अयोध्‍या में मस्‍जिद के लिए 5 एकड़ जमीन मिली तो सलीम खान बोले- वहां स्‍कूल खुले, नमाज तो कहीं भी पढ़ लेंगे

लंबे वक्‍त से चले आ रहे अयोध्या मामले पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान राम के एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्‍जिद के लिए कहीं और 5 एकड़ की जमीन दी जाए। इस मामले पर तमाम बॉलिवुड सिलेब्‍स के भी रिऐक्‍शन्‍स आए जिन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। मशहूर राइटर, फिल्म प्रड्यूसर और ऐक्‍टर सलमान खान के पिता सलीम खान ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्‍होंने कहा कि अयोध्या में मुस्लिमों को दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन पर स्कूल बनाया जाना चाहिए। सलीम खान ने कहा, 'भारत के मुसलमानों को मस्जिद नहीं, स्कूल की जरूरत है। पैगंबर ने इस्लाम की दो खूबियां बताई हैं जिसमें प्यार और क्षमा शामिल है।' सलमान के पिता ने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा, 'अब जब इस कहानी (अयोध्या विवाद) का द एंड हो गया है तो मुस्लिमों को इन दो विशेषताओं पर चलकर आगे बढ़ना चाहिए। मोहब्बत जाहिर करिए और माफ करिए। अब इस मुद्दे को फिर से मत कुरेदिये।' भारतीय समाज के परिपक्व होने की बात करते हुए सलीम ने आगे कहा, 'फैसला आने के बाद जिस तरीके से शांति और सौहार्द्र कायम रही, यह प्रशंसनीय है। अब इसे स्वीकार कीजिए। एक पुराना विवाद खत्म हुआ। मैं तहेदिल से इस फैसले का स्वागत करता हूं। मुस्लिमों को अब बुनियादी समस्याओं की चर्चा करनी चाहिए और उसे हल करने की कोशिश करनी चाहिए। मैं ऐसी चर्चा इसलिए कर रहा हूं क्‍योंकि हमें स्कूल और अस्पताल की जरूरत है। अयोध्या में मस्जिद के लिए मिलने वाली पांच एकड़ जगह पर कॉलेज बने तो बेहतर होगा।' सलमान के पिता ने कहा, 'हमें मस्जिद की जरूरत नहीं, नमाज तो हम कहीं भी पढ़ लेंगे... ट्रेन में, प्लेन में, जमीन पर लेकिन हमें बेहतर स्कूल की जरूरत है। तालीम अच्छी मिलेगी 22 करोड़ मुस्लिमों को तो इस देश की बहुत सी कमियां खत्‍म हो जाएंगी।' कई हिट फिल्‍मों की कहानियां, डायलॉग्‍स लिखने वाले सलीम खान ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी शांति पर जोर देते हैं और मैं उनसे सहमत हूं। आज हमें शांति की ही जरूरत है। हमें अपने भविष्य पर सोचने की जरूरत है। हमें पता होना चाहिए कि शिक्षित समाज में ही बेहतर भविष्य है। मुख्य मुद्दा यह है कि मुस्लिम तालीम में पिछड़े हैं, इसलिए मैं दोहराता हूं कि आइए, हम इसे (अयोध्या विवाद) द एंड कहें और एक नई शुरुआत करें।'

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