हरियाणा में बीजेपी के 'कैद' में थे हमारे व‍िधायक, मुंबई लौटे: एनसीपी

है मुंबई महाराष्‍ट्र में जारी सियासी ड्रामे के बीच सोमवार को एनसीपी के 4 और विधायक शरद पवार खेमे में वापस आ गए। एनसीपी ने दावा किया है कि ये विधायक हरियाणा के गुरुग्राम में एक होटल के अंदर बीजेपी के 'कैद' में थे। इन‍ विधायकों को वापस लाने का श्रेय सोनिया दुहण और पार्टी के यूथ विंग के नेता धीरज शर्मा को दिया जा रहा है। आइए जानते हैं कि सोनिया दुहण की जुबानी, किस तरह उन्होंने विधायकों को वहां से निकाला। सोनिया दुहण एनसीपी के छात्र विंग नैशनलिस्‍ट स्‍टूडेंट कांग्रेस की अध्‍यक्ष हैं। एनसीपी नेता सोनिया ने बताया, 'गुरुग्राम के ओबरॉय होटल में इन विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया था। उन्‍हें किसी से बात नहीं करने दी जा रही थी। सीएम मनोहर लाल खट्टर के निजी सचिव और गुड़गांव के बीजेपी के जिला अध्‍यक्ष इन विधायकों की देखरेख कर रहे थे। इन तीन विधायकों पर नजर रखने के लिए 150 बीजेपी कार्यकर्ता लगाए गए थे।' 'विधायकों ने शरद पवार से संपर्क किया' उन्‍होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, 'हरियाणा के हमारे कुछ लोगों ने बताया कि इन विधायकों ने उनसे संपर्क किया और बताया कि वह शरद पवार के साथ हैं। उन्‍हें होटल में जबरन रखा गया है। उन्‍होंने शरद पवार और सुप्रिया सुले से संपर्क किया। इसके बाद हमने इन एनसीपी के विधायकों को छुड़ाने का प्लान बनाया। मैंने और यूथ टीम के धीरज शर्मा के साथ मिलकर रणनीति बनाई।' दुहण ने बताया कि बीजेपी के लोगों ने इन विधायकों पर नजर रखी हुई थी। उन्‍हें जहां भी ले जाया जाता था, बीजेपी के कार्यकर्ता उनके साथ रहते थे। हम होटल के पीछे के दरवाजे से रात को 10 बजे चारों विधायकों को लेकर निकले। बीजेपी के 100 से लेकर 200 लोग सादे ड्रेस में होटल में तैनात थे। इसी वजह से हम रात को पीछे के दरवाजे से निकले।' इन विधायकों को दिल्‍ली लाया गया और बाद में मुंबई पहुंचा दिया गया। शिवसेना ने बीजेपी पर बोला हमला सोनिया और राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के अध्यक्ष धीरज शर्मा की टीम ने जिन एनसीपी विधायकों को होटल से निकालने का दावा क‍िया है, उनमें नरहरि जिरावल, अनिल पाटिल, विनायक दरोदा और विनायक दौलत शामिल हैं। इसी बीच शिवसेना ने विधायकों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना प्रवक्‍ता संजय राउत ने कहा, 'गुरुग्राम के एक होटल में एनसीपी के 3 विधायकों को ठहराया गया था। होटल में गुंडो को बाहर सुरक्षा में लगाया गया था। दहशतगर्दी जैसे हालात थे। उन्हें शिवसेना और एनसीपी के लोगों ने मिलकर वहां से निकाला है।'

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