taaja khabar..के. कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में कराया बदलाव', ईडी का बड़ा दावा..फिर से मोदी' के नारों से गूंजा कोयंबटूर, फूलों की बारिश के बीच प्रधानमंत्री ने किया रोड शो..लोकसभा चुनाव में संतों को प्रतिनिधित्व की मांग

अभी चुनाव हों तो दक्षिण में बीजेपी की बढ़ेंगी लोकसभा सीटें?

नई दिल्ली: भारत में 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। आम जनता के लिए तो अभी काफी वक्त है, मगर राजनीतिक पार्टियों ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के लिए कहा जाता है कि ये पार्टी ऐसी है जो साल के सभी 365 दिन चुनावी मोड में रहती है। 2024 के आम चुनाव में पीएम मोदी के मुकाबले विपक्ष का कोई चेहरा फिलहाल अभी तक तो नजर नहीं आ रहा। अगर ऐसा ही रहा तो बीजेपी के लिए फिल से बहुत ज्यादा मुश्किलें नहीं होंगी। बीजेपी दक्षिण भारत के चार राज्यों में दो राज्यों में तो अच्छा प्रदर्शन कर रही है, मगर केरल और तमिलनाडु में पार्टी का खाता भी नहीं खुलता नजर आ रहा है। बीजेपी के लिए दक्षिण भारत सबसे खास बना हुआ है। साउथ इंडिया में भाजपा पसार रही पैर आपको याद होगा कुछ दिनों पहले तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बीजेपी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी। इस बैठक से बीजेपी ने इशारा दिया था कि अब उनका अगला निशाना दक्षिण भारत ही होगा। बीजेपी तेलंगाना और कर्नाटक में अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है। इसके कई कारण है। बीजेपी लगातार दक्षिण के राज्यों में ग्राउंड के नेताओं को अपने साथ जोड़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई को Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। के अन्नामलाई के बारे में विरोधी भले ही उनको जोकर कहते हों मगर तमिलनाडु के अंदर इस नेता ने कमाल की जमीन तैयार की है। अन्नामलाई संघर्ष करते हैं, राज्य सरकारों की नीतियों का बहिष्कार करते हैं, आंदोलन करते हैं। सड़कों पर हजारों कार्यकर्ताओं का हुजूम इकट्ठा करने का वो माद्दा रखते हैं। आदिवासी वोट बैंकों में बीजेपी ने लगा दी सेंध भाजपा के वोट बैंक में इस बार सात से आठ प्रतिशत सीधे-सीधे वोटबैंक बढ़ने का अनुमान है। आप सोच रहें होंगे कि वो कैसे। कुछ दिनों पहले ही देश में राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं। एनडीए की ओर से उम्मीदवार थीं द्रौपदी मुर्मू। द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी शासित राज्यों के अलावा अन्य राज्यों ने भी खूब वोट दिया। देश में पूरी आबादी का लगभग 8.6 प्रतिशत आदिवासी वोटर है। आदिवासी मुख्य रूप से भारतीय राज्यों उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि में बहुसंख्यक व गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक है जबकि भारतीय पूर्वोत्तर राज्यों में यह बहुसंख्यक हैं, जैसे मिजोरम। इन राज्यों का ज्यादातर आदिवासी वोट इस बार बीजेपी को जाना तय है। तेलंगाना और कर्नाटक में तो बीजेपी छाई एक टीवी न्यूज चैनल ने सर्वे किया। सर्वे में सवाल था कि अगर आज चुनाव हो जाएं तो देश में किसकी सरकार बनेगी। हम सबसे पहले साउथ से ही शुरूआत करते हैं। तेलंगाना की बात करें तो यहां पर केसीआर को नुकसान हो रहा है। केसीआर को 2019 में 42 फीसदी वोट मिला था, अगर अभी चुनाव हो जाएं तो 34 फीसदी वोट ही उनको मिल रहे हैं। इसके अलावा बीजेपी को 2019 में सिर्फ 20 फीसदी वोट मिले थे मगर अब 39 फीसदी वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस को यहां भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस को 2019 में 30 फीसदी वोट मिले थे तो वहीं अब 14 फीसदी मिल रहे हैं। यानी की 16 फीसदी वोट कम हुआ है। तेलंगाना में कुल 17 सीटें हैं। जिसमें से केसीआर को 8 सीटें मिल सकती हैं। बीजेपी को यहां पर 6 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को दो सीटें मिल रही हैं। ओवैसी की पार्टी को यहां पर एक सीट जोकि खुद ओवैसी की है। वो मिलती हुई नजर आ रही है। आंध्र तमिल में नहीं खुल रहा खाता आंध्र प्रदेश में बीजेपी का खाता खुलता नहीं दिखाई दे रहा है। यहां पर लोकसभा की 25 सीटें हैं। बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिल रही है। यहां पर जगन मोहन रेड्डी को 19 सीटें मिलती हुईं नजर आ रही है। टीडीपी यानी चंद्र बाबू नायडू के खाते में 6 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। कर्नाटक में कुल 28 सीटें हैं। यहां पर बीजेपी कुल 23 सीटें जीतती हुई नजर आ रही है। यहां पर कांग्रेस को चार सीटें मिलती हुईं नजर आ रही है। एसडी कुमारस्वामी की बात करें तो उन्हें सिर्फ एक सीट ही मिल रही है। तमिलनाडु में कुल 39 लोकसभा सीटें हैं। यहां पर यूपीए के खाते में 38 सीटें जाती हुईं नजर आ रही हैं। यहां पर एनडीए के खाते में सिर्फ एक सीट जाती हुई दिख रही है। तमिलनाडु में डीएमके की 25 सीटें, कांग्रेस की 7, सीपीआई की 2, सीपीएम की 2, वीसीके की एक, समेत कई पार्टियों का गठबंधन है। ये पार्टियां यूपीए में आती हैं। इसीलिए यहां पर आपको 38 सीटें जाती हुई दिख रही हैं। केरल में कुल 20 लोकसभा सीटे हैं। यहां पर भी बीजेपी का खाता नहीं खुल रहा है। केरल की 20 सीटें कांग्रेस के खाते में जाती हुई दिख रही हैं। एकनाथ शिंदे और बीजेपी को फायदा महाराष्ट्र में अगर आज चुनाव हो जाएं तो यहां भी पीएम मोदी का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। 2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए थे तो बीजेपी को 28 फीसदी वोट मिले थे। अगर आज चुनाव होते हैं यहां पर बीजेपी को 36 फीसदी वोट मिलेगा। यानी की बीजेपी का वोट बैंक यहां पर बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं अगर एकनाथ शिंदे गुट की बात करें तो 2019 में उनके साथ सात फीसदी वोट थे मगर अब एकनाथ शिंदे गुट को 17 फीसदी वोट मिलेंगे। महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटें हैं। अगर आज चुनाव होंगे तो यहां पर 26 सीटें बीजेपी को मिल सकती हैं। तीन सीटें उद्धव ठाकरे गुट को मिलती हुई दिख रही है। एकनाथ शिंदे को 11 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। एनसीपी को 2019 में 16 फीसदी वोट मिले थे, अब उनको एक फीसदी वोट का लाभ मिल रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है उद्धव ठाकरे को। उनका वोट बैंक तीन फीसदी तक सिमट गया है। उत्तर भारत में भाजपा की लहर अब हम आते हैं उत्तर भारत की ओर। यहां पर बीजेपी को बंपर वोट मिलते हुए नजर आ रहे हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां पर 80 लोकसभा सीटों में से 76 जीत सकती है। आखिरकार इसके पीछे की वजह क्या है। इसका सबसे बड़ा कारण है योगी आदित्यनाथ का सुशासन। यूपी में कानून व्यवस्था पहले से काफी बेहतर हुई है। इसके अलावा विधानसभा चुनावों में जिस तरह से जनता ने योगी आदित्यानथ को अपनाया था उसी तरह आम चुनावों में लोगों की पसंद पीएम मोदी बने हुए हैं। यहां पर कई फैक्टर है। हिंदुत्व भी यहां पर एक बड़ा फैक्टर है। फ्री अनाज योजना और किसानों को मिलने वाली सम्मान निधि ने गांवों में बीजेपी को मजबूत किया है। महिला सुरक्षा के नाम पर महिलाएं आज सबसे ज्यादा बीजेपी को वोट दे रही हैं। राजस्थान में बीजेपी राजस्थान में बीजेपी को 25 की 25 सीटें मिल सकती हैं। कांग्रेस को यहां पर एक भी सीट नहीं मिल रही है। हालांकि 2019 में बीजेपी को 25 की 25 सीटें जीती थीं। इस बार भी बीजेपी वही दोहरा रही है। राजस्थान के 56 फीसदी लोगों ने कहा है कि अगर केंद्र और राज्य में एक सरकार होती है तो फायदा होता है। डबल इंजन सरकार को लोगों ने पसंद किया है। लेकिन इस बार कांग्रेस के पास मौका था कि वो लोकसभा चुनावों में कुछ कमाल कर सकती है। मगर जोधपुर, भरतपुर जैसे कांडों ने यहां पर कांग्रेस का बहुत नुकसान किया है। यहां के वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव बता रहे हैं कि यहां पर जो हाल में कांड हुए हैं उसकी वजह से ध्रुवीकरण हुआ है वो बीजेपी के फेवर में है। लेकिन बीजेपी के सामने ये समस्या है कि उसके अंदर सीएम के बहुत सारे कैंडिडेट हैं इस वजह से पार्टी के अंदर अंतर्कलह भी है। मगर बीजेपी इसको संभाल लेगी। बंगाल में फेल हो गई रणनीति बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल भी अहम राज्य है मगर यहां पर बीजेपी की चाल कामयाब नहीं हो पा रही है। हालांकि वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि टीएमसी के नेताओं का भ्रष्टाचार में लिप्त होना ये ममता के लिए तगड़ा झटका है। टीएमसी के पार्थ चटर्जी के घर नोटों का अंबार मिलने के बाद यहां के हालात बदल सकते हैं। बीजेपी ने यहां पर विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था मगर उसके आधे से ज्यादा नेता पार्टी छोड़ गए। इसके पीछे का कारण ये बताया गया कि पार्टी अपने नेताओं के साथ नहीं खड़ी हुई। बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता अकेले टीएमसी से मोर्चा लिए रहे मगर विधानसभा चुनाव के बाद उनको शीर्ष नेतृत्व का कम ही साथ मिला। इसका घाटा बीजेपी को आगामी चुनावों में उठाना पड़ सकता है। ओपिनियम पोल में अगर आज चुनाव होते हैं तो पश्चिम बंगाल में 42 सीटें में से 14 सीटें मिल सकती है। टीएमसी को 26 सीटें मिल रही है। 2019 में दीदी को 22 सीटें मिलीं थीं। आज अगर चुनाव होते हैं तो चार सीटों का फायदा हो रहा है। 2019 में बीजेपी को 18 सीटें मिलीं थीं. वहीं कांग्रेस को 2019 में दो सीटें मिलीं थीं और अगर आज चुनाव होते हैं तो बंगाल में दो सीटें कांग्रेस को फिर से मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश में मामा को घाटा, मगर पीएम मोदी को फुल सपोर्ट मध्य प्रदेश में अगर आज चुनाव होते हैं तो बीजेपी को 29 सीटों में से 28 सीटें बीजेपी जीत सकती है। कांग्रेस को एक सीट में जीत मिलती हुई नजर आ रही है। 2019 में बीजेपी को 28 सीटें मिलीं थीं। 2019 में कांग्रेस को एक सीट ही मिली थी। मध्य प्रदेश में बीजेपी के काम से 43 फीसदी लोग संतुष्ट है। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शहर के अलावा गांव में लोगों का अपार प्यार मिल रहा है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की बौखलाहट ये बताती है कि अब उनको खुद का अस्तित्व बचाने की चुनौती है। बिहार में बीजेपी को 2019 से ज्यादा वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं। यहां पर बीजेपी को 21 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। वहीं जेडीयू को 14 और राजद को 4 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है। यानी की यहां पर बीजेपी को बढ़त हासिल होती दिखाई दे रही है। यहां पर कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट जाती हुई नजर आ रही है। यानी कांग्रेस हर राज्य से सिमटती हुई नजर आ रही है। बीजेपी को प्रचंड बहुमत लोकसभा की 512 सीटों का ओपिनियन पोल आ चुका है। अगर आज चुनाव हो जाता है तो बीजेपी 326 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। अगर एनडीए की सीटें जोड़ दी जाएं तो ये आंकड़ा 350 के आस पास पहुंच जाएगा। 2014 में बीजेपी की 292 सीटें आईं थीं, 2019 में 303 सीटें और अगर आज चुनाव हो जाएं तो बीजेपी सभी का रेकॉर्ड तोड़ सकती है। दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी खास करिश्मा नहीं कर पा रही है। वहीं उत्तर के राज्यों में बीजेपी का जादू बरकरार है। कई राज्यों में बीजेपी 2019 से भी अच्छा प्रदर्शन करती हुई नजर आ रही है। साउथ के राज्यों में तेलंगाना और कर्नाटक में बीजेपी बढ़त हासिल किए हुए है। बाकी पूरे भारत के हर राज्य में बीजेपी को फायदा मिलता हुआ नजर आ रहा है। यूपीए की 97 सीटों में राहुल गांधी को 39 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं।

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