जब हाई कोर्ट में भिड़ गए दिल्ली और केंद्र सरकार के वकील

नई दिल्ली, 06 मार्च 2020, दिल्ली हिंसा को लेकर हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस का पक्ष कौन रखेगा, इस पर दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा और केंद्र सरकार का पक्ष रख रहीं वकील और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मनिंदर आचार्य आपस में भीड़ गए. इस दौरान काफी हंगामा हुआ जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि अब सुनवाई 12 मार्च को होगी. दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा का कहना था कि पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए मुझे वकील के रूप में नियुक्त किया गया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल 'नियुक्ति' का अपमान कर रही हैं. राहुल मेहरा ने कहा कि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सॉलिसिटर जनरल को दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए उप राज्यपाल की तरफ से नियुक्ति नहीं की जा सकती है. राहुल मेहरा ने कहा, मैं केवल इतना कह रहा हूं कि इन शपथ पत्रों को मेरे कार्यालय में भेजा जाना चाहिए. सभी आधिकारिक पत्रों को मेरे कार्यालय के माध्यम से भेजा जाना चाहिए. ऐसा न करके नियुक्ति का उल्लंघन किया जा रहा है. इसके बाद मनिंदर आचार्य ने कहा कि राहुल मेहरा थोड़े राजनेता हैं. इस पर मेहरा ने कहा कि मैं अदालत के अधिकारी के रूप में यहां हूं. मनिंदर आचार्य इस पर राजनीति कर रही हैं. इसके बाद अन्य वकीलों ने चिल्लाना शुरू कर दिया. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा मामले की सुनवाई 12 मार्च को करेगा. हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 12 मार्च तक का समय दिया है. केंद्र सरकार ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से वक्त मांगा था. सुप्रीम कोर्ट के जल्द सुनवाई के आग्रह पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई की. पहले इन याचिकाओं पर अप्रैल में सुनवाई होनी थी, लेकिन अब अगले हफ्ते सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख तय की है. इन याचिकाओं में नेताओं की हेट स्पीच में एफआईआर दर्ज करने की मांग और दंगा पीड़ितों को सरकारी मदद मुहैया कराने की मांग संबंधी याचिकाएं शामिल हैं.

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