केरल में बढ़े कोरोना के ऐसे केस, जिसमें सोर्स का नहीं पता...सरकार का नया सिरदर्द

तिरुवनंतपुरम केरल में बिना किसी ज्ञात सोर्स के ही कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होना यहां सरकार और प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। केरल के कोट्टायम और इडुक्की जिलों में पिछले एक हफ्ते में सामने आए कोरोना के आधे दर्जन पॉजिटिव केसों में ऐसे मामले सामने आए, जिसमें मरीज कहां से संक्रमित हुआ इसका पता नहीं लग सका है। केरल सरकार ने राज्य में सामुदायिक प्रसार (Community Spreading) की संभावनाओं को खारिज किया है। खास तौर पर इन 2 जिलों में। सीएम पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा, 'हमारा पूरा प्रयास कम्युनिटी स्प्रीड को चेक करना है। इडुक्की में क्वारंटीन और लॉकडाउन के नियमों में उल्लंघन की रिपोर्ट्स आई है। अभी तक हम सेफ हैं और यहां कम्युनिटी स्प्रीड नहीं है।' इडुक्की और कोट्टायम में बढ़ी टेंशन कोट्टायम में संक्रमण के सोर्स का पता लगाना सिरदर्द बन गया है। यहां के रीजनल कैंसर सेंटर में काम करने वाली एक नर्स, तिरुवनंतपुरम के प्राइवेट में काम करने वाली एक नर्स, एक बिजनसमैन और एक स्टूडेंट पॉजिटिव पाए गए। इन सभी के कोरोना सोर्स का पता नहीं चल सका है। वहीं इडुक्की में दो मरीजों में संक्रमण कहां से फैला, इसकी पुष्टि की जानी बाकी है। इन दोनों में से एक मुन्नार और दूसरा वंदनमेडु से है। 'केरल में कम्युनिटी स्प्रीड नहीं' राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा ने भी कम्युनिटी स्प्रीड की संभावनाओं को खारिज किया है। उन्होंने कहा, 'अभी तक यहां पर कम्युनिटी स्प्रीडिंग की बात सामने नहीं आई है। लगातार निगरानी और रैंडम जांच की जा रही है।' केरल में 13 नए केस आने के साथ ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 481 हो गई है। भारत में कोरोना का पहला मामला कब और किस राज्य में सामने आया? भारत में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में सामने आया था। चीन के वुहान यूनिवर्सिटी से लौटे एक छात्र में कोरोना वायरस के लक्षण पाए गए थे।

Top News