असम: हिंसा करने वालों के खिलाफ होगी सख्‍त कार्रवाई, सोनोवाल ने दी चेतावनी

गुवाहाटी असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि हिंसा और आगजनी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। सोनोवाल ने यह भी कहा कि राज्य के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए वह कृतसंकल्प हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को समझाएं कि वे ऐसे किसी भी आंदोलन में शामिल न हों जो हिंसक रूप ले सकता है। उन्होंने मीडिया से कहा, ‘हम हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे। तोड़फोड़ में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ मुख्‍यमंत्री नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 के खिलाफ राज्य में दो दिन से जारी हिंसा के संबंध में बोल रहे थे। विधेयक बन चुका है कानून लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने और राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब यह विधेयक कानून का स्वरूप ले चुका है। असम के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया, सड़कों पर टायर जलाए और वाहनों पर पत्थर फेंके तथा तोड़फोड़ की। दो रेलवे स्टेशनों पर आगजनी की और कई विधायकों के घरों पर हमला किया गया। सोनोवाल के निजी आवास पर भी भीड़ ने हमला किया। 'मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित रहेंगे' सोनोवाल ने कहा, ‘मैं यहां के मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं और आश्वासन देना चाहता हूं कि मूल निवासियों के हितों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को अहिंसक लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कोई ऐतराज नहीं है लेकिन जो लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं, प्रदर्शनों का फायदा उठा रहे हैं, उनसे सख्ती से निपटा जाएगा। असम समझौते के तहत होगी अधिकारों की रक्षा' सोनोवाल का कहना था, ‘कुछ लोग गलत जानकारी फैलाकर लोगों को भ्रमित करना चाहते हैं और हालात को बिगाड़ना चाहते हैं। मैं सभी से अपील करता हूं कि ऐसा कुछ न करें जिससे शांति भंग होती हो।’ सोनोवाल ने राज्य के लोगों से कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून के बारे में चिंता न करें क्योंकि उनकी परंपरागत संस्कृति, भाषा, राजनीतिक और भाषायी अधिकारों की रक्षा असम समझौते के उपनियम छह को लागू करने से होगी।

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