taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए कोर्ट से मांगा समय, स्‍वास्‍थ्‍य कारणों का दिया हवाला

चंडीगढ़:नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu) ने स्‍वास्‍थ्‍य कारणों की वजह से सरेंडर करने के लिए कोर्ट से समय मांगा है। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से कुछ सप्‍ताह का वक्‍त मांगा है। रोडे रेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्‍हें एक साल जेल की सुनाई थी। पटियाला कोर्ट में सिद्धू आज सरेंडर करने वाले थे। सुप्रीम कोर्ट के ऐलान के बाद गुरुवार देर रात नवजोत सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू अमृतसर से पटियाला पहुंचीं। 1998 के रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है। सुप्रीम कोर्ट में यह केस पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले खुला था। पीड़ितों ने मई 2018 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी, जिसे अदालत ने मान लिया था। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। क्या है मामला? सिद्धू और उनके सहयोगी रूपिंदर सिंह संधू 27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में शेरांवाला गेट क्रॉसिंग के पास एक सड़क के बीच में खड़ी एक जिप्सी में थे। उस समय गुरनाम सिंह और दो अन्य लोग पैसे निकालने के लिए बैंक जा रहे थे। जब वे चौराहे पर पहुंचे तो मारुति कार चला रहे गुरनाम सिंह ने जिप्सी को सड़क के बीच में पाया और सिद्धू और संधू को इसे हटाने के लिए कहा। इससे दोनों पक्षों में बहस हो गई और बात हाथापाई तक पहुंच गई। गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। सितंबर 1999 में निचली अदालत ने सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने फैसले को उलट दिया और दिसंबर 2006 में सिद्धू और संधू को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया। उन्हें तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

Top News