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पहली बार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के पार, चीन-जापान के बाद सबसे ज्यादा

मुंबई देश का विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) इतिहास में पहली बार 500 अरब डॉलर के पार हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.22 अरब डॉलर बढ़ गया और कुल भंडार 501.70 अरब डॉलर का हो गया। उससे पहले 29 मार्च को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.44 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी और तब कुल 493.48 अरब डॉलर का भंडार हो गया था। महिंद्रा ने खुशी जताकर दिलाई देश की 'गरीबी' की याद महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने इस खबर पर खुशी जताते हुए सुझाव दिया था कि बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को वृद्धि की राह पर लौटने की दिशा में किया जाना चाहिए। उन्होंने याद दिलाते हुए कहा कि करीब 30 साल पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग शून्य हो गया था और तब विदेश से आयात के लिए हमें अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था। अब 30 साल बाद हमारे पास तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार है। भारत के पास अब दुनिया का तीसरा बड़ा भंडार भारत पहले ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस और दक्षिण कोरिया से आगे निकल गया है। अब भारत चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने एक आर्टिकल का लिंक ट्विटर पर शेयर किया था, जिसके मुताबिक पिछले सप्ताह में रहा 493 अरब डॉलर का भंडार अगले 17 महीने तक की आयात जरूरतों के लिए पर्याप्त है। 463.63 अरब डॉलर के पार पहुंचा FCA ध्यान रहे कि फॉरन करेंसी ऐसेट्स (FCA) विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा घटक होता है और यह 5 जून को समाप्त हुए सप्ताह में 8.42 अरब डॉलर बढ़कर 463.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर टर्म में बात की जाए तो विदेशी मुद्रा भंडार में पड़ी गैर-अमेरिकी मुद्रा, मसलन यूरो, पाउंड और येन की कीमतों में उतार-चढ़ाव को एफसीए में शामिल किया जाता है। सोने के भंडार में मामूली गिरावट 5 जून को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर रह गया। संबंधित सप्ताह में भारत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से विशेष निकासी अधिकार 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया। वहीं, आईएमएफ में भारत का रिजर्व पॉजिशन भी 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हो गया। रेटिंग एजेंसी S&P ने दी चेतावनी ध्यान रहे कि वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने शुक्रवार को ही कहा कि भारत को निर्यात में गिरावट रोक कर भारत वाह्य कारोबार की स्थिति मजबूत रहनी चाहिए। निर्यात में गिरावट से देश के केंद्रीय बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी गिरावट आ सकती है जिससे चालू खाते का घाटा बढ़ सकता है। एसऐंडपी ने कहा कि इन कारकों में अगले 12 महीने में बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि कोविड-19 से जुड़े विशेषकर देश की आर्थिक वृद्धि दर के जोखिम से देश की ऋण साख को कम करने का दबाव बढ़ सकता है, यदि वृद्धी दर में सुधार उम्मीद से कम रहता है। 5 पैसे टूटकर बंद हुआ रुपया बहरहाल, घरेलू शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और विदेशी निधियों की सतत निकासी के कारण शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे टूटकर 75.84 पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार बाजार में जोखिम लेने की मात्रा कम हो गई है और लोगों में कोविड-19 महामारी को लेकर चिंता बढ़ रही है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 76.10 पर कमजोर खुला। हालांकि, बाद में यह हानि काफी कम हो गयी और अंत में रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 75.84 पर बंद हुआ। इससे पहले बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 75.79 प्रति डालर पर बंद हुआ था। साप्ताहिक आधार पर, रुपये में 26 पैसे की गिररावट आई है। पांच जून को यह 75.58 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

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