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नीतीश सरकार ने पास किया टेस्ट

पटना: नीतीश कुमार सबके हैं! पटना में इस तरह के पोस्टर आपने जरूर देखा होगा। इतना ही नहीं, जेडीयू नेता भी कहते हैं नीतीश कुमार सबके हैं। मतलब साफ है कि नीतीश कुमार इधर ( BJP ) रहें या उधर ( RJD ), जेडीयू अध्यक्ष सबके साथ रहते हैं। कुछ इसी तरह का संकेत उन्होंने आज बिहार विधानसभा में दी। सदन में बोलते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि इधर वाला हमेशा आपका साथ देगा। मतलब साफ है कि भले ही नीतीश कुमार एनडीए के साथ आ गए हैं, लेकिन आरजेडी को छोड़े नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई समस्या होगी तो बताइयेगा, समाधान करेंगे। चिंता मत कीजिएगा, हम सबका ख्याल रखेंगे। नीतीश कुमार ने क्या कहा बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमने सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव रखा, जिसपर विभिन्न नेताओं ने अपनी राय रखी है। सीएम जैसे ही बोलना शुरू किए विपक्षी दल हंगामा करने लगे। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अगर नहीं सुनना चाहते हैं तो सीधे वोटिंग करा दिया जाए। हम सबकी बात सुने हैं। हमको 2005 से काम करने का मौका मिला। उससे पहले इनके पिताजी और माताजी को सरकार चलाने का मौका मिला। याद कीजिए कहीं कोई रोड था क्या? कोई शाम के बाद घर से निकल पाता था क्या? ये मुस्लिम की बात करते हैं, आए दिन हिंदू-मुस्लिम का विवाद होता था। हमने हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया। 2005 से पहले का इतिहास जानो, जो 15 साल में मुस्लिमों को न्याय नहीं मिला, हमने आने के बाद कार्रवाई की। कितना डेवलपमेंट हुआ है। नीतीश ने आगे कहा कि महिलाएं 11-12 बजे तक घूमती थी। कितनी महिलाएं पढ़ती थी। आज मैट्रिक तक लड़का-लड़की बराबर है। कितना काम हम लोगों ने किया है। हमने इनको मौका दो बार किया है। 2010 में हमने जो तय किया इन लोगों ने भी तय किया कि वही सब होगा। जब 2015 में साथ में आए तो 7 निश्चय की बात की, तो कोई इधर उधर नहीं किया। 7 निश्चय मेरा आइडिया था, जिसे आपने स्वीकार किया। पहले गड़बड़ नहीं किए, लेकिन कुछ दिन के बाद देखा कि ये लोग ठीक काम नहीं कर रहे हैं, तब हम लोग फिर से वापस इन लोगों का साथ दिया। उसके बाद फिर 2020 में जब हमने 7 निश्चय 2 तय किया तो इन लोगों ने पूरा का पूरा साथ दिया। जब आप लोग साथ में आए तो 7 निश्चय 2 का काम हो रहा था तो आप लोग इसका क्रेडिट ले रहे हैं। इधर-उधर करने लगे थे: नीतीश कुमार नीतीश ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर नियुक्तियां हो रही थी तो शिक्षा के मंत्री कौन थे। जो शिक्षा के बारे में पहले तय हो गया था। वही हो रहा था, तो जबरदस्ती शिक्षा ले लिए। एक बार कांग्रेस ने शिक्षा मंत्रालय लिया था, लेकिन इधर उधर नहीं किया। जब आप शिक्षा लिए तो हर बार गड़बड़ करते थे। हर बार हम रोक देते थे। इसलिए ये सब बात मत करिए। जब ये लोग साथ थे, तो हमने सबको एकजुट करने के लिए यहां मीटिंग भी किया। हम इनलोगों को कह रहे थे कि सभी छह पार्टियों हैं। हमने एक पार्टी को एक सीट देने की बात कही। बाकी उनको दो दीजिए। कांग्रेस को ये लोग दो सीट देना चाहते थे, लेकिन हमने कहा कि उनके 19 विधायक हैं इसलिए कांग्रेस को दो से ज्यादा मिलना चाहिए। उसके बाद बाकी की पार्टियों को 2 ही मिला। ये लोग बराबर आकर मुझसे कहते थे, लेकिन ये लोग देने नहीं दिए।

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