भारत ने खारिज की अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट, कहा- पहले से ही दिखता है पक्षपाती रुख

नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2020,कोरोना वायरस महासंकट के बीच धार्मिक आजादी पर नज़र रखने वाली एक अमेरिकी संस्था ने भारत को लेकर रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धार्मिक आजादी का कम होना चिंता का विषय है. इस रिपोर्ट को लेकर अब भारत ने जवाब दिया है और इस रिपोर्ट को पक्षपाती करार दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव की ओर से इस रिपोर्ट पर आधिकारिक बयान जारी किया गया. बयान में कहा गया कि USCIRF की वार्षिक रिपोर्ट में भारत के लिए जो कहा गया है हम उसकी निंदा करते हैं. पक्षपात से भरपूर इस तरह की टिप्पणी नई नहीं हैं. लेकिन इस बार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की सीमा सभी लेवल पार कर चुकी है. भारत की ओर से कहा गया कि संगठन अपने ही द्वारा प्रयासों को सफलतापूर्वक लागू नहीं कर पा रहा है. हम इस प्रकार के संस्थान का सम्मान करते हैं, ऐसे में उसे इसी प्रकार व्यवहार करना चाहिए. गौरतलब है कि अमेरिकी विभाग ने कहा है कि 2018 के बाद से भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति खराब हुई है. 2018 में लगभग एक तिहाई राज्य सरकारों ने गैर हिंदुओं और दलितों के खिलाफ भेदभावपूर्ण या गौ-हत्या विरोधी कानूनों को तेजी से लागू किया. इसके अलावा हिंसा से जुड़े गौ-रक्षा दल मुख्य रुप से मुस्लिमों और दलितों को निशाना बना रहे हैं. इस संगठन ने भारत की धार्मिक आजादी पर चिंता जताते हुए, उसे टीयर 2 की श्रेणी में जगह दी है. यानी भारत को धार्मिक आजादी के मामले में विशेष चिंता का देश घोषित किया गया है. बता दें कि इस रिपोर्ट में जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक के मामलों का विस्तारपूर्वक जिक्र किया गया है.

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