पंजाब में शराब के दाम बढ़ाने को लेकर बैठक में भिड़े मंत्री और अधिकारी

चंडीगढ़, 10 मई 2020,पंजाब में शराब की होम डिलिवरी और शराब के दाम बढ़ाने को लेकर बुलाई गई एक बैठक में मंत्री और अधिकारी आमने-सामने आ गए. सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट बैठक से पहले शनिवार सुबह 11 मंत्रियों और सीनियर आईएएस अधिकारियों को नई आबकारी नीति और शराब की बिक्री के मुद्दे पर आपस में मिलने और आम राय बनाने को कहा था. इसके बाद शनिवार दोपहर 2 बजे कैबिनेट की बैठक होनी थी. हालांकि इस बैठक में मंत्री और अधिकारी शराब के दाम बढ़ाने और शराब व्यापारियों को राहत देने के मुद्दे पर आपस में भिड़ गए. इस घटना के बाद शनिवार दोपहर 2 बजे होने वाली कैबिनेट बैठक को स्थगित कर दिया गया. अब कैबिनेट की बैठक सोमवार को बुलाई गई है. सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों और अधिकारियों की बैठक में कैबिनेट मंत्री मनप्रीत सिंह बादल व चरणजीत चन्नी की मुख्य सचिव करण अवतार के साथ शराब पॉलिसी को लेकर जमकर कहासुनी हुई. इसके बाद वित्तमंत्री मनप्रीत बादल मीटिंग को बीच में ही छोड़कर चले गए. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की एक सीनियर आबकारी अधिकारी से भी कहासुनी हुई, जिसके बाद रंधावा भी मीटिंग छोड़कर चले गए. इस तरह मीटिंग में कोई फैसला नहीं हो सका और शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक को सोमवार तक स्थगित करना पड़ा. कैसे आमने-सामने आए मंत्री और अधिकारी? सूत्रों के मुताबिक बैठक में सीनियर आईएएस अधिकारी ये चाह रहे थे कि साल 2020-21 के लिए आबकारी नीति इस तरह से बनाई जाए, ताकि सरकार के राजस्व में किसी तरह की कमी न आए और सरकार अपने तय राजस्व के टारगेट को पूरा करे. हालांकि मंत्रियों की दलील थी कि शराब के ठेकेदारों की हालत खस्ता है. पंजाब में ज्यादातर शराब का इस्तेमाल होटलों और शादियों में होता है, लेकिन होटल भी बंद हैं और किसी तरह के आयोजन और फंक्शन भी नहीं हो रहे हैं, इसी वजह से शराब के ठेकेदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. मंत्रियों का कहना था कि राज्य सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की परमिशन भी कुछ समय के लिए दी है. इसी वजह से ठेकेदारों को लाइसेंस फीस में थोड़ी राहत दी जाए. इस मीटिंग में ही कुछ मंत्रियों ने शराब की होम डिलिवरी पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि शराब की होम डिलिवरी सीधे तौर पर शराब तस्करी को बढ़ाने वाला कदम है. इस बैठक में कैबिनेट मंत्रियों और सीनियर आईएएस अधिकारियों के विचार अलग-अलग होने की वजह से कोई नतीजा नहीं निकल सका. उल्टे इस बैठक में मंत्रियों और सीनियर आईएएस अधिकारियों के बीच कहासुनी हो गई और बैठक के बीच में कैबिनेट मंत्रियों के चले जाने से लंच भी किसी ने नहीं किया.

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