महाराष्ट्रः शरद पवार से मिले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, आदित्य भी मौजूद

मुंबई, 11 नवंबर 2019, महाराष्ट्र चुनाव परिणामों की घोषणा के 16 दिन बाद तक सरकार की तस्वीर साफ नहीं हो पाई. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना गठबंधन ने पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर लिया, लेकिन 50-50 फॉर्मूले पर शिवसेना अड़ गई और भाजपा ने बहुमत के अभाव में सरकार बनाने से इनकार कर दिया. राज्यपाल ने भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी शिवसेना से सरकार बनाने की संभावनाओं के संबंध में पूछा है. शिवसेना से सरकार बनाने के संबंध में पूछे जाने के बाद प्रदेश की सियासत एक बार फिर सरगर्म हो गई. सभी पार्टियों में बैठकों का दौर शुरू हो गया. नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक हुई, तो वहीं शरद पवार की एनसीपी की भी. भाजपा ने भी बैठक की, वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मिलने स्वयं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे जा पहुंचे. उद्धव और पवार की इस मुलाकात में सरकार गठन के साथ ही भावी सरकार के एजेंडे पर चर्चा होने का अनुमान है. एनसीपी पहले ही साफ कर चुकी है कि सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन शर्तों पर ही दिया जाएगा. ऐसे में संभावना है कि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात के दौरान उन शर्तों पर, कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर चर्चा हो. बैठक के दौरान शिवसेना और एनसीपी के बीच पुल का काम कर रहे संजय राउत और उद्धव ठाकरे के पुत्र और नवनिर्वाचित विधायक आदित्य ठाकरे भी मौजूद रहे. सुबह से थी हलचल प्रदेश में सरकार गठन को लेकर भाजपा- शिवसेना गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर चली खींचतान के बाद भाजपा ने साफ कर दिया था कि वह सरकार नहीं बनाएगी. इसके बाद राज्यपाल ने शिवसेना से सरकार गठन की संभावनाओं के संबंध में पूछा था. सक्रिय हुई शिवसेना ने संभावनाएं टटोलनी शुरू कर दीं. संजय राउत पार्टी अध्यक्ष के आवास पहुंचे. चंद घंटों बाद ही एनसीपी नेताओं ने भी बैठक की वहीं कांग्रेस कार्यकारिणी में भी बैठकों का दौर शुरू हो गया. खडगे ने सोनिया को सौंपा विधायकों का पत्र कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी मल्लिकार्जुन खडगे ने पार्टी विधायकों का पत्र सोनिया गांधी को सौंपा. कांग्रेस कार्यकारिणी की भी बैठक के बाद प्रदेश के छह नेताओं को इस पर चर्चा के लिए शाम चार बजे दिल्ली तलब किया गया है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि शाम 5 बजे तक महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर साफ हो जाएगी. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल रहे शिवसेना के अरविंद सावंत ने मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया. इससे यह साफ हो गया कि प्रदेश में 30 वर्षों से एक-दूसरे के सहयोगी की भूमिका निभाते आ रहे भाजपा और शिवसेना की राहें अब जुदा हो गई हैं.

Top News