taaja khabar..के. कविता ने केजरीवाल-सिसोदिया के साथ मिलकर शराब नीति में कराया बदलाव', ईडी का बड़ा दावा..फिर से मोदी' के नारों से गूंजा कोयंबटूर, फूलों की बारिश के बीच प्रधानमंत्री ने किया रोड शो..लोकसभा चुनाव में संतों को प्रतिनिधित्व की मांग

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कोयंबटूर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोयंबटू में रोड शो किया। इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लगातार ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए। साथ ही पारंपरिक संगीत की धुन बजाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। जैसे ही मोदी ने एक खुले वाहन में अपना रोड शो शुरू किया, सड़क के दोनों ओर जमा हुए लोगों ने उन पर फूल बरसाए और उनके समर्थन में नारे लगाए। रोड शो के दौरान कुछ लोग उत्साहपूर्वक झूमते नजर आए। यह पहली बार है, जब प्रधानमंत्री ने कोयंबटूर में रोड शो किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1998 के कोयंबटूर सिलसिलेवार बम विस्फोट पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। इस विस्फोट में 58 लोगों की जान चली गई थी। पीएम मोदी के रोड शो में बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के अन्नामलाई, कोयंबटूर दक्षिण से विधायक और बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन और केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन मोदी के साथ थे।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर अमेरिका के बयान को लेकर भारत का जवाब सामने आया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा- नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और इस पर अमेरिका का बयान गलत है। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा- जिन लोगों को भारत की परंपराओं और विभाजन के बाद के इतिहास की समझ नहीं है, उन्हें लेक्चर देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। भारत के सहयोगी देशों को इस कानून के पीछे भारत की सोच और इरादों का समर्थन करना चाहिए। दरअसल, इस कानून को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा- हम 11 मार्च को आए CAA के नोटिफिकेशन को लेकर चिंतित हैं। इस कानून को कैसे लागू किया जाएगा, इस पर हमारी नजर रहेगी। धार्मिक स्वतंत्रता का आदर करना और कानून के तहत सभी समुदायों के साथ बराबरी से पेश आना लोकतांत्रिक सिद्धांत है। विदेश मंत्रालय बोला- CAA नागरिकता देता है, छीनता नहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा- CAA नागरिकता देने के बारे में है, नागरिकता छीनने के बारे में नहीं। यह मानवीय गरिमा और मानवाधिकारों का समर्थन करता है। यह सबको साथ लेकर चलने की भारतीय परंपरा का प्रतीक है। CAA अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के उन अल्पसंख्यकों को सुरक्षित पनाह देता है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ चुके हैं। पाकिस्तान बोला- CAA कानून भेदभाव वाला दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने CAA कानून को भेदभावपूर्ण बताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा- CAA कानून का लागू होना हिंदू फासीवादी देश का भेदभावपूर्ण कदम है। यह कानून आस्था के आधार पर लोगों में भेदभाव पैदा करता है। CAA इस गलत धारणा पर आधारित है कि मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है और भारत अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित देश है। CAA क्या है, इसकी 3 बड़ी बातें... केंद्र सरकार ने 11 मार्च को सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। CAA को हिंदी में नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया। 1. किसे मिलेगी नागरिकता: 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे। 2. भारतीय नागरिकों पर क्या असर: भारतीय नागरिकों से CAA का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। CAA या कोई कानून इसे नहीं छीन सकता। 3. आवेदन कैसे कर सकेंगे: आवेदन ऑनलाइन करना होगा। आवेदक को बताना होगा कि वे भारत कब आए। पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज न होने पर भी आवेदन कर पाएंगे। इसके तहत भारत में रहने की अवधि 5 साल से अधिक रखी गई है। बाकी विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह अवधि 11 साल से अधिक है।
नई दिल्ली,वन नेशन वन इलेक्शन पर विचार के लिए बनाई गई पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गुरुवार (14 मार्च) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। यह 18,626 पन्नों की है। इसमें कहा गया है पैनल का गठन 2 सितंबर 2023 को किया गया था। यह रिपोर्ट स्टेकहोल्डर्स-एक्सपर्ट्स से चर्चा के बाद 191 दिन की रिसर्च का नतीजा है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एक देश-एक चुनाव पर 47 राजनीतिक दलों ने कमेटी को अपनी राय दी। इनमें से 32 ने पक्ष में और 15 ने विपक्ष में मत रखा है। पैनल के सुझाव... सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव यानी 2029 तक बढ़ाया जाए। हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं। पहले फेज में लोकसभा-विधानसभा चुनाव एकसाथ कराए जा सकते हैं, उसके बाद दूसरे फेज में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के इलेक्शन कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग लोकसभा, विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनावों के लिए राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से सिंगल वोटर लिस्ट और वोटर आई कार्ड तैयार करेगा। कोविंद पैनल ने एकसाथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है। 7 देशों की चुनाव प्रकिया पर रिसर्च, किससे क्या लिया... कोंविद पैनल एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने से पहले 7 देशों की चुनाव प्रक्रिया पर स्टडी की। इनमें दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम, जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस शामिल हैं। कोविंद पैनल के मुताबिक एकसाथ चुनाव के लिए अन्य देशों का तुलनात्मक विश्लेषण किया गया। जिसका उद्देश्य चुनावों में निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए सबसे बेहतर अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं की स्टडी और उन्हें अपनाना था। दक्षिण अफ्रीका- यहां वोटर नेशनल असेंबली और प्रॉविन्शियल लेजिस्लेचर दोनों के लिए एकसाथ वोटिंग करते हैं। हालांकि, नगरपालिका चुनाव, प्रांतीय चुनाव से अलग होते हैं। 29 मई को दक्षिण अफ्रीका में नई नेशनल असेंबली के साथ-साथ हर प्रॉविन्स के लिए प्रांतीय विधानमंडल के चुनाव होंगे। स्वीडन- ये देश आनुपातिक चुनावी प्रणाली अपनाता है। यानी राजनीतिक दलों को उनके वोटों के आधार पर निर्वाचित विधानसभा में सीटें सौंपी जाती हैं। उनके पास एक ऐसी प्रणाली है जहां संसद (रिक्सडैग), काउंटी और नगर परिषदों के लिए चुनाव एक ही समय में होते हैं। ये चुनाव हर चार साल में सितंबर के दूसरे रविवार को होते हैं जबकि हर पांच साल में एक बार सितंबर के दूसरे रविवार को नगरपालिका विधानसभाओं के चुनाव होते हैं। जर्मनी/जापान- समिति के सदस्य सुभाष सी कश्यप ने बुंडेस्टाग द्वारा चांसलर की नियुक्ति की प्रक्रिया के अलावा अविश्वास के रचनात्मक वोट के जर्मन मॉडल का समर्थन किया। उन्होंने जापान की प्रक्रिया का समर्थन किया। जापान में प्रधानमंत्री को पहले नेशनल डाइट सिलेक्ट करती है। उसके बाद सम्राट मुहर लगाता है। उन्होंने जर्मन या जापानी मॉडल के समान एक मॉडल अपनाने की वकालत की। इंडोनेशिया -2019 से एकसाथ चुनाव करा रहा है। यहां राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति दोनों एक ही दिन चुने जाते हैं। "मतदाता गुप्त मतदान करते हैं और डुप्लिकेट मतदान को रोकने के लिए अपनी उंगलियों को अमिट स्याही में डुबोते हैं। 14 फरवरी 2024 को इंडोनेशिया ने एक साथ चुनाव कराए। इसे दुनिया का सबसे बड़ा एक दिवसीय चुनाव कहा जा रहा है क्योंकि लगभग 200 मिलियन लोगों ने सभी पांच स्तरों- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, संसद सदस्य, क्षेत्रीय और नगर निगम के सदस्यों ने वोटिंग की थी। विरोध में राजनीतिक दल ही नहीं, हाईकोर्ट के पूर्व जज भी शामिल कोविंद कमेटी ने जो रिपोर्ट दी है उसमें यह भी बताया है कि किस-किस ने इसका विरोध किया है। 15 राजनीतिक दलों के अलावा 3 रिटायर्ड हाईकोर्ट के जजों के अलावा और एक पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त भी शामिल थे। इनमें दिल्ली HC के पूर्व चीफ जस्टिस अजीत प्रकाश शाह, कलकत्ता HC के पूर्व चीफ जस्टिस गिरीश चंद्र गुप्ता और मद्रास HC के पूर्व चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी का नाम शामिल है। वहीं, तमिलनाडु के चुनाव आयुक्त वी पलानीकुमार ने भी एक देश एक चुनाव का विरोध किया। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के सभी चार रिटायर CJI जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस शरद अरविंद बोबडे और जस्टिस यूयू ललित एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में थे। कमेटी में 8 सदस्य, सितंबर 2023 में बनी थी पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अगुआई में 8 मेंबर की कमेटी पिछले साल 2 सितंबर को बनी थी। 23 सितंबर 2023 को पहली बैठक दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी की पहली बैठक हुई थी। इसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं। अभी ऐसी है एक देश-एक चुनाव की संभावना एक देश-एक चुनाव' लागू करने के लिए कई राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल घटेगा। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव 2023 के आखिर में हुए हैं, उनका कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू होगा। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए। उसके बाद सभी राज्यों में एकसाथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव हो सकेंगे। पहला चरणः 8 राज्य, वोटिंग जून 2024 में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किमः इनका कार्यकाल जून 2024 में ही पूरा हो रहा है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्लीः इनके कार्यकाल में 5-8 महीने कटौती करनी होगी। फिर जून 2029 तक इन राज्यों में विधानसभाएं पूरे 5 साल चलेंगी। दूसरा चरणः 6 राज्य, वोटिंगः नवंबर 2025 में बिहारः मौजूदा कार्यकाल पूरा होगा। बाद का साढ़े तीन साल ही रहेगा। असम, केरल, तमिलनाडु, प. बंगाल और पुडुचेरी मौजूदा कार्यकाल 3 साल 7 महीने घटेगा। उसके बाद का कार्यकाल भी साढ़े 3 साल होगा। तीसरा चरणः 11 राज्य, वोटिंगः दिसंबर 2026 में उत्तर प्रदेश, गोवा, मणिपुर, पंजाब व उत्तराखंडः मौजूदा कार्यकाल 3 से 5 महीने घटेगा। उसके बाद सवा दो साल रहेगा। गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुराः मौजूदा कार्यकाल 13 से 17 माह घटेगा। बाद का सवा दो साल रहेगा। इन तीन चरणों के बाद देश की सभी विधानसभाओं का कार्यकाल जून 2029 में समाप्त होगा। सूत्रों के अनुसार, कोविंद कमेटी विधि आयोग से एक और प्रस्ताव मांगेगी, जिसमें स्थानीय निकायों के चुनावों को भी शामिल करने की बात कही जाएगी। भाजपा के सहयोगी दल समर्थन में, कांग्रेस-TMC का विरोध रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने एकसाथ चुनाव के हक में राय जाहिर की है। वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों- DMK, NCP और TMC ने इसका विरोध किया है। BJD और AIADMK इसके समर्थन में हैं। समिति पिछले साल सितंबर में बनी थी। रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग, विधि आयोग और कानूनी विशेषज्ञों की राय भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एकसाथ चुनाव कराना जनहित में होगा। इससे आर्थिक विकास तेज होगा और महंगाई नियंत्रित होगी। रिपोर्ट पर आगे क्या होगा? रिपोर्ट लोकसभा चुनाव के बाद कैबिनेट के सामने रखी जाएगी। कैबिनेट के फैसले के अनुरूप कानून मंत्रालय संविधान में वह नए खंड जोड़ेगा, जिसकी सिफारिश विधि आयोग ने की है, ताकि चुनाव एकसाथ हो सकें। इसे संसद के दोनों सदनों में पारित कराया जाएगा और राज्य विधानसभाओं से भी प्रस्ताव पारित करने की सिफारिश की जाएगी। इसके बाद तीन चरणों में 2029 तक लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ सुनिश्चित किए जा सकेंगे। क्या है वन नेशन वन इलेक्शन भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एकसाथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव हों। यानी मतदाता लोकसभा और राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों को चुनने के लिए एक ही दिन, एक ही समय पर या चरणबद्ध तरीके से अपना वोट डालेंगे। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एकसाथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। उसके बाद 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस वजह से एक देश-एक चुनाव की परंपरा टूट गई।
तिरुवनंतपुरम/चेन्नई/मुंबई,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSCC) पहुंचे। उनके साथ ISRO चीफ एस सोमनाथ भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने यहां लगभग 1800 करोड़ रुपए के तीन स्पेस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और देश के पहले मैन्ड स्पेस मिशन गगनयान का रिव्यू किया। प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन पर भेजे जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का ऐलान भी किया और उन्हें एस्ट्रोनॉट विंग्स दिए। जिन एस्ट्रोनॉट्स को गगनयान मिशन पर भेजा जाएगा, उनमें- ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। चारों की ट्रेनिंग रूस में हुई है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि कुछ देर पहले देश पहली बार 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, लेकिन इस बार वक्त भी हमारा है, काउंट-डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है। PM मोदी की स्पीच की 5 बातें... 1. आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का यश मिल रहा प्रधानमंत्री ने कहा- मैं चाहता हूं कि हर कोई हमारे अंतरिक्ष यात्रियों का खड़े होकर अभिनंदन करे। हर राष्ट्र की विकास यात्रा में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जो वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों को भी परिभाषित करते हैं। आज भारत के लिए यह ऐसा ही क्षण है, हमारी आज की पीढ़ी बहुत सौभाग्यशाली है जिसे जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कार्यों का यश मिल रहा है। 2. चार लोग 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाएंगे प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ देर पहले देश पहली बार 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, लेकिन इस बार वक्त भी हमारा है, काउंटडाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है। 3. 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा मोदी ने कहा- पिछले साल भारत वह पहला देश बना जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर तिरंगा फहराया। आज शिव-शक्ति पॉइंट पूरी दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित करा रहा है। 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा। इसकी मदद से भारत अंतरिक्ष का अध्ययन कर सकेगा। अमृत काल के इस दौर में भारतीय एस्ट्रोनॉट हमारे अपने रॉकेट पर सवार होकर चंद्रमा की सतह पर उतरेंगे। 4. गगनयान में इस्तेमाल हुए अधिकतम इक्विपमेंट्स भारत में बने हैं PM बोले- मुझे ये जानकर बेहद खुशी हुई कि गगनयान में इस्तेमाल हुए अधिकतम इक्विपमेंट्स भारत में बने हैं। ये गजब इत्तफाक है कि जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए टेकऑफ कर रहा है, तभी भारत का गगनयान भी हमारे स्पेस सेक्टर को नई ऊंचाई तक ले जाने वाला है। 5. महिला वैज्ञानिकों के बिना ​​​​​​किसी मिशन की कल्पना नहीं की जा सकती मोदी ने कहा- 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने सामर्थ्य से चौंका रहा है। पिछले 10 वर्षों में हमने लगभग 400 सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जबकि इससे पहले के 10 वर्षों में मात्र 33 सैटेलाइट लॉन्च किए गए थे। हमारे स्पेस सेक्टर में वुमन पावर को बहुत महत्व दिया जा रहा है। चंद्रयान हो या गगनयान, महिला वैज्ञानिकों के बिना ऐसे किसी भी मिशन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। 4 एस्ट्रोनॉट्स के बारे में 4 बातें... 1. चुने गए चारों एस्ट्रोनॉट्स इंडियन बेंगलुरु स्थित एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग एस्टिब्लिशमेंट के टेस्ट पायलट्स हैं। 2. एस्ट्रोनॉट बनने के लिए बड़ी संख्या में पायलट्स ने एप्लिकेशन दी थी। इनमें से 12 ने सितंबर 2019 में पहले लेवल का सिलेक्शन प्रोसेस कम्प्लीट किया था। इसके बाद कई राउंड के सिलेक्शन राउंड के बाद 4 को सिलेक्ट किया गया। 3. जून 2019 में ISRO और रूस की स्पेस एजेंसी के बीच पायलट्स की ट्रेनिंग के लिए करार हुआ था। इसके बाद इन पायलट्स को रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर भेजा गया। यहां पर फरवरी 2020 से मार्च 2021 तक इनकी ट्रेनिंग हुई। 4. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इन एस्ट्रोनॉट्स में से किसी एक को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA भी ट्रेनिंग देगी। यह ट्रेनिंग 2024 के आखिर में इंटरनेशल स्पेस स्टेशन के एक मिशन के लिए होगी।
अहमदाबाद,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने द्वारका में स्कूबा डाइविंग की। PM मोदी ने कहा कि यह एक दिव्य अनुभव था। मोदी ने बेट द्वारका में भगवान द्वारकाधीश की पूजा भी की। इसके बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका से जोड़ने वाले सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया। अब ओखा (द्वारका) से बेट द्वारका जाने के लिए लोगों को बोट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। ब्रिज को बनाने में 978 करोड़ की लागत आई है। पुल का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने द्वारका के द्वारकाधीश मंदिर में पूजा-अर्चना की। वे यहां लोगों से भी मिले। मोदी सौराष्ट्र में 52 हजार 250 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और उद्घाटन करेंगे। साथ ही राजकोट में गुजरात के पहले AIIMS का उद्घाटन करेंगे। रायबरेली (यूपी), बठिंडा (पंजाब), मंगलगिरी (आंध्र प्रदेश) और कल्याणी (पश्चिम बंगाल) में भी AIIMS का वर्चुअली लोकार्पण होगा। मोदी 1,056 करोड़ की लागत से तैयार राजकोट-सुरेंद्रनगर रेलवे डबल ट्रैक प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन करेंगे। मोदी शनिवार (24 फरवरी) देर शाम जामनगर पहुंचे। यहां उन्होंने रोड शो भी किया था। 3 जिलों में 4 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया पीएम मोदी ने द्वारका, जामनगर और पोरबंदर जिलों में ने 4 हजार करोड़ रुपए की 11 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन तीन जिलों को कवर करने वाले विकास कार्यों में सड़क, भवन निर्माण, शहरी विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय, रेलवे और ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग शामिल हैं। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा- कांग्रेस के समय में तो देश में हजारों करोड़ों के सिर्फ घोटाले ही होते रहते थे, जो अब बंद हो गए हैं। इसी के चलते बीते 10 सालों में हमने भारत को दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है। पूरे देश में मेगा प्रोजेक्ट से नए भारत की नई तस्वीर बन रही है। मुंबई में हाल ही में समंदर पर बने देश के सबसे लंबे ब्रिज का उद्घाटन हुआ। जम्मू के चिनाब ब्रिज की आज पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। तमिलनाडु में वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का काम भी तेजी से चल रहा है। भगवान कृष्ण ने मेरे ही हाथों सेतु का निर्माण लिखा था- मोदी पीएम मोदी ने कहा कि पुरानी बात याद आती है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था। सदियों पहले यहां से दुनिया भर में सामान जाता था। यहां खूब गुणवत्ता वाली वस्तुएं मिलती थीं। सेतु बनने के बाद फिर से एक और ओखा दुनिया के नक्शे पर चमक गया है। पहले द्वारका और बेट द्वारका के लोगों को नावों पर निर्भर रहना पड़ता था। यात्रियों को परेशानी होती थी। समुद्र का मिजाज बिगड़ने पर बोट सेवा बंद भी हो जाती थी। जब भी यहां के साथी मेरे पास आते थे तो ब्रिज की बात करते थे। मैंने सोच लिया था कि मुझे यह काम करना है। मैं तब की कांग्रेस सरकार के सामने ब्रिज बनाने की बात बार-बार रखता था, लेकिन कभी इस दिशा में काम नहीं हो पाया। इस सेतु का निर्माण भी भगवान श्रीकृष्ण ने मेरे ही हाथों लिखा था। मोदी बोले- भारत के वैभव की तस्वीर मेरे आंखों के सामने घूम रही है। मैं आज द्वारका के समुद्र में काफी देर तक रहा। मैंने वहां डूबी हुई द्वारका के दर्शन ही नहीं किए, बल्कि वहां से विकसित भारत के संकल्प को और मजबूत करके आया हूं। 2017 में मुझे इसके शिलान्यास करने का अवसर मिला था और आज इसके उद्घाटन का शुभ अवसर भी मुझे ही मिला। यह सुदर्शन सेतु द्वारका के लोगों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सफर को बहुत आसान बनाएगा। सुदर्शन सेतु सिर्फ एक ब्रिज नही, बल्कि विकसित होते भारत की इंजीनियर का भी कमाल है। मैं तो कहना चाहूंगा कि देश के इंजीनियर के स्टूडेंट्स इस सेतु का अध्ययन करने यहां आए। यह भारत का अब तक का सबसे लंबा केबल आधारित ब्रिज है। इस आधुनिक और विराट सेतु के लिए मैं इंजीनियर्स की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
वाराणसी,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी की एक जनसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- कांग्रेस के युवराज काशी की धरती पर आकर काशी और यूपी के युवाओं को नशेड़ी कह रहे हैं। जिनके अपने होश ठिकाने नहीं हैं, वे मेरे काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे हैं, अरे परिवारवादियों यूपी का भविष्य युवा बदल रहे हैं। बता दें कि राहुल गांधी ने 20 फरवरी को भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अमेठी में कहा था- मैं वाराणसी गया और मैंने देखा की रात को बाजा बज रहा है। वहां पर शराब पिए सड़क पर लेटे हुए लोग बाजा बजा रहे हैं। उत्तर प्रदेश का भविष्य रात को शराब पीकर नाच रहा है... दूसरी तरफ राम मंदिर है जिसमें पीएम मोदी दिखेंगे, अंबानी दिखेंगे... आपको हिंदुस्तान के सभी अरबपति दिखेंगे लेकिन एक भी पिछड़ा या दलित व्यक्ति नहीं दिखेगा। इससे पहले वाराणसी दौरे के दूसरे दिन पीएम ने अमूल डेयरी प्लांट सहित 13,000 करोड़ रुपए की योजनाओं को हरी झंडी दिखाई है। उन्होंने प्लांट का विजिट किया और जानकारी ली। पीएम ने सुबह बीएचयू में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता के टॉपर्स को सर्टिफिकेट बांटे। उनके साथ तस्वीरें लीं और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद पीएम सीर गोवर्धनपुर स्थित संत रविदास मंदिर पहुंचे और दर्शन पूजन किया। वहां पीएम ने जनसभा को संबोधित किया और विपक्षी गठबंधन पर हमला बोला। पीएम मोदी गुरुवार रात 10 बजे विशेष विमान से वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर एयरपोर्ट पर सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वागत किया। वाराणसी में पीएम मोदी ने 25KM का रोड शो किया। रात करीब 11 बजे बरेका गेस्ट हाउस पहुंचे। पीएम ने रात्रि विश्राम गेस्ट हाउस में ही किया। मैं बुनकरों-छोटे उद्यमियों का ब्रांड एंबेसडर हूं- पीएम मोदी प्रधानमंत्री ने कहा, मैं जब लोकल से वोकल कहता हूं तो बुनकरों, छोटे उद्यमियों का ब्रांड एंबेसडर बन जाता हूं। मैं टूरिज्म को बढ़ावा देता हूं। जब से विश्वनाथ धाम का पुर्ननिर्माण हुआ है, तब से 12 करोड़ लोग काशी आ चुके हैं। इससे होटल, ढ़ाबा, फूल माला सभी कारोबार से जुड़े लोगों की आय बढ़ी है। काशी की रफ्तार बढ़ने लगी है"प्रधानमंत्री ने कहा, पहले बनारस जाम से जूझता था। जितना समय दिल्ली जाने में नहीं लगता था उससे ज्यादा समय फ्लाइट पकड़ने में लग जाता था। कल रात पैदल चलकर मैंने फुलवरिया फ्लाईओवर देखा। आज बनारस की रफ्तार कई गुना बढ़ने लगी है। बनास डेयरी में पशुपालक परिवारों से बात करने का मौका मिला। दो साल पहले दिए मेरे सुझाव के बाद गीर गायों की संख्या 350 तक पहुंच गई है। जिससे दूध में वृद्धि हो रही है। आज दुग्धपालक हमारी बहनें लखपति दीदी बन रही हैं। पूर्वांचल को मिलेगा परियोजनाओं का लाभ- पीएम मोदी पीएम मोदी ने 13 हजार करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। कहा- ये परियोजनाएं पूर्वी यूपी के विकास की राह बनेंगी। इन योजनाओं से पूर्वांचल में नौकरी के ढेर सारे अवसर बनेंगे। इन सभी परियोजनाओं के लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। पीएम मोदी का काशी में भोजपुरी अंदाज पीएम मोदी ने कहा, काशी की धरती पर आप लोगों के बीच आने का मौका मिला। भोजपुरी में बोले- जब तक बनारस नाहीं आईया तब तक हमार मन नाहीं मानेला। 10 साल पहले आप लोग आपन सांसद बनइला। अब 10 साल में बनारस हमके बनारसी बनाई दिहलस। पीएम मोदी ने पूरा किया 500 साल का सपना- योगी करखियांव में सीएम योगी ने कहा, पीएम मोदी ने पिछले 10 साल में काशी को 45 हजार करोड़ की परियोजनाएं दी हैं। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री का धन्यवाद करता हूं। नया भारत वैश्विक मंच पर अपने लोगों को सुरक्षा समृद्दि और पहचान दे रहा है। प्रधानमंत्री इस बार काशी तब आए हैं जब उन्होंने राम मंदिर का 500 साल पुराना सपना पूरा किया है। अंगवस्त्रम देकर सीएम योगी ने पीएम मोदी का किया स्वागत पीएम मोदी के साथ कखरियांव में सीएम योगी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मौजूद हैं। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री का अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. वह कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने सुबह संभल पहुंचे. यहां हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. इसके बाद वह सीधे कार्यक्रम स्थल पहुंचे और पूजा में शामिल हुए. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया. पूजा के दौरान पीएम मोदी के एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दूसरी ओर आचार्य प्रमोद कृष्णम बैठे. भूमि पूजन अनुष्ठान समाप्त होने के बाद पीएम मोदी मंच पर पहुंचे, तो श्री कल्कि धाम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम और स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अंगवस्त्र ओढ़ाकर उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने श्री कल्कि धाम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि आज यूपी की धरती से भक्ति, भाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित.होने को लालायित है. आज पूज्य संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है. मुझे विश्वास है कि कल्कि धाम भारतीय आस्था के.एक और विराट केंद्र के रूप में उभरकर सामने आएगा. कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़ कर चले गए हैं. आगे भी जितने अच्छे काम रह गए हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे. 'पांच एकड़ में फैला कल्कि धाम कई मायनों में विशिष्टि होगा' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की जन्म-जयंती भी है. ये दिन इसलिए और भी पवित्र और प्रेरणादायक हो जाता है. आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, अपनी पहचान पर गर्व कर रहे हैं, ये प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है. मैं इस अवसर पर छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं. कई एकड़ में फैला ये विशाल धाम कई मायनों में विशिष्ट होने वाला है. ये ऐसा मंदिर होगा, जिसमें 10 गर्भगृह होंगे और भगवान  के सभी 10 अवतारों को विराजमान किया जाएगा. 'हम अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी बने' कल्कि धाम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि 10 अवतारों के माध्यम से हमारे शास्त्रों में केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि अलग-अलग स्वरूपों में ईश्वरीय अवतार को प्रस्तुत किया गया है. यानी हमने हर जीवन में ईश्वर की ही चेतना के दर्शन किये हैं. पिछले महीने ही, देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतजार को पूरा होते देखा है. रामलला के विराजमान होने का वो अलौकिक अनुभव, वो दिव्य अनुभूति अब भी हमें भावुक कर जाती है. इसी बीच हम देश से सैकड़ों किमी दूर अरब की धरती पर, अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी भी बने हैं.इसी कालखंड में हमने विश्वनाथ धाम को निखरते देखा है. इसी कालखंड में हम काशी का कायाकल्प देख रहे हैं. आज हमारी शक्ति अनंत है और संभावनाएं भी अपार हैं: पीएम मोदी ने कहा कि इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हमने देखी है. हमने सोमनाथ का विकास देखा है, केदार घाटी का पुनर्निर्माण देखा है. हम विकास भी,विरासत भी के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं. आज एक ओर हमारे तीर्थों का विकास हो रहा है, तो दूसरी ओर शहरों में हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो.रहा है. आज अगर मंदिर बन रहे हैं, तो देश भर में नए मेडिकल कॉलेज भी बन रहे हैं. आज विदेशों से हमारी प्राचीन मूर्तियां भी वापस लाई जा रही हैं और रिकॉर्ड संख्या में विदेशी निवेश भी आ रहा है. आज हमारी शक्ति अनंत है और संभावनाएं भी अपार हैं. 'देश में 22 जनवरी से नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है' पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी से देश में नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी है. प्रभु श्रीराम ने जब शासन किया, तो उसका प्रभाव हजारों वर्ष तक रहा. उसी तरह रामलला के विराजमान होने से अगले हजार वर्षों तक भारत के लिए एक नई यात्रा का शुभारंभ हो रहा है. भगवान राम की तरह ही कल्कि अवतार भी हजारों वर्षों की रूपरेखा तय करेगा. हम ये कह सकते हैं कि कल्कि कालचक्र के परिवर्तन के प्रणेता भी हैं और प्रेरणास्रोत.भी हैं. भारत पराभव से भी विजय को खींच लाने वाला राष्ट्र है. हम पर सैकड़ों वर्षों तक इतने आक्रमण हुए. कोई और देश होता, कोई और समाज होता तो लगातार इतने आक्रमणों की चोट से पूरी तरह नष्ट हो गया होता. फिर भी हम न केवल डटे रहे, बल्कि और भी ज्यादा मजबूत होकर सामने आए. देश में सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का ज्वार अद्भुत है आज पहली बार भारत उस मुकाम पर है, जहां हम अनुसरण नहीं कर रहे, उदाहरण पेश कर रहे हैं.
नई दिल्ली,दिल्ली के भारत मंडपम में भाजपा का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन रविवार 18 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ खत्म हो गया। पीएम ने अपने 64 मिनट के भाषण में कार्यकर्ताओं को ऊर्जा से काम करने का मंत्र दिया। वहीं, कांग्रेस समेत विपक्ष पर निशाना साधते हुए 10 साल की अपनी सरकार की उपलब्धियां भी बताईं। मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश को बांटने में लगी है। उन्होंने सेना पर सवाल उठाए और राफेल की राह में भी रोड़े अटकाए। प्रधानमंत्री जैन संत विद्यासागर जी महाराज की बात करते हुए भावुक भी हो गए। अधिवेशन में UPA सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक श्वेत पत्र जारी किया गया। इसके अलावा राम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करते हुए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्‌डा ने श्रीराम मंदिर निर्माण पर प्रस्ताव पेश किया। मोदी के भाषण की 11 खास बातें... 1. कार्यकर्ताओं के लिए अगले 100 दिन नई उमंग नए जोश के हैं राष्ट्रीय अधिवेशन में उपस्थित और देश के कोने-कोने से जुड़े भाजपा कार्यकर्ताओं का मैं अभिनंदन करता हूं। भाजपा का कार्यकर्ता साल के हर दिन चौबीसों घंटे देश की सेवा के लिए कुछ ना कुछ करता ही रहता है। अब अगले 100 दिन नई ऊर्जा, नई उमंग, नए उत्साह, नया विश्वास, नए जोश के साथ काम करने के हैं। आज 18 फरवरी है। देश के नए युवा जो 18 वर्ष के हुए हैं, वो 18वीं लोकसभा का चुनाव करेंगे। अगले 100 दिन हर नए वोटर, हर लाभार्थी, हर वर्ग-हर समाज, हर एक तक पहुंचना है। सबका विश्वास हासिल करना है। सबका प्रयास होगा देश की सेवा के लिए सबसे ज्यादा सीटें भी भाजपा को ही मिलें। 2. विद्यासागर जी का समाधि लेना व्यक्तिगत क्षति आज मैं देशवासियों की तरफ से संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 पूज्य विद्यासागरजी महाराज को आदरपूर्वक नमन करते हुए श्रद्धांजलि देता हूं। उनके समाधिस्थ होने की सूचना मिलने के बाद अनुयायी और हम सभी शोक में हैं। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति जैसा है। बरसों तक मुझे व्यक्तिगत रूप से अनेक बार उनसे मिलने का अवसर मिला। कुछ दिन पहले मैं प्रवास कार्यक्रम को बदलकर सुबह सुबह उनके पास पहुंचा। तब पता नहीं था कि मैं दोबारा उनसे नहीं मिलूंगा। उनके दर्शन नहीं कर पाऊंगा। मेरा सौभाग्य रहा है कि पिछले 50 से भी ज्यादा वर्षों से मुझे देश की आध्यात्मिक मूर्तियों के निकट रहने और आशीर्वाद पाने का मौका मिला। वे दिगंबर परंपरा से थे। उनका जीवन कैसा होता है, हम जानते हैं। मुझसे जुड़ी शायद ही ऐसी कोई महत्वपूर्ण घटना नहीं होगी, जो उन्हें पता न हो। 24 घंटे के भीतर-भीतर एनालिसिस करके मुझे उनका संदेश आता था। इसे पता चलता है कि वे कितने जागरूक थे। उनके सिद्धांत और उनका आशीर्वाद ऐसे ही भारत भूमि को प्रेरणा देता रहेगा। 3. देश के सपने भी विराट होंगे और संकल्प भी विराट होंगे पिछले 10 साल में भारत ने जो गति हासिल की है। बड़े लक्ष्यों को हासिल करने का जो हौसला पाया है, वो अभूतपूर्व है। ये मैं नहीं, पूरी दुनिया गाजे-बाजे के साथ बोल रही है। हर देशवासी को एक बड़े संकल्प के साथ जोड़ दिया है। ये संकल्प है विकसित भारत का। अब देश ना छोटे सपने देख सकता है और ना छोटे संकल्प ले सकता है। सपने भी विराट होंगे और संकल्प भी। 4. जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, हमने उन्हें पूछा और पूजा 10 साल में जो हासिल किया, वो पड़ाव मात्र है। मंजिल तक पहुंचने का नया विश्वास है। अभी हमें देश के लिए, कोटि-कोटि भारतीयों का जीवन बदलने के लिए बहुत कुछ हासिल करने का संकल्प लेना है। बहुत से निर्णय अभी बाकी हैं। आज भाजपा युवा शक्ति, नारी शक्ति, गरीब और किसान की शक्ति को विकसित भारत के निर्माण की शक्ति बना रही है। पहले लोगों को लगता था कि सरकारें बदलती हैं, व्यवस्था नहीं बदलती। हमने सच्चे अर्थों में हर व्यवस्था को पुरानी सोच-पुरानी अप्रोच से बाहर निकाला। जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, हमने उन्हें पूछा और पूजा है। 5. पहले की सरकारों ने महिलाओं की नहीं सोची आदिवासियों के लिए पीएम जनधन योजना लाए। पीएम विश्वकर्मा योजना लाए। रेहड़ी पर काम करने वाले लाखों साथियों के लिए किसी ने नहीं सोचा, हमने उनके लिए योजना बनाई। पहले की सरकारों ने महिलाओं के जीवन में आने वाली परेशानियों की चिंता नहीं की। हमारे यहां बेटियों को गर्भ में मार डालने की विराट समस्या थी। हमने उनके लिए सामाजिक चेतना, कड़े कानून का सहारा लिया। पहली बार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जन आंदोलन चला। हमने पोषण अभियान चलाया, ताकि गर्भवतियों को मदद मिले। मातृ वंदन योजना के तहत सवा तीन करोड़ बहनों को मदद मिली। सुरक्षित मातृत्व अभियान के लिए 5 करोड़ गर्भवती महिलाओं का हेल्थ चेकअप कराया। माता और शिशु के खतरों को कम करने के लिए प्रयास किए। हमने रेप में फांसी की सजा सुनिश्चित की। 6. पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने शौचालय के बारे में सोचा पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसने शौचालय के बारे में सोचा। महिलाओं के खिलाफ अपशब्द बोलने वालों के लिए कानून लाए। 3 करोड़ से ज्यादा महिलाओं के नाम घर रजिस्टर्ड कराकर उन्हें घर की मालकिन बनाया। 12 करोड़ महिलाओं के लिए शौचालय बनाया। 1 रुपए में सुविधा सैनिटरी पैड दिए। बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए, बेटी को नौकरी करने में आसानी हो, इसके लिए कदम उठाए। एक करोड़ लखपति बहनें बनाई। प्रेग्नेंसी लीव को 26 हफ्ते का कर दिया। हमने सैन्य स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोल दिए। आने वाले समय में उनके लिए अवसर ही अवसर हैं। 7. जो काम सदियों से लटके थे, उनका समाधान करने का साहस दिखाया जो काम सदियों से लटके थे, हमने उनका समाधान करने का साहस दिखाया। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर 5 सदियों का इंतजार खत्म किया। 500 साल बाद गुजरात में स्वर्ण पताका फहरी, 7 दशक बाद देश को 370 से मुक्ति मिली, 6 दशक बाद राजपथ कर्तव्य पथ बना, 4 दशक बाद वन रैंक-वन पेंशन मिली, 3 दशक बाद लोकसभा-विधानसभा में महिलाओं को आरक्षण मिला। हमने तीन तलाक का कानून बनाया, नई संसद बनाई। 8. तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाएंगे विपक्ष के हमारे दल भले ही योजनाओं को पूरा करना ना जानते हों, लेकिन झूठे वादे करने में इनका कोई जवाब नहीं। एक वादा करने से ये सारे राजनीतिक दल घबराते हैं। हमारा वादा विकसित भारत का है। इन लोगों ने स्वीकार कर लिया है, ये लोग भारत को विकसित नहीं बना सकते। सिर्फ भाजपा पार्टी है और एनडीए गठबंधन है, जिसने ये सपना देखा। 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए हम काम करेंगे। हमने तीसरे टर्म में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का संकल्प लिया है। ये मोदी की गारंटी है। 9. 11 से 10 नंबर पर आने में उनका दम भर गया, हम अर्थव्यवस्था 5वें पायदान पर ले आए भारत को वन बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लगे। 2014 के बाद टू ट्रिलियन मार्क भी बहुत बड़ा रहा था। 10 साल में हमने अर्थव्यवस्था में 2 ट्रिलियन डॉलर और जोड़ दिए। एक के लिए 60 साल और 10 साल में दो और जोड़ दिए। 11 से 10 नंबर पर आने में उनका दम भर गया, हम 5 पर ले आए। आज इन्फ्रा बजट 11 लाख करोड़ को पार कर चुका है। इसी वजह से गरीबों के करोड़ों घर बन रहे, घर-घर पानी पहुंच रहा है, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, गांव तक सड़कें बन रही हैं। जब टॉप 3 में पहुंचेंगे, तब आप कल्पना कर सकते हैं कि विकास के लिए हमारे पास कितनी ज्यादा पूंजी होगी। भारत के टॉप 3 इकोनॉमी में आने का मतलब है कि हर परिवार की आय बढ़ेगी। 10. दुनिया का हर देश, हर शक्ति जानती है, आएगा तो मोदी ही आज हर महाद्वीप में भारत का सम्मान और ताकत बढ़ रही है। हर देश संबंध बनाने पर जोर दे रहा है। इन सबके बीच वो देश हमारी सरकार से बातचीत के लिए आते हैं। चुनाव बाकी है, लेकिन मेरे पास जुलाई, अगस्त, सितंबर के निमंत्रण दे रहे हैं। दुनिया के बाकी देश भी भाजपा की वापसी को लेकर आश्वस्त हैं। दुनिया का हर देश, हर शक्ति जानती है, आएगा तो मोदी ही। कांग्रेस से देश को बचाना, बच्चों को, युवाओं को बचाना भाजपा के हर कार्यकर्ता का दायित्व है। 11. सेना की हर उपलब्धि पर कांग्रेस ने सवाल उठाए कांग्रेस अस्थिरता की जननी है, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की जननी है। 70 के दशक में जब देश में गुस्सा बढ़ा तो उसने अस्थिरता का सहारा लिया। हर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया। आज भी साजिशें कर रहे हैं। जो गठबंधन बनाया, उसका भी यही काम है। ये कभी भाषा तो कभी क्षेत्र के आधार पर देश को बांटने में लगे रहे। सबसे बड़ा पाप ये रहा कि देश की सेनाओं का मनोबल तोड़ने में भी पीछे नहीं रहे। सुरक्षा और सामरिक शक्ति को कम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सेना ने उपलब्धि हासिल की तो कांग्रेस ने हर बार सवाल उठाया। उन लोगों ने पूरी कोशिश की कि देश को राफेल ना मिल पाए। कहा कि HAL को खत्म किया जा रहा है। फोटो तक खिंचवा ली थी। सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाए और सबूत मांगे।
नई दिल्ली,दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर प्रस्ताव पास हुआ है। इसके मुताबिक पद खाली होने पर पार्लियामेंट्री बोर्ड अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकेगा। इस प्रस्ताव के पास होने के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाने पर भी मुहर लगा दी गई है। जेपी नड्डा जून 2019 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बने थे। इसके बाद 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए गए। भाजपा के इतिहास में आज तक चुनाव की नौबत नहीं आई है। इसी को बीजेपी आंतरिक लोकतंत्र का नाम देती है। यानी किसी एक नाम पर आम सहमति बन जाती है। इसे बहुमत का फैसला भी कहा जाता है। राजनाथ सिंह जब पार्टी अध्यक्ष थे, तब माना जा रहा था कि नितिन गडकरी को दूसरी बार अध्यक्ष पद मिलने वाला है। इसके लिए भाजपा ने अपने संविधान में संशोधन भी किया था। उस समय यशवंत सिन्हा भी अध्यक्ष पद का नामांकन भरने वाले थे, लेकिन उन्हें मना लिया गया था और चुनाव की नौबत नहीं आई थी। भाजपा में अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया क्या है? भारतीय जनता पार्टी (BJP) में अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश हैं। पार्टी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है। धारा-19 के मुताबिक, पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्य होंगे। पार्टी के संविधान में कहा गया है कि यह चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक किया जाएगा। अध्यक्ष चुने जाने के लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो। धारा-19 के पेज में ही यह लिखा गया है कि निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे प्रदेशों से भी आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों। इसके अलावा इस तरह के चुनाव के लिए नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूरी है। भाजपा के संविधान के मुताबिक कम से कम 50% यानी आधे राज्यों में संगठन चुनाव के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। इस लिहाज से देश के 29 राज्यों में से 15 राज्यों में संगठन के चुनाव के बाद ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है। क्या है राष्ट्रीय परिषद इसमें पार्टी के संसद सदस्यों में से 10 प्रतिशत सदस्य चुने जाते हैं, जिनकी संख्या दस से कम न हो। यदि संसद सदस्यों की कुल संख्या दस से कम हो तो सभी चुने जाएंगे। परिषद में पार्टी के सभी भूतपूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेशों के अध्यक्ष, लोकसभा, राज्यसभा में पार्टी के नेता, सभी प्रदेशों की विधानसभाओं और विधान परिषदों में पार्टी नेता सदस्य होंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से अधिक से अधिक 40 सदस्य नामांकित किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य भी इसमें शामिल होते हैं। विभिन्न मोर्चों और प्रकोष्ठों के अध्यक्ष और संयोजक भी सदस्य होते हैं। सभी को 100 रुपए का सदस्यता शुल्क देना पड़ता है। कोई एक चेहरा कितने टर्म तक अध्यक्ष रह सकता है? भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पार्टी के संविधान की धारा 21 के मुताबिक, कोई भी सदस्य 3-3 वर्ष के लगातार 2 कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है। प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए भी 3 साल की अवधि तय की गई है। पार्टी के संविधान के मुताबिक, बीजेपी का सदस्य बनने के लिए मुख्य शर्त यह भी है कि व्‍यक्ति 18 साल या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए। साथ ही उसका किसी अन्‍य दल से जुड़ाव नहीं हो। बीजेपी का संगठनात्मक ढांचा बीजेपी का पूरा संगठन राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय स्तर तक तकरीबन सात भागों में बंटा है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश स्तर पर प्रदेश परिषद और प्रदेश कार्यकारिणी होती हैं। इसके बाद क्षेत्रीय समितियां, जिला समितियां, मंडल समितियां होती हैं। फिर ग्राम और शहरी केंद्र होते हैं और स्थानीय समितियों का भी गठन होता है। स्थानीय समिति पांच हजार से कम की जनसंख्या पर गठित होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'विकसित भारत विकसित राजस्थान कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने राजस्थान को 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के विकास परियोजनाओं की सौगात दी। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान राजस्थान के विभिन्न विधानसभाओं से आए लोगों का अभिनंदन किया और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा। पीएम ने इस दौरान ये तक कह दिया कि कांग्रेस के काल में देश में सिर्फ घोटालों और बम धमाकों की चर्चा होती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा मोदी को गाली देना है। राजस्थान के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा पीएम मोदी ने विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करते हुए कहा कि आज राजस्थान के विकास के लिए करीब 17 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। यह परियोजनाएं रेल, रोड, सौर ऊर्जा, पानी और LPG जैसे विकास कार्यक्रमों से जुड़े हैं। यह परियोजनाएं राजस्थान के हजारों युवाओं को रोजगार देने वाली हैं। पीएम ने ये भी बताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में अक्सर पेपर लीक हुए जिसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि पेपर लीक में शामिल लोगों के खिलाफ एक सख्त कानून बनाया है। पहले सिर्फ घोटाले और धमाके की चर्चा होती थी- पीएम मोदी पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद आज ये स्वर्णिम काल आया है जब भारत को 10 साल पहले की सारी निराशाओं को पीछे छोड़ने का मौका मिला है। भारत अब आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है। पीएम ने कहा कि 2014 से पहले देश में सिर्फ घोटाले और बम धमाकों की चर्चाएं होती थीं । भारत की जनता सोचती थी कि उनका और देश का क्या होगा। कांग्रेस के शासनकाल में यही माहौल था। पीएम ने बताई कांग्रेस की कमजोरी पीएम मोदी ने अने संबोधन में कहा कि कांग्रेस के साथ एक बहुत बड़ी समस्या यह है कि वह दुर्गामी सोच के साथ सकारात्मक नीतियां नहीं बना सकती। कांग्रेस न भविष्य को भांप सकती है और न ही भविष्य के लिए उसके पास कोई रोडमैप है। कांग्रेस की इसी सोच की वजह से भारत अपनी बिजली व्यवस्था के लिए बदनाम रहता था। पूरे देश में कई-कई घंटो तक अंधेरा हो जाता था। पीएम ने कहा कि बिजली के अभाव में कोई भी देश विकसित नहीं हो सकता। हमने सरकार में आने के बाद देश को बिजली की चुनौतियों से निकालने पर ध्यान दिया। कांग्रेस का एजेंडा सिर्फ मोदी को गाली देना- पीएम पीएम मोदी ने कहा कि आज भी कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- 'मोदी को गाली दो'। उन्होंने कहा कि जो मोदी को जितनी ज्यादा गाली दे सकता है उसे ये उतने जोर से गले लगाते हैं। मोदी कुछ भी करे, कुछ भी कहे ये उसका विरोध ही करेंगे चाहे उसमें देश का नुकसान ही क्यों न हो। कांग्रेस के पास एक ही एजेंडा है- 'मोदी विरोध, घोर मोदी विरोध।'
नई दिल्ली: पीएम मोदी ने लोकसभा में सदन के सभी सदस्यों का स्वागत किया और कहा कि आज का दिन सदन में बेहद अहम है। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के धैर्य की भी तारीफ की। पीएम ने कहा कि कैसी भी परिस्थिति हो, बिरला जी का चेहरा हमेशा मुस्कुराता हुआ रहता है। पीएम ने कहा कि 5 साल में रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म हुआ है। 5 साल में कई अहम फैसले लिए गए हैं। पांच साल तक रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म: PM लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ये पांच साल देश में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के थे। ऐसा बहुत कम होता है कि रिफॉर्म और परफॉर्म दोनों हों और हम अपनी आंखों के सामने बदलाव देख सकें। देश 17वीं लोकसभा के माध्यम से इसका अनुभव कर रहा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश 17वीं लोकसभा को आशीर्वाद देना जारी रखेगा।' G-20 को लेकर कही ये बात जी-20 से देश को दुनिया में सम्मान मिला। जी-20 में सभी राज्यों ने सामर्थ्य दिखाया। 17वीं लोकसभा ने पहले सत्र में 30 विधेयक पारित किए: PM 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में सदन ने 30 विधेयक पारित किए। इस लोकसभा ने नए बेंचमार्क बनाए। इसकी प्रोडक्टिविटी 97 फीसदी रही। एक संकल्प लेकर 18वीं लोकसभा शुरू होगी कि उसकी प्रोडक्टिविटी 100 प्रतिशत से ज्यादा होगी। जम्मू कश्मीर और धारा 370 की बात पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सामाजिक न्याय किया। आने वाली पीढ़ी न्याय संहिता में जिएगी। हमने धारा 370 हटाकर संविधान की खाई हटाई। हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए। नारी वंदन अधिनियम,तीन तलाक,आतंकवाद की बात पीएम मोदी ने कहा कि नए सदन में दूरगामी निर्णय हुए। इस सत्र में नारी वंदन अधिनियम बनकर पास हुआ। मुस्लिम बेटियों को हमने न्याय दिलवाया। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति मिली। पीएम ने ये भी कहा कि आतंकवाद मुक्त भारत बनाने का सपना पूरा करेंगे डेटा प्रोटेक्शन बिल से पीढ़ी को सुरक्षित किया: PM 21वीं सदी में हमारी बेसिक नीड बदल गई हैं। जैसे कि डेटा। हमने डेटा प्रोटेक्शन बिल लाकर पूरी पीढ़ी को सुरक्षित किया है। डेटा का उपयोग कैसे हो, बिल में भी उसकी गाइडलाइन है। हमने डेटा की ताकत को पहचाना और फिर ये कानून लाए। राम मंदिर का प्रस्ताव बहुत अहम: पीएम राम मंदिर का प्रस्ताव बहुत अहम है। राम मंदिर पर कुछ लोग मैदान छोड़कर भागे। राम मंदिर में सबका साथ, सबका विकास का तत्व है। चुनाव आने वाले हैं, कुछ लोगों में घबराहट है। हमारे चुनाव भी देश की शान बढ़ाने वाले हैं।
नई दिल्ली : लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर जमकर अटैक किए। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस को हर मोर्चे पर घेरा। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तक उन्होंने किसी को भी नहीं बख्शा। राहुल गांधी का नाम लिए बिना 'युवराज' कहकर तंज कसा। पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी ने अपने युवराज को एक स्टार्टअप बना दिया है। वो स्टार्टर नहीं नॉन स्टार्टर हैं। वो न लिफ्ट हो रहे हैं न लॉन्च हो रहे हैं। राज्यसभा में करीब डेढ़ घंटे के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने मानो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पर अटैक का फाइनल ट्रेलर ही दिखा दिया। 'हम प्रार्थना करेंगे कांग्रेस 40 सीटें बचा ले' पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद इतने लंबे समय तक देश की सत्ता पर काबिज रहने वाली पार्टी के पतन और गिरावट को लेकर उनके मन में संवेदनाए हैं। वह 'प्रार्थना' करेंगे कि वह अगले आम चुनाव में 40 सीट बचा ले। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर देश को उत्तर और दक्षिण में बांटने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस 'जन्मजात' आरक्षण की विरोधी रही है। कांग्रेस की सोच आउटडेटेड हो गई है-PM प्रधानमंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि वह प्रार्थना करेंगे कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 40 सीट ही बचा ले। तृणमूल प्रमुख ने कहा कि था कि आम चुनाव में कांग्रेस 40 सीट भी नहीं जीत पाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच भी 'आउटडेटेड' (पुरानी) हो गई है। जब उसकी सोच ही 'आउटडेटेड' हो गई है तो उसने अपना कामकाज भी 'आउटसोर्स' कर लिया है। देखते ही देखते इतनी पुरानी पार्टी... इतने दशकों तक देश पर राज करने वाले दल का ऐसा पतन... ऐसी गिरावट.... हमें खुशी नहीं हो रही है। आपके प्रति हमारी संवेदनाए हैं। 'अब देश को उत्तर-दक्षिण में तोड़ने के बयान दिए जा रहे' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को रातों-रात बर्खास्त कर दिया था। जिस कांग्रेस ने अखबारों पर भी ताले लगाने की कोशिश की थी, अब उसने देश को तोड़ने का विमर्श गढ़ना शुरू कर दिया है। अब देश को उत्तर-दक्षिण में तोड़ने के बयान दिए जा रहे। 'वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे' प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस कांग्रेस ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को पूरी तरह कभी आरक्षण नहीं दिया। जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया। जिसने बाबा साहब को भारत रत्न के योग्य नहीं माना और केवल अपने परिवार को भारत रत्न देते रहे, वह अब हमें उपदेश दे रहे हैं। वो अब हमें सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं। जिस कांग्रेस के अपने नेता की कोई गारंटी नहीं है, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं। जब पीएम मोदी ने खरगे को घेरा पीएम मोदी ने कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि लोकसभा में तो कभी कभी मनोरंजन का मौका मिल जाता है। किंतु आजकल कम मिलता है क्योंकि वे दूसरी ड्यूटी पर हैं। लेकिन लोकसभा में मनोरंजन की जो कमी थी वह आपने (खरगे ने) पूरी कर दी। मोदी ने कहा कि खरगे ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 400 सीटें पाने का आशीर्वाद दिया है और वह चाहें तो अब इस आशीर्वाद को वापस ले सकते हैं। नेहरू की मुख्यमंत्रियों की लिखी चिट्ठी का किया जिक्र प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू कहते थे कि अगर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। एक बार नेहरू जी ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें लिखा था कि 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए।' पीएम मोदी ने कहा कि वह इसी के आधार पर कहते हैं कि कांग्रेस 'आरक्षण की जन्मजात विरोधी' है। MTNL, BSNL, LIC का जिक्र कर कांग्रेस पर अटैक पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का आरोप लगाने वाले पहले यह बताएं कि एमटीएनलएल, बीएसएनएल, एयर इंडिया को किसने बर्बाद किया था। एलआईसी को लेकर भी अफवाह फैलाई गई 'लेकिन एलआईसी के शेयर आज रिकॉर्ड स्तर पर ट्रेंड कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि देश में 2014 में 234 पीएसयू थे लेकिन आज 254 पीएसयू हैं। आज अधिकतर पीएसयू रिकॉर्ड रिटर्न दे रहे हैं और इन पर निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है। पीएसयू के इंडेक्स में बीते दो साल में दोगुना उछाल आया है। उन्होंने कहा कि 10 साल से पहले पीएसयू का सकल मुनाफा करीब सवा लाख करोड़ रुपये था लेकिन बीते दस साल में यह ढाई लाख करोड़ रुपये रहा है। मेरी आवाज को विपक्ष दबा नहीं सकता- पीएम मोदी प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान विपक्षी सदस्यों की ओर से टोका-टोकी किए जाने पर मोदी ने कहा कि वह बड़े धैर्य और नम्रता के साथ उनके एक-एक शब्द को सुनते रहे हैं। लेकिन आप आज भी न सुनने की तैयारी के साथ आए हैं। परंतु मेरी आवाज को विपक्ष दबा नहीं सकता। देश की जनता ने इस आवाज को ताकत दी है, इसलिए मैं भी इस बार पूरी तैयारी के साथ आया हूं। इससे पहले, प्रधानमंत्री जब राज्यसभा में पहुंचे तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने खड़े होकर और मेजे थपथपाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए।
नई दिल्ली : किसी मौके को कैसे भुनाते हैं, ये कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखे। मौका भले ही राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब का हो, लेकिन मोदी इस मौके को चुनाव से पहले जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए चतुराई से इस्तेमाल कर ही लेते हैं। अबतक के 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बयां कर देते हैं। आगे उनकी सरकार क्या करना चाहती है, मंशा क्या है, विजन क्या है, उसका खाका भी खींच देते हैं। विपक्ष की आलोचना का चुन-चुनकर जवाब देते हैं। पहले लोकसभा में और बाद में राज्यसभा में। पीएम मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में अपनी स्पीच के दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर निर्मम हमले किए। लेकिन राज्यसभा में उनके भाषण का केंद्रीय बिंदु था आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक होती कांग्रेस पर तीखा हमला। वो भी उसी के हथियार से। नेहरू के कथित 'आरक्षण विरोध' से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर के कथित अपमान के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चुनाव से लेकर अति पिछड़े सीताराम केसरी के कथित अपमान तक के मुद्दे पर कांग्रेस को कोसा। आरक्षण को हथियार बनाने की कोशिश कर रही कांग्रेस पीएम मोदी ने आरक्षण के मुद्दे पर अपने हमलों से कैसे कांग्रेस के हथियार की धार को खत्म करने की कोशिश की है, इसकी चर्चा आगे करते हैं। पहले ये देख लेते हैं कि आखिर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में आरक्षण को एक बड़ा हथियार कैसे बना रही है? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हुए हैं। लगातार मोदी सरकार पर हमलावर हैं। जाति गणना की बात करते हैं। 'जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का नारा बुलंद करते हैं। ओबीसी की बात करते हैं। एससी, एसटी आरक्षण बढ़ाने की बात करते हैं। आरक्षण पर 50 प्रतिशत की लिमिट खत्म करने की बात करते हैं। इसकी गारंटी देते हैं। आरक्षण पर राहुल गांधी के बयान को कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से यह कहकर पोस्ट किया जाता है- आरक्षण पर 50 प्रतिशत की लिमिट खत्म कर देंगे, ये कांग्रेस की गारंटी है। क्लिप में राहुल गांधी कहते दिखते हैं, 'मैं आपको गारंटी देके कह रहा हूं कि आजकल 50 प्रतिशत से ज्यादा रिजर्वेशन नहीं मिल सकता। मैं आपको गारंटी देके कह रहा हूं कि ये जो 50 प्रतिशत की लिमिट है, इसे कांग्रेस पार्टी की सरकार, I.N.D.I.A. की सरकार उठाकर फेंक देगी। और हम जो दलित हैं, आदिवासी भाई हैं, उनके रिजर्वेशन में कोई कमी नहीं आएगी और जो पिछड़ों का हक बनता है, वो उनको मिलेगा।' चुनाव से पहले कांग्रेस खुद को दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के हितों का चैंपियन दिखाने की कोशिश कर रही है। वह सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गई अधिकतम आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा को खत्म करने की गारंटी दे रही है। तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में पहले से ही 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण का प्रावधान था। वैसे आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के बाद पहले ही रिजर्वेशन की 50 प्रतिशत लिमिट पार हो चुकी है। बिहार सरकार ने जातिगत गणना के बाद आरक्षण में 15 प्रतिशत इजाफा किया है। अब सूबे में 75 प्रतिशत आरक्षण है। राहुल गांधी भी 50 प्रतिशत आरक्षण की लिमिट को खत्म करने की 'गारंटी' देकर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कुछ महीने पहले हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी जातिगत गणना और आबादी के अनुपात में आरक्षण के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ। कांग्रेस पर बेहद हमलावर रहे पीएम मोदी पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर चुन-चुनकर हमले किए। उन्होंने कहा, 'जिस कांग्रेस ने जाति-पाति और भाषा के नाम पर देश को बांटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिस कांग्रेस ने आतंकवाद और अलगाववाद को अपने हित में पनपने दिया। जिस कांग्रेस ने नॉर्थ ईस्ट को हिंसा, अलगाव और पिछड़ेपन में धकेल दिया। जिस कांग्रेस के राज में नक्सलवाद को देश के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बनाकर छोड़ दिया गया। जिस कांग्रेस ने देश की बहुत बड़ी जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी। जिस कांग्रेस ने देश की सेना का आधुनिकीकरण होने से रोक दिया। वो कांग्रेस आज हमें राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिए भाषण दे रहे हैं। जो कांग्रेस आजादी के बाद ही कन्फ्यूज रही कि उद्योग जरूरी है कि खेती जरूरी है, राष्ट्रीयकरण करना है या निजीकरण करना है। 10 साल में अर्थव्यवस्था को 12वें से 11 पर ही ला पाई, हम 10 साल में 5 नंबर पर लाए। ये कांग्रेस आर्थिक नीतियों पर लंबे-लंबे भाषण सुना रही है।' कांग्रेस आदिवासी विरोधी : मोदी चुनाव से पहले ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' देने का दांव चलने वाले पीएम मोदी ने कांग्रेस को आरक्षण का जन्मजात विरोधी करार दिया। उस पर एससी, एसटी और ओबीसी के अपमान का आरोप लगाया। पिछले राष्ट्रपति चुनाव के बहाने पीएम मोदी ने कांग्रेस पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'देश में पहली बार एनडीए ने एक आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने के लिए प्रस्ताव रखा, उनको उम्मीदवार बनाया। आपको हमसे वैचारिक विरोध हो, वह एक बात है। आपको हमसे वैचारिक विरोध होता, आपने सामने कैंडिडेट खड़ा किया होता तो मैं समझ सकता था। लेकिन वैचारिक विरोध नहीं था आपका क्योंकि हमारे यहां से गए व्यक्ति को आपने अपना उम्मीदवार बनाया। इसलिए वैचारिक विरोध नहीं था, आपका विरोध एक आदिवासी बेटी के लिए था।' दरअसल, पिछले राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी एनडीए गठबंधन ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया जो आदिवासी वर्ग से ताल्लुक रखती हैं। कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को अपना उम्मीदवार बनाया जो कभी बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे। जिस कांग्रेस के अपने नेता की कोई गारंटी नहीं, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे' पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, 'आदरणीय सभापति जी, जिस कांग्रेस ने ओबीसी को पूरी तरह आरक्षण नहीं दिया। जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया। जिसने बाबा साहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं माना, अपने ही परिवार को भारत रत्न देते रहे...वह अब हमें उपदेश दे रहे हैं, वो अब हमें सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं। जिस कांग्रेस के अपने नेता की कोई गारंटी नहीं है, अपनी नीति की कोई गारंटी नहीं है, वो मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।' 'कांग्रेस जन्मजात आरक्षण विरोधी!' पंडित नेहरू के खत का जिक्र पीएम मोदी ने कांग्रेस को आरक्षण का जन्मजात विरोधी बताते हुए पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एक चिट्ठी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'मैं आदरपूर्वक नेहरूजी को ज्यादा याद करता हूं। देखिए एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी और ये चिट्ठी मुख्यमंत्रियों को लिखी। मैं उसका अनुवाद पढ़ रहा हूं। मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता। और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाय। ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है। तब जाकर मैं कहता हूं कि ये जन्मजात इसके विरोधी हैं। नेहरू जी कहते थे अगर एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी काम का स्तर गिर जाएगा।' मोदी जब नेहरू पर तीखे हमले कर रहे थे तब कांग्रेस के सदस्य लगातार टोका-टाकी और शोर-शराबा कर रहे थे। राहुल गांधी के 'कितने ओबीसी अफसर' वाले सवाल पर कांग्रेस को ही घेर लिया! प्रधानमंत्री मोदी ने पंडित नेहरू को आरक्षण विरोधी बताते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अफसरशाही में एससी, एसटी और ओबीसी की भर्ती ही रोक दी थी। पीएम ने कहा, 'और आज जो आंकड़े गिनाते हैं न इतने यहां हैं, इतने यहां हैं, उसका मूल यहां है क्योंकि उस समय उन्होंने रोक दिया था कि रिक्रूटमेंट ही मत करो। अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां तक बढ़ते।' यहां पर पीएम मोदी के निशाने पर राहुल गांधी थे जो लगातार आरोप लगाते रहते हैं कि केंद्र सरकार को चलाने वाले 90 अफसरों में सिर्फ 3 ही ओबीसी हैं। 'कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी को उनके अधिकारों से वंचित रखा' पीएम मोदी ने कहा, 'नेहरूजी ने जो कहा वह हमेशा से कांग्रेस के लिए पत्थर की लकीर होता है। दिखावे के लिए आप कुछ भी कहें लेकिन आपकी सोच कई उदाहरणों से सिद्ध होती हैं। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के एससी, एसटी और ओबीसी को उनके अधिकारों से वंचित रखा। आर्टिकल 370 को निरस्त किया तब जाकर इतने दशकों के बाद एससी, एसटी, ओबीसी को वो अधिकर मिले जो देश के लोगों को वर्षों से मिले हुए थे।' 'कांग्रेस ने बाबा साहेब के विचारों को खत्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'एससी, एसटी और ओबीसी को भागीदारी मिलने से कांग्रेस और उसके साथियों को हमेशा परेशानी रही है। बाबा साहेब की राजनीति को, विचारों को खत्म करने के लिए कोई कसर उन्होंने छोड़ी नहीं है। उन्हें 'भारत रत्न' देने की भी तैयारी नहीं थी, वह भी भाजपा के समर्थन से और सरकार बनी तब बाबा साहेब को 'भारत रत्न' मिला। इतना ही नहीं, सीताराम केसरी अति पिछड़ी जाति के थे, कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्हें उठाकरके फुटपाथ पर फेंक दिया गया। वह वीडियो उपलब्ध है, वह देश ने देखा। इनके एक मार्गदर्शक अमेरिका में बैठे हैं (सैम पित्रोदा) उन्होंने अभी-अभी संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर के योगदान को छोटा करने का भरपूर प्रयास किया है।'
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर करप्शन के मुद्दे पर कांग्रेस को जमकर लताड़ लगाई। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान पीएम मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर करारा अटैक किया। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में जो करप्शन की बातें होती थी उसका कुल आंकड़ा 10 लाख करोड़ का रहा। हमने लाखों करोड़ के घोटालों को अटकाया और सारे पैसों को गरीबों के काम में लगा दिया। अब बिचौलियों के लिए गरीबों को लूटना बहुत मुश्किल हो गया है। 30 लाख करोड़ से ज्यादा हमने लोगों के खाते में सीधे पहुंचाए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि जिसने देश को लूटा है वो लौटाना पड़ेगा। पीएम मोदी बोले- पहले सिर्फ घोटालों की चर्चा होती थी प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सदन का पूरा समय घोटालों की चर्चा में जाता था, भ्रष्टाचार की चर्चा में जाता था। लगातार एक्शन की मांग होती थी, चारों तरफ सिर्फ भ्रष्टाचार की ही खबरें होती थीं। आज जब भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है तो ये लोग उनके समर्थन में हंगामा करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि यहां बहुत गुस्सा व्यक्त किया गया, उनका दर्द मैं समझता हूं, उनकी मुसीबत और गुस्सा मैं समझता हूं क्योंकि तीर निशाने पर लगा है। 'भ्रष्टाचार पर एजेंसियां एक्शन ले रही हैं' प्रधानमंत्री ने लोकसभा में कहा कि भ्रष्टाचार पर एजेंसियां एक्शन ले रही हैं, उसे लेकर भी इतना गुस्सा? उन्होंने विपक्ष पर करारा अटैक किया। जिस तरह से हेमंत सोरेन पर एक्शन हुआ कहीं न कहीं पीएम मोदी ने अपनी बातों से उन्हीं को घेरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम डीबीटी, जनधन अकाउंट, आधार, मोबाइल... उसकी ताकत हमने पहचानी है। 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम हमने लोगों के खाते में सीधा पहुंचाई है। 'कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं किया' पीएम मोदी ने कहा कि पहले कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं। अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया। वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता को कमतर आंकते रहे। शासन के 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर, आज की मजबूत अर्थव्यवस्था और आज भारत जिस तीव्र गति से प्रगति कर रहा है। उसे देखते हुए मैं विश्वास से कहता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होगा। ये मोदी की गारंटी है। हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल ज्यादा दूर नहीं- PM पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल अब ज्यादा दूर नहीं है। सिर्फ 100-125 दिन बाकी हैं, मैं संख्याओं पर नहीं जाता लेकिन मैं देश का मूड देख सकता हूं। इससे NDA 400 के पार पहुंच जाएगी और भाजपा को 370 सीटें जरूर मिलेंगी...तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े फैसले लेने वाला होगा। हमारे लक्ष्य कितने बड़े होते हैं, हमारे हौसले कितने बड़े होते हैं वह आज पूरी दुनिया देख रही है। हमारे उत्तर प्रदेश में कहावत कही जाती है '9 दिन चले ढाई कोस' और यह कहावत पूरी तरह कांग्रेस पार्टी को परिभाषित करती है। कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन को बनाने में अहम रोल निभाने वाले नीतीश कुमार के अचानक एनडीए में आने पर इशारों में विपक्ष पर तंज कसा है। लोकसभा में पीएम मोदी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर भी निशाना साधा, लेकिन दोनों ही बातों को कहने में पीएम ने किसी नेता का नाम नहीं लिया। उन्होंने इशारों में तंज कसा है। नीतीश कुमार के एनडीए में आने की बात पर पीएम मोदी ने कहा कि यहां पर बहुत गुस्सा व्यक्त किया गया है। जितना हो सकता था उतना कठोर शब्दों में गुस्सा व्यक्त किया गया है। उनका दर्द मैं समझता हूं। उनकी मुसीबत और ये गुस्सा मैं समझता हूं, क्योंकि तीर निशाने पर लगा है। यहां बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू का निशान तीर ही है। इसके बाद पीएम ने हेमंत सोरेन खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में हो रही कार्रवाई पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर एजेंसियां ऐक्शन ले रही हैं। उसको लेकर भी इतना गुस्सा। क्या-क्या शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। 10 साल पहले हमारे सदन में क्या चर्चा होती थी। सदन का पूरा समय घोटालों पर चर्चा में जाता था। भ्रष्टाचार पर चर्चा में जाता था। सदन से लगातार ऐक्शन की डिमांड की मांग करता था। आज जब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ऐक्शन लिया जा रहा है तो सदन में आवाज उठाई जा रही है। इनके समय में एजेंसियों का केवल राजनीतिक उपयोग किया जाता था। बाकी उनको कोई काम करने नहीं दिया जाता था। पीएम ने कहा कि उनके कालखंड के मुकाबले हमने PMLA एक्ट के तहत हमने 2 दर्जन अधिक केस दर्ज किए। कांग्रेस के समय में ईडी ने 5 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की। हमारे कार्यकाल में ईडी ने एक लाख करोड़ की संपत्ति जब्त की। हमारे काल में लूटा हुआ माल देना ही होगा। पीएम ने कहा कि अधीर बाबू तो बंगाल से आते हैं, उन्होंने देखा है कि किसके घर से नोटों के ढेर पकड़े जाते हैं। ये देश नोटों के ढेर देख देखकर चौंक गया है। लेकिन अब आप जनता को मूर्ख नहीं बना सकते हैं। जनता देख रही है कि किस प्रकार से कार्रवाई हो रही है। अब बिचौलिए के लिए गरीबों को लूटना मुश्किल हो गया है। हमने 30 लाख करोड़ रुपये सीधे लोगों के खाते में पहुंचाए हैं। कांग्रेस के प्रधानमंत्री कहते थे कि वह दिल्ली से 1 रुपये भेजते हैं तो वह गरीब के पास 15 पैसे पहुंचते हैं। अगर वह व्यवस्था होती तो सोचिए कितने लाख करोड़ रुपये इधर उधर जाते। हमारी सरकार ने 10 करोड़ फर्जी नाम हटवाए।
गुवाहाटी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम दौरे में बिना नाम लिए कांग्रेस पर बड़ा निशाना साधा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद सत्ता में रहे लोग पूजा स्थलों के महत्व को नहीं समझ सके और उन्होंने राजनीतिक वजहों से अपनी ही संस्कृति पर शर्मिंदा होने की प्रवृत्ति स्थापित की। गुवाहाटी में 11,600 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोई भी देश अपना इतिहास मिटाकर प्रगति नहीं कर सकता। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में स्थिति बदली है। अयोध्या के बाद कामाख्या आया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अयोध्या में भव्य आयोजन के बाद मैं अब यहां मां कामाख्या के द्वार पर आया हूं। आज मुझे यहां मां कामाख्या दिव्यलोक परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब ये बनकर पूरा होगा तो ये देश और दुनिया भर से आने वाले मां के भक्तों को असीम आनंद से भर देगा। पीएम मोदी ने कहा कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। ये जो भी काम आज हो रहे हैं, इनका एक ही लक्ष्य है - लक्ष्य है, भारत और भारतीयों का सुखी और समृद्ध जीवन। लक्ष्य है, भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का। लक्ष्य है, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का। इसमें असम और नार्थ ईस्ट की बहुत बड़ी भूमिका है। असम में लौटी है शांति मोदी ने कहा कि जिन परियोजनाओं की उन्होंने शुरुआत की उससे न केवल पूर्वोत्तर में बल्कि बाकी के दक्षिण एशिया में संपर्क सुविधा मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल में असम में शांति लौटी है और 7,000 से अधिक लोगों ने हथियार छोड़े हैं और मुख्यधारा में लौटे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में क्षेत्र में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि छोटे लक्ष्य रखकर कोई भी देश, कोई भी राज्य तेज विकास नहीं कर सकता। पहले की सरकारें न बड़े लक्ष्य तय करती थी और न ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करती थी। हमने पहले की सरकारों की इस सोच को भी बदल दिया है। इंफ्रा है पर हमारा फोकस पीएम मोदी ने कहा कि यही फोकस 3 दिन पहले आए बजट में भी दिखता है। बजट में सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी ने कहा कि बीजेपी की डबल इंजन सरकार हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य हर नागरिक का जीवन आसान बनाने का है। उन्होंने कहा कि हमने विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी देखा है कि जो भी सरकारी योजनाओं से वंचित थे, उन तक मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंची है। पूरे देश में करीब 20 करोड़ लोग सीधे तौर पर विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल हुए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भव्य रोड शो भी किया।
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज परीक्षा पे चर्चा (Pariksha Pe Charcha) के दौरान छात्र और शिक्षक के रिश्तों का जिक्र करते हुए एक दिल को छू लेने वाली बात कही। उन्होंने कहा कि टीचर का छात्र से रिश्ता केवल जॉब वाला नहीं होना चाहिए बल्कि परिवर्तन करने वाला होना चाहिए। उन्होंने इसके लिए एक ऐसी बात कही जो आपके दिल को छू जाएगी। पीएम मोदी ने टीचर और छात्रों के बीच आपसी रिश्ते का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अगर सालभर छात्र और शिक्षक के बीच नाता रहे तो स्टूडेंट का एग्जाम के वक्त तनाव की स्थिति खत्म हो जाएगी। क्या छात्र ने दिया शादी का कार्ड? परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने छात्र और शिक्षकों के रिश्तों का पैमाना भी बता दिया। उन्होंने कहा कि मैं कभी-कभी टीचरों से पूछता हूं कि भाई आप 30 साल से टीचर हैं। जो बच्चे पहली बार यहां से पढ़ाई करके गए होंगे वे तो बड़े हो गए होंगे और उनकी शादी भी हो गई होगी। क्या आपका कोई छात्र अपनी शादी का कार्ड देना आया था? 99 फीसदी टीचर मुझे कहते हैं कि नहीं, कोई छात्र नहीं आया। मतलब हम केवल जॉब करते थे, हम जिंदगी नहीं बदलते थे। टीचर का काम जॉब बदलना या जॉब करना नहीं है बल्कि जिंदगी को संवारना है। छात्रों को सामर्थ्य देना है और वही परिवर्तन लाता है। कैसा हो छात्र-शिक्षक रिश्ता, पीएम ने बताया पीएम मोदी ने कहा कि अगर ये नाता आपका छात्र के साथ रहा तो उसका परीक्षा के वक्त तनाव की स्थिति खुद ही खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि टीचरों को बच्चों की सफलता पर जाकर उसे बधाई भी देनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि आपमें से कई टीचर ऐसे हैं जब उसका कोई छात्र अच्छा करता है तो उसके घर जाकर, परिवार में बैठकर मिठाई खाने की मांग करता है? अगर आप ऐसा करते हैं तो उस छात्र के मां-बाप को और ताकत मिलेगी। परिवार भी सोचेगा कि यार बच्चे की हमें ये ताकत को मालूम ही नहीं थी। इसके अलावा टीचर ने जो बताया उसपर और ध्यान देने की जरूरत है। केवल परीक्षा वाले महीने से निकलिए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीचर को केवल परीक्षा वाले समय के बारे में सोचने से निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि किसी भी टीचर के मन में जब ये विचार आता है कि मैं छात्र के इस तनाव को कैसे दूर करूं, हो सकता है कि मैं गलत हूं, लेकिन शायद मुझे लगता है कि टीचर के मन में परीक्षा का कालखंड है। अगर टीचर और स्टूडेंट का नाता परीक्षा के कालखंड का है तो सबसे पहले उस नाते को करेक्ट करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि आपका स्टूडेंट के साथ नाता बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही साल के पहले दिन क्लास रूम में पहुंचते हैं उसी दिन से परीक्षा आने तक आपका नाता निरंतर बढ़ते रहना चाहिए। तो शायद परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी।
बुलंदशहर: राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के तीन दिन बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज कर दिया है। सड़क, रेल, तेल सहित करोड़ों की योजनाओं की सौगात देते हुए प्रधानमंत्री ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को याद करते हुए भाषण की शुरुआत की। उन्होंने कल्याण सिंह के राम मंदिर आंदोलन में दिए गए योगदान को याद किया और कहा कि आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज वो जहां हैं अयोध्या धाम को देखकर आनंदित हो रहे होंगे। उन्होंने बुलंदशहर की जनता से कहा कि अयोध्या में मैंने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ अब राष्ट्र प्रतिष्ठा का काम करना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत का निर्माण यूपी के तेज विकास के बिना संभव नहीं है। उत्तर प्रदेश को ताकतवर बनाना है। मैं तोा यूपी का सांसद हूं और मेरी ये विशेष जिम्मेदारी है। बुलंदशहर में प्रधानमंत्री की रैली के कई सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। इसमें राम का नाम, पौष पूर्णिमा और लकी शहर का सबसे ज्यादा जिक्र हो रहा है। पौष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व आज पौष पूर्णिमा पर देश भर में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। हिंदू मान्यता में इस दिन का काफी महत्व है। आज से ही स्नान पर्व की शुरुआत भी होती है जो शिवरात्रि तक चलते हैं। जाहिर है राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से ये दिन और भी खास हो गया है। इसी माहौल में प्रधानमंत्री ने पश्चिम उत्तर प्रदेश से भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत की। सहारनपुर 'सूट' नहीं किया दूसरा पहलू ये है कि ये वही जिला है, जहां से 10 साल पहले 2014 में नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी और पश्चिम उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर कमल खिला था। पहली बार देश ने मोदी लहर का एहसास किया था और भारतीय जनता पार्टी देश की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन 2019 में प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार अभियान के आगाज के लिए सहारनपुर जिला चुना। सरकार तो उस साल भी बन गई लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा को कई सीटों का नुकसान हो गया। इसमें भी खास बात ये थी कि पश्चिम उत्तर प्रदेश, जिस भारतीय जनता पार्टी हमेशा से अपना सबसे मजबूत किला मानती रही है, वहां की 7 सीटों पर पार्टी को हार का सामना पड़ गया। 2014 के चुनाव पर नजर डालें तो भाजपा ने पूरे प्रदेश में 73 सीटें जीती थीं। लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा को सपा-बसपा गठबंधन ने नुकसान पहुंचाया और कुल 16 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा। बसपा ने 10 और सपा ने 5 व कांग्रेस ने एक सीट अपने नाम की। इनमें 7 सीटें पश्चिम उत्तर प्रदेश की थीं। उपचुनाव में भाजपा ने रामपुर की सीट जरूर सपा से छीन ली लेकिन अभी भी सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, नगीना, संभल ऐसी सीटें हैं, जहां जीत हासिल करना भाजपा के लिए चुनौती है। राजनीतिक जानकारों में चर्चा है कि सहारनपुर की बजाए पीएम मोदी का फिर से बुलंदशहर की तरफ रुख करना कहीं न कहीं 'टोटके' से जोड़ा जा रहा है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) 2024 के लोकसभा चुनावों में भी जीत दर्ज करने की रणनीति बना रही है। अगर उसकी रणनीति काम कर गई तो भाजपा की लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार होगी और नरेंद्र मोदी देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। बीजेपी और खुद पीएम मोदी दावा कर चुके हैं कि मतदाता आज भी उनके साथ है, इसलिए कोई संदेह ही नहीं कि उनकी सरकार की वापसी हो रही है। आखिर बीते दो कार्यकाल में मोदी सरकार ने ऐसा क्या किया है कि उसे मतदाताओं पर इतना भरोसा है? ​1. रक्षा खरीद और आधुनिकीकरण मोदी सरकार ने आयात पर निर्भरता कम करने और हथियारों से लेकर विमान और पोत तक के निर्माण में 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। सरकार ने देश में डिफेंस इंडस्ट्रीज को मजबूत करने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) जैसी पहल को संशोधित किया। वहीं, सेनाओं को आधुनिक बनाने के लिए कई हाई-प्रोफाइल एक्विजिशन किए जिनमें फ्रांस से राफेल जेट, रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम और अमेरिका से अपाचे और चिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीद शामिल हैं। दूसरी तरफ, थल सेना, वायु सेना और नौसेना में हथियार, निगरानी प्रणाली और युद्ध क्षमताओं के अपग्रेडेशन के साथ महत्वपूर्ण आधुनिकीकरण हुआ है। राफेल जेट भारत ने सितंबर 2016 में 36 राफेल जेट के लिए फ्रांस के साथ सरकार-से-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। इन जेट्स की डिलीवरी जुलाई 2020 में शुरू हुई और तय कार्यक्रम के मुताबिक चल रही है। राफेल 4.5 पीढ़ी का मल्टीरोल लड़ाकू विमान है, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा, लंबी दूरी और उन्नत हथियारों के लिए जाना जाता है। यह अडवांस्ड एवयोनिक्स, रडार और इलेक्ट्रॉनिक कम्यूनिकेशन सिस्टम सहित अत्याधुनिक तकनीक से लैस है और कई शक्तिशाली हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। राफेल जेट के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं में बड़ा इजाफा है, जिससे हवाई श्रेष्ठता और गहरे हमले वाले मिशनों में बढ़त मिलती है। एस-400 मिसाइल सिस्टम भारत ने अक्टूबर 2018 में ए-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम्स की डील पूरी की। सिस्टम की डिलीवरी चल रही है और आने वाले वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है। एस-400 दुनिया की सबसे अडवांस वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है, जो लंबी दूरी पर विमान, क्रूज मिसाइलों और बैलिस्टिक मिसाइलों सहित कई प्रकार के लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। यह एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करके उन्हें निशाना बना सकता है और अपनी हाई मोबिलीटी और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाना जाता है। एस-400 के आने से भारत की वायु रक्षा क्षमता बढ़ गई है। अपाचे हेलीकॉप्टर मोदी सरकार में ही भारत ने 22 AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का कॉन्ट्रैक्ट किया जिसकी डिलीवरी 2019 में शुरू हुई। अपाचे एक बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और इसे अपनी तरह का सबसे अडवांस हेलीकॉप्टर माना जाता है। यह अत्याधुनिक हथियारों से लैस है और हवाई हमले, एंटी-आर्मर और नजदीकी हवाई सपोर्ट सहित विभिन्न अभियानों में प्रदर्शन कर सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायुसेना को स्ट्रैटिजिक एयर सपोर्ट, टोही और युद्धक्षेत्र प्रबंधन के मामले में महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है। सीएच-47एफ (आई) चिनूक परिवहन हेलीकॉप्टर मोदी सरकार ने अमेरिका से 15 सीएच-47एफ (आई) चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे और डिलीवरी 2019 में शुरू हुई। चिनूक एक भारी-भरकम ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर है जो सैनिकों, तोपखाने, रसद और उपकरण ले जा सकता है। यह खासकर ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपने शानदार प्रदर्शन, असाधारण लिफ्टिंग और मोबिलिटी के लिए जाना जाता है। चिनूक भारतीय सशस्त्र बलों की रसद क्षमताओं को हाई लेवल पर ले जाता है। इससे खासकर चुनौतीपूर्ण इलाकों और बहुत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तेजी से तैनाती और गतिशीलता सुनिश्चित होती है। 2. डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता मोदी सरकार डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप मॉडल लेकर आई। इसका लक्ष्य रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना है, खासकर पनडुब्बी और लड़ाकू विमान जैसे क्षेत्रों में। सरकार ने नए डिफेंस इंडस्ट्री लाइसेंस चाहने वाली कंपनियों के लिए रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को ऑटोमेटिक रूट से 74% और सरकार की मंजूरी से 100% तक बढ़ा दिया है। इससे भारतीय सेना को मॉडर्न टेक्नॉलजी मिलने की अपार संभावनाएं पैदा हुई हैं। मोदी सरकार ने डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के लिए देश में दो डिफेंस कॉरिडोर भी बनाए हैं। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में बने इन डिफेंस कॉरिडोर्स में न कवेल डिफेंस इंडस्ट्री के आधार बल्कि आर्थिक विकास के इंजन भी बनने की क्षमता है। रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' पहल आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पहल से भूमि प्रणालियों, नौसैनिक जहाजों, विमानों और मिसाइल प्रणालियों सहित विभिन्न श्रेणियों में विभिन्न रक्षा उत्पादों के विकास और उत्पादन को बढ़ावा मिला है। यहां 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत बनाए गए या बनाए जा रहे कुछ प्रमुख उत्पादों पर एक नजर डालते हैं। वायु सेना को मिली हवा की ऊंचाई तेजस हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए): तेजस एलसीए का विकास और शामिल होना लड़ाकू विमान उत्पादन में आत्मनिर्भरता की भारत की खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। विमान को विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जाने और बहुमुखी वायु युद्ध प्रदर्शन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू विमान है, जिसे भारतीय वायु सेना और नौसेना के लिए डिजाइन किया गया है। यह अपनी फूर्ति, एडवांस एवियोनिक्स और क्षमताओं के लिए जाना जाता है। सरकार ने भारतीय वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तेजस के कई वेरिएंट के ऑर्डर दिए हैं। ड्रोन और यूएवी: रक्षा अभियानों में निगरानी, ​​टोही और टार्गेटेड अप्लीकेशन के लिए विभिन्न ड्रोन और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का विकास देश में ही हो रहा है। ​ग्राउंड सिस्टम्स में सुधार अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी): स्वदेशी रूप से विकसित टैंक, अर्जुन एमबीटी एक अत्याधुनिक लड़ाकू वाहन है। इसके नवीनतम संस्करण अर्जुन एमके-1ए में अडवांस कवच और सिस्टम हैं। भारत रक्षक: एक स्वदेशी पैदल सेना लड़ाकू वाहन है जिसे बैलिस्टिक खतरों और युद्धक्षेत्र की स्थितियों से सुरक्षा के साथ पैदल सैनिकों को मोबिलिटी मुहैया करने के लिए डिजाइन किया गया है। तोपखाने को मजबूती: मोदी सरकार में भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए तोपखानों के अडवांस्ड सिस्टम शामिल किए हैं। अमेरिका की एम777 हॉवित्जर और दक्षिण कोरिया की साझेदारी के साथ बने के9 वज्र-टी स्वचालित तोपखाने बंदूक इस पहल का हिस्सा हैं। ब्रह्मोस ने मचाया धमाल ब्रह्मोस मिसाइल: यह भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से बनी ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका विकास और उत्पादन भारत में महत्वपूर्ण स्वदेशी घटकों के साथ किया जा रहा है। आकाश मिसाइल सिस्टम: यह रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। नौसेना को मिली ताकत स्वदेशी विमान वाहक (IAC) - INS विक्रांत: भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, जिसे मिग-29के लड़ाकू विमानों, कामोव-31 हेलीकॉप्टरों और अन्य विमानों को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमताओं में जबर्दस्त इजाफा करता है। भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, भारतीय नौसेना की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना जहाज निर्माण और समुद्री सुरक्षा में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रतीक है। वाहक को मिग-29के लड़ाकू विमानों, कामोव-31 हेलीकॉप्टरों और अन्य विमानों को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो शक्ति प्रक्षेपण और समुद्री नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियां: प्रोजेक्ट 75 के हिस्से के रूप में इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस से टेक्नॉलजी ट्रांसफर के साथ भारत में किया जा रहा है। ये एडवांस डीजल-इलेक्ट्रिक हमलावर पनडुब्बियां हैं। इन पनडुब्बियों का निर्माण मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में किया जा रहा है। प्रोजेक्ट 75(आई) प्रोजेक्ट 75 का फॉलो अप है, जिसका लक्ष्य स्वदेशी रूप से छह अडवांस स्टील्थ पनडुब्बियों का निर्माण करना है। यह परियोजना भारतीय नौसेना की पानी के भीतर युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण है। प्रॉजेक्ट 17ए फ्रिगेट्स: 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत देश के शिपयार्डों में अडवांस स्टील्थ सुविधाओं के साथ फ्रिगेट्स का नया संस्करण तैयार किया जा रहा है। विध्वंसक और युद्धपोत: विशाखापत्तनम कैटिगरी के विध्वंसक प्रोजेक्ट 15बी का हिस्सा हैं, जो भारत में बनाए जा रहे स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसकों की एक श्रेणी है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और सिस्टम नए सिस्टम्स का अपग्रेडेशन: सशस्त्र बल उभरते खतरों का मुकाबला करने और तकनीकी श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए अपनी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताओं को उन्नत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। परियोजनाओं में सेना, नौसेना और वायु सेना में नए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों को शामिल करना शामिल है, जो व्यापक इलेक्ट्रॉनिक रक्षा और निगरानी क्षमता प्रदान करते हैं। अडवांस रडार सिस्टम: निगरानी, ​​ट्रैकिंग और अग्नि नियंत्रण सहित सशस्त्र बलों में विभिन्न उपयोगों के लिए स्वदेशी रडार सिस्टम का विकास हो रहा है। कम्युनिकेशन सिस्टम: रक्षा इकाइयों के बीच रियल टाइम को-ऑर्डिनेशन और सूचना साझा करने के लिए सुरक्षित और एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम का स्वदेशी विकास हो रहा है।
अयोध्या: अयोध्या में सदियों की प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्रीराम (Prabhu Shri Ram) आ गए हैं. 22 जनवरी (सोमवार) को राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में श्रीरामलला अपनी भव्यता और दिव्यता के साथ विराजमान हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मुख्य यजमान के रूप में पूरे विधि-विधान के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Pran Pratistha)की. प्राण प्रतिष्ठा की विधि 12 बजकर 5 मिनट पर शुरू हुई, जो 1 घंटे से ज्यादा समय तक चली. आज हमारे राम आ गए हैं! सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गये हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को, बहुत-बहुत बधाई। मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूँ। कितना कुछ कहने को है... लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है, चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है, अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है इसकी अनुभूति, देश के, विश्व के, कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। ये क्षण अलौकिक है। ये पल पवित्रतम है। ये माहौल, ये वातावरण, ये ऊर्जा, ये घड़ी... प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। 22 जनवरी, 2024, ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं। ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। निर्माण कार्य देख, देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हो रहा राष्ट्र, अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र, ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। और ये कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज दिन-दिशाएँ... दिग-दिगंत... सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। ये समय, सामान्य समय नहीं है। ये काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रहीं अमिट स्मृति रेखाएँ हैं। साथियों, हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहाँ पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए, मैं रामभक्त हनुमान और हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूँ। मैं माता जानकी, लक्ष्मण जी, भरत-शत्रुघ्न, सबको नमन करता हूं। मैं पावन अयोध्या पुरी और पावन सरयू को भी प्रणाम करता हूँ। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूँ कि जिनके आशीर्वाद से ये महान कार्य पूरा हुआ है... वे दिव्य आत्माएँ, वे दैवीय विभूतियाँ भी इस समय हमारे आस-पास उपस्थित हैं। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी कृतज्ञता पूर्वक नमन करता हूँ। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गयी होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है, प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। मेरे प्यारे देशवासियों, त्रेता में राम आगमन पर तुलसीदास जी ने लिखा है- प्रभु बिलोकि हरषे पुरबासी। जनित वियोग बिपति सब नासी। अर्थात्, प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए। लंबे वियोग से जो आपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया। उस कालखंड में तो वो वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के तो संविधान में, उसकी पहली प्रति में, भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना। साथियों, आज गाँव-गाँव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। पूरा देश आज दीवाली मना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से धनुषकोडि में रामसेतु के आरंभ बिंदु अरिचल मुनाई पर था। जिस घड़ी प्रभु राम समुद्र पार करने निकले थे वो एक पल था जिसने कालचक्र को बदला था। उस भावमय पल को महसूस करने का मेरा ये विनम्र प्रयास था। वहां पर मैंने पुष्प वंदना की। वहां मेरे भीतर एक विश्वास जगा कि जैसे उस समय कालचक्र बदला था उसी तरह अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा। अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। चाहे वो नासिक का पंचवटी धाम हो, केरला का पवित्र त्रिप्रायर मंदिर हो, आंध्र प्रदेश में लेपाक्षी हो, श्रीरंगम में रंगनाथ स्वामी मंदिर हो, रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर हो, या फिर धनुषकोडि... मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। सागर से सरयू तक, हर जगह राम नाम का वही उत्सव भाव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम, भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। हम भारत में कहीं भी, किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी, और यही भाव सब जगह मिलेगा। इससे उत्कृष्ट, इससे अधिक, देश को समायोजित करने वाला सूत्र और क्या हो सकता है? मेरे प्यारे देशवासियों! मुझे देश के कोने-कोने में अलग-अलग भाषाओं में रामायण सुनने का अवसर मिला है, लेकिन विशेषकर पिछले 11 दिनों में रामायण अलग-अलग भाषा में, अलग-अलग राज्यों से मुझे विशेष रूप से सुनने का सौभाग्य मिला। राम को परिभाषित करते हुये ऋषियों ने कहा है- रमन्ते यस्मिन् इति रामः॥ अर्थात्, जिसमें रम जाया जाए, वही राम है। राम लोक की स्मृतियों में, पर्व से लेकर परम्पराओं में, सर्वत्र समाये हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। और ये रामरस, जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। प्राचीन काल से भारत के हर कोने के लोग रामरस का आचमन करते रहे हैं। रामकथा असीम है, रामायण भी अनंत हैं। राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, सब जगह एक समान हैं। प्रिय देशवासियों, आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनके कार्यों और समर्पण की वजह से आज हम ये शुभ दिन देख रहे हैं। राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है। उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत संत महात्माओं के हम सब ऋणी हैं। साथियों, आज का ये अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का क्षण भी है। हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। ऐसे देशों ने जब भी अपने इतिहास की उलझी हुई गांठों को खोलने का प्रयास किया, उन्हें सफलता पाने में बहुत कठिनाई आई। बल्कि कई बार तो पहले से ज्यादा मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। लेकिन हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है, वो ये बताती है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से बहुत सुंदर होने जा रहा है। वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम मंदिर समाज के हर वर्ग को एक उज्जवल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है। मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा... आईये, आप महसूस कीजिए, अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए। राम आग नहीं है, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं। साथियों, आज जिस तरह राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के इस आयोजन से पूरा विश्व जुड़ा हुआ है, उसमें राम की सर्वव्यापकता के दर्शन हो रहे हैं। जैसा उत्सव भारत में है, वैसा ही अनेकों देशों में है। आज अयोध्या का ये उत्सव रामायण की उन वैश्विक परम्पराओं का भी उत्सव बना है। रामलला की ये प्रतिष्ठा ‘वसुधैव कुटुंबकम्' के विचार की भी प्रतिष्ठा है। साथियों, आज अयोध्या में, केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। ये श्रीराम के रूप में साक्षात् भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास की भी प्राण प्रतिष्ठा है। ये साक्षात् मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है। इन मूल्यों की, इन आदर्शों की आवश्यकता आज सम्पूर्ण विश्व को है। सर्वे भवन्तु सुखिन: ये संकल्प हम सदियों से दोहराते आए हैं। आज उसी संकल्प को राममंदिर के रूप में साक्षात् आकार मिला है। ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं। राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं। राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं। राम नेति भी हैं। राम नीति भी हैं। राम नित्यता भी हैं। राम निरंतरता भी हैं। राम विभु हैं, विशद हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। और इसलिए, जब राम की प्रतिष्ठा होती है, तो उसका प्रभाव वर्षों या शताब्दियों तक ही नहीं होता। उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है। महर्षि वाल्मीकि ने कहा है- राज्यम् दश सहस्राणि प्राप्य वर्षाणि राघवः। अर्थात, राम दस हजार वर्षों के लिए राज्य पर प्रतिष्ठित हुए। यानी हजारों वर्षों के लिए रामराज्य स्थापित हुआ। जब त्रेता में राम आए थे, तब हजारों वर्षों के लिए रामराज्य की स्थापना हुई थी। हजारों वर्षों तक राम विश्व पथप्रदर्शन करते रहे थे। और इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, आज अयोध्या भूमि हम सभी से, प्रत्येक रामभक्त से, प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है। श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया...अब आगे क्या? सदियों का इंतजार तो खत्म हो गया...अब आगे क्या? आज के इस अवसर पर जो दैव, जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, हमें देख रही हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं, कदापि नहीं। आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हज़ार वर्ष बाद की पीढ़ी, राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है। हमें आज से, इस पवित्र समय से, अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर अब हम सभी देशवासी, यहीं इस पल से समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार, ‘मानस के साथ ही जनमानस' में भी हों, यही राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है। साथियों, आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हमारी चेतना का विस्तार... देव से देश तक, राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। हनुमान जी की भक्ति, हनुमान जी की सेवा, हनुमान जी का समर्पण, ये ऐसे गुण हैं जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के ये भाव, समर्थ-सक्षम,भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेंगे। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार ! दूर-सुदूर जंगल में कुटिया में जीवन गुजारने वाली मेरी आदिवासी मां शबरी का ध्यान आते ही, अप्रतिम विश्वास जागृत होता है। मां शबरी तो कबसे कहती थीं- राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगा। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार! हम सब जानते हैं कि निषादराज की मित्रता, सभी बंधनों से परे है। निषादराज का राम के प्रति सम्मोहन, प्रभु राम का निषादराज के लिए अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं। प्रत्येक भारतीय में अपनत्व की, बंधुत्व की ये भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार! साथियों, आज देश में निराशा के लिए रत्तीभर भी स्थान नहीं है। मैं तो बहुत सामान्य हूं, मैं तो बहुत छोटा हूं, अगर कोई ये सोचता है, तो उसे गिलहरी के योगदान को याद करना चाहिए। गिलहरी का स्मरण ही हमें हमारी इस हिचक को दूर करेगा, हमें सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की अपनी ताकत होती है, अपना योगदान होता है। और सबके प्रयास की यही भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार! साथियों, लंकापति रावण, प्रकांड ज्ञानी थे, अपार शक्ति के धनी थे। लेकिन जटायु जी की मूल्य निष्ठा देखिए, वे महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें भी पता था कि वो रावण को परास्त नहीं कर पाएंगे। लेकिन फिर भी उन्होंने रावण को चुनौती दी। कर्तव्य की यही पराकाष्ठा समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार है। और यही तो है, देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। आइए, हम संकल्प लें कि राष्ट्र निर्माण के लिए हम अपने जीवन का पल-पल लगा देंगे। रामकाज से राष्ट्रकाज, समय का पल-पल, शरीर का कण-कण, राम समर्पण को राष्ट्र समर्पण के ध्येय से जोड़ देंगे। मेरे देशवासियों, प्रभु श्रीराम की हमारी पूजा, विशेष होनी चाहिए। ये पूजा, स्व से ऊपर उठकर समष्टि के लिए होनी चाहिए। ये पूजा, अहम से उठकर वयम के लिए होनी चाहिए। प्रभु को जो भोग चढ़ेगा, वो विकसित भारत के लिए हमारे परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रसाद भी होगा। हमें नित्य पराक्रम, पुरुषार्थ, समर्पण का प्रसाद प्रभु राम को चढ़ाना होगा। इनसे नित्य प्रभु राम की पूजा करनी होगी, तब हम भारत को वैभवशाली और विकसित बना पाएंगे। मेरे प्यारे देशवासियों, ये भारत के विकास का अमृतकाल है। आज भारत युवा शक्ति की पूंजी से भरा हुआ है, ऊर्जा से भरा हुआ है। ऐसी सकारात्मक परिस्थितियां, फिर ना जाने कितने समय बाद बनेंगी। हमें अब चूकना नहीं है, हमें अब बैठना नहीं है। मैं अपने देश के युवाओं से कहूंगा। आपके सामने हजारों वर्षों की परंपरा की प्रेरणा है। आप भारत की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं...जो चांद पर तिरंगा लहरा रही है, जो 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करके, सूर्य के पास जाकर मिशन आदित्य को सफल बना रही है, जो आसमान में तेजस... सागर में विक्रांत...का परचम लहरा रही है। अपनी विरासत पर गर्व करते हुए आपको भारत का नव प्रभात लिखना है। परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता, दोनों ही पथ पर चलते हुए भारत, समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा। मेरे साथियों, आने वाला समय अब सफलता का है। आने वाला समय अब सिद्धि का है। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का, ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का! ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। ये भारत का समय है और भारत अब आगे बढ़ने वाला है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। हम सब ने इस युग का, इस कालखंड का इंतजार किया है। अब हम रुकेंगे नहीं। हम विकास की ऊंचाई पर जाकर ही रहेंगे। इसी भाव के साथ रामलला के चरणों में प्रणाम करते हुए आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। सभी संतों के चरणों में मेरे प्रणाम। सियावर रामचंद्र की जय। सियावर रामचंद्र की जय। सियावर रामचंद्र की जय।
मुंबई,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज अटल सेतु का उद्घाटन किया। यह ब्रिज मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ेगा। इससे दो घंटे की दूरी सफर 20 मिनट में पूरा होगा। दिसंबर 2016 में मोदी ने इस पुल की आधारशिला रखी थी। पुल की कुल लागत 17 हजार 843 करोड़ रुपए है। 21.8 किलोमीटर लंबे सिक्स लेन वाले ब्रिज को मुंबई ट्रांस हार्बर सी-लिंक (MTHL) भी कहा जाता है। पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र पर है, जबकि 5.5 किलोमीटर का हिस्सा जमीन पर है। इस पुल की क्षमता रोजाना 70 हजार वाहनों की है। फिलहाल ब्रिज से रोज करीब 50 हजार वाहनों के गुजरने का अनुमान है। MTHL की वेबसाइट के मुताबिक, पुल के उपयोग से हर साल एक करोड़ लीटर ईंधन की बचत होने का अनुमान है। यह रोजाना 1 करोड़ EV से बचने वाले ईंधन के बराबर है। इसके अलावा प्रदूषण के स्तर में कमी आने से लगभग 25 हजार 680 मैट्रिक टन CO2 उत्सर्जन भी कम होगा। पुल को बनाने में 1.78 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है। ब्रिज पर 400 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। पक्षियों और समुद्री जीवों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर साउंड बैरियर और एडवांस लाइटिंग की गई है। ब्रिज की लाइफ 100 साल होगी। मुंबई और नवी मुंबई के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी अभी तक मुंबई से नवी मुंबई जाने के लिए वाशी मार्ग होते हुए सानपाड़ा हाईवे से गुजरना पड़ता था। इससे यात्रा में कम से कम 2 घंटे लगते थे, लेकिन अटल सेतु की वजह से यह यात्रा अब 20 मिनट में पूरी हो जाएगी। इसके अलावा मुंबई से पुणे, गोवा और साउथ इंडिया जाने के लिए भी कम समय लगेगा। अटल सेतु सेवरी मडफ्लैट्स, पीर पाउ ​​जेट्टी और ठाणे क्रीक चैनलों के ऊपर से गुजरेगा। यह मुंबई में सेवरी को नवी मुंबई में चिरले से जोड़ेगा। सेवरी छोर पर, MTHL सेवरी-वर्ली एलिवेटेड कॉरिडोर और ईस्टर्न फ्रीवे से जुड़ने के लिए तीन-स्तरीय इंटरचेंज की सुविधा प्रदान करेगा। नवी मुंबई छोर पर, पुल का शिवाजी नगर और चिरले में इंटरचेंज होगा। नवी मुंबई की ओर MTHL की कनेक्टिविटी 3 जगहों पर: पहला- नवी मुंबई की तरफ शिवाजी नगर इंटरचेंज, दूसरा- कोस्टल रोड के साथ शिवाजी नगर इंटरचेंज, तीसरा- नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT)। जसाई के पास SH-54 पर रैंप: यह पनवेल को उरण स्टेट हाईवे (SH-54) से कनेक्ट करेगी। जसाई के पास नेशनल हाईवे 4बी पर इंटरचेंज- यह इंटरचेंज पनवेल, उरण और JNPT को कनेक्ट करेगी। बाइक-रिक्शा बैन, 4 व्हीलर की मैक्सिमम स्पीड 100 KMPH लोगों की सुरक्षा को देखते हुए कुछ जरूरी गाइडलाइन भी जारी की गई हैं। इसके तहत ब्रिज पर मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, ऑटो और ट्रैक्टर नहीं चलेंगे। फोर-व्हीलर, मिनी बस और टू-एक्सेल व्हीकल की मैक्सिमम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। ब्रिज की चढ़ाई और उतार पर स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। पुल पर एक तरफ का टोल 250 रुपए प्रति कार तय किया गया है। वहीं दोनों तरफ का टोल 375 रुपए प्रति कार होगा। मासिक पास टोल राशि का 50 गुना होगा। पुल के 8.5 KM तक के हिस्से में नॉएज बैरियर लगाया गया पुल का निर्माण समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर किया गया है। इसके लिए समुद्र तल में 47 मीटर तक गहरी खुदाई करनी पड़ी। पुल के आसपास भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC), ONGC और JNPT जैसे संवेदनशील एरिया हैं। इसे देखते हुए पुल के 8.5 KM तक के हिस्से में नॉएज बैरियर और 6 किलोमीटर के हिस्से में साइड बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा पक्षियों और समुद्री जीवों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर साउंड बैरियर और एडवांस लाइटिंग की गई है। 5 हजार से ज्यादा मजदूरों और इंजीनियरों ने रोज काम किया पुल के बारे में पहली बार 1962 में स्टडी की गई थी। 1994 में इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाई गई। हालांकि यह इसके बाद भी प्रोजेक्ट का काम अटका रहा। 2006 में इसका टेंडर जारी किया गया, लेकिन काम नहीं हाे पाया। 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल की आधारशिला रखी। 2017 में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) और जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (JICA) के साथ एग्रीमेंट साइन किया। अप्रैल 2018 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। डेडलाइन अगस्त 2023 तय की गई। प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए औसतन रोज 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने काम किया। पुल के निर्माण के दौरान 7 मजदूरों की जान भी गई।
नई दिल्ली,तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा में पास हो गए हैं। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इसे पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी। सशस्त्र विद्रोह करने और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर जेल बिल पर लोकसभा में अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों का बनाया राजद्रोह कानून, जिसके चलते तिलक, गांधी, पटेल समेत देश के कई सेनानी कई बार 6-6 साल जेल में रहे। वह कानून अब तक चलता रहा। मैंने राजद्रोह की जगह उसे देशद्रोह कर दिया है। क्योंकि अब देश आजाद हो चुका है, लोकतांत्रिक देश में सरकार की आलोचना कोई भी कर सकता है। अगर कोई देश की सुरक्षा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। अगर कोई सशस्त्र विरोध करता है, बम धमाके करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी, उसे आजाद रहने का हक नहीं, उसे जेल जाना ही पड़ेगा। कुछ लोग इसे अपनी समझ के कपड़े पहनाने की कोशिश करेंगे, लेकिन मैंने जो कहा उसे अच्छी तरह समझ लीजिए। देश का विरोध करने वाले को जेल जाना होगा। बच्ची से रेप के दोषी को फांसी की सजा पहले रेप की धारा 375, 376 थी, अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है। गैंगरेप को भी आगे रखा गया है। बच्चों के खिलाफ अपराध को भी आगे लाया गया है। मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है। 18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल। गैर इरादतन हत्या को कैटेगिरी में बांटा प्रस्तावित कानून में गैर इरादतन हत्या को दो हिस्सों में बांटा गया है। अगर गाड़ी चलाते वक्त हादसा होता है, फिर आरोपी अगर घायल को पुलिस स्टेशन या अस्पताल ले जाता है तो उसे कम सजा दी जाएगी। हिट एंड रन केस में 10 साल की सजा मिलेगी। मॉब लिंचिंग में फांसी की सजा होगी। स्नैचिंग के लिए कानून नहीं था, अब कानून बन गया है। किसी के सिर पर लाठी मारने वाले को सजा तो मिलेगी, इससे ब्रेन डेड की स्थिति में आरोपी को 10 साल की सजा मिलेगी। पुलिस की जवाबदेही तय होगी शाह ने कहा- नए कानून में अब पुलिस की भी जवाबदेही तय होगी। अब कोई गिरफ्तार होगा तो पुलिस उसके परिवार को जानकारी देगी। पहले यह जरूरी नहीं था। किसी भी केस में 90 दिनों में क्या हुआ, इसकी जानकारी पुलिस पीड़ित को देगी। आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल होगा देश में कई केस लटके हुए हैं, बॉम्बे ब्लास्ट जैसे केसों के आरोपी पाकिस्तान जैसे देशों में छिपे हैं। अब उनके यहां आने की जरूरत नहीं है। अगर वे 90 दिनों के भीतर कोर्ट के सामने पेश नहीं होते हैं तो उसकी गैरमौजूदगी में ट्रायल होगा। आधी सजा काटने पर मिल सकती है रिहाई गंभीर मामलों में आधी सजा काटने के बाद रिहाई मिल सकती है। जजमेंट सालों तक नहीं लटकाया जा सकता। मुकदमा समाप्त होने के बाद जज को 43 दिन में फैसला देना होगा। निर्णय देने के 7 दिन के भीतर सजा सुनानी होगी। पहले सालों तक दया याचिकाएं दाखिल की जाती थीं। दया की याचिका दोषी ही कर सकता है पहले एनजीओ या कोई संस्थान ऐसी याचिकाएं दाखिल करता था। सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद 30 दिन के भीतर ही दया याचिका दाखिल की जा सकेगी। जो देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा को खतरे में डालकर भय फैलाने का काम करता है, उसे आतंकवादी माना जाएगा। 3 विधेयकों से क्या बदलाव होगा? कई धाराएं और प्रावधान बदल जाएंगे। IPC में 511 धाराएं हैं, अब 356 बचेंगी। 175 धाराएं बदलेंगी। 8 नई जोड़ी जाएंगी, 22 धाराएं खत्म होंगी। इसी तरह CrPC में 533 धाराएं बचेंगी। 160 धाराएं बदलेंगी, 9 नई जुड़ेंगी, 9 खत्म होंगी। पूछताछ से ट्रायल तक वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने का प्रावधान होगा, जो पहले नहीं था। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ट्रायल कोर्ट को हर फैसला अधिकतम 3 साल में देना होगा। देश में 5 करोड़ केस पेंडिंग हैं। इनमें से 4.44 करोड़ केस ट्रायल कोर्ट में हैं। इसी तरह जिला अदालतों में जजों के 25,042 पदों में से 5,850 पद खाली हैं। -CRPC में किसी शिकायत पर एक्शन का कोई समय निर्धारित नहीं था। आप कोई शिकायत देते थे, तो पुलिस उस पर 10 साल बाद भी कार्रवाई कर सकती थी। लेकिन अब तीन दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करनी होगी। -पीड़िता का बयान उसके आवास पर महिला पुलिस अधिकारी के सामने ही दर्ज होगा। -झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा। -गैंगरेप के मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा - छोटे-मोटे अपराधिक मामलों में समरी ट्रायल में तेजी लाई जाएगी। 3 साल तक की सजा वाले मामलों में मजिस्ट्रेट कर सकते हैं समरी ट्रायल -सात साल या उससे अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फोरेंसिक अनिवार्य होगा।
नई दिल्ली,संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर सदन में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब विजिटर्स गैलरी से 2 युवक अचानक नीचे कूद गए। उस समय लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। वे सदन की बेंच पर कूदने लगे। युवकों ने जूते में कुछ स्प्रे छिपा रखा था। उसे निकालकर स्प्रे किया, जिससे सदन में पीला धुआं फैलने लगा। पूरे सदन में अफरा-तफरी का माहौल था। इसके बाद सांसदों ने उसे पकड़ लिया। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने उसे सबसे पहले पकड़ा। कुछ ने दोनों की पिटाई भी की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। इसे देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया। इससे पहले पुरानी संसद की इमारत में 13 दिसंबर, 2001 को 5 आतंकियों ने हमला किया था। इसमें दिल्ली पुलिस के 5 जवान समेत 9 लोगों की मौत हुई थी। कुल 4 लोग थे, दो सदन के अंदर और दो बाहर बताया जा रहा है कि जो दो लोग कार्यवाही के दौरान घुसे, उनमें एक का नाम सागर है। दोनों सांसद विजिटर पास पर सदन में आए थे। वहीं, सदन के बाहर एक महिला और पुरुष ने पीले रंग का धुआं छोड़ा। इनका नाम अमोल और नीलम है। इनके पास से कोई फोन या बैग बरामद नहीं हुआ। बाहर से गिरफ्तार हुए दोनों लोगों का दावा है कि खुद से संसद पहुंचे और उनका किसी संगठन से ताल्लुक नहीं है। नीलम ने नारेबाजी की। कहा, 'तानाशाही नहीं चलेगी। संविधान बचाओ। मणिपुर को इंसाफ दिलाओ। महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा। भारत माता की जय। जय भीम, जय भारत। एक घंटे बाद कार्यवाही फिर शुरू हुई यह घटना दोपहर एक बजे की है। इसके बाद दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई। आते ही लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- अभी हुई घटना सबकी चिंता का विषय है। इसकी जांच जारी है। दिल्ली पुलिस को भी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शुरुआती जांच में वह साधारण धुआं था। डिटेल जांच के नतीजे आने पर सबको इससे अवगत कराया जाएगा। इस मामले पर DMK सांसद टीआर बालू ने सवाल पूछना चाहा, तो स्पीकर ने कहा कि दोनों लोग पकड़ लिए गए हैं। उनके पास मिले सामान को जब्त कर लिया गया है। जो दो लोग सदन के बाहर थे, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2001 में संसद पर हमला हुआ था। आज फिर इसी दिन हमला हुआ है। क्या इससे साबित होता है कि सुरक्षा में चूक हुई है। पन्नू ने दी थी संसद पर हमले की धमकी खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने संसद पर हमले की धमकी दी थी। इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस अलर्ट पर थी। अमेरिका में रहने वाले पन्नू ने वीडियो जारी करके कहा था- हम संसद पर हमले की बरसी वाले दिन यानी 13 दिसंबर या इससे पहले संसद की नींव हिला देंगे। पन्नू ने संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू के साथ एक पोस्टर जारी किया था। पन्नू का वीडियो सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा था- किसी को भी कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जब संसद चलती है, तो हम हाई अलर्ट पर रहते हैं ताकि कोई भी किसी तरह की गड़बड़ी न फैला सके। खगेन मुर्मू ने कहा- मुझे लगा कोई आ रहा है लोकसभा सांसद खगेन मुर्मू ने बताया, 'मैं स्पीच दे रहा था। तभी दाईं तरफ से आवाज आई तो मुझे पता चला कि कोई आ रहा है। सामने की तरफ से सांसद और सिक्योरिटी गार्ड पकड़ो-पकड़ो चिल्लाने लगे। वे हाथ में कुछ लिए थे, जिससे धुआं निकल रहा था। सदन धुएं से भर गया। युवक सीधे स्पीकर की तरफ जा रहे थे। तानाशाही नहीं चलेगी का नारा लगा रहे थे। उस वक्त स्पीकर की कुर्सी पर राजेंद्र अग्रवाल बैठे थे।' सदन में कूदे दोनों युवकों को कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने गैलरी में कूदे शख्स को पकड़ा। इस दौरान उनके हाथ में भी धुएं से निकला पीला रंग लग गया। ओजला ने संसद के बाहर मीडिया को यह बात बताई।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में से 41 श्रमिकों को बीती रात सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। दिवाली के पर्व के दिन टनल का एक हिस्सा ढ़ह जाने से श्रमिक उसी के भीतर फंसे रह गए थे। हालांकि, मजदूरों ने 17 दिनों तक हार नहीं मानी और प्रशासन की कोशिशों से आखिरकार बाहर आ गए। सुरंग से बाहर आए श्रमिकों से पीएम मोदी ने भी फोन पर बातचीत की। श्रमिकों ने पीएम मोदी को कई अहम जानकारियां दी हैं। पीएम मोदी ने दी बधाई पीएम मोदी ने श्रमिकों को फोन पर बधाई दी कि वे सकुशल सुरंग से बाहर आ गए। उन्होंने कहा कि ये केदारनाथ बाबा और बद्रीनाथ भगवान की कृपा है कि सभी सकुशल बार आ गए। पीएम ने कहा कि सबसे बड़ बात है कि श्रमिकों ने एक-दूसरे का हौसला बनाए रखा और हिम्मत नहीं हारी। ये बात काबिले तारीफ है। पीएम ने कहा कि ये मजदूरों और उनके परिवारजनों का पुण्य है कि सभी श्रमिक वापस आए हैं। अंदर क्या करते थे श्रमिक? पीएम मोदी से बात करते हुए श्रमिकों ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग राज्यों का होकर भी एक-दूसरे का ध्यान रखा। उन्हें जो खाना मिलता था वे सभी एक साथ मिलजुल कर खाते थे। श्रमिकों ने बताया कि अंदर फंसे होने के कारण उनके पास कोई काम नहीं था। इसलिए सभी श्रमिक मॉर्निंग वॉक और योगा किया करते थे। श्रमिकों ने उत्तराखंड सरकार और सीएम पुष्कर धामी को धन्यवाद किया। श्रमिकों को सीएम धामी का तोहफा सुरंग में बचाव अभियान के सफल होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कई बड़े ऐलान किए हैं। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सभी 41 श्रमिकों को उत्तराखंड सरकार 1-1 लाख रुपए की राहत राशि देगी। इसके साथ ही वह इन श्रमिकों की कंपनियों से अनुरोध करेंगे कि इन्हें 15 या 30 दिन के लिए बिना तनख्वाह काटे अवकाश भी दिया जाए। मजदूरों के सफल रेस्क्यू पर ​क्या बोला विदेशी मीडिया? बीबीसी ने ऑपरेशन का अपडेट जारी करते हुए कहा, "सुरंग के बाहर, पहले व्यक्ति के सुरंग से बाहर आने की खबर पर जश्न मनाया जा रहा है।" बीबीसी ने अपनी वेबसाइट पर एक फोटो भी अपलोड की, जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सुरंग से बचाए गए पहले मजदूर से मिलते हुए दिखाई दे रहे हैं। 'सुरक्षित निकालने के लिए वेल्डेड पाइपों से बनाया मार्ग' वहीं दूसरी ओर सीएनएन ने बताया, "घटनास्थल के वीडियो फुटेज में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को श्रमिकों से मुलाकात करते हुए देखा जा सकता है। मशीन के टूट जाने के बाद हाथों से खुदाई कर के मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है।' इसी तरह कतर के समाचार चैनल अल-जजीरा की रिपोर्ट में कहा गया, "12 नवंबर को सुरंग धंसने से शुरू हुई कठिन परीक्षा को खत्म करने के बाद बचावकर्मियों ने मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया। मजदूरों को लगभग 30 किमी दूर एक अस्पताल तक पहुंचाने के लिए कई एम्बुलेंस सुरंग के मुहाने पर खड़ी थीं। मजदूरों को वेल्डेड पाइपों से बने मार्ग से बाहर निकाला जा रहा है।" ब्रिटिश अखबार ने लिखा 'मानव की मशीन पर विजय' ब्रिटिश दैनिक 'द गार्जियन' ने बताया कि सिल्कयारा-बारकोट सुरंग के प्रवेश द्वार से स्ट्रेचर पर पहले लोगों के निकलने का नाटकीय दृश्य 400 घंटे से अधिक समय के बाद आया, जिसके दौरान प्रमुख बचाव अभियान में कई बाधाएं, देरी और आसन्न बचाव के झूठे वादे शामिल थे। अखबार ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट में कहा, "मानव श्रम ने मशीनरी पर विजय प्राप्त की। क्योंकि मजदूरों तक पहुंचने के लिए मलबे के अंतिम 12 मीटर मलबे को मैन्युअल रूप से ड्रिल करने में रेस्क्यू टीम कामयाब रही। एक 'एस्केप पैसेज' पाइप डाला गया था, जिससे बचाव दल - व्हील वाले स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने में सक्षम हुए। लंदन स्थित दैनिक 'द टेलीग्राफ' ने अपनी मुख्य खबर में कहा कि सैन्य इंजीनियरों और खनिकों ने एक पेचीदा ऑपरेशन पूरा करने के लिए मलबे के माध्यम से 'रैट हॉल' ड्रिल किया।
हनुमानगढ़। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से 5 दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस सरकार पर जम कर हमला बोला।पाली से पीलीबंगा पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कांग्रेस सरकार के लिए भ्रष्टाचार से बड़ा कुछ नहीं, परिवारवाद ही सब कुछ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके लिए भ्रष्टाचार से बड़ा कुछ नहीं है और वह दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वालों को देखकर आंखों पर पट्टी बांध लेती है। उन्होंने कहा कि महिला विरोधी कांग्रेस कभी महिलाओं का कल्याण और सुरक्षा नहीं कर सकती। मोदी ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने हनुमानगढ़ के स्थानीय मुद्दों को उठाते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर तस्करों पर कार्रवाई होगी। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जलजीवन मिशन में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। गरीबों को लूटने वाले सलाखों के पीछे होंगे। पीएम मोदी ने कहा बॉर्डर के नजदीकी गांव भी विकसित होंगे। हम इन्हें देश के पहले गांव के रूप में विकसित कर रहे हैं। इसके लिए वाइब्रेंट विलेज योजना शुरू की है। इससे हमारे बॉर्डर वाले गांव सुविधाएं और तेजी से पहुंचेंगी। पर्यटन भी बढ़ेगा। उन्होंने यहां सभा से आह्वान किया कि राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनानी है। यहां उन्होंने नारा दिया... कमल चुनेगा राजस्थान। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से वाक्य बुलवाया, विकसित देश खुशहाल किसान, पेपर माफिया की बंद हो दुकान। भ्रष्टाचार का काम तमाम, नशामुक्त भारत बने हमारी पहचान। बहन बेटियों का होगा सम्मान। उन्होंने कहा, 'आज पूरा देश विकसित होने का लक्ष्य हासिल करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है। भारत 21वीं सदी में जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें राजस्थान की भूमिका बहुत बड़ी होगी। इसलिए राजस्थान में ऐसी सरकार जरूरी है जो उसके विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे।' उन्होंने कहा कि हम संत परंपरा और गुरु परंपरा को मानने वाले लोग हैं।सबका साथ,सबका विकास ,सबका विश्वास में आस्था रखते हैं।सबको सम्मान मिले ,यह हमारा निरन्तर प्रयास है। मोदी ने कहा कि 2014 से पहले भी हमारे यहां पदम् पुरस्कार दिए जाते थे।लेकिन ये पदम् सम्मान उन्हें मिलता था ।जिनका सता में बैठे लोगों तक पहुंच थी।आज स्थिति बदली है।गरीब से गरीब सही मायनों में मानवजात और समाज के लिए काम कर रहे लोगों को हम पदम् सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने बढ़ते नशे पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस नशे के तस्करों को बढ़ावा देती है।पुलिस की भी पांचों उंगली घी में हो गई हैं।भाजपा सरकार बनते ही नशे के तस्करों पर ऐसी कार्रवाई करेंगें कि इसे सुन और देखकर और लोग भी कांप जाएंगे। मुफ्त राशन योजना को लेकर उन्होंने कहा कि 80 करोड़ गरीब हिंदुस्तानियों को मुफ्त में राशन देने का पुण्य मुझे आप लोगों की वजह से मिला है।हमने फैसला किया है कि यह योजना दिसंबर में बंद नहीं होगी।अगले पांच साल और जारी रहेगी।मोदी ने कहा कि गहलोत के करीबी मंत्री ने महिलाओं सुर राजस्थान के मर्दों का अपमान किया है।फिर भी उसे टिकट दे दिया गया है।उस मंत्री के पास भी दिल्ली वालों की कई लाल डायरियां हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के लिए लोगों में दिख रहे उत्साह से मैं अभिभूत हूं।राजस्थान में भाजपा सरकार आ रही है और कांग्रेस की विदाई हो रही है।
नई दिल्ली: आज का दिन देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेहद शानदार है। भारत की जीडीपी आज पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकल गई है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। भारत की जीडीपी में पिछले कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि हुई है। 2021 में, भारत की जीडीपी 3.2 ट्रिलियन डॉलर थी, 2022 में, यह बढ़कर 3.6 ट्रिलियन डॉलर हो गई और 2023 में, यह बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर हो गई। इस बीच देश की आर्थिक तरक्की को लेकर सोशल मीडिया पर माहौल काफी खुशनुमा है। देश की इस तरक्की के लिए प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी जा रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिकांश यूजर्स कह रहे हैं कि मोदी हो तो सबकुछ मुमकिन हैं। इसके अलावा देश के दिग्गज बिजनेसमैन, नेता और दिग्गज हस्तियां भी पीएम मोदी की प्रशंसा कर रही है। बिजनेसमैन गौतम अडानी ने एक्स पर पोस्ट किया, 'बधाई हो, भारत। जापान को 4.4 ट्रिलियन डॉलर और जर्मनी को 4.3 ट्रिलियन डॉलर के साथ पछाड़कर भारत वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के मामले में तीसरा सबसे बड़ा देश बनने से पहले अभी दो साल बाकी हैं। तिरंगे की लहर जारी है! जय हिन्द।' केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर पोस्ट किया, 'भारत के लिए यह वैश्विक गौरव का क्षण है क्योंकि हमारी जीडीपी 4 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गई है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए भारत का उदय। नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व वास्तव में अद्वितीय है।' महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस आर्थिक तरक्की के लिए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, गतिशील, दूरदर्शी नेतृत्व ऐसा दिखता है! खूबसूरती से प्रगति कर रहा हमारा नया भारत ऐसा ही दिखता है! मेरे साथी भारतीयों को बधाई क्योंकि हमारा राष्ट्र $4 ट्रिलियन जीडीपी के आंकड़े को पार कर गया है! आपको अधिक शक्ति, आपका अधिक सम्मान, माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी।'
बाड़मेर,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले की बायतु विधानसभा में चुनावी सभा को संबोधित किया। मोदी ने गहलोत सरकार पर राजस्थान में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि लाल डायरी अब बढ़-चढ़कर बोलने लगी है। भ्रष्टाचारियों को सजा दीजिए और कमल का बटन ऐसे दबाइए जैसे उन्हें फांसी दे रहे हों। मोदी ने CM गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को फर्जी बता दे, जब मंत्री महिला अत्याचार पर विधानसभा में कहे कि यह मर्दों का प्रदेश है तो अत्याचारियों के हौसले बुलंद होंगे ही। इन्होंने राजस्थान की मर्दानगी और महिलाओं का अपमान किया है। क्या कोई मर्द इसलिए कहलाता है कि वह महिलाओं की बेइज्जती करे? ये पाप राजस्थान की धरती पर हो रहा है। ऐसे लोगों को सम्मान में और बोनस में टिकट भी दे दी जाती है, कोई परवाह नहीं है। मोदी ने कहा कि राजस्थान में आतंकवाद समर्थक नारे लग रहे हैं, जहां-जहां कांग्रेस आती है, वहां आतंकी, दबंग और दंगाई के हौसले बढ़ते हैं। मुख्यमंत्री 5 साल कुर्सी बचाने में लगे रहे। दिल्ली दरबार अपने नेता की कुर्सी गिराने में लगा रहेगा तो गांव-गांव में ऐसी ही अराजकता फैलेगी। मोदी के भाषण की बड़ी बातें... 1. लाल डायरी पढ़ने के बाद एक भी कांग्रेसी नहीं जीतना चाहिए लाल डायरी को ये लोग फर्जी बताते हैं, लेकिन अब उनके ही अक्षरों के पन्ने बाहर आने लगे हैं। लाल डायरी बढ़-चढ़कर बोल रही है। अब क्या एक भी कांग्रेसी जीतना चा​हिए? कांग्रेस का कोई उम्मीदवार आए तो उससे दो सवाल और पूछें, लाल डायरी का क्या माजरा है, ये किसकी है, पहले तुम मना करते थे, अब इसमें से निकलने लगा है। 2. लॉकर वाला सोना आलू से बना हुआ नहीं लॉकर खुल रहे हैं, लूटा हुआ माल नजर आने लगा है। राजस्थान से भी रुपयों का ढेर और ढेर सारा सोना मिल रहा है। ये सोना आलू से बना हुआ नहीं है। नहीं तो ये जाकर कह देंगे कि हमने आलू से बनाया है। 3. कमल का बटन ऐसे दबाओ कि उनको फांसी दे रहे हो ऐसे लॉकर और भ्रष्टाचार करने वाले लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। सबसे पहली कार्रवाई जनता ही करे। चुनाव में आप कमल का बटन ऐसे दबाओ कि उनको फांसी दे रहे हो। 4. गहलोत मुझे कोस रहे हैं जब मोदी जांच करवा रहा है तो गहलोत साहब मुझे ही कोस रहे हैं। ये कितनी ही गालियां दें, सजा होकर रहेगी। जिन्होंने लूटा है, उन्हें लौटाना पड़ेगा, जेल जाना होगा, उनका हिसाब पक्का होगा और ये काम मुझे करना चाहिए। मोदी की ये गारंटी है, जो कहा है, वो मोदी करके रहेगा। 5. पोलिंग बूथ से कांग्रेस साफ होना चाहिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान से भी कांग्रेस पूरी तरह साफ हो जाएगी। साफ करने का मजा तभी है, जब पोलिंग बूथ से भी कांग्रेस साफ हो जाए। कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के मामले में राजस्थान को सबसे आगे ला दिया है। यहां मासूम बेटियां भी सुरक्षित नहीं हैं, मेरा मिशन बहनों को समस्या से निजात दिलाना है। 6. बहनों के स्वास्थ्य की चिंता की आज भाईदूज है। राजस्थान की बहनों के बीच आया हूं। आप लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है। आपने कभी नहीं कहा, हमने भी चुनावी घोषणा पत्र में नहीं लिखा था, लेकिन आपका भाई बैठा है, इसलिए मुफ्त गैस कनेक्शन देकर धुएं से बचाया। मुझे माता-बहनों की गरिमा और इज्जत की चिंता थी, इसलिए देशभर में करोड़ों शौचालय बनवाए। 7. अनाज के भंडार खोल दिए मेरे देश का कोई व्यक्ति भूखा न सोए, इसके लिए अनाज का भंडार खोल दिया। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया। जब मोदी ने इन्हें मुफ्त अनाज दिया तो ये आशीर्वाद देंगे, ये पुण्य भी आपको मिलेगा, क्योंकि आपने लोकसभा चुनाव में मोदी को वोट दिया। यह आपके एक वोट की ताकत है। हर गरीब को अन्न मिले, आप सबको पुण्य मिले, इसलिए मुफ्त अनाज की योजना को पांच साल आगे बढ़ा दिया। 8. पंजे की आदत कहीं भी हाथ मारने की हो गई है कांग्रेस का पंजा पता नहीं कहां-कहां जाकर लूट करता है। मैं घरों में नल कनेक्शन देने के लिए पैसा भेजता हूं, कांग्रेस के लोग पानी जैसे पुण्य काम में भी पैसे कमाने का काम करते हैं। कहीं भी हाथ मारने की पंजे की आदत हो गई है। बाड़मेर-जैसलमेर में जल जीवन मिशन का काम नहीं हुआ और पेमेंट भी हो गया। 9. दंगों के कारण बार-बार कर्फ्यू से नुकसान हो रहा है राजस्थान में बार-बार दंगे हो रहे हैं, बार-बार कर्फ्यू लग रहा है। इससे लोगों का नुकसान हो रहा है। राजस्थान में आतंकवाद समर्थक नारे लग रहे हैं, जहां-जहां कांग्रेस आती है, वहां आतंकी, दबंग और दंगाई के हौसले क्यों बढ़ते हैं, इसका जवाब है- कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति। 10. आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं कांग्रेस सरकार में आतंकी हमले होते थे तो विदेशों में जाकर कहते थे कि हम पर हमला किया। मदद मांगते थे। हम आतंकियों को घर में घुसकर मारते हैं।
काठमांडू: भारत ने भूकंप प्रभावित नेपाल को रविवार को दवाएं तथा अन्य राहत सामग्री भेजी। पश्चिमी नेपाल में शुक्रवार को भीषण भूकंप आया था, जिसमें 157 से अधिक लोगों की मौत हुई और 160 से अधिक लोग घायल हो गए। भारत ने भारतीय वायुसेना के सैन्य परिवहन विमान से ये राहत सामग्री नेपाल भेजी है। राहत सामग्री की खेप नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने नेपाली अधिकारियों को सौंपी। भारत की इस सहायता की नेपाल ने जमकर तारीफ की है। नेपाली राजदूत ने भारत के इस मदद की जमकर तारीफ की है। जयशंकर ने पड़ोसी पहले की नीति का किया जिक्र भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ''नेपाल के भूकंप प्रभावित इलाकों के लिए आपात राहत सहयोग मुहैया करा रहे हैं। पहले कदम उठाने वाले देश के तौर पर भारत दवाएं और राहत सामग्री भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'पड़ोसी पहले' नीति पर काम कर रहे हैं।'' नेपाली राजदूत ने की तारीफ इसके जवाब में भारत में नेपाली राजदूत डॉ शंकर शर्मा ने लिखा कि भारत ने फर्स्ट रिस्पॉन्डर के तौर पर पश्चिमी नेपाल में भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए 160 मिलियन नेपाली रुपये की एक आपातकालीन सहायता पैकेज भेजा, जिसमें चिकित्सा उपकरण, राहत सामग्री और बहुत कुछ शामिल था। हम वास्तव में जरूरत के समय भारत के समर्थन की सराहना करते हैं। भूकंप के बाद जिंदगी पटरी पर लाने की चुनौती नेपाल में शुक्रवार को आए भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित जाजरकोट जिले के निवासियों को अपने घरों के पुनर्निर्माण और जिंदगी को पटरी पर लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है नेपाल में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 157 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक अन्य घायल हो गए। उत्तर-पश्चिमी नेपाल में हजारों ग्रामीणों ने शनिवार की रात कड़ाके की ठंड में घरों के बाहर बिताई। स्थानीय लोगों ने रात भर खुद को गर्म रखने के लिए अस्थायी आश्रय बनाने के वास्ते प्लास्टिक की चादर और पुराने कपड़ों सहित जो भी सामग्री मिली, उसका उपयोग किया।
वॉशिंगटन: एक अमेरिकी अधिकारी ने ईरान और हिज्‍बुल्‍लाह को आगाह किया है। इस अमेरिकी अधिकारी की तरफ से ईरान को कहा गया है कि अगर हिज्‍बुल्‍लाह, इजरायल के खिलाफ जंग में कूदा और उसकी वजह से संघर्ष में विस्‍तार हुआ तो फिर अमेर‍िका की सेनाएं भी इस युद्ध में शामिल हो जाएंगी। यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब हिज्‍बुल्‍लाह के मुखिया हसन नसरल्‍ला की तरफ से पिछले दिनों भाषण दिया गया था। सात अक्‍टूबर को हमास के इजरायल पर हुए हमले के बाद यह नसरल्‍ला का पहला भाषण था। इसमें उसने इजरायल और अमेरिका को ताना मारा था। अगर हुआ इजरायल पर हमला अमेरिकी अखबार न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स ने राष्‍ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के अधिकारियों के हवाले से जानकारी दी है कि अमेरिका ने तुर्की सहित क्षेत्र में अपने सहयोगियों के जिरए ईरान और हिजबुल्लाह को संदेश भेजा है कि अगर वे इजरायल पर हमला करते हैं तो वह इसमें हस्तक्षेप करने के लिए तैयार है। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी क्षेत्र में अमेरिकी सेनाओं और नागरिक ठिकानों पर हमलों के खिलाफ चेतावनी दी है। टाइम्स के अनुसार, ब्लिंकन ने बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा, 'हमले हो या फिर ईरान के समर्थन वाले आतंकी संगठन की तरफ से आने वाली धमकियां, अमेरिका इसको किसी भी तरह से स्‍वीकार नहीं करेगा। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ईरान के साथ संघर्ष नहीं चाहता है लेकिन वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेगा। हिज्‍बुल्‍लाह चीफ की वॉर्निंग हिज्‍बुल्‍ला के मुखिया नसरल्ला ने एक टेलीविजन भाषण में कहा, 'गाजा और उसके लोगों के खिलाफ चल रहे युद्ध के लिए पूरी तरह से अमेरिका जिम्मेदार है और इजरायल तो उसकी तरफ से एक मोहरा है।' नसरल्‍ला ने इस युद्ध को निर्णायक करार दिया था। उसने कहा था कि हिज्‍बुल्‍लाह को अमेरिकी युद्धपोत से जरा भी डर नहीं लगता है। साथ ही उसने आगाह किया था कि हिज्‍बुल्‍लाह की सेनाएं किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं।उत्तरी सीमाओं पर बढ़ते हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए, इजरायल के मिलिट्री चीफ हर्जी हलेवी ने कहा कि उनकी सेना किसी भी समय जवाबी हमला करने के लिए तैयार है। उनका कहना था कि न सिर्फ गाजा पट्टी में बल्कि सीमाओं पर बेहतर सुरक्षा स्थिति बहाल करने का हमारा स्पष्ट लक्ष्य है। इजरायल किसी भी समय हमला करने के लिए तैयार हैं। सीआईए चीफ इजरायल में इस बीच अमेरिका के सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स इजरायल पहुंच गए हैं। वह यहां मिडिल ईस्ट देशों के नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बर्न्स इजरायल-हमास युद्ध को सुलझाने के लिए मध्य पूर्व के नेताओं के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा शुरू की गई चर्चा को आगे बढ़ाएंगे। ब्लिंकन ने कतर, जॉर्डन और मिस्र के विदेश मंत्रियों सहित कई नेताओं से मुलाकात की थी। वह इराक का भी दौरा कर चुके हैं। बर्न्स हमास के कब्जे से बंधकों को वापस लाने के उपायों पर भी चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली: 26 अक्टूबर 1947... वो तारीख, जिस दिन जम्मू-कश्मीर रियासत भारत संघ में शामिल हुई। इस बात को आज 76 साल पूरे हो चुके हैं, फिर भी लोगों के जहन में आज भी ये घटना रहती है। तमाम अखबारों और किताबों में जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय होने की कहानियां छपती हैं। आज हम भी जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय की कहानी बता रहे हैं, हम बताएंगे कि राजा हरी सिंह को तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसके लिए कैसे मनाया। कश्मीर के भारत के विलय में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस का क्या योगदान था। ये बात हम सबको पता है कि हरी सिंह विभाजन के वक्त न पाकिस्तान के साथ जाना चाहते थे और न ही भारत के साथ। वो कश्मीर को एक स्वतंत्र राज्य बनाना चाहते थे। हरी सिंह हिंदू थे, लेकिन कश्मीर की ज्यादातर आबादी मुस्लिम थी। विभाजन 15 अगस्त 1947 को हुआ और सितंबर आते-आते कश्मीर में पाकिस्तानी घुसपैठ शुरू हो गई। जिन्ना को नहीं पच रही थी कश्मीर की भारत से दोस्ती इधर जेल में बंद शेख अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया। शेख अब्दुल्ला हमेशा मुस्लिम लीग और जिन्ना के विरोधी थे। उनकी रिहाई के बाद पंडित नेहरू से दोस्ती और गहरी होने लगी। ये सब बातें पाकिस्तान और जिन्ना को पच नहीं रही थीं। उसे लगा कि अब कश्मीर भारत में विलय कर लेगा। जैसे-तैसे सितंबर महीना बीता। 22 अक्टूबर आया, और जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी कबायलियों ने हमला बोल दिया। पाकिस्तान से घुसे कबायली लड़ाके तेजी से कश्मीर में आगे बढ़ रहे थे। कश्मीर में कत्लेआम मचा था। ये देखकर महाराजा हरी सिंह ने अपनी रियासत को बचाने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी। महाराजा ने भारत से मांगी मदद हरी सिंह 25 अक्टूबर को श्रीनगर छोड़कर जम्मू पहुंच गए। यहां उन्होंने भारत में शामिल होने का फैसला किया। 26 अक्टूबर को हरी सिंह ने भारत के विलय पत्र 'इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन' पर हस्ताक्षर किए। इसके अगले ही दिन भारतीय सेना श्रीनगर पहुंची और कबायलियों को खदेड़ दिया। अब समूचा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन चुका था। कुछ इतिहासकार ये भी कहते हैं कि हरी सिंह ने श्रीनगर छोड़ने से पहले ही विलय संधि पर हस्ताक्षर कर दिए थे। कश्मीर को भारत में मिलाने में RSS की भूमिका? 15 अगस्त 1947 से ही सरदार पटेल कश्मीर को भारत में विलय कराने की कोशिश में लग गए थे। जो भी कुछ हो सकता था सरदार पटेल ने वो सब किया। लेकिन राजा हरी सिंह को इसके लिए राजी करना इतना आसान नहीं था। अंत में हरी सिंह को मनाने की जिम्मेदारी RSS प्रमुख गोलवलकर को दी गई। कई इतिहारकारों ने इस घटना का जिक्र किया है। वॉल्टर एंडरसन और श्रीधर दामले की किताब ‘द ब्रदरहुड इन सैफ्रन’, पूर्व IAS अरुण भटनागर की किताब ‘इंडियाः शेडिंग द पास्ट’ में महाराजा हरी सिंह और गुरूजी (गोलवलकर) की मुलाकात का विस्तार से वर्णन है। गुरूजी 17 अक्टूबर 1947 को फ्लाइट से श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने 18 अक्टूबर की सुबह महाराज से मुलाकात की। गुरूजी ने महाराजा से भारत में विलय होने की बात कही, तो इसके जवाब में महाराजा ने कहा कि 'मेरी रियासत पाकिस्तान पर निर्भर है। यहां के रास्ते सियालकोट और रावलपिंडी से गुजरते हैं, तो एयरपोर्ट लाहौर में है। भारत से हमारे रिश्ते कहां हैं?' इसके जवाब में गुरूजी ने कहा कि आप हिंदू महाराजा हैं। अगर आप पाकिस्तान में गए, तो आपकी हिंदू प्रजा पर संकट आ सकता है। अगर आप भारत में आएंगे तो ये आपकी प्रजा के हित में होगा। इस मुलाकात में गुरूजी ने महाराजा को साफ शब्दों में ये भी कह दिया था कि वो स्वतंत्र रियासत की कल्पना छोड़ दें। उन्होंने महाराजा को पाकिस्तानी हमले से भी आगाह किया था। फावड़ा लेकर संघ कार्यकर्ताओं ने हटाई थी बर्फ महाराजा और गुरूजी की ये बैठक सफल रही। बैठक के बाद महाराजा ने गुरूजी को पश्मीना शाल तोहफे में दी। महाराजा विलय प्रस्ताव दिल्ली भेजने को तैयार हो गए। लेकिन गुरूजी ये बात जानते थे कि ये सब इतना आसान नहीं होगा। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं से जाते वक्त कहा कि अंतिम क्षण तक जम्मू-कश्मीर की रक्षा करें। इस मुलाकात को हफ्ताभर भी नहीं बीता और कबाइलियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया। महाराजा ने नेहरू से मदद मांगी। कृष्ण मेनन कश्मीर पहुंचे, महाराजा ने विलय संधि पर हस्ताक्षर किए। लेकिन अभी भी कश्मीर से संकट नहीं हटा था। दरअसल, श्रीनगर पहुंचने का एक मात्र विकल्प था हवाई मार्ग, लेकिन सर्दियों का महीना था, एयरपोर्ट पर बर्फ जमी थी, रात में मजदूर मिलना मुश्किल था। एंडरसन और दामले की किताब के अनुसार उस वक्त भी संघ के कई कार्यकर्ता फावड़ा लेकर एयरपोर्ट पहुंचे और बर्फ हटाई। इसके बाद सेना श्रीनगर पहुंची और कबायलियों को खदेड़ा।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने ये मान लिया है कि महुआ मोइत्रा ने उनसे जानकारी लेकर गौतम अडानी के खिलाफ पार्लियामेट में सवाल पूछे। उन्होंने ये भी कहा है कि महुआ मोइत्रा ने मंहंगे गिफ्ट लिए और गौतम अडानी के खिलाफ उनसे सवाल ड्राफ्ट करवाए। बता दें कि कुछ ही दिनों पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने महुआ मोइत्रा पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप लगाया था और लोकसभा स्पीकर से मामले में कार्रवाई की मांग की थी। राहुल गांधी से भी बातचीत हुई दर्शन हीरानंनदानी ने कहा है कि वह 2017 में कोलकाता में बिजनेस सम्मिट के दौरान पहली बार महुआ मोइत्रा से मिले थे। महुआ ने उनके खर्चे पर विदेश यात्राएं भी की। दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि महुआ को पता था कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन अडानी ग्रुप की एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी के साथ लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट करना चाहता है। इसी सूचना के आधार पर उन्होंने कुछ सवाल तैयार किए जिसे संसद में उठाया जा सके। दर्शन ने कहा कि महुआ अक्सर उनसे कई डिमांड रखती थीं जिसे पूरा करना होता था। कई बार उन्हें लगा वो उनका फायदा उठा रही हैं लेकिन वह महुआ को नाराज नहीं कर सकते थे। दर्शन हीरानंदानी ने बताया कि अडानी कंपनीज को लेकर राहुल गांधी से भी महुआ की बातचीत हुई थी। नाम कमाने के लिए पीएम मोदी-अडानी पर निशाना भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया था। उनकी शिकायत को संसद की एथिक्स कमेटी के पास भेजा गया है। अब दर्शन हीरानंनदानी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सांसद महुआ जल्द से जल्द नाम कमाना चाहती थीं। इस कारण उनके दोस्तों ने उन्हें पीएम मोदी पर निजी हमले की सलाह दी। पीएम मोदी के खिलाफ कोई भी इल्जाम नहीं था इसलिए महुआ ने किसी भी तरह से उनकी इमेज को डैमेज करने का फैसला किया। महुआ को लगा कि वो गौतम अडानी के जरिए प्रधानमंत्री मोदी पर अटैक कर सकती हैं क्योंकि दोनों गुजरात से आते हैं। दर्शन ने ये भी माना की महुआ मोइत्रा ने उनसे महंगे गिफ्ट लिए, बंगले का रेनोवेशन करवाया और ट्रैवल के बिल भरवाए। पार्लियामेंट का लॉगिन और पासवर्ड दिया हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने इस बात का भी खुलासा किया कि उन्होंने अडानी के खिलाफ महुआ को जानकारी दी, सवाल लिखकर दिए और वो सवाल महुआ ने संसद में पूछे। इसके अलावा महुआ ने उन्हें अपना पार्लियामेंट का लॉगिन और पासवर्ड तक दे दिया था। हीरानंदानी ने ये भी माना कि महुआ के नाम से उन्होंने अडानी के खिलाफ संसद में सवालों को पोस्ट किया।
पठानकोट हमले के मास्टमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान के सियालकोट की मस्जिद में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। शाहिद लतीफ NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लतीफ पर अज्ञात लोगों ने गोलियां चलाईं। 2 जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे। 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। शाहिद लतीफ आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का एक प्रमुख सदस्य था। उसने ही चारों JeM आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था। लतीफ पर उन आतंकियों में भी शामिल होने का आरोप है, जिन्होंने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को अगवा किया था। भारत में गिरफ्तार हो चुका शाहिद लतीफ लतीफ को नवंबर 1994 में भारत में गिरफ्तार किया गया था, और मुकदमा चलाया गया था। भारत में सजा पूरी होने के बाद 2010 में उसे वाघा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था। NIA के मुताबिक लतीफ 2010 में अपनी रिहाई के बाद पाकिस्तान में जिहादी फैक्ट्री में वापस चला गया था। भारतीय सेना की वर्दी में आए थे हथियारबंद आतंकी एयरबेस पर यह हमला 2 जनवरी 2016 को हुआ था। भारतीय सेना की वर्दी में आए हथियारबंद आतंकियों ने इसे अंजाम दिया था। वे सभी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रावी नदी के रास्ते आए थे। भारतीय इलाके में पहुंचकर आतंकियों ने कुछ गाड़ियां हाईजैक कीं और पठानकोट एयरबेस की ओर बढ़ गए। इसके कैंपस की दीवार कूदकर, लंबी घास से होते हुए उस जगह पहुंचे, जहां सैनिक रहते थे। यहां उनका पहला सामना सैनिकों से हुआ। फायरिंग में चार हमलावर मारे गए और तीन जवान शहीद हो गए। अगले दिन एक IED धमाके में चार और भारतीय सैनिक शहीद हुए। सुरक्षाबलों को यह पक्का करने में तीन दिन लग गए कि हालात पूरी तरह उनके काबू में हैं। ऑपरेशन 4 दिन और 3 रात चला एयरबेस में घुसे आतंकियों ने 2 जनवरी रात 3 बजे हमला किया। अगली शाम तक NSG के जवानों ने 4 आतंकियों को ढेर कर दिया। बाकी बचे 2 आतंकी रुक-रुक कर फायरिंग करते रहे। NSG ने 5 जनवरी को ऑपरेशन खत्म करने की जानकारी दी। ऑपरेशन 4 दिन और 3 रात चला। मुंबई हमले में भी NSG को इतना समय नहीं लगा था। हमले के वक्त रक्षा मंत्री रहे मनोहर पार्रिकर ने खुद एयरबेस पहुंचकर ऑपरेशन के पूरा होने का ऐलान किया था। पूरे ऑपरेशन में 300 NSG कमांडो लगाए गए थे। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अजित डोभाल भी एयरबेस पर पहुंचे थे।
केंद्रीय चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चुनावी तारीखों का ऐलान कर दिया है। आयोग के इस ऐलान के बाद पांचों राज्यों में आदर्श आचार सहिंता भी लागू हो गई है। इसका मतलब यह हुआ है कि अब यहां सरकारें किसी भी नए काम को शुरू नहीं कर पाएंगी। इसके साथ ही सरकार और प्रशासन चुनाव आयोग के हाथ में चला जाएगा। जिलों के डीएम चुनाव अधिकारी बन जाएंगे और इन राज्यों में प्रशासनिक फेरबदल या जिम्मेदारियों में बदलाव भी अब चुनाव आयोग ही करेगा। चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि उनकी और उनकी टीम पिछले 6 महीने से काम कर रही है और हमने सभी पांचो राज्यों कई दौरे के बाद पूरा कार्यक्रम बनाया है। पांचो राज्यों में इन तारीखों को होगा मतदान मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि तेलंगाना, राजस्थान मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक ही चरण में चुनाव होंगे। वहीं नक्सल प्रभावित राज्य छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। मिजोरम में जहां 7 नवंबर को चुनाव होगा तो वहीं तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को वोटिंग होगी और राजस्थान में 23 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं छत्तीसगढ़ में वोटिंग 7 और 17 नवंबर को होगी। इन पांचो राज्यों में मतदान तो अलग-अलग तारीखों को होगा, लेकिन चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को एक साथ ही आएंगे। पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता करेंगे ।वोट चुनाव आयोग ने बताया कि इन पांचो चुनावी राज्यों में मतदान के लिए 1.77 लाख वोटिंग बूथ बनाए गए हैं। इन सभी बूथों की निगरानी कंट्रोल रूम से की जाएगी। तारीखों के ऐलान के साथ ही चुनाव आयोग ने इन चुनावों की तैयारी का विस्तार से ब्यौरा दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें 8.2 करोड़ से ज्यादा पुरुष मतदाता होंगे और 7.5 महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही यहां इस बार 60 लाख से ज्यादा नए मतदाता वोट करेंगे। जिसमे से 23.6 लाख से ज्यादा नई महिला मतदाता हैं। पांच राज्यों में 16.1 करोड़ मतदाता चुनाव आयोग ने बताया है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव में कुल वोटर्स की संख्या 16.14 करोड़ है। इनमें से मिजोरम में 8.52 लाख वोटर्स, छत्तीसगढ़ में 2.03 करोड़ वोटर्स, मध्य प्रदेश में 5.06 करोड़ वोटर्स, राजस्थान में 5.26 करोड़ वोटर्स और तेलंगाना में 3.17 करोड़ वोटर्स हैं। बता दें कि कुल 16.14 करोड़ वोटर्स में 8.2 करोड़ पुरुष व 7.8 करोड़ महिला वोटर्स हैं। कुल 60.2 लाख नए मतदाता जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां के नए मतदाताओं की संख्या भी चुनाव आयोग ने बता दी है। आयोग के मुताबिक, कुल 60.2 लाख मतदाता पहली बार वोट देंगे। इनमें से मिजोरम में 50,611, छत्तीसगढ़ में 7.23 लाख, मध्य प्रदेश में 22.36 लाख, राजस्थान में 22.04 लाख और तेलंगाना में 8.11 लाख पहली बार वोट देने वाले मतदाता हैं। पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र चुनाव आयोग ने बताया कि पांचो राज्यों में कुल 17,734 मॉडल मतदान केंद्र होंगे। जहां 621 मतदान केंद्रों का प्रबंधन पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा 8,192 पीएस पर महिलाएं कमान संभालेंगी। वहीं मध्य प्रदेश में आदिवासियों के लिए आरक्षित वन क्षेत्रों/अभयारण्यों में मतदान केंद्र स्थापित किये जायेंगे। इसके साथ ही मिजोरम में मतदान दल 22 गैर मोटर योग्य पीएस और 19 नदी मतदान केंद्रों से नाव द्वारा पैदल यात्रा करेंगे। अपराधिक उम्मीदवार को टिकट देने का कारण पार्टी को होगा बताना नागरिक ECI के #cVigil ऐप के माध्यम से किसी भी प्रकार की चुनावी कदाचार की रिपोर्ट ECI को कर सकते हैं। हर शिकायत पर 100मिनट में जवाब दिया जाएगा। वहीं अब अपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को तीन बार विज्ञापन देकर अपने अपराधिक रिकॉर्ड के बारे में बताना होगा। इसके साथ ही ऐसे उम्मीदवारों को चुनने के लिए पार्टी को भी कारण बताना होगा। चुनाव आयोग ने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष और प्रलोभन-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए नागरिकों की जागरूकता और सहयोग महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली,पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर तिरंगा फहराया। इस खास अवसर पर पीएम ने देशवासियों को संबोधित भी किया। करीब 90 मिनट के अपने संबोधन के दौरान मोदी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना भी साधा। अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि मैं उन सभी बहादुर दिलों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। इस कालखंड के फैसले हजार साल के स्वर्णिम इतिहास लिखेंगे। मणिपुर घटना का जिक्र पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान मणिपुर में हुई हिंसा का जिक्र किया। मोदी ने कहा, 'मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से शांति बनाए रखी है। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी। देश मणिपुर के साथ है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म से बदल रहा देश मोदी ने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म से देश बदल रहा है। मेरे लाखों हाथ-पैर जो हिंदुस्तान के कोने-कोने में सरकार के हिस्से में काम कर रहे हैं, उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को ट्रांसफॉर्म करने के लिए परफॉर्म करने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। उन्होंने परफॉर्म करके दिखाया। जनता जुड़ गई तो वो ट्रांसफॉर्म होता नजर आ रहा है। लॉन्च होगी विश्वकर्मा योजना पीएम मोदी ने विश्वकर्मा योजना का एलान किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपये से नई ताकत देने के लिए हम आने वाले महीने में विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे। विपक्ष पर निशाना मोदी ने मोदी ने देशवासियों से तीन बुराइयों- भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण के खिलाफ लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये ऐसी चीजें हैं, जो हमारे देश के लोगों की आकांक्षाओं पर सवालिया निशान खड़े करती हैं। हमें भ्रष्टाचार की लड़ाई को आगे बढ़ाना है। भ्रष्टाचार और परिवारवाद ने देश को जकड़कर रखा है। इससे देश का दुर्भाग्य हुआ है। भारत का आकर्षण बढ़ा जी 20 होस्ट करने का भारत को अवसर मिला है। पिछले एक साल से देश के हर कोने में जिस प्रकार से जी 20 के अनेक आयोजन व कार्यक्रम हुए हैं, उसने देश के सामान्य मानवी के सामर्थ्य से दुनिया को ​परिचित करवा दिया है। भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है। विकसित देश होगा भारत पीएम मोदी ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तो देश एक विकसित भारत होगा। मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं। आज देश का सामर्थ्य बढ़ रहा है। पाई-पाई गरीब के लिए खर्च करने वाली सरकार हो, तो परिणाम क्या आता है, वो देखा जा सकता है। मैं 10 साल का हिसाब तिरंगे के नीचे से दे रहा हूं। 15 अगस्त को फिर सामने रखूंगा उपलब्धियां मोदी ने कहा कि 2019 में मेरे काम को देखते हुए आप लोगों ने मुझे फिर आर्शीर्वाद दिया। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा। अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं।
नई दिल्ली। कई माह से देश की राजनीति का केंद्र बने मणिपुर की हिंसा पर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जवाब दिया तो न सिर्फ वहां के नागरिकों को शांति के प्रति आश्वस्त किया, बल्कि पूर्वोत्तर से जुड़ी कांग्रेस की पुरानी गाथा भी सुना डाली। राज्य में उगेगा शांति का सूरजः पीएम मोदी मणिपुर के नागरिकों को आश्वासन दिया कि जिस प्रकार के प्रयास केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे हैं, उससे निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। हम सब मिलकर चुनौती का समाधान निकालेंगे, वहां फिर से शांति की स्थापना होगी। पीएम मोदी का राजनीतिक दलों को दो टूक राजनीतिक दलों को पीएम ने दो टूक संदेश दिया कि राजनीति को जितना दूर रखेंगे, शांति उतना ही करीब आएंगी। वहीं, पूर्वोत्तर के विकास को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए आरोप लगाया कि वहां की समस्याओं की एकमात्र जननी कांग्रेस है। दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हो रहा प्रयास विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उत्तर देते हुए गुरुवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि मणिपुर में अदालत का एक निर्णय आया। उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं, उससे हिंसा का दौर शुरू हो गया। अनेक लोगों ने स्वजन को खोया। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुआ, जो अक्षम्य है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। पीएम मोदी ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथों इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को आड़े हाथों ले लिया। उनका इशारा बुधवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा संसद में दिए गए वक्तव्य 'मणिपुर में भारत माता की हत्या हो रही है..' की ओर था, लेकिन बिना किसी का नाम लिए बोले 14 अगस्त का विभाजन विभीषिका पीड़ादायक दिवस हमारे सामने है। यह वह लोग हैं, जिन्होंने मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए। जब मां भारती की बेडि़यों को काटना था, तब उनकी भुजाएं काट दीं। 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' नारा लगाने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए पहुंच जाते हैं। इंदिरा गांधी को याद कर क्या बोले पीएम मोदी? उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस का इतिहास भारत को छिन्न-भिन्न करने का रहा है। मणिपुर से बात शुरू कर प्रधानमंत्री ने संपूर्ण पूर्वोत्तर पर कांग्रेस को आईना दिखाने का प्रयास किया। इसके लिए उन्होंने तीन घटनाओं का भी उल्लेख किया। पूर्वोत्तर के हालात के लिए कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए बड़ी योजनाओं और विकास कार्यों का उल्लेख भी किया। कहा कि 400 बार हमारे मंत्री और 50 बार वह स्वयं पूर्वोत्तर गए। यह आंकड़ा नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के प्रति उनकी साधना और समर्पण है। वहीं, आरोप लगाया कि जहां इक्कादुक्का सीटें होती थीं, उनके प्रति सौतेला व्यवहार कांग्रेस के डीएनए में रहा है। पूर्वोत्तर के प्रति उनका यही रवैया था। पूर्वोत्तर में समस्याओं की जननती एकमात्र कांग्रेसः पीएम मोदी उन्होंने कहा कि आज मणिपुर की समस्याओं को ऐसे प्रस्तुत किया जा रहा है, जैसे बीते कुछ समय में ही वहां ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं। पूर्वोत्तर की इन समस्याओं की जननी एकमात्र कांग्रेस है। वहां के लोग इसके जिम्मेदार नहीं, बल्कि कांग्रेस की राजनीति जिम्मेदार है।
नई दिल्ली : पीएम मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर चुन-चुन कर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कांग्रेस की तरफ से देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी को निशाने पर लिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान तीन घटनाओं का जिक्र किया। इसमें 1962 के चीन युद्ध के साथ ही 1966 में एयरफोर्स के जरिये मिजोरम पर हमले की बात शामिल थी। पीएम मोदी ने राजीव गांधी के शासनकाल में नेवी के युद्धपोत के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने 1962 से लेकर 1984 के बीच 22 साल के दौरान की तीन घटनाओं का जिक्र कर कांग्रेसी दिग्गजों पर निशाना साधा। अपने नागरिकों पर हमला करवाया 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने अपनी वायु सेना से मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या यह किसी अन्य देश की वायु सेना थी। क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? मिजोरम आज भी उस भयानक दिन का शोक मनाता है। उन्होंने कभी लोगों को सांत्वना देने की कोशिश नहीं की...कांग्रेस ने इस घटना को देश के लोगों से छुपाया। तब श्रीमती इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं... नेहरू का वो संदेश लोगों को आज भी चुभता है' पीएम ने कहा कि दूसरी घटना 1962 की है। उस समय वो खौफनाक रेडियो प्रसारण आज भी शूल की तरह नॉर्थ ईस्ट के लोगों को चुभ रहा है। पंडित नेहरू ने देश के ऊपर चाइना का हमला हुआ था। देश के लोग मदद की अपेक्षा कर रहे थे, उस समय लोग अपने साधनों से लड़ाई लड़ने के लिए तैयार थे। उस समय एकमात्र नेता पंडित नेहरू ने क्या कहा था। उन्होंने असम के लोगों को उनके भाग्य पर छोड़ दिया था। नेहरू की वो बात आज भी असम के लोगों को चुभती है। महात्मा गांधी की तस्वीर लगाने की अनुमति नहीं थी पीएम मोदी ने कहा कि जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुरूप होता था तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? मणिपुर में किसकी सरकार थी जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था?... उनका (विपक्ष) दर्द चयनात्मक है। वे राजनीति से परे सोच ही नहीं पाते। कच्चातिवु क्या है? किसने मां भारती के टुकड़े किए पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? DMK सरकार उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं - मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया। क्या ये मां भारती का हिस्सा नहीं था? ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ।
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष पर तीखे हमले बोले। उन्होंने कहा कि आज भारत तमाम उपलब्धियां हासिल कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस समेत कुछ दलों को भारत की उपलब्धियों पर भी अविश्वास है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के लोगों को सीक्रेट वरदान मिला हुआ है, ये लोग जसका बुरा चाहेंगे, उसकी भलाई ही होगी। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर, एचएएल और एलआईसी का हवाला देते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने इनके खत्म होने की भविष्यवाणी की थी लेकिन ये लगातार मजबूत हो रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में भारत के आत्मविश्वास को तोड़ने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'आज देश में गरीबी तेजी से घट रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 साल में साढ़े 13 करोड़ लोग बाहर आए हैं। आईएमएफ अपने वर्किंग पेपर में लिखा है कि भारत ने अति गरीबी को करीब-करीब खत्म कर दिया है। IMF ने हमारी डीबीटी और सोशल स्कीम को कहा है कि ये लॉजिस्टकल मार्बल है। WHO ने कहा है कि जल जीवन मिशन के जरिए भारत में 4 लाख लोगों की जान बच रही है। ये 4 लाख कौन हैं। मेरे गरीब, पीड़ित, शोषित, वंचित परिवारों के स्वजन हैं। यूनिसेफ ने कहा है कि स्वच्छ भारत अभियान के साथ हर साल गरीबों के 50 हजार करोड़ रुपये बच रहे हैं।' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'भारत की उपलब्धियों पर कांग्रेस समेत कुछ दलों को अविश्वास है।। जो सच्चाई दुनिया को दूर से देखती है वो इनको नहीं दिखता है। अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते हैं। अब जो ये शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है। जो पुरानी सोच वाले लोग होते हैं तो वो कहते हैं कि जब कुछ शुभ होता है, मंगल होता है, कुछ अच्छा होता है तो काला टीका लगा देते हैं। आज देश का जो मंगल हो रहा है, वाहवाही हो रही है, जयजयकार हो रही है तब मैं आपको धन्यवाद देना चाहता हूं कि काले टीके के रूप में काले कपड़े में आकर आपने इस मंगल को भी सुरक्षित रखने का काम किया है, इसलिए भी आपको धन्यवाद।' पीएम मोदी ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा, 'ये ऐसा क्यों करते हैं, सदन में कुछ सीक्रेट बताना चाहता हूं। विपक्ष के लोगों को सीक्रेट वरदान मिला हुआ है। ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे, उसकी भलाई ही होगी। आपको बड़ा सीक्रेट वरदान है जी। मैं तीन उदाहरण से ये सीक्रेट वरदान को सिद्ध कर सकता हूं। इन लोगों ने बैंकिंग सेक्टर के लिए कहा था। देश बर्बाद हो जाएगा न जाने क्या-क्या कहा था। बड़े-बड़े विद्वानों को विदेशों से ले आते थे। ताकि उनकी बात कोई न माने तो उनकी मान ले। जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तो हुआ क्या हमारी सरकारी बैंकों का नेट प्रॉफिट दोगुने से ज्यादा हो गया। एनपीए की बाधा लगा गए थे उसको भी हम पार कर गए हैं।' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'दूसरा उदाहरण, हमारे डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाली सरकारी कंपनी HAL की। ये HAL को लेकर कितनी भली बुरी बातें इन्होंने की थी। क्या कुछ नहीं कहा गया था HAL को लेकर। इसका दुनिया पर असर पड़ता। भारत की डिफेंस इंडस्ट्री खत्म हो चुकी है। जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है। वैसा ही उस समय HAL फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कराकर वीडियो शूट कराया गया था। इतना बुरा चाहा और कहा। वो सीक्रेट आज HAL सफलता की नई बुलंदियों को छू रहा है। HAL ने अबतक का सबसे ज्यादा राजस्व हासिल किया है। आज HAL देश की आन बान और शान बनकर उभरा है। तीसरा उदाहरण, LIC के लिए क्या-क्या कहा गया था गरीबों के पैसे डूब रहे हैं। जितनी उतनी कल्पनाशक्ति थी , जितने उनके दरबारियों ने कागज पकड़ा दिया था, उतना बोल रहे थे। लेकिन आज LIC लगातार मजबूत हो रही है।'
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हो रही चर्चा का आज दूसरा दिन था। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्ष के कई सवालों का जवाब देते हुए मणिपुर हिंसा मामले पर भी बात की। हालांकि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को आज के लिए स्थगित कर दिया गया है। लोकसभा में आज चर्चा के दौरान अमित शाह ने विपक्ष पर खूब निशाना साधा। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि UPA अच्छा नाम था। गठबंधन के नाम को बदलने की क्या आवश्यकता थी। इसके बाद अमित शाह ने यूपीए पर स्कैम्स का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए 12 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार में शामिल है। 'यूपीए 12 लाख करोड़ के घोटाले में शामिल' शाह ने कहा बोफोर्स घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, सीडब्ल्यूजी घोटाला, कोयला घोटाला, आदर्श घोटाला, नेशनल हेराल्ड घोटाला, वाड्रा का डीएलएफ घोटाला, चारा घोटाला में कौन शामिल था? उन्होंने कहा, 'उनके पास गठबंधन का नाम बदलने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। हमें अपना नाम बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। एनडीए ने देश को एक स्थिर सरकार दी है।' आज मणिपुर मामले पर बोलते हुए अमित शाह ने मणिपुर हिंसा को परिस्थिजन्य बताया और कहा कि केंद्र सरकार ने इसपर सख्त एक्शन लिया। मणिुपर पर क्या बोले अमित शाह इस दौरान शाह ने कहा कि 4 मार्च की वायरल वीडियो की घटना शर्मनाक है। लेकिन मॉनसून सत्र के 1 दिन पहले ही वह वीडियो सामने क्यों आया। अगर ये वीडियो जिसने भी फैलाया उसे यह वीडियो पुलिस को देना चाहिए था। जिस दिन यह वीडियो सामने आया उसी दिन 9 लोगों की पहचान कर उन्हें हिरासत में लिया गया। वे लोग अब ट्रायल का सामना कर रहे हैं। शाह ने कहा, 'यह हिंसा परिस्थितिजन्य हिंसा है। बता दें कि आज के लिए राज्यसभा और लोकसभा दोनों की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया है। 10 अगस्त की सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होगी।
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पर निशाना साधा। शाह ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में नई आशा का संचार किया है, जनता को उन पर पूरा भरोसा है तथा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव केवल और केवल भ्रांति खड़ी करने के लिए लाया गया है। शाह ने विपक्षी गठबंधन के चरित्र पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनका असली चेहरा तब सामने आया जब उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया। मोदी ने नारा दिया है, भ्रष्टाचार 'क्विट इंडिया' लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि तीन बुराइयों.. भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण ने भारतीय लोकतंत्र को घेर लिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कामकाज एवं प्रदर्शन की राजनीति से इन्हें खत्म किया। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद यह एक या दूसरे रूप में अभी भी है । उन्होंने कहा कि इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने नारा दिया है, भ्रष्टाचार 'क्विट इंडिया', परिवारवाद 'क्विट इंडिया, तुष्टीकरण 'क्विट इंडिया'। विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का चरित्र है सत्ता के लिए भ्रष्टाचार करना जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का चरित्र है सिद्धांतों के लिए राजनीति करना। अविश्वास की हल्की सी झलक भी नहीं दिखी उन्होंने कहा कि मैं पूरे देश में घूमा हूं, कहीं भी सरकार के खिलाफ अविश्वास की हल्की सी झलक भी नहीं दिखी। मैं इस सदन के माध्यम से पूरे देश की जनता को बताना चाहता हूं कि आजादी के बाद किसी एक नेता में जनता ने सबसे अधिक विश्वास दिखाया है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। गृह मंत्री ने कहा कि अल्पमत का तो सवाल ही नहीं है, क्योंकि जो अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में बोले हैं और जो समर्थन सदन में दिखाई पड़ा है, वो बताता है कि अल्पमत का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता में भी विश्वास है, क्योंकि देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में नई आशा का संचार अगर किसी प्रधानमंत्री और सरकार ने किया है तो वह नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है। नौ साल में 50 से ज्यादा युगांतकारी फैसले उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर कोई सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री है तो वो नरेन्द्र मोदी हैं और यह बात वे नहीं कहते, दुनिया भर के कई सर्वेक्षण कहते हैं।शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने नौ साल में 50 से ज्यादा फैसले ऐसे लिए हैं, जो युगांतकारी फैसले हैं, जो इतिहास के अंदर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा, '' विपक्षी सांसदों का पूरा भाषण सुनने के बाद मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि ये अविश्वास प्रस्ताव केवल और केवल भ्रांति खड़ी करने के लिए लाया गया है, ये प्रजा की इच्छाओं का प्रतिबिंब नहीं है। '' सिद्धातों की राजनीति करता है NDA गृह मंत्री ने कहा कि विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) का चरित्र है- सरकार के सामने अविश्वास प्रस्ताव न लाए, इसलिए वो (मनमोहन सरकार) विश्वास का प्रस्ताव स्वयं लाए और बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, लोकसभा के नियम, कानून, संसदीय परंपराओं को त्यागकर, ऐन-केन प्रकारेण से सत्ता को संभालने और सत्ता पर काबिज रहना ही इनका चरित्र है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन देश में सिद्धांतों की राजनीति को प्रस्थापित करने के लिए राजनीति में हैं, येन-केन-प्रकारेण से सत्ता को बचाने के लिए राजनीति में नहीं हैं। करोड़ों खर्च करके बहुमत खरीदने वाले लोग शाह ने कहा कि मैं देश की जनता को याद कराना चाहता हूं कि एक ओर करोड़ों रुपए खर्च करके बहुमत खरीदने वाले लोग बैठे हैं और दूसरी ओर सिद्धांत के लिए सत्ता छोड़ने वाले लोग बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ 'गरीबी हटाओ' का नारा देती थी, लेकिन करती कुछ नहीं थी, गरीबी हटाने का काम इस सरकार ने किया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि पहले कांग्रेस के ही प्रधानमंत्री कहते थे कि वो एक रुपया भेजते हैं तो गरीबों तक 15 पैसे ही पहुंचते हैं, 85 पैसे गायब हो जाते हैं। उन्होंने कहा, '' हम प्रत्यक्ष नकद अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से पूरा पैसा गरीबों के बैंक खाते में हस्तांतरित करते हैं। 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाले PM शाह ने कहा कि आजादी के बाद एक भी छुट्टी लिए बगैर 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाला अगर कोई प्रधानमंत्री है तो वो नरेन्द्र मोदी हैं। उन्होंने सरकार के कार्यो को उल्लेख करते हुए कहा, '' हमारी सरकार ने पिछले 9 साल में देश की अर्थव्यस्था को 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंचाने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा, '' मुझे पूर्ण भरोसा है कि मोदी जी फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और देखते-देखते 2027 तक देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अर्थतंत्र बन जाएगा।' 'तब जवानों के सिर कटते थे' पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा कि पहले सरहद के उस पार से आतंकवादी घुस जाते थे और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे, कोई जवाब नहीं देता था। उन्होंने कहा कि दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की, तब एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और दूसरी बार एयर स्ट्राइक करके और पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों को खत्म करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया।
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 'जवाहरलाल नेहरू सरकार की भूल' अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त कर दिया गया है तथा अब वहां कोई एक 'कंकड़' भी नहीं फेंक सकता। लोकसभा में शाह ने सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि मोदी सरकार 'न हुर्रियत से बात करेगी, न जमीयत से बात करेगी और न ही पाकिस्तान करेगी, लेकिन अगर बात करनी होगी तो घाटी में युवाओं से करेगी जो हमारे अपने हैं। कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त किया अमित शाह ने कहा कि कश्मीर की समस्या वोटबैंक की राजनीति और समस्या से आंख मूंदने (के रवैये) के चलते थी...मोदी सरकार में हमने कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन लाने वाला और युगांतकारी निर्णय मोदी जी ने किया। धारा 370 जवाहरलाल नेहरू सरकार की भूल थी, लेकिन पांच अगस्त, 2019 को इस संसद ने इसे समाप्त कर दिया। कश्मीर से दो झंडे और दो संविधान चले गए और कश्मीर का संपूर्ण रूप से भारत के साथ जुड़ाव कर दिया गया। किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं शाह के अनुसार कहा गया था कि धारा 370 हटाई गई तो खून की नदियां बह जाएंगी। (आज) किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। यह नरेन्द्र मोदी सरकार है। उन्होंने कांग्रेस का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे ही प्रेरित एनजीओ की रिपोर्ट कहती है कि हुर्रियत से चर्चा करो, जमीयत से चर्चा करो, पाकिस्तान से चर्चा करो। हम न हुर्रियत से चर्चा करेंगे, न जमीयत से चर्चा करेंगे और न ही पाकिस्तान से चर्चा करेंगे। अगर हम चर्चा करेंगे तो घाटी के युवाओं से चर्चा करेंगे वो हमारे अपने हैं। क्या पथराव की घटना टीवी पर दिखाई देती है? शाह ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर आतंकवादियों का जनाजा नहीं निकाला जाता है क्योंकि जो जहां मारा जाता है वहीं दफन किया जाता है। उनका कहना था कि क्या पथराव की घटना टीवी पर दिखाई देती है? नहीं दिखाई देती है क्योंकि पथराव बंद हो गया। उन्होने कहा कि कश्मीर पर शासन किसने किया? तीनों परिवारों ने शासन किया। महबूबा मुफ्ती का परिवार, फारूक अब्दुल्ला का परिवार और गांधी परिवार। लेकिन ये लोग पंचायत चुनाव नहीं करा सके। अमित शाह ने कहा कि पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) देश को तोड़ने और आतंकवाद का बीज बोने का काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि पीएफआई को एक दिन में ही प्रतिबंधित कर दिया गया। तव्वहुर राणा आने वाला है उनका कहना था कि तव्वहुर राणा का मामला (प्रत्यर्पण प्रक्रिया के) आखिरी दौर में है और विश्वास है कि मुंबई हमले के आरोपी को भारत के कानून के दायरे में लाया जाएगा। उनके अनुसार, सरकार ने मादक पदार्थों के मामले में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई गई है। गृह मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार के समय 2006 से 13 के दौरान 768 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई थी, लेकिन मोदी सरकार में 2014 से 2022 के दौरान 18 हजार करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। मोदी नौ साल में 50 से अधिक बार पूर्वोत्तर गए शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद सिमट कर रह गया है। वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसी गई । उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद शुरू हुआ तो वो लोग काठमांडू से तिरुपति का तक सपना देखते थे, लेकिन आज वे छत्तीसगढ़ के तीन जिलों तक सिमट कर रह गए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर को मन के साथ भारत के साथ जोड़ा है। उनका कहना था कि इस सरकार में पूर्वोत्तर के साथ दिल की दूरी कम की है। शाह ने कहा कि कोई प्रधानमंत्री 50 बार पूर्वोत्तर नहीं गया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी नौ साल में 50 से अधिक बार इस क्षेत्र में गए।
नई दिल्‍ली: मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब द‍िया। उन्‍होंने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर कहा क‍ि यह अविश्वास प्रस्ताव ऐसा है जहां न तो लोगों को और न ही सदन को सरकार पर अविश्वास है। इसका उद्देश्य जनता में भ्रांति फैलाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा क‍ि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में कहा गया है कि मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति जवाबदेह है। इसलिए इसी अनुच्छेद 75 को प्रतिबिंबित करने के लिए मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रस्ताव रखा जाता है। 27 अविश्वास प्रस्ताव और 11 विश्वास इस सदन में प्रस्तुत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज‍िक्र कर अम‍ित शाह बोले क‍ि इस सरकार ने भ्रष्‍टाचार, तुष्टिकरण और पर‍िवारवाद को खत्‍म किया है। संसद और लोगों को मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है। अमित शाह ने इस दौरान 24 साल पुराना किस्‍सा भी याद दिलाई। उन्‍होंने कहा कि अटल बिहारी सरकार 1 वोट से गिर गई। लेकिन, सरकार ने कोई समझौता नहीं किया। 1. कश्मीर में अब कोई कंकड़ भी नहीं फेंक सकता कहा कि 'जवाहरलाल नेहरू सरकार की भूल' अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू कश्मीर से आतंकवाद को समाप्त कर दिया गया है तथा अब वहां कोई एक 'कंकड़' भी नहीं फेंक सकता। लोकसभा में शाह ने सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए यह भी कहा कि मोदी सरकार 'न हुर्रियत से बात करेगी, न जमीयत से बात करेगी और न ही पाकिस्तान करेगी, लेकिन अगर बात करनी होगी तो घाटी में युवाओं से करेगी जो हमारे अपने हैं।' शाह ने कहा कि कश्मीर की समस्या वोटबैंक की राजनीति और समस्या से आंख मूंदने (के रवैये) के चलते थी...मोदी सरकार में हमने कश्मीर को आतंकवाद से मुक्त करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन लाने वाला और युगांतकारी निर्णय मोदी जी ने किया। धारा 370 जवाहरलाल नेहरू सरकार की भूल थी, लेकिन पांच अगस्त, 2019 को इस संसद ने इसे समाप्त कर दिया। कश्मीर से दो झंडे और दो संविधान चले गए और कश्मीर का संपूर्ण रूप से भारत के साथ जुड़ाव कर दिया गया। सबसे अधिक धार्मिक और नस्लीय दंगे कांग्रेस के कार्यकाल में अमित शाह ने विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि देश में सबसे ज्यादा धार्मिक और नस्लीय दंगे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के कार्यकाल में हुए। उन्होंने राहुल गांधी पर मणिपुर में जाकर राजनीति करने का भी आरोप लगाया। अमित शाह ने मणिपुर में नस्लीय हिंसा के इतिहास का जिक्र करते हुए यह आरोप लगाया कि 1993 और 1997 में मणिपुर में इससे भी भयानक हिंसा हुई थी। लेकिन, उस समय एक बार सदन में इस पर चर्चा भी नहीं हुई और एक बार चर्चा हुई तो जवाब गृह राज्य मंत्री की तरफ से दिया गया। लेकिन, आज विपक्ष प्रधानमंत्री के जवाब की मांग कर सदन को कई दिनों से चलने नहीं दे रहा है। 3. नौ साल में 50 बार पूर्वोत्तर गए पीएम अमित शाह ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद सिमट कर रह गया है। वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसी गई । उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद शुरू हुआ तो वो लोग काठमांडू से तिरुपति का तक सपना देखते थे, लेकिन आज वे छत्तीसगढ़ के तीन जिलों तक सिमट कर रह गए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर को मन के साथ भारत के साथ जोड़ा है। उनका कहना था कि इस सरकार में पूर्वोत्तर के साथ दिल की दूरी कम की है। शाह ने कहा कि कोई प्रधानमंत्री 50 बार पूर्वोत्तर नहीं गया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी नौ साल में 50 से अधिक बार इस क्षेत्र में गए। 4. विपक्षी गठबंधन को दिखाया आईना शाह ने विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' पर निशाना साधा। शाह ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार ने देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में नई आशा का संचार किया है, जनता को उन पर पूरा भरोसा है तथा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव केवल और केवल भ्रांति खड़ी करने के लिए लाया गया है। शाह ने विपक्षी गठबंधन के चरित्र पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उनका असली चेहरा तब सामने आया जब उन्होंने अपनी सरकार बचाने के लिए भ्रष्टाचार का सहारा लिया। 5. मोदी सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर कोई सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री है तो वो नरेन्द्र मोदी हैं और यह बात वे नहीं कहते, दुनिया भर के कई सर्वेक्षण कहते हैं।शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने नौ साल में 50 से ज्यादा फैसले ऐसे लिए हैं, जो युगांतकारी फैसले हैं, जो इतिहास के अंदर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 7. नौ साल में 5वें नंबर पर पहुंची अर्थव्यवस्था शाह ने कहा कि आजादी के बाद एक भी छुट्टी लिए बगैर 24 घंटे में से 17 घंटे काम करने वाला अगर कोई प्रधानमंत्री है तो वो नरेन्द्र मोदी हैं। उन्होंने सरकार के कार्यो को उल्लेख करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 9 साल में देश की अर्थव्यस्था को 11वें नंबर से 5वें नंबर पर पहुंचाने का काम किया है। गृह मंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण भरोसा है कि मोदी जी फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और देखते-देखते 2027 तक देश दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा अर्थतंत्र बन जाएगा। 8. सत्ता पर काबिज रहना विपक्ष का चरित्र गृह मंत्री ने कहा कि विपक्षी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) का चरित्र है- सरकार के सामने अविश्वास प्रस्ताव न लाए, इसलिए वो (मनमोहन सरकार) विश्वास का प्रस्ताव स्वयं लाए और बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, लोकसभा के नियम, कानून, संसदीय परंपराओं को त्यागकर, ऐन-केन प्रकारेण से सत्ता को संभालने और सत्ता पर काबिज रहना ही इनका चरित्र है। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन देश में सिद्धांतों की राजनीति को प्रस्थापित करने के लिए राजनीति में हैं, येन-केन-प्रकारेण से सत्ता को बचाने के लिए राजनीति में नहीं हैं। 9. आतंकवाद को लेकर कांग्रेस पर निशाना शाह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पहले सरहद के उस पार से आतंकवादी घुस जाते थे और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे। कोई जवाब नहीं देता था। उन्होंने कहा कि दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की, तब एक बार सर्जिकल स्ट्राइक और दूसरी बार एयर स्ट्राइक करके और पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकवादियों को खत्म करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया। 10. राहुल गांधी को भी नहीं बख्शा शाह ने कहा कि इस सदन में एक ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार लॉन्च किया गया। 13 ही बार विफल रहे। उनका एक लॉन्च मैंने भी देखा जब वे बुंदेलखंड की महिला कलावती से मिलने गए थे। लेकिन उन्होंने कलावती के लिए क्या किया? कलावती को घर, बिजली, गैस आदि देने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अमृत भारत स्टेशन योजना लॉन्च की। उन्होंने पूरे भारत में हनुमानगढ़ सहित 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भारतीय रेल के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर विपक्ष के रवैये पर भी तंज कसा और कहा कि विपक्ष का रवैया नकारात्मक राजनीति का रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा उद्देश्य सकारात्मक राजनीति का है। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कि विपक्ष के एक धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया, कर्तव्य पथ के निर्माण का भी विरोध किया। इतना ही नहीं 70 साल तक नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बन पाया, लेकिन जब हमने इसे बनाया तो इसकी भी सरेआम आलोचना की गई। पीएम मोदी ने कहा कि हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। सबका साथ सबका विकास के लिए जी जान से जुटे हैं। रेलवे ने डेढ़ लाख से ज्यादा युवाओं को पक्की नौकरी दी है। अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना से देश के सभी राज्यों को लाभ पीएम मोदी ने आज 508 रेलवे स्टेशनों की आधार शिला रखी ।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा, प्ररेणा, संकल्प है। भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है। भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा। इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में करीब 4500 करोड़ रुपए के खर्च से 55 अमृत स्टेशन को विकिसत किया जाएगा। राजस्थान के भी जयपुर ,गांधीनगर ,श्रीगंगानगर ,सूरतगढ़ ,हनुमानगढ़ ,गोगामेड़ी सहित 55 रेलवे स्टेशन अमृत रेलवे स्टेशन बनेंगे..मैं रेल मंत्रालय की सराहना करता हूं और देशवासियों को बधाई देता हूं। रेलवे में जितना काम हुआ है वह हर किसी को हैरान करती है पीएम मोदी ने रेलवे के कामों की तारीफ की और कहा-'रेलवे में जितना काम हुआ है वह हर किसी को प्रसन्न और हैरान करती है। दुनिया में दक्षिण अफ्रीफा, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है उससे अधिक रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कुल जितना रेल ट्रैक है उससे अधिक रेल ट्रैक भारत में अकेले पिछले साल बनाए हैं।' पीएम मोदी ने कहा-'रेलवे में जिस तरह से काम हुआ है, किसी भी प्रधानमंत्री का मन करेगा कि (वह) इनका जिक्र 15 अगस्त को लाल किले से करे। जब 15 अगस्त सामने है तो मन बहुत लालायित होता है कि उसी दिन इसकी चर्चा करूं। आज यह इतना विराट आयोजन हो रहा है कि देशे के कोने-कोने से लोग जुड़ें हैं कि मैं अभी इस बात पर इतने विस्तार से चर्चा कर रहा हूं।
पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पुरस्कार मिलने पर पीएम मोदी ने कहा कि यह उनके लिए एक यादगार पल है। उन्होंने इस पुरस्कार राशि को नमामि गंगे परियोजना को दान करने का फैसला लिया है। पीएम मोदी ने कहा-'मैं यह पुरस्कार देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं।' इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'व्यवस्था निर्माण से संस्था निर्माण', 'व्यवस्था निर्माण से व्यक्ति निर्माण', 'व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण' की दृष्टि राष्ट्र निर्माण के लिए एक रोडमैप की तरह काम करती है। भारत आज इस रोडमैप का पूरी निष्ठा से पालन कर रहा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन मे कहा कि भारत की आज़ादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को चंद घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता है। उन्होंने उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज विश्वास में सरप्लस दिखाई देता है। पिछले 9 वर्षों में बड़े बदलाव हुए हैं। आज देश हर क्षेत्र में अपने लोगों पर भरोसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर हो रहा है। पहले छोटे छोटे कामों के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता था। उन्होंने कहा कि अब देश में सकारात्मक माहौल तैयार हो रहा है। विश्व आज भारत को भविष्य के रुप में देख रहा है।
NDA को 318,I.N.D.I.A को 175 और अन्य को मिल सकती हैं 50 सीट मदन अरोड़ा इंडिया से हारेगा मोदी का दावा कर रहे कांग्रेस और विपक्ष के सपने मुंगेरी लाल के हसीन सपने होते दिख रहे हैं।नेहरू के बाद पीएम नरेंद्र मोदी 2024 में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।इंडिया टीवी और सीएनएक्स के ओपिनियन पोल में ये सामने आया है।पोल के अनुसार विपक्ष की 26 पार्टियों का गठबंधन i.n.d.i.a. भी मोदी की सत्ता में वापसी रोकने में नाकाम होता दिख रहा है।पोल के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव अगर आज होते हैं तो एन डी ए को 318,26 दलों के आई.एन.डी.आई.ए.को 175 और अन्य को 50 सीट मिल सकती हैं।ऐसा तभी होगा अगर सभी 26 पार्टियां पूरे देश में हर सीट पर अपना एक सांझा उम्मीदवार उतारेंगी।सांझा उम्मीदवार नहीं उतारने की स्थिति में एन डी ए को और ज्यादा सीटें मिलना भी तय है।यानि अबकी बार 350 पार का भाजपा का दावा सही साबित हो सकता है ।पोल के अनुसार भाजपा को 290 और सहयोगियों को 28 सीट,कांग्रेस को 66 और शेष 25 पार्टी को 109 और अन्य को 50 सीट मिल सकती हैं।अन्य में बीजेडी,वाईएसआरसी,टीडीपी जैसी पार्टियां हैं जो किसी गठजोड़ में तो शामिल नहीं हैं लेकिन भाजपा की करीबी मानी जाती हैं।पोल करने वाली सीएनएक्स के निदेशक झा के अनुसार कांग्रेस को यूपी में बरेली और अमेठी की 2सीट कड़े मुकाबले में मिल सकती हैं\ बशर्ते इन पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही चुनाव लड़ें ।अन्यथा यूपी में खाता भी नहीं खुलेगा ।इससे कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन की सीट कम होंगी और भाजपा की बढ़ जाएंगी।पोल में यूपी में भाजपा को 70 और सहयोगी दलों को 3 यानि कुल 73 सीट मिलती दिख रही हैं।जबकि सपा को 4,आरएलडी को 1और कांग्रेस को 2 कुल 7 सीट जाती दिख रही हैं।पश्चिम बंगाल में भी यदि टीएमसी,कांग्रेस और लेफ्ट मिल कर चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को 12 ,टीएमसी को 29,कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है।लेफ्ट का खाता भी नहीं खुलेगा।बिहार में जहां तेजस्वी यादव और जेडीयू के नेता दावा कर रहे हैं कि वहां बीजेपी का सूपड़ा साफ हो जाएगा।भाजपा अकेले 40 में से 20 सीट ले जाती दिख रही है जबकि 4 सीट सहयोगियों को जाती दिख रही हैं । विपक्षी गठबंधन के साझा उम्मीदवारों के बावजूद जेडीयू को 7,आरजेडी को भी 7और कांग्रेस को 2 सीट मिल रही हैं।उत्तराखंड और गोवा में भाजपा सभी सीट जीत क्लीन स्वीप कर रही है।उड़ीसा में भाजपा को 8 और बीजेडी को 13 सीट जबकि कांग्रेस को शून्य सीट मिल रही है।कर्नाटक में भाजपा को 20,कांग्रेस को 7 जबकि जेडीएस को 1 सीट जाती दिख रही है।गुजरात में भाजपा को लगातार तीसरी बार सभी 26 सीट मिलने जा रही हैं और कांग्रेस फिर शून्य पर हैं।महाराष्ट्र में दोनों गठबंधनों को बराबर 24-24 सीट मिलती दिख रही हैं।बात करें झारखंड,राजस्थान,मध्यप्रदेश,छतीसगढ़,हरियाणा की जहां कांग्रेस बड़ी उम्मीदें लगाए बैठी हैं।इन राज्यों में भी भाजपा को मामूली नुकसान होता दिख रहा है।राजस्थान में भाजपा को 21,कांग्रेस को 4,मध्यप्रदेश में भी भाजपा को 24 और कांग्रेस को 5,छतीसगढ़ में भाजपा को 7 और कांग्रेस4,हरियाणा में भाजपा को 8 और कांग्रेस को 2,झारखंड में भाजपा को 12और कांग्रेस को शून्य जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को 2 सीट मिलती दिख रही हैं।दिल्ली और पंजाब में अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिल कर चुनाव लड़ती हैं तो दिल्ली में भाजपा को 5 और आप को 2 सीट मिल सकती हैं।पंजाब में आप को 8 और कांग्रेस को 5 सीट मिल सकती हैं ।लेकिन अलग अलग चुनाव लड़ने की स्थिति में भाजपा फिर सभी 7 सीट पर चुनाव जीत जाएगी और पंजाब में भी भाजपा और अकालीदल सीट निकाल ले जाएंगे।पूर्वोत्तर की 25 सीट में से भाजपा 21 और विपक्षी गठबंधन 4 सीट ले जा सकता है। पोल की मुख्य बातें ये हैं कि पूरे देश में न तो मोदी सरकार के खिलाफ कोई आक्रोश या नाराजगी दिख रही है और न ही विपक्ष के पक्ष में किसी तरह का माहौल बना हुआ है।दूसरी बड़ी बात यह है कि मोदी अपने वादों को वोटों में तब्दील करने में सफल होते दिख रहे हैं ।जबकि राहुल गांधी और विपक्ष अपने आरोपों को वोटों में बदलने में नाकाम साबित हो रहे हैं।भाजपा के साथ छोटे दल इसलिए जुड़ रहे हैं ताकि चुनाव में कुछ सीट ले अपना खाता खोल सकें ।जबकि कांग्रेस अन्य दलों का दामन इसलिए थाम रही है ताकि अपनी सीट बढ़ा सकें।पोल से जाहिर है कि संयुक्त विपक्ष गठबंधन भी मोदी को रोकने में विफल होता साफ दिख रहा है और अगर हर सीट पर साझा उम्मीदवार नहीं उतारा गया तो भाजपा अपने दावे के अनुसार अबकी बार 350 पार करती दिख रही है।साझा उम्मीदवार नहीं उतारने की स्थिति में इसका सबसे ज्यादा नुकसान आप और कांग्रेस को होता साफ दिख रहा है।ओपिनियन पोल से ईतर जिस तरह से बयानबाजी और एक दूसरे पर दबाव डाल अपनी मांग मंगवाने का सिलसिला चल रहा है \उसे देखते हुए नए नवेले i.n.d.i.a.का लोकसभा चुनाव से पूर्व ही बिखरना तय है \शुक्रवार को दो प्रमुख घटना चक्र हुए \गठबंधन के फ्लोर लीडर्स की बैठक में आम आदमी पार्टी और टी ऍम सी ने मंगलवार को राज्यसभा में पेश होने वाले दिल्ली संशोधन बिल के खिलाफ चर्चा और वोट करने की मांग की \जबकि कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने आने वाले कुछ और बिलों के खिलाफ भी चर्चा में हिस्सा ले उनके खिलाफ वोटिंग का सुझाव दिया जिसका आम आदमी पार्टी और टी एम सी ने असहमति जताई \उधर दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने एक बयान जारी कर साफ़ कर दिया कि आम आदमी पार्टी राजस्थान ,मध्यप्रदेश ,छत्तीसगढ़ और जनवरी 2 0 2 5 में दिल्ली विधान सभा में चुनावों अकेले चुनाव लड़ेगी \राय ने कहा कि गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए किया गया है \माना जा रहा है कि राज्यसभा में दिल्ली बिल के पास होते ही आम आदमी पार्टी i.n. d.i.a.को अलविदा कह देगी और एक नया गठबंधन आकार ले सकता है \जिसमें आम आदमी पार्टी ,टी एम सी ,सपा और बी आर एस शामिल होंगे \ओपिनियन पोल से साफ़ है कि मोदी अकेले सब पर भारी पड़ रहे हैं और यदि भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार नहीं उतारे गए तो अबकी बार 3 5 0 पार होता दिख रहा है \
सीकर,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज राजस्थान के दौरे पर हैं। यहां पीएम मोदी सीकर कस्बे में एक कार्यक्रम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है। इतना ही नहीं इस दौरान वे 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी सीकर में एक जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने जनसभा में गहलोत सरकार व कांग्रेस पर जमकर कटाक्ष किया है। पीएम मोदी ने राजस्थान के सीकर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो चार साल सिर्फ सोएगा, अपने काम का हिसाब कैसे देगा? चार साल सिर्फ वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद किया है। राजस्थान हर घर जल योजना में बहुत पीछे" पीएम ने कहा कि जबसे यहां कांग्रेस की सरकार बनी है, विकास के काम में रोड़े ही अटकाए हैं। हमने जल जीवन मिशन शुरू किया। आज देश भर में 9 करोड़ से अधिक परिवारों तक पानी के कनेक्शन पहुंच चुके हैं। अनेक राज्यों में शत प्रतिशत काम हो गया है। पर राजस्थान के लोगों को कांग्रेस की सरकार पानी के लिए भी तरसा कर रखना चाहती है। राजस्थान हर घर जल योजना में बहुत पीछे चल रहा है। कांग्रेस का मतलब है लूट की दुकान पीएम ने आगे कहा कि राजस्थान में कांग्रेस ने लूट की दुकान चलाई है, झूठ का बाजार सजाया है। कांग्रेस का मतलब है लूट की दुकान व झूठ का बाजार। इसका सबसे ताजा प्रोडक्ट लाल डायरी है। पीएम ने आगे कहा कि लाल डायरी में कांग्रेस के काले कारनामे दर्ज हैं। कांग्रेस के बड़े से बड़े नेताओं की इस लाल डायरी का नाम सुनते ही बोलती बंद हो रही है। ये लाल डायरी राजस्थान में कांग्रेस का डिब्बा गोल कर ले जा रही है। पीएम ने गिनवाई अपने सरकार की उपलब्धियां पीएम ने जनसभा में कहा कि मुफ्त राशन की गारंटी किसने दी? बीजेपी की सरकार ने दी है। कोरोना में मुफ्त वैक्सीन की गारंटी किसने दी? पांच लाख के मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी?पांच लाख मुफ्त इलाज की गारंटी किसने दी? मातृभाषा में पढ़ाई की गारंटी किसने दी? बीजेपी की सरकार ने दी है। गरीब के कल्याण के लिए दिल्ली में बैठा आपका सेवक पूरे समर्पित भाव से काम कर रहा है। जमसभा में पेपर लीक मामले को भी पीएम ने उठाया। पीएम ने कहा कि राजस्थान में युवाओं से खिलवाड़ हो रहा है, पेपर लीक उद्योग चल रहा है। सत्ताधारी दल पर ही पेपर माफिया लीक होने का आरोप लग रहा है। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है नागरिकों की सुरक्षा सीकर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी नागरिकों की सुरक्षा की होती है, लेकिन कांग्रेस सरकार ये भी नहीं कर पा रही है। राजस्थान में दलितों पर अत्याचार चरम पर है, नशे का कारोबार फल फूल रहा है। इतना ही नहीं तीज त्यौहारों पर खतरा मंडराता रहा है कि कब पत्थर चले, कब गोलियां चले या कब कर्फ्यू लगे ये कोई नहीं जानता। राजस्थान के लोग बहन-बेटियों के सम्मान से खिलवाड़ कभी भी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। बहन बेटियों पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान सीकर में प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्रवाई करने की बजाय कांग्रेस के नेता पीड़ित महिलाओं पर ही झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। बहुत हो गया, ये वीरों की धरती है, पराक्रमियों की धरती है, ये यातना करने वाले लोग नहीं है, इस बार चारों ओर एक ही हुंकार है एक ही नारा है "बहन बेटियों पर अत्याचार नहीं सहेगा राजस्थान" पीएम ने कहा कि इन दिनों कांग्रेस और सहयोगी दलों ने नया पैंतरा चला है। पहले के जमाने में कोई कंपनी अगर बदनाम हो जाए तो तुरंत कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर अपना काम शुरू कर लोगों को भ्रमित करने का काम करते थे। कांग्रेस और उसके साथियों की जमात ऐसी फ्रॉड कंपनियों की नकल कर रही है। यू पी ए से नाम बदलकर आई एन डी आई ए कर दिया है। इन्होंने नाम बदला है ताकि गरीबों के छल कपट को छिपा सके। इनका तरीका वही है जो देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले इंडिया के नाम के पीछे अपने पाप को छिपाने का प्रयास किया गया है। इंडिया नाम भारत भक्ति दिखाने के लिए नहीं लूटने के लिए किया है। सिमी बना था, उसके भी नाम में इंडिया था, लेकिन मिशन आतंकी हमलों से इंडिया को बर्बाद करना था। पीएम ने आगे कहा कि जब बैन हुआ तो नया नाम लाए पीएफआई, सिमी बन गया पीएफआई नाम नया, एक बार फिर नाम में फिर इंडिया लेकिन काम वही पुराना। ये अपने पुराने कारनामों को छुपाना चाहते हैं। अगर वाकई इंडिया की परवाह होती तो भारत में जाकर विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते हैं। टुकड़े-टुकड़े गैंग को गले लगाते हैं" पीएम मोदी ने कहा कि इन्होंने हमारे शहीदों का हक मारा, दशकों तक हमारे सैनिक ओआरओपी मांगते रहे हैं, लेकिन नहीं दिया। टुकड़े-टुकड़े गैंग को गले लगाते हैं, जो विदेशों से संबंध भी इस आधार पर बनाते हैं कि वोट बैंक नाराज ना हो जाए। इनके लिए राष्ट्र हित नहीं वोट बैंक सर्वोपरि है। इनमें अहंकार कूट-कूटकर भरा है। ये सुधरने को तैयार नहीं है.. ये कह रहे हैं यूपीए इज इंडिया, इंडिया इज यूपीए। जनता इनका वही हाल करेगी जो पहले किया था। पीएम ने कहा कि आज फिर से देश के कल्याण के लिए देश के उज्जवल भविष्य के लिए उस नारे की जरूरत है, वो क्या नारा था। महात्मा गांधी ने नारा दिया था Quit India, अंग्रेजों इंडिया छोड़ो और अंग्रेजो को देश छोड़कर जाना पड़ा था। जैसे गांधी जी ने Quit India का मंत्र दिया है, वैसे ही आज का मंत्र है भ्रष्टाचार छोड़ो इंडिया, परिवारवाद छोड़ो इंडिया। गौरतलब है कि चुनावी राज्य राजस्थान में बीजेपी का पूरा फोकस है। यही वजह है कि पीएम मोदी लगातार राजस्थान के दौरे पर हैं।
अहमदाबाद,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजकोट के रेस कोर्स ग्राउंड में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि आज राजकोट के साथ-साथ पूरे सौराष्ट्र और गुजरात के लिए बड़ा दिन है, लेकिन प्रारंभ में मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्हें प्राकृतिक आपदाओं के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले ही चक्रवात आया था और फिर बाढ़ ने भी तबाही मचाई। संकट के इस समय में एक बार फिर जनता और सरकार ने साथ मिलकर इसका मुकाबला किया है। जल्द से जल्द सभी प्रभावित परिवारों का जीवन सामान्य हो, इसके लिए भूपेंद्र भाई की सरकार हरसंभव प्रयास कर ही रही है। केंद्र सरकार भी राज्य सरकार को जिस भी सहयोग की जरूरत है, उसे पूरा कर रही है। राजकोट का मिला इंटरनेशनल एयरपोर्ट उन्होंने कहा कि आज राजकोट को नया और बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट मिल चुका है। अब राजकोट से देश के साथ-साथ दुनिया के अनेक शहरों के लिए भी सीधी फ्लाइट्स संभव हो पाएगी। इस एयरपोर्ट से यात्रा में तो आसानी होगी ही, इस पूरे क्षेत्र के उद्योगों को भी बहुत लाभ होगा। 'हम सुशासन की गारंटी देकर आए थे' बीते नौ वर्षों में केंद्र सरकार ने समाज के हर वर्ग, हर क्षेत्र के जीवन को आसान बनाने के लिए काम किया है। हम गुड गवर्नेंस की, सुशासन की गारंटी देकर आए थे। आज हम उस गारंटी को पूरा करके दिखा रहे हैं। हमने गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, आदिवासी हों, सबके जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर काम किया है। 'डबल से ज्यादा हुई एयरपोर्ट की संख्या' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, 2014 में सिर्फ चार शहरों में मेट्रो नेटवर्क था, लेकिन आज 20 से ज्यादा शहरों में मेट्रो नेटवर्क पहुंच चुका है। आज देश के 25 अलग-अलग रूट पर वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें चल रही हैं। 2014 में देश में 70 के आसपास एयरपोर्ट होते थे। अब इनकी संख्या भी बढ़कर डबल से ज्यादा हो गए। हवाई सेवा के विस्तार ने भारत के एयरलाइन्स सेक्टर को दुनिया में नई ऊंचाई दी। आज भारत की कंपनियां लाखों करोड़ों रुपये के नए विमान खरीद रही हैं। विपक्षियों पर बरसे PM मोदी उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों और परिवारवादियों ने आजकल अपनी जमात का नाम भी बदल दिया है। चेहरे, पाप और तौर तरीके पुराने हैं, लेकिन जमात का नाम बदल दिया है। जब मिडिल कास्ट को कुछ सस्ता मिलत है तो वे कहते हैं कि किसान को सही कीमत नहीं मिल रही और जब किसान को ज्यादा कीमत मिलती है तो कहते हैं कि महंगाई बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में सत्ता में रहते हुए उन्होंने महंगाई दर को 10 फीसदी में पहुंचा दिया था। अगर हमारी सरकार ने महंगाई पर काबू नहीं पाया होता तो आज भारत में कीमतें आसमान छू रही होती। देश में पहले वाली सरकार होती तो दूध 300 रुपये लीटर और दाल 500 रुपये किलो बिक रहा होता। यह हमारी सरकार है, जो कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद महंगाई को कंट्रोल में किया हुआ है।
सीकर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सीकर में राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत की। पीएम ने कहा कि एक ही नारा है, जीतेगा कमल, खिलेगा कमल। ये जनसैलाब बता रहा है कि राजस्थान के विधानसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा और मेरी गांरटी है कि राजस्थान की किस्मत भी बदलेगी। पीएम मोदी ने अपने भाषण में लाल डायरी का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि कितनी ही ताकत लगा लें, लेकिन लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गोल करने जा रही है। लाल डायरी के नाम से ही कांग्रेस के नेताओं की बोलती बंद हो रही है। लोकतंत्र में सरकार को अपने काम का हिसाब देना पड़ता है, लेकिन जो चार साल सिर्फ सोएगा, वो काम का हिसाब कैसे देगा? इन लोगों ने सरकार का हर दिन आपसी खींचतान, वर्चस्व की लड़ाई में बर्बाद किया है। मोदी ने कहा- कहते हैं लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज हैं। लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे। लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गुल करने जा रही है पीएम ने कहा कि भले ही ये लोग मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन ये लाल डायरी इस चुनाव में पूरी कांग्रेस का डिब्बा गुल करने जा रही है। कांग्रेस आज देश में सबसे दिशाविहीन पार्टी बन गई है। इन दिनों कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने नया पैंतरा चला है। नाम बदलने का। पहले के जमाने में कोई कंपनी चिट्ठा निकल जाने पर वे नये नाम से अपनी काम चलाते थे। कांग्रेस और इसकी जमात ऐसी ही फ्रॉड कंपनियों की नकल कर रही है। प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार देश के किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। कांग्रेस आज देश की सबसे बड़ी दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है। प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे, यह किसानों के लिए वन स्टॉप सेंटर हैं। भारत का विकास तभी हो सकता है जब गांवों का विकास होगा और हमारी सरकार भारत के गांवों में हर वह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो शहरों में उपलब्ध है। भारत का विकास तभी हो सकता है जब गांवों का विकास होगा और हमारी सरकार भारत के गांवों में हर वह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो शहरों में उपलब्ध है। हमारी सरकार यूरिया की कीमतों की वजह से भारत के किसानों को परेशानी नहीं होने देगी; इस सच्चाई को देश का किसान देख रहा है और अनुभव कर रहा है।
सीकर। राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव है। लिहाजा देश के दोनों ही बड़े राजनैतिक दल बीजेपी और कांग्रेस जनता को गारंटी पर गारंटी देने के दावे कर रहे हैं। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य सरकार की योजनाओं का आमजन तक लाभ गारंटी से पहुंचाने के लिए पिछले तीन महीने से महंगाई राहत कैंप लगा रहे हैं। इस कैंपों के जरिए 10 योजनाओं का लाभ दिए जाने की गारंटी दी जा रही है। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्र सरकार द्वारा देश के किसानों और गरीब को दी जाने वाली सुविधाओं को असली गारंटी बताया है। सीकर में आयोजित पीएम किसान सम्मेलन में पीएम मोदी ने बताया कि देश की जनता को बेहतरीन सुविधाएं देकर असली गारंटी केन्द्र सरकार ने दी है। इस अवसर पर उन्होंन लाल डायरी का जिक्र करते हुए कांग्रेस का डिब्बा गोल होने की बात भी कही। किसानों की हर सुविधा का ध्यान रखा है केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को दी जाने वाली हर सुविधाओं को गिनाते हुए कहा कि पिछले 9 सालों में केन्द्र सरकार ने देश के किसान को मजबूत किया है। उनको हर तरह की सुविधाएं दी है ताकि किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर सके। जब किसान का विकास होगा तो गांव का विकास होगा और गांवों का विकास होने पर ही देश का विकास होगा। पीएम मोदी ने देश के करोड़ों किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के लगभग 18000 करोड रुपए ट्रांसफर किए हैं। साथ ही देश में 1 लाख 25, 000 पीएम किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत की गई है। गांव और ब्लॉक लेवल पर बने इन पीएम किसान समृद्धि केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। इसी तरह डेढ़ हजार से ज्यादा एफपीओ के लिए किसानों के लिए ओपन नेटवर्क और डिजिटल कॉमर्स यानी ओएनडीसी का लोकार्पण भी किया। अब देश के किसी भी कोने में बैठे किसान अपनी उपज को बाजार तक पहुंचाना और आसान हो जाएगा। किसानों को दी सस्ते यूरिया की गारंटी पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहले कोरोना की बड़ी भयंकर महामारी आई थी। उसके बाद रूस और यूक्रेन का युद्ध हो गया और इसके कारण बाजार में बहुत बड़ी उथल-पुथल हो गई। खास तौर पर फ़र्टिलाइज़र के क्षेत्र में तूफान मच गया लेकिन इसका असर हमारी सरकार ने किसानों पर नहीं पड़ने दिया। पीएम मोदी ने कहा कि वे देश के किसानों को एक सच्चाई बताना चाहते हैं कि भारत में किसानों को 266 रुपए में यूरिया का एक बोरा मिलता है। वही बोरा पाकिस्तान में 800 रुपए में मिलता है। भारत में 266 रुपए में मिलने वाले यूरिया के बोरे की समान मात्रा में बांग्लादेश के किसानों को720 रुपए में मिल रहा है। अमेरिका में इसी बोरे की कीमत करीब 3 हजार रुपए है। यह सच्चाई है और देश जानता है कि यही मोदी की गारंटी है। देश में स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी भी केन्द्र सरकार ने दी पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब देश की एक बड़ी आबादी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित थी। करोड़ों लोग हमेशा किस्मत के भरोसे अपना जीवन दांव पर लगा देते थे। यह मान लिया गया था कि अच्छे अस्पताल तो दिल्ली जयपुर या बड़े शहरों में ही खुल सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमने इस स्थिति को भी बदल दिया। आज देश के हर हिस्से में नए एम्स खुल रहे हैं। नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। हमारे इन प्रयासों का परिणाम है कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 700 से पार हो गई है। 8-9 साल पहले राजस्थान में भी केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। आज राजस्थान में भी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। इससे अपने ही जिले के आसपास अच्छे इलाज की सुविधा तो मिल रही रही है। साथ ही इन मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई करके बड़ी संख्या में डॉक्टर्स निकलेंगे। ये डॉक्टर छोटे गांव और कस्बों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का आधार बनेंगे। इलाज के लिए अब लोगों को जयपुर और दिल्ली के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब गरीब का बेटा और बेटी इन मेडिकल कॉलेजों में पढ़कर डॉक्टर भी बन पाएंगे। हमारी सरकार ने मेडिकल की पढ़ाई को भी मातृभाषा में पढ़ाई कराने का रास्ता बना दिया है। अब यह नहीं होगा कि अंग्रेजी नहीं जानने की वजह से किसी गरीब का बेटा बेटी डॉक्टर बनने से रुक जाए। यह भी मोदी की गारंटी है।
राजस्थान में सीएम की पसंद कौन ? राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत को सीएम पद के तौर पर 35 फीसदी लोगों ने वोट किया है। वहीं वसुंधरा राजे सिंधिया का नाम 25 फीसदी और 19 फीसदी लोगों ने सचिन पायलट का नाम लिया। गजेंद्र सिंह शेखावत को 9 फीसदी, राज्यवर्धन राठौर का नाम 5 फीसदी और अन्य के समर्थन में 7 फीसदी लोग रहे। राजस्थान चुनाव में पीएम मोदी ही चेहरा : सांसद किरोड़ी लाल मीणा किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि नरेंद्र मोदी लोकप्रिय नेता हैं, यही असर राजस्थान में भी दिख रहा है। मीणा ने कहा कि हमारे नेता राजस्थान में एक मंच पर नजर आते हैं, लेकिन कांग्रेस में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर हम चुनाव में उतरते हैं तो हमारा चेहरा नरेंद्र मोदी ही होते हैं। राजस्थान चुनाव में भी हमारा एक ही चेहरा होगा वह नरेंद्र मोदी हैं। विपक्ष में वसुंधरा के कामकाज से कितना संतुष्ट? विपक्ष में वसुंधरा के कामकाज से कितना संतुष्ट? इस सवाल पर भी लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया है। इसमें बहुत सुतंष्ट को 26 परसेंट, 27 परसेंट वोट कम संतुष्ट को दिए गए। असंतुष्ट 39 परसेंट और 8 परसेंट वोट पता नहीं को मिले हैं। प्रधानमंत्री के रूप में पसंद कौन? इस सवाल के जवाब में 60 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी का नाम लिया, वहीं 20 फीसदी लोगों ने राहुल गांधी और 6 फीसदी लोगों ने योगी आदित्यनाथ का नाम लिया। लोक लुभावन स्कीम से क्या कांग्रेस ने चुनावी माहौल अपने पक्ष में किया है इस सवाल के जवाब में 46 परसेंट लोगों को हां में जवाब दिया है। वहीं नहीं कगने वाले 45 परसेंट है। इसमें पता नहीं के समर्थन में 9 परसेंट वोट गए हैं। 500 रुपए में गैस सिलेंडर स्कीम से कितना फायदा सरकार की स्कीम को लेकर 50 परसेंट लोग सहमत है। उनका कहना है कि सिलेडर स्कीम से सरकार को फायदा होगा। वहीं नहीं को लेकर 42 परसेंट लोग सहमत हैं। पता नहीं को 8 परसेंट वोट मिले हैं। गहलोत-पायलट के बीच समझौत कांग्रेस के लिए मास्टर स्ट्रोक है? गहलोत और पायलट के बीच समझौता कांग्रेस के लिए मास्टर स्ट्रोक है। इसके जवाब में 45 फीसदी लोगों ने हां कहा तो 35 फीसदी ने नहीं और 20 फीसदी लोगों ने पता नहीं कहा। कांग्रेस को किसके चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहिए? प्रदेश की जनता से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो इसमें 41परसेंट लोगों का कहना है कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस को चुनाव लड़ना चाहिए। वहीं पायलट के समर्थन में 30 परसेंट लोग थे। वहीं दोनों नहीं को 23 परसेंट और पता नहीं को 6 परसेंट वोट मिले। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर गहलोत सरकार का कामकाज कैसा? इस सवाल के जवाब में 42 फीसदी लोगों ने कहा कि अच्छा है। वहीं 50 फीसदी लोगों ने कहा कि खराब है और 8 फीसदी लोगों ने कहा कि पता नहीं। राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त करना सही या गलत? इसके जवाब में 45 लोगों ने कहा सही फैसला है। वहीं 46 फीसदी ने कहा कि सरासर गलत है, वहीं 9 फीसदी लोगों ने कहा कि पता नहीं। क्या राजेंद्र गुढ़ा विवाद से चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होगा? इसके जवाब में 58 फीसदी लोगों ने हां में जवाब दिया, जबकि नहीं में 40 फीसदी लोगों ने जबकि पता नहीं में जवाब दिया है 2 फीसदी लोग शामिल रहे। कांग्रेस की ओर से भी नहीं की गई सीएम फेस की घोषणा सत्ताधारी कांग्रेस की ओर से भी आगामी विधानसभा चुनाव की जीत के लिए तैयारियां तेज कर ली गई है। मुख्य बात यह है कि इस बार कांग्रेस की ओर से भी साफ किया गया है कि चुनाव से पहले सीएम फेस घोषित नहीं किया गया है। पार्टी का कहना है जीत के बाद आलाकमान तय करेगा कि सीएम किसे बनाना है। बीजेपी पीएम फेस पर लडेगी चुनाव राजस्थान में साल 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की ओर से साफ कर दिया गया है कि पार्टी केंद्र सरकार के काम पर चुनाव लड़ेगी। सीएम फेस को लेकर बीजेपी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी सर्वमान्य नेता है। उनके चेहरे पर ही पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
नई दिल्ली: मिशन 2024 के लिए सभी पार्टियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं। 18 जुलाई को विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A बनाकर पर्सेप्शन की लड़ाई में बीजेपी पर बढ़त बनाने की कोशिश की। कहा गया कि अब तो भाजपा के लिए 'इंडिया' की आलोचना करना भी मुश्किल होगा। कांग्रेस पुराना वीडियो भी ढूंढ लाई, जिसमें मोदी 'Vote For India' कहते सुने जाते हैं। कुछ दिन बीते, संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ तो मणिपुर के मुद्दे पर I.N.D.I.A में शामिल पार्टियां एकजुट दिखीं। पीएम मोदी से संसद में आकर बयान देने की मांग की जा रही है। कामकाज नहीं हो पा रहा है। आज भी कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, लेफ्ट सब एक साथ दिख रहे हैं। एक मैसेज देश में जा रहा है। उधर, I.N.D.I.A बनने के ठीक एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 को देखते हुए नया नरैटिव सामने रखा है। जी हां, उन्होंने 'इंडिया' नाम के पीछे खड़ी विपक्ष की सारी रणनीति को ध्वस्त करने की कोशिश की है। उन्होंने कह दिया कि आतंकी संगठनों ने भी इंडिया नाम रखा है। यह कोई छोटा बयान नहीं है। आज ही विपक्ष मोदी के बयान पर भड़क गया। पीएम ने साफ कर दिया है कि वह विपक्ष के चक्रव्यूह में घिरने वाले नहीं हैं। भाजपा अपने एजेंडे पर आगे बढ़ेगी। इंडियन मुजाहिदीन, ईस्ट इंडिया कंपनी... भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम ने यह बात कही है। दरअसल, इस समय भाजपा में रणनीतिक बैठकें चल रही हैं। पीएम आज से अलग-अलग समूहों में एनडीए के सहयोगी दलों के साथ बैठक शुरू करने वाले हैं। इससे पहले उन्होंने NDA vs I.N.D.I.A की फाइट में नई लकीर खींच दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया, 'संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडिया नाम का भी अजीब संयोग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस तो अंग्रेजों ने बनाया था। इंडियन मुजाहिदीन की स्थापना आतंकवादियों ने की थी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों में भी इंडिया लगा है।' PM ने आगे कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष उन्होंने आज तक नहीं देखा। ममता, केजरीवाल, राहुल कैसे साथ आए पीएम की आज की लाइन को समझने के लिए विपक्ष की रणनीति को समझना होगा। बेंगलुरु बैठक के बाद विपक्ष काफी आक्रामक दिख रहा है। कांग्रेस के साथ ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल का आना सियासत के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि इसके लिए कांग्रेस ने भी रणनीति बदली है, थोड़ी नरमी बरती है। सोनिया गांधी के बेंगलुरु होने के भी अपने मायने थे। विपक्षी खेमे में उनका राजनीतिक कद सबसे ज्यादा है। उनकी पवार, ममता, नीतीश और लालू से भी अच्छी बनती है। समझा जा रहा था कि कुछ सहयोगी दलों के लिए राहुल की जगह सोनिया के साथ डील करने में ज्यादा सुविधा होगी। इसकी वजह राहुल की कार्यशैली हो सकती है या फिर वे उन्हें जूनियर समझते हैं। सोनिया का बड़ा रोल मीटिंग से एक दिन पहले डिनर में सोनिया गांधी ने सारे समीकरण सेट कर दिए। सोनिया ने ममता से लंबी चर्चा की। वह उद्धव से मिलीं। येचुरी से बातें की। महबूबा मुफ्ती और सभी विपक्षी नेताओं से एक-एक कर बात की। दिलचस्प यह है कि अब तक देश में गठबंधन का नाम पहले तय होता था, बाद में उसका शॉर्ट फॉर्म सामने आता और उसका मैसेज दिया जाता। इस बार पहली बार ऐसा हुआ कि शॉर्ट नाम पर पहले मंथन हुआ। ममता बनर्जी ने बैठक में कहा था कि नाम ऐसा होना चाहिए कि एनडीए को चैलेंज किया जा सके। इस तरह I.N.D.I.A पर सहमति बनी। यह राष्ट्रीय स्तर का एलायंस बनाया गया है लेकिन इसमें सीट शेयरिंग राज्य के स्तर पर होगी। राज्य में कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। भाजपा के पास क्या है? राजनीतिक घटनाक्रम को समझने वाले एक्सपर्ट कहते हैं कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या नैरेटिव की रही है। सीटों के लिहाज से देखें तो इस गठबंधन की एनडीए से कोई बराबरी नहीं हो सकती है। हां, एक बात जरूर है कि विपक्ष समझता है कि बीजेपी किन मुद्दों पर 2024 का चुनाव लड़ने जा रही है। 1. ध्रुवीकरण - इसमें मंदिर या समान नागरिक संहिता हो सकती है। 2. सोशल इंजीनियरिंग- इसमें बीजेपी की मुहिम है जैसे- ओबीसी को आगे बढ़ा रहे, कैबिनेट में जगह दे रहे हैं। दलित और आदिवासियों को जोड़ रहे हैं। 3. लाभार्थी यानी योजनाएं- इसमें अन्न, गैस आदि को लेकर केंद्र की योजनाएं हैं। विपक्ष को लगा कि बीजेपी इन तीन मुद्दों के इर्द-गिर्द रहेगी। ऐसे में I.N.D.I.A गठबंधन सीट शेयरिंग से ज्यादा एक कोशिश है कि पूरे देश में नेताओं का ऐसा मेट्रिक्स बनाया जाए जो बीजेपी के खिलाफ कैंपेन को ताकत दे सके। मतलब साफ है कि बीजेपी के हर दांव को काउंटर करने के लिए एक हफ्ते पहले विपक्षी दलों ने I.N.D.I.A को आगे किया। अब पीएम ने उसका तोड़ निकाला है। उन्होंने उस नैरेटिव को तोड़ने की कोशिश करते हुए आज 'इंडिया' गठजोड़ का जिक्र करते हुए आतंकी संगठन में इंडिया नाम सामने रख दिया। मणिपुर पर संसद में हंगामा जारी है। आज राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने कहा कि हम मणिपुर की बात कर रहे हैं और प्राइम मिनिस्टर ईस्ट इंडिया की बात कर रहे हैं। I.N.D.I.A का मतलब ईस्ट इंडिया बोल रहे हैं। जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कह दिया कि गृह मंत्री सदन में बताएंगे कि कांग्रेस के शासन में मणिपुर में क्या-क्या हुआ था, लोगों की मौत हुई तो उस समय पीएम कहां थे।
लखनऊ,सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर NDA में शामिल हो गए हैं। शनिवार को गृहमंत्री अमित शाह से उन्होंने दिल्ली में मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, राजभर ने योगी कैबिनेट में मंत्री पद, यूपी में 3 लोकसभा सीट और बिहार में 1 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने की शर्त रखी है। इनमें घोसी और चंदौली सीटें शामिल हैं। ​​​​​NDA का हिस्सा बनने के बाद राजभर ने रविवार को ट्वीट करके जानकारी दी। राजभर आज ही सुभासपा कार्यकारिणी बैठक भी करने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान उनकी पार्टी सीटों को लेकर नए सिरे से रणनीति तय करेगी। 2019 में NDA से अलग हुए थे 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सुभाषपा का गठबंधन टूट गया था। जिसकी वजह यह बताई गई थी कि गाज़ीपुर सीट से अमित शाह चाहते थे कि लेकिन राजभर लगातार अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने की जिद पर अड़े हुए थे। इसके बाद विधानसभा चुनाव 2022 राजभर ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़ा। चुनाव नतीजे आने और यूपी में योगी सरकार दोबारा बनने के बाद राजभर ने अखिलेश से भी किनारा कर लिया। गृहमंत्री अमित शाह से 1 महीने में 2 मुलाकात के बाद उनकी BJP ज्वॉइनिंग को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। गाजीपुर सीट से अरुण राजभर हो सकते हैं प्रत्याशी ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि राजभर के बेटे अरुण राजभर को गाजीपुर से प्रत्याशी बनाए जाने का ऐलान भी किया जा सकता है। गाजीपुर लोकसभा की सीट माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के पास थी। लेकिन गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा के बाद उसकी सांसद चली गई। सीट खाली हो गई। जिस पर जल्द ही उपचुनाव की घोषणा भी की जाएगी। ऐसे नेता, जो बयानों को लेकर रहते हैं चर्चा में सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। एक बार उन्होंने कहा था कि सरकार में आने के बाद वह ऐसा कानून बनाएंगे, जिसके तहत स्कूल नहीं भेजने वाले माता-पिता को जेल भेज दिया जाएगा।
नई दिल्ली,प्रदीप कुरुलकर, उम्र 59 साल। रक्षा मंत्रालय के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन यानी DRDO के साइंटिस्ट। कुरुलकर DRDO में लैब डायरेक्टर थे। ये पद भारत सरकार में एडिशनल सेक्रेटरी के पद के बराबर होता है। कुरु़लकर 3 मई से महाराष्ट्र ATS की हिरासत में हैं। आरोप- ISI की महिला जासूस से सीक्रेट इन्फॉर्मेशन शेयर करना। भारत की खुफिया एजेंसियां जब तक कुरुलकर तक पहुंचीं, वो काफी सेंसिटिव जानकारी उस महिला जासूस को दे चुके थे। भारत की सुरक्षा एजेंसियां दो वजहों से परेशान हैं, पहली ये कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस यानी ISI की भारत विरोधी एक्टिविटी बढ़ गई है। देश की सुरक्षा से जुड़ी बहुत सी सीक्रेट जानकारी उस तक पहुंच रही है। इसके लिए ISI जासूसी इतिहास का सबसे पुराना हथियार हनीट्रैप का इस्तेमाल कर रही है। परेशान होने की दूसरी वजह ये है कि बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी इसमें फंस रहे हैं। तीन साल में DRDO से जुड़े 9 अधिकारी इस लिस्ट में शामिल हो चुके हैं, जैसे कुरुलकर को पाकिस्तान में बैठी महिला ने अपने जाल में फंसाया था। खुद को भारतीय बताने वाली इस महिला ने कहा था कि वो डिफेंस इश्यूज पर रिसर्च करती है। ये सब होता कैसे है, इसके लिए हमने इंडियन फॉरेन सर्विस के एक अफसर से बात की। उन्हें भी कुछ साल पहले हनीट्रैप में फंसाने की कोशिश हुई थी। नाम न बताते हुए उन्होंने पूरी कहानी बताई 'उस वक्त मैं यूरोप के एक देश की राजधानी में तैनात था। काम के सिलसिले में अलग-अलग जगह आना-जाना होता था। वहां दूसरे देशों के राजनयिक भी आते थे। हम लोग एक-दूसरे को अपना नंबर दे देते थे, क्योंकि इसकी मनाही नहीं है।' 'मेरा टेन्योर खत्म हुआ, तो मैं दिल्ली आ गया। वहां के लोकल वॉटसऐप ग्रुप छोड़ दिए, लोकल नंबर भी बंद कर दिया। दिल्ली आने के करीब एक महीने बाद मुझे एक ग्रुप में ऐड किया गया। इसके ज्यादातर मेंबर उसी देश का सिम इस्तेमाल कर रहे थे । ग्रुप में ऐसे लोग भी थे, जिनसे मैं काम के सिलसिले में कभी न कभी मिला था, इसलिए मैंने वो ग्रुप नहीं छोड़ा। उस ग्रुप में मौज-मस्ती करने, घूमने की बात होती थी। मेंबर फोटो और वीडियो डालने लगे।' 'ग्रुप में 250 मेंबर थे, पर एक्टिव 10 लोग ही रहते थे। एक दिन मुझे एक नंबर से मैसेज आया। डीपी में एक महिला की फोटो थी। महिला ने मुझे बताया कि वो भी उस ग्रुप की मेंबर है और मुझे बहुत पसंद करती है। वो डीपी से मेरी फोटो सेव करती है। उसने खुद अपनी सारी कहानी बताई। कुछ फोटो भेजी, जिसमें वो अलग-अलग जगह घूम रही है।' 'मुझे शक तो था, पर मैं देखना चाहता था कि ये सब क्यों किया जा रहा है। इसलिए मैं उससे बात करता रहा। 20 दिन बाद उसे लगा कि मैं उसके करीब आ चुका हूं, तो उसने मेरे काम से जुड़ी डिटेल्स मांगनी शुरू कीं। इसमें डिपार्टमेंट के लोगों के मोबाइल नंबर भी थे। उसने कहा कि वो एक रिसर्च कर रही है, इसलिए इंडियन एक्सपर्ट्स से बात करना चाहती है। मैंने रिस्क लेना ठीक नहीं समझा और उसे ब्लॉक कर दिया। उस ग्रुप को भी छोड़ दिया।’ हनीट्रैप, भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा… 11 जुलाई को विदेश मंत्रालय में काम करने वाले नवीन पाल को इंटेलिजेंस ब्यूरो ने पकड़ा है। आरोप है कि वो पाकिस्तान में बैठी अपनी दोस्तों को मंत्रालय की जानकारी भेज रहा था। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने भास्कर को बताया कि उन्हें इस मामले की लीड जयपुर से मिली थी। भारत की सिक्योरिटी से जुड़ी एक एजेंसी के सीनियर अफसर ने इस मामले पर भास्कर से बात की। हनीट्रैप को भारत की सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक बताते हुए वे कहते हैं, ‘ये ऐसी चीज है, जिसे लेकर हम काफी सोच में है। बार-बार अलर्ट किए जाने के बावजूद हमारे कई अधिकारी, नीचे से लेकर ऊपर तक, इसमें बड़ी आसानी से फंसते जा रहे हैं। ऐसे कई मामले तो अभी बाहर ही नहीं आए हैं। ISI के तीन तरीके, जिनमें अफसर फंस जाते हैं… भास्कर ने भारतीय खुफिया एजेंसी के अफसरों से बात कर जाना कि कैसे यह पूरा जाल फैलाया जाता है। उनके मुताबिक तीन तरीकों से ISI टारगेट पर लिए अधिकारी को काबू में करने की कोशिश करती है। 1. दोस्ती कर भरोसा जीतना, जरूरत की चीजें मुहैया कराना ISI के साथ काम करने वाले लोग दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और रक्षा भवन के आसपास घूमते रहते हैं। ये पढ़े-लिखे होते हैं और उन्हें किसी भी अनजान आदमी से बात कर उसका भरोसा जीतना सिखाया जाता है। ये लोग विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से जुड़े अफसरों को टारगेट पर लेते हैं। उनसे दोस्ती करते हैं। कुछ समय बाद अफसरों का भरोसा जीतकर, उनकी जरूरत की चीजें मुहैया करवाते हैं। इस तरह अफसर उनके जाल में फंसते जाते हैं । 2. वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ना, मैसेज भेजकर हनीट्रैप में फंसाना अधिकारी का नंबर एक वॉट्सऐप ग्रुप से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि अधिकारी का नंबर ‘गलती’ से ऐड हो गया है। ग्रुप के मेंबर भारत की सिम यूज करते हैं, लेकिन रहते पाकिस्तान में हैं। कुछ ग्रुप मेंबर्स की प्रोफाइल पिक्चर में लड़कियों की फोटो होती है। अधिकारी उन नंबरों पर मैसेज करता है और फंस जाता है। अगर वो ग्रुप छोड़ दे तो, ग्रुप की महिला मेंबर बहाने से उसे मैसेज करती है और बातचीत शुरू हो जाती है। 3. रिसर्च स्कॉलर या पत्रकार बनकर अधिकारी से मिलना आखिरी तरीका है टारगेट पर लिए अधिकारी को महिला पत्रकार या रिसर्च स्कॉलर का फोन आना। वो महिला अधिकारी से अपने किसी काम के लिए मदद मांगती है। धीरे-धीरे उनकी बात शुरू हो जाती है। ये सबसे आखिरी तरीका इसलिए है, क्योंकि इसके लिए जासूस को असली लगने वाला बैकग्राउंड तैयार करना पड़ता है, जैसे नकली वेबसाइट, लिंक्डइन प्रोफाइल, पब्लिश आर्टिकल और आइडेंटिटी कार्ड। ये तरीका ज्यादातर हाई प्रोफाइल टारगेट के लिए इस्तेमाल किया जाता है। प्रदीप कुरुलकर के मामले में यही तरीका अपनाया गया था। पाकिस्तान ने भारतीय अफसरों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए अलग डिपार्टमेंट बनाया है। हर साल 15 से 20 केस, कई मामले पकड़ में नहीं आते एक अधिकारी बताते हैं, ‘भारत की खुफिया एजेंसियां हर साल हनीट्रैप के 15 से 20 मामले पकड़ रही हैं। कई मामले कभी पकड़ में नहीं आते। भारतीय अफसरों को हनीट्रैप में फंसाने के लिए पाकिस्तान ने रावलपिंडी के सेना मुख्यालय जनरल हेडक्वाटर्स यानी GHQ में अलग से डिपार्टमेंट बनाया हुआ है। इसका नाम 414 int है । 2021 की शुरुआत तक मेजर रैंक के अफसर ओमर जेब खान इसे लीड कर रहे थे। अब वो इसे संभाल रहे हैं या नहीं, या उनकी जगह कौन ये डिपार्टमेंट चला रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। भास्कर के पास कुछ ऑडियो क्लिप हैं, जिनमें एक महिला जासूस भारतीय अधिकारियों से अलग-अलग समय पर बात कर रही है। वो रौब दिखाते हुए बात करती है और सेना की लोकल डिप्लॉयमेट जैसी जानकारी मांग लेती है। महिला ने किससे, कब और क्या बात की, कॉन्फिडेंशियल होने की वजह से ये हम नहीं बता रहे हैं। हमें महिला का आईकार्ड भी मिला है, जिससे पता चलता है कि वो पाकिस्तान के एक कॉलेज की स्टूडेंट है। पाकिस्तानी पासपोर्ट पर कई बार चीन जा चुकी है। हनीट्रैप के कई पहलू, सरकार को ध्यान देने की जरूरत: एक्सपर्ट भारतीय सेना से रिटायर्ड कर्नल हनी बख्शी ने भास्कर को बताया, ‘हनी ट्रैपिंग के कई पहलू हैं। इन पर सरकार को ध्यान देना पड़ेगा। लाजिमी है कि इतने मामलों के बाद एजेंसियां और सख्त हो जाएंगी। अफसरों पर और पाबंदियां लगा दी जाएंगी। आपको समझना होगा कि सामरिक विषयों से जुड़े संस्थानों में काम करने वाले अफसरों पर पहले से काफी सख्ती होती है।’ ‘रक्षा मंत्रालय में काम करने वाला अधिकारी आम आदमी की तरह सोशल मीडिया का यूज और नए लोगों से दोस्ती नहीं कर सकता। अब हनी ट्रैपिंग की घटनाओं के बाद नए नियम लाए जाएंगे। सरकार को यह सोचना होगा कि इसका उलटा प्रभाव न पड़े, पहले से प्रेशर में काम कर रहे अधिकारी पर और दबाव न आए।’ कर्नल हनी बख्शी के मुताबिक, ‘सोशल मीडिया और मोबाइल के यूज की वजह से ISI काफी जल्दी अधिकारियों को टारगेट कर पा रही हैं। ये अधिकारी परिवार से दूर रहते हैं। अपने काम, कामयाबी, नाकामी के बारे में परिवार से बात नहीं सकते। इसलिए जहां किसी ने उनके कामों में दिलचस्पी दिखाई और अच्छे से बात की, वो खुल जाते हैं।’ कर्नल बख्शी आगाह करते हुए कहते हैं, ‘पाकिस्तान में अधिकारियों के सोशल मीडिया यूज करने पर सख्त मनाही है। उनकी बीवियां भी सोशल मीडिया पर नहीं आ सकती। हमारे यहां ऐसा कोई नियम नहीं है। ट्विटर पर वेटरंस लिखी सैकड़ों प्रोफाइल मिल जाएंगी। आप एक प्रोफाइल ले लीजिए, उससे काफी जानकारियां मिल जाएंगी। दिल्ली के PSRI हॉस्पिटल में साइकाइट्रिस्ट डॉ. परमजीत सिंह से हमने पूछा कि क्यों अधिकारी इतनी सतर्कता के बावजूद हनी ट्रैप में फंस रहे हैं? वे कहते हैं, ‘हनी ट्रैपिंग युद्ध नीति में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल की जाती रही है। ये योजना बनाकर की जाने वाली प्रक्रिया है। इसमें शिकारी शिकार के बारे में बहुत गहराई से और लंबे समय तक स्टडी करते हैं। उसकी पर्सनैलिटी, सोशल इन्वायर्नमेंट, ताकत, कमजोरी, परेशानी, खर्च करने के पैटर्न, दोस्ती, संबंध बनाने के तरीके और हावभाव का मनोवैज्ञानिक तरीके से एनालिसिस किया जाता है। टारगेट के साथ इमोशनल रिश्ता बनाया जाता है। इससे उसकी सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है।’ सबसे पहले ऐसी प्रोफाइल बनाई जाती है, जहां कुछ मिलती-जुलती दिलचस्पी हो, एक जैसे दोस्त हों, एक पूरी कहानी हो। शुरुआत में सामान्य बातचीत होती है। फिर शिकारी खुद को पीड़ित दिखाकर अपनी कुछ बातें शेयर करता है। इससे टारगेट के अंदर ये भाव आता है कि वो काफी ताकतवर है और कोई भी परेशानी दूर कर सकता है।’ ‘समय के साथ इस रिश्ते में खुद को और ताकतवर बनाने के लिए, करीबी बढ़ाने के लिए, अपनी शान बघारने के लिए व्यक्ति धीरे-धीरे इस ट्रैप में फंसता जाता है। टारगेट को यकीन दिलाया जाता है कि उसका काम सीक्रेट रहेगा: एक्सपर्ट नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीक्षा जैन कहती हैं, ‘हनी ट्रैपर हमारी इच्छाओं और कमजोरियों समेत मानव स्वभाव के अलग-अलग पहलुओं का फायदा उठाते हैं।' 'हनीट्रैप में मानवीय पूर्वाग्रहों को इस तरह इस्तेमाल किया जाता है कि शिकारी के लिए शिकार का भरोसा जीत पाना और उससे जुड़ी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच बनाना आसान हो जाता है। उसे कंट्रोल करने के लिए चापलूसी और सहानुभूति जताने जैसे तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। इमोशनल कार्ड खेलकर और कमजोरियों का फायदा उठाकर हनी ट्रैपर अपने टारगेट पर काबू कर लेते हैं।’ हनी ट्रैपिंग के 4 केस, जो भारतीय अफसरों को ट्रेनिंग के दौरान पढ़ाए जाते हैं 1. पहला केस अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA में काम करने वाली शेरॉन स्कारनेज का है। घाना के खुफिया एजेंट माइकल ने शेरॉन को बहकाकर सीक्रेट इन्फॉर्मेशन देने के लिए तैयार कर लिया। शेरॉन ने घाना में CIA ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी, जिसे उन्होंने सोवियत गुट के देशों को भेज दिया। ये सब मई 1983 से अक्टूबर 1984 तक चला। माइकल ने शेरोन से CIA के एजेंट्स के नाम और उनके काम करने की जगह जैसी जानकारियां लेकर रशियन एजेंसी KGB को दे दीं। पकड़े जाने पर नवंबर 1985 में शेरॉन को 5 साल की सजा हुई। माइकल को CIA ने अमेरिका से गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे वापस घाना भेज दिया गया, जहां उसका हीरो की तरह स्वागत किया गया। 2. सर जेफ्री हैरिसन, सोवियत संघ में ब्रिटिश राजदूत थे। 1968 में उन्हें लंदन वापस बुला लिया गया। जेफ्री के बारे में पता चला था कि उन्होंने दूतावास में एक रूसी नौकरानी के साथ संबंध बना लिए हैं। उनकी फोटो रशियन एजेंसी KGB के पास मिली थीं। 3. सबसे दिलचस्प किस्सा चीनी जासूस शिपाई पु का है। उसने चीन में तैनात फ्रांसीसी राजनयिक बर्नार बॉरिस्कॉट को हनीट्रैप में फंसा लिया था। शिपाई ने खुद को महिला बताकर बर्नार से दोस्ती की। दोनों के बीच 10 साल तक 1964 से 1974 तक रिश्ता रहा। इस दौरान चीन को सीक्रेट इन्फॉर्मेशन मिलती रही। शिपाई ने एक उइगर मुस्लिम परिवार से बच्चे को खरीदा और उसे बर्नार से पैदा बच्चा बता दिया। 4. 2005 के दौरान पाकिस्तान के इस्लामाबाद से 56 साल के ब्रिटिश रक्षा अधिकारी एंड्रू दरकन को वापस बुलाना पड़ा था। ब्रिटिश एजेंसी को पता चला था कि उनकी एक पाकिस्तानी स्टूडेंट के साथ सेक्शुअल रिलेशनशिप थी। ये स्टूडेंट असल में एक खुफिया एजेंट थी। हालांकि ब्रिटिश सरकार कभी ये बात नहीं मानी कि उसके सीक्रेट लीक हुए हैं, पर दावा किया जाता है कि पश्चिमी देशों के कई जासूसी मिशन के बारे में पाकिस्तान और चीन को पता चल गया था।
नई दिल्‍ली/चंडीगढ़ पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक सामने आई है। बठिंडा एयरपोर्ट से सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाते समय रास्‍ते में किसानों का प्रदर्शन चल रहा था। इस वजह से पीएम मोदी का काफिला 15-20 मिनट तक फ्लाइओवर पर फंसा रहा। न्‍यूज एजेंसी ANI के अनुसार, मोदी ने वापस बठिंडा एयरपोर्ट आकर वहां के अधिकारियो से कहा, 'अपने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।' MHA ने मांगी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 'गंभीर चूक' करार दिया है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान गंभीर सुरक्षा खामी के बाद उनके काफिले ने लौटने का फैसला किया। बयान में यह भी कहा गया कि मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस चूक के लिए जवाबदेही तय करने और कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त प्रधानमंत्री बठिंडा से हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की ओर जा रहे थे। फिरोजपुर में कार्यक्रम-स्‍थल पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, 'प्रधानमंत्री आप सभी से मिलना चाहते थे लेकिन किसी कारणवश वह आज हम लोगों के बीच नहीं आ पा रहे हैं। प्रधानमंत्री की बहुत इच्छा थी आप सभी से मिलने की...उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम रद्द नहीं किया गया है बल्कि उसे स्थगित किया गया है।' मोदी दो साल के अंतराल के बाद आज पंजाब पहुंचे थे। विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद यह राज्य में उनका पहला दौरा था। इन कानूनों को लेकर किसानों ने लगभग एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किए थे।
नई दिल्ली/बठिंडा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बठिंडा दौरे पर सुरक्षा चूक का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी पर पलटवार किया। स्मृति ईरानी ने कहा कि 20 मिनट तक पीएम मोदी की जान खतरे में रही और कांग्रेस पूछ रही कि हाउ इज द जोश? स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कई सवाल पूछे। स्मृति ईरानी ने कहा,'हम जानते हैं कि कांग्रेस मोदी से नफरत करती है। उन्होंने देश को प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। जब पीएम मोदी के काफिले की सुरक्षा में चूक हो रही थी तो कांग्रेस नेता खुशी से उछल रहे थे। वह पूछ रहे थे कि हाउ इज द जोश। ये किस तरह का जश्न है।' श्रीनिवास बीवी ने किया था ट्वीट गौरतलब है कि श्रीनिवास बीवी ने पीएम मोदी की रैली स्थगित होने के बाद बीजेपी पर तंज कसा था। श्रीनिवास ने दावा किया था कि फिरोजपुर की रैली में रखी गई कुर्सियां खाली पड़ी थीं इसलिए पीएम मोदी को वापस लौटना पड़ा। श्रीनिवास ने ट्वीट कर लिखा, 'हाउ इज द जोश।' 20 मिनट तक फ्लाइओवर में फंसे रहे पीएम विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री पंजाब में 15 से 20 मिनट तक एक फ्लाइओवर पर फंसे रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर खामी माना है और राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट तलब किया है। फिरोजपुर रैली हुई स्थगित बाद में फिरोजपुर में होने वाले प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के ‘उपग्रह केंद्र’ और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे सहित 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने का कार्यक्रम था। बाद में एक रैली को संबोधित करने का भी उनका कार्यक्रम था।
नई दिल्ली,कोरोना काल में एक बार फिर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के लिए दो अहम घोषणाएं की हैं। ये घोषणाएं कोरोना के खिलाफ चल रहे युद्ध के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री ने पहली घोषणा की कि 21 जून से 18 वर्ष से ऊपर की आयु के देश के सभी नागरिकों को वैक्सीन मुफ्त लगेगी। केंद्र सरकार, प्रत्येक राज्य को इसके लिए मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद खरीदेगी और फिर इसे राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। दूसरी महत्पूर्ण घोषणा 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' को अब दीपावली तक आगे बढ़ाने की हुई है। मतलब नवंबर-2021 तक केंद्र सरकार 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध कराएगी। विस्तार से पढ़ें प्रधानमंत्री के संबोधन की प्रमुख बातें देश के नाम संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, कोरेाना की दूसरी लहर की लड़ाई जारी है। अन्य देशों की तरह भारत इस पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। बीते सौ वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है, त्रासदी है। इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी, न अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेकेंड वेव के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई। इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे। उन्होंने कहा, आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं। कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता? पीएम मोदी ने कहा, हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने 1 साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है। आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा पिछले काफी समय से देश लगातार जो प्रयास और परिश्रम कर रहा है, उससे आने वाले दिनों में वैक्सीन की सप्लाई और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। आज देश में 7 कंपनियाँ, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं। तीन और वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है। राज्य सरकारों को लॉकडाउन की छूट क्यों नहीं मिल रही? One Size Does Not Fit All जैसी बातें भी कही गईं। पीएम मोदी ने कहा, देश में कम होते कोरोना के मामलों के बीच, केंद्र सरकार के सामने अलग-अलग सुझाव भी आने लगे, भिन्न-भिन्न मांगे होने लगीं। पूछा जाने लगा, सब कुछ भारत सरकार ही क्यों तय कर रही है? राज्य सरकारों को छूट क्यों नहीं दी जा रही? दूसरी तरफ किसी ने कहा कि उम्र की सीमा आखिर केंद्र सरकार ही क्यों तय करे? कुछ आवाजें तो ऐसी भी उठीं कि बुजुर्गों का वैक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है? भांति-भांति के दबाव भी बनाए गए, देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया। इस बीच, कई राज्य सरकारों ने फिर कहा कि वैक्सीन का काम डी-सेंट्रलाइज किया जाए और राज्यों पर छोड़ दिया जाए। तरह-तरह के स्वर उठे। जैसे कि वैक्सीनेशन के लिए एज ग्रुप क्यों बनाए गए? प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल 16 जनवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने के अंत तक, भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम मुख्यत: केंद्र सरकार की देखरेख में ही चला। सभी को मुफ्त वैक्सीन लगाने के मार्ग पर देश आगे बढ़ रहा था। देश के नागरिक भी, अनुशासन का पालन करते हुए, अपनी बारी आने पर वैक्सीन लगवा रहे थे। आज ये निर्णय़ लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी। इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी। उन्होंने कहा कि 21 जून, सोमवार से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी। एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा में पीएम मोदी ने कहा कि आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है। यानि नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा, जो लोग भी वैक्सीन को लेकर आशंका पैदा कर रहे हैं, अफवाहें फैला रहे हैं, वो भोले-भाले भाई-बहनों के जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसी अफवाहों से सतर्क रहने की जरूरत है।
नई दिल्ली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सीनियर वैज्ञानिक ने सनसनीखेज दावा किया है। तपन मिश्रा ने खुद को मारने की कोशिश के आरोप लगाए हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया कि उन्हें खाने में जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि जान का दुश्मन कौन है, इस बारे में कोई आइडिया नहीं है। अहमदाबाद स्पेस एप्लिकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 3 साल पहले बेंगलुरु में इसरो के हेडक्वार्टर में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी जान लेने की कोशिश की गई थी। 23 मई 2017 को खाने के दौरान डोसे की चटनी में आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड मिलाया गया था। इसकी वजह से पूरे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग के बाद हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। वैज्ञानिक ने बताया कि खाना अच्छा नहीं लगने की वजह से उन्होंने कम ही खाया, जिससे जान तो बच गई लेकिन शरीर पर रिएक्शन देखने को मिला। उन्होंने बताया कि दो साल तक इलाज चला। पोस्ट के साथ मेडिकल रिपोर्ट और पैरों की तस्वीर भी शेयर की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके बाद दो और बार भी उन्हें मारने की कोशिश हुई। इसी जनवरी महीने में रिटायर होने जा रहे तपन ने बताया कि उन्हें त्वचा संबंधी समस्याएं, फंगल इन्फेक्शन, दिल का दौरा, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं, हड्डियों में सेंसेशन होता रहा। उन्होंने विक्रम साराभाई से लेकर अन्य कई वैज्ञानिकों की रहस्यमयी मौत का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पहले कोई घटना हो जाए, लोगों को पता चलना चाहिए कि मेरे साथ क्या हुआ। तपन ने स्पष्ट रूप से किसी के बारे में नहीं कहा लेकिन इतना बताया कि कुछ बाहरी ताकतें नहीं चाहतीं कि इसरो के वैज्ञानिक आगे बढ़ें और कम लागत में सारे सिस्टम तैयार करें। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय जासूसी हमला करार देते हुए कहा कि कमर्शल और सैन्य महत्व के उपकरण बनाने वाले वैज्ञानिकों को रास्ते से हटाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
नई दिल्ली ,03 नवंबर 2020,फरीदाबाद के निकिता हत्याकांड के बाद 'लव जिहाद' शब्द फिर से चर्चा में आ गया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो दिन पहले जौनपुर की रैली में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया. उनके बयान के बाद हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी कहा कि वे भी प्रदेश में 'लव जिहाद' रोकने के लिए कानून लाएंगे. दोनों नेताओं के बयान इस मामले में महत्वपूर्ण हैं कि 'लव जिहाद' शब्द अभी तक केवल राजनीतिक और धार्मिक मंचों से ही इस्तेमाल होता रहा है. सरकार के स्तर पर न तो केंद्र और न ही राज्यों में इसे लेकर कोई आधिकारिक बात कही गई है. यही तर्क देकर एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सीएम योगी को संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं लेकिन यूपी के विपक्षी दलों की बात की जाए तो वे 'लव जिहाद' पर अपनी राय रखने से बच रहे हैं. सीएम योगी ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की बात कहते हुए उसमें जोड़ा कि जो लोग स्वरूप छिपाकर बहन-बेटियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं, उनको पहले से चेतावनी है कि अगर वे सुधरे नहीं, तो अब राम नाम सत्य की यात्रा निकलने वाली है. योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के कानून बनाने की बात को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक फैसले का भी जिक्र किया, जिसमें हाई कोर्ट ने कहा था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता. सीएम योगी के लव जिहाद पर कानून बनाने की बात पर ओवैसी ने कहा कि योगी को लव जिहाद पर आर्टिकल 21 का अच्छी तरह से अध्ययन करना चाहिए. अगर जानकारी नहीं है तो अच्छे वकील से जानकारी लें. ओवैसी ने स्पेशल मैरिज एक्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में स्पेशल मैरिज एक्ट लागू होना चाहिए. दूसरी ओर यूपी की पार्टियां लव जिहाद के मुद्दे पर सीधे विरोध और समर्थन से बचते हुए इसे योगी का राजनीतिक पैंतरा बता रही हैं. यूपी विधानसभा में सपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा कि सूबे में बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ कानून ही तो बना रहे हैं. वास्तविकता यह है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपराध पर नियंत्रण करने में नाकाम रही है. कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब हो रही है. सीएम योगी हिटलर की तरह काम कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान बीजेपी और सीएम योगी देते रहते हैं. सूबे में किसान से लेकर नौजवान तक परेशान हैं और यूपी की कानून व्यवस्था की हालत काफी खराब है. इसे छिपाने के लिए ही सीएम योगी इस तरह से बयान और कानून बनाने की बात कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कहा कि सीएम ने जिस तरह का बयान दिया है, वो एक जनप्रतिनिधि की भाषा नहीं हो सकती है.
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर 2020,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना की शुरुआत कर दी है. इस योजना के जरिए लोगों को एक ऐसा कार्ड मिलेगा जो उनके घर का मालिकाना सबूत होगा. रविवार को देश के 6 राज्यों के 763 पंचायतों के 1 लाख मकान मालिकों को ये कार्ड मिला. इस योजना के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कार्ड पाने वाले लाभुकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. इस दौरान पीएम ने हरियाणा के रहने वाले मुमताज अली से बात की. एक बेहद आत्मीय बातचीत में पेशे से राजमिस्त्री मुमताज अली को पीएम नरेंद्र मोदी ने सलाह दी कि अगर उन्हें थोड़ी आर्थिक तकलीफ हो तो भी वे अपने बच्चों को जरूर पढ़ाएं उन्हें राजमिस्त्री बनने पर मजबूर न करें. स्वामित्व योजना का उद्घाटन करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के यमुनानगर के निवासी मुमताज अली से बात की. मुमताज अली ने कहा कि वे एक सामान्य परिवार से आते हैं, और उनकी महीने की कमाई लगभग 15 हजार रुपये है. मुमताज अली ने कहा कि इस कार्ड की वजह से गांव में होने वाला जमीन का झगड़ा समाप्त हो जाएगा. इस दौरान मुमताज अली ने कहा कि वे घर बनाने का काम करते हैं. इस कार्ड की वजह से वे बैंक से लोन लेकर सेंट्रिंग का काम शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि बैंक उन्हें 3 लाख रुपये का लोन देने पर राजी हो गया है. पीएम मोदी ने कहा कि ये खुशी की बात है कि स्वामित्व कार्ड के आधार पर उन्हें लोन मिल गया और इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरेगी. पीएम ने मुमताज अली से पूछा कि क्या वे अपने बच्चों को पढ़ाएंगे? इस पर मुमताज अली ने कहा कि उनका एक बेटा और एक बेटी पढ़ाई कर रहे हैं. इस पर खुशी जताते हुए पीएम ने कहा कि अगर जीवन में थोड़ी तकलीफ भी हो जाए तो बच्चों को जरूर पढ़ाइएगा. उन्हें राजमिस्त्री बनने पर मजबूर नहीं करेंगे. पीएम की बात से हामी भरते हुए मुमताज अली ने कहा कि उनके बच्चे पढ़ रहे हैं और वे आगे राजमिस्त्री का काम नहीं करेंगे.
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी को अपने अधिकारों के इस्तेमाल के लिए दूसरे के अधिकारों को कुचलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। दिल्ली के शाहीन बाग में महीनों चले धरना-प्रदर्शन के कानूनी पहलुओं पर टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च अदालत ने साफ कहा कि धरना-प्रदर्शन के नाम पर अन्य नागरिकों के आवागमन का अधिकार अनिश्चित काल तक रोका नहीं जा सकता। आखिर सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के धरने पर इतनी सख्त टिप्पणी क्यों की? 15 दिसंबर, 2019 से लॉकडाउन लगने तक चला धरना याद रहे कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में देशभर के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ शाहीन बाग में भी 15 दिसंबर, 2019 को धरना शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-नोएडा मार्ग पर जमावड़ा लगा दिया जिससे कालिंदी कुंज से होकर नोएडा से दिल्ली और फरीदाबाद आने-जाने वाले लाखों लोगों को महीनों तक परेशानी हुई। इन्हें कई किलोमीटर का चक्कर काटकर आना-जाना पड़ रहा था। वहीं, इस मार्ग के बंद होने के कारण रिंग रोड, मथुरा रोड और डीएनडी पर यातायात का अतिरिक्त दबाव पड़ा। इस कारण इन मार्गो पर भयंकर जाम लगता रहा। आने-जाने में भारी परेशानी का हुआ था सामना परेशानी में स्थानीय लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा तो जनवरी के दूसरे हफ्ते में मदनपुर खादर गांव के खारीकुआं चौपाल पर आसपास के दर्जनभर गांवों की पंचायत बुलाई गई थी। इसमें खिजराबाद, तैमूर नगर, सराय जुलैना, भरत नगर, जसोला, मदनपुर खादर, आली गांव, आली विस्तार, बदरपुर, जैतपुर, मीठापुर, जेजे कॉलोनी समेत आसपास के तमाम गांवों के लोग शामिल हुए थे। रोड जाम हटाने के लिए इस तरह की दूसरी कोशिशें भी हुईं। सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किए थे तीन वार्ताकार इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को कुछ याचिकाओं पर सुनवाई की। उच्चतम न्यायालय ने पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह, सुप्रीम कोर्ट की वकील साधना रामचंद्रन और वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्त कर दिया। रामचंद्रन और हेगड़े 19 फरवरी को प्रदर्शनस्थल पहुंचे और उन्होंने वहां भारी तादाद में जुटे प्रदर्शनकारियों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाया। असफल रही सुप्रीम कोर्ट की कोशिश फिर वार्ताकारों ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं। हम सबकी बात सुनेंगे।' सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त तीसरे वार्ताकार पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह शाहीन बाग नहीं गए। बहरहाल, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकारों की बात नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट की पहल रंग नहीं ला सकी। शाह से मिलने प्रदर्शनकारियों ने किया था मार्च सुप्रीम कोर्ट की इस पहल से पहले प्रदर्शनकारी 16 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए उनके आवास की तरफ बढ़े। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने 15 फरवरी की रात ही शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से लिस्ट मांगी थी कि जो लोग गृह मंत्री से मिलने जाना चाहते हैं, उनके नाम दे दें, लेकिन तब कोई लिस्ट नहीं दी गई। उस वक्त साउथ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी आरपी मीणा ने कहा बताया था कि शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बताया कि वे गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए मार्च निकालना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए मना कर दिया क्योंकि उनके पास अपॉइंटमेंट नहीं था। ट्रंप का भारत दौरा और दिल्ली में दंगे बहरहाल, शाहीन बाग की तर्ज पर दिल्ली के अन्य इलाकों में भी सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों पर जुटना शुरू किया और हालत ऐसी हो गई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी में दंगे भड़क गए। 23 फरवरी को 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम में शिरकत करने भारत पहुंचे और अचानक जाफराबाद समेत दिल्ली के कई हिस्सों में दंगे शुरू हो गए। तब एक तबके ने शाहीन बाग में इतने लंबे चले धरने के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए संदेह जताया था कि अगर यह धरना जल्द खत्म नहीं हुआ तो यह देश और समाज के लिए गलत मिसाल बनेगी। लॉकडाउन का ऐलान और धरने पर पाबंदी खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के कारण विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए 22 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। लॉकडाउन के दो प्रमुख नियमों- कहीं भी भीड़ जमा नहीं करना और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना के तहत शाहीन बाग के धरने को खत्म किया जाना था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने धरना खत्म करने में आनाकानी की, लेकिन आखिरकार उन्हें प्रदर्शन स्थल से उठना पड़ा। अनलॉक 1 के ऐलान के साथ ही जुटने लगे थे प्रदर्शनकारी बाद में जब केंद्र सरकार ने जून महीने में अनलॉक वन का ऐलान किया तो शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी फिर से धरना स्थल पर जुटने की कोशिश करने लगे। कुछ महिलाएं 3 जून को प्रदर्शन स्थल पर पहुंचीं, लेकिन पुलिस बलों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें वहां से हटा दिया।
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के मौके पर कृषि संबंधी विधेयकों और श्रम सुधारों की दिशा में उठाए गए सरकार के कदमों पर विस्तृत बात की। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखकर ही सोचती है और उसी के अनुरूप काम करती है। मोदी ने कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे राजनीतिक दलों एवं संगठनों पर झूठ बोलकर किसानों को बरगलाने का आरोप लगाया। आर्टिकल 370, राम मंदिर का जिक्र मोदी ने कहा कि हर घर जल की योजना हो या हर गांव तक तेज इंटरनेट का वादा, ये करोड़ों देशवासियों के जीवन को आसान बनाने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'इसमें आर्टिकल 370, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण जैसे वह वादे भी शामिल हैं जो दशकों की हमारी तपस्या के आधार रहे हैं।' उन्होंने कहा कि संकल्प सिद्ध करने की हमारी ताकत को बनाए रखना है। 'किसानों से झूठ बोलकर कर रहे भ्रमित' प्रधानमंत्री ने कहा, 'किसानों से हमेशा झूठ बोलने वाले कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ की वजह से किसानों को भ्रमित करने में लगे हैं। ये लोग अफवाहें फैला रहे हैं। किसानों को ऐसी किसी भी अफवाह से बचाना बीजेपी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है। हमें किसान के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है।' उन्होंने कहा, बीजेपी का वैचारिक तंत्र और राजनीतिक मंत्र साफ है। हम लोगों के लिए राष्ट्रहित सबसे ऊपर है। नेशन फर्स्ट यही हमारा मंत्र है, यही हमारा कर्म है। 'वादों के मुताबिक काम नहीं हुआ' पीएम ने विपक्ष पर किसानों और श्रमिकों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'आजादी के अनेक दशकों तक किसान और श्रमिक के नाम पर खूब नारे लगे, बड़े-बड़े घोषणापत्र लिखे गए, लेकिन समय की कसौटी ने सिद्ध कर दिया है कि वो सारी बातें कितनी खोखली थी। देश इन बातों को भली-भांति जानता है।' उन्होंने आगे कहा, किसान और श्रमिक के नाम पर देश में, राज्यों में अनेकों बार सरकारें बनीं लेकिन उन्हें मिला क्या? सिर्फ वादों और कानूनों का एक उलझा हुआ जाल। एक ऐसा जाल, जिसको ना तो किसान समझ पाता था और ना ही श्रमिक।' पुरानी नीतियों से किसानों की आमदनी नहीं बढ़ी, कर्ज बढ़ा' प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को ऐसे कानूनों में उलझाकर रखा गया, जिसके कारण वो अपनी ही उपज को, अपने मन मुताबिक बेच भी नहीं सकता था। नतीजा ये हुआ कि उपज बढ़ने के बावजूद किसानों की आमदनी उतनी नहीं बढ़ी। हां, उन पर कर्ज जरूर बढ़ता गया। उन्होंने कहा, 'बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने निरंतर इस स्थिति को बदलने का काम किया है। पहले लागत का डेढ़ गुना एमएसपी तय किया, उसमें रिकॉर्ड बढ़ोतरी की और रिकॉर्ड सरकारी खरीद भी सुनिश्चित की।' 'नए श्रम कानून से सबको मिला समान दर्जा' पीएम ने कहा कि किसानों की तरह ही देश में दशकों तक देश के श्रमिकों को भी कानून के जाल में उलझाकर रखा गया है। पीएम ने कहा, 'जब-जब श्रमिकों ने आवाज उठाई, तब-तब उनको कागज पर एक कानून दे दिया गया। जो पहले के श्रमिक कानून थे, वो देश की आधी आबादी, हमारी महिला श्रमशक्ति के लिए काफी नहीं थे। अब इन नए कानूनों से हमारी बहनों को, बेटियों को, समान मानदेय दिया गया है, उनकी ज्यादा भागीदारी को सुनिश्चित किया गया है।' उन्होंने कहा, 'किसानों, श्रमिकों और महिलाओं की ही तरह छोटे-छोटे स्वरोजगार से जुड़े साथियों का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा था, जिसकी सुध कभी नहीं ली गई। रेहड़ी, पटरी, फेरी पर काम करने वाले लाखों साथी जो आत्मसम्मान के साथ अपने परिवार भरण-पोषण करते हैं, उनके लिए भी पहली बार एक विशेष योजना बनाई गई है। किसानों, खेत मजदूरों, छोटे दुकानदारों, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन और बीमा से जुड़ी योजनाएं हमारी सरकार ने पहले ही आरंभ कर दिया है। अब नए प्रवधानों से सामाजिक सुरक्षा का ये कवच और मजबूत होगा।' पं. दीनदयाल को किया याद प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए कहा, 'आज जब देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक-एक देशवासी अथक परिश्रम कर रहा है, तब गरीबों को, दलितों, वंचितों, युवाओं, महिलाओं, किसानों, आदिवासी, मजदूरों को उनका हक देने का बहुत ऐतिहासिक काम हुआ है।' उन्होंने कहा,'ये दीनदयाल जी ही थे, जिन्होंने भारत की राष्ट्रनीति, अर्थनीति और समाजनीति, इन तीनों को भारत के अथाह सामर्थ्य के हिसाब से तय करने की बात मुखरता से कही थी, लिखी थी। 21वीं सदी के भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाई देने के लिए, 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए, आज जो कुछ भी हो रहा है, उसमें दीन दयाल जी जैसे महान व्यक्तित्वों का बहुत बड़ा आशीर्वाद है।'
काठमांडू चीनी राजदूत के इशारे पर चल रही नेपाल की केपी ओली सरकार ने देश के विवादित नक्‍शे वाली किताब के वितरण पर रोक लगा दिया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय और भू प्रबंधन मंत्रालय ने श‍िक्षा मंत्रालय की ओर से जारी इस किताब के विषयवस्‍तु पर गंभीर आपत्ति जताई थी। इसके बाद नेपाली कैबिनेट ने श‍िक्षा मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह न केवल इस किताब का वितरण रोके बल्कि उसके प्रकाशन पर भी रोक लगाए। नेपाली कैबिनेट के इस फैसले से शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरल को करारा झटका लगा है। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक विदेश मंत्रालय और भू प्रबंधन मंत्रालय ने कहा था कि इस किताब में कई तथ्‍यात्‍मक गल्तियां और 'अनुचित' कंटेंट है, इस वजह से किताब के प्रकाशन पर रोक लगाई गई है। कानून मंत्री श‍िव माया ने कहा, 'हमने यह निष्‍कर्ष निकाला है कि किताब के वितरण पर रोक लगा दी जाए।' माया ने माना कि कई गलत तथ्‍यों के साथ संवेदनशील मुद्दों पर किताब का प्रकाशन गलत कदम था। द्विपक्षीय बातचीत को झटका पहुंचने की थी आशंका बता दें कि भारत और नेपाल के बीच मई में सीमा विवाद पैदा हो गया था। बातचीत के जरिए इसका समाधान होने का दरवाजा भी दिखने ही लगा था कि यह ताजा विवाद खड़ा हो गया था। नेपाल सरकार ने बच्चों की एक किताब में विवादित नक्शा प्रकाशित किया है। यही नहीं, इसमें भारत के साथ सीमा विवाद का भी जिक्र है। नेपाल के इस कदम से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत को झटका पहुंचने की आशंका पैदा हो गई थी। कालापानी पर नेपाल का दावा देश के शिक्षा मंत्री गिरिराज मणि पोखरल के मुताबिक किताब का प्रकाशन भारत की कार्रवाई के जवाब में किया गया है। उनका कहना है कि भारत ने पिछले साल कालापानी को अपनी सीमा में दिखाते हुए नक्शा जारी किया था। नेपाल कालापानी को अपना बताता है। नेपाल की नई किताब में बच्चों को नेपाल के क्षेत्र के बारे में पढ़ाया जा रहा है और सीमा विवादों का जिक्र भी किया गया है। अपने फायदे के लिए किया? किताब में पोखरल ने खुद लिखा है कि कैसे उन्होंने 24 साल पहले भारतीय सेना को नेपाल से बाहर करने के लिए अभियान चलाया था। नेपाल में एक्सपर्ट्स ने भी इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि अकैडमिक किताब में मंत्री की भूमिका नहीं होनी चाहिए और पोखरल ने अपनी छवि बनाने के लिए ऐसा किया है। वहीं, सेंटर फॉर नेपाल ऐंड एशियन स्टडीज के असोसिएट प्रफेसर का कहना है कि ऐसी किताबों से नई पीढ़ी का ज्ञान नहीं बढ़ता है बल्कि दो देशों में तनावपूर्ण संबंधों के बीच बातचीत का रास्ता भी बंद हो जाता है।
रूस के अत्‍याधुनिक S-500 एयर डिफेंस सिस्‍टम के अलावा किसी भी देश के पास हाइपरसोनिक मिसाइलों का रोकने की क्षमता नहीं है। इस तकनीकी की मदद से अब भारत एंटी शिप मिसाइलें बना सकेगा। ये घातक म‍िसाइलें पलक झपकते ही शत्रुओं के एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह कर देंगी। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ब्रह्मोस-2 नाम से एंटी शिप हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की तैयारी कर रहा है। रूस के मदद से तैयार ब्रह्मोस मिसाइल अभी सब सोनिक स्‍पीड (ध्‍वनि से तीन गुना ज्‍यादा रफ्तार) से वार करती है। इस तरह ब्रह्मोस-2 अपने पूर्ववर्ती मिसाइल से दोगुना ज्‍यादा रफ्तार से वार करेगी।
नई दिल्‍ली कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयकों पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने का जिम्‍मा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभाल रखा है। न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) खत्‍म नहीं होगा, पीएम कई बार ऐसा कह चुके हैं। तीन विधेयकों को लेकर हो रहे विरोध के बीच सरकार विपक्ष को कोई मौका नहीं देना चाहती। अगले हफ्ते रबी की फसलों के लिए ज्‍यादा एमएसपी का ऐलान होगा। तय वक्‍त से करीब एक महीना पहले ही एमएसपी घोषित कर दिया जाएगा ताकि विपक्ष की बात गलत साबित हो जाए। एक तीर से दो शिकार करेगी सरकार कृषि मंत्रालय आमतौर पर रबी की फसलों जैसे गेहूं, सरसों और दालों के लिए बुवाई के सीजन की शुरुआत में एमएसपी की घोषणा करता है। अक्‍टूबर के दूसर पखवाड़े में होने वाला ऐलान इस बार सितंबर में ही कर दिया जाएगा। यह विपक्ष के हमलों को बेअसर करने की एक कोशिश हो सकती है। पिछली बार 23 अक्‍टूबर को रबी का एमएसपी घोषित किया गया था। इस घोषणा से सरकार किसानों को भी संकेत देगी। वह एमएसपी देखकर सर्दियों में कौन सी फसल बोनी है, यह तय कर सकते हैं। नए एमएसपी पर खरीद रबी के मार्केटिंग सीजन, अगले साल 1 अप्रैल से शुरू होगी। इस साल रबी किसानों को मिले 1.13 लाख रुपये एक अधिकारी ने कहा, 'रबी की फसलों के एमएसपी में बढ़त उसी सिद्धांत पर होगी जिसे 2018-19 के बजट में सामने रखा गया था। अखिल भारतीय स्‍तर पर उत्‍पादन की औसत लागत का कम से कम डेढ़ गुना।" कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि रबी की फसलों के लिए 2020 में किसानों को 1.13 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। यह रकम पिछले साल के मुकाबले 31% ज्‍यादा है। इस आंकड़े से सरकार की कोशिश यह साबित करने की थी कि उसका एमएसपी के जरिए खरीद पर जोर है। मंत्रालय ने संसद में विपक्ष की ओर से उठाए गए कई सवालों पर सफाई दी है। पीएम मोदी ने अपनाया आक्रामक रुख राज्‍यसभा से दो बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट उनके आक्रामक रुख की गवाही देते हैं। उन्‍होंने इसे 'ऐतिहासिक पल' बताते हुए किसानों को फिर आश्‍वासन दिया कि एमएसपी और सरकारी खरीद की व्‍यवस्‍था बनी रहेगी। मोदी ने कई ट्वीट्स में कहा कि "नए कानूनों से किसानों को बिचौलियों के जाल से मुक्ति मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि "इससे कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव आएगा। दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।" प्रधानमंत्री ने एमएसपी को लेकर फैले गतिरोध पर सफाई देते हुए कहा, " पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी।"
नई दिल्‍ली संसद में पेश कृषि बिलों पर विपक्ष के साथ अपने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल के विरोध का सामना कर रहे पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरकार की इस पहल को किसानों के लिए नई आजादी बताया। उन्होंने कहा कि बिल का विरोध करने वाले MSP और सरकारी खरीद की व्यवस्था खत्म किए जाने की अफवाह फैला रहे हैं, जो किसानों के साथ धोखा है। बता दें कि बिल के विरोध में अकाली दल कोटे की मंत्री हरसिमरत कौर बादल इस्तीफा दे चुकी हैं। पीएम ने कहा कि बिल से किसान और ग्राहक के बीच से बिचौलिए खत्म होंगे, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा। लेकिन कुछ लोग बस विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं और नए-नए तरीके अपना रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए कहा कि देश पर दशकों तक राज करने वाले लोग भ्रम फैला रहे हैं। 'कृषि बिलों से किसानों के बंधन खुले' बिहार के कोसी में रेल पुल का ऑनलाइन उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "कल विश्वकर्मा जयंती के दिन, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। इन विधेयकों ने हमारे अन्नदाता किसानों को अनेक बंधनों से मुक्ति दिलाई है, उन्हें आजाद किया है। इन सुधारों से किसानों को अपनी उपज बेचने में और ज्यादा विकल्प मिलेंगे, और ज्यादा अवसर मिलेंगे।" विरोध करने वाले भूल गए हैं चुनावी वादे: मोदी मोदी ने आगे कहा, "चुनाव के समय किसानों को लुभाने के लिए ये बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लिखित में करते थे, अपने घोषणापत्र में डालते थे और चुनाव के बाद भूल जाते थे। और आज जब वही चीजें एनडीए सरकार कर रही है, किसानों को समर्पित हमारी सरकार कर रही है, तो ये भांति-भांति के भ्रम फैला रहे हैं। जिस APMC एक्ट को लेकर अब ये लोग राजनीति कर रहे हैं, एग्रीकल्चर मार्केट के प्रावधानों में बदलाव का विरोध कर रहे हैं, उसी बदलाव की बात इन लोगों ने अपने घोषणापत्र में भी लिखी थी लेकिन अब जब एनडीए सरकार ने ये बदलाव कर दिया है, तो ये लोग इसका विरोध करने पर उतर आए हैं।" हमारी सरकार का ऐतिहासिक कदम: मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से कहा कि वे बिल का विरोध कर रहे लोगों से सावधान रहें। उन्‍होंने कहा, "मैं आज देश के किसानों को स्पष्ट संदेश देना चाहता हूं। आप किसी भी तरह के भ्रम में मत पड़िए। इन लोगों से देश के किसानों को सतर्क रहना है। ऐसे लोगों से सावधान रहें जिन्होंने दशकों तक देश पर राज किया और जो आज किसानों से झूठ बोल रहे हैं। वो लोग किसानों की रक्षा का ढिंढोरा पीट रहे हैं लेकिन दरअसल वे किसानों को अनेक बंधनों में जकड़कर रखना चाहते हैं। वो लोग बिचौलियों का साथ दे रहे हैं, वो लोग किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रहे हैं। किसानों को अपनी उपज देश में कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की आजादी देना, बहुत ऐतिहासिक कदम है। 21वीं सदी में भारत का किसान, बंधनों में नहीं, खुलकर खेती करेगा, जहां मन आएगा अपनी उपज बेचेगा, किसी बिचौलिए का मोहताज नहीं रहेगा और अपनी उपज, अपनी आय भी बढ़ाएगा।"
नई दिल्ली | 11 सितंबर 2020,लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके में चीनी तैनाती के बीच भारत की भी तैयारी तेज हो गई है. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बोफोर्स तोप भेजे जा रहे हैं. तनातनी के बीच मास्को में विदेश मंत्री एस. जयशंकर की चीनी विदेश मंत्री से मुलाकात हुई है. इस मामले में भारत ने दो टूक कहा कि एलएसी पर हमारी सेना ने उल्लंघन नहीं किया. साथ ही चीनी फौज की तैनाती बढ़ाने पर भी सवाल उठाए गए हैं.
नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात सामान्य नहीं हैं. ऐसे में चीन की चालाकी को जवाब देने के लिए सेना हर मोर्चे पर सतर्क है. लद्दाख में जारी तनाव के बीच अन्य सीमाओं पर भी हलचल बढ़ गई है. गृह मंत्रालय की ओर से भारत-चीन, भारत-नेपाल और भारत-भूटान पर सुरक्षाबलों को सतर्क रहने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार, ITBP और SSB को अलर्ट पर रखा गया है. इसके तहत उत्तराखंड, अरुणाचल, हिमाचल, लद्दाख और सिक्किम बॉर्डर पर ITBP की निगरानी को और भी मजबूत किया गया है. उत्तराखंड के कालापानी इलाके में जहां पर भारत-चीन-नेपाल तीनों देशों का मेल है वहां भी सतर्कता बढ़ गई है. SSB की 30 कंपनी यानी 3000 जवानों को भारत-नेपाल बॉर्डर पर भेजा गया. इससे पहले इन कंपनियों की तैनाती कश्मीर और दिल्ली में थी. सूत्रों की मानें तो मंगलवार को गृह मंत्रालय में बॉर्डर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी और ITBP, SSB के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद चीन ,नेपाल, भूटान सहित दूसरे बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं. आपको बता दें कि लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने बीते तीन दिनों में घुसपैठ की कोशिश की है. इस दौरान हाथापाई की स्थिति भी आई लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने चीन की हर कोशिश को नाकाम कर दिया. इससे पहले भी कई बार चीन लद्दाख सीमा के अलावा अरुणाचल और उत्तराखंड में हलचल करते आया है, ऐसे में भारत पहले से ज्यादा सतर्क है. अगर लद्दाख सीमा की बात करें तो भारत ने वहां पर अपने जवानों की संख्या को बढ़ा दिया है. साथ ही बॉर्डर से सटे क्षेत्र में अब टैंक की तैनाती भी है, दोनों देशों के टैंक आमने-सामने हैं और फायरिंग रेंज में मौजूद हैं. ताजा विवाद को निपटाने के लिए ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत हो रही है लेकिन चीन के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इस वजह से हर तरह की सतर्कता बरती जा रही है.
नई दिल्ली, भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात सामान्य नहीं हैं. ऐसे में चीन की चालाकी को जवाब देने के लिए सेना हर मोर्चे पर सतर्क है. लद्दाख में जारी तनाव के बीच अन्य सीमाओं पर भी हलचल बढ़ गई है. गृह मंत्रालय की ओर से भारत-चीन, भारत-नेपाल और भारत-भूटान पर सुरक्षाबलों को सतर्क रहने को कहा गया है. सूत्रों के अनुसार, ITBP और SSB को अलर्ट पर रखा गया है. इसके तहत उत्तराखंड, अरुणाचल, हिमाचल, लद्दाख और सिक्किम बॉर्डर पर ITBP की निगरानी को और भी मजबूत किया गया है. उत्तराखंड के कालापानी इलाके में जहां पर भारत-चीन-नेपाल तीनों देशों का मेल है वहां भी सतर्कता बढ़ गई है. SSB की 30 कंपनी यानी 3000 जवानों को भारत-नेपाल बॉर्डर पर भेजा गया. इससे पहले इन कंपनियों की तैनाती कश्मीर और दिल्ली में थी. सूत्रों की मानें तो मंगलवार को गृह मंत्रालय में बॉर्डर मैनेजमेंट के सेक्रेटरी और ITBP, SSB के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद चीन ,नेपाल, भूटान सहित दूसरे बॉर्डर पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिये गए हैं. आपको बता दें कि लद्दाख बॉर्डर पर चीन ने बीते तीन दिनों में घुसपैठ की कोशिश की है. इस दौरान हाथापाई की स्थिति भी आई लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने चीन की हर कोशिश को नाकाम कर दिया. इससे पहले भी कई बार चीन लद्दाख सीमा के अलावा अरुणाचल और उत्तराखंड में हलचल करते आया है, ऐसे में भारत पहले से ज्यादा सतर्क है. अगर लद्दाख सीमा की बात करें तो भारत ने वहां पर अपने जवानों की संख्या को बढ़ा दिया है. साथ ही बॉर्डर से सटे क्षेत्र में अब टैंक की तैनाती भी है, दोनों देशों के टैंक आमने-सामने हैं और फायरिंग रेंज में मौजूद हैं. ताजा विवाद को निपटाने के लिए ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत हो रही है लेकिन चीन के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए उसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इस वजह से हर तरह की सतर्कता बरती जा रही है.
लद्दाख,08 सितंबर 2020,लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. सोमवार की घटना के बाद एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आए हैं. पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए. इस इलाके में भारतीय सेना के जवानों का कब्जा है, लेकिन चीनी सेना के 40-50 सैनिक इनके सामने आ गए. चीन की ओर से कोशिश की गई है कि भारतीय जवानों को हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए. हालांकि, चीनी सेना इसमें सफल नहीं हो पाई है. आपको बता दें कि सोमवार की शाम को चीन की ओर से लद्दाख सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई थी, जब भारतीय जवानों ने उन्हें रोका तो PLA के जवानों ने फायरिंग की. हवाई फायरिंग कर भारतीय सेना को डराने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने संयम बरता और चीनी सैनिकों को वापस भेज दिया. 30 अगस्त की घटना के बाद से ही चीन कई बार घुसपैठ की कोशिश कर चुका है लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली है. हर बार अपनी नाकाम कोशिश के बाद चीन की ओर से भारतीय सेना पर ही घुसपैठ का आरोप लगाया जाता है. सोमवार की घटना के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय, चीनी सेना और चीनी मीडिया ने भारत पर घुसपैठ का आरोप लगाया और फायरिंग की बात कही. लेकिन भारतीय सेना ने अपने बयान में चीन के इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया. दरअसल, भारतीय सेना ने जब से काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से पर अपना कब्जा किया है तभी से ही चीन की हालत पतली है. क्योंकि ये इलाके युद्ध और किसी भी अन्य वक्त में रणनीतिक तौर पर काफी अहम हैं, ऐसे में चीन की कोशिश है कि इन्हें तुरंत वापस लिया जाए. जिसमें वो सफल नहीं हो पा रहा है.
नई दिल्ली चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है। पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे रेजांग ला के पास भारत-चीन सैनिकों के बीच अब भी गतिरोध जारी है। 30-40 चीनी सैनिकों की टुकड़ी वहां मौजूद है। सूत्रों के मुताबिक, तीन दिन से लगातार चीनी सैनिक उन चोटियों पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जहां भारतीय सैनिक तैनात हैं। जिस तरह पहले पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर- 4 में भारत-चीन सैनिक आमने-सामने थे, उसी तरह अब तनाव का सबसे बड़ा पॉइंट रेजांग ला के पास की चोटियां बन गई हैं। भारत ने कहा है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने एलएसी पर फिर से उकसावे की कार्रवाई की और द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए फायरिंग भी की। यह एलएसी पर गोली नहीं चलाने की वर्षों पुरानी नीति का उल्लंघन है। चीन पेंगोंग लेक के दक्षिणी छोर पर स्थित पहाड़ियों पर कब्जा करना चाहता है। इस कोशिश में उसके सैनिक बार-बार उधर कूच करते हैं, लेकिन भारतीय सेना की किलेबंदी के सामने उनकी एक नहीं चल रही है। 29-30 अगस्त की रात भी चीनी सैनिकों ने यही किया था जिसे भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) ने अच्छी तरह नाकाम कर दिया। दरअसल चीन की दीर्घावधि योजना भारत को अस्थिर करने की है। इसके लिए वो 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव पैदा करता रहता है। उसे लगता है कि इससे भारत की राजनीति में उथल-पुथल मचेगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताकतवर छवि को नुकसान पहुंचेगा। इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की मदद ले रहा है जो पश्चिमी सीमा पर भारतीय सेना को उलझाए रखने के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) पर ताबड़तोड़ फायरिंग करता है।
नई दिल्ली,25 अगस्त 2020,देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल आज एक ऐसी स्थिति में है, जहां से उसका भविष्य तय होना है. सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में जिस चिट्ठी को लेकर इतना विवाद हुआ, दरअसल उसकी स्क्रिप्ट तीन से चार महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी. इसको लेकर कई बार बैठकें भी हुईं, लेकिन सोमवार की बैठक में इसपर आर-पार की जंग देखने को मिली. बैठक में हालात इस तरह बिगड़े की दो वरिष्ठ नेताओं ने राहुल के खिलाफ बयान दिया, हालांकि बाद में उसमें सुधार किया. 23 नेताओं के द्वारा लिखी गई इस चिट्ठी की कहानी कहां से शुरू हुई, पूरी बात समझिए... • जिन नेताओं ने बगावती चिट्ठी पर साइन किए हैं, उन्होंने पिछले तीन-चार महीने में कई राउंड की बैठकें की थीं. • नेतृत्व को लेकर कांग्रेस में काफी दिनों से मंथन जारी था, सभी का विचार था कोई कदम उठाना चाहिए. • पिछले एक महीने से 10-12 नेताओं का एक ग्रुप गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में सोनिया गांधी के साथ बैठक करने की कोशिश कर रहा था. लेकिन, स्वास्थ्य या किन्हीं अन्य वजहों के कारण ये बैठक नहीं हो पाई. • इसी कारण सात अगस्त को 23 नेताओं के इस ग्रुप ने एक चिट्ठी लिखी, जिसपर पूरा विवाद हुआ. • सोमवार को हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में किसी तरह के 6 महीने के एक्सटेंशन या फिर किसी तरह के टाइमलाइन की बात नहीं हुई. • हालांकि, चिट्ठी लिखने वाले ग्रुप को अब इंतजार करना होगा. क्योंकि उनका मानना है कि अहमद पटेल और अन्य नेता अध्यक्ष पद के लिए आम सहमति बनाने पर जुटे हैं. • अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को फिर से नहीं संभालते हैं, तो फिर एक बार फिर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के लिए मांग की जाएगी. आपको बता दें कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी की ओर से इस्तीफा देने की बात कही गई. हालांकि, सभी नेताओं ने सोनिया से ऐसा ना करने को कहा. सात घंटे तक चली बैठक में अधिकतर नेताओं ने गांधी परिवार में विश्वास जताया, जिसके बाद सोनिया गांधी को अगला अध्यक्ष चुने जाने तक कार्यकारी अध्यक्ष बनने पर राजी किया गया.
नई दिल्ली ,25 अगस्त 2020,करीब 13 साल में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बहीखाते में 30.02 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है. साल 2019-20 में रिजर्व बैंक का बहीखाता बढ़कर 53.34 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो देश की कुल जीडीपी का करीब 26 फीसदी था. गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक जुलाई से जून तक का लेखाजोखा पेश करता है और उसके बहीखाते में करेंसी (लायबिलिटी) और विदेशी मुद्रा भंडार (एसेट) दोनों को जोड़ा जाता है. साल 2018-19 में यह 41.02 लाख करोड़ रुपये था. इससे पहले कब हुई थी ज्यादा बढ़त भारत की जीडीपी का आकार करीब 200 लाख करोड़ रुपये का माना जाता है, इसके हिसाब से रिजर्व बैंक का बैलेंस सीट जीडीपी का करीब 26 फीसदी है. इससे पहले की सबसे बड़ी बढ़त साल 2007-08 में हुई थी, जब रिजर्व बैंक का बहीखाता 46 फीसदी बढ़कर 14.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. साल 2011-12 में रिजर्व बैंक के बहीखाते में 22 फीसदी की बढ़त हुई थी. क्यों है महत्वपूर्ण गौरतलब है कि रिजर्व बैंक का बहीखाता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी मायने रखता है, क्योंकि यह करेंसी जारी करता है, नकदी का प्रबंधन करता है और विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव को कम करता है. पिछले कुछ वर्षों से रिजर्व बैंक का बहीखाता हर साल 10 से 12 फीसदी की दर से बढ़ता जा रहा है. गोल्ड में 53 फीसदी की बढ़त रिजर्व बैंक के अनुसार, साल 2019-20 में उसके घरेलू और विदेशी निवेश में क्रमश: 18.40 और 27.28 फीसदी की बढ़त हुई. इसी तरह लोन और कर्ज में 245.76 फीसदी तथा गोल्ड में 52.85 फीसदी की बढ़त हुई है. 30 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक रिजर्व बैंक के एसेट में 28.75 फीसदी हिस्सा घरेलू एसेट का, जबकि 71.25 फीसदी हिस्सा विदेशी करेंसी और गोल्ड का है. दुनियाभर के बैंकों का ये है हाल वैसे दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों का बहीखाता बढ़ रहा है क्योंकि सरकारों की तरफ से नकदी बढ़ाने वाली नीतियां चलाई जा रही हैं. इसी तरह से यूरोपीय केंद्रीय बैंक का बहीखाता तो बढ़कर यूरो क्षेत्र के 50 फीसदी से ज्यादा तक पहुंच गया है. इसी तरह अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का बहीखाता भी वहां के जीडीपी के 32 फीसदी तक पहुंच गया है. ​केंद्रीय बैंकों के बहीखातों में तेज बढ़त साल 2008-09 से शुरू हुई, जब दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिए नकदी का प्रवाह शुरू किया. इसके बाद से केंद्रीय बैंकों का बहीखाता कम होने की बजाय बढ़ता ही गया है. कोरोना संकट के बाद तो इसमें और विस्तार ही होने के आसार हैं.
नई दिल्ली दुश्मनों की निगाह में आए बिना सैनिकों और भारी हथियारों को लद्दाख में पाकिस्तान और चीन की सीमा तक तेजी से मूवमेंट (new road for fast troops movement) के लिए भारत एक रणनीतिक तौर पर बेहद अहम नई सड़क पर काम कर रहा है। मनाली से लेह तक बनने वाली इस नई सड़क से पहाड़ी राज्य लद्दाख तक तीसरा लिंक उपलब्ध हो जाएगा। चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में तनाव (India-China tension at eastern Ladakh) के बीच भारत का यह कदम बहुत ही महत्वपूर्ण है। इसके साथ-साथ भारत पिछले 3 सालों से दौलत बेग ओल्डी समेत रणनीतिक तौर पर बहुत ही महत्वपूर्ण नॉर्थ सब सेक्टर और अन्य इलाकों में वैकल्पिक कनेक्टिविटी पर काम कर रहा है। उसके लिए सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बनी दुनिया के पहले मोटरेबल रोड (जिस सड़क पर वाहन चल सकें) खारदुंग ला पास से काम पहले ही शुरू हो चुका है। सरकारी सूत्रों ने बताया, 'एजेंसियां मनाली से लेह तक नीमू-पद्म-दार्चा होते हुए वैकल्पिक कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए काम कर रही हैं। इससे मौजूदा जोजिला पास वाले रास्ते और सार्चु से होकर मनाली से लेह तक के रूट के मुकाबले समय की काफी बचत होगी।' अधिकारियों ने बताया कि नई सड़क से मनाली और लेह की दूरी करीब 3 से 4 घंटे तक कम हो जाएगी। इसके अलावा न तो पाकिस्तान और न ही कोई अन्य दुश्मन इस रोड पर आर्मी की मूवमेंट, तैनाती व लद्दाख तक तोप, टैंक जैसे भारी हथियारों की मूवमेंट को देख सकेंगे। लद्दाख तक सामानों और लोगों के परिवहन के लिए मुख्य तौर पर जोजिला वाले रास्ते का इस्तेमाल होता है जो ड्रास-करगिल से लेह तक गुजरती है। 1999 में करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानियों ने इसी रूट को बुरी तरह निशाना बनाया था। उस दौरान रोड से सटे ऊंचे पहाड़ों से पाकिस्तानी फौज ने बमबारी और गोलाबारी की थी। सूत्रों ने बताया कि इस अहम प्रोजेक्ट पर काम पहले से ही शुरू हो चुका है और नया रोड मनाली को लेह से नीमू के नजदीक जोड़ेगा जहां पीएम मोदी ने चीन के साथ तनाव के दौरान हाल ही में दौरा किया था। रणनीतिक दार्बुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड तक वैकल्पिक कनेक्टिविटी के लिए भारत पुराने समर रूट को विकसित करने का काम कर रहा है जिससे पश्चिम की तरफ से पूर्वी लद्दाख में सेना का कारवां गुजरा करता है। नया रोड लेह से खरदुंगा की तरफ जाएगी फिर वहां से ससोमा-सासेर ला श्योक और दौलत बेग ओल्डी समेत ग्लेशियरों से होकर गुजरेगी। सूत्रों ने बताया कि सेना की 14वीं कोर को दार्बुक श्योक दौलत बेग ओल्डी (DSDBO) रोड का विकल्प ढूंढने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा कोर को सियाचिन के नजदीक दौलत बेग ओल्डी इलाके की तरफ आने वाली सड़क की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए ट्रायल बेसिस पर एक यूनिट भेजी भी जा चुकी है। भारतीय सेना ससोमा से सासेर ला तक तो वाहनों से जाती है लेकिन बाकी इलाकों में उसे पैदल ही जाना पड़ता है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त 2020,चीन ने अचानक अपनी सेना की उस सीक्रेट यूनिट को जगा दिया है जो पूरी दुनिया में बदनाम है. ये वो सीक्रेट यूनिट है जो सामने से या हथियारों से नहीं लड़ती. बल्कि गुपचुप तरीके से कहीं से भी बैठ कर कहीं भी निशाना लगा देती है. चीन अब भारत को डिजिटल वार के जरिए नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. खबरों के मुताबिक चीनी सेना की सीक्रेट यूनिट 61398 एक्टिव हो चुकी है. ये यूनिट चोरी-छिपे साइबर अटैक के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है. चीन की सीक्रेट यूनिट 61398 से दुनिया के कई दिग्गज डरते हैं. भारत के खिलाफ उसने इस यूनिट को मैदान में उतारा है. चीन की इस यूनिट में कई शातिर हैकर्स और साइबर एक्सपर्ट काम करते हैं. ड्रैगन ने अपनी इस यूनिट को अब भारत के खिलाफ एक्टिव कर दिया है. साइबर जासूसी के लिए पुरी दुनिया में मशहूर ये यूनिट अब भारत के खिलाफ बड़ी साजिश को अंजाम दे रही है. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें देश की अतिसंवेदनशील जानकारी को साइबर जासूसी के जरिए चीन जुटाने में लगा है. मौजूदा वक्त में डाटा चोरी किसी हथियार से कम नहीं है. ऐसे में चीन इस तरह के कामों पर खास ध्यान दे रहा है. इस काम को करने के लिए चीनी सेना की सीक्रेट यूनिट 61398 का गठन किया गया. भारत के खिलाफ ये यूनिट काफी सक्रिय देखी जा रही है. जिसको लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. 2014 में अमेरिका की जासूसी के मामले में चीन के 5 मिलिट्री अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. सभी पांचों चीनी अधिकारी यूनिट 61398 से जुड़े हुए थे. अमेरिका की एजेंसियों का मानना है कि यूनिट 61398 की तरह चीन के कई हैकर्स के जरिए दुनिया भर की जासूसी की जा रही है. हैकिंग के लिए चीन ने ऐसी कई यूनिट बना रखी हैं पिछले कुछ सालों में आइस बग, हिडेन लिंक, एपीटी-12 से जुड़ी मैलवेयर टूल्स की मदद से साइबर जासूसी की घटनाएं सामने आई हैं. चीन के एक छोटे से जिले की एक 12 मंजिला बिल्डिंग से यह यूनिट काम करती है और दुनिया के अलग-अलग इलाकों में हैकिंग को अंजाम देती है. इस सीक्रेट यूनिट का पता एक अमेरिकी कंप्यूटर सिक्योरिटी फर्म ने लगाया था. उसने चीनी हैकर्स के बारे में एक रिसर्च की थी और उस बिल्डिंग का जिक्र रिसर्च में किया था. रिसर्च के अनुसार अमेरिका में हुए बहुत सारे साइबर हमलों को स्टडी किया गया. हर बार साइबर अटैक करने वाले का आईपी एड्रेस उसी बिल्डिंग के आस-पास का निकलता था. रिसर्च के मुताबिक साल 2006 से 2013 के बीच अमेरिका में 140 बार साइबर हमले किए गए. हमले ज्यादा भी हो सकते हैं. लेकिन 140 मामले ऐसे थे जो पकड़ में आए. ऐसे में भारत को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को चीन की इस सीक्रेट यूनिट से सावधान रहने की जरूरत है. भारत को खासकर अलर्ट रहने की जरूरत है. क्योंकि मौजूदा दौर में चीन के साथ भारत का सीमा विवाद चल रहा है. चीन हर उस कोशिश को अंजाम देने में लगा है, जिससे भारत को नुकसान हो.
नई दिल्ली, 17 अगस्त 2020,चीन ने अचानक अपनी सेना की उस सीक्रेट यूनिट को जगा दिया है जो पूरी दुनिया में बदनाम है. ये वो सीक्रेट यूनिट है जो सामने से या हथियारों से नहीं लड़ती. बल्कि गुपचुप तरीके से कहीं से भी बैठ कर कहीं भी निशाना लगा देती है. चीन अब भारत को डिजिटल वार के जरिए नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. खबरों के मुताबिक चीनी सेना की सीक्रेट यूनिट 61398 एक्टिव हो चुकी है. ये यूनिट चोरी-छिपे साइबर अटैक के लिए पूरी दुनिया में बदनाम है. चीन की सीक्रेट यूनिट 61398 से दुनिया के कई दिग्गज डरते हैं. भारत के खिलाफ उसने इस यूनिट को मैदान में उतारा है. चीन की इस यूनिट में कई शातिर हैकर्स और साइबर एक्सपर्ट काम करते हैं. ड्रैगन ने अपनी इस यूनिट को अब भारत के खिलाफ एक्टिव कर दिया है. साइबर जासूसी के लिए पुरी दुनिया में मशहूर ये यूनिट अब भारत के खिलाफ बड़ी साजिश को अंजाम दे रही है. सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें देश की अतिसंवेदनशील जानकारी को साइबर जासूसी के जरिए चीन जुटाने में लगा है. मौजूदा वक्त में डाटा चोरी किसी हथियार से कम नहीं है. ऐसे में चीन इस तरह के कामों पर खास ध्यान दे रहा है. इस काम को करने के लिए चीनी सेना की सीक्रेट यूनिट 61398 का गठन किया गया. भारत के खिलाफ ये यूनिट काफी सक्रिय देखी जा रही है. जिसको लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हैं. 2014 में अमेरिका की जासूसी के मामले में चीन के 5 मिलिट्री अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. सभी पांचों चीनी अधिकारी यूनिट 61398 से जुड़े हुए थे. अमेरिका की एजेंसियों का मानना है कि यूनिट 61398 की तरह चीन के कई हैकर्स के जरिए दुनिया भर की जासूसी की जा रही है. हैकिंग के लिए चीन ने ऐसी कई यूनिट बना रखी हैं पिछले कुछ सालों में आइस बग, हिडेन लिंक, एपीटी-12 से जुड़ी मैलवेयर टूल्स की मदद से साइबर जासूसी की घटनाएं सामने आई हैं. चीन के एक छोटे से जिले की एक 12 मंजिला बिल्डिंग से यह यूनिट काम करती है और दुनिया के अलग-अलग इलाकों में हैकिंग को अंजाम देती है. इस सीक्रेट यूनिट का पता एक अमेरिकी कंप्यूटर सिक्योरिटी फर्म ने लगाया था. उसने चीनी हैकर्स के बारे में एक रिसर्च की थी और उस बिल्डिंग का जिक्र रिसर्च में किया था. रिसर्च के अनुसार अमेरिका में हुए बहुत सारे साइबर हमलों को स्टडी किया गया. हर बार साइबर अटैक करने वाले का आईपी एड्रेस उसी बिल्डिंग के आस-पास का निकलता था. रिसर्च के मुताबिक साल 2006 से 2013 के बीच अमेरिका में 140 बार साइबर हमले किए गए. हमले ज्यादा भी हो सकते हैं. लेकिन 140 मामले ऐसे थे जो पकड़ में आए. ऐसे में भारत को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को चीन की इस सीक्रेट यूनिट से सावधान रहने की जरूरत है. भारत को खासकर अलर्ट रहने की जरूरत है. क्योंकि मौजूदा दौर में चीन के साथ भारत का सीमा विवाद चल रहा है. चीन हर उस कोशिश को अंजाम देने में लगा है, जिससे भारत को नुकसान हो.
ै अयोध्या पीएम नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में बहुप्रतीक्षित राम मंदिर निर्माण की नींव रखी। मंत्रोच्चार के बीच पीएम मोदी ने चांदी की ईंट रखने के बाद पीएम ने कहा कि आज करोड़ों भारतीयों की अभिलाषा, आशा पूरी हुई। आज के इस पवित्र अवसर पर सभी को कोटि-कोटि बधाई। उन्होंने कहा कि आज के दिन की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। पीएम ने कहा कि राम की शक्ति देखिए इमारतें टूटीं पर उनका अस्तित्व नहीं टूटा। आज सदियों का सपना पूरा हुआ। जय सियाराम के साथ संबोधन पीएम ने भगवान राम और सीता का जयकार के साथ अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने कहा कि करोड़ों रामभक्तों को आज इस पवित्र अवसर पर कोटि-कोटि बधाई। आज इसकी गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। पीएम ने कहा कि इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि आना बड़ा स्वाभाविक था। क्योंकि राम का काम किए बिना मुझे कहां चैन मिलने वाला था। सरयू के तट पर रचा स्वर्णिम अध्याय, लोगों को विश्वास ही नहीं हो रहा होगा पीएम ने कहा कि भारत आज सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है। सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक आज अयोध्या इतिहास रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है। हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। करोड़ों लोगों को आज ये विश्वास ही नहीं हो रहा होगा कि वो अपने जीते जी इस पावन दिन को देख रहा है। राम काज किनु बिनु मोहि कहां.. वर्षों से टाट और टेंट के नीचे रहे हमारे रामलला के लिए एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर से खड़ा हो जाना सदियों से इस गति क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है। मेरे साथ एक बार फिर बोलिए जय सियाराम। जय सियाराम। राम मंदिर को आजादी की लड़ाई से जोड़ा पीएम ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सबकुछ समर्पित कर दिया था। आजादी के लिए आंदोलन न चला हो ऐसा उस कालखंड में कभी नहीं रहा। 15 अगस्त का दिन उस अथाह तप के लाखों बलिदान का प्रतीक है। ठीक उसी तरह राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक, कई-कई पीढ़ियों ने अखंड अविरल एक निष्ट प्रयास किया है। आज का ये दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है। इमारतें नष्ट हुईं लेकिन राम का अस्तित्व नहीं मिटा उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था। संघर्ष था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये सफल हो रहा है, मैं उन सब लोगों को 120 करोड़ देशवासियों की तरफ से सिर झुकाकर नमन करता हूं। गंगा वंदन करता हूं। संपूर्ण सृष्टि की शक्तियां राम जन्मभूमि के पवित्र आंदोलन से जुड़ा हर व्यक्ति पर जो जहां हैं, इस आयोजन को देख रहा है। वो भावविभोर है। सभी को आशीर्वाद दे रहा है। साथियो राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं। हमारे भीतर घुलमिल गए हैं। कोई काम करना हो तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। आप भगवान राम की अदभुत शक्ति देखिए। इमारते नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ अस्तित्व मिटाने का हर कोई प्रयास हुआ। बहुत हुआ। लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हुए हैं। हमारी संस्कृति के आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं। श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। इसी आलोक में अयोध्या मे राम जन्मभूमि पर श्रीराम के इस भव्य, दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है। मंदिर निर्माण से अयोध्या का बदलेगा अर्थतंत्र पीएम ने कहा यहां आने से पहले मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। राम के आदर्शों की कलयुग में रक्षा की जिम्मेदारी हनुमान की है। उन्हीं के आशीर्वाद से राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ। राम मंदिर आधुनिक समय का प्रतीक बनेगा। हमारी शाश्वस्त आस्था का प्रतीक बनेगा। हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। ये मंदिर करोड़ों लोगोंं की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। ये मंदिर आने वाली पीढ़ियों को आस्था, श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की भव्यता ही नहीं बढ़ेगी बल्कि इश क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र बदल जाएगा। हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आजतक हमने पेश की मर्यादा पीएम ने कहा कि राम मंदिर की निर्णाण की प्रक्रिया राष्ट्र को जोड़ने का महोत्सव है। यह नर को नारायण से जोड़ने का उपक्रम है। आज का यह ऐतिहासिक पल युगो-युगों तक भारत की कीर्ति पताका फहराते रहेंगे। आज का यह दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यतता का प्रमाण है। यह न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेट है।कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमि पूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। श्रीराम के काम में जैसा मर्यादा पेश किया जाना चाहिए देश ने वैसा ही उदाहरण पेश किया है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। उस समय भी देशवासियों ने शांति के साथ सभी की भावनाओं का ख्याल करते हुए व्यवहार किया था। आज भी हम हर तरफ हम वही मर्यादा देख रहे हैं। वाकई, ये न भूतो, न भविष्यति उन्होंने कहा साथियो इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा है बल्कि इतिहास भी खुद को दोहरा रहा है। आज देश भर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का यह पुण्य कार्य शुरू हुआ है। जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर राम सेतु बनाया गया था। वैसे ही घर-घर, गांव-गांव से श्रद्धापूर्क पूजी शिलाएं यहां ऊर्जा का श्रोत बन गई है। देशभर के धामों, मंदिरों से लाई गई मिट्टी, नदियों का जल वहां के लोगों की भवानाएं यहां की अमोघ शक्ति बन गई है। वाकई ये न भूतो, न भविष्यति। भारत की आस्था, भारत के लोगों की सामूहिकता और इसकी अमोघ शक्ति पूरी दुनिया के लिए अध्ययन का विषय है। मोदी ने राम का यशगान किया पीएम ने कहा कि श्रीराम को तेज में सूर्य के सामान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्तपति के तुल्य, और यश में इंद्र के समान माना गया है। वह सत्य पर अडिग रहने वाले थे। श्रीराम संपूर्ण हैं। वह हजारों वर्षों से भारत के लिए प्रकाश स्तंभ बने हुए हैं। श्रीराम ने सामाजिक समरसता को शासन को आधारशिला बनाया। उन्होंने प्रजा से विश्वास प्राप्त किया। हर युग में राम, भारत की आस्था में राम मोदी ने कहा कि जीवन का कोई ऐसा पहलू नहीं है जहां हमारे राम प्रेरणा नहीं देते हों। भारत की आस्था में राम, आदर्शों में राम, दिव्यता में राम, दर्शन में राम हैं। जो राम मध्य युग में तुलसी, कबीर और नानक के जरिए भारत को बल दे रहे थे। वही राम बापू के समय में अहिंसा के रूप में थे। भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं। सदियों से अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र रहा है। राम सब जगह हैं। राम सबके हैं। चीन से ईरान तक राम का प्रसंग, कई देशों में रामायण पीएम ने कहा कि दुनिया में कितने ही देश राम के नाम का वंदन करते हैं। वहां के नागरिक खुद को राम से जुड़ा मानते हैं। विश्व की सबसे अधिक मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में है। वहां स्वर्णदीप रामायण, योगेश्वर रामायण जैसी कई अनूठी रामायण हैं। राम आज भी वहां पूजनीय हैं। कंबोडिया, लाओ मलेशिया जैसे देशों में भी कई तरह के रामायण है। ईरान और चीन में राम के प्रसंग तथा राम कथाओं का विवरण मिलेगा। श्रीलंका में रामायण की कथा जानकी हरण के नाम से सुनाई जाती है। नेपाल का राम से आत्मीय संबंधा माता जानकी से जुड़ा है। ऐसा ही दुनिया के न जाने कितने देश और कितने छोर हैं, जहां की आत्मा और अतीत में राम किसी न किसी रूप में रचे से हैं। थाईलैंड में भी रामायण है। राम मंदिर अनंतकाल तक मानवता की प्ररेणा देगा उन्होंने कहा कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही है। राम सबके है, राम सबमें हैं। राम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा। यहां निर्मित होने वाला राम मंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा। राम मंदिर का संदेश कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे, कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन दृष्टि से विश्व परिचित हो। ये हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की विशेष जिम्मेदारी है। जहां भी राम चरण पड़े, वहां राम सर्किट का निर्माण किया जा रहा है। अयोध्या तो भगवान राम की अपनी नगरी है। अयोध्या की महिला तो खुद श्रीराम ने कही है।प्रभु राम ने कहा था मेरी जन्मभूमि अलौकिक शोभा की नगरी है। राम की शिक्षा, देश जितना ताकतवर उतनी ही शांति पीएम ने कहा कि हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है कि यानी कि पूरी पृथ्वी पर श्रीराम के जैसा नीतिवान शासक कभी हुआ ही नहीं है। कोई भी दुखी न हो यह उनकी शिक्षा है। सामाजिक संदेश है, नर, नारी सभी समान रूप से सुखी हो। भेदभाव नहीं। श्रीराम का निर्देश है, किसान, पशुपालक सभी हमेशा खुश रहें। श्रीराम का आदेश है, बुजुर्गों की बच्चों की, चिकित्सकों की सदैव रक्षा होनी चाहिए। जो शरण में आए उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। श्रीराम का संदेश है, अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। ये भी श्रीराम की नीति है, यानी भय के बिना प्यार नहीं हो सकता है। इसलिए हमारा देश जितना ताकतवार होगा उसती ही प्रीति और शांति भी बनी रहेगी। राम की यही रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है। इसीलिए बापू ने देखा था रामराज्य का सपना पीएम ने कहा कि बापू ने भी इसी कारण रामराज्य का सपना देखा था। श्रीराम ने कहा था कि राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं और करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, समय के साथ चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है। श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है। विरोध से निकलकर बोध और शोध का मार्ग दिखाया है। हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राम मंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है। हमें ध्यान रखना है जब-जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है। जब-जब हम भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं। हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से सबका विकास करना है। हमें आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है। कोरोना में राम की मर्यादा का करना चाहिए पालन पीएम ने कहा कि कोरोना के कारण अभी जो हालात है उसमें श्रीराम की मर्यादा का पालन करना चाहिए। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी। देश के लोगों को प्रभु राम, माता जानकी सबको सुखी रखे यही शुभकामना है। मेरे साथ पूरे भक्ति भाव से बोले, सियापति रामचंद्र की जय!
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम को स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले (Grand Finale of Smart India Hackathon 2020) के प्रतिभागियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए (PM Narendra Modi at Smart India Hackathon 2020) उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और तेजी से बदली दुनिया में भारत को भी तेजी से बदलना होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि इसमें पहले की कमियों को दूर किया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति नौकरी खोजने वालों के बजाय नौकरी देने वालों को बनाने पर जोर देती है। नई शिक्षा नीति में पहले की कमियों को दूर किया गया: पीएम मोदी पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और इस दौरान सीखने पर फोकस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती हुई दुनिया में भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से बदलना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पहले की कमियों को दूर किया गया है। उन्होंने कहा कि अब अगर कोई मैथ और म्यूजिक की एक साथ पढ़ाई चाहता है तो वह ऐसा कर पाएगा। नई शिक्षा नीति से भारत की भाषाएं बढ़ेंगी: पीएम प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति से न सिर्फ भारत की भाषाएं बढ़ेंगी बल्कि दुनिया भी भारत की समृद्ध भाषाओं से परिचित होगी। उन्होंने कहा, 'अब एजुकेशन पॉलिसी में जो बदलाव लाए गए हैं, उससे भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी, उनका और विकास होगा। ये भारत के ज्ञान को तो बढ़ाएंगी ही, भारत की एकता को भी बढ़ाएंगी। इससे विश्व का भी भारत की समृद्ध भाषाओं से परिचय होगा। और एक बहुत बड़ा लाभ ये होगा की विद्यार्थियों को अपने शुरुआती वर्षों में अपनी ही भाषा में सीखने को मिलेगा।' स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के प्रतिभागियों से रूबरू हुए पीएम मोदी संवाद के दौरान प्रतिभागी छात्रों ने अपने-अपने इनोवेटिव आइडियाज और तकनीकी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शेयर किया। पीएम ने भी प्रतिभागियों की हौसलाअफजाई की। प्रधानमंत्री से रूबरू होने पर स्टूडेंट भी काफी खुश दिखे। पहला स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 में शुरू किया गया था। इसे एचआरडी मिनिस्टिरी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद संयुक्त रूप से आयोजित करती हैं। जब पीएम मोदी ने स्टूडेंट से पूछा- क्या कभी पुलिस से पड़ा है पाला इस दौरान पीएचडी कॉलेज ऑफ कोयंबटूर की टीम 'माइंड बेंडर्स' के एक प्रतिभागी कुंदन ने मशीन लर्निंग के इस्तेमाल वाली एक ऐसी तकनीक के बारे में पीएम मोदी को बताया जिससे पुलिसिंग में सुधार हो सकती है। प्रतिभागी ने बताया कि उनकी टीम एक ऐसा प्लेटफॉर्म बना रही है जिससे पुलिस को लोगों की समस्याओं को सही से समझने में आसानी होगी। पुलिस और लोगों के बीच का गैप पटेगा। लोगों में पुलिस का जो डर है बह खत्म होगा। इस दौरान बहुत रोचक संवाद भी हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंदन नाम के उस स्टूडेंट से पूछा कि क्या आपको पुलिस के पास कभी जाना पड़ा है तो स्टूडेंट ने जवाब दिया कि हां, एक बार मोबाइल खोने के सिलसिले में उसे पुलिस के पास जाना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुलिसिंग में ह्यूमन टच बहुत जरूरी है। इसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का बहुत बड़ा रोल हो सकता है। उन्होंने स्टूडेंट को इससे जुड़े इनोवेशन को सफल बनाने के लिए शुभकामना भी दी। हेल्थ केयर में डेटा ड्रिवेन सलूशन से हो रहा बड़ा बदलाव: पीएम मोदी गोविंद नाम के एक प्रतिभागी ने हेल्थ केयर से जुड़े अपने नवाचार के बारे में पीएम को बताया। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि हेल्थ केयर में डेटा ड्रिवेन सलूशन से बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है। इस वजह से गरीब से गरीब तक, दूर-दूर के गांवों तक एक किफायती और विश्वस्तरीय सेवा पहुंचा सकते हैं। हमारे लिए यही एक सबसे बड़ा माध्यम है। आयुष्मान भारत की तरह यह प्रयास भी बहुत सफल होगा। गांव के हेल्थ ऐंड वेलनेस सेंटरों को बड़े अस्पतालों से जोड़ने का भारत में काम चल रहा है। आप जैसे इनोवेटर जिस दिशा में काम कर रहे हैं, आप इसे बहुत गति दे सकते हैं। प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों को बच्‍चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी तरह के अलर्ट सिस्‍टम के बनाए जाने को लेकर प्रेरित किया। उन्होंने पूछा कि क्‍या यह स्‍कूल बस, ऑटो, कैब को पुलिस कंट्रोल रूम के साथ रियल टाइम कनेक्‍ट हो सकता है।
लखनऊ, 31 जुलाई 2020,अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है. कार्यक्रम से पहले अयोध्या को सजाने का कार्य जारी है. भूमिपूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचेंगे. सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी 11 बजकर 15 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे. वह दो घंटे से ज्यादा समय यहां पर रहेंगे. पीएम मोदी दोपहर 2 बजे अयोध्या से रवाना हो जाएंगे. अयोध्या पहुंचने पर पीएम मोदी सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाएंगे और वहां पर दर्शन करेंगे. इसके बाद पीएम रामलला का दर्शन करेंगे, जिसके बाद भूमिपूजन का कार्यक्रम होगा. अयोध्या में मंच की व्यवस्था भी फाइनल कर दी गई है. सिर्फ 5 लोग ही मंच पर रहेंगे. प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, और मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मंच पर मौजूद रहेंगे. ये सभी फैसले शुक्रवार को अयोध्या के मानस मंदिर में हुई अधिकारियों की मीटिंग में लिए गए. बैठक में व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया. मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा और मंदिर के कार्यक्रम की व्यवस्था का जायजा भी लिया. भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने वाले 200 मेहमानों को न्योता भेजा गया है. इसकी लिस्ट ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दी है. कोरोना के कारण भूमिपूजन कार्यक्रम के लिए अधिक लोगों को न्योता नहीं भेजा गया है. सिर्फ चुनिंदा लोगों को ही कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है. भेंट की जाएगी कोदंड राम की प्रतिमा अयोध्या यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को लकड़ी की बनी दुर्लभ डेढ़ फुट की कोदंड राम और एक फुट की लव-कुश की प्रतिमा भेंट की जाएगी. दरअसल, भगवान श्रीराम के धनुष को कोदंड के रूप में जाना जाता है. जब वह सीताजी की खोज में दक्षिण भारत पहुंचे थे तो उनके हाथ में उस वक्त कोदंड धनुष था. 3 अगस्त से शुरू हो जाएगा उत्सव राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त को होना है, लेकिन इसके दो दिन पहले यानी 3 अगस्त से ही अयोध्या में उत्सव शुरू हो जाएगा. प्रशासन की ओर से शहर में लाखों दीए जलाए जाएंगे. साथ ही आम लोगों से अपील की जाएगी कि वो अपने घरों के बाहर दीए जलाएं.
नई दिल्ली 30 जुलाई 2020 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवि‍न्‍द जुगनाथ ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की एक बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इस वर्चुअल कार्यक्रम में पीएम मोदी ने मॉरीशस के साथ साझेदारी की अहमियत को जाहिर करते हुए पड़ोसी देशों को आगाह भी किया. पीएम मोदी ने इसके बाद बिना किसी देश का नाम लिए कहा, "अगर विकास की खोज में गलत रणनीतियां या गलत पार्टनर चुने जाते हैं तो वैश्विक महाशक्तियों का ब्लॉक बन जाएगा. इतिहास ने हमें सिखाया है कि विकास के नाम पर हुई साझेदारियों ने कई देशों को निर्भर होने पर मजबूर कर दिया. इससे औपनिवेशिक और साम्राज्यवादी शासन को उभार मिला. विश्व में कई देशों का दबदबा बन गया." पीएम मोदी ने कहा कि भारत सिर्फ दूसरे देशों के विकास में उनकी मदद करना चाहता है. भारत का विकास मानवता केंद्रित है. भारत विकास कार्यों के लिए जिन देशों के साथ साझेदारी कर रहा है, वो सम्मान, विविधता, भविष्य की चिंता और सतत विकास के मूल्यों पर आधारित है. भारत के मूल सिद्धांतों में से एक है कि वह अपने पार्टनर का सम्मान करता है. हमारा सहयोग किसी शर्त के साथ नहीं आता है और ना ही किसी राजनीतिक और आर्थिक हित से प्रेरित होता है. पीएम मोदी का ये संदेश नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को चीन को लेकर आगाह करने के तौर पर देखा जा रहा है. श्रीलंका और नेपाल विकास परियोजनाओं के नाम पर चीन से भारी-भरकम कर्ज ले रहे हैं. पिछले कुछ वक्त में नेपाल का भी चीन के प्रति झुकाव बढ़ा है जबकि भारत से सीमा विवाद को लेकर मनमुटाव बढ़ रहा है. भारत से चल रहे सीमा तनाव के बीच चीन ने नेपाल में 30 करोड़ डॉलर की रेल परियोजना पर काम तेज कर दिया है. रणनीतिक रूप से अहम ये रेलवे लाइन ल्हासा से काठमांडू तक जाएगी और फिर भारत-नेपाल सीमा के नजदीक लुम्बिनी से भी इसे जोड़ा जाएगा. हालांकि, अभी से इस परियोजना की लागत को चिंता जताई जा रही है. चीन के कर्ज को लेकर हमेशा से विश्लेषक आशंका जाहिर करते रहे हैं कि वह आर्थिक मदद के जरिए कई देशों की रणनीतिक पूंजियों पर कब्जा जमा लेता है. दिसंबर 2017 में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने चीन के कर्ज के जाल में फंसकर हंबनटोटा बंदरगाह और इसके आस-पास की 15000 एकड़ जमीन 99 सालों के लिए चीन को सौंप दी थी. उस वक्त श्रीलंका की सरकार ने अपने इस कदम का यह कहकर बचाव किया था कि वह बंदरगाह को बनाने के दौरान लिए गए चीनी कर्ज को चुका नहीं सकी इसलिए उसके पास कोई और रास्ता नहीं बचा था. इसके बावजूद, वह श्रीलंका से कर्ज लेना नहीं छोड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 13 मई को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे की बीच बातचीत हुई थी. चीन श्रीलंका को 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देने के लिए तैयार है ताकि वो अपनी माली हालत सुधार सके. श्रीलंका भारत से कर्ज अदायगी की मोहलत बढ़ाने के लिए अपील कर रहा है हालांकि, अभी तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया जा सका है. हाल ही में, चीन ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और नेपाल के साथ एक वर्चुअल बैठक की और कहा कि वे कोरोना महामारी में साझी लड़ाई के अलावा चीन की बेल्ट ऐंड रोड परियोजना पर भी सहयोग बढ़ाएं. चीन ने अपनी और पाकिस्तान की आर्थिक साझेदारी की मिसाल देते हुए अफगानिस्तान और नेपाल को भी इसी रास्ते पर चलने की सलाह दी थी. इस बैठक को दक्षिण एशिया में चीन की सक्रिय भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है. जाहिर है कि इससे भारत की चिंताएं बढ़ेंगी. इन चुनौतियों को समझते हुए भारत केवल मॉरीशस ही नहीं बल्कि मालदीव्स और श्रीलंका के साथ भी आर्थिक सहयोग को नए आयाम देने की कोशिश कर रहा है. मालदीव्स के साथ पुलिस, न्याय, पुलिस, कस्टम और स्वास्थ्य समेत कई क्षेत्रों में 18 समझौते हुए हैं. दिसंबर 2018 में मालदीव्स के राष्ट्रपति सोली ने जब भारत की यात्रा की थी तो 1.4 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया था, उसे तेजी से पूरा किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान, मालदीव्स, नेपाल और श्रीलंका में किए गए विकास कार्यों का भी जिक्र किया. मोदी ने कहा कि हमने नेपाल में आपातकालीन और ट्रामा हॉस्पिटल निर्माण के जरिए वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने में मदद की है. वहीं, श्रीलंका को नौ प्रांतों में आपातकालीन एंबुलेंस सर्विस उपलब्ध कराई. पीएम मोदी ने नेपाल में ऑयल पाइपलाइन प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया और कहा कि इससे नेपाल में पेट्रोलियम पदार्थों की उपलब्धता सुलभ होगी. भारत नेपाल में कई रेलवे लाइन बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है.
1990 के शुरुआती दिनों में जब लाल कृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) ने पद यात्रा का प्रस्ताव रखा तो पार्टी के तत्कालीन महासचिव प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) ने उन्हें पद यात्रा की जगह रथ यात्रा करने का सुझाव दिया। फिर 12 सितंबर, 2019 को बीजेपी महासचिवों की मीटिंग के बाद आडवाणी ने तब दिल्ली के 11 अशोक रोड पर स्थित बीजेपी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और 12 दिन बाद यानी 25 सितंबर से गुजरात के सोमनाथ से उत्तर प्रदेश के अयोध्या तक 10 हजार किमी लंबी रथ यात्रा (Somnath to Ayodhya Rath Yatra) की घोषणा कर दी। 25 सितंबर, 1990 से जुड़ा मोदी और अयोध्या का कनेक्शन 25 सितंबर, 1990 को आडवाणी सोमनाथ पहुंचते, उससे पहले एक टोयोटा ट्रक को भगवा रंग के एक रथ में तब्दील किया जा चुका था। 25 सितंबर को सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद आडवाणी ने यात्रा शुरू कर दी। उस दिन ईद का त्योहार होने के कारण छुट्टी थी। इस मौके पर इतनी भीड़ जुटी कि पूरे वातावरण में उनके नारे ही गूंजने लगे। रथ यात्रा में आडवाणी के साथ मोदी महिलाएं अपने हाथों से सोने के कंगन उतार कर दान में देनें लगीं। पुरुष आडवाणी को तलवार, छड़ी के साथ तरह-तरह के सामान भेंट करने लगे। रथ आगे बढ़ा तो आडवाणी के अगल-बगल जो दो लोग तैनात दिखे, उनमें एक थे प्रमोद महाजन (Pramod Mahajan) और दूसरे गुजरात बीजेपी के तत्कालीन सांगठनिक सचिव नरेंद्र मोदी (Narendra Modi)। मोदी के लिए बड़ा दिन 5 अगस्त, 2020 तब से करीब-करीब 29 साल 11 महीने बाद नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री राम मंदिर भूमि पूजन (Ram Mandhir Bhoomi Pujan) करने वाले हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण (Ram Temple in Ayodhya) 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। स्वाभाविक है कि इसका उद्घाटन भी प्रधानमंत्री ही करेंगे। संभव है कि 2024 के लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) से ठीक पहले राम मंदिर उद्घाटन (Ram Temple Inauguration) का भव्य समारोह आयोजित किया जाए। 2009 में भी फैजाबाद पहुंचे थे मोदी 2009 में मोदी ने अयोध्या से सटे फैजाबाद में चुना प्रचार करने गए थे। तब लोकसभा चुनाव में आडवाणी बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे। मोदी मतदाताओं को रिझाने में सफल नहीं हो पाए थे और अयोध्या/फैजाबाद की सीट कांग्रेस ने जीत ली थी। राम राज्य की बात, राम मंदिर की नहीं 2014 में फैजाबाद में चुनाव प्रचार (Modi Rally in Faizabad) के दौरान मोदी के पीछे तीर-धनुष लिए भगवान राम की विशाल तस्वीर लगी हुई थी। मोदी ने अपने भाषण में राम राज्य (Ram Rajya) की बात की, राम मंदिर (Ram Mandir) पर कुछ नहीं बोले। 2019 में अयोध्या के पास की थी रैली 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी फिर फैजाबाद पहुंचे। उन्होंने अयोध्या में एक भी रैली नहीं की। प्रधानमंत्री के तौर पर अयोध्या इलाके में उनकी पहली सभा मई 2019 में अयोध्या-आंबेडकर नगर सीमा पर स्थित छोटे से शहर रामपुर माया में हुई थी। अयोध्या में रामजन्मभूमि से मुश्किल से 25 किमी दूर। 29 साल पहले मोदी ने कहा था- मैं वापस आऊंगा आज से ठीक 29 साल पहले राम मंदिर आंदोलन के दौरान 1991 में उन्होंने एक फोटोग्राफर से बात करते हुए कहा था कि जिस दिन राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा, वह वापस आएंगे। सोशल मीडिया पर 1991 की मोदी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी की वायरल हो रही तस्वीर (Viarl Pic of Narendra Modi and Murli Manohar Joshi) को खींचने वाले फोटोग्राफर महेंद्र त्रिपाठी ने यह खुलासा किया। त्रिपाठी उस दिन को याद करते हुए बताते हैं, ' मोदी बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ अप्रैल 1991 में अयोध्या आए थे और उन्होंने विवादित क्षेत्र का दौरा किया था।' 5 अगस्त ही वह दिन है जब मोदी अयोध्या वापस आने का वादा पूरा करने वाले हैं। वो दिन निकट है...
नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020,दुनिया के सबसे ताकतवर लड़ाकू विमानों में से एक राफेल की लैंडिंग भारत में हो गई है. सोमवार को फ्रांस से उड़ान भरने के बाद 5 राफेल विमानों ने बुधवार को अंबाला एयरबेस पर लैंडिंग की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर राफेल विमानों का स्वागत किया. खास बात ये है कि पीएम मोदी ने राफेल विमानों का स्वागत संस्कृत श्लोक से किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, '' राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्'' इसका मतलब है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई पुण्य नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं, राष्ट्र रक्षा के समान कोई यज्ञ नहीं. बता दें कि नभः स्पृशं दीप्तम् भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है. ‘नभ:स्‍पृशं दीप्‍तमनेकवर्ण व्‍यात्ताननं दीप्‍तविशालनेत्रम्। दृष्‍ट्वा हि त्‍वां प्रव्‍यथ‍ितान्‍तरात्‍मा धृतिं न विन्‍दामि शमं च विष्‍णो।।’ इसका मतलब है कि ‘हे विष्णो, आकाश को स्पर्श करने वाले, देदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शांति नहीं पाता हूं.’ पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में जो बातें कही हैं इसका जिक्र उन्होंने एक भाषण में भी किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्र रक्षा समं पुण्यं, राष्ट्र रक्षा समं व्रतम, राष्ट्र रक्षा समं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। जिसका मतलब है कि मैं राष्ट्र रक्षा जैसा न तो कोई पुण्य देखता हूं, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई व्रत, ना ही राष्ट्र रक्षा जैसा कोई यज्ञ देखता हूं. रक्षा मंत्री ने भी किया स्वागत इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी राफेल विमानों का स्वागित किया. राजनाथ सिंह ने लिखा कि नई चिड़िया अंबाला में लैंड कर गई हैं. राफेल विमान भारतीय वायुसेना की जरूरतों को हर तरह से पूरा करते हैं.उन्होंने कहा कि इन विमानों को लेकर जो आरोप लगाए गए थे, उनका पहले ही जवाब दे दिया गया है. राफेल लड़ाकू विमान एक नए युग की शुरुआत हैं.
नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020,पिछले छह साल से ज्यादा समय से केंद्र की सत्ता पर आसीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए पिछले छह महीने अच्छे नहीं रहे. चीन के साथ बॉर्डर पर तनातनी जारी है जिसमें हमने अपने कुछ जांबाज भी खो दिए हैं. कोरोना के आंकड़े हर रोज 50 हजार की रफ्तार से बढ़ रहे हैं और अर्थव्यवस्था तबाही के मुहाने पर है. विपक्ष हमलावर है, खासकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक के बाद एक ट्वीट के जरिए सरकार का सिरदर्द बढ़ा रहे हैं. आपदा के इन हालात में ये हफ्ता मोदी के लिए बड़ा अवसर लेकर आया है. ऐसा अवसर जब वो शक्तिशाली और गौरवशाली भारत के लिए हुंकार भरते दिखेंगे और विपक्ष की आवाज नक्कारखाने की तूती साबित होगी. शक्तिशाली भारत अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर फ्रांस से खरीदे गए फाइटर प्लेन राफेल का पांच विमानों का बेड़ा आज लैंड कर गया है. सालों से चल रही लंबी खरीद प्रक्रिया जब फाइलों में फंसती दिख रही थी तब पीएम मोदी ने खुद पहल की और डील को फाइनल कराकर राफेल की जल्द डिलीवरी सुनिश्चित कराई. विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर पीएम को घेरता आ रहा है लेकिन रक्षा के जानकार जानते हैं कि राफेल का भारत में आना भारतीय वायुसेना की ताकत को किस कदर बढ़ाएगा और दुश्मन देशों पर भारतीय सेना को कैसे बढ़त दिलाएगा. ये मोदी के उस शक्तिशाली भारत की तस्वीर है जिसका सपना वो 2014 के चुनाव से पहले से देश की जनता को दिखा रहे हैं. बताया जाता है कि पीएम मोदी खुद इन विमानों के सेना में शामिल होने के औपचारिक समारोह में शामिल हो सकते हैं. तारीखें तय की जा रही हैं. गौरवशाली भारत दूसरी ओर अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन किया जाना है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. भव्य राम मंदिर के निर्माण का सपना बीजेपी तीन दशकों से दिखा रही है लेकिन लोगों को इसे लेकर सबसे ज्यादा भरोसा उस समय जगा जब मई 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने. राम मंदिर का रास्ता भले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हुआ हो लेकिन बीजेपी समर्थक इसके श्रेय के सवाल पर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ ही कहते आ रहे हैं. 5 अगस्त की दोपहर जब प्रधानमंत्री मंदिर का भूमि पूजन करेंगे तो ये सिर्फ मंदिर निर्माण की ही शुरुआत नहीं होगी बल्कि गौरवशाली भारत की उस इमारत की नींव भी रखी जाएगी जिसका सपना मोदी दिखाते आए हैं. ये दोनों ही मुद्दे ऐसे रहे हैं जिनमें मोदी सरकार विपक्ष को पस्त कर चुकी है. राफेल पर चौकीदार चोर है का कांग्रेसी नारा आम चुनाव में टांय-टांस फुस्स हो गया. राम मंदिर आंदोलन को लेकर बीजेपी पर तमाम आरोप लगे लेकिन अब मंदिर निर्माण से पार्टी ने साबित कर दिया है कि उसकी राजनीति सही दिशा में थी. नतीजा ये है कि न तो राफेल और न राम मंदिर पर विपक्ष कुछ बोलने की स्थिति में है. देश को शक्तिशाली बनाने के लिए शिक्षा, रोजगार चाहिए वरिष्ठ पत्रकार शकील अख्तर कहते हैं कि मौजूदा समय में मोदी सरकार अर्थव्यवस्था से लेकर चीन तक के मुद्दे पर घिरी हुई है. पिछले 6 साल में जब-जब सरकार घिरी है तब-तब मोदी ने भावनात्मक मुद्दों को ढाल बनाकर जबर्दस्त वापसी की है. राफेल और भूमि पूजन के जरिए निश्चित तौर पर पीएम मोदी विपक्ष के सवालों को फिलहाल बेअसर कर देंगे, लेकिन ये बहुत दिन तक नहीं चलेगा, क्योंकि विपक्ष के मुद्दे वास्तविक और लोगों से जुड़े हुए मुद्दे हैं. शकील अख्तर कहते हैं कि पिछले एक साल में मोदी ने 370, तीन तलाक, सीएए और राममंदिर जैसे अहम मुद्दे को हल करने का काम किया है. मोदी अपनी राजनीति के शिखर पर हैं, लेकिन अगले चार साल में उन्हें देश को वास्तविक रूप से शक्तिशाली और गौरवशाली बनाने की दिशा में काम करना होगा. प्रतीकात्मक राजनीति से सियासी फायदा तो मिलेगा लेकिन देश को शक्तिशाली बनाने के लिए शिक्षा, रोजगार और अर्थव्यवस्था को मजबूती देनी होगी. विपक्ष सोचे उसके मुद्दों को क्यों नहीं मिल रही अहमियत? वहीं, वरिष्ठ पत्रकार केजी सुरेश कहते हैं कि राफेल की डिलीवरी पहले से तय थी और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर का निर्माण भी होना ही था. यह इत्तेफाक है कि राफेल और भूमि पूजन की तारीख एक सप्ताह के अंदर पड़ गई. केजी सुरेश इंदिरा गांधी की याद दिलाते हुए कहते हैं कि 1982 में देश में एशियाई खेल होने थे. इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं. पत्रकारों ने इंदिरा गांधी ने पूछा था कि देश में गरीबी और अशिक्षा के बीच एशियाड कराना कितना ठीक है? इस पर इंदिरा गांधी ने जवाब देते हुए कहा था कि क्या खेलकूद बंद कर देना चाहिए. जीवन धारा प्रवाह चलता रहता है. के जी सुरेश कहते हैं कि देश की सीमा पर आज दोनों ओर से खतरे हैं और ऐसे में राफेल डिलीवरी राष्ट्र के लिए गौरव की बात है. कोर्ट का फैसला आने के बाद राममंदिर का निर्माण शुरू होना देश के लिए गौरव की बात है. इसका राजनीतिक फायदा कितना और किसे होगा ये बात मायने नहीं रखती. विपक्ष की जहां तक बात है यह उसे समझना होगा कि जिन मुद्दों को वह उठा रहा है उसे क्यों अहमियत नहीं मिल रही है.
नई दिल्ली बरसों से जिस ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल का इंतजार हो रहा था, आज दोपहर बाद पांच फाइटर जेट ने अंबाला के एयरबेस पर गरजते हुए लैंडिंग की। इसके फौरन बाद देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश को जानकारी दी कि फाइटर्स अंबाला में सुरक्षित तरीके से लैंड कर चुके हैं। उन्होंने ट्वीट किया, 'भारत में राफेल लड़ाकू विमानों का पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। यह मल्टीरोल एयरक्राफ्ट निश्चित ही हमारी वायुसेना की ताकत को बढ़ाएंगे।' राजनाथ ने दो टूक कहा कि अब किसी को अगर भारतीय वायुसेना की ताकत को लेकर चिंता करना चाहिए तो उन्हें जो हमारी क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालना चाहते हैं। राजनाथ सिंह ने सिलसिलेवार तरीके से कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा, 'मैं भारतीय वायुसेना को बधाई देता हूं। मुझे यकीन है कि 17 स्क्वॉड्रन, गोल्डन एरो अपने मिशन पर काम करता रहेगा। मुझे बेहद खुशी है कि IAF की युद्धक क्षमता में समय पर बढ़ोतरी हुई है।' आपको बता दें कि भारत में राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप ऐसे समय में पहुंची है, जब पूर्वी लद्दाख में करीब तीन महीने से चीन के सैनिकों के साथ तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। पीएम के बड़े फैसले के लिए दिया धन्यवाद रक्षा मंत्री ने राफेल के अंबाला में लैंडिंग का वीडियो भी शेयर किया है। राजनाथ ने कहा कि राफेल जेट खरीदे गए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ सरकारी समझौता के माध्यम से इन विमानों को हासिल करने का सही फैसला लिया। इससे पहले लंबे समय से खरीद प्रक्रिया अटकी हुई थी। रक्षा मंत्री ने लिखा, 'मैं उन्हें (पीएम मोदी) साहसिक फैसले के लिए धन्यवाद देता हूं' उन्होंने आगे कहा कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई तमाम बाधाओं के बावजूद मैं एयरक्राफ्ट और उसके हथियारों की समय पर डिलिवरी के लिए फ्रेंच सरकार, दसॉ एविएशन और अन्य फ्रेंच कंपनियों को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि इस एयरक्राफ्ट का प्रदर्शन बहुत ही शानदार है और इसके हथियार, रेडार और अन्य सेंसर तथा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर संबंधित क्षमताएं दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक हैं। भारत में इनके आने से IAF और ताकतवर होगी और हमारे देश के सामने मौजूद किसी भी चुनौती से निपटने में ज्यादा सक्षम बनेगी। राजनाथ का विपक्ष पर भी अटैक उन्होंने आगे यह भी कहा कि राफेल जेट को खरीदा गया क्योंकि वे IAF की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा कर पा रहे थे। खरीद के खिलाफ लगाए गए आधारहीन आरोपों का पहले ही जवाब दिया जा चुका है। आपको बता दें कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाए थे।
राम मंदिर भूमि पूजन: चांदी की 22.6 किलो की ईंट, जिससे मंदिर की नींव रखेंगे पीएम मोदीराम मंदिर के भूमिपूजन की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, हलचल बढ़ती जा रही है। देशभर मे मंदिर निर्माण में सहयोग देने की गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। भूमि पूजन के लिए पवित्र नदियों का जल और तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी लाने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करेंगे। आइए आपको बताते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए क्या-क्या तैयारियां की जा रही हैं- चांदी की ईंट से होगा शिलान्यास 5 अगस्त को भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी चांदी की ईंट से मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करेंगे। यह चांदी की ईंट अयोध्या पहुंच गई है। यह शुद्ध चांदी की 22.6 किलोग्राम वजनी ईंट है। जन्मभूमि के नीचे नहीं रखा जाएगा टाइम कैप्सूलः ट्रस्ट राम मंदिर निर्माण की नींव में टाइम कैप्सूल रखने की बात को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खारिज किया है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया, 'राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन के नीचे टाइम कैप्सूल रखे जाने की रिपोर्ट गलत है। इस तरह की अफवाह पर यकीन न करें।' टाइम कैप्सूल को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने दी सफाई रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे भगवान राम भगवान राम, उनके भाई-लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न 5 अगस्त को राम मंदिर के ‘भूमिपूजन’ के अवसर पर रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे। रामदल सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष पंडित कल्की राम ने भगवान की मूर्तियों पर ये पोशाक पहनाएंगे। इन पोशाकों पर नौ तरह के रत्न लगाए गए हैं। भगवान के लिए वस्त्र सिलने का काम करने वाले भगवत प्रसाद ने कहा कि भगवान राम हरे रंग की पोशाक पहनेंगे। भूमिपूजन बुधवार को होना है और इस दिन का रंग हरा होता है। अयोध्या भेजा रहा मिट्टी और जल पूरे देश के राम भक्तों को कार्यक्रम से जोड़ने के लिए उनके इलाके के मठ-मंदिरों की मिट्टी व नदियों, धार्मिक महत्व कुंडों का पवित्र जल अयोध्या पहुंचाया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के मुताबिक, कोरोना संकट के कारण श्रद्धालु खुद तो नहीं आ पा रहे हैं, लेकिन स्पीड पोस्ट के जरिए नदियों का जल और पवित्र स्थलों की मिट्टी के पैकेट अयोध्या ट्रस्ट को भेजे जा रहे हैं। प्रभु राम की ससुराल में मंदिर निर्माण का उत्साह बिहार से 500 पैकेट आए हैं। बिहार के लोग प्रभु राम को अपना जमाई मानते हैं इसलिए वे मंदिर निर्माण के लिए विशेष तौर पर उत्साहित हैं। छत्तीसगढ़ के वनवासी समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में अपने मंदिरों की मिट्टी और नदियों का जल अयोध्या पहुंचा रहे हैं। ट्रस्ट की बैठक में देशभर की नदियों का जल और मिट्टी मंगवाकर मंदिर की नींव डालने के कार्यक्रम में मुहर लगी थी। बदरीनाथ की मिट्टी और अलकनंदा का जल उत्तराखंड के बदरीनाथ से मिट्टी और अलकनंदा नदी से जल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भेजा गया। यहां से विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल मिट्टी और जल लेकर अयोध्या के लिए सोमवार को रवाना हुआ। सिर्फ पत्थरों से होगा मंदिर का निर्माण अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण सिर्फ पत्थरों से किया जाएगा। राम मंदिर निर्माण के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर की वर्कशॉप के सुपरवाइजर अनुभाई सोमपुरा का कहना है कि मंदिर के निर्माण में अनोखी तकनीक और मशीनों का प्रयोग होगा। मंदिर निर्माण का उत्सव शुरू, सरयू तट पर जलाए गए 'दीप' भूमि पूजन से पहले ही अयोध्या में जश्न का माहौल है। सीएम योगी आदित्यनाथ के 4 और 5 को भव्य दीपावली मनाने की तैयारी पूरी है ,लेकिन श्रद्धालु आराध्य के मंदिर निर्माण की खुशी रोक नहीं पा रहे हैं। बीती देर शाम को राजस्थान के बीकानेर से आए लोगों ने सरयू तट पर आंजनेय सेवा संस्थान के नित्य सरयू आरती स्थल पर सैकड़ों की संख्या में दीप जलाए। दल के मुखिया श्याम सिंह के मुताबिक मंदिर निर्माण की खुशी में दर्जनों की संख्या में वे लोग आएं हैं। उन्होंने बताया उनकी कोशिश रहेगी कि इसी तरह प्रतिदिन 5 अगस्त तक दीप जलाकर खुशी मनाएं। मोरारी बापू दान करेंगे 5 करोड़ रुपये प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू ने मंदिर निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का दान करने का ऐलान किया है। भावनगर के तलगाजरडा में डिजिटल माध्यम से मोरारी बापू ने अपनी व्यासपीठ से राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये के दान की घोषणा की। उन्होंने कहा, 'सबसे पहले राम जन्मभूमि के लिए 5 करोड़ रुपये यहां से भेजे जाएंगे, जो प्रभु श्री राम के चरण में एक तुलसीपत्र के रूप में भेंट होगी।' 487 करोड़ रुपये की योजनाओं का होगा शिलान्यास-लोकार्पण अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के आगाज के साथ ही कायाकल्प की भी तैयारी है। योगी सरकार ने अयोध्या के आधारभूत ढांचे, स्वरूप व विकास की तस्वीर बदलने की कार्ययोजना बनाई है। इसमें करीब 487 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होगा। पीएम नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को राम मंदिर भूमिपूजन के ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे। एलईडी स्क्रीन से देख सकेंगे लाइव टेलिकास्ट अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 50 तरह के ब्लॉक बनाए जाएंगे। एक ब्लॉक कारसेवकों के लिए होगा, एक ब्लॉक ऐडवोकेट के लिए, एक ब्लॉक बिजनसमैन के लिए तो एक ब्लॉक मंत्रियों और आरएसएस के लोगों के लिए होगा। प्रमुख इमारतों और मंदिरों में लाइट और दीये जलाए जाएंगे। जगह-जगह बड़ी स्क्रीन लगाई जाएंगी जिसमें लोग कार्यक्रम का लाइव टेलिकास्ट देख सकेंगे।
नई दिल्ली उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध और अपराधियों पर बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। एक अपराधी जिसपर 8 आपराधिक मामले दर्ज थे उसको सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया। साथ ही कहा कि तुम खतरनाक आदमी हो, तुम्हें जमानत नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधियों को मिल रही जमानत पर यूपी सरकार अभी भी परेशान है। आगे कहा कि विकास दुबे जो जमानत पर ही बाहर था उसने क्या किया वह सबने देखा। तुम खतरनाक आदमी हो सुप्रीम कोर्ट में एक अपराधी जिसपर 8 मामले दर्ज थे उसने जमानत की अर्जी लगाई। उसे कोर्ट ने जमानत नहीं दी और कहा कि तुम एक खतरनाक आदमी हो तुम्हें जमानत नही दी जा सकती। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा ऐसे व्यक्ति को रिहा करने में खतरे है जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं। आया विकास दुबे का जिक्र इसके बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध का जिक्र किया। कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों को मिल रही जमानत से राज्य सरकार भी तंग है। फिर विकास दुबे का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि 64 आपराधिक मामलों वाले एक अपराधी ( विकास दुबे) को जमानत पर रिहा किया गया था जिससे सबने देखा क्या हुआ।
नई दिल्‍ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम देश के तीन प्रमुख शहरों में वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना हाईटेक टेस्टिंग सेंटरों का उद्घाटन किया। पीएम मोदी का कहना था कि नोएडा, मुंबई और कोलकाता में बनी ये हाईटेक लैब न केवल कोरोना से बल्कि दूसरी बीमारियों के खिलाफ जंग में भी मददगार साबित होंगी। पीएम ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि देश के वैज्ञानिक कोरोना की असरदार वैक्‍सीन बनाने पर तेजी से काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, 'दिल्‍ली-एनसीआर, मुंबई और कोलकाता आर्थिक गतिविधियों के सेंटर हैं। यहां देश के लाखों युवा अपने करियर, अपने सपनों को पूरा करने आते हैं। अब तीनों जगह टेस्‍ट की उपलब्‍ध क्षमता में 10 हजार टेस्‍ट की क्षमता और जुड़ने जा ही है।'दूसरी बीमारियों के इलाज में भी मददगार इन क्षेत्रों में हाईटेक लैब की स्‍थापना पर मोदी ने कहा, 'अब इन शहरों में टेस्‍ट ओर ज्‍यादा हो सकेंगे। ये हाईटैक लैब सिर्फ कोरोना तक ही सीमित नहीं हैं बल्कि, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी और डेंगू सहित दूसरी बीमारियों के लिए भी यहां सुविधा उपलब्‍ध होगी।आज जिन कोरोना की हाइटेक टेस्टिंग लैब का उद्घाटन हुआ है उससे यूपी, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल को काफी फायदा होगा।' 'सही समय पर सही फैसले के नतीजे बेहतर' इन सेंटरों की स्‍थापना पर आईसीएमआर और दूसरी संस्‍थाओं के विशेषज्ञों केा बधाई देते हुए मोदी ने कहा, 'देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्‍य देशों के मुकाबले काफी बेहतर हालत में। देश में कोरोना से होने वाली मौतें काफी काम हैं। वहीं रिकवरी रेट अन्‍य देशों के मुकाबले बहुत ज्‍यादा है और दिनोंदिन उसमें सुधार हो रहा है। भारतमें कोरोना से स्‍वस्‍थ होने वाले मरीजों की संख्‍या करीब 10 लाख पहुंचने वाली है।' देश में 11 लाख से ज्‍यादा आइसोलेशन बेड' मोदी का कहना था कि कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए जरूरी था देश में तेजी के साथ कोरोना से जुड़ी बुनियादी सुविधाएं तैयार हों। इसलिए केंद्र ने शुरू में ही 15 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसी के कारण चाहे आइसोलेशन सेंटर हो, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हो, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। आज भारत में 11 हजार से ज्यादा कोविड फसिलिटिज हैं, 11 लाख से ज्यादा आइसोलेशन बेड हैं।' कोरोना महामारी के खिलाफ देश की उपलब्धियों को जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, 'जनवरी में हमारे पास कोरोना के टेस्ट के लिए जहां मात्र एक सेंटर था, आज करीब 1300 लैब्स पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है।' कोरोना के खिलाफ भारत की सक्‍सेस स्‍टोरी उन्‍होंने आगे कहा, 'कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। विशेषकर पीपीई, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी सक्‍सेस स्‍टोरी है।' 'सिर्फ 6 महीना पहले देश में एक भी पीपीई किट निर्माता नहीं था। आज 1200 से ज्यादा निर्माता हर रोज 5 लाख से ज्यादा पीपीई किट बना रहे हैं। एक समय भारत N-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था। आज भारत में 3 लाख से ज्यादा N-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं।' तैयार हुआ देश में विशाल मानव संसाधन' एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में मानव संसाधन को तैयार करना। जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, एएनएम, आंगनबाड़ी और दूसरे हेल्‍थ और नागरिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया, वह भी अभूतपूर्व है। संक्रमण के खिलाफ जनता को किया अलर्ट आने वाले त्‍यौहारों को लेकर मोदी बोले, 'आने वाले समय में बहुत से त्यौहार आने वाले हैं। हमारे ये उत्सव, उल्लास का कारण बनें, लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए हमें हर सावधानी रखनी है। हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो।' 'जब तक वैक्‍सीन नहीं सोशल डिस्‍टेंसिंग जरूरी' उन्‍होंने आगे कहा, 'हमारे देश के Talented वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए तेज़ी से काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक कोई प्रभावी दवा या वेक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, 2 गज़ की दूरी, Hand Sanitization ही हमारा विकल्प है।' मुख्‍यमंत्रियों ने जताया आभार यूपी, महाराष्‍ट्र और पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्रियों ने इन हाईटेक कोरोना टेस्‍ट सेंटरों के खोले जाने पर पीएम मोदी को धन्‍यवाद दिया। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कोरोना के खिलाफ प्रधानमंत्री की लगतार कोशिशों के लिए कृतज्ञता जताते हुए कहा कि इन लैबों के बन जाने से कोरोना की जांच में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। महाराष्‍ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने मुश्किल समय में प्रधानमंत्री के सुदृढ़ नेतृत्‍व की तारीफ करते की। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने राज्‍यों के प्रति प्रधानमंत्री के सहयोगी रवैये की तारीफ की।
नई दिल्ली भारत अतीत की गलतियों के कारण विदेश नीति के क्षेत्र में अपना वो प्रभाव कायम करने में असफल रहा जिसका यह देश हकदार था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तीन बड़ी गलतियों का हवाला देते हुए कहा कि अब भारत को विदेश नीति में धाक जमाने के लिए पराक्रम के साथ कड़ा संघर्ष करना पड़ा जो पहले आसानी से हो सकता था। जयशंकर ने बंटवारा, आर्थिक सुधार में देरी और परमाणु विकल्प संबंधी लंबी कवायद को विदेश नीति पर अतीत के तीन बड़े बोझ के रूप में पेश किया। 7 सितंबर को बाजार में आ जाएगी किताब पूर्व राजनयिक एवं विदेश मंत्री ने यह टिप्पणी अपनी नई पुस्तक 'द इंडिया वे : स्ट्रैटजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड' में की है। इस पुस्तक का विमोचन 7 सितंबर को होना है। जयशंकर ने इसमें भारत को पेश आने वाली चुनौतियों और संभावित नीतिगत प्रतिक्रिया का उल्लेख करते हुए कहा कि 2008 में वैश्विक आर्थिक संकट से लेकर 2020 की कोरोना वायरस महामारी की अवधि में विश्व व्यवस्था में वास्तविक बदलाव देखने को मिले हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा है कि विश्व व्यवस्था में भारत ऊपर जा रहा है, ऐसे में उसे अपने हितों को न सिर्फ स्पष्टता से देखना चाहिए बल्कि प्रभावी ढंग से संवाद भी करना चाहिए। जयशंकर ने गिनाए विदेश नीति पर अतीत के ये तीन बोझ विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की विदेश नीति अतीत के तीन बोझ ढो रही है। उन्होंने कहा, 'इसमें से एक 1947 का विभाजन है जिसने देश को जनसंख्या और राजनीतिक, दोनों के लिहाज से छोटा कर दिया। अनायास ही चीन को एशिया में अधिक सामरिक जगह दी गई। दूसरा, आर्थिक सुधार में देरी रही जो चीन के डेढ़ दशक बाद शुरू हुआ । यह 15 वर्षो का अंतर भारत को बड़ी प्रतिकूल स्थिति में रखे हुए हैं।' जयशंकर ने कहा कि तीसरा, परमाणु विकल्प संबंधी कवायद का लंबा होना रहा। 'इसके परिणामस्वरूप भारत को इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने के लिए पराक्रम के साथ संघर्ष करना पड़ा जो पूर्व में आसानी से किया जा सकता था।' विदेश नीति को लेकर उदासीन था अतीत का भारत? जयशंकर के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय संबंध अधिकतर दूसरे देशों के बारे में होते हैं लेकिन अनभिज्ञता या उदासीनता इसके प्रभावों को कम नहीं करती है। उन्होंने कहा, 'और इसलिए घटनाओं को अपने पर आने देने की बजाय इसका आकलन और विश्लेषण बेहतर है।' उन्होंने अपनी पुस्तक में लिखा कि विभिन्न स्तरों पर वर्षो तक अपने नेतृत्व के साथ संवाद करना इतना महत्वपूर्ण है कि इसे शब्दों में पिरोना कठिन है। इसमें बड़ी बातों में सामरिक लक्ष्यों को परिभाषित करने के महत्व, अधिकतम परिणाम को मान्यता देना और राजनीति एवं नीति की परस्पर क्रिया को सराहना शामिल है। जयशंकर ने अपनी पुस्तक को भारतीय के बीच एक ईमानदार संवाद को प्रोत्साहित करने वाली पहल बताया। प्रकाशक ने बताई पुस्तक की खासियत एक बयान में प्रकाशक हार्पर कॉलिंस इंडिया ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों की प्रकृति और नियम बदल रहे हैं और भारत के लिए इसका अर्थ अपने लक्ष्यों की बेहतरी के लिए सभी महत्वपूर्ण ताकतों के साथ अधिकतम संबंध बनाना है। इसमें कहा गया है कि 'जयशंकर ने इन चुनौतियों का विश्लेषण किया है और इसकी संभावित नीतिगत प्रतिक्रिया के बारे में बताया है। ऐसा करते हुए वे अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों के साथ भारत के राष्ट्रीय हितों का संतुलन बनाने को काफी सचेत रहे।' इसमें कहा गया है कि जयशंकर ने पुस्तक में विचारों को इतिहास और पंरपराओं के परिप्रेक्ष्य में रखा जो फिर से उपयुक्त सभ्यतागत शक्ति के रूप में विश्व मंच पर स्थान हासिल करना चाहता है। प्रकाशक कृष्ण चोपड़ा ने कहा कि यह पुस्तक जटिल परदृश्य को स्पष्ट करती है और आगे की राह दिखाती है। इन पदों पर रह चुके हैं जयशंकर ध्यान रहे कि जयशंकर 2015-18 तक विदेश सचिव, 2013-15 तक अमेरिका में भारत के राजदूत, 2009-13 तक चीन में राजदूत, 2007-09 के दौरान सिंगापुर में उच्चायुक्त और 2000-04 के दौरान चेक गणराज्य में राजदूत रह चुके हैं। उन्होंने मॉस्को, वॉशिंगटन डीसी, कोलंबो, बुडापेस्ट और तोक्यो में भी राजनियक भूमिकाएं निभाईं। जयशंकर विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में भी पदस्थापित थे। दो दिन पहले ही आनंद शर्मा ने साधा था निशाना याद रहे कि दो दिन पहले ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर दिशाहीन विदेश मंत्री करार देते हुए कई नसीहतें दे डाली थीं। शर्मा ने रविवार को जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि बयानबाजी और ट्वीट्स से जमीनी हकीकत नहीं बदलते। विदेश नीति में गहराई होनी चाहिए। रणनीतिक साझेदारों के साथ संबंध गंभीरता की मांग करती है और इसे इवेंट मैनेजमेंट से संभाला नहीं जा सकता।
नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण की कोशिशों के बाद चीन पर रहा-सहा भरोसा भी खत्म हो चुका है। यही कारण है कि अब भारत चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखने के साधन दुरुस्त कर रहा है। इसी क्रम में देश में ही विकसित बेहद ताकतवर ड्रोन सेना को सौंपे जा रहे हैं। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) में निर्मित ड्रोन का नाम 'भारत' दिया गया है जो ऊंचाई वाले इलाकों और पहाड़ी क्षेत्रों की निगरानी में अद्भुत क्षमता का प्रदर्शन करता है। यही वजह है कि भारत ड्रोन को पूर्वी लद्दाख के पास एलएसी पर ही निगरानी के लिए रखा जा रहा है। रेडार की पकड़ से बाहर रक्षा सूत्रों ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में जारी तनाव के बीच भारतीय सेना को सटीक निगरानी के लिए ड्रोनों की जरूरत है। इसे पूरा करने के लिए डीआरडीओ ने सेना को भारत ड्रोन्स दिए हैं।' यह ड्रोन इस तरकीब से बनाया गया है कि इसे रेडार की पकड़ में लाना असंभव है। दुनिया के सबसे चालाक ड्रोनों में एक भारत ड्रोन डीआरडीओ के चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला में विकसित किए गए हैं। अब इस इन ड्रोनों को लिस्ट करवाने की योजना है। डीआरडीओ के सूत्रों ने कहा, 'भारत सीरीज के ड्रोनों को दुनिया के सबसे चालाक, मुस्तैद, फुर्तीला और हल्के सर्विलांस ड्रोन के रूप में लिस्ट करवाया जा सकता है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है।' दोस्त और दुश्मन में कर लेता है अंतर सूत्रों ने कहा कि यह एक छोटा लेकिन बेहद ताकतवर ड्रोन है जो किसी भी स्थान की निगरानी करते वक्त बेहद सटीक जानकारी देता है। अडवांस रिलीज टेक्नॉलजी के साथ इसकी यूनिबॉडी बायोमिमेटिक डिजाइन से सर्वोच्च स्तर की निगरानी होती है। आर्टिलफिशियल इंटिलिजेंस से लैस भारत ड्रोन दोस्तों और दुश्मनों में आसानी से अंतर कर लेता है और इसी के अनुकूल ऐक्शन भी लेता है। अडवांस AI और कैमरे की ताकत ड्रोन की क्षमता अत्यंत ठंडे मौसम और रात के घुप अंधेरे में भी निगरानी करने की है। इसे मौसम के और अधिक कठिन हालात के लिहाज से डिवेलप किया जा रहा है। यह पूरे मिशन का रियल-टाइम वीडियो भेजता है। इसमें लगा रात के अंधेरे में भी देखने की क्षमता वाला बेहद उच्चतम श्रेणी का कैमरा घने जंगलों में छिपे लोगों को भी तलाश लेता है। सूत्रों ने बताया कि भारत ड्रोन झुंड में भी ऑपरेशन करता है, इस कारण इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2020,चीन से बढ़ते तनाव के बीच एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया टॉप एयरफोर्स कमांडरों के साथ अहम बैठक करने जा रहे हैं. दो दिनों की इस अहम बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा हालात का जायजा लिया जाएगा. राफेल पर अहम फैसला लेगी वायुसेना इसके अलावा इस बैठक में जुलाई अंत तक देश आ रहे राफेल विमानों को वायुसेना में ऑपरेशनल स्तर पर लाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जाएगा. अबतक के आधुनिक लड़ाकू विमानों में से एक राफेल के एयरफोर्स में शामिल होने से भारतीय वायुसेना को पड़ोसी देशों के मुकाबले बढ़त मिलेगी. इसके अलावा इस तैनाती का दक्षिण एशिया में मनोवैज्ञानिक असर भी होगा. सुखोई-30 और मिराज- 2000 के साथ राफेल की तैनाती पर भी विचार राफेल दुश्मनों पर हमला करने के आधुनिक सिस्टम से लैस है. वायु सेना देश के उत्तरी बॉर्डर पर सुखोई-30 और मिराज- 2000 के साथ राफेल को भी तैनात करने पर विचार कर रही है. राफेल के सेना में शामिल होने से भारत की लंबी दूरी की मारक क्षमता में इजाफा होगा. चीनी गतिविधियों की भी समीक्षा वायुसेना की इस बैठक में भारत के साथ लगती चीन की सीमा पर चीनी गतिविधियों की भी समीक्षा की जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक दो दिनों की ये बैठक 22 जुलाई से प्रस्तावित है. बता दें कि एयरफोर्स ने आधुनिक लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े को फॉरवर्ड बेस पर तैनात कर दिया है. यहां से लड़ाकू विमान दिन और रात में ऑपरेशन कर रहे हैं. पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर अपाचे हेलिकॉप्टर को भी तैनात किया गया है, यहां से ये विमान उड़ान भर रहे हैं
बायॉकोन (Biocon) कंपनी की चेयरपर्सन और एमडी किरण मजूमदार शॉ (Kiran Mazumdar Shaw) की तरफ से हाल ही यह जानकारी दी गई है कि सोरायसिस (Psoriasis) रोग की दवाई कोरोना के मरीजों पर शानदार रूप से सकारात्मक परिणाम दे रही है। यही वजह है कि कंपनी के यूएस बेस्ड बिजनस पार्टनर्स इस दवाई के अगले चरण के परीक्षण और परिणाम को लेकर बहुत अधिक उत्साहित हैं। इस स्थिति में आपके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर सोरायसिस जैसी स्किन डिजीज की दवाई कोविड-19 जैसी वायरस जनित बीमारी में कैसे अच्छे परिणाम दे रही है। आइए, इस उत्सुकता और इससे संबंधित सवालों के जवाब यहां जानते हैं... कोरोना नहीं मारता इंसान को! -सबसे पहले आपको यह बात समझनी होगी कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत कोरोना के कारण नहीं हो रही है। बल्कि इस वायरस की चपेट में आने के बाद, जिस तरह का रिऐक्शन हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता देती है, उससे व्यक्ति के शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं और मरीज की मृत्यु हो जाती है। क्या प्रतिक्रिया देता है शरीर? -जब कोरोना वायरस किसी मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है तो उस व्यक्ति की रोगप्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी ऐक्टिव हो जाती है। इस स्थिति में शरीर की जो टी-सेल्स होती हैं, उनका बहुत तेजी से निर्माण होने लगता है। टी-सेल्स शरीर की उन कोशिकाओं को कहते हैं, जो शरीर में पहुंचे किसी भी वायरस को पहचानकर उसे मारने का काम करती हैं। हो जाता है ऑटोइम्यून डिसऑर्डर -जब इम्यून सेल्स और टी-सेल्स का निर्माण शरीर में बहुत तेजी से होने लगता है तो इन कोशिकाओं का एक तूफान शरीर के अंदर पैदा हो जाता है। इस वजह से शरीर के कई हिस्सों में सूजन आ जाती है। खासतौर पर सांस की नलियों और फेफड़ों में। इससे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है। शरीर को ऑक्सीजन की जरूरी मात्रा नहीं मिल पाती और अचानक से शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। अपना ही दुश्मन बन जाता है शरीर -जब शरीर में इम्यून सेल्स का तूफान आता है (Cytokines Release Strom), उस स्थिति में कई सेल्स संक्रमित होकर वायरस को मारने की जगह अपने शरीर की ही अन्य कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती हैं। यह स्थिति ऑटोइम्यून डिसऑर्डर कहलाती है। जब अपने शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता अपने शरीर के ही खिलाफ काम करने लगती है। बिगड़ने लगती है हालत -ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति के शरीर की हालत तेजी से गिरने लगती है। इस स्थिति में शरीर के कई ऑर्गन एक साथ या कोई एक ऑर्गन फेल हो जाता है, जो कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु की वजह बन जाता है। ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (Autoimmune Disease) के दौरान जिस तरह की स्थितियां पैदा होती हैं, उसी तरह की कुछ स्थितियां सोरायसिस और दमा के दौरान भी कुछ मरीजों में देखने को मिलती हैं। ऐसे जगी उम्मीद -कोरोना के काम करने के तरीके का पूरी तरह पता चलने के बाद सोरायसिस की दवा पर काम करनेवाले एक्सपर्ट्स ने इस दवाई को कोरोना के लक्षणों पर प्रभावी दवाई के रूप में देखा और अप्रूवल मिलने के बाद आगे का काम शुरू किया। इस दवाई का नाम टोसीलिज़ुमाब (Tocilizumab) है। इसे एटिज़ुमैब (Atlizumab)नाम से भी जाना जाता है। -खास बात यह है कि यह दवाई भारत में एक अप्रूव्ड ड्रग है, जिसका उपयोग डॉक्टर्स कर रहे हैं। यह ऐंटिबॉडीज पर बहुत अच्छा रिजल्ट दे रही है। अब अगर यह दवाई अपने चौथे परीक्षण में भी पास हो जाती है तो उम्मीद कर सकते हैं कि भारतीयों द्वारा तैयार की गई एक बेहतरीन कोरोना वैक्सीन इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी।
लेह, 17 जुलाई 2020,लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) का जायजा लेने के लिए लेह पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एक इंच जमीन को कोई ले नहीं सकता है. भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है. मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. हमारे जवानों ने शहादत दी है. इसका गम 130 करोड़ भारतवासियों को भी है. लेह के लुकुंग चौकी पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए. कहां तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता, लेकिन इतना यकीन मैं जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता. जवानों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का इकलौता देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है. हमने किसी भी देश पर कभी आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है. भारत ने वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम अशांति नहीं चाहते हम शांति चाहते हैं. हमारा चरित्र रहा है कि हमने किसी भी देश के स्वाभिमान पर चोट मारने की कभी कोशिश नहीं की है. भारत के स्वाभिमान पर यदि चोट पहुंचाने की कोशिश की गई तो हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे और मुंहतोड़ जवाब देंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के ऊपर हमें नाज़ है. मैं जवानों के बीच आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, हमारे जवानों ने शहादत दी है. इसका ग़म 130 करोड़ भारतवासियों को भी है. भारत का नेतृत्व सशक्त है. हमें नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है. फ़ैसला लेने वाला प्रधानमंत्री मिला है.
है नई दिल्ली कोरोना से प्रभावित देश की अर्थव्यवस्था को संकट से कैसे उबारा जाए, इसकी रणनीति तय करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि वो दोनों मंत्रालयों के टॉप 50 अधिकारियों से अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर भविष्य की रणनीति पर राय मांग रहे हैं। इकॉनमी की चिंता, पीएम की मीटिंग पर मीटिंग इसके लिए पीएम ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेढ़ घंटे तक बातचीत की। इस दौरान अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के जरिए पीएम के साथ अपना-अपना आइडिया शेयर किया। इससे पहले, पीएम ने आर्थिक सलाहकार परिषद के साथ-साथ वित्त मंत्रालय और नीति आयोग के मुख्य एवं प्रधान आर्थिक सलाहकारों से भी अलग-अलग मीटिंग की थी। 20.97 लाख करोड़ का कोरोना पैकेज सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का पूरा ध्यान कोविड-19 महामारी के कारण उपभोक्ता मांग में आई तेज गिरावट से औंधे मुंह गिरी इकॉनमी में जान फूंकने पर है। इसी कारण सरकार ने मई महीने में 20.97 लाख करोड़ रुपये का कोरोना पैकेज घोषित किया था जो महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारों द्वारा घोषित बड़े पैकेज में एक है। आगे भी ऐलान की संभावना केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के असर का आकलन कर रही है। उन्होंने पैकेज की विस्तृत जानकारी देते वक्त कहा था कि जरूरत पड़ी तो आगे और भी कदम उठाए जाएंगे। मोदी ने संभाली बागडोर दरअसल, पहले से ही हिचकोले खा रही भारतीय अर्थव्यवस्था को कोरोना ने जोरदार झटका दिया है जिससे ये पूरी तरह बेपटरी हो गई है। अब इसे पटरी पर लाने के लिए सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था उद्धार अभियान की बागडोर अपने हाथ में ले रखी है।
कोरोना काल में इंडियन रेलवे बदलाव के दौर से गुजर रहा है, रेल मंत्रालय लगातार नई चीजों को लेकर एक्सपेरिमेंट कर रहा है. हाल के दिनों में रेलवे को बेहतर से बेहतर बनाने की प्रक्रिया में काफी नई चीजें देखने को मिली हैं, फिर चाहे वो बैट्री से ट्रेन दौड़ाने की बात हो या फिर 2.8 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी को सफलता पूर्वक चलाने की बात हो. अब रेलवे ने एक बड़ी घोषणा की है जिसके पूरा होते ही रेलवे में अभी तक का सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि भारतीय रेलवे अगले 3.5 वर्ष में पूरी तरह बिजली से चलने वाला रेल नेटवर्क बन जाएगा. गुरुवार को सीआईआई के एक कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 2024 तक रेलवे 100 फीसदी बिजली से चलने वाला रेल नेटवर्क होगा. इसी के साथ इंडियन रेलवे दुनिया का पहला इतना बड़ा रेल नेटवर्क होगा जो पूरी तरह बिजली से संचालित होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल तेजी से अपने नेटवर्क को बिजली से जोड़ने यानी विद्युतीकरण की ओर बढ़ रहा है. पीयूष गोयल के मुताबिक वर्तमान में 55 फीसदी रेल का नेटवर्क बिजली से चलता है, जिस पर अगले 3.5 सालों में 100 फीसदी ट्रेनें बिजली से दौड़ने लगेंगी. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे के 100 फीसदी विद्युतीकरण की योजना को मंजूरी दी है. केंद्र से मिली मंजूरी के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत 100% इलेक्ट्रीफाइड रेल नेटवर्क बनाने की राह पर चल पड़ा है. इसके तहत 120,000 किलोमीटर के ट्रैक पर काम होगा. गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' को बढ़ावा दिया है. हम इस पर काम कर रहे हैं. पीयूष गोयल ने कहा, 2030 तक हम उम्मीद करते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन रेलवे होगा. दरअसल, रेलवे ने 2030 तक अपने कार्बन उत्सर्जन को जीरो करने और नेटवर्क को पूरी तरह हरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए रेलवे विद्युतीकरण के क्षेत्र में और सोलर प्लांट से बिजली प्राप्त करने के क्षेत्र में काम कर रहा है. रेलवे ने पूरा नेटवर्क दिसंबर 2023 तक बिजली पर आधारित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. रेलवे ने 40,000 से ज्यादा रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण पूरा कर लिया है जो ब्रॉड गेज मार्गों का 63 प्रतिशत है. इसमें कहा गया कि 2014-20 की अवधि के दौरान 18,605 किलोमीटर मार्ग का बिजलीकरण किया गया जबकि 2009-14 की अवधि के दौरान महज 3,835 किलोमीटर मार्ग को बिजली से जोड़ा जा सका था.
नई दिल्ली, 16 जुलाई 2020,मई महीने की बात है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन और कोरोना से डूब रही अर्थव्यवस्था के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था. इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान मुहिम की भी शुरुआत की गई. इस मुहिम के बीच जून महीने में देश को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. दरअसल, जून महीने में ट्रेड सरप्लस की स्थिति रही. 18 साल में ये पहला मौका है जब भारत ट्रेड सरप्लस की स्थिति में है. ट्रेड सरप्लस का मतलब ये हुआ कि भारत ने जून महीने में दूसरे देशों को निर्यात ज्यादा किया है और आयात में रिकॉर्ड कमी आई है. आपको बता दें कि जून में देश अनलॉक मोड में आ गया था और आर्थिक​ गतिविधियां भी सामान्य होने लगी थीं. किसी भी देश के लिए ट्रेड सरप्लस अच्छी बात होती है. इससे अनुमान लगाया जाता है कि कोई देश कितना निर्भर है. अगर भारत ट्रेड सरप्लस की स्थिति में हैं तो इसका सीधा मतलब यही है कि जून में भारत की विदेशों से निर्भरता कम हुई है. हालांकि, ट्रेड सरप्लस आगे कितने समय तक बना रहता है, ये देखना अहम है. निर्यात के ज़रिए विदेशी मुद्रा अर्जित होती है जबकि आयात से देश की मुद्रा बाहर जाती है. मतलब ये कि आयात बढ़ने पर व्यापार घाटा भी बढ़ जाता है. इससे देश के अंदर विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है. आपको बता दें कि अप्रैल और मई में आयात में कमी की मुख्य वजह सख्त लॉकडाउन था. इस दौरान कच्चे तेल से लेकर हर मोर्चे पर डिमांड में कमी रही थी, लेकिन जून से स्थिति सामान्य होने लगी है आयात कम करने पर जोर- वहीं, बीते मई से जून के बीच कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिससे आयात कम करने पर जोर दिया गया है. इसमें चीन के खिलाफ मुहिम का भी असर पड़ा है. भारत के विदेशी व्यापार का एक बहुत बड़ा हिस्सा चीन से आयात होता रहा है. लेकिन जून में तनाव के बाद कई चीजों पर आयात शुल्क बढ़ाने से लेकर बहिष्कार पर जोर दिया गया. इस वजह से भी आयात में कमी आई है. क्या कहते हैं जून के आंकड़े- ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून में आयात में 47.59 प्रतिशत की गिरावट आई है. यह लगातार चौथा महीना है जब आयात कम हुआ है. करंसी के हिसाब से देखें तो जून में भारत ने 21.11 अरब डॉलर का आयात किया है. हालांकि आयात में गिरावट से ये भी संकेत मिलते हैं कि देश में प्रोडक्शन कम हो रहा है और इस वजह से बाहरी देशों से सामान कम मंगाया जाता है. निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा, ‘‘ हमें आयात का विश्लेषण करना होगा. आयात में इतनी बड़ी गिरावट से औद्योगिक पुनरूद्धार आने वाले महीनों में प्रभावित हो सकता है.
नई दिल्ली, 16 जुलाई 2020,करीब दो महीने के सख्त लॉकडाउन के बाद 1 जून से देश अनलॉक मोड में है. इस अनलॉक के दौरान देश की इकोनॉमी पटरी पर लौटती दिख रही है. हाल ही में जून के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों ने इसके संकेत दिए थे. वहीं, अब आयात और निर्यात के आंकड़े भी जारी कर दिए गए हैं. जून में निर्यात का आंकड़ा सुधरा है, क्योंकि अप्रैल में इसमें 60.28 प्रतिशत और मई में 36.47 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. क्या कहते हैं जून के आंकड़े वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के बुधवार को जारी आंकड़े के अनुसार कोविड-19 के कारण कमजोर वैश्विक मांग से जून में निर्यात 12.41 प्रतिशत घटकर 21.91 अरब डॉलर रहा. आंकड़ों के मुताबिक आयात भी लगातार चौथे महीने घटा. इस माह में आयात 47.59 प्रतिशत घटकर 21.11 अरब डॉलर रहा. यह लगातार चौथा महीना है जब आयात और निर्यात, दोनों ही घटा है. निर्यात में कहां कमी और कहां सुधार मुख्य रूप से पेट्रोलियम, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात कम हुआ है. निर्यात वाले जिन क्षेत्रों में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी है, उसमें रत्न एवं आभूषण (-50 प्रतिशत), चमड़ा (-40.5 प्रतिशत), पेट्रोलियम उत्पाद (-31.65 प्रतिशत), इंजीनियरिंग सामान (-7.5 प्रतिशत), सभी प्रकार के कपड़ों सिले-सिलाये परिधान (-34.84 प्रतिशत), काजू (-27 प्रतिशत) शामिल हैं. हालांकि तिलहन, कॉफी, चावल, तंबाकू, मसाला, औषधि और रसायन के निर्यात में जून में वृद्धि दर्ज की गयी. क्या कहते हैं एक्सपर्ट भारतीय दलहन एवं उपज निर्यात संवर्धन परिषद (आईओपीईपीसी) के चेयरमैन खुशवंत जैन ने कहा कि अच्छा उत्पादन होने और निर्यात बढ़ाने के सरकार के उपायों से तिलहन निर्यात बढ़ा है. जैन ने कहा, ‘‘आने वाले महीनों में भी वृद्धि बने रहने की उम्मीद है. वाणिज्य मंत्रालय हमारे सभी मसलों का समाधान कर रहा है.’’ भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे सुधर रही हैं. कई कामगार अब कामों खासकर विनिर्माण क्षेत्रों में लौटने लगे हैं. इससे विनिर्माण क्षेत्र में गतिविधियां सामान्य हो रही है और उद्योग वैश्विक मांग को पूरा करने के लिये तैयार हो रहा है.
पेइचिंग/लंदन/नई दिल्‍ली दुनियाभर में जासूसी के आरोपों को लेकर घ‍िरी चीन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी हुवावे के लिए भारत से बेहद बुरी खबर है। भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी जियो ने घरेलू तकनीक से 5जी (Jio5G) सॉल्यूशन विकसित कर लिया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज इसका ऐलान किया। उन्‍होंने कहा कि Jio5G सॉल्‍यूशन को दूसरे देशों को निर्यात किया जाएगा। रिलायंस की 43वीं एजीएम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए अंबानी ने कहा कि जैसे ही सरकार 5जी सेवाओं के लिए स्‍पेक्‍ट्रम का ऐलान कर देगी, जिओ 5जी सेवाओं को ट्रायल के लिए शुरू कर दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि जियो 5जी का फील्‍ड डिप्‍लायमेंट अगले साल से शुरू हो जाएगा। मुकेश अंबानी ने कहा कि जियो का 5जी सॉल्‍यूशन अन्‍य टेलिकॉम ऑपरेटरों के लिए भी उपलब्‍ध होगा। मुकेश अंबानी ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब पूरी दुनिया में हुवावे के खिलाफ आवाज उठनी तेज हो गई है। पिछले दिनों अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जिओ की तारीफ की थी। उन्‍होंने कहा था कि जिओ साफ सुथरी दूरसंचार कंपनी है और हुवावे से मुक्‍त है। अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन ने चीनी कंपनी हुवावे को 5जी नेटवर्क बनाने को लेकर बैन कर दिया है। ब्रिटिश सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 2027 तक 5जी नेटवर्क से हुवावे के सभी उपकरणों को हटा दें। इससे पहले अमेरिका ने भी हुवावे के सभी उपकरणों को प्रतिबंधित किया था। नैशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग में फैसला ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मीटिंग के बाद फैसला लिया गया कि देश में 5जी नेटवर्क के निर्माण में चीनी कंपनी की भागीदारी को खत्म किया जाएगा। ब्रिटिश सरकार ने यह फैसला नेशनल साइबर सिक्योरिटी काउंसिल के रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद लिया। चीनी कंपनी हुवावे पर डेटा चोरी और गुप्त सूचनाओं को लीक करने का आरोप है। देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है हुवावे ब्रिटेन के संस्कृति सचिव ओलिवर डाउडेन ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने चेतावनी दी थी कि अमेरिका के प्रतिबंध के बाद हुवावे के सिक्योरिटी को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। 5जी नेटवर्क में हुवावे की उपस्थिति देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन को भरोसा नहीं है कि हुवावे अपने उपकरणों की सुरक्षा को लेकर कोई गांरटी दे पाएगा। हुवावे को लेकर ब्रिटेन पर दबाव बना रहा था चीन! अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने जून महीने के शुरुआत में दावा किया था कि चीन लंदन स्थित एचएसबीसी बैंक के जरि ब्रिटेन पर अपनी परियोजनाओं के लिए दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने ब्रिटेन के बैंक द हांगकांग एंड शंघाई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (एचएसबीसी) को कथित तौर पर दंडित करने की धमकी दी है। उसने कहा है कि अगर ब्रिटेन हुवेई को उसका 5जी नेटवर्क बनाने की अनुमति नहीं देगा तो वह भी ब्रिटेन में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का अपना वादा तोड़ देगा।
पठानकोट, 13 जुलाई 2020,चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और थल सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने सोमवार को जम्मू-पठानकोट रीजन का दौरा किया. जनरल नरवणे ने राइजिंग स्टार कॉर्प्स के अग्रिम इलाकों में तैनात सैनिकों, सुरक्षा इंतजामात और ऑपरेशन की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली. सेना प्रमुख ने गुर्ज डिवीजन के अग्रिम इलाकों का भी दौरा किया. जीओसी गुर्ज डिवीजन मेजर जनरल वाईपी खंडूरी ने सेना प्रमुख को सुरक्षा व्यवस्था और ऑपरेशनल तैयारियों के संबंध में जानकारी दी. जनरल नरवणे ने सैन्य अधिकारियों से साफ कर दिया कि पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्ष विराम के उल्लंघन और आतंकियों की घुसपैठ को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा कि सेना और सरकार की सभी एजेंसियां लगातार मिलकर काम कर रही हैं जनरल नरवणे ने साफ कर दिया कि हम विरोधियों की ओर से छेड़े जा रहे छद्म युद्ध के नापाक मंसूबे को नाकाम करने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे. अपने जम्मू-पठानकोट रीजन के दौरे के दौरान सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिमी कमान की सभी रैंक्स को संबोधित किया और सैनिकों का मनोबल बढ़ाया. सेना प्रमुख ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सेना दुश्मनों के किसी भी दुस्साहस को विफल बनाने और हालात संभालने में सक्षम है. उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में पश्चिमी कमान के प्रयासों और ऑपरेशन नमस्ते की सराहना की. इससे पहले, राइजिंग स्टार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना प्रमुख को ऑपरेशनल तैयारियों, सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को अपग्रेड किए जाने और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मसलों पर जानकारियां दीं. जम्मू पहुंचे सेना प्रमुख का लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के साथ ही मेजर जनरल वीबी नायर और एएस पठानिया ने स्वागत किया.
नई दिल्ली, 13 जुलाई 2020,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इसकी जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने कई विषयों पर बात की, विशेष रूप से भारत के किसानों, युवाओं और उद्यमियों के जीवन को बदलने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ देने के मसले पर अच्छी चर्चा हुई. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'सुंदर पिचाई से बातचीत के दौरान मैंने नई कार्य संस्कृति के बारे में बात की जो कोरोना के समय में उभर रही है. हमने उन चुनौतियों पर चर्चा की जो वैश्विक महामारी ने खेल जैसे क्षेत्रों में ला दी है. हमने डेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के महत्व के बारे में भी बात की. आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे गूगल की ओर से कई सेक्टर में किए जा रहे कामों के बारे में पता चला. खासतौर पर एजुकेशन, लर्निंग, डिजिटल इंडिया, डिजिटल पेमेंट समेत अन्य क्षेत्रों में. पीएम मोदी ने सुंदर पिचाई के साथ गूगल समेत भारत में टेक्नोलॉजी क्षेत्र में संभावनाओं पर भी बात की. पीएम मोदी ने दिया है आत्मनिर्भर भारत का नारा पिछले दिनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है. अगर भारत का युवा चाहे तो हर सेक्टर में अपनी प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया में मनवा सकता है. इसी आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत पीएम मोदी कई सेक्टर से जुड़े लोगों से चर्चा कर रहे हैं.
वॉशिंगटन प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ हिंद महासागर में परेशानी का सबब बने चीन को रोकने के लिए चार बड़ी शक्तियां पहली बार मालाबार में साथ आने को तैयार हैं। इस साल के मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को जल्द ही भारत का न्योता मिल सकता है। इसके साथ ही पहली बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप (Quad group) को सैन्य मंच पर देखा जाएगा। इसमें भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ जापान और अमेरिका शामिल हैं। अभी तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया को इससे अलग रखा था लेकिन लद्दाख में सीमा पर चीन की हरकत को देखते हुए उसे भी बुलाने का प्लान है। अभी तक सीमित था Quad ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले हफ्ते तक ऑस्ट्रेलिया को औपचारिक रूप से निमंत्रण के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है। मालाबार पहले एक सीमित नौसैनिक युद्धाभ्यास हुआ करता था लेकिन अब इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसके तहत हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदमों को रोकना एक बड़ा लक्ष्य है। जापान इससे 2015 में जुड़ा था। चीन को जाएगा कड़ा संदेश भारत ने 2017 में ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने से यह सोचते हुए रोक दिया था कि पेइचिंग इसे Quad के सैन्य विस्तार के तौर पर देख सकता है लेकिन सीमा पर बढ़ी तनातनी और चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए आखिरकार भारत ने अपना रुख कड़ा कर लिया है। रिपोर्ट में वॉशिंगटन आधारित RAND कॉर्पोरेशन के डेरेक ग्रॉसमेन के हवाले से कहा गया है, 'इससे चीन को एक अहम संदेश जाएगा कि Quad वास्तव में संयुक्त नौसैनिक अभ्यास कर रहा है। भले ही इसे Quad के इवेंट के तौर पर तकनीकी रूप से आयोजित न किया जा रहा हो।' भारत के लिए जरूरी क्षेत्रीय-वैश्विक ताकतों का साथ लद्दाख में हिंसा से पहले भारत ने अपने सबसे बड़े ट्रेड-पार्टनर चीन के साथ अपने संबंध संतुलित रखने की कोशिश की और दूसरी ओर अमेरिका जैसे देशों के साथ भी संबंध मजबूत किए। रिपोर्ट में पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त रह चुके जी. पार्थसार्थी ने कहा है, 'चीन पर हमारे द्विपक्षीय आर्थिक प्रतिबंध जरूरी हैं लेकिन हमें याद रखना होगा कि चीन पर असर तभी डाला जा सकता है जब हम क्षेत्रीय और वैश्विक ताकतों के सहयोग से काम करें।' Quad को मजबूत करना है अहम पूर्व विदेश सचिव और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सीनियर फेलो श्याम सरन के मुताबिक Quad को मजबूत न करने से चीन को ही फायदा होगा। उन्होंने कहा है कि जब तक चीन को अलग-अलग पक्षों से आए निर्देश का पालन करने के लिए राजी किया जाता है, तब तक इंडो-पैसिफिक रणनीति को पेइचिंग की ताकत के जवाब में इस्तेमाल करना होगा और Quad इसके केंद्र में होगा। उनका कहना है कि भारत को इस बारे में साफ समझना होगा कि उसका हित कहां है।
नई दिल्‍ली चीन से लगी सीमा पर तनाव के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने छह महत्‍वपूर्ण पुल बना लिए हैं। रणनीतिक रूप से बेहद अहम ये पुल जम्मू और कश्‍मीर में स्थित हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इनका वर्चुअल उद्घाटन किया। करीब 43 हजार करोड़ की लागत से बने इन छह पुलों में से चार अखनूर सेक्‍टर में हैं, बाकी जम्‍मू में। इन पुलों के शुरू होने के बाद से बॉर्डर एरियाज तक कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। यानी जरूरत पड़ने पर सेना को बाई रोड भी आसानी से मूव कराया जा सकता है। फिलहाल भारत-चीन बॉर्डर पर थोड़ी शांति है और दोनों सेनाएं पीछे हटी हैं मगर चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तनावपूर्ण हालात के बीच इन पुलों का शुरू होना भारत के डिफेंस इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को और बेहतर करेगा। ये हैं छह नए पुल तारनाह में 160 मीटर का पुल तारनाह में 300 मीटर का दूसरा पुल पलवान में 91 मीटर का पुल घोड़ावाला में 151 मीटर का पुल पहाड़ीवाला में 61 मीटर का पुल पनयाली में 31 मीटर का पुल लेह के पास बने हैं तीन नए पुल BRO की तरफ से बॉर्डर एरियाज में इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को और बेहतर किया जा रहा है। ये सारे पुल 30 मीटर से 300 मीटर लंबाई वाले हैं। वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिए इन पुलों का उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन के वक्‍त सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद रहे। BRO ने लेह के पास तीन पुल बनाए हैं। ये पुल सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इनके जरिए सेना के टैंक चीन से विवाद के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तक आसानी से पहुंच सकेंगे। BRO बनाता है सीमाई इलाकों में सड़कें BRO भारत सरकार की वह एजेंसी है जो अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। NH1 पर बनाए गए तीनों पुलों को सिर्फ तीन महीने में ही तैयार किया गया है। ये पुल भारी से भारी वजन उठा सकते हैं। भारतीय सेना और नागरिकों को अब आवाजाही में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। सालभर पहले बनी सड़क ने बढ़ाई चीन की परेशानी लद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है। इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया था। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया।
नई दिल्ली, 08 जुलाई 2020, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. 5 महीने मुफ्त अनाज, प्रवासी मजदूरों को किराए पर घर, जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में 12 हजार 750 करोड़ रुपये के निवेश को लेकर बैठक में फैसले लिए गए. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत पिछले 3 महीने में 81 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति हर महीने 5 किलो अनाज मुफ्त मिला है. जो अनाज 2 रुपये और 3 रुपये में मिलता है वो मिलता रहा. लेकिन ये अनाज मुफ्त मिला है. इसका मतलब है कि पिछले 3 महीने में प्रति व्यक्ति को 15 किलो अनाज मिला. प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पिछले दिनों पीएम मोदी ने इसे विस्तार करने की घोषणा की. आज मंत्रिमंडल ने उसको लागू किया है. जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर, नवंबर तक ये योजना लागू रहेगी, जिसमें एक व्यक्ति को 5 किलो मुफ्त अनाज मिलेगा. उन्होंने कहा कि पहले तीन महीने में 1 करोड़ 20 लाख टन अनाज दिया गया और आने वाले 5 महीने में 2 करोड़ 3 लाख टन अनाज मुफ्त दिया जाएगा केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस योजना का खर्च 1 लाख 49 हजार करोड़ रुपये है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि 8 महीने 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने एक और योजना का विस्तार किया है. जो छोटे व्यवसाय हैं, जहां 100 से भी कम कर्मचारी हैं और उनमें से 90 फीसदी लोग 15 हजार से कम सैलरी वाले हैं, ऐसे कर्मचारियों का हर महीने 12 प्रतिशत पीएफ जाता है उसे सरकार ने भरा. 3 लाख 66 हजार उद्दोगों को इसका फायदा मिला. प्रवासी मजदूरों को किराए पर घर एक अन्य फैसले के बारे में जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 107 शहरों में 1 लाख 8 हजार छोटे मकान बनकर तैयार हैं. इन मकानों को प्रवासी मजदूरों को किराए पर देने का सरकार ने फैसला लिया है. मजदूरों को किराए पर सस्ता मकान नहीं मिलता था, लेकिन अब सरकार ने उनके लिए ये फैसला लिया है. प्रकाश जावड़ेकर ने सरकार के एक और फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश में तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं. सरकार इसमें 12 हजार 750 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.

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