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म्‍यांमार की सीमा पर 2000 क‍िमी लंबी 'महान दीवार' बना रहा चीन, दहशत में स्‍थानीय लोग

नैप्यीडॉ चीन की प्राचीन 'महान दीवार' दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित करती है लेकिन अब ड्रैगन ने कंटीले तारों की मदद से म्‍यांमार की सीमा पर एक और 'महान दीवार' का निर्माण शुरू किया है। करीब 2000 किलोमीटर लंबी इस दीवार के निर्माण से म्‍यांमार के लोग दहशत में हैं। यही नहीं चीन कुछ जगहों पर म्‍यांमार की सीमा के बेहद करीब ही इस 'दीवार' का निर्माण कर रहा है जिसका म्‍यांमार की सेना ने विरोध भी किया है। आइए जानते हैं क्‍या है चीन की इस नई 'महान दीवार' का असल मकसद... रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक म्‍यांमार से लगती चीन की सीमा पर करीब 2000 किमी लंबी यह दीवार बनाई जा रही है। चीनी मीडिया का दावा है कि इस दीवार को बनाने का मकसद देश के अंदर म्‍यांमार से अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाना है। सोशल मीडिया पर चीन के दक्षिणी-पश्चिमी यून्‍नान प्रांत में 6 से 9 मीटर ऊंची कंटीले तारों से इस दीवार को बनाए जाने का काम शुरू हो गया है। उधर, रेडियो फ्री एशिया का कहना है कि चीन की इस नई महान दीवार का असल मकसद असंतुष्‍टों को चीन से फरार होने से रोकना है। म्‍यांमार ने किया विरोध, चीन ने किया अनसुना इससे पहले चीन ने म्‍यामांर के शान राज्‍य से सटी सीमा पर कटीले तार लगाना शुरू किया था जिसका म्‍यामांर की सेना ने विरोध किया था। म्‍यामांर की सेना ने चीनी अधिकारियों को एक पत्र लिखकर तार लगाने का जोरदार विरोध किया था। म्‍यामांर के अखबार इर्रावडी की खबर के मुताबिक देश की सेना के प्रवक्‍ता मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा कि चीन ने पोस्‍ट संख्‍या BP-125 के पास रविवार को बाड़ लगाने का काम शुरू किया। मेजर तुन ने कहा, 'स्‍थानीय बटैलियन ने चीनी पक्ष को आपत्ति पत्र भेजा है। हमने वर्ष 1961 में हुई सीमा संधि के आधार पर यह आपत्ति जताई है।' इस संधि के प्रावधानों में कहा गया है कि सीमांकन के 10 मीटर के अंदर किसी भी ढांचे का निर्माण नहीं हो सकता है। चीन ने दावा किया था कि अवैध रूप से लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए वह बाड़ का निर्माण करा रहा है। उसने म्‍यांमार के विरोध को अनसुना कर दिया है। असंतुष्‍टों को कुचलने के लिए चीन बना रहा दक्षिणी महान दीवार रेडियो फ्री एशिया ने कहा कि 'दक्षिणी महान दीवार' के कोड नेम से इस पूरी परियोजना को चलाया जा रहा है। इस परियोजना का पहला चरण पूरा हो गया है और 650 किमी के इलाके में बाड़ लगाने का काम पूरा हो गया है। चीन की योजना है कि साल 2022 तक म्‍यांमार से लगती 2000 किमी सीमा पर इस हाईटेक दीवार को बनाने का काम पूरा कर लिया जाय। इस बाड़ में बिजली का करंट दौड़ता रहता है और इंफ्रारेड सेंसर के साथ शक्तिशाली कैमरे लगाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दीवार को बनाने की योजना एक झटके में नहीं बनाई गई है। इसके पीछे पूरी प्‍लानिंग छिपी हुई है। इस बाड़ के बन जाने के बाद चीनी असंतुष्‍ट आसानी से म्‍यांमार या वियतनाम नहीं जा पाएंगे। उन्‍होंने कहा कि चीन नहीं चाहता है कि उसके विरोधी देश छोड़कर इन देशों में छिप जाएं। एक विशेषज्ञ वांग ने कहा कि जब से शी जिनपिंग चीन में सत्‍ता में आए हैं, उन्‍होंने असंतुष्‍टों को न केवल देश से जाने से रोका है, बल्कि विदेशों में चीनी नागरिकों का अपहरण भी किया गया।

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