जयपुर,राजस्थान में भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने सबको चौंकाया है। अब मंत्री पद की रेस में भी नए और चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों के साथ नए चेहरों का गुड मिक्स देखने को मिलेगा।
RSS से जुड़ाव वाले ज्यादा चेहरों को ही मंत्री बनाए जाने की संभावना है। पहले फेज में 20 मंत्री बन सकते हैं। जो 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री के साथ ही शपथ ले सकते हैं।
मंत्रियों के नामों पर दिल्ली से लेकर जयपुर तक एक्सरसाइज शुरू हो चुकी है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने वाले नामों को फाइनल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कौन-से विधायक मंत्रिमंडल में चेहरा बन सकते हैं,
राजस्थान में CM सहित 30 का कोटा, अब 27 मंत्रियों की जगह खाली
राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री बन सकते हैं। भजनलाल शर्मा सीएम, दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा डिप्टी सीएम बन चुके हैं। एक सीएम और दो डिप्टी सीएम बनने के बाद अब 30 में से 3 जगह भर चुकी हैं। कोटे के हिसाब से अब 27 मंत्री बन सकते हैं।
पहले फेज में करीब 20 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनमें 10 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्री हो सकते हैं। पांच से सात जगह खाली रखी जा सकती है। बची हुई जगहों को लोकसभा चुनाव के बाद भरे जाने का विकल्प रखा जा सकता है।
जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश
बीजेपी में सबसे ज्यादा विधायक एससी-एसटी, राजपूत, जाट, ब्राह्मण वर्ग से जीतकर आए हैं। इसके अलावा वैश्य और बीजेपी का कोर वोट बैंक मानी जाने वाली ओबीसी जातियों के विधायकों की संख्या अधिक है। इन जातियों के विधायकों की संख्या के हिसाब से मंत्रिमंडल में जगह देकर जातीय संतुलन बनाने का प्रयास किया जा सकता है।
कौन होगा गृह मंत्री?
गृह मंत्री के नाम को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है। गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी आमतौर पर ऐसे नेता को दी जा सकती है जिसकी हिंदूवादी नेता की छवि हो। बाबा बालकनाथ और किरोड़ीलाल मीणा का नाम गृह मंत्री के तौर पर चल रहा है। हालांकि वसुंधरा राजे के दोनों ही कार्यकाल में गृह मंत्रालय खुद मुख्यमंत्री के पास ही रहा था।
किरोड़ीलाल मीणा (सवाई माधोपुर): सीनियर नेता। विपक्ष में रहकर कांग्रेस का मुखर विरोध किया। पेपर लीक और घोटालों को मुद्दा बनाया। मीणा वोट बैंक पर पकड़।
बाबा बालकनाथ (तिजारा): हिंदूवादी चेहरा। नाथ संप्रदाय के बड़े मठ के मठाधीश और बड़ा श्रद्धालु वर्ग जुड़ा है।
35 से ज्यादा विधायक मंत्री बनने के दावेदार
35 से ज्यादा विधायक मंत्री बनने के दावेदारों में आगे माने जा रहे हैं। किरोड़ीलाल मीणा, महंत बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी, विश्वराज सिंह मेवाड़, जेठानंद व्यास, मदन दिलावर, जोगेश्वर गर्ग, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, जितेंद्र गोठवाल, झाबर सिंह खर्रा, नौक्षम चौधरी, दीप्ति किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल, जवाहर सिंह बेडम, जगत सिंह, हंसराज पटेल, पब्बाराम विश्नोई, हीरालाल नागर, भैराराम चौधरी, लालाराम बैरवा, संजय शर्मा, गोपाल शर्मा, लादूलाल पितलिया, जयदीप बिहाणी और ताराचंद जैन के नाम दावेदारों में हैं।
तीन से चार महिला मंत्री बन सकती हैं, अनिता-नौक्षम-दीप्ति रेस में आगे
तीन से चार महिला मंत्री बन सकती हैं। इस बार बीजेपी ने केंद्र में महिला आरक्षण बिल पास करवाया है। वह लागू बाद में होगा, लेकिन मैसेज देने के हिसाब से राजस्थान में महिला मंत्रियों की संख्या में बढ़ोतरी भी की जा सकती है। दीया कुमारी को डिप्टी सीएम बनाकर मैसेज दिया जा चुका है।
महिलाओं में दीप्ति किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल, नौक्षम चौधरी, सिद्धि कुमारी के नाम दावेदारों में हैं। वसुंधरा राजे सरकार में किरण माहेश्वरी, अनिता भदेल और कमसा मेघवाल मंत्री थीं। इस संख्या को बढ़ाया जा सकता है।
नौक्षम चौधरी (कामां) : बीजेपी की सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी विधायक। दलित वर्ग से हैं। गहलोत सरकार में मंत्री जाहिदा खान को हराया।
दीप्ति किरण माहेश्वरी (राजसमंद) : बीजेपी की वरिष्ठ मंत्री रहीं किरण माहेश्वरी की बेटी। दूसरी बार विधायक। वैश्य समाज से प्रमुख महिला चेहरा।
अनिता भदेल (अजमेर दक्षिण) : पार्टी का मुखर दलित चेहरा। वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुकी हैं।
दलित वर्ग: डिप्टी सीएम देने के बाद दो से तीन मंत्री संभव
दलित वर्ग पर बीजेपी मजबूत पकड़ बनाने का प्रयास कर रही है। बीजेपी में 16 विधायक दलित हैं। बीजेपी ने प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाकर दलित वर्ग को साधने का मैसेज दिया है। ये चेहरे हैं मंत्री की कतार में…
जोगेश्वर गर्ग (जालोर): लंबे समय से पार्टी से जुड़े हैं। गोडवाड़ क्षेत्र में पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा हैं।
मदन दिलावर (रामगंजमंडी): दो बार मंत्री रह चुके हैं। पार्टी का हिंदूवादी चेहरा हैं।
जितेंद्र गोठवाल (खंडार): पहले संसदीय सचिव रहे। पार्टी का प्रमुख दलित चेहरा।
लालाराम बैरवा (शाहपुरा): बीजेपी से बागी होकर लड़ने वाले पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल को हराकर पहली बार विधायक बने हैं।
राजपूत समाज से 17 विधायक, दावेदारों की लंबी कतार
राजपूत बीजेपी का कोर वोट बैंक रहा है। पिछले चुनावों में राजपूतों की नाराजगी से बीजेपी को नुकसान हुआ था। इस बार 17 विधायक राजपूत समाज से जीतकर आए हैं। राजपूत समाज से प्रमुख नेताओं को मंत्री बनाकर मैसेज दिया जा सकता है। महंत प्रतापपुरी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, विश्वराज सिंह मेवाड़, सिद्धि कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सुरेंद्र सिंह राठौड़ के नामों पर विचार चल रहा है।
महंत प्रतापपुरी (पोकरण): पश्चिमी राजस्थान का बड़ा हिंदूवादी चेहरा। पश्चिमी राजस्थान में अच्छा प्रभाव।
विश्वराज सिंह मेवाड़ (नाथद्वारा): स्पीकर सीपी जोशी को हराकर विधायक बने। महाराणा प्रताप के वंशज होने से भावनाएं जुड़ी हैं।
पुष्पेंद्र सिंह राणावत (बाली): छह बार के विधायक। गोडवाड़ क्षेत्र में अच्छा प्रभाव और साफ छवि।
सिद्धि कुमारी (बीकानेर पूर्व): वरिष्ठ विधायक। बीकानेर पूर्व राजघराने की मेंबर।
सुरेंद्र सिंह राठौड़ (कुंभलगढ़): मेवाड़ में पार्टी के प्रमुख वरिष्ठ नेताओं में गिनती। राजपूत समाज में अच्छा प्रभाव। वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
ब्राह्मण समाज से CM, अब मंत्री बनने के लिए भी कई दावेदार
भजनलाल शर्मा को सीएम बनाकर ब्राह्मण समाज को मैसेज दिया गया है। ब्राह्मण समाज के 12 विधायक जीतकर आए हैं। सीएम बनने के बाद अब मंत्री बनाने की रेस में भी कई विधायक दावेदार हैं। ब्राह्मण विधायकों में गोपाल शर्मा, जेठानंद व्यास, संजय शर्मा, संदीप शर्मा के नामों पर विचार चल रहा है।
जेठानंद व्यास (बीकानेर पश्चिम): गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को हराया। आरएसएस से जुड़े हैं।
संजय शर्मा (अलवर शहर): लंबे समय से पार्टी में काम कर रहे हैं। दूसरी बार विधायक। आरएसएस की पसंद।
गोपाल शर्मा (सिविल लाइंस): पहली बार विधायक। पीएम मोदी से संपर्क। राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय रहे।
संदीप शर्मा (कोटा): हाड़ौती में पार्टी का प्रमुख ब्राह्मण चेहरा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के नजदीकी हैं।
12 जाट विधायकों में कई दावेदार : किसान जातियों को साधने के लिए भी मंत्री बनाए जाएंगे
बीजेपी में 14 विधायक जाट जीतकर आए हैं। किसान वर्ग को साधने के लिए भी मंत्री बनाए जाएंगे। लोकसभा चुनावों से पहले जाट वर्ग को मैसेज देने के लिए मंत्री बनाए जाएंगे। जाट विधायकों में झाबर सिंह खर्रा, भैराराम सियोल, जगत सिंह, सुमित गोदारा, अजय सिंह किलक के नाम दावेदारों में हैं।
भैराराम चौधरी सियोल (ओसियां) : दिव्या मदेरणा को हराया। दूसरी बार विधायक। वसुंधरा सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं। मारवाड़ में पार्टी का प्रमुख जाट चेहरा।
झाबर सिंह खर्रा (श्रीमाधोपुर): इनके पिता भी बीजेपी से मंत्री रहे। शेखावाटी में बीजेपी का प्रमुख जाट चेहरा।
सुमित गोदारा (लूणकरणसर): बीकानेर जिले में पार्टी का प्रमुख जाट चेहरा।
अजय सिंह किलक (डेगाना): वसुंधरा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। नागौर जिले में पार्टी के प्रमुख जाट चेहरों में गिनती।
दूसरी किसान जातियों से भी दावेदार: जाटों के अलावा विश्नोई, कलवी-पटेल, धाकड़ नागर समाज से भी कुछ मंत्री बनाए जा सकते हैं।
जवाहर सिंह बेडम (नगर): भरतपुर जिले में पार्टी के प्रमुख गुर्जर चेहरे के तौर पर पहचान। गुर्जर समाज में अच्छा प्रभाव।
हंसराज पटेल (कोटपूतली): पहली बार जीतकर आए। गुर्जर समाज में अच्छा प्रभाव।
पब्बाराम विश्नोई (फलोदी): वरिष्ठ विधायक। विश्नोई समाज में पार्टी का प्रमुख चेहरा।
हीरालाल नागर (सांगोद): दूसरी बार विधायक। हाड़ौती में किसान वर्ग में अच्छा प्रभाव।
उदयलाल भडाना (मांडल): किसान जातियों में अच्छा प्रभाव। पहली बार विधायक।
आदिवासी : बीएपी के प्रभाव को कम करने 2 से 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं
आदिवासी बहुल क्षेत्रों में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इस इलाके से नए चेहरों को मंत्री बनाया जाएगा। मेवाड़ और आदिवासी बेल्ट में बीजेपी हमेशा से मजबूत रही है। इस बार भी मेवाड़ में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन आदिवासी इलाके में बीएपी ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं। आदिवासी इलाके से दो से तीन मंत्री बनाए जा सकते हैं।
फूलसिंह मीणा: उदयपुर ग्रामीण सीट से लगातार जीत रहे हैं। बीजेपी के मुखर आदिवासी चेहरा होने से दावेदारी।
शंकरलाल डेचा: डूंगरपुर से एकमात्र विधायक। सागवाड़ा सीट से जीते। बीटीपी-बीएपी के प्रभाव को देखते हुए मंत्री बनाया जा सकता है।
कैलाश मीणा: बांसवाड़ा की गढ़ी सीट से विधायक। बीटीपी-बीएपी के प्रभाव को काउंटर करने के लिए मंत्री बनाया जा सकता है।
वैश्य वर्ग : 2 मंत्री संभव
वैश्य वर्ग से बीजेपी में आठ विधायक हैं। पार्टी का बड़ा और कमिटेड वोट बैंक माना जाता है। वैश्य समाज से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं। महिला चेहरे के तौर पर दीप्ति माहेश्वरी के अलावा तीन नाम चर्चा में हैं।
लादूलाल पितलिया (सहाड़ा): पहली बार विधायक। जैन-वैश्य वर्ग से पार्टी का प्रमुख चेहरा। हिंदूवादी संगठनों में लंबे समय से सक्रिय।
जयदीप बिहाणी (गंगानगर): पहली बार विधायक। नहरी क्षेत्र में पार्टी का प्रमुख वैश्य चेहरा।
ताराचंद जैन (उदयपुर): गुलाब चंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद उनकी सीट से पहली बार विधायक। कटारिया के स्पेस को भरने आगे लाने की रणनीति।
राजपुरोहित समाज से छगन सिंह राजुपरोहित, कुमावत समाज से जोराराम की चर्चा
पश्चिमी राजस्थान में राजपुरोहित समाज बीजेपी का कमिटेड वोट बैंक रहा है। छगनसिंह राजपुरोहित को भी मंत्री पद दिया जा सकता है। कुमावत समाज से जोराराम कुमावत का नाम दावेदारों में है।
मंत्री नहीं बनने वालों को संसदीय सचिव बनाया जाएगा
जो दावेदार मंत्री नहीं बन पाएंगे, उनके लिए संसदीय सचिव बनाए जाने का विकल्प है। आधा दर्जन संसदीय सचिव भी बनाए जाने हैं। जिन इलाकों से मंत्री नहीं बनेंगे, उन्हें संसदीय सचिव बनाकर प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया जाएगा।