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दिल्ली में बीजेपी विरोधी मतदाताओं के बीच आप-कांग्रेस को लेकर असमंजस

नई दिल्ली नरेंद्र चौहान नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के बदरपुर इलाके में रहते हैं। चौहान 2 बातों पर पूरी तरह से सहमत हैं एक उनके इलाके में विकास का कोई काम नहीं हुआ है और दूसरी की वह इन चुनावों मे पीएम मोदी के लिए वोट करेंगे। उनका कहना है कि कोई विकल्प नहीं है इसलिए वह मोदीजी के लिए वोट करेंगे। दिल्ली में आज मतदान हो रहे हैं और मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच ही है। हालांकि दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता हैं जो बीजेपी को वोट नहीं करना चाहते, लेकिन कांग्रेस और आप में किसे वोट करें को लेकर असमंजस में हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने ऐसे कई मतदाताओं से भी बात की जो बीजेपी को वोट नहीं करना चाहते। ऐसे बहुत से लोगों का कहना है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन बेहतर विकल्प होता। जो लोग गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं उन्हें आशंका है कि वोट बंटने की स्थिति में बीजेपी को फायदा हो सकता है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का वोट बैंक कमोबेश एक जैसा ही है। कच्ची बस्तियों में रहनेवाले मतदाता, व्यापारी और अल्पसंख्यक। पिछले 4 साल में आम आदमी पार्टी ने सरकारी स्कूलों को बेहतर करने की दिशा में काम किए हैं। मोहल्ला क्लिनिक, बिजली-पानी का बिल कम करने और नई सीवरेज लाइन नीति के कारण आप और कांग्रेस समर्थकों के बीच और दुविधा की स्थिति है। गोविंदपुरी में रहनेवाले नशीम रज़ा भी दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को आदर्श स्थिति मानते हैं। उन्होंने कहा, 'पारंपरिक तौर पर तो हम कांग्रेस को वोट करते आए हैं। शीला दीक्षित के नेतृत्व में दिल्ली के लिए काफी काम भी हुआ है। हालांकि, अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली के लिए बहुत काम किया है अगर गठबंधन होता तो यह आदर्श स्थिति होती।' रज़ा के पड़ोसी अजय पांडेय कहते हैं कि वह आम आदमी पार्टी को ही वोट देंगे। पांडेय का कहना है, 'पिछले 4 सालों से दिल्ली में बिजली कटने की समस्या लगभग न के बराबर है। पानी और बिजली आपूर्ति में काफी सुधार हुआ है और बिजली-पानी के बिल भी काफी कम हुए हैं। इन सब काम के बाद भी हम आम आदमी पार्टी को वोट क्यों न करें? दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी इस तरह के विचार मतदाताओं के हैं। धर्मेंद्र सिंह चावला कहते हैं कि मैं देखूंगा कि किस उम्मीदवार के जीतने की संभावना अधिक है तो मैं उसे ही वोट दूंगा। दिलशाद गार्डेन (नॉर्थ ईस्ट दिल्ली) के शमित भंडारी बीजेपी के प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'बीजेपी ने सत्ता में आने से पहले कई वादे किए थे, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। मुझे नहीं लगता कि नोटबंदी कोई सोचा-समझा फैसला था क्योंकि आम आदमी को इस फैसले से को लाभ नहीं मिला। फिर भी मैं बीजेपी को वोट दे दूंगा क्योंकि फिलहाल पीएम के तौर पर नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं दिख रहा।'

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