taaja khabar..के. कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में कराया बदलाव', ईडी का बड़ा दावा..फिर से मोदी' के नारों से गूंजा कोयंबटूर, फूलों की बारिश के बीच प्रधानमंत्री ने किया रोड शो..लोकसभा चुनाव में संतों को प्रतिनिधित्व की मांग

अप्रैल में पद संभाला, जुलाई में मचा दी खलबली...जानिए कौन हैं दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार

नई दिल्‍ली: सचिवालय में 21 अप्रैल 2022 को थोड़ी ज्‍यादा चहल-पहल थी। नए मुख्‍य सचिव के रूप में नरेश कुमार आईएएस पदभार संभालने आ रहे थे। केंद्र सरकार ने उन्‍हें दो दिन के भीतर ही चार्ज ले लेने को कहा था। दिल्‍ली सरकार के कई वरिष्‍ठ अफसर उनके स्‍वागत में खड़े थे। काम संभालते ही कुमार ऐक्‍शन में आ गए। उस वक्‍त दिल्‍ली सरकार की नई आबकारी नीति खूब चर्चाओं में थी। कुमार ने वहीं से शुरुआत की। आबकारी विभाग की फाइलें पलटते-पलटते उन्‍हें समझ आने लगा कि कुछ 'खेल' हुआ है। वह डॉजियर तैयार करने में लग गए। करीब ढाई महीने बाद नई आबकारी नीति को लागू करने में हुई 'गड़बड़‍ियों' की जांच रिपोर्ट उप राज्‍यपाल वीके सक्‍सेना की मेज पर पहुंच गई। सक्‍सेना ने चीफ सेक्रेटरी की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। आंच बढ़ने पर दिल्‍ली सरकार ने नई नीति को वापस लेने का फैसला किया। सीबीआई ने नरेश कुमार की जांच के आधार पर मुकदमा दर्ज करके छापेमारी शुरू कर दी है। डेप्‍युटी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 के खिलाफ छापेमारी की। यह सारा ऐक्‍शन हुआ नरेश कुमार की जांच के आधार पर। कुमार की वह जांच रिपोर्ट इस वक्‍त दिल्‍ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए परेशानी का सबसे बड़ा सबब बनी हुई है। दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव नरेश कुमार कौन हैं? नरेश कुमार की गिनती देश के वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारियों में होती है। वह 1987 बैच के आईएएस हैं। उनका कैडर AGMUT (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों) है। AGMUT उत्‍तर प्रदेश (489 पद) के बाद सिविल ऑफिसर्स का दूसरा सबसे बड़ा कैडर (457 स्‍वीकृत पद) है। इंजिनियरिंग बैकग्राउंड से आने वाले नरेश कुमार ने एमबीए भी कर रखा है। दिल्‍ली का मुख्‍य सचिव बनाए जाने से पहले नरेश कुमार करीब ढाई साल तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍य सचिव रहे। वह एनडीएमसी के चेयरमैन और डीटीसी के सीएमडी समेत दिल्ली सरकार में कई अन्य अहम पदों पर अपने सेवाएं दे चुके हैं। नरेश कुमार 2000-03 और 2012-15 के बीच केंद्र सरकार में डेप्‍युटेशन पर भी रहे हैं। AAP सरकार की मुश्किलें अभी और बढ़ाएंगे कुमार? एलजी वीके सक्‍सेना ने दिल्‍ली के मुख्‍य सचिव को एक और काम सौंप रखा है। सक्‍सेना ने 24 जुलाई को कुमार से कहा था कि वे दिल्‍ली में 'कार्टेलाइजेशन, मोनोपॉली और ब्‍लैकलिस्‍टेड फर्मों को फायदा पहुंचाने' के आरोपों की जांच करें। एलजी ऑफिस को एक शिकायत मिली थी जिसमें कहा गया था कि 2021-22 में आबकारी लाइसेंस देने में 'बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।' एलजी ने कुमार से 15 दिन में खुद को मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिपोर्ट सौंपने को कहा था। हालांकि, हमारे सहयोगी टाइम्‍स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट अबतक एलजी सचिवालय नहीं पहुंची है। चीफ सेक्रेटरी ने एलजी को पहले जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें शराब के कारोबार में कार्टेलाइजेशन या मोनोपॉली की बात नहीं थी।

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