नई दिल्ली, 30 जून 2019,भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बातचीत हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, भारत ने करतारपुर कॉरिडोर पर वार्ता के लिए पाकिस्तान के साथ तारीख प्रस्तावित की है. हलांकि, अभी तक दोनों देशों से आधिकारिक तौर पर इस बात की पुष्टि नहीं की गई है.
हाल ही में भारत की ओर से ये बयान आया था कि पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत के प्रस्तावों को मानने से मना कर दिया है, साथ ही इस पर पाकिस्तान ने कुछ नियम और शर्तें भी लगाई थी. पाकिस्तान ने इसे लेकर भारत के लगभग सभी प्रस्तावों को मानने से इनकार कर दिया था.
इन मांगों को पाकिस्तान ने मानने से किया था इनकार
1. भारत ने कहा था कि 5000 यात्री हर दिन करतारपुर साहिब के दर्शन करें और किसी खास दिन जैसे बैसाखी, गुरुपूर्णिमा के समय 15000 यात्री प्रतिदिन दर्शन करें, लेकिन मीटिंग में पाकिस्तान ने इस पर नकार कर दिया. उसने कहा है कि रोजाना सिर्फ 500 श्रद्धलु दर्शन करेंगे, जो संख्या भारत के हिसाब से बहुत कम है.
2. भारत ने मांग की था कि सभी भारतीय नागरिक और OCI कार्ड धारक करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाएं पर पाकिस्तान ने कहा कि केवल सिख ही वहां पर दर्शन करने जाएंगे.
3. भारत ने पाकिस्तान से कहा कि एक परिवार या फिर एक ग्रुप चाहे जितनी संख्या का हो उसको करतारपुर के दर्शन करने के लिए पाकिस्तान इजाजत दे, लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी भारत की बात नहीं मानी और उसने कहा कि केवल और केवल 15 श्रद्धालुओं का ग्रुप ही एक बार मे भारत से दर्शन करने जा सकता है. भारत ने इसको लेकर ऐतराज जताया था.
4. भारत ने कहा कि कोई व्यक्ति चाहे गाड़ी से जाए या फिर वो दर्शन करने पैदल जाना चाहता है वो जा सकता है, ये उसकी इच्छा के अनुसार होना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान ने यहां भी अपनी मनमानी चलाते हुए कहा कि बॉर्डर के पार कोई पैदल दर्शन करने नहीं जा सकता है. दर्शन करने वाला श्रद्धालु सिर्फ और सिर्फ गाड़ी से ही जा सकता है.
5. करतारपुर साहिब को महाराजा रणजीत सिंह ने और कुछ श्रद्धालुओं ने मिलकर 100 एकड़ जमीन दान में दी थी. पाकिस्तान इस भूमि का इस्तेमाल अपने लिए कर रहा है. भारत ने कहा की 100 एकड़ जमीन करतारपुर साहिब ट्रस्ट में रखा जाए. पाकिस्तान ने इस बात को भी अपनी मीटिंग के दौरान अस्वीकार कर दिया.