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राज्यसभा चुनाव: प्रकाश बजाज के निर्दलीय उतरने से बसपा की मुश्किलें बढ़ीं, छोटे दलों की भूमिका अहम

लखनऊ, 27 अक्टूबर 2020,उत्तर प्रदेश का राज्यसभा चुनाव काफी रोचक होता जा रहा है. बीजेपी के आठ और समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने एक-एक प्रत्याशी के नामांकन के बाद सभी का निर्विरोध निर्वाचन तय माना जा रहा था. लेकिन आखिरी टाइम में प्रकाश बजाज के नामांकन दाखिल करने के बाद राज्यसभा चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. इतना ही नहीं बीएसपी प्रत्याशी रामजी गौतम के राज्यसभा की राह में प्रकाश बजाज रोड़ा बन गए हैं. बीजेपी ने सूबे में आठ राज्यसभा कैंडिडेट उतारे हैं जबकि पार्टी 9 सदस्य जिताने की स्थिति में थी. ऐसे में बीजेपी का बसपा के लिए वाकओवर माना जा रहा था, क्योंकि बीएसपी के पक्ष में समीकरण न होते हुए भी पार्टी प्रमुख मायावती ने रामजी गौतम को मैदान में उतारा था. ऐसे में कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने बीएसपी के उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए अपनी एक सीट खाली छोड़ी है. यूपी के 10 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन का मंगलवार आखिरी दिन था. बीजेपी के आठ प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है और पार्टी ने 9वां प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा है. ऐसे में कारोबारी प्रकाश बजाज ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है, जिसके चलते बसपा के उच्च सदन पहुंचने की राह एक तरफ मुश्किल हुई है तो दूसरी तरफ निर्दलीय और अन्य विधायकों की किस्मत के सितारे बुलंद होते नजर आ रहे हैं. मौजूदा समय की बात करें तो यूपी विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. बीजेपी के पास फिलहाल 306 विधायक हैं जबकि सपा के पास 48, बसपा के पास 18, कांग्रेस के 7, अपना दल के पास 9 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के चार विधायक हैं. इसके अलावा चार निर्दलीय और एक निषाद पार्टी से विधायक हैं. यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर एक राज्यसभा सीट के लिए 36 विधायकों के समर्थन पर प्रथम वरियता का वोट चाहिए. इस लिहाज से बीजेपी की 8 सीटें जीतने के लिए 288 विधायकों का समर्थन चाहिए, जिसके बाद 18 विधायकों के वोट अतिरिक्त बचेगा. ऐसे ही सपा के राम गोपाल यादव के जीतने के बाद भी 12 वोट अतिरिक्त बचेंगे. वहीं, बसपा इस स्थिति में नहीं है कि वो अपने दम पर रामजी गौतम को राज्यसभा भेज सके. वहीं, प्रकाश बजाज के उतरने से 10वीं राज्यसभा सीट के लिए मुकाबला काफी रोचक हो गया है. प्रकाश बजाय के निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरने से चुनाव तय है. यही नहीं साथ ही मायावती के उस मंसूबे पर पानी फिर गया है कि बीजेपी को हराने के लिए सपा, कांग्रेस के साथ ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अलावा कई निर्दलीयों का समर्थन उनके प्रत्याशी को मिल सकता है. बीजेपी उम्मीदवार की लिस्ट जारी होने के बाद जिस तरह यूपी कांग्रेस ने ट्वीट कर हमला बोला था, उससे साफ है कि कांग्रेस भी बसपा के साथ नहीं खड़ी होगी. वहीं, सपा के अतिरिक्त और निर्दलीय विधायक भी उनके साथ नहीं जाएंगे. इसके अलावा बसपा के जो 18 विधायक हैं, उनमें से कई बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं. इस तरह से सूबे की 10वीं राज्यसभा सीट का फैसला निर्दलीय, कांग्रेस और छोटे दलों के पास होगा, ऐसे में जो प्रत्याशी इन्हें साधने में सफल रहेगा. वो उच्च सदन पहुंचना तय है. हालांकि, अब देखना है कि बसपा और निर्दलीय प्रकाश बजाज में कौन किस पर भारी पड़ता है.

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