उत्तराखंड पुलिस सख्त, सामने नहीं आए तो जमात के लोगों पर होगा केस

देहरादून, 07 अप्रैल 2020, उत्तराखंड पुलिस दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों को लेकर सख्त हो गई है. पुलिस ने राज्य में छिपे लोगों को दो टूक कहा है कि वे या तो खुद ही पुलिस अथवा स्वास्थ्य विभाग की टीमों के हवाले कर दें, वरना पुलिस उनके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाएगी. उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि सामने नहीं आने पर ऐसे लोगों के खिलाफ सीधे-सीधे पहले हत्या की कोशिश (आईपीसी की धारा-307) और हत्या (आईपीसी की धारा-302) का मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा डीजीपी ने कहा कि पुलिस की किसी से कोई ज्यादती अथवा निजी दुश्मनी नहीं है. कोरोना के इस बुरे दौर में समाज जिन हालातों से गुजर रहा है? ऐसे हालातों में भी संदिग्ध लोग अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं. देश में तमाम तबलीगी यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी खुद को समाज के लोगों से अलग करने के बजाय छिपने की कोशिश कर रहे हैं, उनका यह कृत्य किसी जखन्य अपराध से कम नहीं है. डीजीपी ने कहा कि राज्य पुलिस का हर थाना चौकी संदिग्ध लोगों से बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि वे खुद को स्वास्थ्य विभाग या पुलिस टीमों के हवाले कर दें. ताकि वक्त रहते उन्हें क्वारनटीन किया जा सके और बाकी स्वस्थ लोगों को तो कोरोना पॉजिटिव होने से बचाया जा सके. इस बाबत, राज्य पुलिस महानिदेशालय ने 5 अप्रैल 2020 को एक आदेश जारी किया था. आदेश में जमात के कार्यक्रम से लौटे लोगों से कहा गया कि वे खुद को स्वास्थ्य विभाग या फिर पुलिस के हवाले कर दें ताकि उन्हें एहतियातन बाकी समाज के स्वस्थ्य लोगों से अलग करने के लिए क्वारनटीन कराया जा सके.

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