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मसूद पर बैन में भी जीत देख रहा था पाक, US ने दिखाया आईना

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने में भी अपनी कूटनीतिक जीत देख रहे पाकिस्तान को यूएस ने आईना दिखा दिया है. यूएस ने कहा है कि मसूद अजहर पर बैन लगना 'पाकिस्तान से आतंकवाद उखाड़ फेंकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता' का एक उदाहरण है. संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को बैन करने के प्रयासों की अगुवाई करने के बाद यूएस इसके क्रियान्वयन के लिए भी पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है. बैन के बाद आतंकी मसूद अजहर की यात्रा पर रोक और उसकी संपत्ति जब्त करने समेत तमाम कदम शामिल हैं. मसूद अजहर के वैश्विक आतंकी करार दिए जाने के बाद यूएस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता गैरेट मार्किस ने अपने पहले आधिकारिक बयान में कहा, "अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करना दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान से आतंकवाद खत्म करने और दक्षिण एशिया की स्थिरता-सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है." मार्किस ने मसूद अजहर को सीधे तौर पर 14 फरवरी के पुलवामा हमले से भी जोड़ा. शायद यह पाकिस्तान को साफ इशारा था जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर पर जारी आधिकारिक बयान में पुलवामा हमले, कश्मीर या पाकिस्तान का जिक्र ना होने पर इसे अपनी कूटनीतिक जीत बता रहा था. उन्होंने कहा, 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएस, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 कमिटी की सराहना करता है. सूत्रों का कहना है कि पुलवामा, कश्मीर या पाकिस्तान को आधिकारिक बयान से हटा दिया गया था ताकि यूएन की 1267 कमिटी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए चीन को राजी कर सके. हालांकि, इसकी पुष्टि अब तक किसी पक्ष ने नहीं की है क्योंकि 1267 कमिटी की कार्यवाही बहुत ही गोपनीय होती है. चीन अपने दोस्त पाकिस्तान को खुश करने के लिए मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से लंबे समय से बचाता रहा है. रिपोर्टर्स के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल पर एक वरिष्ठ यूएस प्रशासनिक अधिकारी ने चीन के मसूद अजहर का बचाव करने और अपने घर में बढ़ रहे आतंकवाद-चरमपंथ में साफ तौर पर विरोधाभास का भी जिक्र किया. यूएस अधिकारी ने कहा, "मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी का दर्जा देने पर अपना अड़ंगा हटाकर चीन ने पिछले 10 सालों में पहली बार कोई सही काम किया है. मुझे लगता है कि आखिरकार चीन को यह समझ में आ गया कि आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी कथनी और करनी में समानता दिखाना जरूरी है." जब अधिकारी से यह सवाल पूछा गया कि क्या चीन से समर्थन लेने के लिए पुलवामा और पाकिस्तान जैसे शब्दों को छोड़ दिया गया? अमेरिकी अधिकारी ने इसके जवाब में कहा, "मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करवाना एक ऐसी जीत है जिसका हमें आज जश्न मनाना चाहिए, ना कि इस चक्कर में पड़ना चाहिए कि कूटनीतिज्ञों के बीच क्या समझौता हुआ... शब्दों के जाल पर ध्यान ना देते हुए यह देखना चाहिए कि आखिरकार मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में सफलता मिली. कौन से शब्द इस्तेमाल किए गए और कौन से नहीं, इससे वैश्विक आतंकी का दर्जा छोटा नहीं हो जाता." अजहर पर यूएस की इस टिप्पणी से पाकिस्तान और चीन दोनों ही झल्लाहट महसूस कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मंच से यूएस का यह बयान पाकिस्तान की मजूद पर झूठी खुशी खत्म करने के लिए काफी है. इसे 'पहला अच्छा कदम' बताते हुए यूएस ने यह भी उम्मीद जाहिर की कि अब इस मौके का इस्तेमाल करते हुए इमरान खान आतंकवाद खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता निभाने के लिए काम करेंगे.

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