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प्रशांत किशोर से सवाल करने वाले जेडीयू प्रवक्ता का पद से इस्‍तीफा, ममता के करीब जा रहे नीतीश?

पटना जेडीयू नेता अजय आलोक ने पार्टी के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है और कहा है कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘शर्मिंदगी’ का कारण नहीं बनना चाहते। अजय आलोक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनके राजनीतिक गुरु नीतीश कुमार उनकी किस बात से ‘शर्मिंदा’ हो सकते हैं। इस बीच ऐसी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सरकार की अत्यधिक आलोचना करने को लेकर अजय आलोक से नाराज हैं। आलोक ने अपना इस्तीफा गुरुवार रात ट्विटर पर साझा किया जिसमें उन्होंने पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह को संबोधित किया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘मैं आपको पत्र लिखकर यह सूचित कर रहा हूं कि मैं पार्टी प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मैं पार्टी के लिए अच्छा काम नहीं कर रहा हूं। मैं यह अवसर देने के लिए आपका और पार्टी का धन्यवाद करता हूं लेकिन कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।’ 'नीतीश की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहता' जेडीयू नेता आलोक ने कहा, ‘मैंने जदयू के प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मेरा मानना है कि मैं अच्छा काम नहीं कर रहा हूं। मेरे विचार नि:संदेह मेरे हैं और ये पार्टी से मेल नहीं खाते। हमेशा मेरा समर्थन करने वाली मेरी पार्टी तथा मेरे अध्यक्ष का धन्यवाद। मैं नीतीश कुमार की शर्मिंदगी का कारण नहीं बनना चाहता। अपने एक ट्वीट में आलोक ने जेडीयू उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर की कंपनी के ममता बनर्जी के लिए चुनाव प्रचार की कमान संभालने पर सवाल उठाए थे। उन्‍होंने ट्वीट किया था, 'प्रशांत किशोर और ममता के बीच क्या बैठक हुई? क्यों हुई? क्या हुआ? हमें इसकी कोई जानकारी नहीं हैं ना ही पार्टी को इसके बारे में कुछ मालूम है। इस मामले पर प्रकाश स्वयं प्रशांत किशोर ही डाल सकते हैं। पार्टी का कोई लेना देना नहीं हैं।' लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद अजय आलोक ने ट्वीट किया था, 'अरे राहुल गांधी, तेजस्‍वी यादव, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी, सिर्फ एक चुनाव हारे हो जिंदगी नहीं। मंथन करिए कि मुस्लिम तुष्टीकरण का अब इस देश में कोई फायदा नहीं और जात खत्‍म और जमात शुरू। देश के विपरीत मत जाइए और सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाए खासकर अखिलेश।' ममता बनर्जी के खिलाफ हमलावर रुख बरकरार रखा इस्‍तीफा देने के बाद भी अजय आलोक ने ममता बनर्जी के खिलाफ अपना हमलावर रुख बरकरार रखा है। डॉक्‍टरों की हड़ताल पर उन्‍होंने ट्वीट किया, 'पश्चिम बंगाल में एक डॉक्‍टर को 200 रोहिंग्या पिटाई करते हैं तो ठीक लेकिन पश्चिम बंगाल के डॉक्‍टर इसके विरोध में स्ट्राइक करे और समर्थन में पूरे देश के डॉक्टर आ जाए तो ग़लत? ये क्या है? सारे दलों को सांप सूंघ गया। एक डॉक्‍टर हर्षवर्द्धन के अलावा सब मौन हैं क्यों ? एक डॉक्टर और नागरिक के नाते मेरा समर्थन हैं।' आलोक के प्रवक्‍ता पद से इस्‍तीफा देने के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बीच नजदीकी बढ़ रही है। इसके अलावा ममता के साथ जुड़ने के बाद भी पीके के खिलाफ नीतीश कुमार के कोई ऐक्‍शन नहीं लेने से दोनों नेताओं के बीच नजदीकी की अटकलों को और बढ़ावा मिल रहा है।

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