डॉक्‍टरों की हड़ताल का देशभर में बुरा असर, पश्चिम बंगाल में 18 डॉक्‍टरों ने दिया सामूहिक इस्‍तीफा

नई दिल्‍ली पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में दो जूनियर डॉक्‍टरों की बेरहमी से पिटाई के बाद देश के कई राज्‍यों में बड़ी संख्‍या में डॉक्‍टर हड़ताल पर चले गए हैं। डॉक्‍टरों की हड़ताल से मुंबई, कोलकाता, नागपुर, पटना, हैदराबाद, वाराणसी समेत कई शहरों में चिकित्‍सा सेवाओं पर बहुत बुरा असर पड़ा है। पश्चिम बंगाल में 18 डॉक्‍टरों ने सामूहिक इस्‍तीफा दे दिया है। इस्‍तीफा देने वाली डॉक्‍टरों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। हड़ताली डॉक्‍टर अस्‍पतालों में अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्‍टरों ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की भावुक अपील को भी ठुकरा दिया है। पश्चिम बंगाल के अस्‍पतालों में चिकित्‍सा सेवाएं ठप डॉक्‍टरों की हड़ताल के केंद्र पश्चिम बंगाल में आज चौथे दिन भी कई अस्‍पतालों में चिकित्‍सा सेवाएं ठप हैं। राज्‍य में कई डॉक्‍टरों के सामूहिक इस्‍तीफा देना शुरू कर दिया है। अब तक 18 डॉक्‍टरों के साम‍ूहिक इस्‍तीफे की पुष्टि हो गई है। इस्‍तीफा देने वाले डॉक्‍टरों ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में उनके लिए काम करना संभव नहीं है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टिमेटम को नहीं माना है। डॉक्टरों का कहना है मुख्यमंत्री ने जो कहा उन्हें उसकी उम्मीद नहीं थी और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों पर बरसते हुए विपक्षी बीजेपी और सीपीएम पर उन्हें भड़काने और मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया। डॉक्‍टरों की मांग है कि उन्‍हें उचित सुरक्षा मिले और सभी अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात हो। साथ ही एनआरएस अस्पताल में शनिवार को हुए हमले में शामिल अपराधियों को गैर जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया जाए। महाराष्ट्र महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने भी डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन दिया है। असोसिएशन की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'हम आज सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक ओपीडी, वॉर्ड और अकैडमिक सेवाओं को बंद कर रहे हैं। इमर्जेंसी सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।' एमएआरडी सेंट्रल की अध्यक्ष डॉ. कल्याणी डोंगरे का कहना है कि राज्य में करीब 4,500 रेजिडेंट डॉक्टरों का कामकाज ठप है। एमएआअरडी के अध्यक्ष प्रशांत चौधरी ने मीडिया को बताया, 'पश्चिम बंगाल में भीड़ ने अस्पताल में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर पर हमला कर दिया। जब इस तरह से निशाना बनाकर हमला किया जाता है तो यह कानून-व्यवस्था की समस्या बन जाती है। आज हम इस हमले के विरोध में मूक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।' उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के वाराणसी में इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बीएचयू के डॉक्टर भी ओपीडी में मरीजों को नहीं देख रहे हैं। इसकी वजह से पूर्वांचल के कई जिलों से आए मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। यहां के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने नारेबाजी की। इस दौरान वी वॉन्ट जस्टिस के नारे भी लगाए गए। राजस्थान पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में राजस्थान के डॉक्टर आगे आए हैं। हालांकि उन्होंने काम का बॉयकॉट नहीं किया है। राज्य की राजधानी जयपुर के जयपुरिया अस्पताल में प्रतीकात्मक विरोध करते हुए डॉक्टर काली पट्टी बांधकर मरीजों को देख रहे हैं। तेलंगाना तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित निजाम इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) के डॉक्टरों ने कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों से हिंसा के खिलाफ सड़क पर विरोध मार्च निकाला। कर्नाटक और केरल में भी डॉक्टरों का विरोध उधर, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी डॉक्‍टरों ने विरोध मार्च निकालकर कोलकाता में जूनियर डॉक्‍टरों के साथ मारपीट की निंदा की। केरल में भी इंडियन मेडिकल असोसिएशन के सदस्‍यों ने त्रिवेंद्रम में प्रदर्शन किया है। जयपुर में भी जयपुरिया हॉस्पिटल के डॉक्‍टरों ने विरोध स्‍वरूप हाथों में काली पट्टी बांधकर मरीजों की जांच की। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डॉक्‍टर भीमराव आंबेडकर अस्‍पताल के डॉक्‍टरों ने प्रदर्शन कर पीड़‍ित जूनियर डॉक्‍टरों को न्‍याय देने की मांग की।

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