कश्मीरियों पर हमले को लेकर भिड़े आतंकी संगठन, लश्कर की हिजबुल को धमकी- मान जाओ वरना होगा हमला

श्रीनगर अकसर कायरतापूर्ण हमले करने वाले आतंकी संगठन इन दिनों आपस में ही भिड़ गए हैं। कश्मीर घाटी में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन इन दिनों टकराव के मूड में हैं। दरअसल, लश्कर-ए-तैयबा ने एक नया संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) बनाया है। हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर अब्बास शेख ने हिजबुल का साथ छोड़कर टीआरएफ का दामन थाम लिया है। यही कारण है कि टीआएफ और लश्कर अब हिजबुल मुजाहिदीन के निशाने पर हैं। इस बारे में तहरीक-ए-पीपल्स पार्टी ने शुक्रवार को हाथ से लिखा एक पोस्टर जारी किया। इस पोस्टर में बताया गया कि उसके ऑपरेशनल कमांडर अब्बास शेख ने हिजबुल का साथ छोड़ दिया है। यह भी बताया गया कि अब्बास शेख हिजबुल की उस नीति के खिलाफ था, जो कश्मीरी पुलिसकर्मियों और और आम नागिरकों को मारने का समर्थन करती है। अंडरग्राउंड हो गया है अब्बास शेख खूफिया सूत्रों के मुताबिक, हिजबुल मुजाहिदीन छोड़ने के बाद अब्बास शेख पूरी तरह से अंडरग्राउंड हो गया है। टीआरएफ में शामिल होने के बाद वह हिजबुल और सुरक्षाबलों से छिपता फिर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अब्बास दावा करता है कि उसके साथ 12 ऐक्टिव सदस्य हैं और कई सारे ग्राउंड वर्कर्स भी हैं। अब्बास शेख के बारे में टीआरएफ ने भी बयान जारी किया है। इस्लामिक जिहादी लोगो और 'रेजिस्टेंट टिल विक्ट्री' वाली पंचलाइन के साथ एक लेटर हेड पर टीआरएफ ने कहा है, 'कुछ दिन पहले ही हमने हिजबुल मुजाहिदीन को चेतावनी दी थी कि वह कश्मीर पुलिसकर्मियों और नागरिकों को मारना बंद करे लेकिन उसने शोपियां से जम्मू-कश्मीर के एक पुलिसकर्मी का अपहरण कर लिया।' मान जाओ वरना चेतावनी नहीं सीधा ऐक्शन होगा' टीआरएफ ने आगे लिखा है, 'हिजबुल मुजाहिदीन को समझना चाहिए कि हमारी लड़ाई भारतीय सुरक्षाबलों और उसके कब्जे से है, कश्मीरियों से नहीं। कश्मीरी हमारे अपने हैं और हम बिना उनके समर्थन के सुरक्षाबलों के खिलाफ नहीं लड़ सकते हैं। हमने सोचा था कि हम साथ लड़ेंगे लेकिन यह हमारी सबसे बड़ी भूल थी।' बयान में टीआरएफ ने आगे कहा है, 'कमांडर अब्बास शेख भाई ने हिजबुल का साथ इसीलिए छोड़ा कि वह कश्मीरियों को मारने से सहमत नहीं हैं। अब वह हमारे साथ हैं और हम हर उस शख्स के खिलाफ लड़ेंगे,जो किसी भी कश्मीर को नुकसान पहुंचाएगा। यह हिजबुल को अंतिम चेतावनी है। हमें मजबूर मत करो कि हम सख्त ऐक्शन लें। इसके बाद कोई चेतावनी नहीं, सिर्फ ऐक्शन होगा।'

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