यूपी में इस बार BJP की सीटें बढ़ेंगी, हम अमेठी-आजमगढ़ भी जीत रहे: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में इस बार 74 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया। महागठबंधन की संभावनाओं को नकारते हुए उन्होंने कहा कि इस साल मोदी लहर पिछली बार से भी अधिक तेज है। इकनॉमिक टाइम्स के अमन शर्मा के साथ बातचीत में यूपी के सीएम ने इन चुनावों में अमेठी और आजमगढ़ सीट जीतने का भी दावा किया। आचार संहिता उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग के बैन पर यूपी के सीएम ने कहा कि कोई मुझे मंदिर जाने से नहीं रोक सकता, मैं प्रचार नहीं कर रहा होत हूं उस वक्त भी मंदिर जाता हूं। पांचवें फेज के साथ 53 लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में बीजेपी अकेले ही 74 से अधिक सीटें जीत रही है। अभी तक जिन 53 सीटों पर चुनाव हुए हैं उनमें से 47-50 सीटें हम जीत रहे हैं। इस बार हम अमेठी और आजमगढ़ से भी चुनाव जीत रहे हैं। अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति उम्मीदवार हैं और आजमगढ़ से यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के खिलाफ भोजपुरी स्टार निरहुआ उम्मीदवार हैं। क्या इसका मतलब यह है कि 2014 में जो मोदी लहर थी वह अभी तक बरकरार है? मोदी लहर पिछली बार से ज्यादा तेज है इस बार। 2014 में मोदी लहर के नाम पर लोगों के दिमाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर थी और गुजरात में किए उनके अच्छे काम थे। उस वक्त के हालात क्या थे? उत्तर प्रदेश में लोगों को 2 घंटे बिजली तक नहीं मिलती थी। अभी पूरे भारत में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास कार्य हुए हैं। आप पूरे उत्तर प्रदेश में देख लीजिए न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार के खिलाफ कोई ऐंटी इनकम्बेंसी का माहौल है। राहुल गांधी और मायावती का नाम भी विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के लिए चल रहा है... ये दोनों लोग प्रधानमंत्री बनने की रेस में कहीं नहीं हैं। लोगों को पता है कि पीएम मोदी अपने लिए कुछ नहीं करते हैं । वह जो कुछ भी करते हैं देश के लिए ही करते हैं। एसपी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस बार ज्यादा प्रचार नहीं कर रहे हैं? मुलायम सिंह यादव इस गठबंधन का समर्थन कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा है कि कभी वह टिकट बांटा करते थे और अब उन्हें अपने लिए टिकट मांगना पड़ रहा है। एक दफा उत्तर प्रदेश से उनकी पार्टी ने 37 सीटें जीती थीं और इस बार उनकी अपनी ही पार्टी 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 1993 में जब एसपी-बीएसपी गठबंधन ने चुनाव लड़ा था तो एसपी ने दो तिहाई सीटों पर और बीएसपी ने एक तिहाई सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार बीएसपी 38 और एसपी 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एसपी के संस्थापक यह सब कैसे स्वीकार कर सकते हैं? इस बार नया फैक्टर प्रियंका गांधी है... उन्होंने 2014 और 2017 में भी यहां चुनाव प्रचार किया था। दोनों ही बार वह फेल हो गईं और इस बार भी वह और बुरी तरह से फेल होनेवाली हैं। पहले उन्होंने ऐसा दावा किया था कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन बाद में पीछे हट गईं। सिर्फ यही बात नहीं है, मुझे बहुत अधिक पीड़ा हुई यह देखकर कि प्रियंका वाड्रा जिनके खुद के बच्चे हैं, वह दूसरे बच्चों को अपनी फ्रस्टेशन में अपशब्द बोलना सिखा रही हैं। प्रियंका गांधी ने कहा है कि कांग्रेस जिन सीटों पर नहीं जीत रही है वहां बीजेपी के लिए मुश्किल खड़े करेगी? एक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का यह कहना कि बीजेपी के वोट काटने के लिए पार्टी चुनाव लड़ रही है, उनकी अपनी पार्टी के लिए ही बहुत शर्मनाक है। चुनाव आयोग आपको आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में एक के बाद दूसरा नोटिस भेज रहा है? हमने हर नोटिस का जवाब दिया है। लेकिन आयोग ने आपको 3 दिन के लिए चुनाव प्रचार से भी रोका था? क्या आप मुझे मंदिर जाने से रोक पाए? मैं अभी भी मंदिर जाता हूं। मैं वह सारे काम कर रहा हूं जो मुझे करने चाहिए। मेरी आस्था को कोई कैसे रोक सकता है। कोई भी इसे नहीं रोक सकता। यह मेरा संवैधानिक अधिकार है। उत्तर प्रदेश में इस तरह की भी भावना कुछ लोगों के बीच है कि अल्पसंख्यक समुदाय के मन में योगी को लेकर संशय है? पिछले 2 साल में प्रदेश में कोई दंगा नहीं हुआ है। सभी त्योहार होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस शांतिपूर्ण तरीके से मनाए गए हैं। सबसे बड़ा आयोजन कुंभ का था जो अच्छी तरह से निपट गया। बीजेपी को इस बार इतना भरोसा क्यों है कि अमेठी और आजमगढ़ में भी उनकी जीत होनेवाली है? बीजेपी की सरकार ने वहां लोगों को विकास के साथ एक नई पहचान दी है। एसपी के शासनकाल में आजमगढ़ की ऐसी पहचान बनाई गई थी कि वहां के लड़कों को किराए पर कोई कमरा भी नहीं देता था, जॉब तो भूल जाइए। हमने आजमगढ़ को लेकर लोगों की राय बदली है। पिछले 4 दशक से अमेठी पर एक ही परिवार का कब्जा है, लेकिन वहां कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। स्मृति इरानी की अमेठी में सक्रियता लगातार बनी हुई है। पिछले 5 साल में स्मृति जितनी बार अमेठी गई हैं राहुल गांधी 15 साल में नहीं गए। अमेठी में उन्होंने कई विकासकारी योजनाएं शुरू की हैं।

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