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अमरिंदर vs सिद्धू: नवजोत कौर बोलीं- सभी 13 सीटें न मिलीं तो कैप्टन को इस्तीफा देना चाहिए

पटियाला/ अमृतसर पंजाब में रविवार को जब लोकसभा चुनाव के लिए वोट पड़ रहे थे उसी दौरान सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान से पार्टी के अंदर अंदरूनी घमासान खुलकर सामने आ गई। कैप्टन ने अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने और मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धू की महत्वाकांक्षा का जिक्र किया। तेज होती जुबानी जंग के बीच अब सिद्धू खेमे की तरफ से पलटवार किया गया है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा है कि अगर कांग्रेस राज्य की सभी सीटें नहीं जीत पाती है तो सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए। अमृतसर में वोट डालने के बाद नवजोत कौर से पूछा गया कि अगर कांग्रेस पंजाब की सभी 13 सीटें जीतने में नाकाम रहती है तो क्या अमरिंदर को इस्तीफा देना चाहिए। इस पर उन्होंने जवाब दिया, 'हां ऐसा होता है तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनकी सरकार बने तकरीबन दो साल हो रहे हैं...छह महीने बीतने के बाद हालात अलग थे। यह अच्छा है कि उन्होंने विधायकों और मंत्रियों की जिम्मेदारी तय कर दी है।' पटियाला में वोट डालने के बाद टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए सिद्धू के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए कैप्टन अमरिंदर ने उन पर हमला बोला था। सीएम अमरिंदर ने 17 मई को बठिंडा में सिद्धू द्वारा की गई उस टिप्पणी का जिक्र कर किया जिसमें वह राज्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरते हुए दिखाई दिए थे। सिद्धू ने सवाल किया था कि 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब बेअदबी और पुलिस गोलीबारी की घटनाओं के सिलसिले में बादल परिवार के जिम्मेदार सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नही दर्ज की गई। सिद्धू ने कथित रूप से अकाली दल और कांग्रेस के बीच फ्रेंडली मुकाबले की तरफ इशारा किया था। सिद्धू ने बठिंडा में कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा के समर्थन में प्रचार करते हुए कहा था कि अगर 2015 की बेअदबी की घटनाओं के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह इस्तीफा दे देंगे। अपने मंत्री पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने और गलत मौके पर बयानबाजी का आरोप लगाते हुए अमरिंदर ने कहा, 'अगर सिद्धू मुझे और मेरे पद को चुनौती देना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें इसे पार्टी हाईकमान के सामने उठाना चाहिए। सिद्धू महत्वाकांक्षी हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है। लोगों के अंदर महत्वाकांक्षाएं होती हैं। मैं उन्हें तब से जानता हूं जब वह बच्चे थे। व्यक्तिगत रूप से सिद्धू के साथ मेरा कोई मतभेद नहीं है। शायद वह मुझे हटाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। यही उनकी दिक्कत है।' अमरिंदर ने साथ ही कहा, 'मेरा मानना है कि सिद्धू ने गलत मौके पर यह बयान दिया। अगर वह (सिद्धू) एक असली कांग्रेसी होते तो उन्हें पंजाब में मतदान से ठीक पहले के बजाय अपनी शिकायतों को उजागर करने के लिए बेहतर समय चुनना चाहिए था। किसी भी तरह की कार्रवाई का फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा लेकिन एक पार्टी के तौर पर कांग्रेस अनुशासनहीनता को सहन नहीं करेगी।' इस बीच सिद्धू ने अमरिंदर के साथ चल रही खींचतान पर तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन उन्होंने पंजाब में प्रचार के दौरान अपनी गैरमौजूदगी को सही ठहराया। सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने जहां कहा वहां वह गए थे। सिद्धू ने बताया, 'उन्होंने (प्रियंका) मुझे गुरदासपुर, फिरोजपुर और बठिंडा में कांग्रेस का झंडा उठाने के निर्देश दिए थे।' कैप्टन द्वारा सिद्धू की आलोचना के बाद पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ नेता ब्रह्म मोहिंद्रा और सुखजिंदर रंधावा ने क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू पर कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया और उन पर कार्रवाई के लिए राहुल गांधी से दखल की मांग की। मोहिंद्रा ने कहा कि सिद्धू ने इतने अहम मौके पर बयान देकर हमें चौंका दिया। उधर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल और अकाली दल के नेताओं ने कांग्रेस और उनकी पार्टी के बीच फ्रेंडली मैच के सिद्धू के बयान को खारिज किया है।

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