कोलकाता,‘13 साल हो गए, ये सब होते-होते। शाहजहां शेख और उसके लोगों को जो औरत अच्छी लगती, पार्टी की मीटिंग के बहाने ऑफिस में बुला लेते। दो दिन, तीन दिन, चार दिन, जब तक मन होता, ऑफिस में ही रखते। कोई महिला बुलाने पर नहीं आती, तो उसे घर से उठा लेते। 3-4 बार मुझे भी ऑफिस में बुलाया। पहले तो मैं नहीं गई, लेकिन उन लोगों ने मेरे पति को उठवा लिया। उसे मारा-पीटा। मैं क्या करती।'
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में ऐसी सैकड़ों कहानियां हैं। इन कहानियों में सिर्फ विक्टिम बदलती हैं, आपबीती सभी की एक जैसी है। नॉर्थ 24 परगना जिले में आने वाला संदेशखाली ममता बनर्जी की पार्टी TMC के नेता शाहजहां शेख का एरिया है।
शाहजहां और उसके दो साथियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार पर आरोप है कि वे महिलाओं का गैंगरेप कर रहे थे। इस केस में शिबू हाजरा और उत्तम सरदार समेत 18 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शाहजहां शेख अभी फरार है। शाहजहां की गिरफ्तारी न होने पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को हैरानी जताई। कहा कि जो व्यक्ति इस समस्या का मूल कारण बताया जा रहा है, उसे अब तक पकड़ा नहीं जा सका है।
इस पूरे मामले को समझने के लिए दैनिक भास्कर संदेशखाली पहुंचा। शाहजहां शेख पर आरोप लगाने वाली महिलाओं से मिला और उनकी आपबीती सुनी। हमने 4 विक्टिम से बात की, इनमें तीन ने अपने साथ रेप और सेक्शुअल हैरेसमेंट का दावा किया, वहीं एक ने कहा कि मेरे साथ गलत काम नहीं हुआ, लेकिन उन लोगों ने मेरी जमीन हड़प ली। पढ़िए ये रिपोर्ट-
महिलाएं सड़कों पर नारे लगा रहीं, शाहजहां शेख छोड़बो न
विक्टिम महिलाएं 7 फरवरी से संदेशखाली के पात्रोपाड़ा में प्रदर्शन कर रही हैं। वे नारे लगाती हैं, शाहजहां शेख, छोड़बो न, छोड़बो न।
हमने उनसे पूछा, ये आंदोलन कब तक चलेगा? जवाब मिला- जब तक शाहजहां शेख गिरफ्तार नहीं हो जाता।
शाहजहां शेख फरार, लोग बोले- कहीं नहीं गया, संदेशखाली में ही है
शाहजहां शेख TMC का डिस्ट्रिक्ट लेवल का नेता है। राशन घोटाले में ED ने 5 जनवरी को उसके घर रेड की थी। तब शाहजहां के 200 से ज्यादा सपोर्टर्स ने टीम पर अटैक कर दिया। अफसरों को जान बचाकर भागना पड़ा। उल्टा पश्चिम बंगाल पुलिस ने ED के अफसरों पर केस दर्ज कर लिया। तभी से शाहजहां शेख फरार है। हालांकि संदेशखाली के लोगों का कहना है कि वो कहीं नहीं गया, यही हैं।
हमने लोगों से शाहजहां शेख के घर का पता पूछा। उन्होंने बताया पात्रोपाड़ा में जिस जगह आंदोलन चल रहा है, वहां से करीब 2 किमी दूर उसकी कोठी बनी है। हम इस कोठी तक गए, वहां पता चला कि ये कोठी काजी आमिर की है।
हमने कोठी का गेट खटखटाया, लेकिन दरवाजा खुला नहीं। अंदर से तेज आवाज आई, यहां कोई नहीं है। गेट नहीं खुला तो हम लौटकर पात्रोपाड़ा वापस आ गए। यहां उन महिलाओं से मिले जिन्होंने शाहजहां और उसके लोगों पर आरोप लगाया है।
18 साल की हो या 40 साल की, जो अच्छी लगती, उसे उठा लेते
पात्रोपाड़ा की एक महिला बताती हैं, 'शाहजहां शेख के लोग जबरदस्ती पार्टी ऑफिस में बुलाते थे। यहां पार्टी की मीटिंग होती थी, जिसमें गांव के सभी लोगों को जाना होता है। जो नहीं जाता, उसके साथ वे मारपीट करते थे। मीटिंग के बाद मर्दों को घर भेज देते थे, औरतों को वहीं रोक लेते थे। उनके साथ गलत हरकतें करते थे। कोई महिला ऑफिस आने से मना करती, तो उसके पति को उठा लेते थे।'
क्या कम उम्र की लड़कियों के साथ भी ये सब होता था? महिला कहती है, 'छोटी बच्चियों के साथ तो ये सब नहीं हुआ, लेकिन 18 साल, 20 साल की लड़कियों और 30-40 साल की महिलाओं के साथ हो रहा था। किसी भी उम्र की हो, जो महिला उन्हें अच्छी लगी, वो उसे उठा लेते थे।'
क्या शाहजहां शेख इसमें डायरेक्ट इन्वॉल्व होता है?
हां, शेख, हाजरा और उत्तम सरदार तीनों ये सब करते हैं।
आपने पुलिस को क्यों नहीं बताया?
महिला जवाब देती हैं, ‘मैं 2-3 बार थाने गई थी, लेकिन पुलिस तो उनकी है न, हमारी नहीं सुनती। उन्होंने हमारी शिकायत नहीं लिखी।’
हम कहते थे- घर में बच्चे हैं, जाने दीजिए, तब भी नहीं सुनते थे
हम एक विक्टिम से बात कर ही रहे थे, तभी दूसरी महिला बोल पड़ी। वे कहती हैं, 'हम उनसे कहते थे कि हमें घर जाना है। घर में छोटे बच्चे हैं, उनके लिए खाना बनाना है। तब भी नहीं जाने देते थे। उनका जो मन करता, वही करते थे।’
तभी पहली विक्टिम भी बोल पड़ती है, 'मेरी भी डेढ़ बीघा जमीन उनके कब्जे में है। एक पैसा नहीं दिया। हम गरीब लोग हैं। जमीन चली जाएगी तो हम क्या खाएंगे।'
दो-तीन दिन तक ऑफिस में रखा, पुलिस-सरकार सब उनकी
एक और विक्टिम कहती हैं, 'वो लोग औरतों को दफ्तर में बिठाकर रखते थे। कितने दिन रखेंगे, कोई तय नहीं। 5-6 महीने पहले मेरे साथ यही हुआ था। पुलिस और सरकार दोनों उनकी हैं।’
चौथी विक्टिम ने बताया, 'शाहजहां के लोगों ने मेरी जमीन हड़प ली। मेरे साथ कुछ गलत नहीं हुआ, लेकिन जमीन तो चली गई। वे लोग किसी को भी उठा लेते हैं। मैं भी कब तक बचूंगी।'
संदेशखाली के अलावा कुछ विक्टिम तुसीखाली और तिमोरा बाजार में भी रहती हैं।। तिमोरा बाजार में एक ग्रॉसरी शॉप में बैठी महिला से हमने शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार के बारे में पूछा। वे कहती हैं, ‘शेख, हाजरा और सरदार बहुत ताकतवर लोग हैं। अमी मार देबो। वे यहां के डॉन हैं। उनकी सरकार है। हम गरीब मानुष बोले, तो मारे जाएंगे।’
ममता सरकार ने SIT बनाई, महिलाओं का आरोप- जांच के नाम पर परेशान कर रहे
मामला बढ़ने पर पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। CID में तैनात DIG सोमा दास मित्रा इसे लीड कर रही हैं। टीम की बाकी मेंबर भी महिलाएं हैं। ये टीम पीड़ित महिलाओं से बात कर रिपोर्ट बनाएगी। उनकी आपबीती सुनेगी, ताकि सभी फैक्ट इकट्ठे हो सकें।
SIT ने महिलाओं से मुलाकात की है। हालांकि महिलाओं का आरोप है कि टीम हमसे एक ही सवाल कई बार करती है। उनका ध्यान हमारी आपबीती जानने से ज्यादा इस बात पर है कि हमें अपनी बातों में उलझा लें।
एक महिला से SIT तीन बार पूछताछ कर चुकी है। वे कहती हैं- 'टीम की मेंबर पूछती हैं कि क्या हुआ था, डिटेल में बताओ। कोई जांच कराई थी क्या। कोई मेडिकल रिपोर्ट नहीं है। कुछ दवा तो ली होगी। घर में किसे बताया, पति को पता है। कहां हुआ सब कुछ, कैसे हुआ। बस यही सवाल घुमा-घुमाकर पूछ रहे हैं। पुलिस सपोर्ट नहीं करती, हमें डराती है।'
दूसरी महिला कहती हैं, 'एक ही बात हम कितनी बार कहें। सब तो बता चुके हैं। हमने तो मीडिया को भी सब बता दिया। अगर पूछना है तो पहले शाहजहां शेख को पकड़ें और उससे पूछें। हाजरा से पूछें, उत्तम सरदार से पूछें।'
'टीम में शामिल पुलिस अधिकारी एक ही सवाल कई तरह से पूछती हैं। बार-बार पूछने पर घबराहट में कुछ अलग भी निकल जाता है। तब कहती हैं, तुमने ये तो नहीं कहा था। हमसे चुप रहने को कहती हैं। बोलती हैं- ये सब लोग तो चले जाएंगे, हमेशा साथ नहीं रहेंगे। तुम्हें यहीं रहना है।’
सेक्शुअल हैरेसमेंट की करीब 30 शिकायतें, FIR सिर्फ एक
सोर्स के मुताबिक, अब तक सेक्शुअल हैरेसमेंट की सिर्फ एक FIR हुई है। हालांकि अब तक करीब 30 शिकायतें सामने आ चुकी हैं। नेशनल वुमन कमीशन की अध्यक्ष रेखा शर्मा 19 फरवरी को संदेशखाली पहुंची थीं। उसी दिन ये सभी शिकायतें हुई हैं।
सोशल वर्कर पियाली दास शिकायत दर्ज कराने में महिलाओं की मदद कर रही हैं। वे बताती हैं, 'सभी शिकायतें सेक्शुअल अब्यूज की हैं। इनमें लिखा है कि कैसे महिलाओं को रात में उठा ले जाते थे। गंदे इशारे करते थे। उनके साथ गंदा काम करते थे।'
क्या कोई शिकायत रेप या गैंगरेप की हुई है? पियाली कहती हैं, ‘रात में महिलाओं को उठा ले जाते थे। साथ में रखते थे। अब इससे ज्यादा हम क्या कहें, क्या शिकायत करें।'
अब तक 18 लोग अरेस्ट, SP बोले- शाहजहां के खिलाफ शिकायत नहीं
बसीरहाट के SP हुसैन मेहदी रहमान ने शनिवार को कहा था कि संदेशखाली केस में शाहजहां शेख के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है। TMC नेता शिबू हाजरा की गिरफ्तारी के साथ मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या 18 हो गई है।
शिबू हाजरा को बसीरहाट के नजात इलाके से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस शिकायतों के आधार पर जांच कर रही है। एक विक्टिम के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने के बाद केस में गैंगरेप की धारा 376 (D) और हत्या की कोशिश की धारा 307 जोड़ी गई है।
कोर्ट की परमिशन से BJP नेता शुभेंदु अधिकारी संदेशखाली पहुंचे
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच से परमिशन मिलने के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी मंगलवार को संदेशखाली पहुंचे। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सोमवार को शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की इजाजत दी थी। इसके खिलाफ बंगाल सरकार डिवीजन बेंच गई थी।
शुभेंदु अधिकारी ने संदेशखाली में स्थानीय महिलाओं से बात की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अनुभव रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। उनकी जमीनें हड़प ली गईं, उनका शोषण किया गया और सब कुछ पुलिस-प्रशासन की मदद से हुआ। यहां की स्थिति भयावह है और अराजकता का उदाहरण है।
अधिकारी के साथ BJP विधायक शंकर घोष भी संदेशखाली पहुंचे थे। इससे पहले पुलिस ने शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली से 2 किलोमीटर दूर धमाखाली में रोक दिया।
TMC से BJP में आए शुभेंदु अधिकारी को शायद इसका अंदाजा था, इसीलिए उनके वकील पहले से तैयार थे। एक घंटे के अंदर उन्होंने कोर्ट से ऑर्डर ले लिया। वे रास्ते भर लोगों से मिलते हुए आगे बढ़े। आंदोलन वाली जगह तक आने में उन्हें करीब 2 घंटे लग गए।
ममता बोलीं- महिलाओं ने FIR नहीं कराई, BJP उन्हें भड़का रही
ममता बनर्जी ने रविवार को BJP पर आरोप लगाया था कि वो संदेशखाली की महिलाओं को भड़का रही है। एक पब्लिक मीटिंग में उन्होंने कहा कि महिलाओं ने एक भी FIR नहीं लिखवाई है। इन महिलाओं को BJP भड़का रही है।
दैनिक भास्कर ने इस पर संदेशखाली से TMC के विधायक सुकुमार महतो से बात करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मैं हिंदी या इंग्लिश मीडिया से बात नहीं करूंगा, सिर्फ बांग्ला में बात करूंगा। इसके बाद हमने DG राजीव कुमार को भी फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
नदिया में बच्ची से गैंगरेप से संदेशखाली तक, TMC के नेता आरोपी
संदेशखाली की तरह ही एक मामला अप्रैल, 2022 में भी हुआ था। तब नदिया जिले में 14 साल की एक बच्ची से गैंगरेप हुआ था। बच्ची की मौत हो गई थी। दैनिक भास्कर ने उस वक्त भी ग्राउंड से रिपोर्ट की थी। इस केस में TMC से जुड़े गांव के उप-सरपंच का बेटा आरोपी था। पुलिस ने मामले को ऑनर किलिंग का एंगल दे दिया था।
तब CM ममता बनर्जी ने बच्ची के गैंगरेप से पहले ही प्रेग्नेंट होने का दावा किया था। तब इतना बड़ा आंदोलन नहीं हुआ, लेकिन इस बार महिलाएं गुस्से में हैं।
हमने एक महिला से पूछा, अचानक इतनी हिम्मत कहां से आई? उन्होंने जवाब दिया, ED ने शाहजहां के घर रेड मारी थी, तब लगा हमारी आवाज सुनी जाएगी।
शाहजहां शेख कंडक्टर रहा, सब्जियां बेचीं, अब सालाना कमाई 20 लाख रुपए
पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में शाहजहां की पहचान मछुआरों के लीडर, कारोबारी, डॉन और जमीन माफिया की है। नॉर्थ 24 परगना में विधायक और सांसद से ज्यादा पॉपुलर शाहजहां शेख है। वह 1999 में सवारी ढोने वाली गाड़ी में कंडक्टर का काम करता था। इसी दौरान लोकल मार्केट में सब्जियां भी बेचीं।
कुछ दिन बाद शाहजहां ने ड्राइवर की नौकरी छोड़ दी और गुंडा बन गया। जमीन के सौदे करने लगा। शाहजहां के चाचा मुस्लिम शेख CPI (M) के लोकल लीडर थे। उनकी मदद से वो पॉलिटिक्स में आ गया। जरूरतमंदों की मदद करने की वजह से लोग उसे पसंद करने लगे। सैकड़ों लड़कों को मोबाइल और बाइक देकर उसने अपने सिंडिकेट में शामिल कर लिया।
2011 में शाहजहां शेख ने CPI (M) छोड़ दी और TMC में शामिल हो गया। इसी दौरान वो ममता सरकार में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का करीबी बना। इलाके में शाहजहां का इतना दबदबा था कि लोग आपसी झगड़े और जमीन के विवाद सुलझाने उसके पास आने लगे।