यूपी के कई जिलों में EVM पर विपक्ष का बवाल, चुनाव आयोग ने खारिज किए सारे सवाल

नई दिल्ली, 21 मई 2019,लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले एक बार फिर विपक्ष की ओर से ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. अभी तक कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनको आधार बना विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग पर हमलावर हैं. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चंदौली में हुई घटना पर अब EC ने सफाई जारी की है. आयोग ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि सभी EVM कड़ी सुरक्षा में हैं. चुनाव आयोग की तरफ से हर घटना पर अलग जवाब जारी किया गया है. यूपी के गाजीपुर में ईवीएम की गड़बड़ियों वाले आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा है, ‘वहां पर स्ट्रॉन्ग रूम को लेकर प्रत्याशियों के द्वारा जो सवाल खड़े किए गए थे, उन्हें सुलझा लिया गया है.’ आपको बता दें कि गाजीपुर में महागठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने ईवीएम बदलने का आरोप लगाया था और वह इसको लेकर धरने पर बैठ गए थे. गाजीपुर में मोदी सरकार में मंत्री मनोज सिन्हा BJP की तरफ से मैदान में हैं. चुनाव आयोग ने गाजीपुर के अलावा चंदौली, डुमरियागंज और झांसी की घटनाओं पर भी बयान जारी किया है. डुमरियागंज में जो आरोप लगे थे, उन मसलों को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (SP) ने मिलकर सुलझा लिया है. सभी मसलों को आधार बना चुनाव आयोग ने कहा है कि हर काउंटिंग सेंटर पर ईवीएम और VVPAT को राजनीतिक दलों के सामने वीडियोग्राफी कर सुरक्षित रखा गया है. जिस जगह पर ये सभी हैं, वहां पर सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था है. सुरक्षा में CPAF की तैनाती है, प्रत्याशियों को भी स्ट्रॉन्ग रूम में जाने की अनुमति दी गई है. ऐसे में किसी तरह का गलत आरोप लगाना निराधार है. आपको बता दें कि 19 मई को हुए आखिरी चरण के मतदान के बाद से ही विपक्ष ने ईवीएम की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में आज करीब 22 विपक्षी दल चुनाव आयोग से भी इस मसले पर ही मुलाकात कर सकते हैं. विपक्ष लगातार मांग करता रहा है कि वोटों की गिनती में वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान होना चाहिए.

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