पांच विधेयकों को राज्यसभा में रोकने के लिए संयुक्त रणनीति बना रहा विपक्ष

नई दिल्ली संसद के बजट सत्र में सरकार 10 विधेयक पारित करना चाहती है, दूसरी ओर विपक्ष इनमें से पांच पर आपत्ति जता रहा है। सरकार को लोकसभा में तो भारी बहुमत हासिल है, लेकिन राज्यसभा में जरूर कुछ अड़चन आ सकती है। पिछले कई वर्षों में यह पहला ऐसा सत्र है, जिसमें विपक्ष का व्यवधान न्यूनतम रहा है और यह सबसे अधिक उत्पादकता वाला सत्र होने जा रहा है। विपक्ष को मोटर वाहन, डीएनए, एनआईए, गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम विधेयक और मानवाधिकार सुरक्षा विधेयक पर एतराज है। विपक्ष इन विधेयकों पर चर्चा करने से पहले इन्हें संसदीय समिति द्वारा जांच किए जाने पर जोर दे रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक दंतहीन शेर के मानिंद है, जिसके पास इस कानून को तोड़ने वालों को सजा देने की ताकत नहीं है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि कई राज्यों में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के पद खाली पड़े हैं और सरकार उन्हें जानबूझकर भर नहीं रही है। चौधरी के मुताबिक, इस कानून के तहत केंद्र और राज्य मानवाधिकार आयोग में समयबद्ध तरह से नियुक्तियां होनी चाहिए। राज्यसभा में टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि इन चार विधेयकों के जरिए केंद्र राज्य सरकारों के कई अधिकार कम करना चाहता है। इसलिए सभी विपक्षी दल राज्यसभा में इन विधायकों का विरोध करने के लिए संयुक्त रणनीति बना रहे हैं।

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