अब डालमिया हेल्थकेयर ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा, क्लिनिकल ट्रायल शुरू

नई दिल्ली कोरोना वायरस महामारी के इलाज के लिए देश की कई कंपनिया दवा बनाने की कोशिश में लगी हैं। इस कड़ी में पतंजलि आयुर्वेद के बाद अब डालमिया ग्रुप का भी नाम जुड़ गया है। इस ग्रुप की कंपनी डालमिया हेल्थकेयर ने कोविड-19 के इलाज के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को लेकर दवा बनाने का दावा किया है। कंपनी के मुताबिक, आयुर्वेदिक दवा ‘आस्था-15’ का क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी डालमिया हेल्थकेयर ने गुरुवार को एक बयान जारी कर दी। डालमिया हेल्थकेयर ने अपने बयान में कहा कि उसे क्लिनकल ट्रायल रजिस्ट्री (सीटीआर) से दवा का टेस्ट करने की मंजूरी मिल गई है और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए सभी नियमों का पालन किया जाएगा। बता दें, सीटीआर, आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल स्टैटिक्स से जुड़ा हुआ संस्थान है। बयान में कहा गया है कि समूह की अनुसंधान एवं विकास इकाई डालमिया सेंटर फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट (डीसीआरडी) ने गहन शोध के बाद 15 औषधियों का एक ‘पालीहर्बल कॉम्बिनेशन’ बनाया, जिसे आस्था-15 का नाम दिया गया है। आयुर्वेदिक मिश्रण का मानवों पर परीक्षण जारी बयान के मुताबिक, इससे पहले, आस्था-15 का चेन्नई के सरकारी अस्पताल में मरीजों पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया है। उस अध्ययन में इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव सामने नहीं आया। डालमिया ग्रुप ऑफ कंपनीज़ के चेयरमैन संजय डालमिया ने कहा, "हम अपने अत्यधिक प्रभावशाली आयुर्वेदिक मिश्रण का मानवों पर परीक्षण कर रहे हैं। यह कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने में मदद कर सकता है। हमारी दवाई के सफल मानव परीक्षण से पूरी दुनिया में न केवल इस संक्रामक वायरस का प्रभाव कम होगा, बल्कि इससे अन्य चिकित्सा विधियों के मुकाबले आयुर्वेद की प्रतिष्ठा भी स्थापित होगी, जो हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है।" पतंजलि ने किया आयुर्वेद से कोराना का इलाज का दावा इससे पहले हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने दावा किया था कि आयुर्वेदिक दवाओं से न सिर्फ कारोना वायरस का शत-प्रतिशत इलाज संभव है, बल्कि इसके संक्रमण से बचने के लिए इन दवाओं का बतौर वैक्सीन भी इस्तेमाल किया जा सकता है। पतंजलि योगपीठ के आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान में इस पर तीन माह तक चले शोध और चूहों पर कई दौर के सफल परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष सामने आया है। बालकृष्ण के अनुसार, अश्वगंधा, गिलोय, तुलसी और स्वासारि रस का निश्चित अनुपात में सेवन करने से कोरोना संक्रमित व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ किया जा सकता है। 12 से अधिक शोधकर्ताओं ने आयुर्वेदिक गुणों वाले 150 से अधिक पौधों के 1550 कंपाउंड पर दिन-रात शोध कर यह सफलता हासिल की।

Top News