taaja khabar..के. कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में कराया बदलाव', ईडी का बड़ा दावा..फिर से मोदी' के नारों से गूंजा कोयंबटूर, फूलों की बारिश के बीच प्रधानमंत्री ने किया रोड शो..लोकसभा चुनाव में संतों को प्रतिनिधित्व की मांग

राजस्थान

जयपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दल हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करती है ताकि सभी वर्गों को चुनाव में साधा जा सके। बीजेपी हर बार संत समाज को भी उचित प्रतिनिधित्व का मौका देती है। लोकसभा चुनाव में भाजपा राजस्थान की 15 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है जिनमें एक संत को प्रत्याशी बनाया है। सीकर से सुमेधानंद सरस्वती को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है। संत समाज एक और संत को लोकसभा चुनाव में उतारने की मांग कर रहा है। पिछले दिनों जयपुर के ओटीएस सभागार में संतों का एक सम्मेलन हुआ जिसमें कई संतों ने हिस्सा लिया। सीएम भजनलाल शर्मा को भी इस सम्मेलन में शामिल होना था लेकिन कोरोना होने की वजह से वे शामिल नहीं हो सके लेकिन संतो ने लोकसभा चुनाव टिकट देने की मांग जोरदार तरीके से उठाई है। इन नामों के लिए चर्चा तेज राजस्थान में भाजपा को अभी 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित करना शेष है। दस सीटों में से एक सीट पर भाजपा किसी संत को मौका दे सकती है। राजनैतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं हैं कि बागेश्वर बालाजी धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य पंडित भागेंद्र व्यास शास्त्री को चुनाव मैदान में उतार सकती है। इसके अलावा हवामहल सीट से विधायक बाल मुकुंद आचार्य, प्रकाश दास जी महाराज, मंहत कैलाश शर्मा जैसे के नामों की भी चर्चा सियासी गलियारों में जमकर हो रही है। कांग्रेस- बीजेपी दोनों की पार्टियों के बीच इसे लेकर मंथन जारी है।
जयपुर,भजनलाल सरकार ने लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगने से ठीक पहले 7 बड़ी राजनीतिक नियुक्तियां की हैं। आयोग, बोर्ड और निगमों में सात नेताओं को अध्यक्ष बनाया है। राजनीतिक रूप से अहम माने जाने वाले किसान आयोग, देवनारायण बोर्ड, एससी वित्त निगम, सैनिक कल्याण समिति में बीजेपी नेताओं को अध्यक्ष बनाया है। इन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने के आदेश अलग से जारी होंगे। नागौर से पूर्व बीजेपी सांसद सीआर चौधरी को राजस्थान किसान आयोग अध्यक्ष पद पर और जोधपुर से पूर्व बीजेपी सांसद जसवंत विश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी गई है। ओमप्रकाश भडाना को देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष, पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को राज्य स्तरीय सैनिक कल्याण सलाहकार समिति में अध्यक्ष नियुक्त किया है। प्रहलाद टाक को यादे माटी कला बोर्ड अध्यक्ष बनाया है। राजेंद्र नायक को राजस्थान राज्य एससी वित्त निगम अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। राजेंद्र एससी मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं। रामगोपाल सुथार को विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। जसवंत विश्नोई नाराज चल रहे थे, राजनीतिक नियुक्ति देकर साधा जोधपुर से पूर्व सांसद जसवंत विश्नोई नाराज चल रहे थे। उन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया पोस्ट करके इशारों में नाराजगी जाहिर की थी। पश्चिमी राजस्थान में प्रभावशाली विश्नोई समाज से आने वाले जसवंत विश्नोई को राजनीतिक नियुक्ति देकर सियासी मैसेज देने के साथ उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया है। 7 नियुक्तियों से छह अलग-अलग बड़े वोट बैंक को साधने का प्रयास लोकसभा चुनाव से ठीक पहले छह राजनीतिक नियुक्तियां देकर बीजेपी सरकार ने छह बड़े वोट बैंक को मैसेज देकर साधने का प्रयास किया है। जाट, राजपूत, विश्नोई, गुर्जर, एससी, मूल ओबीसी को साधा गया है। किसान आयोग अध्यक्ष पद पर सीआर चौधरी को नियुक्ति देकर जाट वर्ग को मैसेज देने का प्रयास किया है। देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष बनाकर गुर्जर समाज को साधने का प्रयास किया है। सैनिक कल्याण समिति में पूर्व विधायक प्रेम सिंह बाजौर को नियुक्ति देकर राजपूत समाज को मैसेज देने का प्रयास किया है। एससी वित्त विकास निगम के जरिए दलित वोटर्स, माटी कला बोर्ड और विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के जरिए मूल ओबीसी को मैसेज दिया गया है।
जयपुर,चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में 2 चरणों में चुनाव होगा। पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी, वहीं दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लग गई है। 4 जून को चुनाव के परिणाम आएंगे। 2019 में भी राजस्थान में दो चरणों में चुनाव हुए थे। एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव राजस्थान में बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी होगा, यहां 26 अप्रैल को मतदान होगा और 4 जून को ही परिणाम आएंगे। यह सीट महेंद्रजीत सिंह मालवीया के कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने के कारण खाली हो गई थी। पहले चरण का शेड्यूल /पहले चरण में 12 लोक सभा क्षेत्रों में 19 अप्रैल को।मतदान होगा ।इनमें श्रीगंगानगर, बीकानेर,चुरू,नागौर,झुंझुनू, सीकर,जयपुर,जयपुर ग्रामीण,अलवर,भरतपुर,दौसा,करौली-धौलपुर क्षेत्र शामिल हैं।पहले चरण में अधिसूचना और नामंकन की शुरुआत 20 मार्च ,बुधवार को होगी। 37 मार्च बुधवार तक नामंकन भरें जा सकेंगे।28 मार्च को नामांकन पत्रों की छंटनी होगी।30 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।मतदान 19 अप्रैल को होगा और 4 जून को मतगणना होगी। दूसरे चरण का शेड्यूल/दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 लोकसभा क्षेत्र जोधपुर,बाड़मेर,पाली,जालोर,राजसमंद,अजमेर,भीलवाड़ा,चितौड़गढ़,उदयपुर,बांसवाड़ा,टोंक-सवाई माधोपुर, कोटा और झालावाड़-बारां में 26 अप्रैल को मतदान होगा।इसके लिए अधिसूचना और नामांकन की शुरुआत 28 मार्च को होगी।4 अप्रैल तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।नामांकन पत्रों की छंटनी 5 अप्रैल को होगी और 8 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।26 अप्रैल को मतदान के बाद 4 जून को मतगणना होगी। मतदान में कुल 5 करोड़ 32 लाख 9 हजार 789 मतदाता मतदान करेंगे।इनमें 2करोड़ 77 लाख 38 हजार 377 पुरुष और 2 करोड़ 54 लाख 70 हजार 796 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।18 से 19 आयु वर्ग के 15 लाख 70 हजार 490 युवा पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।। 3 प्रतिशत फर्स्ट टाइम वोटर पर दोनों पार्टियों का फोकस राजस्थान में पहली बार वोट डालने वाले वोटर्स की संख्या 15 लाख 70 हजार से ज्यादा है। इन 3 प्रतिशत फर्स्ट टाइम वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां पूरा जोर लगा रही है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक यह तीन प्रतिशत वोट जीत-हार में बड़ी भूमिका निभा सकता है। इसके साथ ही 18 से 39 साल के वोटर्स को लुभाने के लिए भी दोनों पार्टियां पूरा जोर लगा रही हैं। वहीं प्रदेश में 100 साल से ज्यादा उम्र के 20 हजार 496 वोटर हैं।
जयपुर,राजस्थान में आज कांग्रेस के 18 से ज्यादा नेताओं सहित करीब 35 लोगों ने भाजपा जॉइन की। जयपुर में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने सभी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई। इनमें कांग्रेस के वर्तमान 2 जिला प्रमुख सहित पूर्व सांसद और पूर्व विधायक शामिल हैं। इस बीच कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के गठबंधन की उम्मीदें और कम हो गई हैं। हालांकि, बेनीवाल के एक करीबी नेता उम्मेदाराम बेनीवाल ने आज कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। उम्मेदाराम को पार्टी बाड़मेर से उम्मीदवार बना सकती है। हमें शरणार्थी न समझें, कार्यकर्ता ही मानें - यादव आज भाजपा जॉइन करने वाले नेताओं में कांग्रेस के पूर्व सांसद डॉ करण सिंह यादव भी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की स्थिति निराशाजनक है। शीर्ष नेतृत्व नशे में है। प्रदेश नेतृत्व में फैसला लेने की शक्ति नहीं है। इसलिए हमने भाजपा जॉइन की है। सभी लोग आज भगवा झंडे के लिए लालायित हैं। हम 400 पार सीट का सपना पूरा करेंगे और राजस्थान की सभी 25 सीटें जीतेंगे। हालांकि, मैं कहना चाहता हूं कि आप हमें कार्यकर्ता समझें, शरणार्थी नहीं समझें। मान सम्मान दें, मान सम्मान लें। यादव के अलावार पूर्व विधायक परम नवदीप सिंह, पूर्व निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, जिला प्रमुख सुशील कंवर पलाड़ा, कांग्रेस से चूरू विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी प्रताप पूनिया, अलवर जिला प्रमुख बलबीर छिल्लर, पूर्व विधायक पुखराज गर्ग शामिल हैं। इन नेताओं ने जॉइन की भाजपा नाम पद और जिला डॉक्टर करण सिंह यादव पूर्व सांसद, अलवर प्रताप पूनिया चूरू से पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुशील कंवर पलाड़ा जिला प्रमुख सुरेश टांक पूर्व विधायक, किशनगढ़ (अजमेर) भंवर सिंह पलाड़ा अजमेर बलबीर छिल्लर जिला प्रमुख, अलवर रामलाल मेघवाल पूर्व विधायक, जालोर महेंद्र सिंह गुर्जर पूर्व विधायक, नसीराबाद (अजमेर) परम नवदीप पूर्व विधायक, संगरिया (हनुमानगढ़) कर्ण सिंह चौधरी अलवर कांग्रेस कमेटी के जिला उपाध्यक्ष पुखराज गर्ग पूर्व विधायक और आरएलपी प्रदेश अध्यक्ष विश्वजीत सिंह चंपावत जोधपुर गौरव जैन अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के सचिव और अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के अध्यक्ष राजपाल पूनिया भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश अध्यक्ष रीमा अग्रवाल महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव गिरीश चौधरी पूर्व डिप्टी मेयर सुरेश यादव पूर्व लोकसभा प्रत्याशी, भरतपुर बलवान यादव पूर्व प्रधान, बहरोड़ लीलावती सिंह पूर्व जिला प्रमुख, भरतपुर मीनू चौधरी पूर्व प्रधान दुष्यंत चौधरी युवा कांग्रेस पूर्व प्रदेश महासचिव अर्जुन सिंह चुड़ावत पूर्व प्रधान, भदेसर (चित्तौड़गढ़) महेश शर्मा पूर्व निदेशक, रोजगार निदेशालय सविता यादव पूर्व प्रधान, नीमराना पूजा निमोरिया चेयरमैन, बड़ोद सुरेंद्र सिंह चौधरी मुंडावर, सरपंच सीताराम यादव चेयरमैन नगरपरिषद बहरोड़ आरती दूबे सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर वेद प्रकाश पराशर कांग्रेस रिसर्च विभाग के प्रदेश अध्यक्ष पूजा छाबड़ा - किशोर सोमानी - रोहित कुमार सिंह - नरेश कुमार शर्मा थानागाजी से निर्दलीय प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल ने आरएलपी से दिया इस्तीफा बाड़मेर के बायतू से दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके उम्मेदाराम बेनीवाल ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में कॉग्रेस जॉइन कर ली है। बेनीवाल के साथ कई और नेता भी आज कांग्रेस में शामिल हुए। उम्मेदाराम बेनीवाल कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी से केवल 910 वोटों से हारे थे। उम्मेदाराम के कांग्रेस के साथ आने से बाड़मेर जिले के सियासी समीकरण बदलेंगे। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी का वे बाड़मेर में प्रमुख चेहरा थे और उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। कांग्रेस अब बाड़मेर से उम्मेदाराम बेनीवाल को लोकसभा का टिकट दे सकती है। कई नेता कर रहे थे विरोध आरएलपी के साथ गठबंधन को लेकर बाड़मेर में हरीश चौधरी और कई नेता विरोध कर रहे थे। बाड़मेर सीट के कारण ही गठबंधन को लेकर पेच फंस रहा था। कांग्रेस ने बाड़मेर में आरएलपी से गठबंधन करने की जगह उनके लोकसभा उम्मीदवार को ही कांग्रेस में शामिल कर लिया है। एक रणनीति के तहत ऐसा किया गया है।
जयपुर, 15 मार्च। प्रदेश के हर जिला अस्पताल में अब वृद्धजनों की सेवा-सुश्रुषा एवं उपचार और बेहतर हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इस दिशा में संवेदनशील पहल कर सभी जिला अस्पतालों में वृद्धावस्था विशेषज्ञ इकाई (जीरियाट्रिक वार्ड एवं जीरियाट्रिक क्लिनिक) बनाए हैं। इन्हें ‘रामाश्रय‘ के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने राजकीय अस्पतालों में आने वाले वृद्धजनों को सुगमतापूर्वक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए जीरियाट्रिक वार्ड की स्थापना के निर्देश दिए थे। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह ने इस मानवीय पहल को 100 दिवसीय कार्य योजना में शामिल करवाया। चिकित्सा मंत्री के निर्देशों पर 100 दिवसीय कार्य योजना में निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 49 जिला चिकित्सालयों में यह सुविधा प्रारम्भ कर दी है। 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत अल्प समय में तैयार किए ‘रामाश्रय‘— चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रायः यह देखा जाता था कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले बुजुर्गों को उपचार को लेकर असहजता महसूस होती थी। इस समस्या के समाधान की दृष्टि से प्रदेश के सभी राजकीय जिला अस्पतालों में जीरियाट्रिक वार्ड शुरू करने का निर्णय लिया गया। 100 दिवसीय कार्य योजना के तहत इस पहल को प्राथमिकता दी गई और अल्प समय में ही 49 जिला अस्पतालों में ‘रामाश्रय‘ तैयार कर क्रियाशील कर दिए गए हैं। यह सुविधाएं होंगी वृद्धजनों के लिए— श्रीमती सिंह ने बताया कि इन रामाश्रयों में वृद्धजनों के उपचार एवं देखभाल की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। इन वार्डों में 10 फाउलर बैड होंगे। इनमें से 5 बैड महिला एवं 5 बैड पुरूषों के लिए आरक्षित किए गए हैं। हर बैड के बीच पार्टीशन कर परदे लगाए गए हैं। बैड के पास नर्सिंग अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में वृद्धजन तुरंत नर्सिंग स्टाफ को बुला सकें। वार्ड में महिला एवं पुरूष रोगियों के लिए अलग-अलग शौचालय हैं। इन शौचालयों में ग्रेब-बार लगाए गए हैं। वार्ड में फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियाथैरेपी से संबंधित उपकरणों की समुचित व्यवस्था की गई है। इनमें शॉर्ट वेव डायाथर्मी, अल्ट्रासाउण्ड थैरेपी, सरवाइकल ट्रैक्शन, पैल्विक ट्रैक्शन, ट्रांस इलेक्ट्रिक नर्व स्टिमुलेटर जैसे उपकरण शामिल वार्ड में व्हील चेयर, ट्रोली, मेडिसिन कैबिनेट एवं अन्य आवश्यक फर्नीचर उपलब्ध करवाया गया है। वार्ड में ही मिलेगी विशेषज्ञ सेवाएं एवं जांच की सुविधा— निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रविप्रकाश माथुर ने बताया कि वार्ड का एक नोडल अधिकारी बनाया गया है, जो वार्ड की समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन संभालेगा। इसके साथ ही वार्ड में रोगियों की देखभाल के लिए अलग से नर्सिंग स्टाफ तथा साफ-सफाई के लिए कार्मिक नियोजित किए गए हैं। वृद्धजनों को आईपीडी के समय विशेषज्ञ सेवाएं वार्ड में ही उपलब्ध होंगी। जांच के लिए सैम्पल भी वार्ड से ही एकत्र किए जाएंगे तथा रिपोर्ट भी बैड पर ही उपलब्ध करवाई जाएगी। वृद्धजनों के उपचार एवं अन्य व्यवस्थाओं से संबंधित सभी चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फिजियोथैरेपिस्ट एवं अन्य कार्मिकों के दूरभाष नंबरों की सूची वार्ड के बाहर प्रदर्शित की गई है। ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक— जीरियाट्रिक सेवाओं के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि राजकीय जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में वृद्धजनों को ओपीडी सेवाओं के लिए जीरियाट्रिक क्लिनिक की व्यस्था की गई है। साथ ही अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन काउंटर, जांच काउंटर, दवा वितरण केंद्र आदि पर वृद्धजनों के लिए अलग से व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि उन्हें अधिक समय कतारों में नहीं खड़ा रहना पडे़ और आसानी से उपचार मिल सके। यह क्लिनिक रामाश्रय क्लिनिक के नाम से जाने जाएंगे।
जयपुर,महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) राजस्थान यू.आर.साहू की ओर से गुरुवार को एक आदेश जारी कर 70 RPS के ट्रांसफर किए हैं। इसमें गहलोत की सुरक्षा में लगे डीएसपी रामनिवास चेजारा, किशोरी लाल सैनी और नीरज मेवानी को हटाया गया है। साथ ही वृत्ताधिकारी शाहपुरा उमेश कुमार निठारवाल और उप पुलिस अधीक्षक एसओजी शिवकुमार भारद्वाज के तबादले निरस्त कर दिए गए हैं।
जयपुर : राजस्थान में भजनलाल सरकार ने गुरुवार शाम लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी को बड़ी राहत दी है। इसके अलावा भजनलाल सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को भी बड़ा तोहफा दिया है। आम लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल पर 2% वेट कम किया गया है। इसके बाद अब राजस्थान में पेट्रोल 1.40 रुपए से लेकर 5.30 रुपए तक सस्ता हो गया है। इसके अलावा डीजल के दाम में भी कमी आई है। डीजल 1.34 से लेकर 4.85 रुपए तक सस्ता हो गया है। राजस्थान सरकार की ओर से किया गया यह निर्णय शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से लागू होगा। राज्य कर्मचारियों का 4% DA भी बढ़ाया सीएम ने सरकारी कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की जानकारी भी दी। सीएम ने कहा कि अभी महंगाई भत्ता (DA) 46 फीसदी था। इसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। अब डीए 50 फीसदी हो जाएगी। इससे 8 लाख कर्मचारी के साथ-साथ 4.40 लाख पेंशनर को फायदा होगा। सीएम ने आगे बताया कि महंगाई भत्ते का लाभ राज्य कर्मचारी व पेंशनर्स की अतिरिक्त पंचायत समिति तथा जिला परिषद के कर्मचारियों को भी देय होगा। इससे सरकार पर सालाना करीब 1640 करोड़ रुपए का भार आएगा।
जयपुर,राज्य सरकार ने बुधवार देर रात 7 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए। इन तबादलों में सरकार ने 5 जिलों के एसपी बदले हैं। इन जिलों में डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बालोतरा, करौली और धौलपुर शामिल हैं। आईपीएस श्याम सिंह को जयपुर कमिश्नरेट में उपायुक्त मुख्यालय लगाया गया है। वे पहले डूंगरपुर एसपी के पद पर पदस्थापित थे। वहीं आईपीएस मोनिका सेन को डूंगरपुर एसपी लगाया है। वे जयपुर कमिश्नरेट में तैनात थीं। इसी तरह से आईपीएस लक्ष्मण दास को प्रतापगढ़ एसपी, आईपीएस कुंदन कंवरिया को बालोतरा एसपी, बृजेश ज्योति उपाध्याय को करौली एसपी और आईपीएस सुमित मेहरड़ा को धौलपुर एसपी के पद पर लगाया गया है।
जयपुर,राज्य सरकार ने गुरुवार को 16 आरएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए। इन तबादलों में सरकार ने 2 संभागों पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त लगाए हैं। वहीं, तीन जिलों में अतिरिक्त जिला कलेक्टर (एडीएम) को बदल दिया है। आरएएस गौरव बजाड का जयपुर से अतिरिक्त संभागीय आयुक्त बांसवाड़ा के पद पर तबादला किया गया है। 22 दिन पहले ही सरकार ने उन्हें हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय, जयपुर में रजिस्ट्रार के पद पर लगाया था। लेकिन अब उनका ट्रांसफर बांसवाड़ा कर दिया गया है। बजाड गहलोत सरकार में संयुक्त सचिव के पद पर सीएमओ में पदस्थापित रहे थे। वहीं, आरएएस हरफूल सिंह यादव को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त पाली के पद पर लगाया गया हैं। तीन जिलों के एडीएम बदले तबादला लिस्ट में सरकार ने तीन जिलों के एडीएम बदल दिए हैं। आरएएस रामरतन सौंकरिया को अतिरिक्त जिला कलेक्टर झुंझुनूं, आरएएस राकेश कुमार-प्रथम को अतिरिक्त जिला कलेक्टर, चित्तौड़गढ़ और आरएएस रणजीत सिंह को अतिरिक्त जिला कलेक्टर सीकर लगाया गया है। वहीं, आरएएस गोवर्धन लाल शर्मा को जयपुर नगर निगम ग्रेटर में उपायुक्त के पद पर लगाया गया है। आरएएस नरेन्द्र कुमार थोरी को उच्च शिक्षा विभाग में शासन उप सचिव के पद पर और आरएएस राधेश्याम डेलू को जिला आबकारी अधिकारी, अजमेर के पद पर ट्रांसफर किया गया हैं।
जयपुर: राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की आपसी फूट सामने आ रही है। कांग्रेस की ओर से मुंडावर विधायक ललित यादव को लोकसभा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से कांग्रेस के सीनियर नेता नाराज हो गए हैं। टिकट की दावेदारी जता रहे पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव और पूर्व विधायक संदीप यादव ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। टिकट की दावेदारी जताने वाले इन नेताओं का आरोप है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने उनके टिकट कटवा दिए हैं। उधर भंवर जितेंद्र सिंह का कहना है कि टिकट में उनकी कोई भूमिका नहीं है। लोकसभा चुनाव के टिकट तो सीईसी (सेंट्रल इलेक्शन कमेटी) लेती है। भंवर जितेंद्र सिंह की नाराजगी के चलते कटा टिकट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. करण सिंह यादव का कहना है कि वे लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे थे लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने उनका टिकट कटवा दिया। डॉ. यादव का कहना है कि भंवर जितेंद्र सिंह शुरू से ही उनसे नाराजगी रखते थे। वर्ष 2004 में जब लोकसभा चुनाव जीते तो अगले चुनाव में टिकट कटवा दिया। वर्ष 2018 के उपचुनाव में चुनाव जीते तो भी 2019 के चुनाव में टिकट कटा दिया। डॉ. करण सिंह यादव का कहना है कि उन्हें टिकट नहीं देना उनकी राजनैतिक हत्या करना है।
जयपुर : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। प्रत्याशियों के नामों का ऐलान करते हुए पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कल सोमवार को कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई थी। उस बैठक में 43 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम तय किए गए। इस सूची में राजस्थान की 10 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए हैं। जो संभावित नाम कल ही मीडिया में आ गए थे। लगभग वही नाम कांग्रेस की ओर से घोषित किए गए। राजस्थान के 10 प्रत्याशियों के नाम यहां देखें बीकानेर से गोविंद राम मेघवाल चूरू से राहुल कस्वां झुंझुनू से बृजेंद्र ओला अलवर से ललित यादव भरतपुर से संजना जाटव टोंक सवाई माधोपुर से हरिश्चंद्र मीणा जोधपुर से करण सिंह उचियारड़ा जालौर-सिरोही से वैभव गहलोत उदयपुर से ताराचंद मीणा चित्तौड़गढ़ से उदय लाल आंजना
जयपुर: चूरू सांसद राहुल कस्वां ने भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह दिया है। सोमवार 11 मार्च को दिल्ली में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। पार्टी छोड़ने के बाद राहुल कस्वां ने बीजेपी पर कई संगीन आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सामंतवादी सोच वाली बन गई है। देश के गरीब और आम जनता के दुख दर्द को सुनने वाला बीजेपी में कोई नहीं है। कस्वां ने कहा कि देश का किसान पिछले कई सालों से अपना हक मांगते हुए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन बीजेपी किसानों की आवाज को लगातार अनसुना कर रही है। उन्होंने कहा कि इसलिए कांग्रेस जॉइन की है। कांग्रेस में रहकर अपने क्षेत्र के लोगों की मजबूती के लिए काम करते रहने का वादा किया। सांसद पद से इस्तीफा दिया राहुल कस्वां ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही राहुल कस्वां ने लोकसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए सोशल मीडिया के ट्विटर पेज पर लिखा कि आप सब की भावनाओं के अनुरूप वे सार्वजनिक जीवन में एक बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं। बीजेपी अलविदा कहने के दौरान कस्वां ने पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह का यह कहते हुए धन्यवाद दिया कि उन्होंने 10 साल तक चूरू लोकसभा परिवार की सेवा करने का अवसर प्रदान किया।
लोकसभा चुनाव में 15 प्रत्याशी बदल सकती है बीजेपी:दो बार जीत रहे उम्मीदवारों के कट सकते हैं टिकट; नए चेहरों पर लगाएगी दांव,कैलाश मेघवाल हो सकते हैं श्रीगंगानगर से उम्मीदवार मदन अरोड़ा।लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में पहले चरण में आधा दर्जन सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकता है। इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार किया जा चुका है। ये वे सीटें हैं, जिन पर बीजेपी खुद को हर लिहाज से सेफ मानकर चल रही है।इनमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़लाकी कोटा,दुष्यंत सिंह की झालावाड़ बारां,अर्जुन मेघवाल की बीकानेर,प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की चितौड़,राहुल कस्वां की चुरू और बांसवाड़ा सीट शामिल है।इन पर आज गुरुवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में अंतिम मुहर लग सकती है और 48 घण्टों में 1-2 मार्च तक इनकी घोषणा भी हो सकती है। इसमें पार्टी पीएम मोदी और अमित शाह सहित 100 से 125 उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है। राजस्थान में पार्टी सभी 25 सीट पर जीत के साथ क्लीन स्वीप की रणनीति पर चल रही है।इस बार पिछले चुनाव में समझौते में छोड़ी गई नागौर सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है।यहां से मिर्धा या मदेरणा परिवार से किसी को उतारा जा सकता है।हालिया सर्वों में 25 की 25 पर जीत की संभावनाओं से पार्टी का मनोबल काफी बढ़ा है।पूरी कवायद सभी सीटों पर जीत को लेकर हो रही है। पार्टी इस बार 15 सीटों पर उम्मीदवार बदल सकती है और नए चेहरों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।इनमें 6 सीट वे हैं जहां से सांसदों को विधायक़ी का चुनाव लड़वाया गया था।इनमें 3 सांसद दीया कुमारी ,राज्यवर्धन सिंह और बाबा बालक नाथ चुनाव जीते थे ।ऐसे में उनकी रिक्त की गई सीट जयपुर ग्रामीण,अलवर और राजसमंद पर नया उम्मीदवार तो उतारा ही जायेगा।विधान सभा चुनाव हारने वाले सांसदों अजमेर से भागीरथ चौधरी,जालोर सिरोही से देवजी पटेल और झुंझुनू से नरेंद्र खीचड़ को भी पार्टी दुबारा टिकट देने के मूड में नहीं है।यहां से भी नए चेहरे उतारा जाना तय है।इनके अलावा 9 से 10 सीट पर और उम्मीदवार बदले जाने की पूरी संभावना है।इनमें श्रीगंगानगर संसदीय सीट भी शामिल है।5 बार सांसद रह चुके निहालचंद मेघवाल को भी बदले जाने की चर्चा है और उनकी जगह आरएसएस से जुड़े और टीचर की नौकरी छोड़ लंबे समय से राजनीति में सक्रिय अनुसूचित जाति-जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल को टिकट दे सकती है।दूसरी लिस्ट में इनकी उम्मीदवारी की घोषणा की जा सकती है।निहालचंद की अभी तक चुनावों में रही भूमिका ,उनकी वजह से होने वाले भितरघात से होने वाले नुकसान का आकलन करने के बाद ही निहालचंद का भविष्य तय किया जाएगा।इनके अलावा पार्टी लगातार दो बार एक सीट से जीतने वाले कुछ सांसदों का पत्ता काट सकती है।जयपुर शहर,भीलवाड़ा,दौसा,करोली-धौलपुर,टोंक -सवाई माधोपुर,उदयपुर सीट पर नए चेहरे उतार सकती है। सर्वे रिपोर्ट और परफॉर्मेंस के आधार पर प्रदेश बीजेपी इन सीटों पर पैनल तैयार कर रही है, जिसे केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा। वहीं 7 सीटें ऐसी हैं, जिसे बीजेपी आसान नहीं मान रही है। इन सीटों पर चेहरा बदलना लगभग तय हो चुका है। इनके अलावा 8 ऐसी लोकसभा सीटें और हैं, जिन पर भी बीजेपी नया प्रत्याशी उतार सकती है।तीन बार कोर कमेटी की हो चुकी बैठकों में सभी 25 सीटों को लेकर मंथन हो चुका है। दिल्ली में 29 फरवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में आधा दर्जन के करीब राजस्थान के उम्मीदवारों पर मुहर लगा एक दो दिन में इनकी घोषणा हो सकती है। बीजेपी पहले चरण में राजस्थान, यूपी सहित देशभर की कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। लोकसभा सीटों को ए और बी कैटेगरी में बांटा- विधानसभा चुनावों की तर्ज पर ही बीजेपी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों को भी ए और बी कैटेगरी में बांटा है। ए कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया गया है, जिन सीटों को हर तरह से सेफ माना जा रहा है। ए कैटेगरी में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, पाली, जोधपुर, जालोर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, झुंझुनूं, चूरू और राजसमंद लोकसभा सीटें शामिल हैं। वहीं बी कैटेगरी में करौली-धौलपुर, दौसा, भरतपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, बाड़मेर, अलवर और नागौर लोकसभा सीटों को रखा गया है। लगातार दो बार जीत रहे सांसदों की टिकट पर संकट- अगर बगावत का खतरा नहीं मंडराया तो पार्टी लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले सांसदों के प्रति नाराजगी को देखते हुए उनके टिकट भी काट सकती है। इन पर है टिकट का संकट - जयपुर शहर से रामचरण बोहरा, टोंक-सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनपुरिया, करौली-धौलपुर मनोज राजोरिया, उदयपुर से अर्जुनलाल मीणा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से निहालचंद मेघवाल और भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया सांसद हैं। दौसा से जसकौर मीणा सांसद हैं, इस सीट से ये पहली बार जीती हैं। डूंगरपुर-बांसवाड़ा से कनकमल कटारा भी पहली बार जीते हैं।
जयपुर 27 फरवरी। प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर के कारण खेती-किसानी पर सीधा असर पड़ रहा है। सिंचाई की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाऐं चला रही है। इसी कड़ी में खेतों में फार्म पौण्ड बनाने पर राज्य सरकार द्वारा किसानों को 1 लाख 35 हजार रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। फार्म पौण्ड में सिंचाई के लिए बारिश के पानी का संचय किया जाता है। बंजर पड़ी भूमि को खेती लायक बनाने के लिए इसका अहम उपयोग है। कृषि आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सीमान्त कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 73 हजार 500 रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 90 प्रतिशत या 1 लाख 35 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर अनुदान दिया जाता है। सामान्य श्रेणी के कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 63 हजार रूपये कच्चे फार्म पौण्ड पर तथा 80 प्रतिशत या 1 लाख 20 हजार रूपये प्लास्टिक लाईनिंग फार्म पौण्ड पर जो भी कम हो अनुदान राशि दी जाती है। न्यूनतम 400 घनमीटर क्षमता की खेत तलाई पर ही अनुदान दिया जाता है। अनुदान के लिए पात्रताः- कृषि आयुक्त ने बताया कि फार्म पौण्ड पर अनुदान के लिए किसानों के पास न्यूनतम 0.3 हैक्टेयर एवं संयुक्त खातेदारी की स्थिति में एक स्थान पर न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर कृषि भूमि होना आवश्यक है। आवेदन प्रक्रियाः- कृषक स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर जन आधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के समय जमाबंदी की नकल एवं राजस्व विभाग द्वारा जारी खेत का नक्शा होना जरूरी है। आवेदन के बाद कृषि विभाग खेत तलाई निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी करता है। इसकी सूचना मोबाइल संदेश या कृषि पर्यवेक्षक द्वारा किसानों को दी जाती है।
जयपुर, 27 फरवरी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य का क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है और यह आमजन के जीवन से जुड़ा हुआ संवेदनशील विभाग है। विभाग के सभी अधिकारी, चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ पूरी प्रतिबद्धता और टीम भावना के साथ काम करें। आमजन का जीवन बचाना ही हमारा पहला और आखिरी लक्ष्य हो। श्रीमती सिंह मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में चिकित्सा व्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण के संबंध में आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रोगियों एवं परिजनों के साथ अच्छा व्यवहार करें। उपचार के दौरान पूरी सजगता और संवेदनशीलता बरतें। चिकित्सा संस्थान की व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं में अपेक्षित सुधार करें। हर स्वास्थ्य सेवा के लिए बनाएं एसओपी— अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चिकित्सा संस्थानों में जांच, उपचार एवं अन्य सुविधाओं के संचालन के लिए एसओपी आवश्यक रूप से तैयार की जाए। एसओपी के अनुरूप ही कार्य हो ताकि मरीजों को सुगमतापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं मिलें और लापरवाही होने पर जिम्मेदारी तय की जा सके। उन्होंने विभागीय एवं उच्च स्तर पर आयोजित बैठकों में अधिकारियों को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए। नियमित रूप से होें आरएमआरएस की बैठक— श्रीमती सिंह ने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। एम्बुलेंस, ऑक्सीजन प्लांट, जांच उपकरण आदि का समुचित रख-रखाव एवं मेंटीनेंस हो। आरएमआरएस की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं ताकि चिकित्सा संस्थानों के जरूरी काम समय पर हो सकें और उपलब्ध फंड का सदुपयोग सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सिटीजन चार्टर को समय-समय पर अपडेट किया जाए। फाइलों का समयबद्ध निस्तारण हो। नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर करें सख्त कार्रवाई— अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि संभावित आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा संस्थानों में जांच किट्स, उपकरण, दवा आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने आगामी 24 घंटे में इस संबंध में आकलन कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ा कोई भी मामला सामने आए तो उसका संवेदनशीलता के साथ समाधान करें और उच्च स्तर पर तत्काल प्रभाव से उसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेशभर में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत नशीली दवाओं की अवैध बिक्री पर सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित करें।
जयपुर,लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में पहले चरण में 18 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकता है। इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है। ये वे सीटें हैं, जिन पर बीजेपी खुद को हर लिहाज से सेफ मानकर चल रही है। ऐसे में पहले चरण में इन 18 सीटों या इनमें से कुछ सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी घोषित कर सकती है। सर्वे रिपोर्ट और परफॉर्मेंस के आधार पर प्रदेश बीजेपी इन सीटों पर पैनल तैयार कर रही है, जिसे केंद्रीय चुनाव समिति के समक्ष रखा जाएगा। वहीं 7 सीटें ऐसी हैं, जिसे बीजेपी आसान नहीं मान रही है। इन सीटों पर चेहरा बदलना लगभग तय हो चुका है। इनके अलावा 8 ऐसी लोकसभा सीटें ओर हैं, जिन पर भी बीजेपी नया प्रत्याशी उतार सकती है। 5 दिन में तीसरी बार कोर कमेटी की बैठक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद बीजेपी प्रदेश कोर कमेटी की बैठक पिछले सप्ताह 22 फरवरी (गुरुवार) को प्रदेश कार्यालय में हुई थी। उसके बाद 24 फरवरी (शनिवार) को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में दिल्ली में प्रदेश कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें शाह भी मौजूद रहे। अब एक बार फिर आज शाम को प्रदेश कोर कमेटी की बैठक आयोजित हो सकती है। इस बैठक में दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में मिले निर्देशों के आधार पर प्रत्याशियों का पैनल सर्वसम्मति से फाइनल किया जा सकता है, जिसे दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में रखा जा सके। दिल्ली में 29 फरवरी को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में बीजेपी पहले चरण में देशभर की कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इसमें राजस्थान की भी कुछ सीटें शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा सीटों को ए और बी कैटेगरी में बांटा विधानसभा चुनावों की तर्ज पर ही बीजेपी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों को भी ए और बी कैटेगरी में बांटा है। ए कैटेगरी में उन सीटों को शामिल किया गया है, जिन सीटों को हर तरह से सेफ माना जा रहा है। ए कैटेगरी में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, पाली, जोधपुर, जालोर, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़, झुंझुनूं, चूरू और राजसमंद लोकसभा सीटें शामिल हैं। वहीं बी कैटेगरी में करौली-धौलपुर, दौसा, भरतपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, बाड़मेर, अलवर और नागौर लोकसभा सीटों को रखा गया है। 2019 के चुनावों में बीजेपी ने नागौर सीट को आरएलपी के लिए छोड़ दिया था, लेकिन इस बार बीजेपी 25 सीटों पर ही प्रत्याशी उतारेगी। इन सीटों पर चेहरा बदलने की तैयारी बीजेपी इस बार 25 लोकसभा सीटों में से 15 पर प्रत्याशी बदल सकती है। इन 15 में से 6 सीटें वो हैं, जिनके सांसदों को बीजेपी ने विधानसभा चुनाव लड़ाया था। इनमें दीया कुमारी, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और बाबा बालकनाथ विधायक बन चुके हैं। ऐसे में राजसमंद, जयपुर ग्रामीण और अलवर लोकसभा सीट पर नया प्रत्याशी उतारा जाएगा। वहीं जिन तीन सीटों के सांसद विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। उनको बदलने की भी पूरी संभावना है। इनमें अजमेर से भागीरथ चौधरी, जालोर-सिरोही से देवजी पटेल और झुंझुनूं से नरेंद्र कुमार खींचड़ को इस बार पार्टी फिर से टिकट देने के मूड में नहीं है। इसके अलावा जयपुर शहर, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, करौली-धौलपुर, उदयपुर, डूंगरपुर-बांसवाड़ा, श्रीगंगानगर और भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर भी पार्टी नया प्रत्याशी उतार सकती है। वहीं नागौर सीट पर भी भाजपा इस बार अपना प्रत्याशी उतारेगी, पहले ये सीट आरएलपी से गठबंधन में छोड़ दी थी। ये लगातार दो बार से जीत रहे, इस बार टिकट पर संकट जयपुर शहर से रामचरण बोहरा, टोंक-सवाई माधोपुर से सुखबीर सिंह जौनपुरिया, करौली-धौलपुर मनोज राजोरिया, उदयपुर से अर्जुनलाल मीणा, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ से निहालचंद मेघवाल और भीलवाड़ा से सुभाष बहेड़िया सांसद हैं। दौसा से जसकौर मीणा सांसद हैं, इस सीट से ये पहली बार जीती हैं। डूंगरपुर-बांसवाड़ा से कनकमल कटारा भी पहली बार जीते हैं।
बाड़मेर,भरतपुर में हाल ही सामने आए धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा- यह धर्मांतरण नहीं बल्कि राष्ट्रांतरण है। यह गंभीर मामला है। चिंताजनक और पीड़ादायक है। देश विरोधी ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। वसुंधरा सरकार में धर्मांतरण रोकने को लेकर कानून बनाया था लेकिन गत सरकार ने 5 साल तक इस कानून को अनदेखा किया। विधानसभा अध्यक्ष रविवार को जयपुर से सांचौर जाने के लिए विशेष विमान से रवाना हुए। वे सुबह 11.30 बजे बाड़मेर से 15 किलोमीटर दूर उतरलाई एयरफोर्स स्टेशन उतरे। जहां से सड़क मार्ग से सांचौर जाने के दौरान बाड़मेर शहर के अंबेडकर सर्किल रुके। यहां बाड़मेर विधायक प्रियंका चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप पालीलाल, पूर्व जिलाध्य स्वरूप सिंह खारा, भाजपा नेता ललित बोथरा, चौहटन प्रधान रूपाराम सारण आदि ने विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष ने भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। वे यहां 20 मिनट रुके और मीडिया से बात की। इसके बाद लगभग 1 बजे सांचौर जिलाध्यक्ष के बेटे के शादी समारोह में जाने के लिए रवाना हो गए। धर्मांतरण रोकने के लिए बने कठोर कानून धर्मांतरण पर एक सवाल के जवाब में स्पीकर देवनानी ने कहा- वसुंधरा सरकार के दौरान बने कानून को लेकर पिछली गहलोत सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे मामले विधानसभा में भी उठे। मैंने भी उठाया। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, इससे आरोपियों को प्रोत्साहन मिलता रहा। वर्तमान सरकार से मेरा आग्रह है कि धर्मांतरण को लेकर कानून को संशोधित कर राजस्थान में कठोर कानून बनाएं। उन्होंने कहा कि लोगों को लालच देकर धर्मांतरण करने वाली ताकतें देश विरोधी हैं। इनके पीछे इंटरनेशनल और राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत को कमजोर करना चाहती हैं। यह पहले से सक्रिय हैं। लेकिन अब केंद्र में सरकार मजबूत है। कई प्रांतों में डबल इंजन की सरकार है। काफी हद तक ऐसे मामलों में कमी आई है और रोक लगी है। राजस्थान में भी ऐसे मामलों में कमी आएगी। सीमावर्ती इलाके राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए ऐसे क्षेत्रों पर अधिक प्रहार किया जाता है। हमने इन्हें रोकने के लिए कार्रवाई की है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- धर्मांतरण जैसे मामलों को रोकने के लिए कठोर कानून के साथ-साथ स्वंयसेवी संस्थाओं को भी आगे आकर इनके खिलाफ माहौल बनाना होगा। धर्मांतरण करने के पीछे जो भी कारण हों, उन्हें समझकर उन पर काम करना होगा। बीते 10 साल में लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं। इससे भी धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी। स्कूलों को टारगेट करने के सवाल पर देवनानी बोले कि शिक्षामंत्री ने बहुत कुछ किया है। शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ज्यादा समस्या नहीं है। क्या है भरतपुर धर्मांतरण मामला भरतपुर में दो सप्ताह पहले धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया था। यहां ईसाई मिशनरी के 15 लोग साढ़े तीन सौ लोगों को धर्म परिवर्तन करा रहे थे। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद् (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए और सभा के वीडियो बना लिए। दोनों पक्षों में छीना-झपटी हुई और भगदड़ मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और 3 लोगों को हिरासत में ले लिया। मामला शहर के मथुरा गेट थाना इलाके का था। क्या प्रयास किए थे वसुंधरा सरकार ने राजस्थान धर्म स्वतंत्रता विधेयक-2008 को मंजूर कराने के लिए राजस्थान की तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार ने कोशिश की थी। विधेयक 10 साल से अटका हुआ था। राष्ट्रपति से विधेयक की मंजूरी के लिए सरकार ने प्रयास किए थे। आचार संहिता लगने के लिए विधेयक पर कानून नहीं बन सका था। विधेयक में था कि धर्म परिवर्तन के लिए जिला कलेक्टर की मंजूरी लेनी होगी। जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने वाले को एक से तीन वर्ष की सजा का प्रावधान था। 25 हजार रुपए तक का जुर्माना का भी प्रावधान था। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों अथवा महिला या फिर अजा और जजा श्रेणी के व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराने पर आरोपियों को दो से पांच वर्ष की सजा के साथ ही 50 हजार रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान था।
उदयपुर 21 फरवरी / अयोध्या में भगवान् श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर स्थापना पर 'श्रीराम वंदना' के लेखन पर उदयपुर, राजस्थान के साहित्यकार, वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत सखी साहित्य परिवार (रजि.) ने साहित्य नीलकमल सम्मान से सम्मानित किया है उन्हें यह सम्मान वर्चुअल माध्यम से संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष डॉ. दीपका सुतोर्दिया द्वारा प्राप्त हुआ। गौरतलब है कि डॉ. छतलानी को इससे पूर्व भी कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। वे जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं तथा विश्व भाषा अकादमी की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष हैं।
जयपुर,प्रदेश में होने वाले ट्रांसफर की आखिरी तारीख को बढ़ाकर अब 22 फरवरी तक कर दिया है। बताया जा रहा है इन दो दिनों में अब बड़े स्तर पर ट्रांसफर होने तय हैं। दरअसल, 20 फरवरी को तबादलों का आखिरी दिन होने के कारण देर शाम तक कई विभागों ने अपने यहां कर्मचारियों की सूची जारी कर दी थी। हालांकि, हेल्थ डिपार्टमेंट से जो डॉक्टरों की सूची जारी होनी थी वह देर रात तक नहीं आई। एक दिन पहले बड़े स्तर पर हुए थे ट्रांसफर कल देर शाम को स्वायत्त शासन निदेशालय, मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट से ड्रग ऑफिसर, आरटीओ, जलदाय विभाग, जयपुर पुलिस आयुक्तालय से कई सूचियां जारी करके अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले किए गए थे। इससे पहले 11 से 20 फरवरी तक मंत्रियों के निवास, दफ्तरों पर बड़ी संख्या कर्मचारियों, अधिकारियों और विधायकों का जमावड़ा रहा। सरकार लोकसभा चुनाव से पहले बड़े स्तर पर प्रशासनिक बदलाव करना चाहती है और अभी कई डिपार्टमेंट इस पर काम होना बाकी है। ये भी बताया जा रहा है कि इन दो दिनों में बड़े स्तर पर आईएएस और आईपीएस के साथ आरएएस अधिकारियों के ट्रांसफर होने हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही 39 जिलों के आईपीएस बदले थे। गहलोत सरकार के समय 15 जनवरी 2023 को तबादलों पर रोक लगाई थी। वर्तमान सरकार ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए 8 फरवरी को आदेश जारी करके 10 दिन (11 से 20 फरवरी) तक तबादलों से रोक हटाई थी। ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले नहीं होंगे इन आदेशों में ग्रेड थर्ड टीचर्स के ट्रांसफर नहीं हाेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से अलग से ट्रांसफर नीति बनाई जाएगी। आपको बता दें कि पिछले 4 साल से ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले नहीं हुए हैं। पिछली गहलोत सरकार में भी इसको लेकर कई बार नीति बनाने की बात कही, लेकिन सरकार ने अंत तक ग्रेड थर्ड टीचर्स के तबादले नहीं किए।
जयपुर,मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अब आम आदमी की तरह ट्रैफिक में चलेंगे। रेड सिग्नल होने पर उनका काफिला भी चौराहों पर आम पब्लिक की तरह रुकेगा। सीएम के इस फैसले से वीआईपी मूवमेंट पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी। सीएम सहित अन्य वीआईपी के मूवमेंट के समय अक्सर जाम लगता था। ऐसे में गंभीर मरीजों को परेशानी होती है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बुधवार को डीजीपी राजस्थान को फोन पर कहा कि उनके काफिले के सड़क पर चलने के दौरान ट्रैफिक को नहीं रोका जाए। डीजीपी ने सीएम से मिले आदेश पर जयपुर पुलिस कमिश्नर को जानकारी दी। इस पर जयपुर कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने आज ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर प्लान बनाने के लिए कहा है। उम्मीद है कि गुरुवार से सीएम का काफिला आम लोगों की तरह चलेगा। हालांकि सुरक्षा के लिए लिहाज से सीएम की गाड़ी के चारों तरफ सिक्योरिटी वाले चलेंगे। लोगों को ट्रैफिक से राहत देने के लिए सीएम ने किया फैसला डीजीपी यूआर साहू ने बताया कि उनके पास सीएम का फोन आया था कि उनके सिटी में चलने के दौरान लोगों को परेशानी होती हैं। कई बार देखा गया है कि लोग अधिकांश समय में ट्रैफिक में फंस जाते हैं, इसलिए इस तरह का प्लान बनाया जाए, जिससे की वह सड़क पर निकले तो लोगों को परेशानी ना हो। सीएम के पास जानकारी है कि उनके सिटी में निकलने के दौरान ट्रैफिक को रोक दिया जाता हैं, जिससे लोगों को परेशानी होती है। कई बार एंबुलेंस के जाम में फंसने की फोटो पेपरों में छपती है, इस पर सीएम ने यह फैसला लिया है। डीजीपी ने कहा कि सीएम की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी हमारी है। सीएम के काफिले में जो वाहन हैं और उन वाहनों पर जो पुलिस अधिकारी हैं, उनसे भी इस विषय में राय ली जाएगी। यह बात सही है कि राजस्थान में इस तरह का कल्चर नहीं हैं, लेकिन सीएम की मंशा आमजन को राहत देने की है तो इस पर काम होगा। सीएम के इस फैसले को लेकर इंटेलिजेंस एडीजी, जयपुर पुलिस कमिश्नर एक बार चर्चा कर लेंगे, जिसके बाद प्लान बनाया जाएगा। जयपुर पुलिस कमिश्नर को जानकारी दे दी गई है।
बाड़मेर,सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा- भाजपा ने चुनाव में दो वादे किए थे, धारा 370 हटाएंगे और राम मंदिर मंदिर बनाएंगे। विरोधी पार्टी ने दोनों ही वादों को बीजेपी का जुमला बताया था। लेकिन, हमने दोनों ही वादे पूरे किए हैं। हमें धारा भी हटाई और राम मंदिर भी बनाया। उन्होंने कहा- रामलला भी जानते हैं कि किसे बुलाना है और किसे नहीं… उनकी मति मारी गई थी। वे तो दर्शन करने भी नहीं आए। उनकी मति मारी गई रामलला भी ना कर सके: सीएम सीएम में आलमजी महोत्सव में मंच से कहा- भाजपा ने अपने सभी वादे पूरे किए हैं। हमने कहा था 370 हटा देंगे। जैसे ही हम सत्ता में आए हमारे पीएम मोदी ने 370 धारा को धराशायी कर दिया। हमने मंदिर बनाने की बात की थी। उन्होंने इसे भी जुमला कहा। हमने तारीख भी बताई और 22 जनवरी को मंदिर का निर्माण भी करवाया। उन्हें (कांग्रेस) निमंत्रण भी दिया। लेकिन, रामलला जानते हैं किसे बुलाना है और किसे नहीं। कहते हैं ना जिसको राम तिलक कर देता है उनकी मत पहले हर लेता है। उनकी ऐसी मत मारी गई वो दर्शन का लाभ नहीं उठा सके। माफिया को नेपाल से पकड़ कर लाए हैं सीएम ने कहा कि हम युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। नकल माफिया को नेपाल से पकड़कर लाएं हैं। हमारी सरकार ने भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई की है। एंटी गैंगस्टर फोर्स तेजी से काम कर रही है। हमें जेल से गैंग चलाने वालों पर शिकंजा कसा है। उन्होंने कहा- हमने किसान सम्मान निधि बढ़ाने का फैसला किया है जल्द ही इसे बढ़ाया जाएगा। किसान भाइयों के बारे में सोचते हुए गेहूं पर 125 रुपये MSP बढ़ाने का काम किया है। सीएम ने कहा- आपके हर वादे को हमारी सरकार पूरा करेगी। मंदिरों के बारे में घोषणा करते हुए सीएम ने कहा कि राजस्थान के मंदिरों के लिए 300 करोड़ बजट का प्रावधान किया है।
जयपुर, 19 फरवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का अमृतकाल भारत की संस्कृति और आस्था का उदयकाल है। काशी विश्वनाथ में कॉरिडोर एवं उज्जैन के महाकाल मंदिर में महाकाल लोक के निर्माण के अभूतपूर्व कार्यों के साथ ही भारत की संस्कृति एवं विरासत पूरी दुनिया में फिर से स्थापित हो रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से देशवासियों का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री शर्मा सोमवार को पाली के जाडन में ओम आश्रम मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने महामण्डलेश्वर स्वामी महेश्वरानन्दपुरी के साथ ओम आश्रम में द्वादश ज्योतिर्लिंग की स्थापना व प्राण प्रतिष्ठा के तहत ⁠शिवालय में विशेष पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि दुनिया के पहले ओम आश्रम का यह भव्य मंदिर भारतीय वास्तुकला, शिल्पकला और स्थापत्य कला का अनुपम उदाहरण है। इस आश्रम में द्वादश ज्योतिर्लिंग, श्री नंदी महाराज, सूर्य मंदिर और दिव्य मंदिर की स्थापत्य कला अद्भुत है। उन्होंने कहा कि विश्वगुरू कहलाने वाला भारतवर्ष अनादि काल से अध्यात्म का केंद्र रहा है, जिसने सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन किया है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में जयपुर से अयोध्याधाम दर्शन के लिए विशेष विमान सेवा एवं सात संभाग मुख्यालयों से बस सेवा प्रारंभ की गई है। साथ ही 31 मार्च 2024 तक 3 हज़ार तीर्थयात्रियों को अयोध्याधाम के लिए दर्शन यात्रा भी करवाई जाएगी। सरकार द्वारा इसी वर्ष के बजट (लेखानुदान) में पूँछरी का लौठा, मेहंदीपुर बालाजी, गोविन्द देव जी सहित विभिन्न मन्दिरों के जीर्णोद्धार के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थलों को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की गई है। राज्य सरकार पूरा करेगी हर संकल्प- मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में पीएम किसान सम्मान निधि 2 हजार रुपए बढ़ाकर 8 हजार रुपए करना, गेहूं की ख़रीद पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1 हजार 150 रुपए करना जैसे जनकल्याणकारी निर्णय राज्य सरकार द्वारा किए गए हैं।
जयपुर, 19 फरवरी। पंचायतीराज मंत्री श्री मदन दिलावर ने निर्देश दिये कि गांवों में घर-घर से कचरा संग्रहण के लिए आवश्यकतानुसार वाहनों का क्रय किया जाए अथवा किराये के वाहनों से यह कार्य करवाया जाए। श्री दिलावर सोमवार को सचिवालय में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पंचायतीराज मंत्री ने कहा कि गांव में वास्तविक रूप से सफाई हो, यह सुनिश्चित किया जाये तथा नरेगा योजनान्तर्गत अधिक से अधिक व्यक्तिगत एवं सामुदायिक सोख्ता गड्ढों का अभियान चलाकर निर्माण करवाया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि महात्मा गांधी नरेगा से सफाई कर्मियों को लगाने हेतु नियमों का परीक्षण कर भारत सरकार से इस संबंध में निवेदन किया जाएगा। जिन गावों में घर-घर से कचरा संग्रहण होने की सूचना प्राप्त हो रही है, उनमें वास्तविक स्थिति का आंकलन करने हेतु औचक निरीक्षण होगा। श्री दिलावर ने गांव में स्वच्छता सहित समस्त कार्यों हेतु वर्तमान में प्रचलित बी.एस.आर. दरों की भी आवश्यकतानुसार समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य वित्त आयोग एवं 15वें वित्त आयोग में उपलब्ध राशि को अधिक से अधिक स्वच्छता के कार्यों हेतु उपयोग करने के लिए नियमों में संशोधन का भी परीक्षण किया जाए। गांव में सार्वजनिक स्थानों एवं तालाबों पर किये गये अतिक्रमणों को सर्वे कर चिन्हित किया जाए। समीक्षा बैठक में शासन सचिव, पंचायती राज विभाग एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रां) के अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर, 15 फरवरी। प्रदेश में 1000 किमी के स्टेट हाईवे का निर्माण किया जायेगा। लगभग 2000 करोड़ की लागत से आगामी 3 वर्ष मे यह कार्य किये जाएंगे। उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की संकल्पना के अनुरूप प्रदेश में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। प्रदेश में मजबूत सड़क तंत्र स्थापित करने की दिशा में यह 1000 किमी के स्टेट हाईवे मील का पत्थर साबित होंगे। इससे दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों/कस्बों की सीधी कनेक्टिविटी बडे़ बाजारों एवं एक्सप्रेस वे तक होगी। इससे प्रदेश के दूर-दराज के लोगों को बेहतर शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य सेवाए प्राप्त करने के लिए अति उत्तम सडक कनेक्टिविटी प्राप्त होगी साथ ही कृषको की पहुंच बड़े बाजारों तक सीधी होने से मोदी जी की गारंटियों को मूर्त रूप मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में पूरी कर्मठता से काम कर रही है। 28 फरवरी से 08 मार्च तक दौरे पर रहेगा विश्व बैंक मिशन- अतिरिक्त मुख्य सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग ने बताया कि उक्त परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए विश्व बैंक मिशन 28 फरवरी से 08 मार्च तक प्रदेश के दौरे पर रहेगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टेट हाईवे ऑथरिटी के माध्यम से इन सडको का निर्माण करवाया जायेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आगामी 3 वर्ष में यह कार्य पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है।
आयकर विभाग की कार्रवाई के विरोध में आज कांग्रेस का जयपुर में बड़ा प्रदर्शन किया। कांग्रेस वॉर रूम से आयकर विभाग तक पैदल मार्च निकाला, जिसे स्टैच्यू सर्किल पर रोक लिया गया। इस दौरान पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा- बीजेपी कांग्रेस को खत्म करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस खत्म होने वाली नहीं हैं। बीजेपी जितना टकराव पैदा करेगी, कांग्रेस उतना उभरकर सामने आएगी। दरअसल, आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस के खाते फ्रीज करने के विरोध में आज जयपुर में नेता और कार्यकर्ता करीब 11:15 पर कांग्रेस वॉर रूम से पैदल मार्च निकालते हुए आयकर विभाग की ओर रवाना हुए। करीब 15 मिनट बाद 11:30 बजे स्टैच्यू सर्किल पर पुलिस ने सभी को रोक दिया। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता और महिलाएं बैरिकेड्स पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। बैरिकेड्स फांदकर दूसरी तरफ पहुंचे नेता कांग्रेस नेता बैरिकेड्स फांदकर दूसरी तरफ पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। कांग्रेस नेता, कार्यकर्ताओं के साथ जमीन पर बैठकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लग गए। करीब 12:15 पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। विधायक और पूर्व मंत्री पहुंचे मार्च में शामिल होने के लिए विधायक अमीन कागजी, रफीक खान शिखा बराला, प्रशांत शर्मा, रोहित बोहरा मौके पर पहुंचे। वहीं, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, यूथ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष यशवीर सूरा भी पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान विधायक रफीक खान ने कहा- लोकतंत्र खतरे में है। जिस कारणों से खाते सीज किए गए हैं। उन कारणों पर जाएंगे तो देश के बड़े काॉर्पोरेट घरानों के खाते सीज हो जाएंगे। पॉलिटिकल पार्टियों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है।
जयपुर,बागीदौरा (बांसवाड़ा) से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन कर ली है। पार्टी जॉइन करते ही उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। वे दोपहर करीब 2 बजे जयपुर के बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे। यहां भाजपा नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने उन्हें भाजपा जॉइन कराई। भाजपा जॉइन कराने के बाद मालवीय ने मांग की कि मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए। दरअसल, पिछले तीन दिनों से मालवीय दिल्ली में डटे थे और लगातार बीजेपी के नेताओं के संपर्क में थे। रविवार को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उन्हें शाह से मिलाने लेकर गए थे। भाजपा जॉइन करने के बाद उन्होंने कहा कि 1977 में गांव से पैदल चल कर आया। एक दिन में 50 किलोमीटर तक का सफर किया। विश्व हिंदू प​रिषद जॉइन किया। एबीवीपी के बैनर पर प्रेसिडेंट बना, एबीवीपी के बैनर से वाइस प्रेसिडेंट बना। मुझे अब भाजपा में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि सरपंच एक दिन भी नहीं रहा और प्रधान बन गया। प्रधान रहते हुए एमपी बना। भाजपा ने सहयोग किया, लेकिन कांग्रेस ने मौका नहीं दिया। दो बार जिला प्रमुख बना। 4 बार विधायक रहा हूं। कांग्रेस ने राम मंदिर जाने से रोका मालवीय ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से जब कांग्रेस पार्टी ने मना कर दिया, तब मुझे सबसे ज्यादा ठेस लगी। अगर मुझे अपने क्षेत्र का विकास करना है तो भाजपा के अलावा आदिवासी अंचल में काम करने वाला कोई नहीं है। पीएम मोदी की नीतियों ने मुझे प्रभावित किया है। विधानसभा की सदस्यता जानी तय थी मालवीय कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। वे भाजपा में शामिल हो गए हैं, इसलिए दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधानसभा से उनकी सदस्यता जानी तय थी। मालवीय के इस्तीफे के बाद बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना तय है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ इस सीट पर उपचुनाव हो सकते हैं। राजस्थान कांग्रेस को बड़ा झटका मालवीय के भाजपा जॉइन करने से प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बड़े नेता और सीडब्ल्यूसी मेंबर महेंद्रजीत सिंह मालवीय दक्षिणी राजस्थान में बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। उनके जाने से आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ेंगी। सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में ऑपरेशन लोटस की शुरुआत कर दी है। इसी के तहत आदिवासी क्षेत्र के बड़े नेता मालवीय की एंट्री करवाई गई है। ये अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले मारवाड़, शेखावाटी और पूर्वी राजस्थान से जुड़े कांग्रेस के कुछ बड़े नेता भी भाजपा में एंट्री कर सकते हैं। मालवीय अब न विधायक बनेंगे, न ही सांसद महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मालवीय जैसे लोगों के जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा बल्कि पार्टी और मजबूत होगी। पिछली बार जब ये जीते तो इनकी शिकायतें आई थीं, इन्होंने स्पष्टीकरण दिया। अबकी बार भी इन्होंने सबको हराने का प्रयास किया। लेकिन रमिला, बामनिया, घोघरा और निनामा जीतकर आ गए। इसी कारण पिछली बार पार्टी ने इन्हें ढाई साल तक मंत्री नहीं बनाया था। आदिवासी और पुराने कांग्रेसी समझकर इस बार टिकट दिया।
भरतपुर,भरतपुर में अटलबंद के होटल में इलाज के नाम पर लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के मामले में एक और हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। लोगों को बीमारी ठीक करने के लिए जो पानी पिलाया जा रहा था, वो किशमिश का घोल था। इसी घोल को पिलाकर कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक करने का भी दावा किया जा रहा था। हालांकि पहले पानी में स्टेरॉयड मिले होने का अंदेशा जताया जा रहा था। इधर, पुलिस ने बैंक अकाउंट की जांच की तो पता चला कि चंडीगढ़ से हर सप्ताह 25 से 35 हजार रुपए आरोपियों के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाते थे। आरोपी कुंवर सिंह के खाते से 80 लाख रुपए मिले हैं। आरोपियों को महीने में 4 सभाएं कराने का टारगेट दिया जाता था। इन सभाओं में ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने के लिए दबाव बनाया जाता था। सभास्थल कराने के साथ-साथ इन लोगों को भी आने-जाने का खर्चा दिया जाता था। अब तक की पुलिस जांच में चंडीगढ़ के प्रोफेट बिजेंद्र सिंह का नाम सामने आया है। पकड़े गए आरोपियों ने भी बिजेंद्र सिंह के बारे में कई खुलासे किए हैं। आरोपी कुंवर सिंह का चंडीगढ़ कनेक्शन, खाते में 80 लाख भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि अब तक की जांच में धर्म परिवर्तन कराने की बात सही पाई गई है। मामले में एसआईटी का गठन किया गया है। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि आरोपियों का करीब 4 सालों से चंड़ीगढ़ से कनेक्शन है। ये पहले इंटरनेट के जरिए ही जुड़े थे। बाद में कुंवर सिंह चंडीगढ़ जाकर खुद जुड़ गया था। वहां पर ट्रेनिंग लेने के बाद भरतपुर आकर सेंटर चलाने लगा। कुंवर सिंह के अकाउंट की जांच की गई है। जिसमें हर सप्ताह 25 से 30 हजार रुपए का लेनदेन मिला है। खातों में करीब 80 लाख रुपए मिले है। इन रुपयों के लेनदेन की जांच की जा रही है। आरोपी बीमारी ठीक करने के बहाने हर सप्ताह लोगों को बुलाते है। उन्हें ईसाई धर्म के बारे में बताते थे। बीमारी ठीक होने पर कई बार लोग खुद ही जुड़ जाते थे। जो नहीं जुड़ते थे, उन पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाते। इनके पास से एक रजिस्टर भी मिला है, जिसमें 8 महीने में करीब 13 कैंप किए जाने का जिक्र किया गया है। इस रजिस्टर में कैंपों में शामिल हुए लोगों के नाम, पता, मोबाइल नंबर भी लिखे हुए है। इसमें करीब 1690 लोगों का डेटा मिला है। बीमारी ठीक करने के लिए किशमिश का पानी जिस सभा में लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था, वहां स्टेज पर कुछ पानी से भरी हुई बाेतलें भी रखी हुई थीं। दावा किया जा रहा था कि इस पानी से कैंसर सहित कोई भी बीमारी ठीक हो सकती है। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान उन बोतलों को जब्त किया और पानी की जांच के लिए लैब भेजा। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि जांच में पता लगा कि पानी में किशमिश घोल कर उसे छान कर लोगों को पिलाया जाता था। पहले पानी में स्टेरॉयड मिले होने का अंदेशा जताया जा रहा था। उन्होंने बताया कि एसआईटी टीम वीडियो को सुनकर आपत्तिजनक कंटेट का पता लगा रही है। वीडियो कैसे और कब मंगवाए जाते थे। इसकी भी जांच की जा रही है। हरियाणा का रहने वाला है प्रोफेट बिजेंद्र सिंह अब तक की पुलिस जांच में चंडीगढ़ में रहने वाले प्रोफेट बिजेंद्र सिंह का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया है। उस पर धर्म परिवर्तन का ये पूरा खेल रचने का आरोप है। भास्कर ने बिजेंद्र सिंह के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि उसके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। वह यूटयूब पर ईसाई धर्म के प्रचार के वीडियो अपलोड करता रहता है। लाइव आकर प्रोग्राम में लोगों से जुड़ कर बातें करता है। प्रोफेट बिजेंद्र सिंह मूलत: हरियाणा के यमुनानगर का रहने वाला है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट है। मूल रूप से जाट था। उसने साल 2008 में ईसाई धर्म अपना लिया था। वह पहले जालंधर के एक चर्च में पादरी था। 2015 में चंडीगढ़ से अलग शुरुआत की। उसने चंडीगढ़ में चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम चर्च भी खोला था, जिसका वह अध्यक्ष भी बन गया। फिलहाल चंडीगढ़ में एक बड़ा सेंटर चलाता है। जहां से ऑनलाइन ही काफी संख्या में लोग जुड़े हुए है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बिजेंद्र सिंह पर पहले भी कई बार संगीन आरोप लगे थे। ऐसे हुआ धर्म परिवर्तन के घिनौने खेल का खुलासा 11 फरवरी को सोनार हवेली में एक प्रोग्राम चल रहा था। यूटयूब से एक वीडियो चलाया जा रहा था। वीडियो में ईसाई धर्म के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही थी। वहां पर उत्तरप्रदेश के आगरा, सीकरी सहित कई जगहों से करीब 400 से ज्यादा महिलाएं व पुरुष मौजूद थे। इन्हें ईसाई धर्म के बारे में प्रचार-प्रसार कर बताया जा रहा था। वकील संदीप गुप्ता अपने दोस्त नवनीत के साथ मैरिज हॉल की बुकिंग कराने गए थे। उन्होंने सभा में हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी सुनी तो चौंक गए। उन्होंने देखा कि एलईडी लगाकर वीडियो चलाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा था। स्टेज पर पानी से भरी बोतलें रखी थी। ईसाई धर्म के फायदे बताए जा रहे थे। बीमार लोगों को ठीक करने के नाम पर एक खास तरह का पानी पिलाया जा रहा था। उन्हें बोल रहे थे कि हिंदू देवी-देवता कमजोर है। प्रभू यीशू ही तुम्हारा इलाज कर सकते हैं। संदीप गुप्ता और उनके दोस्त नवनीत ने ये सब देखा तो मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने शुरू किए। इस पर वहां मौजूद लोगों ने उनसे मोबाइल छीन लिए और हाथापाई करने लगे। उन्होंने पुलिस को सूचना देकर बीएचपी और बजरंग दल को भी जानकारी दी। गिरफ्तार कर बरामद की धार्मिक सामग्री सेंटर पर पुलिस पहुंची तो भगदड़ मच गई। लोग भागते हुए वहां से चले गए। वहां से बोतलों में भरा पानी, कुछ किताबें, बाइबिल, क्रॉस सहित कई चीजें बरामद हुई थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कुंवर सिंह पुत्र बदनसिंह जाटव निवासी तुहिया हाल रसाला मोहल्ला और शैलेंद्र सिंह पुत्र जोगेंद्र सिंह जाट निवासी सीकरी फिरोजाबाद को पकड़ा। इनके अलावा आठ लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया था। जिन्हें पुलिस पूछताछ के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया। दो दिन बाद पीपला गांव में पकड़ा सेंटर पीपला गांव में भी दो दिन के बाद ही धर्म परिवर्तन से जुड़ा एक और सेंटर पकड़ा गया था। जहां पर अजय नाम का युवक घर पर ही सेंटर चलाता था। बुधवार और रविवार को काफी संख्या में लोग कीर्तन के लिए आते थे। आगरा के अलावा यूपी के कई गांवों से लोग यहां पर ऑटो से आते थे। सेंटर से पादरी का लुभाना मिनिस्ट्री का सर्टिफिकेट सहित अन्य प्रमाण पत्र भी मिले। दो मामले धर्म परिवर्तन से जुड़े हुए हैं। अटलबंद और चिकसाना में मामले दर्ज कराए गए हैं। जिनकी एसआईटी टीम जांच कर रही है।
जयपुर: लोकसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सूबे में हुए विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद पार्टी आत्मविश्वास से लबरेज़ है। BJP अब लोकसभा चुनावों के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश कर रही है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने जहां राजस्थान की 25 में से 24 सीटें जीती थीं और एक सीट RLP को मिली थी वहीं 2014 के चुनावों में पार्टी ने सभी 25 सीटों पर अपना परचम लहराया था। सूत्रों के मुताबिक, इस बार के चुनावों में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पार्टी ने राजधानी जयपुर से 2 दिग्गजों को टिकट देने का मन बना लिया है। PM मोदी की गुड बुक्स में हैं जोशी! BJP के अंदरखाने से जो खबरें मिल रहीं हैं उसके मुताबिक इस बार जयपुर से प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को टिकट दिया जा सकता है जबकि जयपुर ग्रामीण से सतीश पूनिया का टिकट तय माना जा रहा है। चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी इस बार जयपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। विधानसभा चुनावों के दौरान जोशी जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कदमताल करते दिखाई दिये और बीजेपी ने चुनावों में जीत हासिल की, उससे ये माना जा रहा है कि वह PM मोदी की गुड बुक्स में शामिल हैं। सौम्य छवि का होना, किसी भी विवाद में न पड़ना और संघ के प्रति समर्पित होना उनकी बाकी यूएसपी है। विधानसभा चुनावों में जीत का इनाम! पार्टी जयपुर सीट से लगातार 2 बार चुनाव जीतने वाले ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नेता रामचरण बोहरा की जगह इस बार सीपी जोशी को मैदान में उतार सकती है। जयपुर को बीजेपी का गढ़ माना जाता है और पार्टी इस बात पर विचार कर रही है कि इस बार भी ब्राह्मण चेहरे को ही तरजीह दी जाए। माना जा रहा है कि जोशी को विधानसभा चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए जयपुर का टिकट रिवॉर्ड के तौर पर दिया जा सकता है। निर्दलीय चंद्रभान आक्या के विरोध की वजह से चित्तौड़गढ़ की सीट सीपी जोशी के लिये थोड़ी मुश्किल साबित हो सकती है। जयपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ेंगे पूनिया! बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का जयपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है। पूनिया भले ही आमेर से विधानसभा चुनाव हार गए हों लेकिन माना जा रहा है कि वह पार्टी में बड़े जाट नेता के तौर पर उभर कर आये हैं। राजस्थान में जाटों की नाराजगी को दूर करने और जाट लैंड पर पकड़ बनाने के लिए सतीश पूनिया को जयपुर ग्रामीण से चुनाव लड़ाने पर पार्टी विचार कर रही है। पार्टी अंदरखाने के लोगों का कहना है कि यूपी और कर्नाटक चुनावों में सतीश पूनिया को जो दायित्व दिया गया था उसे उन्होंने बखूबी निभाया। जाट बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूनिया के ताबड़तोड़ दौरे से पार्टी को फायदा हुआ था और यही वजह है कि उन्हें जयपुर ग्रामीण से टिकट दिया जा सकता है।
जयपुर,प्रदेश में ट्रांसफर पर बैन खुलने के लिए ही विभागों से लिस्ट आना शुरू हो गया। स्वायत्त शासन निदेशालय ने आज प्रदेश की अलग-अलग नगरीय निकायों में लगे आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी, राजस्व अधिकारी, राजस्व निरीक्षकों और फायर शाखा से जुड़े अधिकारियों के तबादले किए है। दो अलग-अलग सूची में कुल 79 अधिकारियों के कार्यक्षेत्र बदले है। इसमें तीन सहायक अग्निशमन अधिकारियों (एएफओ) को एपीओ करके मुख्यालय उपस्थिति देने के लिए कहा है। सूची के मुताबिक जयपुर नगर निगम ग्रेटर से मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) जलज घसिया को जयपुर से हटाकर नगर निगम जोधपुर दक्षिण लगाया गया है। नगर निगम में उनके खिलाफ कोई विवाद होने के बाद उन्हें यहां से हटाया गया है। जयपुर नगर निगम ग्रेटर में पिछले दिनों मालवीय नगर जोन की उपायुक्त लगी मोनिका सोनी को भी उपायुक्त पद से हटाकर नगर परिषद दौसा में सचिव लगाया गया है। सोनी वर्तमान में अधिशाषी अधिकारी थर्ड ग्रेड में है और उन्हें उपायुक्त पद पर लगाने से नगर पालिका सेवा के सीनियर अधिकारियों को रोष था। इनको किया एपीओ हनुमानगढ़ में नियुक्त एएफओ मोहम्मद युनूस, दौसा में नियुक्त कुलदीप मानतवाल और कोटा दक्षिण में नियुक्त अब्दुल मतीन मंसुरी को एपीओ करके मुख्यालय में हाजिरी देने के लिए कहा है। वहीं कुशलगढ़ नगर पालिका में तैनात दीपान्कर कटारा का डूंगरपुर ट्रांसफर किया है।
भरतपुर,भरतपुर में पिछले 4 दिनों में धर्म परिवर्तन के दो मामले सामने आ चुके हैं। बीमार और गरीब लोगों को टारगेट बनाकर धर्म परिवर्तन का ये घिनौना धंधा चलाया जा रहा है। लोगों को गुमराह कर और लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है। पिछले दो-तीन साल से ये सेंटर चलाए जा रहे हैं। मामले में इंवेस्टिगेशन के लिए भास्कर टीम भरतपुर के पीपला गांव पहुंची। यहां जांच में सामने आया कि गांव के 25 से ज्यादा लोगों को झांसे में लेकर धर्म परिवर्तन करा चुके हैं। इनके पास पास्टर (पादरी) का सर्टिफिकेट, लभाना मिनिस्ट्री के दो प्रमाण पत्र हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि लभाना मिनिस्ट्री नाम की संस्था को इटली से फंडिंग हो रही थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। जांच में पता लगा कि ऐसे ही सेंटर भरतपुर के कंजोली, गुंडवा, बझेरा, नोंह बडामदी, बहनेरा,रूपवास, जघीना सहित बयाना में भी चल रहे हैं। पूरे गांव में धर्म परिवर्तन की चर्चा भरतपुर से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर पीपला गांव है। गांव में पहुंचने से पहले ही हमने धर्म परिवर्तन कराने की बात पूछी तो लोग सुनकर हैरान रह गए। पहले हम वर्तमान सरपंच बृजलता के घर पर पहुंचे। उनके बेटे हरेंद्र सिंह की शादी थी। उनके परिवार से घर पर कोई नहीं मिला। हमने गांव के कुछ लाेगों से बात की। पता लगा कि दो से तीन साल से यहां पर सेंटर चला रहा है। पूर्व सरपंच राजाराम के पास पहुंचे, लेकिन वे भी नहीं मिले। पूरे गांव में बीमारी ठीक करने के बहाने धर्म परिवर्तन कराने की चर्चा बनी हुई थी। हम गांव में एक चौपाल पर पहुंचे तो काफी संख्या में पंच सहित कई लोग बैठे मिले। हफ्ते में दो दिन चल रहा सेंटर चौपाल पर मौजूद लोगों ने बताया कि पुलिस ने बुधवार को पीपला गांव में पहुंच कर दबिश दी। उनके साथ विहिप और बजरंग दल की टीम भी थी। वहां पर गांव में एक सेंटर चल रहा था। सेंटर सप्ताह में दो दिन बुधवार और रविवार को चलाया जा रहा था। पुलिस घर पहुंची तो काफी लोग वहां से निकल कर भाग गए। वहां 50 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जो दो से तीन गाड़ियों में भरकर आगरा सहित अन्य आसपास के गांवों से आए थे। दो साल से चल रहा था सेंटर गांव के सौरव ने बताया कि हर बुधवार और रविवार को दो से तीन गाड़ियों में भरकर लोग यहां पर आते हैं। एक अलग से कीर्तन मंडली भी आती है। हरिओम ने बताया कि वाल्मीकि मोहल्ले में सेंटर चल रहा है। अजय सिंह और उसके परिवार के लोग सेंटर चला रहे थे। अजय सिंह रूपवास के पास श्रीनगर गांव का रहने वाला है। यहां पर दो साल पहले ही आया था। तब से ही सेंटर चलाने लगा है। उसकी पत्नी और भाभी भी उसकी मदद करती है। बीमारी ठीक करने का दावा और राशन का लालच सत्संग का नाम लेकर लोगों को बुलाते हैं। कोई बीमारी है तो उसे सही कर देने का दावा करते हैं। ये ईसाई धर्म के बारे में प्रचार और प्रसार करते है और हिंदू देवी-देवताओं के बारे में गलत बातें करते हैं। सत्संग सभा में जो लोग आते हैं, उन्हें राशन (आटा, दाल, चावल, चीनी) भी देते हैं। गांव में अभी ऐसे सौ से ज्यादा लोग हैं जो धर्म परिवर्तन करा चुके हैं। ये बाहर के लोग है जो अब गांव में रहने लगे हैं। ऋषि ने बताया कि आगरा की ओर से 40 से ज्यादा लोग हर सप्ताह आते है। सुबह 11 बजे से लेकर 3 बजे तक सत्संग करते है। नए-नए लोगों को बुलाते है। गांव के भी कुछ लोगों को शामिल करते हैं। पड़ोसी बोला : मुझे भी कई बार लालच दिया, मैंने मना कर दिया अजय सिंह के पड़ोसी भी घटना को लेकर काफी हैरान है। विष्णकुमार ने बताया कि मुझे भी बोला था कि तुम भी जुड़ जाओ। तब मैंने मना कर दिया था। इसके कुछ दिनों के बाद मुझे इंफेक्शन हो गया था। तब भी काफी प्रेशर किया था कि सत्संग में आना शुरू कर दो। बीमारी ठीक हो जाएगी। काफी फायदा मिलेगा, लेकिन मैंने मना कर दिया था। विष्णु ने बताया कि जब भी ये लोग आते है तो बड़े-बड़े स्पीकर लगाते है। माइक से गाने गाते है। प्रभु यीशू का नाम लेते है। दो लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक लालच गांव के लोगों ने बताया कि लोगों को धर्म परिवर्तन कराने पर दो लाख रुपए से लेकर पांच लाख रुपए देते हैं। खुद अजय पहले आगरा में सभा में शामिल होने के लिए जाता था। तूहीराम पूर्व सरपंच ने बताया कि अजय सिंह को पहले भी कई बार समझाया था। लेकिन वह नहीं माना। लोगों को गुमराह करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहता था। गांव में पूरी तरह से शांति थी, लेकिन एक घटना से माहौल खराब हो रहा है। हमें पहले भी अजय की कई बार शिकायत मिली थी। उसे समझाया भी गया था। इसके अलावा एक अन्य महिला भी गांव में सेंटर चला रही है। घर में सेंटर पर पहुंचे तो मिले रिश्तेदार गांव के लोगों से बातचीत के बाद हम सेंटर पहुंचे। अजय सिंह के घर गली में पूछताछ करते हुए पहुंचे। उनके पड़ोस के लोगों ने मामले के बारे में पूछताछ की। अजय के घर पहुंचे तो काफी महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। अजय के रिश्तेदार पप्पू ने बताया कि मैं साढू लगता हूं। पुलिस को मौके से कुछ मिला नहीं है। अजय गांव में डेढ़ साल पहले आया था। रूपवास के श्रीनगर में रहता था। वहां पर कुछ पारिवारिक झगड़ा हो गया था। तब से गांव में ही रहता है। वह पत्थर का काम करता है। उसने किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है। उस पर सारे झूठे इल्जाम लगाए गए हैं। उसकी जमानत हो गई है। फिलहाल किसी की मौत हो गई है उसमें गमी में शामिल होने के लिए गया है। अजय सिंह बन चुका था पादरी जांच में पता लगा कि अजय सिंह खुद पादरी बन चुका था। पुलिस को उसके पास से पादरी होने का सर्टिफिकेट मिला है। एक इलाज करने का सर्टिफिकेट ऑफ थियोलॉजी भी मिला है। इसी से बीमार लोगों का इलाज किया जाता है। साथ ही दो प्रमाण पत्र जीसस लभाना मिनिस्ट्री के भी मिले हैं। जो भरतपुर में करीब 8 सेंटर चला रही है। एसपी मृदुल कच्छावा ने बताया कि पीपला गांव में धर्मपरिवर्तन की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। उनके घर से कई सर्टिफिकेट मिले है। उनके अकाउंट की जांच की जा रही है। उनके पास कहां से फंड आता था और कौन भेजता था। राजस्थान में उत्तरप्रदेश व असम की तरह कोई कानून अलग से नहीं है।
जयपुुर,राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार रात राजस्थान से दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मदन राठौड़ और चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाया है। मदन राठौड़ पाली की सुमेरपुर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं। 2003 में पहली बार विधायक बने थे। वहीं 2013 में दूसरी बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे थे। 2013 से 2018 में सरकारी उप मुख्य सचेतक रहे थे। विधानसभा चुनाव-2023 में भाजपा ने टिकट नहीं तो सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरने की तैयारी थी। हालांकि पार्टी की मान-मनुहार के बाद वे मान गए थे और नाम वापसी कर ली थी। बताया जा रहा है कि इसी का परिणाम रहा कि उन्हें राज्यसभा में भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि बीजेपी में भी संगठन के तौर पर लंबे समय से काम रह रहे हैं। चुन्नीलाल गरासिया राजस्थान सरकार में मंत्री रहे हैं। संगठन में कई पदों पर रहे। बीजेपी एसटी मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। गरासिया वर्तमान में बीजेपी में प्रदेश उपाध्यक्ष है। ओबीसी और आदिवासी को वोटर्स को साधने की कवायद राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा करके बीजेपी ने प्रदेश के ओबीसी और आदिवासी वोटर्स को साधने की कोशिश की है। मदन राठौड़ पाली जिले के सुमेरपुर से आते हैं। यह गोडवाड़ के प्रमुख ओबीसी चेहरा है। वहीं चुन्नीलाल गरासिया को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने आदिवासी वोटर्स काे साधने की कवायद की है। चुन्नीलाल गरासिया की आदिवासी वोटर्स में अच्छी पकड़ है। तीन में से दो सीटों पर बीजेपी, एक पर कांग्रेस की जीत तय तीन सीटों में से दो बीजेपी और एक कांग्रेस के पास है। आगे भी यही गणित रहेगा। राज्यसभा की तीन सीटों में से संख्या बल के हिसाब से दो पर बीजेपी और एक पर कांग्रेस की जीत तय है। इन सीटों पर भूपेंद्र यादव, किरोड़ीलाल मीणा और मनमोहन सिंह का कार्यकाल पूरा हो रहा है। कौन से फॉर्मूला से तय होगी जीत-हार? राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। चुनाव के फॉर्मूले के तहत विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों में 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जैसे- राजस्थान में 200 विधायक हैं और राज्यसभा की 3 सीटें खाली हैं। ऐसे में 200 में 3+1(= 4) का भाग देने पर संख्या 50 आती है। इसमें एक जोड़ने पर यह 51 हो जाता है। इस तरह प्रत्येक प्रत्याशी को जीतने के लिए 51 वोट चाहिए। राजस्थान से 10 राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं। वर्तमान में 6 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा के सांसद काबिज हैं। एक सीट खाली चल रही है। 27 को ही घोषित होंगे नतीजे नोटिफिकेशन के अनुसार, 15 फरवरी तक नामांकन दाखिल करने के अगले दिन 16 फरवरी को स्क्रूटनी होगी। इसके बाद प्रत्याशियों की तस्वीर साफ हो जाएगी। 27 फरवरी को सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। फिर 27 फरवरी की शाम 5 बजे मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने बीजेपी के दोनों राज्यसभा उम्मीदवारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। सीएम भजनलाल शर्मा ने X पर लिखा- भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से राजस्थान में होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए चुन्नीलाल गरासिया और मदन राठौड़ को उम्मीदवार बनाने पर शुभकामनाएं।
राजस्थान सरकार द्वारा स्कूलों में विशेषकर 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर सभी स्कूलों में सूर्य नमस्कार करने का निर्देश जारी किया गया है। इसी के मद्देनजर जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष महमूद असद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलेमा राजस्थान की राज्य कार्यकारिणी की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जयपुर स्थित मुसाफिरखाना में किया गया। सोमवार को अहम बैठक मौलाना कारी मोहम्मद की अध्यक्षता में भी हुई। मीटिंग में सूर्य नमस्कार पर प्रस्ताव जमीअत उलेमा राजस्थान के महासचिव मौलाना अब्दुल वाहिद खत्री ने पेश की। पारित प्रस्ताव के जरिए सूर्य सप्तमी के उपलक्ष्य में समस्त विद्यालयों में विद्यार्थियों, अभिभावकों व अन्य लोगों से सामूहिक सूर्य नमस्कार करने के आदेश की निंदा की गई और इसे धार्मिक मामले में खुले तौर पर हस्तक्षेप करना बताया गया। साथ ही इस प्रस्ताव में कहा गया है कि यह संविधान का उल्लंघन है। राजस्थान के स्कूलों में सूर्य नमस्कार इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर विद्यार्थियों को स्कूल में न भेजें और इस समारोह का बहिष्कार करें। इस बीच जमीयत उलेमा ए हिंद सहित अन्य मुस्लिम संगठनों द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय में एक संयुक्त याचिका दायर की गई है। इसमें 15 फरवरी के कार्यक्रम को रद्द करने और स्कूलों में सूर्य नमस्कार को अनिवार्य करने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से कोर्ट में वकील जहूर नकवी मौजूद थे, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में पर सोमवार को ही सुनवाई करने पर जोर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इसपर सुनवाई की तारीख 14 फरवरी तय की है। क्या बोले जमीअत के नेता जयपुर में जारी जमीअत की बैठक में राज्यभर से जमीअत के नेता शामिल होने पहुंचे। जमीअत उलेमा राजस्थान की राज्य कार्यकारिणी ने स्पष्ट किया है कि बहुसंख्यक हिंदू समाज में सूर्य की भगवान के रूप में पूजा की जाती है। इस अभ्यास में बोले जाने वाले श्लोक और प्रणामासन, अष्टांग नमस्कार इत्यादि क्रियाएं एक पूजा का रूप है। इस्लाम धर्म में अल्लाह के सिलाय किसी अन्य की पूजा स्वीकार्य नहीं है। इसे किसी भी रूप या स्थिति में स्वीकार करना मुस्लिम समुदाय के लिए संभव नहीं है। जमीअत उलेमा ए हिंद का माना है कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में अभ्यास का बहाना बनाकर किसी विशेष धर्म की मान्यताओं को अन्य धर्म के लोगों पर थोपना संवैधानिक मान्यताओं और धार्मिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। जमीअत ने इसे एक घृणित प्रयास बताया।
जयपुर : आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इधर, निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कांग्रेस पर हमलावर बन चुके हैं। उन्होंने एक बार फिर सचिन पायलट की उपेक्षा को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। कृष्णम ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आखिर पायलट के अपमान करने के पीछे किसका इशारा है? आचार्य प्रमोद की इस बयान के बाद कांग्रेस में एक बार फिर हलचल पैदा हो गई है। कब तक भगवान शिव की तरह जहर पियोगे? आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिर से सचिन पायलट की कांग्रेस में हो रही लगातार बेरुखी को लेकर बड़ा हमला किया है। उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस हाई कमान को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ है। लेकिन वे भगवान शिव की तरह जहर पिए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह सब किसके इशारे से हो रहा है? उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का भी काफी अपमान हो रहा है। प्रियंका गांधी को भी बिना किसी पोर्टफोलियो के महासचिव बनाया गया है, यानी वह महासचिव हैं। लेकिन कोई काम नहीं कर सकती। पायलट के पक्ष में शुरू से ही आचार्य प्रमोद बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम सचिन पायलट के शुरू से ही पक्ष में रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने कई बार पार्टी में रहते हुए भी पायलट के पक्ष में बड़े बयान दिए थे। इसको लेकर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने गहलोत को यहां तक नसीहत दे डाली कि अब युवाओं को आगे आने देना चाहिए। गहलोत साहब ! आप भी बड़ा दिल दिखाइए और युवाओं को आशीर्वाद दीजिए। इससे पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विधानसभा चुनाव में पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग भी उठाई थी। तब उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी तो, पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा।
जयपुर : आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनहीनता के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इधर, निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कांग्रेस पर हमलावर बन चुके हैं। उन्होंने एक बार फिर सचिन पायलट की उपेक्षा को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। कृष्णम ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस को खरी खोटी सुनाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि आखिर पायलट के अपमान करने के पीछे किसका इशारा है? आचार्य प्रमोद की इस बयान के बाद कांग्रेस में एक बार फिर हलचल पैदा हो गई है। कब तक भगवान शिव की तरह जहर पियोगे? आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिर से सचिन पायलट की कांग्रेस में हो रही लगातार बेरुखी को लेकर बड़ा हमला किया है। उन्होंने इशारों ही इशारों में कांग्रेस हाई कमान को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट का बहुत अपमान हुआ है। लेकिन वे भगवान शिव की तरह जहर पिए जा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह सब किसके इशारे से हो रहा है? उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का भी काफी अपमान हो रहा है। प्रियंका गांधी को भी बिना किसी पोर्टफोलियो के महासचिव बनाया गया है, यानी वह महासचिव हैं। लेकिन कोई काम नहीं कर सकती। पायलट के पक्ष में शुरू से ही आचार्य प्रमोद बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम सचिन पायलट के शुरू से ही पक्ष में रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने कई बार पार्टी में रहते हुए भी पायलट के पक्ष में बड़े बयान दिए थे। इसको लेकर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने गहलोत को यहां तक नसीहत दे डाली कि अब युवाओं को आगे आने देना चाहिए। गहलोत साहब ! आप भी बड़ा दिल दिखाइए और युवाओं को आशीर्वाद दीजिए। इससे पहले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विधानसभा चुनाव में पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए जाने की मांग भी उठाई थी। तब उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी तो, पार्टी को नुकसान उठाना पड़ेगा।
भरतपुर,भरतपुर में धर्म परिवर्तन का मामला सामने यहां है। यहां ईसाई मिशनरी के 15 लोग साढ़े तीन सौ लोगों को धर्म परिवर्तन करा रहे थे। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद् (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ता पहुंच गए और सभा के वीडियो बना लिए। दोनों पक्षों में छीना-झपटी हुई और भगदड़ मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और 3 लोगों को हिरासत में ले लिया है। मामला शहर के मथुरा गेट थाने का है। हिंदू देवी-देवताओं पर कर रहे थे आपत्तिजनक टिप्पणी विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष लाखन सिंह ने बताया- हमें पता लगा ईसाई मिशनरी की ओर से सोनार हवेली में धर्म परिवर्तन की कोशिश चल रही है। हम मौके पर पहुंचे तो वहां ईसाई धर्म की चंगेजी सभा चल रही थी। वहां 10 से 15 लोग थे, जो यह कह रहे थे कि ईसा-मसीह के पास सभी समस्याओं का हल है। ईसाई धर्म अपनाइए आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। वह चाहे पैसे से संबंधित हो या बीमारी से संबंधित हो और ब्रह्मा, विष्णु, राम, हनुमान कुछ नहीं है। लाखन सिंह ने बताया- धर्म परिवर्तन कराने वाले लोग हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। हमने इसकी रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया। इसके बाद जब हमने उनसे कहा कि हमारे देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी क्यों कर रहे हो तो, उसमें से कुछ महिलाएं खड़ी हुईं और फोन छीनने लगी। मारपीट करने की कोशिश की। महिलाओं को दिए थे 500 रुपए VHP के जिलाध्यक्ष ने बताया कि इस धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया को लेकर हमने वहां आई महिलाओं से बात की। उन्होंने बताया- हमसे ईसाई धर्म के लोगों ने संपर्क किया और सभा में आने के लिए 500 रुपए प्रति महिला दिए थे। महिलाओं से कहा गया था कि आप ईसाई धर्म अपना लीजिए। हम आपके बच्चों की शादी में और घर में सहायता किया करेंगे। प्रशासन ने हिरासत में लिए लोगों से कई चीजें जब्त की हैं। सरगना बोला- चंडीगढ़ से आती है फंडिंग VHP के जिला मंत्री श्याम सुंदर गुप्ता ने बताया- यहां कम से कम 350 लोग थे। हमें सूचना मिलने पर पहुंचे तो मालूम चला कि सभी को अलग-अलग तरीकों से बुलाया गया था। किसी को पैसे देकर तो किसी को बीमारी ठीक करने के बहाने। जब हमने यहां धर्म परिवर्तन करा रहे सरगना को पकड़ा तो उसने कहा- हमें चंडीगढ़ से फंडिंग आती है। हम भी राजस्थान से है और हिंदू ही है। हमने यहां मौजूद लोगों से पूछा, लेकिन उन्होंने कहा कि हमें कोई बीमारी नहीं है। ऐसे में ये मामला सिर्फ और सिर्फ धर्म परिवर्तन का है।
जयपुर,सीएम भजनलाल शर्मा आज दिनभर लोगों के बीच रहने का कार्यक्रम है। इसकी शुरुआत शुक्रवार सुबह सीएम भजनलाल शर्मा ने जयपुर में लोगों के साथ मॉर्निंग वॉक करके की। उन्होंने लोगों के साथ चाय पर चर्चा भी की। दरअसल, सुबह सीएम भजनलाल शर्मा जवाहर सर्किल स्थित पार्क में पहुंचे। यहां उन्होंने मॉर्निंग वॉक की। साथ ही लोगों से बातचीत भी की। साथ में चाय भी पी। इससे पहले भी 2 जनवरी को सीएम भजनलाल शर्मा मानसरोवर के सिटी पार्क पहुंचे थे। यहां भी उन्होंने लोगों के साथ मॉर्निंग वॉक की थी। सीएम ने आज मॉर्निंग वॉक का वीडियो एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा-'आज जवाहर सर्किल पार्क में प्रातः भ्रमण के साथ दिवस की शुरुआत की तथा देवतुल्य जनता व राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं के साथ सकारात्मक संवाद स्थापित किया'। नागौर के गोगेलाव गांव में चौपाल का कार्यक्रम बीजेपी के गांव चलो अभियान के तहत 9 फरवरी से 11 फरवरी तक बीजेपी पदाधिकारी विभिन्न जिलों के दौरे पर रहेंगे। इस अभियान की शुरुआत है। इसमें आज रात सीएम भजनलाल नागौर के गोगेलाव गांव में रुकेंगे। इससे पहले वो गांव में केन्द्र सरकार की 19 योजनाओं को लेकर आयोजित होने वाले अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। दो दिन रहेंगे नागौर व आबूरोड के दौरे पर सीएम भजनलाल शर्मा अगले दो दिन नागौर व आबूरोड के दौरे पर हैं। इसकी शुरुआत सीएम भजनलाल शर्मा नागौर के खरनाल स्थित वीर तेजाजी मंदिर में दर्शन के साथ कर दी है। इसके बाद वे मारवाड़ मुंडवा में वीर तेजाजी महिला शिक्षण संस्थान के वार्षिक उत्सव एवं गर्ल्स हॉस्टल के शिलान्यास में पहुंचे। शाम को नागौर संत लिखमीदास धाम में दर्शन करेंगे। इसके बाद बीजेपी के गांव चलो अभियान के तहत गोगेलाव गांव में रात्रि विश्राम करेंगे। शनिवार को सीएम भजनलाल जोधपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। वे गोगेवाल गांव से सीधे जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से मानपुर हवाई पट्टी आबूरोड पहुंचेंगे। आबूरोड में राजऋषी ग्राम प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। यहीं पर भारतीय मजदूर संघ के 25वें अधिवेशन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
जयपुर,लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी गांव-गांव जाकर मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगी। इसके लिए शनिवार से बीजेपी ने गांव चलो अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत सीएम भजनलाल शर्मा से लेकर पार्टी के सभी पदाधिकारी, नेता और कार्यकर्ता एक रात गांव में रुकेंगे। तीन दिन तक चलने वाले इस अभियान में बीजेपी के करीब 85 हज़ार नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता 54 हजार स्थानों पर एक दिवसीय रात्रि विश्राम करेंगे। इस अभियान की शुरुआत सीएम भजनलाल शर्मा ने नागौर से कर दी है, वे रात्रि विश्राम नागौर के गोगेलाव गांव में करेंगे। वहीं अभियान के पहले दिन उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी सहित राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया, अरूण चतुर्वेदी और कई नेता आज अलग-अलग गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे। सीएम नागौर, डिप्टी सीएम सीकर के गांव में करेंगे रात्रि विश्राम गांव चलो अभियान के जरिए बीजेपी नेता मोदी सरकार की अलग-अलग योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे। जिस गांव में नेता रात्रि प्रवास करेंगे, उस गांव में उन्हें योजनाओं को लेकर विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित करने होंगे। इससे उन योजनाओं की जानकारी ग्रामीणों को मिल सके। आज अभियान के पहले दिन सीएम भजनलाल शर्मा नागौर दौरे पर रहे। वहीं, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा का सीकर जिले के गांव में रात्रि विश्राम का कार्यक्रम हैं। इसके अलावा कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर जिले के कालवाड़ ग्राम पंचायत में रात्रि विश्राम करेंगे। ये नेता भी आज गांव में बिताएंगे रात गांव चलो अभियान के प्रदेश संयोजक एवं प्रदेश प्रवक्ता ओमप्रकाश भडाना ने बताया कि 9 फरवरी से राजस्थान में गांव चलो अभियान की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित अन्य भाजपा पदाधिकारी करीब 85 हजार से अधिक भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश के 54 हजार स्थानों पर एक दिवसीय रात्रि प्रवास करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भीलवाडा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ चूरू, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया जयपुर शहर, अरूण चतुर्वेदी जयपुर दक्षिण, अशोक परनामी अलवर दक्षिण, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया जयपुर उत्तर और प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल राजसमंद के गांव में रात्रि प्रवास करेंगे। प्रवास के दौरान सभी पदाधिकारियों को केंद्र द्वारा तय किए गए 19 तरह के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने होंगे। प्रवास के दौरान सभी प्रवासियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा।
जयपुर,राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने विधानसभा में अंतरिम बजट पेश किया। उन्होंने बजट में युवाओं के लिए 70 हजार नई भर्तियों की घोषणा की गई है। वहीं, बुजुर्ग और महिलाओं की पेंशन में 150 रुपए का इजाफा किया गया है। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों के लिए गोपाल क्रेडिट कार्ड स्कीम भी शुरू होगी और 5 लाख गोपालकों को कर्ज दिया जाएगा। बजट में जयपुर में मेट्रो के विस्तार की मंजूरी दी गई है। वहीं, राजस्थान के 5 लाख घरों में सोलर प्लांट भी लगाए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा पिछली सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप में विरासत में बड़ा कर्ज मिला है। कर्ज दोगुना होकर 5 लाख करोड़ से ज्यादा हो गया है। बजट भाषण के दौरान विपक्ष ने हंगामा भी किया। विपक्ष का आरोप था कि वित्त मंत्री बजट भाषण के बजाय आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं। इस बीच सीएम ने कहा कि एक महिला बजट पढ़ रही हैं, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए। आज पेश हुए अंतरिम बजट की 10 बड़ी घोषणाएं.. मंडी टैक्स समाप्त करने से सस्ते होंगे चीनी और गुड़। लैंड टैक्स समाप्त करने की भी घोषणा। सामाजिक सुरक्षा के तहत महिलाओं व बुजुर्गों की पेंशन में 150 रुपए का इजाफा। ​​​​​​​बुजुर्गों का रोडवेज किराए में अब 50 फीसदी की छूट मिलेगी। अब तक ये छूट 30 फीसदी थी। युवाओं के लिए 70 हजार नई भर्तियों की घोषणा। आरपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा का वार्षिक कैलेंडर जारी होगा। लाडो प्रोत्साहन योजना में गरीब परिवार में बेटी होने पर 1 लाख का सेविंग बॉन्ड मिलेगा। प्रसव राशि भी एक हजार रुपए बढ़ाकर 6 हजार की गई। जयपुर में मेट्रो का विस्तार होगा। जयपुर, जोधपुर और कोटा में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। प्रदेश में नई सड़कों के लिए 1500 करोड़ रुपए स्वीकृ़त। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर गोपाल क्रेडिट कार्ड बनेंगे। पहले फेज में 5 लाख गोपालकों को कर्ज भी दिया जाएगा। कर्मचारियों को डीपीसी में 2 साल की छूट मिलेगी। आशा सहयोगी व अन्य को मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ की लागत से महाराणा प्रताप सर्किट बनाया जाएगा। 20 मंदिरों के विकास के लिए 315 करोड़ का बजट दिया गया है। चीनी और गुड़ पर मंडी टैक्स नहीं लगेगा-दीया कुमारी राजस्थान इकोनॉमिक रिवाइवल टास्क फोर्स बनेगी बकाया वैट के मामलों के लिए 31 जुलाई तक के लिए एमनेस्टी योजना चलाएंगे वाहन कर से जुड़ी एमनेस्टी योजना चलाई जाएगी, माइनिंग एमनेस्टी योजना में ओवरलोडिंग में कंपांउड राशि में 96 फीसदी तक छूट दी जाएगी निवेशकों के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन और सभी जिलों में 24 घंटे काम करनेवाले आदर्श स्टेशन शुरू किए जाएंगे चीनी और गुड़ पर मंडी टैक्स खत्म होगा। वहीं, लैंड टैक्स खत्म करने की भी घोषणा की गई है। पहले के लैंड टैक्स के बकाया मामलों में छूट दी जाएगी। स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था समाप्त कर ई-लाइसेंस की व्यवस्था लागू होगी। 100 करोड़ से महाराणा प्रताप सर्किट बनेगा गोवर्धन परिक्रमा, पूंछड़ी का लोटा को शामिल करते हुए 20 प्रसिद्ध मंदिरों का विकास करने के लिए 315 करोड़ का बजट दिया गया है। महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट विकसित करने के लिए 100 करोड़ का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में आर्म्ड फोर्सेज म्यूजियम के लिए डीपीआर बनेगी। जोधपुर के खेजड़ली में अमृता देवी विश्नोई देसी प्लांट केंद्र बनेगा। 200 करोड़ से मॉडर्न होगी पुलिस, मीसाबंदी पेंशन फिर बहाल बजट में पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए पुलिस मॉडर्नाइजेशन एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने की घोषणा की गई है। इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। थानों में साइबर हेल्प डेस्क तैयार होगी। आपातकाल में मीसा और डीआरआई बंदियों की लोकतंत्र सेनानी पेंशन फिर से बहाल करने की घोषणा की गई है। मीसाबंदियों को 20 हजार रुपए पेंशन और 4000 रुपए मेडिकल सुविधा दी जाएगी। लोकतंत्र सेनानी पेंशन अधिनियम बनेगा, इसके लिए बिल लाया जाएगा। महिला हेल्प डेस्क बनाई जाएगी। नारी निकेतन में CCTV लगाए जाएंगे। कर्मचारियों के लिए बजट में... कर्मचारियों को प्रमोशन के अतिरिक्त अवसर दिए जाएंगे। डीपीसी में दो साल की छूट दी जाएगी। कर्मचारियों को जीपीएफ की डिटेल ऑनलाइन दी जाएगी। वहीं, उनके रिटायरमेंट के दिन ही पेंशन से जुड़ी मंजूरियां दी जाएगी। पेंशनर्स को घर बैठे लाइफ सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी होंगे। अगले साल से आशा सहयोगी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहायिका और पंचायतीराज कर्मचारियों के मानदेय में 10 फीसदी बढ़ोतरी की जाएगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई, किराए में मिलेगी छूट सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1000 से बढ़ाकर 1150 की गई है। इसके लिए 1800 करोड़ का वित्तीय प्रावधान किया गया है। स्ट्रीट वेंडर्स और मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना शुरू की जाएगी। इसमें 100 रुपए तक मासिक प्रीमियम देना होगा। इसके बाद 60 साल के बाद 2000 रुपए पेंशन मिलेगी। 60 से 80 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों को अब रोडवेज में आधा किराया ही लगेगा। छूट 30 से बढ़ाकर 50 फीसदी की गई है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का नाम बदला चिरंजीवी योजना का नाम अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना किया गया है। इस योजना में कैंसर का डे केयर इलाज भी शामिल होगा। अगले साल से हाईवे पर एक्सीडेंट में जान बचाने के लिए 25 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जाएंगी। महिलाओं के लिए बजट में घोषणा.. लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। लखपति दीदी योजना के तहत 5 लाख परिवारों की महिलाओं की आय को एक लाख से ज्यादा बढ़ाया जाएगा। लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर 1 लाख रुपए सेविंग बॉन्ड मिलेगा। पीएम मातृ वंदन योजना के तहत महिलाओं को पहले प्रसव पर 5000 से बढ़ाकर 6000 रुपए किया जाएगा। इस पर 90 करोड़ खर्च होंगे। हर ब्लॉक स्तर पर एक आंगनबाड़ी को आदर्श बनाया जाएगा। इस पर 20 करोड़ खर्च होंगे। 50 युवाओं को ओलिंपिक के लिए किया जाएगा ट्रेंड ओलिंपिक में भाग लेने के लिए प्रदेश के लिए मिशन ओलंपिक 2028 की घोषणा की गई है। इसमें 50 युवाओं का ओलिंपिक में चयन के लिए ट्रेंड किया जाएगा। इसके लिए जयपुर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। बालिकाओं के लिए 25-25 करोड़ की लागत से स्पोर्टस सेंटर खुलेंगे। युवा और शिक्षा के लिए बजट में.. पिछली सरकार के समय पेपरलीक और समय पर परीक्षाएं नहीं होने से युवाओं के भविष्य से अन्याय हुआ। इससे युवाओं में गहरा असंतोष है। सरकार बनते ही पेपरलीक के दोषियों को सजा दिलाने एसआईटी बनाकर कार्रवाई शुरू कर दी है। युवाओं को एंप्लोयबल बनाना जरूरी है। हर जिले में रोजगार मेले और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम लगाए जाएंगे। आरपीएससी और कर्मचारी चयन बोर्ड का वार्षिक भर्ती कैलेंडर जारी किया जाएगा।करीब 20 हजार युवाओं को गाइड हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग दी जाएगी अल्प आय वर्ग, सीमांत किसानों के बच्चों को केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा मिलेगी। पहली से आठवीं के सभी छात्र और 9 से 12 वीं तक की छात्राओं को 1000 रुपए मिलेंगे। इससे 70 लाख बच्चों को फायदा मिलेगा। बजट में किसानों के लिए.. 2000 करोड़ का कृषि क्षेत्र के लिए राजस्थान एग्रीकल्चर कोष बनेगा। 20 हजार फार्म पोन्ड, 5000 किसानों के लिए वर्मी कम्पोस्ट, फूडपार्क और हॉर्टीकल्चर हब बनेंगे। 500 कस्टमर हायरिंग सेंटर बनेंगे। किसानों को मुफ्त बीज किट दिए जांएगे। किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर गोपाल क्रेडिट कार्ड। पहले फेज में 5 लाख गोपालक परिवारों को कर्ज दिया जाएगा। हर गोपालक को 1 लाख का कर्ज दिया जाएगा। मेट्रो और इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी, रूट फाइनल जयपुर मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। नए रूट के लिए डीपीआर को मंजूरी। सीतापुरा-विद्याधर नगर के बीच रूट है फाइनल। वहीं, जोधपुर, कोटा और जयपुर में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। नई सड़कों के लिए 1500 करोड़ रुपए मिले बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस रहेगा। इन पर हमारी सरकार का फोकस रहेगा। सभी गरीब परिवार को 450 रुपए में गैस सिलेंडर दे रहे हैं। इससे करीब 73 लाख परिवारों को राहत प्रदान की है। गरीबों काे अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से 600 ग्राम भोजन देने का फैसला किया है। इसके लिए राजकीय सहायता प्रति थाली 17 रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए की गई है। इससे 300 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च होंगे। मेडिकल और बुनियादी सुविधाओं के लिए 1000 करोड़ कर प्रावधान। सड़कों के लिए 1500 करोड़ की घोषणा। पिछली सरकार ने लाडपुरा, नसीराबाद, डग, गोगुंदा, मालपुरा जैसे कई इलाकों के लिए राजनीति से प्रेरित होकर कोई योजना लागू नहीं की। ऐसे इलाकों के लिए अस्पताल, कॉलेज, स्कूल खोलने और क्रमोन्नत करने के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने गुरुवार को विधानसभा में अंतरिम बजट पेश किया है। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा। दीया कुमारी ने ऐलान किया कि जिन इलाकों में अस्पताल, स्कूल नहीं हैं या उन्हें कर्मोंनत करने की आवश्यकता है, इन इलाकों के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वहीं सड़कों के विकास के लिए 1500 करोड़ का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं दीया कुमारी ने बताया कि 1,39,000 करोड़ से अधिक बिजली कंपनियों का अभी बकाया है। 450 रुपए में मिलने लगा सिलेंडर दिया कुमारी बजट पेश करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की दी हुई गारंटीयों पर हमने काम करना शुरू कर दिया है। 450 रुपए में महिलाओं को गैस सिलेंडर देने की शुरुआत की गई है और 70 लाख से अधिक परिवारों को राहत दी गई है। साथ ही अस्पतालों, स्कूलों को क्रमोन्नत करने के लिए 1000 करोड़ रुपए की घोषणा की है। सड़कों के विकास के लिए 1500 करोड़ रुपए की भी घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि 5 परिवारों के घरों पर सोलर यूनिट लगाने के लिए सरकार काम करेगी। इसके साथ ही जोधपुर में 500 इलेक्ट्रिक बसों की भी घोषण की है। प्रदेश में 70 हज़ार पदो पर होगी भर्ती बजट पेश करते हुए दीया कुमारी ने ऐलान किया कि प्रदेश में 70 हज़ार पदो पर भर्ती की जाएगी। किसान क्रेडिट कार्ड की तरह गोपाल क्रेडिट कार्ड की भी घोषणा की गई है। पहले चरण में 5 लाख गोपालकों को इससे जोड़ा जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का नाम बदलने का भी ऐलान किया है। दीया कुमारी ने कहा, "चिरंजीवी योजना का नाम अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना किया गया है। जिसमें इस योजना में कैंसर का डे केयर इलाज भी शामिल होगा। लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू होगी इस बजट में ऐलान किया गया है कि राजस्थान में लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू होगी। लखपति दीदी योजना के तहत 5 लाख परिवारों की महिलाओं की आय को एक लाख से ज्यादा बढ़ाया जाएगा। लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर 1 लाख रुपए सेविंग बॉन्ड मिलेगा। इतना ही नहीं पीएम मातृ वंदन योजना के तहत महिलाओं को पहले प्रसव पर 5000 से बढ़ाकर 6000 रुपए किया जाएगा। इस पर 90 करोड़ खर्च होंगे। हर ब्लॉक स्तर पर एक आंगनबाड़ी को आदर्श बनाया जाएगा। इस पर 20 करोड़ खर्च होंगे। शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए 1,000 करोड़ आवंटित बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत बजट स्वीकृत होने तक सीमित अवधि के लिए आवश्यक सरकारी व्यय को पूरा करने के लिए अंतरिम बजट पेश किया जाता है। यह कुल अनुमान के छठे हिस्से के बराबर राशि पर कुछ महीनों के लिए प्रदान किया जाता है। राजस्थान की वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में विधानसभा क्षेत्रों में स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों की स्थापना, उन्नयन के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है।
विधानसभा में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने लिया तैयारियों का जायजा जयपुर, 7 फरवरी। राज्यसभा द्विवार्षिक निर्वाचन-2024 के लिए 8 फरवरी को अधिसूचना जारी होगी, इसके साथ ही नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। मुख्य निवार्चन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 15 फरवरी, 2024 तक नामांकन पत्र भरे जा सकेंगे राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया राज्य विधानसभा परिसर में होगी। श्री गुप्ता ने इसके लिए बुधवार को तैयारियों का जायजा लिया। श्री गुप्ता ने विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री महावीर प्रसाद शर्मा एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा 16 फरवरी को होगी, जबकि 20 फरवरी तक अभ्यर्थी नाम वापस ले सकेंगे। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। मतगणना इसी दिन सायं 5 बजे से होगी। चुनाव प्रक्रिया 29 फरवरी से पूर्व सम्पन्न कर ली जाएगी। गौरतलब है कि प्रदेश में राज्यसभा की 3 सीटों के लिए निर्वाचन सम्पन्न होना है, जो 3 अप्रैल 2024 को रिक्त हो रही हैं।
भीलवाड़ा में नवीन विद्यालय भवन का किया शिलान्यास जयपुर, 7 फरवरी। पशुपालन एवं गोपालन मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने बुधवार को भीलवाड़ा जिले में 94.58 लाख रुपये की लागत से बनने वाले राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सालरमाला के नवीन विद्यालय भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने आमजन को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय भवन में आठ कक्षा कक्ष, किचन शेड, शौचालय और पेयजल सुविधा का निर्माण होगा। इनके निर्माण के पश्चात स्कूल का संचालन अच्छे ढंग से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आसींद क्षेत्र में पशुओं की बहुतायत है। पशुओं के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय की आवश्यकता को देखते हुए गांगलास ग्राम पंचायत में पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने की बात भी कही। राज्य सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से कर रही कार्य उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कार्य कर रही है। भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई राज्य सरकार की प्राथमिकता है। साथ ही कहा कि नई शिक्षा नीति से बच्चे रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे । उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इसे व्यवसाय के तौर पर अपनाए जाने की आवश्यकता है। देशी गोवंश के मामले में राजस्थान समृद्ध प्रदेश है, क्योंकि यहां की देशी नस्लों को हर परिस्थिति में पाला जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में गायों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। उनके प्रति सहानुभूति रखें। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में राज्य को अग्रणी स्थान पर लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। शिलान्यास कार्यक्रम में आसींद विधायक श्री जब्बर सिंह सांखला ने भी शिरकत की और पशुपालन मंत्री से क्षेत्र की जनता और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे। -----  
जयपुर: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक पेश कर दिया। इस विधेयक में बहुविवाह और 'हलाला' जैसी प्रथाओं को आपराधिक कृत्य बनाने तथा 'लिव-इन' में रह रहे जोड़ों के बच्चों को जैविक बच्चों की तरह उत्तराधिकार दिए जाने का प्रावधान है। इस बीच राजस्थान की भजनलाल सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सूबे में समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी की जा रही है और इस बारे में चर्चा होनी है। उन्होंने पिछले कुछ दिनों से सूबे में हिजाब पर जारी विवाद पर भी बयान दिया। हम भी UCC लागू करने की तैयारी कर रहे हैं’ राजस्थान के कैबिनेट मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड UCC लागू करने वाला पहला राज्य बना है और इसके लिए हम उसे बधाई देते हैं। चौधरी ने कहा, ‘हम भी समान नागरिक संहिता को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं। कानून तो एक ही चलेगा, 2 कानून नहीं चल सकते। हिंदुस्तान में समान नागरिक संहिता लागू करना बहुत जरूरी है। हम मुख्यमंत्री से बात करके इसे लागू करने के लिए चर्चा करने जा रहे हैं।’ वहीं, हिजाब पर बोलते हुए चौधरी ने कहा कि हर जगह ड्रेस कोड चल रहा है ऐसे में हिजाब हटना चाहिए। बीजेपी ने किया था UCC लागू करने का वादा बता दें कि UCC पर अधिनियम बनाकर उसे उत्तराखंड में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान BJP द्वार किए गए सबसे बड़े वादों में से एक था। सूबे में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद BJP ने मार्च 2022 में सत्ता संभालने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक में UCC का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी के गठन को मंजूरी दे दी थी। कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही UCC लागू है।
जयपुर, 6 फरवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को भरतपुर के ट्रैफिक चौराहे पर स्थित मुख्यमंत्री जनसुनवाई केन्द्र का फीता काटकर लोकार्पण किया। उन्होंने जनसुनवाई केंद्र परिसर का अवलोकन कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जनसुनवाई केन्द्र में विशेषाधिकारी लगाकर कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे आमजन की परिवेदनाओं का स्थानीय स्तर पर शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने परिवेदनाओं को संवेदनशीलता के साथ सुना - मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई केन्द्र पर आमजन के अभाव-अभियोग सुने। उन्होंने आमजन की एक-एक परिवेदना को संवेदनशीलता के साथ सुनकर अधिकारियों को इन प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्राप्त परिवेदनाओं पर कार्यवाही रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय नियमित रूप से भिजवाने के भी निर्देश दिए। राजीविका एवं पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए- मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने जनसुनवाई के बाद भरतपुर व डीग जिले में दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 600 स्वयं सहायता समूहों को 9 करोड़ रुपए की ऋण राशि के चैक वितरित किए। इससे 7200 महिलाओं के परिवार लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर्स को भी ऋण स्वीकृति के चेक प्रदान किए। इस दौरान गृह राज्य मंत्री श्री जवाहर सिंह बेढ़म, विधायक श्री शैलेश सिंह, संभागीय आयुक्त श्री सांवरमल वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक श्री राहुल प्रकाश, भरतपुर जिला कलक्टर श्री लोकबंधु सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जयपुर, 6 फरवरी। राज्य में 452.32 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 339 माइनर मिनरल प्लॉटों की नीलामी ई-पोर्टल एमएसटीसी पर 7 फरवरी बुधवार से आरंभ हो रही है। निदेशक माइंस एवं भूविज्ञान डॉ. प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि इसमें 63 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 131 प्लॉटों की क्वारी लाइसेंस के लिए ई-नीलामी होगी वहीं 208 खनन प्लाटों की नीलामी होगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने 11 जनवरी को माइंस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाने के निर्देश दिए थे वहीं प्रदेश में वैध खनन को बढ़ावा देने के लिए माइनिंग ब्लॉकों की नीलामी पर जोर दिया था। खान सचिव श्रीमती आनन्दी ने विभाग की वर्चुअल बैठकों के दौरान मेजर एवं माइनिंग ब्लॉक तैयार कर उनकी ई-नीलामी शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। विभाग द्वारा ई-नीलामी सूचना जारी कर दी गई है और माइनर मिनरल के ब्लॉकों की नीलामी 7 फरवरी से शुरू होने के साथ 29 फरवरी तक चलेगी। ई-नीलामी प्रक्रिया व विस्तृत विवरण विभागीय वेबसाइट व भारत सरकार के ई पोर्टल पर देखा जा सकता है। क्वारी लाइसेंस नीलाम वाले प्लॉट्स छोटी साइज के होने से स्थानीय लोगों व कम साधन वाले इच्छुक भी नीलामी में भाग लेने का अवसर मिल पाता है और माइनिंग क्षेत्र में स्थानीय भागीदारी बढ़ जाती है। माइनर मिनरल के इन प्लॉटों की ई नीलामी पारदर्शी तरीके से एमएसटीसी पोर्टल पर होगी। निदेशक माइंस डॉ. प्रज्ञा केवलरमानी ने बताया कि भीलवाड़ा, जोधपुर ग्रामीण व चित्तौड़गढ़ के 63 हैक्टेयर क्षेत्रफल के मुख्यतः सेंड स्टोन के 131 क्वारी प्लॉटों की ई-नीलामी की जाएगी। यह नीलामी प्रक्रिया 7 फरवरी को आरंभ होकर 21 फरवरी तक चलेगी। नीलामी का विस्तृत कार्यक्रम विभागीय वेबसाइट व एमएसटीसी प्लेटफार्म पर देखी जा सकती है। क्वारी लाइसेंस 30 वर्ष की अवधि के लिए जारी होंगे। इसी तरह से पाली, सिरोही, प्रतापगढ़, अजमेर, करौली, भीलवाड़ा, चित्तोड़गढ़, ब्यावर, जोधपुर ग्रामीण, बीकानेर, सांचोर, राजसमंद, उदयपुर, नीम का थाना के माइनर मिनरल मारबल, क्वार्टज फेल्सपार, बॉल क्ले, सिलिकासेंड, चाइना क्ले, सेंड स्टोन, व मेसेनरी स्टोन के 208 खनिज प्लॉटों के 50 वर्ष की अवधि के लिए माइनिंग लाइसेंस ई नीलामी से जारी होंगे। ई-नीलामी प्रक्रिया बुधवार 7 फरवरी से शुरू होकर 29 फरवरी तक चलेगी। नीलामी में भाग लेने के इच्छुक आमजन, कंपनियां आदि कोई भी कहीं से भी एमएसटीसी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराकर निश्चित दिनांक व निर्धारित समयानुसार हिस्सा ले सकते हैं। क्वारी प्लॉटों व माइनिंग प्लॉटों की विस्तृत जानकारी, प्रक्रिया और अन्य शर्तें आदि विभागीय वेबसाइट व एमएसटीसीपोर्टल पर उपलब्ध है। विभाग द्वारा इसी माह मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की भी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ई-नीलामी की जाएगी।
जयपुर, 6 फरवरी। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने मंगलवार को राजभवन में श्री मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति पद की शपथ दिलाई। जस्टिस श्रीवास्तव ने हिंदी में शपथ ली। समारोह के प्रारम्भ में मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने राज्यपाल से श्री श्रीवास्तव को शपथ दिलवाने का आग्रह किया। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु द्वारा जारी मुख्य न्यायाधिपति की नियुक्ति अधिसूचना एवं वारंट पढ़कर सुनाया। समारोह में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी, उप मुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी और मंत्रिमण्डल के सदस्यगण, जनप्रतिनिधिगण, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण, अधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं मुख्य न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव के परिजन उपस्थित रहे।
जयपुर, 6 फरवरी। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी (पशुपालन विभाग) भर्ती—2019 के पदों हेतु साक्षात्कार का दसवां चरण 12 फरवरी से 29 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यर्थियों के साक्षात्कार-पत्र आयोग की वेबसाइट पर यथा समय अपलोड कर दिए जाएंगे। आयोग सचिव ने बताया कि दसवें चरण में 378 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का आयोजन निर्धारित कार्यक्रमानुसार किया जाएगा। साक्षात्कार के समय अभ्यर्थी अपने समस्त मूल प्रमाण-पत्र मय फोटो प्रति साथ अवश्य लाएं अन्यथा साक्षात्कार से वंचित कर दिया जाएगा।
जयपुर, 6 फरवरी। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा कनिष्ठ विधि अधिकारी (विधि एवं विधिक कार्य विभाग) भर्ती-2023 के पदों हेतु साक्षात्कार का प्रथम चरण 27 फरवरी से 29 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जाएगा। अभ्यर्थियों के साक्षात्कार-पत्र आयोग की वेबसाइट पर यथा समय अपलोड कर दिए जाएंगे। आयोग सचिव ने बताया कि प्रथम चरण में 108 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार का आयोजन निर्धारित कार्यक्रमानुसार किया जाएगा। साक्षात्कार के समय अभ्यर्थियों को समस्त मूल प्रमाण-पत्र, विस्तृत आवेदन-पत्र आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर दो प्रतियों में भरकर मय मूल प्रमाण-पत्रों की फोटो प्रतियों सहित आवश्यक रूप से प्रस्तुत करना होगा अन्यथा साक्षात्कार से वंचित कर दिया जाएगा।
राजस्थान के स्कूलों में ड्रेस के अलावा छात्र-छात्राएं कुछ और पहन कर नहीं आएंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि आदेश जारी हो चुके हैं कि स्कूल में यूनिफॉर्म के अलावा कुछ भी मान्य नहीं। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म पहन कर ही स्कूल में जाइए। उन्होंने कहा कि ये पहले से लागू है। निर्देश दे दिए गए हैं। ऐसी शिकायत मिली तो कार्रवाई करूंगा। मैंने हिजाब की चर्चा की ही नहीं... शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, "मैंने हिजाब की चर्चा की ही नहीं, ड्रेस कोड के अलावा कुछ भी पहन कर नहीं आ सकते।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मैं तंजीम बहन की बहादूरी की दाद देता हूं कि उनमें देशभक्ति का जज्बा है और देशभक्ति कूट-कूट कर भरी हुई है। मैं चाहता हूं कि राजस्थान में ऐसी लाखों बहनें हों जिनमें देशभक्ति का जज्बा हो।" राजस्थान में हिजाब को लेकर घमासान बता दें कि कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में हिजाब को लेकर घमासान जारी है। हिजाब को लेकर गुजरात की तंजिम मेरानी जयपुर में अपने पिता के साथ अनशन पर बैठी हैं। आंदोलन के बाद राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री को सामने आना पड़ा। साथ ही यह कहना पड़ा कि स्कूलों में स्कूल ड्रेस कोड ही लागू होगा और जो इसका पालना नहीं करेगा, वह अपने लिए कोई दूसरा स्कूल ढूंढ सकता है।
जयपुर : राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल पूरे प्रशासनिक ढांचे में फेरबदल करने में जुटे हुए हैं। पिछले महीने उन्होंने आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारियों के बड़ी संख्या में ट्रांसफर किए। वहीं अब राजस्थान में लोकसभा चुनाव के चलते फिर से मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारियों के तबादलों का भी मन बना रहे हैं। राज्य के कई जिलों के करीब 30 से अधिक एसपी बदल सकते हैं। इसके लिए कवायद लगातार जारी है। मुख्यमंत्री कर रहे हैं पूरा प्रशासनिक फेरबदल नई सरकार बनने के बाद हमेशा राज्य के पूरे प्रशासनिक अमले में फेरबदल देखने को मिलता है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल भी लगातार पिछले महीने से राज्य के पुलिस और प्रशासन के मुखियाओं को बदलते जा रहे हैं। इससे पहले पिछले महीने उन्होंने करीब 35 जिला कलेक्टर के ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के स्टॉफ को लगाने के लिए भी मुख्यमंत्री कवायद कर रहे हैं। करीब 30 से अधिक एसपी के हो सकते हैं ट्रांसफर लोकसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल राज्य में अपनी पूरी फील्डिंग जमाने में जुटे हुए हैं। बड़े स्तर पर जिला कलेक्टरों के ट्रांसफर करने के बाद अब उनकी नजर जिलों के एसपी पर है। चर्चा हैं कि 30 से अधिक एसपी के ट्रांसफर अगली सूची में देखने को मिल सकते हैं। इसको लेकर आला अधिकारियों की कवायद जारी है। इनमें कई एसपी ऐसे हैं। जो गहलोत सरकार के दौरान से ही उन जिलों में जमे हुए हैं। ऐसे में बीजेपी अब ऐसे एसपी को बदलने की तैयारी कर रही है। आरएएस अधिकारियों की भी आ सकती है सूची इधर, राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में भी फेरबदल की भी संभावना बताई जा रही है। इससे पहले भी सरकार ने आरएएस अधिकारियों की 6 तबादला सूची जारी की। इसमें 170 से ज्यादा अधिकारियों को इधर-उधर किया गया है। संभावना जताई जा रही है कि आरएएस अधिकारियों की एक और बड़ी तबादला सूची जल्द जारी हो सकती है।
कोटा,शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- स्कूलों में टीचर्स ने गलत आचरण किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चलाया जाएगा। चाहे मुझे फांसी हो जाए। उन्होंने कहा- स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम की भी समीक्षा की जाएगी। अकबर महान था, ये बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा। शिक्षा मंत्री शनिवार सुबह 11 बजे कोटा के महावीर ​नगर स्थित राजकीय बालिका स्कूल में साइकिल वितरण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा- मित्रों, मुझे बहुत बुरा लगता है, जब विद्या के मंदिर में अखबार में पढ़ता हूं। सुनता हूं कि अमुख स्कूल में एक बालिका के साथ अच्छा व्यवहार नहीं हुआ, वह भी एक शिक्षक की ओर से। बहुत दुख होता है, हमारी उस प्रतिज्ञा का क्या हुआ, जिसमें हम गुरु शिष्य की बात करते हैं, कहते हैं कि सभी देशवासी मेरे भाई-बहन है। अगर कोई शिक्षक ही ऐसा व्यवहार करेगा तो वह कैसा शिक्षक है? शिक्षा मंत्री बोले- आपके माध्यम से लोगों से आग्रह कर रहा हूं कि ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं छोडूंगा। निलंबित करने के बाद उसे बर्खास्त करने तक की कार्रवाई तो करूंगा और प्रॉपर्टी पर बुलडोजर भी चलाऊंगा। चाहे कोई नियमों की अवहेलना करने पर मुझे फांसी की सजा हो जाए, लेकिन यह बर्दाश्त योग्य नहीं है। मेरे प्रदेश में जहां हम बहुत सम्मान करते हैं, यहां तक कहते हैं कि जिस घर में नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं, गलत आचरण नहीं होने देंगे। उन्होंने 26 जनवरी को नागौर के परबतसर की घटना का जिक्र करते हुए कहा- टीचर शराब पीकर डांस कर रहा था, देर रात को उसे निलंबित कर दिया है। यह नहीं चलेगा, जो अधिकारी बीच-बचाव में आएगा, ऐसे लोगों की सिफारिश करने की कोशिश करेगा या हल्के में लेगा, वह भी इस अपराध में शामिल होना माना जाएगा और उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री बोले- सरकार जब घोषणा करती है तो उसे पूरा भी करना चाहिए। वे बोले- मेरा प्रयास रहेगा कि उनके विभाग में जो भी घोषणा हो वह पूरी हो। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने के मुद्दे पर कहा कि जो संसाधन है, उनसे ही काम चलाना पड़ता है, प्रयास रहेगा की शैक्षिक और गैर शैक्षिक कार्य में संतुलन बना रहे। स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम की समीक्षा होगी दिलावर ने कहा- राजस्थान के स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम की भी समीक्षा की जाएगी। अकबर महान था, ये बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा। अकबर ने महाराणा प्रताप के साथ युद्ध किया । दोनों में से कोई तो देश का खलनायक होगा। मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ने वाले महाराणा प्रताप की जगह व्यभिचारी और देश का आक्रांता अकबर केसे महान हो सकता है। ये इतिहास गलत है।
जयपुर: प्रदेश की नई सरकार ने चिकित्सा सुविधाओं के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। अब तक सरकारी अस्पतालों में मरीजों के देखने के लिए आउटडोर में डॉक्टर दोपहर 3 बजे तक उपस्थित रहते थे लेकिन अब उन्हें शाम 6 बजे तक उपस्थित रहना होगा। राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों और नर्सिंग स्टाफ को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक उपस्थित रहने के आदेश जारी किए हैं। दोपहर डेढ़ बजे से दो बजे तक लंच टाइम होगा। इसके अतिरिक्त पूरे समय मरीजों को परामर्श, जांच और उपचार करना होगा। सरकार के इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। अब तक दोपहर 3 तक होती थी ड्यूटी सरकारी जिला, उप जिला अस्पतालों, पीएचसी और सीएचसी में अब तक गर्मियों में और सर्दियों में मरीज देखने का अलग अलग समय निर्धारित था। सर्दियों में सुबह सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक और गर्मियों में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ड्यूटी होती थी। आउटडोर में डॉक्टर केवल 6 घंटे ही मौजूद रहते थे। मरीजों की जांचें भी अमूमन इसी समय होती थी। जांच रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों को अगले दिन का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। डॉक्टरों की ड्यूटी शाम 6 बजे तक होने पर मरीज शाम तक अपनी जांच रिपोर्ट डॉक्टर को दिखाकर दवा लिखा सकेंगे। पहले आदेश से हुआ कन्फ्यूज, फिर संशोधित आदेश जारी गुरुवार 25 जनवरी को जारी आदेश को लेकर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के साथ आमजन में काफी कनफ्यूज था। इस आदेश में कार्यालय में उपस्थित रहने का जिक्र था। आमजन यह सोच रहे थे कि अस्पतालों में मरीजों को देखने का समय बदल गया है जबकि डॉक्टरों का कहना था कि यह आदेश केवल कार्यालयों में तैनात अधिकारियों, डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों के लिए है। अब भ्रम की इस स्थिति को दूर करते हुए शनिवार 27 जनवरी को संसोधित आदेश में स्पष्टीकरण जारी किया। नए आदेश के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों, सैटेलाइट हॉस्पिटल, पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में तैनात डॉक्टरों, चिकित्सा अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी पर रहना होगा। ध्यान रहे ये आदेश मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के लिए नहीं है। राज्य सरकार ने अस्पतालों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी गई है। चिकित्सा अधिकारियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल पहुंचते ही बायोमेट्रिक हाजरी लगानी होगी। बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ अस्पताल के रजिस्टर में भी अपनी उपस्थिति और समय दर्ज करना होगा। साथ ही अस्पताल छोड़ने का समय भी आवागमन पंजिका में इंद्राज करना होगा। सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना कोई भी स्टाफ अगर गैरहाजिर रहा तो उनके खिलाफ रहा तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
जयपुर,राज्य सरकार ने दो आईएएस के तबादले किए और एक का तबादला निरस्त किया है। 12 आईएसस अफसरों को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। कार्मिक विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। सेंट्रल डेपुटेशन से लौटने के बाद एपीओ चल रहे सीनियर आईएएस आलोक को दिल्ली में चीफ रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर पोस्टिंग दी गई है। आलोक को पहले सीएमओ या फाइनेंस में पोस्टिंग की चर्चा थी। स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी के जॉइंट सीईओ जसमीत संधू का तबादला सलूंबर कलेक्टर के पद पर किया है। मुकुल शर्मा का निदेशक सिविल एविएशन और जीएडी उपसचिव से सलूंबर कलेक्टर के पद पर किया तबादला निरस्त कर दिया है। जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल को जोधपुर ग्रामीण जिले के कलेक्टर का अतिरिक्त चार्ज दिया है। इन 12 आईएएस को अतिरिक्त चार्ज सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के एसीएस कुलदीप रांका को राज्य आयुक्त विशेष योग्यजन, परिवहन विभाग की एसीएस श्रेया गुहा को अध्यक्ष राज्य बस टर्मिनल विकास प्राधिकरण, एसीएस होम आनंद कुमार को आयुक्त नागरिक सुरक्षा विभाग, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा को अध्यक्ष राजसीको और आयुक्त राजस्थान फाउंडेशन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। कृषि विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया को अध्यक्ष बीज निगम, यूडीएच के प्रमुख सचिव टी रविकांत को अध्यक्ष जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (JCTSL), आईटी विभाग की प्रमुख सचिव आरती डोगरा को अध्यक्ष राजकॉम्प इंफो सर्विसेज लिमिटेड, उद्यानिकी आयुक्त लक्ष्मण सिंह कुड़ी को निदेशक कृषि विपणन और प्रशासक कृषि विपणन बोर्ड का अतिरिक्त चार्ज दिया है। देवस्थान आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी को निदेशक खान, पर्यटन विभाग की निदेशक रश्मि शर्मा को सीईओ मेला विकास प्राधिकरण, जोधपुर कलेक्टर गौरव अग्रवाल को जोधपुर ग्रामीण कलेक्टर और बीडा के सीईओ सलोनी खेमका को डिप्टी सीईओ खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का अतिरिक्त चार्ज दिया है।
जयपुर, 25 जनवरी। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने सशक्त लोकतंत्र के लिए मतदान जागरूकता के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि मतदान लोकतंत्र की आत्मा है। प्रयास करें कि राज्य का हर पात्र व्यक्ति लोकतंत्र के महायज्ञ में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करे। श्री मिश्र गुरुवार को 14 वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए चलाया जा रहा अभियान हर स्कूल, कॉलेज से लेकर गांव गांव तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर एक वोट महत्वपूर्ण होता है। अधिक से अधिक लोग मतदान में हिस्सा लेंगे तभी राज्य और राष्ट्र को हम कुशल नेतृत्व प्रदान करने की मुहिम में आगे बढ़ सकेंगें। राज्यपाल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस को लोकतंत्र का विशिष्ट पर्व बताते हुए नागरिकों को अपने मत का प्रयोग देश के प्रति दायित्वपूर्ण भावना रखते हुए करने का भी आह्वान किया। श्री मिश्र ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र विविधता में एकता आधारित है। भारत के लोग ही वह शक्ति हैं जो हमारे देश के संविधान को सक्षम, शक्तिपूर्ण और महत्वपूर्ण बनाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हर नागरिक सोच समझ कर अपने मतदान का प्रयोग करें। यदि हम अच्छे जन प्रतिनिधियों का चूुनाव करते हैं तो देश और समाज तेजी से आगे बढ़ेगा और सर्वांगीण विकास की नई और उज्ज्वल राहें खुलेगी। उन्होंने आगामी लोक सभा चुनाव 2024 के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बीएलओ घर-घर पहुंचकर प्रयास करे कि त्रुटि रहित एवं साफ-सुथरी मतदाता सूचियां तैयार हो। उन्होंने कहा कि निवार्चन आयोग की विविध गतिविधियों की जानकारी सभी नागरिकों, मीडिया व राजनीतिक दलों आदि को मिल सके इसके लिए सार्थक रणनीति अपनाएं।
जयपुर, 25 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री हरिशंकर भाभड़ा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि श्री हरिशंकर जी भाभड़ा का निधन प्रदेश की अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सार्वजनिक जीवन में शुचिता, पारदर्शिता एवं स्पष्टवादिता की प्रतिमूर्ति थे। मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने दिवंगत पुण्यात्मा को अपने परम धाम में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। ------
सूरतगढ़,राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने गुरुवार को सूरतगढ़ में दो जगह छापेमारी की। ये छापेमारी बंबीहा गैंग से जुड़े एक व्यक्ति से पूछताछ के आधार पर की गई। एनआईए की टीम सबसे पहले सूरतगढ़ की एमकेके कॉलोनी पहुंची। यहां उन्होंने एक घर में तलाशी ली। इसके बाद टीम हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी पहुंची। यहां भी टीम तलाशी ले रही है। एनआईए की 2 टीमें बीती रात सूरतगढ़ पहुंची पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों पहले NIA की टीम ने पदमपुर इलाके में छापेमारी कर पदमपुर थाना क्षेत्र के गांव 8EEA निवासी राजीव कुमार उर्फ सीला को गिरफ्तार किया था। सीला को बुधवार रात को NIA की दो टीम दिल्ली से सूरतगढ लेकर पहुंची। रात भर आरोपी को सिटी थाने में रखा। सुबह उसका मेडिकल करवाया गया और फिर पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद आज दोपहर 12 बजे टीमें सिटी थाने से निकलीं। एमकेके कॉलोनी में आधा घंटे रुकी टीम सीधे सूरतगढ़ की एमकेके कॉलोनी पहुंची। पुलिस सूत्रों के अनुसार वर्ष 2022 में बंबीहा गैंग से जुड़े इस बदमाश के साथ दो युवक एमकेके कॉलोनी में रुके थे। जिसके बाद टीम यहां पहुंची है। हालांकि वे दोनों युवक कौन हैं इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। टीम यहां आधा घंटा रुकी और तलाशी ली। इसके बाद टीम सीधे हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी पहुंची और तलाशी शुरू की। देशभर में 300 से ज्यादा शूटर बंबीहा गैंग से जुड़े हैं दिल्ली में हुई कई बड़ी हत्याओं में इस गैंग का नाम है। देशभर में 300 से ज्यादा शूटर बंबीहा गैंग से जुड़े हुए हैं। देश के कुख्यात गैंगस्टर कौशल चौधरी, अमित डागर और संदीप बंदर भी इसी गैंग से जुड़े हुए हैं। न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी इस गैंग के तार जुड़े हुए हैं। कनाडा में गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा की हत्या के बाद से बंबीहा गैंग चर्चा में है। सुखदूल बंबीहा गैंग से ही ताल्लुक रखता था और वहां अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के साथ मिलकर काम कर रहा था। NIA की लिस्ट में बंबीहा गैंग के कई गैंगस्टर शामिल हैं। जिनमें सुक्खा के अलावा अर्श डल्ला का नाम भी शामिल है। अर्श डल्ला खालिस्तानी संगठन से जुड़ा हुआ है और ये लोग बंबीहा गैंग की मदद से ही पंजाब में आतंक फैला रहे हैं।
प्रतापगढ़,अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दिन ऐतिहासिक होगा। इस मौके पर राजस्थान का एक जंगल दीपों से जगमगाएगा। ये खास जगह है, प्रतापगढ़ जिले का सीतामाता अभयारण्य। सैकड़ों एकड़ में फैले इसी वन में सीता माता ने वनवास बिताया, श्रीराम के दो पुत्रों लव-कुश को जन्म दिया और अंत में धरती में समा गई थीं। किवंदतियों के अनुसार, इसी अभयारण्य में लव-कुश ने श्री रामचंद्र के अश्वमेघ यज्ञ का घोड़ा रोका और हनुमानजी को बंधक बनाया था। उस युग में जहां-जहां जो भी घटनाएं घटीं, उनको प्रमाणित करने के लिए इस वन में मंदिर भी बने हैं। अयोध्या के राम मंदिर में जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी तब सीता माता की ये वनस्थली भी जगमगाएगी। यहां पहुंचने के लिए हम प्रतापगढ़ से करीब 25 किलोमीटर दूर वन विभाग की ग्यासपुर चौकी से होते हुए दाखिल हुए। करीब 420 वर्ग किमी में फैला सीता माता की अभयारण्य उड़न गिलहरी और चौसिंघा के लिए मशहूर है। चौकी के आगे अंदर का रास्ता बेहद उबड़-खाबड़ और पथरीला है। दरअसल, इस अभयारण्य में बोलेरो, जीप या थार जैसे वाहनों से ही जाया जा सकता है। इस चौकी से सीता माता मंदिर और ऋषि वाल्मीकि का आश्रम करीब 30 किलोमीटर अंदर पड़ता है। अभयारण्य में गश्त कर रहे वनकर्मियों की मदद से हम करीब तीन घंटे के सफर के बाद ऋषि वाल्मीकि के आश्रम और फिर देश के एकमात्र सीता माता मंदिर तक पहुंचे। अरावली, विंध्याचल और मालवा जैसी तीन पर्वत श्रृंखलाएं, जाखम नदी और सागवान के पेड़ों से घिरा यह अभयारण्य प्राकृतिक छटा से भरपूर है। मंदिर का क्षेत्र कहलाता है ‘सीताबनी’ स्थानीय लोगों और आदिवासियों का दावा है कि अभयारण्य में मौजूद सीता माता मंदिर का जो क्षेत्र है इसे धार्मिक ग्रंथों में ‘सीताबनी’ कहा गया है। स्थानीय लोग अपनी भाषा में इस स्थान को सीता डेरी कहकर पुकारते हैं। इस जगह का उल्लेख महाभारत सहित कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। सीताबनी में सीता माता मंदिर के अलावा हनुमान वाटिका, वाल्मीकि आश्रम, लव-कुश जन्म भूमि भी है। इन जगहों को यहां आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग दर्शाया गया है। बोर्ड लगाकर उनकी मान्यताओं के बारे में भी बताया गया है। वाल्मीकि आश्रम गरम और ठंडी जलधारा हनुमान मंदिर बारह बीघा बरगद सीता माता मंदिर वह स्थान जहां भूगर्भ में समा गई थीं सीता रामायण काल के दौरान अभयारण्य में था वाल्मीकि आश्रम सबसे पहले हम वाल्मीकि आश्रम वाले स्थल पहुंचे। जैसा की टीवी सीरियल में ऋषियों की झोपड़ी दिखाई जाती है, हूबहू वैसा ही आश्रम उस जगह पर बना हुआ है। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस अभयारण्य में रामायण काल के दौरान ऋषि वाल्मीकि का आश्रम हुआ करता था। भगवान राम ने जब सीता माता का त्याग किया था। उस समय लक्ष्मण उन्हें इसी जंगल में छोड़कर गए थे। सीता वनवास के दिनों में ऋषि वाल्मीकि आश्रम में रहीं थीं। स्थानीय लोग इसलिए इस जगह को सीता डेरी (डेरी का अर्थ ठिकाना या एक तरह से आश्रय स्थल) भी कहते हैं। इसी आश्रम में ही लव-कुश का जन्म हुआ था। आश्चर्यचकित करती है ठंडे और गर्म पानी की जलधारा वाल्मीकि आश्रम में लव-कुश का बचपन बीता और उन्होंने यहां शिक्षा ग्रहण की थी। इसी आश्रम के पास ही पहाड़ से दो जल धाराएं बहती हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से एक में ठंडा और दूसरी में गर्म पानी बहता है। दोनों जलधाराएं पास-पास होने के बावजूद इनके पानी के तापमान में काफी अंतर है। यही बात यहां आने वाले श्रद्धालुओं के विश्वास को और बढ़ाती है। श्रद्धालु यहां आने पर पानी में हाथ डालकर इसे महसूस करके भी देखते हैं। रोचक है आश्रम में लव-कुश जन्म की कहानी रामायण में बताया गया है कि जब सीता का त्याग किया गया, उस समय वे गर्भवती थीं। उन्होंने ऋषि के आश्रम में ही लव-कुश को जन्म दिया था। वहीं स्थानीय लोग कुश के जन्म को लेकर अलग कथा के बारे में बताते हैं। मान्यता है कि एक दिन खेलने के दौरान लव कहीं चले गए और सीता को नहीं मिले। इस पर ऋषि वाल्मीकि ने सीता के क्रोध से बचने के लिए तिनके का उपयोग कर लव के जैसे एक बालक को बनाया था। बाद में लव के लौटने पर सीता ने लव और कुश दोनों को अपना लिया। दोनों बच्चों को वाल्मीकि ने अपने आश्रम में शिक्षा दी। जहां हनुमानजी को बंधक बनाया, वहां आज है हनुमान मंदिर रामायण कथा के अनुसार त्रेतायुग में रामचंद्र ने अश्वमेघ का यज्ञ किया था। यज्ञ का घोड़ा प्रत्येक राज्य से होता हुआ, जब वापस लौट रहा था। उस दौरान लव और कुश ने उसे अभयारण्य में ही रोक लिया था। इस दौरान लव-कुश ने रामचंद्र की सेना को परास्त कर दिया था। साथ ही हनुमान को यहीं बंधक बना लिया था। उन्हें जिस पेड़ से बांधा गया बताया जाता है, वह आज भी मौजूद है। वर्तमान में इस स्थान पर हनुमान का मंदिर स्थापित है। मंदिर में हनुमान की मूर्ति लगी है और पास में ही एक धूणा बनाया गया है। बारह बीघा बरगद, यहां खेलते थे लव-कुश अभयारण्य में स्थित वाल्मीकि आश्रम से कुछ ही दूरी पर एक विशाल और प्राचीन बरगद का पेड़ आज भी मौजूद है। कहा जाता है कि यह पेड़ इतना बड़ा था कि 12 बीघा क्षेत्र में फैला हुआ है। इसलिए इसका नाम बारह बीघा बरगद रखा गया है। समय के साथ बरगद का मुख्य तना तो नष्ट हो गया है, लेकिन आज भी इसकी जड़ें और टहनियां कई बीघा क्षेत्र में फैली हुई हैं। मान्यता के अनुसार इसी पेड़ के नीचे लव-कुश का बचपन बीता और वे यहां खेला करते थे। यहां के मंदिर में अकेली हैं सीता, राम की नहीं होती पूजा रामायण से सीता माता अभयारण्य का काफी का गहरा संबंध है। कहा जाता है कि पूरे देश में यहीं एक ऐसा मंदिर है, जहां केवल सीता की मूर्ति है। यहां राम की नहीं, केवल सीता माता की ही पूजा होती है। आदिवासी उन्हें अपनी देवी मानते हैं। ऐसा कहते हैं कि सीता माता मंदिर में मांगी गई मन्नत पूरी भी होती है। साल में एक बार ज्येष्ठ महीने में यहां एक बड़ा मेला लगता है। जिसमें राजस्थान ही नहीं, गुजरात और मध्यप्रदेश से भी श्रद्धालु सीता माता की पूजा के लिए आते हैं। दिखने में यह कोई भव्य मंदिर नहीं है। एक पहाड़ी के नीचे करीब 10 फीट ऊंचे इस मंदिर में सीता माता की मूर्ति स्थापित है। उसके ऊपर एक छोटा सा गुंबद बनाया गया है। इस मंदिर में पुजारी नियमित पूजा-अर्चना करने आते हैं। टिकट लेकर प्रवेश करने वाले टूरिस्ट यहां आकर दर्शन कर सकते हैं। यहां है लक्ष्मण की बनाई बावड़ी, जिनमें कभी खत्म नहीं होता पानी मंदिर के पास ही दो छोटी-छोटी बावड़ी बनी हुई हैं। इन्हें स्थानीय लोग भागी बावड़ी कहते हैं। बताते हैं इन दोनों बावड़ी में कभी पानी खत्म नहीं होता। स्थानीय बुजुर्ग भी कहते हैं कि गर्मियों में जब अन्य जगह पानी की कमी हो जाती है, तब भी इन दोनों बावड़ी में एक समान रूप से पानी भरा रहता है। कितना भी पानी निकालें, जल स्तर कभी कम नहीं होता है। मान्यता के अनुसार जब लक्ष्मण सीता को जंगल में छोड़ने आए थे। उस दौरान सीता को प्यास लगी तो लक्ष्मण ने इन बावड़ी का निर्माण कराया था। यहां आने वाले श्रद्धालु इसके पानी को प्रसाद के रूप में अपने साथ लेकर जाते हैं। यहां जमीन में समा गई थीं सीता अभयारण्य के दुर्गम रास्तों से होते हुए हम ऐसी जगह पर पहुंचे जहां दो पहाड़ों इस तरह बंटे हुए थे, जैसे वह कटकर अलग हो गए हों। किवंदतियों के अनुसार यही वह जगह है, जहां सीता माता जमीन में समा गई थीं। कहा जाता है कि राम और अयोध्या वासियों के उन्हें वापस ले जाने का आग्रह करने पर उन्होंने साथ जाने से इनकार कर दिया। सीता ने धरती माता से उन्हें अपनी गोद में लेने की प्रार्थना की थी। जिस पर पहाड़ दो भागों में विभाजित हो गया और सीता उसमें समा गई थीं। इसी जगह पर सीता माता मंदिर है, यहां आज भी सीता माता की पूजा की जाती है। 22 जनवरी को सीता माता मंदिर में भी होगा दीपोत्सव सीता माता मंदिर में भी 22 जनवरी के दिन दीपोत्सव किया जाएगा। जहां सीता जमीन में समा गई थीं, वहां दीपक जलाए जाएंगे। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अभयारण्य में मौजूद अन्य मंदिरों में भी दीपक जलाए जाएंगे। कांठल नाम से प्रसिद्ध प्रतापगढ़ इन दिनों राममय नजर आ रहा है। शहर के प्रमुख चौराहे और सार्वजनिक स्थानों को भी भगवा रंग से रंगा गया है। राम भक्तों द्वारा यहां अक्षत वितरण के बाद प्रभात फेरिया और शोभायात्रा का दौर चल रहा है। 21 जनवरी को विशाल वाहन रैली और 22 जनवरी को रामधुनी और शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। अभयारण्य में हर वर्ष लगता है मेला सीता माता अभयारण्य में हर वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है। यहां राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश, गुजरात से भी लोग पहुंचते हैं। चार से पांच दिन तक चलने वाले मेले में औसतन एक से डेढ़ लाख लोग पहुंचते हैं। जंगल क्षेत्र होने के कारण यहां आने वाले श्रद्धालु प्राकृतिक छटा का भी भरपूर आनंद लेते हैं। बेणेश्वर, त्रिपुरा सुंदरी और सीता माता मंदिर का बनेगा पर्यटन सर्किट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पहली वागड़ यात्रा के दौरान बेणेश्वर धाम, त्रिपुरा सुंदरी और प्रतापगढ़ के सीता माता अभयारण्य व सीता माता मंदिर को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। इससे स्थानीय लोगों में उत्साह है।
जयपुर,क्या पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जैसे दिग्गज नेताओं को कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़वाएगी? ये सवाल उठ रहा है कि क्योंकि 2 बार से राज्य की सभी 25 सीटें हार रही कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव से 4 महीने पहले ही उम्मीदवार तय करने पर काम शुरू कर दिया है। दावा है कि समय से पहले उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे। इस बार सीनियर नेताओं और विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया गया है। ऐसे में आधी सीटों पर नए उम्मीदवार उतारने की संभावना है। राजस्थान में फिलहाल सभी 25 सीटों पर पैनल बनाया जा रहा है। पहले राउंड में ड्राफ्ट पैनल तैयार किया गया है, जिस पर बैठकों में लगातार मंथन चल रहा है। वन-टू-वन फीडबैक में आया था सुझाव स्क्रीनिंग कमेटी के साथ वन-टू-वन फीडबैक में कई नेताओं ने यह सुझाव दिया है कि ज्यादा से ज्यादा विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहिए। इसके साथ ही अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी, भंवर जितेंद्र सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने का सुझाव दिया गया है। इस सुझाव पर फिलहाल मंथन चल रहा है, लेकिन बड़े नेताओं के मामले में उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि वे चुनाव लड़ते हैं या नहीं। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। 10 से 12 सीटों पर दिग्गजों को लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार कांग्रेस में इस बार बड़ी संख्या में विधायकों को लोकसभा चुनाव में टिकट देने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है। अब तक की चर्चा के अनुसार दर्जन भर सीटों पर विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। फिलहाल यह सब शुरुआती डिस्कशन का हिस्सा है, लेकिन उम्मीदवारों के ड्राफ्ट पैनल में विधायकों के नाम भी हैं। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी विधायकों को लोकसभा चुनाव लड़ाने के संकेत देते हुए कहा था कि जब बीजेपी विधानसभा चुनावों में सांसदों को उतारकर हरवा सकती है तो हमारे तो विनिंग कैंडिडेट्स हैं। कांग्रेस को कई सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों का संकट आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस के सामने मजबूत उम्मीदवार तलाशना बड़ी चुनौती बना हुआ है। जयपुर ग्रामीण, जयपुर शहर, अजमेर, नागौर, भरतपुर सीटों पर मजबूत उम्मीदवार तलाशना चुनौती बना हुआ है। इनमें से चार सीटें तो ऐसी हैं, जहां पिछली बार लोकसभा लड़ चुके नेता पार्टी छोड़ गए। जयपुर से कांग्रेस उम्मीदवार रहीं ज्योति खंडेलवाल, नागौर से उम्मीदवार रहीं डॉ. ज्योति मिर्धा, सीकर से उम्मीदवार रहे सुभाष महरिया बीजेपी में जा चुके हैं। इनके अलावा अजमेर से उम्मीदवार रहे रिजु झुन्झुनवाला कांग्रेस छोड़ चुके हैं। इनमें से ज्योति मिर्धा और महरिया ने बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। लोकसभा में 2018 का विधानसभा चुनाव वाला पैटर्न अपनाने का सुझाव 2018 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत, सीपी जोशी सहित कई सीनियर नेताओं के चुनाव लड़ने को लेकर शुरू में तस्वीर साफ नहीं थी। बाद में पार्टी ने फैसला किया था कि सभी सीनियर नेता चुनाव लड़ेंगे। फैसले के बाद ज्यादातर सीनियर नेताओं को टिकट दिए और अधिकांश जीते थे। अब पार्टी के नेताओं के एक वर्ग ने सुझाव दिया है कि सीनियर नेताओं के चुनाव लड़ने से परसेप्शन के मोर्चे पर फायदा होने की संभावना है। बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने से दूसरी कमजोर सीटों पर फोकस करने में आसानी हो सकती है। दूसरी तरफ नेताओं के एक वर्ग का यह भी मानना है कि सभी सीनियर नेताओं के चुनाव लड़ने से चुनाव अभियान और रणनीति बनाने का काम प्रभावित होगा। ऐसे में सभी सीनियर नेताओं की जगह चुनिंदा जिताऊ चेहरों को ही लोकसभा लड़ाने का भी सुझाव दिया गया है। मुस्लिम उम्मीदवार को लेकर असमंजस, सियासी गोलबंदी का डर कांग्रेस में इस बार मुस्लिम उम्मीदवार को लेकर असमंजस बना हुआ है। पार्टी कम से कम एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारती रही है। चूरू सीट पर लगातार तीन बार से माइनोरिटी उम्मीदवार उतारा जा रहा है, लेकिन पार्टी जीती नहीं। इस बार चूरू से माइनोरिटी की जगह दूसरे उम्मीदवार को उतारने का सुझाव दिया गया है। पहले झुंझुनूं, टोंक-सवाईमाधोपुर सीटों पर भी मुस्लिम उतारे गए थे। कैप्टन अयूब खान के अलावा लंबे समय से मुस्लिम माइनोरिटी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया। मुस्लिम नेता चूरू के अलावा जयपुर, झुंझुनूं सीटों पर भी दावेदारी कर रहे हैं। जयपुर सीट से विधायक रफीक खान के नाम का सुझाव दिया गया है। मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने पर पार्टी का एक वर्ग यह भी आशंका जता रहा है कि इससे गोलबंदी होने से बाकी वोटों का नुकसान हो सकता है। पिछली बार दो विधायकों को टिकट दिया था कांग्रस ने पिछली बार दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में टिकट दिया था। सादुलपुर से विधायक कृष्णा पूनिया को जयपुर ग्रामीण से और पीपल्दा से विधायक रामनारायण मीणा को कोटा से लोकसभा का टिकट दिया था। इसके अलावा बाड़मेर से मानवेंद्र सिंह को टिकट दिया था। वे झालरापाटन से वसुंधरा राजे के सामने विधानसभा चुनाव हारे थे। आधी से ज्यादा सीटों पर चेहरे बदलने की संभावना, क्योंकि 2 बार लोकसभा चुनावों में खाता नहीं खुला। कांग्रेस राजस्थान में लगातार दो बार से लोकसभा की सभी 25 सीटें हार रही है। इस बार कांग्रेस आधी से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार बदलने की तैयारी में है। हर सीट पर विधानसभा के रिजल्ट और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से उम्मीदवारों के पैनल तैयार किए जा रहे हैं। कांग्रेस में पिछली बार के चार उम्मीदवार पार्टी छोड़ चुके इसलिए उन सीटों पर नए चेहरे आएंगे। इसके अलावा दर्जन भर सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे जाने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है।
जयपुर,भजनलाल सरकार की गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण डिसीजन लिए गए। इसमें राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाने का निर्णय शामिल है। वहीं, गहलोत सरकार के आखिरी 6 महीने में लिए गए निर्णयों का भी रिव्यू किया जाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया है जो तीन महीने में रिपोर्ट सौंपेगी। मिनिस्टर डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि 22 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश नहीं होगा। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन छुट्‌टी को लेकर कैबिनेट में कोई चर्चा नहीं हुई। चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) में करीब एक घंटे चली मीटिंग से पहले पूजा-पाठ और स्वस्ति वाचन हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को तिलक लगाया गया। सचिवालय मंदिर के पुजारी ने कहा कि उन्होंने 33 साल में पहली बार देखा है कि किसी मीटिंग से पहले पूजा-पाठ कराया गया हो। सरकार गठन के 34 दिन बाद पहली बार कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई थी। कैबिनेट मीटिंग में क्या हुआ? गहलोत सरकार के अंतिम 6 महीनों में लिए गए नीतिगत फैसलों के रिव्यू के लिए भी कैबिनेट की बैठक में रिव्यू कमेटी गठन करने का फैसला। तीन महीने में जांच कर सौंपी जाएगी रिपोर्ट। कैबिनेट की बैठक में एक बार फिर से मीसा बंदियों की पेंशन शुरू करने को मंजूरी। भजनलाल कैबिनेट ने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट का मानना है कि इससे विभागीय कार्यों को समय पर पूरा किया जा सकता है। गहलोत सरकार ने भी अपने घोषणा पत्र को कैबिनेट की पहली बैठक में रखवा कर उसे सरकारी दस्तावेज घोषित करवाया था। इसी तरह भजनलाल शर्मा की कैबिनेट ने भी संकल्प पत्र को नीतिगत दस्तावेज घोषित किया है। एक परिवार को सब्सिडी पर हर महीने एक सिलेंडर दिया जाएगा। अन्नपूर्णा रसोई में 6 जनवरी से परिवर्तन। 450 ग्राम भोजन की जगह अब बढ़ाकर 600 ग्राम किया गया है। चपाती, दाल, सब्जी और मिलेट्स को शामिल किया गया है। पहले थाली 25 रुपए की होती थी, उसे बढ़ाकर 30 रुपए की गई है, इसमें 22 रुपए सरकार देगी। अवैध खनन को रोकने के लिए टीम बनाई गई है, ​इसकी निगरानी कलेक्टर करेंगे। वहीं, ईआरसीपी को लेकर भी काम शुरू करने की जानकारी दी गई। बजट से पहले 30 से 40 प्रतिशत संकल्प पत्र के काम पूरा करने का निर्णय। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और आर्किटेक्ट अनूप बरतरिया के साथ धारीवाल के राजनीतिक सलाहकार की भी प्रतिमा लगाई गई, इनकी जांच होगी और कार्रवाई होगी आरएएस मेंस एग्जाम की तारीख को बढ़ाया गया, साथ में तय किया गया है कि यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी भी परीक्षा का कैलेंडर जारी करेगी। परीक्षा संभवत: जून-जुलाई में हो सकती है। फैसला स्वागत योग्य: राठौड़ आरएएस मेंस एग्जाम की डेट बढ़ाने के डिसीजन को भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की पहली बैठक में सहानुभूति पूर्वक फैसला लिया गया है। दरअसल, आरएएस की मुख्य परीक्षा 27-28 जनवरी को होनी थी। डेट आगे बढ़ाने को लेकर अभ्यर्थी लंबे समय से राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर धरने पर थे। हाल ही में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी इनसे मिलने पहुंचे थे। उन्होंने अभ्यर्थियों की मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया था। कैबिनेट की पहली बैठक में हो रही देरी पर उठे थे सवाल सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के साथ 15 दिसंबर को शपथ ली थी। उसी दिन से उनकी कैबिनेट का गठन माना जाएगा। वहीं, 29 दिसंबर को सीएम भजनलाल के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हुआ, जिसमें 22 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें 12 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्री (5 स्वतंत्र प्रभार) शामिल किए गए। लेकिन, कैबिनेट की पहली बैठक में देरी होने पर लगातार सवाल उठ रहे थे। जानकारी है कि कई मंत्रियों ने भी इस बारे में सीएम भजनलाल शर्मा से बात की थी। जिसके बाद कैबिनेट की पहली बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया।
जयपुर,विधानसभा चुनाव में मिली जीत के बाद अब बीजेपी आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी में जुट गई है। चुनावी रणनीति को लेकर जयपुर में दिल्ली रोड स्थित राजस्थली होटल में बैठक शुरू हो गई है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुईं। बताया जा रहा है कि उनकी बहू की तबीयत खराब होने के कारण वे बैठक में नहीं आ पाई हैं। बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को सामने की तरफ जगह दी गई। लेकिन केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को उनके साथ जगह नहीं मिल पाई। इसके बाद शेखावत ने इशारा करके उन्हें सामने बुलाया और उनके लिए कुर्सी लगाई गई। देश में इस बार राम, कृष्ण और काशीनाथ मंदिर की लहर बैठक में शामिल होने आए मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा- उन्होंने कहा कि इस बार देश में मोदी लहर, बीजेपी लहर, राम मंदिर लहर, कृष्ण मंदिर लहर, काशीनाथ मंदिर लहर चल रही हैं। राजस्थान में इतिहास बनेगा कि एक ही पार्टी लगातार तीन बार से सभी की सभी सीटें जीत रही है। इसी मुद्दे को लेकर आज चर्चा हैं। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- बीजेपी हर चुनाव को एक चैलेंज के रूप में लेती है। लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान में जो चुनौती है। उसे हम स्वीकार करते हैं। हम दावा करते हैं कि इस बार भी हम लोकसभा की 25 में से 25 सीटें जीतेंगे। योजनाओं का लाभ आमजन को कैसे मिले, इस पर चर्चा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कल्याणकारी योजनाएं देश में चला रखी हैं। उन योजनाओं का लाभ आमजन को कैसे मिले, इस बात को लेकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा- राम मंदिर में देशवासियों के आस्था है। रामलला का भव्य मंदिर बना है। उसका उद्घाटन भी होगा। कांग्रेस के राजनीतिक लाभ लेने के सवाल पर कहा- जिसकी जैसी विचारधारा उसकी वैसी सोच। ढाई करोड़ लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने का लक्ष्य बैठक में अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद भाजपा एक अभियान शुरू कर रही है। इसमें पूरे देशभर से ढाई करोड़ लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराए जाएंगे। राजस्थान से भी प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र से 20 हजार लोगों को राम मंदिर के दर्शन कराने की योजना है। राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल और दीया कुमारी नहीं पहुंचें बैठक में शामिल होने के लिए बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, वरिष्ठ नेता ओम माथुर, राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया के अलावा सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, अशोक परनामी होटल पहुंचें। उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा भी बैठक में शामिल हुए। हालांकि बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी नहीं पहुंचें।
मदन अरोड़ा।राजस्थान मंत्रिमंडल के पहले फेज का आज दोपहर गठन होगा। सीएम भजन लाल शर्मा ने आज सुबह राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर उन्हें बनाये जाने वाले मंत्रियों की लिस्ट सौंपी।बताया जा रहा है कि इसमें 21 से 23 मंत्रियों के नाम शामिल किए गए हैं।अभी तक सीएमओ से जोगा राम पटेल,हीरालाल नागर, जोगेश्वर गर्ग,ओटाराम देवासी,जितेंद्र गोठवाल,गजेंद्र सिंह खींवसर,अविनाश गहलोत,झाबर सिंह खर्रा ,सुमित गोदारा,जवाहर सिंह बेडम,कन्हैया लाल चौधरी को फोन पहुंच चुका है।इनके अलावा किरोड़ीलाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़,बाबा बालकनाथ,दीप्ति माहेश्वरी,मदन दिलावर,श्रीचंद कृपलानी,उदयपाल भड़ाना,अनिता भदेल,महंत प्रताप पुरी,नक्षम चौधरी,केके बिश्नोई,शैलेश सिंह ,संजय शर्मा और हेमंत मीणा के पास भी सन्देशा भेजा गया है।पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ को भी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा है लेकिन खुद राठौड़ ने इसे खारिज कर दिया है।विशेष बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबियों को ठिकाने लगा दिया गया है।किसी भी करीबी को पहले फेज में जगह नहीं मिली है।हो सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद कभी होने वाले विस्तार में उन्हें जगह दी जाए। श्री गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले से किसी भी विधायक का नाम मंत्री के लिए नहीं है।सम्भवत आलाकमान ने पंजाबी विधायक को मंत्री बनाने के लिए जिलों से किसी को मंत्री नहीं बनाया है।श्रीकरनपुर से अगर सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी चुनाव जीत जाते हैं तो अगले विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया जाना तय है।अन्यथा शादुल शहर से विधायक गुरवीर सिंह बराड़ को मंत्री बनाया जाएगा।हनुमानगढ़ जिले से इकलौते विधायक संजीव बेनीवाल को सरकारी सचेतक या उप सचेतक बनाया जा सकता है।
मदन अरोड़ा।राजस्थान में शनिवार दोपहर मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। दोपहर 3:15 पर राज्यपाल कलराज मिश्र नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। बता दें कि नामों पर सहमति बनाने को लेकर बुधवार देर रात तक मुख्यमंत्री भजनलाल, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर के बीच लंबी बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में लगभग सभी नाम फाइनल कर लिए गए हैं।माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के पहले फेज में 15 मंत्री शपथ ले सकते हैं। ये हैं प्रबल दावेदार पूर्वी राजस्थान के सबसे कद्दावर नेताओं में शामिल डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल संभावना है। वहीं, हिंदूवादी चेहरा और तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ ,महंत प्रताप पुरी भी भजनलाल मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। महिला चेहरों में अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी और पहली बार विधायक बनीं नौक्षम चौधरी भी मंत्री बन सकती हैं। वहीं, दलित वर्ग से जितेंद्र गोठवाल और वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर भी मंत्री की जिम्मेदारी संभालते हुए नजर आ सकते हैं, जबकि राजपूत समाज से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, सिद्धि कुमारी जैसे वरिष्ठ विधायकों के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेता इस बार जरूर मंत्री बनेंगे। शैलेश सिंह के भी मंत्री बनाये जाने की चर्चा है।ब्राह्मण समाज को भी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के बाद समाज के एक-दो विधायक भी मंत्री बन सकते हैं। इसलिए संजय शर्मा, संदीप शर्मा, जेठानंद व्यास जैसे विधायक भी रेस में बने हुए हैं।जवाहर सिंह बेडम हरिलाल नागर भी रेस में आगे बताए जा रहे हैं। नए मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा नजरें जाट समाज को मिलने वाले प्रतिनिधित्व पर टिकी होंगी। क्योंकि मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष जैसे एक भी पद पर जाट चेहरे को मौका नहीं दिया गया है। ऐसे में अब लोगों की नजरें इस पर टिकी है कि 12 जाट विधायकों में से कितने लोगों को मंत्री बनाया जाएगा।पूर्व मंत्री अजय कलिक को भी मंत्री बनाये जाने की पूरी उम्मीद है। 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने ली थी CM पद की शपथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उनके साथ ही दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने डिप्टी CM के रूप में शपथ ग्रहण की थी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा समेत बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे।
जयपुर,राजस्थान में शनिवार शाम मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। शाम 3:15 पर राज्यपाल कलराज मिश्र नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे। बता दें कि नामों पर सहमति बनाने को लेकर बुधवार देर रात तक मुख्यमंत्री भजनलाल, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर के बीच लंबी बैठक हुई थी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में लगभग सभी नाम फाइनल कर लिए गए हैं। ये हैं प्रबल दावेदार पूर्वी राजस्थान के सबसे कद्दावर नेताओं में शामिल डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल संभावना है। वहीं, हिंदूवादी चेहरा और तिजारा से विधायक बाबा बालकनाथ भी भजनलाल मंत्रिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं। महिला चेहरों में अनिता भदेल, दीप्ति माहेश्वरी और पहली बार विधायक बनीं नौक्षम चौधरी पर नजरें हैं। वहीं, दलित वर्ग से जितेंद्र गोठवाल और वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर भी मंत्री की जिम्मेदारी संभालते हुए नजर आ सकते हैं, जबकि राजपूत समाज से पुष्पेंद्र सिंह राणावत, सिद्धि कुमारी जैसे वरिष्ठ विधायकों के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेता इस बार जरूर मंत्री बनेंगे। ब्राह्मण समाज को भी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री के बाद समाज के एक-दो विधायक भी मंत्री बन सकते हैं। इसलिए संजय शर्मा, संदीप शर्मा, जेठानंद व्यास जैसे विधायक भी रेस में बने हुए हैं। नए मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा नजरें जाट समाज को मिलने वाले प्रतिनिधित्व पर टिकी होंगी। क्योंकि मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष जैसे एक भी पद पर जाट चेहरे को मौका नहीं दिया गया है। ऐसे में अब लोगों की नजरें इस पर टिकी है कि 12 जाट विधायकों में से कितने लोगों को मंत्री बनाया जाएगा। 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने ली थी CM पद की शपथ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उनके साथ ही दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने डिप्टी CM के रूप में शपथ ग्रहण की थी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा समेत बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। शपथ लेने के बाद भजनलाल ने कहा था कि मैं भावुक और नतमस्तक हूं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का संकल्प सर्वोपरि है। राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ, समृद्ध, और आत्‍मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
जयपुर,16वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने अचानक सत्र बुलाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह भजन मंडली नहीं है। वहीं संसद में विपक्षी सांसदों के निलंबन पर विरोध जताने के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित सभी कांग्रेस विधायक काली पट्‌टी बांधकर सदन में पहुंचे। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शपथ लेने वाली डायस से ही सांसदों के निलंबन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि मैं और मेरी पार्टी देश में प्रजातंत्र की हत्या का विरोध करते हैं। इस पर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने खड़े होकर कहा कि इसकी अनुमति नहीं है। इसके बाद इसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया। विधानसभा के इस सत्र में दो दिन विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के पद का चुनाव होगा। इसके लिए भाजपा की तरफ से वासुदेव देवनानी उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। करीब 3 घंटे सत्र चलने के बाद विधानसभा की कार्यवाही गुरुवार दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। आज सीएम सहित 191 विधायकों ने शपथ ली। 8 विधायकों की शपथ बाकी है, जिनमें 5 बीजेपी और 3 कांग्रेस विधायक हैं। बीजेपी के 5 विधायक, जिनकी शपथ बाकी: तिजारा से विधायक महंत बालकनाथ, नदबई से विधायक जगत सिंह, बांदीकुई से विधायक भागचंद टाकड़ा, निंबाहेड़ा से विधायक श्रीचंद कृपलानी, वैर से बहादुर सिंह कोली। इन 3 कांग्रेस विधायकों की शपथ बाकी : बागीदौरा से विधायक महेंद्रजीत मालवीय, दांतरमगढ़ के विधायक वीरेंद्र सिंह और रायसिंह नगर विधायक सोहनलाल नायक। किरोड़ी ने कैमरामैन से कहा- मैडम के साथ फोटो लीजिए विधानसभा में जब वसुंधरा राजे जब शपथ ले रहीं थीं, उस वक्त आसन पर प्रोटेम स्पीकर की जगह किरोड़ीलाल मीणा थे। शपथ लेने के बाद विधायक आसन पर मौजूद प्रोटेम स्पीकर का अभिवादन करते हैं। वसुंधरा राजे की शपथ के बाद वासुदेव देवनानी का नाम पुकारा गया। इसके बाद वसुंधरा राजे स्पीकर के आसन की तरफ आ रही थीं तो किरोड़ी लाल मीणा ने सदन में मौजूद फोटोग्राफर को इशारा करते हुए कहा- मैडम के साथ फोटो लीजिए। राजस्थानी में शपथ लेने की अनुमति नहीं मिली कई विधायकों ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की कोशिश की, लेकिन नियमों का हवाला देकर प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने इसकी अनुमति नहीं दी। कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी को राजस्थानी में शपथ लेने पर सराफ ने टोका तो भाटी ने कहा कि नोटिस में डाला था, मेल किया था। विपक्षी विधायकाें ने टोका तो उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा अपना गर्व है, आप ऐसे ही किसी को नहीं टोक सकते हो। इस पर सराफ ने नियमों का हवाला दिया, तब भाटी ने हिंदी में शपथ ली। वहीं, सूरतगढ़ से कांग्रेस विधायक डूंगराराम गेदार ने राजस्थानी भाषा में शपथ लेने की मांग की, लेकिन प्रोटेम स्पीकर कालीचरण सराफ ने इसकी अनुमति नहीं दी। सराफ ने कहा कि आठवी अनुसूची में शामिल नहीं होने के कारण आप राजस्थानी में शपथ नहीं ले सकते। शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने राजस्थानी और हिंदी दोनों में शपथ लीl आसन से किरोड़ीलाल मीणा ने आपत्ति की और राजस्थानी में ली गई शपथ को रिकॉर्ड से डिलीट करने के आदेश दिए। सबसे पहले सीएम भजनलाल शर्मा और उसके बाद डिप्टी सीएम दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने शपथ ली। हिंडौन (करौली) से कांग्रेस विधायक अनिता जाटव शपथ लेते समय कई शब्द बोल नहीं पाई। वे बार-बार रुक गईं। 199 नए विधायकों काे शपथ दिलाने के लिए दो दिन के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है। 13 विधायकों ने संस्कृत में ली शपथ इस बार अच्छी-खासी संख्या में विधायकों ने संस्कृत भाषा में शपथ ली है। गोपाल शर्मा, छगन सिंह, जोगेश्वर गर्ग, जोराराम कुमावत, नोक्षम चौधरी, जेठानंद व्यास, पब्बाराम विश्नोई, महंत प्रतापपुरी, बाबू सिंह राठौड़, दीप्ति माहेश्वरी, कैलाश मीणा ने संस्कृत में शपथ ली। ये सभी भाजपा विधायक हैं। वहीं कांग्रेस के विधायक जुबेर खान और निर्दलीय विधायक युनूस खान ने भी संस्कृत में शपथ ली है। गदा लेकर पहुंचे बालमुकुंदाचार्य, ट्रैक्टर से आईं बनावत विधानसभा के पहले दिन विधायक निराले अंदाज में पहुंचे। जयपुर की हवामहल सीट से विधायक चुने गए बालमुकुंदाचार्य हनुमानजी की गदा लेकर विधानसभा पहुंचे, तो बयाना से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा पहुंची। वहीं, बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास बाइक पर विधानसभा आए। आदिवासी क्षेत्र से आने वाले कई विधायक आदिवासी वेशभूषा पहनकर विधानसभा पहुंचे। कल होगा स्पीकर का चुनाव सत्र के पहले दिन नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने का काम पूरा होने की संभावना है। गुरुवार को बचे हुए विधायकों को शपथ दिलाने के बाद स्पीकर का चुनाव होगा। अब तक के रिकॉर्ड के अनुसार पहले दिन ज्यादातर विधायक शपथ ले लेते हैं। पिछली बार कांग्रेस सरकार के समय 15 जनवरी 2019 को 15वीं विधानसभा का पहला सत्र बुलाया गया था, पहले दिन 197 विधायकों की शपथ हो गई थी। राजस्थान विधानसभा में सर्वसम्मति से स्पीकर का चुनाव की परंपरा रही है। इस बार भी यही परंपरा निभाई जाएगी, वासुदेव देवनानी का सर्वसम्मति से स्पीकर चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है।
जयपुर: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रूप में भजन लाल शर्मा ने शपथ ले ली है। वह प्रदेश के 26वें मुख्यमंत्री होंगे। उनके साथ-साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। इन तीनों नेताओं ने ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के बाहर शपथ ली और इन्हें शपथ राज्यपाल कैलाश मिश्र ने दिलाई। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत कई बड़े नेताओं ने भाग लिया। पहले सीएम जो पहली बार बने विधायक भजन लाल शर्मा के सीएम पद की शपथ लेते ही एक रिकॉर्ड बन गया। वह प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं जो पहली बार में विधायक बनते ही मुख्यमंत्री बन गए। उनसे पहले के सभी मुख्यमंत्री पद संभालने से पहले विधायक या सांसद रह चुके हैं। इसके साथ ही भजन लाल शर्मा प्रदेश में बीजेपी के तीसरे ऐसे नेता हैं जो सीएम बने हैं। बीजेपी के तीसरे नेता जो इस पद पर पहुंचे इससे पहले भैरोसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे बीजेपी से राजस्थान के सीएम रहे हैं। बता दें कि भजन लाल शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं। वह अब तक बीजेपी के प्रदेश महामंत्री के रूप में काम कर रहे थे। भजन लाल शर्मा ने भाजपा के चार प्रदेश अध्यक्षों अशोक परनामी, मदनलाल सैनी, सतीश पूनिया और सीपी जोशी के नेतृत्व में पार्टी महासचिव के रूप में कार्य किया। साल 2021 से अमित शाह की नजरों में थे भजन लाल वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजरों में भजन लाल साल 2021 के दौरान नजरों में आये। 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अमित शाह के सहयोगी के रूप में भजनलाल ने काम किया। तब से ही भजनलाल अमित शाह की कोर टीम में शामिल हो गए थे। उनके काम करने के तरीके और संगठन के प्रति निष्ठा को देखते हुए ही आलाकमान ने बड़े-बड़े नामों की जगह भाग्जन लाल शर्मा के नाम पर मुहर लगाई। कई बड़े नेताओं के बीच बने हैं सीएम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद सीएम पद के लिए कई बड़े नेताओं का नाम चल रहा था। इस रेस में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, सांसद से विधायक बने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और बालकनाथ योगी का नाम चल रहा था। किसी को अनुमान भी नहीं था भजन लाल शर्मा को सीएम बनाया जा सकता है। 12 दिसंबर को जब वसुंधरा राजे ने जब पर्ची खोली और भजन लाल के नाम का ऐलान किया तो हर कोई हैरान था।
जयपुर: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के तौर पर भजन लाल शर्मा ने शपथ ले ली है। उनके साथ डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी शपथ ली है। तीनों नेताओं को राज्यपाल कलराज मिश्र ने शपथ दिलाई। हालांकि इन तीन नेताओं के अलावा किसी अन्य ने शपथ नहीं ली है। पहले खबर आई थी कि शाम तक कैबिनेट स्तर के कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं। इन्हें शाम को राजभवन में शपथ दिलाई जानी थी। लेकिन बाद में इस कार्यक्रम को टाल दिया गया। कई बड़े नेता हुए शपथ ग्रहण में शामिल वहीं भजन लाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, गजेन्द्र सिंह शेखावत और अर्जुनराम मेघवाल समेत कई मंत्री भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके अलावा गुजरात के भूपेन्द्रभाई पटेल, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, मध्यप्रदेश के मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय, महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, गोवा के प्रमोद सांवत और त्रिपुरा के माणिक साहा इस कार्यक्रम में पहुंचे। कई बड़े नेताओं के बीच बने हैं सीएम विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के बाद सीएम पद के लिए कई बड़े नेताओं का नाम चल रहा था। इस रेस में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, सांसद से विधायक बने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और बालकनाथ योगी का नाम चल रहा था। किसी को अनुमान भी नहीं था भजन लाल शर्मा को सीएम बनाया जा सकता है। 12 दिसंबर को जब वसुंधरा राजे ने जब पर्ची खोली और भजन लाल के नाम का ऐलान किया तो हर कोई हैरान था। पीएम मोदी और अमित शाह के हैं ख़ास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नजरों में भजन लाल साल 2021 के दौरान नजरों में आये। 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अमित शाह के सहयोगी के रूप में भजनलाल ने काम किया। तब से ही भजनलाल अमित शाह की कोर टीम में शामिल हो गए थे। उनके काम करने के तरीके और संगठन के प्रति निष्ठा को देखते हुए ही आलाकमान ने बड़े-बड़े नामों की जगह भाग्जन लाल शर्मा के नाम पर मुहर लगाई।
जयपुर : राजस्थान में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा। नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को शपथ ग्रहण किया। उनके साथ दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने भी डिप्टी सीएम के तौर पर मंत्री पद की शपथ ली। इसी के साथ नए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए आवास और ऑफिस तैयार करने की युद्ध स्तर पर कवायद जारी है। पूर्व की सरकार के मंत्रियों ने आवास और कार्यालय में अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद अब अशोक गहलोत बीजेपी की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पड़ोसी बनने जा रहे हैं। उन्हें वसुंधरा राजे के सामने वाला आवास आवंटित होगा। इसके लिए भी विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रहेंगे एक दूसरे के सामने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नया आवास अब 13 सिविल लाइंस एरिया में होगा। ये बीजेपी की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे के आवास के ठीक सामने है। अभी वसुंधरा राजे के सामने वाले आवास में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी रहते हैं, लेकिन उन्हें यह आवास अब खाली करना होगा। इसके बाद अशोक गहलोत को यह आवास आवंटित किया जाएगा। इस तरह अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों ही एक-दूसरे के पड़ोसी होंगे। सचिवालय के मुख्य भवन में होंगे डिप्टी सीएम के चेंबर शपथ ग्रहण के बाद दो डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा का सचिवालय के प्रथम मंजिल में चेंबर होगा। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सचिवालय के मुख्य भवन की पहली मंजिल पर दोनों डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के चेंबर तैयार हो रहे हैं। सचिन पायलट का चेंबर अब दीया कुमारी को दोनों उपमुख्यमंत्री के लिए लगातार चैम्बर तैयार करने का काम चल रहा है। इनमें जहां पर डिप्टी सीएम सचिन पायलट बैठते थे, उस चेंबर नंबर 3104 में डिप्टी सीएम दिया कुमारी का ऑफिस बनाया गया है। इसी तरह पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के चेंबर नंबर 2119 में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को शिफ्ट किया जाएगा।
जयपुर: राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में शुक्रवार को बड़ी चूक हो गई। राजधानी जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम का संचालन कर रहे उद्घोषक ने प्रारंभ में ही प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किया। मंच का संचालन करने वाले उद्घोषक की इस चूक को पीएम मोदी तत्काल भांप गए। उन्होंने उसी वक्त गर्दन घुमाते हुए उद्घोषक की ओर देखा। शायद वो उद्घोषक को उसकी गलती का एहसास कराना चाहते थे। हालांकि उद्घोषक अपनी चूक को नहीं समझ पाए। पीएम मोदी को मुख्यमंत्री बताया, जारी रखा संबोधन राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में हुई इस चूक के बाद भी उद्घोषक को अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर दिया। हैरानी की बात यह है कि उद्घोषक को अपनी गलती पता नहीं चला औरपीएम नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री संबोधित करने के बाद उन्होंने अपना संबोधन जारी रखा। पीएम मोदी को करना पड़ा इशारा स्वयं के लिए मुख्यमंत्री का संबोधन सुनकर पीएम मोदी हैरान रह गए। वे हैरानी से उद्घोषक की ओर देखने लगे थे। सभी सोच रहे थे कि उद्घोषक अपनी गलती में सुधार करेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री कहने के बाद भी उद्घोषक ने अपना संबोधन जारी रखा। इसके बाद उद्घोषक ने सभी को बैठने का आग्रह किया तो आखिर में पीएम मोदी को इशारा करना पड़ा। उन्होंने हाथ से इशारा किया तो उद्घोषक ने सभी को राष्ट्रगान के लिए खड़ा होने की उद्घोषणा की। एक नहीं लगातार दो गलतियां की उद्घोषक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री संबोधित करने के बाद उद्घोषक ने एक और गलती कर दी। मंच पर मौजूद पीएम मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, दोनों उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा का अभिवादन करने के बाद उन्हें बैठने के लिए बोल दिया। जैसे ही ये अतिथि बैठने लगे, इसी दौरान उद्घोषक ने कहा कि खड़े रहिए, अब राष्ट्रगान होना है। इस दौरान भी मंच पर मौजूद अतिथि और अन्य नेताओं में असमझस की स्थिति बन गई।
उदयपुर,राजस्थान में अब सबकी नजरे मंत्रीमंडल गठन को लेकर है। भले ही मंत्रियों को शपथ दिलाने का अभी कार्यक्रम तय नहीं हुआ है लेकिन मेवाड़-वागड़ से मंत्रीमंडल में किसको शामिल किया जाएगा इसको लेकर यहां चर्चा के दौर ने जोर पकड़ रखा है। सब अपने-अपने कयास लगा रहे है। ​​​​​​ मंत्रीमंडल की तस्वीर वरिष्ठता के आधार पर बनेगी या जिले और जातीय संतुलन के आधार पर यह अभी साफ नहीं हुआ लेकिन भाजपा ने सभी बिन्दुओं पर मंथन कर लिया है और अंदर सब कुछ हो चुका है। वैसे मंत्रीमंडल में अब तक भाजपा हो या कांग्रेस की सरकार मेवाड़ और वागड़ से बड़े चेहरे शामिल रहे है लेकिन इस बार क्या होगा इसको लेकर चर्चा में कई बाते सामने आ रही है। वसुंधरा राजे सरकार के पिछले कार्यकाल में मेवाड़-वागड़ के हर जिले से मंत्रीमंडल में मंत्री रहे थे। अगर भाजपा ने जैसे मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चौंकाने का काम किया है ठीक वैसे ही मंत्रीमंडल में भी हुआ तो अधिकांश नए चेहरों को मंत्री बनाया जा सकता है। किस जिले से किसका नाम मंत्रीमंडल के लिए संभावित उदयपुर जिला : भाजपा आठ में से छह सीटें यहां जीती है। यहां से भाजपा रिर्जव सीट से जीते विधायकों में से एक को मंत्री बना सकती है। इसमें झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी और उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। दोनों विधायक लगातार जीतने वाले में है। बीटीपी एवं बीएपी के प्रभाव को भी देखते हुए जनजाति वर्ग से यहां एक मंत्री बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसी प्रकार उदयपुर शहर सीट से अब तक गुलाब चंद कटारिया भाजपा की सरकार जब भी बनी मंत्री रहे है। ऐसे में इस सीट पर इस बार जीते ताराचंद जैन को भी वैश्य कोटे से मंत्री बनाने की बात चली है लेकिन संगठन व सत्ता के बीच की गणित में क्या तय होता है यह देखना होगा। राजसमंद जिला : यहां भाजपा ने चारों की चारों सीटें जीत कर कांग्रेस का सफाया कर दिया है। यहां से मंत्रीमंडल के प्रबल दावेदारों में पहला नाम नाथद्वारा सीट से विधानसभा स्पीकर रहे डा सीपी जोशी को हराकर विधायक बने महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ का नाम है। मेवाड़ को भाजपा में शामिल करते ही टिकट दे दिया और वे सीट निकाल भी गए। ​उदयपुर की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा में भी उनको बुलाया गया था। इसके अलावा राजसमंद से महिला कोटे से अगर मंत्री लेने की बात होगी तो पूर्व मंत्री दिवंगत किरण माहेश्वरी की बेटी राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी को मौका दिया जा सकता है। राजसमंद के कुंभलगढ़ से भी सुरेन्द्र सिंह राठौड़ का भी नाम चला है लेकिन एक ही जिले से इतने मंत्री देने को लेकर पेच फंस सकता है। चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिला : यहां भी यूं देखे तो पांचों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने चार सीटें जीती और चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा के बागी हुए चन्द्रभान आक्या निर्दलीय जीते लेकिन वे पार्टी के साथ ही है। यहां से निम्बाहेड़ा से मंत्री उदयलाल आंजना को हराने वाले श्रीचंद्र कृपलानी को मंत्री बनाया जा सकता है। वे पूर्व में भी यूडीएच मंत्री रहे हुए है। प्रतापगढ़ जिले की प्रतापगढ़ और धरियावद सीट में एक भाजपा और एक बाप ने जीत दर्ज की। बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिला : बांसवाड़ा की 5 सीटों में से कांग्रेस ने बांसवाड़ा, बागीदौरा, कुशलगढ़ और घाटोल तो भाजपा ने गढ़ी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की। गढ़ी में भाजपा के कैलाश मीणा जीते है। डूंगरपुर जिले की चारों सीटों में से दो पर भारत आदिवासी पार्टी, एक पर कांग्रेस और एक पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। सागवाड़ा में भाजपा के शंकरलाल डेचा जीते। इन दोनों जिलों में भाजपा को नुकसान हुआ है और यहां बीएपी और बीटीपी के प्रभाव को देखते हुए भाजपा यहां का प्रतिनिधत्व मंत्रीमंडल में होना ही चाहिए इस पर जोर दिया गया है। ऐसा इसलिए भी कि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव भी पार्टी को जीतने के लिए पूरी रणनीति बनानी है। गढ़ी से लगातार दूसरी बार जीते मीणा की हर वर्ग में अच्छी पकड़ है। माना जा रहा है कि कांग्रेस सरकार में जिले से मालवीया और बामनिया को मंत्री बनाने का फायदा कांग्रेस को मिला। इन सारे फेक्टर पर भाजपा में चर्चा हुई है।
जयपुर,राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने सबको चौंकाया है। अब मंत्री पद की रेस में भी नए और चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरों का गुड मिक्स देखने को मिलेगा। RSS से जुड़ाव वाले ज्यादा चेहरों को ही मंत्री बनाए जाने की संभावना है। पहले फेज में 20 मंत्री बन सकते हैं। जो 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ ही शपथ ले सकते हैं। मंत्रियों के नामों पर दिल्ली से लेकर जयपुर तक एक्सरसाइज शुरू हो चुकी है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने वाले नामों को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कौन-से विधायक मंत्रिमंडल में चेहरा बन सकते हैं, राजस्थान में CM सहित 30 का कोटा, अब 27 मंत्रियों की जगह खाली राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री बन सकते हैं। भजनलाल शर्मा सीएम, दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा डिप्टी सीएम बन चुके हैं। एक सीएम और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद अब 30 में से 3 जगह भर चुकी हैं। कोटे के हिसाब से अब 27 मंत्री बन सकते हैं। पहले फेज में करीब 20 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें 10 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हो सकते हैं। पांच से सात जगह खाली रखी जा सकती है। बची हुई जगहों को लोकसभा चुनाव के बाद भरे जाने का विकल्प रखा जा सकता है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश बीजेपी में सबसे ज्यादा विधायक एससी-एसटी, राजपूत, जाट, ब्राह्मण वर्ग से जीतकर आए हैं। इसके अलावा वैश्य और बीजेपी का कोर वोट बैंक मानी जाने वाली ओबीसी जातियों के विधायकों की संख्या अधिक है। इन जातियों के विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्रिमंडल में जगह देकर जातीय संतुलन बनाने का प्रयास किया जा सकता है। कौन होगा गृह मंत्री? गृह मंत्री के नाम को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी आमतौर पर ऐसे नेता को दी जा सकती है जिसकी हिंदूवादी नेता की छवि हो। बाबा बालकनाथ और किरोड़ीलाल मीणा का नाम गृह मंत्री के तौर पर चल रहा है। हालांकि वसुंधरा राजे के दोनों ही कार्यकाल में गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री के पास ही रहा था। किरोड़ीलाल मीणा (सवाई माधोपुर): सीनियर नेता। विपक्ष में रहकर कांग्रेस का मुखर विरोध किया। पेपर लीक और घोटालों को मुद्दा बनाया। मीणा वोट बैंक पर पकड़। बाबा बालकनाथ (तिजारा): हिंदूवादी चेहरा। नाथ संप्रदाय के बड़े मठ के मठाधीश और बड़ा श्रद्धालु वर्ग जुड़ा है। 35 से ज्यादा विधायक मंत्री बनने के दावेदार 35 से ज्यादा विधायक मंत्री बनने के दावेदारों में आगे माने जा रहे हैं। किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी, विश्वराज सिंह मेवाड़, जेठानंद व्यास, मदन दिलावर, जोगेश्वर गर्ग, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, जितेंद्र गोठवाल, झाबर सिंह खर्रा, नौक्षम चौधरी, दीप्ति किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल, जवाहर सिंह बेडम, जगत सिंह, हंसराज पटेल, पब्बाराम विश्नोई, हीरालाल नागर, भैराराम चौधरी, लालाराम बैरवा, संजय शर्मा, गोपाल शर्मा, लादूलाल पितलिया, जयदीप बिहाणी और ताराचंद जैन के नाम दावेदारों में हैं। तीन से चार महिला मंत्री बन सकती हैं, अनिता-नौक्षम-दीप्ति रेस में आगे तीन से चार महिला मंत्री बन सकती हैं। इस बार बीजेपी ने केंद्र में महिला आरक्षण बिल पास करवाया है। वह लागू बाद में होगा, लेकिन मैसेज देने के हिसाब से राजस्थान में महिला मंत्रियों की संख्या में बढ़ोतरी भी की जा सकती है। दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाकर मैसेज दिया जा चुका है। महिलाओं में दीप्ति किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल, नौक्षम चौधरी, सिद्धि कुमारी के नाम दावेदारों में हैं। वसुंधरा राजे सरकार में किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल और कमसा मेघवाल मंत्री थीं। इस संख्या को बढ़ाया जा सकता है। नौक्षम चौधरी (कामां) : बीजेपी की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी विधायक। दलित वर्ग से हैं। गहलोत सरकार में मंत्री जाहिदा खान को हराया। दीप्ति किरण माहेश्वरी (राजसमंद) : बीजेपी की वरिष्ठ मंत्री रहीं किरण माहेश्वरी की बेटी। दूसरी बार विधायक। वैश्य समाज से प्रमुख महिला चेहरा। अनिता भदेल (अजमेर दक्षिण) : पार्टी का मुखर दलित चेहरा। वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। दलित वर्ग: डिप्टी सीएम देने के बाद दो से तीन मंत्री संभव दलित वर्ग पर बीजेपी मजबूत पकड़ बनाने का प्रयास कर रही है। बीजेपी में 16 विधायक दलित हैं। बीजेपी ने प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर दलित वर्ग को साधने का मैसेज दिया है। ये चेहरे हैं मंत्री की कतार में… जोगेश्वर गर्ग (जालोर): लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं। गोडवाड़ क्षेत्र में पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा हैं। मदन दिलावर (रामगंजमंडी): दो बार मंत्री रह चुके हैं। पार्टी का हिंदूवादी चेहरा हैं। जितेंद्र गोठवाल (खंडार): पहले संसदीय सचिव रहे। पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा। लालाराम बैरवा (शाहपुरा): बीजेपी से बागी होकर लड़ने वाले पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल को हराकर पहली बार विधायक बने हैं। राजपूत समाज से 17 विधायक, दावेदारों की लंबी कतार राजपूत बीजेपी का कोर वोट बैंक रहा है। पिछले चुनावों में राजपूतों की नाराजगी से बीजेपी को नुकसान हुआ था। इस बार 17 विधायक राजपूत समाज से जीतकर आए हैं। राजपूत समाज से प्रमुख नेताओं को मंत्री बनाकर मैसेज दिया जा सकता है। महंत प्रतापपुरी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, विश्वराज सिंह मेवाड़, सिद्धि कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सुरेंद्र सिंह राठौड़ के नामों पर विचार चल रहा है। महंत प्रतापपुरी (पोकरण): पश्चिमी राजस्थान का बड़ा हिंदूवादी चेहरा। पश्चिमी राजस्थान में अच्छा प्रभाव। विश्वराज सिंह मेवाड़ (नाथद्वारा): स्पीकर सीपी जोशी को हराकर विधायक बने। महाराणा प्रताप के वंशज होने से भावनाएं जुड़ी हैं। पुष्पेंद्र सिंह राणावत (बाली): छह बार के विधायक। गोडवाड़ क्षेत्र में अच्छा प्रभाव और साफ छवि। सिद्धि कुमारी (बीकानेर पूर्व): वरिष्ठ विधायक। बीकानेर पूर्व राजघराने की मेंबर। सुरेंद्र सिंह राठौड़ (कुंभलगढ़): मेवाड़ में पार्टी के प्रमुख वरिष्ठ नेताओं में गिनती। राजपूत समाज में अच्छा प्रभाव। वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। ब्राह्मण समाज से CM, अब मंत्री बनने के लिए भी कई दावेदार भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समाज को मैसेज दिया गया है। ब्राह्मण समाज के 12 विधायक जीतकर आए हैं। सीएम बनने के बाद अब मंत्री बनाने की रेस में भी कई विधायक दावेदार हैं। ब्राह्मण विधायकों में गोपाल शर्मा, जेठानंद व्यास, संजय शर्मा, संदीप शर्मा के नामों पर विचार चल रहा है। जेठानंद व्यास (बीकानेर पश्चिम): गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को हराया। आरएसएस से जुड़े हैं। संजय शर्मा (अलवर शहर): लंबे समय से पार्टी में काम कर रहे हैं। दूसरी बार विधायक। आरएसएस की पसंद। गोपाल शर्मा (सिविल लाइंस): पहली बार विधायक। पीएम मोदी से संपर्क। राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे। संदीप शर्मा (कोटा): हाड़ौती में पार्टी का प्रमुख ब्राह्मण चेहरा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के नजदीकी हैं। 12 जाट विधायकों में कई दावेदार : किसान जातियों को साधने के लिए भी मंत्री बनाए जाएंगे बीजेपी में 14 विधायक जाट जीतकर आए हैं। किसान वर्ग को साधने के लिए भी मंत्री बनाए जाएंगे। लोकसभा चुनावों से पहले जाट वर्ग को मैसेज देने के लिए मंत्री बनाए जाएंगे। जाट विधायकों में झाबर सिंह खर्रा, भैराराम सियोल, जगत सिंह, सुमित गोदारा, अजय सिंह किलक के नाम दावेदारों में हैं। भैराराम चौधरी सियोल (ओसियां) : दिव्या मदेरणा को हराया। दूसरी बार विधायक। वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं। मारवाड़ में पार्टी का प्रमुख जाट चेहरा। झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर): इनके पिता भी बीजेपी से मंत्री रहे। शेखावाटी में बीजेपी का प्रमुख जाट चेहरा। सुमित गोदारा (लूणकरणसर): बीकानेर ​जिले में पार्टी का प्रमुख जाट चेहरा। अजय सिंह किलक (डेगाना): वसुंधरा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। नागौर जिले में पार्टी के प्रमुख जाट चेहरों में गिनती। दूसरी किसान जातियों से भी दावेदार: जाटों के अलावा विश्नोई, कलवी-पटेल, धाकड़ नागर समाज से भी कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं। जवाहर सिंह बेडम (नगर): भरतपुर जिले में पार्टी के प्रमुख गुर्जर चेहरे के तौर पर पहचान। गुर्जर समाज में अच्छा प्रभाव। हंसराज पटेल (कोटपूतली): पहली बार जीतकर आए। गुर्जर समाज में अच्छा प्रभाव। पब्बाराम विश्नोई (फलोदी): वरिष्ठ विधायक। विश्नोई समाज में पार्टी का प्रमुख चेहरा। हीरालाल नागर (सांगोद): दूसरी बार विधायक। हाड़ौती में किसान वर्ग में अच्छा प्रभाव। उदयलाल भडाना (मांडल): किसान जातियों में अच्छा प्रभाव। पहली बार विधायक। आदिवासी : बीएपी के प्रभाव को कम करने 2 से 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस इलाके से नए चेहरों को मंत्री बनाया जाएगा। मेवाड़ और आदिवासी बेल्ट में बीजेपी हमेशा से मजबूत रही है। इस बार भी मेवाड़ में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आदिवासी इलाके में बीएपी ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। आदिवासी इलाके से दो से तीन मंत्री बनाए जा सकते हैं। फूलसिंह मीणा: उदयपुर ग्रामीण सीट से लगातार जीत रहे हैं। बीजेपी के मुखर आदिवासी चेहरा होने से दावेदारी। शंकरलाल डेचा: डूंगरपुर से एकमात्र विधायक। सागवाड़ा सीट से जीते। बीटीपी-बीएपी के प्रभाव को देखते हुए मंत्री बनाया जा सकता है। कैलाश मीणा: बांसवाड़ा की गढ़ी सीट से विधायक। बीटीपी-बीएपी के प्रभाव को काउंटर करने के लिए मंत्री बनाया जा सकता है। वैश्य वर्ग : 2 मंत्री संभव वैश्य वर्ग से बीजेपी में आठ विधायक हैं। पार्टी का बड़ा और कमिटेड वोट बैंक माना जाता है। वैश्य समाज से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। महिला चेहरे के तौर पर दीप्ति माहेश्वरी के अलावा तीन नाम चर्चा में हैं। लादूलाल पितलिया (सहाड़ा): पहली बार विधायक। जैन-वैश्य वर्ग से पार्टी का प्रमुख चेहरा। हिंदूवादी संगठनों में लंबे समय से सक्रिय। जयदीप बिहाणी (गंगानगर): पहली बार विधायक। नहरी क्षेत्र में पार्टी का प्रमुख वैश्य चेहरा। ताराचंद जैन (उदयपुर): गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद उनकी सीट से पहली बार विधायक। कटारिया के स्पेस को भरने आगे लाने की रणनीति। राजपुरोहित समाज से छगन सिंह राजुपरोहित, कुमावत समाज से जोराराम की चर्चा पश्चिमी राजस्थान में राजपुरोहित समाज बीजेपी का कमिटेड वोट बैंक रहा है। छगनसिंह राजपुरोहित को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। कुमावत समाज से जोराराम कुमावत का नाम दावेदारों में है। मंत्री नहीं बनने वालों को संसदीय सचिव बनाया जाएगा जो दावेदार मंत्री नहीं बन पाएंगे, उनके लिए संसदीय सचिव बनाए जाने का विकल्प है। आधा दर्जन संसदीय सचिव भी बनाए जाने हैं। जिन इलाकों से मंत्री नहीं बनेंगे, उन्हें संसदीय सचिव बनाकर प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया जाएगा।
जयपुर,भजनलाल शर्मा 14वें मुख्यमंत्री के तौर पर 15 दिसंबर को शपथ लेंगे। इसके लिए आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीटिंग हुई। इसमें मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अलावा प्रदेश भाजपा के बड़े नेता मौजूद रहे। शपथ ग्रहण समारोह सुबह 11:15 बजे अल्बर्ट हॉल के बाहर होगा। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा भी शामिल होंगे। कार्यक्रम के लिए भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजा जा रहा है। इसी दिन दोनों उपमुख्यमंत्री भी शपथ लेंगे। इससे पहले आज सुबह भजनलाल शर्मा ने सांगानेर में सांगा बाबा मंदिर के दर्शन किए। यहां से वे प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। जहां फूल-मालाओं के साथ उनका स्वागत किया गया। वहीं, मनोनीत डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने दिन की शुरुआत जयपुर के आराध्य गोविंददेव के यहां धोक लगाकर की। उन्होंने जयपुर के कई प्रसिद्ध मंदिरों में पूजा-अर्चना भी की। गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया आज सुबह मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल को परिवार सहित जयपुर में चंबल पावर के गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया। अब नई सरकार के स्वरूप पर चर्चाएं चल रही हैं। वहीं, विधायकों ने मंत्री बनने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। हालांकि, मंत्रिमंडल का शुरुआती स्वरूप कैसा होगा, इसको लेकर अलग-अलग कयास हैं। मां और बेटे ने लगाया गले दीया कुमारी मंगलवार रात जब जयपुर के सिटी पैलेस पहुंचीं तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। दीया कुमारी की मां पद्मिनी देवी भावुक हाे गईं और उन्हें गले लगा लिया। वहीं दीया कुमारी के छोटे बेटे लक्ष्यराज प्रकाश सिंह भी उनसे गले मिले और बधाई दी। इसके साथ ही सिटी पैलेस, जयगढ़ के स्टाफ ने भी उनका स्वागत किया। नई सरकार को लेकर बड़े अपडेट्स... डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने कहा- राजस्थान में महिला अपराध बहुत बड़ा मुद्दा रहा है। प्रदेश में जहां भी ऐसी घटना हुई है, वहां भाजपा की टीम पहुंची है। पीड़ित या पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए भाजपा की टीम ने पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस की सरकार गहरी नींद में सो रही थी। भाजपा के संकल्प पत्र में भी यह स्पष्ट है कि महिला अपराध बिल्कुल भी सहा नहीं जाएगा। शपथ ग्रहण समारोह को लेकर प्रदेश भाजपा कार्यालय में मीटिंग हुई। यहां समारोह को लेकर अलग-अलग नेताओं की जिम्मेदारियां तय की गईं। अल्बर्ट हॉल के बाहर होने वाले समारोह में एक लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।
जयपुर,राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश महामंत्री एवं सांगानेर से विधायक भजन लाल शर्मा नए मुख्यमंत्री होंगे। भरतपुर के रहने वाले भजन लाल शर्मा भाजपा संगठन का अहम चेहरा माने जाते हैं। वे पार्टी के संगठन मंत्री रहे हैं और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। 55 साल के भजन लाल शर्मा लो प्रोफाइल रहते हैं। वे पार्टी संगठन और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) दोनों के करीबी माने जाते हैं। इसी वजह से राजस्थान भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही कयासबाजियों के सारे पैमाने फेल हो गए। भजन लाल शर्मा को राजस्थान में सामान्य वर्ग के रूप में एक मजबूत चेहरे के तौर पर जाना जाता है। वे पिछले 35 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। भजन लाल शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा अटारी गांव से हुई । इसके बाद माध्यमिक शिक्षा के लिए वे नदबई आ गए। इसी समय शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। एबीवीपी के 1990 के कश्मीर मार्च में भजन लाल शर्मा का सक्रिय सहभाग रहा। उन्होंने 100 कार्यकर्ताओं के साथ उधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी। 1992 में श्रीराम जन्मभूमी आंदोलन में जेल भी गए। इसके बाद 1991-92 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिम्मेदारी मिली। 2000 से 2005 तक रहे अटारी गांव के सरपंच भजन लाल शर्मा ने 27 साल की उम्र में अटारी गांव से सरपंच का चुनाव लड़ा। वे 2000 से 2005 तक अटारी गांव के सरपंच रहे। इसके बाद 2010 से 2015 पंचायत समिति सदस्य रहे। नए मुख्यमंत्री भारतीय जनता युवा मोर्चा नदबई मंडल अध्यक्ष, जिला मंत्री भाजयुमो, तीन बार जिला अध्यक्ष भाजयुमो, जिला मंत्री भाजपा भरतपुर, 2009 से 2014 तक भरतपुर के जिला अध्यक्ष, 2014 से 2016 तक प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान और 2016 से अब तक प्रदेश महामंत्री रहे। वसुंधरा राजे ने भजन लाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा भाजपा की मंगलवार सायं करीब चार बजे हुई विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से पहली बार विधायक बने शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया जबकि विधायक दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर फैसला हुआ। बैठक के बाद पर्यवेक्षक एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि विधायक दल के नेता के चयन के लिए आयोजित बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। राजनाथ सिंह ने बताया कि इसी तरह विधायक दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा दो उपमुख्यमंत्री के नाम पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया जबकि पूर्व मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा अध्यक्ष होंगे। भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में आगे बढ़ेगा राजस्थान राजनाथ सिंह ने कहा कि राजस्थान भाजपा विधायक दल के सर्वसम्मत नेता निर्वाचित हुए हैं और उनके नेतृत्व में प्रदेश आगे बढ़ेगा। राजनाथ ने शर्मा को नेता चुने जाने पर बधाई दी। इसी तरह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी एवं पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित विधायकों ने भजनलाल शर्मा को बधाई दी। इसके बाद शर्मा राज्यपाल कलराज मिश्र से मिलने राजभवन पहुंचे। उनके साथ श्री राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे, दीया कुमारी एवं प्रेम चंद बैरवा आदि मौजूद थे। जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद क्या बोले भजनलाल शर्मा भजनलाल शर्मा पार्टी में प्रदेश महामंत्री के रुप में भूमिका निभा रहे थे और हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में उन्हें जयपुर की सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी बनाया और वह पहली बार विधायक बने। वह चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेन्द्र भारद्वाज को 48 हजार से अधिक मतों से हराकर विधायक निर्वाचित हुए। विधायक दल के नेता चुने जाने के बाद भजनलाल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी मिली है उसे और अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे।
जयपुर,राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा होंगे। सांगानेर से विधायक भजनलाल शर्मा को मंगलवार को विधायक दल का नेता चुना गया। प्रदेश भाजपा कार्यालय में विधायक दल की बैठक हुई जिसमें भाजपा हाईकमान द्वारा तय शर्मा के नाम का ऐलान किया गया। नए मुख्यमंत्री के लिए भजनलाल के नाम का प्रस्ताव वसुंधरा राजे ने रखा और सभी ने उनके नाम पर सहमति जताई। दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा उप मुख्यमंत्री होंगे। वहीं, अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी विधानसभा स्पीकर होंगे। भजनलाल संघ पृष्ठभूमि से आते हैं। वे मूलत: भरतपुर के रहने वाले हैं। भजनलाल प्रदेश महामंत्री के पद पर भी थे। भाजपा ने तीनों बड़े पद जयपुर को ही दिए हैं। भजनलाल जयपुर की सांगानेर सीट से विधायक हैं, वहीं दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से जीती हैं जबकि बैरवा जयपुर जिले की दूदू सीट से विधायक हैं। आखिरी पंक्ति में खड़े थे भजनलाल शर्मा विधायक दल की बैठक से पहले राजनाथ सिंह के साथ सभी विधायकों का ग्रुप फोटो सेशन हुआ। इस दौरान वसुंधरा राजे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बिल्कुल बगल में बैठी थीं। वहीं भजनलाल शर्मा आखिरी पंक्ति में खड़े थे। दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा दूसरी पंक्ति में थे, वहीं वासुदेव देवनानी पहली पंक्ति में बैठे हुए थे। सरकार बनाने का दावा पेश किया, 15 दिसंबर को शपथ ग्रहण विधायक दल की बैठक के बाद भजनलाल शर्मा सहित सभी भाजपा नेता राजभवन पहुंचे। यहां उन्होंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। 15 दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण हो सकता है। 15 दिसंबर को ही भजनलाल शर्मा का जन्मदिन भी है। शपथ से पहले भजनलाल गिरिराज महाराज के दर्शन करने के लिए भरतपुर भी जाएंगे। शर्मा बोले- सबके सहयोग से विकास करेंगे भजनलाल शर्मा ने कहा कि भाजपा के सभी नेताओं के साथ मिलकर राजस्थान का सर्वांगीण विकास करेंगे। उनको विधानसभा चुनाव में सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर उतारा गया था। वसुंधरा को होटल में बता दिया था- वे सीएम नहीं होंगी राजनाथ सिंह नए मुख्यमंत्री का नाम लेकर आए। बैठक से पहले उन्हाेंने होटल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से वन-टु-वन बातचीत की। दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत चली। इसके बाद सभी नेताओं के बीच भी कुछ देर चर्चा हुई। सूत्राें के मुताबिक राजनाथ सिंह ने होटल में ही वसुंधरा को बता दिया था कि उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा रहा है। हालांकि नए सीएम के नाम की जानकारी उन्हें विधायक दल की बैठक से ऐन पहले ही दी गई। ब्राह्मण, राजपूत और दलित कार्ड भाजपा ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के चयन के जरिए ब्राह्मण, राजपूत और दलित कार्ड खेला है। ब्राह्मण को मुख्यमंत्री और राजपूत को उप मुख्यमंत्री बनाकर सामान्य वर्ग में भी भाजपा ने एक बड़ा मैसेज दिया है। वहीं प्रेमचंद बैरवा को उप मुख्यमंत्री बनाकर दलित कार्ड भी खेला है। 33 साल बाद ब्राह्मण सीएम राजस्थान में 33 साल बाद ब्राह्मण चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले कांग्रेस से हरिदेव जोशी राजस्थान के तीन बार सीएम रहे हैं। वे 1973 से 1977 तक, फिर 1985 से 1988 तक और फिर 1989 से 1990 तक सीएम रहे।
जयपुर : 199 सीटों पर हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में 8 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। इन निर्दलीयों में 6 विधायक भाजपा के बागी हैं जबकि दो किसी भी दल से बागी नहीं हैं। हालांकि भाजपा ने 115 सीटों पर जीत दर्ज करते हुए पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। सरकार बनाने के लिए किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है। बताया जा रहा है कि इसके बावजूद भी 8 में से छह निर्दलीय विधायकों से पार्टी ने संपर्क किया है। बागी विधायक फिर से पार्टी में शामिल हो सकते हैं या बाहर से समर्थन देकर भाजपा को मजबूत कर सकते हैं। जानिए इन निर्दलीय विधायकों के बारे में... बाड़मेर से प्रियंका चौधरी बाड़मेर विधानसभा सीट से भाजपा ने पिछले चुनाव में डॉ. प्रियंका चौधरी को टिकट दिया था लेकिन वे चुनाव हार गई थी। इस बार पार्टी ने टिकट काट दिया तो वे बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूद पड़ी। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने चौधरी को समर्थन दे दिया और डॉ. प्रियंका चौधरी ने जीत दर्ज की। प्रियंका चौधरी का कहना है कि सभी निर्दलीयों को एकजुट रहना चाहिए। डीडवाना से यूनूस खान नागौर जिले की डीडवाना विधानसभा से बीजेपी से बागी होकर यूनुस खान ने चुनाव लड़कर जीत दर्ज की। 2008 के चुनावों में भी वे डीडवाना से विधायक बनकर वसुंधरा राजे सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे। पिछले चुनावों में बीजेपी ने उन्हें सचिन पायलट के सामने टोंक से चुनाव मैदान में उतारा तो वे हार गए थे। इस बार टिकट नहीं मिलने पर उन्हें पार्टी को बाय बाय करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था। खान वसुंधरा राजे के सबसे विश्वसनीय नेताओं में से एक हैं। हालांकि यूनुस खान का कहना है कि वे पार्टी जॉइन नहीं करेंगे। ​बयाना से डॉ. रितु बनावत डॉ. रितु बनावत पूर्व में दो चुनाव लड़कर हार चुकी है। इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे बागी होकर बयाना से चुनाव मैदान में उतरी और जीत दर्ज की। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने उनसे संपर्क किया है लेकिन अभी पार्टी में शामिल होने के बारे में फैसला नहीं लिया है। सांचौर से जीवाराम चौधरी सांचौर विधानसभा सीट से बीजेपी ने जीवाराम चौधरी और दानाराम चौधरी को दरकिनार करते हुए लोकसभा सांसद देवजी पटेल को प्रत्याशी बनाया। दोनों चौधरियों ने पार्टी के फैसले का पुरजोर विरोध किया और प्रत्याशी बदलने की मांग की। बीजेपी ने प्रत्याशी नहीं बदला तो जीवाराम चौधरी ने चुनाव मैदान में ताल ठोकी और जीत दर्ज की। जीवाराम चौधरी जयपुर आकर बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। शिव विधानसभा से रवींद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रहे रवींद्र सिंह भाटी विधायक बने हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले टिकट वितरण के दौरान भाटी बीजेपी में शामिल हुए। तब ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी उन्हें प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। टिकट नहीं मिलने पर भाटी बागी होकर चुनाव मैदान में कूदे और जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद भाटी ने बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। उनका पार्टी में आना तय है। हालांकि अभी उन्होंने इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया है। चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या चित्तौड़गढ़ से लगातार दो बार चुनाव जीतने के बावजूद भी भाजपा ने चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया था। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को एडजस्ट करने के लिए उन्हें टिकट दिया तो आक्या बागी होकर चुनाव मैदान में कूद पड़े। जीत हासिल करने के बाद आक्या ने बीजेपी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की। आक्या का पार्टी में शामिल होना तय माना जा रहा है। गणेशराज बंसल और अशोक कुमार कोठारी बीजेपी के 6 बागियों के अतिरिक्त 2 अन्य निर्दलीयों ने भी जीत दर्ज की। उनमें हनुमानगढ़ से गणेशराज बंसल और भीलवाड़ा से अशोक कुमार कोठारी हैं। कोठारी संघ से जुड़े हुए हैं और बड़े उद्योगपति हैं। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इन दोनों विधायकों द्वारा बीजेपी को बाहर से समर्थन देना तय माना जा रहा है।
जयपुर,राजस्थान का नया सीएम चुनने को लेकर दिल्ली से लेकर जयपुर तक भाजपा में गहमागहमी का माहौल है। भाजपा के विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की विधायकों से रात करीब सवा आठ बजे बातचीत शुरू हुई। इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। शनिवार रात जेपी नड्डा का नवनिर्वाचित विधायकों से संवाद शुरू हुआ। वीसी के जरिए राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा सभी नवनिर्वाचित विधायकों से जुड़े। विकसित भारत संकल्प यात्रा और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों को लेकर विधायकों से बात चल रही है। प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी वीसी से जुड़े हैं। विधायक दल की बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य पर्यवेक्षक रविवार को जयपुर पहुंचेंगे। विधायकों को भाजपा कार्यालय से अगले 2 दिन जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच महंत बालकनाथ ने अपने सीएम बनने को लेकर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेरे बारे में लगाए जा रहे कयासों को नजरअंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है। विधायकों को आधिकारिक सूचना दी गई सीएम का नाम तय करने के लिए हाईकमान ने राजस्थान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे को पर्यवेक्षक बनाया है। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक को लेकर आज सभी विधायकों को आधिकारिक सूचना दे दी गई है। ताकि सभी विधायक तय समय पर जयपुर पहुंच सकें। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी दिल्ली से लौट आए हैं। वसुंधरा राजे दिल्ली में ही हैं। दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले के भी कयास मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान में दो डिप्टी सीएम बनाने के फॉर्मूले को भी लागू किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि दो डिप्टी सीएम बनाए गए तो इसमें एक महिला डिप्टी सीएम होगी, ताकि लोकसभा चुनाव के लिहाज से आधी आबादी को बड़ा मैसेज दिया जा सके। इसके अलावा इन पदों पर आदिवासी और राजपूत चेहरे को भी मौका दिया जा सकता है, हालांकि इन चेहरों का फैसला सीएम तय होने के बाद के समीकरण से तय होगा। इसके साथ ही इस फॉर्मूले से पार्टी के सभी धड़ों को साधने का भी प्रयास होगा। शुक्रवार रात राजस्थान के रहने वाले राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के राजस्थान के लिहाज से सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
जयपुर,श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में पहली गिरफ्तारी हुई है। साजिशकर्ताओं में शामिल रामवीर (23) पुत्र सतवीर को जयपुर पुलिस ने शनिवार को उसके गांव से गिरफ्तार किया है। वह महेंद्रगढ़ (हरियाणा) के सत्तनाली इलाके के सुरेती पिलानियां का रहने वाला है। रामवीर शूटर नितिन फौजी का दोस्त है। नितिन फौजी के जयपुर में रुकने की व्यवस्था की थी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी (53) को मारने वाले शूटर नितिन फौजी के लिए बदमाश रामवीर ने ही जयपुर में पूरी व्यवस्था करवाई थी। 5 दिसंबर को नितिन फौजी और रोहित राठौड़ ने गोगामेड़ी की श्याम नगर (जयपुर) स्थित उनके घर पर अंधाधुंध फायरिंग कर हत्या कर दी थी। मर्डर के बाद रामवीर अपनी बाइक से नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को बगरू टोल प्लाजा से आगे ले गया था। राजस्थान रोडवेज के नागौर डिपो की बस में बैठाकर फरार करवाया। हमलावरों ने बस में एक लड़के का फोन लेकर किसी को कॉल भी किया था। डीडवाना पहुंचने के बाद भी दोनों शूटर ने एक ड्राइवर को कॉल लगाया और स्विफ्ट कार किराए पर ली। इसी कार से दोनों शूटर सुजानगढ़ तक पहुंचे। यहां से दिल्ली की बस में सवार होकर फरार हो गए। नितिन फौजी के साथ एक ही स्कूल में पढ़ा एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चन्द्र बिश्नोई ने बताया- रामवीर सिंह और नितिन फौजी के गांव आस-पास हैं। दोनों आरपीएस सीनियर सेकेंडरी स्कूल महेंद्रगढ़ में 12वीं क्लास में एक साथ पढ़ाई करते थे। 12वीं पास करने के बाद नितिन फौजी सेना में भर्ती हो गया। रामवीर ने जयपुर के मानसरोवर स्थित विल्फ्रेड कॉलेज से साल 2017 से 2020 तक बीएससी और 2021 से 2023 तक कालवाड़ रोड स्थित विवेक पीजी कॉलेज से एमएससी (मैथ) की पढ़ाई की। रामवीर अप्रैल 2023 में एमएससी का अंतिम पेपर देकर गांव चला गया था। आरोपी पहले भी इन बदमाशों की कर चुका है मदद 9 नवंबर को नितिन फौजी और उसके साथियों ने महेंद्रगढ़ में सदर थाना पुलिस पर फायरिंग की थी और फरार हो गए थे। रामवीर ने नितिन फौजी की जयपुर में होटल और अपने परिचित के फ्लैट पर रुकने की व्यवस्था की थी। शनिवार को पुलिस ने आरोपी रामवीर को उसके घर से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
जयपुर,राजस्थान का नया सीएम चुनने को लेकर दिल्ली से लेकर जयपुर तक भाजपा में गहमागहमी का माहौल है। भाजपा के विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा आज रात सभी विधायकों से बातचीत करेंगे। इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। विधायक दल की बैठक के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य पर्यवेक्षक रविवार को जयपुर पहुंचेंगे। विधायकों को भाजपा कार्यालय से अगले 2 दिन जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच महंत बालकनाथ ने अपने सीएम बनने को लेकर चल रही अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेरे बारे में लगाए जा रहे कयासों को नजरअंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है। विधायकों को आधिकारिक सूचना दी गई सीएम का नाम तय करने के लिए हाईकमान ने राजस्थान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडे और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे को पर्यवेक्षक बनाया है। माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक को लेकर आज सभी विधायकों को आधिकारिक सूचना दे दी गई है। ताकि सभी विधायक तय समय पर जयपुर पहुंच सकें। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी दिल्ली से लौट आए हैं। वसुंधरा राजे दिल्ली में ही हैं। दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले के भी कयास मुख्यमंत्री के अलावा राजस्थान में दो डिप्टी सीएम बनाने के फॉर्मूले को भी लागू किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि यदि दो डिप्टी सीएम बनाए गए तो इसमें एक महिला डिप्टी सीएम होगी, ताकि लोकसभा चुनाव के लिहाज से आधी आबादी को बड़ा मैसेज दिया जा सके। इसके अलावा इन पदों पर आदिवासी और राजपूत चेहरे को भी मौका दिया जा सकता है, हालांकि इन चेहरों का फैसला सीएम तय होने के बाद के समीकरण से तय होगा। इसके साथ ही इस फॉर्मूले से पार्टी के सभी धड़ों को साधने का भी प्रयास होगा। शुक्रवार रात राजस्थान के रहने वाले राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा से मुलाकात हुई। इस मुलाकात के राजस्थान के लिहाज से सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कंवरलाल मीणा बोले- वसुंधरा में है हमारा विश्वास वसुंधरा राजे गुट के अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने एक बार फिर वसुंधरा राजे को सीएम बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास वसुंधरा राजे में है। वसुंधरा राजे को ही सीएम बनाया जाना चाहिए। उन्हें सीएम नहीं बनाने का कोई कारण नजर नहीं आता है, लेकिन फिर भी संगठन सर्वोपरि है। हाल ही में जयपुर में विधायकों की लॉबिंग के आरोपों के दौरान कंवरलाल मीणा का नाम चर्चा में आया था।
दिल्ली/जयपुर,विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार को लेकर दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की गई। इसके बाद राजस्थान के नेताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने का टास्क दिया गया है। शनिवार को दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार के कारणों को लेकर विस्तार से बात की। कम अंतर से हारी सीटों के साथ भितरघात पर भी चर्चा की गई। बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा- आज से हम लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटेंगे। रंधावा ने प्रदेश प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफों से इनकार करते हुए तर्क दिया कि राजस्थान में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा है। बैठक में राहुल गांधी और खड़गे के अलावा अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा, सचिन पायलट, सीपी जोशी, भंवर जितेंद्र सिंह, गोविंद मेघवाल मौजूद थे। बीजेपी-कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर कम रंधावा ने कहा- मीटिंग में काफी लंबी चर्चा हुई। हमारा वोट शेयर और बीजेपी को मिले वोट में बहुत कम अंतर है। हमारे बहुत से कैंडिडेट्स बहुत कम वोटों से हारे हैं। ऐसे कैंडिडेट भी हैं। जिनका अंतर 1500 से भी कम है। उन सबके ऊपर चर्चा हुई। हमने आज से ही उनको बोल दिया है कि हम पार्लियामेंट की तैयारी करेंगे। जहां-जहां हमारी खामी रह गई, कमियां थीं। उनको हम पूरा करेंगे। एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस में फिलहाल बदलाव के संकेत नहीं रंधावा ने फिलहाल प्रदेशाध्यक्ष से लेकर प्रभारी के पदों पर बदलाव नहीं होने के संकेत दिए। रंधावा से जब चुनावी नतीजों के बाद इस्तीफा देने के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा कि राजस्थान का प्रदर्शन दूसरे राज्यों से बेहतर रहा है, बदलाव तो तब होता जब प्रदर्शन खराब होता। विधानसभा चुनावों में पूरी कांग्रेस एकजुट थी रंधावा ने क​हा- विधानसभा चुनावों में पूरी कांग्रेस एकजुट थी। एक आवाज में पूरी कांग्रेस ने वहां इलेक्‍शन लड़ा। हमारा जो बूथ लेवल का या मंडल अध्‍यक्ष थे, दूसरे ब्‍लॉक प्रेसिडेंट थे, डिस्ट्रिक्‍ट प्रेसिडेंट उन्‍होंने खूब काम किया। कांग्रेस के वर्कर्स ने भी बहुत मेहनत की। हमारे नेताओं ने भी आज कहा है लोकसभा चुनाव की आज से ही तैयारी करनी है। हमें फाइट करनी है और लोगों को बताना है कि हम जीतकर आएंगे। इस्तीफे पर बोले- मैं तो विधानसभा चुनाव तक ही रहना चाहता था राजस्थान चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद प्रभारी या प्रदेशाध्यक्ष के इस्तीफे के सवाल पर रंधावा ने कहा- हमने उनको कहा कि जो हैं, वो कर देंगे। राजस्‍थान में बाकी राज्यों की तुलना में बहुत बेटर परफॉर्मेंस रही है। आपने देखा है कि बहुत समय बाद कांग्रेस इतनी सीटों पर पहुंची है। वोट शेयर हमारा डाउन नहीं आया है। हम 0.44 परसेंट पहले से आगे बढ़े हैं। मैंने तो पहले भी कई बार कहा था कि मैं असेंबली तक यहीं रहना चाहता हूं, उसके बाद पंजाब में जाकर वापस काम करना है। जो इंचार्ज होते हैं, जो अध्‍यक्ष होते हैं, जो सीएम होते हैं। उनका काम इलेक्‍शन लड़ना है। वहां हम पता नहीं कैसे पीछे रह गए? इसके बारे में भी हम सोचेंगे कि क्‍यों रहे? और इतने कम वोटों पर कई कैंडिडेट हमारे जो हारे हैं, उनके ऊपर भी हम चर्चा करेंगे। गहलोत का तर्क- धार्मिक ध्रुवीकरण की वजह से हारे कार्यवाहक सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए धार्मिक मुद्दों पर चुनाव होने को कारण बताया है। गहलोत ने कहा- विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पास कोई इश्यू नहीं था, इन्होंने धार्मिक तनाव बढ़ाने वाले भाषण दिए। चुनाव का ध्रुवीकरण कर दिया। राष्ट्रीयता, ध्रुवीकरण, हिंदू मुस्लिम तो फिर आप देख सकते हो क्या होता है? वहीं हुआ। हमने कहा था जनता माई बाप होती है वो जो फैसला करेगी उसे विनम्रता से स्वीकार करेंगे। कार्यवाहक सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी में मुख्यमंत्री चयन में हो रही देरी को लेकर निशाना साधा है। दिल्ली में मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा- अगर कांग्रेस 5-6 दिन मुख्यमंत्री का फैसला नहीं करती तो पता नहीं क्या-क्या चिल्लाते कि आपस में फूट है, झगड़ा है। अब आप इनको पूछो क्या हैं? आपके पास क्या है? आज 6 दिन हो गए हैं, मुख्यमत्री का फैसला नहीं हुआ। इधर, राजस्थान में कांग्रेस की हार पर दिल्ली में मंथन चल रहा है।
जयपुर,राजस्थान में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद सबसे ज्यादा एक ही बात की चर्चा है कि आखिर मुख्यमंत्री कौन होगा? इसका ठीक से जवाब तो किसी के पास नहीं है, क्योंकि सीएम का फैसला दिल्ली से ही होना है, लेकिन वसुंधरा राजे रिजल्ट के अगले ही दिन एक्टिव हो गई। मंगलवार को प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी सक्रिय हो गए। दिल्ली में भी हलचल तेज है। बाबा बालकनाथ, किरोड़ी मीणा भी काफी एक्टिव हैं। इसके बाद कई सवाल उठ रहे हैं। क्या वसुंधरा राजे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनेंगी? क्या अर्जुन मेघवाल या किरोड़ी मीणा को बनाकर दलित या आदिवासी कार्ड खेला जाएगा? दैनिक भास्कर ने चुनाव परिणाम के बाद और पहले की स्थितियों की समीक्षा की तो सामने आया कि कई नेता दौड़ में आगे हैं, लेकिन उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। 1. वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने की कितनी संभावना है? अभी सबसे प्रबल दावेदारों में इनका नाम शामिल हैं। दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी हैं, लेकिन सबसे बड़ा संकट है कि वो अपने दो कार्यकाल में सरकार को रिपीट नहीं करवा पाई। दूसरा, पिछले पांच साल में केंद्र से उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिल पाया। ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इनकी 50-50 संभावना है। 2. वसुंधरा राजे कितनी ताकतवर है और इसके मायने क्या है? पहला : 60% विधायकों के समर्थन का दावा राजस्थान में भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल की है। समर्थकों का दावा है कि राजे को 60 प्रतिशत विधायकों का समर्थन है। इनके यहां डिनर पॉलिटिक्स में करीब 40 से ज्यादा विधायक शामिल हुए थे, हालांकि समर्थकों का 47 से अधिक का दावा है। तीन विधायकों ने राजे को ही सीएम बनाने की पैरवी भी की। मंगलवार को भी कई विधायकों ने मुलाकात की। ऐसे में संख्या बल के हिसाब से राजे मजबूत दिख रही हैं। निर्दलीय 6 विधायकों में से 4 उनके खेमे के ही हैं। दूसरा : 50 सभाएं, 36 जगह जीत वसुंधरा राजे ने करीब 50 सभाएं कीं, इनमें 36 जगहों पर भाजपा जीती। कुछ विधायकों ने ये तक कह दिया है कि राजे आईं इसलिए उनकी जीत हुई। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजे को शुरुआती एक डेढ़ साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया भी जा सकता है। तीसरा : टिकटों में भी दिखा था प्रभाव राजस्थान में भाजपा की 41 प्रत्याशियों की पहली सूची आई, लेकिन इसमें ज्यादातर वसुंधरा समर्थकों के नाम काट दिए गए। इसके बाद जिस तरह का विरोध सामने आया, केंद्रीय नेतृत्व बैकफुट पर आ गया। बाकी की सूचियों में राजे का प्रभाव नजर आया। चंद लोगों को छोड़ दे तो वसुंधरा अपने ज्यादातर लोगों को टिकट दिलाने में कामयाब रहीं। राजे के मुख्यमंत्री बनने में क्या अड़चन है? पहली : पिछले कार्यकाल में मोदी और शाह से तल्खियां पिछले कार्यकाल में जिस तरह वसुंधरा राजे और मोदी-शाह के बीच तल्खियां रहीं, वो कहीं न कहीं उनके रास्ते में अड़चन हैं। शायद ये ही कारण रहा कि पांच साल में उनको राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष के अलावा राजस्थान में कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया गया। भाजपा ने चुनाव से पहले सीएम फेस भी घोषित नहीं किया, जबकि इससे पहले 2003 से 2018 तक के विधानसभा चुनावों में राजे लगातार भाजपा का सीएम फेस रहीं। दूसरा : 2014 में सांसदों काे लामबंद करने की कोशिश बतौर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के दूसरे कार्यकाल में जब 2014 में राजस्थान की सभी 25 सीटें भाजपा को मिलीं और मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने सांसदों को दिल्ली में लामबंद करने का प्रयास किया था। राजे का कहना था कि राजस्थान को मोदी मंत्रिमंडल में उचित संख्या में प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। उस समय की घटना ने काफी सुर्खियां भी बटोरी थीं। तीसरा : 'गहलोत-राजे एक दूसरे के सहयोगी' का परसेप्शन पिछले दो चुनाव के बाद ये धारणा बनी कि निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का राजनीतिक रूप से एक दूसरे के सहयोगी हैं। गहलोत एक-दो बार इसका जिक्र कर चुके हैं। हालांकि उन्होंने इसका खंडन भी किया था, लेकिन वसुंधरा से नाराज धड़ा हर बार इस बात को हवा देता है। 4. … और कौन नाम हो सकते हैं? अभी जो नाम सामने आ रहे हैं, इनमें सबसे प्रमुख तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, सांसद बाबा बालकनाथ, किरोड़ी मीणा, दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विवनी वैष्णव के नाम प्रमुख हैं। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और छत्तीसगढ़ के चुनाव प्रभारी ओम माथुर का नाम भी दावेदार में शामिल माना जा रहे है। भाजपा की अन्य राज्यों की जीत को देखें, तो हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात जैसे प्रदेशों में वे नाम सीएम के रूप में सामने आए, जो मीडिया में तो क्या किसी के मन में भी नहीं चल रहे थे। ऐसे में राजस्थान में भी कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ जाए, तो आश्चर्य नहीं कहा जा सकता। 5. इनमें सबसे प्रबल दावेदार कौन है और क्यों… केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल : दलित फैक्टर भुना सकती है भाजपा जो परिस्थितियां दिख रही हैं, इसमें अर्जुनराम मेघवाल का नाम सबसे ऊपर हैं, क्योंकि वे दलित समुदाय से आते हैं। राजस्थान में करीब 18 प्रतिशत और देश में 20 फीसदी दलित हैं। भाजपा का कोर वोट बैंक दलितों से अछूता है। भाजपा का किसी प्रदेश में दलित सीएम नहीं है, तो भाजपा उनके नाम पर दांव खेलकर देशभर में लोकसभा चुनाव में इसे भुना सकती है। विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री ने दलित समाज से मुख्य चुनाव आयुक्त(हीरालाल समारिया) होने की बात कहकर वाहवाही लूटी थी। दूसरा मेघवाल मोदी और शाह के करीबी हैं। तीसरा ब्यूरोक्रेट रह चुके हैं तो प्रशासनिक समझ भी है। राजस्थान के विधायकों को इनके नाम पर आपत्ति होने की आशंका भी कम है। नहीं बनाने का कारण क्या : राजस्थान में विधायकों पर पकड़ के हिसाब से वे कमजोर पड़ सकते हैं, क्योंकि राज्य राजनीति में वे जुड़े नहीं रहे। 2014 में चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने आईएएस पद से इस्तीफा दिया था। तब से वे लगातार सांसद हैं और मोदी टीम में मंत्री भी। उन्होंने अपना अधिकतर समय केंद्र की राजनीति में दिया है और इस बार भाजपा आलाकमान ने उन्हें राज्य में सक्रिय रखा है। लो प्रोफाइल भी रहते हैं। ऐसे में उनका संबंध भले ही लगभग सभी से अच्छा दिखाई देता है, लेकिन जब नेतृत्व की बात आएगी, उस समय के समीकरण उनका कितना साथ देंगे, ये देखने वाली बात रहेगी। ओम माथुर : संघ से आते हैं, मोदी के करीबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात में मुख्यमंत्री थे, तब से मोदी के काफी करीबी हैं। वे संघ से आते हैं। राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके हैं। दूसरा, अभी छत्तीसगढ़ चुनाव में प्रभारी रह चुके हैं। यहां भाजपा के जीतने की संभावना नहीं के बराबर थी, ऐसे में उनकी रणनीति को इस जीत में काफी अहम माना जा रहा है। दूसरा, माथुर को बनाने से भाजपा को मारवाड़, मेवाड़ के राजनीतिक समीकरण भी साधने में काफी मदद मिलेगी। तीसरा वे कायस्थ समाज से आते हैं। राजस्थान में कायस्थ समाज की सभी जगह स्वीकार्यता है। नहीं बनाने का कारण क्या : माथुर को लेकर कहा जाता है कि ये जीतने मोदी के करीब हैं, उतने शाह के नहीं। ऐसे में ये अड़चन है। दूसरा जब माथुर प्रदेश में रहे थे, तब भी राजे और उनके मनमुटाव की खबरें आती रहती थीं। उस दौरान वे राजे के अलावा दूसरा पावर सेंटर माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग राज्यों में ही जाकर काम किया है। राजस्थान की राजनीति में अधिक सक्रियता दिखाई नहीं दी है। गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव: केंद्रीय मंत्री और मोदी के करीबी दोनों केंद्रीय मंत्री हैं। मोदी और शाह के करीबी हैं। शेखावत की राजनीतिक पकड़ भी है। वे प्रदेशाध्यक्ष के दावेदार भी रहे हैं। टैक्नोक्रेट वैष्णव का प्रबंधन अच्छा माना जाता है। शेखावत के बनाने से राजपूत और वैष्णव को बनाने से ब्राह्मणों को साधा जा सकता है। वैष्णव के साथ कोई विवाद भी नहीं जुड़ा है। नहीं बनने का कारण : भाजपा पिछले लंबे समय से कोशिश कर रही है कि वह सवर्ण राजपूत, ब्राह्मण की छवि से बाहर निकलकर अन्य समुदायों पर फोकस करें। भाजपा ने पिछले चुनावों की तुलना में राजपूतों और ब्राह्मणों के टिकट घटाए हैं। ऐसे में संभवत: इनके नाम की लॉटरी मुश्किल से खुले। गहलोत सरकार में शेखावत को लेकर विवाद साथ चले हैं। किरोड़ी लाल मीणा : पेपर लीक जैसे मुद्दों पर गहलोत को घेरा फायर ब्रांड नेता हैं। पिछले चार साल से कमजोर पड़ी भाजपा को पेपर लीक और अन्य मुद्दे लाकर उन्होंने सक्रिय किया है। कई मुद्दे उठाए, जिससे गहलोत फंसे रहे। जातिगत आधार पर देखें तो एससी और एसटी दोनों समुदायों में इनकी बाबा की छवि है। जमीनी पकड़ के कारण प्रदर्शन और आंदोलन में आसानी से समर्थक जुटा लेते हैं। नहीं बनाने का कारण : पूर्वी राजस्थान के नेता है। सभी जगह प्रभाव नहीं है। एक संकट ये भी है कि वे दिमाग से कम दिल से ज्यादा सोचते हैं और करते हैं। इसे प्रशासनिक पकड़ के तौर पर कमजोरी मानी जाती है। सीपी जोशी : साफ छवि, किसी विवाद से नहीं जुड़े सांसद सीपी जोशी को इस विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने चौंकाया था। जोशी संघ से जुड़े हुए हैं। जोशी पहले भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस बार चंद्रभान सिंह आक्या ने टिकट वितरण को लेकर जरूर उन पर उंगली उठाई थी, लेकिन कोई विवाद उनसे जुड़ा हुआ नहीं है। नहीं बनाने का कारण : राजस्थान की राजनीति में एक जमीनी कार्यकर्ता के रूप में जुड़े रहे हैं। फिलहाल सभी क्षेत्रों या जातियों के हिसाब से देखें, तो उनका प्रभाव पूरे राजस्थान में नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश स्तरीय नेता की छवि नहीं होने से भी दिक्कत आ सकती है। इनके गृह जिले में चंद्रभान सिंह आक्या ने टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय लड़कर जीत दर्ज की है। बालकनाथ और दीया कुमारी बाबा बालकनाथ की तुलना उत्तरप्रदेश के सीएम से तुलना की जा रही है। रोहतक में मठ है, हरियाणा, राजस्थान और आसपास के इलाकों में अच्छा प्रभाव माना जाता है। हिंदुत्व कार्ड में फिट बैठते हैं, भाजपा के लिए ध्रुवीकरण आसान हो जाएगा। साधु-संत को सीएम बनाने से जनता में पॉजिटिव मैसेज जाता है कि भ्रष्टाचार नहीं होगा। दीया कुमारी के साथ सबसे प्लस प्वाइंट ये कि वह केंद्रीय नेतृत्व की करीबी हैं। दूसरा वसुंधरा की जगह ऑप्शन बताया जा सकता है। तीसरा भाजपा महिला कार्ड खेलती है तो उसे फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल लाई और भाजपा आलाकमान की ओर से महिला वर्ग को तवज्जो देने का मैसेज देने के लिए दीया कुमारी को भी सीएम बनाने की दिशा में सोचा जा सकता है। नहीं बनाने के समीकरण : वसुंधरा के प्रति बालकनाथ का सॉफ्ट कॉर्नर माना जाता है। जनसभा में कह भी चुके हैं कि वसुंधरा सीएम बनेंगी। राजस्थान की पॉलिटिकल तासीर के हिसाब से पूरी तरह फिट नहीं बैठते। योगी आदित्यनाथ के सीएम बनने से पहले के उत्तर प्रदेश को देखें, तो राजस्थान में ऐसे हालात भी नहीं रहे हैं। उधर, दीया कुमारी की छवि सॉफ्ट है। अभी राजनीतिक रूप से पार्टी ने उन्हें ज्यादा जगह परखा भी नहीं है। sabhar db
जयपुर,राजपूत करणी सेना अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल एक आरोपी पर नाबालिग से रेप का केस भी दर्ज है। उसे तीन साल पहले जमानत मिली थी। दूसरा आरोपी आर्मी में है। नवंबर में ही छुट्‌टी पर आया था। हत्यारे सुखदेव सिंह की 5 दिन से रेकी कर रहे थे। वे उनके हर मूवमेंट पर नजर रखे हुए थे। जयपुर पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर पहचान कर दोनों आरोपियों की तलाश तेज कर दी है। DGP ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन कर दिया है। ADG दिनेश एमएन को भी छुट्‌टी से बुला लिया गया है। दिनेश एमएन ने गोगामेड़ी के घर पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया। रोहित: रेप केस में तीन साल पहले जमानत पर छूटा CCTV फुटेज में गोगामेड़ी पर फायरिंग करते दिख रहे एक आरोपी का नाम रोहित राठौड़ है। रोहित के खिलाफ नाबालिग से रेप का केस दर्ज है। वह कई साल तक जेल में था। तीन साल पहले ही जमानत पर छूटा था। वह आर्म्स एक्ट में भी गिरफ्तार हुआ था। उसके पिता गिरधारी सिंह राठौड़ आर्मी में थे। रिटायर होने के बाद गिरधारी सिंह RTO में नौकरी करते थे। डेढ़ साल पहले उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। रोहित का परिवार मूलत: जूसरी (मकराना) का रहने वाला है। करीब 30 साल से परिवार जयपुर में झोटवाड़ा के जसवंत नगर में रह रहा है। पड़ोसी बोले- पूरा मोहल्ला रोहित से परेशान था रोहित की एक बहन भी है, जिसकी शादी हो चुकी है। रोहित मां के साथ जसवंत नगर में रहता है। पड़ोस के लोगों का कहना है कि पूरा मोहल्ला रोहित से परेशान था। जेल से आने के बाद खुद लग्जरी गाड़ियों में घूमता था। कई बार घर पर लग्जरी गाड़ियों में युवक आते रहते थे। गांव में भी उसका लोगों से कम मिलना-जुलना रहता था। कई बार गांव के लोगों से मारपीट कर चुका था। इसी वजह से ज्यादातर जयपुर में रहता था। जेल में हुआ था बदमाशों से संपर्क रोहित का जेल में ही कई बड़े बदमाशों से संपर्क हो गया था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जमानत पर बाहर आने के बाद भी वह जेल में बंद बदमाशों के संपर्क में था। लगातार उसकी बात होती रहती थी। उसका संपत नेहरा गैंग के बदमाशों से भी संपर्क था। माना जा रहा है कि पूरी प्लानिंग जेल के नेटवर्क के जरिए ही रची गई है। रोहित की मां को दूसरी जगह भेजा, मकान खाली रोहित के झोटवाड़ा के घर पर फिलहाल पुलिस का सख्त पहरा है। घर पर उसकी मां ही थी। जैसे ही रोहित की पहचान हुई तो पड़ोस के लोग भी सहम गए। फिलहाल उसका घर खाली है। बताया जा रहा है कि खुद पुलिस ने ही उसकी मां को पूछताछ के बाद सुरक्षा के लिहाज से दूसरी जगह पर भेज दिया था। नितिन: आर्मी में है, नवंबर में छुट्‌टी पर आया था गोगामेड़ी पर फायरिंग करने वाला दूसरा आरोपी नितिन आर्मी में है। उसके पिता कृष्ण कुमार फौज से रिटायर्ड हैं। नितिन का बड़ा भाई अशोक कुमार भी आर्मी में है। वह हरियाणा के महेंद्रगढ़ का रहने वाला है। उसका गांव दोगड़ा जाट है। नितिन करीब 5 साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। अलवर में 19 जाट बटालियन में उसकी पोस्टिंग थी। एक साल पहले ही बहरोड़ में उसकी पोस्टिंग हुई थी। वह 8 नवंबर को दो दिन की छुट्‌टी लेकर गांव आया था। गांव में एक दिन ही रुका था। अगले दिन 9 नवंबर को वह गाड़ी की सर्विस कराने की बात कहकर घर से निकला था। इसके बाद वह न तो घर लौटा, न ही परिवार के सदस्यों से फोन पर कोई बात हुई। एक महीने पहले युवक का अपहरण किया था नितिन ने करीब 1 महीने पहले एक युवक का अपहरण भी किया था। 10 नवंबर को महेंद्रगढ़ में ही नितिन ने कुलदीप राठी और दो अन्य बदमाशों के साथ मिलकर गोविंद शर्मा का अपहरण किया था। आरोपी अपहरण के बाद गाड़ी को भगा ले गए थे। गांव के लोगों ने अपहरण करते देखा तो पुलिस को सूचना दे दी थी। गांव वालों ने खुद भी उनका पीछा शुरू कर दिया था। पुलिस ने घेराव कर दो बदमाशों को पकड़ कर गोविंद शर्मा को छुड़ा लिया था, लेकिन नितिन वहां से भाग गया था। 5 दिन से चल रही थी रेकी पुलिस का मानना है कि नितिन पिछले कई दिनों से राजस्थान में ही एक्टिव था और रोहित के संपर्क में था। नितिन और रोहित ने नवीन शेखावत को झांसे में लिया था। इन्होंने नवीन के आधार कार्ड पर ही अल्फा कार सर्विस से कार किराए पर ली थी। इसके बाद पिछले 5 दिन से लगातार रेकी कर रहे थे। जानकारों का कहना है- नवीन को पता नहीं था कि दोनों सुखदेव की हत्या करने आए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ने उसे एक स्कूल के मामले की डील करने की बात कही थी। पहले वैशाली नगर भी गए थे रोहित और नितिन पहले वैशाली नगर भी गए थे, लेकिन वहां गोगामेड़ी नहीं मिले। इसके बाद वे श्यामनगर पहुंचे थे। गोगामेड़ी के घर के बाहर भी गार्ड से बात की थी। गार्ड ने अंदर आकर बोला था कि तीन युवक मिलने आए हैं। गोगामेड़ी ने तीनों को अंदर आने दिया। आमतौर पर गोगामेड़ी के घर में जाने पर चेकिंग की जाती थी, लेकिन उस दिन सिक्योरिटी स्टाफ नहीं था। ऐसे में किसी ने न चेकिंग की और न ही ध्यान दिया। गोगामेड़ी फोन पर बात कर रहे थे, तभी सामने बैठे नितिन और रोहित ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली गोगामेड़ी के सीने में मारने के बाद नवीन पर भी फायर कर दिया। माना जा रहा है कि सबूत मिटाने और राज खुलने के डर से ही नवीन की भी हत्या की गई। पहली गोली हार्ट में लगते ही सुखदेव गोगामेड़ी नीचे फर्श पर गिर चुके थे। इसके बाद नितिन ने गोगामेड़ी के सिर में भी एक गोली मारी। उन्हें 5 गोली लगी थी।
जयपुर,राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद सबसे बड़ा सवाल है- मुख्यमंत्री कौन होगा? इसी सवाल का जवाब तलाशने के लिए जयपुर से दिल्ली तक हलचल बढ़ गई है। वहीं सीएम पद के प्रमुख दावेदारों में से एक वसुंधरा राजे ने चुनाव नतीजों के अगले दिन ही शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोमवार को सुबह से लेकर रात तक 30 से ज्यादा विधायक उनके जयपुर स्थित आवास पर मिलने पहुंचे। वहीं, समर्थकों का दावा है कि 47 विधायक आए। भाजपा में सीएम पद के कितने दावेदार? दरअसल, रविवार को आए विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ 115 सीट लेकर आई। इन नतीजों के बाद से ही प्रदेश के नए मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कयास शुरू हो गए। सबसे पहला दावा वसुंधरा राजे का है, क्योंकि वे दो बार मुख्यमंत्री रही हैं। सीएम के दो अन्य फेस राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया चुनाव हार गए। अब जो बचे हुए चेहरे हैं, इनमें अर्जुन राम मेघवाल, सीपी जोशी प्रमुख हैं, लेकिन दीया कुमारी, बालकनाथ के भी नाम चल रहे हैं। इसके अलावा किरोड़ी लाल मीणा, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, ओम माथुर, पूर्व संगठन मंत्री रहे प्रकाश चंद के नाम की भी चर्चा है। दावा: विधायकों ने एक सुर में कहा- वसुंधरा को सीएम बनाना चाहते हैं सीएम कौन…की अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के यहां सोमवार को विधायकों के साथ मुलाकात के दौर से चर्चा शुरू हो गई है। समर्थकों का दावा है कि इस दौरान उनसे मिलने आए कई विधायकों ने एक सुर में कहा कि वे वसुंधरा राजे को सीएम बनाना चाहते हैं। इतना ही नहीं, ये भी दावा किया जा रहा है कि उनके पास 40 से ज्यादा MLA का समर्थन है। ये विधायक मिलने पहुंचे पूर्व सीएम से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मिलने के लिए कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, ललित मीणा, कंवरलाल मीणा, राधेश्याम बैरवा, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, विक्रम बंशीवाल आदि उनके आवास पर पहुंचे। इनके अलावा भागचंद टाकड़ा, रामस्वरूप लांबा, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, समाराम गरासिया, रामसहाय वर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, शत्रुघ्न गौतम, गजेंद्र खींवसर, गुरवीर सिंह आदि ने भी वसुंधरा के आवास पर उनसे मुलाकात की। वैर और नसीराबाद विधायक बोले- राजे हों सीएम वसुंधरा से मुलाकात करने वाले दो विधायकों ने कहा कि राजे को सीएम बनाना चाहिए। वैर विधायक बहादुर सिंह कोली ने कहा- राजस्थान की जनता की मांग है कि वसुंधरा राजे को सीएम बनाना चाहिए। सीएम का फैसला शीर्ष नेतृत्व को तय करना है, लेकिन अगर हमारी राय पूछी जाएगी तो हम वसुंधरा राजे का नाम आगे करेंगे। राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और सभी विधायकों का उन्हें समर्थन है। नसीराबाद से बीजेपी विधायक रामस्वरूप लांबा ने वसुंधरा राजे से मुलाकात के बाद कहा- पीएम मोदी और वसुंधरा राजे द्वारा किए गए कामों के कारण ही राजस्थान में बीजेपी की वापसी हुई है। जीते हुए 115 विधायकों का राजे को समर्थन है। नावां विधायक विजय सिंह चौधरी ने कहा- राजस्थान की जनता चाहती है कि वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनें। सीपी जोशी ने शाह और नड्‌डा से की मुलाकात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने आज दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके निवास पर मुलाकात की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह भी थे। इसके साथ ही बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता और सांसद भी दिल्ली पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री पद पर चौंकाने वाला नाम आ सकता है पीएम मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद जिन भी राज्यों में चुनाव हुए हैं, वहां भाजपा ने मुख्यमंत्री पद पर नए चेहरे देकर चाैंकाया है। राजस्थान में भी आधा दर्जन से ज्यादा नेता सीएम पद की रेस में हैं। फाइनल फैसला पीएम मोदी, अमित शाह के स्तर पर होगा, लेकिन तब तक बीजेपी में अंदरखाने कई तरह के कयास लग रहे हैं। विधायक दल की बैठक में होगी नाम की घोषणा सीएम पद पर नेता का नाम जल्द फाइनल होने के आसार हैं। दिल्ली में नाम फाइनल होने के बाद जयपुर में जल्द बीजेपी विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में बीजेपी के चुनाव प्रभारी, प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेता रहेंगे। विधायक दल की बैठक में ही सीएम के नाम की घोषणा होगी। बीजेपी में अब तक इसी परिपाटी से सीएम के नाम की घोषणा की जाती रही है।
जयपुर,राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार महिलाओं ने वोटिंग में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया। 199 विधानसभा सीटों पर 74.62 फीसदी वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 74.72 और पुरुषों का 74.53 फीसदी रहा। 23 सीटों में महिलाओं ने बंपर वोटिंग की। अब तक हुई वोटिंग में यह एक नया रिकार्ड है। 2018 में 74.71% वोटिंग हुई थी। उस समय पुरुषों का मतदान प्रतिशत 73.80 और महिलाओं का 74.67 रहा था। इस बार भी यही ट्रेंड बरकरार है। एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि प्रदेश में जब भी महिलाओं ने बंपर वोटिंग की है, तब-तब सत्ता बदली है। 2003, 2013 और 2018 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा था। इसी कारण नतीजे भी चौंकाने वाले रहे थे। 2008 में महिलाओं का वोट प्रतिशत मामूली बढ़ा लेकिन ओवरऑल मतदान का प्रतिशत कम रहा। ऐसे में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। बीजेपी को 78 और कांग्रेस को 96 सीटें मिली थी। इस पर कांग्रेस ने बसपा और अन्य के सहयोग से सरकार बनाई थी। महिलाओं का सफलता प्रतिशत बेहतर प्रदेश में पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में महिला मतदाताओं का ट्रेंड देखें तो भागीदारी लगातार बढ़ रही है। 2018 में 189 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं। इनमें से 24 यानी 12.6% प्रत्याशी चुनी गईं। जबकि पुरुषों का सफलता प्रतिशत 8.44% रहा। 2013 में महिला प्रत्याशियों का सफलता प्रतिशत 16.86% था। इस बार कांग्रेस ने 28 और बीजेपी ने 20 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं। यानी बीजेपी ने 10 और कांग्रेस ने 14 प्रतिशत महिलाओं को ही टिकट दिए हैं। वोटर अनुपात में भी लगातार इजाफा अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो एक हजार पुरुष वोटर्स के अनुपात में महिला वोटर्स की संख्या में भी लगातार इजाफा हुआ है। 1972 में यह अनुपात 723 था, जो 1998 में 786 हो गया। 2003 में 841 से बढ़कर 2013 में 892 और 2018 में 914 पर पहुंच गया। महिलाओं की इन योजनाओं का असर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए विशेष योजनाएं लागू की। कांग्रेस ने महिलाओं को मुफ्त मोबाइल फोन बांटे। चुनाव से पहले गृह लक्ष्मी गारंटी योजना के तहत हर परिवार की महिला मुखिया को हर साल 10 हजार रुपए देने की घोषणा की। 1.05 करोड़ परिवारों को 400 रुपए में गैस सिलेंडर, रोडवेज बसों में मुफ्त सफर जैसे वादे किए। वही बीजेपी महिला आरक्षण बिल के साथ ही केंद्र सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, उज्जवला योजना और महिला शक्ति केंद्र योजना के जरिए महिला मतदाताओं को लुभाती नजर आई। विधानसभा कब पहुंचेगी 28 से अधिक महिलाएं प्रदेश के पहले विधानसभा चुनाव 1952 में एक भी महिला विधायक नहीं बन पाई थीं। दूसरे चुनाव में 9 महिलाएं चुनी गई। इसके बाद हुए दो विधानसभा चुनावों में महिला विधायकों की संख्या घटती गई और 1967 में चौथे विधानसभा चुनाव में महिला विधायकों की संख्या महज 6 रह गई। 2008 और 2013 में प्रदेश में सबसे ज्यादा 28-28 महिलाएं विधायक चुनी गई। 2003 में प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री, राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं थीं। हालांकि इस साल विधानसभा में महिलाओं की संख्या केवल 12 थी। 2018 में 15वीं विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 2013 की तुलना में पांच फीसदी कम थी। महिलाओं का एमएलए से सीएम तक का सफर लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी का सफर बहुत धीमा रहा। हालांकि प्रदेश की पहली महिला विधायक 1953 में बांसवाड़ा सीट के लिए हुए उपचुनाव में चुनी गईं। ये पहली महिला विधायक यशोदा देवी थीं। प्रदेश में 1951 से 15वीं विधानसभा चुनाव तक 1055 महिलाओं ने चुनाव लड़ा, जिसमें से 20 प्रतिशत महिलाएं ही चुनाव जीत सकीं। यानी 194 महिलाएं ही विधानसभा पहुंच सकीं। प्रदेश में 2.51 करोड़ महिला वोटर्स हैं। यह कुल मतदाताओं का 48 प्रतिशत है। जबकि विधानसभा पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या इस मुकाबले में आधी भी नहीं है।
बूंदी/केकड़ी,उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राजस्थान में परिवर्तन होकर रहेगा। उन्होंने कहा कि देश में भ्रष्टाचार, गुंडागर्दी की जड़ केवल कांग्रेस है। इन सभी का समाधान केवल भाजपा और मोदी है। योगी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद की जड़ धारा 370 को सदैव के लिए समाप्त कर दिया है। योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इटावा(कोटा), बूंदी और केकड़ी, पुष्कर, किशनगढ़ (अजमेर) में जनसभा को संबोधित किया। पुष्कर में कहा- कांग्रेस लोगों की आस्था का सम्मान नहीं कर सकती। कांग्रेस के रहते राममंदिर नहीं बन सकता था। आतंकवाद को नेस्तनाबूद भाजपा करेगी। आस्था का सम्मान भाजपा करेगी। उन्होंने कहा- आप याद करिए कि क्या यहां भाजपा की सरकार होती तो कन्हैयालाल की हत्या होती क्या? यूपी से सारे माफिया गायब हो गए। किसी गरीब की संपत्ति को कोई नहीं हड़प सकता। व्यापारी से कोई फिरौती नहीं मांग सकता। यूपी में भाजपा की सरकार में रामराज्य आ गया। योगी के भाषण की बड़ी बातें... 1. राममंदिर निर्माण को रोकने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया यूपी सीएम ने एक बार फिर राममंदिर के निर्माण को रोकने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आस्था के साथ खिलवाड़ करती है। हम नारा लगाते थे कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तो कांग्रेस के लोग हंसते थे, कहते थे कैसे बना देंगे। योगी ने कहा कि हम लोगों ने तब नारा लगाया कि रामलला हम आएंगे, पहले ढांचा हटाएंगे।उसके बाद मंदिर वहीं बनाने का नारा हमने दिया। 2. सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा योगी ने इटावा (कोटा) में जनसभा को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा जब-जब देश में विपदा आती है तो कोई इटली भाग जाता है तो कोई जयपुर आ जाता है। दरअसल, सोनिया गांधी दिल्ली में खराब हो रही हवा के कारण इन दिनों डॉक्टरों की सलाह पर जयपुर में हैं। 3. सड़क में गड्‌ढा है या गड्‌ढे में सड़क अजमेर के केकड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी सीएम ने कहा- जब मैं सड़क मार्ग से केकड़ी आ रहा था तो सड़क पर जगह-जगह गड्‌ढे नजर आ रहे थे। हाल ये था कि कही पर तो ये भी पता नहीं चल रहा था सड़क में गड्‌ढा है या गड्‌ढे में सड़क। 4. केकड़ी में टैक्स भी वसूला जाता है योगी ने कहा- जब एक भ्रष्ट सरकार काम करती है तो परिवारवाद हावी होना ही है। राजस्थान के केकड़ी विधानसभा क्षेत्र में तो टैक्स भी वसूला जाता है। ऐसे ही माफिया साल 2017 से पहले यूपी में भी थे। ऐसे ही माफियाओं के लिए हम बुलडोजर लेकर आए। उन्होंने कहा- राजस्थान की कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की नीति पर चलकर धर्म स्थलों पर पैसा खर्च करने से बचती है। धार्मिक स्थलों पर पैसा खर्च नहीं हो इसके लिए बंदिशें लगाती है। उन्होंने कहा- सागर टैक्स से मुक्ति मिले। भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था मिले। रोजगार के साधन मिले, इसके लिए राजस्थान में भी डबल इंजन की सरकार बनाने में सहयोग करें। 5. कांग्रेस गरीबों का हक छीन लेती है कांग्रेस देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का बताती थी। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस गरीबों का हक छीन लेती है। जबकि मोदी जी ने कहा कि इन संसाधनों पर पहला अधिकार देश के युवा और गरीबों का है। इसलिए मोदी जी ने नारा दिया सबका साथ, सबका विकास। मोदी जी ने 4 करोड़ गरीबों के लिए मकान बनवाए, 12 करोड़ टॉयलेट बनवाए, 10 करोड़ उज्जवला योजना में कनेक्शन दिलवाए, 50 करोड़ लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ दिलवाया। ये सभी कांग्रेस भी कर सकती थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ये सभी मोदी जी ने किया और यही रामराज्य है। 6. गायब हो जाते हैं कांग्रेस के नेता जब कोई आपदा आती है तो कांग्रेस के नेता गायब हो जाते हैं। पीपल्दा से लेकर दिल्ली तक यही हाल है। कोई इटली जाता है कोई बूंदी तो कोई जयपुर में आकर बैठ जाता है। कौनसा नेता ओलावृष्टि, कोरोना या दूसरी आपदा के समय यहां आया है। केवल ओम बिरला आपदाओं के समय तुरंत कोटा आ जाते हैं। वे विदेश का दौरा छोड़कर भी आपदा के समय यहां आए थे। 7. आप सभी को आमंत्रण देने आया हूं 22 जनवरी को जब रामलला मोदी जी के हाथों विराजमान होंगे तो यहां से भी सभी लोगों को अयोध्या आना है। इसी के लिए मैं यहां आपको आमंत्रण देने आया हूं। रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है अब तो सभी को यकीन है ना। कांग्रेस कहती थी ऐसा नहीं हो सकता है। 8. राजस्थान में परिवर्तन होकर रहेगा कांग्रेस को राजस्थान में सबसे लंबा कार्यकाल शासन करने के लिए मिला, लेकिन यहां काम ही नहीं हो रहा था। वर्तमान गहलोत सरकार पांच साल की अव्यवथाओं और आपसी लड़ाइयों के लिए जानी जाएगी। ये सरकार विकास के बैरियर के तौर पर जानी जाएगी। जबकि पिछली वसुंधरा सरकार लगातार काम कर रही थी। इसलिए राजस्थान में परिवर्तन होकर रहेगा। 9. कांग्रेस समस्या का नाम है देश में गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, माफियागिरी कांग्रेस की देन है। भारतीय जनता पार्टी देश की समस्या का समाधान है। इन सभी समस्याओं का हल केवल और केवल भाजपा और मोदी जी हैं। मोदी जी और अमित शाह ने आतंकवाद की जड़ धारा 370 को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है। कांग्रेस हमारी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करती थी। कांग्रेस की सरकारें अत्याचार करती थीं। कांग्रेस के लोग कहते थे, कैसे मंदिर बना दोगे।
2.5 लाख सरकारी नौकरियां, किसानों को 12000 सालाना , 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर,2700 रुपये प्रति क्विंटल गेंहू के साथ बाजरा और ज्वार की एमएसपी पर खरीद जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को अपना घोषणा पत्र जारी किया है। राजधानी जयपुर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव संकल्प-पत्र का विमाेचन करते हुए पार्टी का विजन बताया। बीजेपी के घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया। प्रत्येक जिले में महिला थाना, छात्राओं को स्कूटी जैसी सुविधाएं देने का वादा किया गया है। वहीं आमजन को महंगाई से राहत देने के लिए रसोई गैस की कीमतें भी कांग्रेस की गारंटी वाली कीमत से भी कम रुपए में उपलब्ध कराने की बात कही गई है। केजी से पीजी तक पढ़ाई फ्री, 450 रुपए में रसोई गैस राजस्थान चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में बीजेपी ने केजी से पीजी तक पढ़ाई फ्री करने का वादा किया है। साथ ही रसोई गैस महज 450 रुपए में उपलब्ध कराने की बात कही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे संकल्प पत्र विमाेचन कार्यक्रम में रसोई गैस की कीमतों के वादे वाला पोस्टर हाथ में लिए नजर आई हैं। बीजेपी का किसानों के लिए 'खुशहाल किसान' प्लान • पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों के लिए वित्तीय सहायता को बढ़ाकर ₹12,000 प्रतिवर्ष करेंगे। • मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सभी लघु सीमांत, बटाईदार किसानों और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेंगे। • ₹20,000 करोड़ के साथ एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत प्रदेश भर में छंटाई एवं ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चेम्बर्स, गोदाम, प्रोसेसिंग सेंटर आदि का निर्माण करेंगे। • गेहूं की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर बोनस प्रदान करके ₹2,700 प्रति क्विंटल पर खरीदने की व्यवस्था करेंगे। • एमएसपी पर ज्वार एवं बाजरा की खरीद की व्यवस्था करेंगे एवं श्री अन्न प्रमोशन एजेंसी की स्थापना करेंगे। • केंद्र सरकार के साथ मिलकर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे। • बाड़मेर, जालौर और जोधपुर अनार बेल्ट में नए प्रोसेसिंग क्लस्टर्स स्थापित करेंगे। • ₹100 करोड़ के निवेश के साथ ऊंट संरक्षण और विकास मिशन शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत राज्य पशु ऊंट के पालन और संरक्षण के लिए किसानों को सहायता प्रदान करेंगे। महिलाओं के लिए 'सुरक्षित समाज सशक्त महिला' • लाडो प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सभी गरीब परिवारों की बालिकाओं के जन्म पर सेविंग बांड प्रदान करके कक्षा 6 में ₹6,000, कक्षा 9 में ₹8,000, कक्षा 10 में ₹10,000, कक्षा 11 में ₹12,000, कक्षा 12 में ₹14,000, व्यावसायिक पाठ्यक्रम के पहले एवं अंतिम वर्ष में ₹50000 और 21 वर्ष की उम्र में 1 लाख की मुश्त राशि प्रदान करेंगे। • प्रदेश की सभी गरीब परिवार की छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। • मुख्यमंत्री फ्री स्कूटी योजना शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत कक्षा 12वीं पास करने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान करेंगे। • लखपति दीदी योजना शुरू करेंगे, जिसके अंतर्गत 6 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उनकी वार्षिक आय कम से कम ₹1 लाख हो, यह सुनिश्चित करेंगे। • राजस्थान सशस्त्र बल (आरएसी) के अंतर्गत 3 महिला पुलिस बटालियन पदमिनी, काली बाई एवं अमृता देवी शुरू करेंगे। • सभी गरीब परिवारों की महिलाओं को ₹450 में एलपीजी सिलेंडर प्रदान करेंगे। • पीएम मातृ वंदना योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता को ₹5,000 से बढ़ाकर ₹8,000 करेंगे एवं इसका 100% कवरेज सुनिश्चित करेंगे। युवा और बेरोजगारों के लिए 'उत्कृष्ट शिक्षा, समर्थ युवा', 2.5 लाख सरकारी नौकरियां • एम्स और और आईआईटी की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हर संभाग में खोला जाएगा। • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से स्कूल बैग, किताबें एवं यूनिफॉर्म खरीदने के लिए ₹1,200 की वार्षिक सहायता प्रदान करेंगे। • राजस्थान खेल आधुनिकीकरण मिशन शुरू करेंगे. जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों समेत पूरे प्रदेश में खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण एवं नवीनीकरण करेंगे। • अगले पांच वर्षों में प्रदेश के युवाओं को 2.5 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करेंगे। .15000 डॉक्टर और 20,000 पैरा मेडिकल की भर्ती करेंगे। .टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 2000 करोड़ रुपए का कॉरपस फंड बनाया जाएगा। . रीजनल हेरिटेज सेंटर का गठन किया जाएगा। इसका बजट 800 करोड़ रुपए का होगा। इसके तहत लोकल कल्चर, साहित्य, फोक डांस से लेकर जो महत्वपूर्ण चीजें हैं, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करेंगे। . मानगढ़ धाम को विकसित करेंगे। डेस्टिनेशन के रूप में आइकन बनेगा। . प्रदेश में हुए विभिन्न तरह के घोटालों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा और दोषियों को दंडित किया जाएगा। जेपी नड्डा के साथ घोषणा पत्र के विमाेचन कार्यक्रम में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री एंव प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी, राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां भी संकल्प-पत्र के विमोचन कार्यक्रम में मौजूद रहे।
जयपुर : भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से स्पष्ट किया जा चुका है कि राजस्थान में इस बार सीएम फेस कोई नेता नहीं है। केवल कमल के फूल के निशान पर वोट मांगे जा रहे हैं। इसके बावजूद भी बीजेपी में सीएम फेस को लेकर समय समय पर बयान सामने आते रहे हैं। पिछले करीब एक साल से राजस्थान भाजपा में सीएम फेस को लेकर कई तरह के बयान सामने आए। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी में मुख्यमंत्री के एक दर्जन दावेदार हैं। अब चुनाव के दरमियान बीजेपी के दो बड़े नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सीएम फेस बता दिया है, जिससे पार्टी की गुटबाजी को एक बार फिर हवा मिल गई है। हमारी पूर्व और आने वाली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे... राजस्थान में बीजेपी के सीएम फेस की दौड़ में बाबा बालकनाथ को भी बताया जा रहा था। लेकिन अब उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जिससे साफ हो गया कि वह सीएम रेस से बाहर हैं। बीजेपी प्रत्याशी महंत बाबा बालकनाथ ने बीजेपी के सीएम फेस को लेकर बयान दिया। नामांकन सभा के दौरान बाबा बालक नाथ ने वसुंधरा राजे को पूर्व मुख्यमंत्री बताने के साथ भविष्य की मुख्यमंत्री भी कहा। कुछ महीनों पहले भी बालक नाथ ने कहा था कि वसुंधरा राजे ही सीएम फेस होंगी, शीर्ष नेतृत्व से इस बारे में हमारी बात हो चुकी है। नामांकन सभा में आए बालकनाथ ने कहा कि 'हमारी पूर्व और आने वाली मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जी का स्वागत सत्कार करने आने में मुझे थोडा विलंभ हुआ है, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं। इस बयान के बाद से फिर राजस्थान की राजनीति में कई सवाल खड़े हो गए।
नागौर,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बाल-बाल बचे। सभा स्थल की ओर जाते समय गृहमंत्री का रथ ऊपर से गुजर रही बिजली (LT) लाइन को तोड़ता हुआ आगे बढ़ा। तेज चिंगारी के साथ तार नीचे सड़क पर आ गिरा। रथ को फौरन रोका गया और अमित शाह को दूसरी गाड़ी में बैठाकर रवाना किया गया। हादसा नागौर के परबतसर में हुआ। फिलहाल किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। केंद्रीय मंत्री सकुशल अपनी सभास्थल तक पहुंच गए थे। नीचे लटक रहे थे तार मंगलवार शाम करीब 4:20 बजे परबतसर (नागौर) के बिडियाद गांव से चौपाल कर (छोटी सभा) कर गृह मंत्री रथ पर सवार हुए। उन्हें परबतसर के गणेश मंदिर स्थित सभास्थल तक जाना था। वहां से करीब एक किमी आगे आकर डंकोली मोहल्ले में रथ का ऊपरी हिस्सा बिजली लाइन से टकरा गया। मोहल्ले में तार नीचे लटक रहे थे। दूसरी गाड़ी से रवाना किया गया बिजली लाइन से चिंगारियां उठने लगीं। कुछ आगे जाकर रथ को रोका गया। काफिले में शामिल नेता और सुरक्षाकर्मी दौड़कर रथ तक पहुंचे। उन्होंने अमित शाह को सुरक्षित कार में बैठाया और सभास्थल की ओर रवाना हुए। हादसे के करीब एक घंटे बाद तक पूरे इलाके की बिजली बंद रखी गई। तत्काल डिस्कॉम (बिजली विभाग) के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उधर, शाम करीब पौने पांच बजे अमित शाह सभास्थल पर पहुंचे। भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे मंगलवार को शाह ने सबसे पहले कुचामन, मकराना और अंत में परबतसर में सभा को संबोधित किया। परबतसर में भाजपा प्रत्याशी मान सिंह के लिए वोट मांगे। शाह ने परबतसर से मान सिंह को जिताने का आह्वान करते हुए कहा- 3 साल में परबतसर के हर गांव में नल से जल पहुंचा देंगे।
हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने विधानसभा चुनावों के लिए 10 उम्मीदवारों की घोषणा की है। सांसद हनुमान बेनीवाल खींवसर से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मौजूदा विधायक और हनुमान के भाई नारायण बेनीवाल का खींवसर से टिकट काट दिया गया है, उन्हें फिलहाल किसी और सीट पर नहीं उतारा गया है। कोलायत से मंत्री भाटी की सीट पर रेवतराम पंवार को उतारा कोलायत से मंत्री भंवर सिंह भाटी की सीट पर आरएलपी से रेवतराम पंवार को टिकट दिया है। रेवतराम पंवार पहले विधायक रह चुके हैं। पंवार पिछले दिनों ही कांग्रेस छोड़कर आरएलपी में शामिल हुए थे। 2018 में हनुमान बेनीवाल खींवसर से जीते थे हनुमान बेनीवाल ने 2018 का विधानसभा चुनाव खींवसर सीट से जीता था। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बेनीवाल ने बीजेपी से गठबंधन करके एनडीए उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद इस सीट पर अक्टूबर 2019 में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में आरएलपी से हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल जीते। इस बार उपचुनाव में जीते नारायण बेनीवाल की टिकट काटी गई है। यहां से हनुमान बेनीवाल खुद चुनाव लड़ेंगे।
जयपुर,विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के तीन सीनियर नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जयपुर की पूर्व मेयर और कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं ज्योति खंडेलवाल बीजेपी में शामिल हो गईं हैं। साथ ही तारानगर से पूर्व विधायक और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे चंदनमल बैद के बेटे चंद्रशेखर बैद, पूर्व विधायक नंदलाल पूनिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जोधपुर यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रवींद्र सिंह भाटी भी बीजेपी से जुड़ गए। रिटायर्ड आईपीएस केसर सिंह शेखावत और भीम सिंह बीका, राजस्थान धरोहर प्रोन्नति परिषद के उपाध्यक्ष सांवरमल महिया और मंडावा से निर्दलीय उम्मीदवार रहे डॉ. हरिसिंह ने भी बीजेपी जॉइन की है। रवींद्र भाटी को शिव से टिकट दे सकती है बीजेपी रवींद्र सिंह भाटी लंबे समय से वेस्टर्न राजस्थान में सक्रिय हैं। वे शिव से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें बीजेपी शिव सीट से टिकट दे सकती है। ज्योति खंडेलवाल को किशनपोल से उम्मीदवार बना सकती है बीजेपी ज्योति खंडेलवाल जयपुर में कांग्रेस का प्रमुख महिला चेहरा रही हैं। जयपुर की मेयर रहने के साथ लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं। वे सचिन पायलट खेमे में थीं। किशनपोल सीट से टिकट की दावेदार थीं। बीजेपी उन्हें किशनपोल सीट से टिकट दे सकती है। अरुण सिंह बोले- गहलोत सरकार जाने वाली है बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने बीजेपी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा- गहलोत सरकार जाने वाली है। मुख्यमंत्री के बयान साफ इशारा कर रहे हैं कि यह सरकार गई। उन्होंने ईडी के लिए जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया। उनकी बौखलाहट को ही दिखा रहा है। राजेंद्र राठौड़ बोले- गारंटियां देकर आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे सीएम राजेंद्र राठौड़ ने कहा- मुख्यमंत्री आचार संहिता लगने के बावजूद भी गारंटियां देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। ईडी की कार्रवाई के बाद जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं। उचित नहीं है। पेपर लीक में डीपी जारोली ने कहा था कि मेरा कसूर नहीं। ऊपर बैठे लोगों के कहने पर सब किया। बाबूलाल कटारा ने भी सब कबूल लिया है। पैसा देने की बात मानी है। नौजवानों के अरमानों को लूटने वालों पर जब ईडी की जांच हुई तो उसके लिए किस तरह के शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। सीपी जोशी ने कहा- जनता पीएम की गारंटी पर ही भरोसा करती है, गहलोत की गारंटी नहीं मानेगी सीपी जोशी ने कहा- मुख्यमंत्री गारंटियों के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं। जनता पूछ रही है किसान कर्ज माफी की गारंटी का क्या हुआ, युवाओं के रोजगार की गारंटी का क्या हुआ? लोग अब उनकी गारंटी मानने वाले नहीं है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी मानते हैं। जोशी ने कहा- भ्रष्टाचार रोकने का काम करने वाली एजेंसी ईडी के लिए मुख्यमंत्री ने कहा- यह कुत्ते हैं, यह कर्मचारियों का अपमान है। राजस्थान के कितने सरकारी कर्मचारी होंगे। कितने लोग भ्रष्टाचारी खिलाफ होते हैं। कोई गरीब किसान का बेटा दलित का बेटा लाखों युवाओं को न्याय दिलाने के लिए काम कर रहे हैं उनके लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग मुख्यमंत्री करते हैं मैं उसकी निंदा करता हूं।
जयपुर,आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। आप ने दूसरी सूची में 21 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। गुरुवार को पहली सूची में 23 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। अब तक आम आदमी पार्टी दो बार में 44 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। बारां जिले के छबड़ा सीट से रिटायर्ड आईआरएस अफसर आरपी मीणा को टिकट दिया है। आप की दूसरी सूची में बीकानेर वेस्ट से मनीष शर्मा, रतनगढ़ से डॉ. संजू बाला, सीकर से झाबर सिंह खीचड़, शाहपुरा से रामेश्वर प्रसाद सैनी, चौमूं से हेमंत कुमार कुमावत, सिविल लाइंस से अर्चित गुप्ता, बस्सी से रामेश्वर प्रसाद जाद को उम्मीदवार बनाया है। बहरोड़ से एडवोकेट हरदान सिंह गुर्जर, रामगढ़ से विश्वेंद्र सिंह, नदबई से रोहिताश चतुर्वेदी, करौली से हीना फिरोज बैग, सवाई माधोपुर से मुकेश भूप्रेमी, खंडार से मनफल बैरवा को टिकट दिया है। मारवाड़ जंक्शन से नरपत सिंह, बाली से लाल सिंह, जोधपुर से रोहित जोशी, सांचौर से रामलाल बिश्नोई, शाहपुरा से पूर्णमल खटीक, पीपलदा से दिलीप कुमार मीणा, छबड़ा से रिटायर्ड आईआरएस आरपी मीणा और खानपुर से दिपेश सोनी को टिकट दिया है। आप बिना गठबंधन लड़ रही है चुनाव आम आदमी पार्टी राजस्थान में अब तक बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ रही है। अबतक किसी पार्टी से गठबंधन नहीं किया है। आप ने सभी 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। अब तक की दो लिस्ट में से आप ने किसी बड़े चेहरे को टिकट नहीं दिया है, सभी सीटों पर नए चेहरों को उतारा गया है।
जयपुर: राजस्थान में 30 दिन बाद विधानसभा चुनाव होना है। पूरे प्रदेश में सियासी माहौल बना हुआ है, लेकिन चुनावी बयार के बीच गुरुवार को ईडी के छापेमार कार्रवाई से राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया। कांग्रेस नेताओं के यहां ईडी की रेड से सियासत गरमा गई। ईडी की जद में गोविंद सिंह डोटासरा और ओमप्रकाश हुड़ला के साथ वैभव गहलोत भी आए हैं। वैभव गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे हैं। गत लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजनीति में भाग्य आजमाया लेकिन गजेन्द्र सिंह शेखावत के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मोदी लहर के चलते वैभव गहलोत 2 लाख से ज्यादा मतों से चुनाव हार गए थे। उनके सामने लोकसभा चुनाव जीतने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत केन्द्र सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं। वैभव गहलोत ने कहा इन आरोपों का मैं 12 साल पहले जवाब दे चुका ईडी के समन को लेकर वैभव गहलोत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा कि ये 12 साल पुरान मामला है। उन्होंने कहा, 'मैं बारह साल पहले जवाब दे चुका हूं। अब फिर से इनको याद आई है। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लग रही है। मुझे समन जारी कर पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया लेकिन 24 घंटे में वहां नहीं पहुंच सकता। मैंने वकीलों से बात की है।
जयपुर,राजस्थान में हुए पेपर लीक के मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज सुबह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर छापेमारी की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी ED ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) केस में समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। ED फिलहाल डोटासरा और उनके रिश्तेदारों से पूछताछ कर रही है। ED की टीम डोटासरा के जयपुर के सिविल लाइंस में सरकारी आवास सहित सीकर स्थित निजी निवास पर भी पहुंची। सूत्रों के मुताबिक जयपुर में डोटासरा के सिविल लाइंस आवास पर कार्रवाई पूरी हो गई। अब जयपुर में 2 और सीकर में 2 जगह पर ED की रेड चल रही है। छापों के बाद डोटासरा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा- 'सत्यमेव जयते'। डोटासरा के रिश्तेदारों के घर भी पहुंची ED ED की टीम डोटासरा सहित उनके रिश्तेदारों के घर भी पहुंची है। पेपर लीक को लेकर आज ED ने पहली बार डोटासरा के घर पर छापेमारी की है। दिल्ली और जयपुर की ED की टीम के साथ में केंद्रीय सुरक्षा बल के अधिकारी भी मौजूद हैं। डोटासरा सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भी हैं। सूत्रों के मुताबिक गोविंद सिंह डोटासरा उनके सीकर स्थित निवास पर मौजूद हैं। करीब साढ़े नौ बजे ED के अधिकारी उनके घर पर पहुंचे थे। पहले पोर्च में बैठकर ही उनसे पूछताछ की गई, इसके बाद घर में बने ऑफिस में पूछताछ के लिए ले जाया गया। डोटासरा के नजदीकियों पर पहले पड़े थे छापे पेपर लीक मामले में डोटासरा के नजदीकियों पर पहले भी ED के छापे पड़े थे। सीकर और कई जगह कलाम कोचिंग सेंटर पर अगस्त-सितंबर में ED के छापे पड़े थे। डोटासरा ने उस समय नजदीकियों को बेवजह परेशान करने के आरोप लगाए थे।
पाली,विश्व हिन्दू परिषद मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी की ओर से मंगलवार को पाली शहर में गाजे-बाजे के साथ शौर्य यात्रा निकाली गई। माथे पर केसरिया साफा बांध युवतियां पूरे रास्ते उत्साह से भारत माता के जैकारे लगाते हुए चल रही थी। रास्ते में जगह-जगह फूल बरसा कर यात्रा का स्वागत किया गया। सूरजपोल चौराहे पर युवतियों ने लाठी चलाकर शौर्य प्रदर्शन भी किया।
पाली,विश्व हिन्दू परिषद मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी की ओर से मंगलवार को पाली शहर में गाजे-बाजे के साथ शौर्य यात्रा निकाली गई। माथे पर केसरिया साफा बांध युवतियां पूरे रास्ते उत्साह से भारत माता के जैकारे लगाते हुए चल रही थी। रास्ते में जगह-जगह फूल बरसा कर यात्रा का स्वागत किया गया। सूरजपोल चौराहे पर युवतियों ने लाठी चलाकर शौर्य प्रदर्शन भी किया।
जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची भी जारी कर दी है। कांग्रेस की इस दूसरी सूची में कुल 43 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। कांग्रेस ने इससे पहले शनिवार को अपनी पहली सूची जारी कर दी थी। जिसमें 33 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई थी। इससे पहले बीजेपी ने अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई थी, जिनमें 7 सांसद भी शामिल थे। बता दें कि राजस्थान में विधानसभसा की कुल 200 सीटें हैं। सभी सीटों पर एक साथ चुनाव होना है। 25 नवंबर को प्रदेश में मतदान होगा और 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होगा। कांग्रेस की दूसरी सूची में सांचौर से सुखराम विश्नोई को लगातार चौथी बार प्रत्याशी बनाया गया है। वह लगातार दो बार से जीत दर्ज कर चुके हैं। सांचौर से भाजपा ने देवजी पटेल को मैदान में उतारा है जिसको लेकर अब कांग्रेस के सुखराम विश्नोई उन्हें टक्कर देंगे। वहीं दूसरी तरफ भीलवाड़ा जिले के माण्डल से कांग्रेस ने एक बार फिर गहलोत कैबिनेट में राजस्व मंत्री रामलाल जाट को मैदान में उतारा है। जाट माण्डल से साल 2008 और 2018 का चुनाव जीत चुके हैं। जबकि इससे पहले साल 2013 में रामलाल जाट आसिंद से चुनाव हार गये थे। कांग्रेस की लिस्ट में रामलाल जाट को शामिल करने के बाद अब उनकी टक्कर बीजेपी के उदय लाल भड़ाना से होगी। दूसरी लिस्ट में 15 मंत्रियों के नाम शामिल राजस्थान कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में मौजूदा सरकार में उपस्तिथ 15 मंत्रियों को शामिल किया है। सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, बीकानेर पश्चिम से बीडी कल्ला, झुंझुनूं से बृजेंद्र सिंह ओला, कोटपूतली से राजेंद्र यादव, खाजूवाला से गोविंद मेघवाल, बानसूर से शकुंतला रावत, वैर से भजनलाल जाटव, दौसा से मुरारीलाल मीणा, डीग कुम्हेर से विश्वेंद्र सिंह, लालसोट से परसादीलाल मीणा, बांसवाड़ा से अर्जुन बामणिया, सांचौर से सुखराम बिश्नोई, निंबाहेड़ा से उदयलाल आंजना,अंता से प्रमोद जैन भाया और मांडल से रामलाल जाट को टिकट दिया गया है। इन 43 उम्मीदवारों के नाम शामिल 1. सादुलशहर - जगदीश चंद्र जांगिड़ 2. करणपुर - गुरमीत सिंह कुन्नर 3. सूरतगढ़ - डूंगरराम गेदर 4. हनुमानगढ़ - विनोद कुमार चौधरी 5. खाजूवाला - गोविंद राम मेघवाल 6. बीकानेर पश्चिम - बीडी कल्ला 7. नोखा - सुशीला डूडी 8. सरदारशहर - अनिल शर्मा 9. झुंझुनूं - बृजेंद्र सिंह ओला 10. नवलगढ़ - डॉ. राजकुमार शर्मा 11. फतेहपुर - हाकम अली खान 12. नीमकाथाना - सुरेश मोदी 13. कोटपूतली - राजेंद्र यादव 14. दूदू - बाबूलाल नागर 15. सिविल लाइंस - प्रताप सिंह खाचरियावास 16. किशनपोल - अमीनकागजी 17. आदर्शनगर - रफीकखान 18. बस्सी - लक्ष्मण मीणा 19. बानसूर - शकुंतला रात 20. रामगढ़ - जुबेर खान 21. डीग-कुम्हेर - विश्वेंद्र सिंह 22. वैर - भजनलाल जाटव 23. राजखेड़ा - रोहित बोहरा 34. महुवा - ओमप्रकाश हुड़ला 25. दौसा - मुरारी लाल मीणा 26. लालसोट - परसादी लाल मीणा 27. खंडार - अशोक बैरवा 28. पुष्कर - नसीम अख्तर इंसाफ 29. केकड़ी - डॉ. रघु शर्मा 30. नावां - महेंद्र चौधरी 31. सोजत - निरंजन आर्य 32. मारवाड़ जंक्शन - खुशवीर सिंह जोजावर 33. बाड़मेर - मेवाराम जैन 34. सांचौर - सुखराम बिश्नोई 35. सिरोही - संयम लोढ़ा 36. खेरवाड़ा - दयाराम परमार 37. मावली - पुष्कर लाल डांगी 38. सलूंबर - रघुवीर सिंह मीणा 39. घाटोल - नानालाल निनामा 40. बांसवाड़ा - अर्जुन सिंह बामनिया 41 निंबाहेड़ा - उदयलाल आंजना 42. मांडल - रामलाल जाट 43. अंता- प्रमोद जैन भाया पिछले चुनाव में कांग्रेस से बागी निर्दलीय भी शामिल साल 2018 के चुनावों में कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय जीतने वालों को इस बार टिकट दिए गए हैं। सिरोही से संयम लोढ़ा, दूदू से बाबूलाल नागर, बस्सी से लक्ष्मण मीणा, महुवा से ओमप्रकाश हुड़ला, मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह जोजावर को प्रत्याशी घोषित किया गया है।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने शनिवार को अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की ओर से जारी इस सूची में 83 नाम शामिल किए गए हैं। इससे पहले पाटभ्र् अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में इन उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी दी गई थी। दूसरी सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां समेत कई बड़े नेताओं को शामिल किया गया है। इससे पहले जारी पार्टी की पहली सूची में 41 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। इनमें 7 सांसद भी थे। राजेन्द्र राठौड़ की सीट बदली, नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से उतारा मैदान में इस सूची में कुल 83 प्रत्याशियों के नाम हैं। इस सूची में भाजपा हाईकमान ने एक भी सांसद को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है। नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की सीट बदल दी गई है। राठौड़ को चूरू के बजाय तारानगर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। जयपुर के विद्याधर नगर से टिकट कटने से नाराज हुए नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से प्रत्याशी बनाया है। दूसरी लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके कई समर्थकों के नाम भी शामिल हैं। किस सीट से किसे उतारा मैदान में रायसिंहनगर - बलवीर सिंह लूथरा अनूपगढ़ - संतोष बावरी संगरिया - गुरदीप सिंह शहपीणी पीलीबंगा - धर्मेंद्र मोची नोहर - अभिषेक मटोरिया बीकानेर पश्चिम - जेठानंद व्यास बीकानेर पूर्व - सिद्धि कुमारी लूणकरणसर - सुमित गोदारा नोखा - बिहारी लाल बिश्नोई तारानगर - राजेंद्र राठौड़ चूरू - हरलाल सहारण रतनगढ़ - अभिनेश महर्षि सूरजगढ़ - संतोष अहलावत धोद - गोवर्धन वर्मा नीमकाथाना - प्रेम सिंह बाजोर श्रीमाधोपुर - झब्बर सिंह खर्रा चोमू - रामलाल शर्मा फुलेरा - निर्मल कुमावत आमेर - सतीश पूनिया मालवीय नगर - कालीचरण सराफ सांगानेर - भजनलाल शर्मा बगरू - कैलाश चंद्र वर्मा चाकसू - राम अवतार बैरवा मुंडावर - मनजीत धर्मपाल चौधरी थानागाजी - हेम सिंह भडाना अलवर शहर - संजय शर्मा डीग कुम्हेर - डॉक्टर शैलेश सिंह धौलपुर - शिवचरण कुशवाहा खंडार - जितेंद्र गोठवाल मालपुरा - कन्हैयालाल चौधरी पुष्कर - सुरेश सिंह रावत अजमेर उत्तर - वासुदेव देवनानी अजमेर दक्षिण - अनीता भदेल नसीराबाद - रामस्वरूप लांबा ब्यावर - शंकर सिंह रावत जायल - मंजू बाघमार नागौर - डॉ. ज्योति मिर्धा मेड़ता - लक्ष्मण राम मेघवाल मकराना - सुमिता भींचर परबतसर - मानसिंह किनसरिया नावां - विजय सिंह चौधरी जैतारण - अविनाश गहलोत सोजत - शोभा चौहान पाली - ज्ञानचंद पारख बाली - पुष्पेंद्र सिंह राणावत सुमेरपुर - जोगाराम कुमावत सूरसागर - देवेंद्र जोशी पोकरण - महेंद्र प्रताप पुरी जी महाराज सिवाना - हमीर सिंह भायल चौहटन - आदुराम मेघवाल आहोर - छगन सिंह राजपुरोहित जालौर - जोगेश्वर गर्ग सिरोही - ओटाराम देवासी पिंडवाड़ा - समाराम गरासिया रेवदर - जगसीराम कोली गोगुंदा - प्रतापमल गमेती झाडोल - बाबूलाल खराड़ी उदयपुर ग्रामीण - फूल सिंह मीणा उदयपुर - ताराचंद जैन सलूंबर - अमृतलाल मीणा धरियावद - कन्हैयालाल मीणा आसपुर - गोपीचंद मीणा घाटोल - मानशंकर निनामा गढी - कैलाश चंद्र मीणा चित्तौड़गढ़ - नरपत सिंह राजवी निंबाहेड़ा - श्रीचंद कृपलानी बड़ी सादड़ी - गौतम सिंह डाक प्रतापगढ़ - हेमंत मीणा कुंभलगढ़ - सुरेंद्र सिंह राठौड़ राजसमंद - दीप्ति महेश्वरी नाथद्वारा - कुंवर विश्वराज सिंह मेवाड़ आसींद -झब्बर सिंह सांखला भीलवाड़ा - विट्ठल शंकर अवस्थी जहाजपुर - गोपीचंद मीणा मांडलगढ़ - गोपाल लाल शर्मा बूंदी - अशोक डोगरा सांगोद - हीरालाल नागर कोटा दक्षिण - संदीप शर्मा छबड़ा - प्रताप सिंह सिंघवी डग - कालूराम मेघवाल झालरापाटन - वसुंधरा राजे खानपुर - नरेंद्र नगर मनोहर थाना - गोविंद रानी पुरिया
जयपुर: राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है। शनिवार को जारी पार्टी की पहली सूची में 33 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। पहली सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पालयट का नाम भी शामिल है। दोनाें को उनके पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है। राजस्थान चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची नोहर अमित चाचाण कोलायत - भंवर सिंह भाटी सादुलपुर - कृष्णा पूनिया सुजानगढ़ - मनोज मेघवाल मंडावा - रीटा चौधरी लक्ष्मणगढ़ - गोविंद सिंह डोटासरा विराट नगर - इंद्राज गुर्जर मालवीय नगर - डॉ. अर्चना शर्मा सांगानेर - पुष्पेंद्र भारद्वाज मुंडावर - ललित कुमार यादव अलवर ग्रामीण - टीकाराम जूली सिकराय - ममता भूपेश सवाई माधोपुर - दानिश अबरार टोंक - सचिन पायलट लाडनूं - मुकेश भाकर डीडवाना - चेतन सिंह डूडी जायल - मंजू देवी डेगाना - विजयपाल मिर्धा परबतसर - रामनिवास गावड़िया ओसियां - दिव्या मदेरणा सरदारपुर - अशोक गहलोत जोधपुर - मनीषा पंवार लूणी - महेंद्र बिश्नोई बायतु - हरीश चौधरी वल्लभनगर - प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत डूंगरपुर - गणेश गोगरा बागीदौरा - महेंद्रजीत सिंह मालवीय कुशलगढ़ - रमिला खड़िया प्रतापगढ़ - रामलाल मीणा भीम - सुदर्शन सिंह रावत नाथद्वारा - सीपी जोशी मांडलगढ़ - विवेक धाकड़ हिंडोली - अशोक चांदना टिकट बंटवारे में किसकी चली, गहलोत बनाम पायलट के चर्चे राजस्थान में कांग्रेस के आपसी कलह से कौन वाकिफ नहीं है। पिछले चार साल से गहलाेत और पायलट के बीच चली अदावत चुनाव से ठीक पहले भले ही एकजुटता में बदल गई लेकिन टिकट बंटवारे को लेकर फिर से रस्साकशी शुरू हो गई। कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने से पहले मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में गहलोत और पायलट दोनों आमने-सामने बैठे नजर आए। हालांकि टिकट बंटवारे में किसकी चली इसका अंदाजा उम्मीदवारों की घोषणा से साफ पता लग रहा है।
जयपुर: राजस्थान की सीईसी में सिंगल नाम वाली 106 सीटें क्लीयर कर दी गई हैं। इसके साथ ही पैनल की 24 के करीब सीटें भी सीईसी में क्लीयर हो चकी हैं। यानी अब तक कुल 130 सीटों पर सीईसी ने अपनी मुहर लगा दी है। बाकी सभी सीटें पेंडिंग रखी गई हैं। इन सीटों पर अब पार्टी के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता, राज्य की इकाई से बात करके फैसला लेंगे। इस बात से ये साफ है कि अब कोई दूसरी सीईसी की बैठक इस मामले पर नहीं होगी। ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। किन नेताओं के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह? सूत्रों के मुताबिक, पेंडिंग सीटों में शांतिलाल धारीवाल, धीरज गुर्जर, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ की सीट भी शामिल है। आज के सी वेणुगोपाल ने सीईसी की बैठक में कहा है कि शांतिलाल धारीवाल के खिलाफ भारत जोड़ो यात्रा में कई शिकायतें सामने आई थीं। जिसके बाद आज सीईसी की बैठक में उनकी सीट पेंडिंग में डाल दी गई है। पार्टी उनके बेटे अमित धारीवाल को कोटा उत्तर से टिकट दे सकती है। राजस्थान में पार्टी ने 130 सीटें क्लीयर कर दी हैं। पार्टी के एक सर्वे, जिसमें 50% सीट कटने का सुझाव दिया गया था, उस पर कुछ नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और क्या एक सर्वे के आधार पर टिकट काट दी जाए, इसको लेकर भी कुछ टिप्पणियां हुई हैं। राजस्थान में ज्यादातर वही सीट पेंडिंग रखी गई हैं, जहां पर सर्वे के मुताबिक टिकट कटने की सिफारिश की गई थी।
जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, 3 बड़े नेताओं के टिकट खतरे में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये वही नेता हैं, जिनकी वजह से 25 सितंबर 2022 को राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाई थी। इन नेताओं को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने तीखे तेवर दिखाए हैं। जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि इन नेताओं की टिकट लटक सकती है। कौन हैं ये 3 नेता? राजस्थान में जिन 3 नेताओं की टिकट पर खतरा मंडरा रहा है, उनमें सीएम अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांतिलाल धारीवाल, महेश जोशी और दर्जा प्राप्त मंत्री धर्मेन्द्र राठौड़ का नाम शामिल है। क्या है पूरा मामला? बीते साल आलाकमान के निर्देश पर जयपुर में विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान सोनिया के अध्यक्ष रहते पर्यवेक्षकों को बिना बैठक के वापस आना पड़ा था। इसके बाद इन तीनों नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। अब महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ का टिकट तो स्क्रीनिंग कमेटी में ही अटका रह गया, लेकिन धारीवाल का नाम स्क्रीनिंग कमेटी ने गहलोत के विशेष अनुरोध पर केंद्रीय चुनाव समिति में भेज दिया। सोनिया ने धारीवाल के नाम पर कहा- ये कौन हैं? सुबह 8.30 बजे शुरू हुई बैठक में जैसे ही धारीवाल का नाम आया तो नाराजगी भरे लहजे में सोनिया गांधी बोल पड़ीं कि ये कौन हैं? इनका नाम कैसे? इसके बाद अशोक गहलोत शांतिलाल धारीवाल का पक्ष रखने लगे और इलाके में उनकी पकड़ की बात समझाने लगे। इसी दौरान राहुल गांधी बीच में बोल पड़े और कहा कि इस विषय को यहीं खत्म करिए। फिर राहुल ने स्क्रीनिंग कमेटी के चैयरमैन गौरव गोगोई से कहा कि धारीवाल परिवार के बाहर कोई फ्रेश उम्मीदवार नहीं है क्या? तब गोगोई ने हामी भरते हुए ओके कहा और सिर हिला दिया। धारीवाल परिवार से बाहर की बात करके राहुल ने साफ कर दिया है कि 79 साल के धारीवाल के बेटे को टिकट दिलाने की उम्मीद रखना भी सिर्फ भ्रम है। इस पूरे मामले पर खरगे से लेकर गहलोत तक सभी खामोश हो गए। इसके बाद ये संदेश गया कि 25 सितंबर को जयपुर में जो हुआ, उसी वजह से अलाकमान ने इस तरह का रवैया अपनाया है। ऐसे में तीनों नेताओं को टिकट मिलना अब बहुत मुश्किल नजर आ रहा है।
जोधपुर,भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय मंत्री राजस्थान प्रभारी प्रहलाद जोशी बुधवार को जोधपुर पहुंचें। वे यहां आयोजित समन्वय बैठक में शामिल होंगे। जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करने के दौरान उन्होंने भाजपा की दूसरी लिस्ट कब आएगी के जवाब में कहा कि कांग्रेस की पहली लिस्ट आने दीजिए, भाजपा की सेकेंड लिस्ट बहुत जल्दी आ रही है ।
जयपुर,राजस्थान में चुनाव की तारीख बदल गई है। अब 25 नवंबर को मतदान हाेगा। पहले 23 नवंबर को मतदान होना था, लेकिन देवउठनी एकादशी के कारण यह माना जा रहा था कि इससे वोटिंग प्रतिशत घट सकता है।
राजस्थान में चुनाव की तारीखों का एलान होने के साथ ही भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसमें कुल 41 उम्मीदवारों के नाम के एलान किया गया है। राजस्थान में भाजपा ने सात सांसदों को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया है। किन सांसदों को कहां से मिला टिकट? भाजपा ने सांसद राज्यवर्धन राठौड़ को झोटवाड़ा से प्रत्याशी बनाया है। वहीं मांडवा से सांसद नरेंद्र कुमार को चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा विद्याधरनगर से दीया कुमारी, सवाई माधोपुर से किरोड़ी लाल मीणा, तिजारा से बाबा बालकनाथ, किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी और सांचोर से देवजी पटेल को टिकट दिया । पार्टी ने श्रीगंगानगर से जयदीप बिहानी,भादरा से संजीव बेनीवाल,डूंगरगढ़ से ताराचंद सारस्वत,सुजानगढ़ से श्रीमती संतोष मेघवाल,झुंझुनू से बबलू चौधरी,मंडावा से नरेंद्र कुमार, सांसद,नवलगढ़ से विक्रम सिंह जाखल,उदयपुरवाटी से शुभकरण चौधरी,फतेहपुर से श्रवण चौधरी,लक्ष्मण गढ़ से सुभाष मेहरिया ,दांता रामगढ़ से गजानन्द कुमावत,कोटपूतली से हंसराज पटेल,दूदू से डॉ. प्रेम चंद बैरवा,झोटवाड़ा से राज्यवर्धन सिंह, सांसद,विद्यानगर से दिव्या कुमारी,सांसद,बस्सी से चंद्रमोहन मीणा, पूर्व आईएएस,तिजारा से बाबा बालकनाथ,सांसद,बानसूर से देवी सिंह शेखावत,अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव,नगर से जवाहर सिंह बेडम, वैर से बहादुर सिंह कोली,हिंडौन से श्रीमती राजकुमारी जाटव,सपोटरा से हंसराज मीणा, बांदीकुई से भागचंद डाकरा ,लालसोट से राम बिलास मीणा,बामनवास से राजेन्द्र मीणा, सवाईमाधोपुर से डॉ. किरोड़ी लाल मीणा,सांसद,देवली उनियारा से विजय बैंसला,किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी,सांसद,केकड़ी से शत्रुघन गौतम,बिलाडा एससी से अर्जुन लाल गर्ग,बायतु से बालाराम मूंड, सांचौर से देव जी पटेल सांसद, खेरवाड़ा से नाना लाल आहरी,डूंगर पुर से बंसीलाल कटारा, सागवाड़ा से शंकर डेचा चौरासी से सुशील कटारा ,बागीदौरा से श्रीमती कृष्णा कटारा,कुशलगढ़ से भीमाभाई डामोर,मांडल से उदय लाल भड़ाना और सहाड़ा से लादू लाल पितलिया को उम्मीदवार बनाया गया है। यहां यह जानना दिलचस्प होगा कि सोशल मीडिया पर कई दिनों से भाजपा की एक सूची वायरल हो रही थी।उसमें श्रीगंगानगर से जयदीप बिहानी और भादरा से सनजेव बेनीवाल को उम्मीदवार घोषित कर दिए जाने का दावा किया जा रहा था यहां यह भी उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को भी चुनाव में खड़ा किये जाने और उन्हें भावी मुख्यमंत्री बनाये जाने के दावे किए जा रहे थे।अर्जुन मेघवाल को पहली लिस्ट में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से उनके समर्थकों को निराशा हो सकती है।यहां यह भी बताया जाना जरूरी है कि आज जो सूची जारी की गई है वो 1 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक में फाइनल कर दी गई थी।

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