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PM मोदी के खिलाफ लड़ रहे सपा प्रत्याशी तेज बहादुर की उम्मीदवारी पर संकट!

वाराणसी , 30 अप्रैल 2019, वाराणसी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है. बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने पहले निर्दलीय फिर सपा के चुनाव चिन्ह पर नामांकन किया था. इसमें एक में बताया था कि उन्हें भ्रष्टाचार के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था लेकिन दूसरे नामांकन में उन्होंने इसकी जानकारी नहीं दी थी. मंगलवार को पर्चों की जांच के बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई तक जवाब देने का समय दिया है. चुनाव आयोग का कहना है कि अगर तेज बहादुर यादव प्रमाण नहीं देते हैं तो उनका नामांकन खारिज कर दिया जाएगा. आयोग की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक, तेज बहादुर ने 24 अप्रैल को निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था. उस समय उन्होंने अपने शपथ पत्र में बताया था कि 'हां' उन्हें भ्रष्टाचार के कारण नौकरी से बर्खास्त किया गया था, लेकिन 29 अप्रैल को दूसरी बार नामांकन करते समय तेज बहादुर ने इसी कॉलम में 'नहीं' लिखा है, जिसका अर्थ ये है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से नौकरी से नहीं निकला गया है. दोनों शपथ पत्रों का संज्ञान लेते हुए जिला निर्वाचन कार्यालय ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए नौकरी से निकाले जाने संबंधित प्रमाण पत्र की मांग की है. यह प्रमाण पत्र तेज बहादुर को 1 मई शाम 5 बजे तक जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा करना होगा. बता दें कि 2017 में बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने जवानों को मिलने वाले भोजन की क्वालिटी को लेकर शिकायत की थी. इसके बाद वह चर्चा में आ गए थे. हालांकि उस विवाद के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. तभी से वह केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं. बीते दिनों ही तेज बहादुर यादव ने ऐलान किया था कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने तब कहा था कि मैंने भ्रष्टाचार का मामला उठाया, लेकिन मुझे बर्खास्त कर दिया गया. मेरा पहला उद्देश्य सुरक्षा बलों को मजबूत करना और भ्रष्टाचार खत्म करना होगा.

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