दिव्या स्पंदन ने डीऐक्टिवेट क‍िया अपना ट्विटर अकाउंट, कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज

नई दिल्ली कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रभारी दिव्या स्पंदन ने अपने ट्विटर अकाउंट को डीऐक्टिवेट कर दिया है। अकाउंट को डीऐक्टिवेट करने से पहले उन्‍होंने अपने सभी ट्वीट डिलीट कर दिए। उन्‍होंने सोशल मीडिया बायो में भी कांग्रेस सोशल मीडिया प्रभारी का परिचय भी हटा लिया था। अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि शायद दिव्या स्पंदन ने अपना पद छोड़ दिया है। कांग्रेस पार्टी या खुद दिव्या की तरफ से इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है। काफी समय से ऐसी खबरें चल रही हैं कि सोशल मीडिया प्रभारी के पद से दिव्या की छुट्टी हो गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, दिव्या ने इस सवाल के जवाब में सिर्फ यही कहा कि इस तरह की खबरें देनेवाले सूत्र गलत हैं। कांग्रेस की मीडिया विंग की तरफ से भी ऐसी कोई औपचारिक सूचना जारी नहीं की गई है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की फैन फॉलोइंग बढ़ने का श्रेय दिव्या को ही दिया जाता है। हालांकि, लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत पहले ही दिए जा चुके हैं। इससे पहले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कांग्रेस पार्टी छोड़कर शिवसेना का दामन थाम लिया था। चतुर्वेदी ने भी पहले अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस प्रवक्ता का परिचय हटाया था और फिर सार्वजनिक तौर पर फैसले का ऐलान किया। लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस ने सभी प्रवक्ताओं के टीवी डिबेट में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। यह रोक अगले 1 महीने के लिए है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि आनेवाले वक्त में पार्टी और संगठन के स्तर पर कई बड़े बदलाव हो सकते हैं। माना जाता है कि गुजरात में 'विकास पागल हो गया है' जुमले को वायरल करने का काम 34 वर्षीय दिव्य स्पंदन की अगुवाई वाली उनकी सोशल मीडिया टीम ने ही किया था। कांग्रेस ने आक्रामक होकर गुजरात में चुनाव प्रचार किया था। इसका कांग्रेस को गुजरात चुनाव प्रचार में काफी फायदा मिला था। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्‍होंने कई ऐसे ट्वीट किए थे जिससे काफी विवाद हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक ट्वीट करने पर दिव्या स्पंदना के खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया था। मां की कांग्रेस से नजदीकी के कारण दिव्य साल 2012 में कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। सौतेले पिता ने संभाला वह 2013 में कर्नाटक की मंड्या सीट पर हुए लोकसभा का उपचुनाव जीतकर सांसद बनी थीं। हालांकि साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हार गई थीं।इससे पहले युवा सांसद के तौर पर वह पाकिस्तान गई थीं और उनके इस बयान (पाकिस्तान अच्छा है, नर्क नहीं) को लेकर काफी विवाद भी हुआ था। दिव्य स्पंदन की मां सिंगल पैरंट रही हैं। वह ऊटी के बोर्डिंग स्कूल में पढ़ीं। जब तक दिव्य आठवीं में थीं, तब तक सौतेले पिता के साथ उनके घर में रहीं। उन्हीं ने दिव्य की पढ़ाई का खर्च उठाया। ग्रैजुएशन पूरा होते ही उन्हें फिल्मों के ऑफर आने लगे और वह फिल्मों में आ गईं।

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