अनिल अंबानी समूह को राहत, इस कंपनी को हुआ जबरदस्त मुनाफा

नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2019, मुश्किलों में चल रहे अनिल अंबानी के रिलायंस एडीए समूह के लिए एक राहत भरी खबर आई है. समूह की कंपनी रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट (RNAM) को जबरदस्त मुनाफा हुआ है. मार्च की तिमाही में इसके मुनाफे में 34 फीसदी की बढ़त हुई है. 31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही में RNAM का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 34.16 फीसदी बढ़कर 151.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को दी एक सूचना में कंपनी ने बताया कि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 112.61 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था. हालांकि, रिलायंस म्यूचुअल फंड की एसेट मैनेजमेंट कंपनी आरएनएएम ने कहा कि मार्च तिमाही में कंपनी की कुल आय एक साल पहले की इसी तिमाही के 440.19 करोड़ रुपये से घटकर 397.49 करोड़ रुपये रह गई. पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष के 455.74 करोड़ रुपये से बढ़कर इस बार 486.09 करोड़ रुपये हो गया. इसमें कहा गया है कि 31 मार्च, 2019 की स्थिति के अनुसार आरएनएएम के प्रबंधन के तहत कुल परिसंपत्तियां 4,22,149 करोड़ रुपये थी, जो साल-दर-साल सात फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है. आरएनएएम की देशभर में 300 विभिन्न स्थानों पर भौगोलिक उपस्थिति है. कंपनी के बोर्ड ने वर्ष 2018-19 के लिए प्रति इक्विटी शेयर पर तीन रुपये का अंतरिम लाभांश घोषित किया है और रिकॉर्ड तिथि 10 मई, 2019 तय की है. रिलायंस एडीए ग्रुप देश टेलीकॉम, पावर, वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में सक्रिय है. समूह की कंपनियां इस प्रकार हैं-रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस पावर, रिलायंस मुंबई मेट्रो, रिलायंस रोड्स, रिलायंस डिफेंस और रिलायंस एंटरटेनमेंट. रिलायंस निप्पॉन लाइफ एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (RNAM) असल में रिलायंस म्यूचुअल फंड (RMF) की एसेट मैनेजर है. यह रिलायंस कैपिटल और जापानी कंपनी निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के बीच का साझा उद्यम है. रिलायंस कैपिटल देश की प्रमुख गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी है, जबकि निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी जापान की प्रमुख निजी बीमा कंपनी है. पिछले वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के ऊपर कुल कर्ज बोझ 1,03,158 करोड़ रुपये का था और इस पर ब्याज देनदारी भी करीब 10 हजार करोड़ रुपये के पास थी. हालांकि, समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है. इस वित्त वर्ष के कर्ज का अभी समूह का आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है, लेकिन कुछ अनुमानों के मुताबिक सितंबर, 2018 तक अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) का कर्ज बढ़कर करीब 1.72 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. समूह ने अपने एसेट की बिक्री कर करीब 60 फीसदी कर्ज चुका देने की योजना बनाई है. योजना के मुताबिक एसेट बिक्री से समूह का कुल कर्ज घटकर 48,645 करोड़ रुपये रह जाएगा.

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