मानहानि केस में फंसे अरविंद केजरीवाल, 10 जुलाई को कोर्ट में होगी सुनवाई

नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दाखिल आपराधिक मानहानि केस में रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट अब 10 जुलाई को तय करेगा कि इस मामले में केजरीवाल को आरोपी के तौर पर समन जारी किया जाए या नहीं. अरविंद केजरीवाल ने सितंबर 2018 में बीजेपी के नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट किया था. जिसके खिलाफ वकील राजेश कुमार ने आपराधिक मानहानि की शिकायत कोर्ट में दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता राजेश कुमार ने आज (शनिवार) अदालत में अपना बयान दर्ज करा दिया है. बीजेपी के पूर्वांचल मोर्चा की लीगल सेल के संयोजक राजेश कुमार का केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी नेताओं के खिलाफ ‘आपत्तिजनक/मानहानि करने वाली’ पोस्‍ट्स को ट्वीट किया. यह शिकायत एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्‍ट्रेट समर विशाल के सामने की गई है. राजेश कुमार ने कोर्ट को बताया कि वह केजरीवाल द्वारा एक ट्वीट देखकर हैरान रह गए थे, जिसमें लिखा था कि बीजेपी नेता देशभर में घूमकर हिंदू लड़कियों का बलात्‍कार करते रहते हैं. राजेश कुमार ने कोर्ट में कहा है कि केजरीवाल ने 30 सितंबर 2018 को जो ट्वीट किया था उससे उन्‍हें बहुत दुख पहुंचा है. केजरीवाल ने लिखा था, “भाजपा के नेता पूरे देश में हिंदू लड़कियों का रेप करते घूमते हैं..” उन्‍होंने कहा कि वो उसी वक्‍त शिकायत दर्ज कराना चाहते थे लेकिन सोचा कि कोई उनके ट्वीट को गंभीरता से नहीं लेगा. शिकायतकर्ता ने कहा कि ट्वीट के आधार पर कई मौकों पर लोगों ने मुलाकात के वक्त उन्‍हें शर्मिंदा किया है. राजेश कुमार ने कोर्ट में लगाई अपनी याचिका में यहां तक कहा कि इस ट्वीट के बाद सोसाइटी की महिला ने भी ताना मार दिया. शिकायतकर्ता ने कहा है कि हनुमान जयंती के दिन, उनकी सोसाइटी में एक महिला ने यह जानकर कि वह बीजेपी नेता हैं, केजरीवाल के ट्वीट का हवाला देते हुए उनपर ताना मारा. राजेश कुमार ने कहा, सिस्‍टम में इतने ऊंचे पद पर बैठे कजरीवाल ने कई ऐसे गैर-जिम्‍मेदार और मानहानि करने वाले ट्वीट किए हैं जिससे शिकायतकर्ता को बार-बार शर्मिंदा होना पड़ा है. इस मामले में केजरीवाल पर मानहानि का मामला बनता है इसलिए कोर्ट में उन्होंने केजरीवाल पर मानहानि का केस किया है.

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