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अरुणाचल प्रदेश में साउथ चाइना सी वाली 'चाल' चल रहा है चीन, जानकारों ने किया भारत को आगाह

पेइचिंग लद्दाख में भारत के हाथों बुरी तरह मात खाया चीन अब अरुणाचल प्रदेश में साउथ चाइना सी वाली चाल चल रहा है। दक्षिणी तिब्बत में भारतीय सीमा से सटे इलाकों में चीन तेजी से इंसानी बस्तियां बनाने में जुटा है। कुछ महीने पहले ऐसी कई तस्वीरें वायरल हुई थीं, जिसमें दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल में भारत की सीमा से सटे इलाके में कई गांवों को बसाया है। अब विश्लेषकों ने दावा किया है कि चीन साउथ चाइना सी में अपने दावे को मजबूत करने के लिए चली गई चाल को इस इलाके में आजमा रहा है। दक्षिण चीन सागर में भी चीन ने यही चाल चली थी Voa News ने नई दिल्ली के सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च रणनीतिक अध्ययन के प्रोफेसर ब्रह्मा चेलानी के हवाले से बताया कि चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में बसाए जा रहे गांव साउथ चाइना सी में बनाए गए कृत्रिम द्वीपों के बराबर हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दक्षिण चीन सागर में, चीन ने एक भी गोली चलाने के बिना भू-राजनीतिक मानचित्र को फिर से परिभाषित किया है। हाइब्रिड वॉरफेयर को बढ़ावा दे रहा चीन उन्होंने कहा कि पेइचिंग ने विस्तारवाद को सीधे तौर पर बल देकर नहीं बल्कि विषम और हाइब्रिड वॉरफेयर के जरिए आगे बढ़ाया है। दक्षिण चीन सागर में उस सफलता ने चीन को हिमालयी क्षेत्र में भी इस चाल को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन ने ये गांव भारत और तिब्बत के बीच के खाली इलाके में जबरन बनाया है। चीन के बसाए गांव भारत के लिए चिंता की बात चीन का बनाया गया नया गांव भारत के लिए बहुत बड़ी चिंता की बात है। क्योंकि, यह इलाका काफी संवेदनशील माना जाता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताते हुए मान्यता देने से इनकार करता है, वहीं भारत ने समय-समय पर दो टूक लहजे में चीन को यह बात साफ की है कि अरुणाचल प्रदेश हमारा अभिन्न हिस्सा है। पिछले साल ही चीन ने इस इलाके से कुछ भारतीयों को अगवा किया था, जिसे बाद में दबाव बनने पर उसे लौटाना पड़ा था। चीन ने बताया अपने इलाके में किया गया निर्माण भारत में मीडिया रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल बॉर्डर पर नए गांव बसाए हैं। चीन के विदेश मंत्रालय ने इसके निर्माण का बचाव करते हुए कहा कि अपने स्वयं के क्षेत्र पर सामान्य निर्माण पूरी तरह से संप्रभुता का मामला है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा था कि हमने कभी भी तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुली चीन की पोल रिपोर्ट में प्लैनेट लैब्स की 17 फरवरी, 2020 तस्वीरों के आधार पर बताया गया है कि उस समय इस क्षेत्र में केवल एक ही गांव बसाया गया था। जिसमें 20 के आसपास लाल छतों वाले घर दिखाई देते हैं। 28 नवंबर, 2020 की दूसरी तस्वीर में 50 से अधिक घरों के साथ-साथ तीन नए एन्क्लेव भी दिखाई दे रहे हैं, जो एक दूसरे से एक किलोमीटर की दूरी पर बने हुए हैं। इनकों जोड़ने के लिए सभी मौसम में खुली रहने वाली सड़क का भी निर्माण किया गया है। भूटान की जमीन पर भी चीन ने बसाया है गांव इससे एक सप्ताह पहले आईं सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ था कि चीन ने भूटान की जमीन पर भी दो गांवों को बसाया है। भूटान के जिस क्षेत्र में चीन ने अपनी नई बस्तियां बसाई है वह 2017 के डोकलाम फेसऑफ की जगह से केवल 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। चीन ने भूटान की अमो चू नदी के साथ लगने वाली जमीन पर यह निर्माण किया हुआ है।

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