लोकसभा चुनाव: पूर्वी उत्तर प्रदेश में गठबंधन की 'अग्निपरीक्षा'

आजमगढ़/फूलपुर उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 53 पर वोटिंग हो चुकी है और रविवार को हो रहे छठे चरण में प्रदेश की 14 सीटों पर मतदान जारी है, जिसमें से 13 पर 2014 के चुनाव में बीजेपी ने झंडा लहराया था। एकमात्र सीट आजमगढ़ की थी, जो समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के कब्जे में आई थी। इस बार आजमगढ़ की सीट से मुलायम की विरासत को बचाने के लिए उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव मैदान में उतरे हैं। आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी- बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर अखिलेश चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने बीजेपी के प्रत्याशी और भोजपुरी फिल्मों के ऐक्टर दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ताल ठोक रहे हैं। अखिलेश पूर्वांचल के इस बेल्ट में अपनी पोजिशन मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं। कांग्रेस ने इस सीट से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। वहीं फूलपुर सीट पर भी भारतीय जनता पार्टी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। उपचुनाव में यह सीट गंवाने के बाद इस बार बीजेपी ने कुर्मी बहुल इस सीट पर केशरी देवी पटेल पर दांव खेला है। कांग्रेस ने भी यहां पर पंकज पटेल को टिकट देकर कुर्मी कार्ड खेला है। वहीं बीएसपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी ने पंधारी यादव को मैदान में उतारा है। बात अगर संतकबीरनगर लोकसभा सीट की करें तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। सांसद और विधायक के बीच मारपीट की घटना से सुर्खियों में आई इस सीट पर बीजेपी ने शरद त्रिपाठी का टिकट काटकर प्रवीण निषाद को कैंडिडेट बनाया है। निषाद पार्टी के संस्थापक संजय निषाद के बेटे प्रवीण ने गोरखपुर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इस बार वह पाला बदलकर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला गठबंधन की तरफ से बीएसपी के प्रत्याशी भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी तथा कांग्रेस के भालचंद्र यादव से है।

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