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राफेल पर कांग्रेस का सवाल- 526 करोड़ का एक राफेल अब 1670 करोड़ में क्यों?

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2020,फ्रांस से भारत को मिले लड़ाकू विमान राफेल को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं. पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक ट्वीट कर सरकार से 5 सवाल पूछे हैं. हालांकि सुरजेवाला ने राफेल को लेकर वायुसेना के जांबाजों को बधाई दी लेकिन सरकार से उन्होंने 5 सवालों पर जवाब मांगे. बता दें, ये वहीं सवाल हैं जो काफी अर्से से कांग्रेस पूछती रही है. रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राफेल का भारत में स्वागत! वायुसेना के जांबाज लड़ाकुओं को बधाई. आज हर देशभक्त ये जरूर पूछे- 1. 526 करोड़ का एक राफेल अब 1670 करोड़ में क्यों? 2. 126 राफेल की बजाय 36 ही क्यों? 3. मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रांस क्यों? 4. 5 साल की देरी क्यों? इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट कर राफेल जेट्स को लेकर एयर फोर्स को बधाई दी गई है. ट्वीट में कहा गया है कि राफेल सौदे के लिए 2012 में की गई कांग्रेस की मेहनत आखिरकार रंग लाई और यह समझौता साकार साबित हुआ. कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की डील में बड़ा अंतर है जिसमें बीजेपी के घोटाले सामने आए हैं. कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट में लिखा, ''कांग्रेस की डील में देश को 126 जेट्स मिलने थे जबकि बीजेपी ने 36 का सौदा किया है. देश में मेड इन इंडिया के तहत 108 राफेल जेट बनने थे. कांग्रेस के सौदे के मुताबिक, साल 2016 तक भारत को राफेल मिल जाने थे. हर जेट की कीमत 526 करोड़ रुपये निर्धारित थी.'' इससे पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी राफेल को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट में लिखा, ''आखिर राफेल fighter plane आ गया. 126 राफेल खरीदने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में UPA ने 2012 में फैसला लिया था और 18 राफेल को छोड़कर बाकि भारत सरकार की HAL में निर्माण का प्रावधान था. यह भारत में आत्मनिर्भर होने का प्रमाण था. एक राफेल की कीमत ₹746 करोड़ तय की गई थी.'' दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मोदी सरकार आने के बाद फ्रांस के साथ मोदी जी ने बिना रक्षा व वित्त मंत्रालय व केबिनेट कमेटी की मंजूरी के नया समझौता कर लिया और HAL का हक मार कर निजी कंपनी को देने का समझौता कर लिया. राष्ट्रीय सुरक्षा की अनदेखी कर 126 राफेल खरीदने के बजाय केवल 36 खरीदने का निर्णय ले लिया.

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