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कश्मीर मध्यस्थता पर संसद में हंगामा, विदेश मंत्री बोले- 'PM ने नहीं किया आग्रह, भारत-पाक ही करेंगे समाधान'

नई दिल्ली कश्मीर मध्यस्थता संबंधी डॉनल्ड ट्रंप के बयान पर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बयान जारी कर अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों को खारिज किया। विदेश मंत्री ने कहा कि शिमला समझौते और लाहौर संधि के आधार पर ही आगे बढ़ेंगे। कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और दोनों देश ही मिलकर इसे सुलझाएंगे। प्रधानमंत्री की तरफ से नहीं किया गया कभी मध्यस्थता का आग्रह' विपक्षी सांसदों के हंगामे के बीच विदेश मंत्री ने धैर्यपूर्वक अपना बयान पढ़ा। संक्षिप्त बयान में विदेश मंत्री ने कहा, 'पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वार्ता के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता का दावा किया। मैं सदन को स्पष्ट तौर पर विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारतीय प्रधानमंत्री की तरफ से कश्मीर मध्यस्थता की कोई अपील नहीं की गई। मैं फिर से इसे दोहराता हूं कि पीएम मोदी ने कभी ऐसी कोई बात नहीं की।' विदेश मंत्री बोले, शिमला समझौते और लाहौर संधि पर कायम कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए भारत सरकार के स्टैंड को विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया। एस. जयशंकर ने कहा, 'हम अपने पूर्व के स्टैंड पर कायम हैं। कश्मीर का मुद्दा द्विपक्षीय मुद्दा है और इससे जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान भारत-पाकिस्तान मिलकर ही करेंगे। हम शिमला, लाहौर समझौते के आधार पर ही आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कश्मीर मुद्दे का हल द्विपक्षीय ही हो सकता है और हम शांतिपूर्ण तरीकों से इसका समाधान निकालेंगे।' आतंक पर कार्रवाई के बिना पाक से वार्त नहीं होगी' विदेश मंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि आतंकवाद के खत्म होने के बाद ही दोनों देशों के बीच वार्ता हो सकती है। उन्होंने कहा, 'जोर देकर कहना चाहता हूं कि सीमापार से होनेवाले आतंकवाद को खत्म किए बिना पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता संभव नहीं है।' जयशंकर जब बयान दे रहे थे उस वक्त बीजेपी सदस्यों ने मेज थपथपाई, लेकिन विपक्षी सांसद हंगामा करते रहे। विपक्षी सांसदों के हंगामे पर सभापति वैंकया नायडू नाराज भी हुए और सदन को स्थगित कर दिया। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में दिया जवाब

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