लंबी बीमारी के बाद पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी नेता अरुण जेटली का निधन

नई दिल्ली देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के एम्स में दोपहर 12.07 बजे अंतिम सांस ली है। वह 66 वर्ष के थे। जेटली 9 अगस्त से ही एम्स में भर्ती थे। उन्हें दो सप्ताह पहले सांस लेने में तकलीफ होने के कारण एम्स में भर्ती किया गया था। जेटली के निधन की खबर सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हैदराबाद दौरे को खत्म कर दिया है। जेटली का निधन ऐसे वक्त में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर अभी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। पीएम ने की जेटली के परिवार से बात प्रधानमंत्री ने यूएई से ही जेटली की पत्नी संगीता और बेटे रोहन से बात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व के शानदार पहलुओं का जिक्र किया। पीएम ने ट्वीट कर कहा, 'जेटली एक करिश्माई व्यक्ति थे जिनका समाज के सभी वर्गों में बहुत सम्मान था। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी।' गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी का अरुण जेटली के साथ लंबे समय से बेहद करीबी रिश्ता रहा था। जेटली ने मोदी को बीजेपी के पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का न केवल समर्थन किया, बल्कि सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े रहे। हालांकि, स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कोई पद नहीं लेने की इच्छा से पीएम को अवगत कराया था। जेटली के परिवार के आग्रह पर पीएम के विदेश दौरे में बदलाव नहीं वकील से राजनेता तक का शानदार सफर दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय संभालने वाले जेटली स्वास्थ्य कारणों से मोदी-2 सरकार में शामिल नहीं हुए थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बेहतरीन वकीलों के तौर पर होती रही। 80 के दशक में ही जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश के कई हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण केस लड़े। 1990 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर वकील का दर्जा दिया। वी.पी. सिंह की सरकार में उन्हें अडिशनल सॉलिसिटर जनरल का पद मिला था।

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