिड्डियों ने जमकर किसानों की फसल को नुकसान पहुंचाया है. इसी को देखते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महामंत्री छगनलाल चौधरी ने तहसील के एक दर्जन से ज्यादा गांवों का दौरा कर खेतों में जाकर किसानों से मिलकर उनकी समस्याएं को सुनीं. इस दौरान किसानों नेता छगनलाल चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आया हुए टिड्डियों के दल ने किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है. जिसकी सूचना हमने स्थानीय प्रशासन को दी है जिसके बाद पटवारी और ग्रामसेवक गांव में पहुंचकर किसानों की फसलों का जायजा ले रहे हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि किसानों की फसलों का हुए नुकसान की भरपाई सरकार करे ताकि लॉकडाउन के दौरान किसानों को राहत मिल सके. चौधरी को अपना दर्द बताते हुए किसानों की आंखों में आंसू छलक आए. टिड्डी दल द्वारा हुए फसलों पर हमले से किसानों को हुए नुकसान के बाद स्थानीय विधायक भंवरलाल शर्मा और चूरू सांसद राहुल कसवा भी चिंतित हैं. सांसद राहुल कस्वा ने केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के साथ ही जिला कलेक्टर संदेश नायक को टिड्डी द्वारा किए गए हमले से अवगत करवाया है और नुकसान की भरपाई करने की बात कही. वहीं, स्थानीय विधायक भंवरलाल शर्मा ने पत्र लिखकर किसानों को हुए नुकसान से सीएम गहलोत को अवगत करवाया है. विधायक शर्मा ने अधिकारियों से आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है और साथ ही टिड्डी नियंत्रण छिड़काव की दवाओं को निशुल्क उपलब्ध करवाने की भी मांग की है. किसानों की फसलों पर हुए टिड्डी दल के हमले के बाद जिला कलेक्टर संदेश नायक भी अलर्ट मोड पर हैं. संदेश नायक द्वारा लगातार टिड्डीयों को नष्ट करवाने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही साथ जिला कलेक्टर ने खेतों में फसलों का जायजा लेने के लिए पटवारी व गिरदावर को आदेश दिए हैं. जिसके बाद पटवारी और गिरदावर खेतों में जाकर फसलों का जायजा ले रहे हैं. टिड्डी दल के हमले के बाद अब किसानों को सारी उम्मीदें गहलोत सरकार से हैं. सभी किसान गहलोत सरकार की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि गहलोत सरकार उनको उचित मुआवजा देकर किसानों को कुछ हद तक राहत देगी क्योंकि पहले ही कोरोना काल ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है अब टिड्डी दल के हमले के बाद दोहरी मार किसान झेल रहा है. जांच अधिकारी ओम प्रकाश स्वामी ने बताया कि बणियासर, भटवाड़ा, मौलासर दिल्लूसर में टिड्डी दल पहुंचा. उसमें काफी किसानों को नुकसान हुआ है. प्रशासन द्वारा कल रात से ही सर्वे का कार्य जारी है और हमारे साथ सरपंच भी हैं. साथ ही और मौका निरीक्षण किया जाएगा.
जयपुर , राजस्थान में बुधवार सुबह 9 बजे कोरोना के 61 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, सिरोही में 4, झुंझुनु में 8, उदयपुर में 3, डुंगरपुर में 11, कोटा में 6, झालावाड़ में 1, बारन में 1, जयपुर में 2, नागौर में 17 और सीकर में 8 नए मामले आए हैं. अब कुल मरीजों की संख्या 5906 हो गई है, जिसमें 143 लोगों की मौत हो चुकी है
भरतपुर, 20 मई 2020,राजस्थान की सड़कों पर पैदल चलते मजदूरों ने गहलोत सरकार के दावे की हवा निकाल दी है. दरअसल, गहलोत सरकार ने दावा किया था कि कोई भी मजदूर राजस्थान की जमीन पर पैदल चलता हुआ दिखाई नहीं दे सकता है. इस दावे से उलट लगातार प्रवासी मजदूर पैदल चलते हुए जा रहे हैं, जिनके साथ महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल है. कई प्रवासी मजदूर गुजरात के सूरत से पैदल चलते हुए राजस्थान को लांघकर आज उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पहुंची. ये सभी मजदूर उत्तर प्रदेश के कासगंज जा रहे हैं. इनमें एक 8 महीने की गर्भवती सोनेन्द्री देवी भी शामिल है. उसने बताया कि वह अपने परिजनों के साथ गुजरात के सूरत में मजदूरी करती थे, लेकिन लॉकडाउन के चलते मजदूरी बंद हो गई. गर्भवती महिला ने कहा कि हम लोग सूरत से ही पिछले 10 दिनों से पैदल चलकर आज भरतपुर पहुंचे हैं और यहां से हम लोग उत्तर प्रदेश जा रहे हैं. हजारों किलोमीटर पैदल चलते हुए उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर पहुंचे मजदूरों ने बताया की ऊंचा नगला बॉर्डर पर कांग्रेस की सैकड़ों बस खड़ी है, लेकिन हमको ले जाने से मना कर दिया. क्या हम मजदूर नहीं है? अब सवाल उठता है कि एक तरफ राजस्थान कांग्रेस की तरफ से उत्तर प्रदेश में पैदल चलने वाले मजदूरों को छोड़ने के लिए 500 की व्यवस्था की गई है, जो यूपी बॉर्डर पर खड़ी है. वहीं, मजदूर राजस्थान में पैदल चलकर अपने घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं. क्या इन बसों के जरिए मजदूरों को उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक नहीं लाया जा सकता था?
जयपुर, 20 मई 2020, देश में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है. वहीं लॉकडाउन के चौथे चरण में राज्य सरकारों की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम भी किया जा रहा है. इस दौरान कई राज्य सरकारें लॉकडाउन में रियायतें भी दे रही हैं. देश में हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच राजस्थान सरकार ने मॉल्स में स्थित कार्यालयों को खोलने की छूट दे दी है. ऐसे में राजस्थान में अब मॉल्स में स्थित ऑफिस खोले जा सकेंगे. इसके साथ ही राजस्थान की गहलोत सरकार ने शैक्षिक संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. हालांकि शैक्षिक संस्थानों को सिर्फ गैर-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए ही खोलने की छूट दी गई है. स्वास्थ्य प्रोटोकॉल और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन्हें खोला जा सकता है. लॉकडाउन 4 में कई रियायतें राजस्थान सरकार लॉकडाउन 4.0 में पहले ही कई रियायतों का ऐलान कर चुकी है. इसी क्रम में राजस्थान में सैलून खोलने की इजाजत दे दी गई है. लेकिन इसके लिए सैनिटाइजेशन की शर्त रखी गई है. राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी स्टाफ आ सकता है. वहीं राजस्थन में ऑरेंज जोन में बस, रिक्शा, टैक्सी और पार्क खोलने की अनुमति है. छोटी दुकानों में 2 से ज्यादा व्यक्ति एक साथ नहीं रहेंगे. वहीं बड़ी दुकानों में 5 से ज्यादा व्यक्ति एक साथ नहीं रहेंगे. बिना मास्क के आए ग्राहक को दुकानदार सामान नहीं देगा. वहीं राजस्थान में पान, गुटखा, तंबाकू पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, गोल्फ क्लब और स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए खुलेंगे. वहीं शादी समारोह के लिए एसडीएम की अनुमति लेनी पड़ेगी. शादी समारोह में नियमों के उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगेगा. अगर शादी समारोह में 50 से ज्यादा आदमी आए तो जुर्माना लगेगा. वहीं राजस्थान में शाम 7 से सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा. राजस्थान में धारा 144 लागू रहेगी. वहीं कोचिंग, होटल, सिनेमा हॉल, मॉल्स, पार्टी, राजनीतिक और धार्मिक सभा पर बंदिश जारी रहेगी.
जालौर, 18 मई 2020, राजस्थान में गैंगरेप का शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. राजस्थान के जालौर जिले में 9वीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग किशोरी को उसकी ही दो सहेलियों ने फंसा दिया और फिर वह दुष्कर्म का शिकार बनती रही. दरअसल, जालौर जिले के रानीवाड़ा थाना इलाके में एक नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है. पीड़िता के पिता ने रानीवाड़ा थाने में रिपोर्ट पेश कर मामला दर्ज करवाया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि नाबालिग पीड़िता की दो सहेलियां हैं जिनके माध्यम से आरोपी ने एक महीने पहले उसकी बेटी को मोबाइल दिया. इसके बाद आरोपी ने नाबालिग के साथ संबंध बनाकर उसके फोटो और वीडियो बना लिए. कुछ दिनों तक फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देते हुए उसके साथ रेप करता रहा और फिर उसके साथ अपने दोस्तों के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. थानाधिकारी मिट्ठू लाल ने बताया कि नाबालिग 9वीं कक्षा में पढ़ती है. आरोपी युवक ने पीड़िता को बहला-फुसलाकर उसके साथ गैंगरेप किया. वहीं आरोपी के साथ अन्य दो लड़के भी शामिल है. फिलहाल पुलिस ने नाबालिग के परिजनों द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत गैंगरेप का मामला दर्ज कर लिया है. मामले को गंभीरता से देखते हुए रानीवाड़ा पुलिस उप अधीक्षक की ओर से मामले की जांच की जा रही है.
जयपुर, 18 मई 2020,लॉकडाउन 4.0 में हर राज्य रियायत दे रहे हैं. राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन के चौथे चरण को लेकर कई रियायतों का ऐलान किया है. इसी क्रम में राजस्थान में सैलून खोलने की इजाजत दे दी गई है. लेकिन इसके लिए सैनिटाइज करने की शर्त रखी गई है. क्या-क्या मिली रियायत राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक सरकारी और निजी कार्यालयों में 50 फीसदी स्टाफ आ सकता है. ऑरेंज जोन में बस रिक्शा टैक्सी और पार्क खोलने की अनुमति है. छोटी दुकानों में 2 से ज्यादा व्यक्ति एक साथ नहीं रहेंगे. वहीं बड़ी दुकानों में 5 से ज्यादा व्यक्ति एक साथ नहीं रहेंगे. बिना मास्क के आए ग्राहक को दुकानदार सामान नहीं देगा. राजस्थान में पान, गुटखा, तंबाकू पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, गोल्फ क्लब और स्टेडियम खिलाड़ियों के लिए खुलेंगे. वहीं शादी समारोह के लिए एसडीएम की अनुमति लेनी पड़ेगी. शादी समारोह में नियमों के उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना लगेगा. अगर शादी समारोह में 50 से ज्यादा आदमी आए तो जुर्माना लगेगा. इसके अलावा राजस्थान में सब कुछ प्रतिबंध से बाहर है. रात में जारी रहेगा कर्फ्यू हालांकि शाम 7:00 से सुबह 7:00 तक कर्फ्यू जारी रहेगा. राजस्थान में धारा 144 लागू रहेगी. वहीं कोचिंग, होटल, सिनेमा हॉल, मॉल्स, पार्टी, राजनीतिक और धार्मिक सभा पर बंदिश जारी रहेगी. राजस्थान सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक कर्फ्यू एरिया और कंटेनमेंट जोन में कोई आवागमन नहीं होगा. इन इलाकों में सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई की जाएगी. रेड जोन में बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा की अनुमति नहीं है. रेड जोन में सड़क मार्ग अभी नहीं खुलेगा.
नई दिल्ली, 15 मई 2020,एक याचिका की सुनवाई के दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य के स्कूल अगर चाहें तो इस लॉकडाउन की अवधि के दौरान छात्रों से फीस की मांग कर सकते हैं. स्कूलों में छात्रों से फीस की मांग की जाए या नहीं, इस पर चल रही तमाम बहस को देखते हुए कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला लिया. साथ ही अदालत ने यह भी कहा है कि वे आगे स्कूल की फीस के मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. स्कूल की फीस के संबंध में अपना निर्णय देते हुए अदालत ने यह भी कहा कि अगर माता-पिता किसी भी कारण से लॉकडाउन की अवधि के दौरान स्कूल की फीस का भुगतान नहीं कर सकते हैं, तो स्कूल के पास छात्र का नाम काटने का अधिकार नहीं है. अदालत ने देशभर में फैले कोविड -19 संक्रमण के दौरान लागू लॉकडाउन को देखते हुए स्कूल फीस के भुगतान के संबंध में अधिवक्ता राजीव भूषण बंसल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान ये फैसला लिया. फीस देने में असमर्थ माता-पिता: बंसल अधिवक्ता राजीव भूषण बंसल ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें मांग की गई कि स्कूल को लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस नहीं मांगनी चाहिए. इसकी वजह देश में कोरोनो वायरस के तेजी से प्रसार के कारण वित्तीय संकट का बढ़ना है. राजीव भूषण ने कहा कि सभी व्यवसाय और उद्योग बंद होने के कारण सभी माता-पिता अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. चूंकि इस समय सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान गैर-ऑपरेशनल हैं, इसलिए कोर्ट को लॉकडाउन के दौरान राज्य के स्कूलों द्वारा फीस वसूली के मुद्दे पर गौर करना चाहिए. उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति सबीना और न्यायमूर्ति चंद्र कुमार सोंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई करने के बाद जनहित याचिका का निपटारा किया.
जयपुर, 15 मई 2020, राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी किसानों को राहत देने के लिए लोन योजना लेकर आई है. इसमें किसान अपनी फसल का रहन रखकर 3 फीसदी ब्याज पर लोन ले सकेंगे. जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को इसका ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम और विकेंद्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रुपये का अनुदान देने का अहम फैसला लिया है. इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 फीसदी ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा. जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा. पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था. इससे पहले, दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्‍तार से बताया. आत्मनिर्भर भारत पैकेज की तीसरी किश्त में निर्मला सीतारमण ने फिर से किसानों और कृषि संबंधी अन्य सेक्टर्स मसलन मछली उत्पादन, डेयरी, खाद्य प्रोसेसिंग, मधुमक्खी पालन, पशुपालन को राहत देने का ऐलान किया है. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इस घोषणा का फोकस 11 प्रमुख बिंदुओं पर है. इनमें से 8 बिंदुओं के जरिये कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक मजबूत करने की कोशिश की गई है और तीन उपाय प्रशासनिक सुधार से जुड़े हैं. उन्‍होंने बताया कि कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर्बल खेती के क्षेत्र में बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने 4,000 करोड़ रुपये के प्रवाधान को मंजूरी दी. दो साल में लगभग 10 लाख हेक्टेयर में हर्बल उत्पाद की खेती होगी जिससे 5,000 करोड़ की आय किसानों को होगी. औषधि के लिए गंगा नदी के किनारे पौधा रोपण किया जाएगा. बकौल वित्त मंत्री, किसानों के खातों में दो माह में 18 हजार 700 करोड़ डाले गए हैं. पिछले दो महीने में किसानों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इस दौरान 74 हजार 300 करोड़ रुपये की फसल खरीद की गई. दो करोड़ किसानों को ब्‍याज में सब्सिडी की सुविधा दी गई. न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य यानी एमएसपी के लिए 17300 करोड़ और फसल बीमा के लिए 6400 करोड़ रुपये का प्रावधान है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के माध्यम से मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित करने का फैसला किया है. यह मत्स्य मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल भरने में मदद करेगा. यह समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य क्षेत्र के विकास में मदद करेगा.
फसल रहन रखकर केवल 3 प्रतिशत ब्याज पर ऋण ले सकेंगे किसान कम दामों पर नहीं बेचनी पडे़गी उपज जयपुर, 15 मई। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत किसानों को राहत देने के लिए लगातार महत्वपूर्ण फैसले ले रहे हैं। उन्होंने किसानों को फसल का बेहतर मूल्य दिलाने, खरीद के लिए सुगम एवं विकेन्द्रीकृत व्यवस्था करने और उपज को रहन रखकर कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने जैसे कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को शुक्रवार को मंजूरी दी है। श्री गहलोत ने कृषक कल्याण कोष से सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का अहम फैसला किया है। इससे किसानों को अब अपनी उपज को रहन रखकर मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा, जबकि 7 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार द्वारा कृषक कल्याण कोष से वहन किया जाएगा। पहले राज्य सरकार द्वारा केवल 2 प्रतिशत ब्याज वहन किया जाता था। आमतौर पर बाजार में फसल आने के समय जिंसों के भाव कम होते हैं, लेकिन आवश्यकताओं की पूर्ति और संस्थागत ऋणों को चुकाने के लिए किसान कम दामों पर ही फसल बेचने को मजबूर हो जाते हैं। फसल नहीं बेचें तो जरूरी कार्यों के लिए उन्हें साहूकारों या बिचैलियों के पास अपनी उपज रहन रखकर ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लेना पड़ता है। इन परिस्थितियों से बचाकर किसान को तात्कालिक वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने सहकार किसान कल्याण योजना में प्रतिवर्ष 50 करोड़ रूपये का अनुदान देने का यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। योजना के तहत किसानों को उनके द्वारा रहन रखी गई उपज के बाजार मूल्य या समर्थन मूल्य, जो भी कम हो के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा तथा मूल्यांकित राशि की 70 प्रतिशत राशि रहन ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए 1.50 लाख तथा बड़े किसानों को 3 लाख रूपये तक का ऋण मात्र 3 प्रतिशत ब्याज दर पर मिल सकेगा। यह योजना किसानों के लिए बेहद उपयोगी होगी। वे अपनी कृषि उपज उचित भाव मिलने पर बेच सकेंगे। उन्हें यह सुविधा उनके ग्राम के समीप ही सुलभ हो सकेगी। किसान को 90 दिवस की अवधि के लिए यह ऋण मिलेगा। विशेष परिस्थितियों में यह सीमा 6 माह तक हो सकेगी। निर्धारित समय में ऋण का चुकारा करने पर किसान को ब्याज अनुदान मिलेगा। सहकारी बैंक एवं समितियों द्वारा किसानों से 11 प्रतिशत के स्थान पर 3 प्रतिशत ही ब्याज लिया जाएगा। किसानों की उपज को सुरक्षित करने के लिए इस योजना को ‘अ’ एवं ‘ब’ श्रेणी की उन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में क्रियान्वित किया जाएगा जिनका नियमित आॅडिट हो रहा हो, लाभ में चल रही हो, एनपीए का स्तर 10 प्रतिशत से कम हो, सरप्लस रिसोर्सेज उपलब्ध हो तथा पूर्णकालिक व्यवस्थापक या सहायक व्यवस्थापक कार्यरत हो। इस योजना के तहत जीएसएस या लैम्पस के सभी ऋणी एवं अऋणी किसान सदस्य उपज रहन कर ऋण लेने के पात्र होंगे। मंडियों में भूखंडों पर निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को राहत मुख्यमंत्री ने प्रदेश की विभिन्न मंडी समितियों में 99 वर्षीय लीज पद्धति से आवंटित भूखंडों पर विभिन्न कारणों से निर्माण नहीं करा पाने वाले आवंटियों को आवंटन बहाल करने का अवसर प्रदान कर बड़ी राहत दी है। निर्माण नहीं कराने के कारण जिनके आवंटन निरस्त हो गए थे अगर उन भूखंडों का किसी अन्य को आवंटन नहीं किया गया है तो ऐसे आवंटन पुनः बहाल हो सकेंगे। इसके लिए आवंटियों को 30 जून तक आवंटन राशि का 25 प्रतिशत शास्ति जमा कराने की छूट प्रदान की है। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से ऐसे प्रकरणों में आवंटियों को 31 दिसम्बर 2020 तक निर्माण करने का अंतिम अवसर प्रदान करने के साथ आवंटन बहाल किया जा सकेगा। श्री गहलोत ने इसके साथ ही मंडी समिति द्वारा आवंटित भूखंडों का कब्जा तथा टाइप डिजाइन विलम्ब से देने के प्रकरणों में भी आवंटियों को राहत दी है। ऐसे मामलों में कब्जा तथा टाइप डिजाइन देने की तिथि से निर्माण अवधि की गणना की जाएगी। साथ ही तकनीकी बाधाओं के कारण जिन भूखंडों में निर्माण नहीं हो पाया उनमें तकनीकी बाधा दूर होने के बाद कब्जा दिए जाने की तिथि से निर्माण अवधि एवं शास्ति की गणना की जाएगी। किसानों को प्रमाणित बीज के लिए 200 मंडियों में बनेंगे आउटलेट मुख्यमंत्री ने राजस्थान राज्य बीज निगम को बीज वितरण आउटलेट स्थापित करने के लिए प्रदेश के 200 कृषि उपज मंडी परिसरों में भूखंड तथा रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उन्नत बीज की मांग को देखते हुए राज्य बीज निगम द्वारा प्रमाणित बीज का उत्पादन 8 लाख क्विंटल से बढ़ाकर 12 लाख क्विंटल किया जाना है। साथ ही 200 मंडियों में चरणबद्ध रूप से बीज वितरण आउटलेट स्थापित किए जाने हैं। श्री गहलोत ने इसके लिए 97 मंडियों में रिक्त निर्मित परिसंपत्तियां तथा शेष 103 मंडियों में रिक्त चिन्हित भूखंडों के आवंटन को स्वीकृति दी है। निजी गौण मंडी को प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता की अनिवार्यता में शिथिलता इसी प्रकार श्री गहलोत ने वेयरहाउस डेवलपमेंट रेगुलेरिटी आॅथोरिटी (डब्ल्यूडीआरए) से रजिस्टर्ड निजी वेयरहाउस को निजी गौण मण्डी घोषित किये जाने के संबंध में प्रतिभूति राशि एवं भूमि की आवश्यकता संबंधी प्रावधानों में भी शिथिलता प्रदान की है। प्रदेश में 157 निजी स्वामित्व के वेयरहाउस डब्ल्यूडीआरए से पंजीकृत हैं। उल्लेखनीय है कि निजी गौण मंडी के लिए 15 लाख रूपए की प्रतिभूति राशि और 5 हैक्टेयर भूमि की अनिवार्यता का प्रावधान है। कोविड-19 महामारी के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना और किसानों को खेत के नजदीक ही उनकी उपज बेचने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से इन निजी वेयरहाउस को निजी गौण मंडी घोषित किये जाने के संबंध में राजस्थान राज्य भंडार गृह व्यवस्था निगम की तर्ज पर प्रतिभूति राशि और भूमि की आवश्यकता संबंधी प्रावधानों में शिथिलता दी गई है।
नई दिल्ली, 10 मई 2020,राजस्थान बोर्ड की बची हुई परीक्षाओं को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई जा रही थी कि परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं, अब इनका आयोजन नहीं किया जाएगा. बता दें, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. बोर्ड परीक्षा रद्द करने की अफवाहों पर विराम लगाते हुए, राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बची हुई परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस प्रकोप के कारण 19 मार्च को बोर्ड परीक्षा स्थगित कर दी थी. शिक्षा मंत्री ने कहा, एक बार लॉकडाउन समाप्त होने के बाद, सरकार परीक्षाओं के शुरू होने से 10 दिन पहले तारीखें जारी कर देगी. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि बची हुई परीक्षा जून के पहले हफ्ते में आयोजित की जाएगी. परीक्षा का आयोजन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का खास ध्यान रखा जाएगा, इसी के साथ परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है ताकि परीक्षा के समय दो छात्रों के बीच गैप किया जा सके. आपको बता दें, कक्षा 10 की परीक्षा के केवल तीन पेपर बचे हैं, वहीं कक्षा 12वीं की अंग्रेजी, हिंदी, गणित, भूगोल समेत कई विषयों की परीक्षा होनी बाकी है. राजस्थान बोर्ड की जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया चल रही है, शिक्षक घर से ही पेपर्स की चेकिंग कर रहे हैं. प्रक्रिया पूरी होने के चार से 6 सप्ताह के भीतर परिणाम घोषित किए जाएंगे.
राजस्थान में 1 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे। शिक्षा मंत्री, गोविंद सिंह डोटासरा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कल 50 से अधिक शिक्षक संगठनों के साथ बैठक की और राज्य में स्कूली शिक्षा और परीक्षा के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की। बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय 1 जुलाई से स्कूलों को फिर से खोलने का था।जबकि राजस्थान में स्कूल 1 जुलाई को छात्रों के लिए खुलेंगे, शिक्षकों को 26 जून या 27 जून को ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करना होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति के अनुसार शैक्षणिक कैलेंडर में बदलाव हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में नए प्रवेश जल्द ही शुरू होंगे और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। कोरोना के कारण देरी को देखते हुए शिक्षक संगठनों के सुझाव पर, प्रवेश प्रक्रिया इस साल की शुरुआत में शुरू होनी चाहिए, मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करेंगे। हिंदी माध्यम के स्कूलों के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है। डोटासरा ने यह भी घोषणा की कि रमजान के दौरान फास्ट रखने वाले शिक्षकों और गर्भवती शिक्षकों को कोरोना ड्यूटी नहीं दी जाएगी। अन्य महिला शिक्षकों का भी कोरोना ड्यूटी में उपयोग किया जाएगा यदि आवश्यक होगा। कक्षा 10 और कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा के बाद निर्णय लिया जाएगा।
जयपुर, 08 मई 2020, देश में बड़ी संख्या में मजदूर गांव लौट रहे हैं. शहरों में आर्थिक मंदी के बाद गांव में बेरोजगारी का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है. राजस्थान में मई के पहले सप्ताह में ही 5 लाख 70 हजार मजदूरों ने मनरेगा में अपना रजिस्टर्ड करवाया है. 21 अप्रैल के बाद से अब तक राजस्थान में 17 लाख लोगों ने मनरेगा के तहत काम मांगा है. गांव की ओर मजदूरों का पलायन चारों ओर से मजदूर गांव की तरफ पलायन कर रहे हैं और गांव में कोई रोजगार धंधा नहीं है, इसलिए अब तक का सहारा मनरेगा बचा है. जयपुर के वाटिका में मनरेगा में काम कर रही महिलाएं कह रही हैं कि सरकार आटा चावल तो दे रही है, मगर चाय, चीनी और साबुन कहां से आएगा, इसके लिए तो पैसे चाहिए. जैसे ही सुना कि मनरेगा का काम शुरू हो रहा है मिट्टी ढोने चली आई हूं. कम से कम अब घर का चूल्हा तो चलेगा. इसी तरह से दूसरी महिलाएं भी कहती हैं कि घर में कोई कमाने वाला नहीं है. बेटा मजदूरी करता था, लेकिन अब बंद है. अनाज किसी को मिलता है तो किसी को नहीं मिलता है, मगर अब मनरेगा का काम शुरू हो गया है तो कम से कम घर तो चलेगा. मनरेगा के नियमों में भारी छूट लॉकडाउन 3.0 में राजस्थान में मनरेगा में 26000 परिवारों के 77000 लोगों ने मजदूरी के लिए अपना नाम रजिस्टर करवाया है. शहरों में मजदूरी की खराब हालत को देखते हुए राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मनरेगा के नियमों में भारी छूट दी है. अब अपने घर का काम करने वाला व्यक्ति भी मनरेगा के तहत मजदूरी ले सकता है. दरअसल, राजस्थान में भीषण अकाल आया था तब अकाल राहत के काम इसी तरह से शुरू किए गए थे, जो बाद में चलकर देश में नरेगा और फिर मनरेगा के नाम से जाने जाना लगा. कहते हैं कि 2008 की मंदी में हिंदुस्तान अगर खड़ा रह पाया तो यह मनरेगा की बदौलत ही हुआ था. आज एक बार फिर से लोग मनरेगा की तरफ देख रहे हैं. हालांकि, इसकी वजह से उद्योग जगत के लोग चिंतित हैं. इनका मानना है कि मनरेगा की वजह से शहरों में मजदूर नहीं मिलेंगे तो उत्पादन प्रभावित होगा, इसलिए यह भी मांग कर रहे हैं कि मनरेगा को उद्योगों से जोड़ा जाए.
जयपुर, 7 मई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने गुरूवार को राज्य में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के संबंध में जिला कलक्टरों एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अनाधिकृत व्यक्तियों के आवागमन को रोकने के लिए अन्तर्राज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है। अब बिना ई-पास के कोई व्यक्ति अन्तर्राज्यीय आवागमन नहीं कर सकेगा। सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी तथा मृत्यु के मामलों में जिला कलक्टर ई-पास जारी कर सकेंगे। श्री गुप्ता ने बताया कि राज्य से बाहर की यात्रा के लिए भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप पात्रता पूरी करने वाले व्यक्ति को जिला कलक्टर की अनुशंसा पर गृह विभाग के स्तर पर अनुमति जारी की जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार की ई-एनओसी के उपरान्त ही दूसरे राज्य से राजस्थान आने वालों के लिए परमिट जारी किया जा सकेगा। मुख्य सचिव नेे कहा कि चूंकि लाॅकडाउन लागू होने के कारण प्रदेश में फंसे ऐसे श्रमिक जो शिविरों में रह रहे थे, उन्हें उनके गृह राज्यों में भेजा जा चुका है। इसलिए प्रदेश में ट्रांजिट शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप जो श्रमिक अन्य राज्यों से आए हैं, उन्हें आवश्यक रूप से 14 दिन क्वारेंटाइन में रहना होगा। जिला कलक्टर सुनिश्चित करें कि इन निर्देशों की हर हाल में पालना हो। बाॅर्डर पर प्रवासी श्रमिकों के आगमन के साथ ही उनके मेडिकल चैकअप तथा उसकी सूचना संबंधित जिले को दें ताकि सभी प्रवासी श्रमिकों का क्वारेंटाइन सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण देश में कोरोना पाॅजीटिव रोगियों की सर्वाधिक रिकवरी दर राजस्थान में है। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमाओं को सील करने के निर्णय से कोरोना संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने निर्देश दिए कि बाहर से आने वाले हर व्यक्ति को संस्थागत या होम क्वारेंटाइन करना सुनिश्चित करें, अन्यथा 47 दिन की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप ने कहा कि दूसरे राज्य से पास के जरिए आने वाले हर व्यक्ति की राज्य के एंट्री प्वाइंट पर ही सूचना दर्ज हो और जिस जिले में वह जाना चाहता है वहां के जिला प्रशासन को इसकी जानकारी पहुंचाई जाए। इस व्यवस्था को पुख्ता करके ही हम शत-प्रतिशत क्वारेंटाइन सुनिश्चित कर सकते हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग श्री सुबोध अग्रवाल ने कहा कि विदेशों से राज्य में आने वाले करीब 8 हजार 500 व्यक्तियों को एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ही भुगतान आधारित संस्थागत क्वारेंटाइन में भेजा जाएगा। राज्य में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर तथा जैसलमेर एयरपोर्ट को इसके लिए चिन्हित किया गया है। संबंधित जिला कलक्टर इनके क्वारेंटाइन के लिए उचित प्रबंध करें। पुलिस महानिदेशक डाॅ. भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि सीमावर्ती सभी एन्ट्री प्वाइंट्स पर अनाधिकृत व्यक्तियों की आवाजाही रोकने के लिए पुलिस बल चैकस है। यह पुख्ता किया जा रहा है कि बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति राज्य की सीमा में दाखिल न हो। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने बताया कि कोरोना से मुकाबले के लिए वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि ज्यादातर हाॅट स्पाॅट शहरी इलाकों में हैं। ऐसे प्रयास हों कि कोरोना का संक्रमण गांवों में नहीं फैले। प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार ने क्वारेंटाइन व्यवस्था की आॅनलाइन माॅनीटरिंग के लिए विकसित सिस्टम का प्रस्तुतीकरण दिया।
जयपुर, 07 मई 2020, कोरोना वायरस का संकट देश के कई राज्यों में बढ़ता जा रहा है. राजस्थान में भी बीते दिनों कई मामले सामने आए हैं, इस बीच अब जब लॉकडाउन 3.0 के तहत राहत मिलनी शुरू हुई है तो राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य की सभी सीमाओं को सील करने का आदेश दिया है, ताकि प्रदेश में कोई बाहरी व्यक्ति ना आ पाए. आदेश के मुताबिक अंतरराज्यीय आवागमन की अनुमति भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों एवं शर्तों की कड़ाई से पालन करते हुए ही दी जाएगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं से अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा तुरंत प्रभाव से राज्य की सभी अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर रेगुलेट किया जाएगा, जिससे राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर अधिकृत व्यक्ति ही राज्य में प्रवेश कर सकें. मुख्यमंत्री बोले कि विगत दिनों में देश के कई राज्यों में कोरोना पॉजिटिव कैसेज की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. अशोक गहलोत ने कहा कि देश में पिछले तीन दिनों में 10,000 पॉजिटिव कोरोना केस रिपोर्ट हुए हैं और यह कि देश के अन्य हिस्सों से भारी संख्या में अनाधिकृत व्यक्तियों का प्रदेश में प्रवेश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की सीमाओं को सील करने का फैसला लिया गया है. इस आदेश के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह अन्य सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सूचित करें कि राजस्थान में आने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में अनुमत श्रेणी के उन्हीं लोगों को अनुमति दी जाएगी, जो इसकी सभी शर्तों को पूरी करेंगे और राजस्थान की पूर्व सहमति भी प्राप्त करेंगे. विदेश से आने वालों के लिए सख्ती मुख्यमंत्री गहलोत के द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक विदेश से आने वाले व्यक्ति जहां भी लैंड करेंगे उन्हें वहीं पर संस्थागत 14 दिन के लिए क्वारनटीन किया जाएगा तथा उसके बाद उनका कोविड टेस्ट किया जाएगा. इसके बाद भी होम क्वारनटीन जैसे नियमों का पालन करना जरूरी होगा.
जयपुर, 06 मई 2020, मजदूरों की घर वापसी पर राजस्थान सरकार ने अब यू-टर्न ले लिया है. राजस्थान सरकार ने कहा, 'केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि लॉकडॉउन के दौरान जो लोग अपने घर जाने के दौरान फंस गए थे, उन्हें ही आने-जाने की छूट देनी है, जो लोग आराम से रह रहे हैं, वह जहां हैं, वहीं रहें. इससे पहले सीएम अशोक गहलोत ने देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे सभी प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की बात कही थी. सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा. इसके लिए पहले संबंधित राज्य सरकार से अनुमति ली जाएगी, फिर रोडवेज की बसों से उन्हें अन्‍य राज्‍यों से राजस्‍थान लाकर उनके घर तक पहुंचाया जाएगा. सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान के लोग बड़ी संख्या में देश भर में हैं. वे एक बार घर आना चाहते हैं और मैं प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहा हूं कि राजस्थान के लोगों को जो भी राजस्थान आना चाहते हैं उन्हें आने दिया जाए. इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार को इजाजत भी दे दी थी. ई-एजेंडा के कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि जिस तरह का माहौल बन गया है, उसके लिए काफी जरूरी था कि मजदूर अपने परिवार से मिल सकें. क्योंकि मजदूरों के मन में इस बात की फिक्र थी कि आखिर लॉकडाउन कबतक रहेगा. ऐसे में सरकार से हमने इन्हें वापस भेजने की मांग की थी, जो अब मान ली गई है. साथ ही साथ ट्रेन की मांग भी मान ली गई है.
जयपुर, 05 मई 2020, हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद हुए सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा को आज अंतिम विदाई दी गई. शहीद कर्नल आशुतोष जम्मू कश्मीर में कई मिशन का हिस्सा रहे. शनिवार को उन्होंने हंदवाड़ा में मुठभेड़ के दौरान दो आतंकियों को मार गिराया था. इस दौरान वह शहीद हो गए थे. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कर्नल आशुतोष शर्मा के बलिदान पर अत्यधिक गर्व है. कर्नल आशुतोष शर्मा के परिवार के लिए नुकसान उठाना मुश्किल है. मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. वहीं, कर्नल शर्मा की पत्नी पल्लवी शर्मा ने कहा कि बलिदान पर मुझे कोई अफसोस नहीं है. गौरतलब है कि हंदवाड़ा में लश्कर चीफ हैदर को मौत की नींद सुलाने वाले वीर कर्नल आशुतोष का पार्थिव शरीर कल यानी सोमवार को जयपुर पहुंचा. नागरिकों की जान बचाते हुए पाकिस्तान की आतंकी साजिश को नाकाम करने के दौरान 21 राष्ट्रीय राइफल के कर्नल आशुतोष समेत 5 सुरक्षाकर्मियों ने शहादत दी थी. पूरा परिवार पार्थिव शरीर को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचा था. यहां से उसे मिलिट्री हेडक्वार्टर ले जाया गया. कर्नल आशुतोष के परिवार ने उनकी शहादत पर आंसू नहीं बहाया. दो-दो बार वीरता के लिए सम्मानित कर्नल आशुतोष की शहादत पर पूरे परिवार को गर्व है. क्या है पूरा मामला शनिवार को कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा के साथ सुरक्षाबलों ने हंदवाड़ा में आतंकियों को घेर लिया. एक-एक घर की तलाशी ली जाने लगी और इसी दौरान मुठभेड़ हुई थी. आखिरकार हंदावाड़ा एनकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर चीफ हैदर का सफाया हो गया. भीषण गोलीबारी के बीच सेना ने दो विदेशी आतंकियों को मार गिराया और उनका ठिकाना तबाह कर दिया, लेकिन 5 सुरक्षाकर्मियों को शहादत देनी पड़ी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर साफ कहा है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
जयपुर, 04 मई 2020,कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए देश में जंग जारी है. इस बीच अब हर मोर्चे पर ये कोशिश की जा रही है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति का जल्द से जल्द इलाज किया जा सके. भले ही इसको लेकर कोई वैक्सीन ना आई हो, लेकिन प्लाज्मा थैरेपी ने नई उम्मीद जताई है. आज से राजस्थान में भी प्लाज्मा थैरेपी के इस्तेमाल की शुरुआत होगी. राजस्थान में सोमवार से कोरोना वायरस से पीड़ित गंभीर मरीजों के लिए इस थैरेपी का इस्तेमाल किया जाएगा. जो मरीज कोरोना वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं, उनसे प्लाज्मा लिया जाएगा. जिसका उपयोग बीमार व्यक्ति के इलाज के लिए किया जाएगा. गौरतलब है कि देश में सबसे पहले राजधानी दिल्ली में प्लाज्मा थैरेपी की शुरुआत की गई थी, जहां कुछ मरीज इस थैरेपी की मदद से ठीक भी हुए हैं. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अभी इस थैरेपी को पूरी तरह से सही नहीं माना जा सकता है, इसमें एक रिस्क हमेशा बना रहेगा. लेकिन जिन राज्यों या अस्पतालों को केंद्र सरकार, इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च से मंजूरी मिल रही है, वो इस थैरेपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको बता दें कि राजस्थान में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 2886 पहुंच गई है. यहां अबतक 71 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 1100 से अधिक लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. प्लाज्मा थैरेपी की मदद से ठीक हो चुके व्यक्ति का प्लाज्मा गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति में डाला जाता है, जिससे उसकी इम्युन शक्ति मजबूत होती है और बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है.
जोधपुर, 30 अप्रैल 2020देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं राजस्थान में भी कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है. इस बीच जोधपुर में कोरोना वायरस के एक ही दिन में 60 से ज्यादा केस सामने आए हैं. राजस्थान के जोधपुर में एक ही दिन में 64 कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि होने से हड़कंप मच गया है. यहां 51 रोगी जोधपुर शहर और आस-पास के हैं. इनमें पांच रोगी लूनी तहसील के उतेसर गांव के भी शामिल हैं. वहीं एक ईरान से आई भारतीय भी पॉजिटिव पाई गई है. ऐसा पहली बार हुआ है जब जोधपुर में एक ही दिन में 64 मरीज एक साथ कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही अकेले जोधपुर में ही कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 464 पहुंच गई है. वहीं राजस्थान में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 2438 पहुंच गया है. देश में कितने कोरोना मरीज? बता दें कि देश में लगातार कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. देश में 31 हजार से ज्यादा कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. देश में अब तक 31787 कोरोना वायरस के मरीज सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही 1008 कोरोना मरीजों की मौत भी हो चुकी है. वहीं 7797 लोगों का इलाज भी किया जा चुका है.
जयपुर: राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जो कि राजस्थान सरकार के लिए वाकई चिंताजनक विषय है. प्रदेश सरकार पूरी तरह से सतर्क है और स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए नए प्रयास कर रही है. वहीं, राजस्थान में 27 अप्रैल सुबह 9 बजे तक कोरोना मरीजों का कुल आंकड़ा 2328 पहुंच गया है. खबर के मुताबिक, सुबह 9 बजे तक राजस्थान में 66 नए पॉजिटिव केस आए हैं. जिसमें कोटा में 19 पॉजिटिव मामले, जयपुर में 17, जोधपुर में 13, अजमेर में 11, धौलपुर में 2, सीकर में 1, टोंक में 3 मामले पाए गए हैं. साथ ही, कोटा में एक कोरोना पॉजिटिव मौत का नया मामला सामने आया है. वहीं, राजस्थान में अब तक कोराना से 51 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं, ईरान से लौटे भारतीयों में अब तक 61 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. इटली से आए दो पयर्टक भी पॉजिटिव मरीजों में शामिल हैं. साथ ही, प्रदेश में अब तक 669 कोरोना पॉजिटिव ठीक हो चुके हैं और 313 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है. प्रदेश में अब तक कोरोना के 87777 सैम्पल लिए गए हैं जिसमें 80830 सैम्पलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और 4713 सैम्पलों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है. जबकि पूरे देश की बात करें तो देश में कोविड-19 के संक्रमितों की संख्या 28,380 हो गई है. जबकि देश में कोरोना से अब तक 886 लोगों की जान जा चुकी है.
जयपुर, 28 अप्रैल 2020,राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ की. पीएम मोदी ने अशोक गहलोत द्वारा राज्य में कोरोना को लेकर उठाए गए कदमों की सराहना की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि जिन मुख्यमंत्रियों को अपनी बात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रखने का मौका नहीं मिला वे अपने सुझाव लिख कर भेज सकते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15 सूत्री सुझाव पीएम को भेजे हैं. राजस्थान मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा जारी किए गए सुझावों की लिस्ट राज्यों को दिया जाए 1 लाख करोड़ का अनुदान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण राज्यों के राजस्व संग्रहण पर विपरीत असर पड़ा है. ऐसे में उन्हें 1 लाख करोड़ रूपये का अनुदान उपलब्ध करवाया जाए. इसका आधार प्रति व्यक्ति जनसंख्या, कोविड महामारी का प्रकोप अथवा जीएसटी काउंसिल द्वारा निर्धारित मापदण्ड भी हो सकते हैं. जीएसटी क्षतिपूर्ति को दस वर्ष किया जाए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण हर राज्य की स्थानीय परिस्थितियों एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुए जीएसटी की व्यवस्था के अन्तर्गत राज्यों को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति की अवधि को 5 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष किया जाए. लोन के भुगतान की किस्तों पर दें 6 माह का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार एवं इसके बोर्ड, कॉरपोरेशन तथा कंपनियों (पावर कंपनियाें सहित) को भारत सरकार एवं उसके विभिन्न संस्थानों जैसे पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से लिए गए लोन के भुगतान की किस्ताें पर मूल एवं ब्याज, दोनों पर 6 माह का ब्याज मुक्त मोरेटोरियम दिया जाए. कृषि उत्पादन के 50 प्रतिशत तक हो एमएसपी पर खरीद अशोक गहलोत ने कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों को संबल देना हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले इसके लिए जरूरी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की सीमा को कृषि उत्पादन के 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए. उद्योग एवं व्यापार जगत को मिले व्यापक आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी का बड़ा प्रतिकूल प्रभाव उद्योग एवं व्यापार जगत पर पड़ा है. करीब डेढ़ महीने से औद्योगिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं. ऐसे में उन्हें उबारने के लिए केन्द्र द्वारा एक व्यापक आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए. यह पैकेज उसी प्रकार का हो जैसा वर्ष 2008 में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समय दिया गया था. कोविड-19 के इस संकट काल में अमेरिका, यूके, जापान आदि देशों ने वृह्द स्तर पर पैकेज दिए हैं. अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए राजकोषीय व्यय को बढ़ावा दें मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में अर्थव्यस्था को उबारने के लिए राजकोषीय व्यय को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.इसके लिए भारत सरकार को केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं की केन्द्रांश की राशि की प्रथम किस्त शीघ्र बिना किसी शर्त के जारी करनी चाहिए एवं राशि जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए. श्रमिकों के वेतन भुगतान के लिए केन्द्र लाए स्कीम सीएम ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अधिकतर एमएसएमई उद्योग बंद होने के कारण अपने श्रमिकों को वेतन एवं मजदूरी देने की स्थिति में नहीं है. भारत सरकार को इन श्रमिकों के वेतन भुगतान के लिए निर्णय लेकर इनके वेतन का एक हिस्सा 6 माह तक के लिए देना चाहिए. इस सम्बन्ध में कई देशों द्वारा उद्योग एवं व्यापार को संकट से उबारने के लिए नीतिगत निर्णय लिए गए हैं. इस पर भारत सरकार को एक योजना बनानी चाहिये. अटके प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए बने राष्ट्रीय योजना मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के करीब 35 दिन बीत जाने के बाद प्रवासी मजदूरों एवं छोटे दुकानदारों के दिलों में यह बात घर कर गई है कि उन्हें एक बार अपने परिवार के बीच जाना चाहिए. घर नहीं जा पाने के कारण वे असहनीय मानसिक पीड़ा से गुज़र रहे हैं. पूर्व में भी हमने इस ओर केन्द्र का ध्यान आकर्षित किया है. केन्द्र को चाहिए कि वह राष्ट्रीय स्तर पर राज्यों से शीघ्र विचार-विमर्श कर एक योजना बनाए जिससे कि आपसी समन्वय स्थापित करते हुए चरणबद्ध ढंग से अन्तर्राज्यीय परिवहन एवं विशेष रेल गाड़ियों के माध्यम से ेसे प्रवासियों को उनके पैतृक स्थानों पर पहुंचाया जा सके. बहाल हो इंटर स्टेट सप्लाई चेन अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां तब तक पटरी पर नहीं आएंगी जब तक राज्यों के बीच सप्लाई चेन बहाल नहीं की जाए. उन्होंने कहा कि खुदरा क्रय-विक्रय को सुचारू करने के लिए अन्तर्राज्यीय आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावी बनाना होगा. इसके लिए भारत सरकार को शीघ्र कार्यवाही करनी चाहिए. राज्यों को मिले आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों के लिए स्वतंत्रता मुख्यमंत्री ने कहा कि मोडिफाइड लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियों एवं व्यापार तथा उद्योग को चरणबद्ध रूप से पुनः क्रियाशील करना भी आवश्यक है. हर राज्य की स्थानीय परिस्थितियां भिन्न होती हैं, ऐसे में भारत सरकार राष्ट्रव्यापी समान निर्देशों के स्थान पर राज्यों को स्थानीय स्तर पर मापदण्ड निर्धारित करने की स्वतंत्रता प्रदान करे. चिकित्सा उपकरणों की हो केन्द्रीकृत खरीद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावी रूप से लड़ने के लिए पीपीई किट्स, मास्क, टेस्टिंग किट्स, वेन्टीलेटर्स आदि की खरीद के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि इनकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो. ऐसे में भारत सरकार केन्द्रीकृत खरीद करके इन वस्तुओं को आवश्यकतानुसार राज्यों को उपलब्ध करवाए. वर्ष 2019-20 की जनसंख्या हो खाद्य सुरक्षा का आधार अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसए) के लाभार्थियों के चयन की सीमा वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार है. वर्तमान विशेष परिस्थितियों को देखते हुए इसे 2019-20 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर तुरन्त बढ़ाया जाये. वेज एंड मीन्स एडवांस पर ब्याज में छूट की मांग मुख्यमंत्री ने कोरोना संकटकाल को देखते हुए राज्यों को वेज एंड मीन्स एडवांस की सीमा 60 प्रतिशत करने के केन्द्र के फैसले का स्वागत किया और इस राशि पर ब्याज में छूट देने की मांग की. राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा 3 से बढ़ाकर 5 प्रतिशत हो अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री से कहा कि राज्यों को मिलने वाली शुद्ध ऋण सीमा 3 प्रतिशत से बढाकर 5 प्रतिशत बिना शर्तों के की जाए. उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में राज्य सरकार जरूरतमंद, निराश्रित एवं बेसहारा लोगों को संबल देने के लिए तमाम जरूरी कदम उठा रही हैं, ऐसे में उन्हें वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं रहे इसके लिए यह अनुमत किया जाए. जीएसटी की क्षतिपूर्ति एवं सीएसटी क्लेम की राशि शीघ्र उपलब्ध कराएं मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि केन्द्र राजस्व की भारी कमी से जूझ रही राज्य सरकारों को जीएसटी की क्षतिपूर्ति एवं पूर्व के सीएसटी क्लेम की राशि शीघ्र उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि इनके समय पर नहीं मिलने से राज्य सरकारों पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है.
प्रशासन सुगम आवागमन के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं करे: मुख्यमंत्री जयपुर, 25 अप्रैल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की ओर से लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद अब प्रवासी एवं श्रमिक राज्यों की आपसी सहमति से चरणबद्ध तरीके से राजस्थान से बाहर या राजस्थान में अपने घर जा सकेंगे। ये श्रमिक आवश्यक होने पर संबंधित राज्य सरकार से अनुमति मिलने और उचित व्यवस्थाओं के उपरान्त अपने गृह स्थान पर पहुंच सकेंगे। श्री गहलोत ने कहा कि प्रवासियों एवं श्रमिकों को हैल्पलाइन नंबर 18001806127, emitra.rajasthan.gov.in पोर्टल, ई-मित्र मोबाइल एप अथवा ई-मित्र कियोस्क पर पंजीकरण करवाना होगा। श्रमिकों के पंजीकरण के बाद राज्य सरकार संबंधित राज्य सरकार से सहमति प्राप्त करेगी। पंजीकृत प्रवासी एवं श्रमिकों की संख्या के अनुसार उन्हें को तय तिथि एवं समय पर अपने घर जाने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। जो व्यक्ति अपने वाहन से आना चाहेगा उसे पंजीकरण में इसका उल्लेख करना होगा। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से फिलहाल सड़कों पर नहीं निकले और न ही रवाना हों। श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियत स्थान पर पहुंचने के बाद प्रवासियों एवं श्रमिकों को क्वारेंटाइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो प्रवासी या श्रमिक कर्फ्यू पास लेकर निजी वाहनों से आएंगे, उन्हें राज्य में एंट्री प्वाइंट पर रजिस्टेªशन के बाद आने दिया जाएगा और नियत स्थान पर पहुंचने के बाद क्वारेंटाइन किया जाएगा। राजस्थान से निजी वाहनों से बाहर जाने वाले प्रवासियों को भी जिला कलेक्टर की ओर से चरणबद्ध रूप से पास जारी किए जाएंगे। किसी भी स्थान से आए व्यक्ति की सूचना प्रशासन को दें ग्रामवासी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासियों एवं श्रमिकों को पूरे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अपने-अपने राज्यों में पहुंचाना बड़ी चुनौती है। प्रवासियों को सोशल डिस्टेंसिंग एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के साथ अगले कुछ दिनों में सकुशल अपने-अपने स्थानों पर पहुंचाने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि बिना किसी जातिगत भेदभाव के क्वारेंटाइन अवधि और कर्फ्यू नियमों की सख्ती से पालना की जाए। उन्होंने अपील की है कि ग्रामवासी किसी भी स्थान से आए व्यक्ति की सूचना स्थानीय प्रशासन को दें ताकि क्वारेंटाइन के नियम की पालना करवाई जा सके और प्रदेशवासियों द्वारा इतने दिनों से की जा रही तपस्या विफल नहीं हो। स्क्रीनिंग एवं बसों की पर्याप्त व्यवस्था हो मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासियों के इस आवागमन के लिए चिकित्सा विभाग सर्दी-जुकाम एवं बुखार (आईएलआई) के लक्षणों की स्क्रीनिंग एवं जांच की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे। साथ ही परिवहन विभाग उचित संख्या में बसों की व्यवस्था और स्थानीय जिला प्रशासन राज्य की सीमाओं पर अस्थायी आवास एवं भोजन आदि की व्यवस्था का प्रबंध करे। बसों एवं अस्थायी आवासों में सैनिटाइज एवं साफ-सफाई की भी उचित व्यवस्था रहे। होम एवं संस्थागत क्वारेंटाइन का उचित प्रबंध करें श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि प्रवासी एवं श्रमिकों को तय हैल्थ प्रोटोकॉल के अनुसार क्वारेंटाइन में रखने की सख्ती से पालना करवाई जाए। जहां तक सम्भव हो ये श्रमिक होम क्वारेंटाइन में रहें, जिनके पास आवास की उचित व्यवस्था नहीं हो, उनके लिए स्थानीय प्रशासन संस्थागत क्वारेंटाइन की व्यवस्था उपलब्ध करवाएं। प्रवासी एवं श्रमिक धैर्य और अनुशासन का पालन करें मुख्यमंत्री ने प्रवासी एवं श्रमिकों से अपील की है कि कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए आवागमन में सहूलियत के लिए अनुशासन के साथ प्रशासन का पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सभी लोग अपने साथ आवश्यक पहचान पत्र, अगर पूर्व में कोरोना जांच की गई है, तो उसके दस्तावेज, साथ रखें। प्रशासन द्वारा चाही गई सभी जानकारियां बिना किसी डर एवं हिचक के उपलब्ध करवाएं। परिवहन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तथा स्क्रीनिंग के समय धैर्य बनाए रखें। साथ ही कोरोना के लक्षण तथा किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति से सम्पर्क के संबंध में जानकारी को नहीं छुपाएं। नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रवासियों एवं श्रमिकों को सकुशल उनके घर पहुंचाना चाहती है, लेकिन संक्रमण से बचाव के लिए उनका सहयोग महत्वपूर्ण है। कोई भी व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करेगा तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने क्वारेंटाइन में रहने वाले सभी लोगों की कोविड-19 क्वारेंटाइन अलर्ट सिस्टम तथा राज कोविड-19 इन्फो एप के माध्यम से ऑनलाइन टेªकिंग की व्यवस्था की है। यदि कोई व्यक्ति क्वारेंटाइन एरिया से बाहर जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने कहा कि प्रवासी एवं श्रमिकों को आवागमन में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे़, इसके लिए संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से वार्ता कर उचित व्यवस्थाएं की जा रही हैं। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव स्वरूप, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा श्री रोहित कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
संक्रमित कार्मिक मिलने पर कार्यवाही की धारणा गलत- अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग जयपुर, 25 अप्रैल। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेष में औद्योगिक इकाइयों में सामान्य और सहजता से उत्पादन कार्य आरंभ कराना हमारी प्राथमिकता है और इसी का परिणाम है कि प्रदेष में एमएसएमई इकाइयों सहित छह हजार से अधिक छोटी-बड़ी इकाइयों ने काम पुनः आरंभ करने की पहल की है। उन्होंने उद्यमियों को विष्वास दिलाया कि किसी भी औद्योगिक इकाई में किसी भी श्रमिक या कार्मिक के संक्रमण ग्रसित पाए जाने पर इकाई व उस इकाई या प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग ने कहा कि उद्यमियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही राज्य सरकार ने 19 अप्रैल को जारी दिषा-निर्देषों में व्यवस्था को और अधिक सरल बनाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए कम से कम कार्मिकों/श्रमिकों से उत्पादन कार्य कराने के साथ ही परिसर में ही रहने की व्यवस्था करने, सोषल डिस्टेंस को मेंटेन करने, सेनेटाइजर, साबुन, परिसर को रोगाणु रहित करवाने के साथ ही निर्धारित सुरक्षा मानकों की पालना के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही केन्द्र व राज्य सरकार की एडवाइजरी की पालना के निर्देष दिए गए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, उद्योग ने उद्यमियों को विष्वास दिलाया कि निर्धारित मानकों के अनुसार कार्य कर रही औद्योगिक इकाइयों में किसी भी श्रमिक में संक्रमण होने की स्थिति में उस इकाई पर कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय से भी स्पष्टीकरण आ गया है। उन्होंने कहा कि संबंधित इकाई प्रबंधन को किसी भी कार्मिक या श्रमिक के संक्रमण की संभावना लगने पर अस्पताल में दिखाने और प्रषासन को सूचित करने के निर्देष दिए गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी इकाई द्वारा जानबूझ कर लापरवाही बरती जाती है या निर्देषों की अवहेलना की जाती है तो उसके लिए भी उद्योग/रीको व श्रम आयुक्त या श्रम निरीक्षक की दो सदस्यीय संयुक्त टीम द्वारा जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा मानकों की पालना करना हमारा सबका दायित्व है।
नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2020,कोरोना वायरस महामारी के बीच देश में लॉकडाउन लागू है. इस वायरस के खात्मे के लिए टेस्टिंग को सबसे कारगर बताया जा रहा है. राजस्थान के भीलवाड़ा में राज्य सरकार ने पूरे बॉर्डर को बंद करके हर किसी की टेस्टिंग कराई और अब यहां कोई केस नहीं है. इस बीच दूसरी ओर रामगंज में मामले बढ़ते जा रहे हैं. राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने ई-एजेंडा आजतक में दोनों मॉडल की बात की और बताया कि किस तरह उन्होंने काम किया. रामगंज में लगातार बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रामगंज में ढाई लाख लोग रहते हैं, हमने उसको 30 क्लस्टर में बांटा है. अभी तक 630 की जांच की गई हैं, जिसके बाद अब स्थिति कंट्रोल में है. गौरतलब है कि राजस्थान के रामगंज में 48 घंटे के भीतर करीब 100 कोरोना के मामले सामने आए थे, जिससे अचानक हड़कंप मच गया था. शनिवार सुबह तक राजस्थान में कोरोना वायरस के कुल मामले 2000 से अधिक पहुंच गए हैं, जबकि 27 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. भीलवाड़ा मॉडल की हर जगह हुई चर्चा वहीं अगर भीलवाड़ा की बात करें तो ये वो शहर था जहां राजस्थान में शुरुआत में सबसे अधिक मामले सामने आए थे. लेकिन राज्य सरकार ने तत्परता दिखाते हुए भीलवाड़ा के पूरे बॉर्डर को सील कर दिया, बड़ी संख्या में स्क्रीनिंग की गई, लोगों में जागरुकता फैलाई गई. जिसके बाद शहर में कुल मामलों को 30 से कम के आंकड़े पर रोक दिया गया था, इतना ही नहीं आज की तारीख में भीलवाड़ा में कोरोना का कोई भी मामला पॉजिटिव नहीं है. हालांकि, विपक्ष की ओर से कई बार इस बात को लेकर सवाल किए गए कि जब भीलवाड़ा मॉडल सफल हुआ है तो फिर राजस्थान के अन्य शहरों में उसका असर क्यों नहीं दिख रहा है. इस मॉडल की तारीफ लगातार हुई थी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी ने भी केंद्र सरकार से इस मॉडल को देश के अलग-अलग हिस्सों में लागू करने की अपील की थी.
जयपुर. शुक्रवार को जयपुर में कोरोना के 36 नए मामले सामने आए। वहीं चार लोगों की मौत भी हो गई। जिसमें रामगंज में 18, शास्त्री नगर में 5, मीना पालादी में 5, आदर्श नगर में 2, यूपी से आए 2, नीलगरों का मोहल्ला, हाउसिंग बोर्ड, सांगानेर और राजापार्क में 1-1 संक्रमित मिला। जयपुर में चार की मौत दिन की पहली मौत 75 साल के बुजुर्ग की हुई। जो जयपुर जिले के जमवारामगढ़ के रहने वाले थे। जिन्हे 13 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पहली रिपोर्ट कोरोना निगेटिव पाई गई थी। जिसके बाद 22 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी। मौत के बाद उनकी दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। दूसरी मौत जयपुर के एमडी रोड पर रहने वाले 60 साल के व्यक्ति की हुई। जो एसएसएस की इमरजेंसी में भर्ती थे। जिनकी मौत 23 अप्रैल को हो गई थी। आज रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद तीसरी मौत जयपुर के आदर्श नगर में रहने वाली 75 साल की महिला की हुई। वहीं चौथी मौत जयपुर के रामगंज में 60 साल के व्यक्ति की हुई। जो 22 अप्रैल को एसएमएस में भर्ती करवाए गए थे। 23 अप्रैल को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। इससे पहले गुरुवार को जयपुर में कोरोना के 15 नए मामले सामने आए। जिसमें रामगंज में 10, शास्त्रीनगर में 3, एमडी रोड और मानसरोवर में 1-1 पॉजिटिव मिला। जिसके बाद कुल संक्रमितों का आंकड़ा 778 (2 इटली के नागरिक) पहुंच गया है। एसएमएस अस्पताल में सर्जरी के लिए अब अलग सेे ऑपरेशन थिएटर बनाया एसएमएस अस्पताल में सर्जन, एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ के सर्जरी के दौरान कोरोेना पॉजिटिव आने के बाद नए ऑपरेशन थिएटर और सर्जरी के बाद इन मरीजों को रखने के लिए भी अलग सेे वार्ड की व्यवस्था कर दी गई है। अब किसी भी काेरोेना संदिग्ध या पॉजिटिव केस की सर्जरी करने के लिए इन थिएटर का इस्तेमाल किया जाएगा। मालूम हो कि एसएमएस अस्पताल में पिछले चार दिन में 15 से अधिक स्टाफ पॉजिटिव आ चुका है। इनमें रेजीडेंट, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, रेडियोग्राफर, वार्ड बाॅय से लेकर मरीजों को ले जाने वालेे ट्रॉलीमैन तक शामिल हैं। ऑपरेशन के दाैरान इनके संक्रमित होने से अन्य स्टाफ को भी खतरा हो गया है। मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा ने बताया कि सर्जरी के दौरान संक्रमण फैलने से यह निर्णय लिया गया है। 5 थाना इलाकों में बढ़ाया कर्फ्यू कोरोना पॉजिटिव मिलने के कारण पांच थाना इलाके में कर्फ्यू और लगाया गया है। जिसके बाद कोरोना के कारण कमिश्नरेट के 28 थाना इलाके में कर्फ्यू चल रहा है। बुधवार को पॉजिटिव मिलने के कारण आमेर, खो नागोरियान, मालपुरा गेट, ट्रांसपोर्ट नगर व प्रताप नगर इलाके में चिह्नित एरिया में कर्फ्यू लगा दिया गया। लॉकडाउन के उल्लंघन करने पर जयपुर पुलिस ने अब तक 13608 वाहन जब्त किए हैं। धारा 144 के उल्लंघन में 433 लोग गिरफ्तार हो चुके अब तक। आपदा प्रबंधन और राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट के 126 मामले दर्ज। जयपुर में तीन मार्च को सामने आया था पहला केस राजस्थान में कोरोना संक्रमण का पहला केस तीन मार्च को जयपुर में इटली के नागरिक में सामने आया था। इसके बाद उसकी पत्नी भी पॉजिटिव पाई गई थी। 31 मार्च तक ये आंकड़ा कुल 93 पर पहुंचा था। इसके बाद सिर्फ तीन दिन में 4 अप्रैल को 200 के पार पहुंच गया। वहीं, दो दिन बाद ही 6 अप्रैल को कुल संक्रमित लोगों की संख्या 300 के पार हो गई। 9 अप्रैल को एक साथ 80 केस आने से ये आंकड़ा 450 के पार पहुंचा। जो 18 अप्रैल तक 1351 पर पहुंच गया। अब 24 अप्रैल को 2008 पहुंच गया। करीब 2.6 लाख की आबादी है रामगंज और इससे सटे इलाकों की जयपुर के रामगंज के युवक के ओमान से आने के बाद 17 मार्च से 24 मार्च तक वह क्वारैन्टाइन में नहीं रहा और संक्रमण फैलाता रहा। अब तक उसी के कारण दूसरे उसी इलाके के पॅाजिटिव युवक, उसके परिजन और रिश्तेदार और संपर्क वाले 95 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। इन 95 ने आगे किन-किनको संक्रमित किया, इस दायरे में 2.6 लाख लोग बताए जा रहे हैं। ऐसे में जांच होने के बाद इस बात की आशंका है कि रामगंज में संक्रमितों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राज्य में न कोरोना संक्रमण का आंकड़ा हर दिन घट रहा है। वहीं मरीजों के पॉजिटिव से निगेटिव होने की संख्या में भी बढ़ी है। डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य में दोपहर 2 बजे तक जांच के लिए लगभग 75 हजार सैंपल लिए जा चुके थे। इनमें से 2008 को कोरोना पॉजीटिव चिन्हित किया गया है। इनमें से 473 लोग पॉजीटिव से नेगेटिव हो चुके हैं और 193 को तो डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। डॉक्टर शर्मा ने कहा कि सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है, जिससे सैंपल्स की जांच में देरी ना हो। इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा कोरोना की जांचें होंगी उतनी ही जल्द इस बीमारी पर लगाम लगाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि जहां भी केसेज ज्यादा आ रहे हैं वहां जांचें दोगुनी करवाई जाएंगी। प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में जांचों में कहीं अग्रणी है। प्रदेश में अब 5 से 6 हजार जांचें प्रतिदिन हो सकेंगी। लॉकडाउन जैसे दौर में सभी स्वस्थ रहें चिकित्सा मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि समाज का हर तबका लॉकडाउन जैसे दौर में स्वस्थ रहें। बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार ने चिकित्सा सेवा से वंचित क्षेत्रों में मेडिकल मोबाइल वाहन चलाने का निर्णय लिया तो निराश्रित और बेसहारा लोगों का जिलेवार डाटा तैयार कर उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से स्थाई तौर पर जोड़ने पर काम किया जा रहा है।
जयपुर, 23 अप्रैल 2020,जयपुर में कोरोना वायरस एक बार फिर से तेजी से अपना पैर पसारने लगा है. पिछले 24 घंटे में केवल रामगंज में कोरोना के 80 मामले सामने आ चुके हैं. जयपुर में कोरोना के कुल मामले करीब साढ़े सात सौ के आसपास आ गए हैं, जबकि राजस्थान में आंकड़ा करीब 1900 के पार पहुंच गया है. राजस्थान में अब तक 90 कोरोना वॉरियर्स कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. कुछ दिन से ऐसा लगने लगा था कि जयपुर में अब कोरोना के मामले कम होने लगे हैं, लेकिन एक बार फिर इसमें तेजी दिखने लगी है. पिछले 24 घंटे में सिर्फ जयपुर में कोरोना के करीब 100 से ज्यादा मामले सामने आए हैं. इनमें से केवल रामगंज और उसके आसपास के इलाके के 80 से ज्यादा मामले हैं. तमाम सख्ती के बावजूद इन इलाकों में हालात सुधर नहीं रहे हैं. सरकार का कहना है कि पुरानी जांच के रिजल्ट अब तेजी से आ रहे हैं, इसलिए आंकड़े दिख रहे हैं. जयपुर के अलावा जोधपुर में कोरोना के मामले करीब तीन सौ के आसपास पहुंच गए हैं, जबकि भरतपुर, टोंक और कोटा में यह आंकड़ा 100 पार कर गया है. राजस्थान में हालांकि जांच की संख्या करीब 70 हजार के आसपास हो गई है और मरने वालों की संख्या बाकी राज्यों से कम है. 1. 42 फीसद की दर से अब तक 27 लोगों की मौत हुई है. राजस्थान के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि डॉक्टर और पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव होते जा रहे हैं. अकेले सवाई मानसिंह अस्पताल के 12 डॉक्टर अब तक कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. अब पूरे राजस्थान में आशा वर्कर्स, कंपाउंडर, वार्ड बॉय, एंबुलेंस चालक, पुलिसकर्मी समेत 90 कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए जा चुके हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती एक लड़के के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सरकार ने तय किया है कि अब जो भी ऑपरेशन के लिए मरीज आएगा, उसका पहले कोरोना वायरस टेस्ट होगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि डॉक्टरों को संक्रमण से बचाया जा सके. सरकार की दूसरी बड़ी परेशानी उन मरीजों से है जिनमें कोई लक्षण नहीं पाए जा रहे हैं. प्रदेश में अब तक ऐसे 460 मरीज मिल चुके हैं.
जयपुर, 21 अप्रैल 2020, राजस्थान ने कोरोना वायरस का एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट को रोक दिया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह गलत परिणाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से कोई प्रक्रियागत चूक नहीं है. यह किट इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा भेजी गई थी और हमने इसकी सूचना आईसीएमआर को दे दी है. दरअसल, राजस्थान में रैपिड टेस्ट किट की विश्वसनीयता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया था. सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कोरोना के 100 मरीजों का इस किट के जरिए टेस्ट किया गया, जिसमें से इसने 5 को ही पॉजिटिव बताया. यानी रैपिड टेस्ट किट जांच में फेल साबित हुआ. यह केवल 5 फीसदी सफलता हासिल कर पाया. रैपिड टेस्ट किट के फेल होने पर डॉक्टरों ने कहा था कि किट के दूसरे लॉट का भी टेस्ट किया जा रहा है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं पहले लॉट में दिक्कत तो नहीं थी. अगर ऐसा हुआ तो सरकार रैपिड टेस्ट किट को लौटाएगी. इस किट के जरिए कोरोना जांच पर महज 600 रुपये का खर्च आता है. एंटीबॉडी रैपिड किट से टेस्टिंग की शुरुआत करने वाला राजस्थान पहला राज्य है. राजस्थान में कल यानी सोमवार को तीसरे दिन भी रैपिड किट के जरिए 2000 लोगों का टेस्ट किया गया था. इसमें एक परिवार के 5 लोग पॉजिटिव मिले थे. अब किट की विश्वसनीयता पर उठे सवाल के बीच राजस्थान सरकार के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. इस बीच राजस्थान में कोरोना के 52 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से मंगलवार सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक, भीलवाड़ा में 4, टोंक में 2, सवाईमाधोपुर में एक, दौसा में 2, नागौर में एक, झुंझुनु में एक, जयपुर में 34, जोधपुर में 5 और जैसलमेर में 2 मामले सामने आए हैं. राज्य में कुल कंफर्म केस की संख्या 1628 हो गई है.
जयपुर,राजस्थान की गहलोत सरकार 21 अप्रैल से कुछ सेक्टरों को लॉकडाउन से हल्की छूट देने जा रही है. बुधवार से लॉकडाउन का दूसरा फेज शुरू हो गया है. इसके तहत 15 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पूरी कड़ाई से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा, ताकि कोरोना के संक्रमण को कम से कम किया जा सके. राजस्थान में वैसे ही संक्रमण की रफ्तार तेज है. लेकिन 21 अप्रैल से राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ छूट देने जा रही है, ताकि रोजगार सृजन हो सके. पीएम मोदी ने दिए थे संकेत 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी. हालांकि कुछ मामूली छूट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि 15 से 20 अप्रैल तक देश के हर जिले, कस्बे और इलाके पर बारीकी से नजर रखी जाएगी और ये देखा जाएगा कि ये क्षेत्र कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए क्या कर रहे हैं, इसके बाद 21 अप्रैल से इन्हें कुछ छूट दी जा सकती है. 21 अप्रैल से मॉडिफाइड लॉकडाउन अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि 21 अप्रैल से राज्य में मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होगा और कुछ उद्योगों को शर्तों के साथ चालू करने की छूट दी जाएगी. सरकार के फैसले के मुताबिक कुछ कारखाने शुरू किए जाएंगे और गांवों में लोगों को शर्तों के साथ काम करने की इजाजत दी जाएगी. राज्य सरकार का कहना है कि कल कारखानों के चालू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा. काम न मिलने से अधीर हो रहे हैं लोग रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत सरकार के इस फैसले के पीछे मजदूरों और ग्रामीण जनता को काम मुहैया कराना है. लॉकडाउन की वजह से राज्य में लोग खाली बैठे हैं और वे परेशान हो रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को ये भी कहा था कि जिन इलाकों को छूट दी गई है अगर वहां कोरोना के नए मामले आते हैं तो उनसे ये छूट वापस भी ली जा सकती है. बता दें कि राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 1005 हो गई है. हालांकि अच्छी बात ये है कि यहां मृत्यु दर कम है और अब तक कोरोना से तीन लोगों की ही मौत हुई है, जबकि 147 लोग ठीक हो चुके हैं.
जयपुर,राजस्थान की गहलोत सरकार 21 अप्रैल से कुछ सेक्टरों को लॉकडाउन से हल्की छूट देने जा रही है. बुधवार से लॉकडाउन का दूसरा फेज शुरू हो गया है. इसके तहत 15 अप्रैल से 20 अप्रैल तक पूरी कड़ाई से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा, ताकि कोरोना के संक्रमण को कम से कम किया जा सके. राजस्थान में वैसे ही संक्रमण की रफ्तार तेज है. लेकिन 21 अप्रैल से राज्य सरकार औद्योगिक इकाइयों और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ छूट देने जा रही है, ताकि रोजगार सृजन हो सके. पीएम मोदी ने दिए थे संकेत 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी. हालांकि कुछ मामूली छूट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि 15 से 20 अप्रैल तक देश के हर जिले, कस्बे और इलाके पर बारीकी से नजर रखी जाएगी और ये देखा जाएगा कि ये क्षेत्र कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए क्या कर रहे हैं, इसके बाद 21 अप्रैल से इन्हें कुछ छूट दी जा सकती है. 21 अप्रैल से मॉडिफाइड लॉकडाउन अब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि 21 अप्रैल से राज्य में मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होगा और कुछ उद्योगों को शर्तों के साथ चालू करने की छूट दी जाएगी. सरकार के फैसले के मुताबिक कुछ कारखाने शुरू किए जाएंगे और गांवों में लोगों को शर्तों के साथ काम करने की इजाजत दी जाएगी. राज्य सरकार का कहना है कि कल कारखानों के चालू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा. काम न मिलने से अधीर हो रहे हैं लोग रिपोर्ट के मुताबिक गहलोत सरकार के इस फैसले के पीछे मजदूरों और ग्रामीण जनता को काम मुहैया कराना है. लॉकडाउन की वजह से राज्य में लोग खाली बैठे हैं और वे परेशान हो रहे हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल को ये भी कहा था कि जिन इलाकों को छूट दी गई है अगर वहां कोरोना के नए मामले आते हैं तो उनसे ये छूट वापस भी ली जा सकती है. बता दें कि राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या 1005 हो गई है. हालांकि अच्छी बात ये है कि यहां मृत्यु दर कम है और अब तक कोरोना से तीन लोगों की ही मौत हुई है, जबकि 147 लोग ठीक हो चुके हैं.
जयपुर, 16 अप्रैल 2020,मुंबई-दिल्ली के बाद राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या हजार के पार पहुंच गई है. बुधवार को यहां 71 नए मामले सामने आए, जिसमें 30 जयपुर से थे. राज्य में मरीजों की संख्या 1076 है, जबकि जयपुर में 483 कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं. बुधवार को जयपुर में यहां से सामने आए केस रामगंज -13 होटल नीलम क्वारनटीन -5 नीलघर मोहल्ला -5 कोटपुतली-1 मानसरोवर -1 एमडी रोड -2 शास्त्री नगर -1 पुरनी बस्ती -1 बलदेव राम नगर -1 कोटा में महिला की मौत कोटा जिले के तेलीघर भीम मंडी में रहने वाली एक महिला की कोरोना से मौत हो गई. महिला को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 5 अप्रैल को भर्ती कराया गया था. मृतक महिला की उम्र की करीब 70 साल थी. वहीं, जयपुर में भी एक कोरोना संक्रमित 65 वर्षीय महिला की मौत हो गई है. केंद्र ने नहीं दी इजाजत केंद्र ने राजस्थान के कोटा में फंसे हजारों छात्रों को लॉकडाउन के बीच मूवमेंट की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. बता दें कि कोटा में बिहार-झारखंड और देश के दूसरे राज्यों के हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग विषयों की कोचिंग के लिए आते हैं.
जयपुर, 13 अप्रैल 2020,लॉकडाउन की मियाद मंगलवार 14 अप्रैल को खत्म हो रही है, इसके बढ़ने की सूरत में राजस्थान सरकार ने आगे के लिए खास तैयारी कर ली है. लॉकडाउन के 21 दिन पूरे होने के बाद राज्य सरकार छूट देने का सिलसिला शुरू कर देगी. पंजाब से कटाई के लिए कई मशीनें मंगवाई गई हैं. राज्य में फसलों की कटाई के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बातचीत कर लॉकडाउन के बीच रास्ता खुलवाया और पंजाब से कटाई की मशीनें मंगवा दी हैं. फसल की कटाई के लिए मजदूरों की आवाजाही पर रोक हटा ली गई है. 16 अप्रैल से मंडियों में खरीद शुरू इसी तरह से मंडियों में 16 अप्रैल से खरीद शुरू की जाएगी, जहां पर एक व्यापारी दिन में 2 किसानों से फसल खरीद पाएगा. फसल खरीदने के लिए रात 12 बजे से सुबह 10 बजे तक का समय रखा गया है. इसके अलावा जोमैटो और स्विगी जैसे होम डिलीवरी वाले फूड चैन भी आज सोमवार से शुरू कर दिए गए हैं. राज्य में जरूरी सामान ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट को छूट दी गई है. साथ ही हर हाईवे पर 40 किलोमीटर पर एक ढाबा खोलने की छूट रहेगी. यहां तक की हाईवे पर ऑटो रिपेयर, ऑटो पार्ट्स और पंचर की दुकान खोलने की भी छूट दे दी गई है. राजस्थान सरकार ने जरूरी चीजों के लिए सीमित उद्योग को भी 16 अप्रैल से खोलने का फैसला लिया है, जहां पर मजदूरों की आवाजाही की छूट होगी. हालांकि उनके काम करने का वक्त तय होगा. राजस्थान में बड़ी संख्या में ईंट भट्ठों पर मजदूर फंसे हुए हैं. लिहाजा सरकार ने राज्य में संचालित ईंट भट्ठों पर भी काम करने की छूट दे दी है ताकि मजदूर भूखे नहीं रहे. इसी तरह से कोटा में फंसे हुए देशभर के बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग मैंटेन करते हुए उन्हें घर भेजने की तैयारी की जा रही है. सरकार का क्या है आगे का प्लान राज्य सरकार का प्लान है कि लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान केंद्र सरकार की तरफ से हो जिसका पालन राज्य सरकार करेगी. इसके लिए तीन तरह के एरिया बनाए जाएंगे. जहां कम से कम 15 लोग कोरोना पॉजिटिव मरीज होंगे, वहां पर किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी जाएगी. जहां 15 लोगों से कम कोरोना संक्रमित होंगे वहां पर कृषि कार्यों की छूट होगी और जहां पर कोरोना का संक्रमण बिल्कुल ही नहीं है, वहां पर मोबाइल, ऑटो पार्ट्स रिपेयर, मोबाइल चार्जिंग, इंटरनेट कैफे, एसी, फ्रिज कूलर जैसी चीजों की दुकान खोलने की छूट दी जाएगी.
जयपुर, 13 अप्रैल 2020, राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या परेशान करने वाली है. महज 7 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 850 के आसपास पहुंच गई है जबकि राजधानी जयपुर तो मुंबई और दिल्ली के बाद देश का ऐसा तीसरा सबसे बड़ा शहर है, जहां संक्रमितों की संख्या अधिक है. जयपुर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 350 से ऊपर पहुंच गई है. जयपुर में कोरोना अपना पैर तेजी से पसारता जा रहा है. खासकर जयपुर के रामगंज इलाके में. रामगंज में अब तक 300 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका करीब 6 लाख की आबादी वाले रामगंज में 300 से ज्यादा कोरोना मरीज मिलने की वजह से इसे भारत का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित इलाका माना जा रहा है. इसी इलाके में मस्कट से लौटे एक शख्स ने करीब 150 लोगों को संक्रमित कर दिया है जबकि तबलीगी जमात के लोगों ने भी करीब इतने ही लोगों को कोरोना संक्रमित किया है. इस इलाके में पड़ने वाले माणक चौक और रामगंज थाने के 2 कॉन्स्टेबल भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिसकी वजह से पुलिस वालों को भी अब पीपीई दिया गया है. सरकार ने बढ़ाया जांच का दायरा सरकार के अनुसार जांच का दायरा बढ़ाया गया है, इसीलिए रामगंज में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सरकार ट्रिपल एक्स यानी सोशल डिस्टैंसिंग, स्क्रीनिंग और सैंपलिंग के जरिए अब रामगंज पर कोरोना से काबू पाने की कोशिश कर रही है. चिंता की बात यह है कि कोरोना मरीजों की संख्या चारदीवारी के बाहर भी फैलने लगा है. जयपुर के वीआईपी इलाके सी स्कीम के धूलेश्वर गार्डन और चित्रकूट जैसे इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा है. टोंक में भी स्थिति चिंताजनक सरकार का कहना है कि अकेले जयपुर में 6,000 से ज्यादा जांच की गई और पूरे राजस्थान में करीब 30,000 जांच की जा चुकी है. वहीं जयपुर के बाद टोंक राजस्थान के लिए बड़ा सिरदर्द बन कर उभरा है, जहां पर पॉजिटिव मरीजों की संख्या 60 से ऊपर हो गई है. टोंक में भी हालात जयपुर के रामगंज जैसे ही हैं. टोंक के बाद बांसवाड़ा में भी कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या करीब 60 के आसपास हो गई है. यहां पर बताया जा रहा है कि 6 से 7 लाख प्रवासी मजदूर मुंबई, गुजरात और मध्य प्रदेश से आए हैं जिनकी वजह से यहां कोरोना का संक्रमण फैला है. कोटा का हाल कोटा में भी कई इलाकों में संकट में तेजी से फैला है. वहां से विचलित करने वाली तस्वीरें भी आई हैं जिसमें महिलाएं डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों पर थूक रही हैं. हालांकि पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और गिरफ्तारी की कार्रवाई की जा रही है. सरकार ने आदेश दिए हैं कि ऐसे लोगों को तुरंत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए. राजस्थान सरकार की तारीफ भीलवाड़ा मॉडल को लेकर हर जगह हो चुकी है, मगर दूसरे जगहों पर मिल रही असफलता सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा कर रही है. किसानों को रियायत बहरहाल, सरकार ने लॉकडाउन में छूट देते हुए अब किसानों को फसल लेकर मंडी तक आने की छूट दे दी है. एक व्यापारी दिन में 2 किसानों से फसल खरीद सकेगा. इसके अलावा ईंट भट्टे पर भी मजदूर काम कर सकेंगे. जोमैटो और स्विगी जैसे होम डिलीवरी वाले काम भी अब शुरू हो गए हैं.
जोधपुर कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव कोशिश की जा रही है। इसी के मद्देनजर लॉकडाउन का फैसला लिया गया, साथ ही लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग की अपील की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस महामारी को देश से खत्म करने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। साथ ही उनकी नजर उन लोगों पर भी है जो इस मुश्किल दौर में जनसेवा के जरिए जरूरतमंदों को राहत पहुंचाने कवायद में जुटे हुए हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीएम मोदी ने राजस्थान के एक शख्स की जनसेवा को देखते हुए उन्हें पत्र लिखकर अपना आभार जताया है। जोधपुर के रामनिवास मंडा के जज्बे को सलाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिसे ये पत्र भेजा है उनका नाम रामनिवास मंडा है। वो जोधपुर के तिंवरी तहसील स्थित उम्मेदनगर इलाके के रहने वाले है। रामनिवास मंडा ने कोरोना महामारी के इस दौर में अपनी जीवनभर की कमाई, गरीब, जरूरतमंद, विकलांग और घुमंतू लोगों तक मदद पहुंचाने में खर्च कर डाली। जरूरतमंदों में बांटी रसद सामग्री जोधपुर के उम्मेदनगर में रहने वाले रामनिवास मंडा ने करीब 6000 सूखी रसद सामग्री के पैकेट तैयार कर तिवरी और ओसिया तहसील के गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक जरूरतमंदों में बांटे। इस बात को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनिवास मंडा को पत्र लिखकर उनके सेवा के जज्बे की जमकर सराहना की है। पीएम मोदी ने कहा- आपका योगदान सराहनीय पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि मेरा यह पत्र पाकर जितना आपको आश्चर्य हो रहा है उतनी ही खुशी मुझे ये पत्र लिखने में हुई है। मैंने ये पत्र आपको और आपके परिवार को धन्यवाद देने और अभिनंदन करने के लिए लिखा है। वर्तमान परिस्थिति में देश जिस महामारी (Covid-19) से गुजर रहा उसमें आपका योगदान सराहनीय है। गरीब, दिहाड़ी मजदूर, विकलांग और अत्यंत दयनीय परिवारों को चिन्हित कर उनको राश सामग्री वितरीत की जा रही है। मुझे ये जानकर बहुत खुशी हुई कि आपके द्वार 6000 राशन सामग्री के पैकेट आपके क्षेत्र में वितरण किया जा रहा है। ईश्वर आपकी मनोकामना पूर्ण करें। उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं 6 हजार परिवारों में बांटा रसद इन दिनों कोरोना जैसी बीमारी से लड़ने के लिए कई सारे लोग योद्धा बन कर सामने आ रहे हैं। मंडा परिवार के रामनिवास मंडा भी पूर्ण रूप से इस कार्य में लगे हुए हैं। ओसियां विधानसभा में 6 हजार परिवारों को रसद बांटने पर लगभग 50 लाख रुपए खर्च आया है, जो मंडा के जीवन भर की जमा पूंजी है। खाद्य सामग्री का एक पैकेट 750 रुपये में तैयार होता है। उसमें आटा, दाल, तेल, नमक, हल्दी, मिर्ची, धनिया, साबुन, बिस्किट, माचिस जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएं दी गईं। रामनिवास मंडा के इस प्रयास की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर खुले दिल से प्रशंसा की है।
जयपुर, महामारी कोरोना वायरस और लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने अहम फैसला लिया है. राज्य सरकार ने स्कूलों को अगले तीन महीने की अग्रिम फीस नहीं लेने का निर्देश दिया है. सरकार ने गुरुवार को निर्देश दिया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण होने वाली परेशानी के कारण छात्रों से तीन महीने का अग्रिम शुल्क न लिया जाए. इसके अलावा फीस के कारण किसी भी छात्र का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा. सभी छात्रों को अगली क्लास में प्रमोट किया जाएगा. हालांकि 10वीं और 12वीं क्लास पर ये नियम नहीं लागू होगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों और राज्य मंत्रियों भंवर सिंह भाटी, गोविंद सिंह डोटासरा और सुभाष गर्ग के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं और ई-लर्निंग को शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूलों और कॉलेजों द्वारा जारी किया जाना चाहिए. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालयों की परीक्षा कार्यक्रम तय करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है. हरियाणा के छात्रों को भी मिली राहत इससे पहले हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को भी राहत मिली थी. राज्य सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाउन अवधि के दौरान फीस जमा नहीं करने के लिए कहा. सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सभी प्रकार के फीस कलेक्शन पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार ने कहा कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे ही स्थिति सामान्य होती और स्कूलों के फिर से खोला जाता है, उसके बाद ही फीस जमा करने के लिए स्कूल बोल सकता है.
जयपुर. राजस्थान में कोरोनो संक्रमितों का आंकड़ा 751 पहुंच गया है। रविवार को राज्य में 51 नए पॉजिटिव केस सामने आया। जिसमें जयपुर में 15, बांसवाड़ा में 15, जोधपुर में 8, बीकानेर में 8, हनुमानगढ़ में 2, जैसलमेर, चूरू और सीकर में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिले। वहीं कोरोना पॉजिटिव मिली एक 13 साल की बच्ची की मौत भी हो गई। जिसे टाइफाइड की शिकायत थी। जानाकारी अनुसार बच्ची नानी के पास फरीदाबाद में थी। इसके मामा तबियत बिगड़ने पर आगरा से रेफर करवाकर 8 अप्रैल को जयपुर में लेकर आये थे। जिसके बाद जेकेलोन में भर्ती करवाया था। जिसकी शनिवार रात मौत हो गई। जो रविवार को कोरोना पॉजिटिव मिली। बच्ची के पिता यहां ईदगाह में रहकर मजदूरी करते है। इससे पहले शनिवार को राज्य में सबसे ज्यादा 139 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए। इनमें जयपुर में अब तक सबसे ज्यादा 80 पॉजिटिव केस मिले हैं। इसमें एक को छोड़कर बाकी सभी यानी 79 मामले शहर के रामगंज इलाके के हैं और घर-घर जाकर इनके सैंपल लिए गए थे। वहीं, रामगंज के सूरजपोल के रहने वाले 62 साल के बुजुर्ग की शुक्रवार को मौत के बाद शनिवार को आई रिपोर्ट में उन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। उन्हें हाइपरटेंशन और हार्ट से जुड़ी समस्या थीं। इसके अलावा टोंक में 20, कोटा में 14 संक्रमित मिले। कोटा के सभी संक्रमित तेलघर और चंद्रा घाट के इलाके के हैं, जो पहले से संक्रमित मिले व्यक्ति से संक्रमित हुए। वहीं बांसवाड़ा में 13, बीकानेर में भी छह, झालावाड़ में दो और अलवर, दौसा, जैसलमेर, करौली में एक-एक पॉजिटिव मिला। बीकानेर में संक्रमितों में एक 11 माह का बच्चा भी शामिल है। जो पहले पॉजिटिव मिल चुकी महिला के परिवार से है। राजस्थान के 25 जिलों में कोरोना, सबसे ज्यादा 318 जयपुर में राजस्थान के 33 में से 25 जिलों में कोरोना के केस मिल चुके हैं। सबसे ज्यादा जयपुर में 318 (2 इटली के नागरिक) पॉजिटिव मिल चुके हैं। जोधपुर 89 (इसमें 38 ईरान से आए), जैसलमेर में 41 (इसमें 12 ईरान से आए), भीलवाड़ा में 28, झुंझुनूं में 31, टोंक में 47, चूरू में 12, प्रतापगढ़ में 2, डूंगरपुर में 5, अजमेर में 5, अलवर में 7, बीकानेर में 34, उदयपुर में 4, भरतपुर में 9, दौसा में 8, बांसवाड़ा में 52, पाली में 2, कोटा में 33, झालावाड़ में 14, करौली में 3, हनुमानगढ़ 2, सीकर 2, बाड़मेर, नागौर और धौलपुर में एक-एक संक्रमित मिला है। अब तक 10 लोगों की मौत राजस्थान में कोरोना से अब तक 9 लोगों की मौत हुई है। इनमें दो भीलवाड़ा, चार जयपुर, एक बीकानेर, एक जोधपुर और एक कोटा में हो चुकी है। भीलवाड़ा में पहली मौत 73 वर्षीय बुजुर्ग की हुई थी। उसे कई अन्य गंभीर बीमारियां भी थीं। डायलिसिस पर था। दूसरी मौत भी भीलवाड़ा में एक 60 साल के व्यक्ति की हुई। उसकी भी तबीयत ठीक नहीं थी। तीसरी मौत अलवर के रहने वाले 85 साल के बुजुर्ग की जयपुर में हुई। उन्हें ब्रेनहैमरेज हुआ था। चौथी मौत बीकानेर में 60 साल की महिला की हुई। वहीं पांचवी मौत जयपुर में 82 साल के बुजुर्ग की हुई। छठी मौत कोटा में एक 60 साल के बुजुर्ग की हुई। उन्हें निमोनिया की शिकायत थी। वहीं सातवीं मौत जोधपुर में 77 साल के बुजुर्ग की हुई। जिसके बाद आठवीं मौत जयपुर के रामगंज में रहने वाली 65 साल की महिला की हुई। वहीं नौंवी मौत जयपुर के रामगंज इलाके में 62 साल के बुजुर्ग की हुई। जिसके बाद 10वीं मौत 13 साल की बच्ची की हुई। जो जयपुर के ईदगाह की रहने वालीथी। जेके लोन के डॉक्टर ने बनाई 3 गुना सस्ती पीपीई किट जेकलोन हॉस्पिटल में सहायक प्रोफेसर चौमू निवासी डॉ. योगेश यादव ने कोरोना से जंग के लिए एक (पर्सनल प्रोटेक्शन किट) पीपीई किट बनाई है। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता के निर्देशन में बनी यह किट बाजार में बिक रही किट से 3 गुना तक सस्ती होगी। देशभर में पीपीई किट की कमी को देखते हुए यह राहत भरी खबर है। मंगलवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने इस किट को जनता को समर्पित किया। यह किट आरामदेह, किफायती और सुविधाजनक होने के साथ मानकों पर भी खरा उतरी है। राशन की होम डिलीवरी के लिए डीओआईटी ने बनाया एप E-Bazaar covid-19 कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में राशन सामग्री व जरूरी सामान की होम डिलीवरी के लिए प्रशासन ने 113 दुकानों को खोलने की अनुमति दी है। पास की दुकानों से होम डिलीवरी के लिए http://covid.ebazaar.rajasthan.gov.in/apk/covid.apk पर मोबाइल एप E-Bazaar covid-19 की सहायता ले सकते हैं। ऐप को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने विकसित किया है। वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर बाएं कोने में ऐप को डाउनलोड करने का लिंक दिया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के एसीपी रितेश शर्मा ने बताया लॉक डाउन में राशन की होम डिलीवरी के लिए ऐप बनाया गया है। दुकानदार और उपभोक्ता दोनों को एसएसओ आईडी बनाकर रजिस्टर्ड करना होगा। पूर्व में संचालित ई बाजार वेबसाइट पर उपलब्ध दुकानदारों का डाटा भी मोबाइल पर रजिस्टर्ड किया जाएगा। किराना स्टोर एवं रजिस्ट्रेशन करने वाले व्यक्ति की लोकेशन स्वत दर्ज होगी। इस फीचर की मदद से स्टोर संचालक ग्राहकों एवं आमजन अपने घर के आस-पास स्थित किराना स्टोर की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
जयपुर कोरोना वायरस से लड़ाई में भीलवाड़ा एक मॉडल बनकर उभरा है। यहां जिस तरह से COVID-19 महामारी पर काबू पाया गया, उसकी पूरा देश तारीफ कर रहा है। प्रशासन ने सख्‍ती से पूरे जिले को स्‍क्रीन किया और अब हालात नियंत्रण में हैं तो क्रेडिट लेने की होड़ भी मच गई है। कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्‍थान की कांग्रेस सरकार और राहुल गांधी को इस लड़ाई का क्रेडिट दिया तो भीलवाड़ा की देवरिया ग्राम पंचायत की सरपंच किस्‍मत गुर्जर नाराज हो गईं। उन्‍होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उससे इन्‍हें बहुत दुख हुआ है। किस्‍मत गुर्जर वही सरपंच हैं जिनका एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ था। वह अपने गांव में खुद ही डिसइन्‍फेक्‍टेंट स्‍प्रे कर रही थीं। क्‍या कहा सरपंच जी ने? किस्‍मत गुर्जर ने कहा, "आज जिसे भीलवाड़ा मॉडल कहा जा रहा है, दरअसल उसके पीछे यहां के किसानों, महिलाओं, ग्रामीणों और भीलवाड़ा की स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं की कड़ी मेहनत है। पिछले कई दिनों से राज्‍य सरकार जिसका क्रेडिट लेने की लगातार कोशिश कर रही है और आज राहुल गांधी ने लेने की कोशिश की, वो दरअसल स्‍थानीय लोगों की मेहनत का नतीजा है। जिन्‍होंने कोरोना से लड़ने के लिए छोटी-छोटी बातों का पालन किया और आत्‍मसंयम का परिचय दिया। यहां के लोगों ने ना सिर्फ लॉकडाउन का भली-भांति पालन किया है, बल्कि सोशल डिस्‍टेंसिंग और साफ-सफाई का ध्‍यान रखा है। डॉक्‍टर, नर्स, मेडिकल स्‍टाफ के साथ सहयोग करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो आग्रह किया है, उसका यहां के लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा है। यह समय राजनीतिक स्‍वार्थ-सिद्धि का नहीं है, बल्कि सतर्कता और संयम के साथ रोज मेहनत करने का है।" किस्‍मत गुर्जर का ये वीडियो हुआ था वायरल देवरिया की सरपंच ने खुद अपनी ग्राम पंचायत में सैनिटाइजेशन किया था। वह अपनी पीठ पर मशील लगाकर हाथ से गांव में स्प्रे करती नजर आई थीं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। क्‍या है भीलवाड़ा मॉडल? भीलवाड़ा मॉडल चिकित्सा विभाग, पुलिस और प्रशासनिक अमले के कोऑर्डिनेशन का एक अच्‍छा एग्‍जाम्‍पल है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मेडिकल कॉलजों में आरआरटी (Rapid Response Team) का गठन करवाया था। भीलवाड़ा कलेक्‍टर राजेन्द्र भट्ट में RRT को सटीक तरीके से काम में लिया। कोरोना पॉजीटिव की सूचना मिलते ही RRT को तुरंत क्षेत्र में भेजा गया। 1, 3 और 5 किलोमीटर के दायरे में कर्फ्यू और फिर महाकर्फ्यू लगाया गया। हर घर के सदस्य की 2-2, 3-3 बार स्क्रीनिंग की गई। लक्षण मिलते ही फौरन क्‍वारंटीन जहां भी कुछ लक्षण मिलते, उन्हें तुरंत 14 दिनों के क्‍वारंटीन में भेजा गया। उन पर लगातार निगरानी रखी गई। जांच की रिपोर्ट आते ही पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में रखा कर, तुरंत इलाज किया गया। पॉजिटिव लोगों के संपर्क में आए व्यक्तियों की सघन कॉन्‍टैक्‍ट ट्रेसिंग की गई। संपर्क में आए लोगों की भी व्यापक स्तर पर स्क्रीनिंग और जांच करवाई गई। मरीजों की पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद संक्रमित मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।
कोरोना को हराने की मुहिम में जनता करे सहयोग- मुख्यमंत्री जयपुर, 9 अप्रैल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी 196 नगरीय क्षेत्रों (नगर निगम, नगरपालिका एवं नगर परिषद) तथा कृषि मण्डियों में अनिवार्य रूप से मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि राजस्थान ने कोरोना के नियंत्रण में जो सफलता प्राप्त की है, उसे आगे भी कायम रखा जाये। उन्होंने जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, टोंक, झुंझुनूं, बांसवाड़ा आदि जिलों में भीलवाड़ा मॉडल लागू कर स्थिति को नियंत्रित करने के निर्देश दिए। श्री गहलोत गुरूवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जयपुर सहित प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कफ्र्यू वाले सभी 38 क्षेत्रों में इसकी सख्ती से पालना करवाई जाए। कफ्र्यू वाले क्षेत्र से कर्मचारी सहित कोई भी व्यक्ति अंदर या बाहर नहीं जाए। उन्होंने कहा कि जयपुर में भट्टा बस्ती, अमृतपुरी, खो-नागोरियान, मोती डूंगरी रोड क्षेत्र, जहां घनी आबादी है, वहां रामगंज की तरह ही स्क्रीनिंग, टेस्टिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारंटाइन में प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना हो मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर में चारदीवारी के अलावा जिन जगहों पर कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आये हैं, वहां आस-पास के लोगों को होम (निवास) क्वारंटाइन में रखा जाए। क्वारंटाइन के लिए जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में स्थित बड़े शिक्षण संस्थानों, होटल, हॉस्पिटल एवं अन्य भवनों को चिन्हित कर उपयोग में लिया जाए। क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए और प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना की जाए। जयपुर विकास आयुक्त श्री टी. रविकांत शहर की सभी क्वारंटाइन सुविधाओं के प्रभारी होंगे। हॉट स्पॉट्स की कैमरों से होगी निगरानी श्री गहलोत ने निर्देश दिये कि कोरोना संक्रमण के हॉट स्पॉट्स मंि प्रभावी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए कैमरे लगाकर निगरानी की जाए। इससे लोगों की आवाजाही पर पूरी नजर रखी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि चारदीवारी में यह प्रयोग सफल होने पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह की व्यवस्था की जा सकती है। उन्होंने निर्देश दिए ड्रोन कैमरों का उपयोग कर मॉनिटरिंग को अधिक प्रभावी बनायें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। तीस क्लस्टर बनाकर लिए जाएंगे सैम्पल मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के चारदीवारी में संक्रमण के प्रभाव वाले क्षेत्रों में क्लस्टर सैम्पलिंग की व्यवस्था की जाए। इसके लिए पूरे क्षेत्र को 30 कलस्टरों में बांटकर प्रत्येक कलस्टर से 30 सैम्पल लिये जाएं। इससे क्षेत्र में अधिक संक्रमण वाले इलाकों का पता चल सकेगा और इसे रोकने के लिए उचित कदम उठाने में आसानी होगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में 5 मोबाइल मेडिकल यूनिट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दियेे। भीलवाड़ा में अब सभी रोगी नेगेटिव श्री गहलोत ने भीलवाड़ा के सभी 25 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव होने पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भीलवाड़ा मॉडल की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है। आगे भी हम इसी तरह से अपने मिशन को अंजाम दें, ताकि अन्य जिलों में भी कोरोना को सफलतापूर्वक हरा सकें। उन्होंने कहा कि कोरोना की रोकथाम की मुहिम में शामिल सभी स्वास्थ्यकर्मियों एवं अन्य कर्मचारियों को सभी आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएं। साथ ही, उनकी सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध हों। उन्होंने लॉकडाउन खुलने पर मेडिकल सुविधा के लिए क्या प्रोटोकॉल होगा उसकी अभी से प्लानिंग करने के निर्देश भी दिए। स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा सहयोग करें प्रदेशवासी मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे लोगों की जीवन की रक्षा के लिए जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का पूरा सहयोग करें। उन्होंने कहा कि ये स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर आपकी सुरक्षा के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। ऎसे में प्रदेश को कोरोना से बचाने के लिए सबकी जिम्मेदारी है कि हम बिना किसी डर और संकोच के स्क्रीनिंग एवं जांच सहित अन्य कार्यों में स्वास्थ्यकर्मियों का आगे बढ़कर सहयोग करें। यह आपके अपने हित में है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल में 3 हजार सैम्पल की टेस्टिंग हो रही है। सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के बाद अब तक 66 मरीज नेगेटिव हुए हैं। कोरोना टेस्ट की संख्या में राजस्थान अब दूसरे नंबर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री रोहित कुमार सिंह ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग के लिए 10 लाख किट्स का ऑर्डर दिया जा चुका है। इनमें से 2 लाख किट्स की पहली खेप जल्द ही प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि अब सबसे ज्यादा टेस्ट करने के मामले में महाराष्ट्र के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक श्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा श्री अजिताभ शर्मा, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया, जेडीसी श्री टी. रविकान्त, पुलिस आयुक्त श्री आनन्द श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर श्री जोगाराम, नगर निगम आयुक्त, श्री वी.पी. सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर/पटना, 09 अप्रैल 2020,देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. राजस्थान में कोरोना के 30 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, बिहार में एक ही परिवार की चार महिलाओं में कोरोना की पुष्टि हुई है. देश में अब तक कोरोना मरीजों की संख्या 5734 है, जिसमें 166 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 472 लोग ठीक हो चुके हैं. शुरुआत बिहार से करते हैं. बिहार में आज चार नए मामले सामने आए हैं. सीवान में एक ही परिवार की चार महिलाएं कोरोना पॉजिटिव मिली हैं. यह चारों ओमान से आए एक शख्स के संपर्क में आई थीं, जो हाल में ही कोरोना पॉजिटिव निकला था. अब बिहार में कोरोना मरीजों की संख्या 43 हो गई है. राजस्थान में गुरुवार को 30 नए मामले सामने आए हैं. बंसवाड़ा में 2, जैसलमेर में 5, झुंझुनु में 7, जोधपुर में एक, टोंक में 7, झलवाड़ा में 7, बाड़मेर में एक मामला सामने आया है. राजस्थान का जयपुर जिला सबसे अधिक कोरोना से प्रभावित है. यहां अब तक 129 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, भीलवाड़ा में 27, बीकानेर में 20, जैसलमेर में 19, झुंझुनु में 31, जोधपुर में 32, टोंक में 27, कोटा में 15 और झलवाड़ा में 15 मामले सामने आ चुके हैं. अब तक राजस्थान में कोरोना के 413 मरीज मिल चुके हैं. वहीं, करीब 18 हजार लोगों का सैंपल लिया जा चुका है, जिसमें से 16 हजार 549 लोगों का टेस्ट रिजल्ट आ चुका है. कोरोना का कहर पूरी दुनिया में थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक 15 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 88 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. स्पेन, अमेरिका, इटली और फ्रांस में मौत का आंकड़ा 14 हजार को पार कर चुका है. .
जोधपुर प्रदेश की राजधानी जयपुर के बाद सबसे अधिक कोरोना वायरस का दर्द झेल रहे जोधपुर में कोरोना वायरस पॉजिटिव एक बुजुर्ग की मौत का मामला सामने आया है। यह जिले में कोरोना वायरस से पहली मौत है। जानकारी के अनुसार, 77 वर्षीय बुजुर्ग 12 दिन पहले पुणे से जोधपुर लौटे थे। सांस लेने में दिक्कत होने पर बुधवार को बुजुर्ग को मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। मौत के बाद बुजुर्ग का कोरोना टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव निकला। जिससे पूरे अस्पताल और जिले में हड़कंप मच गया। सबसे बड़ा सवाल, कैसे बच गया प्रशासन की नज़र से मरीज ? जोधपुर के प्रताप नगर ई 117 निवासी 77 वर्षीय मृतक लालचंद धनानी 12 दिन पूर्व पूना से जोधपुर आए थे। जिसके बाद मृतक के साथ रह रही उनकी पत्नी व उनकी पोती ने प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी। 3 दिन पूर्व कॉलोनी वासियों ने प्रशासन को इस बाबत सूचना दी लेकिन इस बुजुर्ग को क्वारंटीन नहीं किया गया । मंगलवार सुबह सांस लेने में तकलीफ आने पर उसे पड़ोसियों द्वारा मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया। इस बात पर पुणे में रह रहे मृतक के पुत्र ने पड़ोसियों पर नाराजगी जताई और उन्हें निजी अस्पताल ले जाने को कहा। जिसके बाद पड़ोसी बुजुर्ग को एक निजी अस्पताल लेकर गए। निजी अस्पताल ने बीमारी के लक्षण को देखते हुए भर्ती करने से इंकार कर दिया। जिसके बाद उसे फिर मथुरादास माथुर अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ऐसे आए सम्पर्क में लोग जानकारी के अनुसार, घर में बुजुर्ग के अलावा बुजुर्ग की पत्नी और एक पोती रहती है। बुजुर्ग के पास शाम के समय कॉलोनी के लोग आकर बैठते थे। जब कॉलोनीवासियों को पता चला कि हार्टअटैक के चलते बुजुर्ग की मौत हो गई तो सिंधी समाज के कई लोग बुजुर्ग के घर चले गए। लेकिन देर रात जब प्रशासन ने शव देने से इंकार कर दिया और इस बात की पुष्टि हो गई कि बुजुर्ग कोरोनावायरस से संक्रमित था। तब से लोगों में दहशत बढ़ गई है। 30 लोग पहुंचे क्वारंटीन सेंटर जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई कि बुजुर्ग कोरोना वायरस से ग्रसित था। प्रशासन ने त्वरित प्रभाव से क्षेत्र में जाकर बुजुर्ग से मिलने वाले लोगों की हिस्ट्री निकाली और कॉलोनी से करीब 30 लोगों को क्वारंटीन सेंटर ले जाया गया। विदेश में रहते हैं बच्चे मृतक के दो बेटे और एक बेटी है। सबसे बड़ा बेटा अशोक धनानी स्पेन में रहता है छोटा बेटा विनोद धनानी पुणे में रहता है और बेटी पूनम दुबई में रहती है। प्रशासन करेगा अंतिम संस्कार अस्पताल प्रशासन ने बुजुर्ग के शव को अपने कब्जे में ले रखा है। परिजनों को शव सुपुर्द करने से इनकार कर दिया गया है इस शव का अंतिम संस्कार प्रशासन डब्ल्यूएचओ के प्रोटोकॉल के तहत करेगा। लापरवाही पड़ सकती है कई परिवारों पर भारी 3 दिन पूर्व सूचना दिए जाने के बाद भी इस बुजुर्ग को क्वारंटीन नहीं किया गया। इसके अलावा बुधवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होते हुए भी अस्पताल प्रशासन ने बुजुर्ग को वापस घर कैसे ले जाने दिया यह महत्वपूर्ण सवाल है। प्रशासन की लापरवाही अन्य लोगों पर भी भारी पड़ सकती है।
जयपुर, 08 अप्रैल 2020,राजस्थान में बुधवार को कोरोना के 5 नए मामले सामने आए हैं. पूरे राजस्थान में कोरोना मरीजों की संख्या 348 हो गई है, जिसमें अकेले जयपुर में 109 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. वहीं, देशभर में कोरोना मरीजों की संख्या 5194 हो गई है. इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आने से अबतक 149 लोगों की मौत हो चुकी है. बुधवार को राजस्थान में जो पांच नए मामले सामने आए हैं, उसमें एक मामला बीकानेर का है. 21 साल का लड़का तबलीगी जमात से लौटे संक्रमित जमाती के संपर्क में आ गया था. वहीं बांसवाड़ा जिले में एक 50 साल की महिला संक्रमित मिली है. कोरोना के तीन नए मामले तो जयपुर में सामने आए हैं. राजस्थान के 22 जिले कोरोना वायरस से प्रभावित हैं. जिसमें सबसे अधिक मामले जयपुर के हैं. यहां 109 लोग कोरोना से संक्रमित हैं. जोधपुर में 30, बंसवाड़ा में 10, भीलवाड़ा में 27, बीकानेर में 15, चुरू में 11, जैसलमेर में 14, झुंझुनु में 23, टोंक में 20 और कोटा में 10 मामले सामने आ चुके हैं. इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर केंद्र सरकार से सभी राज्यों के लिए एक लाख करोड़ का पैकेज मांगा. गहलोत सरकार का कहना है कि कोरोना की वजह से राज्यों की आर्थिक हालात बिगड़ गए हैं. भीलवाड़ा और रामगंज की घटना से सबक लेते हुए गहलोत सरकार ने कई और भी कदम उठाए हैं. देशभर में कोरोना मरीजों की संख्या 5000 को पार कर गई है. अब तक 5194 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 149 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 402 लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं.
जयपुर, 06 अप्रैल 2020,राजस्थान में जयपुर का रामगंज इलाका कोरोना वायरस के एपिक सेंटर के रूप में उभरा है. जयपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या जहां 110 है, वहीं अकेले रामगंज इलाके में ही 100 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. कोरोना के नए हॉट स्पॉट रामगंज ने सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा है कि भीलवाड़ा की तर्ज पर रामगंज को पूरी तरह सील किया जाएगा. उन्होंने कहा कि रामगंज की ऐसी बनावट है कि एक-एक घर में बड़ी संख्या में लोग रह रहे हैं. लोगों को एक-दूसरे से अलग कर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने में समस्या आ रही है. इस इलाके में एक बिल्डिंग में 20-25 लोग रह रहे हैं. रघु शर्मा ने कहा कि कोशिश की जा रही है कि राशन और दूध या दवा की जो दुकानें खुली हैं, उन्हें भी बंद कर दें. जरूरतमंदों को भीलवाड़ा की तर्ज पर घर जाकर पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि अगर सख्ती करने की जरूरत पड़ी तो सख्ती भी की जाएगी. जरूरत पड़ी तो हर घर के बाहर एक पुलिसकर्मी तैनात करेंगे. हर हालत में रामगंज में हालात पर काबू पाया जाएगा. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने क्वारनटीन के दौरान लोगों के आपस में मिलने-जुलने और सरकार की नसीहतें नहीं मानने को अचानक कोरोना वायरस के मामले बढ़ने का मुख्य कारण बताया. उन्होंने कहा कि अब सख्ती की गई है. लोगों पर नजर रखी जा रही है. यह नियम बना दिया गया है कि क्वारनटीन किया गया व्यक्ति प्रत्येक दो घंटे पर अपनी सेल्फी लेकर भेजेगा. रामगंज इलाके में स्वास्थ्यकर्मियों से दुर्व्यवहार पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोगों को यह समझाने की कोशिश की जा रही है कि यह लोग आपकी जिंदगी बचाने के लिए ही आ रहे हैं. इनके साथ अच्छा बर्ताव करें. जो लोग दुर्व्यवहार करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जयपुर, 06 अप्रैल 2020,राजस्थान के बीकानेर में कोरोना के 6 नए मामले आए हैं. इससे पहले जयपुर के रामगंज मुहल्ले में कोरोना के 39 नए मामले मिलने से सरकार के हाथपांव फूल गए हैं. राजस्थान में कोरोना के कुल मरीज 272 हैं, जिनमें सिर्फ एक मुहल्ले रामगंज के 74 मरीज हैं. सूबे के भीलवाड़ा, झुंझनू और टोंक में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं. बीकानेर में रविवार रात को 6 नए कोरोना पॉजिटिव मिले. इनमें से 5 उस महिला के परिवार के सदस्य निकले, जिसकी कोरोना संक्रमण के कारण शनिवार को मौत हो गई थी. इसके अलावा एक रोगी, उन दो रोगियों के संपर्क में आकर संक्रमित हो गया, जो सबसे पहले पॉजिटिव हुए थे. बीकानेर में अब तक कुल 10 रोगी कोरोना संक्रमित हो चुके है. शुरू हुआ घर-घर स्क्रीनिंग बीकानेर के जिस इलाके से नए रोगी मिले है, वहां पहले से ही कर्फ्यू लगा है और घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की जा रही है. नई रिपोर्ट के बाद जांच टीमों की संख्या बढ़ाकर 1003 कर दी गई है. कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने आपात मीटिंग बुलाकर पूरे शहर के एक-एक घर की स्क्रीनिंग का काम शुरू करवाया है. रामगंज मोहल्ले में 74 केस वहीं, 24 घंटे में जयपुर के रामगंज में कोरोना के 39 नए मामले मिलने से हाहाकार मच गया है. पूरे राजस्थान में कोरोना से के अबतक 272 मामले सामने आए हैं, जिनमें 74 मामले सिर्फ रामगंज मोहल्ले के हैं, जबकि पूरे जयपुर में कोरोना के 92 पॉजिटिव मामले हैं. इसी रामगंज इलाके में बीते दिनों जब मेडिकल टीम स्क्रीनिंग के लिए गई थी तो उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी. मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी लोगों ने सैंपल देने के बजाय उन्हें गलत नाम बताये या फिर भगाने की कोशिश की. कई जगह आशा वर्कर ने बदतमीजी करने की शिकायत भी की. रामगंज में स्वास्थ्य कर्मियों से बदसलूकी करके के आरोप में तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं और अब स्क्रीनिंग के लिए जाने वाली टीम के साथ पुलिसकर्मी भी भेजे जा रहे हैं बनाया गया एक कंट्रोल रूम पुलिस ने स्क्रीनिंग और जांच में बाधा पहुंचाने वालों की शिकायत के लिए थाने में एक कंट्रोल रूम भी बनाया है. इसके अलावा भीलवाड़ा में 27, झुंझनू में 18, टोंक में 18, जोधपुर में 17 और चुरू में 10 लोग संक्रमित पाए गए हैं. राजस्थान में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 1560 आयुष चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को 30 जिलों में तैनात किया गया है.
जयपुर, 04 अप्रैल 2020,राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 191 हो गई है. इसमें से 40 संक्रमित तबलीगी जमात के हैं, यानी दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित मरकज में शामिल होकर लौटे थे. वहीं एक 65 वर्षीय महिला की बीकानेर में मौत हो गई है. यह महिला दिव्यांग थी और किसी तरह की यात्रा पर नहीं गई थी. शनिवार सुबह 8.30 बजे तक 12 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इनमें से दो बांसवाड़ा, दो चूरू (तबलीगी जमात), एक भीलवाड़ा और छह झुन्झुनू (तबलीगी जमात) में पाए गए हैं. हालांकि इससे पहले भी राज्य में तीन कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत हुई थी. लेकिन राज्य सरकार ने तीनों के मौत की वजह अलग बताई थी. आजतक ने एडिशनल चीफ सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि जिन तीन लोगों की मौत हुई है, वो किसी अन्य बीमारी से भी ग्रसित थे. सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने कहा कि यह महज एक इत्तेफाक है कि जिन तीन लोगों की मौत हुई वो सभी कोरोना पॉजिटिव थे. बता दें, दो अप्रैल को 85 साल के एक कोरोना पॉजिटिव मरीज (पुरुष) की मौत हो गई. इन्हें एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक शख्स की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई. इससे पहले 26 मार्च को 73 वर्षीय नारायण सिंह नाम के एक शख्स की मौत राजस्थान के भीलवाड़ा में हो गई थी. राज्य सरकार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सिंह को मधुमेह (डायबिटीज) की समस्या थी. इसके साथ ही उन्हें किडनी से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी थीं. उन्होंने यह भी कहा कि मरीज को किडनी फेल और ब्रेन स्ट्रोक की वजह से कोमा में रखा गया था, इसलिए यह कहना कि उक्त मरीज की मौत कोरोना से हुई, ठीक नहीं है. इससे पहले 20 मार्च को इटली के 69 वर्षीय पर्यटक की मौत भी सवाई मान सिंह अस्पताल में हुई थी. हालांकि ये मरीज भी कोरोना पॉजिटिव था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संबंधित शख्स की मौत भी किसी अन्य बीमारी से हुई थी. उन्होंने मृतक की पत्नी का हवाला देते हुए कहा कि इटली के इस पर्यटक को चेन स्मोकिंग की आदत थी. इस वजह से उसे क्रोनिक ब्रोनसाइटिस की समस्या भी थी.
जयपुर. कोरोना के कहर के बीच प्रदेश में 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा- लाॅक डाउन के तहत मीडिया और चिकित्सा जैसी 14 आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्ति समस्त राजकीय व निजी कार्यालय, माॅल्स, दुकानें, फैक्ट्रियां एवं सार्वजनिक परिवहन आदि बंद रहेंगे। इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए लोगों का घरों में रहना बेहद जरूरी है। रविवार को ही पीएम मोदी के आह्वान के बाद जनता कर्फ्यू है। बसें, ट्रेनें, कैब और कई दुकानें बंद रहेंगी। वहीं, राजस्थान का भीलवाड़ा कोरोनाजोन बन गया है। दो दिन के अंदर यहां 13 पॉजिटिव मिल चुके हैं। शनिवार को बांगड़ हॉस्पिटल के 5 और नर्सिंगकर्मी पॉजिटिव मिले। शुक्रवार को भी इसी अस्पताल के 3 डॉक्टर समेत 6 लोग पीड़ित पाए गए थे। इन्हीं में से एक डॉक्टर की पत्नी और एक डॉक्टर के भाई को भी कोरोना पॉजिटिव मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीमें भी यहां पहुंच गई हैं। अगले 72 घंटे क्रिटिकल माने जा रहे हैं। उधर, सीकर और पाली में एक-एक कोरोना पॉजिटिव मिला है। प्रदेश में 24 घंटे के भीतर नौ नए मरीज मिले हैं और कुल आंकड़ा 26 तक पहुंच गया है। सीएम की अपील : मानवता को बचाने की लड़ाई में प्रदेश का हर नागरिक शामिल हो सीएम अशोक गहलोत ने लोगों से कि चीन से आई से पूरा विश्व चिंतित है। सरकार लोगों की जान बचाने के लिए हर बड़े फैसले ले रही है। अब जरूरत है कि मानवता को बचाने की इस लड़ाई में राजस्थान का हर व्यक्ति शामिल हो। आज जरूरत है कि प्रदेश का हर व्यक्ति अपने नागरिक धर्म का पालन करके सरकार का सहयोग करें। अफवाह फैलाने से बचे। इस निर्णायक लड़ाई में जहां भी सरकार की जरूरत होगी, वहां वह नागरिकों के साथ खड़ी मिलेगी। इन 3 उदाहरणों से समझिए जनता कर्फ्यू जरूरी क्यों? 1. 12 संक्रमित ट्रेनाें में थे, साथ सफर करने वाले सभी संदिग्ध 13 मार्च काे 8 संक्रमित एपी संपर्क क्रांति में दिल्ली से रामागुंडम गए। 4 यात्री 16 मार्च काे गाेदान एक्सप्रेस में मुंबई से जबलपुर गए। इनके साथ यात्रा करने वाले सभी यात्री अब संदिग्ध हैं। 2. विदेश यात्रा नहीं की, फिर भी महिला पाॅजिटिव मिली पुणे की 40 वर्षीय महिला 3 मार्च काे शादी समारोह में गई थी। उसके बाद वह संक्रमित मिली। उसकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। प्रशासन शादी में आए लोगों का पता लगा रहा है। 3. लंदन से लाैटी महिला से ब्यूटीशियन काे हुआ संक्रमण हरियाणा के पंचकूला में ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली महिला संक्रमित मिली है। लंदन से लाैटी काेराेना पाॅजिटिव महिला ब्यूटी पार्लर में उससे मसाज करवाने पहुंची थी।
जयपुर. राजस्थान में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 26 पहुंच चुकी है। जिसमं से भीलवाड़ा में ही 13 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। जिसमें से 6 केस शुक्रवार को सामने आए। वहीं 7 केस शनिवार देर रात तक सामने आए। बताया जा रहा है संक्रमित डॉक्टर से ये वायरस बाकी लोगों में फैला। जिसके चलते करीब 6000 लोगों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है। जिसके चलते भीलवाड़ा की सीमांए पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। भीलवाड़ा पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है। भीलवाड़ा में संक्रमित पाए गए डॉक्टर-कंपाउंडर जिस अस्पताल में काम करते थे, वहां अलग-अगल दिनों में छह हजार लोगों के पहुंचने की जानकारी मिली है। इनकी स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके बाद भीलवाड़ा जिले को हाईअलर्ट पर रखा गया है। शहर में कुल 13 स्थानों पर 400 बेड के आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। हालांकि, अब तक 10 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव भी आई है। हालात को देखते हुए डब्ल्यूएचओ व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम पहुंची भीलवाड़ा में काेराेना की भयावह स्थिति यानी स्टेज-3 काे देखते हुए डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाले नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज कंट्राेल की टीम शनिवार सुबह भीलवाड़ा पहुंची। संक्रमित डॉक्टर के घर सऊदी से आए थे मेहमान स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि संक्रमित डॉक्टरों में से एक के घर कुछ दिन पहले सऊदी अरब से कुछ लोग आए थे, उन्हीं की वजह से वह कोरोना की चपेट में आए। फिर उसने साथी डॉक्टरों को भी संक्रमित कर दिया। इसका नतीजा हुआ कि सऊदी अरब से आए गेस्ट के साथ रहा डॉक्टर संक्रमित हुआ और उसकी अनदेखी पूरे शहर को भारी खतरे में डाल दिया। सुबह 7-10 और शाम 5-7 बजे ही निकल सकेंगे लोग भीलवाड़ा जिला प्रशासन ने लोगों से घर में ही रहने को कहा है। प्रशासन ने लोगों से कहा है- दैनिक जरूरतों का सामान लेने के लिए सुबह 7-10 और शाम को 5-7 बजे के बीच ही घर से बाहर निकलें। जिले में सभी प्रकार के वाहनों के परिवहन पर भी रोक लगा दी गई है। जिसके चलते शनिवार सुबह 7 से 10 बजे के बीच सब्जी मंडियों में लोगों की काफी भीड़ देखने के लिए मिली। लोग कई दिनों का सामान एक साथ ले गए। वहीं 10 बजे बाद मंडियां सुनसान हो गईं। स्टेज-3 का मतलब एक से दूसरे में संक्रमण फैलता है, स्पेन-इटली इस चरण में जब वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन में पहुंच जाता है, तो बहुत बड़ा क्षेत्र इससे प्रभावित होता है। इस स्टेज में यह बीमारी देश के अंदर मौजूद संक्रमित लोगों से यहीं के दूसरे लोगों में फैलने लगती है। इससे स्थिति खतरनाक भी बन सकती है। इस स्टेज में टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए लोग यह नहीं जानते हैं कि उनमें वायरस कहां से आया है। इटली और स्पेन अभी इसी चरण में हैं। देश में अब तक जाे काेराेना पाॅजिटिव के मामले आए हैं, उनमें विदेशी पर्यटक या एनआरआई हैं, लेकिन अकेला भीलवाड़ा ऐसा शहर है जहां पर डाॅक्टर व नर्सिंग स्टाफ पाॅजिटिव मिले हैं।
जयपुर, 20 मार्च 2020,कोरोना वायरस के बढ़ते असर पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अब लोगों पर सख्ती करने का समय आ गया है. लोग समझाने से नहीं मान रहे हैं. जिन लोगों को संदिग्ध मानकर हम भर्ती कर रहे हैं वो आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों से लड़ाई झगड़ा कर रहे हैं. देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब सख्ती करने का समय आ गया है. लोग समझाने से नहीं मान रहे हैं. यहां तक कि धारा 144 लगाई गई है फिर भी लोग घरों से निकल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को संदिग्ध मानकर हम भर्ती कर रहे हैं वो आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों से लड़ाई झगड़ा कर रहे हैं. 'होम आइसोलेशन के बाहर तैनात होंगे कर्मचारी' ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने की बात करते हुए रघु शर्मा ने कहा कि उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए हमने गांव से लेकर शहर तक सारे सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पूरी तरह से नजर रखें कि बाहर से कौन राज्य में आता है तुरंत उसकी सूचना सरकार को दें. राज्य में फसल खरीद केंद्रों को भी बंद कर दिया गया है क्योंकि बाहरी राज्य से बहुत ज्यादा लोग इन केंद्रों पर आ रहे थे. उन्होंने बताया कि इसी तरह से यह भी तय किया गया है कि दूसरे राज्यों को जाने वाली बसों को भी अब रोका जाए. जिन लोगों को होम आइसोलेशन के लिए कहा गया है उनके घर के बाहर एक सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जा रही है ताकि वह घर से बाहर नहीं निकले. राजस्थान में करीब 2000 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया है. चेन स्मोकर था इटैलियन नागरिकः स्वास्थ्य मंत्री जयपुर में इटैलियन नागरिक की मौत पर राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस के कुल 12 मरीज अब तक सामने आए हैं, जिसमें से जिस एक इटैलियन व्यक्ति के मौत होने की बात हो रही है वह कोरोना से निगेटिव हो चुका था और इटैलियन दूतावास के कहने पर ही उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल से डिस्चार्ज कर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
जयपुर, 21 मार्च 2020,राजस्थान के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी कोरोना वायरस का टेस्ट कराया था. टेस्ट की रिपोर्ट अब आ गई है. राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा की रिपोर्ट अब नेगेटिव आई है. गौरतलब है कि वसुंधरा राजे लखनऊ में सिंगर कनिका कपूर की पार्टी में मौजूद थीं. सिंगर कनिका कपूर की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद वे क्वारंटीन हो गई थीं. उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट करवाया था जो कि अब निगेटिव आया है. इस पार्टी में उनके बेटे और सांसद दुष्यंत भी मौजूद थे. वे भी सेल्फ आइसोलेशन में हैं. वसुंधरा ने ट्वीट कर कहा था कि, "कुछ दिन पहले दुष्यंत और उनके ससुराल वालों के साथ मैं लखनऊ में एक डिनर पर गयी थी. कनिका कपूर, जो कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई हैं, वें भी उस डिनर में बतौर अतिथि मौजूद थीं. सावधानी के तौर पर मैं और दुष्यंत सेल्फ़-आइसोलेशन में हैं और हम सभी आवश्यक निर्देशों का पालन कर रहे हैं. गौरतलब है कि कनिका कपूर के पॉजिटिव पाए जाने के बाद, और उस पार्टी में वसुंधरा राजे, दुष्यंत सिंह, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के उनके साथ पार्टी में मौजूद होने की खबर के बाद कई वरुण गांधी, डेरेक ओ ब्रायन और संजय सिंह समेत कई सांसद सेल्फ आइसोलेशन में चले गए. यूपी पुलिस ने कनिका के खिलाफ संवेदनशील जानकारी छिपाने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है.
नई दिल्‍ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुख्‍यमंत्रियों के साथ वीडियो लिंक पर मीटिंग की। इसमें देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर चर्चा हुई। मीटिंग में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा हेल्‍थ मिनिस्‍ट्री के टॉप अधिकारी शामिल हुए। बैठक शाम 4 बजे शुरू हुई और खबर लिखे जाने तक जारी थी। PTI ने सूत्रों ने हवाले से लिखा कि मीटिंग में कोरोना को रोकने के अलावा राज्‍यों की कैपेसिटी बिल्डिंग और लोकल हेल्‍थ ऑफिशियल्‍स को ट्रेनिंग पर भी चर्चा हो सकती है। प्रधानमंत्री लगातार वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने पर जोर दे रहे हैं। शुक्रवार को राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में भी उन्‍होंने इसपर बात की थी। मीटिंग में मौजूद रहे इन राज्‍यों के प्रतिनिधि चर्चा में पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह, महाराष्‍ट्र सीएम उद्धव ठाकरे और उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के अलावा कई राज्‍यों के सीएम ने हिस्‍सा लिया। मीटिंग में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, गुजरात, केरल, कर्नाटक, ओडिशा, मणिपुर, राजस्‍थान, गोवा, नगालैंड, पुदुचेरी, सिक्किम, जम्‍मू-कश्‍मीर, लक्षद्वीप, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, बिहार, उत्‍तराखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, तमिलनाडु, मेघालय, दिल्‍ली, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मिजोरम, मध्‍य प्रदेश, अंडमान-निकोबार के मुख्‍यमंत्री/प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कोरोना से निश्चिंत हो जाना ठीक नहीं : पीएम पीएम ने कहा था कि '130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है। वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।' पीएम ने सुझाया कि लोग 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाएं। क्‍या है जनता कर्फ्यू? पीएम के मुताबिक, इस रविवार यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक कोई व्‍यक्ति बाहर न निकले। उन्‍होंने अपील की कि संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए। पीएम ने अपील की कि रविवार को ठीक 5 बजे हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। पीएम के मुताबिक, ये 'जनता कर्फ्यू' कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। उन्‍होंने कहा कि ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा। वर्क फ्रॉम होम को तरजीह दें कंपनियां' सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये सोशल डिस्‍टेंसिंग को बढ़ावा देने को कहा है। इसके तहत, कंपनियों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दें। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नियमों के अनुपालन में छूट देते हुए कंपनियों को 30 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निदेशक मंडल की बैठक करने की सुविधा दी है। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने गुरुवार को एक एडवाजयरी में कहा कि मंत्रालय कंपनी कानून के तहत दी जा सकने वाली उन छूटों का आकलन कर रहा है, जिनके ऊपर महामारी की इस स्थिति में अमल किया जा सकता है। सरकार ने कंपनियों और LLP के लिये एक डिजिटल फॉर्म भी तैयार किया है, जिसके जरिये कोरोना वायरस संकट से जूझने की तैयारियों की जानकारी दी जा सकती हैं।
लखनऊ कनिका कपूर (Kanika Kapoor)और लखनऊ में हुई एक पार्टी ने हर किसी को डरा दिया है। कनिका कपूर के कोरोना (Covid-19) पीड़ित पाए जाने पर पार्टी की तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नेता और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी इस पार्टी में शामिल हुईं। उनके साथ सांसद और उनके बेटे दुष्यंत सिंह भी शामिल हुए। इस पार्टी में मौजूद लोग कई और जगहों पर भी जा चुके हैं, जिसके बाद वसुंधरा राजे सिंधिया और दुष्यंत सिंह ने खुद को आइसोलेट कर लिया है। दुष्‍यंत सिंह इसके बाद संसद भी गए थे, वहां उनके बगल बैठने की वजह से टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन भी सेल्फ आइसोलेशन में हैं। इस मामले की पुष्टि करते हुए बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया ने ट्वीट किया है। ट्वीट में वसुंधरा राजे सिंधिया ने लिखा है, 'कुछ दिन पहले दुष्यंत (वसुंधरा के बेटे) और उनके ससुराल वालों के साथ मैं लखनऊ में एक डिनपर पर गई थीं। कनिका कपूर, जोकि #Covid19 संक्रमित पाई गई हैं। वह भी उस डिनर में बतौर अतिथि मौजूद थीं। सावधानी के तौर पर मैं और दुष्यंत सेल्फ आइसोलेशन में हैं और हम सभी आवश्यक निर्देशों का पालन कर रहे हैं।' कहा जा रहा है कि कनिका कपूर 15 मार्च को लखनऊ में एक पार्टी में शामिल हुई थीं। सूत्रों के मुताबिक, यह पार्टी बीएसपी नेता अकबर अहमद डंपी की तरफ से आयोजित की गई थी और इसी में कनिका शामिल हुईं। उन्होंने एक पार्टी अपने घर पर और दूसरी ताज होटल में दी थी। बताया जा रहा है कि इस पार्टी में कई नेताओं ने शिरकत की थी। इसमें कथित रूप से यूपी सरकार से जुड़े कुछ लोगों के भी शामिल होने की बात आ रही है। वसुंधरा राजे सिंधिया और दुष्यत सिंह भी पार्टी में थे इसी पार्टी में वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। पार्टी में मौजूद रहे बीजेपी सांसद दुष्यंत सिंह इस पार्टी के बाद संसद भी गए थे। दुष्यंत सिंह के संसद जाने की खबर के बाद उन्होंने खुद को आइसोलेट कर लिया है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि दुष्यंत सिंह, वसुंधरा राजे और और अन्य लोगों के संपर्क में आए लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। कानपुर भी गई थीं कनिका कपूर लखनऊ के अलावा कनिका कपूर कानपुर में अपने एक रिश्तेदार की पार्टी में भी गईं। कनिका कपूर के रिश्तेदार संजय टंडन का कहना है कि गृह प्रवेश की पार्टी में 15-20 लोग आए थे। अब उन्हें कनिका के पॉजिटिव होने का पता चला। पूरी परिवार सेल्फ आइसोलेशन में चला गया है। कनिका कपूर पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने फ्लू के लक्षण छिपाए और कोरोना के लिए जरूरी स्क्रीनिंग प्रक्रिया से बचते हुए एयरपोर्ट से बाहर आ गई थीं। डेरेक ओ ब्रायन और अनुप्रिया भी आइसोलेशन में गए दुष्यंत सिंह पहले पार्टी में मौजूद थे, बाद में वह संसद भी गए थे। अब इसपर टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक ट्वीट करके कहा है, 'यह सरकार हम सबको खतरे में डाल रही है। प्रधानमंत्री कहते हैं कि आप खुद को आइसोलेट करिए लेकिन संसद चल रही है। मैं दुष्यंत सिंह के बगल में 2.5 घंटे तक बैठा था। दो और सांसद हैं, जिन्होंने खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखा है। ससंद सत्र को समाप्त करना चाहिए।' वहीं, सांसद अनुप्रिया पटेल ने भी दुष्‍यंत सिंह के साथ एक कार्यक्रम में मौजूद होने की वजह से सेल्‍फ आइसोलेशन का फैसला लिया है। यूपी में कोरोना के 23 मामले लखनऊ में शुक्रवार को 4 नए केस मिलने के साथ ही शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है। लखनऊ में इन चार नए मामलों के साथ उत्तर प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 23 तक पहुंच गई है। देशभर में कोरोना वायरस के अबतक 207 कन्फर्म मामले सामने आए हैं। इनमें से 32 विदेशी हैं। 20 ठीक हो चुके हैं और 4 की मौत हो चुकी है।
जयपुर, 16 मार्च 2020,देशभर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 113 हो गई है. वायरस को लेकर पूरा देश अलर्ट है. लोगों से डर का माहौल न बनाने की अपील की जा रही है. इस बीच राजस्थान में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. वह सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैला रहा था. फिलहाल, उससे पूछताछ की जा रही है. राजस्थान में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि दौसा पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है, वह सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर फर्जी खबरें फैला रहा था. वह संविदाकर्मी है. फिलहाल उसको नौकरी से निकाल दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. राजस्थान में 4 पॉजिटिव केस राजस्थान सरकार ने लोगों से कोरोना वायरस को लेकर भ्रम न फैलाने की अपील की है. प्रदेश में अभी तक 430 संदिग्ध केस सामने आ थे, जिसमें से 425 का जांच रिपोर्ट निगेटिव आया है. चार मरीजों का टेस्ट पॉजिटिव आया है, जबकि दो लोगों के रिपोर्ट का इंतजार है. 30 मार्च तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए 30 मार्च तक राज्यभर के सभी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटरों, जिम, सिनेमाघरों को बंद करने का फैसला किया है. घबराएं नहीं, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि लोगों को मेरी सलाह है कि वे इस वायरस के कारण घबराएं नहीं, लेकिन साथ ही मैं उनसे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और सिर्फ जरूरी होने पर ही सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील करता हूं.
जयपुर, 16 मार्च 2020, राजस्थान सरकार ने सोमवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अनुच्छेद 131 के तहत राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ दायर याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर यह कानून बनाया गया है जो संविधान के खिलाफ है. राजस्थान सरकार ने अपने वाद के जरिए धर्म के आधार पर देश के नागरिकों के वर्गीकरण के कानून को चुनौती दी है. केरल और पंजाब के बाद राजस्थान ने भी अब सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दी है. अनुच्छेद 131 के तहत राज्यों को यह अधिकार है कि दो या दो से अधिक राज्यों और केंद्र के बीच के विवाद के फैसले के लिए बस सुप्रीम कोर्ट जाए और इसी अधिकार के तहत राजस्थान सरकार नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन राजस्थान सरकार की तरफ से वाद दायर करने वाले अधिवक्ता मनीष सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया नया नागरिकता कानून संविधान की धारा 14, 21 और 35 के तहत दिए गए नागरिकों के मौलिक अधिकार का हनन करता है. नए नागरिकता कानून में नागरिकों का बंटवारा धर्म के आधार पर किया गया है, जो संविधान के मूल भावना के खिलाफ है. 10 जनवरी को पारित इस कानून को रद्द करने के लिए राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में वाद पेश किया है. गौरतलब है कि राजस्थान में इससे पहले विधानसभा में दिए एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ना केवल इस कानून के खिलाफ धरना दिया था, बल्कि शाहीन बाग के तर्ज पर चल रहे धरने में भी शामिल हुए थे.
सीकर, 26 फरवरी 2020,देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान शहीद हुए पुलिस हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का परिवार धरने पर बैठ गया है. परिवार की मांग है कि रतनलाल को 'शहीद' का दर्जा दिया जाए. दिल्ली के भजनपुरा में हुई हिंसा के दौरान रतनलाल की मौत हो गई थी, वो राजस्थान के सीकर के रहने वाले थे. बुधवार को उनके परिवार ने पैतृक गांव जाने वाले रास्ते पर जाम लगा दिया. सीकर जाने वाली सड़क पर रतनलाल के परिवार ने तीन किलोमीटर का धरना किया. परिवार का कहना है कि जबतक रतनलाल को शहीद का दर्जा नहीं मिलेगा, वो उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. पुलिस कॉन्स्टेबल रतनलाल का पैतृक गांव फतेहपुर शेखावाटी के तिहावली में है, जहां पर परिवार के साथ गांव वाले भी धरना दे रहे हैं.
बूंदी, 26 फरवरी 2020, राजस्थान के बूंदी जिले में एक बस बुधवार को नदी में गिर गई. इस हादसे में 24 लोगों की मौत की आशंका है. घटना कोटा-दौसा मेगा हाइवे पर हुई. बस 30 बरातियों को लेकर जा रही थी. इस हादसे में 5 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में रेफर किया गया है. फिलहाल, राहत और बचाव कार्य चल रहा है.
बूंदी, 26 फरवरी 2020, राजस्थान के बूंदी जिले में एक बस बुधवार को नदी में गिर गई. इस हादसे में 24 लोगों की मौत की आशंका है. घटना कोटा-दौसा मेगा हाइवे पर हुई. बस 30 बरातियों को लेकर जा रही थी. इस हादसे में 5 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में रेफर किया गया है. फिलहाल, राहत और बचाव कार्य चल रहा है.
बूंदी, 26 फरवरी 2020, राजस्थान के बूंदी जिले में एक बस बुधवार को नदी में गिर गई. इस हादसे में 24 लोगों की मौत की आशंका है. घटना कोटा-दौसा मेगा हाइवे पर हुई. बस 30 बरातियों को लेकर जा रही थी. इस हादसे में 5 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में रेफर किया गया है. फिलहाल, राहत और बचाव कार्य चल रहा है.
जयपुर, 20 फरवरी 2020,राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को बजट पेश करते हुए गांधी नेहरू परिवार के नाम पर योजनाओं की झड़ी लगा दी. अशोक गहलोत ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए 100 करोड़ रुपये का नेहरू बाल संरक्षण फंड का ऐलान किया है. इस राशि के जरिए राजस्थान से बच्चों कि ट्रैफिकिंग को रोकने पर काम किया जाएगा. इसके अलावा अंग्रेजी मीडियम के मॉडल स्कूल राजस्थान भर में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम मॉडल स्कूल के नाम से बनाए जाएंगे. गहलोत ने महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के नाम पर भी योजना की शुरुआत की. बजट के अनुसार अगले 3 सालों में राजस्थान के सभी जिलों में 66 कस्तूरबा गांधी महिला आवास बनाया जाएगा. इनमें पढ़ने वाली लड़कियों के लिए कमरा उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं को जोड़ने के लिए राजीव गांधी के नाम से राजीव गांधी डिजिटल इनीशिएटिव फंड की स्थापना की है. इसके तहत 75 करोड़ रुपये की लागत से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए सेंटर खोला जाएगा. वहीं, राजस्थान के सभी महाविद्यालयों और विद्यालयों में राजीव गांधी ई कनेक्ट के नाम से ऑनलाइन लाइब्रेरी भी शुरू की जाएगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजीव गांधी ई कनेक्ट योजना की घोषणा आज बजट में की. बता दें कि राजस्थान में पहले से ही गांधी नेहरू परिवार के नाम पर 20 से ज्यादा योजनाएं चल रही हैं. वहीं, विपक्ष का कहना है कि अशोक गहलोत को देश में कोई दूसरा नाम याद नहीं आता है.
जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। 2 लाख 25 हजार करोड़ का बजट पेश करते हुए गहलोत ने 7 संकल्पों का उल्लेख किया है। उन्होंने बजट में 53,151 पदों पर भर्ती का एलान किया। इसमें मेडिकल और हेल्थ में 4369, मेडिकल एजुकेशन में 573, कोओपरेटिव में 1000, एजुकेशन में 41000, लोकल सेल्फ गवर्मेंट में 1039, गृह विभाग में 5000 और जीएडी विभाग में 200 पदों पर भर्तियां होंगी। वहीं, स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' की भी घोषणा भी की। इस दिन कोई पढ़ाई नहीं होगी। साथ ही, बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया गया है। गहलोत ने 7 संकल्प ट्वीट किए- पहला संकल्प- निरोगी राजस्थान बजट में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े विभागों के लिए 14 हजार 533 करोड़ 37 लाख का प्रावधान किया है। 100 करोड़ के निरोगी राजस्थान कोष की घोषणा की गई है। इस कोष से हर जिले को 1 करोड़ बीमारियों की रोकथाम के लिए दिए जाएंगे। अगले वर्ष तक सभी नागरिकों का डिजिटल हेल्थ सर्वे करने की घोषणा भी की गई है। 15 नए मेडिकल कॉलेज का अगले 4 सालों में निर्माण करवाया जाएगा। इस पर 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। दूसरा संकल्प- संपन्न किसान कृषि के लिए 3 हजार 420 करोड़ 6 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। 150 करोड़ की लागत से वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बजट में 12,500 तालाब का निर्माण कराया जाएगा। 91 करोड़ रुपए खर्च करके सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के अंतर्गत 30 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को लाया जाएगा। 267 करोड़ की लागत से 25 हजार सोलर पंप लगाए जाएंगे। दो नए अधिनियम बनाए जाएंगे। पहला राजस्थान राज्य कृषि उपज अधिनियम 2020 और दूसरा राजस्थान कृषि उपज संविदा खेती एवं सेवाएं अधिनियम 2020। इनका मकसद किसानों की आय में वृद्धि, वितरण व्यवस्था में सुधार करना होगा। पशुपालन में 10 करोड़ की लागत से कृत्रिम गर्भाधान हेतु सोर्टेड सीमन के उपयोग की योजना शुरू की जाएगी। तीसरा संकल्प- महिला, बाल एवं वृद्ध कल्याण 'ए-3 एप' विकसित किया जाएगा। यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगी और एएनएम के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए करीब 35 लाख से अधिक बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किशोरी बालिकाओं को 800 करोड़ रुपए की राशि से पोषाहार वितरित किया जाएगा। राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड के गठन की घोषणा। सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के लिए 8 हजार 500 करोड़ 7 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। पालनहार योजना पर अगले साल 450 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। बाल अधिकार, शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए 100 करोड़ रुपए के नेहरू बाल संरक्षण कोष का गठन किया जाएगा। अजमेर के मसूदा और भरतपुर के कामां ब्लॉक में 41 करोड़ 60 लाख से अल्पसंख्यक बालक-बालिका आवासीय विद्यालय भवनों का निर्माण किया जाएगा। राजस्थान वफ्फ बोर्ड को 5 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई। चौथा संकल्प- सक्षम मजदूर, छात्र, युवा और किसान ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर राजस्थान के खिलाड़ियों को सरकार 3 करोड़ रुपए देगी। अब तक 75 लाख दिए जाते हैं। वहीं, रजत जीतने पर 50 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ और कांस्य पदक जीतने पर 30 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ दिए जाएंगे। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर 1 करोड़, रजत पदक जीतने पर 60 लाख और कांस्य पदक जीतने पर 30 लाख रुपए देने की घोषणा। उद्योगों की सुगम स्थापना के लिए वन स्टॉप शॉप प्रणाली स्थापित की जाएगी। इससे उद्योगों के लिए आवश्यक मंजूरी जल्द मिलेगी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक बोर्ड ऑफ इनवेस्टमेंट गठित किया जाएगा। यह निवेश प्रस्तावों संबंधी स्वीकृतियां प्रदान करने में सक्षम होगा। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए अलवर, सीकर, जालोर, टोंक, बूंदी, भरतपुर, बांसवाड़ा, और उदयपुर में नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जाएगी। ब्लॉक और जिला स्तर पर खेलों का आयोजन किया जाएगा। 2022 में होने वाले राज्य खेल और अधिक सफल हो, इसके लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया। पांचवां संकल्प- शिक्षा का परिधान शिक्षा से जुड़े विभागों के लिए 39 हजार 524 करोड़ 27 लाख का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में 200 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त संकाय और 300 उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त विषय शुरू किए जाएंगे। इसमें 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। आजीविका विकास निगम और राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी के माध्यम से हर साल 10 हजार विद्यार्थियों को कौशल विकास की ट्रेनिंग दी जाएगी। छठवां संकल्प- पानी, बिजली और सड़कों का मान 16 जिलों में पेयजल से जुड़ी 30 परियोजनाओं के काम शुरू किए जाएंगे। इसमें 4,327 गांवों एवं 9,159 ढाणियों के करीब 9 लाख परिवारों को फायदा होगा। इस योजना में 1 हजार 350 करोड़ रुपए का खर्च संभावित है। 4 हजार से कम आबादी वाले 250 गांव जहां पेयजल स्त्रोत उपलब्ध नहीं हैं। वहां नल से हर घर में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के 625 करोड़ की लागत के कार्य करवाए जाएंगे। वहीं प्रदेश में 500 जनता जल योजनाओं के माध्यम से 1 लाख घरों को जोड़ा जाएगा। जयपुर शहर में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 5 तलाबों का निर्माण किया जाएगा। पुरानी पेयजल लाइन को बदला जाएगा। इस योजना पर 165 करोड़ रुपए का खर्च होगा। 9 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा। ऊर्जा विभाग के लिए 18 हजार करोड़ 75 लाख का प्रावधान किया गया है। नई सौर ऊर्जा नीति के तहत 30 हजार मेगावाट तक उत्पादन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रदेश में सड़क दुर्घटना में घायल होने पर व्यक्ति को तुरंत नजदीक के निजी अस्पताल में ले जाए जाने पर उपचार करना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं करने पर निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को सिंचाई और जलदाय के लिए टॉप प्रायोरिटी में शामिल किया जाएगा। यह योजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए पेयजल और सिचांई के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी लागत 37 हजार 247 करोड़ रुपए है। सांतवां संकल्प- कौशल व तकनीक प्रधान राज्य को स्किल और आईटी के तालमेल से फिजिकल से डिजिटल इकोसिस्टम की ओर ले जाया जाएगा। प्रदेश के सभी 229 राजकीय आईटीआई में ई-क्लास रूम के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टार्टअप के विकास के लिए 75 हजार करोड़ के राजीव@75 फंड की स्थापना की जाएगी। कला-संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले कलाकारों को राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ की क्षमता बढ़ाने के लिए 10-10 करोड़ रुपए के आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। जल संसाधन विभाग को बाढ़ नियंत्रण और बचाव कार्य के लिए 12 करोड़ रुपए, वन विभाग को जंगलों में लगने वाली आग पर नियंत्रण के लिए 3 करोड़ के अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही निगरानी हेतु कलेक्टर्स को ड्रोन उप्लब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया है। प्रदेश में पुलिस के लिए 1682 नए वाहन खरीदे जाएंगे। अब आपराधिक मामलों में डीएनए टेस्ट के लिए जोधपुर व अजमेर में भी प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। अब तक जयपुर में प्रयोगशाला थी।
जयपुर, 20 फरवरी 2020,राजस्थान सरकार ने अपना बजट 2020-21 पेश कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करते हुए कई योजनाओं का ऐलान किया. साथ ही सरकार की ओर से राज्य में किए गए कामों के बारे में भी जानकारी दी. इस बजट में सीएम गहलोत ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की. यहां जानते हैं राजस्थान सरकार की 10 बड़ी घोषणाएं... जल जीवन मिशन योजना राजस्थान में हर घर में पानी मुहैया करवाने के लिए भी सीएम गहलोत ने ऐलान किया. बजट में सीएम ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना के जरिए हर घर में पेयजल पहुंचाया जाएगा. पहले चरण में 2020-21 में 16 जिलों में पाली, भीलवाड़ा, नागौर, कोटा, बूंदी, झुंझुनू, सीकर में 4327 गांवों में पेयजल पहुंचाया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में छोटी पेयजल और सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे. वहीं 800 मेगा वाट सौर ऊर्जा के इकाई की घोषणा भी बजट में की गई. कृषि के लिए 3420 करोड़ रुपये का ऐलान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य की माली हालत बहुत हद तक केंद्र की नीतियों पर निर्भर है. इस दौरान अशोक गहलोत ने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए. उन्होंने कृषि के लिए 3420 करोड़ रुपये का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों के लिए किराए पर कृषि यंत्र उपलब्ध होंगे. साथ ही 300 कृषि यंत्र हायरिंग सेंटर्स की स्थापना होगी. 100 करोड़ रुपये के नेहरू बाल संरक्षण कोष का ऐलान पालनहार योजना का दायरा भी बढ़ाया जाएगा. प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर छात्रावास और हाफ-वे होम खोला जाएगा. बजट में 100 करोड़ रुपये के नेहरू बाल संरक्षण कोष का ऐलान किया गया. इसकी मदद से बाल तस्करी और बाल मजदूरी जैसे बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सकेगा. 25000 नई सोलर पंप लगाए जाएंगे बजट में 25000 नई सोलर पंप लगाए जाने का ऐलान किया गया है. 2 लाख टन यूरिया और डीएपी के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था की जाएगी. जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, गंगानगर, पाली, जालौर और सिरोही के अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचित बनाया जाएगा. किसानों के खेत के पास कृषि उपज विपणन की सुविधा विकसित करने पर काम होगा. अस्पताल में जी प्लस 8 के आधार पर बनेंगे नए वार्ड जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में कॉटेज वार्ड की जगह नए वार्ड बनाने का ऐलान भी किया गया है. इन वार्ड का निर्माण जी प्लस 8 के आधार पर किया जाएगा. बजट में यह ऐलान किया गया कि मथुरादास माथुर अस्पताल के ओपीडी के शेष फ्लोर का काम कराया जाएगा. कैंसर संस्थान में संपूर्ण आधुनिक उपकरण लीनियर एक्सीलेटर मशीन समेत अन्य सुविधाओं का विस्तारीकरण किया जाएगा. न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की स्थापना होगी. मूक बधिर बच्चों के इलाज के लिए नई घोषणा बजट में बचपन से मूक बधिर बच्चों के इलाज के लिए नई घोषणा की गई. अब तक ऐसे 899 बच्चों को सहायता दी जा चुकी है. अब सरकार बाल्यकाल की प्रारंभिक अवस्था में ही हियरिंग स्क्रीन की अनिवार्यता को नीति बनाकर लागू करेगी. छात्रावासों के लिए प्रति आवाज राशि को 2500 रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा 50 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाएगा. 41 करोड़ 60 लाख की लागत से अल्पसंख्यक बच्चों के लिए छात्रावास बनवाया जाएगा. आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड का गठन राजस्थान सरकार ने बजट में राज्य में आर्थिक पिछड़ा वर्ग बोर्ड के गठन का ऐलान किया है. इसके साथ ही बजट पेश करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएंगे. शनिवार को 'नो बैग डे' स्कूलों के बच्चों के लिए भी सरकार ने सौगात दी है. बजट में सीएम अशोक गहलोत ने ऐलान किया कि सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' रहेगा. स्कूलों में शनिवार को विभिन्न प्रकार के खेल के साथ छात्रों के कौशल को बढ़ाने वाले क्रियाकलाप होंगे. खोले जाएंगे 66 कस्तूरबा गांधी स्कूल बजट पेश करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि शिक्षा का विकास करना हमारी प्राथमिकता है. स्कूलों में संकाय खोले जाने पर 25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तीन सालों में 66 कस्तूरबा गांधी स्कूलों का ऐलान किया गया है. ऑफलाइन-ऑनलाइन वीडियो लेक्चर बजट पेश करते हुए सीएम गहलोत ने शिक्षा पर काफी फोकस किया. सीएम गहलोत ने बताया कि महाविद्यालय में ऑफलाइन-ऑनलाइन वीडियो लेक्चर के लिए राजीव गांधी ई-कंटेंट लाइब्रेरी की सुविधा शुरू की जाएगी.
जयपुर, 17 फरवरी 2020,राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए परिवहन विभाग के 8 अधिकारियों और 7 दलालों को पकड़ा है. देर रात रविवार से जारी अब तक की कार्रवाई में करीब डेढ़ करोड़ रुपए नगद पकड़े गए हैं. उधर इस मामले में परिवहन मंत्री ने एंटी करप्शन ब्यूरो पर सवाल उठाए हैं. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार के पहले भी मामले सामने आए हैं. राजस्थान के एंटी करप्शन ब्यूरो ने पिछले 4 महीने से परिवहन विभाग के अधिकारियों के फोन सर्विलांस पर ले रखे थे, जिसमें पता चला था कि पूरा विभाग भ्रष्टाचार की बंधी पर चल रहा है. यह बंधी हर महीने की 16 तारीख को अधिकारियों में बांटी जाती थी. एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने देर रात इंस्पेक्टर उदयवीर को कथित दलाल मनीष से 40 हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. दूसरे दलालों को देने जा रहे 1 लाख 20 हजार रुपये भी बरामद किए हैं. बाद में रात भर के कार्रवाई के दौरान दूसरे 8 अधिकारियों और 6 दलालों को भी पकड़ा गया है. एंटी करप्शन ब्यूरो के पुलिस महानिदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि देर रात से कार्रवाई अभी भी जारी है. छापे में अहम दस्तावेज मिले हैं जिसके आधार पर और लोग भी पकड़े जा सकते हैं. हर इंस्पेक्टर को मिला था टार्गेट दरअसल यह पूरा खेल परिवहन विभाग में ओवरलोडिंग वाहन चलाने से लेकर सरकारी बसों की जगह निजी बस चलाने तक के खेल के लिए पैसे लेने का चल रहा था. पूछताछ से पता चला है कि हर इंस्पेक्टर को मासिक वसूली का टारगेट मिला हुआ था और यह बंधी परिवहन विभाग के दफ्तर से लेकर सचिवालय तक के अफसरों में जाती थी. इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद परिवहन मंत्री कह रहे हैं कि केवल एक ही अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ा गया है बाकियों को एंटी करप्शन विभाग ने घर में सोते हुए जगाया है और जो पैसे पकड़े हैं वह बिजनेसमैन के हैं. किसी भी निर्दोष अधिकारी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. निर्दोषों पर नहीं होनी चाहिए कार्रवाई परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि बहुत सारे लोग हमारे पास मिलने आए थे जिनका कहना था कि उनके घर वालों को एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों ने बिना कुछ बरामद हुए उठा लिया है. ऐसे निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. इतने बड़े पैमाने पर परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार के सामने आने के बाद अब विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस के विधायक भी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार पूरी तरह से फैला है. मंत्री ने जिस तरह से एंटी करप्शन ब्यूरो की कार्रवाई पर सवाल उठाया है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इस मामले में कांग्रेस की राजनीति गर्माएगी. जिन अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है वह सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रिपोर्ट करते हैं.
जयपुर राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के बयान से कांग्रेस खेमे में खलबली मची हुई है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने के बयान पर अब बीजेपी के नेता भी सीपी जोशी को बधाई दे रहे हैं। राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने शशि थरूर और कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेस नेताओं के बयानों का भी हवाला दिया जिन्होंने कानूनी मजबूरी के चलते सीएए को लागू करने की बात कही थी। सतीश पूनिया ने कहा, 'मैं सीपी जोशी जी का स्वागत करता हूं और उन्हें बधाई देता हूं कि उन्होंने सीएए का समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा, 'इससे पहले भी कई कांग्रेस नेता जैसे शशि थरूर, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद और कपिल सिब्बल भी कह चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून को लागू करना ही होगा।' दरअसल, सीपी जोशी ने शुक्रवार को उदयपुर में हुए एक कार्यक्रम में कहा था,'केंद्र द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए को हर राज्य को लागू करना ही होगा।' सीपी जोशी ने आगे कहा था कि नागरिकता कानून राज्य का नहीं बल्कि केंद्र का विषय है। ऐसे में केंद्र द्वारा बनाए कानून को राज्यों में लागू करना ही होगा। बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही सीएए और एनआरसी को राज्य में लागू न करने की बात कह चुके हैं। राज्य सरकार ने इसके खिलाफ विधानसभा में संकल्प भी पास किया है।
जयपुर, 24 जनवरी 2020,एक तरफ देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन चल रहा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के अंदर भी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की री लॉन्चिंग के तैयारी जोरों पर है. कांग्रेस का थिंक टैंक इस रणनीति पर तैयारी कर रहा है कि किस तरह से राहुल गांधी को सक्रिय राजनीति में शीर्ष पद पर फिर से वापस लाया जाए. राहुल गांधी की री लॉन्चिंग की तैयारी जयपुर में 28 जनवरी तारीख को रैली के साथ की जाएगी. इस रैली के लिए खास तौर पर छात्रों और युवाओं को बुलाया जा रहा है. कांग्रेस के छात्र युवा संगठनों को जिम्मेदारी दी गई है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में जयपुर के ऐतिहासिक इमारत अल्बर्ट हॉल पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को साथ लेकर आएं. इससे पहले कांग्रेस अपनी रैली जयपुर के बड़े-बड़े मैदानों में करती आई है मगर पहली बार अल्बर्ट हॉल पर राहुल गांधी की रैली रखी गई है. कहा जा रहा है कि इस रैली के बाद राहुल गांधी एक बार फिर से पूरी तरह से कांग्रेस को लीड करने के लिए सक्रिय होंगे और देश के दूसरे हिस्सों में लगातार इस तरह की रैली आयोजित कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जान फूंका जाएगा. इसके बाद मुंबई, भोपाल और रायपुर जैसी जगहों पर भी राहुल गांधी की रैलियां होंगी. खास रणनीति पर काम करेगी कांग्रेस रैली के लिए खास तौर पर कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) जिन मुद्दों पर देश में बहस चाहती है उन मुद्दों पर बचा जाए. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को खास निर्देश दिए गए हैं कि रैली में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) को लेकर मोदी सरकार का विरोध किया जाएगा मगर इस रैली को यह रुप न दिया जाए कि रैली सीएए के खिलाफ है. मंहगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस देश में अर्थव्यवस्था और महंगाई की स्थिति ठीक नहीं है. बेरोजगारी भी सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है. देश में जिस तरह से महंगाई और बेरोजगारी बढ़ रही है , लोगों में आर्थिक व्यवस्था को लेकर बेचैनी है, उसको लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जयपुर से देश को संबोधित करना चाहते हैं. कांग्रेस, बेजेपी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाती रही है. कांग्रेस अब बीजेपी की राजनीति के इतर, मुद्दों की राजनीति पर जोर देगी. यह भी माना जा रहा है कि कांग्रेस का एक वर्ग अब नेताओं को समझा रहा है कि सामान्य लोगों में सीएए के विरोध को लेकर कांग्रेस की छवि अच्छी नहीं बन रही है. राहुल गांधी की रैली पर कश्मकश की स्थिति राहुल गांधी की स्थिति पर कांग्रेस में भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस का नेतृत्व इस बात से चिंतित है कि आखिर लोगों को क्या बताया जाए जिससे यह साफ हो सके कि राहुल गांधी अचानक से जयपुर में रैली क्यों कर रहे हैं . जयपुर में कांग्रेस की सरकार है, लिहाजा संसाधन तो जुट जाएंगे और सरकार भीड़ भी जुटा लेगी मगर लोगों में चर्चा आम है कि आखिर राहुल गांधी किस विषय को लेकर रैली कर रहे हैं. कांग्रेस के लोगों में भी एक भ्रम की स्थिति है कि देश में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ आंदोलन चल रहा है और ऐसे में लोगों को यह समझा कर बुलाना है यह रैली उन मुद्दों के लिए नहीं है बल्कि आर्थिक मंदी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के लिए है. राहुल गांधी के समर्थकों का कहना है कि राहुल गांधी की लॉन्चिंग भी राजस्थान के ऐतिहासिक बिरला ऑडिटोरियम में कांग्रेस का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर किया गया था. एक बार फिर से राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान देने की तैयारी जयपुर के अल्बर्ट हॉल से की जा रही है.
कोटा राजस्थान और पश्चिम बंगाल में बुधवार को दो महिलाओं पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के लिए सर्वे करने वाली कर्मचारी समझकर भीड़ ने हमला कर दिया। राजस्थान के कोटा में नजीरन बानो ब्रजधाम इलाके में राष्ट्रीय आर्थिक जनगणना 2019-2020 के लिए आंकड़े इकट्ठा कर रही थीं, जब भीड़ ने उन्हें सीएए-एनआरसी के लिए सर्वे करने वाली सरकारी कर्मचारी समझ लिया। हालांकि वह भीड़ को समझाने में कामयाब रहीं कि वह भी एक मुस्लिम हैं, जिसके बाद उन्हें जाने दिया गया। पुलिस ने हमले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। एसएचओ महेश सिंह ने बताया कि भीड़ ने नजीरन का फोन छीनकर उनका सारा डेटा डिलीट कर दिया। भीड़ चाहती थी कि वह साबित करें कि वह सचमुच मुस्लिम हैं। इसके लिए उनसे कुरान की आयत सुनाने को कहा। हालांकि जब नजीरन ने अपनी पर्स में मौजूद अयात-अल-कुर्सी दिखाया, तब उन्हें जाने दिया गया। जानकारी देने के बाद बोले- डिलीट करो डेटा बानो ने बताया कि ब्रजधाम इलाके में वह घर-घर जाकर लोगों से आर्थिक जनगणना के आंकड़े जुटा रही थीं। उन्होंने कहा कि 4-5 परिवारों ने मुझे जानकारी देने के बाद वापस बुलाया और कहा कि मैं सारा डेटा डिलीट कर दूं, क्योंकि वे कोई जानकारी नहीं देना चाहते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने उन्हें समझाया कि यह आर्थिक जनगणना के आंकड़े हैं और पोर्टल पर अपलोड हो चुके हैं, मगर वे नहीं माने और मुझसे धक्का-मुक्की करने लगे।' पश्चिम बंगाल में महिला को एनआरसी सर्वेयर समझ घर फूंका उधर, पश्चिम बंगाल के बीरभूम में भी ऐसी ही घटना देखने को मिली। 20 वर्षीय छुमकी खातून गूगल इंडिया और टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से ग्रामीण महिलाओं के डिजिटल साक्षरता अभियान से जुड़े आंकड़े जुटा रही थीं। कुछ लोगों ने समझा कि वह एनआरसी के लिए डेटा इकट्ठा कर रही हैं और उन पर हमला कर दिया। खातून के गौरबाजार स्थित घर में आग लगा दी गई। खातून के परिवार ने स्थानीय पुलिस थाने पहुंचकर शरण ली। घटना का कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
जयपुर, 18 जनवरी 2020, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का देश में विरोध किया जा रहा है. इस बीच राजस्थान की गहलोत सरकार पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता देने के बाद अब रियायती दर पर रहने के लिए जमीन आवंटित कर रही है. गहलोत सरकार ने पाकिस्तान से आकर भारत में नागरिकता लिए 100 हिंदू परिवारों को 50 फीसदी रियायत पर जमीन के कागजात बांटे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बीच पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को राजस्थान में बसने के लिए रियायती दर पर भूखंड देने का ऐलान किया है. जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण ने ऐसे 100 परिवारों के लिए 50 फीसदी कम कीमत पर सरकारी जमीन देने की शुरुआत की है. माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जिस तरह से हिंदू शरणार्थियों के बीच कांग्रेस को खलनायक बताने का अभियान शुरू किया है, उसी को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की गहलोत सरकार ने अब पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को अपना बनाने के लिए मुहिम शुरू की है. कांग्रेस नेता रहे दूर जयपुर विकास प्राधिकरण ने अपने स्तर पर 5 पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को जमीन के कागजात बांटकर इस अभियान की शुरुआत की. हालांकि, कांग्रेस के नेता इससे दूर रहे. राजस्थान के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार इनके वेलफेयर के लिए काम कर रही है. इनके नाम पर राजनीति नहीं करती है. देर आए दुरुस्त आए' बता दें कि राजस्थान में एक लाख से ज्यादा पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं. जिनके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरू से नागरिकता देने की पैरवी करते रहे हैं. लोकसभा में अमित शाह तक इस बात का जिक्र कर चुके हैं और दिल्ली की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसे बता चुके हैं. गहलोत सरकार की इस मुहिम को बीजेपी ने देर आए दुरुस्त आए कहा है. बीजेपी ने कहा है कि इन लोगों को रहने के लिए मुफ्त जमीन भी दी जा सकती है.
जयपुर नवंबर 2001, पाकिस्तान के सिंध प्रांत से नीता कंवर जोधपुर पहुंची थीं। उस समय नीता की प्राथमिकता थी कि अच्छी शिक्षा और एक युवा राजपूत का साथ, जिसका सहारा लेकर वह शेष जीवन बिता सकें। करीब 19 साल बाद और भारतीय नागरिकता मिलने के बमुश्किल चार महीने बाद अब नीता नई शुरुआत करने जा रही हैं। नीता की जिंदगी का नया अध्याय राजनीति में शुरू होने जा रहा है। दो बच्चों की मां, 36 वर्षीय नीता ने 17 जनवरी को राजस्थान में पंचायत चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। वह टोंक जिले की नटवारा ग्राम पंचायत की सरपंच बनने की ख्वाहिश रखती हैं। इस सीट पर उनके ससुर का तीन बार कब्जा रहा है। अजमेर में सोफिया गर्ल्स कॉलेज से आर्ट्स में ग्रेजुएट कर चुकीं नीता ने हमारे सहयोगी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'मुझे पिछले साल सितंबर में टोंक कलेक्टर कार्यालय में नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया था। नागरिकता के पात्र होने के बाद मुझे उस दस्तावेज़ को हासिल करने में तीन साल लग गए। अब मैं पंचायत चुनाव लड़ रही हूं।' नीता अपनी बड़ी बहन अंजना सोढा के साथ सिंध के मीरपुर-खास से जोधपुर आई थीं। नीता ने कहा, 'मैं एक सामान्य सीट पर चुनाव लड़ रही हूं, लेकिन यह महिलाओं के लिए आरक्षित है। मैं लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण, सभी लड़कियों के लिए शिक्षा और उचित चिकित्सा सुविधाओं के लिए काम करना चाहती हूं। मुझे बहुत समर्थन मिल रहा है।'
अजमेर अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर सेना प्रमुख एमएम नरवणे द्वारा की गई टिप्पणी का खुलकर स्वागत किया है। दीवान ने साथ ही भारत सरकार से अपील की है कि पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के भारत में विलय करने के लिए जो भी उचित कदम है, वह भारतीय सेना उठाए, इसके लिए भारतीय सेना को निर्देश दिए जाएं। सोशल मीडिया पर दीवान का यह विडियो वायरल हो रहा है। लिखें विडियो में वह कहते दिखाई दे रहे हैं, 'प्रत्येक जाति और पंथ से हर कोई भारतीय सेना के साथ खड़ा है। पीओके हमेशा से ही भारत का हिस्सा रहा है... यहां तक कि 1948 से लेकर अभी तक भी और भविष्य में भी यह भारत का ही रहेगा।' जनरल नरवणे ने शनिवार को अपने हाल ही के साक्षात्कार में कहा था कि यदि संसद चाहे, तो भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके बाद अब रविवार को अजमेर दरगाह के दीवान की ओर से यह बयान आया है। तो हम किस बात का इंतजार कर रहे हैं' विडियो में दीवान कहते हैं, 'यदि भारतीय सेना तैयार है तो हम किस बात का इंतजार कर रहे हैं? मैं भारतीय सेना प्रमुख के बयान से अभिभूत हूं।' उन्होंने कहा, 'भारत सरकार को चाहिए कि 1994 में पास हुए प्रस्ताव पर कार्य करे, जिसमें कहा गया है कि पीओके का कश्मीर के साथ विलय कराया जाएगा।' दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा, 'मैं भारत सरकार से दरख्वास्त करता हूं कि पीओके को भारत में विलय कराने के लिए जो भी उचित कदम है, वह भारतीय सेना उठा सके इसके लिए भारतीय सेना को निर्देश दिए जाएं। ताकि इसे भारत के लोगों को अखंड कश्मीर के रूप में उपहार में दिया जा सके।
कोटा, 05 जनवरी 2020, राजस्थान में कांग्रेस सरकार का झगड़ा अब खुलकर सामने आ रहा है. हाल ही में कोटा में बच्चों की मौत मामले में उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. जिसके बाद अब राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री सचिन पायलट को घेरते हुए कहा कि जब अस्पताल की छत टपक रही थी और खिड़कियां टूटी हुई थी तो अस्पताल प्रशासन पीडब्ल्यूडी विभाग को लिख रहा था. इसे ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए? रघु शर्मा ने कहा कि जिम्मेदारी सभी जनप्रतिनिधियों की बनती है. हर महीने मीटिंग होती है, उसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि क्यों नहीं जाते हैं ताकि अस्पताल की समस्या के बारे में समझाया और बताया जा सके. दरअसल, कोटा में सचिन पायलट ने जिम्मेदारी तय करने की बात कही थी. कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 107 पार कर गया है. राज्य के डिप्टी सीएम सचिन पायलट शनिवार को कोटा अस्पताल पहुंचे. कोटा में बच्चों की मौत पर सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी. सचिन पायलट ने कहा कि पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए. वसुंधरा को जनता ने हरा दिया लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है. 110 बच्चों की हुई मौत राजस्थान के कोटा में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 110 पहुंच गया है. अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच पैनल नियुक्त किया था. विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के कारण बच्चों की मौत हुई है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसकी वजह बताई जा रही है. राजस्थान सरकार की ओर से बच्चों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि हाइपोथर्मिया के कारण शिशुओं की मौत हुई है. हाइपोथर्मिया से हुई बच्चों की मौत राजस्थान के कोटा स्थित जे. के.लोन सरकारी अस्पताल में एक महीने में 105 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच पैनल नियुक्त किया था. विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हाइपोथर्मिया यानी शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना के कारण बच्चों की मौत हुई है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसकी वजह हो सकती है.
बीकानेर/कोटा कोटा के जेके लोन अस्पताल में 110 से ज्यादा बच्चों की मौत से किरकिरी झेल रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर हमले का नया मोर्चा खुलता दिख रहा है। अब बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में भी एक महीने के अंदर 162 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही से मौतों के आरोप को खारिज करते हुए पल्ला झाड़ लिया है। इससे पहले बूंदी के अस्पताल में भी दिसंबर में 10 नवजात बच्चों की मौत का खुलासा हुआ था। लिखें अस्पताल ने झाड़ा पल्ला- लापरवाही से मौतें नहीं बीकानेर के पीबीएम अस्पताल से संबद्ध सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने बच्चों की मौत की बात मानी है लेकिन उन्होंने अस्पताल प्रशासन की तरफ से किसी तरह की कमी से इनकार किया है। प्रिंसिपल एचएस कुमार ने कहा, 'दिसंबर महीने में अस्पताल के आईसीयू (सघन चिकित्सा कक्ष) में 162 बच्चों की मौत हुई है। लेकिन अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती गई। बच्चों की जिंदगी बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है।' जेके लोन में अब तक 110 बच्चों की मौत कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर 2019 से अब तक 110 नवजात दम तोड़ चुके हैं। हालांकि, हजारों माता-पिता ने यह भी देखा कि उनके बच्चों की मौत महज इसलिए हो रही है क्योंकि नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों को जो प्राथमिक चीजें या उपकरण मुहैया कराए जाने चाहिए, वे अस्पताल में उपलब्ध ही नहीं हैं। 2018 में एक सोशल ऑडिट में खुलासा हुआ था कि अस्पताल के 28 में से 22 नेबुलाइजर्स काम ही नहीं कर रहे हैं। इनफ्यूजन पंप, जिनका इस्तेमाल नवजात बच्चों को दवा देने में किया जाता है, उनमें 111 में से 81 काम ही नहीं कर रहे थे। लाइफ सपॉर्ट मशीनों में 20 में से सिर्फ 6 ही इस्तेमाल लायक बची थीं। पायलट ने अपनी ही सरकार पर उठाए थे सवाल राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर अशोक गहलोत सरकार बैकफुट पर है। डेप्युटी सीएम सचिन पायलट ने एक महीने में 110 बच्चों की मौत से सुर्खियों में आए कोटा के जेके लोन अस्पताल का दौरा करने के बाद अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया था। पायलट ने अस्पताल के दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमें आंकड़ों के जाल में नहीं फंसना है। हम लोगों का रेस्पॉन्स रहा है इस पूरे मामले को लेकर वह किसी हद तक संतोषजनक नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'आंकड़ों के जाल में हम चर्चा को ले जाएं यह उन लोगों को स्वीकार्य नहीं है जिन्होंने अपने बच्चे खोए हैं। जिस मां ने अपने बच्चे को कोख में 9 महीने रखा है, उसका कोख उजड़ता है तो उसका दर्द वही जानती है। हमें लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि हम इस तरह की घटना स्वीकार नहीं करेंगे। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। यदि इतने बच्चों की मौत हुई है तो कोई ना कोई कमी तो जरूर रही होगी।' साफ है कि उनका इशारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की ओर था जिसमें उन्होंने कहा था कि इस वर्ष बच्चों की मौतों का आंकड़ा कम हुआ है। जोधपुर के 2 अस्पतालों में 146 बच्चों की मौत आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019 में अस्पताल में 16,915 नवजात भर्ती हुए, जिसमें से 963 की मौत हो गई। वर्ष 2018 की बात की जाए तो 16,436 बच्चों में 1005 नवजात की मौत हो गई थी। 2014 से यह संख्या लगभग 1,100 प्रति वर्ष रही। जोधपुर के उम्मेद अस्पताल और एमडीएम हॉस्पिटल की हालत बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है। यहां दिसंबर महीने में एनआईसीयू और पीआईसीयू में बच्चों की कुल मौतों की संख्या 146 है। एसएन मेडिकल कॉलेज से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, इन दोनों ही अस्पतालों में दिसंबर महीने में 4,689 बच्चों को भर्ती कराया गया था। इनमें से 3,002 नवजात थे। इलाज के दौरान कुल 146 बच्चों, जिनमें से 102 नवजात थे, की मौत हो गई।
कोटा, 04 जनवरी 2020, राजस्थान में बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला रुका भी नहीं है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर में चौंका देने वाला मामला सामने आया है. यहां दिसंबर के महीने में 146 बच्चों की मौत हो चुकी है. मेडिकल कॉलेज जोधपुर के प्रिंसिपल डॉ. एसएस राठौड़ के मुताबिक जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग में हर दिन औसतन करीब 5 बच्चों की मौतें रिकॉर्ड की जा रही है. दिसंबर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यहां 146 बच्चों ने दम तोड़ा है. इनमें 98 नवजात है. उनका कहना है कि साल 2019 में NICU PICU में कुल 754 बच्चों की मौत हुई, यानी हर माह 62 की मौत हुई लेकिन दिसंबर में अचानक यह आंकड़ा 146 तक जा पहुंचा. सभी मौतें एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े बच्चों के अस्पताल उम्मेद अस्पताल में हुई है. सोनिया से मिले अहमद पटेल राजस्थान के कोटा स्थित अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल शनिवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले. उन्होंने इस पर और महाराष्ट्र में पोर्टफोलियो (विभागों के) वितरण पर भी चर्चा की. सोनिया गांधी के आवास पर हुई यह मुलाकात करीब 45 मिनट चली. पार्टी सूत्रों ने कहा कि दोनों नेताओं ने राजस्थान में हुई बच्चों की मौत के मामले में चर्चा की. यहां एक साल से कांग्रेस सत्ता पर है. सरकारी अस्पताल में बच्चों की हुई मौतों ने पार्टी को राज्य में बैकफुट पर ला दिया है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा या पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी कोटा जाएंगे? इस पर सूत्रों ने कहा कि इस बात को लेकर निर्णय लिया जाना अभी बाकी है. सूत्रों ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे को लेकर भी दोनों नेताओं ने बातचीत की. राज्य में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस गठबंधन (महा विकास अघाड़ी) की सरकार है. यह पूछे जाने पर विभाग के आवंटन पर किसी तरह की नाराजगी है, सूत्रों ने कहा, 'ऐसी कोई बात नहीं है, कोई नाराज नहीं है.' नवंबर में जहां एक ओर उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, वहीं उन्हीं के साथ कांग्रेस के दो विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. पिछले हफ्ते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस के कोटे से और 10 विधायकों को मंत्री बनाया गया है.
कोटा कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल में एक महीने में 100 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वीकार किया है कि कोई ना कोई खामी रही होगी। साथ ही यह भी कहा कि जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पुरानी सरकार की तुलना में कम बच्चों की मौत के तर्क को अस्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सरकार में आए 13 महीने हो चुके हैं। पुरानी सरकारों को दोष देने से काम नहीं चलेगा। सरकार का रुख संतोषजनक नहीं है। 100 बच्चों की मौत और केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के बाद उपमुख्यमंत्री शनिवार को अस्पताल पहुंचे थे। सचिन पायलट ने दौरे के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'हमें आंकड़ों के जाल में नहीं फंसना है। हम लोगों का रेस्पांस रहा है इस पूरे मामले को लेकर वह किसी हद तक संतोषजनक नहीं है। आंकड़ों के जाल में हम चर्चा को ले जाएं यह उन लोगों को स्वीकार्य नहीं है जिन्होंने अपने बच्चे खोए हैं। जिस मां ने अपने बच्चे को कोख में 9 महीने रखे हैं उसका कोख उजड़ता है तो उसका दर्द वही जानती है। हमें लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि हम इस तरह की घटना स्वीकार नहीं करेंगे। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। यदि इतने बच्चों की मौत हुई है तो कोई ना कोई कमी तो जरूर रही होगी।' क्या कहा था अशोक गहलोत ने? प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि प्रदेश के हर अस्पताल में हर रोज 3-4 बच्चों की मौतें होती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस साल पिछले 6 सालों के मुकाबले सबसे कम मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा, 'एक भी बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन मौतें 1400 भी हुई हैं, 1500 भी हुई हैं। इस साल तकरीबन 900 मौतें हुई हैं। ' कोटा नहीं जाने पर बोलीं प्रियंका गांधी यूपी में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा में मारे गए लोगों के घर पहुंच रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कोटा नहीं पहुंचने पर विपक्षी सवाल कर रहे हैं। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रियंका पर कोटा नहीं जाने को लेकर निशाना साधा था। शनिवार को मीडियाकर्मियों ने जब प्रियंका से सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'उनको (मायावती) निकलना चाहिए। उनको जाना चाहिए मिलने पीड़ितों से।' प्रियंका ने यह भी कहा कि मैंने मामले की जानकारी ली है और अधिक जानकारी जुटाने के लिए वहां कांग्रेस की एक टीम गई है।
जयपुर राजस्‍थान में कोटा के सरकारी अस्‍पताल में 100 से ज्‍यादा नवजात बच्‍चों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। शुक्रवार को राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रघु शर्मा ने जेके लोन अस्‍पताल का दौरा किया। इस मौके पर कोटा के प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्‍चों की मौतों को लेकर अस्‍पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। उन्‍होंने कहा कि बच्‍चों की मौतों पर लगाम लगाने की जिम्‍मेदारी अस्‍पताल प्रशासन, डॉक्‍टरों और नर्सों की थी। अस्‍पताल प्रशासन के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। छह करोड़ से ज्‍यादा रुपये इनके पास पड़े हैं। अगर अस्‍पताल में उपकरणों की कमी थी तो प्रशासन को खरीदना चाहिए था। इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है। अस्‍पताल का दौरा करने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रताप सिंह ने कहा, 'राजस्‍थान की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं ने पूरी दुनिया में अपनी मिसाल कायम की है। दुनिया के कई देशों में इसके बारे में स्‍टडी की जा रही है। ऐसे में हमारे नीयत पर शक नहीं किया जा सकता। राजस्‍थान के अस्‍पतालों में दवाइयां पूरी तरह फ्री हैं। मोहल्‍ला क्‍लिनिक में सभी सुविधाएं मुफ्त में मौजूद हैं। हमारी सरकार ने निरोगी राजस्‍थान का नारा दिया है और जल्‍द ही हम राइट टू हेल्‍थ का कानून लेकर आ रहे हैं।' अस्‍पताल की कमियों को जल्‍द करें दूर' प्रताप सिंह ने कहा कि हमने जेके लोन अस्‍पताल प्रशासन को साफ निर्देश दिया है कि अस्‍पताल में जितनी भी कमियां हैं, उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द दूर किया जाए। बच्‍चों की मौत मामले में जितने लोग भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजस्‍थान सरकार अस्‍पताल की कमियों को दूर करने का अपना पूरा प्रयास कर रही है। इससे पहले, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री रघु शर्मा जब अस्‍पताल पहुंचे तो उनके स्‍वागत के लिए वहां कालीन बिछाया गया था, लेकिन मीडिया के जमावड़े के बाद प्रशासन ने कालीन को हटवा दिया ताकि किसी प्रकार की किरकिरी से बचा जा सके। मानवाधिकार आयोग ने भेजा नोटिस इस बीच, बच्‍चों की मौतों पर संज्ञान लेते हुए राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राजस्‍थान सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने एक बयान में बताया है कि राजस्‍थान के मुख्‍य सचिव को भेजे गए इस नोटिस में चार सप्‍ताह के भीतर मामले से जुड़ी विस्‍तृत रिपोर्ट तलब की गई है। भव‍िष्‍य में इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो, इसको सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
कोटा राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में 100 मासूमों की मौत के बाद अब राज्य सरकार हरकत में आई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा आज अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। हालांकि मंत्री के अस्पताल पहुंचने से पहले उनके लिए कालीन बिछाया गया था लेकिन मीडिया के जमावड़े के बाद प्रशासन ने कालीन को हटवा दिया ताकि किसी प्रकार की किरकिरी से बचा जा सके। ध्यान रहे कि यह वही जेके लोन अस्पताल है जहां 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले पर राष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मचा हुआ है। राजस्थान में अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुआई में कांग्रेस सरकार का शासन चल रहा है। ऐसे में मीडिया में बच्चों की मौत का मामला गरमाता देख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी संज्ञान ले चुकी हैं। दरअसल, अशोक गहलोत सरकार चौतरफा विरोध का सामना कर रही है। विपक्षी बीजेपी राज्य सरकार पर निशाना साध रही है। दूसरी तरफ सीएम गहलोत इस मुद्दे पर सियासत नहीं करने की अपील कर रहे हैं। बीजेपी ने राजस्थान सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को निशाने पर लिया। वहीं, बीएसपी चीफ मायावती ने भी गहलोत सरकार और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा। उधर, राज्य सरकार ने इन मौतों पर सफाई दी है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कई बच्चों को काफी गंभीर स्थिति में लाया गया था।
कोटा, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर है. कोटा के जेके लोन अस्पताल में 104 बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद अशोक गहलोत सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की मौत पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सांसदों की एक समिति गठित की थी. बीजेपी की सांसदों की समिति ने प्रदेश के अशोक गहलोत सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. बीजेपी समिति ने अस्पताल की हालत के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी सांसदों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मांग की है कि वे खुद कोटा पहुंचकर बच्चों की मौत के मामले में जरूरी कर्रवाई करें. दौसा से बीजेपी की सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि जेके लोन अस्पताल में सीलन और इंफेक्शन फैल रहा है. वहीं राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने कहा कि अस्पताल में स्टाफ और चिकित्सकों का व्यवहार बहुत गंदा है. कोटा के सरकारी अस्पताल, जे के लोन अस्पताल, में दिसंबर माह में हुई बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद राजनीतिक बवाल मच गया था. मौतों के बावजूद अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी है. राजस्थान की शिक्षा नगरी मानी जाने वाली कोटा के सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु सरकारी अस्पताल, जे के लोन अस्पताल, की हालत खस्ता है. चिकित्सा सेवाओं में भारी कमी अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी है. इस अस्पताल में कोटा एवं आसपास के कई जिलों, जैसे कि झालावाड़, बारा, बूंदी और अन्य प्रदेशों से मरीज और उनके परिजन आते हैं. अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं, डॉक्टरों नर्सों और सुविधाओं की भारी कमी है. आज तक ने अस्पताल में मौजूद कई मरीजों के परिवारजनों से बात की जिन्होंने दावा किया कि अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है. उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा उपकरणों के अभाव और डॉक्टरों की कई बार अनदेखी करने की वजह से अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं ध्वस्त हैं. अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने आज तक से हुई खास बातचीत में कहा, 'दिक्कतें तो बहुत सारी हैं. गंदगी बहुत है यहां पर संक्रमण का कारण यही है.' अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त आज तक की खास पड़ताल में यह जानकारी सामने आई कि अस्पताल में दिसंबर के माह में बच्चों की मौत को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बावजूद अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं चरमराई हुई थी. चिकित्सा अधीक्षक ने आज तक से बातचीत में यहां तक कहा कि अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है और जरूरत है कि अस्पताल को ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर मिले. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले यह दावा कर चुके हैं कि अस्पताल जेके लोन अस्पताल में इस साल हुई मौतें पिछले 6 सालों में सबसे कम है. कोटा के सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचे और वहां पर चिकित्सा सेवाओं की सुध ली. आज तक से बातचीत में बिरला ने कहा कि सरकार को ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है. ओम बिरला, कोटा सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष, ने आज तक से कहा, 'मेरा मानना है कि हम ऐसी चिकित्सा व्यवस्था करें की एक भी बच्चे की मौत ना हो उसके लिए जो इंतजाम होने चाहिए वह सब करने का प्रयास करना चाहिए. निश्चित रूप से सरकार को संवेदनशील होना चाहिए और ऐसे मौके पर जब 48 घंटे के अंदर या 1 महीने में इतनी मौतें हो गई उस पर तुरंत कर्रवाई करना चाहिए.' फैल रहा है संक्रमण पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों और नर्सों का ना होना, चिकित्सा उपकरणों की कमी, इंफ्रास्ट्रक्चर की बदहाली एवं अन्य दिक्कतों से जेके लोन सरकारी अस्पताल जूझ रहा है. आईसीयू में एक-एक बिस्तर पर दो या 3 बच्चों का होना भी संक्रमण के फैलने के पीछे का एक कारण हो सकता है. जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक सुरेश चंद दुलारा ने कहा कि अस्पताल में क्या दिक्कत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ है इतनी जगह नहीं है वही डिमांड हम लगातार कर रहे हैं. इलाज एक अलग प्रक्रिया है और बीमार मरीजों का इलाज एक अलग प्रक्रिया है. बीमार मरीजों को बचाना बहुत मुश्किल होता है.
जयपुर, 02 जनवरी 2020,राजस्थान के कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक 104 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस पूरे मामले को लेकर गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस प्रकरण पर कांग्रेस आलाकमान भी गहलोत सरकार से नाखुश है. इन सबके बीच राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान दिया है. उन्होंने पूरे मामले को लेकर मीडिया को ही निशाने पर ले लिया और कहा कि जिस प्रकार से मामले को मीडिया में चलाया गया है उसमें कोई दम नहीं है. पिछले 5 साल में सबसे कम आंकड़े अब आ रहे हैं. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है. पूर्व की सरकार पर निशाना अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि हमने 2013 में पहली बार छोटे बच्चों के लिए उपकरण मंगाए थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद काम ठप हो गया. पूर्व की बीजेपी सरकार और मीडिया पर निशाना साधने के बाद उन्होंने कहा कि मैं किसी को दोष नहीं दे रहा. उन्होंने कहा कि हमने बच्चों के मामले को लेकर कभी राजनीति नहीं की. पिछली सरकार के दौरान बच्चों की मौतें ज्यादा हुई. सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन खुद डॉक्टर हैं और अगर वह कोटा के अस्तपाल में आते हैं तो उन लोगों के लिए स्थिति साफ होगी जो जाने-अनजाने बयान दे रहे हैं. मैंने डॉ. हर्षवर्धन से फोन पर बात भी की है. मैं उनसे कोटा का दौरा करने का निवेदन किया, ताकि वह सुविधाओं को देख सकें. एक ओर जहां बच्चों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार में बैठे लोग पिछली वर्षों में हुई मौतों से तुलना कर रहे हैं. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने पिछले दिनों कहा था कि अगर बीजेपी अपने कार्यकाल के दौरान इस अस्पताल में हुए बच्चों की मौत का आंकड़ा देख ले तो शायद आलोचना नहीं करे. हमने लगातार मौत के आंकड़ों को कम किया है और करते जा रहे हैं. सरकार ने बनाई टीम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने मामले में एक उच्च स्तरीय टीम गठित की है. स्वास्थ्य मंत्रालय की अगुवाई वाली इस टीम में जोधपुर एम्स के डॉक्टर, हेल्थ फाइनेंस एंड रीजनल डायरेक्टर और जयपुर हेल्थ सर्विस के लोग भी शामिल होंगे. यह टीम शुक्रवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचेगी. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात की है. मुख्यमंत्री को हर संभव सहायता देने का वादा किया है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सके और लगातार हो रही मौतों पर लगाम लगाई जा सके.
कोटा देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में बॉलिवुड ऐक्ट्रेस पायल रोहतगी राजस्थान की जेल में बंद हैं। नौ दिन की न्यायिक हिरासत में चल रहीं रोहतगी को पहले दिन जेल में सामान्य खाना दिया गया। रोहतगी को लूट और हत्या समेत अन्य आपराधिक मामलों में आरोपी महिला कैदियों के साथ जेल में रखा गया है। इससे पहले सोमवार दोपहर रोहतगी को बूंदी सेंट्रल जेल में लाया गया। अडिशनल चीफ जुडिशल मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। पांच महिला आरोपियों के साथ कैद बूंदी सेंट्रल जेल के डेप्युटी सुपरिंटेंडेंट लोकोज्ज्वल सिंह ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'उदास और चेहरे पर निराशा के भाव के साथ पुलिस एस्कोर्ट की मौजूदगी में दोपहर 12.40 बजे पायल रोहतगी जेल पहुंचीं। उन्हें जेल के जनरल फीमेल वॉर्ड में रखा गया है। यहां उनके साथ पांच महिला कैदी हैं। इनके खिलाफ हत्या, लूट और ड्रग स्मगलिंग के मामले चल रहे हैं।' अपने कपड़े पहनने, टीवी देखने की इजाजत हालांकि एक राहत की बात यह है कि जुडिशल कस्टडी के दौरान पायल को अपने कपड़े पहनने की इजाजत है। आम तौर पर जेल में कैदियों को अलग कपड़े दिए जाते हैं। पायल अपने साथ कपड़े लेकर आई हैं। जेल वॉर्ड में ऐक्ट्रेस को टेलिविजन देखने (केवल मंजूर किए गए चैनल) की अनुमति है और इसके साथ ही उन्हें पढ़ने के लिए अखबार दिया जाएगा। डेप्युटी सुपरिंटेंडेंट जेल ने कहा, 'उन्होंने खाने के लिए कोई खास डिमांड नहीं की है। जेल में बाकी कैदियों को जो खाना मिलता है, वहीं उन्हें दिया जा रहा है।' पायल पर क्या आरोप पायल ने एक विडियो जारी कर दावा किया था, 'मुझे लगता है कि कांग्रेस परिवार ट्रिपल तलाक के खिलाफ इसलिए था क्योंकि मोतीलाल नेहरू की पांच पत्नियां थीं। साथ ही मोतीलाल नेहरू जवाहरलाल नेहरू के सौतेले पिता थे।' पायल ने अपने दावे के पीछे ऐलिना रामाकृष्णा द्वारा लिखी एक बयॉग्रफी का भी हवाला दिया था। पायल की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो खेमों में बंट गए। बहुत से लोग ऐसे थे, जिन्होंने पायल की गिरफ्तारी को लेकर गुस्सा जाहिर किया।
जयपुर नेहरू परिवार पर विवादित टिप्पणी करने के बाद मॉडल पायल रोहतगी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रविवार को गिरफ्तारी के बाद अब उन्हें 8 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्हें राजस्थान की बूंदी कोर्ट ने हिरासत में भेजा है। अभिनेत्री पायल रोहतगी को राजस्थान पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी की पुष्टि उनके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से हुई थी। पायल के ट्विटर पर लिखा गया था कि, ‘मुझे राजस्थान पुलिस ने गूगल पर मौजूद जानकारी को लेकर मोतीलाल नेहरू पर एक विडियो बनाने के लिए गिरफ्तार कर लिया है, अभिव्यक्ति की आजादी सिर्फ मजाक है।’ बूंदी की पुलिस अधीक्षक (एसपी) ममता गुप्ता ने कहा कि राजस्थान पुलिस ने उन्हें फेसबुक और ट्विटर सहित सोशल मीडिया हैंडल पर प्राप्त टिप्पणियों को पोस्ट करने के लिए अहमदाबाद से गिरफ्तार किया और बाद में राजस्थान के बूंदी में लाया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया था कि रोहतगी के खिलाफ पुलिस को 10 अक्टूबर 2019 को शिकायत मिली थी। कांग्रेस कार्यकर्ता चर्मेश शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाए थे कि अभिनेत्री ने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से नेहरू और उनके परिजनों के खिलाफ विवादास्पद विडियो बनाकर पोस्ट किए हैं। पति ने पीएम मोदी से लगाई गुहार पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब पायल के पति पहलवान संग्राम सिंह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में मदद की अपील की है। उनके पति पहलवान संग्राम सिंह ने ट्वीट कर कहा है, 'यह कांग्रेस शासक राज्य में अभिव्यक्ति की आजादी है। उन्होंने गृहमंत्री कार्यालय, पीएमओ इंडिया और नरेंद्र मोदी को टैग कर इस मामले पर हस्ताक्षेप की गुहार लगाई है।
जोधपुर, 07 दिसंबर 2019,राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिन के दौरे पर राजस्थान पहुंचे हैं, जहां उन्हें जोधपुर हाईकोर्ट के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करना है. शुक्रवार को जोधपुर में राष्ट्रपति से कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा देने की मांग की. कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान ज्ञापन भी सौंपा. कांग्रेस नेताओं सरकार पर राजनीतिक विद्वेष की भावना से कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह से कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा हटाई है, उससे यह साबित हो गया है कि वर्तमान सरकार अपने वजूद को जिंदा रखने के लिए गांधी परिवार के सदस्यों की जान जोखिम में डाल रही है. राष्ट्रपति कोविंद को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि सुरक्षा में चूक के कारण देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की जान गई. कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को पहले की तरह एसपीजी सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटा दी है. सरकार ने इसके लिए एसपीजी संशोधन विधेयक संसद में पेश किया था, जिसमें अब केवल प्रधानमंत्री को ही एसपीजी सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है. नए प्रावधानों के अनुसार अब सिर्फ प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री आवास में उनके साथ रहने वाले परिजनों को ही एसपीजी सुरक्षा मिल सकेगी. पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी पांच साल के लिए एसपीजी सुरक्षा दिए जाने का प्रावधान है.
जयपुर, 03 दिसंबर 2019,भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजस्थान में दुष्कर्म और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं को लेकर राज्य की अशोक गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है. बीजेपी की मांग है कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश की जनता को भरोसा नहीं दिला सकते तो उन्हें कम से कम गृह मंत्रालय का पद छोड़ देना चाहिए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान एक बार फिर से शर्मसार हुआ है और यह सिलसिला रुका नहीं तो मुझे लगता है कि समाज के लिए चुनौती बनेगा ही, लेकिन सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती साबित होगी. टोंक की घटना और थानागाजी की उस दुष्कर्म की घटना से मुझे लगता है कि यहां बात सियासी नहीं है. यह इतनी गंभीर बात है कि मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए क्योंकि खुद वह गृह मंत्री हैं. 11 महीनों में 1 लाख 76 केस राजस्थान की बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि गुजरे 11 महीनों में 1,76,000 मुकदमे, इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं. मुझे लगता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सियासत से बाहर आकर और व्यवहारिक तौर पर इन पूरे घटनाक्रमों पर निश्चित रूप से संज्ञान लेते हुए राजस्थान की जनता को यह भरोसा दिलवाया जाना चाहिए. यदि नहीं दिलवा सकते तो नैतिकता के आधार पर कम से कम गृह मंत्रालय तो छोड़ दें. साथ ही बीजेपी ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर बहस के लिए राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र को बुलाने की मांग भी रखी है.
जयपुर हैदराबाद में गैंगरेप के मामले के बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। उधर, उत्तर प्रदेश के हरदोई में रेप के बाद हत्या, तमिलनाडु के कोयंबटूर में जन्मदिन मनाने के बाद लौटते वक्त गैंगरेप, यूपी के ही बदायूं में पीआरडी जवान द्वारा कथित दुष्कर्म की घटनाओं ने और सनसनी पैदा कर दी है। अब ख़बर आई है राजस्थान के टोंक जिले से, जहां एक महज 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। अलीगढ़ थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, नाबालिग बच्ची के गले पर उसका स्कूली बेल्ट मिला था, जिसका इस्तेमाल हत्या में किया गया। पुलिस ने बताया कि शनिवार को छह वर्षीय छात्रा के स्कूल से घर नहीं पहुंचने पर परिवारवालों ने उसे तलाशना शुरू किया था। इस दौरान पुलिस ने उसका शव अलीगढ़ कस्बे के खेड़ली गांव के जंगल में झाड़ियों के पास से बरामद किया। पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार अलीगढ़ थाने के इन्स्पेक्टर रामकृष्ण ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर हत्या कर दी गई। शव का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद उसे परिवारवालों को सौंप दिया गया। इसके बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी की पहचानकर उसकी तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं। स्कूली बेल्ट से घोंट दिया गया गला पुलिस इन्स्पेक्टर ने कहा, 'बच्ची एक सरकारी स्कूल में पढ़ती थी। लड़की स्कूल यूनिफॉर्म में ही थी और उसके गले पर उसकी स्कूली बेल्ट थी, जिससे गला घोंटकर उसकी हत्या की गई है।'
बीकानेर , 12 नवंबर 2019,राजस्थान के बीकानेर में मंगलवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. देशनोक में कार और ट्रक की सीधी टक्कर में सात लोगों की मौत गई, जबकि पांच से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसे के शिकार हुए लोगों की जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिसमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है. पिछले हफ्ते सिरोही जिले में मंगलवार सुबह दर्दनाक सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई जबकि 9 लोग गंभीर रूप से घायल हुए. घटना सिरोही जिले में स्वरूपगंज के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुई जहां एक अनियंत्रित कार खड़े ट्रक से टकरा गई. हादसे में 3 बच्चों समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि हादसे में घायल हुए 9 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. हाल के दिनों में बढ़े सड़क हादसे पिछले कुछ दिनों में राजस्थान में कई बड़े सड़क हादसे हुए हैं. सितंबर में ही 22 तारीख को अजमेर में बड़ा सड़क हादसा हुआ जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा एक निजी बस और ट्रेलर की जबरदस्त भिड़ंत से हुआ. टक्कर में 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 17 यात्री घायल हो गए. इससे बाद राजधानी जयपुर के पास जोबनेर इलाके में 26 सितंबर को एक भीषण सड़क हादसा हुआ जिसमें सात लोगों की मौत हो गई. एक ट्रोले और जीप में टक्कर हो ने के कारण यह बड़ा हादसा हुआ. राज्य इस हादसे से उबरा भी नहीं था कि जोधपुर में भी अगले दिन 27 सितंबर को सड़क हादसा हो गया. जोधपुर में बालेश्वर के पास सड़क दुर्घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई जबकि एक दर्जन लोग घायल हुए. टक्कर इतनी भीषण थी कि गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए.
जयपुर, 25 अक्टूबर 2019,विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद राजस्थान सरकार ने पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव का ऐलान करवा दिया है. इस बीच चुनाव में मेयर और स्थानीय निकाय के प्रमुखों के चयन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मचे घमासान का हल भी निकालने की कोशिश की गई है. आचार संहिता लागू बताया जा रहा है कि शुक्रवार शाम 4:00 बजे से राजस्थान में पंचायतों में स्थानीय निकाय के चुनाव को लेकर आचार संहिता लग गई है. इससे पहले नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा, 'स्थानीय निकाय के चुनाव में चुने हुए पार्षद ही अध्यक्ष और सभापति बनेंगे.' धारीवाल ने सचिन पायलट का नाम लेने के बजाय बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी भ्रम फैला रही है कि चुनाव नहीं लड़ने वाला व्यक्ति भी स्थानीय निकायों में मेयर और सभापति बन सकता है. पंचायत चुनाव की घोषणा वहीं राजस्थान में पंचायत चुनाव की घोषणा हो गई है. राजस्थान के निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने कहा, 'स्थानीय निकाय के सदस्य पद के लिए 16 नवंबर को सुबह 7:00 बजे से लेकर 5:00 बजे तक वोट डाले जाएंगे और मतगणना 19 नवंबर को होगी. शुक्रवार शाम 4:00 बजे से राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है. इस दौरान वाहनों पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर रात 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक रोक रहेगी. साथ ही नगर निगम के लिए तीन और नगर परिषद के लिए दो और नगरपालिका के प्रचार के लिए एक वाहन की अनुमति प्रदान की गई है. राजस्थान के 49 निकायों के 32 लाख 99 हजार 337 मतदाता स्थानीय निकाय के चुनाव में वोट डालेंगे. राज्य के तीन नगर निगम 28 नगर पालिका और अट्ठारह नगर परिषद में यह चुनाव संपन्न किया जाएगा. गहलोत-पायलट के बीच मतभेद इससे पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को यह जिम्मेदारी दी थी कि इस मसले पर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच के मतभेद को सुलझाएं. उसके बाद शांति धारीवाल सचिन पायलट से मिले थे. मगर आज चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई उसे साफ है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झुकने के लिए तैयार नहीं है. धारीवाल ने कहा है कि सरकार के पास अधिकार है और यह नियम बना सकती है कि अगर कोई योग्य व्यक्ति चुनाव नहीं जीता है तो भी बाहर से किसी को मेयर या सभापति बनाया जा सकता है, यह राजनीतिक दलों का अधिकार भी है. धारीवाल ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि अगर मान लिया जाए कि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति उस पार्टी से नहीं जीतता है और मेयर का पद आरक्षित व्यक्ति के लिए है तो ऐसे में दूसरी पार्टियों से खरीद-फरोख्त रोकने के लिए हमने बाहर से नया सभापति बनने के विकल्प के उपाय किए थे. धारीवाल ने कहा कि सभापति और मेयर बनने के लिए पार्षद बनने की कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है. गौरतलब है कि सचिन पायलट ने इस मसले पर अपनी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि इससे लोकतंत्र की हत्या होगी और पैसे के बल पर बिना चुने हुए लोग बैक डोर एंट्री से मेयर और सभापति बनेंगे. पायलट ने इस पर पुनर्विचार के लिए कहा था. सरकार की तरफ से कोई पुनर्विचार तो इस पर नहीं हुआ है मगर नगरीय विकास मंत्री ने यह साफ करने की कोशिश की है कि भले ही हम अपने नियम को वापस नहीं ले रहे हैं मगर चुने हुए लोगों में से सभापति बनाएंगे.
जयपुर, 24 अक्टूबर 2019,राजस्थान विधानसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. राजस्थान में कांग्रेस को एक और भारतीय जनता पार्टी (BJP) गठबंधन को एक सीट हासिल हुई है. राजस्थान की मंडावा विधानसभा सीट से कांग्रेस तो खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. राजस्थान की मंडावा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बाजी मारी है. कांग्रेस उम्मीदवार रीटा चौधरी ने मंडावा सीट से जीत दर्ज की है. वहीं दूसरी तरफ खींवसर से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन को जीत हासिल हुई है. खींवसर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल जीते हैं. राजस्थान में कांग्रेस को एक और बीजेपी गठबंधन को एक सीट पर सफलता मिली है. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से अपना लोहा मनवाया है. जहां मंडावा में पिछली बार ढाई हजार वोट से कांग्रेस की उम्मीदवार रीटा चौधरी चुनाव हार गई थीं, वह इस बार करीब 30,000 वोटों से चुनाव जीत चुकी हैं. दूसरी तरफ बीजेपी गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार नारायण बेनीवाल खींवसर से करीब 4 हजार वोटों से चुनाव जीते हैं. उपचुनाव में खींवसर सीट पर बीजेपी और आरएलपी के बीच गठबंधन हुआ था. जिसकी वजह से बीजेपी ने अपना उम्मीदवार खींवसर से नहीं खड़ा किया था. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के यहां 15,000 से ज्यादा वोटों से जीत हुई थी. विधानसभा चुनाव में मंडावा और खींवसर दोनों ही विधानसभा सीटें बीजेपी और बीजेपी गठबंधन के पास थी. हालांकि उपचुनाव में बीजेपी की 1 सीट कांग्रेस ने हासिल कर ली है, जबकि दूसरी सीट पर कड़ा मुकाबला देखा गया है.

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