taaja khabar..CJI को वकीलों का पत्र, मोदी बोले-धमकाना कांग्रेस की संस्कृति:600 वकीलों ने चीफ जस्टिस से कहा- न्यायपालिका खतरे में है, दबाव से बचाना होगा ..अरविंद केजरीवाल की बढ़ी ED रिमांड, कोर्ट में सीएम ने खुद दी दलीलें..लोकसभा चुनाव लड़ेंगे फिल्म स्टार गोविंदा? एकनाथ शिंदे की शिवसेना में हुए शामिल..केजरीवाल को CM पद से हटाने वाली याचिका खारिज, जानें दिल्ली HC ने क्या कहा..प्रकाश आंबेडकर ने संजय राउत पर बोला हमला, बोले- 'आपने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया'..रक्षामंत्री बोले- सरकार अग्निवीर योजना में बदलाव को तैयार:सेना को युवाओं की जरूरत; कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया, कहा- ये यूथ से धोखा..

पैंगोंग में नई हरकत! ब्रिक्स समिट में जयशंकर ने चीन को खूब सुनाया, राष्ट्रपति जिनपिंग भी हुए शामिल

नई दिल्ली: ब्रिक्स समूह की डिजिटल बैठक थी। मेजबान चीन था। एक दिन खबर आई थी कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास चीन दूसरा पुल बना रहा है। इस माहौल में जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर को बोलने का मौका मिला तो उन्होंने संप्रभुता और अखंडता की बात करते हुए चीन को खूब सुनाया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर यूक्रेन संघर्ष का जिक्र किया लेकिन इशारों में चीन को आईना भी दिखाया। उन्होंने कहा, ‘ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान किया है। हमें उन प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना चाहिए।’ विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब एक तरफ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबा खिंच रहा है उधर, यूक्रेन के खिलाफ रूस का आक्रमण जारी है। जयशंकर ने कहा, ‘ब्रिक्स को आतंकवाद, विशेषकर सीमापार आतंकवाद को लेकर बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने वाला रुख दिखाना चाहिए।’ खास बात यह है कि इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल हुए। उन्होंने ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि इतिहास और वास्तविकता दोनों हमें बताते हैं कि दूसरों की कीमत पर अपनी सुरक्षा की तलाश करना केवल नए तनाव और जोखिम पैदा करेगा। अगले महीने होने वाले ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में विदेश मंत्रियों की बैठक वीडियो लिंक के माध्यम से आयोजित की गई थी। जयशंकर ने क्या कहा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव के कारण ऊर्जा, खाद्य एवं अन्य उत्पादों की लागत में तीव्र वृद्धि हुई और विकासशील देशों को ध्यान में रखते हुए इसे कम किया जाना चाहिए। चीन, रूस एवं दो अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में जयशंकर ने यह भी कहा कि ब्रिक्स ने बार-बार संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता की बात की। BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) पांच बड़े विकासशील देशों का समूह है, जो 41 प्रतिशत वैश्विक आबादी, 24 प्रतिशत वैश्विक जीडीपी और 16 प्रतिशत वैश्विक कारोबार का प्रतिनिधित्व करता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ब्रिक्स को एक 'सकारात्मक, प्रेरक और रचनात्मक पावर' करार दिया। उन्होंने कहा कि इस समूह को ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को स्थिर बनाने में मदद करनी चाहिए जब दुनिया अशांति से जूझ रही है। उन्होंने सभी देशों में साझा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये अपनी वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) को भी आगे बढ़ाया। शी ने कहा कि आज प्रमुख बदलावों और महामारी के प्रभाव को जोड़ा जा रहा है, और अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अस्थिरता, अनिश्चितता और असुरक्षा के कारक बढ़ रहे हैं। शी ने कहा, 'इसके बावजूद, शांति और विकास महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है...।' पैंगोंग में चीन का नया पुल, भारत की दो टूक विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह क्षेत्र दशकों से उस देश (चीन) के कब्जे में है और भारत ऐसे घटनाक्रम पर नज़र रखता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विदेश मंत्री जयशंकर की मार्च में की गई टिप्पणी का जिक्र किया जिसमें केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि अप्रैल 2020 से चीन की तैनाती के बाद से पैदा ‘तनाव और संघर्ष’ सामान्य संबंधों के माध्यम से दूर नहीं हो सकता है। बागची ने कहा कि अभी यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्षेत्र में दूसरे पुल का निर्माण किया जा रहा है या फिर पहले पुल में ही विस्तार किया जा रहा है। जनवरी में जब चीन द्वारा पैंगोंग सो क्षेत्र में पहले पुल के निर्माण की खबर आई थी तो विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह क्षेत्र पिछले 60 साल से चीन के अवैध कब्जे में है। उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों और सैन्य विशेषज्ञों के अनुसार, नया पुल दूसरे पुल के सामने बनाया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मार्च में उनकी दिल्ली यात्रा के दौरान इस सैन्य गतिरोध पर भारत के रुख से अवगत कराया था। बागची ने कहा कि भारत ने चीनी पक्ष के साथ राजनयिक एवं सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ता की है और आगे भी यह जारी रहेगा।

Top News