कांग्रेस पार्टी में सांगठनिक बदलाव की तैयारी, 'नया खून बनाम पुराने दिग्गज' पर चर्चा गर्म
नई दिल्ली
कांग्रेस पार्टी अगले कुछ महीनों में सांगठिनक बदलावों को अंजाम देने की तैयारी में जुटी है। पार्टी के अंदरखाने इस बात को लेकर घोर उहापोह की स्थिति है कि क्या इस बार के फेरबदल का प्रमुख पहलू पीढ़ीगत बदलाव होने जा रहा है? अगर ऐसा होता है तो सोनिया गांधी की नजर के नीचे सेंट्रल पार्टी यूनिट के पदाधिकारी पहली बार बदले जाएंगे। सोनिया ने अपने बेटे राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष पद सौंपने के दो साल बाद हाल ही में 'अंतरिम अध्यक्ष' पद का जिम्मा संभाला है। राहुल ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की बुरी हार की जिम्मेदारी लेकर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी के अंदर गहरी पकड़ रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि फेरबदल की चर्चा हो रही है और जल्द ही निर्णय लिया जा सकता है। एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा, 'फेरबदल बड़ा हो सकता है, लेकिन बहुत बड़ा होने की संभावना नहीं है। फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ है।'
अटकलों का दौर
कांग्रेस नेताओं के कानों तक जैसे-जैसे फेरबदल की बात पहुंच रही है, वैसे-वैसे इसके पैमाने को लेकर अटकलें तेज हो रही हैं। चूंकि संगठन में बदलाव लगातार दो लोकसभा चुनावों में जबर्दस्त हार और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद होने वाले हैं, इसलिए कई नेताओं को लग रहा है कि इस बार बड़े पैमाने पर उठा-पटक होगी।
नई पीढ़ी vs पुराने दिग्गज
कांग्रेस में 'नई पीढ़ी बनाम पुराने दिग्गज' की बहस राहुल गांधी के अध्यक्ष पद संभालने के बाद से ही चल रही है। अब यह चर्चा फिर से जोर पकड़ रही है कि क्या ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) और राज्यों के संगठनों में नए खून को महत्व दिया जाएगा? राहुल गांधी ने तमाम मिन्नतों के बाद भी अध्यक्ष पद पर बने रहने से इनकार कर दिया तो सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष का पद स्वीकार करना पड़ा। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि कांग्रेस को फुलटाइम प्रेजिडेंट कब मिलेगा?
घटेगा अध्यक्ष पद का कार्यकाल?
इस बात की भी जबर्दस्त चर्चा है कि एआईसीसी संगठन का कार्यकाल छोटा करने के उस फैसले पर भी विचार कर सकती है जो कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीडब्ल्यूसी) ने 2018 में लिया था। ऐसा हुआ तो पार्टी प्रमुख का कार्यकाल पांच साल से घटकर तीन साल का रह जाएगा। हालांकि, सीडब्ल्यूसी का वह फैसला कागजों तक ही सीमित है और इसे कभी लागू नहीं किया जा सका।
अध्यक्ष पद पर राहुल की वापसी की अटकलें
वैसे तो माना जा रहा है कि सोनिया गांधी अगले वर्ष दिल्ली एवं कुछ राज्यों की विधानसभा चुनावों तक पार्टी के शीर्ष पद पर बनी रहेंगी, लेकिन उसके बाद नए अध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाएगा। संकेत यह भी हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद पर वापसी कर सकते हैं। गांधी परिवार तो इस पर कुछ भी बोलने से बच रहा है, लेकिन पार्टी के प्रभावी नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर इसकी मांग करनी शुरू कर दी है। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा, 'हमारे कार्यकर्ताओं का जबर्दस्त दबाव है कि राहुल वापसी करें। इस मुद्दे पर सब एकमत हैं।'
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