भारत ने गलवान घाटी में वह पुल बना ही डाला जिसे रोकना चाहता था चीन

लद्दाख लद्दाख की गलवान घाटी में सैनिकों ने जान गंवाई। देश की रक्षा की खातिर शहीद हुए इन जवानों के साहस का परिणाम सामने आया है। भारत ने गलवान नदी (Galwan river) पर उस पुल का निर्माण पूरा कर लिया है, जिसे रोकने के लिए चीन लंबे समय से तमाम साजिशें कर रहा था। चीन के तमाम कायरतापूर्ण हमलों के बावजूद भारत की धमक गलवान घाटी में और मजबूत हो गई है। यह पुल रणनीतिक रूप से काफी अहम होगा क्योंकि अब सेना (Indian army) की गाड़ियां भी पुल के उस पार जा सकेंगी। लंबे समय से पुल बनाने में जुटे आर्मी के जवानों और इंजनियिर्स ने 60 मीटर लंबे इस पुल का काम पूरा कर लिया है। अब इसकी मदद से सेना की गाड़ियों पार हो सकेगीं। इस पुल के बन जाने से अब सेना की गाड़ियां दौलत बेग ओल्डी में बनी भारत की आखिरी पोस्ट तक आसानी से पहुंच सकेंगी। साथ ही डीबीओ रोड की सुरक्षा भी बढ़ाई जा सकेगी। भारत की बढ़ती ताकत से बौखलाया है चीन अभी इसी तरह के कई और पुल और सड़कों पर काम चल रहा है। लद्दाख क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत ही चीन की बौखलाहट की सबसे बड़ी वजह है। इन निर्माण कार्यों को रोकने के लिए चीन ने तमाम बाधाएं डालने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना के कदम कहीं नहीं रुके। इस पुल के बनने से गाड़ियां पार हो सकेंगी। अभी तक सिर्फ एक फुटओवर ब्रिज होने से पैदल सैनिक ही पुल के उस पार जा सकते थे। पुल बन जाने से गलवान घाटी में भारत की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी और चीन को करारा जवाब दिया जा सकेगा। यह पुल युद्ध की परिस्थिति में भी काफी कारगर हो सकता है। अभी तक समस्या यह थी कि गाड़ियों को पार कराने के लिए नदी के सूखने या पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता था।

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