दिल्ली पुलिस के ऑपरेशन लंगड़ा से मचेगी स्नैचरों में खलबली

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा' चालू है। सड़कों पर फर्राटा भरते स्नैचर लगभग हर दिन लड़खड़ाते कदमों से तिहाड़ जेल की सलाखों के पीछे पहुंच रहे हैं। एक दो नहीं, बल्कि पिछले एक महीने में दर्जनों लुटेरे, स्नैचर मुठभेड़ के बाद लंगड़े हो चुके हैं। दिल्ली पुलिस के डोजियर में अब इनकी पहचान हुलिया के साथ ही पैरों में गोली का निशान होगा। यह निशान जिंदगी भर के लिए कानूनी रेकॉर्ड में 'मोहर' का काम करेगा। गोली भी पैरों में ऐसी जगह लगी हैं, जिसके बाद ठीक से चलने फिरने लायक भी नहीं बचेंगे। जी हां, दिल्ली के लिए सिर दर्द बन चुके झपटमारी, लूट जैसे अपराध के खात्मे के लिए दिल्ली पुलिस का 'ऑपरेशन लंगड़ा' आने वाले दिनों में और भी तेजी पकड़ने वाला है। दरअसल, पुराने रिकॉर्ड वाले क्रिमिनल्स, गैंगस्टर्स, स्नेचर व लुटेरों को काबू करने के लिए एक खास रणनीती के तहत यह ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और स्पेशल स्टाफ अपनी अपनी इंटेलीजेंस पर ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। इस साल स्पेशल सेल ने दिल्ली की सड़कों पर सबसे ज्यादा बदमाशों को पकड़ने के लिए ट्रैप लगाए। लेकिन बदमाशों की तरफ से चलाई गई गोली के बाद जवाबी फायरिंग में पैरों में गोली लग रही है। पिछले हफ्ते से ऑपरेशन लंगड़ा में आई तेजी से न सिर्फ दिल्ली के स्नेचरों में खलबली मची है, बल्कि एनसीआर के बदमाश भी दिल्ली की सीमा में घुसने से कतरा रहे हैं। स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की उन अपराधियों पर भी पैनी नजर है, जो जेल से बाहर आने के बाद गैंग के साथ वारदातों को अंजाम देने सड़कों पर उतर रहे हैं। पुराने व नए क्रिमिनल्स की लिस्ट के आधार पर उनकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन में जुटी टीमों को मकसद किसी को जान से मारने का नहीं है। पहले से स्नैचिंग की वारदातें कम हुई हैं। पेशेवर स्नैचर या तो दिल्ली छोड़कर भाग चुके हैं, लंगड़े होकर सलाखों के पीछे हैं। फिर भी स्नैचिंग की जो वारदातें हो रही हैं, उनमें ज्यादातर नाबालिग हैं। इन्हें पेशेवर अपराधी नशा देकर सड़कों पर टारगेट को पूरा करने के लिए भेजते हैं। उनकी जमानत का भी इंतजाम कर रहे हैं। दिल्ली के डीसीपी (स्पेशल सेल) पीएस कुशवाह ने बताया, 'लूट और झपटमारी में शामिल बदमाश पुलिस के टारगेट पर हैं। पुलिसवालों पर फायरिंग करने वाले बदमाशों को काबू करने के लिए सेल्फ डिफेंस में जरूरी फोर्स का इस्तेमाल किया जाता है। लोकल पुलिस, क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल सभी अपराधियों की धर-पकड़ में जुटे हैं।' पिछले एक महीने में ऑपरेशन लंगड़ा का असर 25 सितंबर सुरजीत और प्रमोद नजफगढ़ रोड 30 सितंबर कुलदीप राठी द्वारका 1 अक्टूबर ताज मोहम्मद शाहदरा 3 अक्टूबर सद्दाम गौरी मेरठ 4 अक्टूबर नीरज घोघा रोहिणी 11 अक्टूबर अरुण निजामुद्दीन 14 अक्टूबर प्रथम और इमरान रोहिणी-राजघाट 15 अक्टूबर रवि वजीराबाद 16 अक्टूबर राजकुमार उर्फ रावण रोहिणी 17 अक्टूबर प्रिंस तेवतिया द्वारका 18 अक्टूबर इकबाल उर्फ गुड्डू मूल चंद मेट्रो स्टेशन 19 अक्टूबर रिजवान करोल बाग 20 अक्टूबर आकाश उर्फ अजय उर्फ सोनू रोहिणी

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