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पंजाब में कैप्टन के इस्तीफे के बाद अब निगाहें राजस्थान व छत्तीसगढ़ पर, गहलोत और बघेल की बढ़ेगी टेंशन

नई दिल्ली,पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही अब सबकी निगाहें राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर टिक गई है, जहां कांग्रेस की सरकार है। पंजाब की तरह इन दोनों राज्यों में भी सियासी खींचतान जारी है। राजस्थान में कांग्रेस नेता सचिन पायलट चाहते हैं कि उन्हें राज्य में शीर्ष पद दिया जाए और छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव चाहते हैं कि रोटेशनल मुख्यमंत्री 2.5-2.5 साल मुख्यमंत्री के फार्मूले का सम्मान किया जाए। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट खेमे को समायोजित करने के आलाकमान के फैसले से बचते रहे हैं और पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने अपनी ताकत दिखाने के लिए 50 से अधिक विधायकों को दिल्ली में लामबंद किया। कांग्रेस नेतृत्व दोनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों द्वारा कांग्रेस नेतृत्व के फैसलों की अवहेलना करने से नाराज है। पंजाब में कैप्टन के इस्तीफे के साथ कांग्रेस ने इन दो मुख्यमंत्रियों को भी कड़ा संदेश दिया है। राजस्थान के कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल के लिए रोडमैप तैयार है।अगर अशोक गहलोत बीमार नहीं पड़ते तो हम कैबिनेट विस्तार करते और बोर्ड निगमों और जिला अध्यक्षों में नियुक्ति के लिए रोडमैप तैयार है। उन्होंने यह बात गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में कही। कांग्रेस नेता ने कहा कि गहलोत अभी भी अस्वस्थ हैं और घर से अपना काम कर रहे हैं और जैसे ही वह ठीक होंगे कैबिनेट विस्तार और संगठनात्मक फेरबदल किया जाएगा। सचिन पायलट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर हम सभी मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अगर एआइसीसी के स्तर पर कुछ दिया जाता है तो यह मेरे दायरे से बाहर है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव के समर्थक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सत्ता में ढाई साल पूरे होने के बाद से मुख्यमंत्री बदलने पर जोर दे रहे हैं। रोटेशनल मुख्यमंत्री के मुद्दे पर अभी भी रहस्य बना हुआ है, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व की ओर से कोई इसपर कोई स्पष्टता नहीं है। रोटेशनल मुख्यमंत्री के फार्मूले पर जोर दे रहे सिंहदेव ने कहा है कि सब कुछ पार्टी नेतृत्व के दायरे में है और जो भी निर्णय लिया जाएगा वह स्वीकार होगा।

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